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(03-08-2019, 09:17 AM)Rocksanna999 Wrote: अपडेट -23
राज ऊपर जाकर एक निकर और टी-शर्ट पहन कर अपने बिस्तर पर लेट जाता है। राज बार बार चंचल को सबक सिखाने के बारे में सोचता है। तभी राज को कुछ याद आता है। राज बहुत सोच कर आईने से किसी के बारे में पूछता है। आईना उसकी शक्ल दिखाता है । राज उसे देख कर मन ही मन बहुत खुश होता है। और मन ही मन सोचता है " चंचल बहुत जल्द तुम्हे ऐसा सबक सिखाऊंगा की तुम्हे पता चल जाएगा कोठे की बाई क्या होती है।
वही दूसरी तरफ कोमल भी जल्दी जल्दी तैयार होकर किसी के घर के लिए निकल रही थी।
अब आगे....
रानी और सोनिया दोनों बैठे बैठे मूवी देख रही थी साथ ही कोमल के बारे में बात कर रही थी।
अभी कुछ 15 - 20 मिनट ही गुजरे थे की घर की डोर बेल बजती है। सोनिया उठ कर दरवाजा खोलने जाती है। सोनिया जब दरवाजा खोलती है तो सामने एक लड़की खड़ी होती है। जिसे देखते ही सोनिया के मुह से जोर से निकल जाता है" तुम"।
वो लड़की कोई और नही कोमल थी। कोमल तुरंत अंदर आकर रानी और सोनिया से बोलाती है " मुझे तुम लोगों से बहुत ज़रूरी बात करनी है" कोमल ने अभी इतना ही कहा था कि किचन से राज भी बाहर आकर कोमल को देखता है।
राज खुश होने के साथ साथ चोंक भी गया था कि यूँ अचानक से कोमल यहां क्या कर रही है। रानी कोमल को अपने कमरे में ले जाती है। जहां पर कोमल काल राज के घर आने की सारी बात बता देती है।
रानी: देखो कोमल ये तो सच है की चंचल राज की गर्लफ्रैंड नही है। उसने ज़रूर मजबूरी में उसे अपनी....
कोमल: तुम लोगों की वजह से उसका बॉयफ्रेंड बना है।
रानी और सोनिया तुरंत अपने जगह खड़ी होकर चिल्लाती है " क्याsssssss"
फिर कोमल रानी और सोनिया को वो सब बताती है कि कैसे चंचल ने राज को ब्लैकमेल किया और राज के साथ उसदिन क्या हुआ था कॉलेज में।
रानी कोमल से पूछा) तुम्हे ये सब कैसे पता?
कोमल: प्रिया....... उसी ने सब बक दिया। प्रिय से सच उगलवाने का तरीका मैंने अपनी कजन बहन से सिख कर उसे प्रिया पर आजमा लिया।
रानी और सोनिया को सब समझ आ जाता है। तभी सोनिया अपना फ़ोन निकाल कर वो चलचित्र कोमल को दिखाती है जो चंचल में उन दोनों को देकर एक लड़के को सिड्यूस करने को कहा था।
सोनिया: क्या ये राज है?
कोमल और रानी दोनों शर्म से लाल पड़ जाती है। कोमल के मुह से कोई बोल नही फूटते लेकिन उसकी नज़र का चलचित्र में राज के लन्ड पर अटकी थी। उसे हाँ में गर्दन हिला कर उसकी पुष्टि कर दी।
अब रानी और सोनिया को भी पता लग गया था कि चंचल कितना घिनोना खेल खेल रही थी। अंत मे कोमल ने रानी और सोनिया को ये बजी कह दिया की मैं राज को पसंद करती हूँ। उसने कल मुझे प्रोपोज़ किया था लेकिन मुझे उसपर यकीन नहीं था। अब तुम लोगो से बात करके मुझे उसपर यकीन हुआ है। तो अगर तुम लोग कहो तो....
रानी: एक शर्त पर! तुम्हे राज की मदद करनी होगी चंचल से बदला लेने की।
कोमल: वो तो तुम मुझ पर छोड़ दो। चंचल को तो ऐसा सबक मिलेगा की 7 जन्म तक राज और मेरा नाम याद रखेगी।
आज राज बहुत खुश था इसके दो कारण थे। एक तो आज राज को सुबह सुबह अपनी प्रेयसी कोमल के दर्शन हो गए। दूसरा खुशी का कारण ये भी है कि कोमल ने राज की मदद करने की हाँ बोल दी।
राज अभी तक कि सारी बातें आईने में देख पा रहा था। लेकिन एक चीज पर उसका ध्यान अभी तक नही गया था। जो तस्वीर सोनिया ने अपने मोबाइल से कोमल को दिखाई थी उसे राज ने अभी तक गौर से नहीं देखा। उसने सिर्फ कोमल पर अपना ध्यान बनाये रखा।
मैन डोर की बेल बजती है। रानी दरवाजा खोलती है तो देखती है कि कोई कोरियर वाला खड़ा था। जब रानी ने उससे पैकेट लिया तो उसपर नाम " गिरधारी" + घर का पता लिखा था। रानी ने तुरंत अपने पापा को कॉल किया ओर कोरियर के बारे में बताया।
गिरधारी: हाँ बेटा इस मे एक मोबाइल है वो मेरी तरफ से राज के जन्मदिन का तोहफा है। बाकी के दो कोरियर में तुम्हारी मम्मी के क्लिनिक की दवाएं ओर कुछ मेडिकल इक्विपमेंट है।
रानी : ओके पाप, पापाsssss
गिरधारी: हम्म है बोलो रानी!
रानी: थैंक यू पापा,
गिरधारी: (मुस्कुराते हुए) यू वेलकम डिअर
रानी तुरंत फ़ोन रख कर सोनिया और राज के पास जा कर उस कोरियर को खोलती है। कोरियर के खुलते ही रानी एक पकट निकाल कर राज को दे देती है। राज चोंकते हुए इशारों से पूछता है कि क्या ये मेरा है?
