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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
(31-07-2019, 11:51 AM)Badstar Wrote: Superb outstanding update

thanks
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क़तल की रात 


[Image: MILF-ht.jpg]

मैंने मम्मी की ओर मुस्करा के देखा और उन्होंने भी मेरा मतलब समझ के, न वो सिर्फ मुस्करायीं ,बल्कि जोर से आँख मार के उन्होंने मुझे अपने पास बुला भी लिया।  बांहों में मुझे भींच के बोलीं ,

 
" अब इस छिनार की नथ उतारने का समय आ गया है। बहुत तड़प रही है बिचारि। "
 
"एकदम मम्मी लेकिन ज़रा अपने इस माल को ठीक से देख तो लीजिये। " 


मैंने टुकड़ा लगाया।

[Image: K-0dd51b0fa73421e37ddb295ec6c446bc.jpg]

…..
 
 
और मम्मी मेरी बात मान के एक बार फिर उनके पास गयीं और इस बार उनकी निगाह उनके उठे ,खूब मांसल गोरे गोरे गदराये चूतड़ों पर थी ,एकदम मक्खन जैसे चिकने ,मुलायम।

[Image: gay-tumblr-nykhce-DCa-C1uoa85jo1-540.jpg]
 
" साले अगर किसी की दुल्हन होता न तो रोज रात वो बिना नागा तेरी गांड मारता ,पक्की गारंटी है मेरी। "
 
और  ये कहते हुए बड़े प्यार से मम्मी ने उनके चूतड़ सहलाये , और मेरी ओर देखा , मैं क्यों मौक़ा छोडती ,बोल पड़ी ,
 
" अरे मम्मी , गांड तो इनकी अभी भी रोज बहुत प्यार से मारी जा सकती है। "
 
 
मम्मी तब तक असली जगह का मौका मुआयना कर रही थीं।
 
एकदम कसा हुआ हलका सा ब्राउन छेद ,चारो और मसल्स से जकड़ा।

[Image: asshole-cu.jpg]

 
थोड़ी देर तक अपनी तर्जनी से मम्मी ने उसे रगड़ और उसे पुश करने की कोशिश की ,... लेकिन फेल।
 
उन्होंने जोर बढ़ाया पर तब भी , अंदर घुसाना बहुत मुश्किल लग रहा था।
 
एक बार फिर मॉम ने मेरी ओर देखा और बोलीं ,

" तू सच कह रह थी अभी तक कोरी है इसकी "
 
और फिर अपनी बात का रुख मम्मी ने उनकी ओर मोड़ दिया ,
 
" सुन बहनचोद , मां के भंडुए , घबड़ा मत ,... परेशान होने की कोई बात नहीं है , जैसे तेरे इस टनाटन लौंडे से तेरी उस छुटकी बहिनिया की चूत फड़वाउंगी न वैसे ही तेरी इस कच्ची कसी गांड का भी जल्द इलाज करुँगी। 



अब मैं आ गयी हूँ न ,तेरे  इस  लौंड़े को जैसे तेरी बहन की कसी चूत का मजा दिलवाऊंगी , तेरी माँ के रसीले भोंसडे का मजा दिलवाऊंगी ,

वैसे तेरी इस गांड को भी , ... 

बहनचोद ,मादरचोद के साथ पक्का गांडू भी ,... "

[Image: Geeta-tumblr-p5ucnbn-NRk1wcmpmwo1-540.jpg]


 
 
कुछ देर तक माँ उन की उस कसी दरार में ऊँगली रगड़ रगड़ के मजा लेती रही , फिर मेरे पास आगयी और मुझसे बोलीं ,
 
सिर्फ एक कमी ऐसी मस्त गांड पे , और ये तेरी गलती है।  

सोच लोग गोरी गोरी हथेलियों में मेहंदी लगाते है ,पैरों में महावर लगाते है वैसे ही इस गोरे गोरे मखमली चूतड़ गुलाब के फूल खिले रहने चाहिए।  ये घर में तब भी ,बाहर जाएँ तब भी , आफिस में हो टूअर पर हों , बस महावर की तरह ,तेरी याद आएगी जबी भी उन्हें वो दिखेंगे क्यों हैं न मुन्ने। "
 
जैसे उनकी आदत थी मम्मी की हर बात में हाँ मिलाने की ,उन्होंने सर हिला के हामी  भर दी। ( बोल तो सकते नहीं थे ,बिचारे उनके मुंह में मम्मी को दो दिन की पहनी ,मम्मी के देह रस में डूबी पैंटी जो ठुंसी थी। )
 
 
और मॉम ने मेरे कान में समझा दिया की क्या करना है।  

उन्होंने मुझे एक दस्ताना भी दे दिया पहनने  को ,एकदम मिट्स की तरह था ,रेड लेदर ग्लव विद वेलक्रो फासेनर।
 
" पूरी ताकत से ,... "मुझसे बोलीं वो।
 
मैंने पहला हाथ लगाया ,लेकिन ज्यादा जोर से नहीं ज्जहां से नितंब शुरू होते हैं वही।
 
मॉम ने मुझे घूर के देखा और डांटा ,
 
" हे कोई यारी नहीं चलेगी ,ये नहीं काउंट होगा ,चल फिर से शुरू कर "
 
और उनसे बोलीं , 

हर स्पैंक के बाद ,तुझे नम्बर बोलना होगा , १ ,२ , ३ और साथ में अपनी माँ के नाम एक मस्त गाली। 
 
अगर ज़रा भी हलकी  हुयी न तो सोच ले मैं सबेरे की ट्रेन से वापस ,
 
 
अचानक मॉम को याद आया उनके मुंह में तो मम्मी की अगवाड़े पिछवाड़े के हर तरह के रस में भीगी पैंटी ठुंसी हुयी है। और मम्मी ने उनके मुंह से पैंटी निकाल ली।
 
और इस बार मेरा हाथ एकदम ऊपर तक गया ,और फिर ,...चटाक
 
दर्द से निकलती चीख को उन्होंने किसी तरह दबाया और बोला ,एक और फिर मम्मी की समधन के नाम मोटी सी ,


[Image: spankings-476-1000-th.jpg]
 
मम्मी ने खुश हो के मेरी ओर देखा ,
 
दूसरा भी उसी जगह लगा ,लेकिन पहले से भी तगड़ा और वहां पर हल्का गुलाबी रंग खिल उठा ,
 
फिर और ऊपर
 
और उपर
 
दसवां सीधे गांड के छेद पर ,
 
दस बाएं चूतड़ पे और दस दाएं चूतड़ पे

[Image: JKG-spanking-22.jpg]
 
 
लेकिन असली ताकत तो मम्मी के हाथ में थी ,उन्होंने तो बिना दस्ताने के ,मुझसे दस गुनी ताकत से
 
लेकिन साथ साथ मम्मी की आँख से कुछ बच नहीं सकता था ,
 
मेरे कान में बोलीं

" देख बहनचोद को कितना मजा आ रहा है , " उन्होंने उनके निप्स की ओर इशारा किया ,
 
" एकदम टनाटन हैं न "
 
सच में ,और अब तक मैं सीख गयी थी मेल अराउजल की सबसे बड़ी साइन है ,निप्स।
 
लेकिन अब उनकी चीख चिलाहट भी चालु हो हो गयी थी।
 
" अरे अगर गौने की रात दुल्हन चीखे चिलाये नहीं ,पूरे घर में उसकी चीखने की आवाज न गूंजे तो सास ननद क्या सोचेंगी। यही न की मायके में अपने भाइयों से फड़वा के आ रही है ,चीखने दे इसे। तभी तो गौने की रात का मजा आएगा। "
 
मम्मी बोलीं ,और अब हाथ की जगह उन्होंने टेबल टेनिस का बैट मुझे थमा दिया था।
 
और फिर मेरे बाद मॉम का नम्बर।
 
तीस चालीस मिनट तक बारी बारी से , और फिर मम्मी ही रुकीं बोली देख अब इस बहन के भंडुए की गांड का सिंगार पूरा हो गया है न।
 
पूरा गुलाबी ,कहीं कहीं लाल भी ,एक इंच जगह नहीं बची थी जहाँ हमारे हाथ के निशान न हो।


[Image: spanking-741-1000-th.jpg]

 
लेकिन मेरा दिमाग भी तो शैतान की चरखी ,...

मैंने वाटरप्रूफ इन्डेलिबिल क्रेयान उठाये और उनके पेट पर लिख दिया मोटा मोटा ,
 
 
रंडी ,बहनचोद।
 
मम्मी को मजा आ गया लेकिन उन्होंने उनके गांड के छेद की ओर इशारा किया
 
" असली चीज तो ये है। "
 
और हम दोनों ने मिल के उसे फैला दिया , 

फिर तो उसके चारो और ,एकदम कसी गुलाबी चूत की तरह दोनों ओर लोवर लिप्स मैने पेंट किये ,खूब मांसल
 
और एक तीर का निशान बना के लिख दिया
 
" कंट"
 
मम्मी उसे रगड़ते हुए उन्हें समझा रही 

[Image: gay-ass-3199389.jpg]

ये तेरी मेल चूत है इसे एकदम मस्त रखना ,साफ़ सुथरी ,मुलायम और रोज ऊँगली डाल के अंदर तक वैसलीन ,.. क्या पता किस  दिन इसका नंबर लग जाए ,  और फिर मैं चेक भी करती रहूंगी। जैसे तेरी बहन अपने चूत को मक्खन की तरह मुलायम रखती है न एकदम उसी तरह ,समझ गयी। "
 
उन्होंने जोर से हामी में सर हिलाया।
 
" यार इसका एक घर का नाम भी रख देते हैं न पुकारने का ,.. "
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घर का नाम 


[Image: bengali-mm-Swastika-Mukherjee-Photoshoot-4.jpg]




मम्मी उसे रगड़ते हुए उन्हें समझा रही ये तेरी मेल चूत है इसे एकदम मस्त रखना ,साफ़ सुथरी ,मुलायम और रोज ऊँगली डाल के अंदर तक वैसलीन ,.. क्या पता किस  दिन इसका नंबर लग जाएऔर फिर मैं चेक भी करती रहूंगी। जैसे तेरी बहन अपने चूत को मक्खन की तरह मुलायम रखती है एकदम उसी तरह ,समझ गयी। "

 
उन्होंने जोर से हामी में सर हिलाया।
 
" यार इसका एक घर का नाम भी रख देते हैं पुकारने का ,.. "
 
और मैंने भी हामी में सर हिलाया।
कुछ देर तक हम माँ बेटी राय मशविरा करते रहे ,फिर मैंने ही मॉम को राय दी ,



 
" मम्मी इन्ही से पूछ लेते हैं "

[Image: Teej-0dada8c6a8fda52c8041b8451c02dfe6.jpg]
 
