20-10-2019, 09:24 PM
रीतू भौजी , उनके नन्दोई
मैं और छुटकी दोनों भौजी को निहुराये थीं , वो एकदम उस रंग भरे चहबच्चे के किनारे पर थी और किनारा पकड़ कर , ...
लेकिन वहां भी सीने तक पानी भरा था।
जिसने पानी में चोदा चुदवाया होगा उसको मालूम होगा सबसे पहली परेशानी आती है लंड को सही जगह पर सेंटर करने में , ...
पर यहाँ दो दो सालियाँ किस काम के लिए थीं , और ननदों के लिए तो भौजी की रगड़ाई करने का मौका तो बहुत कम मिलता है ,
बस लीला ने भाभी की चूत फैलाई ,
रीमा ने लंड सेंटर पर किया ,
थोड़ी देर तक दोनों ननदें सिर्फ सुपाड़े को रगड़ती मसलती रहीं , भौजी के बुर पर ,
और भौजी ने एक गलती कर दी , अपने नन्दोई को चैलेंज देने की ,
" अरे नन्दोई राजा , ये आपकी कच्ची सालियाँ नहीं , रसीली सलहज है , देखतीं हूँ ताक्कत ,
किससे किससे चुदवा के मेरी ननद की सास ने आपको जना है। आपके साले का तो रोज घोंटती हूँ , आज आपका भी घोंट लूंगी। "
बस इतना काफी था , और ऊपर से सालियों ने आग में घी डाल दिया ,
" जीजू , बस इज्जत का सवाल है , आज फाड़ दीजिये , आज हमार भौजी अपने मायके के यारों को भूल जाएँ। "
लीला ने रीतू भाभी की बुर फैला रखी थी ,
और रीमा ने अपने कोमल कोमल हाथों से उनका सुपाड़ा भौजी की बुर में सटा रखा था , उन्होंने कस के अपनी सहलज की कमर कस के पकड़ रखी थी , बस उन्होंने जो करारा धक्का मारा की उनकी सलहज की चीख निकल गयी ,
लेकिन अभी तो शुरुआत थी ,
आप में से जिस ने पानी में चुदवाया होगा , कभी स्वीमिंग पूल में , किसी पांड में , ... उसका मज़ा ही अलग है ,
लेकिन एक दिक्कत होती है , लंड एक तो घुसता मुश्किल से है और उसके बाद एक दम ,
एक तो बुर खूब कसी हो जाती है पानी के असर से , और लंड भी कुछ ज्यादा ही कड़ा मोटा लगता है , जो लंड लौंडिया बाहर हंस हंस के घोंट लेती है उसी को लेने में , पानी में , छठी का दूध याद आ जाता है ,
और इनका तो वैसे ही बियर कैन सा मोटा और पूरे बित्ते भर लम्बा था ऊपर से सलहज का चैलेन्ज ,
और ये भी कम बदमाश नहीं थे , उन्होंने पहले तो अपने दोनों पैरों को सलहज के दोनों पैरों के बीच डाल कर अच्छी तरह फैला दिया , उनकी जाँघे बुर सब फ़ैल गयी ,
बस एक हाथ भौजी की गदरायी जोबन को पकड़ा और दूसरे से उनकी कमर को पकड़ के वो करारा धक्का मारा ,
की बस आधे से ज्यादा बियर कैन सा लंड बुर में
बेचारी उनकी सलहज ,
लेकिन चार चार उनकी ननदों ने दबोच रखा था ,
और मैं जानती थी एक बार उनका सुपाड़ा घुस गया तो , बस
वही हुआ , बेचारी भौजी छटपटा रही थीं और वो हचक के चोद रहे थे
लेकिन अभी तो ये शुरुआत थी ,
थोड़ी देर में पानी के अंदर देखा तो उन्होंने अपने पैर रीतू भाभी की पैरों के बीच से निकाल लिया था ,
... और अब अपने दोनों पैरों के बीच रीतू भाभी के पैरों को दबोच लिया था ,
मैं समझ गयी क्या होने वाला है।
और वही हुआ , उनकी सहलज और हम ननदों की भौजाई बहुत जोर से चीखीं।
उईईईईई उईईईईई
एक तो पानी में वैसे ही बुर बहुत टाइट हो जाती है ,
ऊपर से इन्होने कस के रीतू भाभी की टांगो को जो भींच रखा था उसमें तो चार चार बच्चो की माँ का भोंसड़ा भी कच्ची कली की तरह टाइट हो जाती है , हमार भौजी तो एकदम नयी नवेली , दो साल पहले ही बियाह के ,...