रानी भी हाँ में मुस्कुराते हुए गर्दन हिलाती है।
राज जब वो बॉक्स खोलता है तो उसमें लेटेस्ट एंड्राइड टच स्क्रीन फ़ोन था। अपने पास अपना पहला मोबाइल पा कर राज बहुत खुश था। राज तुरंत आगे बढ़ कर रानी के गले लग जाता है। जब सोनिया रानी और राज को गले लगे देखते है तो थोड़ी सी जल जाती है। वो तुरंत सोफे से उठ कर रानी और राज को अलग करती है। और खुद राज पर चढ़ कर राज के गले लग जाती है। सोनिया जब राज की गौद मैं बैठती है तो राज का जंगबहादुर सीधे सोनिया की गांड में फंस जाता है। सोनिया एक बार तो चोंक जाती है लेकिन अगले ही पल शर्म से लाल हो जाती है। साथ ही उसे गर्व भी हो रहा था कि उसके भाई के पास वो चीज है जो कईयों के पास दुआओं से भी नहीं होती।।
वहीं दूरी तरफ कोमल मारकेट में कुछ शॉपिंग करने गयी हुई थी। दोपहर के 1.30 बजे तक जहां रानी राज और सोनिया आपस मे हंसते खेलते दिन गुजार रहे थे। वहीं सरिता अपने क्लिनिक के काम से जल्दी घर आ रही थी। सरिता ने जब राज और बाकी दोनों बहनो को खुश देखा तो उसका कारण पूछा।
सरिता: क्यों भाई किस बात की इतनी खुशी मनाई जा रही है।
राज: ही मम्मी ये देखो पापा ने मुझे बर्थडे गिफ्ट दिया है। लेटेस्ट एंड्राइड मोबाइल फ़ोन।
सरिता भी राज को खुश देख कर मुस्कुरा पड़ती है। तभी सोनिया मम्मी पापा ने तो अपना गिफ्ट दे दिया लेकिन आपने अभी तक कुछ नहीं दिया।
सरिता : वो मैं सिर्फ राज को दूंगी तुम्हे क्यों बताऊ।
सरिता की इस बात पर रानी और सोनिया दोनों चहकते हुए मम्मी बताओ न मम्मी बताओ ना करने लगी। राज भी उन सब को यूं देख कर मुस्कुराने लगता है।
राज को अब एहसास हो रहा था कि उसकी जिंदगी तो ये है। कहाँ हो सारी दुनिया की आफत लेकर घूम रहा है।
करीब 2 बजे तक सभी घर वाले मिलकर लंच करते है। लंच के बाद रानि सोनिया और राज तीनों रानी के कमरे में आ जाते है। थोड़ी देर नया मोबाइल चला कर तीनो सो जाते है।
वहीं दूसरी और सरिता अपने कमरे आंखे बंद किये अपने बिस्तर पर राज के बारे में सोच रही थी। सरिता के लिए अब बर्दाश्त करने बहुत मुश्किल था। सरिता अपनी शारीरिक प्यास के आगे झुक चुकी थी। जब एक औरत को उसके पति का बिस्तर और समाज मे बराबर साथ नहीं मिलता तो उसके कदम आखिर लड़खड़ा जाते है। सरिता अब बेहिचक ये सोच रही थी कि काश गिरधारी आज आ कर अभी मुझे संतुष्ट कर दे।
वहीं राज नींद में सपना देखता है कि राज सरिता के बिस्तर पर लेटा हुआ है। दरअसल राज का मुह सरिता की दोनों टांगों के बीच मे है। राज को जब ये एहसास होता है कि वो अपनी माँ के साथ.... राज तुरंत नींद से जाग जाता है।
अभी शाम के 4 बजे थे। जब राज अपनी साइड में देखता है तो वहां पर सोनिया सो रही थी। रानी वहां नहीं थी। राज अपने बिस्तर से उठता है तो उसे अपने लन्ड में दर्द हो रहा था। वो एक दम अकड़ा पड़ा था दूसरी और राज को इस वक़्त पेशाब भी जा ना था। राज तुरंत रानी के बाथरूम का दरवाजा खोल कर अंदर चला जाता है।
राज जैसे ही अंदर आता है तो स्तब्ध खड़ा रह जाता है। राज के सामने रानी खड़ी थी। एक टॉवल लपेटे हुए। रानी की दोनो टांगों के बीच रानी की पेंटी थी।
शायद रानी नहा रही थी। और अभी वो कपड़े बदल रही थी। राज बहुत डर गया था राज तुरंत पीछे मुड़ कर जाने लगता है लेकिन हड़बड़ाहट में राज ये भूल गया था कि उसने अभी अभी दरवाजा खोलते ही पीछे जी तरफ बन्द कर दिया था , हालांकि कुंडी नहीं लगाई थी।
लेकिन जैसे ही राज पीछे मुड़ कर जाने लगता है तुरंत दरवाजे के टकराकर पीछे आता है। राज के सर में जबरदस्त चोट लगी थी। राज अपना सर पकड़े आंखें बंद किये दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश कर रहा था कि रानी को राज ये हरकत पर हंसी आ जाती हूं। राज आंखें बंद किये ही एक कदम पीछे होता है लेकिन बाथरूम के गीले फर्श पर साबुन की चिकनाई से फिसल जाता है।
राज को फिरसे गिरता देख रानी आगे बढ़कर राज को संभालती है। लेकिन राज को संभालने के चक्कर मे रानी भी ये भूल जाती है कि उसने अपनी टांगों से अभी तक अपनी पेंटी नहीं निकाली। रानी जैसे ही जल्द बाजी मैं आगे बढ़ती है रानी भी गिर जाती है।
लेकिन ये घटना हुई कुछ ऐसे की राज गिरते हुए दरवाजे का सहारा लेकर सम्भल गया था लेकिन रानी जब गिरी तो सीधे राज की तरफ। रानी ने जब राज को पकड़ कर खुद को बचाने की कोशिश की तो रानी के हाथ मे राज का शर्ट आता है। जिससे राज के शर्ट के बटन टूटते हुए फट जाता है।
राज तुरंत रानी को संभालने के लिए आगे बढ़ता है और संभाल लेता है। रानी को जैसे ही राज खड़ा करता है तो राज की आंखें खुली की खुली रह जाती है। रानी का टॉवल नीचे गिर चुका था। रानी की चुंचिया राज की आंखों के सामने थी।
कितनी खूबसूरत चुंचिया थी रानी की। आधा इंच से भी बड़े निप्पल, गोल गोल संतरों के जैसी गोलाई, और कसावट ऐसी की बिना ब्रा के सपोर्ट के भी एक दम जमे हुए। बिल्कुल भी नीचे नहीं लटके। दूध की तरह सफेद लेकिन जैसे किसी ने रूहअफजा का ग़ुलाब का रंग डाल कर उसे हल्का गुलाबी कर दिया हो। और निप्पल के आस पास गेरुआ रंग चढ़ा हुआ। बहुत ही खूबसूरत उरोज थे।
राज जब रानी को इस हालत में देखता है तो राज का लन्ड बुरी तरह से अकड़ जाता है। और रानी की नज़र राज के लन्ड पर थी जो कि राज के पायजामे से ही बता रहा था कि मैं हूँ यहां का जंगबहादुर।
लेकिन जल्द ही रानी को अपनी हालात का एहसास हो जाता है। रानी तुरंत अपना टॉवल उठा कर लपेट लेती है। राज भी तुरंत वहां से निकल जाता है। राज अपने कमरे में अपने बाथरूम में चला जाता है और रानी अपने कमरे में तैयार होते हुए बार बार राज के साथ हुई घटना को याद कर कर के शर्मा रही थी। घटना से ज्यादा रानी को राज के हथियार का आभास रोमांचित कर रहा था। अजीब सी ललक रानी के मन में उठ रही थी।
वहीं सोनिया भी जाग गयी थी। सोनिया को उठे अभी 30-40 मिनट से ऊपर हो गया था । सोनिया राNई को बार बार मुस्कुराते शर्माते तैयार होते देख रही थी। सोनिया ने कई बार रानी से उसके बार बार शर्मा ने और मुस्कुराने का कारण पूछा लेकिन रानी हर बार बात को टालती गयी।
अचानक से राज को कुछ याद आया। राज ने तुरंत आईना निकाला। राज ने सोच ही रह था आईने को कुछ देने के लिए लेकिन उसे फिर याद आया कि उसने आईने को अपनी ज़िंदगी एक एक दिन देकर आईने के तीन दिन कमा लिए है।
राज ने तुरंत आईने से किसी के बारे में पूछा और आईने ने तुरंत उस शख्स का चेहरा राज के सामने ला दिया। राज गौर से उस शख्स को देख रहा था।
आईने को देखते देखते ही अचानक से आईने में एक लड़की उभर कर आती है। उस लड़की के आते ही एक लाल रोशनी निकल कर राज पर पड़ती है और वो रोशनी पूरी तरह से राज के शरीर मे लुप्त हो जाती है। साथ ही जब वो लड़की अचानक से उस आईने में आती है तो आईने का रंग बिल्कुल काला पड़ जाता है।
राज तुरंत आईने को रख देता है। उस रोशनी के गिरने से कुछ भी ऐसा नही हुआ था जिस से राज को डरना चाहिए था। लेकिन कुछ तो हुआ था। जिसका भान राज को नहीं था।
राज अपने कमरे से बाहर निकल कर आता है और चंचल को सबक सिखाने की सोचता है। लेकिन अचानक से राज का ध्यान चंचल के बदन की और जाता है। राज को चंचल के उस चंचक चेहरे के अलावा चंचल का वो मादक जवान बदन और उसकी खुशबू याद आती है।
