21-09-2019, 01:14 PM
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Romance मोहे रंग दे
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21-09-2019, 01:16 PM
21-09-2019, 02:51 PM
(21-09-2019, 01:14 PM)komaalrani Wrote: एकदम नहीं , ... अरे हिंट तो दिया था , गाने वाले भाग के पार्ट में , अंत में ... मिली किससे सेट हो रही थी , एक बार उसी बहाने पिछले पार्ट पढ़ लीजिये Aapke sasural ke krishn kanhaiya (Nandoi ji) ke saath
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
22-09-2019, 12:33 PM
23-09-2019, 09:05 AM
मिली
सीढी से उतरते हुए गुड्डो ने एक और राज की बात बताई , सुबह छह बजे वो अनुज के पास से जब वो लौट रही थी , तो उसने एक कमरे से सिसकने की आवाज सुनी , मिली थी, वही बीए फर्स्ट इयर वाली मेरी मौसेरी ननद " और साथ में कौन ,... " मैं रोक नहीं पायी अपने को " और कौन आपके ननदोई " हँसते हुए वो बोली , फिर जोड़ा गुड्डो को साढ़े सात बजे मंजन कर रही थी तभी मिली , ... टाँगे छितरायी हुयी , गालों पर दांत निशान , लग रहा था जैसे,.. " " चुदवा के आ रही हो , यही कहना चाहती हो न तुम " हँसते हुए मैं बोली। "अभी तूने पूरी बात नहीं बताई ," ... मैंने गुड्डो को रोक लिया , अभी भी हम लोग सीढ़ी से पूरी तरह नीचे नहीं उतरे थे , गुड्डो रुक गयी और मुस्कराने लगी , ... उसके चेहरे पर एक शरारत थी , " देख , मुझसे मत छुपाना कुछ भी , ... तूने लौट कर देखा भी था न , मिली को नन्दोई जी से ,... " और हलके से एक हाथ गुड्डो रानी के चूतड़ पर जड़ दिया। वो बन के चीखी और बोली , आप को तो सिक्युरिटी में दरोगा होना चाहिए था और फिर पूरी बात बताई। गुड्डो मेरे देवर के साथ दो राउंड के बाद दबे पॉंव , एक बार फिर कमरे में आ गयी थी , हाँ रास्ते में उसने एक कमरे से मिली की भी आवाज सुनी , और साफ़ था की मिली की भी ली जा रही है। कमरे में सब लोग गाढ़ी नींद में सो रहे थे तो वो भी अपनी रजाई में दुलारी के बगल में घुस के , ... लेकिन उसे जोर जोर से चींटिया काट रही थीं , मिली की कैसे , किस तरह ,... उससे रहा नहीं जा रहा था , और पांच मिनट बाद ही उठी और उस कमरे के पास , आवाज साफ़ साफ आ रही थी , लेकिन देखने का कोई जुगाड़ नहीं लग रहा था , तभी गुड्डो ने देखा एक खिड़की का एक पल्ला थोड़ा सा खुला था , बस वो दीवाल से चिपक कर , खिड़की से आँखे गड़ाकर , ,,, " जानती हैं , सेकेण्ड राउंड की तैयारी थी , और जीजू ने ( बाकी लड़कियों की तरह गुड्डो भी नन्दोई जी की जीजू ही कहती थी ) अपनी मलाई सीधे मिली के चेहरे पर , ... पूरा चेहरा थक्केदार मलाई से पटा पड़ा था। " मान गयी मैं नन्दोई को , सुबह सुबह साली को फेसियल करा दिया , लेकिन मैंने गुड्डो से पूछा , " तुझे कैसे मालुम सेकेण्ड राउंड , ... " " सिम्पल , फर्स्ट राउंड की मलाई तो मिली रानी के चेहरे पर लीपी पोती थी , और जीजू ने अपनी ऊँगली से अच्छी तरह उसके गाल पर उसे फैला दिया था , फिर वो बोले " चल चूस के खड़ा कर , अभी तेरी एक बार और अच्छे से लेनी है , " और जबतक मिली सम्हले सम्हले , उसका मुंह खोलके अपना