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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
Your way of writing reminds me of Avi of main meri family and gaon writer... The story with most views in history of xossip... I hope this story will also get far more viewers...
Keep going
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
Superb update
Waiting next
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waiting for next gr8 update
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Bhai is PE bhi update do
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Update 40

अमृत को पीने के बाद मैं ने उसकी चूत को एक बार चाट कर साफ किया.
मैं ने टाइम देखा ,2 घंटे से मैं रेशमा के साथ सिर्फ़ उपर उपर से प्यार कर रहा था.
मतलब मुझे रेशमा के साथ प्यार करते हुए समय का भी ध्यान नही रहा.
फिर ज़्यादा देर करना ठीक नही होता. मैं ने अपने कपड़े निकाल दिए.और रेशमा को आँखे खोलने के
लिए कहा .
उसने आँखे खोल दी.मैं ने लंड को रेशमा के हाथो मे दिया.
रेशमा ने एक बार मेरी तरफ देखा और फिर लंड की तरफ .
लंड की तरफ देखते हुए शर्मा गयी .
फिर मैं ने रेशमा की गंद के नीचे अपने कपड़े रख दिए. फिर मैं रेशमा की टाँगो के बीच मे
आ गया.
मैं ने लंड पे थूक लगा दी. और लंड को चूत पर रख दिया.
मेरा लंड रेशमा की चूत को प्यार करना चाहता था. उसको फील करना चाहता था.
मैं ने लंड वैसे ही रहने दिया .
लंड और चूत का मिलन होने वाला था. उस मिलन मे दर्द होने वाला था पर मेरा लंड चूत को
दर्द देने से पहले उसको प्यार कर रहा था.
दर्द से पहले प्यार...
मुझे कुछ ना करते हुए देख कर रेशमा ने आँखे खोल कर मुझे आगे बढ़ने को कहा.
मैं ने फिर से लंड पर थूक लगाया और लंड को चूत पर रखा .और रेशमा के उपर आ गया.
आज रेशमा मेरी हो जाएगी
मैं ने पहले रेशमा के होंठो पर एक किस किया और फिर मैं ने एक झटका मारा पर कुछ नही
हुआ, मेरा लंड फिसल गया.
लंड को ठीक से सेट नही किया था
मैं ने फिर से लंड को चूत पर रखा और एक झटका मारा कि लंड रेशमा की चूत मे चला गया .
रेशमा के मुँह से आहे निकल गयी .
दर्द रेशमा को हो रहा था और पानी मेरी आँखो मे आ रहा था.
रेशमा अपने होंठो को दबा कर अपनी चीख को रोकने लगी. पर रेशमा को दर्द हो रहा था.
रेशमा का दर्द कम करने के लिए मैं अपने होंठ रेशमा के होंठो पर रख कर चूसने लगा.
जिस से रेशमा दर्द को भूल कर किस पर फोकस कर सके ताकि दर्द कम होज़ाये.
अभी तो सिर्फ़ थोड़ा लंड अंदर गया था. पूरा लंड अंदर जाना बाकी था. पर मुझे क्या हुआ था कि मैं
रेशमा को दर्द होता हुआ देख नही पा रहा था.पर रेशमा को प्यार भी करना था.
शायद उसका हज़्बेंड नामर्द हो तभी इतना सा लंड अंदर जाने से दर्द हुआ रेशमा को
उपर से मेरा लंड रेशमा की चूत मे जाने के लिए बेताब हो रहा था.
थोड़ी देर मे रेशमा शांत हो गयी फिर भी मैं हाथो से बूब्स को दबाने लगा. थोड़ी देर मे
रेशमा को पूरी तरह से अच्छा लगने लगा .
मैं ने रेशमा को इशारे मे पूछा कि अंदर डालु पर वो तो आँखे बंद करके उस मिलन को फील
कर रही थी
फिर मैं ने जोरदार झटका मारा और 5 इंच तक अंदर चला गया.
रेशमा ने बहुत कोशिस की चीख ना निकले पर ये ऐसा झटका था जिस के मारते ही हर लड़की की चीख
निकल जाती है.
रेशमा की भी चीख निकल गयी.पर मेरे किस करने से उसकी दबी हुई चीख मेरे मुँह मे दब गयी .
रेशमा और मेरी आँखो से पानी निकलने लगा .
उसको सासे लेने की ज़्यादा ज़रूरत थी जिस से मैं ने उसके होंठो को अपने होंठो से आज़ाद किया. पर
मैं बूब्स दबाता रहा.
रेशमा के मुँह से दाआर्र्र्र्र्द्द्द्द्द वर्ड निकाला. पर रेशमा ने कंट्रोल करते हुए उस वर्ड को
बीच मे रोक दिया.
मुझे पता था कि रेशमा को दर्द हो रहा है.फिर भी रेशमा ने मुझे लंड बाहर निकालने को नही
कहा और अंदर डालने को भी नही कहा.
