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Misc. Erotica IK BECHARA BHAI
#81
Super story keep it up
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#82
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#83
तकरीबन 30 मिनट में झोपड़ी के दरवाजे पर खड़ा था... शाम ढलने लगी थी और जंगल में अंधेरा जल्दी हो जाता है.... मेरे मन में डर रहा था कि यह गुंडे मेरी रूपाली दीदी के साथ रात भर जंगल में मंगल  करेंगे... झोपड़ी के अंदर से आवाज लगभग बंद हो चुकी थी... मेरी दीदी की धमाकेदार चुदाई का तूफान अब शांत हो गया था... बड़ी हिम्मत करके मैं झोपड़ी के अंदर घुसा... अंदर का माहौल देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो... असलम मेरी दीदी की फटी हुई  चोली से लौड़ा  साफ कर रहा था.... मेरी दीदी की  ब्रा सुरेश के लोड़े पर पड़ी हुई थी... सुरेश ने मेरी दीदी की ब्रा में मुट्ठ मार दिया  था...मेरी दीदी की ब्रा  बिल्कुल गीली हो गई थी सुरेश की मलाई से... वह नीचे  नंगा लेटा  हुआ था... जुनैद मेरी दीदी के बगल में खड़ा था.. उसके मुरझाए हुए लंड  पर खून लगा था... और मेरी दीदी... मेरी सुहागन संस्कारी  दीदी नंगी खड़ी थी  उन तीनों के बीच.... मेरी रूपाली  दीदी की चूत, गाण्ड और चूंचियां तीनों का कचुंबर निकल चुका था... यहां तक कि मेरी दीदी का पूरा चेहरा भी वीर्य से  भीगा हुआ चमक रहा था... उनकी चूचियों पर उनके मंगलसूत्र  यहां तक कि उनके मांग में सिंदूर की जगह उन गुंडों की मलाई भरी हुई थी... दीदी की योनि से  वीर्य टपक रहा था... दीदी की गांड से खून निकल रहा था जो उनकी  जांघों पर फैला हुआ था..
 शायद यह वही  जुनैद के लोड़े पर लगा हुआ था... खून निकाल दिया था मार मार के  जुनेद  ने मेरी दीदी की  गांड से... खून खच्चर होने के बाद शायद वो  लोग रुक गए थे... एक बड़े घर की संस्कारी बहू मेरी रूपाली दीदी की गांड मार मार के जुनैद ने अपने लोड़े से फाड़ दिया था... रूपवती और गुणवती होने का घमंड मेरी दीदी का चूर चूर हो चुका था.. अपनी दुखती हुई  गांड      को थामे हुए और चूत से टपकते हुए  माल को   हाथ से छुपाते हुए मेरी दीदी  नंगी खड़ी थी मेरे सामने और रो रही थी...... मेरी दीदी की चूत  का भी भोसड़ा बन चुका था.... मैं चुपचाप खड़ा असमंजस की स्थिति में सब कुछ देख  रहा था... मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं और क्या करूं.....
 असलम मेरे पास आया... अभी भी मेरी दीदी की चोली से अपने लोड़े को साफ  कर रहा था... उसने मेरे कंधे पर हाथ रख  मुझे समझाने की कोशिश करने लगा...
. देख तो अच्छा लड़का है... यहां कुछ कांड हो गया था तेरी दीदी के साथ... जुनैद ने कुछ ज्यादा ही जोर लगा दिया था और तेरी दीदी की गांड फट गई है... साले का लौड़ा भी तो देख कितना बड़ा है... हारामी है  जुनैद.... गांड मारते हुए पागल हो जाता है... और तेरी दीदी की गांड भी तो ऐसी है कोई   भी  मारेगा... इस हरामजादे  ने  थूक भी नहीं लगाया था और सूखा सूखा  मार रहा था.. अंदर का छल्ला फट गया तेरी दीदी का... इसीलिए खून निकल रहा है... तू एक काम कर जा और अपनी दीदी के कपड़े का बैग लेकर आ जा.. असलम ने मुझसे कहा.....
 अब मैं अपनी दीदी की फटी हुई  गांड लेकर कहां जाऊं... डॉक्टर के पास भी तो नहीं जा सकता .. ऐसा मैंने मन ही मन कहा और झोपड़ी से बाहर निकल गया.. ऑटो में पड़ा हुआ मैंने दीदी की कपड़ों का बैग उठा लिया और उनके पास लाकर रख दिया.... मेरी दीदी लड़खड़ाते हुए कपड़ों का बैग  खोलने लगी.... उन्होंने  कुछ कपड़े निकाले और जमीन पर रख दिया और लड़खड़ाते हुए झोपड़ी के कोने में गई जहां पर पानी रखा हुआ था दीदी ने अपने बदन को पानी से साफ किया खासकर अपनी योनि को अपनी गांड को और चूचियों को... दीदी ने एक पुरानी  पेंटी उठाकर   पहनी...... दीदी ने अपना लहंगा भी पहन लिया.... दीदी ने बैग से  अपनी चोली निकाल ली और उसे पहनने की कोशिश  करने लगी.. चोली कुछ ज्यादा ही तंग थी.... और मेरी दीदी की बड़ी-बड़ी उन्मुक्त चूचियां उसमें बिल्कुल भी नहीं समा रही थी... मेरी दीदी बेहद प्रयास कर रही थी.... बड़ा ही कामुक  दृश्य था.... एक भरे पूरे  यौवन की मालकिन मेरी रूपाली दीदी अपनी चुचियों को अपनी चोली में  घुसाने का प्रयास कर रही थी पर बार-बार असफल हो  रही थी.... झोपड़ी में मौजूद चारों मर्द इस दृश्य को आंखें फाड़ फाड़ के देख रहे थे.. मैं भी.. सगा भाई होने के कारण में उनकी कोई मदद नहीं कर सकता था... पर पेंट के अंदर मेरा लौड़ा एक बार फिर  ठुमका मारने लगा था.... असलम ने मेरी दीदी की मदद की... उसने जबरदस्ती मेरी दीदी की  दोनों दुधारू चुचियों को पकड़  उनकी चोली के अंदर  घुसा दिया.. चोली  तंग थी सो दीदी की आधी चूचियां बाहर झांक  रही थी... सुरेश लोढ़ा अपने हाथ में थामे हुए पूरे दृश्य का मजा ले रहा था.. असलम ने ही मेरी दीदी को साड़ी पहनाई.. साड़ी पहनाने के दौरान वह मेरी दीदी के अंगों को  निचोड़ डाला.... उसने मेरी दीदी की दोनों चूचियों को चोली से बाहर निकाल  के चूसा.. दबाया काटा और  चाटा... उसने  मेरी छम्मक छल्लो रूपाली दीदी की दोनों चूचियों को   निचोड़ कर  सारा का सारा दूध पी लिया.. मैं सब कुछ चुपचाप देख रहा था... दीदी भी कोई विरोध नहीं कर रही थी... अब तक जो कुछ भी हुआ तो मेरी दीदी के साथ उसके आगे तो यह कुछ भी नहीं था... मन ही मन में खुश था कि  हमें घर जाने का मौका मिलेगा... असलम ने एक बार फिर मेरी दीदी को अपनी गोद में उठा  लिया... वह बिल्कुल नंगा था पर मेरी दीदी  कपड़ों में थी...  एक एक करके हम लोग  झोपड़ी से बाहर निकलने लगे... सबसे पहले असलम और उसके लंड पर बैठी हुई मेरी संस्कारी  रूपाली दीदी... उनके पीछे गोद  मैं मुन्नी  को लेकर और एक हाथ से उनके कपड़ों का बैग उठा कर  .... मेरे पीछे सुरेश.. उसने अपने कपड़े पहन  लिए थे... और सबसे पीछे जुनैद वह अभी भी नंगा था... उसके हाथ में दारू की बोतल थी जिसे  वह पी रहा था.... असलम ने मेरी दीदी को ऑटो के अंदर बैठा दिया... मैं भी मुन्नी को लेकर चुपचाप दीदी के बगल में बैठ गया ... जुनेद सुरेश के साथ बगल में खड़ा कुछ बातें कर रहा था... वह सुरेश को कुछ समझा रहा था.... हमें कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था...... असलम मेरे और दीदी के पास ही था... उसने एक हाथ से मेरी रूपाली दीदी की एक  चूची दबोच ली... दीदी ने कोई विरोध नहीं किया.....