लंड उन्होंने उसके मुंह में पेल दिया , वो गों गों कर रही थी , सर हिला रही थी , लेकिन हाथ से वो कस के उसके सर को पकडे थे , और जब उसने थोड़ा ज्यादा ना नुकुर की , तो बस दूसरे हाथ से पहले तो गाल पे एक जोरदार चांटा रसीद किया , फिर उसके नथुने कस के दबा दिए , बोले , अगर साँस लेना है तो घोंट चुपचाप, ज्यादा रंडीपना मत कर , .. और फिर पूरी ताकत से ठेलते रहे , ... " गुड्डो ने आँखों देखा हाल बयान किया। मान गयी मैं अपने नन्दोई को , एकदम सही किया , घोंटाने के समय मेरी ननद स्सालियों से जबरदस्ती के बिना , ... लेकिन मैंने पूछ लिया , " क्या पूरा घोंट पायी वो , ... " " नहीं पूरा तो नहीं लेकिन आधे से ज्यादा , पर उसी में उसकी हालत खराब हो रही थी , गाल फूले , आँखे बाहर निकली पड़ रही थी , चेहरा एकदम लाल , ... पर जीजू ने बाहर नहीं निकाला , पेले ही रहे और मिली ने कस कस के चूसना शुरू कर दिया ,... थोड़ी देर में जैसे कोई बुर चोदे , जीजू उसका मुंह चोद रहे , थोड़ा सा बाहर निकाल कर , फिर पूरी ताकत से अंदर पेल देते , ... यही नहीं उन्होंने मिली की ही मोबाइल से मिली के मुंह में घुसे अपने लंड की दो चार सेल्फी भी खींच दी , मिली के चेहरे पर लगी मलाई भी उसमें जरूर आयी होगी। " गुड्डो सुनाते हुए भी गरम हो रही थी। और मैं सुनते हुए , मेरे मन में नन्दोई जी के लिए तारीफ़ भर गयी , .. एकदम यही इलाज , उस दर्जा आठ वाली का करना पड़ेगा , जो अभी अपने भइया के खूंटे पर बैठी है। गुड्डो ने फिर आगे की कहानी सुनाई , नन्दोई जी ने वहीँ मिली को निहुराया , और उसके चूतड़ पर दो हाथ जोर जोर से लगाए , ... बिना कहे मिली ने अपनी जाँघे फैला दी ,मिली के जीजू ने एक धक्के में सुपाड़ा अंदर पेल दिया और कस के उसकी छोटी छोटी चूँची दबाते पूछा , " बोल स्साली , मजा आ रहा है , ... " हाँ बहोत जीजू ,... " मिली बोली , एक चांटा चूतड़ पर और पड़ा , " किस चीज में मजा आ रहा है " " चुदवाने में , ... जीजू आप से चुदवाने में , ... " मस्ती से मिली बोली। शादी ब्याह में यही फायदा होता है , खुल कर भौजाइयों की छेड़खानी , एकदम खुल्लमखुला , गालियों से भरी गारियाँ , लाज शरम सब खुल जाती है ,... और मर्दों से चिपकने का मौका , ... कितनी कुंवारियों की चिड़िया यहीं उड़नी शुरू करती है , और मेरे नन्दोई ऐसा हो तो कच्ची उमर की सालियों को बिना भोगे ,... गुड्डो बोली और मेरे कान खुल गए ,
23-09-2019, 09:32 AM
होली , .... होने वाली ,...
नन्दोई और सलहज की शादी ब्याह में यही फायदा होता है , खुल कर भौजाइयों की छेड़खानी , एकदम खुल्लमखुला , गालियों से भरी गारियाँ , लाज शरम सब खुल जाती है ,... और मर्दों से चिपकने का मौका , ... कितनी कुंवारियों की चिड़िया यहीं उड़नी शुरू करती है , और मेरे नन्दोई ऐसा हो तो कच्ची उमर की सालियों को बिना भोगे ,... गुड्डो बोली और मेरे कान खुल गए , मिली बोली , “नयकी भौजी कैसी लगती हैं , चुदवाने के लायक” ... बस नन्दोई जी के धक्के तूफ़ान मेल हो गए , बोले , “ स्साली छिनार किसका नाम ले लिया , अब तो तुझे आधे घंटे और चोदना पड़ेगा , उसके बारे में तो सोच के