वो बस मेरे नीचे लेटी हुई अपने दर्द को मुझ पर जाहिर नही होने देना चाहती थी.
रेशमा मुझसे इतना प्यार करती थी कि उसने आँखे खोल कर मुझे आँखो से इशारा करके थोड़ी
देर रुकने को कहा.
उसे लगा कि अगर मैं भी उस से प्यार करता हूँ तो मैं उसका इशारा समझ जाउन्गा .और हुआ भी ऐसा
ही मैं समझ गया कि वो क्या कहना चाहती है.
मैं ऐसे ही रुका रहा. मुझे ऐसे देख कर उसकी आँखो मे एक चमक आ गयी.
उसका दर्द कम हो गया. मैं ने रेशमा के होंठो को छोड़ दिया .और बूब्स को भी ...
बहुत टाइट थी रेशना की चूत
रेशमा के चेहरे पर अब दर्द नही था बस प्यार ही प्यार दिख रहा था.
मैं ने लंड को धीरे से बाहर निकाल कर अंदर डालने लगा .धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.
अभी तक 5 इंच लंड अंदर था.मैं आराम से 2 मिनिट तक लंड को हिलाता रहा.
रेशमा बस बिना पलकें झुकाए मुझे देख रही थी. क्या पता क्या देख रही थी.
मैं जो प्यार से लंड अंदर बाहर कर रहा था .मैं उसे ज़्यादा दर्द नही होने दे रहा था. शायद
रेशमा यही देख रही थी.
मैं लंड को बड़े प्यार से रेशमा की चूत मे डाल रहा था. शायद रेशमा मेरा यही प्यार देख
रही थी.
फिर धीरे धीरे गति बढ़ाने लगा .अब रेशमा का कुछ दर्द कम हुआ था. पर मैं ने अभी तक पूरा लंड
अंदर नही डाला था.मैं इंतज़ार करने लगा कि कब रेशमा की चूत पानी छोड़ेगी.
5 मिनिट तक ऐसे ही चुदाई करने से रेशमा की चूत ने पानी छोड़ दिया.
रेशमा की चूत का पानी बाहर आ गया था. चूत अब गीली हो गयी थी. लंड के लिए जगह बन रही थी.
फिर मैं ने आख़िरी झटका मारा और पूरा लंड अंदर चला गया. रेशमा की दबी हुई दर्द भरी
चीख निकल गयी.
मैं रेशमा का बचा हुआ दर्द बूब्स दबा कर कम करने लगा.
मैं ने रेशमा से कहा बस हो गया .अब दर्द नही होगा... जितना दर्द होना तो हो गया ...पूरा
लंड अंदर चला गया है..,बस थोड़ा देर रूको सब ठीक हो जाएगा
रेशमा की आँख कह रही थी कि अवी मुझे दर्द नही हो रहा है.
मुझे पता था कि रेशमा झूठ बोल रही थी.
मेरे लंड से दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
रेशमा की चूत मे दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
लंड अंदर जाने के बाद चीख निकली और दर्द ना हो ये हो ही नही सकता.
रेशमा ने मेरे लिए कहा कि उसे दर्द नही हो रहा.
रेशमा की बात सुन ने के बाद मैं ने लंड को बाहर निकाल लिया.
मैं समझ गया कि वो मेरे लिए ,अपने प्यार के लिए दर्द बर्दास्त कर रही है.
मैं ने लंड को धीरे से फिर से अंदर डाल दिया और रेशमा के बूब्स दबाते हुए लंड को धीरे धीरे
आगे पीछे करना शुरू किया.
लंड को हिलाने से रेशमा को दर्द हो रहा था .उसने अपने हाथ मेरे पीठ पे रख दिए. जैसे उसको
दर्द होता वो अपने नाख़ून मेरी पीठ मे गढ़ा देती.और कहती कि मुझे दर्द नही हो रहा
एक तरफ दर्द के वजह से नाख़ून से मेरी पीठ को खरॉच रही थी और दूसरी तरफ कह रही थी कि मुझे
दर्द नही हो रहा.
रेशमा के साथ चुदाई करते हुए मुझे कोई जल्दी नही थी.
मैं हर एक धक्के को महसूस करना चाहता था. मैं ऐसा क्यूँ कर रहा था मुझे पता नही
था.
पर हर एक धक्के के साथ मुझे एक अलग ही आनंद मिल रहा था.
रेशमा भी अब मेरे धक्को को महसूस करके अपने दिलो दिमाग़ मे ये चुदाई फिट कर रही थी.
मैं बड़े प्यार से रेशमा की चुदाई कर रहा था.
आज मुझे क्या हुआ था कुछ समझ नही रहा था.
मैं सुबह भगवान से दुआ कर रहा था कि आज का दिन जल्दी निकल जाए और अब मैं हर एक
सेकेंड को जीना चाह रहा था.
सुबह मैं सोच रहा था कि रेशमा आज मुझसे दूर रहे और अब रेशमा को छोड़ने का मन नही
हो रहा.
