Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery तस्वीर का रहस्य... (COMPLETE)
#1
Heart 
तस्वीर का रहस्य
 
कहते हैं की रिश्तों की डोर को टाइट पकडे रहना चाहिए वर्ना वो छूट जाती है। यह कहानी इन्ही रिश्तों की डोर की है। यह कहानी हैं पराग की
 
आगे की कहानी पराग की जुबानी। 

मेरा नाम पराग हैं और २८ साल का हू। मेरी शादी प्रेरणा से साल पहले हुई थी और मेरा अभी साल का बेटा भी है। मैं एक कंपनी में जॉब कटा हूँ और प्रेरणा हाउस-वाइफ है। मेरी और मेरी वाइफ की हाइट फ़ीट इंच हैं और दोनों ही फिट बॉडी के है। प्रेरणा एकदम गोरी चिट्टी हैं और थोड़ी देर भी धूप में रह जाए तो स्किन रेड पड़ जाती है। बच्चा होने के बाद जरूर प्रेरणा के मुम्मे कुछ फूल कर बड़े हो गए थे और वजन - किलो बढ़ गया था पर फिर भी वो बहुत फिट थी।


हम लोगो ने एक सोसाइटी में घर ख़रीदा और उसमें शिफ्ट हो गए। हम दोनों ही बहुत खुश थे की लाइफ बहुत सही जा रही थी। मेरी जॉब की वजह से हम यहाँ रह रहे थे वर्ना हम दोनों के ही पेरेंट्स दूसरे शहर में रहते है। धीरे धीरे प्रेरणाकी दोस्ती पड़ोसियो से होने लगी मगर मैं क्युकी ऑफिस में ही रह्ता हूँ तो इतनी अच्छी जान पहचान नहीं थी। सोसाइटी मीटिंग से मेरी थोड़ी बहुत ही हेलो हो जाती थी। 

प्रेरणा की हमारी एक पड़ोसन नैना से अच्छी दोस्ती हो चुकी थी। हालांकि मैं कभी मिला नहीं। वो लोग दोपहर में ही मिलते जब मैं घर पर नहीं होता। प्रेरणा हमेशा नैना के साथ ही शॉपिंग पर जाती थी और खाली टाइम में आपस में गप्पें भी लड़ाती थी। दोपहर में जब भी मैं वाइफ प्रेरणा को फ़ोन करता तो पता चलता की या तो वो नैना के घर होती या फिर नैना हमारे घर पर होती।


एक दिन सोसाइटी में फंक्शन था। प्रेरणा साड़ी पहन कर तैयार हो गयी थी। हालांकि वो साड़ी इतना नहीं पहनती पर आज फंक्शन था तो उसने पहन ली थी। प्रेरणा ने मुझे हमारे बेटे को तैयार करने का आदेश दिया और मुझे बोल गयी की उसको नैना से कुछ काम हैं तो वो थोड़ी देर में रही है। मै अपने बच्चे को तैयार कर ही रहा था और -१० मिनट्स के बाद डोर बेल बजा और मैंने जाकर दरवाजा खोला। प्रेरणा वापिस गयी थी पर उसकी शकल उतरि हुई थी। मै कुछ पूछ्ता उसके पहले ही वो भागती हुई बैडरूम में चली गायी। मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और दरवाजा बंद कर अपने बेटे को शूज पहने दिए। देर हो रही थी और जब मिनट तक प्रेरणा बाहर नहीं आयी तो मैं खुद बैडरूम में देखने गया की वो क्या कर रही है। मैंने देखा की वो बैड पर उल्टी लेटी हुई हैं और सुबकते हुए रो रही थी। उसकी साड़ी साइड में हो चुकी थी और उसकी गोरी कमर दीख रही थी और ब्लाउज के ऊपर उसकी गोरी नंगी पीठ भी दिखाई दे रही थी। मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए पूछा की उसको क्या हुआ है। प्रेरणा उठ कर बैठ गायी। उसका पल्लू तो वैसे ही उसके कंधे से उतर चूका था और ऊपर से सिर्फ ब्लाउज में वो मेरे सीने से लिपट रोने लागी।

वो कुछ बोलते हुए सबक रही थी और मुझे कुछ समझ नहीं रहा था, क्यों की वो अपना टेंस ही पूरा नहीं कर पा रही थी। मैने उसको शांत होकर अच्छे से बताने को बोला पर तभी डोर बैल बजी और मैं प्रेरणा को छोड़कर दरवाजा खोलने गया।
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
दरवजा खुलते ही एक सुन्दर सी युवती सामने खड़ी थी। उसने भी ठीक वैसी ही साड़ी पहनी थी जैसी अभी प्रेरणा ने पहनी थी। मैं उसको आस्चर्य से देखता रह गया क्यों की मैंने उसको पहले कभी देखा नहीं था। उस युवती ने बताया की वो नैना हैं और प्रेरणा के बारे में पूछने लागी। मैंने उसको बैडरूम की तरफ इशारा कर बोला की प्रेरणा बैडरूम में है। मै साइड में हुआ और वो दनदनाते हुए मेरे बेडरूम की तरफ बढि। मैं उसको पीछे से देखता ही रह गया। पीछे से वो एकदम मेरी वाइफ प्रेरणा की तरह ही लग रही थी, वो ही हाइट और लगभग वो ही हेअल्थ्। बच्चा होने से पहले प्रेरणा जैसी थी एकदम वैसी ही नैना दीख रही थी। शायद प्रेरणा से - किलो वजन कम रहा होगा। उसके कूल्हे अच्छे से मटक रहे थे, जब वो चालती हुई जा रही थी। आज तक प्रेरणा के मुह से नैना के बारे में सुना था आज देख भी लिया। प्रेरणा की ही तरह वो २६ साल की युवती थी। प्रेरणा की जितनी गोरी तो नहीं थी पर काफी गोरी थी।


मैन उसके मटकते कुल्हे ही देख रहा था की मेरे पीछे के दरवाजे से एक भारी आवाज सुनायी दि। मैंने मुड़ कर देखा तो वह एक फ़ीट का आदमी अच्छे से तैयार खड़ा था। उसने थोड़ा मुस्कुराते हुए अपना हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया और अपना नाम मिहिर बताया। मैंने भी उसको अपना नाम पराग बताया। मिहिर मेरी ही उमरा का था, अच्छी ख़ासी बॉडी बना राखी थी। अवाज तो उसकी दमदार थी ही। उसने बताया की वो नैना का हस्बैंड हैं और हमारे पड़ोस के फ्लैट में रह्ता है। एक बार तो मैं झेंप गया क्यों की अभी अभी मैं उसकी ही बीवी को पीछे से घूर रहा था, क्या पता उसने देख लिया होगा। मैंने भी उसको मुस्कुराते हुए अंदर आने को कहा। उसको अंदर लेकर मैंने दरवाजा बंद कर लिया।

मिहिर: आई ऍम रियली सॉरी पराग, मेरी एक ग़लतफ़हमी की वजह से प्रेरणा को प्रॉब्लम हो गायी।"

पराग: "कैसी ग़लतफ़हमी! मैं समझा नहीं"

मिहिर: "ओहः, प्रेरणा ने तुम्हे अभी तक बताया नाहि। वो दरअसल प्रेरणा अभी हमारे घर आयी थी, मुझे पता नहीं था। उसने नैना की तरह ही साड़ी पहनी थी तो पीछे से उसको देख मुझे लगा की वह नैना खड़ी हैं और मैंने उसको पीछे से जाकर पकड़ लिया। वो नाराज हो गयी और मेरे घर से चली गायी।"

अब मुझे माजरा समझ में आया की प्रेरणा क्यों रोते हुई आयी थी। जैसा की मिहिर ने बताया था उसके हिसाब से तो यह ग़लत-फ़हमी की वजह से हुआ था। प्रेरणा ने बेवजह इसको सीरियसली ले लिया होगा।


पराग: "ओहः, इसलिए वो नाराज होकर घर आयी थी। उसको भी ग़लतफ़हमी हो गयी होगी। मैं उसको समझा देता हूँ"

मिहिर: "मुझे बहुत बुरा लग रह है। मैं नैना को साथ लेकर आया की वो प्रेरणा को समझाये। मैंने पहले कभी प्रेरणा को देखा नहीं था, वर्ना शायद यह प्रॉब्लम नहीं होता"

पराग: "कोई बात नाहि, दोनों ने एक जैसे कपड़े पहने थे और पीछे से दोनों एक जैसी दिखती हैं"

ताभी नैना मेरे बेडरूम से बाहर आयी और उसने मिहिर को बुलया। फिर वो दोनों मेरे बेडरूम में चले गए। दरवाजा बंद था तो मैं इन्तेजार करने लाग। - मिनट्स के बाद मैंने सोचा मैं भी अंदर जाता हूँ और प्रेरणा को समझाता हू। मैं बेडरूम की तरफ बढ़ने ही वाला था की तभी नैना बेडरूम से बाहर आयी और दरवाज बंद कर मुस्कुराते हुए हेलो बोल कर मेरी तरफ बढी। मैने अब नैना को सामने से भी स्कैन करना शुरू किया। वो लगभग प्रेरणा की ही तरह हेल्थ में थी। सिर्फ एक बड़ा डिफरेंस था की प्रेरणा के मुम्मे नैना के मुकाबले कुछ बड़े थे। प्रेरणा को बच्चा होने से पहले जो साइज़ उसके मुम्मो का था वोही साइज अभी नैना के मुम्मो का था। इसके अलावा दोनों में कोई ज्यादा फर्क नहीं था। नैना ने मेरे पास आकर मुझे बताया की अब प्रेरणा ठीक हैं और शांत है। मिहिर उस से बात कर माफ़ी मांग रहा है। फिर नैना मुझसे मेरा हाल चाल पूछने लगी की इतने दिन यहाँ होने के बाद भी हम लोग पहली बार मिल रहे है।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#3
मै सोचने लगा की मेरे बेडरूम में मेरी बीवी किसी गैर मर्द के साथ अकेली है। यह बात नैना को अजीब क्यों नहीं लग रही है। मुझे थोड़ा डर था की जिस मर्द ने थोड़ी देर पहले मेरी बीवी को पकड़ लिया था वो अभी उसके साथ अकेला है। मै नैना को बोलै की मैं अंदर देख कर आता हूँ की कुछ प्रॉब्लम तो नहीं है। मैं आगे बढ़ता उसके पहले ही नैना की नाजुक मुलायम उंगलियो ने मेरी कलाई को पकड़ लिया। नैना की उंगलियो का मुझे पर पहला स्पर्श एक जादू सा कर गया और मैं वही रुक गया। नैना ने मुस्कुराते हुए कहा की उन दोनों के बीच मिस अन्दरस्टण्डींग हैं तो उन दोनों को ही सोलव करने देते है न। मुझे उसकी समझदारी की बात अच्छी लागि, वो एक सुलझि हुई महिला लग रही थी पर मैं प्रेरणा का रोता हुआ चेहरा याद कर थोड़ा चिंतित भी था। तभी बेडरूम का दरवाजा खुला और हँसते हुए मिहिर बाहर आया। उसने एक हाथ से प्रेरणा का हाथ थाम रखा था और उसको लेकर बाहर आया। खुशी की बात यह थी की प्रेरणा रो नहीं रही थी और उसके चेहरे पर एक हलकी सी स्माइल थी। मैंने भी चैन की साँस ली। मिहिर ने डिक्लेअर किया की अब सब ग़लतफ़हमी दूर हो चुकी हैं और प्रेरणा ने उसको माफ़ कर दिया है।


नैना बोली की अब हम सब लोग नीचे फंक्शन अटेंड करने जाते है। मैंने प्रेरणा को साड़ी चेंज करने को बोला ताकि फिर कोई कन्फूज़न ना हो क्यों की दोनों ने शेम साड़ी पहनी थी। प्रेरणा वापिस बेडरूम में चेंज करने गायी। मैंने उनको बोला की उन्हें इन्तेजार करने की जरुरत नहीं हैं और वो आगे बढ, हम लोग थोड़ी देर में ज्वाइन कर लेंग। मिहिर और नैना फिर मेरे घर से चले गए। प्रेरणा साड़ी बदल कर बाहर आयी और मैंने उसकी ख़ैरियत पुछी। फिर हम दोनों अपने बच्चे को लेकर नीचे सोसाइटी के फंक्शन में गए। फंक्शन में मेरी मिहिर से अच्छे से बात हुयी। वो एक छोटा मोटा बिज़नेस करता है। नैना एक हाउस वाइफ है। मुझे वो दोनों अच्छे इंसान लग रहे थे। दोनो बड़े सलीक़े से समझदारी भरी बातें कर रहे थे। मेरी मिहिर से अच्छी सी दोस्ती हो गयी थी। नैना और प्रेरणा भी हमारे साथ ही थे तो नैना से भी काफी बातें हुयी। 

फंक्शन के बाद हम घर आये और बच्चे को सुलाने के बाद प्रेरणा बेडरूम में आयी। वो अभी गम्भीर लग रही थी। मैंने उसको कारण पुछा।


पराग: "क्या हुआ, तुमन तो मिहिर को माफ़ कर दिया , अब क्यों टेंशन में हो?"

