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Adultery ननदोई के लंड से चुदी मेरी चूत
#7
मेरी कमीज़ छाती से काफी कसी हुई
रहती है क्यूंकि मुझे अपने मम्मे दिखाने का शुरु से शौक था।जब बाथरूम से
निकली थी तो सामने ननदोई जी को देख में इतना हैरान
नहीं थी, फिर भी शर्माने का नाटक किया- आप यहाँ?
अपनी चुनरी पकड़ने लगी।मेरे से पहले उन्होंने पकड़
ली, बोले- इसके बिना ज्यादा खूबसूरत दिखती हो !
मेरे गाल लाल होने लगे- प्लीज़ दे दो ना !“क्या हुआ? नई भाभी,
सुबह तो आपकी नज़रों में कुछ था? लगता है कि हमारे साले साब पसंद
नहीं आये या फिर वो कुछ??” कहते कहते रुक गए, मेरे करीब
आये बोले- लाओ मैं अपने हाथों से चुनरी औढ़ा देता हूँ।”वो मेरे बेहद
करीब थे, चुनरी तो दे दी, उसको गले से लगा दिया ताकि
मेरी छाती के दीदार उनको होते रहें।“मंगलसूत्र कितना
प्यारा लग रहा है !” उसको छूने के बहाने मेरे चीर को उंगली से
सहला दिया।मेरा बदन कांप सा गया, सिहर सी उठी।“क्या हुआ
भाभी?” उंगली मेरी कमीज़ के गले पर अटका
कर खींचा, अन्दर झांकते हुए बोले- वाह क्या खूबसूरत वादियाँ हैं?”प्यार से मेरे
मम्मे को सहलाया।
वाह कितना कसाव है आपकी छाती में
“प्लीज़ छोड़ दीजिये, कोई देख लेगा, आते बदनाम हो
जाऊँगी !”
“यहाँ कौन है भाभी? ससुर जी तो उलटे हो गए पी
पी कर ! देखो, दरवाज़ा मैंने बंद किया हुआ है ! क्या देख रही
थी आप सुबह?”मेरी कमर में बाजू डालते हुए अपनी
तरफ सरकाया मेरी छाती उनके चौड़े सीने से दबने
लगी। “वाह कितना कसाव है आपकी छाती में, मेरी
बीवी तो खस्ता हो गई है।”मैं उनके सीने पर नाज़ुक
उँगलियाँ फेरती हुई बोली- क्या खस्ता हो गया उनमें?“सब कुछ !
बिखर गई है !” मेरे होंठ चूमते हुए बोले- रात कैसी निकली
भाभी? सही सही बताना !“इनको प्यार करना
नहीं आता, औरत की फीलिंग नहीं
भांपनी आती, खुद सो गए, मैं पूरी रात झल्लाती
रही हूँ।”मुझे घुमा लिया, पीछे से मुझे बाँहों में कस लिया
कमीज़ को उठाया और अपना हाथ मेरे सपाट चिकने पेट पर फेरने लगे। मेरे
जिस्म में आग लगने लगी | पीछे से मेरी उभरी हुई गांड पर दबाव डाला
मुझे इनका लौड़ा खड़ा महसूस हुआ, मैंने भी चूतड पीछे
की तरफ धकेले- हाय, एक आप हैं, देखो प्यार करने का अंदाज़ ! आपने अपने
हाथों के जादू से मुझे खींच लिया है, वैसे आप बहुत ज़बरदस्त मर्द दिखते
हैं।”“असली मर्दानगी तो अभी दिखानी है।”
मेरी गर्दन को चूमने लगे।यह औरत को गर्म करने की सबसे
सही जगह है। एक हाथ पेट पर था, होंठ गर्दन पर !“असली
मर्दानगी तो अभी दिखानी है।” मेरी गर्दन को
चूमने लगे।यह औरत को गर्म करने की सबसे सही जगह है।
एक हाथ पेट पर था, होंठ गर्दन पर !मेरी आंखें चढ़ने लगी
थी, कब मेरा नाड़ा खोल दिया, पता नहीं चला। सलवार जब
गिरी तब मुझे काफी शर्म आई।“वाह कितने कोमल चूतड़ हैं
आपके !“यह क्या किया? आपने मेरी सलवार खोल दी?”“सब कुछ
खोलना है भाभी !”“नहीं ननदोई जी, यह जगह
सही नहीं है, दोनों की इज्ज़त उड़ जायेगी। बात
को समझो, नई नई दुल्हन हूँ, कोई भी देखने आ सकता है।”“चल एक बार
लौड़ा चूस दे थोड़ा ! फिर मैं चला जाता हूँ, रात तक इंतजाम हो जाएगा।” वो बैड के किनारे बैठ
गए।मैंने अपने सारे कपड़े पहन लिए, उनकी जिप खोल ली, उनका
लौड़ा देख मेरा मुँह खुला रह गया !इतना बड़ा था उनका कि !!
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RE: ननदोई के लंड से चुदी मेरी चूत - by gunj6691 - 24-10-2019, 12:09 PM



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