एक पल के लिए लगा कि रेशमा को भूल जाउ और एक पल के लिए लगा कि रेशमा को बस प्यार करता जाउ.
ना रेशमा को जल्दी थी और ना मुझे जल्दी थी.
ना रेशमा मुझसे अलग होना चाहती थी. और ना मैं रेशमा को अलग होने देना चाहता था
आज मेरे साथ सब अजीब हो रहा था.
मैं लंड को रेशमा की चूत की गहराई तक अंदर डाल कर धक्के मारता गया. फिर भी उसका दर्द
कम नही हुआ.पर मुझे लग रहा था कि उसका प्यार बढ़ रहा है.
चुदाई के बाद मैं रेशमा को क्या कहूँगा ,उसका सामना कैसे करूँगा ,इसकी मुझे कोई फिकर
नही थी.

बस मैं धक्के मार कर अपने जीवन को सफल कर रहा था.
मैं लंड को धीरे से पूरा बाहर निकाल लेता फिर अंदर कर लेता. ऐसा 20 25 करने के बाद रेशमा की
चूत ने मेरे लंड के लिए जगह बना दी.और लंड आराम से अंदर जाने लगा.
रेशमा के दिल मे भी मेरे लिए जगह बन गयी
चूत मे लंड के लिए जगा बनने से रेशमा का दर्द ख़तम हो गया. मैं धक्के लगाता रहा .
रेशमा भी अपनी गंद उपर करके मेरा साथ दे रही. रेशमा अब शीष्कारिया ले रही थी पर खुल कर
नही ले रही थी. वो मुझसे शरमा रही थी.
बस बीच बीच मे आहह आहह कर रही थी.10 मिनिट तक मैं ने दिमाग़ को चुदाई से अलग रख कर दिल
को रेशमा की चुदाई फील करने दे रहा था.
मैं रेशमा की ऐसे ही चुदाई करता रहा.फिर से रेशमा ने पानी छोड़ दिया.
फिर मैं ने रेशमा के पैर को थोड़ा ज़्यादा फैला दिया और धक्के मारने लगा.
मैं जितनी गति के साथ दूसरो के साथ धक्के मारता उस से कई गुना कम गति से मैं रेशमा की
चूत मे धक्के मार रहा था.
मैं रेशमा को हर धक्के का मज़ा दे रहा था और ले भी रहा था. मैदान मे हमारे चुदाई
का म्यूज़िक गूँज रहा था.
म्यूज़िक कब से बज रहा था ये ना रेशमा को पता था और ना मुझे पता था.
रेशमा ने ज़्यादा तर समय अपनी आँखे बंद रखी थी.पर रेशमा बीच बीच मे अपनी आँखे खोल
कर मुझे धक्के मारते हुए देख कर फिर से अपनी आँखे बंद कर लेती.
रेशमा ने फिर एक बार पानी छोड़ दिया.इस लंबी चुदाई मे मुझे भी लग रहा था कि अब मेरा भी होने
वाला है.
अब मुझे अपनी धक्के मारने की गति बढ़ानी थी.पर रेशमा को दर्द ना हो,इसके लिए दिल मुझे इसकी
इजाज़त नही दे रहा था.
अगर दिल की जगह दिमाग़ होता तो अब तक मैं ने . गति बढ़ा दी होती और मेरा वीर्य रेशमा की
चूत मे होता.
मैं बड़े प्यार के साथ आखरी झटके भी धीरे धीरे मार रहा था.
आख़िरी झटके वो भी धीरे धीरे मारने के लिए मुझे अपने दिल ने बहुत मदद की.
मेरा धक्के की गति थोड़ी बढ़ गयी थी शायद उस से रेशमा ने पता लगा गया होगा कि मेरा होने
वाला है .इस लिए वो अपनी गंद उठाकर मेरा साथ देने लगी.
फिर एक आखरी धक्के के साथ मेरा वीर्य निकल गया. मैं ने अपना वीर्य रेशमा की चूत मे
डाल दिया.मेरा वीर्य चूत मे महसूस कर के रेशमा ने आँखे खोल दी और मैं रेशमा के
उपर गिर गया..
______________________________

Please read my new story
CHODURAJA(Incest)
https://xossipy.com/showthread.php?tid=13748&page=2
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बहुत बेहतरीन अपडेट।
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Shandaar !!
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Great weekend update. Post more
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Update pls
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कृपया अपडेट दीजिये
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Thanks for reading and support
Stay with us..

