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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
Nice !!
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Real love story
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Thanks for reading and support
Jld hi ek new incest story shuru krnga CHODURAJA

Stay with us....
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Next update today night
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Awaiting update
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(15-07-2019, 09:07 PM)Preet Sukh Wrote: Nice 
Waiting

(09-08-2019, 07:14 PM)harishgala Wrote: Awaiting update

Aadhe ghanta me new story ke sath esme bhi update
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Update 35

अजीब दासता है ये
रेशमा से जितना दूर होना चाहता था उतने पास आ रहा था
रेशमा ने क्या जादू कर डाला था मुझ पर पता नही लग रहा था
जैसा मेरा हाल था वैसा रेशमा का हाल भी था
वो अपना दर्द हल्का करने के लिए मिसेज़ गुप्ता के पास आई थी
और मैं भी अपना पेट भरने मिसेज़ गुप्ता के पास ही गया
उसको आराम की ज़रूरत है और उसको मायके जाना चाहिए ये मैं ने बताया
तो उसी के हाथो का खाना खा कर पेट की आग शांत हुई
हमारे सवाल हमने एक दूसरे से ही सॉल्व किए बस मिसेज़ गुप्ता ने एक मीडियम का काम किया
अब तो रेशमा अपने मायके जाएगी
मैं बस रेशमा को सपने मे ही देख पाउन्गा मिल पाउन्गा
फिर से एक नयी सुबह हुई
अब तो रेशमा से मैं ने सारे रिश्ते तोड़ दिए थे तो उसके यहाँ जाने का सवाल ही पैदा नही होता
पर हम दोनो को वो दिन याद आ रहे थे जब हम पति पत्नी की तरह जॉगिंग को जाते थे
जॉगिंग पर हम पति पत्नी बन जाते है वो पल हम दोनो के लिए सबसे ज़्यादा खुशियाँ लाता था
पर वो दिन अब वापस नही आएँगे
रेशमा भी उन दिनो को ही याद कर रही होगी
कल की तरह आज भी मैं भूका ना रहूं इस लिए मैं ने ऑफीस से छुट्टी ली और अपने लिए खाने का
समान और किराना शॉप से कुछ खरीदी कर ली
मैं ने देखा की रेशमा ने भी आज छुट्टी ली थी
शायद वो भी अपने मायके जाने की तैयारी कर रही है
रेशमा की एक बात अच्छी नही लगती कि वो कुछ बताती नही है
सुबह सुबह की खाने का समान लिया था
और जब मैं बिल्डिंग मे वापस आया तो मुझे सोसायटी के सेक्रेटरी मिल गये
सेक्रेटरी-अवी एक मिनिट रूको
अवी- जी ,
सेक्रेटरी-सुबह सुबह इतनी सारी खरीदी की
अवी- अकेला रहता हूँ तो खुद का खुद को ही देखना पड़ता है
सेक्रेटरी-कोई मेस क्यूँ नही लगा लेते
अवी- लगाई थी पर वहाँ का खाना हजम नही होता
सेक्रेटरी-तो किसी के यहाँ का खाना लगा लो
अवी- आपकी नज़र मे कोई हो तो बता दीजिएगा वैसे आपने मुझे रोका क्यूँ
सेक्रेटरी-तुमसे बात करनी थी
अवी- किस बारे में
सेक्रेटरी-तुमने पूछा था ना क़ी कोई अपार्टमेंट होगा तो बता देना
अवी- हाँ
सेक्रेटरी-तो एक अपार्टमेंट अगले हफ्ते खाली हो रहा है , तुम कहो तो बात करूँ
मुझे तब चाहिए
पर अब भी रेशमा के साथ वैसे ही हालात है
रेशमा से तो मैं दूर जाना चाहता हूँ
रेशमा को इसी लिए तो मायके जाने का सल्यूशन बताया
मैं रेशमा के पड़ोस मे रहूँगा तो उसको अपने दिलो दिमाग़ से बाहर नही निकाल पाउन्गा
मुझे उसको अपने दिमाग़ से निकालना होगा तो उससे दूर जाना होगा
सेक्रेटरी-क्या सोच रहे हो
अवी- जाना तो मैं भी चाहता हूँ ,
सेक्रेटरी-तो बात करूँ
अवी- अभी फाइनल तो नही बता सकता , अपार्टमेंट खाली होने दीजिए फिर बताता हूँ
सेक्रेटरी-जल्दी बताना वरना वो बुक हो गया तो तुम्हें ये सोसायटी छोड़ कर जाना होगा
अवी- मुझे ऑफीस मे बात करनी होगी क्यूँ कि ये उनके तरफ से मिला था अपार्टमेंट ,
सेक्रेटरी-बात कर लेना वैसे मैं ज़्यादा कमीशन नही लूँगा
अवी- ( तो ये बात) ठीक है , आप 99% समझ लीजिए कि मैं शिफ्ट होने को तैयार हूँ
सेक्रेटरी-ये हुई ना बात
और सेक्रेटरी चला गया मुझे और रेशमा को दूर करने
जैसे ही मैं लिफ्ट के पास गया तो क्या देखता हूँ
रेशमा हमारी बात सुन रही थी
रेशमा की आँख थोड़ी गीली लग रही थी
मेरे आते ही उसने अपना चेहरा छुपा लिया
रेशमा को मेरा दूर जाना कैसे अच्छा लगता
रेशमा को अपने कानो पर विश्वास नही हो रहा था कि उसका दोस्त उससे दूर जा रहा है
उसका हमदर्द साथी उस से दूर जा रहा है
रेशमा ने सोचा होगा कि कुछ दिन मायके जाकर फिर मेरे साथ दोस्ती की नयी शुरुआत करेगी
पर उसके आने तक मैं यहाँ से चला ही जाउन्गा
रेशमा के लिए ये बड़ा झटका था
रेशमा और मैं लिफ्ट मे थे
रेशमा ने अपना सर नीचे किया हुआ था ताकि मैं उसके आसू देख ना पाऊ
मैं ने अपने जेब से मोबाइल निकाल कर अपने कान को लगाया
अवी- हेलो माँ
मैं रूम बदल रहा हूँ
ये मत पूछन कि क्यूँ
पर इस सवाल के साथ तुम्हें भी चैन नही आएगा
मेरा यहाँ एक दोस्त बन गया था
पर कुछ वजह से हमारी दोस्ती ख़तम हो गयी
फिर से दोस्त बन क्यूँ नही जाते?