 देख  साली.. हमारा इरादा सिर्फ तेरी चुदाई  करने का था... मुझे नहीं पता था कि तेरी फट जाएगी और खून निकलने लगेगा... वैसे भी इतनी ज्यादा नहीं  फटी है.... एक काम करना तू.... डॉक्टर के पास जाने की कोई जरूरत नहीं है... आराम से अपने घर जा.. बस रात को सोने से पहले अपनी गांड में गरम गरम करुआ तेल डाल लेना... थोड़ा  जलेगा और दर्द भी बहुत होगा पर  सुबह तक फिर सील पैक हो जाएगी तेरी गांड.... असलम ने मेरी दीदी को कहा...
 और   सुन बहन चोद  तू भी... हमने तेरी दीदी की चूत का भोसड़ा तो बना दिया है पर साथ साथ तेरी दीदी की चूत  मैं ढेर सारी मलाई  भी भर दी है.... तुझे पता है ना इसका क्या मतलब होता है... तेरी दीदी प्रेग्नेंट हो सकती है... और तू फिर से मामा बन सकता है..... अपनी दीदी को रास्ते में वह ना प्रेग्नेंट होने वाली गोली खिला देना... समझ गया ना .... असलम ने मुझसे कहा और ऑटो से बाहर निकल गया... दीदी अपने कपड़े ठीक करने लगी... सुरेश  अपने ड्राइवर वाली सीट पर बैठ गया था... असलम में सुरेश को भी कुछ हिदायत दी.... और हम लोगों को वहां से विदा किया... दोनों गुंडे नंगे खड़े हुए अपना लौड़ा हाथ में पकड़ के हम लोग को वहां से जाते हुए देख रहे थे... मैंने  राहत की सांस ली... और शायद मेरी दीदी ने भी... सुरेश ने ऑटो के अंदर की लाइट जला रखी थी... रात हो चुकी थी...  वह धीरे धीरे चला रहा था.. सुनसान सड़क पर... ना तो मुझ में और ना ही मेरे दीदी में हिम्मत थी कि उसे बोले कि ऑटो  तेज चलाएं.... इसी दौरान मुन्नी रोने लगी उसे  भूख लगी हुई थी.... रूपाली दीदी ने मुन्नी को गोद में ले लिया... उन्होंने चोली से अपनी चूची बाहर निकाल  के मुन्नी के  मुंह में  दे दी... और साड़ी के आंचल से अपने सीने को  ढक लिया.. वैसे तो ट्रांसपेरेंट साड़ी होने के कारण सब कुछ  दिख रहा था... ऑटो की फ्रंट मिरर को एडजस्ट करके सुरेश ने मेरी रूपाली दीदी पर कर दिया था ..आंखों से मेरे दीदी को चोदा था सुरेश... मुन्नी और जोर जोर से रोने लगी... शायद मेरी दीदी की  चूची में दूध  बचा नहीं था... मुन्नी की दहाड़ सुनकर मेरी दीदी ने अपना मुंह ऑटो के बाहर  की तरफ घुमा दिया..... सुरेश से नजर बचाकर मेरी दीदी ने अपनी चूची  पकड़ के  पंप  किया... एक बार ..दो बार ...तीन बार.... दीदी की चूची में दूध तो बचा ही नहीं था तो निकलेगा कैसे... दीदी ने मुन्नी को पलट के अपनी दूसरी चूची से लगा लिया.... वहां भी ऐसे ही सूखा पड़ा हुआ था..
 भाभी जी सारा  दूध तो गुंडों को पिला कर आई हो... कहां से निकलेगा दूध..... बड़े ही कामुक लहजे में सुरेश ने कहा...
 दीदी शरमा गई मैं भी  झेप  गया...
 तुम अपने काम से  मतलब रखो.... ज्यादा बकवास मत करो... गुस्से में दीदी ने कहा पर उनकी बातों में आत्मविश्वास की कमी थी... हाय रे तेरे नखरे... छम्मक छल्लो... हाय हाय ... तेरे नखरे से  मेरा लौड़ा  बेकाबू हो रहा है... जी चाहता है तुझे अभी यहीं पर पटक पटक कर चोद दूँ... छमिया....... दीदी के गुस्से का सुरेश पर कोई  प्रभाव नहीं पड़ा... बल्कि वह और भी  उत्तेजित हो गया था... उसने बीच सड़क पर  अपनी ऑटो रोक  दी..
 सुरेश भाई  आपने  गाड़ी क्यों  रोक दी आप चलो ना प्लीज... हमें घर पहुंचा दो............ मैंने सुरेश से गुहार लगाई... मेरी दीदी  चुप हो गई थी... सुरेश ने जिस प्रकार  मेरी दीदी को कामुक लहजे में जवाब दिया था... दीदी  घबरा गई थी.... मैंने मौके की नजाकत समझते हुए सुरेश की चापलूसी करना ठीक समझा..
   बहन चोद तू तो लड़का अच्छा है... पर यह तेरी दीदी बड़े नखरे दिखाती है.... गांड मरवा कर आ रही है... मादरजात... फिर भी इसके  नखरे देख.... सुरेश ने पीछे मुड़ के मुझसे कहा... इस रंडी को  बोल कि अपनी बच्ची को अच्छे से दूध पिला दे... फिर मैं ऑटो चला लूंगा... वरना हम लोग यहीं खड़े रहेंगे...  सुरेश ने मुझे कहा और मेरी दीदी को भी..........
 उसकी बात सुनकर दीदी  ऑटो से उतर गई... साथ ही साथ सुरेश और पीछे पीछे मैं भी... मेरी दीदी ऑटो के पीछे गई और उन्होंने अपनी चोली खोल दी.... खुले आसमान में मेरी दीदी की दोनों चूचियां बाहर  हिल रही थी.... सुरेश और मैं उनके आसपास खड़े देख रहे थे.... दीदी अपनी चूचियों को अपने हाथों से दबा दबा के दूध निकालने का प्रयास कर रही थी... थोड़ा बहुत दूध निकल भी रहा था और मुन्नी पी रही थी... दीदी खूब प्रयास कर रही थी.... अचानक सुरेश ने लौड़ा पेट से बाहर निकाला और  पेशाब करने लगा मेरी दीदी के सामने... पेशाब करने के बाद भी उसने अपना  लोड़ा पैंट में डालना जरूरी नहीं समझा... और मेरी दीदी के सामने तान के हिलाने लगा... शर्म और हया के मारे मेरी  दीदी पानी पानी हो रही थी... बगल में खड़ा मैं भी सब कुछ देख रहा था..... पर मेरी दीदी की मजबूरी थी कि  दूध पिलाय मुन्नी को.... दीदी अपने दोनों हाथों से अपनी दोनों चूचियों को नीछोड़कर दूध पिला रही थी  मुन्नी को और सामने खड़ा सुरेश अपना लौड़ा हिला  रहा था मेरी दीदी को देख कर..
 भाभी जी ....ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है.. गांड में.... उस गुंडे ने फाड़ दि.. हाय... सुरेश मेरी दीदी के मजे लेना चाहता था.....
 मेरी दीदी ने कोई जवाब नहीं दिया... वह अपने काम में लगी रही...