Next update comes in today night
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Update 8 pm ko
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Kaha h update
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Update 41

रेशमा और मैं एक हो गये
इस मिलन को मैं कभी नही भूलूंगा
इस मिलन से ना हमारे दिल एक हुए बल्कि हमारी आत्मा भी एक हुई
रेशमा को वो सुख दिया जिसका उसको इंतज़ार था
आज उसके चेहरे पे वो ख़ुसी देखी जिसके लिए वो तरस रही थी
रेशमा और मेरे बीच प्यार का नया रिस्ता जुड़ गया था
रेशमा इस हसीन रात को मेरी हो गयी
अब रेशमा मेरी है और मैं उसका
रेशमा के साथ प्यार करके जो सुकून मिला उसकी कल्पना भी नही कर सकते
ये मिलन को मैं मरते दम तक नही भूलूंगा
रेशमा अभी तक मेरे प्यार को फील कर रही थी
उसकी चूत मे मेरा वीर्य जा चुका था
उसके तन मन और दिल पर मेरा नाम मैं ने लिख दिया था
रेशमा होश मे थी या नही ये नही पता पर वो खुश दिख रही थी उसने मेरा पूरा साथ दिया
रेशमा की सुंदरता मे खो गया था मैं
रेशमा के उपर मैं वैसे पड़ा हुआ था
रेशमा की चूत इतनी टाइट होगी सोचा नही था
रेशमा के हज़्बेंड ने सेक्स किया था भी नही इस बात पे डाउट हो रहा था
एक औरत की प्यास जिंदा थी अब तक रेशमा के अंदर
आज मेरे वीर्य ने उसकी प्यास बुझा दी
पर इस मिलन मे हमने एक वर्ड भी नही बोला
मैं ने रेशमा से इजाज़त भी नही माँगी थी
. रेशमा होश मे तो नही थी
मैं ने रेशमा को होश मे लाना चाहा
रेशमा की आँख बंद थी
अवी- रेशमा रेशमा
रेशमा कोई जवाब नही दे रही थी
मैं ने रेशमा के गाल पर थप्पड़ मारा
रेशमा को होश मे लाना चाहा
रेशमा होश मे थी और नाटक कर रही थी या सच मे वो होश मे नही थी
मैं ने फिर से रेशमा के गाल पर थप्पड़ मार कर .
उसको थप्पड़ मारने का दिल नही किया पर थप्पड़ मारना ज़रूरी था
रेशमा ने अपनी आँख खोल दी
रेशमा मेरी आँख मे देखने लगी
रेशमा- ये नही होना चाहिए था
रेशमा ने जो कहा उसपे विश्वास नही हो रहा था
रेशमा- हमे ये सब नही करना चाहिए था
अवी- हम दोनो प्यार करते है
रेशमा- प्यार?
अवी- तुम प्यार नही करती मुझे
रेशमा- हमे ये नही करना चाहिए था
अवी- तुम ही तो मेरा साथ दे रही थी
रेशमा- तब मैं होश मे नही थी
अवी- इसका मतलब ये जो हुआ इसमे तुम्हारी मर्ज़ी नही थी
रेशमा- हमे ये नही करना चाहिए था
अवी- मैं तुम्हें प्यार करता हूँ फिर भी नही
रेशमा- मैं शादीशुदा हूँ
अवी- तो क्या हुआ
रेशमा- तुम भी तो किसी और से शादी करने वाले हो
अवी- प्यार का एंड शादी हो ये ज़रूरी नही होता
रेशमा- ये ग़लत है
अवी- तुम दुनिया वालो की वजह ऐसा बोल रही हो
रेशमा- मैं हम दोनो के . के लिए बोल रही हूँ
अवी- मैं तुम्हें बदनाम होने नही दूँगा
रसजमा- बदनाम तो हो गयी हूँ मैं अपनी नज़रो मे
अवी- ऐसा क्यूँ कह रही हो , तुम भी मुझे प्यार करने लगी हो
रेशमा- मुझे नही पता
अवी-तुम्हें नही पता तो तुम ने अपना ये क्या हाल बना के रखा है
रेशमा- मुझे कुछ समझ नही आ रहा कि मुझे क्या हो रहा है
अवी-मेरे दूर जाने की बात से देखो तुम्हारा क्या हाल हुआ है और मेरे दूर जाने पे तुम जी नही पाओगी
रेशमा- तुम नही थे तो भी मैं जी रही थी
अवी-अब मेरे बिना जीकर तो दिखाओ
रेशमा- सच कहा तुमने कि तुम्हारे बिना जी नही पाउन्गी
अवी-तो मेरे साथ प्यार करो
