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08-09-2019, 08:35 AM
(This post was last modified: 08-09-2019, 08:43 PM by Black Horse. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
(07-09-2019, 06:56 PM)komaalrani Wrote: अब इससे ज्यादा क्या लिखेंगे आप ,
मेरी ऐसी कलम घसीट मार्का राइटर के लिए जिसके थ्रेड्स पर वैसे भी , कमेंट्स करने वाले बिरले होते हैं , आप ऐसे रससिद्ध पाठक की उपस्थिति ही मुझे कृतार्थ करने के लिए काफी है ,
बस आते रहिये , ;)
कलम घसीट मार्का राइटर , तो सब होते हैं पर शब्दों का सही इस्तेमाल आप से अच्छा कम लोग ही कर पाते हैं।
रससिद्ध पाठक, धन्यवाद इस ओहदे से नवाजने के लिए
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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Komal ji kay kahe aur kya na kahe aisi halat kar di hai aapne apaki kahani pe hum kuch comments kare aisi halat to hamari nahi bas yahi kaheta hu yeh kahani padh akr hamari halat kharab ho jati hai aisi hot sexy kahani aru saht me yeh picture to kaher barpate ahi
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Bhaiya help how I can attach gif pics/images in story
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Waiting for next update Komal ji
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(07-09-2019, 10:31 AM)m8cool9 Wrote: Komal ji aap Kamal hai
Please keep posting
Thanks so much , next post soon
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(08-09-2019, 01:49 PM)anwar.shaikh Wrote: Komal ji kay kahe aur kya na kahe aisi halat kar di hai aapne apaki kahani pe hum kuch comments kare aisi halat to hamari nahi bas yahi kaheta hu yeh kahani padh akr hamari halat kharab ho jati hai aisi hot sexy kahani aru saht me yeh picture to kaher barpate ahi
bas saath baanaye rkahiye ....padh kar ...aur kahani ke bare men acchi achci baten kah kar ....
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(11-09-2019, 08:20 AM)komaalrani Wrote: Thanks so much , next post soon
Waiting.......
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(09-09-2019, 03:21 PM)kill_l Wrote: superb..... maza aa gaya
thanks so much
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गुड्डो
और बाहर मेरे देवर ने तुझे दबोच लिया , है न। हँसते हुए मैं बोली।
" एकदम , बहुत बेसबरा है वो " गुड्डो भी हँसते हुए बोली।
मैं उससे क्या बताती , इस घर का हर मर्द बेसबरा है , ये क्या कम ,...
लेकिन मैं फास्ट फारवर्ड करना चाहती थी और गुड्डो अनुज के साथ वाली बात पर वापस आ गयी।
" वो लड़का , सब कुछ अच्छा है , लेकिन बहुत बेसबरा है। "
गुड्डो मुस्कराते हुए बोली।
मैं उससे क्या कहूं सारे लड़के बेसबरे होते हैं। ;
लेकिन गुड्डो को छेड़ते उसके छोटे छोटे चूजों को उसकी कुर्ती के ऊपर से मसलते
मैं बोली ,
" अरे यार लड़कों की नहीं , तेरे इन चूजों का कमाल है "
" सच में वही बरामदे में अनुज ने मेरी कुर्ती के अंदर , ब्रा तो दुलारी ने पहले ही उतार कर कहीं फेंक दी थी , बस वो वहीँ मसलने रगड़ने लगा , ...
लेकिन है वो बड़ा चालाक , मुझे हाथ पकड़ के अँधेरे में एकदम घर के पीछे , वहीँ एक कमरे में जो किराए के गद्दे रजाई आये थे ,...
पता नहीं कहाँ से उसने उस कमरे की ताली का जुगाड़ कर लिया था और अँधेरे में ताला खोलकर , हम दोनों ,..