प्रेरणा: "माफ़ नहीं करती तो क्या करती? वो तो घुटनो के बल बैठ गया और मेरा पैर पकड़ माफ़ी माँगने लाग। बोला की जब तक मैं माफ़ नहीं करुँगी वो मेरा पैर नहीं छोडेगा"

पराग: "ऐसा क्या हो गया की तुम उसको माफ़ी माँगने पर भी माफ़ नहीं कर रही थी। एक ग़लती ही तो हुई थी एक जैसी साड़ी पहने होने से"

प्रेरणा: "मुझे अभी भी यकीन नहीं की वो एक ग़लती थी या जान बूझकर कर की गयी कोशिश थी"

पराग: "पूरी बात बतओ, क्या हुआ था"

प्रेरणा: "मैं वह नैना से मिलने गयी थी। उसने मुझे अंदर लिया और किचन में कुछ काम होने का बोल कर मुझे ड्राइंग में वेट करने को बोल। मैं वहां खड़ी थी की अचानक से मिहिर ने पीछे से आकर मुझे पकड़ लिया और मुझे ओह डार्लिंग क्या लग रही हो बोला"

पराग: "हां तो यह ग़लतफ़हमी हो सकती हैं !"

प्रेरणा: "तुम रहने दो, तुम नहीं समझोेंगे l शादी को साल हो गए हैं, वो अभी भी नैना को डार्लिंग क्यों बोलेगा? तुम तो नहीं बोलते अब! शादी एक दो साल बाद ही तुमने प्यार भरे नाम बोलना बंद कर दिया था। उसको पता था की मैं वह खड़ी हूँ इसलिए मुझे डार्लिंग बोला था
"
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#4
पराग: "अब मैंने तुम्हे डार्लिंग बोलना छोड़ दिया हैं इसका मतलब यह नहीं की दुनिया का हर मर्द शादी के साल बाद अपनी बीवी को डार्लिंग नहीं बोल सकता हैं"

प्रेरणा: "तुम रहने दो, मुझे इस बारे और बात नहीं करनी हैं"

मुझ लग गया की प्रेरणा मुझसे कुछ छुपा रही थी। वो कपड़े चेंज कर रही थी और साड़ी निकाल कर सिर्फ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। उसके बड़े से मुम्मे उसकी ब्रा से बाहर से काफी बाहर दीख रहे थे। मैंने नोट किया की बात करते हुए रोजना के मुकाबले उसके मुम्मे कुछ ज्यादा ही फुले हुए थे।

(
प्रेरणा के साथ उस दिन पडोसी मिहिर ने डिटेल में क्या किया था यह उसके पति पराग के लिए एक मिस्ट्री बना हुआ था। जरुर कोई बात थी जो प्रेरणा मुझसे छुपा रही थी और मुझे वो कुरेद कर उस से पूछना था।)

मैं शरारती मूड में गया और उस से पुछ ही लिया की मिहिर ने ऐसे कहा से पकड़ लिया की तुम इतना नाराज हो गायी।


प्रेरणा अब अपना साटन का नाईट गाउन पहन कर मेरे पास आकर लेट गयी और लाइट बंद कर दि। मैंने उसकी कमर पर हाथ राख कर पूछा की यहाँ से पकड़ा था क्या।

उसने मेरा हाथ छिटक दिया और मुझसे सोने का बोल दिया। मैंने भी सोचा की अभी वो थोड़ा दुखि हैं तो मैं उसको टाइम देता हूँ और कल पूछुंग।

अगली रात सोते वक़्त मैंने फिर जिक्र छेड़ दिया की कल मिहिर ने उसको कैसे पकड़ा था। मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा तो उसने बोला की मिहिर ने यहाँ हाथ नहीं रखा था।

मैने अब अपना हाथ आगे बढा कर उसके पेट पर राख दिया। उसके पतले गाउन से मैं उसकी नाभि को भी फील कर सकता था।प्रेरणा ने बोला की मिहिर ने एक हाथ से उसको यही से पकड़ा था और वो भी साड़ी के अंदर से। यानी प्रेरणा के नंगे पेट पर से छुआ था।

मैने प्रेरणा को थोड़ा और कुरेद कर पूछा की तो फिर मिहिर का दूसरा हाथ कहा था।प्रेरणा ने मुझे वो इंसिडेंट फिर से याद दिलाने का बोल कर सोने को बोल दिया।

प्रेरणा कुछ तो छुपा रही थी। कल उसने यह भी नहीं बताया की मिहिर ने उसको पेट से पकड़ा था पर आज बता दिया था। मैंने बाकी का काम कल के लिए छोड़ दिया की अब आगे का मैं उस से कल पूछुंग।

अगली रात प्रेरणा मेरे पास लेटी थी और मैंने उसको एक करवट सुलाया और उसके पीछे लेट कर अपना एक हाथ उसके पेट पर राख दिया। फिर मैंने उस से पूछा की ऐसे ही पकड़ा था मिहिर ने!

प्रेरणा ने बोला की नहीं, मिहिर ने उसको और कास के पकड़ा था। मैं अब प्रेरणा के पीछे से जाकर चिपक गया और अपने हाथ से उसका पेट पकडे राख। मेरे लंड का हिस्सा सीधा जाकर प्रेरणा की गाँड से चिपक गया और मेरे लंड का मोटापन प्रेरणा के पटले गाउन में उसकी गाँड की दरार में छु गया।


मैने प्रेरणा से फिर पूछा की इस तरह से पकड़ा था मिहिर ने और प्रेरणा ने भरी आवाज में हामी भर। मैं उसके साथ ऐसे ही चिपक कर लेटा रहा और उसके पेट पर हाथ लगाए राख। प्रेरणा की मुलायम गाँड से चिपक कर मेरे लंड को भी शांति मिल रही थी। मैं सोचने लगा की ग़लती से ही सही पर मिहिर ने प्रेरणा के शारीर की नजाकत को अच्छे से फील किया होगा। शायद यही कारण था की प्रेरणा इतनी उन-कफोर्टिब्ले हो गयी थी। मैंने अब उसको पूछा की मिहिर का एक हाथ उसके पेट पर था तो दूसरा कहा था।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#5
प्रेरणा इस सवाल पर भडक गयी और मेरा हाथ उसके पेट से हटा दिया और मैं जो उस से चिपका हुआ था तो मुझसे दूर हो गयी। 

उसका ऐसा रिएक्शन देख कर मैं भी हैरान रह गया। वो सच में उस घटना से बहुत आहात हुई थी। मैने थोड़ा इन्तेजार करना ठीक समझ।

अगली रात जब प्रेरणा बेडरूम में कपड़े समेटने में बिजी थी तब मैंने उसको बोला की मिहिर और नैना दोनों ठीक लगे मुझको और भरोसेमंद है। प्रेरणा ने कहा की नैना तो ठीक हैं पर मिहिर के बारे में नहीं बोल सकति, उसको मिहिर पर अभी भी शक है। मैंने मिहिर को डिफ़ेंड करने की कोशिश की। मैं प्रेरणा से सच जानना चाहता था। मैने आगे बढ़कर प्रेरणा को बोल ही दिया की मिहिर ने अपने दूसरे हाथ से कही उसके मुम्मे तो नहीं पकड़ लिए थे। प्रेरणा कपड़े समेटते हुए कुछ नहीं बोळी।

मुझे लग गया की मिहिर ने जरूर प्रेरणा के मम्मो से पकड़ा होग, वर्ना प्रेरणा इतना ओवर रियेक्ट नहीं करती। मैंने आगे बढ़कर प्रेरणा के कंधे पर हाथ रखा और उसको विश्वास में लेते हुए फिर पूछा की मिहिर ने उसको कहाँ से छुआ था।

प्रेरणा ने अपने मुम्मो पर हाथ रखते हुए कहा की यहाँ से पकड़ा था। (मेरे मन में गुस्सा भर गया, उस मिहिर ने मेरी बीवी के मुम्मो को पकड़ लिया था।)

पराग: "भले ही ग़लती से ही साहि, पर मिहिर ने गलत तो किया हैं, उसको तुम्हे यहाँ से नहीं पकडना चाहिए था"

प्रेरणा: "मुझे तो इसमें भी डाउट हैं की उसने ग़लती से पकड़ा होगा"

पराग: "तुम्हे ऐसा क्यों लगा?"

प्रेरणा: "अगर ग़लती से पकड़ा होता तो एक सेकंड में ही पता चल जाता की मैं उसकी बीवी नैना नहीं हूं, उसने कुछ सेकण्ड्स तक मुझे नहीं छोड़ा था"

पराग: "मैंने नैना को भी पीछे से देखा था, वो एकदम तुम्हारी तरह ही लगती हैं"

प्रेरणा: "मैं पीछे की नाहि, आगे की बात कर रही हू। तुम तो फंक्शन में नैना को देख रहे थे, हम दोनों के मुम्मो के साइज में कोई फर्क नहीं हैं क्या!"

पराग: "हां तुम्हारे मुम्मे नैना के मुकाबले बड़े हैं"

प्रेरणा: "ऐसी चीजे बड़े ध्यान से देखते हो तुम!"

पराग: "अब यह चीजे थोड़े ही छुपती हैं, दीख ही जाती हैं सामने से"

प्रेरणा: "मिहिर को मेरे मुम्मे दबाने में और नैना के मुम्मे दबाने में फर्क महसूस नहीं हुआ होगा क्या? उसको एक सेकंड में छूटे ही पता लग गया होगा की मैं नैना नहीं थी, पर फिर भी वो -१० सेकंड तक कुचलता ही रह, जब की मैं चीख़ रही थी। मैंने उसको दूर किया तब जाकर उसने मुझे छोड़ा और सॉरी सॉरी बोलने लाग। फिर मैं भाग कर अपने घर गायी।"

पराग: "मैं उस से बात करता हूं, उसकी अच्छे से खबर लेता हूं। ऐसे लोगो को सही टाइम पर समझाना जरुरी हैं"

[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
#6
प्रेरणा: "इसलिए मैं तुम्हे पूरी बात नहीं बता रही थी। अभी तुम कुछ मत करो। आगे देखते हैं, अगर उसकी नीयत ख़राब हुई तो फिर पता चल ही जाएगा"

पराग: "सच में ग़लतफ़हमी भी हो सकती है। तुम्हे बच्चा होने के बाद से पिछले एक साल में तुमने मुश्किल से मुझे - बार अपने मुम्मो पर हाथ लगाने दिया होगा। इतने टाइम में तो आदमी भूजल ही जाता हैं की उसकी बीवी के मुम्मो का क्या साइज है। उसके साथ भी ऐसा कुछ हुआ होगा"

प्रेरणा: "मैंने तुम्हे सिर्फ - बार हाथ लगाने दिया? आये दिन तो तुम मेरी छति को दबाते रहते हो!"

पराग: "सिर्फ एक ऊँगली लगाने को मुम्मा दबाना नहीं कहते हैं"

प्रेरणा: "बच्चा होने के बाद मेरे मुम्मो में दूध था, तुम्हे हाथ कैसे लगाने दू? मेरा दूध निकल जाता हैं और फिर कपड़ो पर दूध का दाग लग जाता हैं"

पराग: "दूध तो कुछ महीने बाद ख़त्म हो गया था, फिर भी तुमने मुझे अपने मुम्मे चुस्ने देना तो दूर की बाट, हाथ तक नहीं लगाने दिया"

प्रेरणा: "मुम्मो को हाथ लगाने से तुम्हे क्या मिल जायेगा! तुम्हारा जो मैं काम हैं चुदाई का वो तो तुम करते ही हो, उसमें तो कभी कोई कमी नहीं आयी ?"

पराग: "बात अभी मुम्मो को दबाने की हो रही है। एक साल में सिर्फ दो बार मुम्मो को दबाने दिया!"

प्रेरणा: "ठीक हैं, जब मेरा मूड होगा तब मैं तुम्हे हाथ लगाने दूंगी पर तुम ज्यादा नोचोगे नाहि, प्यार से पेश आओगे तभी हाथ लगाने दूंगी"

पराग: "और मुह से भी चुसने दोगी?"

प्रेरणा: "चूस भी लेना पर जब मैं बोलू तभी"

कब मेरा दिमाग रह रह कर वो मंजर बनाने लगा की कैसे मिहिर ने प्रेरणा को दबोचा होगा और इतनी देर तक मेरी बीवी के मुम्मो को मसला होगा। इस हक़ से तो काफी हद तक मैं भी मरहूम हूं। नैना के मुम्मे प्रेरणा जितने बड़े नहीं हैं तो मिहिर ने जरूर जान बूझकर यह ग़लतफ़हमी का खेल खेला होगा ताकि वो प्रेरणा के बड़े मुम्मो के मजे ले पाये और बच भी 

जाये l फिर मैं खुद सोचने लगा की अगर मैं नैना के मुम्मे दबाऊंगा तो क्या मुझे नैना और प्रेरणा के मुम्मो में फर्क महसूस हो पायेगा या नहीं?

