Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
फिर उसको उठाया तो वो मेरे लंड को चाटने लगी, मैंने उसे गोद में उठा कर उसके पैरों को घुमा के उलट कर दिया, अब उसका सिर मेरे लंड पे और मेरा मुंह उसकी चूत पे था, खड़े खड़े हम 69 पोजीशन में एक दूसरे के मुंह को चोद रहे थे।
फिर मैंने नीचे उतारा और रीतू को गोद में उठाया और लौड़ा फक्क कर के उसकी चूत में डाल दिया और उसे खड़े खड़े चोदने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
फिर उसको उठाया तो वो मेरे लंड को चाटने लगी, मैंने उसे गोद में उठा कर उसके पैरों को घुमा के उलट कर दिया, अब उसका सिर मेरे लंड पे और मेरा मुंह उसकी चूत पे था, खड़े खड़े हम 69 पोजीशन में एक दूसरे के मुंह को चोद रहे थे।
फिर मैंने नीचे उतारा और रीतू को गोद में उठाया और लौड़ा फक्क कर के उसकी चूत में डाल दिया और उसे खड़े खड़े चोदने लगा।
जोर जोर से धक्के मार रहा था, वो भी पागलों की तरह मुझे गाली दे रही थी- चोद भोसड़ी के बहनचोद चोद मुझे, पांच साल की प्यास बुझा मेरी!
मैं धक्के मारते मारते उसकी चूत में ही झाड़ गया और वो भी पूरी तरह से कांपते कांपते मेरी बाँहों में गिरते हुए झड़ गयी, जैसे क़ि वो जीवित ही न हो, ऐसी हो गयी थी मेरी गोद में!
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और चूमने लगा, वो भी फिर मुझे चूमने लगी, और हम फिर कपड़े पहन कर यूनिवर्सिटी चले गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
पहन कर यूनिवर्सिटी चले
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
नादानी में शुरू हुए खेल .........
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
हुआ यूं कि मैं अपनी दादाजी की मृत्यु पर गाँव में गया था। हमें 3-4 दिन तक वहाँ रुकना था। वहाँ मेरे बड़े अंकल रहते हैं, जिनकी लड़की प्रीति मेरी उम्र की ही है। हम दोनों में काफ़ी दोस्ती थी और वो मुझे पसंद भी करती थी।
गाँव पहुँचने पर वहाँ मेरी मुलाकात प्रीति से हुई। मैं उसे देख रहा था.. वो भी मेरे चेहरे को देखते हुए मेरे पास आई और मेरे करीब बैठ कर बात करने लगी।
शाम को मेरे चाचा का लड़का प्रतीक, जो मेरे उम्र का ही है, मुझे बुलाने आया, वो बोला- चल प्रीति के साथ खेलते हैं।
मैं छत पर चला गया.. मैंने पूछा- क्या हो रहा है?
उसने बताया कि वे लोग ‘घर-घर’ खेल रहे हैं और प्रीति उसकी बीवी बनी है। प्रीति फ्रॉक पहने हुई थी। हम तीनों खेलने लगे और फिर प्रतीक ने खेल को आगे बढ़ाते हुए कहा- यार समझो कि रात हो गई है.. सो जाओ!
हम तीनों सो गए.. प्रतीक ने प्रीति की फ्रॉक को ऊंचा किया और उसकी चड्डी निकालने का इशारा किया। प्रीति ने तुरंत चड्डी उतार दी। वो उसकी चूत में अपना लंड रगड़ने लगा.. मैं ये देख कर तो दंग रह गया।
मैंने उन दोनों को अलग किया और पूछा- ये क्या कर रहे हो??