जो उन्होंने अपना मूसल निकाला तो भौजी को अंदाज नहीं हुआ , लेकिन उन्होंने सुपाड़ा अंदर ही ठेल करके रखा , फिर जो कसके धक्का लगाया ,
दरेरते रगड़ते घिसटते फाड़ते हुए वो मोटा मूसल जिस तरह घुसा , भौजी की बुर की दीवाले एकदम परपराती , छरछराती ,
और वो भी धक्के धक्के पर धक्के ,
उईईई उईईईईई भौजी की चीखें हमारे बगीचे के बाहर आधे गाँव में तो पहुंची होंगी।
" क्यों भाभी मजा आ रहा है न नन्दोई के साथ ,... "
मैंने उनके मुंह पर कीचड़ मलते हुए कहा।
गाँव की होली तो बिना कीचड़ के पूरी भी नहीं होती।
और मेरे इशारे पर मेरी छोटी बहने , लीला ने सीधे भौजी के क्लिट पर हमला बोला ,
और रीमा ने भाभी के निपल पर पर ,
चीखें कम होती तो मजे की सिसकियाँ शुरू हो जाती , और साथ में गालियां , भौजी के पूरे मायके वालों का नाम ले ले कर ,
छुटकी बोली ,
" भौजी कहूं मायके वालों की तो याद नहीं आ रही है , ... "
रीमा ने पलट वार किया
" अरे तू भी न , देखा नहीं था भइया के शादी में , भौजी के सब भइया तो बचपन के गांडू , गंडुवे , झांट आने के पहले ही नेकर सरका के निहुर जाते हैं , गांड मरवाने को , .... "
" एकदम बचपन में गंडुवे , और बड़े हो कर भंड़ुवे ,... अपनी बहनों का सौदा करने के लिए तैयार ,... तो भौजी के भाइयों का क्या बस , ... और अपने जीजू का मोटा मूसल और भैया के सालों को तो हरदम नूनी ही रहती है , "
लीला ने छक्का मार दिया।
लेकिन ये नहीं की इन्हे गालियां नहीं पड़ रही थीं , भौजी की चीख पुकार , उन्होंने अपना मोटा मूसल पूरा नहीं ठेला था मुश्किल से सात इंच एक तिहाई अभी भी बाहर।
रीमा ने अपनी छोटी छोटी चूँचिया इनकी पीठ पर रगड़ते हुए इनके लंड के बेस पर अपनी किशोर उँगलियों से पकड़ कर इन्हे उकसाया ,
" क्यों जीजू , ये बाकी क्या दीदी की ननदों के लिए बचा रखा है , ठेलिए न इसे भी "
" अरे नहीं यार , जीजू की बहनों पर तो हमारे भाइयों का नाम लिखा है , ये उन्होंने दीदी की सास के लिए बचा रखा है , क्या जीजू , आपको सालियों की कसम ,... " लीला ने उन्हें और चैलेन्ज किया
बात तो लीला की एकदम सही थी , मेरी छुटकी ननदियाँ की सील कल ही तो मेरे ममेरे भाई चुन्नू ने फाड़ी थी , वो भी तो रीमा और लीला की उम्र की ही है।
सालियों की बात और अबकी रीतू भाभी की चीख सच्च में सारे गाँव में सुनाई पड़ी होगी , और उसके बाद तो क्या तूफान मेल चलाई उस पानी भरे चहबच्चे में
मैं छुटकी , उसकी दोनों सहेलियां रीमा और लाली हम सब अब बाहर हो गए थे और चुदाई देखने का मजा ले रहे थे , भौजाई को चिढ़ा रहे थे।
लेकिन उनकी फेवरिट पोज़ तो कुतिया बना के चोदने की , ...बीस पच्चीस मिनट के बाद बिना लंड बाहर निकाले वो और उनकी सलहज ,
सलहज कुतिया बनी निहुरी , एक आम के पेड़ के नीचे और पीछे से ये खचाखच , उनके दोनों बड़े बड़े जोबन पकडे
मैं और छुटकी दोनों भौजी को निहुराये थीं , वो एकदम उस रंग भरे चहबच्चे के किनारे पर थी और किनारा पकड़ कर , ...
