21-10-2019, 05:15 PM
(This post was last modified: 21-10-2019, 05:19 PM by Rockstar_Rocky. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
update 19
ऊपर आ कर जैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया की ऋतू ने मुझे पीछे से कस कर अपनी बाहों में भर लिया| "हम्म्म्म....आप के बिना इतना दिन मैं अधूरी हो गई थी|" ऋतू ने मेरी पीठ पर कमीज के ऊपर से kiss करते हुए कहा| मैं उसकी तरफ घुमा और उसे गोद में उठा कर पलंग पर लिटाया और जूते उतार के मैं भी उसकी बगल में पाँव ऊपर कर के लेट गया| उसने मेरे बाएं हाथ को अपना तकिया बनाया और मुझसे मुंबई के बारे में सब पूछने लगी| मैंने पहले तो उसे मेरे कॉर्पोरेट वर्ल्ड का एक्सपीरियंस बताया जिसे सुन कर वो दंग रह गई| मेरे बिज़नेस सूट वाली बात पर वो भी मायूस हुई और कहने लगी की जब उसे पहली सैलरी मिलेगी तो वो मुझे ये सूट दिलाएगी| ये सुन कर मुझे उस पर बहुत प्यार आने लगा| वहाँ खींची तसवीरें देख ऋतू का मन वहाँ जाने का कर रहा था और वो कहने लगी की शादी के बाद जब हमारी लाइफ सेटल हो जाएगी तो वो मुंबई मेरे साथ जर्रूर जाएगी| इसी तरह से हम दोनों बातें करते रहे और फिर मैंने सोचा की उसे सच-सच बता दूँ जो भी कुछ हुआ, क्योंकि मैं उससे कुछ भी नहीं छुपाना चाहता था| तो मैंने उसे शुरू से लेकर आखिर तक सारी बात बता दी और ये सब सुनते ही वो छिटक कर मुझसे दूर कड़ी हो गई|
ऋतू: तो इसलिए गए थे ना आप उस मैडम के साथ? (उसने गुस्से में कहा)
मैं: यार मैंने क्या किया? बॉस ने लास्ट मोमेंट पर बोला की उनकी जगह Mam जाएँगी तो मैं क्या करता?
ऋतू: उसकी हिम्मत कैसे हुई आपको छूने की?
मैं: यार कुछ गलत इंटेंशन नहीं था उनका| वो बस....
ऋतू: (मेरी बात काटते हुए) आपको कैसे पता की इंटेंशन सही थी या गलत? और आपक ने उसे खुद को छूने कैसे दिया? (ऋतू ने चीखते हुए कहा|)
मैं: ऋतू बात को समझने की कोशिश कर! वो दोनों लड़के उन्हें घूर-घूर के देख रहे थे! She was scared! वो मुझे trust करती थीं इसलिए उन्होंने सिर्फ मेरी गोद में सर रखा| मैंने उन्हें जरा भी नहीं छुआ?
ऋतू: ये देखने के लिए मैं तो नहीं थी ना? एक होटल में दोनों पति-पत्नी के नाम से रहे रहे थे! आपने उसे जरा भी नहीं कहा की mam आप ये गलत कर रहे हो?
मैं: रात के तीन बज रहे थे, कहीं भी कमरा नहीं मिल रहा था! हर कोई गलत ही सोच रहा था तो ऐसे में उन्हें मजबूरन झूठ लिखना पड़ा| मेरा विश्वास कर उस रात मैं सोफे पर सोया था और वो पलंग पर! हमारे बीच कुछ भी नहीं हुआ था| एक पल भी मेरे मन में कोई गलत विचार नहीं आया! उन्होंने तो मुझे दारु भी ऑफर की पर मैंने सिर्फ इसलिए मना कर दिया क्योंकि मैंने तुमसे वादा किया था|, इतना प्यार करता हूँ तुम से!
ऋतू: मैं कैसे मान लूँ? एक कमरे में एक आदमी और एक औरत हैं और फिर भी उन दोनों के बीच कुछ नहीं हुआ! ये सतयुग है क्या?
मैं: .....