प्रतीक बोला- सब मर्द अपनी बीवी के साथ करते हैं। हम पिछले 2 दिन से ऐसे खेल रहे है। प्रीति चाहती है कि तू उसका हज़्बेंड बने और ऐसा करे, इसीलिए तुझे बुलाया है।
मैंने उसकी तरफ देखा, वो मुस्कुराई.. तो मैं भी मचल गया और अपनी चड्डी उतारने लगा। मैंने अपने लंड को उसकी चुत के ऊपर रखा और रगड़ने लगा। हम दोनों को मजा आ रहा था।
फिर रात को हमने साथ में खाना खाया और सो गए। पापा ने बताया कि कल शाम को वापस शहर जाना है, मुझे लगा अब प्रीति प्रतीक की बीवी बनेगी।
मैंने उससे बात की और मेरे साथ शहर आने के लिए मना लिया।
वो अब मेरे घर पर आ गई.. हम शाम को छत पर घर-घर खेलते और मैं उसको नंगी करके मजा लेता।
दूसरे दिन मैंने उसको बोला- तुम उल्टी लेट जाओ, मुझे तेरी गांड देखनी है।
वो शरमाई.. पर एक-दो बार बोलने पर पलट गई। मैं उसकी गांड की दरारों में लंड फंसा कर हिलाने लगा, बड़ा मजा आया।
अब मैं रोज उसको नंगी करके चूमता और लंड रगड़ता। फिर उसकी गांड को भी खुद दबाया और छेद पर लंड रगड़ा।
कुछ ही दिनों में छुट्टियाँ खत्म हो गईं और वो गाँव चली गई। लेकिन जाने से पहले मैंने उससे वादा लिया कि वो अब ये घर-घर नहीं खेलेगी और किसी और की बीवी नहीं बनेगी।
उसने भी बोला कि मैं तुम्हारी हूँ।
फिर पापा का तबादला दिल्ली हो गया और हम वहाँ चले गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
कुछ समय बाद प्रीति की बहन की शादी में मुझे गाँव जाना था। मैं खुश हो गया और सोचने लगा कि वो कैसी लग रही होगी.. अब मुझे सेक्स का नॉलेज हो चुका था। मैं सोचने लगा कि वो कैसे पटेगी मेरे साथ चुदने के लिए!!
खैर हम सब गाँव पहुँच गए, मैं प्रीति को ढूँढ रहा था.. अचानक वो मेरे सामने आई। अरे वाह.. क्या जवान हो गई थी वो..! उसका दूध सा गोरा रंग, ऐसा लग रहा था जैसे अप्सरा हो।
मेरे हिसाब से उसके 32 के दूध और 34 की गांड होगी। वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी, मैं उसके पास गया और ‘हाय’ कहा। वो मुझसे बात तो कर रही थी, पर शर्मा रही थी। शाम को मैंने उसको छत पर आने का इशारा किया, वो समझ गई। हम दोनों वहाँ रखी सूखी घास में बैठ कर बात करने लगे।
मैंने कहा- काफ़ी बड़ी हो गई हो।
वो मुस्कुरा दी.. मैंने उसको उसका फिगर साइज़ पूछा.. तो उसने बताया कि 32-28-34 का है।
मैंने बोला- जवान लड़की के लिए आइडियल फिगर है।
वो मुस्कुरा दी, फिर मैंने उससे पूछा- याद है, हम यहाँ मिले थे!
वो मेरी तरफ देख कर शर्मा रही थी.. मैंने बोला- तुम मुझे बहुत पसंद हो.. आई लाइक यू वेरी मच।
उसने मुस्कुरा कर नजर नीचे कर ली। मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसके गालों को चूम लिया, उसने भी मेरे गालों पर चुम्मी कर दी।
मुझे तो मानो सिग्नल मिल गया था, मैंने देर ना करते हुए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगा।
क्या मजा आ रहा था.. वो भी मेरा साथ देने लगी.. हम बस चूमते रहे। दस मिनट बाद हम दोनों ने होंठों को अलग किया.. उसके होंठ लाल हो गए थे। मैंने फिर से उसको जकड़ कर चूमना चालू किया। अब मैं उसके गाल, गर्दन पर चूम रहा था.. उसको मजा आ रहा था। धीरे-धीरे उसकी मादक सिसकारियाँ बढ़ने लगीं।
मैंने अब धीरे से उसके मम्मों को दबाना चालू किया, तो मैंने महसूस किया कि उसने ब्रा नहीं पहनी थी। मैं उसका कुर्ता ऊपर करके उसके मम्मों को देखने लगा। वो शर्मा गई, पर मुस्कुरा कर मेरे हाथ को पकड़े हुए थी।
मैंने उसे रोका और बोला- ये काफ़ी बड़े हैं.. मुझे इधर किस करने दो।
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप HotSexStory.xyz पर पढ़ रहे हैं!
उसने मुस्कुराते हुए बोला- भाई तुम्हारे ही हैं.. तुमसे वादा जो किया था.. अब तक निभा रही हूँ। आ जाओ मेरे राजा भैया.. लो अपनी बहन का दूध पियो।
उसने हाथ खोल दिए और लेट गई.. मैं तो बस उन मम्मों पर टूट पड़ा। मैंने उसके लेफ्ट बूब को मुँह में लिया और चूसने लगा ‘उम्म्म उम्म्म उम्म्म…’
वो भी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करते हुए मेरा साथ दे रही थी।
मैंने ज़ोर से दबाना चालू किया.. तो प्रीति बोली- हाँ दबाओ.. और दबाओ बंटी.. तुम्हारे लिए कबसे प्यासे थे ये.. और दबाओ आ आ आअहह आअहह!