और वहीँ पड़े गद्दों पर लिटाकर ,... "
" चढ़ गया तेरे ऊपर ,... "
मैंने चिढ़ाया।
" नहीं , नहीं , मैंने लाख मना किया , पर वो कहाँ मानने वाला , मेरी कुर्ती और शलवार दोनों उतरवा के माना।
मैं क्यों छोड़ती मैंने भी खिंच कर उसकी टी शर्ट और शार्ट उतार दी। खूब मस्ती की उसने , मन भर , .. मुझसे वहां पकड़वाया और ,... "
मैंने कस कस के गुड्डो के चूजे उसकी कुर्ती के ऊपर से रगड़ दिए और बोलीं ,
" दुलारी मंझली ननद के क्लास का असर नहीं हुआ तेरे ऊपर लगता है , मुझे भी तेरी रगड़ाई करनी पड़ेगी , बोल न खुल कर के , ...
गुड्डो जोर से खिलखिलाई , ... बोली
आप भी अपने देवर की तरह , ... उसे भी जबतक मैं खुल के बोलूं नहीं , वो जान ले लेगा मेरी , पर बुलवा के रहेगा ,
एकदम सही करता है मैंने सोचा और गुड्डो को छेड़ा
तो बोल न क्या पकड़ा , कैसा है पकड़ने में , ... तू भी न पकड़ने में लाज नहीं , घोंटने में लाज नहीं और नाम लेने में लाज लग रही है तुझे , ...
मेरे ऊपर भी दुलारी का असर हो रहा था।
अब वो हाईकॉलेज वाली खुल के बोलने लगी , बताया उसने , तीन बजा था और जाड़े में सात के पहले तो कोई , इसलिए न उसे जल्दी थी न मेरे देवर को , दूसरे दुलारी ने उसकी बिलिया में इतनी बार रगड़ रगड़ के ऊँगली की थी , अंगूठे से क्लिट मसला था ,
पर पांच छह बार , झड़ने के करीब ले जाकर रोक देती थी , इसलिए वो भी बहुत गर्मायी थी।
जब अनुज ने उसे उकसाया तो उसने खुल के बोल दिया ,
अपने यार का लंड पकड़ी हूँ।
कैसा है , मैं अपने देवर के बारे में जानने की उत्सुकता रोक नहीं पायी।
" मस्त , खूब मोटा कड़ा , नापा थोड़ी मैंने , लेकिन छह इंच से ज्यादा ही होगा , पकड़ने में ही मेरी गिनगीना गयी। "
गुड्डो ने कबूला फिर बोली की , आपके देवर मेरे चूजों के
और एक हाथ कस के पड़ा मेरा उस टीनेजर के चूतड़ पे , ... और उसने सही किया अपने को
"मेरी चूँची के , एकदम देख के ही बस मन करे तो , कभी चूसते हैं तो कभी कचकचा के काट लेते हैं , और मसलना रगड़ना , लेकिन मेरी भी हालत बहुत खराब हो जाती है। "
गुड्डो की बात सुन के मुझे गुड्डी की याद आ रही थी।
सच में लड़कों को कच्ची अमिया का स्वाद भी ,...
वो भी तो ,..
इस समय वो टिकोरे वाली उन के गोद में बैठी होगी , छोटे छोटे टिकोरे तो आ गए हैं न मेरी गुड्डी रानी को पर , ...
दूसरा कोई होता न तो ये मौका कभी नहीं छोड़ता , ... पर ये भी न इतने सीधे हैं , सच्ची एकदम बुद्धू , ...
पर मैं हूँ न कर दूंगी इनके इस सीधेपन का इलाज , ...
जिस तरह से ये देख रहे थे अपनी ममेरी बहन के नए आते छोटे छोटे टिकोरों को साफ़ लग रहा था मन तो उनका कर रहा है , ...
और जो मेरे साजन का मन , वो मेरा मन ,
लेकिन मैंने गुड्डो से अगली बात पूछी , सिर्फ तेरी चूँची ही रगड़ मसल रहा था या , ...
और मेरी बात काट के गुड्डो बोली ,
आप के देवर इत्ते सीधे नहीं हैं , पूरा तिहरा हमला , ... होंठ से कभी गाल तो कभी मेरे जोबन , एक हाथ तो उनका मेरी चूँची रगड़ता ही रहता है , और दूसरा नीचे , मेरी चूत ,...
