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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
Nice one.
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(12-08-2019, 10:27 PM)bhavna Wrote: Nice one.

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(12-08-2019, 11:08 PM)harishgala Wrote: Good one

Thanks for reading and support 
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(12-08-2019, 03:55 PM)Samrattttt Wrote: Waiting

Update posted
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Payar bhara update..... nice
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Your writing is amazing it's unlike other sex stories where bang bang happens only but mixture is of love, romance and feeling making it unique..... Keep going bro
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Nice bro
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Next update kl morning me
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MEGAUPDATE 38


रेशमा को देख कर मेरे जान मे जान आ गयी
रेशमा कैसे भी हालत मे क्यूँ ना हो वो ठीक है ये मेरे लिए एक पॉज़िटिव बात थी
अब रेशमा की लाइफ को मुझे प्यार से भरना था
अब रेशमा कभी अकेली नही रहेगी
मैं पर पल उसके साथ रहूँगा
रेशमा के हर वो खुशियाँ दूँगा जिससे वो अब तक दूर रही
मैं रेशमा के पास बैठ गया
रेशमा वैसे आसमान की तरफ देख रही थी
मैं ने रेशमा के हाथ को अपने हाथो मे लिया
और रेशमा की तरफ देख कर उसको चूम लिया
मेरे चूमते ही रेशमा की आँख मे आँसू निकल गये
रेशमा के निकल रहा एक एक आँसू मेरे दिल को तेज़ाब की तरह जला रहा था
रेशमा का इस तरह रोना मुझे छलनी छलनी कर रहा था
मैं ने रेशमा के आँसू को अपने हाथ पर लिया और पी गया
मैं रेशमा के सारे दर्द को पीना चाहता था
रेशमा ने मेरी तरफ देखा
उसके आँसू को पीते ही रेशमा की आँख सुख गयी
रेशमा की आँख से आँसू निकलने बंद हो गये
रेशमा मुझे देखती रह गयी
मुझे अपने दर्द को पीता हुआ देख कर इतनी भावुक हो गयी और मेरे गले लग गयी
रेशमा मेरे गले लग कर खुद के दर्द को हल्का करना चाहती हो
मैं ने उसको वो सहारा दिया जो वो चाहती थी
उसको विश्वास दिलाया कि मैं ज़िंदगी भर उसका सहारा बन कर रहूँगा
उसको कभी अकेला नही पड़ने दूँगा
मेरी बाहों मे आते ही रेशमा को सुकून मिला
जैसे उसको मेरा ही इंतज़ार था
वो बस यही चाहती थी कि मैं उसको ढूंढता हुआ आ जाउ
अगर सच मे मैं उसको प्यार करता हूँ तो मैं आज उसके पास ज़रूर आउन्गा
और देखो रेशमा का प्यार मुझे उसके पास ले आया
शायद रेशमा मेरी परीक्षा लेना चाहती हो
शायद वो देखना चाहती थी कि मेरा प्यार कहीं वासना तो नही है
वो खुश थी कि मैं उसके पास हूँ
रेशमा को यकीन नही हो रहा होगा कि मैं उसके पास कैसे आ गया
रेशमा को ये उम्मीद ही नही थी कि कोई उस से इतना प्यार करेगा कि वो उसके पास खिचा चला
आएगा
रेशमा को ये सपना ही लग रहा था
रेशमा ने मुझे और कस के गले लगाया
रेशमा अब मुझे खुद से दूर नही करेगी
मैं भी रेशमा को दूर नही करना चाहता था
हम तो एक दूसरे की बाहों मे आते ही प्यार को फील कर रहे थे
हमारे प्यार ने आज हमे मिलाया था
रेशमा मुझे छोड़ ही नही रही थी
शिकवे शिकायते कर रही थी कि मैं उससे दूर क्यूँ गया