ऋतू: (मेरे कुछ कहने से पहले ही ऋतू बोल पड़ी|) आपको कैसा लगता अगर ये सब मेरे साथ हुआ होता? क्या आप मेरी बात पर भरोसा करते?
मैं: (उसकी आँखों में देखते हुए) हाँ ... मैं तुम्हारी बात का विश्वास करता क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ, तुम पर आँख मूँद कर विश्वास करता हूँ|
ऋतू: Well मैं आप पर विश्वास नहीं कर सकती! उस जैसी बाला की खूबसूरत औरत के साथ आप रहे और फिर भी उसे छुआ तक नहीं|
ये सुन कर मेरा दिल बहुत दुख की वो मुझ पर जरा भी भरोसा नहीं करती| पर मैंने जैसे-तैसे खुद को संभाला|
ऋतू: जब मैंने उसे वीडियो कॉल पर देखा था तभी से मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था! मुझे पता था वो आपको मुझसे छीन लेगी| (ये बोलते हुए रोने लगी| मैंने उसके आँसूँ पोछने चाहे तो उसने मेरा हाथ झिटिक दिया|)
मैं: जान मेरी बात को समझो! प्लीज ... प्लीज मेरा विश्वास करो! (मैंने उसके आगे हाथ जोड़े पर उसका उसक पर कोई असर नहीं पड़ा|)
ऋतू: आप एक बात का जवाब दो, जब आपके बॉस ने कहा की मेरी जगह आप मेरी बीवी के साथ चले जाओ तो आप मना नहीं कर सकते थे?
मैं: यार वो बॉस है मेरा, उसका कहा मानने के पैसे मिलते हैं मुझे|
ऋतू: कल को वो कहेगा की उसकी बीवी के साथ सो जाओ तो आप सो जाओगे?
ये सुन कर मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने ऋतू पर हाथ छोड़ दिया|
मैं: बस! अब बहुत हो गया, इतनी देर से मैं मिन्नतें कर रहा हूँ और तुम्हें उस पर विश्वास ही नहीं हो रहा है| मैं चूतिया था जो मैंने तुम्हें सब कुछ बता दिया, ये विश्वास कर के की तुम्हें सच पता होना चाहिए| पर नहीं तुम्हें तो बेकार का बखेड़ा खड़ा करना है?
ऋतू रोने लगी और रोते हुए बोली; "आपके मन में उस के लिए प्यार है, उसकी इज्जत प्यारी है आपको? मेरी कोई वैल्यू नहीं?" इतना कह कर वो रोती हुई चली गई, मैं भी उसके पीछे-पीछे भागा और उसे आवाज दे कर रोकना चाहा पर वो नहीं रुकी और ऑटो कर के चली गई| मुझे उसकी चिंता हुई तो मैंने जल्दी से ऑटो का नंबर नोट किया और घर वापस आ गया| मैं जमीन पर बैठा सोचता रहा की अभी जो कुछ हुआ उसमें मेरी गलती थी क्या? ऋतू को सच बताना गलती थी? या उस दिन मौके का फायदा नहीं उठाना गलती थी? या फिर मैंने ऋतू पर हाथ उठाया, वो गलत था? पर मैंने हाथ इसलिए उठाया क्योंकि अनु मैडम के चरित्र पर ऊँगली उठा रही थी! दिमाग में जैसे उधेड़-बुन शुरू हो गई थी, दिमाग कहता था की तुझे ऋतू को बताने की जर्रूरत नहीं थी| पर दिल कह रहा था की तूने इसलिए बताया क्योंकि आगे चल कर हमारे रिश्ते में कोई गाँठ ना पड़ जाए| ये ऋतू का बचपना है, कुछ देर में शांत हो जायेगा| पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, मैं उसे कॉल करता रहा पर उसने फ़ोन बंद कर दिया| मैंने उसके कॉलेज के चक्कर लगाना शुरू कर दिया पर अब उसने मुझे वहाँ भी इग्नोर करना शुरू कर दिया| एक दिन मैं उसके हॉस्टल भी गया उससे मिलने पर वहाँ भी उसने मुझसे कोई बात नहीं की, बस हाँ-ना में जवाब देती रही| अब चूँकि वहाँ आंटी जी थीं तो मैं ज्यादा कुछ कह भी नहीं पाया| वो भी उठ कर चली गई ये बहाना कर के उसे असाइनमेंट पूरा करना है| पूरे दो हफ्ते तक ऋतू इसी तरह करती रही, फोन बंद रखती और मैं यहाँ उसे रोज फ़ोन करता इस आस में की शायद अब वो फ़ोन उठा ले! इधर ऑफिस में मैडम अब मुझसे हँसते हुए बात करने लगी थीं, पर सिर्फ तब जब सर नहीं होते थे| मैं उनके सामने बीएस उसी तरह जवाब देता जैसे पहले देता था उससे ज्यादा मैंने कुछ रियेक्ट नहीं किया| जब की मेरे मन का दुःख सिर्फ मैं ही जानता था|
एक दिन मैं ऑफिस मीटिंग में था की तभी कुछ हुआ| ऋतू मेरे ऑफिस आई और उसने जानबूझ कर अनु मैडम से बात शुरू की;
ऋतू: हेल्लो mam!
