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दीदी इसमे क्या है
#61
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[Image: 58911558c9abd.jpg]


https://imx.to/u/i/2017/01/31/58911558c9abd.jpg
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#62
दीदी दिखाओ न इसमें क्या है ?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#63
[Image: 5891155b45021.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#64
[Image: 58911558e8bb3.jpg]

मैं दीदी के पास जाकर बैठ गया, दीदी ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया. मैंने भी दीदी को बाँहों में ले लिया और उनके रसीले होंठों को चूमने लगा. लगभग 5 मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#65
[Image: 589115593a5f5.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#66
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[Image: 5891155917d74.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#67
[Image: 58911559b9e75.jpg]


दीदी के कुछ भी न बोलने पर मैंने कहा- दीदी, गाउन उतार दो न प्लीज
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#68
हम दोनों एक-दूसरे के होंठ ऐसे चाट रहे थे.. जैसे बरसों के प्यासे हों। मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल कर उसके मम्मों को अपने हाथ में ले लिए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#69
[Image: 58911558a5cd6.jpg]


























































[Image: 5891155917d74.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#70
[img][https://imx.to/u/i/2017/01/31/589115593a5f5.jpg/img]
[img][अह.. ले लो इन्हें.. जल्दी काटो मेरे चूचुकों को.. अह..

मैंने उसका एक दूध अपने मुँह में लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। वो धीरे-धीरे कामुक सिसकारियां ले रही थी ‘हाँ दबाओ.. काटो मुझे बंटी.. अया आहह अया अया.. मेरे सैंया.. ज़ोर से दबाओ आआह आआह..’..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#71
[https://imx.to/u/i/2017/01/31/5891155917d74.jpg][/img]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#72
[Image: 5891155917d74.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#73
[Image: 5891155a03be8.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#74
वो गरम आहें भर रही थी- अया अहहाअ.. दबाओ भैया.. चूसो इन्हें.. अया दबाओ.. पूरा मुँह में ले लो…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#75
[Image: 589115595b5da.jpg]





हम दोनों लेट कर किस करने लगे, मैं कभी उसके मम्मों को दबाता.. तो कभी किस करता।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#76
[Image: 589115599b7cc.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#77
वो गरम आहें भर रही थी- अया अहहाअ.. दबाओ भैया.. चूसो इन्हें.. अया दबाओ.. पूरा मुँह में ले लो…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#78
[Image: 58911564e2339.jpg]




अब वो मेरे कपड़े निकालने लगीं और मेरी शर्ट और बनियान निकाल कर मेरी चौड़ी छाती चूमने लगीं. फिर उन्होंने मेरा पैंट भी निकाल दिया और चड्डी के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगीं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#79
[Image: 5891155f305b0.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#80
..




फिर मेरी चड्डी भी निकाल दी और मेरे लंड के हाथ में पकड़ कर एक दो बार ऊपर नीचे किया


https://imx.to/u/i/2017/01/31/5891155a2106b.jpg
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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