यह सब सुनकर मेरा लंड टाइट हो गया.. मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और दबाने को बोला। मैं उसके निपल्स काटने लगा.. उसकी सिसकारियाँ बढ़ती जा रही थीं।
मैं काफ़ी उत्तेजित हो चुका था.. मैंने उसकी पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत दबाई.. तो उसने एक लंबी साँस ली- आआहह भैया.. बस करो!
मैंने पजामी को खोलने की कोशिश की ताकि उसकी गुलाबी चुत देख पाऊँ।
वो मुझे अपने से दूर करते हुए बोली- मेरे सैंया होश में आओ, हम खुली छत पर हैं, इधर कोई आ जाएगा तो देख लेगा। रात को मेरी जवानी का, मेरे बदन का पूरा मजा लूटना.. सब्र का फल मीठा होता है।
मैंने पूछा- कब?? मैं पागल हो चुका हूँ तेरे लिए..!
वो मुस्कुराई और बोली- रात को सेकेंड फ्लोर पर जो स्टोर रूम है, वहाँ आ जाना। गाँव में सब जल्दी सो जाते हैं, मैं वहीं मिलूंगी। फर्स्ट फ्लोर पर सामान पड़ा है.. तो उधर कोई नहीं होगा।
मैंने उसको किस किया और नीचे जाकर काम करने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
सब रात को 11 बजे सो गए। मैं प्रीति के बताए अनुसार उसका स्टोर रूम में वेट कर रहा था। एक घंटे से ऊपर हो गया, मेरी आँख लग गई। करीब 12 बजे मेरे हाथ पर किसी ने चूमा, तो मेरी आँख खुली।
मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था.. सामने प्रीति खड़ी थी, वो बोली- अपनी पहली सुहागरात में ही आँख लगा दी, थोड़ा सा इंतजार भी ना हुआ?
वो वाइट टी-शर्ट ओर ब्लैक शॉर्ट्स पहनी थी। मैं उसको निहारने लगा.. नाइट लैंप की रोशनी में उसका बदन कमाल लग रहा था। उसके वो 32 के चूचे और 34 की गांड को देख कर मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था, पर मैंने अपने आप पर काबू रखा।
मैंने उसे बगल में बैठने को बोला, उसका हाथ चूमा और कहा- तुम्हारी बहुत याद आती है, पता नहीं क्यों इतने साल मिल नहीं पाए! मैं तुमको बहुत प्यार करता हूँ।
उसने मुझे चूम लिया, फ़िर प्रीति बोली- तुमने बोला है तब से मैंने किसी और लड़के को नहीं देखा, मैं तुम्हारा इंतजार कर रही थी, मुझे पता था तुम और मैं एक दिन साथ में होंगे।
मैंने उसको नजदीक खींच लिया.. हम पुरानी बातें कर रहे थे।
मैं बोला- इस साल की शुरूआत में ही पॉर्न मूवी दोस्तों के साथ देखी तो पता चला कि हम दोनों बचपन में क्या करना चाहते थे।
वो शर्मा गई.. मैंने उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठों से लगाते हुए अपने हाथों से उसके मम्मों को सहलाने लगा।
उसके निप्पल टाइट होने लगे थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
2........
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
मैंने उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठों से लगाते हुए अपने हाथों से उसके मम्मों को सहलाने लगा। उसके निप्पल टाइट होने लगे थे।
मुझे उनको छूने में आनन्द आ रहा था.. वो गर्म हो रही थी।
मैंने अचानक उसके एक चूचे को दबा दिया- आअहह भैया!
उसके मुँह से सिसकारी निकल गई.. मैंने तुरन्त ही उसको चूमना चालू कर दिया ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
हम दोनों एक-दूसरे के होंठ ऐसे चाट रहे थे.. जैसे बरसों के प्यासे हों। मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल कर उसके मम्मों को अपने हाथ में ले लिए।
प्रीति बोलीं- अह.. ले लो इन्हें.. जल्दी काटो मेरे चूचुकों को.. अह..
मैंने उसका एक दूध अपने मुँह में लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। वो धीरे-धीरे कामुक सिसकारियां ले रही थी ‘हाँ दबाओ.. काटो मुझे बंटी.. अया आहह अया अया.. मेरे सैंया.. ज़ोर से दबाओ आआह आआह..’