ना जाने क्यों लेकिन आज राज चंचल की तरफ बहुत आकर्षित हो उठा था। तभी राज का मोबाइल बजता है। राज चोंक जाता है क्योंकि आज दोपहर को ही मोबाइल आया था। और राज ने तो अभी तक किसी को अपने नम्बर भी नही दिए थे। राज फ़ोन उठाता है। राज के फ़ोन उठाते ही दूसरी तरफ से कोंग्रेचुलेशन की एक मधुर आवाज आती है ये फ़ोन किसी ओर का नहीं बल्कि कोमल का था। कोमल ने राज के नम्बर रानी से ले लिया था। रानी से ही कोमल को पता चला कि राज को आज उसका पहला मोबाइल मिला है।
फ़ोन पर कुछ देर बात करने के बाद कोमल राज का प्रपोजल एक्सेप्ट कर लेती है। मतलब कोमल ने भी इजहार- ए - इश्क़ कर दिया था। करीब 30 मिनट तक दोनों बात करते रहे फिर फ़ोन डिसकनेक्ट हो गया।
राज कोमल के बारे में सोच ही रह था कि अचानक से सरिता अपने कमरे से बाहर आती है। सरिता को देखते ही राज गुम सा हो जाता है। राज सरिता को ऊपर से नीचे तक देखता है।
राज सरिता के बड़े बड़े चुंचियों को कैसे हुए ब्लाऊज में देख सकता था। उनकी आज़ादी के लिए बेचैनी उसे कैसे हुए ब्लाउज की कसावट से पता चल सकती थी। साथ ही राज की नज़र जब सरिता की गेंद पर पड़ता है जो कि साड़ी में भी 4 से 5 इंच तक उभर कर नज़र आ रही थी। राज खुद ब खुद सरिता को देखते हुए गर्म होने लगता है।
वहीं सरिता भी राज को ऐसे देख कर पहले तो चोंक जाती है लेकिन अगले ही पल शर्मा जाती है।आज पहली बार राज के मन मे सरिता एक माँ की नज़र से नज़र नही आई थी आज राज को सरिता एक खूबसूरत मादक औरत नज़र आ रही थी
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आज पहली बार इतने सालों में राज को सरिता में एक मादक औरत का आभास हुआ। राज सरिता को देख कर गर्म हो यह था। वही सरिता का दिल भी राज को देख कर धक धक करके ट्रैन की स्पीड से धड़क रहा था।
सरिता शर्माते हुए किचन में चली जाती है। सरिता सोच रही थी कि आज राज उसे बड़ी अजीब नज़रों से घूर रहा था। सरिता को ये भी एहसास था कि राज की उस अजीब नज़र में भरपूर हवस भरी थी। सरिता बार बार राज के बारे में सोच ही रही थी कि अचानक से सरिता को एहसास होता है कि कोई उसके पीछे है।
ये कोई और नहीं बल्कि राज था। राज सरिता को देखते हुए इतना गर्म और सरिता मैं गुम हो गया था कि उसे खुद को पता नही चला कि वो कब सोफे से उठ कर सरिता के पीछे चला गया।
राज ने अपने कांपते हुए हाथ सरिता कर कंधों पर रखे। सरिता राज के हाथ अपने कंधे पर पड़ते ही एक झटका सा खाती है। सरिता को यकीन नहीं हो रहा था कि राज उसके पास उसके पीछे खड़ा है।
राज सरिता के दोनों कंधों पर हाथ रख कर बिल्कुल सरिता से सट जाता है। इसबार दोनों अपनी अपनी जगह पर खड़े खड़े कांपने लगते है। दरअसल जब राज सरिता से सटा तब राज का लन्ड पूरी तरह से खड़ा था। जैसे ही राज सरिता से सटा राज का लन्ड सीधा सरिता की गांड में फंस गया। सरिता को जब अपनी गांड मैं राज के कड़क मोटे लन्ड का एहसास हुआ तो सरिता रोमांच और एक्साइटमैंट मैं कांपने लगी। वहीं राज को भी अपना लन्ड सरिता की गांड में ऐसे महसुस हो रहा था जैसे सरिता की गांड ने राज के लन्ड को मुट्ठी में जकड़ लिया हो। एकदम टाइट। और सरिता के जिस्म की प्यास ने सरिता को और भी गर्म कर दिया जिस से एक्साइटमेंट में सरिता के निप्पल एक दजम फूल कर तन गए जो अपने होने का सबूत कपड़े के बाहर झलक कर दिखा रहे थे।
दोनों माँ बेटे दुनिया से बेखबर एक दूसरे के जिस्म को पाने के लिए तरस रहे थे। जहां एक तरफ सरिता की आंखें अपने बेटे के मादक स्पर्श से बंद हो चुकी थी वही राज की आंखें अपनी ही माँ की खुशबू और जिस्म को पाने की हवस की ललक में खुद बा खुद मूंद गयी थी।
ना जाने कैसे और क्यों लेकिन राज के हाथ धीरे धीरे सरिता कर कंधों से फिसलते हुए उसकी बाजुओं से होते हुए सरिता की कमर पर आ गये। राज अपनी गर्दन सरिता की गर्दन के करीब करके होल से सांस अंदर खींचता है। जिसका एहसास सरिता को भी हो जाता है। सरिता राज के चेहरे को अपनी गर्दन के करीब पाकर अपबी गर्दन एक दम मदहोशी के हाल में पीछे की तरफ राज के कंधे पर गिरा देती है। जिससे राज का चेहरा सीधा सरिता की गर्दन पर आ जाता है।
राज बड़े ही मादक तरीके से सरिता की जिस्म की खुशबू को खुद में सामने का प्रयास कर रही था। इसी प्रयास में राज के हाथ धीरे धीरे फिसलते हुए सरिता की कमर से सरिता के पेट की और बढ़ गए। साथ ही साथ सरिता के हाथ भी राज के हाथ पर थे। राज का एक हाथ जहां सरिता के पेट पर था वहीं दूसरा हाथ सरिता की कमर के उस स्थान पर था जहां से कमर के कटाव (कर्व) शुरू होता है। सरिता के के जहां दोनो हाथ राज के उस हाथ पर व्यस्त थे जो सरिता के पेट पर था वही राज अपनी मदहोशी में सरिता की कमर को अपने दूसरे हाथ से दबा बड़े ही रोमांचक और मादक तरीके से दबा देता है।
राज के कमर को अपने हाथ से मसलते ही सरिता की एड़ियां ऊपर की और उठ जाती है और सरिता अपने पंजों पर खड़ी हो जाती है और साथ कि सरिता के मुह से एक मादक आहsssss निकल पड़ती है। राज का दूसरा हाथ धीरे धीरे सरोता के पेट से सीधा सरिता के उरोजों की और बढ़ने लगता है। राज के हाथों का अपने उरोजों तक पहुंचने का सरिता बड़ी बेक़रारी से इंतज़ार कर रही थी।
"राज के हाथ धीरे धीरे सरिता कर कंधों से फिसलते हुए उसकी बाजुओं से होते हुए सरिता की कमर पर आ गये। राज अपनी गर्दन सरिता की गर्दन के करीब करके होल से सांस अंदर खींचता है। जिसका एहसास सरिता को भी हो जाता है। सरिता राज के चेहरे को अपनी गर्दन के करीब पाकर अपबी गर्दन एक दम मदहोशी के हाल में पीछे की तरफ राज के कंधे पर गिरा देती है।"
आह !!! बहुत ही सुंदर और मनभावन विस्तृत विवरण किया है आपने श्रीमान \ देखकर और पड़कर दिल अत्यंत संतुष्ट और कामुक हो गया \ आपके द्वारा किया हुआ विस्तृत विवरण अत्यंत ही मोहक होता है \ आप एक एक बारीकी को पकड़ कर उसको शकल देने में माहिर हैं \ इश्वर आपको सलामत रखे और आप ऐसे ही लिखतें रहें और स्वस्थ रहें \
yr): :)
// सुनील पंडित // yr):
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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(03-08-2019, 09:27 AM)Rocksanna999 Wrote: अपडेट -24
राज बड़े ही मादक तरीके से सरिता की जिस्म की खुशबू को खुद में सामने का प्रयास कर रही था। इसी प्रयास में राज के हाथ धीरे धीरे फिसलते हुए सरिता की कमर से सरिता के पेट की और बढ़ गए। साथ ही साथ सरिता के हाथ भी राज के हाथ पर थे। राज का एक हाथ जहां सरिता के पेट पर था वहीं दूसरा हाथ सरिता की कमर के उस स्थान पर था जहां से कमर के कटाव (कर्व) शुरू होता है। सरिता के के जहां दोनो हाथ राज के उस हाथ पर व्यस्त थे जो सरिता के पेट पर था वही राज अपनी मदहोशी में सरिता की कमर को अपने दूसरे हाथ से दबा बड़े ही रोमांचक और मादक तरीके से दबा देता है।
राज के कमर को अपने हाथ से मसलते ही सरिता की एड़ियां ऊपर की और उठ जाती है और सरिता अपने पंजों पर खड़ी हो जाती है और साथ कि सरिता के मुह से एक मादक आहsssss निकल पड़ती है। राज का दूसरा हाथ धीरे धीरे सरोता के पेट से सीधा सरिता के उरोजों की और बढ़ने लगता है। राज के हाथों का अपने उरोजों तक पहुंचने का सरिता बड़ी बेक़रारी से इंतज़ार कर रही थी।
अब आगे....