रेशमा- नही कर सकती ,
अवी-तुम मुझे प्यार नही करती
रेशमा- मुझे नही पता
अवी-हाँ या ना मे जवाब दो
रेशमा- हमे घर जाना चाहिए
अवी-तुम क्यूँ खुद से लड़ रही हो , जो दिल मे है वो ज़बान पर क्यूँ नही लाती
रेशमा- मैं एक औरत हो
अवी-एक प्यासी औरत हो जो सेक्स खुशी हसी प्यार सबकी प्यासी है
रेशमा- रहने दो मुझे प्यासी
अवी-ठीक है , जैसा तुम चाहो पर मैं तुम्हें प्यार करते रहूँगा
रेशमा- तुम समझ क्यूँ नही रहे हो
अवी-ये मेरी हवस नही मेरा प्यार है
रेशमा- फिर भी ये मुमकिन नही है
अवी-तुम मत प्यार करो पर मैं तुम्हे प्यार करता रहूँगा
रेशमा- ये हम दोनो के लिए अच्छा नही होगा
अवी-मुझे मत बताओ कि क्या अछा होगा और क्या नही , तुम प्यार नही करती तो मत करो पर मुझे
प्यार करने से तुम भी नही रोक सकती
रेशमा- क्यूँ करते हो मुझे प्यार
अवी-प्यार करने को कोई वजह नही चाहिए
अवी-और मैं ने तुमसे दूर रह कर देख लिया है , मैं तुमसे दूर रह कर जी नही पा रहा हूँ ,
अवी- और तुम भी जी नही पा रही हो , कहीं पर भी हम दोनो का ध्यान नही लग रहा है
अवी- ऐसे मे हमारे दूर जाने से हम बस तड़फते रहेंगे इस लिए अब मैं तुम्हें छोड़ कर कही
नही जाउन्गा , कही भी नही
रेशमा मेरी बात सुनकर शायद अंदर ही अंदर खुश हुई होगी
अवी- और मैं तुम्हें ऐसे देवदासी की तरह नही देख सकता ,
अवी- मैं तुम्हारे प्रेमी की तरह रहूँगा और तुम मुझे दोस्त की तरह समझो
अवी- दोस्त तो बना ही सकती हो
अवी- वादा करता हूँ इस बार दोस्ती की लिमिट टूटने नही दूँगा पर दिल मे तुम्हारे लिए प्यार कभी कम भी
नही होगा
अवी- आज से हम फिर से दोस्त बन रहे है
अवी- और इस पर मैं कुछ नही सुनना चाहता हूँ
अवी- हम दोस्त है और दोस्त रहेंगे , पर एक प्रेमी तुम्हारे हाँ का इंतज़ार हमेशा करता रहेगा ,
अवी- मैं हमेशा तुम्हारे जवाब का इंतज़ार करूँगा
मुझे जो कहना था वो कह दिया
रेशमा मेरी बात सुनकेर शॉक्ड हो गयी
प्यार नही सही दोस्त तो बने रह ही सकते है
दोस्त बन कर थोड़ी ख़ुसीयन तो दे ही सकता हूँ रेशमा को
रेशमा को थोड़े सोचने का समय चाहिए
अभी जो हुआ सब अचानक हुआ
रेशमा को इतना बड़ा फ़ैसला लेने को टाइम चाहिए
मैं उसको टाइम दे रहा था
दोस्त बना कर उसके अंदर प्यार की ज्योत जला कर रहूँगा
______________________________
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बढिया।
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(18-08-2019, 10:37 PM)Vikram@ Wrote: Update 41
बढ़िया अपडेट भाई और भी
बढ़िया वाले अपडेट दो 
एकदम झकास वाले
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True love nice update
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Thanks for reading and support
Next update tomorrow night me
Stay with us..
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Waiting bro
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MEGAUPDATE 42


रेशमा से बात करके फिर से मुझे निराशा हुई
रेशमा ने मेरे प्यार को ठुकरा दिया
पर अब मैं रेशमा से दूर नही जाउन्गा
मैं प्रेमी बन कर नही रह सकता तो दोस्त बन कर तो रह ही सकता हूँ
और रेशमा कितना भी कुछ करे मैं उसकी दोस्ती अब टूटने नही दूँगा
रेशमा के उपर मैं अभी तक था