मैंने अपनी टी-शर्ट और पजामा दोनों निकाल दिया.. मेरा लंड खड़ा हो चुका था। प्रीति लंड को ऊपर से दबाने लगी.. मैंने उसका हाथ अपने बॉक्सर के अन्दर डाल दिया और लंड हाथ में दे दिया।
वो बोली- अरे भैया ये तो बहुत गर्म है.. बड़ा भी बहुत ज्यादा है.. कम से 6-7 इंच का तो होगा न!
वो लंड को पकड़ कर ऊपर-नीचे करने लगी.. मुझे मजा आने लगा। हम दोनों लेट कर किस करने लगे, मैं कभी उसके मम्मों को दबाता.. तो कभी किस करता।
वो गरम आहें भर रही थी- अया अहहाअ.. दबाओ भैया.. चूसो इन्हें.. अया दबाओ.. पूरा मुँह में ले लो…
मैंने उसके शॉर्ट को निकाल कर उसकी गोरी जाँघों पर अपना हाथ रखा.. वो मचलने लगी। मैं उसकी मुलायम जाँघों को दबाने लगा.. और उसकी पेंटी निकाल कर उसकी चुत के दर्शन किए- अरे वाह.. चुत पर एक भी बाल नहीं है डार्लिंग.. आह.. क्या गुलाबी चुत है तुम्हारी!
वो बोली- आज तुम्हारे लिए ही मैंने बाल साफ़ किए हैं।
मैंने उसकी चुत को हाथ से दबाया.. तो वो छटपटाने लगी। फिर मैंने धीरे से एक उंगली उसकी चुत में अन्दर डाल दी।
‘आआह.. धीरे.. पहली बार छुआ है किसी ने..!’
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
मैं धीरे-धीरे उंगली अन्दर-बाहर करने लगा.. उसकी चुत काफ़ी गीली हो गई थी, जिससे उसको मजा आने लगा था।
मैंने दूसरे हाथ से एक दूध को पकड़ा हुआ था और उसे गूँथ रहा था.. अपने मुँह से उसे किस कर रहा था ‘उम्म्म.. उम्म्म आआहह..’
वो धीरे-धीरे कामुक सिसकारियां ले रही थी। उसे इस बात का ध्यान था कि यहाँ से आवाज बाहर जानी नहीं चाहिए, कोई देख लेता तो खेल वहीं ख़त्म हो जाता।
मैं नीचे की तरफ बढ़ा और उसके पेट को चूमने लगा। वो बोली- गुदगुदी हो रही है।
मैं अपना मुँह और नीचे ले गया और उसकी चुत को चूम लिया।
‘आआहह.. भैया ये क्या कर रहे हो!’
मैंने उसकी चुत को चाटना चालू कर दिया।
‘आअहह आअहह ये सब कहाँ से सीखा तुमने.. बड़ा मजा आ रहा है.. अह.. च..चाटो.. आआह अया अया..!’
वो अपनी गांड उछाल कर मेरा साथ दे रही थी।
यकायक वो अकड़ने लगी.. उसका बदन कस रहा था.. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने अपनी उंगली निकाल ली क्योंकि अभी मैं उसको थोड़ा और भोगना चाहता था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
मैं अब खड़ा हो गया और अपना लम्बा लंड उसके हाथ में थमा दिया.. वो समझ गई और उसको हिलाने लगी।
अब मुझे मजा आने लगा.. मैंने उसको लंड को मुँह में लेने का इशारा किया। प्रीति बोली- ये कैसे जाएगा?
मैंने बोला- लॉलीपॉप नहीं खाई क्या?
उसने हँस कर अपने मुँह में मेरा लंड भर लिया- भैयाम ये तो बहुत मस्त लग रहा है, अब तो रोज इससे चूसना पड़ेगा.. उम्म.. उम्म..
मैंने उसके सिर को पकड़ा और लंड अन्दर-बाहर करने लगा.. मेरे मुँह से भी सिसकारियां निकलने लगीं- ऑश.. लो इसे लो पूरा इसको.. अह..’
अब चुदाई का टाइम आ गया था। मैंने उसको लेटाया और उसकी चुत में उंगली डाली.. बहुत गीली थी।
वो अब मचल रही थी- अब क्या करोगे??
मैंने बोला- अब फाइनल स्टेज पर है.. इसे तुम्हारी चुत में डालना है।
‘अरे मेरी चुत तो कितनी छोटी है, तुम्हारा तो बड़ा और मोटा है..!’