अभी राज का हाथ सरिता की सुडौल चुंचियों के नीचे पहुंचा ही था कि रानी की आवाज आती है।
रानी: मम्मी.....
सरिता एक दम से चोंक जाती है। वहीं राज भी अपने मदहोशी के आलम से बाहर निकल आता है। दोनो अपने अपने स्थान पर स्तब्ध खड़े ये विचार कर रहे थे कि आखिर वो दोनों क्या करने जा रहे थे। सरोता और राज दोनो ग्लानि से भर पड़ते है। तभी रानी की आवाज एक बार फिर से आती है। जिसे सुनकर राज पीछे को होता है और सरोता आगे को। जब सरिता और राज दोनो अपने अपने स्थान से दूर हटतें है तब राज को सरिता की गाँड़ की गहराई का एहसास होता है। और सरिता को राज के लन्ड की लंबाई का। दोनो एक दूसरे को महसूस कर पा रहे थे। राज का लन्ड 4 इंच के करीब सरिता की गाँड़ में धंसा था। जो दोनो के हटने से एकदम स्लो मोशन में बाहर निकलता है।
तभी रानी सीढ़ियों से उतरते हुए किचन के बाहर तक आ जाती है।
रानी: मम्मी वो खाना ( रानी ने अभी इतना ही कहा था कि सामने राज को खड़ा देख कर रानी एक बार फिर से बाथरूम वाली घटना को याद कर बैठती है और वही हाल राज का था।)
जहां एक तरफ रानी बाथरूम की घटना को याद करके शर्मा रही थी। वही दूसरी और राज रानी के जिस्म को याद करके गर्म हो रहा था। राज का लन्ड पहले ही सरिता के स्पर्श से खड़ा था अब राज को रानी के साथ वाली घटना की याद ने और तड़पा दिया था।
सरिता तुरंत किचन से एक आधे घण्टे में खाना बनाकर सबको खिलाती है। और खुद भी खा लेती है। सब लोग खाना खाकर अपने अपने कमरे में चले जाते है।
आज तीनों कमरों में हवस की आग की आप्टे जोरों से भड़क रही थी। रानी और सोनिया राज को महसूस करके उसे और महसूस करना चाहती थी। वही सरिता अपनी जिस्म की गर्मी से मजबूर होकर राज को पाना चाहती थी। वही राज आज दिनभर की घटना और अपनी हरकतें याद कर कर के गर्म हो रहा था। राज को अब कीसी भी हाल में चुदाई करनी थी। मगर कैसे?
राज को लता वाला इंसिडेंट याद आता है। राज तुरंत आईना निकाल कर लता को याद करने लगता है। लेकिन बार बात राज के जेहन में रानी और सरिता आ रही थी। इस लिए जब भी राज लता के साथ सेक्स करने की सोचता आईना उसे रानी और सरिता के समीप ले जाता।
आज राज का मन और दिमाग दोनो स्थिर नहीं थे।
राज ने आईना चुप चाप वापस अपने बैग में रख दिया। राज के मन मे अभी तक अपनी बहन या माँ के साथ शारीरिक संबंध बनाने को लेकर एकदम स्पष्ट नही हुआ था। राज बिस्तर पर लेटे लेते अपनी लन्ड को मसलने लगता है। वही काम रानी और सोनिया और सरिता अपनी अपनी चुतों को मसलने का अपने अपने कमरे में कर रही थी। सब एक दूसरे से चिप कर एक पर्दे के पीछे। जो शायद कभी भी उठ सकता था या गिर सकता था। देखते ही देखते रात कब सुबह हो गयी लाता ही नहीं चला।
सुबह होते ही सब नॉर्मल खाना खाकर अपने अपने काम पर चल दिये। आज ये राज का पहला दिन था अपनी कॉलेज में। राज जब कॉलेज पहुंचा तो ज्यादातर उसके साथी जो पिछले साल थे वही उसकी क्लास में थे। लेकिन कुछ 3-4 नई लडकिया और 2 नए लड़कों ने एडमिशन लिया था। राज को ये बात किसी पुराने सहपाठी ने बताई।
राज जब क्लास में गया तो देखता ही रह गया। राज की कॉलेज के वो दो बच्चे कोई और नहीं बल्कि मंगल और श्याम थे।राज ने जब उन दोनों को देखा तो बहुत खुश हुए वही हाल उन दोनों का भी था। मंगल और श्याम भी राज को देख कर बहुत खुश हुए और एक दूसरे के वाले लग गए।
सुबह से 3 क्लास तो ना जाने कब खत्म हुई पता ही नहीं चला। लेकिन इंटरवेल में कुछ ऐसा हुआ कि उसके बाद राज का दिमाग चलने लगा। दरअसल इंटरवेल मैं जब राज कैंटीन में अपने दोस्तों के साथ गया तो वहां उसे दो लड़कियां जानी पहचानी दिखी। एक थी छोटू की बहन।
अरे वही जिसे गांव में देखा था।
और दूसरी लड़की थी चंचल की छोटी बहन।
मंगल और श्याम ने राज की मुलाकात छोटू की बहन से करवाई। जो कि नवीन क्लास में थी। राज को पता चला कि छोटू के बाबा का देहांत हो गया था जिसके कारण से छोटू की बेहन 9 वीं की परीक्षा नही दे पाई इस लिए यहाँ पर वो नवीं में पढ़ रही थी। वही राज ने जब चंचल की चोटी बहन की तरफ इशारा करके पूछा तो छोटू की बहन ने बताया कि वो तो उसी की क्लास में है। बहुत रहीस लोगो के परिवार से लगती है। बहुत नखरे भी करती है। पढ़ने से लेकर के क्लास में सीट पर बैठने तक इसके नखरे होते है।
श्याम और मंगल भी चंचल की चोटी बहन की तरफ देखते है। (तभी राज छोटू की बहन से मुस्कुराते हुए उसका नाम पूछता है। छोटू की बहन अपना नाम बताती है।)
राज: नाम क्या है?
छोटू की बहन: जी मेरा नाम अनिता है।
राज: अनिता मैं तुम्हारा नाम नहीं पूछ रहा था उस लड़की का क्या नाम है? ( मुस्कुराते हुए)
अनिता: ( अपनी सर पर हाथ मारकर जीभ बाहर निकल लेती है) जी उसका नाम ? उसका नाम श्रेया है।
राज: श्रेया हां! हम्मssss चलो तुम मन लगा कर पढ़ना।
अब आप सब अंदाजा तो लगा ही सकते है 9 वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़की की उम्र क्या होगी। लेकिन मैंने छोटू की बहन के बारे में तो आपको पहले ही बता दिया था। चलो चंचल की बहन के बारे में बताता हूँ।
चंचल की बहन 5 फिट 4 या 3 इंच के करीब की लंबाई की होगी। लंबे लंबे हल्के भूरे रंग के बाल है। जो कि उसकी कमर तक आ रहे थे। हल्की हल्की उठी हुई चुंचिया नोक बाहर निकाले हुए और रंग एक दम गोरा। चंचल से तो 21 है। और गाँड़ लगभग तीन इंच ऊपर की और उठी हुई। कुछ भी कहूं एक दम सांचे में ढली हुई। और सबसे कमाल की बात है उसका चेहरा। 9 वीं मैं पढ़ रही श्रेया का चेहरा 9वीं क्लास की लड़की जैसा नहीं बल्कि कोई 5-6 मैं पढ़ने वाली मासूम बच्ची जैसा चेहरा।
राज ने बहुत गौर से श्रेया के बदन को देखा था। राज ने उसके हाथों को देखा तो वहां पर अभी तक हल्के भूरे रंग की रोयें तक नहीं आयी थी। श्रेया को।देखते देखते ही अचानक से राज के दिमाग मे चंचल आ जाती है। और तभी राज वही खड़े खड़े बदले।का प्लान बनाने लगता है। या यूं कहूँ की उसकी सफलता के बारे में सोचने लगता है।
छोटू की बहन के जाने के बाद भी राज एक तक चंचल की बहन श्रेया को अपनी सहेलियों के साथ हंसते खेलते देख रहा था। और मुस्कुरा रहा था। राज के इस तरह से श्रेया को घूरते देख श्याम हल्के से राज के कान में बोलता....