रेशमा की सारी शिकायतों को मैं अपने प्यार से ख़तम करना चाहता था
रेशमा का गले लगना कितना कुछ बया कर रहा था
रेशमा की धड़कनो से जब मेरी धड़कने मिलने लगी तो हमारे दिल मे प्यार से भरने लगा
रेशमा का दिल मैं पा रहा था और रेशमा मेरे दिल को अपना बना रही थी
हम दोनो के दिल एक हो रहे थे
रेशमा के रेशमी बाल तो हम दोनो के मिलन को सब से छुपा रहे थे
रेशमा को शायद डर लग रहा होगा कि वो मुझसे अलग होगी तो उसका सपना टूट जाएगा
पर उस पगली को कौन ये बताएगा कि ये सपना नही हक़ीकत है
रेशमा की तरह मैं भी उसको खुद से दूर नही करना चाहता था
रेशमा से दूर रह कर मैं भी जी नही पा रहा था
रेशमा और मैं तो गले गलने के साथ एक दूसरे की पीठ पर हाथ घुमा रहे थे
मैं ने तो रेशमा के गर्दन को चूमना भी शुरू किया
रेशमा तो इस से मेरी बाहों मे मचलने लगी
पर खुद को मुझसे दूर नही कर रही थी
मैं भी अब उसको खुद से दूर नही होने दे सकता था
और हम एक दूसरे को प्यार करने लगे
रेशमा भी मुझे चूमने लगी
दोनो तो प्यार की आग मे जल रहे थे
इस तरह प्यार करते हुए हम ज़मीन पर लेट गये
और एक दूसरे को चूमते गये
मैं ने रेशमा के चेहरे को किस करना शुरू किया तो उसकी पकड़ ढीली होती गयी
रेशमा ने अपना चेहरा दूसरी तरफ किया शायद वो शरमा रही हो
मैं ने रेशमा के चेहरे को अपनी तरफ किया .रेशमा ने अपनी आँखे बंद कर ली .
मैं ये क्या कर रहा था मुझे समझ नही आ रहा था.
और इस के बाद क्या होगा मैं रेशमा को कैसे समझाउन्गा ये सब चीज़े मेरे दिमाग़ से कहाँ चली
गयी पता नही चला.
रेशमा होश मे नही थी या फिर वो यही चाहती थी कि होश मे ना रहे
अगर होश मे आने के बाद उसको ये पसंद नही आया तो
वो बाद मे देख लूँगा अभी तो मैं रेशमा को उसके हिस्से की खुशी देना चाहता था
किसी ने सच कहा है जब किसी को प्यार होता है तो वो दिमाग़ से नही दिल से सोचता है.
क्या मुझे माला से ज़्यादा रेशमा से...नही नही ये मैं क्या सोच रहा हूँ.
मैं ने रेशमा के चेहरे को गोर से देखा, इस समय रेशमा के चेहरे को पढ़ना मुश्किल था.
उसके चेहरे पे खुशी, गम,दुख, प्यार,नफ़रत, ऐसा बहुत कुछ था.
अगर उसकी आँखे खुली होती तो मैं कुछ समझ पाता.पर रेशमा ने अपनी आँखे बंद कर रखी
थी.
मैं ने उसकी आँखो पर किस किया रेशमा ने फिर भी अपनी आँखे नही खोली.
फिर मैं ने उसके माथे पर किस किया. फिर उसके गालों पर किस किया.
जब मैं उसके चेहरे पे जगह जगह पर किस कर रहा था तो रेशमा के होंठ काप रहे थे.
पता नही क्यूँ काप रहे थे. मेरे होंठो से मिलने के लिए या मेरे होंठ उसे ना छुए इस लिए.
जैसे ही रेशमा ने मुझे छोड़ा वैसे मैं उसके होंठो की तरफ अपने होंठ ले जाने लगा
रेशमा के होंठो से रस टपक रहा था
रेशमा ने अपने होंठो को दातों मे दबा के रखा था
पर जैसे ही मेरे होंठ उसके होंठो के पास आए तो उसके होंठो ने उसको धोका दिया
और मेरे होंठो से जा मिले
मैं ने धीरे से अपने होंठो उसके होंठो से लगा दिए. इतना सॉफ्ट टच था जैसे एक पल के लिए मैं
भूल गया था कि मैं कहाँ हूँ मैं क्या कर रहा हूँ.
मेरे होंठ उसके होंठो से लगते ही रेशमा ने अपनी आँखे खोल कर फिर बंद की.
वो इतना जल्दी हुआ कि मैं उसकी आँखो मे देख नही पाया.
हमारे होंठो के मिलते ही हमारे अंदर प्यार का सूनामी आ गया
इस किस मे इतना प्यार भरा हुआ था कि क्या बताऊ
रेशमा के होंठो को मेरे होंठ छु गये ये सपने जैसे था
जैसे लिफ्ट मे मिरर इमेज को किस करके फील हुआ था उस से कही ज़्यादा स्वीट था ये किस .
