23-10-2019, 10:56 PM
(22-10-2019, 06:33 PM)Black Horse Wrote: छुटकी बची थी पर उस का प्रोग्राम तो शाम का था ,
और वैसे भी उस के जीजू अपने जीजू को उसके कोरे पिछवाड़े का प्रॉमिस कर के आये थे , इस लिए इस का कोरा पिछवाड़ा तो अब मेरे ससुराल में ही,…)
सही कहा आपने,
प्रोमिस- प्रोमिस होता है, वो भी जीजू से किया गया, निभाना तो पड़ेगा, वरना कहीं उसकी जगह, जीजा के साले का नम्बर ना लग जाए।
एकदम सही कहा आपने प्रॉमिस निभाना पड़ता है , इसलिए छोटी का पिछवाड़ा कोरा कुंवारा ही रहेगा , जबतक वो अपने दीदी की ससुराल नहीं पहुंचेगी , ,,,
कहते हैं न दाने दाने पर लिखा है , ...
बस वही बात यहां पर भी लागू होती है , .. छुटकी के पिछवाड़े पर तो मेरे नन्दोई का नाम लिख ही दिया गया है , इसलिए वो बात साजन के ससुराल ने नहीं , छुटकी के दीदी के ससुराल में