अच्छा सवाल है
अब दोस्त नही बन सकते
अब एक स्टेप आगे बढ़ना होगा तभी दोस्ती बन सकती है
मैं रूम चेंज कर रहा हू
वो यहाँ कई सालो से रह रही है
मैं नही चाहता कि मेरी वजह से उसको प्राब्लम हो
और हम दोनो के लिए अच्छा है कि मैं यहाँ से दूर जाउ
पास रहेंगे तो नज़रें मिलेगी और पुरानी बाते याद आएँगी
हम एक दूसरे को फेस नही कर पाएँगे
इस लिए मैं दूर जा रहा हूँ
मैं रूम चेंज कर रहा हूँ
मुझे कोई फोन नही आया था
ये रेशमा के लिए कहा था
रेशमा समझदार है
वो समझ जाएगी कि मैं ऐसा क्यूँ कर रहा हूँ
ये उसके अच्छे के लिए था कि मैं दूर जाउ वरना वो बदनाम होने का डर था
कहना तो बहुत कुछ चाहता था
पर फोन पर माँ से बात कर रहा था
ऐसे मे अपनी फीलिंग कैसे जाहिर होने देता
मैं ने अपनी भावनाओं पे कंट्रोल रखा
वरना कल की तरह लिफ्ट मे फिर से रेशमा की मिरर इमेज को किस करने लग जाता
मैं तो बात करते लिफ्ट से बाहर चला गया
इतना कुछ बोलने के बाद मैं रेशमा से नज़र नही मिला पाउन्गा
उसका गुनहगार था मैं
वो अकेली थी पर जी रही थी
मेरे आने से उसको कुछ उम्मीद मिली
उसको खुशिया मिली
मैं ने उसके जीने को एक सुंदर वजह दी
और अब उसको अकेला छोड़ कर जा रहा हूँ
उसकी लाइफ को नर्क से भी खराब बना के जा रहा था
पहले वो अकेली थी लेकिन अब वो अकेली होने के साथ कमजोर हो गयी है , .
पहले उसका हज़्बेंड उस से दूर हो गया था और अब हज़्बेंड के साथ दोस्त भी दूर जा रहा था
ऐसे मे मैं रेशमा का गुनहगार बन गया था
इस के सिवा दूसरा रास्ता भी दिख नही रहा था
______________________________
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Read my new story
CHODURAJA (INCEST)
https://xossipy.com/showthread.php?tid=13748&page=2
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Keep writing and posting
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bhai isko to chod lo pehle isko chode bina dusri story start kardi
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Update 36
मैं ने रूम चेंज करने का सोच लिया
ये मेरा फाइनल डिसिशन था
रेशमा मेरे फ़ैसले से दुखी थी
उसने तो मायके जाने का इरादा भी कॅन्सल कर दिया
रेशमा पूरी तरह से टूट गयी थी मेरी वजह से
उसके दिल मे क्या है ये मैं जान भी नही पाया
शायद वो मुझे प्यार करने लगी थी
लेकिन मैं ने सारे रास्ते ख़तम कर दिए थे
उसकी तो बची हुई हँसी भी छीन ली थी मैं ने
रेशमा उस दिन के बाद ऑफीस गयी ही नही
बस अपने अपार्टमेंट मे अकेली पूरा दिन बिताने लगी
बाल्कनी का डोर तो अब हमेशा के लिए बंद हो गया था
मिसेज़ गुप्ता से पता चला कि उनसे भी बात नही की रेशमा ने
रेशमा को हुआ क्या है
मिसेज़ गुप्ता जब उसके यहाँ गयी तो मैं ने चुपके रेशमा को देखा
रेशमा की हालत देख कर खुद पे गुस्सा आ रहा था
रेशमा से अच्छे तो रास्ते के भिकारी दिखते है
रेशमा की तारीफ करते मैं थकता नही था उसको ऐसे देख कर मेरे दिल मे दर्द की सूनामी उठने
लगी
रेशमा को कभी ऐसे भी देख पाउन्गा सोचा नही था
बाल बिखरे हुए जैसे सालो से कंघी ना की हो
साड़ी ज़बरदस्ती पहनी गयी हो
आँख के पास ब्लॅक स्पॉट आ गये थे
चेहरे का तेज़ तो गायब हो गया था
उसके चेहरे हँसी दिखाई भी नही दी
झूठी हसी तो होती ही थी पर वो भी नही दिखाई दी
मिसेज़ गुप्ता तो रेशमा को ऐसे देख कर टेन्षन मे आ गयी
पर रेशमा ने बीमारी का नाटक किया ,
पर मैं जानता था कि रेशमा को कौनसी बीमारी हुई है
हम दोनो पड़ोसी को हुआ क्या है ये समझ नही आ रहा था
रेशमा तो देवदासी बन गयी थी
मेरे यहाँ से जाने के फ़ैसले को फिर से सोचना पड़ रहा था
मिसेज़ गुप्ता ने मुझे बताया कि रेशमा को कोई बात खाए जा रही है
रेशमा किसी बात को लेकर कन्फ्यूज़ है
मिसेज़ गुप्ता के लिए उनकी बेटी जैसी थी रेशमा तो उनको चिंता हो रही थी
रेशमा की चिंता तो मुझे भी हो रही थी
रेशमा को प्यार की ज़रूरत है
ऐसे प्यार की जो उसकी लाइफ को खुशियों से भर दे
रेशमा को ये प्यार मुझसे मिले शायद ये वो चाहती थी
पर मैं अब कोई पहल नही कर रहा था
रेशमा मेरे दिल मे बस गयी थी
माला से ज़्यादा मैं रेशमा के बारे में सोच रहा था
रेशमा ही मेरे लिए सब कुछ बन गयी थी
रेशमा के बारे में सोचते हुए वो दिन भी आ गया जब मैं अपना समान शिफ्ट करने वाला था
मेरा दिल कह रहा था कि रेशमा से दूर मत जा
और दिमाग़ कह रहा था कि रेशमा को खुद से दूर करो
मैं इसी दुविधा मे अपना समान पॅक कर रहा था
ज़्यादा कुछ नही था
सब कुछ जल्दी पॅक हो गया