और मम्मी ने इन्ही से पूछ लिया और सही भी किया ,आखिर उनका मुंह हम लोगों ने खोल तो दिया था न।
 
 
" हे बोल साल्ले , तुझे अपना माल , वो तेरी ममेरी बहन ,उसकी छोटी छोटी चूंचियां मस्त लगती हैं ,"

[Image: tits-teen.jpg]
 
" हाँ मम्मी ," 

मुस्करा के बोले वो।
 
" बोल दिलवा दूंगी तो चोदेगा अपनी उस छिनार ममेरी बहन को


मॉम ने फिर साफ़ किया।
 
" हाँ ,मम्मी एकदम चोदूगा।  "

उन्होंने सिर्फ जोर जोर से सर हिलाया बल्कि मुंह खोल के भी बोला।
 
" चीखे चिल्लायेगी ,चूतड़ पटकेगी , जबरदस्ती चोदना पडेगा ,एकदम कोरी चूत होगी उसकी।  " 


[Image: MIL-d40fae2d59ad0416d841d5288b33a830.jpg]


मम्मी एकदम पीछे पड़ गयी थीं कबूलवाने के।
 
" हाँ मम्मी चाहे जो कुछ करे ,बिन चोदे छोडूंगा नहीं उसको।

अब वो एकदम मूड में गए थे।
 
मम्मी उन्हें छोड़ के मेरे पास  आगयी और मुझसे बोलीं ,
 
" बस अब पक्का , इसका घर का नाम बहनचोद, हम तुम इसे घर।  इसी नाम से बुलाएंगे।  क्यों हैं न अच्छा नाम। "
 
जवाब उनकी ओर से मैंने दिया

" हाँ मम्मी एकदम मीठा सा नाम है , और सिर्फ अपने घर में  ही नहीं इनके मायके में भी मैं तो इन्हें इसी नाम से बुलाऊंगी ,क्यों बहनचोद ठीक है न। "

मैंने उनसे बोला।


[Image: Teej-69cbf2afe08ca7357c2c89fd057dcdc3.jpg]
 
और  गौने की दुल्हन की तरह वो झेंप गए।
 
मैंने क्रेयान उठाया और मोटा मोटा सुनहले ,लाल रंग से उनकी छाती पर लिख दिया 'बहनचोद ' और फिर उसे टैटूज़ के कलर से आलमोस्ट पक्का कर दिया।
 
 
लेकिन मम्मी का ध्यान एक बार फिर गोलकुंडा की तरफ चला गया था। सहलाते हुए बोलीं
 
" तेरी असली चीज तो यही है , तेरी माँ के भोंसडे और बहन की चूत से कम रसीला नहीं है ये


और फिर उन्होंने उसमें ऊँगली घसेड़ने की नाकामयाब कोशिश की /
 
पास में एक टेबल पर ढेर सारी मोमबत्तिया रखी थीं ,हर साइज की ,हर मोटाई की।
 
मैं उनका इरादा समझ के झट से उनके पास गयी और कान में फुसफुसाया ,
 
कुछ देर में मेरी बात मान गयी और एक पतली सी मोमबत्ती , ( एक ऊँगली के बराबर मोटी रही होगी ) लेकर जबरदस्ती उनकी गांड में पेल दिया और बत्ती वाला हिस्सा बाहर था।
 
 
मम्मी ने एक लाइटर जलाया ,
 
" बोल माँ के भंडुए , जला दूँ ये मोमबत्ती "
 
वो बिचारे सिहर गए।
 
" तो सुन ,अगले आधे घण्टे तक ,बिना रुके अपने घर की सारी लड़कियों का नाम ले ले के ,सारी औरतों का ,तेरी बहने लगे , तेरी बुआ मौसी चाची लगें सब , ..."
 
" जिनकी अभी झांटे नहीं निकलना शुरू हुयी हैं वो भी , मेरे पास पूरी लिस्ट है , सब का नाम ले के "

मैंने भी जोड़ा।


[Image: 17309759-1497381433639244-9085394577428024645-n.jpg]
 
" अपना नाम ले के ,अपनी ससुराल के मर्दों का नाम ले के , एक से एक गाली , और अगर रुके तो बस सोच ले , .... " मम्मी ने बोला ,और चूतड़ पर स्पैंकिंग चालु कर दी।
 
 अगर किसी का नाम अवॉयड करने की वो कोशिश करते तो मैं  बता देती और बोल भी देती ,

" ये मत सोच छोटी है तो चुदेगी नहीं , चोद चोद के बड़ी  करवा दूंगी। "
 
आधी से ज्यादा रात बीत चुकी थी।
 
आधे घंटे  से ज्यादा ही मम्मी ने उनसे गाली दिलाई ,चूतड़ पे हाथ जमाये ,
 
 
और फिर हम दोनों बिस्तर पर जाके बैठ गए , पास में ही।
 
 
दो घंटे से ऊपर हो गए थे उन्हें झूले में बंधे।
 
 
" इसकी बहुत सेवा कर दी हम दोनों ने अब इससे सेवा करवाते हैं। " मम्मी बोलीं
 
और मैंने भी हामी भर दी। बिचारे इतने देर से ,...
 
 
" चल बहनचोद तू भी क्या याद करेगा " और मम्मी ने उनके हाथ पैर खोल दिया।
 
हाँ उनका 'वो ' अभी भी बंधा था।
 
 
हाँ जब वो बिस्तर के पास आये तो बस उन्हें  झुका के मम्मी ने एक बार फिर उनका हाथ उनके घुटने से बाँध दिया।
 
बड़ी रिक्वेस्ट की उन्होंने तो मम्मी ने अपना पैर उनकी और बढ़ाया ,
 
 
क्या मम्मी की सैंडल की चटाई की ,एकदम स्पिट क्लीन

[Image: feet-in-sandal.jpg]
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...ऐसे मजे




[Image: sandal-li-4.jpg]


बड़ी रिक्वेस्ट की उन्होंने तो मम्मी ने अपना पैर उनकी और बढ़ाया ,

 
 
क्या मम्मी की सैंडल की चटाई की ,एकदम स्पिट क्लीन।
 
खुश हो के मम्मी ने उन्हें अपने तलवे भी चाटने दिए और फिर गोरे गोरे पैर पिंडलियाँ और फिर वो मुड़ गयीं

उनके नितम्ब हवा में थे , डॉगी पोज में।
 

 
उनके हाथ बंधे थे फिर भी


पहले नितंबों पे होंठों से जीभ से ,
 
फिर मीठे मीठे किस सीधे मम्मी के पिछवाड़े केछेद पे और उसके बाद जीभ ,अंदर
 [Image: ass-licking-M-1.jpg]
 
मम्मी ने आँख के इशारे से मुझे उनके खूंटे को आजाद करने की इजाजत दे दी।
 
 
मारे खशी के उन्होंने अपनी आधी से ज्यादा जुबान मम्मी की रसीली गांड में ठेल दी।
 
मम्मी उन्हें उकसाती रही ,पुचकारती रहीं गरियाती रहीं ,
 
" चाट रंडी के जने ,उसकी भी ऐसी ही चटवाउंगी अपने सामने ,फिर मारना उसकी गांड ,...
क्या चाटता है राजजा चाट और चाट "
 
और उन्होंने पूरी जुबान अंदर ठेल दी गोल गोल घुमाते रहे।

[Image: ass-licking-M-6.jpg]
 
आधे घण्टे तक उनकी जुबान मम्मी के पिछवाडे अंदर घुमती रही ,वो चाटते रहे ,मम्मी चटवाती रहीं ,... 

तब जाके मम्मी ने उन्हें बाहर निकालने दिया।
 
 और मैं अपने मौके के इन्तजार पे बैठी थी।
 
बस मैं खुद अपने चूतड़ फैलाके ,उनके मुंह पे और ,...उनकी जीभ अब मेरी रसीली गांड के अदंर।


 [Image: ass-licking-m.gif]
 
मम्मी अब उनके लन्ड के ऊपर बैठीं थी ,ड्राई हंपिंग करती रगड़ते ,
 
और साथ में मैं और मम्मी एक दूसरे को किस  करते , कभी बूब्स रगड़ते। ..
 
 
" बोल बहनचोद तू ले  सकता है अपनी माँ के साथ ऐसे मजे। "
 
 
उनका मुंह तो मेरे चूतड़ के नीचे दबा था , जीभ मेरी गांड के अंदर ,वो क्या बोलते।

लेकिन जवाब उनकी ओर से उनकी सास   ने दिया ,
 
" तू समझती क्या है मेरे मुन्ने को  मेरे तेरे सामने , चोदेगा उनको हचक हचक के गांड मारेगा देखना ,अरे ये सिर्फ बहनचोद ही नहीं मादरचोद भी है। "
 





हंस के मैंने उन्हें चिढाया।
 
 
सुबह की पहली किरण बस निकल रही थी।
………………………………………………………….
 
 
 
मैं और मम्मी सोने चले गए ,लेकिन वो नहीं। उनका लन्ड एकदम पागल हो रहा था बिना झड़े।


[Image: cock-Kamal-download.jpg]
 
" घबड़ा मत मौक़ा मिलेगा इसे भी बस सेवा करते रहो "

मम्मी ने मुस्कराते हुए उसे जोर से मुठियाते रगड़ते कहा।
 
" और क्या हम लोगों ने बोला है बस जब हम लोग ग्रीन सिगनल जब देंगे बस पूरी छूट "


मैंने हँसते उनके बाल बिगाड़ते बोला।
 
" सिर्फ एक चीज छोड़ के ,मेरी समधनों को ,इसकी ननदों की बिल में जब चाहो तब मलाई गिरा सकते हो ,तेरी मायकेवालियों के लिए पर्मांनेट ग्रीन सिग्नल "

[Image: geeta-228bb8ba66fcd14951bc14cabd67f8be.jpg]


मम्मी ने आल लाइन क्लियर दे दिया।
 
मम्मी और मैं एक दूसरे को पकड़ के सो गए ,रात भर के जगे ,थके थे हम दोनों।
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(05-08-2019, 07:17 AM)Logan555 Wrote: A WEEDING CEREMONY IN VILLAGE

A single story of 7 different laldies in different plots

Saat alag alag kahaniya ek single kahani me

Aur us kahani ke most popular charectar Shabana( Zarine khan) ke DEFLORATION yani PRATHAM CHUDAI ka update padne ke liye neeche likhe link par click kare ek aisa updata jisme apko BSSM/LOVE/KINK/PAIN/INTER RELIGIOUN/DEFLORATION ka maza ek sath milega. is story judkar apna bahumulya feedback de.