#


इस तरह कुछ महीने निकल गए और नैना और प्रेरणा की दोस्ती इसी तरह चालती राहि। मुझे भी नैना के बारे में थोड़ा बहुत प्रेरणा से पता चल ही जात। प्रेरणा का भी सामना उसके बाद कभी मिहिर से नहीं हुआ। इस घटना का एक फायदा यह हुआ की अब हफ्ते में एक बार प्रेरणा मुझे अपने मुम्मो को दबाने देती मगर उसके गाउन और ब्रा सहित ही हाथ लगा पता था। कम से कम थोड़ी प्रोग्रेस तो हुई थी।

मैन कभी कभार सोसाइटी कंपाउंड में आते जाते मिहिर से मिल लेता था या बाहर वाक करते वक़्त वो मिल जाता तो थोड़ी बात हो जाया करती थी। उसने खुद थोड़े मजे लेकर मेरा थोड़ा फायदा तो कर ही दिया था, क्यों की प्रेरणा मुझे अब मुम्मे दबाने देती थी। दोपाहर में ऑफिस से जब भी मैं प्रेरणा को फ़ोन करता तो वो अधिकतर नैना के साथ ही पायी जाती। उन दोनों की दोस्ती बरकारार थी, एक बार मैंने प्रेरणा से बात करते हुए बैकग्राउंड में नैना के गाना गाने की आवाज भी सुनी। वो बहुत अच्छा गा रही थी तो मैंने प्रेरणा से पुछ ही लिया था की वो कौन गा रहा हैं, बहुत अच्छा गा रही है।



##
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
#7
पहली दिवाली आने वाली थी और मेरा और प्रेरणा का प्रोग्राम था की हम इस बार हमारे पेरेंट्स के घर जाकर दिवाली मनायेंगे। कुछ दिन वहाँ रह कर दिवाली के बाद हम वापिस अपने फ्लैट पर पहुचे। उस दिन संडे था और हम लोग सुबह सुबह ट्रेन से पहुच गए थे। ब्रेकफास्ट के बाद डोर बैल बाजी। प्रेरणा ने दरवाजा खोला तो नैना और मिहिर थे जो की हमें दिवाली की बधाई देने आये थे।


नैना और प्रेरणा ने गले मिल कर एक दूसरे को बधाई दि। मैं साइड में खड़ा देख पा रहा था की उन दोनों के बूब्स आपस में टकरा कर दब गए थे। इसके पहले की मैं उस नज़ारे के और मजे लेता मिहिर ने आकर मुझे गले लगा लिया और हमने भी एक दूसरे को दिवाली की बधाई दि। हम दोनों गले लग कर अलग हुए तब तक नैना और प्रेरणा दूर हो चुके थे।

मिहिर मुझसे हटा की नैना मेरी तरफ बढि। मैं अपना एक हाथ आगे बढा कर हाथ मिलाना चाहता था पर उसके पहले ही नैना ने अपनी बाहें फैला दि। मुझे यकीन नहीं हो रहा था की नैना मुझको गले लग दिवाली की बधाई देना चाहती है। मैंने भी नैना की मुस्कान से अपनी मुस्कान मिलाते हुए अपनी बाहें फैला दि। नैना ने एक हाथ मेरी गर्दन के पीछे डाल कर साइड से कंधे से कन्धा मिलाया। इस बहाने ही सही नैना के मुम्मो का एक हल्का सा हिस्सा मेरे शारीर से भी टकराया और मैं तरंगित हो गया। मैं एक सेकंड के लिए अपनी आँख बंद किये उसके परफ्यूम की महाक को सूँघने लाग। उसी वक़्त मैंने देखा की मिहिर भी अपनी बाहें फैलाये प्रेरणा की तरफ बढा। मेरा दिल धड़कना रुक गया पर प्रेरणा ने अपना एक हाथ आगे बढा कर उस से हाथ मिला कर मिहिर के प्लान को वही ख़त्म कर दिया। मै बड़ा खुश हुआ। मुझे नैना को थोड़ा छुने को मिला पर मिहिर को कुछ नहीं मिला था। मुझे मेरी बीवी पर उस वक़्त गर्व हुआ।

हम चारो लोग बैठ कर दीवाली कैसे मनाई वो बताने लाग। प्रेरणा ने उनको थोड़ा नाश्ता भी करवा दिया जो हम घरसे लेकर आये थे। मिहिर ने बताया की प्रेरणा जब कभी अपने हाथ का पका खाना नैना को देती हैं तो मिहिर भी उसको खता हैं और उसको प्रेरणा के हाथ के बने खाने बहुत अच्छा लगता है। प्रेरणा खाना बहुत अच्छा बनाती हैं यह मुझे पता था, मगर मैं तो रोज ही खाता हूँ तो रोज तो तारीफ़ नहीं कर सकता था। मगर उस वक़्त अपने खाने की तारीफ़ सुनकर प्रेरणा ख़ुशी से फुली नहीं समां रही थी। मिहिर ने आगे बढ़ कर खुद ही बोल दिया की प्रेरणा उनको खाने पर कब बुलाएगी। उस दिन तो हम थाके हुए थे तो प्रेरणा ने नेक्स्ट संडे का प्लान फिक्स कर दिया। फिर नैना और मिहिर हुमको आराम करने का बोल कर चले गए।

मैने प्रेरणा से बाद में पूछा की उसने मिहिर को अपने घर पर खाने को क्यों बुलाय जब की वो तो मिहिर से थोड़ी नाराज चल रही है।

प्रेरणा ने कहा की मिहिर ने आगे से खुद को इनवाइट कर दिया तो वो फिर मैं ना कैसे बोलती। मैंने भी उसको छेड़ा की वो अपनी तारीफ़ सुनकर थोड़ा पिघल गयी और उनको खाने पर बुला लिया था। प्रेरणा स्माइल करने के अलावा कुछ नहीं कर पायी। उस दिन प्रेरणा बहुत खुश थी, सामने से किसी ने उसके खाने की तारीफ़ की थी। उस रात प्रेरणा का चुदाई का मूड बन गया था। बच्चा होने के बाद से ही प्रेरणा का चुदाई का मूड बहुत कम ही बनता था। मैं ही मेरा मूड होने पर आगे बढ़ कर प्रेरणा को छेडता हूँ और वो एक ज़िन्दा लाश की तरह पड़े रहती हैं। मगर आज अच्छा मौक़ा था। उसका भी मूड था, तो छेड़ते वक़्त मुझको अच्छा रिस्पांस मिलने वाला था। मैंने लगे हाथों उसको पुछ ही लिया की क्या वो मुझे उसके मुम्मे भी दबाने देगी। प्रेरणा मान गयी की मैं उसके मुम्मे दबा सकता हूं, और यहाँ तक की उसने अपना पूरा गाउन उतार दिया था। हमेशा वो गाउन नीचे से ऊपर कर के ही चुदवा लेती थी। मैने थोड़ी देर उसके मुम्मो का क्लीवेज चुमा। ब्रा के बाहर से झाँकते हुए उसके बूब्स के उभार को अपने मुह से चुमने का मजा लिया और फिर प्रेरणा की चुत को अपने मुह से छेड़ा। शादी के बाद शुरू के साल तक वो बराबर अपनी चुत को सफाचट रखती थी। फिर वो सफाई कम होती गायी। बच्चा होने के बाद तो वो अपनी चुत के बालो की सफायी करना जैसे भूल ही गयी थी। प्रेरणा की चुत पर बड़े बड़े बाल उगे थे और उसकी चुत चाटते वक़्त बाल मेरे मुह में भी जा रहे थे पर मैं उत्साह के साथ उस मिले हुए अवसर का फायदा उठा रहा था। प्रेरणा सिसकिया मार रही थी और मुझे मजा रहा था। मैंने भी उसको मेरा लंड चुसने को बोला मगर उसने मना बोल दिया। शादी के शुरू के एक साल में उसने मेरा लंड जरूर काफी बार चुसा था पर - साल के अंदर वो सब बंद हो चूका था। फिलहाल मैंने उसके गोर बदन को चुमने का भरपुर आनंद लिया। काफी दिनों बाद वो सिर्फ एक ब्रा में लेती थी और मुझे चोदने दे रही थी।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#8
इतने दिनों बाद प्रेरणा को इतना खुल कर चुमने का मौका मिला तो मैं १५-२० मिनट्स उसके बदन को चुमता रह। तब तक मेरा लंड कड़क हो चुदाई को तैयार था। मैने लंड को कंडोम पहनाया और प्रेरणा की दोनों टाँगो को हवा में खड़ा कर चौडा किया। प्रेरणा की चुत खुल कर मेरे सामने थी। उसकी चुत को अपनी दो उंगलियो से चौड़ा कर उन बड़े बालो के बीच से मैंने चुत की दरार को देखा और अपना लंड सावधानी से उसकी चुत में रख दिया। फिर उसकी दोनों टाँगे पकड़ कर थोड़ा पुश करते हुए अपना लंड धीरे धीरे प्रेरणा की चुत में उतार दिया। मेरा लंड अंदर जाते ही मुझे करार मिला। प्रेरणा की भी एक आह निकली। फिर मैंने धीरे धीरे धक्के मारते हुए प्रेरणा को चोदना शुरू किया। चोदते हुए मन में बार बार आज दिन में नैना को जब गल लगाया था वो पल याद गया। नैना के ख्यालो में थोड़ा खोते हुए मैं प्रेरणा को चोदना रह। पता ही नहीं चला कब प्रेरणा की तेज सिसकिया चालु हो चुकी थी। बहुत कम ही होता हैं जब प्रेरणा को सिसकियां लेते हुए सुन पता था। मैने जोष में आकर प्रेरणा को और तेज स्पीड में चोदना शुरू किया और प्रेरणा भी आँखें बंद किये और मुह खोले आहें भर चुदवाती राहि। मैने एक हाथ आगे ले जाकर उसके मुम्मे को ब्रा साहित दबोच लिया और इसी तरह मसलते हुए प्रेरणा को चोदता रह। जल्दी ही मैं झड़ने के क़रीब गया। मै चाहता था की मैं प्रेरणा को भी झड़ने में मदद कर दे। मैंने अब चोदने की अपनी स्पीड कम कर दि। मगर थोड़ी ही देर में प्रेरणा ने मुझे तेज चोदने को बोली। मैने एक बार फिर अपने चोदने की स्पीड बढा ली। मिनट के अंदर ही मैं फिर झड़ने के मुक़ाम पर खड़ा हुआ। मगर इस बीच प्रेरणा भी तेज चीख़ने लागी। मैने अब अपने लंड का पानी छोड़ते हुए प्रेरणा की चुत में झटके मार शुरू किया और प्रेरणा की ओहहः एआईए आह अह्ह्ह चालती रही और वो मेरे साथ ही झाड गायी। बाहुत दिनों बाद मुझे इतनी अच्छी चुदायी करने को मिली थी। मैंने एक बार फिर मन ही मन मिहिर को थैंक यू बोल। पिछली बार उसकी वजह से मुझे प्रेरणा के मुम्मो को दबाने का मौका मिला था और इस बार इतनी अच्छी चुदायी।


फिर अगले संडे वो लोग लंचके लिए आए। एक दिन पहले ही मेरे साथ मार्किट जाकर प्रेरणा ने अच्छी से दावत की तयारी कर ली थी। प्रेरणा को शादी के कुछ समय बाद ही कुकिंग का बहुत जोश चढ़ा और उसने काफी चीजे सिख ली थी और दूसरो को भी सिखाती थी। उसने अपनी कुकिंग के कुछ वीडियोस भी ऑनलाइन डाले थे। नैना और मिहिर प्रेरणा के हाथ का खाना खाकर बहुत खुश हुये। मिहिर तो लगा-तार प्रेरणा की तारीफ़ किये जा रहा था। मैं अपने आप को छोटा महसूस कर रहा था, की मैं इतनी तारीफ प्रेरणाकी नहीं करता था। खाना खाने के बाद बातों का दौर चला की हम लोगो के और क्या क्या शौक है। मैंने नैना को बोला की मैंने एक बार फ़ोन से उसका गाना सुना हैं तो वो कोई गाना सुनाए। नैना ने दो खुबसुररत गाने जाए। एक गाने का मतलब यह था की धीरे धीरे पहचान बढ़ रही हैं और प्यार होने वाला है। दूसरे गाने का मतलब था की कोई तुम्हे चाहता हैं और तुम बेख़बर हो।

मैने उसके गाने की बहुत तारीफ़ की वो सच में अच्छा गाती थी। फिर मैंने सोचा उसने यह गाने युही गा लिए या फिर उसके बहाने वो कोई मेसेज दे रही है। मैने उनको बताया की मुझे कविता लिखने का शौक है। उन्होंने मुझे कविता सुनाने को बोल। मैंने उनको मेरी दो कविताएं सुनायी। पहली कविता ज़िन्दगी के बारे में थी और दूसरी माँ की भावनाओ पर थी। दूसरी कविता सुनकर नैना की आँखें भर आयी। हालांकि मैं ऐसे ही लिख देता हूँ पर मुझे लगा की मेरी कविताओ में भी वजन हैं जो की किसी को रुला दिया। मिहिर ने नैना को शांत कराया और नैना आँसुओ सहित थोड़ा मुस्कुरा उठि। फिर मिहिर ने बताया की उनकी शादी के साल हो गए हैं पर नैना माँ नहीं बन सकती हैं इसलिए वो थोड़ा इमोशनल हो गयी थी।