इस किस मे रेशमा मेरा साथ दे रही थी
हम दोनो एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे
इस किस से हमारा प्यार के मंदिर की पहली नीव रखी गयी
ये किस हमारे एक होने का सबूत बन रहा था
इस किस से रेशमा मेरी हो गयी
किस के साथ प्यार मिल रहा था हम दोनो को
रेशमा के रस को पी कर मैं उसको अपना प्यार दे रहा था
मैं उसके होंठो को किस करने मे इतना खो गया था कि मैं ने भी अपनी आँखे कब बंद की,
मुझे पता भी नही चला.
इतना मधुर मिलना था हमारे होंठो का कि क्या बताऊ. ऐसा लग रहा था कितनी सदियों के बाद हम
मिले हो और बस ये मिलन कभी ख़तम ना हो.
मैं बस उसके होंठो पर अपने होंठ रख कर वैसे ही बिना कुछ किए 5 मिनिट तक उसके होंठो को
महसूस करता रहा.
उसके होंठो को छूने से मेरी प्यास और बढ़ रही थी. उसके होंठ मुझे प्यासा बना कर होंठो का
गुलाबी रस पीने को कह रहे थे.
मैं ने उसके नाज़ुक होंठो का रस पीना शुरू किया.
रस इतना मीठा था कि उसके सामने पूरी दुनिया फीकी लग जाए.
मैं ने रेशमा के होंठो को चूसने लगा.
रेशमा को किस करते हुए मुझे एक पल के लिए माला की याद आ गयी.पर रेशमा के नशीले होंठो
ने वो याद भी मेरे दिमाग़ से निकाल दी.
रेशमा ने अपने होंठो पर लिपस्टिक नही लगाई थी फिर भी रेशमा के होंठ गुलाब की तरह गुलाबी थे.
मैं ने कितनो के साथ चुदाई की कितनो को मैं ने जन्नत दिखाई पर किसीने मुझे जन्नत जैसा मज़ा
नही दिया था.
पर आज सिर्फ़ किस करने से मुझे ऐसा आनंद मिल रहा था जिसकी कल्पना मैं ने माला के साथ की थी.
पर माला भी मुझे वो खुशी नही दे पाई जो रेशमा के एक किस ने दी.
मेरे साथ साथ रेशमा ने भी मेरे होंठो को चूसना शुरू किया.
हम दोनो दुनिया को पीछे छोड़ कर अपनी नही दुनिया मे खो गये थे जहाँ सिर्फ़ प्यार था.
मैं यहाँ रेशमा को घर ले जाने आया था. मुझे पता नही था कि वहाँ मुझे सिर्फ़ प्यार मिलेगा.
ऐसा प्यार जिसमे मैं इतना खो जाउन्गा कि मैं खुद को भूल जाउन्गा.
मैं रेशमा के होंठो को चूसने लगा. पर मेरी हिम्मत नही हुई कि मैं अपनी जीभ रेशमा के
मुँह मे डालु .
पर रेशमा जैसे मेरे मन की बात जान गयी हो उसने अपनी जीभ मेरे मुँह मे डाल दी.
मैं रेशमा के जीभ को चूसने लगा. फिर रेशमा भी अपनी जीभ के साथ मेरी जीभ भी अपने मुँह मे
ले गयी. और चूसने लगी.
मुझे तो लग रहा था कि ये किस कभी ख़तम ही ना हो पर जो चीज़ हमे अच्छी लगती है वो जल्दी
ख़तम हो जाती है.
रेशमा तो मेरे होंठो को छोड़ने को तैयार नही थी पर उसकी चेस्ट ज़ोर ज़ोर धड़क रही थी.उसकी चेस्ट
फुल रही थी
फिर भी रेशमा मेरे होंठो को छोड़ने के लिए तैयार नही थी.
उसकी धड़कने मेरे धड़कानों से मिल रही थी.
मुझे लगा कि अब मुझे रुक जाना चाहिए.मैं जिस चीज़ के लिए भगवान से दुआ माँग रहा था कि
वो ख़तम ना हो उसी चीज़ को मुझे रोकना पड़ा.
मैं ने अपने होंठो को बड़ी मुश्किल से रेशमा के होंठो से अलग किया. मेरे होंठ अलग होते ही
रेशमा ने अपनी आँखे खोली.