[Image: Pics-Art-02-26-03-20-13.jpg]

STORY LINK
https://xossipy.com/showthread.php?tid=1191

please avoid advertising your stories in other;s thread
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नया दिन


[Image: MIL-331a2285f7e0fa6afc0bd47a11519214.jpg]


मम्मी और मैं एक दूसरे को पकड़ के सो गए ,रात भर के जगे ,थके थे हम दोनों।

 
हाँ लेकिन सोने के पहले मम्मी और मैं भी ,
 
उनको 'बेड टी ' पिलाना नहीं भूलीं , सुनहली किरणों के साथ ,...छरर छर्र ,घल घल


 [Image: face-sitting-17136221.gif]
 
दो कप।
 
 
और उनके चेहरे की ख़ुशी देखते बनती थी।
 
मैं और मम्मी तो सो गए लेकिन उनके जिम्मे काम बाकी था। 


मंजू बाई अभी छुट्टी पर थी ,आज दोपहर को आने वाली थी।
 
बर्तन , झाड़ू पोंछा ,... ऊपर से मम्मी ने बोला था की ब्रेकफास्ट बना के ,खाने  की तैयारी कर के ही उन्हें जगाये वो।
 
 
 
 
एक  नया दिन शुरू हो गया।
 
 

मंजूबाई को आज भी नहीं आना था।
 
सुबह से सारा काम , झाडु पोंछा ,बरतन ,डस्टिंग , नाश्ता , खाने की पूरी तैयारी , और ऊपर से उन्हें मालूम था की मम्मी कितनी परफेक्शनिस्ट हैं ,अगर कहीं धूल का एक कण भी दिखाई दे गया तो बस उनकी मां बहन सब एक कर देंगीं। 
 
दस बजे हम कब बस उठ ही रहे थे ,वो बेड टी लेकर हाजिर हुए। 

[Image: tea-1212.jpg]

पहले उन्होंने खिड़की का पर्दा खोला , सावन की मुलायम धूप का एक टुकड़ा गुनगुनाता खिड़की से दाखिल हुआ। और मम्मी अंगड़ाई लेकर उठीं।
 
मम्मी ,... स्लीवलेस ,आलमोस्ट ट्रांसपैरेंट सिल्कन गुलाबी नाइटी , ...



जो अंगड़ाई ली उन्होंने तो उनकी गोरी गोरी मांसल बाहें ,और अंगड़ाई लेते ही उनकी काँखे , जैसे तीन दिन की बढ़ी हुयी काली काली रोमावली , काँखों में.

[Image: nightie-20513545.png]
 
उनकी आँखे तो बस वहीँ चिपकी हुयी थीं।  

और मेरी और मम्मी की आँखे उनके ,.. कल रात का गुलाबी साटिन पेटीकोट अभी भी उन्होंने पहन रखा था ,

और खूँटा पुरे बित्ते भर तना हुआ ,... 

हम दोनों तो तीन तीन बार झड़े थे ,पर वो बिचारे भूखे प्यासे , और वो जा रात में खड़ा हुआ था तब से अभी तक ,...
 
मम्मी ने उनकी ओर अपने पैर बढ़ा के हलके से बोला ,
 
चप्पले।

[Image: feet-001690aa6b5aaec065f087087dc7e347.jpg]
 
गोरा गोरा तलवा महावर लगा , स्कारलेट कलर के नाख़ून , घँघरु वाले बिछुए ,चांदी की रुनझुन करती माँसल पिंडलियों से लिपटी पायल
 
खुद झुक के उन्होंने मम्मी के पैरों में चप्पल पहनाई। 

और मम्मी भी बस जैसे जाने अनजाने उनके पैर ने हलके से उनके खड़े खूंटे को सहला दिया।
 
और फिर जैसे अपने आप , झुक के उन्होंने स्कारलेट रेड नाखूनों को ,उनके पैरों को चूम लिया।

[Image: feet-licking-19966454.gif]
 
मम्मी मुस्करायी और अपने पैर ऐसे उठाये की स्लीपर का निचला हिस्सा उनके होंठों के सामने , ...

कुछ बोलना नहीं पड़ा , उन्होंने स्लीपर को भी चूम लिया और फिर मम्मी की एड़ी।
 
मम्मी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया ,पकड़ के उन्होंने मम्मी को बेड पर से उठा लिया और फिर कमरे से जुड़े बाथरूम में ,

बड़ी कर्टसी से उन्होंने बाथरूम का दरवाजा खोला।  मम्मी अंदर गयी ,लेकिन दरवाजा मम्मी ने उठंगाये ही रखा, अंदर से।
 
और जब वो बाहर आयीं तो फर्श पे बैठ के बड़ी स्टाइल से झुक के उन्होंने चाय हम लोगों के प्याले में ढाली ,ब्रेकफास्ट के लिए पूछा।

लेकिन उसके बावजूद मम्मी ने टोंक ही दिया, उनके पेटीकोट की ओर इशारा करते हुए
 
" ये रात के लिए तो ठीक था लेकिन दिन में काम करते समय ,... मैं ले आयी थी "
 
और उन्होंने इशारा समझ लिया।
 
ब्रेकफास्ट टेबल पर उन्होंने एक साडी ,जो माम ले आयी थीं


उनकी पहनी हुयी ,जो पहन पहन के उनकी देह से रगड़ के घिस गयी थी , वो ,... लुंगी ऐसे ,..
 
ब्रेकफास्ट एकदम गरम , कार्नफ्लेक्स ,दूध , आमलेट ,बटर्ड टोस्ट , फ्रेश फ्रूट्स , मैंगो जूस।
 
टेबल सिर्फ दो लोगों के लिए लगी थी लेकिन मम्मी ने उन्हें भी खींच के अपने बगल में बैठा लिया और अपनी प्लेट से ही,
 
और जैसे ही टेबल साफ कर के वो फ्री हुए ,मम्मी ने उन्हें बुलाया और उसी टेबल को पकड़ कर झुकने का इशारा किया ,
 
और उनकी लुंगी बनी साडी उठा दी।
 
 
हम दोनों मुस्करा उठे , साडी के अंदर मम्मी की उतारी हुयी पैंटी , जो कल हम लोगों ने उनके मुंह में ठुंसी थी ,


और नितम्बो पर रात के सारे निशान ,गुलाब के फूल ,अभी भी एकदम लाल लाल।


[Image: spank-15104272.jpg]
 
मम्मी ने प्यार से एक हाथ जोर से ,फिर से जड़ दिया और बोलीं

[Image: Nightie13835846.jpg]


" काम ख़तम कर के जल्दी आना ,तुझे कुछ घर के काम सिखाने हैं। "
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[Image: MIL-W-Indian-wife-removing-blouse-in-saree.jpg]



मम्मी ने प्यार से एक हाथ जोर से ,फिर से जड़ दिया और बोलीं


" काम ख़तम कर के जल्दी आना ,तुझे कुछ घर के काम सिखाने हैं। "

 
आधे घंटे से पहले ही वो हाजिर थे। 


मम्मी ने तय किया था ,रोज दो घंटे निडल वर्क उनके लिए। मम्मी के लौटने के पहले उन्हें   एक टेबल क्लाथ और  भी कई चीजें काढ़नी थी।  


मम्मी ने  जब अपना सामान खोल कर उनके लिए गिफ्ट आइटम निकाले थे ,मम्मी की पहनी हुयी पैंटीज ,घिसी हुयी साड़ियां , तो उसी के साथ इन्हें एक एम्ब्रायडरी की किताब ,नीडल,क्राचेट सब ले आयीं थी। 

लेकिन कढ़ाई शुरू करने के पहले एक कॉटन के कपडे पे उन्हें हर तरह की स्टिच सीखनी थी।
 
कुछ किताब से पढ़ के कुछ मम्मी से समझ के।
 

[Image: needle-stich.jpg]
चेन स्टिच ,बटनहोल स्टिच तो वो कर ले रहे थे लेकिन फिश बोन स्टिच में अभी भी उन्हें मुश्किल हो रही थी।
 
जब मॉम के सामनेबैठकर अपनी स्टिच का काम वो दिखा रहे थे तो , मम्मी के चेहरे पर उनके काम के एप्रोवल की हलकी सी झलक से उनके चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ जाती थी

और अगर कहीं उन्हें हलकी सी भी मम्मी की भृकुटि टेढ़ी लगी तो वो डर के मारे सिहर उठते थे।
 
लेकिन उनका सुबह का सब काम चेक करने के बाद मम्मी ने जब एक हलकी सी प्यारी सी मुस्कराहट के साथ उन्हें देखा तो बस उनकी बांछे खिल उठी ,उन्हें लगा सब मेहनत सफल हुयी।

फिर मम्मी ने उन्हें क्रोशेट के लिए नीडल में धागा कैसे डालें ये सिखाया फिर हाफ डबल क्रोशेट ,ट्रिपल क्रोशेट सिखाया। 


सीखने में तो वो तेज थे ही फिर मम्मी की सिखाई कोई बात तो वो भूल भी नहीं सकते थे।

बस उन्हें लगता था क्या करने से मम्मी खुश रहेंगी,वो कर डालें। 

कुछ देर तक उन्होंने प्रैक्टिस की फिर किचेन में ,मम्मी के लिए लन्च बनाने

सारी की सारी मम्मी की फेवरिट डिशेज ,सब नान वेज।
 
लन्च के बाद फिर , मम्मी के साथ बैठ कर वो नीडल वर्क कर रहे थे।  

मम्मी भी कभी मुझसे गप्पे मारतीं तो कभी बीच बीच में उनका नीडल वर्क देख रही थीं।
 
और वो बिचारे ,एकदम ध्यान से ,बस इतनी सफाई से काम करें की मम्मी एकदम खुश रहे 

और ये डर भी लगा हुआ था की अगर ज़रा सी भी गलती हुयी तो बस मम्मी ,...
 
जुलाई का महीना था।

रात भर पानी बरसा था और अब बारिश तो बंद थी लेकिन  उमस बहुत थी।

मम्मी ने एक प्याजी रंग की चिकन की साडी ,जाली के काम वाली और साथ में मैचिंग लो कट स्लीवलेस ब्लाउज पहन रखा था जो उनके भारी गदराये उरोजों को मुश्किल से ही सम्हाल पा रहा था।



 
मैंने मुस्कराके मम्मी को इशारा किया की उनका दामाद बिचारा इतने ध्यान से काम कर रहा है कुछ तो इनाम बनता है। उनकी मुस्कराती शरारती आँखों ने  हामी भरी.
 
उधर लाइट चली गयी थी। जुलाई की उमस ,पावर कट लेकिन वो एकदम ध्यान से अपने काम में लगे हुए थे।
 
मम्मी मेरी ओर देख के मुस्करायीं ,फिर उनका काम देखने के लिए झुकीं।  

[Image: needle-st.jpg]



मम्मी के शरारती आँचल ने उनका साथ छोड़ दिया। 

मम्मी के बड़े बड़े भारी कड़े सख्त उरोज ब्लाउज के कपडे को जैसे फाड़ते हुए तने , सब कटाव उभार और ऊपर से लो कट होने से पूरा का पूरा क्लीवेज ,मांसल गोरी गोरी गहराइयाँ ,...
 