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था
मिसेज़ गुप्ता मेरे अपार्टमेंट मे आ गयी
अवी- आप , आइए
मिसेज़ गुप्ता- तुम जा रहे हो ऐसा सुना है
अवी- हाँ ,
मिसेज़ गुप्ता- क्यूँ यहाँ अच्छा नही लग रहा
अवी- ऐसी बात नही है
मिसेज़ गुप्ता- मैं भी क्या पूछ रही हूँ , तुम अपने मर्ज़ी के मालिक हो , जब चाहो तब जा सकते हो ,
मैं ही तुम्हें अपने बेटे जैसा मानने लगी थी
अवी- मैं आपको आंटी की तरह
मिसेज़ गुप्ता- अजीब रिस्ता बन गया कुछ महीनो मे ,हैना
अवी- हाँ , और मैं जहाँ भी जाउ आपसे मिलने ज़रूर आउन्गा
मिसेज़ गुप्ता- मैं घुमा फिरा कर बात नही करूँगी , देखो तुमसे ज़्यादा दुनिया देखी है , इन आँखो से
कुछ छुप नही पाया है
अवी- आप कहना क्या चाहती है ,
मिसेज़ गुप्ता- तुम और रेशमा एक दूसरे से प्यार करते हो ना
अवी- ये आप क्या कह रही हो
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा मुझे अपनी सहेली माँ दादी सब कुछ मानती है , और वो मुझसे कुछ छुपा
नही पाई
अवी- आप ग़लत समझ रही है
मिसेज़ गुप्ता- दुनिया देखी है मैं ने , ये बाल धूप मे सफेद नही हुए है , जब से तुम आए हो तब
से देख रही हूँ रेशमा मे कैसे बदलाव आ रहे है
अवी- रेशमा ने क्या कहा आपसे
मिसेज़ गुप्ता- वो पगली क्या कहेगी , उसके आँसू सब बता गये , उसकी हालत बता गयी कि क्या हुआ है
अवी- मुझे उस से दूर जाने का दिल नही कर रहा है , पर वो नही चाहती कि मैं उसके पास रहूं
मिसेज़ गुप्ता- वो तो तुम्हारे साथ ज़िंदगी भर रहना चाहती है
अवी- क्या ?
मिसेज़ गुप्ता-रेशमा एक औरत है , ये तुम भूल रहे हो , वो खुद ये नही कहेगी , तुम्हें समझना
चाहिए उसके दिल की बात
अवी- ट्राइ किया पर उसने कुछ जवाब नही दिया , मैं बताया कि मैं उसका दोस्त नही उसका प्यार बनके
रहना चाहता हूँ
मिसेज़ गुप्ता- वो बिचारी प्यार के नाम से डरती है , कब से अकेली है वो , उसको तो अकेले रहना ही अच्छा
लगता था , उसी को उसने अपनी लाइफ बना लिया था , पर तुम आए और उसको हँसी क्या होती है वो पता
चला , तुमने उसको जीना सिखाया और अब तुम उसको अकेला छोड़ कर जा रहे हो
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा तुम्हारे जाने से बिखर जाएगी , क्या पता वो स्यूयिसाइड कर ले ,
अवी- ये आप क्या बोल रही है
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा सिर्फ़ एक बार प्यार हुआ है और वो तुमसे हुआ है , अगर प्यार दूर चला जाए तो कोई
कैसे जी सकता है
अवी- वो शादी शुदा है
मिसेज़ गुप्ता- तुम्हें ये तब सोचना चाहिए था जब तुमने उसकी ज़िंदगी मे आने का सोचा था ,
अवी- तब मुझे तन की भूख थी पर रेशमा को मिलते ही प्यार की भूक बन गयी ,
मिसेज़ गुप्ता- तो अपनी भूक मिटा लो
अवी- मैं रेशमा से शादी करने को भी तैयार हूँ पर मैं ने किसी और को वादा किया है
मिसेज़ गुप्ता- बताया था तुमने
अवी- तो आप ही बताइए मैं क्या करूँ
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा को बस थोडा सा प्यार दो
अवी- मतलब
मिसेज़ गुप्ता- प्यार का अंज़ाम शादी ही हो ये ज़रूरी नही होता , पुराणो मे भी लिखा है ,
अवी- क्या लिखा है पुराणो मे
मिसेज़ गुप्ता-ये तुम खुद पढ़ लेना ,
अवी- पढ़ा है ,राजशर्मा लव स्टोरी
मिसेज़ गुप्ता- तुम्हें तो सब पता है , तुम अपनी ज़िंदगी जियो , रेशमा को उसकी ज़िंदगी जीने दो , साथ ही
तुम दोनो अपनी सीक्रेट ज़िंदगी भी जीते रहो
अवी- रेशमा ये चाहती है
मिसेज़ गुप्ता- चाहती तो वो बहुत कुछ है , पर तुम क्या चाहते हो वो इम्पोर्टेंट है , क्या पता तुम जो चाहो
वो रेशमा भी चाहने लगे
अवी- मैं रेशमा से बात करता हूँ
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा अपने अपार्टमेंट मे नही है
अवी- कहाँ गयी
मिसेज़ गुप्ता- मुझे नही पता
अवी- आपको कुछ तो बताया होगा
मिसेज़ गुप्ता- मैं सुबह जब रेशमा को विश करने गयी तो वो अपार्टमेंट मे नही थी
अवी- किस बात की विश
मिसेज़ गुप्ता- आज उसका बर्तडे है
अवी- व्हाट
मिसेज़ गुप्ता- और तुमने दिन भी जाने का ऐसा चुना कि क्या बताऊ ,
अवी- मुझे बिल्कुल भी पता नही था कि आज उसका बर्तडे है
मिसेज़ गुप्ता- पता है , पर तुम जाकर उसकी ढुंढ़ो , कहीं वो खुद को कुछ कर ना दे
अवी- क्या वो ऐसा कर सकती है
मिसेज़ गुप्ता- एक औरत के दिल मे प्यार ना हो तो वो कुछ भी कर सकती है
अवी- कुछ तो बताइए कि वो कहाँ जा सकती है
मिसेज़ गुप्ता- तुम खुद से पूछो कि वो कहाँ जा सकती है
अवी- मैं खुद ढूँढ लूँगा उसको
मिसेज़ गुप्ता- आज उसका बर्तडे है , तो आज उसका नया जनम हो रहा है , कल नयी रेशमा को देखना