 साली रंडी..... देख मेरा  लोड़ा ... सुरेश ने कहा और मेरी दीदी ने तिरछी नजरों से  उसके लोड़े को देखा..... पटक पटक के चो दूंगा तुझे  साली... रंडी...... सुरेश मेरी दीदी की चूची को निहारते हुए अपना लौड़ा हिला रहा था और बक रहा था...
 मेरी दीदी ने जी तोड़ मेहनत की और अपनी चूचियां दबा दबा के मुन्नी को दूध पिलाया... भर पेट दूध पीने के बाद  सो गई मुन्नी... दीदी ने  सोने के बाद मुन्नी को मेरी गोद में दे दिया,...... मैं मुन्नी को गोद में लेकर ऑटो के अंदर जाकर बैठ गया....... मुझे लगा कि मेरी रूपाली दीदी भी पीछे-पीछे मेरे पास आकर बैठ जाएगी...... पर मेरी दीदी के इरादे कुछ और ही थे.....
 दीदी बीच सड़क पर जाकर खड़ी हो गई.. उन्होंने अपनी चोली उतार कर फेंक दे.... साड़ी भी.... दीदी ने अपने लहंगे का नाडा खोला ... सड़क पर  गिरा हुआ था मेरी दीदी का लहंगा... उन्होंने अपनी पैंटी भी उतार दी.. बिल्कुल नंगी खड़ी हो गई थी मेरी दीदी बीच सड़क पर..
.आहह..एम्म ! चोदो मुझे.. ! प्लीज़ मुझे चोदो…आह ह्ह्ह्ह.. और मत तड़पाओ… एक हाथ से अपनी चूची को पकड़े हुए और दूसरे हाथ की बीच वाली उंगली अपनी योनि में अंदर-बाहर करती हुई मेरी रूपाली दीदी सुरेश को पुकार रही थी.....
 दीदी का ऐसा रूप देखकर मैं हतप्रभ था.... सड़क छाप रंडी की तरह व्यवहार कर रही थी मेरी दीदी....
मुझे चोदो…आह ह्ह्ह्ह..... मेरी दीदी बोल रही थी सुरेश को देखते हुए..
 क्या हुआ बहन के लोड़े... तेरा लंड मुरझा गया क्यों ... साले हिजड़े आजा मेरे ऊपर चढ़ जा... मुझे पटक पटक के चोद बीच सड़क पर.... मैं तो रंडी  तेरी... क्या सोच रहा है कुत्ते .. दीदी अपने बीच वाली  उंगली को अपनी योनि के अंदर बाहर करते हुए  बीच सड़क पर नंगी खड़ी सुरेश को बोल रही थी... मेरे रूपाली दीदी ने चंडी रूप धारण कर लिया था... मैं तो घबरा उठा  साथ ही साथ सुरेश  का लंड भी बेकाबू हो गया मेरी दीदी को देखकर.. दौड़ता हुआ वह मेरी दीदी के  पास गया और उसने मेरी दीदी को सड़क पर नीचे जमीन पर पटक दिया... दीदी के ऊपर चढ़के उसने अपना लौड़ा मेरी दीदी की नाज़ुक चूत मे पेल दिया और  चकाचक चोदने लगा.... अपनी गांड उठा उठा  दीदी उसको देने  लगी.. मैं चुपचाप  सारा नजारा मशीन की तरह देख रहा था... मेरी रूपाली दीदी ने सुरेश को नीचे पटक दिया और उनके लोड़े पर सवार हो गई मेरी दीदी अब सुरेश को पेल रही थी.... बीच सड़क पर  उसके लोड़े पर उछल रही थी मेरी दीदी.... दीदी का ऐसा रूप देखकर मैं भी विचलित हो गया और सुरेश तो बिल्कुल हैरान परेशान दिख रहा था.... मेरी दीदी उसको ऐसे पेल रही थी जैसे कि एक मर्द किसी औरत को चोदता है.... बेरहम मर्द...... सुरेश का  लोड़ा झटके मारने लगा था...... वह नीचे सड़क पर लेटा हुआ छटपटा रहा था... दीदी उसे पेल रही थी......  ताबड़तोड़.....चार नितम्ब एक दंड से जुड़े, एक दूजे में धँस-धँस जाते... सुरेश और मेरी दीदी  के नितंब... और उनको जोड़ने वाला सुरेश का काम दंड...कम से कम ८ इंच ,लाल गुस्सैल , एकदम तना ,कड़ा गुस्सैल , और मोटा  योनि में अंदर बाहर हो रहा था मेरी दीदी की.... बीच सड़क पर..... मेरी दीदी ने मोर्चा संभाल रखा था....
मेरी तो जान सूख गयी , यह दृश्य देखकर........ सुरेश के लोड़े ने  मेरी दीदी की योनि में अपना माल भर दिया 2-3 ठुमके मार  के.... मेरी दीदी के साथ ही साथ  झड़ गई और सुरेश के ऊपर लेट गई.. कुछ देर उसी तरह लेटे रहने के बाद मेरी दीदी उठकर खड़ी हो गई.. शर्म के मारे मेरी दीदी मुझसे नज़रें नहीं मिला पा रही थी...
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#84
Gazab
Aur update kahan hai..
Yaraa
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#85
Super bhai shandar story kya liikha h apne
Aisi hi likhate raho
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#86
दीदी  नंगी खड़ी हुई थी बीच सड़क पर... उनकी योनि से सुरेश के लोड़े की मलाई टपक रही थी..... मेरी रूपाली दीदी अपनी चूची तान खड़ी थी मेरे सामने... मुन्नी को गोद में ले लिया उन्होंने... सुरेश को बीच सड़क पर पटक के चोदने के  बाद मेरी दीदी की चूचियों में फिर से  दूध भर गया था.. मेरी दीदी मुन्नी को दूध पिलाने लगी... सुरेश बीच सड़क पर नीचे  लेटा हुआ था... उसका लौड़ा दीदी की योनि रस से चमक रहा था.... वह अपने लोड़े को थामे हुए   खड़ा हुआ.... उसका लौड़ा मुरझा चुका था.... पर उसकी मर्दानगी को मेरी दीदी ने जो चोट पहुंचाई थी... वह बेहद गुस्से में था... अपने लोड़े को पकड़कर वह हिलाने लगा... पर उसका लौड़ा खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहा था... उसने बहुत कोशिश की पर वह असफल रहा...... फिर भी उसने हार नहीं मानी........ सुरेश ने मारी रूपाली दीदी को अपनी गाड़ी के बोनट पर झुका दिया और पीछे से उनकी योनि में अपना आधा खड़ा ल** पेल दिया... अपने आधे खड़े लोड़े से ही  वह मेरी दीदी को चोदने लगा... मेरी दीदी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वह  मुन्नी को गाड़ी के बोनट पर रखे उसे अपना दूध पिला रही थी..... 
 साली रंडी ले मेरा लौड़ा ले ले तेरी मां का भोसड़ा ...
 कुत्तिया हरामजादी....  सुरेश गालियां बकता हुआ मेरी दीदी को पीछे से  चोद रहा था  अपने  आधे खड़े  दंड से...  बहुत देर तक सुरेश मेरी दीदी की योनि में हल्के हल्के  चोदता रहा.. मेरी दीदी मुन्नी को दूध पिलाती रही.... दूध पीने के बाद  सो गई थी मुन्नी....... दीदी  मेरी तरफ देख रही थी... मैं समझ गया दीदी क्या चाहती है... मैं ऑटो से बाहर निकला और मुन्नी को अपनी गोद में ले लिया... सुरेश ने को मेरी रूपाली दीदी  पलट दिया और उनकी दोनों चूचियां दबोच के दूध निकाला... दीदी की दोनों टांगें सुरेश के  कांधे पर थी.. दीदी ऑटो की बोनट के सहारे हवा में झूल रही थी... और सुरेश मेरी दीदी की योनि में धक्के पर धक्के मार रहा था अपने मुरझाए हुए लोड़े से... उसके चेहरे पर मायूसी दिख रही थी... मेरी दीदी को चोदने का प्रयास करता हुआ सुरेश  दांत पीसने  लगा और मेरी दीदी को गंदी गंदी गालियां  देने लगा...