[Image: 29daejo.jpg]

 
कनखियों से अब वो उधर देख रहे थे और नतीजा ये हुआ की उनका खूँटा एकदम तना,साफ़ साफ़ दिख रहा था।  उन्होंने मम्मी की एक पुरानी घिसी हुयी सी साडी लुंगी बना के पहन रखी थी ,जो उनके 'उसे ' रोकने में एकदम नाकमयाब थी।
 
लेकिन मम्मी ने तो अभी तीर चलाने शुरू किये थे।
 
मम्मी ने अपनी लंबी गोरी मृणाल बांहे उठायीं और फिर उनकी काँखे ,...
 
गोरी गोरी काँखों के बीच मांसल मसल फोल्ड्स और उनके बीच हलके हलके बिन बनाये छोटे छोटे काले बाल ,
 
अब तो उनका खूँटा एकदम पत्थर का हो गया था।
 
गर्मी का महीना ,जुलाई की उमस ,ऊपर से पावर कट , ... पसीने की कुछ बूंदे उन गोरी काखों में चुहचुहा रही थीं।
 
हे कुछ खुजली सी मच रही है " मम्मी ने उनसे कहा।
 
बहुत मुश्किल से मैंने अपनी मुस्कराहट रोकी

मुझे मालुम था असली खुजली तो उस गोरी गोरी कांख को देख के उनको मच रही होगी।
 
" मैं कुछ ,... " घबड़ाते हकलाते उन्होंने बोलने की कोशिश की तो मैंने उन्हें हड़का दिया।
 
" और क्या ,.. मम्मी तुम्हे लिख कर इंस्ट्रक्शन देंगी , यू आर हियरबाई इंस्ट्रक्टेड ,.. "
 
और जब मम्मी की काँखों की ओर उन्होंने हाथ बढ़ाया तो एक बार फिर डांट पड़ गयी ,


[Image: Armpit-19718215.jpg]
 
" अरे उसी हाथ से नीडल वर्क कर रहे हो और उसी हाथ से , ... कपडे पर पसीने का दाग नहीं पड़ जाएगा। "
 
वो मेरा मतलब समझ रहे थे ,दिल से चाहते भी वही थे  लेकिन मम्मी की एक बार उन्होंने देखा बस मम्मी की मुस्कराहट से उन्हें ग्रीन सिग्नल मिल गया।
 
आँचल अभी भी गिरा हुआ था , हलके प्याजी ब्लाउज से मम्मी के गोरे गदराये भारी भारी जोबन छलक रहे थे।
 
बस उनके होंठ सीधे मम्मी की दूधिया काँखों के बीच, पहले तो उन्होंने उस चुहचुहाते पसीने की बूँद को हलके से चूम लिया और जब उन्हें मम्मी की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं मिला तो बस , ... वो पागल नहीं हुए।
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गोरी गोरी कांख
[Image: armpit-sexy.jpg]

और जब मम्मी की काँखों की ओर उन्होंने हाथ बढ़ाया तो एक बार फिर डांट पड़ गयी ,

 
" अरे उसी हाथ से नीडल वर्क कर रहे हो और उसी हाथ से , ... कपडे पर पसीने का दाग नहीं पड़ जाएगा। "
 
वो मेरा मतलब समझ रहे थे ,दिल से चाहते भी वही थे  लेकिन मम्मी की एक बार उन्होंने देखा बस मम्मी की मुस्कराहट से उन्हें ग्रीन सिग्नल मिल गया।
 
आँचल अभी भी गिरा हुआ था , हलके प्याजी ब्लाउज से मम्मी के गोरे गदराये भारी भारी जोबन छलक रहे थे।


[Image: boobs-jethani-14947927-122466274897860-5...3318-n.jpg]
 
बस उनके होंठ सीधे मम्मी की दूधिया काँखों के बीच, पहले तो उन्होंने उस चुहचुहाते पसीने की बूँद को हलके से चूम लिया और जब उन्हें मम्मी की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं मिला तो बस , ... 



[Image: armpit-kiss-4.jpg]
वो पागल नहीं हुए।
 
 
पहले तो हलके हलके फिर तेजी से कभी वो किस करते तो कभी लिक करते , उनकी जीभ पसीने से भरी कांख के एक सिरे से दूसरे सिरे तक ,
 
 
एक नशीली तीखी मतवाली गंध मम्मी की गोरी मांसल काँखों से निकल रही थी। और जैसे चुम्बक की तरह उन्हें वहां खींच रही थी।
 
मम्मी ने अपना हाथ उनके सर के ऊपर रख कर ,काँख समेट ली और अब उनकी सर ,मम्मी की कांख के बीच फंसा ,दबा स्मूदरड ,लेकिन उन्हें बहुत अछ्छा लगा रहा था।  सडप सडप की आवाज पूरी जीभ निकाल के वो ,



 
और उसके साथ साथ, ... 


मम्मी का स्लीवलेस ब्लाउज सिर्फ बहुत ज्यादा लो कट ही नहीं था,साइड से भी वो डीप कट था यानी अब उन्हें बगल से मम्मी के खुले उरोजों की पूरी झलक ही नहीं स्पर्श भी मिल रहा था। स्पर्श ही नहीं स्वाद भी ,
 
 
और असर नीचे हुआ उसका , उनका खूँटा आलमोस्ट उछल कर उस लुंगी बनी साड़ी से बाहर आ गया।


[Image: cock-kamal-thick-download.jpg]
 
मम्मी ने  भी जैसे अनजाने में उसपर अपना हाथ रख दिया ,और हलके हलके ,....
धीरे धीरे दबाने मसलने लगीं।
 
और ये सब जैसे अनजाने में हो रहा हो ,मम्मी का ध्यान अभी भी उनके निडल वर्क को चेक करने में ही लगा था।
 
लेकिन मालुम उन्हें भी था , मम्मी को भी और मुझे भी ,... कुछ भी अनजाने में नहीं हो रहा है।
 
 
अचानक फोन की घंटी बजी और मैं फोन उठाने चली गयी।
 
सोफी थी ,वही ब्यूटी पार्लर वाली जादूगरनी ,जिसने इन्हें अपनी क्षत्रछाया में  ले लिया था और जिसे मम्मी ने ढेर सारे काम पकड़ाए थे इनके 'सुधार' के लिए।
 
कुछ देर उसने काम की बातें की ,कुछ देर गप्पे , और जब मैं फिर सास दामाद की ओर मुड़ी तो गर्मी काफी बढ़ चुकी थी।
 
 
 
निडल वर्क का कपडा सरक कर कब का पलंग के कोने में जा पड़ा था।
 
जुलाई की उमस भरी गर्मी तो थी ही ,ऊपर से पावर कट।  

मम्मी को थोड़ा पसीना आता भी ज्यादा था। पसीने से उनका पतले कपडे का ब्लाउज एकदम उनके उभारों से चिपक गया था। और वैसे भी वो बहुत ज्यादा झलकउवा था , 'सब कुछ ' दिख रहा था। 

गोरे गोरे गुदाज मांसल उभार ,एकदम ब्लाउज से चिपके,  मम्मी की  शियर पारदर्शी लेसी हाफ कप स्किन कलर की ब्रा कुछ भी छिपा ढँक नहीं पा रही थी।


न सिर्फ उनके इंच भर के कड़े मस्त निपल साफ़ साफ दिख रहे थे ,बल्कि चारो ओर का ब्राउन गोल गोल अरियोला भी खुल के झलक रहा था।

[Image: nips-tumblr-p0esk9-Dt-Q01wfi20no7-540.jpg]
 
और इसी एक झलक के लिए तो वो कब से बेचैन थे।
 
और इस गर्मी में एक अलग तरह की गर्मी 'उन्हें ' बेचैन कर रही थी ,
 
 
 
फिर देह गंध ,पसीने की , रूप के नशे की ,...
 
उनके  होंठ कांख से सरक कर बूब्स के खुले साइड के हिस्से पे आ चुके थे, कभी जीभ से वो मम्मी की गोरी गोरी चूंची की साइड पे वो फ्लिक करते तो कभी  चाट लेते। 


मम्मी ने उनका एक हाथ पकड़ के जैसे सहारे के लिए अपने दूसरे बूब्स के ऊपर  रख दिया था 

और अपने इरादे को एकदम साफ़ करने के लिए उनकी हथेली को  सीधे अपने निपल के ऊपर रख कर खुल के  दबा भी रही थीं।
 
हिम्मत पा कर के उनकी नदीदी उँगलियाँ ,मम्मी के खूब गहरे लो कट ब्लाउज के झरोखे से ,
क्लीवेज को अब खुल के छू रही थीं।
 

[Image: MIL-W-images.jpg]
 
लेकिन सिर्फ वही नहीं ,मम्मी भी अब खुले खेल पे आगयी थीं।
 
उनका बोनर ,पगलाया ,बौराया मम्मी की साडी बनी लुंगी से बाहर आ चुका  था और अब मम्मी की मुट्ठी में कैद था 
 
एक झटके में मम्मी ने कस के मुठियाया और उनका मोटा मांसल सुपाड़ा बाहर।

[Image: holding-cock-tumblr-o050lrr-Zd-H1uk76xgo1-400.gif]
 
 
खूँटा मम्मी की पकड़ से बाहर निकल आया लेकिन मम्मी का हमला अब सीधा और तेज हो गया था। 

मम्मी ने अपने  अंगूठे और तर्जनी के बीच उनके सुपाड़े को जोर से दबोच रखा था और उसे रगड़ मसल रही थीं।
 
कुछ देर बाद उनका बड़ा शार्प नाख़ून सीधे उनके बॉल्स से शुरू हो के ,कड़े तने मांसल खूंटे के निचले भाग को रगड़ता खरोंचता सीधे पेशाब के छेद तक


 
 
और अब साथ में ,टिपिकल मम्मी उवाच ,
 
" बहन के भंडुए खूँटा तो खूब मस्त खड़ा किया है।  

देख बहुत जल्द जाएगा ये तेरी माँ के भोंसडे में, 

[Image: mummy-pss.jpg]

हचक हचक के चोदना उसके भोंसडे को ,

अरे बहुत रस है उस के भोंसडे में , बोल बहनचोद मन कर  रहा है न माँ के भोंसडे को चोदने का , ... "
 
उन का मुंह तो मम्मी की पसीने से भीगी कांख और साइड से खुले बूब्स के बीच फंसा ,दबा था ,