चाहूँगी
अवी- एक शरत पर कि आप ये सीक्रेट अपने तक राकेंगी
मिसेज़ गुप्ता- मैं बस रेशमा को खुश देखना चाहती हूँ , रेशमा को मत बताना कि मुझे तुम दोनो
के बारे में पता है
और मैं भी मिस्टर गुप्ता को नही बताउन्गी
मिसेज़ गुप्ता ने बताया कि रेशमा के दिल मे क्या है
रेशमा मुझसे इतना प्यार करती है
एक बार इशारा तो करती
अच्छा हुआ मिसेज़ गुप्ता ने रेशमा के दिल की बात बताई
और आज उसका बर्तडे है
इतनी बड़ी बात भी भूल गया मैं और आज मैं यहाँ से जा रहा था
रेशमा के लिए कितना मुश्किल होगा ये दिन
मुझे जल्दी उसको ढूँढना होगा
_________________________
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Bhag Avi bhag
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(04-08-2019, 03:15 PM)Vikram@ Wrote: Update 32

रेशमा के बिना ये मैं सोच भी नही पा रहा था
पूरा दिन कैसे निकाला ये मैं ही जानता हूँ
रेशमा की याद नही आई ऐसा एक पल भी नही गया
हर पल रेशमा के बारे में सोचता रहा
ऑफीस से आते वक्त तो रेशमा मे इतना खो गया कि दादर की जगह सीएसटी उतर गया
मैं तो उसका आशिक़ भी नही था फिर क्यूँ मैं इतना बेहाल था
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था
मैं जब अपनी बिल्डिंग के पास आया तो सीडियो की जगह लिफ्ट से जाने का सोचा , रेशमा के ना होने से
मैं लिफ्ट से जाने वाला था
मैं लिफ्ट मे आ गया और जैसे ही लिफ्ट का डोर बंद होता किसी ने डोर के बीच मे बॅग डाल दी और डोर खोल
दिया ,
ये रेशमा थी
रेशमा मुझे देखते ही सोच मे पड़ गयी कि वो लिफ्ट के अंदर आए या नही आए
पर पीछे से एक आंटी आ गयी जो 1स्ट फ्लोर पर रहती है लेकिन मोटी होने से लिफ्ट का ईस्तमाल करती है
उनकी वजह से रेशमा को लिफ्ट मे आना ही पड़ा
मैं तो आगे की तरफ खड़ा था तो रेशमा पीछे हो गयी और आंटी मेरे साथ साथ खड़ी रही
आंटी तो 1स्ट फ्लोर पर चली गयी
अब तो लिफ्ट मे सिर्फ़ मैं और रेशमा ही थे
आज दिन भर से रेशमा की यादो मे खोया था
पर अब रेशमा के साथ अकेले लिफ्ट मे था
रेशमा से बात करने का अच्छा मोका था पर हिम्मत नही हो रही थी
मेरे तो हाथ पैर काप रहे थे
ऐसा पहली बार हुआ कि मैं एक औरत से डर रहा था
मेरा मुँह तो जैसे सिल गया था
रेशना भी अपने हाथो के साथ खेल रही थी
मैं चाह रहा था कि रेशमा बात करे और रेशमा सोच रही होगी कि मुझे बात शुरू करनी चाहिए
दोनो अनकंफर्टबल महसूस कर रहे थे
हमे तो पसीना आ रहा था
गला सुख गया था जिस से बात करने को जितनी ताक़त लगा रहा था फिर भी मुँह से आवाज़ नही आ रही थी
एक औरत के लिए किसी भी बात की शुरुआत करना बड़ा मुश्किल होता है
और मैं एक मर्द होते हुए भी हिम्मत जुटा नही पा रहा था
इस बीच कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना भी मैं नही कर पा रहा था
मुझसे और कंट्रोल नही हुआ
और मैं ने रेशमा को किस कर दिया
जहाँ मैं बात करने को डर रहा था वहाँ मैं ने डाइरेक्ट किस कर दिया
किस करके छोड़ दिया ऐसा भी नही था
मैं किस करता ही गया
रेशमा के होंठो को चूसने लगा
रेशमा के नाम.की तरह थे उसके होंठ
उसके गुलाबी होंठो का रस पी कर तो मेरे गले को आराम मिला
रेशमा का रस पी कर तो मुझ मे नई जान आ गयी
मैं तो जन्नत मे चला गया
जिस को आज दिन भर याद किया वो भी मुझे किस करके प्यार कर रही थी
रेशमा के रेस्पॉन्स मिलते ही मैं तो डबल खुश हुआ
रेशमा का रेस्पॉन्स मेरे लिए माफी जैसा था
सोचा नही था कि एक दिन की जुदाई हमे इतने करीब लेकर आएगी
ऐसा पता होता तो कब का दूर जाके पास आ जाता
लिफ्ट मे किस करने से हमे डर भी लग नही रहा था
हम तो किस करते हुए पूरी तरह से खो गये थे
इस किस को मैं कभी भूलूंगा नही
ये मेरे लिए सब कुछ था
इतना प्यार मिल रहा था रेशमा की तरफ से कि क्या बताऊ
मैं तो रेशमा को किस करते हुए उसके बदन को छु रहा था मसल रहा था
रेशमा की कमर पे तो हाथ घुमा कर उसकी नाभि को छू रहा था
रेशमा को अब तो उठा कर मैं बेड पर ले जाउन्गा
अब इस किस का अंत हमारे एक होने पर होगा
रेशमा को आज इतना प्यार दूँगा कि वो पूरी तरह से मेरी होगी
रेशमा के बूब्स प्रेस करने से उनकी सॉफ्टनेस मे खो सा गया मैं
क्या बताऊ
मरे हुए इंसान मे फिर से जान आ गयी है ऐसा लग रहा था
रेशमा मेरी हो गयी
अब मैं रेशमा को खुद से दूर नही करूँगा
रेशमा के किस मे मैं पूरी तरह से खो गया था
मुझे तो लग रहा था कि लाइट चली जाए और हम लिफ्ट मे फसे रहे
या ये पल यही थम जाए
मैं रेशमा के साथ ही रहूं इस लिफ्ट मे ज़िंदगी भरके लिए