ही टनटना जाता है , एकदम परफेक्ट माल है , क्या चूँची है , एकदम परफेक्ट चूतड़ , और बड़ी बड़ी चूँची , भरे भरे चूतड़ के बीच इतनी पतली कमर की मुट्ठी में आ जाय , चेहरा जितना भोला बॉडी उतनी सेक्सी , “ ... बस मिली ने उन्हें और छेड़ दिया , “जीजू आप सलहज पर नंबर क्यों नहीं लगाते , “ मुझे नन्दोई जी की बातें सुनकर कत्तई बुरा नहीं लग रहा था , बल्कि अच्छा लग रहा था , नन्दोई सलहज के रिश्ते में तो , ... साली से ज्यादा सलहज का हक़ होता है , गुड्डो चुप होगयी लेकिन मैंने उसे उकसाया “बोल न क्या बोले नन्दोई जी।“ " आप बुरा मान जाओगी , ... " मुँह बना के वो बोली , मैंने कस के उस हाई कॉलेज वाली के उभार दबाये , और मसलते हुए बोली , " बोल न मैं बुरा नहीं मानने वाली , हाँ नहीं बोलीं न तो अभी तेरी बुर का बुरा हाल करुँगी , दुलारी को भूल जाएगी तू। " " वो बोले " ... गुड्डो चालू हो गयी , " मेरे लंड पर उस का नाम पहले दिन से ही लिख दिया गया है , बस आने दो होली ,... अबकी होली में सात दिन के लिए आऊंगा और फिर जो पिचकारी तेरे अंदर घुसी है न , बस उसी पिचकारी से सफ़ेद रंग से होली खेलूंगा उससे , ... रोज। " " मान लीजिये मौका न दे वो तो , फिर कही कमरे में , ... " मिली बोली पर आपके ननदोई उसकी बार काट कर बोले , “नन्दोई सलहज की होली खुले आम होती है , आँगन में ,... और उसी आँगन में पहले तो चोली फाड़कर , उस के जान मारु जोबन पे रंग लगाऊंगा , फिर प्रेम गली में और सबसे अंत में सफ़ेद रंग की होली , और मैं बोलूं , तुम सालियों की तरह वो नखड़ाचोद , छिनार नहीं है , खुल के होली खेलेगी मेरे साथ , “... मैंने बोला नहीं , पर मन ही मन तय कर लिया , आप चोली फाड़ोगे तो आपका पाजामा बचेगा क्या , इसी आँगन में न नंगा किया , और पजामे को चिथड़े चीथड़े कर के ,... आप प्रेमगली में रंग लगाओगे , उसके पहले मैं आपके उस काम दंड पे , ... मंझली ननद बहुत तारीफ़ करती हैं , मैं भी उस दिन पकड़ के दबा के मसल के देख लूंगी , अरे रोज आप के स्साले का घोंटती हूँ , एक दिन स्साले के जिज्जा ही सही , ... लेकिन गुड्डो से बोली , “आगे बोल न।“ गुड्डो हंसने लगी , और बोली , " आप के चक्कर में आप की ननद की हालत खराब हो गयी , बेचारी वो , नन्दोई आपके,... बोलते देख ऐसे धक्के मारूंगा , ऐसे हचक हचक के ऐसे पेलूँगा , चोद वो आपकी ननद को रहे थे लेकिन मन में आपके साथ , और एकदम कुचल के दबा के , रगड़ रगड़ के ,... " मैंने मन में सोचा, बेचारी बी ए वाली , सही हुआ उसके साथ , बहुत चूतड़ मटका मटका के चलती थी न , लेकिन गुड्डो से पूछा , तूने अंत तक देखा , नहीं , जीजू ने पोज बदल के उसे दीवाल के सहारे , और उन का चेहरा एकदम खिड़की के सामने , .... मुझे लगा कहीं मुझे देख न ले , फिर मुझे आये दस पंद्रह मिनट हो गए थे , डर लगा रहा था कही कोई आ न जाए , ... फिर दुलारी का भी कहीं वो न जग जाये,… तब तक मैं सीढ़ियों से नीचे आ गयी ,
23-09-2019, 09:39 AM
ohh my god komal hame to pagal akr dogi yar tum kya lajawab update diya hai yar yeh tumhri bhasha yeh likhavat hum to tumhreee kayal ho gaye yar.