लेकिन जो उनके मुंह से आवाजें निकली तो उसे सिर्फ हामी ही कहा जा सकता है।
 
 वैसे भी मम्मी के सामने हामी के अलावा वो कुछ सोच भी नहीं सकते थे।
 
और अब मम्मी खुल के उनके तन्नाए लन्ड को मुठिया रही थीं। और साथ में ,
 
" अरे घबड़ा मत ,जल्द ही जिस भोंसडे से निकला है न उसी में घुसड़वाउंगी।  

और अपने सामने।  हचक के  पेलना दोनों चूंची पकड़ के। बहुत मजा आएगा ,कोई ना नुकुर नहीं समझे मादरचोद। अरे मादरचोद होने का मजा ही  अलग है ,मेरे मुन्ने  को सब मजा दिलवाऊंगी ,बहन का माँ का। "

[Image: Mom-8.jpg]
 
 
मम्मी का दूसरा हाथ भी खाली नहीं बैठा था , वो उनके खुले सीने पे उनके निपल के चारो ओर ,उनकी तर्जनी हलके हलके सहलाते बहुत प्यार से धीरे धीरे जैसे  नयी लौंडिया को पटाने  के लिए उसके नए आये अंकुर के चारो ओर हलके  सहलाये, बस उसी तरह ,.... और अचानक जोर से मम्मी ने उनके निपल को स्क्रैच कर दिया।
 
ये बात मुझे भी मालुम थी और मम्मी को भी कि ,उनके निपल किसी नयी जवान होती लौंडिया से कम सेंसिटिव नहीं है।
 
दूसरा हाथ जो मुठिया रहा  था जोर जोर से ,



[Image: holding-cock-J-tumblr-onx7sp-Xz7-V1tq6dobo1-400.gif]

एक बार फिर खूंटे को खुला छोड़ के नीचे बॉल्स पे ,हलके से सहलाते सहलाते उन्हें उसे जोर से दबा दिया और एक बार फिर नाख़ून फिर बॉल्स के पीछे पिछवाड़े के छेद तक स्क्रैच कर रहा था और वापस वहां से खूँटा जहाँ बॉल्स से मिलता है , उस जगह को पहले खूब जोर से दबाया और फिर लंबे शार्प नाख़ून से लन्ड के बेस से लेकर सुपाड़े तक स्क्रैच करते ,
 
 
" बोल चोदेगा न अपनी माँ को ,इसी मस्त लन्ड से उसके भोंसडे को , बोल ,बोल चढ़ेगा न उसके ऊपर , चोदेगा न अपनी माँ के भोसड़े को "
 
और अबकी साफ़ साफ़ जवाब सुनने के लिए मम्मी ने उनके सर को आजाद कर दिया अपनी कांख और उभारों के बीच से ,
 
 
और खुल के बोला भी उन्होंने ,
 
" हाँ मम्मी चोदूँगा। "
 
लेकिन मम्मी  के लिए इतना काफी नहीं था। जब तक अपने दामाद से अपनी समधन के लिए खुल के वो गाली न सुन ले ,
 
 
" अरे मुन्ने खुल के बोल न ,किस के भोंसडे को चोदेगा,बोल साफ़ साफ़। "  



मम्मी ने जोर से उनके खूंटे को दबाते पूछा।


 
 
और मेरे कान को विश्वास नहीं हुआ ,उन्होंने एकदम खुल के बोला लेकिन उनकी आवाज कुछ कुछ घंटी में दब गयी।


 
बेल दुबारा बजी।
 
" मंजू बाई होगी ,आज दोपहर से वो काम पे आने वाली थी। "
 
बिजली भी आगयी , पंखा फिर से चलने लगा।
 
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कोमल जी मे आप का लिखने के कला का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हु।आप ने इस कहानी को xossip पर लिख रही थी ।मगर ओ अचानक से बंद हो गया और ये कहानी अधूरी रही।आप ने इस कहानी को फिर से लिख रही है ।मेरा ये विचार था कि आप इस कहानी को उस जगह से लिखती जहाँ से xossip बंद हुआ था।
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हां भाभी गुड्डी और आपका इंतज़ार रहेगा .......
...and love for you
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Bilkul..this should have been started from where it was left...else we will have to wait 2 years Atleast..
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(19-08-2019, 09:40 AM)Fucker134 Wrote: हां भाभी गुड्डी और आपका इंतज़ार रहेगा .......
...and love for you

(20-08-2019, 03:01 AM)roxanne_lara Wrote: Bilkul..this should have been started from where it was left...else we will have to wait 2 years Atleast..

मैं अभी ' मोहे रंग दे ' एक नयी कहानी लिख रही हूँ , और साथ ही पुरानी कहानी , मजा लूटा होली का ससुराल में ख़तम करने  जा रही हूँ ,जिससे उसका सीक्वेल लिख सकूँ।  


जोरू का गुलाम में आगे लिखने का काम मैं मोहे रंग दे के पहले शुरू कर पाऊं , ये मुश्किल लगता है। 

यद्यपि जोरू का गुलाम पीडीफ में पोस्ट हो गयी है , लेकिन पता नहीं कितने लोगों ने उसे पढ़ी है या नहीं , और बहुत से लोगों ने जोरू का गुलाम पढ़ा भी नहीं है।  मेरे पाठक वैसे भी बहुत कम है , लेकिन इस फोरम  में जिस सूत्र के सबसे ज्यादा पाठक हैं वो जोरू का गुलाम ही है।  

इसलिए अनुरोध है की साथ बनाये रखें , मेरी बाकी कहानियों पर भी अपनी राय  मुझे दें , और उसके बाद जल्द ही टाइम मिलते ही जोरू का गुलाम भी आगे बढ़ेगी।
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" अरे मुन्ने खुल के बोल ,किस के भोंसडे को चोदेगा,बोल साफ़ साफ़।मम्मी ने जोर से उनके खूंटे को दबाते पूछा।

 
 
और मेरे कान को विश्वास नहीं हुआ ,उन्होंने एकदम खुल के बोला लेकिन उनकी आवाज कुछ कुछ घंटी में दब गयी।
 
बेल दुबारा बजी।
 
" मंजू बाई होगी ,आज दोपहर से वो काम पे आने वाली थी। "
 
बिजली भी आगयी , पंखा फिर से चलने लगा।
 
 
मैंने जाके दरवाजा खोला ,
 
आगे आगे मंजू बाई ,पीछे पीछे मैं।
 
अंदर हालात बदल गयी थीं लेकिन कोई भी देख के कुछ देर पहले मचे तूफ़ान का निशान साफ़ साफ़ दिख रहा था।
 
मम्मी ने उनका खूँटा भले ही अंदर कर दिया हो तोप ढँक दिया हो ,लेकिन वो वैसा ही बौराया ,भूखा पगलाया खड़ा था।
 
वो और मम्मी एकदम चिपके बैठे थे।
 
मम्मी का हाथ बड़े अधिकार पुर्वक उनके कंधे पर था उन्हें अपनी ओर खींचे ,चिपकाये हुए।
आँचल अभी भी मम्मी का लुढ़का पुढका था ,और उनकी ललचायी निगाहे दोनों पहाड़ियों के बीच ,गोरी मांसल गुदाज घाटी में चिपकी।
 
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मंजू बाई

[Image: Manju-bai-aaaa.jpg]

 
 
मंजू बाई ,... 

३५ -३६ की उमर ,लंबा चौड़ा खूब भरा शरीर , रंग गोरा नही तो ज्यादा सांवला भी नहीं , बस हल्का सा सलोना सांवला।

खूब गठी देह ,जैसे काम करने वालियों की होती हैं , कसी कसी पिंडलियां , दीर्घनितम्बा

छातियाँ भी बड़ी बड़ी लेकिन एकदम कठोर ठोस,

[Image: manju-bai-bb.jpg]
 
मम्मी को वो पहचानती थी।  उनसे दुआ सलाम कर के मुझसे बोली ,
 
" बहूजी आज सुबह ही आयी हूँ , अपनी बेटी गीता को भी साथ ले आयी हूँ उसकी ससुराल से वापस , ... "
 
उसकी बात मैं काटती ,अचरज से  बीच में बोली,
 
" पर गीता को, तुम तो कह रही थी   ... उसे एक महीने पहले ही बच्चा हुआ है , ... तो इतनी जल्दी ,... ससुराल से।  "
 
" अरे बहू जी उसका मरद तो पंजाब चला गया कमाने ,साल दस महीने में एक बार कभी आता है ,कभी वो भी नहीं।  और ऊपर से गीता की सास ,छिनाल खुद तो पूरे गाँव को चढ़ाती है अपने ऊपर ,पंचभतारी ,इस उमर में भी दबवाने मिसवाने में ,नैन मटक्का करने में शरम नहीं ,... "


[Image: Manju-Bai-b336eedfe1ab00559d2440ac3165821c.jpg]
 
" सही कहती है तू सारी सासें आजकल ऐसी ही होती है बहुओं की , " उनकी ओर देख के मुस्करा के मैं बोली।
 
जिस तरह से उन्होंने ब्लश किया ,मम्मी भी समझ गयीं और मन्जू बाई भी की मेरा इशारा किधर है।  मंजू बाई ने अपनी बात जारी रखी
 
" और गीता की सास से भी दो हाथ आगे गीता की ननद है। 

करमजली अपने ससुराल से झगड़ा करके गयी है और असल बात ये है की गाँव के सारे लौंडों से फसी है वो ,भैय्या भैय्या बोलती है और सबके सा, गन्ने के खेत में कबड्डी खेलती है। माँ बेटी दोनों नम्बरी छिनार , और गीता की ननद ,मेरी बेटी का नाम धरती है। गीता की सास मुझसे बोलने लगी , तुझे बेटी को ले जाना हो तो ले जाओ लेकिन मैं बच्चे को नहीं ले जाने दूंगी।  तो मैं भी बोली की रखो तुम बच्चे को और मैं गीता को ले आयी। "
 
फिर कुछ रुक कर वो बोली ,
 
 "बहू जी मुझे मालुम है मैं इतनी दिन नहीं आयी ,आप को कितनी तकलीफ हुयी होगी ,... लेकिन "
 
अबकी उस बात मम्मी ने काटी। इनके चिकने गाल पे प्यार से हाथ फिराते बोलीं ,
 
" अरे कोई तकलीफ नहीं हुयी ,मंजू बाई। ये था ,झाड़ू पोंछा ,बर्तन सब कुछ इसी के जिम्मे था ,हाँ थोडा नौसिखिया है तो तू आगयी है तो कुछ सिखा विखा देना इसको "

[Image: MIL-W-32103ad781f443bd16ec59621138b02a.jpg]
 
मंजू बाई की निगाह इनकी पर ,बल्कि उन्होंने जो साडी पहनी थी मम्मी की लुंगी बना के और उससे भी बढ़कर ,... 