क्या क्या ख़याल आ रहे थे
इतने देर से किस कर रहा था पर रेशमा रुक ही नही रही थी
और टिंग की आवज़ के साथ धडाम से मैं नीचे गिर गया
लिफ्ट का डोर खुलते ही मैं लिफ्ट से बाहर गिर गया
ये क्या हो गया
रेशमा तो मुझे किस कर रही थी
.मेरा साथ दे रही थी
फिर उसने धक्का क्यूँ दिया
मैं कुछ समझ ही नही पाया
रेशमा को हुआ क्या है
मुझे हुआ क्या है ? ये बड़ा सवाल था

______________________________

(10-08-2019, 11:03 PM)Vikram@ Wrote: Update 36
मैं ने रूम चेंज करने का सोच लिया
ये मेरा फाइनल डिसिशन था
रेशमा मेरे फ़ैसले से दुखी थी
उसने तो मायके जाने का इरादा भी कॅन्सल कर दिया
रेशमा पूरी तरह से टूट गयी थी मेरी वजह से
उसके दिल मे क्या है ये मैं जान भी नही पाया
शायद वो मुझे प्यार करने लगी थी
लेकिन मैं ने सारे रास्ते ख़तम कर दिए थे
उसकी तो बची हुई हँसी भी छीन ली थी मैं ने
रेशमा उस दिन के बाद ऑफीस गयी ही नही
बस अपने अपार्टमेंट मे अकेली पूरा दिन बिताने लगी
बाल्कनी का डोर तो अब हमेशा के लिए बंद हो गया था
मिसेज़ गुप्ता से पता चला कि उनसे भी बात नही की रेशमा ने
रेशमा को हुआ क्या है
मिसेज़ गुप्ता जब उसके यहाँ गयी तो मैं ने चुपके रेशमा को देखा
रेशमा की हालत देख कर खुद पे गुस्सा आ रहा था
रेशमा से अच्छे तो रास्ते के भिकारी दिखते है
रेशमा की तारीफ करते मैं थकता नही था उसको ऐसे देख कर मेरे दिल मे दर्द की सूनामी उठने
लगी
रेशमा को कभी ऐसे भी देख पाउन्गा सोचा नही था
बाल बिखरे हुए जैसे सालो से कंघी ना की हो
साड़ी ज़बरदस्ती पहनी गयी हो
आँख के पास ब्लॅक स्पॉट आ गये थे
चेहरे का तेज़ तो गायब हो गया था
उसके चेहरे हँसी दिखाई भी नही दी
झूठी हसी तो होती ही थी पर वो भी नही दिखाई दी
मिसेज़ गुप्ता तो रेशमा को ऐसे देख कर टेन्षन मे आ गयी
पर रेशमा ने बीमारी का नाटक किया ,
पर मैं जानता था कि रेशमा को कौनसी बीमारी हुई है
हम दोनो पड़ोसी को हुआ क्या है ये समझ नही आ रहा था
रेशमा तो देवदासी बन गयी थी
मेरे यहाँ से जाने के फ़ैसले को फिर से सोचना पड़ रहा था
मिसेज़ गुप्ता ने मुझे बताया कि रेशमा को कोई बात खाए जा रही है
रेशमा किसी बात को लेकर कन्फ्यूज़ है
मिसेज़ गुप्ता के लिए उनकी बेटी जैसी थी रेशमा तो उनको चिंता हो रही थी
रेशमा की चिंता तो मुझे भी हो रही थी
रेशमा को प्यार की ज़रूरत है
ऐसे प्यार की जो उसकी लाइफ को खुशियों से भर दे
रेशमा को ये प्यार मुझसे मिले शायद ये वो चाहती थी
पर मैं अब कोई पहल नही कर रहा था
रेशमा मेरे दिल मे बस गयी थी
माला से ज़्यादा मैं रेशमा के बारे में सोच रहा था
रेशमा ही मेरे लिए सब कुछ बन गयी थी
रेशमा के बारे में सोचते हुए वो दिन भी आ गया जब मैं अपना समान शिफ्ट करने वाला था
मेरा दिल कह रहा था कि रेशमा से दूर मत जा
और दिमाग़ कह रहा था कि रेशमा को खुद से दूर करो
मैं इसी दुविधा मे अपना समान पॅक कर रहा था
ज़्यादा कुछ नही था
सब कुछ जल्दी पॅक हो गया
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था
मिसेज़ गुप्ता मेरे अपार्टमेंट मे आ गयी
अवी- आप , आइए
मिसेज़ गुप्ता- तुम जा रहे हो ऐसा सुना है
अवी- हाँ ,
मिसेज़ गुप्ता- क्यूँ यहाँ अच्छा नही लग रहा
अवी- ऐसी बात नही है
मिसेज़ गुप्ता- मैं भी क्या पूछ रही हूँ , तुम अपने मर्ज़ी के मालिक हो , जब चाहो तब जा सकते हो ,
मैं ही तुम्हें अपने बेटे जैसा मानने लगी थी
अवी- मैं आपको आंटी की तरह
मिसेज़ गुप्ता- अजीब रिस्ता बन गया कुछ महीनो मे ,हैना
अवी- हाँ , और मैं जहाँ भी जाउ आपसे मिलने ज़रूर आउन्गा
मिसेज़ गुप्ता- मैं घुमा फिरा कर बात नही करूँगी , देखो तुमसे ज़्यादा दुनिया देखी है , इन आँखो से
कुछ छुप नही पाया है
अवी- आप कहना क्या चाहती है ,
मिसेज़ गुप्ता- तुम और रेशमा एक दूसरे से प्यार करते हो ना
अवी- ये आप क्या कह रही हो
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा मुझे अपनी सहेली माँ दादी सब कुछ मानती है , और वो मुझसे कुछ छुपा
नही पाई
अवी- आप ग़लत समझ रही है
मिसेज़ गुप्ता- दुनिया देखी है मैं ने , ये बाल धूप मे सफेद नही हुए है , जब से तुम आए हो तब
से देख रही हूँ रेशमा मे कैसे बदलाव आ रहे है
अवी- रेशमा ने क्या कहा आपसे
मिसेज़ गुप्ता- वो पगली क्या कहेगी , उसके आँसू सब बता गये , उसकी हालत बता गयी कि क्या हुआ है
अवी- मुझे उस से दूर जाने का दिल नही कर रहा है , पर वो नही चाहती कि मैं उसके पास रहूं
मिसेज़ गुप्ता- वो तो तुम्हारे साथ ज़िंदगी भर रहना चाहती है
अवी- क्या ?