रेशमा की आँखो मे देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने रेशमा के बदन से उसकी आत्मा
अलग की हो.
उसकी आँखे लाल हो गयी थी. जैसे उसके बदन का सारा खून उसकी आँखो मे चला गया हो.
उसकी धड़कने इतनी तेज चल रही थी कि ऐसा लग रहा था कि अगर एक सेकेंड भी देर हो जाती तो कहना
मुश्किल था कि क्या हो जाता.
हमारे होंठ अलग होते ही रेशमा लंबी लंबी सासे लेकर कर अपने आप को नॉर्मल करने की
कोशिस कर रही थी.
मैं भी खुद को नॉर्मल कर रहा था.मेरी भी हालत रेशमा जैसी थी.
किस करने से मेरा प्यार और बढ़ गया .
ये बर्तडे रेशमा के लिए बेस्ट साबित होगा
उसको प्यार मिल रहा था
इस बर्तडे पे वो अकेली नही है उसके साथ मैं था
______________________________

Please read my new story
CHODURAJA
https://xossipy.com/showthread.php?tid=13748&page=2
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क्या बात.... क्या बात.... क्या बात....
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please carry on waiting for Next
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Woooh
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अच्छी डिस्क्रिप्शन हैं सिचुएशन की। मस्त।
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(13-08-2019, 02:38 PM)Rah123456 Wrote: Your writing is amazing it's unlike other sex stories where bang bang happens only but mixture is of love, romance and feeling making it unique..... Keep going bro

Thanks for reading and support
Etne achhe review ke liye shukriya bhai
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Next update kl subh
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Thanks for reading and support
Update today night
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Update 39

हम दोनो खुद को नॉर्मल करने की कोशिस कर रहे थे.
मुझे तो इसकी आदत थी पर रेशमा के लिए ये सब नया था ,उसे नॉर्मल होने मे ज़्यादा समय लगा.
मैं नॉर्मल होने के बाद रेशमा की चेस्ट जो ज़ोर से धड़क रही थी उसको देख कर सोच रहा था कि
रेशमा की खूबसूरती कब देखने को मिलेगी.
देखते ही देखते रेशमा नॉर्मल हो गयी. हम दोनो नॉर्मल हो गये .
रेशमा उठ कर बैठ गयी
फिर मैं ने रेशमा के हाथ को पकड़ कर अपने पास खिच लिया .रेशमा मेरी गोद मे आकर बैठ
गयी .रेशमा का चेहरा मेरी तरफ था.
मैं रेशमा की सासो को अपनी सासो के साथ महसूस कर रहा था.
मैं ने फिर से रेशमा के आँखो पर किस किया .
रेशमा की आँखे जो प्यार की गरमी से जल रही थी उसे अपने होंठो के पानी से ठंडा करने की कोशिस
कर रहा था.
पर आँखो की जलन को किस कर के ठंडा नही किया जा सकता.
उसको तो प्यार चाहिए था. इसी लिए मैं ने फिर रेशमा के होंठो का रस्पान करना शुरू किया...
मैं आराम से हर एक सेकेंड का मज़ा लेना चाहता था.
हर एक सेकेंड को जीना चाहता था.
मैं रेशमा के साथ बिताए हुए हर एक पल को जीना चाहता था.
मैं रेशमा को किस करता गया और रेशमा भी मुझे किस करती गयी.
मैं ने इस बार सिर्फ़ 2 3मिनिट तक किस किया था.
जब मैं रेशमा से अलग हुआ तो उसकी आँखो ने पूछा कि इतनी जल्दी क्यूँ किस तोड़ा.
मेरे पास उसकी आँखो के पूछे हुए सवाल का कोई जवाब नही था.
पर उसकी आँखो को मैं ने विश्वास दिलाया कि उसका प्यार का इंतज़ार मैं ख़तम कर करूँगा.उसका
अकेलापन दूर करूँगा
मैं रेशमा के ब्लाउस को खोलना चाहता था ,रेशमा मेरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर रेशमा के ब्लाउस को धीरे धीरे खोलने लगा. जैसे जैसे ब्लाउस खुल रही थी वैसे वैसे उसके
बदन की चमक मेरी आँखो को अपनी और खीच रही थी.
उसके बदन की चमक ने मेरी आँखो को अपने कब्ज़े मे कर लिया .