श्याम: राज तुम श्रेया को चौदना चाहते हो ना?
राज ना जाने कैसे लेकिन आटोमेटिक अपनी गर्दन हाँ में हिला देता है। फिर राज को एहसास होता है कि उसने क्या किया तभी मंगल और श्याम दोनो राज की बात पर हँसने लगते है।
मंगल: लेकिन वो चिड़िया इसके हाथ नहीं लगेगी।
श्याम: अरे चिड़िया को फसाने के दो तरीके होते है। एक चिड़िया को धीरे धीरे दाना डालो और जाल में फंसा लो। दूसरा उड़ती चिडया पर सीधी जाल फेंकों।
मंगल: एक तरीका और है?
राज और श्याम दोनो मंगल की और देखते है। और मंगल अपनी जेब से एक ड्रग की डिब्बी निकालता है। एक दम विक्स जैसी लग रही थीं ।
मंगल: राज भाई ये ऐसा ड्रग है अगर किसी 90 साल की बूढ़ी औरत की चूत में भी इसे लगा दो ना तो वो भी झरने की तरह बहने लगेगी। वैसे तो इसे किसी की पेंटी पर लगा दो टैब भी छूट खुजाने लगेगी लेकिन अगर डायरेक्ट चूत में लगा दिया तो समझो लड़की चुदने के लिए थोड़े से प्रयास में तैयार हो जाएगी। ये उसकी छूट मैं हवस की आग लगा देगी।
राज: यार तुम ना कुछ भी बकवास कर रहे हो?
श्याम: एक मिनट बकवास? अच्छा एक बात बताओ तुम कॉलेज किस चीज से आये थे।
राज: हम्म कार से , दीदी ने ड्राप किया!
श्याम: अब घर हमारे साथ चलना। बस में! तुम्हे कुछ दिखाना है।
राज:क्या?
मंगल: अरे चलो तो सही फिर तुम्हे वो भी पता चल जाएगा।
यूँहीं क्लास का पहला दिन खत्म हो गया। हर क्लास का पहले दिन कुछ टीचर्स आये कुछ नहीं आये। जो आये उन्होंने सबका परिचय लिया और खुद का परिचय देते हुए जाते रहे। सभी अध्यापकों ने मिलकर डिसाइड किया कि इस सप्ताह के गुरुवार से बच्चो की पढ़ाई शुरू करवा दी जाए। और यही सब होते होते क्लास की छुट्टी हो गयी।
राज अपने दोस्तों के साथ बस में घर के लिए रवाना हो गया। हाँ बस में जाने से पहले राज ने रानी को मश्ग कर दिया था कि वो बस से घर जा रहा है। राज बेग में अपना मोबाइल भी छुपा कर लाया था। वैसे तो 12 क्लास तक आज भी कई जगह मोबाइल अल्लाउ नहीं है।
राज मंगल और श्याम के साथ जिस बस में चढ़ा था उसी बस में कुछ और भी लडकिया चढ़ि थी। जिनमे ज्यादातर 9 से 10 की लग रही थी। 11 और 12 कि लड़कियां तो घर से कुछ व्हिकल लेकर आती थी और कुछ उन्ही के साथ निकल लेती थी।
मंगल और श्याम ने एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कान बिखेर दी। और राज की तरफ देख कर मंगल सामने खड़ी एक लड़की की तरफ इशारा करके बोलता है। देख अब ये ड्रग मैं उस लड़की की चूत पर लगाऊंगा। थोड़ी देर बाद अगर मैं उसे चौद भी लूं तो उसे कोई दिक्कत नही होगी।
मंगल ने इशारा करके राज और श्याम का ध्यान एक लड़की की और किया।
श्याम मंगल की तरफ देख कर बोलता है।
श्याम: जा मेरे शेर जा, पूरा जंगल तेरा है।
मंगल धीरे धीरे करके उस लड़की के ठीक पीछे खड़ा हो जाता है। चलती बस में वैसे ही आगे पीछे होने की जगह नहीं थी। मंगल जा कर पहले तो लड़की के धीरे धीरे कमर और पीठ पर हाथ फेरने लगा। जब लड़की को ये पता लगा कि कोई उसे छू रहा है तो उसने पीछे मुड़ कर मंगल को देखा और अपनी आंखें दिखाई जैसे अभी शोर मचा कर उसे पब्लिक से पिटवा देगी।
मंगल फिर भी कहां मानने वाला था आखिर उसके दोस्तों के सामने उसकी नाक कट जाती । मंगल ने धीरे से उस लड़की की गाँड़ पर हाथ फेरा। लड़की ने तुरंत उसका हाथ झटक दिया। मंगल धीरे से उस लड़की के कान में बोलता है। सिर्फ छू कर चला जाऊंगा।
लड़की मंगल की ये बात सुनकर गुस्से से मंगल की तरफ देख कर दो कदम आगे चली जाती है। इस वक़्त लड़की के सामने एक कुर्सी रखी और पीछे मंगल और बाजू में श्याम खड़ा हो गया और दूसरे बाजू में बस की दीवार। मंगल के लिए इस से अच्छा और क्या मौका होता मंगल ने तुरंत लड़की की कॉलेज की स्कर्ट को ऊपर किया। स्कर्ट ऊपर होते ही नीचे पेंटी थी। मंगल ने उस लड़की की पेंटी नीचे करने की खूब कोशिश की मगर सफल नहीं हो पाया। क्योंकि लड़की को जब लगा कि मंगल उसकी पैंटी खोलना चाह रहा है तो उसने अपनी दोनो टांगों को सिकोड़ लिया।
अंततः जब सारे प्रयास असफल हो गए तो मंगल ने उस लड़की को हल्का सा आगे की और धक्का दिया। लड़की जैसे ही गिरने वाली हुई एक आध कदम आगे चली। लड़कि के आगे चलने से उसकी दोनो टांगे खुल गयी। बस इसी का फायदा उठाकर मंगल ने उसकी दोनों टांगों के बीच अपनी टांगे फंसा दी। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं ने अपनी स्कर्ट और पेंटी को अपनी कमर पर केस कर पकड़ लिया ताकि मंगल उसकी पैंटी ना उतार पाए।
मंगल को जब इस बात का पता लगा तो मंगल ने तुरंत उस लड़की की पेंटी उतारने की बजाय उसकी चूत के ऊपर से साइड में कर दिया। मंगल के ऐसा करते ही लड़कीं हल्की सी चिहुंकि लेकीन टैब तक देर हो चुकी थी। मंगल ने अपनी उंगली पट विकस की तरह लगा ड्रग तुरंत उस लड़की की चूत पर मल दिया। मंगल उसे ऐसे लगा रहा था जैसे उसकी छूट का उंगली से ब्रश कर रहा हो। एक दम छूट के बाहर और अंदर तक। उंगली घुमा घुमा कर।
मंगल को अभी 10 सेकंड भी नही गुजरे थे कि लड़कीं चीख पड़ी। लड़कीं के चीखते ही मंगल ने लड़कीं को छोड़ दिया। मंगल के छोड़ते ही लड़कीं तुरंत पलटी और मंगल के गाल पर चटाकsssssssss एक जोर दर थप्पड़ मारकर आगे चली गयी जहां पर 2-3 और भी लडकिया थी।
मंगल अपना गाल पकड़े राज और श्याम के पास गया। राज अपनी हंसी बहुत मुश्किल से दबा रखा था। लेकिन क्या करता जब मंगल को अपना गाल पकड अपनी तरफ आते देखा तो खुद बा खुद राज की हंसी फुट पड़ी। राज को हंसता देख श्याम भी अपनी हंसी पर से काबू खो दिया और वो भी हँसने लगा।
मंगल ने जब अपने दोनों दोस्तो को अपने ऊपर हंसते देखा तो पहले तो मंगल का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। लेकिन जल्द ही खुद मंगक भी अपने दोस्तों के साथ हंसते हुए बोला।
मंगल: साली ने झापड़ ही धर दिया।
श्याम: (हंसते हुए) काम हुआ।
मंगल: वो तो तुम दोनों देख लेना। अब से 2 मिनट बाद उसे पसीना आएगा। अगले 2 मिनट में वो अपनी जाँघे आपस मे रगड़े गई। और उसके अगले दो मिनट में उसकी चूत झरने के जैसे पानी ना फेंके तो नाम बदल लूंगा।
राज: तू पहले अपना गाल बदल नाम बालन मैं तूने अभी 6 मिनट बात दिया।
मंगल और श्याम दोनो हँसने लगे। मंगल ने अपने बैग से वो ड्रग की 5-6 डिब्बियां निकाल कर राज के बैग में रख दिया। राज ने जब मंगल की तरफ देखा तो मंगल ने राज से कहा।
मंगल: रखले यार तेरे काम आएगी। वो कच्ची काली तेरे हाथ एवें ही नहीं आने वाली।