23-09-2019, 09:46 AM
छेड़छाड़ की मस्ती
तब तक मैं सीढ़ियों से नीचे आ गयी , बरांडे में वहां मेरी सास और बुआ सास बैठी थीं , झुक कर मैंने दोनों का पैर छुआ , और सास ने मुझे अपनी बगल में बैठा लिया, और रोज की तरह बहुत लाड़ दुलार से मुझे ऊपर से नीचे तक देखा , और साथ में मेरे गाल प्यार से सहलाती रहीं। अब मैं समझ गयी थी , इस प्यार दुलार के साथ , वो अपने बेटे के रात की हरकतों निशान भी देखती थीं , और कल से तो मैंने नो मार्क्स और क्रीम से उन निशानों को छुपाना भी बंद कर दिया था , ननदें चिढ़ायें तो चिढ़ायें , मेरा साजन जो करना है करे मेरे साथ , किसी को क्या। और मेरी सास को ये बात और भा रही थी। गाल सहलाते सहलाते उन्होंने बहुत प्यार से कहा , ' थोड़ी देर पहले मेरी समधन रानी का फोन आया था , बड़ी देर बात हुयी। " तब तक उनके बगल में बैठी मेरी बुआ सास हंसने लगी , बोलीं , " तेरी माँ ने दल बदल लिया है , अब वो बेटी से ज्यादा दामाद के बारे में ,... " वो मुझे क्या बता रही थी , मुझे मालूम पहले से था। सिर्फ मेरी माँ ही नहीं , भाभी बहने सब कोई एकदम नम्बरी दलबदलू , ... लेकिन तब तक बुआ सास ने बात पूरी की , " लेकिन सिर्फ तुम्हारी माँ ने नहीं , तेरी सास ने भी , वो अपने दामाद की तारीफ़ करती रही , और ये अपनी बहू की। " " मेरी बहू है ही ऐसी , देखा क्या मस्त गारियाँ कल सुनायीं , .... " मेरी सास मेरी तारीफ़ में लग गयीं। मैंने अपने मायके का कोई मरद बचा नहीं , चाचा , ताऊ , फूफा , मौसा सबको अपनी सास के ऊपर कल चढ़ाया था गाने में लेकिन सास बजाय बुरा मानने के बहुत खुश , उनकी निगाहें उस समय ब्लाउज की गहराई से झलक रही मेरी घाटी में उनके बेटे के रात के निशानों पर थी। मैं हलके से शरमा गयी , सास ने मेरा घुघंट एकदम से हटा दिया , बोलीं " मैं बेटी और बहू में कोई फर्क नहीं करती , " लेकिन मैं मुस्करा पड़ी , और मेरी मुस्कराहट का मतलब समझ कर वो मुस्कराने लगी और मेरी पीठ थपथपाते हुए बोलीं , " सही सोच रही हो तुम , ... मेरी ननद बगल में बैठी हैं मेरे , चाहो तो उनसे ही पूछ लो , बेटियां भी फर्क नहीं करतीं , आखिर जब तक भौजाई नहीं आती तब तक काम धाम कैसे चलता है , घर का मॉल घर में , ... " तबतक मेरी जेठानी भी मेरे पास आकर बैठ गयीं थी , उनकी बात में बात जोड़ते बोलीं , " सही कह रही हैं आप इस घर का वह रिवाज अभी तक चल रहा है , ननद की नथ उतराई , ननद के भैया , और ननद के भइया की भी प्रैक्टिस ट्रेनिंग हो जाती है। " मेरी एक दो ननदें , गीता और मीता वहां खड़ी थीं , उन्हें सुनाकर छेड़ते वो बोलीं। तबतक जेठानी जी को कुछ याद आया , गुड्डो से पूछा उन्होंने " अरे तेरे साथ गुड्डी भी तो गयी थी , अपनी भाभी को लाने वो कहाँ रह गयी , " गुड्डो कुछ बोलती उसके पहले मेरे मुंह से निकल गया , " इस घर का रिवाज निभा रही है " और फिर तो इतनी जोर का ठहाका लगा की , मेरी सास , बुआ सास , जेठानी सभी ,... और ननदें शर्मायी , खिसियाई ,... गुड्डो भी खड़ी अपनी मुस्कान दबा रही थी , मेरी सास तारीफ़ भरी निगाह से मुझे देख रही थीं , मेरी बात गुड्डो ने पूरी की , ... " वो ,... गुड्डी बोली की ,... तुम लोग जाओ , मैं थोड़ी देर भैया के साथ ,... " " भैया के साथ क्या ,... कबड्डी खेल के आ रही हूँ , कल मैं कह रही थी न की देखने में बच्ची लगती है , लेकिन माल