बात आगे बढ़ाते हुए मिहिर ने बताया की वो कॉलेज के टाइम से एथलिट रहा है। इसके अलावा उसको पेंटिंग का थोड़ा बहुत शौक हैं। यह सुनकर प्रेरणा बहुत खुश हो गायी। प्रेरणा को शुरू से पेंटिंग का शौक था पर उसके घर वालों ने उसको अलाउ नहीं किया तथा उसको आर्ट की बजाय साइंस दिलवा दिया। नतीजा यह निकला की वो इतना अच्छा नहीं पढ़ पायी और उसका करियर नहीं बन पाया। समय के साथ उसकी पेंटिंग का शौक मर गया और कुकिंग का शौक डेवेलप हो गया। पर उसके मायके में उसके रूम में आज भी कुछ पेंटिंग लटकी हुई है।
[+] 2 users Like usaiha2's post
Like Reply
#9
प्रेरणा ने उत्साहित होकर बोली की उसने भी कुछ पेंटिंग की है। यह उसकी वोही पेंटिंग हैं जो की मैं बहुत पहले ही रिजेक्ट कर चूका था। प्रेरणा अंदर से जाकर वो पेंटिंग लेआयी। मिहिर ने उनको देखा और कहा की यह शुरुआत के लिए अच्छी हैं पर प्रेरणा को इसकी कोई ट्रेनिंग लेनी चहिये। मिहिर ने अपने फ़ोन में अपनी एक पेंटिंग का फोटो बताया। उसने उसकी बीवी नैना का स्केच बनाए था। वो स्केच हु-बा-हु नैना से मिल रहा था। हम लोग उसकी स्केचिंग के कायल हो गए। प्रेरणा ने मिहिर से रिक्वेस्ट की वो उसका भी एक स्केच बना दे। मिहिर तुरंत मान गया और अगले संडे का प्लान फिक्स कर दिया की वो प्रेरणा का स्केच बनाएग। प्रेरणा बहुत खुश हुयी। 


फिर हमारी जनरल बातें हुयी। जहा नैना बाच्चो के नाम के बारे में बताने लागी। 

नैना "हमें एक लड़की चाहिए थी और उसका नाम भी सोच लिया था मेरे और मिहिर के नाम से मिला कर। मिहिर के नाम से "मि" और मेरे नाम से "" मिला कर "मीणा" नाम बनता है।"

प्रेरणा: "मेरे और पराग के नाम को मिलकर कोई नाम ही नहीं बनता"

नैना: "मेरे और पराग के नाम से बन जायेगा "पाना" यानी पन्ना कर सकते हैं"

प्रेरणा: "मेरे और मिहिर के नाम से बनेगा प्रेमी"l

हँसि मजाक के साथ उन दोनों को विदा किया और एक हसीं शाम समाप्त हुयी।

उस रात एक बार फिर प्रेरणा का चुदने का मन बन गया था। लगातार दूसरे संडे को प्रेरणा का खुद चुदने का मन हुआ था। एक बार फिर मुझे उसने अपने मुम्मे दबाने की इजाजत दे दि। पिछले संडे की तरह इस बार भी मैंने प्रेरणा को चोदने के जाम कर मजे लिये। इस बार मैंने थोड़ी चीटिंग भी की थी। प्रेरणा को छोड कर झाड़ते वक़्त मैंने आँखें बंद कर नैना को ही याद किया था जैसे उसी को ही चोद रहा था। मेरे नए पड़ोसियो का एक फायदा तो मुझे हो ही गया था, की हमारी सेक्स bलाइफ थोड़ी बेहतर हो रही थी। पूरे वीक प्रेरणा बहुत एक्ससिटेड थी की उसका भी स्केच बनेग। अगले संडे वो सुबह जल्दी उठ कर तैयार हो गयी थी। उसने अपना फेवरेट कुरता पहने था जिसमे वो अपना स्केच बनवाने वाली थी। अपनी हेयर स्टाइल भी अच्छे से बना ली।

दिये गए टाइम पर मैं, प्रेरणा और अपने बच्चे को लेकर मिहिर और नैना के फ्लैट पर पहुंच। मिहिर ने अपने ड्राइंग रुम में लाइटिंग उसके हिसाब से सेट कर दी थी। उसके घर में दीवारो पर तसवीरे सजी हुई थी। मिहिर ने प्रेरणा को एक सोफ़े पर बैठा दिया और उसका पॉज फिक्स करने लाग। मिहिर ने प्रेरणा के पॉज ठीक करने के लिए कभी उसके कंधे तो कभी हाथ तो कभी पैर छु कर उसको सीधा किया। मिहिर ने बताया की उसको स्केचिंग के लिए - घन्टे लगेगा। 

नैना ने मुझको कहाकी इस बीच वो मेरी कविता सुन कर उसको गाने की कोशिश करेगि। मागर वहा गाना गाने से स्केचिंग में डिस्टर्बेंस होगा तो हमने डीसाईड किया की हम लोग मेरे फ्लैट पर जाएंगे। मैं नैना और मेरे बच्चे के साथ अपने फ्लैट पर आया। बच्चा साइड में खेलता रहा और मैं अपनी कविता को नैनाके साथ डिसकस कर अलग अलग धुन पर उसको गाना गवाने लगा। इस घन्टे के दौरान हम काफी खुल गए थे और बात बात में हम एक दूसरे के कन्धे, हाथ या जाँघो को छु कर एक दूसरे का ध्यान अपनी बात की तरफ दिला रहे थे। नैना ने एक टाइट टीशर्ट के साथ एक टाइट पंत पहने थी। उस टीशर्ट के अंदर से उसके ब्रा के किनारे दीख रहे थे। मैं बातों के बीच बीच में अपनी नजरे नैना के मुम्मो पर गडा कर देख लेता। उसके लिपस्टिक से रंगे गुलाबी होंठों के बीच से सुर बह रहे थे। गाते हुए उसका गाला लहरा रहा था और मैं उसके गोर दमकते हुए चेहरे को इतने क़रीब से देख पा रहा था।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#10
जब भी वो गाने के लिए साँस लेती तो उसका बदन हिलता और उसके टाइट टीशर्ट में उसके मुम्मे थोड़ा ऊपर नीचे हिल कर मुझे भी हिला देते। गाना ख़त्म होने के बाद वो थोड़ा खासने लगी तो मैं अपने एक हाथ से उसकी पीठ को रगड देता। मेरा हाथ रह रह कर उसके ब्रा के स्ट्राप को भी रगड रहा था और मुझे मजा रहा था। कुछ सेकण्ड्स तक वो रुक रुक कर खास्ती रही तो मैंने उसको पानी लाकर दिया। उसने पानी पीकर थैंक यू बोला। मैं उसके पास फिर से बैठ गया। मैने उसको पूछा की वो ठीक तो हैं और एक बार फिर मौके का फायदा उठा कर उसकी पीठ से लेकर कमर तक अपनी एक हथेली रगड दि। मेरा हाथ उसके ब्रा के हुक को छुता हुआ ऊपर नीचे हो रहा था। मेरी तमन्ना थी की काश इस रगड से उसके ब्रा का हुक ही खुल जाए पर यह तो मेरी इच्छा थी, पूरी तो हो नहीं सकती थी। नैना अब ठीक महसूस कर रही थी। काफी देर गाने से उसका गला सुख गया था तो ख़ासी गयी थी। मुझे भी उस्की पीठ को रगडने का मौका छोडना पडा।



 

NEXT एपिसोड में जानिये कैसे उन कपल्स की अगली मीटिंग उनको और क़रीब ले आएगी।
 
 

एक तरफ जहा मिहिर अपनी पड़ोसन प्रेरणा का स्केच बना रहा था तो दूसरी तरफ उनके पार्टनर्स पराग और नैना साथ में टाइम स्पेंट कर रहे थे जहा पराग ने नैना को छुने का कोई मौका नहीं छोड़ा था। आगे की कहानी पराग की जुबानी जारी हैं

नैना ने याद दिलाया की मेरे बच्चे को भूख लगी होगी। मगर उसके पास तो खाने की कई चीजे थी और वो आराम से नीचे बैठा खेल रहा था। नैना अब सोफ़े से उतरि और घोड़ी की तरह मेरे बच्चे के सामने बैठ गयी और उसको पुचकारने लागी। पीछे से मैं बैठा हुआ अब नैना के टाइट पेंटी से उसके गाँड के उभार को अच्छी से देख रहा था। नैना का टाइट टीशर्ट भी थोड़ा खिंच कर कमर से ऊपर उठ गया और उसके टीशर्ट और पंट के बीच से उसकी गोरी चमड़ी दीखने लगी थी। नैना अपना एक हाथ आगे बढाए मेरे बच्चे को खिलाने लगी तो खिचाव से उसकी ब्लैक पेंटी थोड़ी सी पेंट के बाहर दिखने लागी।

यह दृश्य देखकर मेरे अंदर बिजली सी दौड़ने लागी। मेरी इच्छा हो रही थी की इस पॉज में मैं नैना को डोगी स्टाइल में चोद दु। मै अब आगे की तरफ गया और अपने बच्चे के पास बैठ गया ताकि आगे से कुछ नजारा दीख जाए। हालंकी नैना ने टाइट टीशर्ट पहना था पर फिर भी उसके घोड़ी बने रहने से यु शेप का उसका टीशर्ट थोड़ा खुल गया और मुझे उसके मुम्मो के थोड़ा ऊपर का एक हल्का सा गोरा उभार दीख गया।

मैने कोशिश की की कुछ और दीख जाए पर उस टाइट टीशर्ट में वो मुमकिन नहीं हो रहा था। नैना जब भी हिलती तो झटके की वजह से उसके लटके हुए मुम्मे भी हीलते और टीशर्ट के गप से वो मुम्मो का हल्का सा उभार लचकता दीखता। मै इस थोड़े से दर्शन से ही खुश हो रहा था। फिर नैना उठ खड़ी हुई की काफी टाइम हो गया हैं और मिहिर का स्केच भी बन गया होगा। नैना के मजे लेने के चक्कर में मैं भूल ही गया था की मैं प्रेरणा को उधर मिहिर के साथ अकेला छोड़ आया था। हालांकि मुझे प्रेरणा पर पूरा भरोसा था। वइसे भी मिहिर ने अभी तक कोई गड़बड़ नहीं की थी और अब प्रेरणा का भी भरोसा मिहिर पर बढ़ने लगा था। इसलिए मैं निश्चिंत भी था। नैना मुझसे विदा लेकर जाने लगी और फिर मेरी तरफ मुड़ कर मुझे थैंक यू कहा की उसको कविता गाने का प्रोग्राम बहुत अच्छा लगा और उसने अपनी बाहें कड़क कर मेरी तरफ फेलायी। मै तो खुश हो गया की उसको गले लगाने का मौका था। वहा आस पास हमारे पार्टनर भी नहीं थे तो खुल कर गले लग सकते थे।
[+] 4 users Like usaiha2's post
Like Reply
#11
वाही हुआ जो सोचा था। मैंने भी अपनी बाहें आगे कर उसकी कमर के दोनों तरफ डाल दि। वो एकदम से आकर मेरे सीने से टकरायी और स्प्रिंग की तरह नैना के बुब्स मेरे सींने से दब गए और हम दोनों ने एक दूसरे को पकड़ लिया। मेरे दोनों हाथ नैना को कमर से पकडे थे और नैना के दोनों हाथ मेरी पीठ को पकडे थे। मैं अपने सीने पर नैना के बुब्स को दबा हुआ महसूस कर रहा था। पिछ्ली बार नैना ने सिर्फ कंधे मिला कर गले लगया था, मगर शायद आज यहाँ मिहिर और प्रेरणा के ना होने से उसने भी थोड़ा फ्रीडम लिया था और अच्छे से गले लगाया था।


हमको गले लगे - सेकंड हो गए थे। मुझे लगा कही मैं उसके गले तो नहीं पड़ रहा और वो नाराज हो जाये इसलिए मैंने उसकी कमर से अपने हाथ की पकड़ कमजोर की और थोड़ा पीछे हट्ने लाग। मागर नैना ने मुझे कस कर पकड़ रखा था तो मुझे अच्छा लाग। मुझे लगा की मुझे भी उसको फिर पकड़ लेना चाहिए पर इस बीच नैना को लगा की मैंने उसको छोड़ दिया हैं तो उसने भी अपनी पकड़ ढीली की और पीछे हटि। एक तरफ मैं उसे फिर से पकड़ने जा रहा था तो दूसरी तरफ वो मुझे छोड़ चुकी थी। इस ग़फ़लत को देखकर हम दोनों ही हंस पड़े। इसपर नैना ने हँसते हुए कहा की चलो एक बार फिर साहि, अधूरा नहीं छोड़ते हैं और उसने अपनी बाहें फैला दि। मैंने भी अपनी बाहें फेलायी और इस बार मैं जोर से उसके सीने से चिपक गया। टक्कर इतनी जोर की थी की इस बार नैना के मुम्मे पूरी तरह मेरे सीने से दब गए थे और मैंने भी एक हाथ से उसकी कमर तो दूसरे हाथ से उसकी पीठ को झकड़ कर अपने से अच्छी तरह से चिपका लिया था। नैना की भी मेरे शारीर पर पकड़ काफी टाइट थी। शायद उसको भी मुझे गले लगा मजा रहा था। थोड़ी देर पहले हम - सेकंड के लिए गले लगे थे तो इस बार १०-१२ सेकंड हो चुके थे। ना तो मैंने नैना को छोड़ा और ना ही उसने मुझे छोड़ा। हम इतना चिपके हुए थे की मेरी पेंट का आगे का हिस्सा नैना की पेंट के आगे के हिस्से से चिपका था।

