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हवस की आग
#21
(14-08-2019, 01:12 AM)bhavna Wrote: मस्त!?

[Image: sana-khan-hot-sexy-photoshoot-in-bikini1-1-xxx.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#22
Anushka is My Wife,My Love,My Honey,My Sweetheart
[Image: anushka12345.jpg]
Anushka is my wife and I am her hubby..She is made for me only...I hug her tightly and lick her whole naked body and fuck her daily day and night with my monster dick very very hard in every position of Kamasutra and in her every hole..She moaning loudly and enjoy real pleasure with me in bed...She is My LOVE, My JAAN.

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#23
Heart




















































Heart
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#24
मेरी हवस का नाम कंचन दीदी


















,,,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#25
कंचन दीदी बहुत दिनों बाद घर आयी थी. दीदी के आने से मैं काफी खुस था, क्युकी मैं दीदी का दीवाना था. दोस्तों कंचन दीदी की उम्र ३२ साल है. दीदी की शादी को ५ साल हो गए है. दीदी गोरी चिट्टी और लम्बी है. उनका बदन शादी के बाद काफी भर गया था. बदन के एक एक अंग से जवानी का रस टपकता है. दीदी का फिगर ४०-३०-४० है. दीदी की चौड़ी छाती में दूध से भरी हुई चूचियां दो पहाड़ो के जैसी लगती है. बड़ी बड़ी चूचियां को संभालना उनके ब्लाउज के बस की बात नहीं है. इसलिए हमेशा उनका क्लीवेज दिख ही जाता है और गोरी गोरी नंगी चूचियों के दर्शन हो जाते है. और सबसे खतरनाक तो उनकी भारी भरकम चुत्तड़ है. जब वो मटक मटक कर चलती है तो उसकी हिलती हुई बड़ी सी गांड किसी का भी लंड खड़ा करदे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#26
दोस्तों मेरा नाम रोहित है और मैं कंचन दीदी से १० साल छोटा हूँ. पर कंचन दीदी मेरे सपनो की रानी है. हर रात मैं उन्हें चोदने का ख्वाब देखता रहता हूँ. और वो ख्वाब जल्द ही पूरा हुआ.

एक बार मेरे घरवाले एक रिलेटिव के यहाँ गए हुए थे. घर पर सिर्फ मैं और कंचन दीदी ही थे. मैं अपने रूम में पढाई कर रहा था. तभी दीदी मेरे कमरे में आयी.

दीदी: क्या रोहित तू दिन भर सिर्फ पढता ही रहता है… मैं बोर हो रही हूँ
मैं: हाँ दीदी एग्जाम आने वाले है
दीदी: अरे यार कुछ मस्ती भी किया कर हमेशा किताबो में घुसा रहता है.. चल मैं चाय बना रही हूँ फिर अपन गप्पे लड़ाते है

दीदी किचन में चाय बनाने लगी. कंचन दीदी ने आज ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी. गोरे बदन पर ट्रांसपेरेंट साड़ी बहुत मस्त लग रही थी. दीदी का बैक मेरी तरफ था. जो पूरी तरह से खुला हुआ था सिर्फ एक डोर से ब्लाउज बंधी हुई थी. दीदी की नंगी गोरी पीठ बहुत ही सेक्सी लग रही थी. साड़ी में कसी दीदी की भारी गांड देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग रहा था. मैं दीदी की बड़ी गांड को मारने के सपने देख रहा था. इतनी विशालकाय चुत्तड़ किसी का भी इमां हिला सकती है.
दीदी तब तक चाय बना चुकी थी, जब वो चाय देने के लिए झुकी तो मुझे उनकी बड़ी बड़ी चूचियां के दर्शन हो गए. दीदी मेरे बगल में बैठ गयी और बातें करनी लगी. उनकी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा हटा हुआ था जिससे से उनका क्लीवेज साफ़ साफ़ दिख रहा था और आधे से ज्यादा चूचियां नंगी थे. मैं चुप चुप कर उनकी चूचियों के साइज नाप रहा था.

दीदी: और भाई कैसा चल रहा है कॉलेज
मैं: बढ़िया दीदी
दीदी: और दोस्त बनाये की नहीं कॉलेज में
मैं: हाँ दीदी कुछ दोस्त बने है पर कम है
दीदी: और गर्लफ्रेंड?
मैं: क्या दीदी आप भी
दीदी: अरे मैं सीरियसली पूछ रही हूँ, तेरी उम्र में तो लड़के गर्लफ्रेंड के साथ घूमते है
मैं: नहीं दीदी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है
दीदी: इसलिए घर पर पड़ा रहता है.. गर्लफ्रेंड बना ले और घुमा कर
मैं: नहीं दीदी मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है
दीदी: क्या तुझे लड़कियों में इंटरेस्ट नहीं है?
मैं: दीदी मुझे अपनी उम्र की लड़कियां पसंद नहीं आती
दीदी: अरे यार… फिर तुम्हे कौन अच्छी लगती है
मैं: मुझे दीदी थोड़ी बड़ी लड़की पसंद आती है… ३० से उप्पर वाली
दीदी: अच्छा तुझे औरतो में इंटरेस्ट है… क्या अच्छा लगता है उनमे
मैं: क्या दीदी आप मुझे बेशर्म बना रही हो
दीदी: अरे भाई मैं तो तेरी दोस्त हूँ … तू मुझे बेझिझक बता सकता है.
मैं: ठीक है दीदी … शादीशुदा औरतो का बदन हर जगह से भरा हुआ होता है
दीदी: खुल के बता भाई
मैं: दीदी मुझे औरतो की बड़ी बड़ी चूचियां और भारी गांड अच्छी लगती है
दीदी: ओह्ह्ह्हह ऐसा है… तू तो साला बड़ा हरामी निकला..
मैं: क्या दीदी…