‘अरे चला जाएगा और तुम्हें मजा भी देगा.. हर मर्द अपनी बीवी को देता है।’
मैंने उसको लेटा दिया और अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ने लगा.. वो आहें भर रही थी।
मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया तो मेरा लंड 2 इंच अन्दर चला गया।
‘आआमम्म्म मर गई.. आअहह.. निकालो ये क्या डाल दिया.. उई माँ दर्द हो रहा है.. भाई उठो मेरे ऊपर से..!’
उसकी थोड़ी सी चीख निकल गई।
मैं घबरा गया.. मैंने उसको चुप रहने को कहा और बोला- अभी 2 इंच गया है, पहली बार दर्द होगा.. पर मजा आएगा।
उसने सर हिलाकर मेरी ‘हाँ’ में ‘हाँ’ मिलाई.. और अपने मुँह पर हाथ रख लिया। मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चुत में घुसाने का प्रयास करने लगा और आगे-पीछे होने लगा।
आह.. इस्स.. मुझे भी थोड़ा दर्द हो रहा था.. पर मजा आ रहा था। फिर मैंने एक झटके में पूरा लंड अन्दर डाल दिया।
‘मुम्मय्ययययई मर गई.. आआअम्म्म्म.. अया.. फट गई मेरी..’
मैंने उसको दबाए रखा और धीरे-धीरे लंड अन्दर-बाहर करने लगा। दो मिनट बाद मैंने देखा प्रीति अपनी आँखें बन्द करके सिसकारियां भर रही है।
‘हाँ’ करो.. हाँ डालो डाल दो.. आ आ चोदो मुझे.. आह अपनी दुल्हन बना लो.. जिंदगी भर के लिए.. अया अया अया..!’
मैंने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ा दी.. उसकी आवाज भी थोड़ी तेज हो गई- भैया और अन्दर डालो.. आ अयाया अया अब तक कहाँ थे.. अह.. कितना तड़पी हूँ इस पल के लिए.. चोदो मुझे.. अया आहा.. चोदो मुझे अपनी माल समझो.. करो आह और तेज डालो ना.. आअहह आआहह..
मैं उत्तेजित हो गया और जल्दी जल्दी चुदाई करने लगा।
‘आह.. मजा आ रहा है.. आह भाई कुछ बोलो ना..’
‘अरे क्या बोलूँ.. कितना मजा आ रहा है.. आ अया इश.. तुझे तो अब पूरी जिंदगी लूटूंगा मैं.. आजा मेरी दुल्हन.. मेरी प्रीति आह..’
‘हाँ भाई, मुझे जिंदगी भर चोदना.. मैं तुम्हारी ही हूँ।’
यह कहते हुए वो अकड़ गई और झड़ने को हो गई। मैं भी उसके ऊपर गिर गया और किस करने लगा।
वो भी बराबर मेरा साथ दे रही थी.. अपनी गांड को ऊपर-नीचे हिला रही थी। हम दोनों की साँसें तेज हो गई थीं। ‘आह आह उश ऊहहो..’
मैंने 3-4 शॉट ज़ोर से मारे और खड़ा होने लगा। प्रीति ने मुझे पकड़ लिया- और करो ना, अन्दर रहने दो..
मैंने बोला- अभी और मजा लेने का वक्त है.. चल घोड़ी की तरह खड़ी हो जा और मुझे पीछे से अन्दर डालने दे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
मैं खड़ा हो गया, उसने मेरे लंड को देखा और कहा- अरे इस पर तो खून लगा हुआ है, मेरी चुत पर भी खून है!
मैंने उसको बताया- मैंने तेरी सील तोड़ दी है।
वो मुस्कुरा दी। अब वो औरत बन चुकी थी।
उसने वहाँ पड़े पानी के जग में एक कपड़ा भिगोया और मेरे लंड को धीरे-धीरे साफ करने लगी। मैंने अपनी आँखें बन्द कर लीं।
अचानक प्रीति ने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और मेरे हाथ अपने सिर पर रख दिए, जैसे कह रही हो कि भाई अपना लंड अन्दर बाहर करो ना।
मैंने वैसा करना चालू किया, ज़ोर से उसका सिर पकड़ रखा था और अपने लंड को पूरा उसके मुँह में डाल रहा था। प्रीति ने अपना मुँह ज़्यादा खोल लिया।
‘ऊऊ ऊऊ ऊओ..’ कुछ ही मिनट बाद में मैं बोला- अब घोड़ी बन चल!