अवी-मैं उठ जाता हूँ , तुम प्यार से इनकार करती रहोगी और फिर से सेक्स करना शुरू कर दोगि , इस से
अच्छा है मैं ही उठ जाता हूँ
और मैं ने रेशमा की चूत से लंड निकाल लिया
रेशमा के दिल मे इस से दर्द हुआ
और इस दर्द के साथ वो जीना चाहती है तो मैं क्या कर सकता हूँ
मैं ने अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए
रेशमा अभी तक मुझे देके जा रही थी
शायद सोच रही होगी कि मैं ने उसके साथ सब कुछ कर ही लिया
या फिर सोच रही होगी कि उसने मुझे रोका क्यूँ नही
अवी-देखती मत रहो , उतो और कपड़े पहनो , हर कोई मेरे जैसा शरीफ नही होता , मेरी जगह कोई और
आ जाता तो क्या होता इतना तो सोचती
अचानक मेरी टोन बदल गयी
रेशमा ने अपने बदन को हाथो से छुपा दिया और अपने कपड़े ढूँढने लगी
रेशमा की साड़ी तो पेड़ से लटकी थी
ब्लाउस और ब्रा दूर जाकर गिरी हुई थी , पेटिकोट था उसी जगह पर
अवी- तुम कपड़े पहन लो , मैं दूसरी तरफ देखता हूँ
सब कुछ तो देख भी लिया है कर भी लिया है ,
पर ये सब क्या नया नाटक शुरू किया मैं इसी सोच मे दुबई थी रेशमा
रेशमा ने अपने कपड़े पहन लिए
पर कपड़े ऐसे हो गये थे कि कोई देके तो लगेगा रेशमा का रेप हुआ है
मैं रेशमा को लेकर मंदिर के कॉंपाउंड तक आ गया
मंदिर के गेट पर लॉक था ,
रेशमा भी सोच रही कि बाहर कैसे जाए
अवी- मैं तुम्हें उठाता हूँ तुम देवार से बाहर जंप मारना
रेशना ये कैसे करेगी इस से ज़्यादा वो मेरी बातों पर फोकस कर रही थी
अवी- दोस्ती मे क्या क्या करना पड़ रहा है , प्रेमी होता तो पत्थर से लॉक तोड़ कर बाहर ले जाता ,
दोस्त हूँ ना दोस्त इतना ही कर सकता है
रेशमा को मेरी बात पे ज़रूर हसी आई होगी
रेशमा को मैं ने उठाया तो रेशमा का बदन फिर मेरे हाथो से फिसल रहा था
पर इस बार कोई फीलिंग नही थी
मैं ने रेशमा को मंदिर के बाहर जाने मे मदद की और मैं भी बाहर आ गया
अवी-चलो वरना पोलीस पकड़ लेंगी ,
और रेशमा के साथ मैं कार के पास आ गया
अवी- की दो
रेशमा- की , वो तो पर्स मे है
अवी- और पर्स
रेशमा- वो शायद वही रह गया
अवी- तुम.भी ना , फिर से जाना होगा , डरो मत मैं अकेला जाता हूँ बस तुम अपना ध्यान रखना , रात
का टाइम है
और रेशमा ने हां मे गर्दन घुमाई और मैं मंदिर मे जाकर पर्स लेकर आया
पूरी कसरत हो रही थी
कार मैं खुद चलाने के मूड मे था
रेशमा चुप चाप मेरे बाजू मे जाकर बैठ गयी
पर मैं ने कार चालू ही नही की
रेशमा मेरे तरफ देख रही थी कि मैं कार क्यूँ स्टार्ट नही की
रेशमा- कार चालू करो
अवी-कुछ भूल रहा हूँ मैं
रेशमा- क्या ?
अवी-हॅपी बर्तडे है ,
रेशमा देखती रह गयी
अबी- आज तुम्हारा बर्तडे है , हॅपी बर्तडे दोस्त
रेशमा- थॅंक्स
अवी-सॉरी आज दूसरा दिन निकल गया
रेशमा- कोई बात नही , शायद नयी शुरुआत हो मेरे लिए
अवी-ऐसी नयी शुरुआत क्या क्या फ़ायदा जहाँ साथी ना हो साथ चलने को
रेशमा- तुम हो ना
अवी-मैं एक दोस्त हूँ भूलो मत
रेशमा- क्या मैं पूछ सकती हूँ कि तुम यहाँ कैसे आए
अवी-क्यूँ जानना है
रेशमा- इस जगह के बारे में मेरे हज़्बेंड भी नही जानते तो तुम्हें कैसे पता चला
अवी-प्यार करता हूँ , और प्रेमी अपनी प्रेमिका को कहीं से भी ढूँढ सकता है
रेशमा थोड़ी थोड़ी नॉर्मल हो रही थी
पर मैं बीच बीच मे झटके भी दे रहा था
अवी-इतना चौंको मत , सुबह से तुम्हें ढूँढ रहा था
रेशमा- क्यूँ ?