अभी कुछ 2 मिनट ही गुजरे थे कि लड़कीं बुरी तरह से गर्मी महसूस करने लगी। कभी अपने हाथों से हवा करने लगती तो कभी बस की खिड़की से आती हवा की तरफ जाने का प्रयास करती लेकिन भीड़ इतनी थी कि ना तो हवा उस तक पहुंच पा रही थी और ना ही वो अपनी जगह से हिल पा रही थी।
राज अपने दोस्तों मंगल और श्याम के साथ एक जगह बैठा उस ड्रग का कमाल देख रहा था।
थोड़ी देर बाद करीब 2 मिनट ही हुए थे कि लड़कीं बुरी तरह से पसीनों में भीग गयी थी। उसकी कॉलेज शर्ट जगह जगह से पसीनों से भीग कर उसके बदन पर चिपक गयी थी। राज अभी भी उस लड़की के चेहरे के भावों को देखे जा रहा था। उसके चेहरे भाव साफ साफ उसके मादक होने का चिन्ह थे।
"जब सरिता और राज दोनो अपने अपने स्थान से दूर हटतें है तब राज को सरिता की गाँड़ की गहराई का एहसास होता है। और सरिता को राज के लन्ड की लंबाई का।"
बहुत ही बढ़िया भाई !!! बहुत ही सुंदर व् कामुक विवरण, मन आनंदित व् मुदित
// सुनील पंडित // yr):
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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यह तो वह ही समझ सकता है ना जिसने इसको महसूस किया हो , आआह्ह्ह
// सुनील पंडित // yr):
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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Next update kab de rahe ho bhai
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(04-08-2019, 02:44 PM)Leocardo Wrote: देर आये दुरूस्त आये ??????????????????
?????????????????????
??????????????
????????????नाचो भाई का अपडेट आया?????????????
Thank you bro....
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(05-08-2019, 07:02 AM)Logan555 Wrote: A WEEDING CEREMONY IN VILLAGE
A single story of 7 different laldies in different plots
Saat alag alag kahaniya ek single kahani me
Aur us kahani ke most popular charectar Shabana( Zarine khan) ke DEFLORATION yani PRATHAM CHUDAI ka update padne ke liye neeche likhe link par click kare ek aisa updata jisme apko BSSM/LOVE/KINK/PAIN/INTER RELIGIOUN/DEFLORATION ka maza ek sath milega. is story judkar apna bahumulya feedback de.
![[Image: Pics-Art-02-26-03-20-13.jpg]](https://i.ibb.co/kJhWR5h/Pics-Art-02-26-03-20-13.jpg)
STORY LINK
https://xossipy.com/showthread.php?tid=1191
This is nice story bro....
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(08-08-2019, 11:03 AM)suneeellpandit Wrote: "राज के हाथ धीरे धीरे सरिता कर कंधों से फिसलते हुए उसकी बाजुओं से होते हुए सरिता की कमर पर आ गये। राज अपनी गर्दन सरिता की गर्दन के करीब करके होल से सांस अंदर खींचता है। जिसका एहसास सरिता को भी हो जाता है। सरिता राज के चेहरे को अपनी गर्दन के करीब पाकर अपबी गर्दन एक दम मदहोशी के हाल में पीछे की तरफ राज के कंधे पर गिरा देती है।"
आह !!! बहुत ही सुंदर और मनभावन विस्तृत विवरण किया है आपने श्रीमान \ देखकर और पड़कर दिल अत्यंत संतुष्ट और कामुक हो गया \ आपके द्वारा किया हुआ विस्तृत विवरण अत्यंत ही मोहक होता है \ आप एक एक बारीकी को पकड़ कर उसको शकल देने में माहिर हैं \ इश्वर आपको सलामत रखे और आप ऐसे ही लिखतें रहें और स्वस्थ रहें \
yr): :)
आपका भी बहुुुत बहुत शुक्रिया....
Aapko bahut bahut thanks aapne meri kahani ke bhavanatmak pahluon ko us kahani ki samjh ko bina kisi chalachitr ke samjhne ka prayaas kiya...
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(08-08-2019, 02:27 PM)Leocardo Wrote: Next update kab de rahe ho bhai
Bahut jald dear bro....
Kuch dino ke liye other state gaya tha aaj aa raha hun.... 1 -2 din me update bhi de deta hun...
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update Dona yaar kab dogi update
मुझको छोड़ने की बजह तो बता जाते,
तुम मुझसे बेज़ार थे या हम जैसे हज़ार थे।
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(10-08-2019, 07:14 AM)fucker raj Wrote: update Dona yaar kab dogi update
Next update aaj.....
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kab kitne baje yeah to bato
मुझको छोड़ने की बजह तो बता जाते,
तुम मुझसे बेज़ार थे या हम जैसे हज़ार थे।
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10-08-2019, 12:17 PM
(This post was last modified: 10-08-2019, 12:23 PM by Rocksanna999. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अपडेट - 25
राज अपने दोस्तों मंगल और श्याम के साथ एक जगह बैठा उस ड्रग का कमाल देख रहा था।
थोड़ी देर बाद करीब 2 मिनट ही हुए थे कि लड़कीं बुरी तरह से पसीनों में भीग गयी थी। उसकी कॉलेज शर्ट जगह जगह से पसीनों से भीग कर उसके बदन पर चिपक गयी थी। राज अभी भी उस लड़की के चेहरे के भावों को देखे जा रहा था। उसके चेहरे भाव साफ साफ उसके मादक होने का चिन्ह थे।
अब आगे......
अभी राज उस लड़की की बेबसी देख कर मुस्कुरा ही रह था कि मंगल ने राज के कोहनी की मारकर राज का ध्यान उस लड़की की स्कर्ट की और किया। राज ने जब उस लड़की की स्कर्ट की तरफ देखा तो पाया कि लड़कीं के पेर कांप रहे है।
राज ने मंगल की और देखा और फिर वापस लड़कीं की और देखा तो पाया कि लड़कीं ने स्कर्ट में ही पेशाब कर दिया।राज ने श्याम की तरफ देखा तो श्याम ने राज को कहा।
श्याम: राज अब ये लड़कीं अपनी शरीर की गर्मी मिटाना चाहती है। इसलिए इसकी चूत पानी छोड़ रही है। लेकिन ये लड़कीं सादारण से कुछ ज्यादा पानी छोड़ रही है इसका मतलब ये बहुत सेंसेटिव। ये उन लड़कियों में से है जिसे एक बार चुदने का रोग लग जाये तो वो फिर बाप भाई नहीं देखती बस लन्ड देखती है।
तभी राज की नज़र उस लड़की के चेहरे पर पड़ती है। वो बार बार घूम घूम कर मंगल को देख रही थी। उसके चेहरे से साफ दिख रहा था कि वो चुदना चाहती है लेकिन किसी अजनबी से कैसे चुद जाए यही संकोच शायद उसे रोक रखा हो।
लेकिन जैसे जैसे वक़्त गुजर रहा था वैसे वैसे उस लड़की पर मंगल का नशा हावी हो रहा था। धीरे धीरे लड़कीं की पेंटी गीली होकर उसका पानी उसकी जांघों से होते हुए उसके जुराबों से जूतों की और बढ़ रहा था। उस लड़की की चुंचिया एक दम अरॉउज़ड़ हो गयी थी।
अब मंगल ने अचानक से राज को कहा...