मिसेज़ गुप्ता-रेशमा एक औरत है , ये तुम भूल रहे हो , वो खुद ये नही कहेगी , तुम्हें समझना
चाहिए उसके दिल की बात
अवी- ट्राइ किया पर उसने कुछ जवाब नही दिया , मैं बताया कि मैं उसका दोस्त नही उसका प्यार बनके
रहना चाहता हूँ
मिसेज़ गुप्ता- वो बिचारी प्यार के नाम से डरती है , कब से अकेली है वो , उसको तो अकेले रहना ही अच्छा
लगता था , उसी को उसने अपनी लाइफ बना लिया था , पर तुम आए और उसको हँसी क्या होती है वो पता
चला , तुमने उसको जीना सिखाया और अब तुम उसको अकेला छोड़ कर जा रहे हो
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा तुम्हारे जाने से बिखर जाएगी , क्या पता वो स्यूयिसाइड कर ले ,
अवी- ये आप क्या बोल रही है
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा सिर्फ़ एक बार प्यार हुआ है और वो तुमसे हुआ है , अगर प्यार दूर चला जाए तो कोई
कैसे जी सकता है
अवी- वो शादी शुदा है
मिसेज़ गुप्ता- तुम्हें ये तब सोचना चाहिए था जब तुमने उसकी ज़िंदगी मे आने का सोचा था ,
अवी- तब मुझे तन की भूख थी पर रेशमा को मिलते ही प्यार की भूक बन गयी ,
मिसेज़ गुप्ता- तो अपनी भूक मिटा लो
अवी- मैं रेशमा से शादी करने को भी तैयार हूँ पर मैं ने किसी और को वादा किया है
मिसेज़ गुप्ता- बताया था तुमने
अवी- तो आप ही बताइए मैं क्या करूँ
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा को बस थोडा सा प्यार दो
अवी- मतलब
मिसेज़ गुप्ता- प्यार का अंज़ाम शादी ही हो ये ज़रूरी नही होता , पुराणो मे भी लिखा है ,
अवी- क्या लिखा है पुराणो मे
मिसेज़ गुप्ता-ये तुम खुद पढ़ लेना ,
अवी- पढ़ा है ,राजशर्मा लव स्टोरी
मिसेज़ गुप्ता- तुम्हें तो सब पता है , तुम अपनी ज़िंदगी जियो , रेशमा को उसकी ज़िंदगी जीने दो , साथ ही
तुम दोनो अपनी सीक्रेट ज़िंदगी भी जीते रहो
अवी- रेशमा ये चाहती है
मिसेज़ गुप्ता- चाहती तो वो बहुत कुछ है , पर तुम क्या चाहते हो वो इम्पोर्टेंट है , क्या पता तुम जो चाहो
वो रेशमा भी चाहने लगे
अवी- मैं रेशमा से बात करता हूँ
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा अपने अपार्टमेंट मे नही है
अवी- कहाँ गयी
मिसेज़ गुप्ता- मुझे नही पता
अवी- आपको कुछ तो बताया होगा
मिसेज़ गुप्ता- मैं सुबह जब रेशमा को विश करने गयी तो वो अपार्टमेंट मे नही थी
अवी- किस बात की विश
मिसेज़ गुप्ता- आज उसका बर्तडे है
अवी- व्हाट
मिसेज़ गुप्ता- और तुमने दिन भी जाने का ऐसा चुना कि क्या बताऊ ,
अवी- मुझे बिल्कुल भी पता नही था कि आज उसका बर्तडे है
मिसेज़ गुप्ता- पता है , पर तुम जाकर उसकी ढुंढ़ो , कहीं वो खुद को कुछ कर ना दे
अवी- क्या वो ऐसा कर सकती है
मिसेज़ गुप्ता- एक औरत के दिल मे प्यार ना हो तो वो कुछ भी कर सकती है
अवी- कुछ तो बताइए कि वो कहाँ जा सकती है
मिसेज़ गुप्ता- तुम खुद से पूछो कि वो कहाँ जा सकती है
अवी- मैं खुद ढूँढ लूँगा उसको
मिसेज़ गुप्ता- आज उसका बर्तडे है , तो आज उसका नया जनम हो रहा है , कल नयी रेशमा को देखना
चाहूँगी
अवी- एक शरत पर कि आप ये सीक्रेट अपने तक राकेंगी
मिसेज़ गुप्ता- मैं बस रेशमा को खुश देखना चाहती हूँ , रेशमा को मत बताना कि मुझे तुम दोनो
के बारे में पता है
और मैं भी मिस्टर गुप्ता को नही बताउन्गी
मिसेज़ गुप्ता ने बताया कि रेशमा के दिल मे क्या है
रेशमा मुझसे इतना प्यार करती है
एक बार इशारा तो करती
अच्छा हुआ मिसेज़ गुप्ता ने रेशमा के दिल की बात बताई
और आज उसका बर्तडे है
इतनी बड़ी बात भी भूल गया मैं और आज मैं यहाँ से जा रहा था
रेशमा के लिए कितना मुश्किल होगा ये दिन
मुझे जल्दी उसको ढूँढना होगा
_________________________
मस्त अपडेट पर थोड़े और ज्यादा बड़े अपडेट दो
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(10-08-2019, 11:56 AM)redarc Wrote: bhai isko to chod lo pehle isko chode bina dusri story start kardi

Bhai yh story 80 % complete ho chuki hai 
Ek sath do do story ka mza lo 
Stay with us...