उसमें तने तंबू के बम्बू पर गयी।
और वहीँ अटक गयी।
 
तंबू तना भी जबरदस्त था।

[Image: Bulge-C1hyehl-WIAAOk7-R.jpg]
 
मम्मी ने मंजू बाई को इशारे से अपने पास बुलाया और पर्स से ५०० का नोट निकाल कर दिया।
 
वो ना ना  करती रही ,लेकिन पहले तो मम्मी ने मंजू बाई के  कान में कुछ फुसफुसाया , फिर बोलीं ,
 
" अरे  तेरी बेटी के पहलौठा बच्चा हुआ है तो उसके दूध पीने के लिए। "
 
मंजू बाई ने वो नोट पहले तो माथे पर लगाया , फिर झुके झुके ही अपनी चोली में खोंस लिया।
 
मंजू बाई की कसी चोली  से दोनों बड़े बड़े उभार बाहर छलक रहे थे। 

और इनकी लालची निगाह दोनों छलकते उभारों पर ,बीच की गहराई में धंसी , फंसी।
 

[Image: boobs-jethani-14054088-248867345507149-7...4382-n.jpg]
 
लेकिन मम्मी की निगाह से इनकी चोरी कैसे बचती , उन्होंने मंजू बाई से इनकी ओर इशारा  कर के पूछ लिया ,
 
 
 
" सुन तू मेरी बेटी को बहू कहती है तो फिर ,... तेरी बेटी इसकी क्या लगेगी। "
 
मंजू बाई इशारा समझ गयी थी , मुस्करा के इनकी ओर देख के बोली

" बहन लगेगी ,और क्या।


और फिर अपने बड़े बड़े उभार छलकाते हुए पल्लू खोंस लिया।
 
( गीता ,मंजू बाई की बेटी ,देह तो मंजू बाई ऐसे थी खूब भरी भरी थी ,गदरायी लेकिन रंग एकदम गोरा चम्पई था ,जैसे कोई दूध में केसर डाल दे। 

[Image: Geeta-Sana-Khan-Spicy-in-Half-Saree.jpg]

एक बार मैंने मंजू बाई से , वो पोंछा लगा रही थीको चिढाते हुए पूछा भी ,मंजू बाई तेरा रंग तो ,.. और तेरी बेटी एकदम चिट्टी।  मुस्करा के वो बोली ,इसका बाप बहुत गोरा था ,रंग बाप पे गया है। मैंने फिर पूछा तेरा मर्द तो। हंसते हुए उसने फिर साफ़ साफ बोला ,अरे  बहू जी आप तो समझती हो ,मेरा मरद नहीं ,इसका बाप )
 
 
 
और जैसे ही वो मुड़ी तो इनकी निगाह उसके दीर्घ नितंबों और बीच की दरार पर। 

मंजू बाई कुछ अपने मोटे मोटे ३८++ चूतड़ मटका भी ज्यादा रही थी।



 [Image: ass-saree-d30806b42344da9e31bc5fbfafe607e9.jpg]
 
मम्मी ने फिर उसे रोक  के बोला ,
 
" अरे मंजू बाई ज़रा तू इनको भी कुछ काम वाम सिखा दे ,अब कभी तुम नहीं आओगी तो सब काम इसे ही तो करना पड़ता है न। "
 
 
और फिर इनसे भी मम्मी बोलीं ,
 
" जा सब सीख ले ठीक से ,मंजू बाई सिखा देंगीं। और तू हेल्प करा देगा तो काम भी जल्दी निपट जाएगा। "
 
 
जैसे ही ये उठे मंजू बाई के पास जाने के लिए ,मम्मी ने हलके से आँख मारते हुए उनसे धीरे से बोला ,

" ग्रीन सिग्नल ".
 
इससे बड़ी ख़ुशी की बात इनके लिए क्या हो सकती थी।
 
चेहरे पर से ख़ुशी एकदम छलक रही थी और खूँटा अलग एकदम तन्नाया हुआ।
 
वो मंजू के बाई पास पहुंचे ही थे ,की मम्मी ने फिर बोला ,
 
" अरे ज़रा अच्छी तरह सब काम सिखा देना ,झाड़ना ,पोंछना , रगड़ रगड़ के ,... और अगर ये सीखे    ....   तो जबरदस्ती भी कर सकती हो तुम ,सिखाने के लिए। "
 
मम्मी का इशारा एकदम साफ़ था।
 
और मंजू बाई भी ,उसने एकदम मालिकाना अंदाज में अपनी हथेली इनके पिछवाड़े रखते , मुड़ के मम्मी की ओर देखते हुए बोला ,
 
" एकदम आप चिंता करिये सब सीखा दूंगी। झाड़ना ,पोंछना सब ,... " 


और उन्हें हलके से पुश करते हुए किचेन की ओर चली।
 
 
तब तक मुझे एक शरारत सूझी , मैंने मम्मी को याद कराया।
 
" अरे मम्मी कल रात अपने इतने प्यार से इनका एक घर में पुकारने का नाम रखा था लेकिन अब तक एक बार भी उस नाम से उन्हें पुकारा नहीं ,कितना बुरा लग रहा होगा उन्हें न। "
 
मम्मी तुरंत समझ गयी और उन्हें बुलाया ,
 
" सुन बहनचोद ,.... "



 [Image: MIL-W-D4qr-YYDUEAA2-Ct9.jpg]
और अब मंजू बाई के चौंकने की बारी थी।
 
 
वो आश्चर्य से मेरी ओर मुंह कर के देख रही थी।
 
" अरे मंजू बाई , ये इनके प्यार का नाम है।  घर में पुकारने का नाम। इनकी सास ने बड़े प्यार से इनका ये नाम रखा है। अब घर में हम सब लोग इन्हें इसी नाम से बुलाएंगे। "
,
 
सब लोग पर जोर देने से मंजू बाई अच्छी तरह समझ गयी।
 
उधर इनकी सास इन्हें समझा रही थीं ,
 
 
" सुन बहनचोद , अभी हम लोग शापिंग के लिए जा रहे हैं।  दो तीन घंटे के बाद ही लौटेंगे।  तब तक तुम मंजू बाई की सब बाते मानना ,एकदम ध्यान से , जो जो ये सिखाये एकदम अच्छी तरह सीखना। रगड़ रगड़ के बरतन चमकाने ,किचेन के सब काम के साथ हर जगह झाड़ू , ...अंदर तक झड़वाना इससे मंजू बाई ,... डस्टिंग ,हर जगह ,... कोई जगह बचनी नहीं चाहिए ,.... और मंजू बाई तुम अपने सामने ,.. "
 
 
" एकदम ,... आप लोग जाइये ,सब चीज अच्छी  तरह सिखा दूंगी। अब आपने मुझे ये काम सौपा है तो ,... आप लोग आराम से लौट के आइये। आप के आने तक  एकदम चमाचम मिलेगी,सब चीज "
 
मंजू बाई ने बात काट के हामी भरी। मंजू बाई का हाथ अभी भी उनके पिछवाड़े ही था।
 
 मैं और मम्मी घर के बाहर निकल रहे थे की मैं अपने को रोक नहीं पायी , दरवाजे से ही मैंने हंकार लगाई ,
 
" अरे बहनचोद ,ज़रा आके दरवाजा बंद कर दे न। "
 
मम्मी कार में बैठ चुकी  थीं।
 
 
जब वो दरवाजा बंद करने आये तो उनके होंठो पे एक हलकी सी चुम्मी लेते मैंने उनके कान में बोला
 
" ग्रीन सिग्नल "

[Image: Teej-678c73ec65c704088bb3be72b56e20f9.jpg]
 
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मंजू बाई की सीख 

[Image: bhabhi-15.jpg]


हम लोग शापिंग कर  रहे थे और मंजू बाई उन्हें 'सिखा ' रही थी।

 
उन्होंने सोचा था की बस वो देखेंगे और मंजू बाई सब काम करेगी ,बहुत होगा तो उन्हें कुछ बता समझा देगी ,या फिर थोड़ा बहुत हाथ बंटाना ,
 
लेकिन यहाँ एकदम उलटा हो रहा था।
 
सब काम उन्हें ही करना पड़ रहा था ,उलटे मंजू बाई हड़का अलग रही थी।
 
वो डिशेज साफ़ कर रहे थे और मंजू बाई ,...
 
" क्या कैसे कर रहे हो , ठीक से साफ़ करो रगड़ रगड़ के ,.. क्या सब ताकत तेरी बहन ने चूस ली?"
 
उन्होंने कुछ और ताकत लगाई लेकिन मंजू बाई को नहीं जमा , वो बोली ,
 
" अच्छा चल आती हूँ मैं ,कर के दिखाती हूँ तुझे ,  "
 
और फिर मंजू बाई ने अपना आँचल  अपनी कमर में लपेट के पेटीकोट में खोंस लिया। 

दोनों गद्दर ब्लाउज फाड़ जोबन , खूब कड़े कड़े ,एकदम इनकी आँखों के सामने। पतले ब्लाउज में उभार कटाव ,कड़ापन सब दिख रहा था। ब्रा वो पहनती नहीं थी।  

[Image: boobs-jethani-14947927-122466274897860-5...3318-n.jpg]

एकबार फिर इनका 'कुतुबमीनार ' तन के खड़ा हो गया।  ब्रा वो कभी नहीं पहनती थी लेकिन उसके उभार आँचल में छुपे ढके रहते थे और जब पल्लू उसने कमर में लपेट लिया तो फिर सब कुछ साफ़ साफ़ ,...
 