लेकिन वहां भी सीने तक पानी भरा था।
जिसने पानी में चोदा चुदवाया होगा उसको मालूम होगा सबसे पहली परेशानी आती है लंड को सही जगह पर सेंटर करने में , ...
पर यहाँ दो दो सालियाँ किस काम के लिए थीं , और ननदों के लिए तो भौजी की रगड़ाई करने का मौका तो बहुत कम मिलता है ,
बस लीला ने भाभी की चूत फैलाई ,
रीमा ने लंड सेंटर पर किया ,
थोड़ी देर तक दोनों ननदें सिर्फ सुपाड़े को रगड़ती मसलती रहीं , भौजी के बुर पर ,
और भौजी ने एक गलती कर दी , अपने नन्दोई को चैलेंज देने की ,
" अरे नन्दोई राजा , ये आपकी कच्ची सालियाँ नहीं , रसीली सलहज है , देखतीं हूँ ताक्कत ,
किससे किससे चुदवा के मेरी ननद की सास ने आपको जना है। आपके साले का तो रोज घोंटती हूँ , आज आपका भी घोंट लूंगी। "
बस इतना काफी था , और ऊपर से सालियों ने आग में घी डाल दिया ,
" जीजू , बस इज्जत का सवाल है , आज फाड़ दीजिये , आज हमार भौजी अपने मायके के यारों को भूल जाएँ। "
लीला ने रीतू भाभी की बुर फैला रखी थी ,
और रीमा ने अपने कोमल कोमल हाथों से उनका सुपाड़ा भौजी की बुर में सटा रखा था , उन्होंने कस के अपनी सहलज की कमर कस के पकड़ रखी थी , बस उन्होंने जो करारा धक्का मारा की उनकी सलहज की चीख निकल गयी ,
लेकिन अभी तो शुरुआत थी ,
आप में से जिस ने पानी में चुदवाया होगा , कभी स्वीमिंग पूल में , किसी पांड में , ... उसका मज़ा ही अलग है ,
लेकिन एक दिक्कत होती है , लंड एक तो घुसता मुश्किल से है और उसके बाद एक दम ,
एक तो बुर खूब कसी हो जाती है पानी के असर से , और लंड भी कुछ ज्यादा ही कड़ा मोटा लगता है , जो लंड लौंडिया बाहर हंस हंस के घोंट लेती है उसी को लेने में , पानी में , छठी का दूध याद आ जाता है ,
और इनका तो वैसे ही बियर कैन सा मोटा और पूरे बित्ते भर लम्बा था ऊपर से सलहज का चैलेन्ज ,
और ये भी कम बदमाश नहीं थे , उन्होंने पहले तो अपने दोनों पैरों को सलहज के दोनों पैरों के बीच डाल कर अच्छी तरह फैला दिया , उनकी जाँघे बुर सब फ़ैल गयी ,
बस एक हाथ भौजी की गदरायी जोबन को पकड़ा और दूसरे से उनकी कमर को पकड़ के वो करारा धक्का मारा ,
की बस आधे से ज्यादा बियर कैन सा लंड बुर में
बेचारी उनकी सलहज ,
लेकिन चार चार उनकी ननदों ने दबोच रखा था ,
और मैं जानती थी एक बार उनका सुपाड़ा घुस गया तो , बस
वही हुआ , बेचारी भौजी छटपटा रही थीं और वो हचक के चोद रहे थे
लेकिन अभी तो ये शुरुआत थी ,
थोड़ी देर में पानी के अंदर देखा तो उन्होंने अपने पैर रीतू भाभी की पैरों के बीच से निकाल लिया था ,
... और अब अपने दोनों पैरों के बीच रीतू भाभी के पैरों को दबोच लिया था ,
मैं समझ गयी क्या होने वाला है।
और वही हुआ , उनकी सहलज और हम ननदों की भौजाई बहुत जोर से चीखीं।
उईईईईई उईईईईई
एक तो पानी में वैसे ही बुर बहुत टाइट हो जाती है ,
ऊपर से इन्होने कस के रीतू भाभी की टांगो को जो भींच रखा था उसमें तो चार चार बच्चो की माँ का भोंसड़ा भी कच्ची कली की तरह टाइट हो जाती है , हमार भौजी तो एकदम नयी नवेली , दो साल पहले ही बियाह के ,...