जैसे मैं लंड उनका मुठिया रही थी ,
वो भी मेरी चूत की दोनों फांके पकड़ के रगड़ रगड़ के ,
एकदम जैसे आपकी मंझली ननद कर रही थी , मैं वैसे ही उन आपकी मंझली ननद और दुलारी के चक्कर में इतनी गरमाई थी ,
और उधर अनुज भी ,
तो तूने बोला मेरे देवर से , मैंने गुड्डो से पूछा ,
" सच में बहुत बदमाश है वो जब मैं तक कम से तीन बार एकदम खुल के नहीं बोल देती , अनुज चोद न , चोद दे मेरी चूत , बहुत मन कर रहा है , चोद न। तब तक वो ऐसे ही , ...
मेरी तो , आग लगी थी एकदम , दुलारी सच में बहुत गन्दी है , कभी अपनी हथेली मेरी चूत पर रगड़ती तो कभी खुद मुझसे मेरी हथेली पकड़ के चूत पर रगड़वाती थी , साथ में गालियां एक से एक , ...
मेरी हालत एकदम खराब थी , ऊपर से आपके देवर भी न , जब मैंने तीन बार बोला तभी ,
तभी मुझे कुछ याद आया , मैंने पूछा
" चुसवाया की नहीं " मैंने पूछ लिया।
" नहीं , हाँ ,...
असल में मैंने ही , होठों से उसका सुपाड़ा थोड़ा सा जस्ट किस कर लिया , ...
दोनों होंठ खोल के , बस पकड़ के ठेल दिया , असल में कल वो दुलारी और ,... वो बात कर रही थीं चूसने चुसवाने की तभी से मेरा ,भी ...
पर उसने तो ऑलमोस्ट आधा , मैं लाख सर पटकने लगी , पर वो नहीं माना , चुसवा के ही ,... "
गुड्डो धीमे धीमे बोली।
" एक बात समझ ले , ... जब एक बार कोई लड़का घुसा लेता है न , तो , वो मानने वाला है नहीं , बिना पूरा पेले ,.... चाहे कोई भी छेद क्यों न हो। " मैंने प्यार से हाईकॉलेज वाली को समझाया।
गुड्डो ने फिर फ़ास्ट फारवर्ड की बात , वहीँ गद्दे पर कुछ देर चुसवाने के बाद , अनुज उसके ऊपर ,... जितनी मसनद तकिया दिखीं चूतड़ों के नीचे लगा कर ,
लेकिन मैं फ़ास्ट फारवर्ड नहीं चाहती थी , मैं चाहती थी , ये बनारस वाली किशोरी जितना चुदवाने की बात खुल के , खोल के बताएगी , उतनी ही उसकी झिझक ख़तम होगी और खुद ही वो , टाँगे फैला कर , ...
मैंने उसे टोक दिया ,
" हे कित्ते देर तक पेला तेरे यार ने , ... कब तक ,... "
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मेरा देवर और गुड्डो
" हे कित्ते देर तक पेला तेरे यार ने , ... कब तक ,... "
वो जोर से मुस्करायी , फिर खिलखिलाई और बोली ,
" आपके देवर , एक बार शुरू होने पर , ...
इतनी जल्दी छोड़ने वाला थोड़े ही है , तीन बजे उसने दबोचा था और छह बजे मुश्किल से छुड़ा के मैं वापस जा पायी। "
गुड्डो ने कबूला।
मैंने कस के एक हाथ उसके पिछवाड़े रसीद किया और बोली ,
" नालायक , चुदवाया तीन घण्टे और बात तीन मिनट में ख़तम करती हो , बताओ न डिटेल में ,... "
सच में मैं अपने देवर की ताकत जानना चाहती थी , तलवार के बारे में भी और तलवार बजी के बारे में भी , मेरे गाँव में तो शायद ही कोई भौजाई होगी जिसे गाँव के हर देवर के खूंटे की लम्बाई मोटाई और ताकत की हाल न मालूम हो ,
यहाँ तक की जिनका फनफनाता भी नहीं था अभी , ..
. भौजाइ होली में उनके भी नेकर में हाथ डाल के सुपाड़ा खोल के पहले तो दस बीस बार मुठियाती थीं , फिर चार पांच कोट रंग की पोत के कहती थीं , जा के अपनी बहिनी से चुसवा के छुड़वा , ...