पूरा तैयार है। " तबतक मेरी एक जेठानी , गाँव की , गाली देने में नंदों को चिढ़ाने में दुलारी की टक्कर की , ... वो आ कर बैठ गयीं थी , उन्होंने बात पूरी की। मेरी जेठानी क्यों मौका छोड़तीं , उन्होंने भी जोड़ा , " और क्या वो बेचारी सोच रही होगी , भाभी ने भइया को डिनर तो करा दिया तो कम से कम बेड टी तो मैं पिला दूँ , " लेकिन तब तक मिलने जुलने वाले , दिन का काम ,... और सासु जी ने गुड्डो को बोला की वो मुझे कमरे में ले जाय ,
23-09-2019, 11:46 AM
bahto bahto hot and sexy update komal humto wiat karte rahete ahikab tumhra update aye aur hum jaldi se jaldi usko padhakr khatm kar de
23-09-2019, 01:02 PM
Once again you nailed it Komal ji. Awesome update
25-09-2019, 08:10 AM
25-09-2019, 06:18 PM
आखों देखा हाल सुनाने में, आपका जवाब नहीं है। छोटी से छोटी बात (छेड़छाड़ )का भी पूरा ख्याल रखा है।
अगली कड़ी की प्रतिझा में।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
26-09-2019, 07:20 AM
26-09-2019, 07:24 AM
27-09-2019, 08:25 AM
next update soon
29-09-2019, 12:14 PM
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
30-09-2019, 08:39 AM
ननदें
मेरी जेठानी भी मेरे पास आकर बैठ गयीं थी , उनकी बात में बात जोड़ते बोलीं , " सही कह रही हैं आप इस घर का वह रिवाज अभी तक चल रहा है , ननद की नथ उतराई ननद के भैया , और ननद के भइया की भी प्रैक्टिस, ट्रेनिंग हो जाती है। " मेरी एक दो ननदें , गीता और मीता वहां खड़ी थीं , उन्हें सुना कर छेड़ते वो बोलीं। तबतक जेठानी जी को कुछ याद आया , गुड्डो से पूछा उन्होंने " अरे तेरे साथ गुड्डी भी तो गयी थी , अपनी भाभी को लाने वो कहाँ रह गयी , " गुड्डो कुछ बोलती उसके पहले मेरे मुंह से निकल गया , " इस घर का रिवाज निभा रही है " और फिर तो इतनी जोर का ठहाका लगा की , मेरी सास , बुआ सास , जेठानी सभी ,... और ननदें शर्मायी , खिसियाई ,... गुड्डो भी खड़ी अपनी मुस्कान दबा रही थी , मेरी सास तारीफ़ भरी निगाह से मुझे देख रही थीं , मेरी बात गुड्डो ने पूरी की , ... " वो ,... गुड्डी बोली की ,... तुम लोग जाओ , मैं थोड़ी देर भैया के साथ ,... " " भैया के साथ क्या ,... कबड्डी खेल के आ रही हूँ , कल मैं कह रही थी न की देखने में बच्ची लगती है , लेकिन माल पूरा तैयार है। " तबतक मेरी एक जेठानी , गाँव की , गाली देने में नंदों को चिढ़ाने में दुलारी की टक्कर की , ... वो आ कर बैठ गयीं थी , उन्होंने बात पूरी की। मेरी जेठानी क्यों मौका छोड़तीं , उन्होंने भी जोड़ा , " और क्या वो बेचारी सोच रही होगी , भाभी ने भइया को डिनर तो करा दिया तो कम से कम बेड टी तो मैं पिला दूँ , " लेकिन तब तक मिलने जुलने वाले , दिन का काम ,... और सासु जी ने गुड्डो को बोला की वो मुझे कमरे में ले जाय , अब तो मैं वो कमरा अच्छी तरह पहचान गयी ,थी दो दिन से तो यहीं , और दिन भर छेड़छाड़ , मजाक एक से एक खुले , ... और आज तो कल के रात के बाद मैं भी अच्छी तरह खुल गयी थी लेकिन आज माहौल थोड़ा अफरातफरी का था , कई मेहमान जा रहे थे , मेरी गोंडा वाली और बहराइच वाली ननदों की ट्रेन एक घंटे बाद थी , दो तीन लोगों को थोड़ी देर बाद बस पकड़नी थी , कुछ लोग बाथरूम की तैयारी में लाइन लगाए थे , कुछ लड़कियां तैयार