मंजू बाई एकदम इनसे सट के चिपक के खड़ी हो गयी।  

कनखियों से वो इनका उठा हुआ तंबू देख रही थी ,लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी। 

मंजू बाई के उभारों का जो इनके खूंटे पे असर हुआ वो सब साफ़ समझ रही थी, कोई नौसिखिया तो थी नहीं ,  
ऐसे खेलों की पुरानी खिलाडन थी।
 
वो एक कटोरी साफ़ कर रहे थे।
 
झुक के अपने उभार की नोक उनके एक हाथ से रगड़ते मंजू बाई बोली ,
 
 
" अरे कैसे अपनी बहिनिया की कटोरी में ऊँगली डालते हो ,दो अंदर एक बाहर ,... हाँ बस वैसे ही , ...ठीक बस ,... अब ज़रा रगड़ रगड़ जैसे , ...अपनी छुटकी बहिनिया की कटोरी में ऊँगली डाल के ,... हाँ जोर जोर से मांजो , देखो चमक जायेगी।  जैसे तेरी बहन का चेहरा चमक जाता होगा तेरी ऊँगली से , ...हाँ बस वैसे ही। देख चमक गया न। अरे मेरे मुन्ने तू बहुत जल्द सीख जाएगा , बस चुपचाप मेरी बात मानता रह। "
[Image: boobs-jethani-20479696-335948380192950-1...7264-n.jpg]

 
मंजू बाई का एक उभार उनकी पीठ से रगड़ खा रहा था बार बार और   नल खुला हुआ था ,तेज धार से छर छर ,.. उसकी बूंदो से मंजू बाई का ब्लाउज भी थोड़ा गीला  हो गया था। 

एकदम उसके जोबन से चिपक गया था। अब सिर्फ उभार ,कटाव और कड़ापन ही दिख रहा था बल्कि ब्लाउज के अंदर का पूरा नजारा।
 
 [Image: boobs-jethani-champa-15095573-1325382605...3502-n.jpg]
खड़ा खूँटा उनका और टनटना गया था।
 
ये बात मंजू बाई से छिपी नहीं थी।
 
" अरे चल जल्दी जल्दी कर बहुत काम करवाना है तुझसे अभी ," 


वो बोली और मंजू बाई के इस डबल मीनिंग डायलाग का और गहरा असर उनके ऊपर पड़ा।
 
मंजू बाई अब खुल के उनके लुंगी फाड़ते खूंटे की ओर देख रही थी ,बिना किसी झिझक ,हिचक के।
 
बर्तन वो मांज चुके थे तो मंजू बाई बोली ,
 
"चल रगड़ना सीख लिया , अच्छी तरह से। अब धुलवाउंगी बाद में ,धुलना भी सीखा दूंगी ,लेकिन चल पहले झाड़ू उठा। आज झाड़ना तेरा काम है और झड़वाना मेरा अच्छी तरह समझ ले। "
 
वो दोनों लोग किचेन से निकले ,मंजू बाई ने उनके हाथ में झाड़ू पकड़ा दी थी।
 
जितना असर उनके ऊपर मंजू बाई के बूब्स का हो रहा था उतना ही उसके डबल मिनिग बातों का भी , ' झाड़ना ' और ;झड़वाना' से मंजू बाई का क्या मतलब है वो अच्छी तरह समझ रहे थे।
 
सबसे पहले बैडरूम से उसने शुरू कराया और साथ में ही हड़काना ,
 
" अरे ज़रा ताकत लगा के , कस के झाड़ ने। तेरी बहन ने क्या सारी ताकत निचोड़ ली है जो इतना , ... अरे आगे पीछे सब झड़वाउंगी मुन्ने तुझसे , अभी बहुत ,... "
 
फिर बिस्तर के नीचे भी ,
 
" अरे अंदर भी , अंदर डाल के ,क्या बाहर बाहर मजा आएगा।  पूरा अंदर डाल के झाड़ो ,कोई कोना बचना नहीं चाहिए।  अरे मायके में क्या ऐसे ही ऊपर झापर झाड़ के काम चला लेते थे ,कुछ सिखाया नहीं तेरी माँ बहनों ने ,कैसे पूरा अंदर डाल डाल के।  ... चल कोई बात नहीं मैं हूँ सब सीखा दूंगी अपने मुन्ने  को अच्छे से झाड़ना ,झड़वाना सब। "
 
वो झुक कर झाड़ू लगा रहे थे , हिप्स उठे हुए।  मंजू बाई ने प्यार से उनके उठे हिप्स पे एक चपत लगाते कहा।
 
 
लेकिन साथ ही साथ उनकी लुंगी बनी साडी भी उसने उठा दी ,ऑलमोस्ट कमर तक और छल्ले की तरह लपेट दी।
 
" ऐसे ही हाँ अरे मुन्ने मुझसे क्या शर्मा रहा है ,...हाँ  और ,थोड़ा और चूतड़ ऊपर उठा , अरे बचपन में सारे लौंडेबाज तेरी चिकनी गांड मारने के लिए जैसे घोड़ी बनाते होंगे बस वैसे ही उठा हाँ अब ठीकऐसे पूरा जोर लगेगा अंदर तक झाड़ने में। "
 
[Image: Manju-bai21.jpg]

दोनों जाँघों के बीच हाथ डाल के जब मंजू बाई ने उनके चूतड़ ऊपर करवाये तो ,मंजू बाई की उंगलिया सिर्फ उनके चूतड़ से ही नहीं बल्कि तन्नाए खूँटे से भी रगड़ खा गयी.
 
' हथियार तो जबरदस्त है ,भूखा भी है और बौराया भी "मंजू बाई समझ गयीं थी।
 
और बेडरूम करने के बाद जब वो निकलने लगे तो मंजू बाई सामने खड़ी , अभी भी मंजू बाई ने आँचल कमर में खोंस रखा था इसलिए मंजू बाई की दोनों 'चोटियां ' सीधे उनके मुंह के सामने ,
 
" अरे मुन्ना मेरे कहाँ निकले अभी बाथरूम बाकी है न।  सब कमरा बोला था और वहां तो एकदम चमाचम होना चाहिए न।

मंजू बाई ने उनको पकड़ कर बाथरूम की ओर ठेल दिया।
 
वो बाथरूम का दरवाजा खोल ही रहे थे की एक आवाज ने उन्हें रोक दिया।
 
रेफ्रिजरेटर का दरवाजा खुलने की आवाज ,...
 
एक बडा सा लाल एपल , कश्मीरी ,मंजू बाई ने निकाल लिया था।
 
उन्हें दिखाते हुए दांत से एक बड़ी सी बाइट मंजू बाई ने काटी और मुस्करा के बोली ,

[Image: apple.jpg]
 
" तुझे भी मिलेगा , अरे मुन्ना काम कर पहले। मालुम है मुझे मुन्ना बहुत भूखा है ,

दूंगी अभी सब दूंगी लेकिन चल पहले काम कर और हाँ ,  ... "
 
कमोड की ओर इशारा कर के बोलीं ,
 
" इसे अच्छी तरह चमकाना ,एकदम सफ़ेद ,कोई दाग वाग नहीं ,ऊँगली से चेक कर लेना। मैं आके अभी चेक करुँगी ,चल काम शुरू कर। "
 
उन्होंने बाथरूम धोना ,साफ़ करना शुरू कर दिया और मंजू बाई ,बाथरूम के दरवाजे पे ऐपल की बाइट लेती ,
 
 
जब उन्होंने सब काम ख़तम कर लिया तो मंजू बाई अंदर आई और अपने हाथ से उनके मुंह में ऐपल की एक बाइट बड़ी सी दी और फिर मंजू बाई ने उन्हे ऐपल पकड़ाया ,
 
लेकिन एक पल के लिए वो झिझके ,
 
" गन्दा है हाथ।

हलके से हाथ की ओर इशारा करते वो बोले पर मंजू ने हड़का लिया ,
[Image: Teej-elebrities-deep-neck-open-chest-blo...ress-8.jpg]

 
" अरे कुछ गन्दा नहीं होता ,चल पकड़ " जोर से वो बोली ,और उन्होंने अधखाया ऐपल पकड़ लिया।
 
झुक के मंजू बाई ने अंदर तक चेक किया , सब चमाचम।
 
 
"एक बाइट और  ले के मुझे दे दे"
 
अब उनकी झिझक ख़तम हो गयी थी। एक बाइट लेकर ऐपल उन्होंने मंजू बाई को पकड़ा दिया।
 
और   उसके पीछे हाल  में वो ,
 
आगे आगे मंजू बाई ,
 
उसके कसर मसर करते बड़े बड़े कसे चूतड़ ,उनके बीच की साफ़ दिखती दरार ,...
 

[Image: saree-back-x.jpg]

हालत उनकी खराब हो रही थी।
 
मंजू बाई सब समझ रही थी और उसने और आग में घी डाला , मुड़ के उनकी ओर देख के जीभ निकाल के चिढा दिया फिर जीभ से अपने मोटे मोटे होंठ चाट लिए।  
" चल शुरू कर , ... " मंजू बाई ने हाल में पहुँचते बोला।
 
एक बार वो फिर झुके हुए ,पिछवाड़ा खूब ऊपर  हवा में , साडी एकदम ऊपर चिपकी , अंदर घुस घुस के झाड़ू लगाते।
 
मंजू बाई बार बार उनके अधखुले पिछवाड़े में अब खुल के हाथ लगाती ,पुश करती तो कभी सीधे बीच की दरार में ऊँगली डाल के  जोर से रगड़ देती।
 
थोड़ी देर में आधा हाल ही हो पाया था की मंजू बाई की पीछे से आवाज आयी ,
 
" अच्छा चल  उठ ऐसे तो बहुत टाइम लग जाएगा। "
 
जब वो मुड़े मंजू बाई की ओर ,उन्हें  लगा शायद गुस्से में बोल रही लेकिन वो मुस्करा रही थी।
 
उनकी ओर बचा हुआ अधखाया सेब दिखा के उसने पूछा ,
 
" बोल चाहिए "

[Image: MIL-86656847e3eebfcc1284935607a6252a.jpg]
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बोल चाहिए 


[Image: Mom-7.jpg]





" बोल चाहिए "

 
लेकिन जिस  तरह से उसने आँखे नचाके , अपने मस्त उभारों को और उभार के ये सवाल पूछा था ,ये मुश्किल था समझना की वो   सवाल अधखाये सेब के लिए पूछ रही है  अपने गदराये जोबन के लिए ,

[Image: boobs-Guddi-745ad842aa8d645cda1058e7b124c33d.jpg]
 
" बोल चाहिए ,मुंह खोल के बोल तभी दूंगी। "

हंस के वो बोली।
 
" हाँ चाहिए " बस उनके मुंह से निकल गया।
 
"लालची ,देती हूँ। "
 
और बचा खुचा सेब मंजू बाई ने एक बारगी ही  अपने मुंह में पुश कर दिया ,सब का सब मुंह के अंदर और कुछ देर तक चुभलाती रही।
 
फिर जब तक उन्हें कुछ समझ में आये ,मंजू बाई ने कस के उन्हें अपनी बांहों में जकड लिया।
 
ब्लाउज फाड़ते मंजू बाई के बड़े बड़े कड़े कड़े उरोज अब सीधे बरछी की तरह उनकी छाती में धंस रहे थे।
 
मंजू बाई अपने बंद होंठ उनके होंठो पे रगड़ रही थी और साथ में मंजू बाई का एक हाथ उनके नितंबों पे कस के दबोचता , उंगली उनके मांसल मुलायम नितंबों में धंसाता ,
 
और फिर मंजू बाई की  मोटी रसीली जीभ सीधे जबरदस्ती उनके मुंह को खोलती अंदर ,
 
 
जैसे किसी कुँवारी तड़पड़ाती ,छटपटाती कच्ची कली की बंद चूत में जबरदस्ती मोटा लन्ड पेल दे।
 
 
[Image: kiss-16790459.gif]
 
उनके होंठ खुल गए थे और मंजू बाई के भी।
 
अधखाया , थूक में लिसड़ा , जूठा ,कुचा कुचाया , सेब के टुकड़े मंजू बाई के मुंह से सीधे उनके मुंह में।
 