मैं बात करते हुए दीदी की चूचियों को ताड़ रहा था. दीदी की सांसे तेज चलनी लगी थी, सायद मेरी बातों से वो गरम हो रही थी. हर सांस के साथ चूचियां हवा में उछल रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#27
दीदी: कोई है नजर में तेरे बड़ी औरत जिसे तू पसंद करता है
मैं: दीदी आप बुरा तो नहीं मानोगी
दीदी: बोल ना भाई…शर्मा क्यू रहा है
मैं: दीदी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो
दीदी: क्या मैं….. साले अपनी बड़ी बहन पर ही गन्दी नजर रखता है
मैं: दीदी मैंने बोला था आपको बुरा लग जायेगा…
दीदी: अच्छा ठीक है… चल बुरा नहीं मानती… क्या अच्छा लगता है मुझमे
मैं: उफ्फ्फ दीदी आप ऊपर से निचे तक माल हो. आपका बदन जवानी के रस से भरा हुआ है..तरबूज के जैसी बड़ी बड़ी चूचियां, पतली कमर और आपकी भारी गांड सब कयामत है
दीदी: आआह्ह्ह्हह भाई और क्या सोचता है मेरे बारे में
मैं: दीदी मैं आपकी इन आमो को दबा दबा कर चूसना चाहता हूँ, आपकी चौड़ी गदरायी चुत्तड़ को मसलना चाहता हूँ. और अपना लंड आपकी बूर में डाल कर चोदना चाहता हूँ
दीदी: आअह्ह्ह्ह भाई मैं तेरी बड़ी बहन हूँ तू मेरे बारे में ऐसा सोचता है
मैं: दीदी आप जैसी माल के लिए तो मैं बहनचोद भी बन जाऊ. देख अपने भाई का लंड तेरी गदरायी जवानी देख कर कैसा अकड़ गया है

मैंने दीदी का हाथ अपने लंड पर रख दिया और अपना हाथ दीदी की चूचियों पर रख दिया और दबाने लगा.. दीदी भी मेरे लंड को सहला रही थी..

दीदी: ओह्ह्ह्हह रोहित मेरे भाई .. मुझे नहीं पता था की तेरे जैसा जवान लड़का मुझे चोदना चाहता है..
मैं: आह्ह्ह्ह कंचन दीदी आप तो मेरे लिए काम की देवी हूँ.. जिसे मैं भोगने के लिए तड़प रहा हूँ
दीदी: अह्ह्ह्हह भाई… बहुत दिनों बाद जवान लंड खाऊँगी मैं

दीदी ने मेरी पैंट उतार दी और मेरे लंड को सक करने लगी. दीदी मेरे ९” के लौड़े को मुंह में डालकर बहुत सेक्सी अंदाज में चूस रही थी..

दीदी: उफ्फ्फ्फ़ बहुत प्यारा लंड है भाई तेरा…
मैं: अह्ह्ह्ह दीदी ऐसे ही चुसो.. कंचन मेरी जान अपने भाई का लंड लोगी ना अपनी चुत में
दीदी: हाँ भाई ऐसा जवान और बड़ा लंड लेने के लिए मेरी चुत भी मचल रही है

दीदी ने चूस कर मेरा लंड झाड़ दिया. मैंने दीदी को पीछे से पकड़ लिया और चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से मसलने लगा. दीदी अह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह की आवाजे निकल रही थी.. इतनी बड़ी बड़ी चूचियों को दबाने का अलग ही मजा होता है. अब मैं उनकी नंगी पीठ को किश करने लगा और ब्लाउज की डोरी खोल दी. ब्लाउज में कैद दो बड़े बड़े तरबूज अब हवा में उछल रहे थे. दीदी की चूचियां मेरी उम्मीद से भी बड़ी थी. मैं चूचियों को चूस चूस कर दबा रहा था. मैं बहुत देर तक दीदी की चूचियों से खेलता रहा और दीदी की भारी चुत्तड़ो को भी खूब दबाया. फिर मैंने दीदी की साड़ी उतर दी और पेटीकोट भी. दीदी अब नंगी मेरी बिस्तर पर लेटी थी. मैंने दीदी की चिकनी बूर को चूसने लगा.. दीदी की आहे निकल रही थी और चुत काफी गीली हो गयी थी..