अवी-आज मुझे दूसरे जगह शिफ्ट होना था ,तो सोचा आख़िरी बार तुमसे मिल लूँ पर तुम तो सुबह से
गायब थी
रेशमा- वो मैं
अवी-रहने दो , कहोगी कि आज अकेली रहना चाहती थी , पर तुम्हारे अकेले रहने के चक्कर मे मैं
परेशान होकर पूरी मुंबई घूम रहा था
जैसे ही पता चला कि तुम्हारा बर्तडे है तो झटका लगा
एक तो तुम्हारी हालत कुछ दिन से देवदासी की तरह थी , उपर से मैं ऐसे दिन यहाँ से जा रहा था जिस दिन
तुम्हारा बर्तडे है
मुझे लगा कहीं तुम सुसाइड ना कर लो
इस डर ने मुझे कुछ सोचने नही दिया
मैं हर जगह तुम्हें ढूंढता रहा
तुम्हारे ऑफीस तुम्हारे मायके हर जगह फोन किया
कहाँ कहाँ नही ढूँढा ,
पार्क से लेकर शॉपिंग माल तक पर तुम नही मिली
सोचा कि पोलीस मे जाउ
पर पोलीस को क्या कहूँगा कि कौन हो तुम मेरी
पोलीस मे जाता तो पूरी सोसायटी बाते करती हमारी

इस लिए कल तक इंतज़ार करने का सोचा
लगा कि शाम तक तुम वापस आ जाओगी
इस लिए तुम्हारे अपार्टमेंट को सजाके रखा
जब तुम आओगी तो तुम अपने अपार्टमेंट मे मुझे केक के साथ देखोगी तो तुम नॉर्मल हो जाओगी
तुम्हें लगे कि कोई है तुम्हारा अपना जिसको याद है कि आज तुम्हारा बर्तडे है
पर तुम तो आई नही
फिर तुम्हारे बेडरूम मे तुम्हारी एक फोटो देखी
उस फोटो मे केक था और इस मंदिर की तस्वीर भी थी ( सॉरी बताना भूल गया कि मल्टिप्फॉटो फ्रेम
थी)
तब जाके मुझे तुम्हारा पता चला
किस्मत ने मुझे तुम्हारा पता बताया
मेरी किस्मत मुझे अपने प्यार के पास ले आई
मैं तुम्हारे पास आ गया
और भगवान ने खुद हमे मिला दिया
मुझे लगा कि तुम भी मुझे प्यार करने लगी हो इस लिए मैं तुम्हें वो ख़ुसीयन देने लगा जो तुम
चाहती हो
पर तुम मतलबी निकली
मुझसे अपने दिल का चैन तो ले लिया पर उसी दिल मे थोड़ी जगह देने को इतना सोच रही हो
रेशमा फिर मेरी बात सुनकर शॉक्ड हुई
उसका चेहरा देखने लायक था
जहाँ वो खुद को अकेली देखना चाहती रही वहाँ मैं आ गया
उसको वो प्यार दिया जो उसको कभी नही मिला
और मैं ने कार हमारे सोसायटी की तरफ घुमा दी
रेशमा को मेरी बातों ने सोचने पर मज़बूर कर दिया
अब वो होश मे थी तो मेरे प्यार को समझ जाएगी
अगर नही तो उसकी दोस्ती है मेरे पास
रेशमा बस मेरी बात सुनती रही और हम सोसायटी मे आ गये
वॉच मॅन कुछ देख पाता उस से पहले कार पार्किंग मे लग गयी
रेशमा अभी भी सोच ही रही थी
रेशमा- कार क्यूँ रोकी
अवी-हम अपनी सोसायटी मे है , अब नीचे उतरो
रेशमा और मैं फिर से लिफ्ट मे अकेले होंगे
रेशमा को इस बार मेरा साथ चाहिए था
हम लिफ्ट मे आते ही खुद को सेफ समझ रहे थे
हमे किसी ने नही देखा सोसायटी मे आते हुए
रेशमा लिफ्ट मे आने के बाद भी सोच मे डूबी हुई थी
अवी-क्या सोच रही हो
रेशमा- तुम मुझे कितना प्यार करते हो
अवी-मैं तुम्हें बस प्यार करता हूँ
ना मैं तुम्हारे लिए चाँद तारे तोड़ सकता हूँ
ना तुमसे शादी कर सकता हूँ
ना तुम्हारे लिए अपनो को छोड़ सकता हूँ
पर प्यार करता हूँ तुमसे , कितना ये मैं नही जानता
मैं तुम्हारे लिए जान नही दे सकता , क्यूँ कि मरने से मैं डरता हूँ
ना मैं तुम्हारे लिए किसी को मार सकता हूँ , तुम्हारे हज़्बेंड को भी नही मार सकता क्यूँ कि मैं जैल
भी जाना नही चाहता , क्यूँ कि मैं तुम्हारे साथ जीना चाहता हूँ ,
तुम्हारी रक्षा कर सकता हूँ पर तुम्हें बदनाम होने नही दे सकता
बस इतना ही प्यार करता हूँ
मेरे जवाब ऐसे थे कि रेशमा हॅंग हो जाती
इतनी पढ़ी लिखी लड़की होने के बाद भी मेरे जवाब पे वो कोई रिक्षन दे नही पाती
जब झूठ कहो तो लड़किया खुश होती है और सच कहूँ तो सोचती रह जाती है
अवी-क्या हुआ
रेशमा- तुम्हारे जवाब ऐसे क्यूँ होते है , झूठ बोलना सीख लो
अवी-सच कहूँ रेशमा , झूठ बोलता तो आज तुम मेरे बिस्तर पर होती