हो रही थी , और एक मेरी छोटी ननद आलमोस्ट गुड्डी की उम्र की , मचल गयी , " कपड़ें कहाँ बदलूँ , बाथरूम में तो लाइन लगी है " उसकी मम्मी मेरी ओर देख कर मुस्करा कर बोली , " किससे शरमा रही हो अपनी नयकी भाभी से , अरे वो तो पहले दिन से ही तेरे भइया के सामने कपडे उतार के ,... चल बदल ले , ले ये तौलिया पहन ले " और उसने शर्माते लजाते,... मेरा तो मन कर रहा था की उसका तौलिया खींच लूँ , लेकिन वो खुद आयी मेरे पास , ब्रा उसकी ठीक से बंद नहीं हो रही थी। " क्यों लगता है अपने भइया लोगों से शादी में दबवा मिजवा के ज्यादा गदरा गया है , " मैंने हुक लगाने के बदले जो लगे हुए हुक थे वो भी खोल दिए और ब्रा का नंबर देखा , ३० नंबर , वही गुड्डी वाला ,... और ऐडजस्ट करने के बहाने उसके नए आ रहे कच्चे टिकोरे हलके से सहला भी दिए ,... " भाभी ,... " पहले तो वो जोर से बिचकी फिर बोली , ... " भइया तो रोज आपका , ... आपका बढ़ा की नहीं ,... : एकदम पक्की ननद। मैंने ब्रा टॉप सब ठीक की लेकिन दुपट्टा उसका गले से चिपका दिया , और समझा भी दिया , " अरे यार जोबन आएगा तो दिखाना ललचाना भी चाहिए , रास्ते में कितने लड़के देखंगे , इतना मस्त जोबन आ रहा है ,.. " वो निबटी तो और लड़कियां मेरे पास , किसी का ड्रेस ठीक करना था , किसी के बाल , किसी की चोटी नहीं बंध रही थी , सब की सब ,... और फिर चलते चलाते , फेसबुक पेज का लिंक सबका , व्हाट्सऐप का नंबर , दो चार के तो इंस्टाग्राम अकाउंट भी थे , सब को मैंने भी दिए , आधे पौन घण्टे बाद सबके जाने के बाद तूफ़ान खतम हुआ , तब तक मेरी बाकी जेठानियाँ , मंझली ननद , मिली, गीता और बाकी लोग आ गए। मंझली ननद को कल सुबह जाना था , बाकी लोगों की ट्रेन शाम को को थी। गाँव से जो मेरी जेठानी, दुलारी और बाकी लोग आये थे वो लोग भी शाम को जाने वाले थे। लेकिन तब तक दूसरा तूफ़ान आ गया , और कौन मेरे ननदोई , वही जिन्होने सुबह सुबह मिली , अपनी छोटी साली और मेरी छुटकी ननदिया , बीए पार्ट वन वाली , का नाश्ता कर लिया था। लेकिन तूफ़ान उनकी सलहजों ने मचाया , नन्दोई जी ने पाजामा उलटा पहना था। सबसे ज्यादा मेरी गाँव वाली जेठानी , " अरे नन्दोई जी , मंझली ननद तो हम लोगों के साथ सोयीं थी , किस ननद के साथ पाजामा उतारा था , जो पाजामा उलट गया , "
30-09-2019, 09:00 AM
नन्दोई जी
नन्दोई जी ने पाजामा उलटा पहना था। सबसे ज्यादा मेरी गाँव वाली जेठानी , " अरे नन्दोई जी , मंझली ननद तो हम लोगों के साथ सोयीं थी , किस ननद के साथ पाजामा उतारा था , जो पाजामा उलट गया , " तो मेरी दूसरी जेठानी बोलीं , " अरे माना जीजा साली का रिश्ता है ही , लेकिन ज़रा हम लोगों को भी बता दो , कौन थी वो स्साली। जरा उस स्साली की शलवार भी तो चेक कर लूँ , कहीं उसने भी तो उलटी नहीं पहन ली , ... " मेरी निगाह तो मिली को ताड़ ही रही थीं , जेठानी जी का ये कमेंट सुन कर वो बेचारी अपनी लेगिंग देखने लगी , और फिर जब उसने मुझे देखते हुए देखा तो बेचारी की हालत खराब जैसे किसी चोर की चोरी पकड़ी गयी हो , एकदम शरम से लाल , मैं जोर से मुस्करायी गनीमत थी किसी और ने मिली की ये हालत नहीं देखी , नन्दोई जी की सारी सलहजे तो उनके ही पीछे पड़ीं थी , मेरी सगी जेठानी भी तब तक आ गयी थीं , नन्दोई जी से बड़े इसरार से बोलीं , " अच्छा कुछ तो हिंट दे दीजिये , बीए