और होली कौन दूर थी , ...
फिर देवर भाभी का फागुन तो साल भर चलता था ,
और यही एक मेरा देवर था जो मेरी ससुराल के शहर में रहता था ,
और फिर गुड्डो रानी ने रस ले ले कर , हाल खुलासा बयान किया।
अनुज भले ही अभी किशोर था , लेकिन था एकदम पक्का खिलाड़ी , ...
पहले उसने गुड्डो को खूब गरम किया , चूम के , चूस के , उसकी नयी कच्ची सहेली को चाट चाट के ,
बेचारी गुड्डो वैसे ही चुदवासी हो रही थी , जिस तरह से दुलारी ने उसे रगड़ा था , उससे एक से एक गन्दी गंदी गालियां दिलवायीं , उसकी ऊँगली की थी , ... पर झड़ने नहीं दिया , ...
वो सिसक रही थी , चूतड़ पटक रही थी ,
अनुज का खूंटा एकदम खड़ा था ,
उसने गुड्डो को पकड़ाया भी उसकी गुलाबो पर रगड़ा भी लेकिन पेल नहीं रहा था।
गुड्डो ने बोला ,
" मेरी दोनों टाँगे उठा के अपने कंधे पर उसने रख लिया था , उसका मोटा खूंटा मेरी बिल पर देर तक रगड़ रगड़ , ... \\मुझे लग रहा था की वो अब डालेगा , अब डालेगा ,
अंत में मुझे ही बोलना ही पड़ा ,
अनुज यार डाल न ,
लेकिन वो आपका देवर बदमाश , उसने मुझे पूछा ,
क्या डालूं।
मैं जान रही थी ये क्या सुनना चाहता है तो मैं बोल दी ,
अपना मोटा लंड , ... डाल दो न ,
लेकिन जोर से मेरे निप्स काट के वो बदमाश फिर बोला , बोल न कहाँ डालूं , तेरी गांड में तेरे मुंह में , साफ़ साफ बोल।
और मुझे कहना पड़ा , \
मेरी चूत में , ...
यही नहीं उसने मुझसे तीन तिरबाचा भरवाया , वो जहाँ कहेगा , कब कहेगा , .. मैं उससे चुदवाने के लिए तैयार रहूंगी ,
सबके सामने भी अगर वो मेरे गाल पे , .. मेरे जोबन पे , ... तो मैं उचकूंगी नहीं बल्कि उससे और , ...
और जब मैंने जोर जोर से बोला ,
हाँ हाँ तुम जहाँ कहोगे , जब कहोगे , जैसे कहोगे , वैसे चुदवाउंगी।
यही नहीं उसने मुझे दिखा के अपने मोबाइल पे जो मैं कह रही थी सब रिकार्ड भी किया ,
मैं सोच रही थी दो दिन पहले ये हाईकॉलेज वाली , दुलारी मुझे मेरी चूत का हाल पूछ रही थी तो चूत लंड का नाम सुन के भिनक गयी और अब खुल के , ... लेकिन एकबार अगर लड़की चुद गयी न फिर तो व्वो खुद ,... मैं बात गुड्डो से कर रही थी ,
लेकिन मेरी दिमाग उस कच्ची अमिया वाली , दर्जा आठ वाली गुड्डी की तस्वीर चल रही थी , ...
एक दिन वो भी इसी तरह ,
" तो एक बार में ठेल दिया पूरा मेरे देवर ने , ... "
मैंने बात आगे बढ़ाई , पर गुड्डो बोली ,
" नहीं , बहोत बदमाश है , वो समझ गया था की मेरा बहोत मन कर रहा है , तो बस एक दो धक्के जोर से लगाया , और सुपाड़ा अंदर ,
उसके बाद रुक गया , कभी मेरी चूँची मसलता , कभी होंठ चूसता , कभी अपनी ऊँगली से मेरी क्लिट ,
मैं बार बार अपने चूतड़ उचका रही थी , पर ,... जब अमीने उससे दस बार कहा होगा , चोदो न , चोद यार , डाल पूरा , ... तो ,... लेकिन क्या चोदता है वो , ... मुझे दोहरा कर के जैसे कोई धुनिया रुई धुनें , ... तूफ़ान मेल मात , खूब कस के , हचक हचक के , ... सच्च में जब वो चोदने पर आ जाता है न , एक्दम चुदाई का भूत ,...