रेशमा को एक और झटका दिया
बाहों की जगह बिस्तर कहना ज़्यादा ज़रूरी था
अवी- तुम्हें मेरे बिस्तर पर लाना कोई मुश्किल नही था , तुम खुद आती मेरे पास , उस रात को
बाल्कनी मे मैं झूठ बोलता तो ये दिन देखना नही पड़ता
अवी- एक झूठ से तुम मेरी बिस्तर मे होती , बिस्तर
अवी- पर मैं सच बोल कर तुम्हें अपने बाहों मे रखना चाहता हूँ
अवी- लोगो को झूठ ज़्यादा पसंद होता है सच से , क्यूँ कि झूठ से उम्मीद जिंदा रहती है और सच से सारी
उम्मीद ख़तम हो जाती है
अवी- पर सच से ही ख़ुसीया मिलती है जो ज़िंदगी भर साथ रहती है और झूठ से जो हसी मिलती है वो
चार दिन की होती है
रेशमा- काश मेरी शादी ना हुई होती
अवी- काश काश की बाते मत करो , जो हुआ वो बदला नही जाता , जो किस्मत मे लिखा है वो भी बदल
नही सकते ,
अवी- ये मत सोचो कि तुम्हारे पास सिर्फ़ एक चान्स था ओलिंपिक मेडेल जीतने का ये सोचो कि 4 साल बाद
फिर से चान्स होगा ओलिंपिक मेडल जीतने का
रेशमा- कोई भी बात किसी और चीज़ पर लागू नही होती
अवी-ज़िंदगी एक मिलती है , उसमे सारे सपने सारी ख़ुसीया पाना पड़ता है
मुझे नही मालूम कि जन्नत और हेल है भी कि नही , मैं नही जानता कि नया जानम होता है कि नही ,
मुझे नही पता कि पाप करोगे तो अगले जनम मे बुरा होगा , मैं बस इतना जानता हूँ कि एक
ज़िंदगी है उसको जी भरके जियो , जो तुम्हें अच्छा लगता है वो करो
रेशमा- एक ज़िंदगी है तो इस का ये मतलब नही होता कि कुछ भी करो
अवी-पर ज़िंदगी खुद कह रही है कि तुम्हें एक और चान्स दे रही हूँ , जी लो , तो ज़्यादा सोचना नही
चाहिए
रेशमा- मेरी ज़िंदगी मे यही लिखी है
अवी- ज़िंदगी हम खुद बनाते है
रेशमा- तुम दूसरो जैसे क्यूँ नही हो
अवी-मैं दूसरो जैसा होता तो तुम्हें इतना प्यार नही करता , तुम्हारे लिए हवस होती मेरे दिल मे प्यार की
जगह
रेशमा- तुम पास होते हो तो लगता है तुम दूर रहो और दूर रहते हो तो लगता है पास रहो
अवी-इसे प्यार कहते है
रेशमा- इसे कन्फ्यूषन कहते है
अवी-तो फिर इस कन्फ्यूषन से बाहर निकलो , अपने दिल को बता दो कि मैं तुम्हारा दोस्त हूँ या प्रेमी
अवी- अपने दिल को बता दो कि मैं क्या हूँ , वरना तुम सो नही पाओगी जी नही पाओगि
रेशमा- ये इतना आसान नही है
अवी-आसान बनाना पड़ता है , मैं ने तुम्हें प्रपोज़ किया तो तुमने जवाब नही दिया , तो देखो मैं
दोस्त बन गया , वैसे तुम फाइनल करो कि मैं दोस्त हूँ या प्रेमी
रेशमा- मुझे टाइम चाहिए
अवी-मुझे क्यूँ बता रही हो , तुम्हें अपने दिल को बताना है कि मैं तुम्हारा कौन लगता हूँ , उसको बताओ
मुझे नही , और एक बात
रेशमा- क्या ?
अवी-हम लिफ्ट से बाहर कब जाएँगे , 2 बार उपर नीचे हो चुके है ,
रेशमा की बातों की वजह से हम लिफ्ट मे फसे हुए है
रेशमा- सॉरी मेरा ध्यान नही रहा
अवी-इसी लिए कहता हूँ कि फाइनल कर ही डालो मेरे बारे में
रेशमा- देखती हूँ
अवी- ज़्यादा सोचो ही मत , तुम प्रेमी बनाओगी तो मैं यही रहूँगा और दोस्त बनाओगी तो भी मैं
तुम्हारे साथ रहूँगा ,
अवी- दोस्त बनाओगी तो भी तुम्हें हसी दूँगा और प्रेमी बनाओगी तो भी तुम्हें ख़ुसीया दूँगा
अवी- सिर्फ़ थोडा फरक होगा दोनो मे ,
रेशमा- क्या ?
अवी- दोस्त दिन मे हसी देगा और प्रेमी दिन रात खुशी देगा,
रेशमा- तुम मुझे बहुत कन्फ्यूज़ करते हो
अवी-तुम खुद कन्फ्यूज़ रहना चाहती हो
रेशमा- मुझे सोचने दो
अवी-इतना मत सोचो , 3 बार हुआ हम उपर जाकर नीचे आए है , क्या ज़िंदगी भर लिफ्ट मे रखना
चाहती हो
रेशमा- सॉरी
अवी-अब बात मत करो , वरना इसी लिफ्ट मे खड़े खड़े मर जाउन्गा मैं
और इस बार फाइनली हम उपर जाने लगे
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