वाली की इंटर वाली , अरे ननद भाभी की बातें , नन्दोई सलहज की बातें , हम लोग किसी से बताएंगे थोड़ी ही , " तब तक गाँव वाली जेठानी से रहा नहीं गया , बोलीं " अरे काहें बेचारे नन्दोई जी को तंग करती हो , इनका तो ससुराल में हक है , बस ज़रा इन ननदों की शलवार , चड्ढी खोलो , बुर में ऊँगली करो , ... देखो किसकी बिल में मलाई छलछला रही है , बस पता चल जाएगा और जब तक चुदाई का पूरा हाल न बताये , ऊँगली बाहर न निकालो , बल्कि गंडियों में ,... " लेकिन तभी गुड्डी रानी , वही इनकी ममेरी बहन , कक्षा ८ वाली , एलवल वाली , ... कमरे में आयी , बस वो कुछ बोलती उसके पहले मैंने बोल दिया , " सबसे पहले इनकी चेक करो ,... " " अरे इसकी बिल में तो ननदोई का नहीं मेरे देवर की मलाई मिलेगी ,... उन्ही का माल है ये " उसे चिढ़ाते हुए मेरी जेठानी चालू हो गयीं और उसे पकड़ के मेरी बगल में बैठा दिया। लेकिन तबतक मंझली ननद और दुलारी आ गयीं और ननदों का पलड़ा थोड़ा बराबर हो गया , " अरे कउनो जरुरी है साली हो , सलहज भी तो हो सकती है , हमर कुल भौजाई मायके की छिनार हैं , " " अरे काहें जर रही हो , सलहज का तो साली से पहले हक़ है नन्दोई पर , लेकिन ,... " पर उनकी बात काटती मंझली ननद ने मुझे लपेटने की कोशिश की , " क्यों आपकी कहीं ये नई वाली सलहज तो नहीं , नया नया माल देखकर ,... " " एकदम नहीं ", मैंने बात काटी , ... " मैं रात भर इनके साले के साथ , और सुबह सुबह गुड्डी और गुड्डो दोनों कमरे में , चाहे तो पूछ लीजिये " नन्दोई जी अब सरक कर मौके का फायदा उठाकर एकदम मेरे बगल में सट कर बैठ गए थे , और उनका हाथ मेरे कंधे पर ,... लेकिन मैंने हाथ नहीं हटाया , उनका। इस छेड़छाड़ में मुझे भी मजा आ रहा था , " ठीक है लेकिन ज्यादा दिन बचोगी नहीं ," मेरी मुस्कराहट ने हामी भरी , और जवाब मेरी ओर से जेठानी जी ने दिया , " अरे जिसने स्साले की बहन को नहीं छोड़ा , वो उसकी बीबी को , ... यही कहेंगी न आप लेकिन यहाँ कोई डरने वाला नहीं है। " " चलो अभी तो कल हम लोगों को जाना है लेकिन होली अब तीन महीने बची है , होली में बचोगी नहीं। " " लेकिन दीदी आप होली में आयेगा जरूर और नन्दोई जी को भी , ये मत कहियेगा की वहां के देवरो को याद आ रही है , ... " मैंने बोला तो ननद जी से लेकिन निगाह मेरी नन्दोई जी की ओर थी और हामी उन्होंने जोर से भरी , और बोला भी , " आऊंगा भी और डालूंगा भी , मना करोगी तो भी डालूंगा , पूरा , " " मुझे मालूम है , ऐसे मना करने पर मानने वाले नन्दोई नहीं हैं आप , और अगर मना करने पर मान गए न तो सचमुच में सलहज से कुट्टी हो जायेगी और वो भी पक्की वाली " मैंने भी इसरार करते हुए नन्दोई जी की ओर देखते हुए बोला। " सोच लो , बुला तो रही हो , लेकिन इनकी पिचकारी ,... उस समय डर मत जाना । " मंझली ननद भी मजा ले रही थीं। " एकदम नहीं दीदी , बस आप का आइये तो होली में ,... अच्छा मौका रहेगा , चलिए अदला बदली कर लेंगे , आप के सैंया हमारे साथ , मेरे सैंया आप के साथ , बोलिये मंजूर। " मैंने छेड़ा उन्हें। एक पल के बाद चमकी उनकी , " बड़ी चालाक , मेरे भइया को मेरे ऊपर चढ़ाने पर तुली हो , ... तेरे मायके में होता होगा ऐसा। " वो चमक कर बोलीं। लेकिन मेरी जेठानियाँ थी न जवाब देने को , एक बोली " अरी बिन्नो , किससे छिपा रही हो बचपन में लुका छिपी खेलने के