"कितनी देर तक तूफ़ान मेल चलाई उसने ",... हंस के मैंने पूछा।
' कम से कम सात आठ मिनट तक " गुड्डो ने साफ साफ़ बताया ,
लेकिन मेरा मुंह उतर गया , मेरे मुंह से निकल गया ,
" तो ,... तो सात आठ मिनट में झड़ गया वो , ... "
गुड्डो जोर से हंसी ,
" आप अपने देवर को जानती नहीं है , ... सात आठ मिनट में उसका कुछ नहीं होनेवाला , ...
अरे सात आठ मिनट में मैं थेथर हो गयी लेकिन वो बदमाश , एक धक्के में , उसने एक बार में पूरा ठेल दिया।
मेरी फट रही थी परपरा रही थी। जड़ तक एकदम वो ठेले हुए , ... और रुक गया।
मैंने थोड़ी चैन की सांस ली। मुझे लगा अब कुछ मैं आराम , ... कुछ देर तक वो मुझे चूमता रहा , मेरे उभार कस कस के चूसता रहा
फिर अंदर पूरे घुसे हुए लंड के बेस से मेरी क्लिट को रगड़ रगड़ के ,... कुछ देर तक तो हलके हलके ,
फिर बिना ज़रा भी निकाले , पूरा लंड घुसाए , मेरी चूत पर अपने लंड के बेस से , ...
जैसे दुलारी मेरी चूत पर हथेली रगड़ रही थी न उससे भी ज्यादा मेरी हालत ख़राब ,... मैं सिसक रही थी चूतड़ पटक रही थी ,
बार बार उससे कह रही थी तो वो फिर , आपका देवर न , ...
बुलवा के रहा मुझे
अनुज चोद न मुझे चोद , मैं तेरी हूँ यार जब चाहे तब चोदना मुझे बहोत चुदवासी हूँ मैं , ...
और अबकी मेरे मोबाइल पर भी उसने रिकार्ड करवाया , उसके बाद तो क्या , ... एकदम भुरकुस बना दिया मेरा आधे घंटे तक बिना रुके , ...और तब कहीं जा के झड़ा आपका देवर , उससे पहले मैं तीन बार डिस्चार्ज हो चुकी थी , ... एकदम पागल है वो लड़का। "
एकदम मान गयी मैं अपने देवर को।
एकदम सही किया , इस उमर की , कमसिन उमर वाली टीनेजर्स लड़कों को सिर्फ ललचाती हैं , मन खुद खूब करता है , अब जब एक बार दोनों के मोबाइल में रिकार्ड हो गया , तो गुड्डो रानी लाख , ...
और ऐसी चुदाई के बाद वो खुद मंडराएगी उसके आस पास।
और फिर आधे घंटे , ... इस उम्र में ये हालत है तो ,...
और झड़ने बाद भी अनुज ने उसे उठने नहीं दिया , देर तक अपने नीचे अपनी गोद में ,
"सिर्फ एक बार ,... " मैंने गुड्डो से पूछा।
पहले तो वो थोड़ा लजायी शर्मायी , फिर हलके से उलटे मुझे चिढ़ाते बोली
" आपके देवर इतने सीधे हैं क्या ?"
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निहुराकर
"सिर्फ एक बार ,... " मैंने गुड्डो से पूछा।
पहले तो वो थोड़ा लजायी शर्मायी , फिर हलके से उलटे मुझे चिढ़ाते बोली
" आपके देवर इतने सीधे हैं क्या ?"
मेरे बिना बोले उसने बताया ,
वो अनुज की गोद उठ रही थी की अनुज ने उसे धक्का देकर , वहीँ गद्दे के ऊपर निहुराकर , कुतिया बना के , पीछे से ,..
और अबकी पहली बार से भी ज्यादा ताकत से वो धक्के मार रहा था ,
और ज्यादा देर तक भी ,
मुझसे ज्यादा कौन जानता था , 'डॉगी पोज़ ' के दर्द और मज़े ,
हर धक्के में एक एक चूल ढीली हो जाती है , हर धक्का सीधे बच्चेदानी पर लगता है , ...