 साली रंडी ... कुत्तिया  हरामजादी...ओह्ह आह...
 सुनसान सड़क पर अचानक एक ट्रक हमारे पास से गुजरा... मेरी तो गांड फटी हुई थी मैं और भी डर  गया... ट्रक की हेडलाइट की रोशनी में ट्रक ड्राइवर और उसके  हेल्पर दोनों को मेरी दीदी का पूरा नजारा दिखा... ट्रक की रफ्तार वैसे भी बेहद कम थी.. और ड्राइवर ने  ठीक हमारे ऑटो के बगल में लाकर अपने ट्रक को खड़ा कर दिया... ड्राइवर और उसका साथी दोनों ही  ट्रक की खिड़की से  अपनी गर्दन बाहर निकाल कर देखने लगे मेरी दीदी के जलवे.... डर और शर्म के मारे मेरी दीदी ने अपने दोनों हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया पर उनका बाकी खुला खजाना तो दोनों की निगाहों के सामने खुला पड़ा था... सुरेश भी डर गया था ..उसने अपना लौड़ा दीदी की योनि से बाहर निकाल लिया और अपनी पैंट की जिप बंद करने  लगा... मेरी दीदी अब सड़क पर बिल्कुल नंगी खड़ी थी अपने चेहरे को अपने हाथों से ढके हुए और वह दोनों आंखे फाड़ फाड़ के देख रहे थे ...
 साली क्या मस्त चिकनी माल है बहन चोद.. कितने में चोदने के लिए राजी हुई.... ट्रक ड्राइवर ने  सुरेश से पूछा...
 2  हजार हर शॉट के  लिए.. सुरेश ने जवाब दिया...
 मेरी दीदी वहां से भाग  के ऑटो के पीछे जा  के छुप  गई..
 वह दोनों मेरी दीदी को रंडी समझ  रहे थे... दीदी की साड़ी चोली ब्रा पेंटी सब कुछ ट्रक के नीचे पड़ी हुई थी इसलिए दीदी कपड़े भी नहीं पहन सकती थी... दीदी कबूतर की तरह नंगी  दुबक के बैठी हुई थी ऑटो के पीछे....
 ऐसी रांड के लिए तो 5000 भी कम है ... साली के क्या मस्त चूचियां है... और चूत भी गुलाबी... हाय हाय.. इस कुत्तिया को देखकर तो मेरा लौड़ा खड़ा हो गया... ट्रक ड्राइवर बेहद कामुक अंदाज में बोल रहा था..
 देखो तुम लोग आ जाओ यहां से.. सुरेश ने कहा... वह भी डरा हुआ था पर उसने कठोर  आवाज में कहा..
  तेरी मां का भोसड़ा .. साले... एक बात तो बता... बहन चोद तू बीच सड़क पर रंडी चोदने  क्यों लाया है.... ड्राइवर के साथी ने पूछा... 
मेरे घर में बीवी है... और होटल में जाते तो बेकार में पैसा बर्बाद होता
.. इसीलिए यहां पर लाया था... सुरेश ने उन लोगों को समझाने की कोशिश की...
 चल मान ली तेरी बात  पर यह तो बता कि ऑटो के अंदर यह कौन बैठा है... ड्राइवर ने पूछा तो मेरा गला सूखने लगा...
 यह इस रंडी का दलाल है... सुरेश  ने कहा... मेरी जितनी मिट्टी पलीत होनी थी वह तो हो चुकी थी.. मुझे कुछ बुरा नहीं लगा उसकी बात का... बल्कि मुझे अच्छा ही लगा कि वह मामले को संभालने की कोशिश कर रहा है...
 और इस दल्ले की गोद में यह बच्ची किसकी है... सच सच बता मादरजात... मैंने देखा था उस रंडी के गले में मंगलसूत्र  और उसकी मांग में सिंदूर भी था... उसकी चुचियों से दूध निकल रहा था... कोई भी रंडी गले में मंगलसूत्र मांग में सिंदूर लगाकर बीच सड़क पर  यह सब करने क्यों आएगी.... ट्रक ड्राइवर ने सुरेश से पूछा.
 देखो मेरी बात समझने की कोशिश करो... यह कोई प्रोफेशनल रंडी नहीं है.. यह एक बड़े अच्छे परिवार की बहू है... यह बच्ची भी इसी की है.. और यह लड़का जो बच्ची को गोद में लिए हुए हैं  वह इसका सगा भाई है... कुछ चक्कर ऐसा हुआ कि इसको रंडी बनना पड़ा... पर यह कुछ खास लोगों की रंडी है बस... तुम लोग अब निकलो हमें भी अब घर जाना है.... सुरेश की बातें सुनकर मैं बिल्कुल जलील हो गया.. मेरी आंखों में आंसू आ गए...
  तेरी बहन का भोंसड़ा  फाडू .... यह साला अपनी सगी बहन को  लाया है बीच सड़क पर चुदाई के लिए..... कैसा भाई है... अपनी दीदी का ही दलाल बन गया... और सामने बैठा चुदाई भी देख रहा है... बहुत अच्छे.... ड्राइवर  ने मेरी तरफ देखते हुए कहा...
 ड्राइवर ने एक हाथ से अपनी दो उंगलियों को जोड़कर एक  गोल घेरा बना कर अपने दूसरे हाथ की बीच वाली उंगली उसके अंदर बाहर करते हुए मुझे दिखाने लगा और बोला...
 साले तेरी  दीदी है तो बड़ी पटाका माल.. तेरी दीदी को देखकर बाबूराव खड़ा हो गया है... कहां छुपी है तेरी दीदी... बोल रंडी को बाहर निकले और हमें अपना जलवा दिखा दे... उसकी हरकतें देखकर मैं पानी पानी हो गया...
 और तेरा जीजा  कहां है बहन   के लोड़े.... ड्राइवर के साथी ने पूछा..
 इसकी दीदी को प्रेग्नेंट करने के बाद से ही इसके जीजा  का लौड़ा खड़ा नहीं होता.. नामर्द हो चुका है इसका जीजा... इसकी दीदी यहां वहां मुंह न मारे इसीलिए इसके जीजा ने इसकी दीदी को परमिशन दे दी कि कुछ खास लोगों से  करवा सकती  है... उन लोगों ने इसकी दीदी को रंडी बना दिया... जब मन करता है वह लोग पेलता है... पर इसका जीजा भी हर जगह इस भड़वे को अपनी दीदी के साथ भेजता है... क्योंकि इसकी बच्ची छोटी है और बिना अपनी मां के दूध के रह नहीं  पाएगी... यह बच्ची को संभालता है और इसकी दीदी मजे लेती है... बदले में  वह लोग पैसा भी देते  है.. सुरेश ने उन लोगों से कहा... यह सब सुनकर मेरी दीदी की क्या हालत हो रही होगी  वह तो मुझे नहीं पता पर मेरी नजरों में मैं खुद ही गिरने लगा था...
 वाह  बहन की लोड़ी रंडी साली.....चुदवाने का मजा भी ले रही है और पैसे भी कमा रही है... इस छैल छबीली रंडी को चोदने का मन तो हमें भी हो  रहा है पर  टाइम नहीं  है...... बहुत दूर जाना है  डिलीवरी के लिए और लेट भी हो चुका है... ड्राइवर ने  कहा... ड्राइवर की बात सुनके मैंने राहत की सांस...
 ठीक है तुम लोग अब जाओ हम लोग भी अब निकलते हैं यहां से... सुरेश  ने कहा...
 रुक रुक... इतनी भी क्या जल्दी है.... इस  रंडी को बोल कि हमारे सामने निकल कर आए... हमें ऊपर से नीचे देखना है  इसके सामान को... कुछ देर आंखें सकेंगे और मुठ मार कर निकल जाएंगे... ड्राइवर के  साथी ने कहा..