बहाने , खूब पकड़वाया भी होगा और पकड़ा भी होगा। " अब मुझे भी ससुराल में आये तीन दिन हो गए थे और मैं भी खुल के मजाक , छेड़छाड़ में हिस्सा लेने लगी थी , मैं अपनी मंझली ननद से बोली " अरे दीदी एक बार ट्राई कर के देख लीजिये न , अब बचपन वाली बात नहीं है , अरे होली में तो ,... फिर देखिये मैंने आपके सैंया के साथ मना नहीं किया , अब आप ही डर रही हैं , आप सोचिये न मैं तो अपने ननदोई के साथ मजे करुँगी , आप के भइया का ही उपवास हो जाएगा , वो भी होली के दिन , " " नहीं नहीं तुम्ही दोनों रखो , आगे से अपने सैयाँ को पीछे से मेरे सैंया को ,... अरे होली है , मेरी छोटी भाभी हो , एक साथ दोनों ओर का मजा ले लेना। " मंझली ननद भी अब मूड में थी , लेकिन नन्दोई जी जो अब तक हम लोगों की छेड़छाड़ का मजा ले रहे थे , उन्होंने भी मुंह खोल दिया। बड़े भोले बन कर बोले , " मुझे कोई ऐतराज नहीं , मैं पीछे वाले से ही काम चला लूंगा , ... मैं छेद छेद में भेद नहीं करता। " अब मैंने पाला पलट दिया , नन्दोई जी को छेड़ने में सारी ननदें , सलहजें एक साथ हो जाती थी तो मैं क्यों मौका छोड़ती , बोली " सच में नन्दोई जी हमारे बहुत सीधे हैं , एकदम भेदभाव नहीं करते , न अपने साले की बहन में और अपनी बहन में , न मेरी ननद में न मेरी ननद की ननदों में , है न , क्यों दीदी। " मैं अपनी मंझली ननद से हुंकारी से भरवा रही थी और वो भी ख़ुशी ख़ुशी अपनी ननदों की खिंचाई में मेरे साथ आ गयीं। " एकदम सही कह रही है तू , ... देखा हमारी दो दिन पहले आयी भौजाई को भी आपके सब लक्षण पता चल गए। " खिलखिलाते हुए बोलीं। तबतक नाश्ता लग गया और सब लोग बाहर , हां मेरा नाश्ता रोज की तरह गुड्डो कमरे में ले आयी।
30-09-2019, 09:26 AM
गुड्डो - अनुज
अगले दिन तक घर आलमोस्ट खाली हो गया , सब लोग चले गए . गुड्डो को छोड़कर। अनुज मेरे पीछे पड़ा था , भाभी कुछ कर के बस हफ्ते भर , ... हफ्ते भर तो वो नहीं रुकी लेकिन मैंने जिद कर के पांच दिन उसे रोक लिया। मन तो गुड्डो रानी का भी कर रहा था। और पांच दिन में कोई दिन नागा नहीं गया। और उसमें भी मेरा हाथ था , अनुज जिस तरह कहता था , भाभी कुछ जुगाड़ करवा दो , और मैं भी , ... आखिर इस शहर में तो वही मेरा देवर था , ... और मेरी निगाह उसकी छुटकी बहिनिया पर भी थी , गुड्डी रानी पर। बस अनुज को मैंने समझा दिया , अगर रोज रोज अकेले आने में मुश्किल है तो गुड्डी के साथ आओ न , ... एक दिन तो हद हो गयी . गुड्डी अपनी दो सहेलियों के साथ आ गयी , अनुज भी बहाना बना के अपनी बहना के साथ , एस्कॉर्ट ड्यूटी पर ,... मैं गुड्डी की दोनों सहेलियों के साथ लूडो खेलने बैठ गयी , और अनुज को हड़काकर भगा दिया , " कहाँ हरदम लड़कियों में घुसे रहते हो ". गुड्डो तो खेल में थी नहीं , बस देख रही थी , उसे भी , ... " गुड्डो यार इस जाड़े में ज़रा गरम गरम पकौड़ियाँ हो जाएँ " बस वो भी मुंह बनाकर चली गयी , घंटे भर के बाद लौटी , और मैं समझ गयी , मौके का फायदा मेरे देवर ने भी उठाया और गुड्डो रानी ने भी। और मेरी भी गुड्डी से दोस्ती अच्छी हो गयी और साथ में खुल कर छेड़छाड़ भी ,
01-10-2019, 03:29 PM
komal ji hamesha ki tarah ek aur lajawab kahani chal rahi hai.......
eagerly waiting for more....... |
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