जो उन्होंने अपना मूसल निकाला तो भौजी को अंदाज नहीं हुआ , लेकिन उन्होंने सुपाड़ा अंदर ही ठेल करके रखा , फिर जो कसके धक्का लगाया ,
दरेरते रगड़ते घिसटते फाड़ते हुए वो मोटा मूसल जिस तरह घुसा , भौजी की बुर की दीवाले एकदम परपराती , छरछराती ,
और वो भी धक्के धक्के पर धक्के ,
उईईई उईईईईई भौजी की चीखें हमारे बगीचे के बाहर आधे गाँव में तो पहुंची होंगी।
" क्यों भाभी मजा आ रहा है न नन्दोई के साथ ,... "
मैंने उनके मुंह पर कीचड़ मलते हुए कहा।
गाँव की होली तो बिना कीचड़ के पूरी भी नहीं होती।
और मेरे इशारे पर मेरी छोटी बहने , लीला ने सीधे भौजी के क्लिट पर हमला बोला ,
और रीमा ने भाभी के निपल पर पर ,
चीखें कम होती तो मजे की सिसकियाँ शुरू हो जाती , और साथ में गालियां , भौजी के पूरे मायके वालों का नाम ले ले कर ,
छुटकी बोली ,
" भौजी कहूं मायके वालों की तो याद नहीं आ रही है , ... "
रीमा ने पलट वार किया
" अरे तू भी न , देखा नहीं था भइया के शादी में , भौजी के सब भइया तो बचपन के गांडू , गंडुवे , झांट आने के पहले ही नेकर सरका के निहुर जाते हैं , गांड मरवाने को , .... "
" एकदम बचपन में गंडुवे , और बड़े हो कर भंड़ुवे ,... अपनी बहनों का सौदा करने के लिए तैयार ,... तो भौजी के भाइयों का क्या बस , ... और अपने जीजू का मोटा मूसल और भैया के सालों को तो हरदम नूनी ही रहती है , "
लीला ने छक्का मार दिया।
लेकिन ये नहीं की इन्हे गालियां नहीं पड़ रही थीं , भौजी की चीख पुकार , उन्होंने अपना मोटा मूसल पूरा नहीं ठेला था मुश्किल से सात इंच एक तिहाई अभी भी बाहर।
रीमा ने अपनी छोटी छोटी चूँचिया इनकी पीठ पर रगड़ते हुए इनके लंड के बेस पर अपनी किशोर उँगलियों से पकड़ कर इन्हे उकसाया ,
" क्यों जीजू , ये बाकी क्या दीदी की ननदों के लिए बचा रखा है , ठेलिए न इसे भी "
" अरे नहीं यार , जीजू की बहनों पर तो हमारे भाइयों का नाम लिखा है , ये उन्होंने दीदी की सास के लिए बचा रखा है , क्या जीजू , आपको सालियों की कसम ,... " लीला ने उन्हें और चैलेन्ज किया
बात तो लीला की एकदम सही थी , मेरी छुटकी ननदियाँ की सील कल ही तो मेरे ममेरे भाई चुन्नू ने फाड़ी थी , वो भी तो रीमा और लीला की उम्र की ही है।
सालियों की बात और अबकी रीतू भाभी की चीख सच्च में सारे गाँव में सुनाई पड़ी होगी , और उसके बाद तो क्या तूफान मेल चलाई उस पानी भरे चहबच्चे में
मैं छुटकी , उसकी दोनों सहेलियां रीमा और लाली हम सब अब बाहर हो गए थे और चुदाई देखने का मजा ले रहे थे , भौजाई को चिढ़ा रहे थे।
लेकिन उनकी फेवरिट पोज़ तो कुतिया बना के चोदने की , ...बीस पच्चीस मिनट के बाद बिना लंड बाहर निकाले वो और उनकी सलहज ,
सलहज कुतिया बनी निहुरी , एक आम के पेड़ के नीचे और पीछे से ये खचाखच , उनके दोनों बड़े बड़े जोबन पकडे