वो तुरंत मान गई और घोड़ी बन गई.. उसकी गोरी गांड को देख कर मैं और उत्तेजित हो गया।
मैं उसकी गांड को सहलाने लगा..वो पीछे देख कर मुस्कुरा रही थी.. मैंने उसके दोनों कूल्हों को काट लिया।
‘अरे इतनी ज़्यादा पसंद आ गई क्या!’
उसने पैर थोड़े से फैला दिए, जिससे मुझे उसकी चुत दिख सके ‘अब तड़पाओ मत, डालो.. डाआलो.. डाल्ल्लो ना!’
मैंने उसको कमर से पकड़ा और एक ही झटके में अपना लंड उसकी चुत में घुसा दिया।
‘डाल्ल्ल दिया रे.. मुम्मय्ययई.. . उम्म्म्मचह.. मर गई.. एयेए आआ एयेए..’
मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा.. और उसके मम्मों को भी यूं दबा रहा था जैसे आटा गूँथते हैं।
‘ऊऊओ ऑश ऑश.. अब तुझे ज़िंदगी भर कोई छुड़ा नहीं पाएगा मेरे से, रोज चोदूँगा ऐसे ही.. तुझे अपनी रखैल बना कर रखूँगा.. चुत में रोज मेरा लंड ऐसे ही डालूँगा.. ओश आह आहह..’
‘आह.. हाँ.. भैया रखैल बना लो मुझे.. तुम ही रोज चोदना मुझे, बच्चे भी देन्नाअ.. अया अया अया आहहा..’
वो अचानक अकड़ने लगी और उसकी आवाज धीमी पड़ गई.. मैंने स्पीड बढ़ा दी।
‘अरे… रूको अन्दर कुछ हो रहा है.. एयेए अह आआअहह आआहह बससस्स बसस्स..’
‘अरे तेरा निकालने वाला है.. चल साथ में झड़ते हैं..’
मैं और ज़ोर से शॉट मारने लगा, मेरे लंड पर पानी जैसा कुछ महसूस हुआ.. पर उसने इतनी उत्तेजना दी कि मैं भी झड़ गया, मैंने अपने वीर्य से उसकी चुत को भर दिया। वो निढाल हो कर लेट गई, मैं भी उस पर लेट गया।
मैं उस पर नंगा ही पड़ा रहा.. थोड़ी देर बाद हम अलग हुए।
मैं अभी तक उसके मम्मों को सहला रहा था, उसने मेरे मोबाइल में 4 बजे का अलार्म लगाया ताकि वो सबके उठने से पहले नीचे चली जाए। हम बस यूं ही नंगे ही सो गए।
सुबह मेरी आँख खुली तो मैं अकेला था। मेरी ख्याति भाभी वहाँ कुछ सामान लेने आई थीं- देवर जी, गजब सोते हो आप तो!
वो मुस्कुरा रही थीं। मैंने उनको बोला- मेरे कपड़े कहाँ रख दिए आपने?
तो वो हँसने लगीं- अरे मैंने सब देख लिया है, खड़े हो कर खुद ही ले लो!
मैं शर्मा गया, वो बोलीं- शर्मा क्यों रहे हो देवर जी, ये लो।
उन्होंने कपड़े देते हुए मेरा हाथ छू लिया.. और आँख मार कर हंसती हुई नीचे चली गईं।
मैं कपड़े पहन कर नीचे आया और प्रीति को ढूँढने लगा, वो नहाकार निकल रही थी, मैंने महसूस किया कि वो थोड़ा पैर फैला कर चल रही है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
.........
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
.
...........