और ये तो कल की बछेड़ी , ... मुझसे नहीं रहा गया , और मैंने पूछ ही लिया ,
" हे बहुत दर्द तो नहीं हुआ ."
उसने बहुत बुरा सा मुंह बनाया ,
" सब गलती आप की है , आप ने ही अपने देवर से मेरा टांका भिड़वाया , ... दर्द ,...दर्द के मारे हालत खराब थी , ...
पर आपके देवर जी न , ... जो कहते हैं न जबरा मारे रोवे न देब , बस ,... मैं ज़रा सा चीखी ,
उसने मेरा मुंह बंद कर दिया और साफ़ साफ़ मेरे कान में बोला
" अगर तू जरा भी चीखी न , तो बस मैं ,... बस मैं बाहर निकाल लूंगा , ... समझ ले "
" निकाल लेने देती , तुझे क्या ,... इतना दर्द हो रहा था तुझे तो आराम ही मिला जाता " गुड्डो को मैंने छेड़ा।
वो जोर से खिलखलायी , और मेरी नाक पकड़ के बोली ,
" आप देवर भाभी दोनों ही न ,... आप भी जानती हैं , ... वो आपका देवर भी जानता था ,... मेरा कितना मन कर रहा था उस समय ,...
पहले तो उसने चूँची रगड़ रगड़ ,रगड़ रगड़ के चूत के इतनी कस के आग लगायी थी , मैं कुछ भी हो जाता , उसे जाने नहीं देती , ...
बस , मैं सारा दर्द पी गयी , ...
और दर्द उसके धक्कों से ही नहीं हो रहा था , वो स्साला आपका देवर इतने कस कस जोबन मसल रहा था , ... "
उसकी बात काटते और कुर्ती के ऊपर से चूजों को रगड़ते मीजते मैं बोली
" सही तो कर रहा था , मेरा देवर। अरे तभी तो देखना , देखते देखते तेरी चोली छोटी हो जाएगी , ३० से ३२ , फिर ३२ से ३४ की ,... अरे यार ये जोबन आते ही लौंडो के लिए हैं , उभार उभार के उन्हें ललचाओ और मौका पा के दबवाओ मिजवाओ। लेकिन आगे क्या हुआ ये तो बताओ। "
" मेरे दोनों उभार उसके दोनों हाथों में , मैं गद्दे पकड़ के झुकी और वो कस कस के पेल रहा था , लेकिन भी न ,.. थोड़ी देर बाद हिम्मत कर के मैं भी हलके हलके उसके धक्के का जवाब धक्के से , ...
फिर तो जैसे कोई आग में घी डाले , पूरा का पूरा वो हर बार निकालता , हर बार फिर से पूरा पेल देता ,...
इत्ते जोर जोर के धक्के लग रहे थे , मैं सिसक रही थी , दर्द कितना भी हो चीख नहीं सकती थी , ... उसने मना जो किया था "
गुड्डो बोली
मैंने सोचा , अनुज ने एकदम सही किया , शादी का घर , चलो इन दोनों को एक खाली कमरा सामान वाला मिल गया ,
पर जरा भी चीख निकलती तो कोई कहीं सुन लेता तो फिर मुसीबत हो जाती ,
फिर गुड्डो रानी ने सीख भी लिया , चुदाई का मजा लेना है तो लड़के की बात माननी पड़ेगी।
" झड़ने के बाद भी उसने वैसे ही निहुरा के रखा ,
बड़ी मुश्किल से मैं उसका हाथ पकड़ के सीधी हुयी , फिर कुर्ती शलवार पहन के , ... उसका मन तो छोड़ने का नहीं कर रहा था पर मैंने ही समझाया , छह बजने वाले है ,... फिर मैं कहाँ भागी जा रही हूँ , फिर मौका निकाल के , ... तब छोड़ा।
पहले वो बाहर जाके उसने देखा कोई नहीं था , कोहरा भी खूब था , ...