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मस्त अपडेट पर थोड़े और ज्यादा बड़े अपडेट दो

Thanks for reading and support
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(10-08-2019, 08:51 AM)harishgala Wrote: Keep writing and posting

Thanks for reading and support
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Jabardast..... Keep going
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Update 37

रेशमा के दिल की बात जान क्यूँ नही पाया मैं
मिसेज़ गुप्ता की बात अगर सच हुई तो ये मेरे और रेशमा के लिए अच्छा रहेगा
अगर मिसेज़ गुप्ता ग़लत हुई तो मुझ पर भारी पड़ सकती है रेशमा
रेशमा के लिए अब मैं रिस्क ले सकता हूँ
मैं ने खुद देखा कि रेशमा ने मेरे लिए अपना क्या हाल बनाया है
ऐसे मे रेशमा के दिमाग़ मे मेरे लिए विश्वास और दिल मे प्यार जगाना होगा
पर पहले रेशमा को ढूँढना पड़ेगा
कहीं वो खुद को कुछ कर ना दे
कुछ दिनो से तो उसने ऑफीस जाना भी बंद किया और खुद का ख़याल भी नही रख रही थी , जॉगिंग को
जाना भी छोड़ दिया , कहीं जीना ना छोड़ दे
ऐसे अकेली औरत के दिमाग़ मे बहुत कुछ चलता रहता है
मिसेज़ गुप्ता ने हम दोनो की आँखो मे वो देखा जो हम नही देख पाए
मिसेज़ गुप्ता के एक्सपीरियेन्स ने हमारे प्यार को देख लिया , और अच्छी बात ये थी कि उनको हमारा प्यार
ग़लत नही लगा
मिसेज़ गुप्ता रेशमा के बहुत करीब है , रेशमा को खुश देखना चाहती है वो , और रेशमा की
खुशी मुझ मे है ये मिसेज़ गुप्ता देख चुकी है
मिसेज़ गुप्ता के जाते ही मैं बाल्कनी से रेशमा के यहाँ आ गया
शुरुआत रेशमा के घर से करनी ठीक होगी
पर रेशना के घर मे कुछ भी खास नही मिला
फिर मैं ने रेशमा के ऑफीस कॉल किया पर वहाँ भी वो नही गयी
मुझे तो ये भी नही पता कि उसके कोई रिश्तेदार यहाँ रहते है
मिसेज़ गुप्ता को पता होगा इस लिए उनके पास गया तो उन्होने कुछ पूछने से पहले बता दिया कि
रेशमा उसके मायके मे नही है
सुबह से गायब है
कहाँ जा सकती है रेशमा
आज उसका बर्तडे भी है , और मैं यहाँ से जा रहा था ऐसे मे वो कोई ग़लत कदम ना उठा ले
मैं उसको आस पास देखने लगा
पर रेगिस्तान मे पानी मिल जाएगा पर मुंबई मे किसी को ढूँढना मुश्किल है

इतने बड़े शहर मे रेशमा को ढूँढना बेमतलब था
ऐसे मे मैं ने अपनी किस्मत का साथ लिया और रेशमा के आने का इंतज़ार करने का डिसाइड किया
रेशमा को ढूँढना मुश्किल हो सकता है
रेशमा इतनी भी कमज़ोर नही हो सकती कि वो स्यूयिसाइड कर सके , वो वापस ज़रूर आएगी
उसके आने पर अगर उसका बर्तडे सेलेब्रेट किया जाए तो
रेशमा ये देखेगी कि मैं बर्तडे केक लेकर उसका इंतज़ार कर रहा हूँ सुबह से तो उसकी खुशी
देखने लायक होगी
ये ख़याल दिमाग़ मे आते ही मैं पास के शॉप मे जाकर बढ़िया केक लेकर आया
रेशमा के पसंद का केक था , उसको चॉक्लेट बहुत पसंद है
मैने बताया मिसेज़ गुप्ता को कि रेशमा को ढूँढना बेमतलब है , पर उसके लिए मैं क्या प्लान कर
रहा हूँ
मैं बाल्कनी से रेशमा के अपार्टमेंट मे जाकर उसके बर्तडे की तैयारी करने लगा
हॉल को सजाया , बलून ही बलून फैलाया दिए रूम मे
रेशमा के लिए एक शॅंपियन भी रखी
दोनो के लिए डिन्नर का इंतज़ाम किया
सब कुछ सेट कर दिया था बस रेशमा के आने का इंतज़ार था
रेशमा के लिए रेशम की साड़ी भी खरीद ली
ये सब रेशमा देखेगी तो कितनी खुश होगी
मुझे उस पल का इंतज़ार था जब रेशमा डोर खोल कर अंदर आएगी और उसके चेहरे पे वो स्माइल
आएगी जो मुझे पसंद है
मैं रेशमा के अपार्टमेंट मे बैठ कर उसका इंतज़ार कर रहा था
बलून की हवा निकल रही थी पर रेशमा का कुछ पता नही था
टाइम बीत रहा था पर रेशमा का कोई खबर नही थी
रेशमा का मोबाइल भी स्विच ऑफ था
शाम से रात होने को आ गयी पर रेशमा कहाँ हो तुम
बस एक बार आ जाओ ,
मैं हॉल मे चक्कर लगाते हुए रेशमा का इंतज़ार कर रहा था
मैं सोच रहा था कि क्या किया जाए , कहाँ हो सकती है रेशमा
ऐसे सोचते हुए मेरे दिमाग़ की लाइट जल गयी
मैं भाग कर रेशमा के बेडरूम मे गया
बेडरूम.मे रेशमा की एक तस्वीर थी
ये तस्वीर पास के एक मंदिर की थी
