22-10-2019, 05:23 PM
(22-10-2019, 12:15 PM)Black Horse Wrote: अपनी पुरानी कहानी को नये अंदाज में पेश करने की कोशिश की मैं सराहना करता हूं। परन्तु मुझे लगता है कि पहले की कहानी ज्यादा अच्छी थी।
इस कहानी को सिर्फ sexual erotica ना बना कर sexual thriller बनायें। पहले की तरह।
पुरानी कहानी के continuation का इंतजार अब तक है
जोरू का गुलाम कहानी में मैंने कुछ भी परिवर्तन नहीं किया है , न जोड़ा , न घटाया। आप जौनपुर जी द्वारा पोस्ट पीडीफ से मिला कर देख सकते हैं।
असल में मैंने एक मात्र एरोटिक थ्रिलर लिखा था , फागुन के दिन चार।
यह कहानी मेरी पहले लिखी एक अंग्रेजी कहानी पर आधारित थी , जिसका मूल स्वर , लाइट फेम डॉम था , पर हिंदी संस्करण में फेम डाम के स्वर कुछ मंद पड़ गए थे और उस विषय पर मैंने कई बार चर्चा भी की थी , पर अफ़सोस उस फोरम के समाप्त होने के साथ वो सब टिप्पणियां भी ख़तम हो गयीं।
हाँ , पिछले फोरम में आखिर एक महीने में मैंने पोस्ट्स में आर्थिक मुद्दे ( एक्विजशन , मर्जर , टेकओवर ऐसी बाते ) डाली थी , जब मुझे पता लगा की मुझे कहानी बहुत जल्दी ख़त्म करनी है और अगर एक हफ्ते भी समय मिलता तो एक तार्किक अंत के साथ कहानी मैं समाप्त कर देती ,शायद उन्ही प्रसंगों का स्मरण आपको थ्रिलर के रूप की याद दिला रहा हो , लेकिन वो कुल १५-२० पेज ही थे।
हाँ लेकिन पोस्ट करने , कॉपी पेस्ट के साथ चित्र भी ढूंढने पड़ते हैं , और एडिट भी करना पड़ता है , उन चित्रों को , ... बस चित्रों के अलावा मूल कहानी में कोई भी परिवर्तन नहीं है।
मैंने मजा लूटा होली में भी काफी दिनों बाद अपडेट दे दिया है।