फिर उसने इशारा किया तो मैं निकल के सीधे ,... " गुड्डो बोली।
गुड्डो तीन बजे उस कमरे में गयी थी , छह बजे वो लौटी , गनीमत था सभी लोग अभी सो रहे थे ,
एक तो जाड़े की रात , सात साढ़े तक सबेरा नहीं होता , फिर भौजाइयों और कच्ची कली ननदों की कबड्डी ढाई तीन बजे रात तक चली , दोनों थक कर , मजे से चूर गाढ़ी नींद में , ... सब घोड़े बेच कर सो रहे थे।
और वो दुलारी और मंझली ननद के बीच घुस कर सो गयी।
तबतक मैंने घडी देखी , हम दोनों के कमरे से बाहर निकले १५ मिनट हो रहे थे , गुड्डो के गोरे गोरे गाल मसलते , मैं चिढ़ाते बोली ,
" ऐसे चुदक्कड़ भैया की बहिनी , ... "
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" ऐसे चुदक्कड़ भैया की बहिनी , ... "
तबतक मैंने घडी देखी , हम दोनों के कमरे से बाहर निकले १५ मिनट हो रहे थे , गुड्डो के गोरे गोरे गाल मसलते , मैं चिढ़ाते बोली ,
" ऐसे चुदक्कड़ भैया की बहिनी , ... "
" ... नंबरी चुदवासी , पक्की छिनार , लंडखोर " ....
हँसते हुए गुड्डो ने मेरी बात पूरी की और जोड़ा ,
" तभी तो सुबह सुबह उसे ले आयी , आप के पास , की आप ही कुछ उस का भला सुबह सुबह करवाएंगी। "
" अरे तभी तो उसे , उसके भइया के खूंटे पे बैठा दिया , ... अच्छा ये बोल , गुड्डो , मेरे एलवल वाले देवर की बहिनिया ,
गुड्डी रानी पहले तो अपने भइया के खूंटे पे बैठेंगी फिर ,... "
" फिर हम लोगों के भैया के , एक खूंटे से बंध के रहने वाली थोड़ी है हैं आपकी छुटकी ननदिया , ... "
गुड्डो ने मेरे मन की बात कह दी , लेकिन मैंने शक जताया
" वो तो कहती है मैं अभी बहुत छोटी ,... "
मेरी बात काट के गुड्डो बोली ,
" अरे उसका मतलब है , छोटा , २८ नंबर का , ...
तो अपने भइया से दबवा मिजवा के बड़ा करवा ले , ... और अंदर तक डलवा के चौड़ा करवा ले , ... न आप मना करेंगी , न मैं। "
गुड्डो एकदम रंग में थी , रात बाहर दुलारी और मंझली ननद ने रगड़ के फिर सुबह मेरे देवर ने दो राउंड , ...
" तो चल देखते हैं , गुड्डी रानी की हालत, कैसे २८ नंबर वाले टिकोरे अपने दबवा मिजवा रही हैं , "
मैं बोली और मैं और गुड्डो दोनों दबे पाँव कमरे के बाहर ,
जहाँ पंद्रह मिनट पहले मैंने अपनी छुटकी ननद,
वही दर्जा ८ वाली कच्ची अमिया वाली को इनकी गोद में बैठा दिया था और बाहर से कुण्डी बंद कर दी थी ,
दरवाजा बंद जरूर था था लेकिन उसकी फांक से साफ़ दिख रहा था ,
जस की तस ,
मेरी छुटकी ननदिया वैसे ही ही अपने भैया के खड़े खूंटे पर बैठी , मुस्कराती , खिलखिलाती ,...
मान गयी मैं स्साली पैदायशी छिनार है , ...
उठ कर जा सकती थी, बगल में बैठ सकती थी , लेकिन ,
पिछवाड़े मोटा बांस धंस रहा होगा , ... पर वैसे जैसे मैंने बैठाया था जबरन , उसे उसके भइया के मोटे मूसल पर , उसी तरह बैठी ,
स्कर्ट उसकी थोड़ी तुड़ मुड़ कर ऊपर सरक गयी थी , चिकनी गोरी मांसल जाँघे साफ़ साफ उस कच्ची अमिया की दिख रही थीं ,
ये भी न एकदम बुद्धू ,
दूसरा कोई होता तो एक हाथ उस मखमली संदली जाँघों पर जरूर रख देता फिर सरक के सीधे , स्कर्ट के अंदर बुलबुल के पास ,...