अनु मैडम: Hi ... सॉरी मैंने आपको पहचाना नहीं!
ऋतू: Actually mam मुझे ये डायरी ट्रैन में मिली| किसी Mr. Manu की डायरी है| इसमें यहाँ का एड्रेस लिखा था तो मैं एड्रेस ढूंढते हुए यहाँ आ गई| (ये एड्रेस उसने खुद ही लिखा था|)
अनु मैडम: ओह! हाँ... ये तो मानु की ही डायरी है| Thank you so much!
ऋतू: Is he your husband?
अनु मैडम: Oh no no no… he works here, he’s in a meeting right now.
ऋतू: I’m really sorry… I didn’t mean to….. sorry!
अनु मैडम: Its okay!
तभी सर ने मैडम को बात करते हुए देख लिए और अंदर बुलाया; "That’s my husband! I…I’m sorry I’ve to go. Why don’t you wait here and we can have a cup of coffee.”
“Oh no..no.. mam I’ve to leave… I’ve to rush back to my hostel.”
“Then please gimme your number, I’ll call you and then we can have a a cup of coffee, my treat!!” और ऋतू ने उन्हें अपना नंबर दिया और मैडम ने उन्हें अपना फ़ोन नंबर दिया| इधर सर हमें नए AS (Accounting Standard) पर ज्ञान दे (चोद) रहे थे| मैडम अंदर आईं और उन्होंने मेरी तरफ डायरी बढ़ा दी| ये वही डायरी थी जो मैंने ऋतू को दी थी! उसे देखते ही मेरे चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी और मैं बाहर जाने को बेचैन हो गया| "Excuse me sir" इतना कह कर मैं बाहर भागा पर वहाँ कोई भी नहीं था| मैं सोचने लगा की अभी हुआ क्या? ये डायरी मैडम तक कैसे पहुँची? अभी मैं ये सोच ही रहा था की मैडम ने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा और मेरी उधेड़-बुन समझते हुए उन्होंने मुझे सारी बात बताई|
मैडम की बात सुन कर मुझे बहुत गुस्सा आया की ऋतू यहाँ तक आई सिर्फ डायरी वापस करने! अपना गुस्सा मैं काम पर उतारने लगा और देर रात तक ऑफिस में बैठा रहा| कई बार फ़ोन मिलाया पर ऋतू का फ़ोन बंद ही था| तब मुझे लगा की ऋतू ने मेरा नम्बर ब्लॉक तो नहीं कर दिया, इसलिए मैंने ऑफिस के लैंडलाइन से फ़ोन किया तो इस बार घंटी गई| 5-7 घंटी के बाद उसने फ़ोन उठा लिया; "तो मेरा नंबर ब्लॉक कर रखा था ना?" ये सुन कर वो कुछ नहीं बोली| फिर मन नहीं किया की आगे उसे कुछ कहूं, इसलिए मैंने फ़ोन रख दिया और अपना बैग उठा के चल दिया| घर आया और बिना कुछ खाय-पीये ही सो गया|