 हां यह सही कहा तूने... ऐसी माल पर बिना हिलाए जाना पाप होगा.. बोल अपने दीदी को बाहर आकर हमारे सामने खड़ी हो जाए... ड्राइवर ने कहा..
 सुरेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले... वह असमंजस में था... मैं भी घबरा रहा था...
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#87
Nice uptde but update bade do maja nahi aata bhhote update me
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#88
Bahut hi shandar update
Junaid aur aslam kahan
Hain mere favourite..
Ye suresh ko to door se
Dekhkar hilane pr hi achchhe
Lagta hai...
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#89
Nice जी
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#90
Update to do bhai.mast kahani chal rahi hai.
माँ की अधूरी इच्छा(running)https://xossipy.com/showthread.php?tid=25723
परिवार(complete)https://xossipy.com/showthread.php?tid=9522
मेरे गाँव की नदी(complete)
कलयुग का कमीना भाई(complete)https://xossipy.com/showthread.php?tid=24644
तीन कुड़ियाँ(complete)
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#91
मन ही मन में डर इसलिए रहा था कि मुझे लग रहा था कि अगर मेरी दीदी नंगी होकर इन दोनों के सामने खड़ी होगी तो इनका इरादा बदल जाएगा और यह दोनों कुत्ते मेरी दीदी को पटक पटक कर चोद देंगे यही बीच सड़क पर.... दीदी की चूत और गांड का तो पहले ही भोसड़ा बन चुका था यह दोनों  चोद चोद के चटनी  निकाल देंगे... दौड़ा-दौड़ा कर लेंगे मेरी दीदी की...
 क्या गारंटी है कि अगर आप लोगों के सामने आई मेरी दीदी तो आप लोग बस वह करोगे जो कह रहे हो.... कुछ और नहीं करोगे... पहली बार मेरी जुबान से बोल निकले... बड़ी हिम्मत करके मैंने कहा.. मुझे नहीं पता कि मैंने सही कहा या गलत कहा...
 बहन के लोड़े... साले.. अपनी दीदी के  दलाल..  रंडी के भाई... गारंटी तो किसी बात की नहीं होती बहन चोद.... पर हम लोग जुबान के पक्के है... एक बार जो कमिटमेंट कर दी तो फिर किसी की नहीं सुनता.... बोल अपने छिनाल रंडी बहन को हमारे सामने आकर नंगी खड़ी हो जाए वरना  अगर हमारा मूड बदल गया ना  साले ...तेरी दीदी कोई यही पटक पटक कर चोद देंगे.. रात भर... सड़क पर दौड़ा दौड़ा के   चोदेंगे तेरी  दीदी को...  अपना लौड़ा तेरी दीदी के मुंह में हलक तक डाल देंगे... चुस्ती रह जाएगी  रंडी... ड्राइवर बोला...
 मुझे डर लगने लगा कि मैंने बेकार ही अपनी जुबान खोली...
 मां कसम मैं तो गांड भी मार लूंगा तेरी दीदी की... पूरा लौड़ा पेल दूंगा तेरी छमिया दीदी कि  गांड में...  साली की गांड  समुंदर बना  दूंगा... ड्राइवर के साथी ने कहा....
 मेरा लण्ड  बेकाबू हो रहा है बहन चोद.. जल्दी से बोलो अपने दीदी को बाहर आ जाए नहीं तो हम ट्रक से उतर जाएंगे... ड्राइवर ने कहा.. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं और सुरेश भी चुप था.
 मैं आ रही हूं... पर वादा करो आप लोग कि जो कुछ भी आपने कहा था  उससे ज्यादा नहीं... दीदी की आवाज आई ऑटो  के पीछे से..
 हाय रे मेरी छम्मक छल्लो... रंडी तेरी आवाज सुनकर मेरा लण्ड  झटके खा रहा है... साली तू आजा बस दिखा दे हमें अपना जलवा.. वादे का पक्का हूं मैं.. जल्दी से अपनी गांड  और  चूची हिलाते हुए हमारे सामने आ जा.. बस  तेरे ऊपर मुठ मारेंगे... जल्दी कर ज्यादा टाइम नहीं है.... ड्राइवर के साथी ने कहा...
 एक हाथ से अपनी गुलाबी  योनि और दूसरे हाथ से अपनी बड़ी बड़ी रसीली दूध चुचियों को ढकने का प्रयास करती हुई मेरी रूपाली  दीदी धीरे-धीरे कदमों से चलती हुई ट्रक के  नीचे जाकर खड़ी हो गई..
 तेरी मां का भोसड़ा ... यह तो बिल्कुल परी जैसी है... ड्राइवर ने कहा.. दीदी का चेहरा पहली बार देख कर...
 उसने ट्रक का दरवाजा खोल दिया... और खड़ा हो गया उसका साथी भी बगल में खड़ा हो गया... दोनों ने ही अपनी पैंट उतार दी और अंडरवियर के अंदर से अपना लण्ड  बाहर निकाल कर अपने हाथों में पकड़ लिया मेरी दीदी को देखते हुए...
 ड्राइवर का लण्ड  तकरीबन 8 इंच लंबा था... बिल्कुल काला.. बहुत ही मोटा... तना हुआ था.... मेरी दीदी की तरफ ... ड्राइवर के  साथी का औजार भी कुछ वैसा ही था...
 वाह रे मेरी दीदी की किस्मत... आज उनका सामना तो बस मोटे मोटे काले काले लंबे लंबे  हथियारों से ही हो रहा था..... मेरी दीदी अब ठीक उनके सामने खड़ी थी और दोनों ही अपना लण्ड  पकड़ के हिला रहे थे... उनके तने हुए मोटे काले लण्ड  पर मोटी मोटी  नस साफ दिखाई दे रही थी... तकरीबन 40 साल उम्र रही होगी उन दोनों की.. मुझे तो उन दोनों का नाम भी नहीं पता था और वह दोनों मेरी   दीदी को देख कर मुठिया रहे थे...
 अपने दोनों हाथ ऊपर कर रंडी.... मुझे सब कुछ देखना है तेरा.. ड्राइवर ने मेरी दीदी को हिदायत दी...
 दीदी ने हालात से समझौता कर लिया था उन्होंने बिना आनाकनी किए अपने दोनों हाथ हवा में ऊपर उठा  दिए....
 दोनों के हाथ तेजी से चलने लगे उनके लण्ड  के ऊपर मेरी दीदी की बड़ी-बड़ी दुधारू चूचियां गुलाबी  योनि देख.
. जल्दी करो यारों.... कोई भी आ सकता है... सुरेश की भी आवाज में घबराहट थी...
  बहन चोद मजा लेने दे... बस कुछ देर की बात है... ड्राइवर ने हिलाते हुए कहा..
 साली रंडी ... नाम क्या है तेरा.. उसके साथी ने दीदी से पूछा...
 रूपाली.. मेरी दीदी ने जवाब दिया..
 रूपाली  मेरी रंडी... चल एक काम कर... अपनी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों से  दबा... ड्राईवर ने कहा...
 दीदी उसके कहे अनुसार करने लगी... मेरी रूपाली दीदी की चुचियों से दूध की धार निकलने लगी...
 अपने दोनों निपल्स को गोल गोल  पकड़ के  मसाल.. उसके साथी ने कहा.. मेरी दीदी करने लगी.....एम्म… ह…. आह… म्‍म्म्मम..  तेरा दूध निकल रहा है...रंडी.. हाथ से अपने चूत को खोल.. ड्राइवर के साथी ने कहा...
 जल्दी कर मेरी रानी... अपना  गुलाबी भोसड़ा पूरा खोल के दिखा.. ड्राइवर ने कहा...