मैने अपनी गरदन थोड़ी मोड कर उसकी गरदन की तरफ मुह किया। मेरी नाक उसके गले को छु गायी। मेरी तो इच्छा थी की मैं अपने होंठ से उसकी गार्डन को चूम लू पर अभी इतनी हिम्मत नहीं थी। पूरे १५ सेकंड के बाद जब मुझे लगा की कही नैना की साँस ही ना रुक जाए तब मैंने उसको छोड़ा और फिर उसने मुझे छोड़ा। नैना ने मुझको हँसते हुए पूछा की "बस हो गया?" और मैंने भी स्माइल से रिप्लाई किया। मैने देखा की नैना को इतना टाइट गले लगाने से उसके मुम्मो वाले हिस्से से टीशर्ट पर थोड़ी सिलवटे गयी थी। जाते जाते नैना ने मुझे एक बार फिर गाने के सेशन के लिए थैंक यू बोली और बाहर चली गायी। उसके जाते ही मैं अपने हाथ फ़ैलाये छत की तरफ देख बहुत खुश हुआ की मुझे अभी अभी क्या मिला था। करीब १० मिनट्स के बाद डोर बैल बजी और मेरी वाइफ प्रेरणा आयी। वो उछालते हुए अंदर आयी और उसके चेहरेपर एक बड़ी स्माइल थी। वो चहकते हुए अपने स्केच को मुझे दिखाने लागी। मगर मेरा ध्यान तो उसके कुरते पर था जिसमे उसके मोटे मुम्मो के ऊपर सिलवटे थी। जिस तरह मैंने नैना को गले लगा कर सिलवटे दी थी कही प्रेरणा को भी तो मिहिर ने टाइट गले लगा कर यह सिलवटे तो नहीं दे दि। मेरा ध्यान कही और देख प्रेरणा ने पुछ ही लिया की स्केच को तो देखो कैसा है। मैंने उसका ध्यान उसके कुरते की सिलवटो पर दिलाया। मगर प्रेरणा ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। वो नाराज हुई की मैं उसके स्केच को ना देख कर कही और ध्यान लगा रहा था।

वो वॉशरुम में गयी तब तक मैंने उसके स्केच को देख। उसका चेहरा ८०% तक मैच हो रहा था। वाकई मिहिर ने अच्छा स्केच बनाए था। पर जिस चीज ने मेरा ध्यान खिंचा वो था स्केच में प्रेरणा के बूब्स। उसके साइड पॉज में स्केच बना था और आगे से जैसे उसके बूब्स पर ही हाईलाइट किया गया था। मुझे लगा की मिहिर ने प्रेरणा के बूब्स जरुरत से कुछ ज्यादा ही बड़े बना दिए थे जिस से सारे ध्यान स्केच में सिर्फ उसके बूब्स पर ही जा रहा था। दूसरी बात जो मुझे अजीब लगी थी वो थी प्रेरणा के बूब्स के स्केच पर निप्पल का उभार भी बनाए गया था। मुझे पता था की प्रेरणा कप वाला ब्रा पहनती हैं और उसमें इस तरह निप्पल का तीखापन नहीं दीखता हैं फिर मिहिर ने निप्पल कैसे दिखाए?
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#12
प्रेरणा वाशरूम से बाहर आयी। मुझे स्केच को इतना ध्यान से देखते हुए वो बहुत खुश हुयी। उसने फिर मुझसे पूछा की स्केच कैसा लाग। मैने उसका ध्यान भी उन दो चीजो की तरफ दिलया जो मुझे खल रही थी। पर प्रेरणा ने मुझे फिर डाट दिया की मुझे पेंटिंग की समझ ही नहीं है। प्रेरणा ने बताया की कभी कभी नाप इधर उधर हो जाता हैं, कोई इतने अच्छे से नाप कर थोड़े ही बनाता होगा। थोड़ा छोटा बड़ा हो जाता है। उसके हिस्साब से उसके ओवरसीज़ बूब्स का स्केच उसको और सुन्दर बना रहा था। बूब्स के स्केच पर निप्पल बने देख भी उसको बुरा नहीं लाग। उसने बोलै की पेंटर को थोड़ी बहुत छूट मिलती हैं की वो अपनी मर्जी से कुछ एक्स्ट्रा चीजे बना सकता हैं जिस से पिक्चर अच्छा दीखे। मैने प्रेरणा को फिर पुछ ही लिया की इस स्केच के बदले उसने मिहिर को क्या इनाम दिया है। प्रेरणा ने बोला की मिहिर ने यह फ्री में बनाए हैं, वो पैसे थोड़े ही लेग। मैने प्रेरणा को बोलै की नैना ने तो मेरी कविता से खुश होकर मुझे गले लगा लिया था। मेरी चाल कामयाब हुई और प्रेरणा ने भी बोला की तो क्या हुआ गले लग कर थैंक यू बोलने से। उसने भी मिहिर को गले लग कर थैंक यू बोली थी। मैने प्रेरणा को बोल ही दिया की इतना क्या गले मिले की कुरते पर सिलवाटे गायी। प्रेरणा ने मुझे इग्नोर किया और अपना स्केच लेकर बेडरुम में चली गायी। दीन भर प्रेरणा खुश ही राहि। मगर मैं थोड़ा इन्सेक्युरे फील कर रहा था की मिहिर ने प्रेरणा को किस तरह जकड़ कर गले लगया होगा की प्रेरणा के बड़े मुम्मो को रगड कर मसाल कर राख दिया होगा।


इस त्याग का इनाम भी मुझे मिला था। रात को सोते वक़्त काफी दिनों बाद प्रेरणा ने अपना ब्रा भी खोल दिया था और मुझे बिना ब्रा के उसके मुम्मो को मसलना मुझको काफी महीनो बाद मिला था। प्रेरणा के निप्पल चूसते समय मैं आँखें बंद किये महसूस कर रहा था की नैना के निप्पल भी इसी तरह स्वादिष्ट होगे। मेरे सीने पर मैं अभी तक नैना के बुब्स को दबाने को महसूस कर पा रहा था। मैने प्रेरणा के निप्पल को चूस चूस कर अपने थुक से गीला कर दिया था और फिर उसी थुक पर हाथ रगड कर गीला किया और अपने हाथ प्रेरणा की चुत पर रागडा। सारा थूक प्रेरणा की चुत पर उगे बालों में ही लग गया। मैंने प्रेरणा को पुछ ही लिया की वो अपनी चुत के बाल कब साफ़ करेगी और उसने सिर्फ यही कहा की उसकी इच्छा होगी तो वक़्त आने पर कर देगी। उस रात भी मैंने प्रेरणा को टाँगे उठा कर अच्छे से चोदा और उसकी सिसक्या और चीखें निकाल दी थी। उसने भी मेरे साथ चुदवाते हुए काफी एन्जॉय किया था और अधिकतर समय वो अपनी आँखें बंद किये आहें ही भर रही थी। हो सकता था की वो भी मेरी तरह किसी और को मन में सोच कर चुदवा रही थी। पर उस वक़्त मैंने इतना ध्यान नहीं दिया। शक का कोई कारण भी नहीं था क्यों की उस दिन मिहिर के उसको छुने भर से वो कितना भडक गयी थी।

इसके दिन बाद प्रेरणा ने मुझको शाम को बताया की उसकी ख़्वाहिश हैं की वो मिहिर से अपनी फुल पेंटिंग बनवाये और हमारे बेडरूम में लगाए। प्रेरणा ने मुझसे कहा की वो कुछ मशहूर पेंटर्स की बनायीं तसवीरो की तरह ही अपना पोर्ट्सवेयर बनवायेगी और मिहिर ने उसको हां भी बोल दिया हैं की वो फ्री में उसकी तस्वीर बनाएग। मैने भी उसको कहा की वो वैसे ही इतनी खूबसूरत दिखती हैं तो तस्वीर भी अच्छी ही बनेगि, तो उसका आईडिया अच्छा है। मैं भी मन में सोच रहा था की पिछली बार की तरह शायद मुझे भी नैना के साथ थोड़ा अकेले में टाइम बिताने का मौका मिलेंगा। यह सुनकर प्रेरणा बहुत खुश हुई और सोफ़े पर मेरे पास बैठे हुए ही उसने मुझे गले लगा लिया। मैंने भी उसको पीठ से पकड़ कर कस लिया जैसे नैना को किया था और फिर उसकी पीठ पर हाथ फीराया, ख़ास तौर से उसकी ब्रा की पट्टी पर। प्रेरणा फिर मुझसे दूर हुई और बोली की अभी ब्रा मत खोलो। मैंने तो सिर्फ हाथ फेरा था और उसको लगा की मैं ब्रा खोलने की कोशश कर रहा हू। कही नैना को भी तो ऐसा कुछ अहसास तो नहीं हुआ होगा? पर नैना ने तो ऐसा कोई रिएक्शन नहीं दिया था। अगर प्रेरणा को ऐसा लग सकता हैं तो नैना को भी लग सकता है। मुझे अब थोड़ा डर लगा की नैना ने मेरे बारे में क्या सोचा होगा। प्रेरणा ने कहा की अगले संडे ही मिहिर उसकी तस्वीर बनाना शुरू करेंगा। एक साथ इतनी लम्बी सिटींग नहीं हो सकती हैं इसलिए वो अगले - दिन और थोड़े घन्टे तस्वीर पर काम करेंगा। प्रेरणा बोली की मिहिर ने उसको कुछ फेमस पैन्टेर्स की तसवीरे के फोटो मोबाइल पर भेजे हैं तो वो मुझे दिखाना चाहेगी और वो उनमें से कोई एक पेंटिंग चुनेगि।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#13
प्रेरणा ने पहला फोटो दिखायाजिसमे नायिका ने सफ़ेद साड़ी पहनी थी जो घुटनो के ऊपर तक थी और मुम्मो को ढकते हुए एक कंधे से पीछे जा रही थी। दूसरा कन्धा पूरा नंगा था। वो साड़ी गीली थी और उसमें नायिका के मुम्मे और निप्पल दिखाई दे रहे थे। मुझे थोड़ा बुरा लगा की मिहिर ने पेंटिंग की आड़ में थोड़ा अश्लील फोटो भेज दिया है। मैंने प्रेरणा को अपनी दुविधा बतायी।


पराग: "इस फोटो में तो लड़की के निप्पल दीख रहे हैं, तुम ऐसा पॉज दोगी?"

प्रेरणा: "तुम हमेशा गन्दा ही सोचते हो, कल ही मेरे स्केच में तुम्हे सिर्फ मेरे बुब्स का साइज और निप्पल ही दिखा। यह फेमस पेंटिंग है। पूरी तस्वीर को देख, कितनी खूबसूरत है। यह तस्वीर तुम्हे अश्लील लग रही हैं तो आगे की कैसी लगेगी?" प्रेरणा ने दूसरी तस्वीर दिखाई जिसमे लड़की ने कोई कपड़े नहीं पहने थे और वो लड़की पीछे मुड़कर देख रही है। लड़की की नंगी गाँड साइड से दीख रही हैं और पीछे देखने से उसका एक मुम्मे की मोटाई साइड से दीख रही हैं और उसके लम्बे बाल उसके निप्पल को ढके हुए हैं। तसवीर में लड़की का चेहरा मासूम और खूबसूरत था पर थी तो वो नंगी। इस से तो तो वो पहले वाली तस्वीर ही अच्छी थी जिसमे गीले ही सही पर कपड़े तो पहने थे। प्रेरणा ने अगला फोटो दिखाया जिसमे लड़की एक कपड़े को अपने सीने से चिपकाये खड़ी हैं और वो कपडा उसके दोनों मुम्मो के निप्पल और उसकी चुत को ढके हुए है। तसवीर में लड़की की आँखों में आँसु हैं और बाल बिखरे है। चुत के दोनों तरफ की जाँघे नंगी दीख रही हैं और साथ ही मुम्मो का उभार साफ़ दीख रहा था। लड़की की नंगी कमर भी दोनों तरफ से दीख रही थी।

प्रेरणा ने अगली तस्वीर बतायी जिसमे नायिका नंगी होकर इस तरह बैठ हैं की उसकी चुत उसकी जाँघो के पीछे चुप गयी हैं पर साइड से गाँड का शेप दीख रहा है। नायिका का एक हाथ इस तरह रखा हैं की उसके दोनों निप्पल हाथ के पीछे छूप गए है। नायिका के चेहरे में एक प्यास हैं की उसको प्यार की जरुरत है। अगली तस्वीर में नायिका नंगी लेटी हुई हैं और शारीर पर एक भी कपडा नहीं है। बैकग्राउंड किसी वेश्यालय का था। लड़की के दोनों बुब्स और निप्पल अच्छे से दीख रहे हैं और यहाँ तक की चुत भी दिखाई दे रही हैं और चुत पर उगे हुए कुछ बाल भी बने हुए थे। यह सारी तसवीरे देख मेरा दिमाग घूम गया की एक भी तस्वीर ऐसी नहीं जिसमे लड़की ने पूरे कपड़े पहने हो। मैंने प्रेरणा से पूछा की कोई और फोटो नहीं जिसमे कपड़े पहने हुए पॉज हो। प्रेरणा ने मुझको डाट दिया की तुम फोटो में सिर्फ लड़कियां का बदन ही देख रहे थे की कितनी नंगी है। हर तस्वीर में एक अलग भाव को दिखाया गया है। किसी में दर्द हैं और किसी में प्यार तो किसी में क्रीड़ा(खेल) है।

प्रेरणा: "अच्छा यह बताओ की तुम्हे कौनसी तस्वीर पसंद आयी और तुम मुझे कौन सी तस्वीर में देखना चाहोगे"

पराग: "अगर मैं तस्वीर बना रहा होता तो कुछ भी चलत, मगर तस्वीर तो मिहिर बनाएग। उसके सामने तुम इस तरह कैसे आओगी!"