मंजू बाई की जीभ ठेल रही थी ,एक एक अधखाया सेब का टुकड़ा सीधे उनके मुंह में साथ में मंजू बाई का सैलाइवा ,
 
चूमने चूसने और उनके सीने पर अपने जोबन जोर जोर से रगड़ने के साथ , अब मंजू बाई की जाँघे भी चारो ओर से ,
 
उसका भरतपुर , सीधे उनके खड़े खूंटे को  रगड़ता ,दरेरता।
 
उन्होंने अपने को पूरी तरह मंजू बाई के हवाले कर दिया था।
 
चार पांच मिनट तक ,
 
और उस के बाद जैसे ही  मंजू बाई ने उन्हें दबोचा था वैसे ही छोड़ दिया ,हाँ छोड़ने के पहले उसने ढेर सारा सैलाइवा इनके मुंह पे गाल पे लपेट दिया।
,
और दूर खड़ी हो के एक पल मुस्कराती रही ,फिर आँख नचा के बोली।
 
" थोड़ी देर तुम ने झाड़ लिया ,अब मैं झाड़ती हूँ ,दोनों मिल के ,... तो फिर जल्दी हो जाएगा , वरना तो वैसे बहुत टाइम लगेगा। मैं झाड़ती हूँ तू डस्टिंग कर ले बस फटाक से हो जाएगा। "
 
और ये कह के मंजू बाई ने उनके हाथ से झाड़ू ले लिया , और झुक के ,... झुकने के पहले उसने अपनी साड़ी पेटीकोट एडजस्ट किया ,ऊपर सरकाया खूब ऊपर।

[Image: Manju-Bai-6.jpg]
 
सिर्फ उसकी मांसल कसी कसी पिण्डलियां दिख रही थीं बल्कि केले के तने ऐसी चौड़ी ,चिकनी ,मखमली जाँघों का भी काफी हिस्सा।
 
 
वो झुक के झाड़ू लगा रही थी लेकिन इनकी निगाहें तो बस उसके उठे हुए चूतड़ों पर और उससे भी ज्यादा ,
 
मंजू बाई के निहुरने से ,पेड़ की डाली से लदे झुके फल की तरह ,मंजू बाई के गदराये उभारों पर एकदम चिपकी थीं।
 
मंजू बाई ने उन देखते हुए देखा , लेकिन बजाय बुरा मानने के जोर से मुस्करायी ,बोली ,
 
 
" चाहिए " मंजू बाई की निगाहें इस समय सीधे उभारों की तरफ थी ,इशारा बहुत साफ़ था।

[Image: Boobs-jethani-Champa-18010724-2338528170...4516-n.jpg]
 
अबकी बिना किसी झिझक के  उनके मुंह से निकल गया ,हाँ चहिये।
…………………………………………………………
 
" चल देती हूँ ,लेकिन पहले मिल के जल्दी काम ख़तम करते हैं , मैं झाड़ती हूँ तू डस्टिंग कर ले , पक्का। "
 
उनकी निगाहे कुछ देर तक मंजू बाई के उठे चूतड़ों और झुके उभारो पर चिपकी रही फिर वो डस्टिंग करने में लग गए।
 
डस्टिंग करते करते उनकी निगाह पिक्चर फ्रेम पे पड़ी जिसमें गुड्डी की तस्वीर लगी थी। 

[Image: hot-sale-all-match-model-soft-dress-nips...40x640.jpg]

वो उसे झाड़  रहे थे की पीछे से काम ख़तम कर के मंजू बाई भी आगयी।
 
" बड़ा पटाखा माल है ,कौन है ये। "


 
" मेरी बहन है ,छोटी। गुड्डी।

उन्होंने बोल दिया।
 
" कबूतर तो बड़े मस्त हैं इसके , खूब दबाये  होंगे तूने।



मंजू बाई ने अपना फैसला सुनाया और उन्हें खींच के किचेन की ओर ले गयी जहाँ बचा खुचा काम  उनका इन्तजार  कर रहा था।
 
मंजे हुए बर्तन धुलने के लिए पड़े थे।  नल खोल के उन्होंने बर्तन धोने शुरू  कर दिए और वहीँ  सिंक के पास सिल पर बैठकर मंजू बाई बर्तनो को पोंछ  सुखा  के रखने लग गयीं और उनको चिढाते हुए बोला ,
 
कुछ चहिए तो खुल के मांग लेना चाहिए।


[Image: mom.jpg]

बड़े लिचरस अंदाज में वो बोली।
 
मंजू बाई ने उनकी चोरी पकड़ ली थी ,जिस तरह बरतन धुलते हुए चोरी चोरी मंजू बाई के ब्लाउज फाड़ते , झांकते उभारो को वो चोरी चोरी देख रहे थे।
 
" तो दे दे ना

आखिरी कटोरी धुल के उसे पकड़ाते वो बोले। अब धीरे धीरे ,मंजू बाई की संगत में ये खेल सीख रहे थे।
 
" ऐसे थोड़ी मिलेगा "  

अंदाज से कटोरी पकड़ते ,झुक के अपने दोनों कबूतरों के दर्शन उन्हें कराते ,मंजू बाई बोली।
 
अब  वो जाके उसके पास वो खड़े हो गए और उसकी आँख में आँख डाल के  साफ़ साफ़ बोले ,
 
" तो बोल कैसे मिलेगा ?"
 
मंजू बाई का भी काम ख़तम होगया था। ठसके से उनका सर पकड़ के बोली ,
 
" अरे मुन्ना , कुछ मिनती करो ,हाथ पैर जोड़ो ,मान मनौवल करो ," 


और ये बोलते हुए उनकी लुंगी बनी साडी को कमर तक उठा के ,उनकी कमर में लपेट दिया।
 
मंजू बाई नीचे उतर आयी थी ,उनके बगल में खड़ी।
 
खूंटा अब एकदम बाहर खुल्लम खुला।

[Image: cock-20514937.jpg]

खूब कड़क।


 
मंजू बाई की निगाहें एकदम उसपर गड़ी रहीं ,फिर अचानक उसने अपनी मुट्ठी में उसे दबोच लिया।
 
" हथियार तो जबरदस्त है।  मस्त ,खूब कड़ा। "
 
हलके से दबाते हुए वो बोली, फिर धीरे धीरे मुठियाने लगी और मुठियाते हुए एक झटके में सुपाड़ा खोल दिया।
 
उसकी ओर आँख मार के मंजू बाई , हलके से मुस्कराते बोली ,
 
" बहुत भूखा लग रहा है। चाहिए क्या कुछ इसको ?"


[Image: holding-cock-tumblr-o050lrr-Zd-H1uk76xgo1-400.gif]
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बहुत भूखा लग रहा है। चाहिए क्या कुछ इसको

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आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(19-08-2019, 09:12 AM)Bindas baba Wrote: कोमल जी मे आप का लिखने के कला का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हु।आप ने इस कहानी को xossip पर लिख रही थी ।मगर ओ अचानक से बंद हो गया और ये कहानी अधूरी रही।आप ने इस कहानी को फिर से लिख रही है ।मेरा ये विचार था कि आप इस कहानी को उस जगह से लिखती जहाँ से  xossip बंद हुआ था।

बात आपकी एकदम सही है , शुरू में  मेरा भी यही विचार था , लेकिन 


एक तो एकदम बीच से शुरू करने से एकदम अचानक लगता और बहुत से लोग उसका सिर पैर नहीं जोड़ पाते , जिस फोरम में मैं लिख रही थी , उसके आखिरी दिनों में , एकदम आलमोस्ट रोज मैं पोस्ट कर रही थी , कहानी में एक नया मोड़ भी मैं ले आयी की कहानी को फोरम के बंद होने के पहले मैं बंद कर दूँ , उसको एक लॉजिकल एन्ड पहुंचा दूँ , हालाँकि उसमें बहुत से प्रसंग छूट जाते , लेकिन कोई रास्ता भी नहीं था।  अगर फोरम दो चार दिन बाद भी बंद होता तो मैं कहानी को ख़तम कर देती।  कहानी का वो अंत मैं लिख चुकी थी पर जब पोस्ट करने गयी तो फोरम बंद हो चुका था , उसमे बहुत से हिस्से कहानी में बदलाव लेकर मैं ख़तम कर रही थी। 

लेकिन वो हुआ नहीं। 

अब दो  बातें हुईं , एक तो मुझे लगा की आखिरी के दिनों के पोस्ट बहुत से लोगों ने नहीं पढ़ा , क्योंकि मैं हर दिन पोस्ट   कर रही थी , दूसरी अब जब कहानी का अंत  फिर से लिखना है तो जिन प्रसंगों को मैंने छोड़ दिया है , उसे भी जोड़ कर लिखूं तो ज्यादा उचित होगा।  अगर वो कहानी मैं शुरू करूँ  और दो पोस्ट में ख़तम कर दूँ तो अजीब लगेगा।  

लेकिन एक सवाल फिर भी रह जाता है , मैं वहां से शुरू कर के ओर्जिनल रूप में पोस्ट कर सकती थी। 

पर उसी समय मैंने 'मोहे रंग दे ' शुरू कर दी , जो एकदम अलग ढंग की है।  

 फिर एक दो फोरम में जो पोस्ट किया वो फोरम भी बंद हो गए , एकदम हताशा की स्थिति थी , पुराने फोरम में हर पोस्ट  के बाद दस हजार व्यूज कॉमन थे , लेकिन अभी भी ,... कमेंट्स की भी ,... क्योंकि लिखने और पढ़ने वाले सब बिखर गए।  

लिखने में मेहनत भी लगती है टाइम भी ,

फिर  जोरू का गुलाम पिक्चर्स के साथ किसी भी फोरम पर नहीं थी , इसलिए मैंने सोचा की भले पीडीफ जौनपुर  कृपा से उपलब्ध है लेकिन हर पाठक उसे नहीं पढ़ता , और पिक्चर्स के साथ कहानी का मज़ा अलग है ,

और सिर्फ मेरी यह कहानी नहीं , बहुत से लेखकों की कहानी इस फोरम में फिर से पोस्ट हो रही है ,

मुझे विशवास है आप परस्थिति को समझ सकेंगे।  

 और यह भी विशवास है की आप अपना स्नेह और साथ उसी तरह देंगे ,
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(19-08-2019, 09:40 AM)Fucker134 Wrote: हां भाभी गुड्डी और आपका इंतज़ार रहेगा .......
...and love for you

(20-08-2019, 03:01 AM)roxanne_lara Wrote: Bilkul..this should have been started from where it was left...else we will have to wait 2 years Atleast..

no no , i agree with your issue will increase the pace of posting sure , meanwhile do read MOhe Rang do
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(19-08-2019, 09:40 AM)Fucker134 Wrote: हां भाभी गुड्डी और आपका इंतज़ार रहेगा .......
...and love for you

thanks do read the last post and share your views
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