उस तस्वीर को ध्यान से देखा तो मेरे समझ मे आ गया कि रेशमा कहाँ होगी
तस्वीर के एक कॉर्नर मे मुझे केक का कॉर्नर दिखा
मतलब पिछले साल रेशमा ने अपना बर्तडे मंदिर मे मनाया था
वहाँ भी वो अकेली थी
पूरी सज कर थी लेकिन उसके चेहरे पे अकेलापन सॉफ दिख रहा था
अब समझा कि मिसेज़ गुप्ता क्या कहना चाहती थी
बर्तडे पर ज़्यादातर लोग कहाँ जाते है , मंदिर मे
और जो अकेले होते है तो हम खास मंदिर मे जाते है ये दुआ करने कि अगले बर्तडे पे वो
अकेला ना हो
रेशमा भी वही होगी
रेशमा का पता चलते ही मैं ने उसके पास जाने के लिए एक सेकेंड भी नही गवाया
वो मंदिर पास मे ही था
मैं भाग कर ही उस मंदिर के पास आ गया
मंदिर बंद हो रहा था
रात हो चुकी थी और मंदिर मे कोई दिख नही रहा था सिवाय मंदिर के लोगो के
फिर भी मैं मंदिर मे रेशमा को देखने लगा
मंदिर के पंडितजी ने कहा कि यहाँ अब कोई नही है ,
मेरा दिल कह रहा था कि रेशमा यही होगी
पर मंदिर के बंद होते ही मुझे यहाँ से जाना लड़ा
एक उम्मीद दिखी थी
पर रेशमा फिर भी नही मिली
मैं निराश होकर जा रहा था कि मुझे मंदिर के कॉंपाउंड के लेफ्ट साइड मे एक कार दिखाई दी
दूर से कुछ खास पता नही चला पर अंदर से आवज़ आ रही थी कि एक बार जाकर देख लूँ
जब मैं कार के पास गया तो मेरे खुशी का कोई ठिकाना नही था
ये कार रेशमा की थी
कार मे रेशमा नही थी मतलब रेशमा मंदिर मे ही है
पर मंदिर तो बंद हो गया और पंडितजी भी अपने घर गये है
कही मंदिर के पीछे वाले गार्डन जैसे पेड़ो के मैदान मे तो नही है रेशमा
वही हो सकती है , उस तस्वीर मे भी पेड़ दिख रहे थे
मैं ने इधर उधर देखा और कॉम्पोन्ड वाल से जंप मार कर अंदर आ गया
मुझे बस रेशमा से मिलना था
मैं रेशमा को इधर उधर देखते हुए मंदिर के पीछे आ गया
मंदिर के पीछे बहुत जगह थी
मैं लग गया रेशमा को ढूँढने मे
रेशमा को आवाज़ भी दे नही सकता था अगर किसी और ने सुन ली तो प्राब्लम होगी
मैं पेड़ो के बीच मे रेशमा को तलाश करने लगा
अंदर जाकर तो मुझे टॉर्च का ईस्तमाल करना पड़ा
कही कही जगह पर खुली जगह थी जहाँ बैठ कर आराम किया जा सकता है
दिन का टाइम होता तो तस्वीर वाली जगह जल्दी मिल जाती
पर दिल से माँगो तो मिल ही जाता है
मुझे ऐसा लगा कि पेड़ के नीचे कोई बैठ कर आसमान की तरफ देख रहा है

मैं ने ठीक से देखा तो कोई औरत दिखाई दी
मैं उसके पास गया तो ये कोई और नही रेशमा ही थी
रेशमा , मेरी रेशमा थी
रेशमा को देखते ही मैं भाग कर उसको गले लगाना चाहता था
पर मेरी नज़र रेशमा के मायूस चेहरे की तरफ गयी
रेशमा आसमान मे निकले चाँद की तरफ बिना पलकें झुकाए देख रही थी
पता नही क्या सोच रही होगी रेशमा
पर इस तरह रेशमा को अकेला देख कर बड़ा दुख हुआ
रेशमा को डर भी नही था कि यहाँ रात मे वो अकेली है
उसको तो होश ही नही था
रेशमा खो गयी थी आसमान की दुनिया मे
शायद आसमान के तारों की तरह अकेली हो गयी थी
अजीब अजीब ख़याल आ जाते है जब कोई अकेला होता है
किसी को भी अपना साथी बना लेता है
ऐसे ही रेशमा ने इस जगह और आसमान के तारों को अपना साथी बनाया हो
रेशमा की इस हालत का ज़िम्मेदार मैं ही था
रेशमा ने अकेले जीना सीख लिया था पर मेरी वजह से वो जीना क्या होता है ये तक भूल गयी थी
उसकी बची हुई हसी भी छीन ली थी मैं ने
रेशमा को ऐसे देख कर मेरी आँख मे आँसू आ गये
पर मुझे रेशमा के आँसुओं को खुशियों मे बदलना था
मैं अब कभी रेशमा को अकेला नही पड़ने दूँगा
मैं रेशमा को प्यार करने की ज़िद्द कभी नही करूँगा
अगर रेशमा मुझे दोस्त बना कर ही रखना चाहती है तो यही सही
पर रेशमा इस तरह उदास होने नही दूँगा
मैं रेशमा के आसू को मोती मे बदलने के लिए उसके पास गया
रेशमा तो होश ही खो चुकी थी जिस से उसको पता भी नही चला कि मैं उसके पास आ गया हूँ
रेशमा की तरफ से रेस्पॉन्स ना पा कर मैं उसके पास बैठ कर उसको आसमान की दुनियाँ से
ज़मीन पर वापस लाने लगा
______________________________

Please read my new story
CHODURAJA
https://xossipy.com/showthread.php?tid=13748&page=2
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