ऊपर आ कर जैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया की ऋतू ने मुझे पीछे से कस कर अपनी बाहों में भर लिया| "हम्म्म्म....आप के बिना इतना दिन मैं अधूरी हो गई थी|" ऋतू ने मेरी पीठ पर कमीज के ऊपर से kiss करते हुए कहा| मैं उसकी तरफ घुमा और उसे गोद में उठा कर पलंग पर लिटाया और जूते उतार के मैं भी उसकी बगल में पाँव ऊपर कर के लेट गया| उसने मेरे बाएं हाथ को अपना तकिया बनाया और मुझसे मुंबई के बारे में सब पूछने लगी| मैंने पहले तो उसे मेरे कॉर्पोरेट वर्ल्ड का एक्सपीरियंस बताया जिसे सुन कर वो दंग रह गई| मेरे बिज़नेस सूट वाली बात पर वो भी मायूस हुई और कहने लगी की जब उसे पहली सैलरी मिलेगी तो वो मुझे ये सूट दिलाएगी| ये सुन कर मुझे उस पर बहुत प्यार आने लगा| वहाँ खींची तसवीरें देख ऋतू का मन वहाँ जाने का कर रहा था और वो कहने लगी की शादी के बाद जब हमारी लाइफ सेटल हो जाएगी तो वो मुंबई मेरे साथ जर्रूर जाएगी| इसी तरह से हम दोनों बातें करते रहे और फिर मैंने सोचा की उसे सच-सच बता दूँ जो भी कुछ हुआ, क्योंकि मैं उससे कुछ भी नहीं छुपाना चाहता था| तो मैंने उसे शुरू से लेकर आखिर तक सारी बात बता दी और ये सब सुनते ही वो छिटक कर मुझसे दूर कड़ी हो गई|
ऋतू: तो इसलिए गए थे ना आप उस मैडम के साथ? (उसने गुस्से में कहा)
मैं: यार मैंने क्या किया? बॉस ने लास्ट मोमेंट पर बोला की उनकी जगह Mam जाएँगी तो मैं क्या करता?
ऋतू: उसकी हिम्मत कैसे हुई आपको छूने की?
मैं: यार कुछ गलत इंटेंशन नहीं था उनका| वो बस....
ऋतू: (मेरी बात काटते हुए) आपको कैसे पता की इंटेंशन सही थी या गलत? और आपक ने उसे खुद को छूने कैसे दिया? (ऋतू ने चीखते हुए कहा|)
मैं: ऋतू बात को समझने की कोशिश कर! वो दोनों लड़के उन्हें घूर-घूर के देख रहे थे! She was scared! वो मुझे trust करती थीं इसलिए उन्होंने सिर्फ मेरी गोद में सर रखा| मैंने उन्हें जरा भी नहीं छुआ?
ऋतू: ये देखने के लिए मैं तो नहीं थी ना? एक होटल में दोनों पति-पत्नी के नाम से रहे रहे थे! आपने उसे जरा भी नहीं कहा की mam आप ये गलत कर रहे हो?
मैं: रात के तीन बज रहे थे, कहीं भी कमरा नहीं मिल रहा था! हर कोई गलत ही सोच रहा था तो ऐसे में उन्हें मजबूरन झूठ लिखना पड़ा| मेरा विश्वास कर उस रात मैं सोफे पर सोया था और वो पलंग पर! हमारे बीच कुछ भी नहीं हुआ था| एक पल भी मेरे मन में कोई गलत विचार नहीं आया! उन्होंने तो मुझे दारु भी ऑफर की पर मैंने सिर्फ इसलिए मना कर दिया क्योंकि मैंने तुमसे वादा किया था|, इतना प्यार करता हूँ तुम से!
ऋतू: मैं कैसे मान लूँ? एक कमरे में एक आदमी और एक औरत हैं और फिर भी उन दोनों के बीच कुछ नहीं हुआ! ये सतयुग है क्या?
मैं: .....