मंगल: अब देख मैं कैसे थप्पड़ का बदला लेता हूं।
मंगल इतना कह कर उस लड़कीं के पीछे चला गया। वो लड़कीं मंगल को अपने पीछे देख कर बिल्कुल भी नहीं हिलती। बल्कि उसके हाव भाव से ऐसा लग रहा था जैसे वो खुद चाहती हो की मंगल कुछ करे।
मंगल ने धीरे से अपने दोनों हाथ उस लड़कीं की गाँड़ पर रख दिये। लड़कीं के चूतड़ों को बड़े आराम से सहलाने लगा। लड़कीं ने जब मंगल के हाथों को अपनी गाँड़ पर महसूस किया तो आगे की और झुक गयी।
श्याम और राज उठ कर मंगल के दोनों साइड में खड़े हो गए ताकि आस पास के लोगो को दिखे नहीं। तभी मंगल उस लड़की की स्कर्ट ऊपर कर देता है। मगर कमाल की बात ये थी कि एक पब्लिक बस में कई अजनबी लड़का उस लड़की की स्कर्ट ऊपर कर रखा था और उस लड़कीं का विरोध बिल्कुल भी नहीं था। उल्टा वो लड़कीं आगे की तरफ झुक कर अपने पैरों को खोल रही थी। एकदम उल्टे v की तरह उस लड़कीं के पैर थे।
मंगल ने जब लड़कीं कि ये हरकत देखी तो तुरंत उस लड़कीं की पेंटी उतार दिया। और उस लड़कीं का एक पैर उठा कर एक पैर से उसकी पेंटी निकाल दी और दूसरे पेर के मोजे मैं उस पेंटी को डाल दिया।
राज ने जब लड़कीं कि पेंटी उतारते मंगल को देखा तो राज का लन्ड एक दम तन्ना गया।
राज अब हर हालत में उस लड़की को चौदना चाहता था। राज ने हल्के से अपने लन्ड को सहलाया लेकिन जब मंगल ने राज को अपना लन्ड सहलाते देखा तो इशारा से मना करने लगा।
राज ने जब ये उस इशारे को समझा तो पता चला कि मंगल उस लड़की को चोदने के लिए मना कर रहा था। राज अभी इस बात का कारण समझने की कोशिश कर ही रह था कि मंगल ने श्याम के बैग से कुछ निकाल और उस लड़की की चूत पर रख दिया। बड़ी अजीब सा था वो। ऐसा लग रहा था जैसे वो चूत पर चिपक गया हो। उसकी शेप सब कुछ पैड की तरह थी।
राज एक बार फिर से सोचों में गुम था ।
राज जब तक अपनी सोच से बाहर निकलता तब तक मंगल ने उस लड़कीं की पेंटी को फिर से ऊपर कर दिया। श्याम और मंगल उस लड़कीं के पास से हट गए। अब वो लड़कीं राज की तरफ बड़ी प्यासी नज़रों से देख रही थी।
उस लड़कीं कि नज़र राज के तन्नाये हुए लन्ड पर थी। लेकिन राज उज़ लड़कीं की आंखों में देखते हुए अपने दोस्तों के पास चला गया।
अगले 20 मिनट के सफर में लड़कीं ना जाने कितनी बार पानी छोड़ी। उसके पैरों के नीचे का बस का फ्लोर बिल्कुल गीला था। जब राज ने मंगल से उस पेड जैसे दिखने वाले कपड़े के बारे में पूछा तो मंगल ने बोला।
मंगल: वो एक बहुत की कमाल का जापान गेजेट है। उसे वाइब्रेटर कहते है। कमाल भी बात ये है कि ये वरजिन ओर नॉन वर्जिन दोनो लड़कियों के लिए है। ये पेंटी की तरह है। बस गाँड़ और चूत पर टिका होता है। ओर उस से भी कमाल की बात ये है कि उसका कंट्रोलर मेरे पास है ये रिमोट।
तभी बस रुक जाती है। ये राज का घर के पास वाला क्षेत्र था। राज तुरन्त बस से उतर गया। आज राज को बहुत कुछ सीखने को मिला। राज ने बस से उतरने के पहले मंगल और श्याम के मोबाइल नम्बर ले लिए थे।
एक महीने बाद...........
पिछले एक महीने से छोटू की बहन चंचल की बहन के साथ खूब दोस्ती निभा रही थी। राज के कहने पर। वही राज अपनी नई बनी गर्लफ्रैंड के साथ पिछले एक महीने में खूब घुमा चिट्चैट की और आपस मे साथ वक़्त गुजारने के साथ साथ दोनो बहुत करीब आगये। आज राज को कोमल पास वाले शहर में ले जा रही थी जहां पर कोमल की बहन और जीजू रहते है।
वहीं पिछले एक महीने से रानी सोनिया और सरिता तीनो अपने जिस्म की आग में जल कर हर रात पिघल रही थी। हर रात तीनो का बिस्तर ओर पेंटी गीली हो जाती थी।
और एक तरफ राज के दोस्तों ने मंगल और श्याम ने दोनों ने मिलकर राज को बहुत सी चीजो के बारे में बताया और उनके इस्तेमाल के बारे में भी। और राज ने भी उन्हें चंचल के बारे में बता दिया ताकि उसे चंचल से बदला लेने में मदद मिल सके।
पिछले 1 महीने में राज चंचल के साथ 7 से 8 बार डेट पर गया। लेकिन जैसा कोमल ने राज को कहा था कि चंचल के साथ डेट पर जाओ लेकिन उसे भाव मत देना। और उसी के चलते कोमल चंचल की क्लोज दोस्त बनती गयी।
अब कोमल और राज ने दोनों ने मिलकर एक खेल स्टार्ट कर दिया था। इस खेल में छोटी की बहन ने चंचल की बहन को और कोमल ने खुद चंचल को संभाला हुआ है। वही बाहरी मदद के लिए मंगल और श्याम है ही। अब मंगल और श्याम में राज को चौदना भी सिखा दिया और लड़कीं फंसाना भी।
जब राज ने मंगल से पूछा था कि बस के उस लड़कीं को चौदने क्यों नहीं दिया तो मंगल ने बोला कि " वहां पर भीड़ थी और वो लड़कीं वर्जिन और तेरा लन्ड गधे सा, अगर सुपडे भी डाल देता तो आधा भारत जान जाता कि कोई लड़कि चौद रहा है।
धीरे धीरे समय बीतता रहा। समय के साथ साथ राज और कोमल का रिश्ता गहरा और गहरा होता चला गया। लेकिन राज की दोनों बहनें और उसकी माँ का दिल और दिन और रात दोनों बेचैनी से गुजरने लगी।
सरिता संग रानी और सोनिया को भी अभी तक ये समझ नही आ रहा था आखिर शुरुआत कहाँ से करें। तभी एक घटना घटी जिस से वो सब शुरू हो गया जो समाज की नज़र में तो पाप है मगर इन तीनो की नज़र में जीने का मक़सद। लेकिन उस से पहले एक बात रह गयीं जो आप सब का जान ना बहुत ज़रूरी है।
दरअसल पहले मैंने आपको बताया था की राज और कोमल डेटिंग करते करते इतने क्लोज हो गये की कोमल आज राज को अपनी बड़ी कजिन बहन से मिलवाने के लिए ले जा रही थी।
राज ने रानी और सोनिया के ज़रिए से कोमल को अपने मम्मी पापा से पहले ही इंट्रोड्यूस करवा दिया था। साथ ही सबको पता था राज के घर पर की कोमल राज की गर्लफ्रैंड है। इस लिए राज को कोमल के साथ दूसरे शहर में भेजना किसी को भी गलत नहीं लगा।
राज कोमल के साथ बड़े ही रोमांटिक अंदाज में कोमल की पर्सनल कार में सफर करते हुए वहां पहुंचा जहां राज की मुलाकात एक और शैतान से हुई। लेकिन ये शैतान राज का मददगार साबित हुआ।
रात को करीब 8.50 पर कोमल और राज दूसरे शहर की अपनी मंज़िल पर पहुंच गए। वहां जाकर जब कोमल ने दरवाजे की बेल बजायी तो एक बेहद खूबसूरत महिला ने दरवाजा खोला।
राज उस महिला को देखता ही रह गया। वो कोई महिला नहीं बल्कि 27-28 साल की कोई शादी शुदा लड़की थी। उसके चेहरे पर कोई निशान नहीं। यहां तक कि तिल भी नज़र नही आ रहा था। मोटी मोटी आंखें , सुर्ख गुलाबी होंठ, और दूध से रंग में गुलाब का मिला जुला रंग जैसा उसका रंग और गाल, सुडौल छातियाँ, पतली कमर, चेहरे पर क़ातिल मुस्कान और नज़रें जैसे जंग में चलती तलवारें।
राज अभी भी एक टक उस लड़की को देखे जा रहा था। तभी कोमल ने अपने कंधे से राज के कंधे पर मारा और धीरे से कान में बोली.....