प्रेरणा: "यह सब बहुत फेमस तसवीरे हैं, मेरी यह सब फेवरेट है। मैं अपनी तस्वीर हमारे बेडरूम में लगाउंगी"

पराग: "हमारे घर वाले कभी आकर देखेंगे तो क्या बोलोगी?"

प्रेरणा: "यह हमारे लिए ही हैं, तुम्हे शर्म आती हैं तो कोई आएगा तब तस्वीर हटा लेंगे"

पराग: "तो तुम ऐसी तसवीरे बनवाने के लिए मिहिर के सामने कपड़े खोल दोगी?"

प्रेरणा: "वो एक आर्टिस्ट हैं, राह चलता कोई आवारा नहीं है। मैं तस्वीर बनवाने के लिए कपड़े निकालुंगि, ना की किसी गलत काम के लिये। नीयत को देखो, कपड़ो को नहीं। प्लीज, मेरी बहुत इच्छा हैं की मैं इनमे से कोई एक आर्टिस्टिक तस्वीर अपनी भी बनवाउं"
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#14
पराग: "यह मिहिर तुम्हारी नंगी तस्वीर क्यों बनाना चाहता हैं, वो अपनी बीवी की ऐसी तस्वीर क्यों नहीं बनता"


प्रेरणा ने मुझे वो तस्वीर फिर दिखाई जिसमे लड़की पूर नंगी लेटी थी और उसके बुब्स और चुत साफ़ दीख रही थी। प्रेरणा ने बताया की ऐसी एक तस्वीर मिहिर ने नैना की भी बनायीं हैं और उनके बेडरूम में लगी हुई हैं। (उस तस्वीर को देखने के बाद ही प्रेरणा के दिमाग में भी अपनी खुद की तस्वीर बनवा कर अपने बेडरूम में लगाने का ख्याल आया था। उसने बताया की वो तस्वीर बहुत क्लासीक लग रही थी और चीप नहीं है।

मै, नैना को आजतक नंगा तो नहीं देख पाया था पर एक बार उसके बेडरूम में जाकर कम से कम उसकी वो नंगी तस्वीर जरूर देखना चाहता था। मगर फिलहाल मेरे सामने बड़ा सवाल खडा था की मैं अपनी बीवी को इस तरह की नंगी तस्वीर बनवाने की इजजत दू या नहीं। मैने प्रेरणा को वो वाली तस्वीर बनवाने को बोल दिया जिसमे लड़की एक कपड़े को पकडे अपने मुम्मे और चुत को ढके हुई है। क्यों की सिर्फ उसी में लड़की के दोनों अंग सबसे ज्यादा ढके हुए थे। प्रेरणा ने मुह बिचका दिया और कहा की उसको वो तस्वीर पसन्द नहीं हैं क्यों की उसमें नायिका रो रही है। वो दर्द के भाव वाली तस्वीर हैं और वो अपनी ऐसी तस्वीर बेडरुम में क्यों लगाएगी? प्रेरणा बोली की अगर मुझको कपड़ो वाली तस्वीर में ही देखना हैं तो वो उस गीली सफ़ेद साड़ी वाली तस्वीर बनवा लेगी। मगर मैंने उसको साफ़ इनकार कर दिया। प्रेरणा नाराज हो गयी और मुझसे रूठ कर बेडरूम में जाकर सो गायी। मैंने उसको मानाने की भी कोशिश की पर उसने मुझे हाथ तक नहीं लगाने दिया। मगर मैं भी झुकने वाला नहीं था। कोई भी पति कैसे इस तरह अपनी बीवी को किसी गैर मर्द के सामने लगभग नंगा होने देगा। मगर अगले दिन भी प्रेरणा का यही हाल था। पूरे २४ घन्टे हो गए थे पर प्रेरणा ने मुझसे बात तक नहीं की थी। अगले दिन भी यही हाल रह। अब उसको नाराज हुए दिन हो चुके थे।

शाम को डोर बेल बजी। प्रेरणा तो बेडरूम में थी और मैंने दरवाजा खोला। सामने नैना खड़ी थी एक प्यारी सी मुस्कान लिये। उसको देखते ही मेरा तनाव ग़ायब हो गया और मैंने उसको अंदर लिया। मैने नैना को बताया की प्रेरणा बेडरूम में हैं पर नैना ने बोला की वो मुझसे ही बात करने आयी है। एक ख़ुशी हुई की वो मुझे क्या बात करने वाली हैं। मागर एक आशंका भी थी की शायद प्रेरणा ने नैना को बता दिया होगा की मैंने तस्वीर के लिए परमिशन नहीं दी है नैना ने बटन वाला शर्ट पहने था जिसके एक बटन खुला था और उसका खुला सीना काफी दिखह रहा था। हम दोनों एक सोफ़े पर आस पास बैठ गये। हम दोनों एक दूसरे की तरफ देख रहे थे। उसमे अपनी मक्खन सी नाजुक उंगलियो से अपने दोनों हाथो में मेरे हाथ पकड़ लिये।

नैना: "क्या बात हैं पराग, तुमने प्रेरणा को तस्वीर के लिए परमिशन नहीं दि? कोई कंसर्न हैं तो मुझे बतओ, क्या प्रॉब्लम हैं?"

(
मै तो सकपका गया की अब उसको इस बारे में कैसे समझाऊ? कोई लड़का होता तो खुल कर बता भी देता। हालांकि पिछले कविता गाने के सेशन के दौरान हम काफी खुल गए थे पर फिर भी थोड़ी हिचक थी।) मै कुछ बोल ही नहीं पाया तो नैना ने मेरा एक हाथ छोड़ा और वो हाथ मेरे कंधे पर राख दिया। हाथ लंबे होते ही उसके शर्ट के दोनों हिस्से थोड़े खुले और उसके गोर मुम्मो का थोड़ा उभार शर्ट के ऊपर से बाहर दिखने लाग। वो नजारा देख मेरी आँखें चमक उठि। मैं नैना की छाती को घूर रहा था की फिर मुझे नैना की आवाज सुनायी दि।


नैना: "नजरे मत चुराओ पराग, इधर ऊपर मेरी आँखों में देख कर बात करो"

मैने अब उसकी आंख्यों में देख, गहरी भूरी खूबसूरत सी आँखें देख कर किसी को भी प्यार हो जाए। पहली बार इतने क़रीब से इतनी देर तक मैंने नैना की आँखों में देख। बिना पलक झपकाये वो भी मेरी आँखों में देख रही थी। उसके होंठों की झलक भी दीख रही थी और इच्छा हो रही थी उसको यही पकड़ कर चूम लू और उसके होंठों का रस पी लु। फिर एक बार उसकी आवाज आयी।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#15
नैना: "कुछ तो बताओ पराग, क्या प्रॉब्लम हैं तस्वीर बनवाने में?"


पराग: "इस तरह गैर मर्द के सामने प्रेरणा कपड़े खोले, यह मुझे पसंद नहीं हैं"

नैना ने अब मेरे कंधे पर पड़ा हाथ मेरे गालो के नीचे राख दिया। पहली बार वो मेरे चेहरे को छु रही थी और मुझे कुर्रत सा लाग।

नैना: "पराग, तुम्हारी इतनी छोटी सोच होगी, यह मैंने सोचा भी नहीं थी। बीच पर भी तो लाडक्या बिकिनी में घुमति है। एक्टर लोग भी तो कपड़े उतारते ही हैं"

पराग: "बिकिनी तो बीच पर पहनते हैं वो ठीक है। एक्टर लोगो का पेशा हैं तो वो कपड़े वहाँ खोलते हैं मगर प्रेरणा एक हाउसवाइफ हैं, एक आम औरत है। ऐसे कैसे कोई किसी के सामने अपने कपड़े खोल सकता हैं!"

नैना: "पराग, मैं तुमसे बहुत निराश हुई हू। मैं तुम्हे बहुत खुले विचारों वाला समझती थी पर तुम्हारी सोच तो बहुत दकियानूसी है। सिर्फ एक पेंटिंग बनवाने में तुमको इतनी आपत्ति है। फिर तुम भी तो वहाँ मौजूद रहोगे!"

पराग: "मुझे अच्छा नहीं लगेगा यह देखते हुए की मेरी आँखों के सामने मेरी बीवी वहाँ अकेली नंगी खड़ी होगी और बाकी सब देख रहे होंगे"

नैना: "अगर, प्रेरणा को कोई प्रॉब्लम नहीं हैं तो फिर तुम्हे क्यों हैं? अगर तुम्हे लगता हैं की अकेली प्रेरणा नंगी हैं तो ठीक हैं, मैं भी प्रेरणा की तरह कपड़े खोल दुगी, फिर तो वो अकेली नंगी नहीं होगी। फिर तुम्हे मंजूर हैं?" यह सुनकर मेरी तो ख़ुशी की सीमा नहीं राहि। नैना को मैं नँगा देख पाउंगा। उसके मुम्मो की एक हलकी झलक देखने को कितना तड़प रहा था और यहाँ वो खुद अपने कपड़े खोलने को तैयार थी। मागर नैना को नंगा देखने के चक्कर में मुझे अपनी बीवी को भी तो नंगा करना होग, किसी गैर मर्द के सामने।

पराग: "नहीं वो अकेले नंगे होने की बात नहीं है। मुझे बस यह ठीक नहीं लग रहा है।"

नैना ने अब मेरे दोनों हाथ फिर से पकड़ लिये। उसके नरम हाथ पकडे अच्छा लग रहा था, काश वो हाथ मेरे हाथ में ही रहता।

नैना: "तुम्हे पता हैं प्रेरणा कितना एक्ससिटेड थी अपनी पेंटिंग बनवाने को लेकर! उसके बारे में भी सोचना। आई होप की तुम सही डिसिशन लो। इसमें कुछ भी गलत या बुरा नहीं हैं" नैना ने फिर मेरा हाथ छोड़ा और उठ कर बाहर चली गयी और मैं अपने हाथ ही देखता रह गया और अपने हाथो को चूम लिया।

इतना लम्बा नाराज तो प्रेरणा कभी नहीं हुई थी। मैंने उसको समझाने की कोशिश की की उसकी जिद बेकार हैं, मगर उसने बात तक नहीं की। पहले जब कभी वो नाराज होती तो मैं उसको घुमाने ले जाता और वो मान जाती थी। मैंने यही ट्रिक उसे मानाने की। अगले दिन थर्सडे को मैंने अपने करीबी दोस्त संतोष को बोला की इस संडे घुमने का प्रोग्राम करते हैं क्यों की प्रेरणा नाराज है। संतोष ने बोला की वो फ्राइडे शाम को अपनी वाइफ वीणा के साथ मेरे घर आएगा और घुमने का प्रोग्राम फाइनल करेंगे। शाम को आते वक़्त मैं प्रेरणा के लिए उसकी पसन्द की ड्रेस भी लाया। मैंने प्रेरणा को बताया की मैंने संडे को घुमने का प्रोग्राम बनाए हैं और उसकी सहेली वीणा और हस्बैंड संतोष भी रहे हैं। मागर प्रेरणा ने बोल दिया की उसको कही घूमने नहीं जाना हैं और मेरी गिफ्ट की ड्रेस को भी हाथ नहीं लगया। मैंने भी सोचा की कल जब वीणा आकर उसको समझायेगी तो मान ही जाएगी। वइसे भी संडे में अभी दिन बाकी हैं तो तब तक उसका मूड थोड़ा अच्छा हो ही जाएग। फ्राइडे शाम को वीणा और संतोष मेरे घर आए। प्रेरणा रूठ कर बेडरूम में ही बैठी थी। मैंने वीणा को इशारा कर दिया की प्रेरणा बेडरूम में हैं और वो उसको समझाये। वीणा फिर प्रेरणा से मिलने बेडरूम चली गायी।

मैने फिर संतोष को बताया की पूरा मामला क्या है। अपने पडोसी मिहिर और नैना के बारे में भी बताया। संतोष को पता ही था की प्रेरणा पेंटिंग्स के पीछे कितनी दीवानी है। तभी वीणा बेडरूम से बाहर चहकते हुए आयी और उसके हाथ में मेरी वाइफ प्रेरणा का मोबाइल भी था।

वीना: "अब पता चला की पूरा मामला क्या है। यह देखो संतोष, कितनी प्यारी तसवीरे हैं"
Like Reply
#16
वीना ने अब वो तसवीरे अपने पति संतोष को दिखानी शुरू की और हर तस्वीर को देखने के बाद वो भी वाओ करते हुए तसवीरे अच्छी हैं यह बोलता गया।


वीना: "संतोष, मेरी भी इच्छा हैं की मेरी ऐसी कोई पेंटिंग हो और मैं अपने बेडरूम में लगाउ। कितना अच्छा लगेगा !"

संतोष: "अच्छा तो लगेग, मगर यह तस्वीर बनवाना कितना महंगा होगा यह पता हैं!"

वीना: "पराग वो पेंटर ज्याद पैसा मांग रहा हैं क्या जो तुम मना कर रहे हो प्रेरणा को। उसकी कितनी इच्छा हैं"

पराग: "वो हमारा पडोसी ही पेंटर हैं, उसकी बीवी प्रेरणा की सहेली हैं तो वो फ्री में बनाएगा, पर"

वीना: "क्या!! फ्री में! ओह माय गोड़। मेरे लिए भी बात करो ,मेरी भी पेंटिंग फ्री में बना दे तो"

संतोष: "अरे वो इनकी अच्छी जान पहचान का पडोसी हैं इसलिए प्रेरणा की तस्वीर फ्री में बना देगा, पर वीणा तुम्हारी तस्वीर क्यों फ्री में बनाएगा वो!"