 मेरी दीदी ने अपने एक हाथ की उंगलियों की मदद से अपनी मदमस्त चिकनी  योनि  की फांक को अलग अलग कर दिया... गुलाबी योनि का  गुलाबी चीरा फैल गया... दीदी की योनि तो अंदर से और भी गुलाबी थी और उसमें भरा सफेद लोड़े की मलाई... जो असलम  और जुनैद और शायद सुरेश का भी मिलाजुला योगदान था... मेरी दीदी की योनि की गहराई देखते ही उन दोनों के सब्र का बांध टूट गया... और उनके लंड का  भी.... गरम गरम सफेद लावा फूटने लगा उनके हैवानी लंड से... दोनों का ही एक साथ.. जो सीधा मेरी दीदी के चेहरे पर गिरा... ना जाने कितनी मलाई भरी हुई थी उन दोनों के लंड  में... ऐसा लग रहा था जैसे महीनों का  विर्य उनके लंड मे  जमा था.. तकरीबन 30 सेकंड तक वह दोनों मेरी दीदी के ऊपर अपने लंड की मलाई का बौछार करते रहे... दीदी के होठ और   गाल बिल्कुल गीले हो गए थे.. उनका पूरा चेहरा ही उन दोनों   ने अपने औजार की मलाई से गिला कर दिया था... यहां तक कि दीदी की मांग भी  वीर्य से भर गई थी... बाकी बचा कुचा माल मेरी दीदी की चूची  पर गिरा था जो टपकता हुआ उनकी योनि तक पहुंच रहा था... झड़ने के तुरंत बाद ही वह दोनों ट्रक लेके वहां से रफूचक्कर हो गए..
 उन दोनों के वहां से जाने के बाद हम सब ने राहत की सांस ली... खासकर मेरी दीदी ने ली होगी... खैर जो होना था वह तो हो चुका था... सुरेश अंदर आकर बैठ चुका था ऑटो के हालांकि उसकी निगाहें अभी भी मेरी दीदी पर ही टिकी हुई थी.... दीदी ने तौलिए से अपने बदन को अच्छी तरह साफ किया... और फिर सड़क पर पड़े अपने कपड़े उठाकर पहनने लगी... दीदी ने अपने कपड़े खूब अच्छी तरह से पहन लिय..  ऑटो के अंदर आकर बैठ गई थी..  सुरेश ने  अंदर की लाइट जला रखी थी ऑटो में.... दीदी ने अपना मेकअप बॉक्स निकाल के सजना सवरना शुरू कर दिया.. 5 मिनट के अंदर दीदी सजी-धजी  तैयार हो गई थी जैसे नई नवेली दुल्हन... उन्हें देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता था कि अभी कुछ  पिछले कुछ घंटों में उनके साथ क्या-क्या हुआ.... दीदी जब पूरी तरह तैयार हो गई तो हम लोग वहां से निकल पड़े...
 तकरीबन 1 घंटे के सफर के बाद हम लोग अपने घर पहुंच गए... रास्ते में सुरेश ने और कोई भी बदतमीजी नहीं की... वह मेरी दीदी को  घूर तो रहा था पर कुछ बोल  नहीं रहा था.. यह बात मुझे कुछ अजीब लगी पर अच्छी लगी... मेरी दीदी का स्वागत कुछ वैसे हुआ जैसे नई दुल्हन पहली बार अपने ससुराल से मायके आती है... दरवाजे पर मेरी मम्मी, मेरी प्रियंका दीदी और उन सब से आगे मेरी चंदा भाभी खड़ी थी.. घर में घुसते ही चंदा भाभी ने मेरी  रूपाली दीदी को गले लगा लिया और उनकी चूचियों पर अपनी चूची  रगड़ दी... मैंने भी नोटिस किया... मुन्नी को मेरी मम्मी ने अपनी गोद में ले लिया वह अभी भी सो  रही थी... घर में खूब चहल-पहल थी... गांव की कुछ लड़कियां भी मेरी दीदी से मिलने के लिए आई हुई थी.. प्रियंका दीदी की  सहेलियां  भी घर में ही थी... और ढेर सारे बच्चे....
 दोस्तों मैं अपने परिवार के बारे में संक्षेप में आप लोग  धूम देता हूं.. मेरे घर में मेरी मम्मी अंजना देवी तकरीबन 60 साल उम्र  है उनकी..
 मेरे पिताजी का  देहांत मेरे जन्म के कुछ दिनों बाद ही हो गया था..
 हम लोग चार भाई बहन है... मुकेश भाई जिनकी उम्र तकरीबन 40 साल  है.. जो सबसे बड़े हैं.. वह कुवैत में जॉब करते हैं और साल में एक या दो बार घर आते हैं... उनकी पत्नी यानी कि मेरी चंदा भाभी... उम्र 36 वर्ष.... जिन के दो बच्चे है... गुड्डू 8 साल का और राजू 4 साल का.... मेरी रूपाली  दीदी के बारे में तो आप लोगों को पहले ही बता चुका हूं... मेरी प्रियंका दीदी उम्र तकरीबन 24 साल... एम ए फाइनल ईयर... और मैं अंशुल उम्र 19 साल....
 चंदा भाभी मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ के उनसे बातें करने लगी... दोनों ननद भाभी में हंसी मजाक होने लगी.... चंदा भाभी  मेरी रूपाली दीदी को छेड़ रही थी और उनके ससुराल के बारे में पूछ रही थी खासकर जीजू के बारे में... दोनों ननद भाभी  नहीं बल्कि सहेलियां  है... चंदा भाभी के बारे में आप लोगों  को बता  देना चाहता हूं.. 2 बच्चों की मां होने के बावजूद भी मेरी चंदा भाभी पे गजब का का जोबन था।गोरी चिट्टी , भरे भरे देह की , लम्बी तडंगी , छरहरी लेकिन 'उन ' जगहों पे कुछ ज्यादा ही कटाव , भराव था और ऊपर से जोबन उनका चोली से छलकता ही रहता था , 36 डी डी साइज , और उनकी २८ की पतली कमर पे जोबन और गद्दर लगता था।
चोली भी हमेशा लो कट , खूब टाइट और आलमोस्ट बैकलेस लेकिन उससे भी खतरनाक थे उनके हिप्स ,कसर मसर कसर मसर करते , और बाजार में चलती तो और चूतड़ मटकाती , लौंडो का दिल लूटती।
साइज भी 38 से ऊपर ही रही होगी। और साडी भी इतनी कस के, नाभी से कम से कम एक बालिश्त नीचे बाँध के पहनती की हिप्स का कटाव तो दिखता ही , पिछवाड़े की दरार भी दिख जाती।
 एकदम  मुंहफट औरत... जो मुंह में आया बोल देती किसी के सामने भी बिना किसी लाज शर्म के... और पूरी छिनाल.... गांव के सभी लौंडो को पूरा खुल कर लाइन देती थी.. मुकेश भाई जब घर आते  है  तो बस हमारे घर में   उह्ह्ह्ह्ह आह्ह नहीं रुक रुक जाओ , प्लीज आह्ह्हह्ह नहीईईईईईईई , रुको मत.... ऐसे ही आवाजें सुनाई देती है.. बहुत ही च** अक्कड़ औरत है मेरी चंदा भाभी..
 और उतनी ही निर्लज्ज..
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#92
वैसे तो गांव के सभी लौंडे मेरी चंदा भाभी के दीवाने थे पर उन सब में से सबसे बड़ा आशिक था सुनील... मेरे दोस्त ने बताया था कि सुनील ने मेरी चंदा भाभी को  पटा लिया है और अब हर रोज उनको गांव के गन्ने के खेत में ले जाता है... उसने कई बार देखा था ऐसा उसने मुझे बताया था... खैर जो भी हो... दिनेश ,अजय और संदीप भी तो मेरी  चंदा भाभी के इर्द-गिर्द ही  रहते थे....