ऋतू: (मेरे कुछ कहने से पहले ही ऋतू बोल पड़ी|) आपको कैसा लगता अगर ये सब मेरे साथ हुआ होता? क्या आप मेरी बात पर भरोसा करते?
मैं: (उसकी आँखों में देखते हुए) हाँ ... मैं तुम्हारी बात का विश्वास करता क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ, तुम पर आँख मूँद कर विश्वास करता हूँ|
ऋतू: Well मैं आप पर विश्वास नहीं कर सकती! उस जैसी बाला की खूबसूरत औरत के साथ आप रहे और फिर भी उसे छुआ तक नहीं|
ये सुन कर मेरा दिल बहुत दुख की वो मुझ पर जरा भी भरोसा नहीं करती| पर मैंने जैसे-तैसे खुद को संभाला|
ऋतू: जब मैंने उसे वीडियो कॉल पर देखा था तभी से मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था! मुझे पता था वो आपको मुझसे छीन लेगी| (ये बोलते हुए रोने लगी| मैंने उसके आँसूँ पोछने चाहे तो उसने मेरा हाथ झिटिक दिया|)
मैं: जान मेरी बात को समझो! प्लीज ... प्लीज मेरा विश्वास करो! (मैंने उसके आगे हाथ जोड़े पर उसका उसक पर कोई असर नहीं पड़ा|)
ऋतू: आप एक बात का जवाब दो, जब आपके बॉस ने कहा की मेरी जगह आप मेरी बीवी के साथ चले जाओ तो आप मना नहीं कर सकते थे?
मैं: यार वो बॉस है मेरा, उसका कहा मानने के पैसे मिलते हैं मुझे|
ऋतू: कल को वो कहेगा की उसकी बीवी के साथ सो जाओ तो आप सो जाओगे?
ये सुन कर मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने ऋतू पर हाथ छोड़ दिया|
मैं: बस! अब बहुत हो गया, इतनी देर से मैं मिन्नतें कर रहा हूँ और तुम्हें उस पर विश्वास ही नहीं हो रहा है| मैं चूतिया था जो मैंने तुम्हें सब कुछ बता दिया, ये विश्वास कर के की तुम्हें सच पता होना चाहिए| पर नहीं तुम्हें तो बेकार का बखेड़ा खड़ा करना है?
ऋतू रोने लगी और रोते हुए बोली; "आपके मन में उस के लिए प्यार है, उसकी इज्जत प्यारी है आपको? मेरी कोई वैल्यू नहीं?" इतना कह कर वो रोती हुई चली गई, मैं भी उसके पीछे-पीछे भागा और उसे आवाज दे कर रोकना चाहा पर वो नहीं रुकी और ऑटो कर के चली गई| मुझे उसकी चिंता हुई तो मैंने जल्दी से ऑटो का नंबर नोट किया और घर वापस आ गया| मैं जमीन पर बैठा सोचता रहा की अभी जो कुछ हुआ उसमें मेरी गलती थी क्या? ऋतू को सच बताना गलती थी? या उस दिन मौके का फायदा नहीं उठाना गलती थी? या फिर मैंने ऋतू पर हाथ उठाया, वो गलत था? पर मैंने हाथ इसलिए उठाया क्योंकि अनु मैडम के चरित्र पर ऊँगली उठा रही थी! दिमाग में जैसे उधेड़-बुन शुरू हो गई थी, दिमाग कहता था की तुझे ऋतू को बताने की जर्रूरत नहीं थी| पर दिल कह रहा था की तूने इसलिए बताया क्योंकि आगे चल कर हमारे रिश्ते में कोई गाँठ ना पड़ जाए| ये ऋतू का बचपना है, कुछ देर में शांत हो जायेगा| पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, मैं उसे कॉल करता रहा पर उसने फ़ोन बंद कर दिया| मैंने उसके कॉलेज के चक्कर लगाना शुरू कर दिया पर अब उसने मुझे वहाँ भी इग्नोर करना शुरू कर दिया| एक दिन मैं उसके हॉस्टल भी गया उससे मिलने पर वहाँ भी उसने मुझसे कोई बात नहीं की, बस हाँ-ना में जवाब देती रही| अब चूँकि वहाँ आंटी जी थीं तो मैं ज्यादा कुछ कह भी नहीं पाया| वो भी उठ कर चली गई ये बहाना कर के उसे असाइनमेंट पूरा करना है| पूरे दो हफ्ते तक ऋतू इसी तरह करती रही, फोन बंद रखती और मैं यहाँ उसे रोज फ़ोन करता इस आस में की शायद अब वो फ़ोन उठा ले! इधर ऑफिस में मैडम अब मुझसे हँसते हुए बात करने लगी थीं, पर सिर्फ तब जब सर नहीं होते थे| मैं उनके सामने बीएस उसी तरह जवाब देता जैसे पहले देता था उससे ज्यादा मैंने कुछ रियेक्ट नहीं किया| जब की मेरे मन का दुःख सिर्फ मैं ही जानता था|
एक दिन मैं ऑफिस मीटिंग में था की तभी कुछ हुआ| ऋतू मेरे ऑफिस आई और उसने जानबूझ कर अनु मैडम से बात शुरू की;
ऋतू: हेल्लो mam!