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
शादीशुदा बहन को मस्ती से चोदा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
मैंने अपनी सगी बहन को जो कि शादीशुदा है और दो छोटे बच्चो की माँ है मैंने कैसे उसकी मर्ज़ी से मस्ती के साथ उसे चोदा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
•
Posts: 84,363
Threads: 890
Likes Received: 11,315 in 9,381 posts
Likes Given: 20
Joined: Dec 2018
Reputation:
118
16-08-2019, 03:10 PM
(This post was last modified: 16-08-2019, 03:10 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरा नाम अंकित है और में मेरी उम्र 20 साल है.. मेरे लंड का साईज़ 8.5 इंच है और में बिल्कुल भी झूठ नहीं बोल रहा.. मेरे पापा की उम्र 65 साल और मेरी मम्मी की उम्र 60 साल है। मेरी दो बड़ी बहनें है और में घर में सबसे छोटा हूँ इसलिए मुझे सबका बहुत प्यार मिलता है। मेरी एक बहन 40 साल की है और दूसरी बहन 34 साल की और मेरे सेक्स संबंध दूसरी बहन के साथ बने.. उसका नाम शिवानी है और उसका पति एक प्राइईट कम्पनी में एक बहुत अच्छी पोस्ट पर नौकरी करता है।
दोस्तों जब में छोटा था तब शिवानी की शादी हुई.. मेरी उससे बहुत बनती थी और वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मुझे उसकी शादी के बाद बहुत दुख हुआ और में बहुत रोया। फिर जैसे जैसे में बड़ा होता गया मेरा प्यार मेरी बहन के लिए सेक्स के नाम में बदल गया और में उससे सेक्सी लेडी के रूप में देखने लगा। अब में थोड़ा बहुत शिवानी के बारे में बताना चाहूँगा.. उसकी उम्र 34 साल है और उसकी हाईट 5.3 है और वो बहुत ही मस्त और उसका सेक्सी शरीर है उसके बूब्स 38 कमर 34 और कुल्हे 39 है.. कुल मिलाकर देखा जाए तो वो एक बहुत ही सेक्सी औरत है और किसी का भी लंड खड़ा कर सकती है। एक साल पहले हमे पता चला कि मेरे जीजा जी का किसी दूसरी लड़की के साथ बहुत समय से चक्कर है और उनके नाजायज संबंध भी है और यह बात मालूम पड़ने पर घर में सभी लोगों को बहुत टेंशन होने लगी और मेरी बहन भी बहुत दुखी रहने लगी.. उसके दो बच्चे है एक लड़का 6 साल का और एक लड़की 4 साल की।
फिर में हमेशा से उसकी बेटी को बहुत प्यार करता हूँ तो जब हमे जीजा जी के रिलेशन का पता चला तो हमने उसके परिवार से बात की.. लेकिन हमे कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला और बस अब तक तो सब कुछ सही चल रहा था.. लेकिन अब वो मेरी बहन को हाथ भी नहीं लगाता और यह बात मेरी बहन ने मुझे बाद में बताई। फिर में अपनी बहन को पिछले 1.30 साल से चोदने का बहाना खोजने की कोशिश में लगा हुआ था और जब भी मेरी बहन हमारे घर पर रहने आती थी तो में छुपकर उसके बूब्स देखा करता था और उसकी पेंटी को हाथ में लेकर मुठ मारता था और पेंटी की चूत वाली जगह को मुहं में लेकर चाटता था और मुझे उसकी चूत की खुश्बू बहुत अच्छी लगती थी और मुझे बहुत बार मेरी बहन ने उसके बूब्स को घूरते हुए देखा था.. लेकिन उसने मुझे कभी कुछ नहीं बोला और इसे में उसकी तरफ से एक हरी झंडी समझने लगा। फिर 6 महीने पहले मेरे पापा की तबियत खराब हो गई और वो मोहाली के हॉस्पिटल में भर्ती हुए तो माँ को भी उनके साथ रहना पड़ा और में भी साथ में हॉस्पिटल गया और हमारे घर पर शिवानी अपने दोनों बच्चो के साथ घर को संभालने के लिए रहने आ गई। फिर उन दिनों मेरी पढ़ाई के पेपर चल रहे थे 3rd सेमेस्टर के और वो दिसम्बर का समय था तो में एक दो दिन में ही पापा को भर्ती करवा कर हॉस्पिटल से वापस घर पर आ गया और जब में घर पर आया तो कुछ देर बाद मेरी बहन नहाकर बाथरूम से बाहर आई और सीधी मेरे रूम में चली आई। दोस्तों उस समय में उसे देखता ही रह गया.. उसने लोवर और एक पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसने अंदर ब्रा नहीं पहन रखी थी और उसकी टी-शर्ट उसके बूब्स से पानी की वजह से चिपक गई थी। तो मेरा लंड यह सब देखकर खड़ा हो गया और बहुत मुश्किल से मैंने उसे छुपाया और फिर वो कुछ सामान लेकर मेरे रूम से चली गई। फिर रात को खाना खाकर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे हमारे घर में तीन बेडरूम है। एक मेरा एक मेरे माता पिता का और एक मेहमानों का रूम। फिर में अपने रूम में आ गया और मेरी बहन अपने दोनों बच्चों के साथ मम्मी, पापा के रूम में सोने चली गई। उस रात मुझे बिल्कुल नींद नहीं आई और मैंने अपनी बहन के नाम की तीन बार मुठ मारी.. अगली सुबह मेरे कॉलेज की छुट्टी थी उस दिन कोई भी पेपर नहीं था। तो में थोड़ा देरी से उठा और नहाकर नाश्ता किया और अपनी छोटी भांजी के साथ खेलने लगा मेरी बहन भी मुझसे बातें कर रही थी.. उसने सलवार कमीज़ पहना था वो बार बार हंस रही थी तो मेरे पूछने पर कि तुम बार बार हंस क्यों रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं वैसे ही।