वीना: "मैं प्रेरणा को पूछती हूं, उसने कौन सी पेंटिंग पसन्द की हैं"

यह कह कर वीणा वापिस बेडरूम में चली गायी। मैंने तो वीणा को हेल्प करने को बुलाय था पर वो तो प्रेरणा को और उत्साहित कर रही थी। संतोष ने मेरे मन की बात पढ़ ली और मेरे कंधे पर हाथ राख कर मुझे समझाने लाग।

संतोष: "मुझे पता हैं तू क्यों दर रहा है। पर यह सोच की वो पेंटर तो कुछ घन्टे ही प्रेरणा को बिना कपड़ो के देखेगा, पर फिर ज़िन्दगी भर तुम वो तस्वीर देख पाओगे। ऊपर से प्रेरणा तुमसे कितनी खुश होगी। बिबी खुश तो हस्बैंड भी खुश रहता है। बनवाने दो एक पेंटिंग, क्या हैं उसमे!"

पराग: "अगर कोई अनजान पेंटर होता तो फिर भी ठीक हैं की फिर कभी उस से नहीं मिलना है। मगर प्रेरणा को एक बार बिना कपड़ो के देखने के बाद फिर वो मिहिर जब भी प्रेरणा को देखेगा तो किस नजर से देखेगा!"

संतोष: "आर्टिस्ट लोगो की नजरे खराब तो नहीं होनी चहिये। पर फ्यूचर में अगर वो देखेगा भी तो प्रेरणा ने तो कपड़े पहने होगे ! तुम प्रेरणा को बोल देना की सीर्फ एक ही पेंटिगं की परमिशन हैं, आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए"

पराग: "प्रेरणा कुछ ज्यादा ही सीरियस है। दिन से नाराज है। मुझे भी लगरहा हैं की उसको एक पेंटिंग तो बनवाने की परमिशन देनी ही होगी"

संतोष: "यहि ठीक हैं दोस्त, संडे का पिकनिक का प्रोग्राम कैंसिल करते हैं, तुम पेंटिंग बनवाओ और ज्यादा टेंशन मत लो, कुछ नहीं होगा"

वीना और संतोष के जाने के बाद भी मैं सोचता रहा की संतोष क्या बोल गया। अगर उसकी बीबी नंगी हो रही होती तो उसको पता चलता। मै सोचा थोड़ा टाइम और दे देता हू। 

सैटरडे के दिन छुट्टी थी और मैं प्रेरणा को बाहर मूवी दिखाने ले जाना चाहता था पर वो नहीं मानि। रात को मैंने उसको समझाने की कोशिश की और उसको अलग अलग बातें बोल कर डराने की भी कोशिश की पर सब कुछ बेकार रह। आखिरकार संडे की सुबह मैंने हार मानकर प्रेरणा को परमिशन दे दी की वो अपनी पेंटिंग बनवा सकती है। एक बार तो प्रेरणा को यकीन नहीं हुआ। मगर मेरे फिर कहने पर वो मान गयी और बहुत खुश होकर मेरे गले लग रो पडी। तभी डोर बैल बाजी। प्रेरणा दौड़ते हुए दरवाजा खोलने गायी। नैना आयी थि, प्रेरणा ने उसको कस कर गले लगा लिया और गले लगते हुए ही गोल गोल घुमा दिया। फिर वो दोनों अलग हुये।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#17
नैना: "मुझे पता था पराग मान ही जायेगा इसलिए हमने पेंटिंग की पूरी तयारी कर के राखी है। मैं तुम्हे लेने ही आयी थि, चल।"


नैना ने उस दिन रोज के प्रिंट वाला वाइट ऑफ शोल्डर टॉप और डार्क येलो बड़े फ्लावर प्रिंट वाला पलाज़्ज़ो पहने थी। उसके दोनों कंधे नंगे थे और टाइट टॉप में उसके उसके मुम्मो का उभार आकर्षक लग रहे थे। साथ में खुले बाल लहरा रहे थे। नैना अब दूर से ही बाहें फेलाये मेरी तरफ बढ़ रही थी। मुझे नहीं पता था की मेरे एक डिसीजन का मुझे यह इनाम मिलने वाला था। मुझे एक बार फिर नैना के गले लगने का मौका मिलने वाला था। प्रेरणा बोली की वो तयारी करके आती हैं और बेडरूम की तरफ भागी। नैना मेरे क़रीब गयी थी और मैं भी उसको कसने को तैयार था। नैना ने मेरी बगल के नीचे से अपने दोनों हाथ लाकर मुझे पीठ से पकड़ा और मैंने उसकी बाजुओ के ऊपर से हाथ लाकर उसकी पीठ पकड़ी और गले लग गइ। मैने अपन सर झुकाया और उसके पूरे नंगे चिकने कंधे मेरे सामने थे। मैंने अपने होंठ से उसके कंधो को छु लिया। पहली बार नैना को इस तरह चूम कर मेरे शारीर को ठण्डक मीली। मेरी तो इच्छा थी की उसके कन्धो को थोड़ा चाट कर गीला कर दू पर ठीक नहीं लगा। नैना के मुलायम गाल भी मेरी गरदन को साइड से छु रहे थे और तीखी ठुड्डी मेरे कंधे को छु रही थी तो मुझे एक मीठी सी गुदगुदी हो रही थी। उसके परफ्यूम की खुसबू तो वैसे ही मुझे मदहोश कर रही थी। उसका टॉप ऑफ शोल्डर था तो उसकी पीठ पर से हाथ थोड़ा ऊपर कर मैंने उसकी थोड़ी नंगी दिखती पीठ पर भी हाथ छु लिया। दूसरा हाथ थोड़ा नीचे ले जाकर उसकी कमर को पकड़ लिया।

उसका टॉप थोड़ा छोटा था तो उसने जो नीचे पलाज़्ज़ो पहने था उसके और टॉप के बीच की खाली जगह में मैंने अपना हाथ लगा दिया और उसकी नंगी कमर को भी छु लिया था। जीस तरह मुझे नैना को गले लगा मजा रहा था कही नैना को भी तो मुझे गले लगा कर तो मजा रहा होगा? मैंने अपना सर घुमाया और अपने होंठ उसके कंधे से हटा कर नैना के कांन के नीचे उसकी लम्बी गरदन पर चुमना चाह। मैने एक हाथ से उसके बाल उसकी गरदन से हटाये और मेरे सामने चुमने के लिए उसकी गरदन थी। मेरे होंठ उसकी गरदन को चुमने ही वाले थे पर एक दर लगा की सारा अच्छा माहौल नैना के नाराज होने से बिगाड़ सकता है। हम दोनों एक साथ एक दूसरे से दूर हुए पर मेरा एक हाथ अभी भी नैना को उसकी कमर से पकडे था। वो मेरी तरफ देख अभी भी मुस्कुरा रही थी और मैं भी मुस्कुरा रहा था।

नैना: "तो फिर तुम चल रहे हो उर, तुम देख पाओगे प्रेरणा को!" लगता था जैसे नैना अपना वादा भूल गयी थी। उसने बोला था की वो भी प्रेरणा की तरह कपड़े खोल कर रहेगी ताकि मुझको प्रेरणा के लिए बुरा लगे। मैने हामी भर दी की मैं उधर आउगा। वहाँ रहूँगा तभी तो नैना को अपना वादा याद आएगा की उसको भी कपड़े खोलने हैं, हालांकि उसके यह ऑफर देने के बाद मैंने खुद ही उसको मना बोल दिया था पर फिर भी मुझे आशा थी। नैना खुश हो गयी और मुझे और प्रेरणा को अपने घर आने का बोल कर जाने लागी। मैंने नैना को और खुश करने के लिए बोला की वो उन कपड़ो में बहुत सुन्दर लग रही है। नैना मेरी तरफ मुड़ी और अपने दोनों हाथ चौड़े कर फैलाते हुए खुद को ऊपर से नीचे देखा और मुझे थैंक यू बोली और फिर वह से चली गायी।

मै ड्राइंग रूम में बैठा अब प्रेरणा का वेट कर रहा था। थोड़ी देर बाद वो बाल खुले रख सवार कर आयी थी और थोड़ा मेकअप भी कर लिया था। हमारे बच्चे को खिला पिलर कर सुला दिया और बेबी मॉनिटर चालु कर दिया ताकि अगर वो हमारे जाने के बाद उठे तो हमें पता चल जाए। अब मै प्रेरणा के साथ मिहिर और नैना के फ्लैट पर पहुंच। मिहिर ने उस दिन आर्टिस्ट लोगो के फेवरेट कपड़े कुरता और पाजामा पहने था। हम सब लोग बैठ गए और मिहिर ने पूछा की हमने कौन सी तस्वीर बनवाने का डीसाइड किया है। प्रेरणा अब थोड़ी मुस्कान के साथ मेरी तरफ देखने लगी। इस बारे में तो मैंने सोचा ही नहीं था। मैंने वो निर्णय प्रेरणा पर छोड़ दिया की जो उसको पसन्द हो। मगर प्रेरणा ने बोली की मैं बड़ी मुश्किल से माना हूँ तो वो मेरी पसन्द की ही तस्वीर बनवाएगी। एक ही ऐसी तस्वीर थी जिसमे मुम्मे और चुत ढकी हुई थी जिसमे वो लड़की रो रही थी, मगर प्रेरणा ने पहले ही उसके लिए मना बोल दिया था की उसको हैप्पी वाली पेंटिंग बनवानी है। मैने फिर उसको वो वाइट भीगी हुई साड़ी वाली तस्वीर के लिए हां बोल दिया। प्रेरणा ने भी गरदन हिला कर हामी भर दि।
Like Reply
#18
फिर नैना उठ कर गयी और थोड़ी देर में अपने हाथ में एक वाइट कपड़े को गीला कर बाहर लायी। मैं सोच रहा था की दो कपड़े होंगे, एक प्रेरणा के लिए तो दूसरा नैना के लिये। मगर मुझे निराशा हाथ लगी। नैना अपना वादा शायद भूल गयी थी की उसको भी प्रेरणा की तरह कपड़े पहनने होंगे। मुझे उसको याद दिलाना था पर ऐसे खुल कर बोलूँगा तो उसको भी लगेगा की मैं उसको नंगा देखना चाहता हू। मुझे उसको याद दिलाने के लिए कोई दूसरी ट्रिक उसे करनी थी।


पराग: "प्रेरणा तुम्हे अकेले इस तरह खड़े शर्म तो नहीं आएगी ?"

यह कहते हुए मैंने नैना की तरफ भी देख। वो मेरी बात सुनते हुए मेरी तरफ ही देख रही थी। फिर वो प्रेरणा की तरफ देखने लागी। प्रेरणा बोलि की वो तो बाकी की तस्वीरो के लिए भी मेंटली पहले से ही रेडी थी। (प्रेरणा अगर थोड़ा भी हिचकिचातीं तो शायद नैना भी उसका साथ देने अपने कपड़े खोल लेती। मगर मेरी ट्रिक ने काम नहीं किया।)

नैना ने वो गीली साड़ी साथ लिए प्रेरणा को अपने बेडरूम में आने को बोली। मुझे याद आया की उसके बेडरूम में तो नैना की वो तस्वीर लगी हैं जिसमे वो पूरी नंगी हैं और उसके मुम्मे और चुत भी दिखेगी। असली में ना सही कम से कम मैं तस्वीर में ही नैना के नंगे बदन को देख उगा। यह सोच कर मैं भी उठ खड़ा हुआ उनके साथ जाने के लिये। मगर प्रेरणा ने मुझको रोक दिया की मैं उसके साथ क्यों रहा हूं? उसको तो नैना तैयार कर देगी। अब मैं उसको कैसे बताता की मैं नैना की नंगी तस्वीर देखने आना चाहता था। और दोनों बेडरूम में चली गइ। मिहिर ने मुझको नर्वस देख कर चिंता ना करने की बात काहि। मुझे उस वक़्त मिहिर बहुत किस्मत वाला लग रहा था। उसको नंगी लड़कियों की तस्वीर बनाने का मौका जो मिलता था।

तोड़ि देर बाद नैना और प्रेरणा बाहर आइ। वो सफ़ेद गीला कपडा प्रेरणा के मुम्मो से चिपका हुआ था और प्रेरणा के मुम्मे और निप्पल साफ़ दीख रहे थे। वो कपडा प्रेरणा के नीचे की कमर से भी लिप्त हुआ था और नाभि के नीचे बँधा हुआ था। चुत के ऊपर के हिस्से पर उसकी दोहरी परत थी तो चुत छूप गयी थी। मागर उस गीले कपड़े के शारीर पर चिपके होने से प्रेरणा की गोरी जाँघे दीख रही थी। प्रेरणा अब नैना के कहने पर उसकी तरफ मुडी तो प्रेरणा की गोरी गाँड के दोनों गाल भी सफ़ेद साड़ी में साफ़ दिखाई दिये। वो सफ़ेद कपडा पहने या ना पहने हो ,कोइ फर्क नहीं था, सब अंग तो दीख ही गए थे। मैंने मिहिर को देखा जो बिना पलक झपकाये प्रेरणा की गाँड को ही घूर रहा था। मैने तस्वीर के लिए हां तो बोल दिया था पर अब मैं पछता रहा था। मगर प्रेरणा को यह बात समझ ही नहीं रही थी। प्रेरणा फिर हमारी तरफ मुड़ी और मिहिर ने बोला "ब्युटीफूल, बहुत अच्छे" यह सुनकर प्रेरणा थोड़ा शर्मा गायी। मैंने मौका देखकर फिर पुछ ही लिया की प्रेरणा तुम ऐसे अकेले शर्मा तो नहीं रही ?