पर गुड्डो भी न ,
एकदम तेज थी आँख उसकी और उसे मेरी मन की बात बिना बताये मालूम पड़ जाती थी ,
उसने कुहनी मारी मुझे और इशारा किया , इनके हाथों की ओर ,... मैंने ध्यान से देखा , और मुस्करा पड़ी ,
जब मैंने जबरन गुड्डी को इनकी गोद में बिठाया था , तो भाई बहन दोनों उछल रहे थे चिंचिया रहे थे ,
किसी तरह मैंने जबरदस्ती उनका हाथ उस लौंडिया के नए नए आ रहे उभार के बेस पर रखा , उन्हें पकड़वाया ,...
वो छोड़ भी तो सकते थे , पर नहीं
जैसे उनकी बहिनिया सिंहासन से नहीं उठी , उसी तरह उनके हाथ भी , ... और जो गुड्डो ने इशारा किया था ,
अब वो उनकी बहिनिया के जुबना के बेस पर नहीं थे , ... सीधे ऊपर , ... हाँ बस निचले हिस्से पर ,
वो दबा मसल रगड़ नहीं रहे थे ( जो मैं चाहती थी ) पर जब मैंने ध्यान से देखा ,
हलके हलके डरते सहमते , बस छू रहे थे , सहला रहे थे ,... और उनके हाथों से ज्यादा गुड्डी के चेहरे से पता चल रहा था ,
जैसे किसी नयी लौंडिया का उभार पहली बार दबाया जाय , रगड़ा जाय और उसे जैसे लगे ,
मन करे , मना भी न कर पाए , और घबड़ा भी हो हल्की , हलकी
एकदम वही भाव उस एलवल वाली के चेहरे पर था , और उससे भी बड़ी बात , उसके कच्ची मटर जैसे निपल ,
टनाटन
गुड्डो ने कुण्डी हलके से खोल दी ,
और गुड्डी रानी अभी भी अपने भइया के सिंहासन पर बैठीं थीं ,
अब कोई कमरे में आता तो कमरा बाहर से खुला पाता और गुड्डी की इस बात को कोई नहीं मानता की हम लोगों ने
हम दोनों , मैं और गुड्डो , उन दोनों को उसी हालत में छोड़कर दबे पांव सीढ़ी से नीचे ,
लेकिन मैं सोच रही थी , मेरे ये न एकदम पक्के बुद्धूराम है , कुछ ज्यादा ही सीधे ,
दूसरा कोई होता , इस तरह का माल गोद में बैठा होता तो , ...
पर जिस तरह हलके हलके डरे सहमे उन कच्चे टिकोरों को छू रहे थे , ..साफ़ था मन तो कर रहा था बिचारे का , पर बस , ...
और ये भी साफ़ था , अगर वो खोल के भी दे देती न मेरी ननद ,... तो इससे ज्यादा इनके बस का नहीं था , ...
कुछ ज्यादा ही सीधे थे ये , ...
पर मैंने सोच लिया ,
होंगे ये बुद्धूराम ,...
पर मैं अब आ गयी हूँ न , ... अब बस ,... इस एलवल वाली कच्ची कली का निवान उन्ही से करवाउंगी , वो भी जल्दी , वरना ये कही किसी और के आगे अपनी टांग फैला दे ,...
सीढी से उतरते हुए गुड्डो ने एक और राज की बात बताई ,
सुबह छह बजे वो अनुज के पास से जब वो लौट रही थी , तो उसने एक कमरे से सिसकने की आवाज सुनी ,
मिली थी।
" और साथ में कौन ,... " मैं रोक नहीं पायी अपने को
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tum khud chud vaogi nahi kya ya sirf sab ki setting hi karogi?
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wah wha bahot khub kya likha hi komal tumne pura mast kar diya guddo ki chudai to abhto badhiya rahi ekdam bahto maja aaya padh akr.
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मिली थी।
" और साथ में कौन ,... " मैं रोक नहीं पायी अपने को
अजय और कौन।।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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उत्तर के ईंतजार में।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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