खैर फिर लंच टाइम हुआ तो लंच करके में अपने रूम में आ गया और बेड पर लेट गया। मेरा लंड फिर से मचलने लगा और में मेरी बहन के नाम की मुठ मारने लगा। उस वक़्त मेरी बहन दूसरे रूम में अपने दोनों बच्चो को सुला रही थी। तो मुझे बिल्कुल भी इस बात का ध्यान ही नहीं रहा और में मस्ती से धीरे धीरे उसका नाम लेते हुए मुठ मारने लगा। जैसे ही मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने अपनी दोनों आंखे बंद कर ली और उसका नाम लेकर ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और जब मेरा पानी निकला तो मैंने थोड़ा अच्छा महसूस करके अपनी आंख खोली तो देखा कि मेरी बहन दरवाजे के पास खड़ी सब कुछ देख रही है और तब मुझे याद आया कि में दरवाजा बंद करना ही भूल गया था। तो मेरी बहन मेरे पास आई और उसकी नजरें मेरे आधे खड़े हुए लंड पर टिकी थी। उस समय मेरा लंड 8.5 इंच का लटका हुआ था। फिर वो बोली कि क्यों तुम मेरे नाम की मुठ मारते हो? तो में बोला कि सॉरी दीदी अब कभी भी नहीं करूंगा और में बहुत डर गया था और मेरा लंड 8.5 इंच से सिकुड कर 4.5 इंच का रह गया था। तभी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और बोली कि तो क्या हुआ तू अब जवान हो गया है और यह अहसास हम सभी में होता है और फिर थोड़ा आगे बड़ी और धीरे से मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और बोली कि तेरा तो तेरे जीजा जी से भी बहुत बड़ा है।
तो उसकी बातों और कोमल हाथ के स्पर्श से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मुझमें एक अलग सा अहसास आने लगा और में आहह आह करने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगी.. में धीरे धीरे उसके गालों पर किस करने लगा और अपने हाथ से उसके 38 साईज़ के मोटे मोटे बूब्स दबाने लगा और अब उसे भी मस्ती आने लगी और उसने मुझे होंठ पर किस करने शुरू कर दिए। में भी उसकी किस का जवाब देने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा। ऐसा हम दस मिनट तक करते रहे फिर में बेड से उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपनी बहन की कमीज़ उतारने लगा.. लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और वो अपनी कमीज़ उतारने में मेरी मदद करने लगी। अब मेरे सपनों की रानी मेरी सग़ी बहन मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और सलवार में बेड पर बैठी थी। तो में उसे किस करने लगा और बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेटकर किस करने लगा। वो भी मेरा लंड मसल रही थी। फिर मैंने एक झटके में उसकी ब्रा उतार दी और उसके बड़े बड़े बूब्स एक हाथ से दबाने लगा और दूसरे को मुहं में लेकर चूसने लगा उसके निप्पल हल्के भूरे कलर के थे और वो बहुत सख्त हो चुके थे। फिर वो अपना एक हाथ मेरे बालों में घुमा रही थी और ज़ोर ज़ोर से अपने बूब्स पर दबा रही थी.. वो आहह आह्ह्ह और ज़ोर से चूस अपनी बहन का दूध बोल रही थी। फिर वो बोली कि कल रात को मैंने तुझे मेरे नाम की मुठ मारते हुए देखा था। तो यह बात सुनकर में और भी गरम हो गया और ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स चूसने लगा तो वो बोली कि थोड़ा आराम से कर दर्द होता है.. तो मैंने धीरे धीरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। तभी वो बोली कि अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता जल्दी से मुझे चोद दे मेरा बहुत मन कर रहा है पिछले एक साल से तेरे जीजा ने मुझे हाथ भी नहीं लगाया। तो में यह बात सुनकर खड़ा हुआ और उसकी सलवार उतारने लगा। उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी और चूत बिल्कुल साफ शेव की हुई और चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
|