रेशमा के ब्लाउस ने रेशमा के बदन का साथ छोड़ दिया.
ब्लाउस का साथ छोड़ते ही रेशमा का बदन कह रहा था कि ब्रा भी निकालो मुझे पूरा आज़ाद होना
है.
जैसे पंछी पिंजरे से बाहर आकर आज़ाद होता है वैसे ही रेशमा का बदन ब्लाउस और ब्रा की
दीवार से निकल कर अपनी आज़ादी का मज़ा लेना चाहता था.
मैं ने रेशमा के बदन की बात सुनकर ब्रा को निकाल लिया. ब्रा के अपने बदन से अलग होने का
अहसास से रेशमा के बदन मे एक लहर दौड़ गयी.
रेशमा ने अपनी आँखे बंद की.
मैं ने रेशमा को ज़मीन पर लिटा दिया .2 मिनिट तक रेशमा के बदन को देखता रहा.
रेशमा के बूब्स जो इतने टाइट लग रहे थे की ,ऐसा लग रहा था कि उसके हज़्बेंड ने क्या उसने भी इनको
कभी हाथ नही लगाया होगा.
बस मेरे इंतज़ार मे अपने बूब्स को ब्रा की दीवार मे क़ैद करके रखा था कि मैं आउन्गा और
बूब्स को आज़ाद करके जिस वजह से बूब्स इस दुनिया मे आए है वो काम मैं पूरा करूँ.
मैं रेशमा के बदन को बस देखता रहा.2 मिनिट तक मुझे कुछ ना करते हुए देख कर रेशमा
ने अपनी आँखे खोल दी.
मुझे ऐसे घुरते हुए देख कर रेशमा ने फिर से अपनी आँखे बंद कर ली.
रेशमा की आँखे फिर बंद होते ही मैं रेशमा के उपर आ गया.
एक हल्का सा किस रेशमा के होंठो पे कर दिया
रेशमा के होंठो पर किस करने के बाद मैं धीरे धीरे नीचे आ रहा था. रेशमा की गर्दन को किस
कर रहा था . फिर मेरे होंठ रेशमा के बूब्स के पास आ गये.
मैं ने अपनी जीभ की टोक से धीरे से रेशमा के निपल को टच किया .ऐसे रखा था कि रेशमा का निपल
टाइट होकर उपर आकर मेरी जीभ को टच करने लगे .

मैं जीभ से रेशमा के निपल को चाटने लगा . मेरी जीभ टच होते ही रेशमा के मुँह से
शीष्कारियाँ निकल ने लगी.
मैं अपने हाथ को रेशमा के नरम बूब्स पे रख कर दबाने लगा. सच मे रेशमा ने भी
कभी इनको हाथ नही लगाया होगा इतने टाइट लग रहे थे.
मैं एक बूब्स को मुँह मे लेकर चूसने लगा तो दूसरे बूब्स को हाथो मे लेकर दबाने लगा .
मैं ने लेफ्ट बूब्स को मुँह से अलग कर लिया और राइट बूब्स को मुँह मे लेकर चूसने लगा.
रेशमा तो प्यार के नशे मदहोश हो गयी थी.
मैं रेशमा के नशे को कम होने नही दे रहा था .
रेशमा के जैसे होंठ गुलाबी थे वैसे उसके निपल गुलाबी थे.शायद चूत भी...
ना मुझे रेशमा के होंठ पे किस करते हुए छोड़ने का मन था और ना बूब्स को चूस्ते हुए
छोड़ने का मन हो रहा था
थोड़ी देर रेशमा के बूब्स को एक एक करके चूस्ता रहा.
फिर बूब्स चूसने के बाद मैं रेशमा के पेट पर किस कर ने लगा. पेट पर किस करने से रेशमा
को गुदगुदी होने लगी.
वो अपने सर को इधर उधर घुमा रही थी.
पेट पर किस करने के बाद मैं ने अपनी जीभ रेशमा के नाभि मे डाल दी.जीभ नाभि मे जाते ही उसे और
गुद गुदी होने लगी.
वो जल बिन मछली की तरह तड़फ़ रही थी या गुदगुदी होने से नाच रही थी.
रेशमा की नाभि के साथ खेलने के बाद मैं नीचे आ गया.