 दिनभर जिस प्रकार की घटनाएं  मेरे सामने मेरी  रूपाली दीदी के साथ हुई थी उसके बाद अपने घर वापस आकर मैं बहुत ही अच्छा महसूस कर रहा था.... पर ऑटो वाला सुरेश भी हमारे साथ घर में दाखिल हो गया था और मेरे घर की औरतों के जोबन का भरपूर  नजारा ले रहा  था .. खासकर मेरी प्रियंका दीदी पर... मेरी प्रियंका दीदी 24 वर्षीय  नवयुवती... दिखने में बिल्कुल कच्ची कली कचनार जैसी.. लंबी छरहरी  पतली दुबली... पर नितंबों और चूचियों में गजब  की उठान.. मेरी प्रियंका दीदी बिल्कुल रूपाली दीदी पर गई थी  चूचियों के मामले में... एकदम कसी हुई बड़ी-बड़ी गोल गोल ..और खड़े-खड़े  निपल्स.. उनको देखकर ऐसा लगता है कि  उनके पतले दुबले बदन के ऊपर उनके सीने पर दो बड़ी-बड़ी चूचियां अलग से लाके चिपका दी गई हो... और निपल्स तो वैसे ही  जैसे मेरी रूपाली  दीदी के... बिल्कुल कड़क खड़े खड़े ज्यादा बड़े नहीं पर तने  हुए.. गांव के भूखे शिकारियों को बेवजह आमंत्रित करते हुए.... 36C  साइज कि मेरी  प्रियंका दीदी की चूची... सुराही दार गर्दन... बेहद पतली 24 इंच की कमर... और कमर के नीचे मेरी प्रियंका दीदी के एक जोड़े भारी  नितंब.... ना जाने क्यों मेरी प्रियंका  दीदी की गांड पर भरपूर चर्बी चढ़ गई है.. मेरी प्रियंका दीदी जब चलती है अपनी पतली कमर लचका  कर बलखाते  हुए तू उनकी गांड के दोनों भाग आपस में रगड़ खाते हुए ऊपर नीचे होते रहते हैं जैसे मैं पहले ऊपर तो मैं पहले ऊपर .... ऐसा लगता है जैसे कूल्हों के बाहर से मेरी दीदी की कमर लचक  के टूट जाएगी... सांवली सलोनी तीखे नैन नक्श... बेहद खूबसूरत है मेरी प्रियंका  दीदी... सारे गांव   के कुंवारी लौंडे मेरी प्रियंका दीदी को अपनी दुल्हन बनना चाहते हैं... उनके साथ सुहागरात मनाने के सपने गांव का हर कुंवारा लड़का देख रहा है.. इसका मुझे अंदाजा था...
 सुरेश बड़ी बेशर्मी से  प्रियंका दीदी की चूची   देख रहा था....
 मेरी प्रियंका  दीदी ने एक काले रंग की ढीली सलवार पहन रखी थी.. जिसके ऊपर उन्होंने गुलाबी रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी... दीदी ने चुन्नी तो डाल रखी थी पर  चुनरी उनके गले में फंसी हुई थी.. पतली सी  टी शर्ट के अंदर मेरी दीदी  की चूचियां कसमसा रही थी.. टाइट  कपड़ों में ऐसा लग रहा था कि मेरी दीदी की चूची  टीशर्ट  को फाड़ के बाहर निकल आएंगी... घर में होने के कारण  शायद अंदर में मेरी प्रियंका दीदी ने  ब्रा पहनना भी जरूरी नहीं समझा था जिसके कारण उनके खड़े-खड़े  निपल्स  साफ-साफ झलक  रहे थे  मुंह उठाए हुए... सुरेश मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों पर नजर गड़ाए हुए खड़ा था कि तभी मेरी मम्मी की नजर उस पर पड़ी..
 तुम कौन हो बेटा... मम्मी ने उससे पूछा...
 आंटी जी मैं सुरेश... ऑटो वाला... बगल के गांव का रहने वाला हूं...  मैंने ही तो इन लोगों को घर पहुंचाया.... सुरेश  ने जवाब दिया...
 अच्छा बेटा तो तुम वही हो  क्या.... हमारे दमाद जी ने बताया था तुम्हारे बारे में.. बड़े वाले आदमी हो तुम.. इतनी मदद की तुमने हमारे बच्चों की...... आओ कुछ मुंह मीठा कर लो हमारे घर में.. मम्मी ने सुरेश को कहा..
 बेटी आओ... सुरेश का मुंह  मीठा  करवा दो.. मम्मी ने प्रियंका दीदी की तरफ देखते  कहा..
 मम्मी की आवाज सुनकर मेरी प्रियंका दीदी ने पहली बार सुरेश की तरफ ध्यान दिया... सुरेश की आंखो में वासना की अग्नि  देख कर मेरी दीदी भी  सहम गई थी.. मेरी प्रियंका दीदी कोई बच्ची तो है नहीं जो मर्द की आंखो में वासना की भूख ना देख सके..... प्रियंका दीदी अपनी चुनरी से अपने सीने को ढकने का प्रयास  करने लगी..
 नहीं आंटी जी... मुझे देर हो रही है मुझे जाना है... जल्दी से आप लोग मेरा किराया दे दो...... बहुत प्यास लगी है.. हो सके तो एक गिलास पानी पिला  दीजिए... प्यास और पानी की बात कहते हुए उसकी निगाहें मेरी प्रियंका दीदी  की चूचियों पर थी...
 उसकी बात सुनकर मेरी प्रियंका दीदी तुरंत किचन के अंदर गई और पानी लेकर आ गई एक ग्लास... उन्होंने  ग्लास  सुरेश के हाथ में थमा दिया और अपनी चुनरी  से अपने सीने को ढकने का प्रयास करने  लगी... सुरेश  ने मेरी दीदी के हाथ से पानी का ग्लास ले लिया और पीने लगा.. पानी पीते हुए भी उसकी निगाहें मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों पर टिकी हुई थी.. पानी तो वह ऐसे पी रहा था जैसे मेरी दीदी की चूची पी रहा हो...
 चंदा.... इस ऑटो वाले भैया को इनका किराया तो दे दो.. मेरी मम्मी ने चंदा भाभी को  कहा..
 मेरी रूपाली दीदी का हाथ छोड़कर चंदा भाभी अपने बेडरूम में गई.. पैसे लेकर आई.. और उन्होंने पैसे सुरेश के हाथों में थमा  दीया..
 अपनी चूचियां तान के मेरी चंदा भाभी सुरेश के सामने खड़ी थी..
 और क्या सेवा करूं आपकी भैया जी... भाभी ने सुरेश की आंखों में आंखें डाल कर पूछा..
 कुछ नहीं दीदी बस अब मैं जाता हूं... सुरेश ने घबराते हुए  कहा...
 चंदा भाभी के बोल्ड अंदाज को देखकर सुरेश बिल्कुल  सकते में आ गया था... उसने किराया लिया और चुपचाप वहां से निकल गया... हमारे घर का माहौल बेहद खुशनुमा था... रात का खाना हम सब ने मिलकर साथ में खाया... चंदा भाभी मेरी रूपाली दीदी को बार-बार   इस दौरान छेड़  रही थी.... मेरी रूपाली दीदी के चेहरे पर थकान साफ साफ दिखाई दे रही थी और हो भी क्यों ना.... दिन भर उनके साथ..
 गपा गप छपा छप जो हुआ था... रूपाली दीदी की चाल भी बदली हुई लग रही थी.... मेरी दीदी टांगे फैलाकर चल रही थी...
 रात को जब सोने का टाइम हुआ  तो चंदा भाभी ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ लिया और उनको अपने बेडरूम  मे ले गई.... रूपाली दीदी और चंदा  भाभी एक ही बेडरूम में एक साथ सोए,.. मुन्नी भी... भाभी के दोनों बच्चे.. यानी मेरे भतीजे गुड्डू और राजू मम्मी के साथ सो गय.... मैं और प्रियंका दीदी एक ही रूम में सोए हुए थे अलग अलग बेड पर......