प्रेरणा ने बोला की थोड़ी शर्म तो आएगी हि, पर अभी उसको गीले कपड़ो में ज्यादा असुविधा हो रही हैं और थोड़ी ठण्ड भी लग रही है। मै देख सकता था की प्रेरणा के गोर शारीर पर ठण्ड से रोंगटे खड़े हो गए थे। नैना ने भी यह नोट किया और उसने प्रेरणा से पूछा की वो ठीक तो हैं। मिहिर ने याद दिलाया की इस तरह प्रेरणा को -- घन्टे खड़े रहना पडेगा। प्रेरणा गीले कपड़ो में अब और भी ज्यादा कापने लगी। नैना बोली की यह नहीं करते हैं, कोई दूसरी तस्वीर तय करते है। प्रेरणा कापते हुए मेरी तरफ परमिशन के लिए देखने लगी। या तो मैं अपनी बीवी को ठण्ड से ठिठुरने दू या फिर तस्वीर बनाने से मना कर दू। मैने मिहिर को पुछ ही लिया की ऐसी कोई तस्वीर नहीं की जिसमे सूखे कपड़े पहने हो और ठण्ड ना लागे। मिहिर बोला की तस्वीर तो हैं पर प्रेरणा ने खुद यह वाला सब्जेक्ट चुना हैं जो की क्लासिक थीम में आता है। तब मेरा माथा ठनका। मुझे लगा था की मिहिर खुद ऐसी नंगी तस्वीर भेज कर मेरी बीवी को फँसा रहा था पर प्रेरणा ने खुद यह सब्जेक्ट चुना था।

NEXT एपिसोड में जानिये क्या प्रेरणा अपनी नंगी तस्वीर बनवायेगी और पराग मानेगा?
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#19
गीले सफ़ेद कपड़े में प्रेरणा को तकलीफ हुई और अब उनको कोई और तस्वीर चुननि थी। आगे की कहानी पराग की जुबानी जारी हैं ...


अब नैना ने फिर बोला की इनमे से कोई भी तस्वीर चुन लो सब में प्रेरणा बहुत क्लासिक दीखेगी और मुझे भी वो तस्वीर पसन्द आएगी। फिर मैंने सोचा की प्रेरणा का नंगापन तो लगभग दीख ही गया हैं तो अब क्या छुपान। पहले मेरे हां बोलने पर उसने मुझे इतना अच्छा गले लगया था। अभी अगर मना किया तो नैना मेरे बारे में क्या सोचेगी। मैने प्रेरणा को बोल दिया की वो अपनी पसन्द की कोई भी तस्वीर चुन सकती है। प्रेरणा खुश हो गयी और नैना के साथ फिर बेडरूम में चली गायी। मैंने हां तो बोल दिया पर अब मुझे डर लग रहा था, की कंही प्रेरणा वो वाली तस्वीर चुनले जीसमे बूब्स और चुत दोनों ही दीख रहे थे और वैसी तस्वीर नैना ने भी अपने लिए बनवायी थी। अगर नैना भी प्रेरणा की तरह पॉज देती तो शायद मेरा दुःख थोड़ा कम हो भी जाए पर नैना को तो अपना वदा याद ही नहीं रहा था की वो उसको भी प्रेरणा की तरह कपड़े खोल कर रहना हैं। 

जल्दी ही प्रेरणा और नैना बाहर आए। प्रेरणा ने एक शाल ओढ़ रखा था। मैं दुआ कर रहा था की प्रेरणा ने वो रोती हुई लड़की वाली तस्वीर चुनि हो जिसमे मुम्मे और चुत दोनों ढकी हुई थी। नैना ने आगे बढ़कर बोल दिया की प्रेरणा ने वो साइड पॉज चुना था जिसमे उसकी चुत जाँघ के पीछे छुपि होगी और निप्पल उसके लम्बे बालो के पीछे रहेंगे, मगर शारीर पर एक भी कपडा नहीं होगा। नैना ने मिहिर को बोला की वो आकर प्रेरणा को सही पॉज में बैठा दे। नैना अब मेरे पास आकर बैठ गयी और मिहिर उठ कर प्रेरणा के पास पहुंचा।

नैना ने अपने ठण्डे नाजुक हाथ मेरे हाथ पर राख कर अपनी पलके झपका कर मुझे दिलासा दिलाया की कुछ नहीं होगा और मैं रिलैक्स करू। मैं भी नकली में ही सही पर मुस्कुरा दिया। मिहिर ने जाकर अपनी फ्रेम के हिसाब से एक बेँच लगा दी जिसपर बैठने के लिए चमड़े का कुसन था। प्रेरणा अब उस बेँच पर जाकर बैठ गायी। मिहिर ने उसकी शाल निकाल दि। प्रेरणा थोड़ा सा हिल गयी और थोड़ा शर्मायी। उसके बदन पर अब एक भी कपडा नहीं था। जल्दी ही उसका पूरा गोरा रंग शर्म से लाल पड़ चूका था। प्रेरणा अपनी दोनों टाँगे मोड़ कर तकते पर बैठी थी और उसकी नंगी गोरी जाँघो के पीछे उसकी चुत छिपी थी। प्रेरणा ने अपने लम्बे बाल पहले ही आगे कर रखे थे जिस से उसके बूब्स और निप्पल बालो से ढके हुए थे। मेरे लिए यह बड़ी अजीब स्तिथी थी। एक ही अच्छी बात थी की नैना मेरे एकदम पास बिठी थी और उसके बदन की महकती खुश्बू मुझे रही थी। उसका एक हाथ मेरे कंधे पर था और मुझे दिलासा दे रही थी। मिहिर बोला की प्रेरणा के बाल कुछ ज्याद ही लम्बे है, और तस्वीर के हिसाब से उसके बाल थोड़े छोटे होने चाहिए। मुझे पता था की तस्वीर के हिसाब से सिर्फ निप्पल तक का हिस्सा ही बालो से ढाका होना था और निप्पल के नीचे से बूब्स का उभार आधा दीखना चाहिए था। 

मिहिर ने प्रेरणा से पूछा की वो बाल जैसे ही रहने दे या बाल इंच काट कर तस्वीर की तरह थोड़े छोटे कर दे। प्रेरणा ने उसको बाल काटने को बोल दिया। मिहिर ने पास में पड़ी कैंची ले ली और काफी सरे बाल पीठ पीछे कर दिए और आगे की तरफ उतने ही बाल रखे जितने से निप्पल छूप पाये। फिर उसने प्रेरणा के बाल उठा कर अपनी दो उंगलियो के बीच फसाये। ग़लती से उसकी ऊँगली प्रेरणा के बूब्स से थोड़ा टकरा गयी और प्रेरणा पूरा हिल गयी। मैं भी यह देख एक झटका खा गया और अपनी जाँघो पर रखा हाथ पीछे हटा कर रखा तो वो जाकर पास में बैठी नैनाकी जाँघोपर जा लगा। मैं तिरछी नजरो से महसूस कर पाया की नैना ने मेरे हाथ को देखा है पर फिर भी उसने कुछ नहीं बोली। उसको भी मेरी नर्वस हालत पता थी। मैंने भी फिर अपना हाथ उसकी जाँघो से नहीं हटाया।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply
#20
उधर मिहिर ने अपनी ऊँगली के बीच फँसे प्रेरणा के बाल काट दिए, अब प्रेरणा के बूब्स का उभार दिखाई दे रहा था। मेरा हाथ अभी नैना की जाँघ पर नायलोन के बने पलाज़ो के अंदर की नाजुक त्वचा को महसूस कर रहे थे। ग़लती से ही सही पर मेरा हाथ नैना की जाँघो के काफी उपरी भाग पर लगा था, जहा से उसकी चुत - इंच से ज्यादा दूर नहीं थी। मेरा हाथ तो नैना की चुत की गर्मी को भी जैसे महसूस कर रहा था। प्रेरणा के दोनों बूब्स से बाल काटने के बाद मिहिर पीछे हट कर देख रहा था। मैं देख सकता था की प्रेरणा के मुम्मो के ऊपर उसके रोंगटे खड़े हो गए थे और उसकी त्वचा पर दाने उभर आये थे। प्रेरणा के बड़े साइज के मुम्मे उसके थोड़े से बालो से छूप नहीं पा रहे थे और उसके मुम्मे लगभग पुरे दीख रहे थे। गनीमत थी की उसके तीखे निप्पल छुपे थे पर निप्पल के ऊपर के बाल निप्पल की वजह से थोड़े ऊपर उठे हुए थे। मिहिर ने अब जाकर प्रेरणा के घुटनो पर एक हाथ रखा और दूसरा प्रेरणा के कुल्हो पर रखा ताकि सही पोजीशन में ला पाये।


एक पराये मर्द को अपनी बीबी के नंगे बदन पर हाथ लगाते देख मैंने अपनी हथेलिया बंद करने की कोशिश की। मगर जो हाथ नैना की जाँघ पर रखा था उस हाथ की उंगलियो ने नैना की जाँघ को दबा दिया। नैना भी मेरी हालत समझ गयी थी और उसने मेरा कन्धा थोड़ा जोर से दबा कर मुझे नार्मल करने की कोशिश की। नैना की मक्खन जैसी जाँघो को दबा कर मैं उसके मुम्मे दबाने वाली फीलंग ले रहा था। मिहिर ने थोड़ा पीछे हटने के बाद प्रेरणा के पॉज का जायजा लिया और फिर आगे बढ़कर प्रेरणा के हाथ को थोड़ा पीछे खिसकाय ताकि बूब्स का साइड से पूरा उभार दीखता रहे। फिर मिहिर ने प्रेरणा के आगे वाले बूब्स को नीचे से थोड़ा पकड़ा और मैं पूरा हिल गया और मेरा लंड मेरी पेंट में एकदम खड़ा हो गया। मेरा हाथ हिला और नैना की जाँघ पर थोड़ा और ऊपर खिसका। 

अनजाने में यह होने से मेरा निषाना बिगाड़ गया और नैना की चुत की तरफ जाने की बजाय मेरा हाथ उसके कुल्हे की हडडी की तरफ चला गया और मैंने नैना के पलाज़्ज़ो के अंदर पहनी उसकी पेंटी को महसूस किया और मुझे करेंट सा लगा। नैना भी मेरी इस हरकत पर थोड़ा हिल गयी थी पर उसने भी सुकर मनाया होगा की मेरा हाथ उसकी चुत पर नहीं लगा था। मैं अभी भी उसकी तरफ नहीं देख रहा था। नैना ने अब मेरी उस कलाई को पकड़ लिया जो उसकी जाँघ के ऊपर थी। वो शायद अब मेरी हरकत को रोकने की कोहिश कर रही थी, पर मैंने अनजान बने रहना ठीक समझा। जितना नर्वस मैं था, उतनी ही नर्वस प्रेरणा भी थी मेरे अलावा पहली बार किसी मर्द ने उसके मुम्मो को छुआ था और उसको इसकी उम्मीद नहीं थी।

प्रेरणा के हाथ पैर काँप रहे थे और मिहिर ने उसको रिलैक्स होने को बोला और चेहरे पर स्माइल लाने को बोला जो की अच्छी तस्वीर के लिए जरुरी था। प्रेरणा अपने चेहरे पर एक नकली मुस्कराहट लायी पर सबको पता चल रहा था की वो नर्वस हैं। मिहिर भी उसको वंही छोड़कर थोड़ा दूर हट गया। नैना ने मेरी कलाई पकड़ राखी थी पर अब मैं अपनी उंगलियो से उसके पलाज़्ज़ो को रगड कर अंदर पहनी पैंटी को भी कुरेद रहा था। नैना ने मेरा हाथ पकड़ कर उठा दिया और मैंने उसकी तरफ देख कर उसको सॉरी बोलै जैसे मुझे अब तक क्या हुआ पता ही नहीं था। प्रेरणा अब तक थोड़ी नार्मल हुई तो मिहिर फिर आगे बढा और प्रेरणा की जाँघ को पकड़ कर थोड़ा नीचे किया। मैं भी थोड़ा हिला पर नैना ने अपना हाथ जो मेरे कंधे पर था उसको मेरे पीठ पर राख फेरने लगी। प्रेरणा को मिहिर ने इस तरह घुमाया की अब प्रेरणा की नाभि जाँघो के पीछे से बाहर गयी थी और नाभि के नीचे का थोड़ा हिस्सा भी दिखने लगा था। हम तो थोड़ा दूर बैठे थे पर मिहिर तो प्रेरणा के पास ही खड़ा था, उसको तो प्रेरणा की चुत भी दीख ही गयी होगी। फिर मिहिर ने प्रेरणा के पैर को थोड़ा और नीचे खिसकाना चहा पर प्रेरणा का पैर बेँच से फिसल कर जमीन पर गिर गया। शायद प्रेरणा ने अपने बदन को चमकाने के लिए कोई लोशन या आयल इस्तेमाल किया था। मगर पैर फिसलने से प्रेरणा की चुत दीख गयी, जो एकदम सफाचट थी। प्रेरणा ने मुझे कहा था की वक़्त आने पर वो अपनी चुत के बाल साफ़ करेगी और आज शायद वो वक़्त गया था।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply




Users browsing this thread: 3 Guest(s)