और रेशमा की साड़ी निकाल कर हवा मे उड़ा दी
मैं रेशमा के दोनो पैरो के बीच मे आ गया.मैं ने पेटिकोट के उपर से रेशमा की चूत पे
किस किया.
चूत पर किस करते हुए मेरे होंठो ने पेटिकोट को गीला कर दिया.
रेशमा के साथ किस और फिर बूब्स चूसना जिस से रेशमा ने इतना पानी छोड़ा था कि पैंटी और
पेटिकोट दोनो गीले हो गये थे.
मैं रेशमा की परी को देखने के लिए मरा जा रहा था.
जितनी देर मुझे रेशमा की परी देखने मे लग रही थी उतनी तेज़ मेरी धड़कने चल रही थी.
मैं ने पेटिकोट के नाडे को मुँह मे पकड़ लिया और खीच कर खोल दिया.

रेशमा के साथ किस और फिर बूब्स चूसना जिस से रेशमा ने इतना पानी छोड़ा था कि पैंटी और
पेटिकोट दोनो गीले हो गये थे.

मैं रेशमा की परी को देखने के लिए मरा जा रहा था.
जितना देर मुझे रेशमा की परी देखने मे लग रहा था उतनी तेज़ मेरी धड़कने चल रही थी.
मैं ने पेटिकोट के नाडे को मुँह मे पकड़ लिया और खिच कर खोल दिया.
चुदाई का खेल शुरू हो जाने के बाद मैं ने रेशमा से बात की नही
पर रेशमा मे अपनी आँखे खोल कर मेरी तरफ देखा
मेरे मुँह मे उसके पेटिकोट का नाडा देख कर रेशमा ने फिर से अपनी आँखे बंद कर ली.
वो रुकने के लिए आँख खोलती
पर मेरा प्यार सेक कर वापस डूब जाती प्यार के समंदर मे
फिर मैं ने पेटिकोट को पकड़ कर नीचे करने लगा.
रेशमा ने अपनी गंद को उपर किया जिस से पेटिकोट निकल गया.
मैं जैसा कर रहा था उसमे रेशमा मेरा पूरा साथ दे रही थी.
रेशमा अब मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी मे थी. रेशमा की पिंक पैंटी पूरी गीली हो गयी थी.
मैं रेशमा की पैंटी की महक को सूंघने लगा. मदहोश कर देने वाली महक थी .
रेशमा तो आँखे बंद करके मैं क्या क्या करने वाला हूँ उसका इंतज़ार कर रही थी.
मैं ने रेशमा की पैंटी जो गीली हो गयी थी उसको जीभ से चाट लिया.
मेरी जीभ पैंटी के उपर से चूत को छूने से रेशमा के मुँह से शीष्कारी निकल गयी.
ये वो प्यार हो रहा था जो रेशमा को उसके हज़्बेंड से नही मिला
फिर मैं ने पैंटी के अंदर अपना हाथ डाल दिया. अंदर पूरा चिपचिपा था.
मैं ने हाथ बाहर निकाल लिया और चूत के दर्शन करने के लिए तैयार हो गया.
मैं ने रेशमा की गीली पैंटी को पकड़ कर रेशमा के बदन से अलग करने लगा तो रेशमा ने
पैंटी पकड़ ली.
इस बार रेशमा ने मुझे पहली बार कुछ करने से रोका था.
मैं ने एक बार रेशमा की तरफ देखा वो ना मे गर्दन हिला रही थी.
मैं ने उसके हाथ के उपर किस किया जिस से रेशमा ने अपनी पैंटी पकड़ी थी. मेरे उसके हाथ पर
किस करते ही रेशमा ने पैंटी छोड़ दी.
और फिर पैंटी चूत के उपर से अलग हो गयी .
रेशमा का बदन अब खुल कर अपनी आज़ादी का मज़ा ले रहा था.
मुझे बस कुछ पल के लिए रेशमा की चूत दिखी.
क्यूँ की रेशमा ने अपने पैरो को मोड़ लिया जिस से रेशमा की चूत दिखना बंद हो गयी थी.
मैं ने रेशमा के पैरो पे किस करना शुरू किया.किस करते हुए धीरे धीरे उपर जाने लगा .
जब मैं ने रेशमा की जाँघो पर किस करना शुरू किया तब धीरे धीरे रेशमा अपने पैर को अलग कर
रही थी.
जैसे मैं उपर जाता वैसे उसके पैर एक दूसरे से अलग हो रहे थे.