अनु मैडम: Hi ... सॉरी मैंने आपको पहचाना नहीं!
ऋतू: Actually mam मुझे ये डायरी ट्रैन में मिली| किसी Mr. Manu की डायरी है| इसमें यहाँ का एड्रेस लिखा था तो मैं एड्रेस ढूंढते हुए यहाँ आ गई| (ये एड्रेस उसने खुद ही लिखा था|)
अनु मैडम: ओह! हाँ... ये तो मानु की ही डायरी है| Thank you so much!
ऋतू: Is he your husband?
अनु मैडम: Oh no no no… he works here, he’s in a meeting right now.
ऋतू: I’m really sorry… I didn’t mean to….. sorry!
अनु मैडम: Its okay!
तभी सर ने मैडम को बात करते हुए देख लिए और अंदर बुलाया; "That’s my husband! I…I’m sorry I’ve to go. Why don’t you wait here and we can have a cup of coffee.”
“Oh no..no.. mam I’ve to leave… I’ve to rush back to my hostel.”
“Then please gimme your number, I’ll call you and then we can have a a cup of coffee, my treat!!” और ऋतू ने उन्हें अपना नंबर दिया और मैडम ने उन्हें अपना फ़ोन नंबर दिया| इधर सर हमें नए AS (Accounting Standard) पर ज्ञान दे (चोद) रहे थे| मैडम अंदर आईं और उन्होंने मेरी तरफ डायरी बढ़ा दी| ये वही डायरी थी जो मैंने ऋतू को दी थी! उसे देखते ही मेरे चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी और मैं बाहर जाने को बेचैन हो गया| "Excuse me sir" इतना कह कर मैं बाहर भागा पर वहाँ कोई भी नहीं था| मैं सोचने लगा की अभी हुआ क्या? ये डायरी मैडम तक कैसे पहुँची? अभी मैं ये सोच ही रहा था की मैडम ने पीछे से मेरे कंधे पर हाथ रखा और मेरी उधेड़-बुन समझते हुए उन्होंने मुझे सारी बात बताई|
मैडम की बात सुन कर मुझे बहुत गुस्सा आया की ऋतू यहाँ तक आई सिर्फ डायरी वापस करने! अपना गुस्सा मैं काम पर उतारने लगा और देर रात तक ऑफिस में बैठा रहा| कई बार फ़ोन मिलाया पर ऋतू का फ़ोन बंद ही था| तब मुझे लगा की ऋतू ने मेरा नम्बर ब्लॉक तो नहीं कर दिया, इसलिए मैंने ऑफिस के लैंडलाइन से फ़ोन किया तो इस बार घंटी गई| 5-7 घंटी के बाद उसने फ़ोन उठा लिया; "तो मेरा नंबर ब्लॉक कर रखा था ना?" ये सुन कर वो कुछ नहीं बोली| फिर मन नहीं किया की आगे उसे कुछ कहूं, इसलिए मैंने फ़ोन रख दिया और अपना बैग उठा के चल दिया| घर आया और बिना कुछ खाय-पीये ही सो गया|