 चंदा भाभी का बेडरूम सटा हुआ था हमारे ही रूम से... उस कमरे में होने वाली सारी आवाजें मुझे साफ-साफ रही थी.......
 दिन भर में जो भी घटनाएं हुई थी उनके बारे में सोच कर मेरा लोड़ा बिल्कुल  खड़ा था... एक निगाह मैंने अपनी  प्रियंका दीदी पर डाली... दीदी बिल्कुल  सो रही थी... आश्वस्त होने के बाद मैंने अपना लौड़ा पैंट से बाहर निकाल लिया और हाथ में पकड़ के ऊपर नीचे करने लगा.. बारी बारी से मोटे मोटे लंबे  काले औजार के ऊपर में रूपाली  दीदी... उनका दूध पीता हुआ  जुनैद.... और बड़ी बेरहमी से  मेरी दीदी का गांड मारता हुआ  असलम..... सारा दृश्य मेरी आंखों के सामने घूम रहा था...
 बगल के कमरे से पायल की रुनझुन... चूड़ियों की खन खन.. पलंग की चरर मरर... भाभी और  दीदी की  खिलखिलाती हंसी.... जरूर चंदा भाभी मेरी दीदी को नंगी करके  उनके ऊपर चढ़ गई होगी अपना स्ट्रैप ऑन दिलदो पहन के..  मेरे लोड़े से मलाई निकल गई.... मैंने अपनी पैंट ऊपर की और सो गया.... सुबह जब तकरीबन 8:00 बजे मेरी आंख खुली  .. मेरे घर मे मेला जाने की तैयारी चल रही थी...
 मेरे गांव का सबसे बड़ा मेला.... आसपास के गांव से भी बहुत सारे लोग आते थे.. इस मेले में... नहाने धोने के बाद  मैं बिल्कुल तैयार हो गया था मेला जाने के लिए.....
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#93
बढिया जी
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#94
sandy bhai aap ki creativity imagination ko salaam. Aap khud ideas plots ki factory hai. bhai request hai Updates bade dijiye. Is chhotey updates readers ko disappoint karta hai. save it in word and give an episode incident update. And please don't run away.
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#95
Waiting for a big update.very good story.
माँ की अधूरी इच्छा(running)https://xossipy.com/showthread.php?tid=25723
परिवार(complete)https://xossipy.com/showthread.php?tid=9522
मेरे गाँव की नदी(complete)
कलयुग का कमीना भाई(complete)https://xossipy.com/showthread.php?tid=24644
तीन कुड़ियाँ(complete)
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#96
दोपहर के पहले से ही मेले जाने की तैयारियां पूरी हो गई थी....
पहले एक चूड़ी वाली आयी और मेरी दोनो दीदियों और भाभी को कुहनी तक हरी-हरी चूड़ीयां  पहनाई...
अच्छा ई बूझो , चुड़िहारिन ने मेरी प्रियंका दीदी की कलाई को गोल गोल मोड़ते हुए पूछा...
" हमरि तुम्हरी कब , अरे हाथ पकड़ा जब। 
चीख चिल्लाहट कब , अरे आधा जाये तब। 
और मजा आये कब ,.... ?
बात उनकी पूरी की चम्पा भाभी ने ,
"अरे मजा आये कब , पूरा जाए तब और क्या , आधे तीहे में का मजा।
मेरे गाल गुलाल हो गए... उनकी बात सुनकर... प्रियंका दीदी का भी वही हाल था... बगल में खड़ी मेरी मुस्कुरा रही थी मेरी रूपाली दीदी...
" अरी बिन्नो तोहरी ई ननदिया क बिल में बहुत चींटे काट रहे हैं मोटे मोटे , बहुत खुजली हो रही है , एके बात उसको सूझ रही है " चूड़ी  वाली बोली.... उसने मुड़ के  चंदा भाभी को देखा..
" अरे रानी एकर मतलब , चूड़ी पहिराना। पहले हाथ पकड़ना , फिर शुरू में जब घुसता है अंदर , चूड़ी जाती है रगड़ती कसी कसी तो कुछ दर्द तो होगा ही।... उसने मेरी प्रियंका दीदी को घूरते हुए कहा..
फिर जब भर हाथ चूडी हो जाती है तो कितना निक लगता है , मजा आता है , हैं की नहीं।दो दर्जन से ऊपर एक एक हाथ में , एकदम कुहनी तक ..... दीदी पर नजरें गड़ाए हुए उसने विस्तार से  बताया...
और ऊपर से चम्पा भाभी बोलीं , चुड़िहारिन से ," दो दिन बाद फिर आ जाना ". 
ये बात न मुझे समझ में आई न चुड़िहारिन को 
लेकिन जब चम्पा भाभी ने अर्थाया तो सब लोग हँसते हँसते , 
(सिवाय मेरे , मेरे पास शर्माने के अलावा कोई रास्ता था क्या )
वो बोलीं ...
"अरे एक रात में तो दो दर्जन की एक दर्जन हो जायेगी , और कुछ खेत में टूटेगी कुछ पलंग पे ,कुछ हमरे देवर के साथ तो कुछ  गांव के लड़कों के साथ... प्रियंका दीदी शर्म के मारे लाल हो गई... मेरी चंदा भाभी पूरी बेशर्मी के साथ बोल रही थी...
 तब तक  कामिनी भाभी भी आ गई.... मेरी चंदा भाभी की   छोटी बहन... उनका ससुराल भी हमारे गांव में ही था... उम्र में दो-तीन साल छोटी होगी चंदा भाभी से... पर अदाएं उनके जैसी ही....
 और मेरी प्रियंका दीदी की श्रृंगार और छेड़ने दोनों में हिस्सा बटाने लगी।
पावों में महावर और हाथों में रच-रच कर मेंहदी तो लगायी ही, नाखून भी खूब गाढ़े लाल रंगे गये, पावों में घुंघरु वाली पाजेब, 
कमर में चांदी की कर्धनी पहनायी गयी मेरी प्रियंका दीदी के और रूपाली दीदी को भी....
" ननद रानी ,तुम्हारे गहनों में सबसे जोरदार यही है। ".. चंदा भाभी बोली मेरे प्रियंका दीदी को.. उनकी पैरों में चांदी की पाजेब की तरफ इशारा करते हुए....
मेरे कुछ समझ में नहीं आया , मैं हॉल में बैठा हुआ चुपचाप टीवी देख रहा था... चंदा भाभी और कामिनी भाभी की बातों को सुनकर भी अनसुना और देख कर भी अनदेखा करने का नाटक कर रहा था...
" अरे छैलों के कंधे पे चढ़ के बोलेगी ये , कभी गन्ने के खेत में तो कभी आम के बाग़ में, इसलिए सबसे पहले ये पाजेब ही पहना रही हूँ। " चंदा भाभी ने मेरी प्रियंका दीदी को पीछे से  दबोच  लिया और कहा. मेरा तो लंड फुल टाइट हो गया उनकी बात सुनकर..... जबकि उन्होंने ऐसी गंदी बात मेरी प्रियंका दीदी के बारे में कही थी..
 कामिनी भाभी मेरी रूपाली दीदी को सजाने संवारने में लगी हुई थी... और खूब छेड़छाड़ कर रही थी... खासकर उनके दूध के साथ...
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#97
Update
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#98
Super update Boss
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#99
Bhai kya master stroke mara.
Mela is the best erotic mystery location. Log alag / Bikhar ho jaatey hain. Kidnap ka chance hai. Aur public molestation. Crowd crushing.
Sites will pass this information to his both bahubali goonda. Master plan. Priyanka Aur Bonus men do bhabhi free. Keep Roopali out of seduction / kidnapping. Give her rest.
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Bhai itni achchhi story..
Daily update.
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