अब रेशमा की चूत मेरे सामने थी. चाँद की रोशनी सीधे रेशमा की चूत पर गिर रही थी.
रेशमा की चूत पूरी गीली हो चुकी थी.और चाँद की रोशनी जब रेशमा की गीली चूत पर गिर रही थी तो
रेशमा की चूत चमक रही थी.
वो चमक मेरी आँखो को अपनी तरफ अट्रॅक्ट कर रही थी.
भगवान भी मुझे चाँद की रोशनी से रास्ता दिखा रहे थे.
चाँद की चमक मे वो भी रेशमा की चूत देखना बस क्या कहूँ ....मैं तो आँखो से रेशमा की
चुदाई करने लगा.
रेशमा की चूत गीली थी जिस से मुझे पहले रेशमा की चूत को प्यार करना था .
मैं ने अपनी जीभ से रेशमा की चूत को साफ करना शुरू किया.
जब भी मैं रेशमा के किसी पार्ट को अपने जीभ से टच करता तब मुझे क्या हो जाता ,मैं अपने
होश खो बैठता.
मुझे ऐसा लगता कि इस दुनिया मे रेशमा और मैं,सिर्फ़ हम दोनो ही हो ,जो सिर्फ़ प्यार करना जानते है.
मैं अपनी जीभ से रेशमा की चूत चाटने लगा. रेशमा बस एक काम कर रही थी वो था शीष्कारिया
लेना .
एक पत्नी कैसे सुहागरात के दिन अपने पति के साथ चुदाई करते हुए शरमा कर खुल कर
शीष्कारिया नही लेती उसी तरह रेशमा भी मुझसे शरमा कर शीष्कारियो पर कंट्रोल रख रही थी.
पर जो भी था उसमे मुझे एक अलग ही आनंद मिल रहा था.
रेशमा की बिना बालो वाली गुलाबी चूत अब मैं ने चाट कर साफ कर दी थी.
अब तो चाँद की रोशनी रेशमा की चूत मे जाना चाह रही थी जो मुझे पसंद नही आ रहा था.
मैं ने चाँद को कहा कि तुम्हारे पास चाँदनी है रेशमा सिर्फ़ मेरी है
फिर मैं ने अपनी जीभ को रेशमा की चूत मे डाल कर रेशमा को भी आनंद देने लगा.
रेशमा भी अपना पानी छोड़ कर मेरी प्यास भूज़ा रही थी.
मैं ने हाथो से रेशमा की चूत के होंठ खोल दिए. फिर मैं आराम से अपनी जीभ रेशमा की चूत
मे डाल कर चाटने लगा .खेलने लगा .
रेशमा की चूत मे मैं जितनी ज़ोर से अपनी जीभ अंदर डालता उतनी ज़ोर से रेशमा की चूत जीभ को बाहर
फेक देती .
जैसे कह रही थी कि मुझे जीभ नही तुम्हारा लंड चाहिए.
देना है तो लंड दो जीभ से मेरा क्या होगा. जीभ से तो मेरी आग भड़क जाएगी.
पर मैं भी कहाँ हार मानने वाला था ,मैं ने भी उसकी चूत मे जीभ डालना जारी रखा. उसकी टाइट
चूत मेरी जीभ को बाहर धकेल देती
इस खेल मे मुझे अपना ही आनंद मिल आ रहा था. साथ मे रेशमा को भी.
रेशमा तो अपनी शीष्कारियाँ और अपनी भूक पर कंट्रोल रखे हुए थी.
रेशमा की चूत के साथ अपनी जीभ से खेलने से रेशमा की चूत ने पानी छोड़ दिया .मैं ने वो
सारा अमृत पी लिया. और जीभ से चूत को साफ कर दिया.
रेशमा इतनी गरम हो चुकी थी कि उसको कुछ भी करना बर्दास्त नही हो रहा था .और वो अपना पानी
छोड़ देती

उसकी अमृत को पीने के बाद मैं ने उसकी चूत को एक बार चाट कर साफ किया.
मतलब मुझे रेशमा के साथ प्यार करते हुए समय का भी ध्यान नही रहा.
______________________________
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CHODURAJA
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(14-08-2019, 10:52 PM)bhavna Wrote: अच्छी डिस्क्रिप्शन हैं सिचुएशन की। मस्त।

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