कोमल: बस भी करो तुम्हारे साथ तुम्हारी गर्लफ्रैंड भी है....
कोमल की इस बात पर जहां राज झेंप गया था वहीं दरवाजे पर खड़ी खूबसूरत हसीना हँसने लगी। तभी कोमल ने उस लड़की का नाम लिया और उसके गले लग गयी।
कोमल: ओह कोमल दीदी.... मैं आपको बहुत मिस करती हूं। शादी के बाद तो आप जैसे भूल ही गयी।
फिर जब कोमल को याद आया कि राज का इंट्रो तो करवाया ही नही तो कोमल राज का इंट्रो एक नई कोमल से करवाती है।
कोमल: राज मीट मय फेवरेट सिस्टर कोमल रानी...
राज हाथ जोड़ कर नमस्ते बोलता है लेकिन तभी कोमल रानी राज को झिड़क देती है। और बोलती है।
कोमल रानी: मेरी बहन का बॉयफ्रेंड है तो क्या में तुझे आंटी लगी जो हाथ जोड़ कर नमस्ते कर रहा है। आगे से जब भी माइक तो सीधे हग करना। और हां सिर्फ मुझे ही नही किसी भी लड़की से मिले तो सीधे हग करना। समझे।
इतना बोलकर कोमल रानी अपनी सुडौल चुंचिया राज की छाती में धंसाते हुए और अभी टाइट गले लगाती।
वहीं कोमल अपनी कजिन बहन से पड़ी राज को प्यारी झड़प से मुस्कुराने लगती है।
बड़ी मुश्किल से राज ने कोमल रानी से वादा किया कि वो आगे से सबसे गले मिल कर ही नमस्ते करेगा। तब जाकर कोमल रानी ने राज को छोड़ा।
कोमल और राज को कोमल ने एक रूम दे दिया था। राज को इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नही थी यहां कोमल अपनी दीदी के सामने उसके साथ एक ही रूम शेयर करगी। लेकिन अभी तो राज को मालूम ही क्या था।
9 बजे तक राज और कोमल दोनो फ्रेश हुए तब तक कोमल रानी ने खाना बना लिया था उसे टेबल पर परोस दिया था। जब राज और कोमल खाने की टेबल पर आए तो वहां पर दो नए मेहमान आये हुए थे। मेरा मतलब दो नए अनजाने शख्स मौजूद थे। एक कोमल रानी के पति देव और दूसरी उनकी ननद।
जब राज और कोमल खाने की टेबल की और बढ़ रहे थे तो कोमक की नज़र अपने जीजू पर पड़ते ही जीजू बोलते हुए सीधे उनके गले लग गयी। कोमल के ऐसा करने से कोमल की चुंचिया सीधे कोमल रानी के पतिदेव की छाती में...
तभी राज भी टेबल पर वहां पहुंच और जैसे ही राज ने हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया उसे कोमल रानी की चेतावनी भरी मोटी मोटी नज़रे नज़र आ गयी जो टेबल पर बैठे बैठे उसे घर रही थी। उसने तुरंत अपने हाथ अंदर किये और कोमल रानी के पति देव राज के गले लग गया। राज ने भी आराम से राज को गले लगाया और साथ ही राज की गांड को अपने हाथों से दबा दिया।
राज कोमल के जीजा जी की हरकत पर झेंप गया। राज को लगा कि आज तो उसकी इज्जत यहां से सलामत नही जाने वाली। तभी कोमल अपने जीजू की बहन के गले लगी।
कोमल: गुड्डीssssss वाउssss यू लुक्स सो अमेजिंग एंड हॉट।
कोमल की आवाज सुनकर राज की नज़र कोमल रानी की ननद पर गयी जिसका नाम था गुड्डी। कमाल की लड़की थी यार। एक झीना सा शर्ट और उसके नीचे एक निकर। निकर से जहां गुड्डी की केले के पेड़ जैसे चिकनी टांगे नज़र आ रही थी वही उस झीने शर्ट से गुड्डी की चुंचिया नज़र आ रही थी। नज़र क्या आ रही थी ये समझ लो ए के 47 ने निशाना साद रखा था एक दम सामने की और।
कोमल रानी: आगे से ये फिजूल की फॉरमैलिटी हमारे साथ मत करना। अब तो समझ गए ना कैसे मिला जाता है या फिर समझाऊ।
राज: नहीं नहीं में समझ गया।
राज को ये समझ नही आ रहा था कि ये कोमल रानी इतनी एडवांस ओपन क्यों है। क्या पहली मुलाकात में ये सब आम बात है। राज ये सब समझने में असफल थालेकिं कोमल रानी जानती थी को कोमल को छोड़ कर राज जाने वाला नहीं है और राज को कुछ सिखाने के लिए उस से ओपन ही होना पड़ेगा। और वैसे भी थोड़े से दिन है नहीं तो पूर एक्सपर्ट बना देती।
खाने की टेबल सब लोग इधर उधर की बातों के साथ साथ डबल मीनिंग बातें भी कर रहे थे। जिन्हें राज भी समझ रहा था और हल्के हल्के मुस्कुरा रहा था। कोमल रानी को इतना तो समझ आ गया था कि ये लड़का भी उनके पति की तरह शर्मिला है । लेकिन ये उनके लिए परेशानी नहीं थी। जब वो अपने पति की शर्म तोड़ सकती है तो फिर राज क्या चीज है। लेकिन ये काम वो नहीं बल्कि उनकी बहन कोमल खुद करे तो ज्यादा अच्छा होगा। इतना सोच कर कोमल रानी कोमल को अपने बेडरूम में बुला लेती है।
राज दूसरे कमरे में जा कर कुछ देर पहले हुई घटनाओं को याद कर रहा था। तभी अचानक से राज का बैग चमक ने लगा। राज ने तुरंत अपना बैग खोला तो देखा आईना चमक रहा है। आज ये आज ये आखिरी दिन का आखिरी घंटे था जहां राज आईने का इस्तेमाल बिना कुछ दिए कर सकता था। राज आईने से उसके चमकने का कारण पूछा।
राज के ऐसा सवाल करते ही आईने में राज के नाना जी आ गये।
नाना: सावधान राज वो शैतान नैना मेरे बस से बाहर हो गयी है। मैं उसे अब और कंट्रोल नही कर पा रहा हूँ । तुम्हे उसे नष्ट करना ही होगा राज।
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Wow. Osm update.
Aapko meri story Hawas ki aag kaise lag rahi ha? Zaroor batana.
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Kya baat hai,
kisi aur ki kahani ke kirdar add kar rahe ho to unko unki tarah ka hi rahne dena.
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(10-08-2019, 12:26 PM)Baban Wrote: Wow. Osm update.
Aapko meri story Hawas ki aag kaise lag rahi ha? Zaroor batana.
Thank you for your comments...
After some more updates I will decide about your stories..
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(10-08-2019, 12:32 PM)Black Horse Wrote: Kya baat hai,
kisi aur ki kahani ke kirdar add kar rahe ho to unko unki tarah ka hi rahne dena.
Ji thank you... Aapne bilkul sahi kiya.... Waise bhi aap sabhi us kirdaar ko acche se jaante hai to.. mei us me kii ched chaad nhi karne waala bus us kirdaar role thoda seemit ho ga.
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very nyc updates bro ..!!!!
....................  .......................
Sabhi ka khoon hai shamil yaha ki mitti mai ..
Kisi ke baap ka hindostan thodi hai ...
..................... :s .......................
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(10-08-2019, 03:52 PM)jonny khan Wrote: very nyc updates bro ..!!!!
Thank you so much
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update to dedo yaar I'm still waiting for next update
मुझको छोड़ने की बजह तो बता जाते,
तुम मुझसे बेज़ार थे या हम जैसे हज़ार थे।
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