मैं: दीदी मैं सपने में आपको ऐसी ही नंगी करके चोदता हूँ
दीदी: आआह्ह्ह्हह भाई आजा करले अपना सपना पूरा … घुसा अपना मोटा लंड मेरी चुत में और बनजा बहनचोद

मैंने दीदी की बूर की फांको को फैलाया और अपना लंड का सुपाड़ा अंदर रखा. एक करारा शॉट मारके अपना लंड दीदी की बूर में पेल दिया.. दीदी दर्द से चिल्लाने लगी

दीदी: उईईईईई माँ … मार डाला रे …साले अपनी बहन को चोद रहा है रंडी को नहीं
मैं: ओह्ह्ह मेरी कंचन जानेमन … तू मेरे लिए किसी रंडी से कम नहीं है…
दीदी: आह्ह्ह्हह बहनचोद साले मुझे रंडी बोल रहा है…. चल आ इस रंडी की आग को शांत कर
मैं: उफ्फ्फफ्फ्फ़ दीदी आज तो मैं आपकी बूर फाड़ दूंगा..
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#28
मैं लम्बे लम्बे शॉट्स मरने लगा. मेरा लंड बहुत तेजी से कंचन दीदी की बूर चोद रहा था. उनकी हिलती हुई बड़ी बड़ी चूचियां को मैं दबा दबा कर चुदाई कर रहा था..दीदी भी बहुत मजे लेकर चुद रही थी. उनकी आँहो से पूरा रूम गूंज रहा था…

दीदी: आअह्ह्ह्ह भाई बहुत दिनों बाद ऐसा तगड़ा लंड गया है मेरी चुत में…
मैं: ओह्ह्ह्हह … दीदी क्या बदन पाया है अपने.. मन करता है दिन रात आपको नंगी करके बस चोदता रहू..
दीदी: उउउउउ ईईईई भाई और तेज मार मेरी चुत … आअह्ह्ह्ह भाई बुझा ले अपनी हवस.. रगड़ कर चोद ले मुझे
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी डॉगी स्टाइल में आ जाओ …

दीदी अब डॉगी स्टाइल में मेरे सामने खड़ी थी… दीदी की चौड़ी भारी गांड मेरे सामने नंगी खड़ी थी. मेरा मन दीदी की गांड मारने का भी कर रहा था… पर मैं सिर्फ अभी दीदी की बूर चोदना चाहता था. मैंने दीदी की गांड को पकड़ा और अपना लंड उनकी बूर में फिर से पेल दिया और चोदने लगा. दीदी की गांड बहुत बड़ी थी, जिसे पकड़ कर चोदने में बहुत मजा आ रहा था. हर शॉट के साथ दीदी की चुत्तड़ मेरे कमर से टकरा रही थी, जिसे देख कर मेरा जोश और बढ़ रहा था. मैं दीदी की हिलती हुई चूचियों को पीछे से मसल रहा था. मेरा लंड ताबड़ तोड़ दीदी की बूर को चोद रहा था..

दीदी: अह्ह्ह्हह भाई… इतना मजा मुझे कभी नहीं आया चुदने में… फ़क मी डार्लिंग
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ ऐसा बदन तो सिर्फ चोदने के लिए होता है दीदी

मैं १ घंटे से दीदी को चोद रहा था. फिर मैं दीदी को सम्भोग की पोजीशन में लिया. अब मैं दीदी को किश करते हुए चोद रहा था. दीदी ने अपनी टांगो से मेरी कमर को जकड रखा था और वो गांड उछाल उछाल कर चुद रही थी..

दीदी: ओह्ह्ह्हह्हह मेरे भाई कितना चोदेगा मुझे … १ घंटा हो गया है ..
मैं: आआअह्ह्ह्हह दीदी आपका भाई तो पूरी रात आपको चोदेगा…
दीदी: आअह्ह्ह उईईईईई भाई…. फ़क मी हार्डर बेबी..

मैं दीदी को किश कर रहा था, उनकी फुटबॉल जैसी चूचियों को दबा दबा कर चोद रहा था.


दीदी: ओह्ह्ह्हह भाई फ़क योर सिस्टर डार्लिंग… माय स्वीट ब्रदर फ़क मी डीपर बेबी…
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ दीदी आपके जैसी बहन भगवान हर भाई को दे ….
दीदी: उईईईईई भाई …. मेरा निकलने वाला है… कीप फकिंग माय पुसी …. और तेज चोद भाई..

मैं बहुत तेजी से दीदी को चोदने लगा. मेरा लंड घाचा घच दीदी की बूर में अंदर बाहर हो रहा था.. हमारी साँसे तेज हो रही थी… मैं दीदी की बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबा कर चूस रहा था और लम्बे लम्बे शॉट्स मार रहा था. आआअह्ह्ह्हह भाई और तेज …. चोद अपनी बहन को… दीदी की आवाजे गूंज रही थी… फिर हमदोनो झड गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#29
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