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Misc. Erotica IK BECHARA BHAI
#61
मेरी  करुणा से भरी हुई   विनती सुन के दोनों  को मुझ पर और मेरी दीदी पर दया आ गई..
 आह बहनचोद.... तेरी रूपाली दीदी की चूत  कमाल की है बहन के लोड़े.... साली रंडी ने मेरे लोड़े का तेल निकाल  दिया ..इसकी मां को चोदूं.... साली बहुत बड़ी   रंडी है तेरी  दीदी... यार अंशुल.... मेरी दीदी की सवारी करने के बाद  उठ कर खड़ा हो गया था जुनैद... बोलते हुए बिल्कुल ही नग्न अवस्था में वह मेरी तरफ बढ़ा चला  आ रहा था.... मेरी नजर उसकी टांगों के बीच  झूलते हुए उसके  मुसल  पर थी जो अब बिल्कुल ढीला पड़ चुका था... उसका बिल्कुल ढीला पड़ चुका लण्ड मेरे  खड़े लण्ड की तुलना में दोगुना लंबा और मोटा दिख रहा था.. जुनैद बिल्कुल मेरे पास आकर खड़ा हो गया..... वह बिल्कुल नंगा ही था..
 क्या देख रहा है बहन के लोड़े रंडी  के भाई.... साले बहन चोद.. मेरा लण्ड देख रहा है गांडु..... देख मां के लोड़े... इसी लण्ड से तेरी रूपाली दीदी की बच्चेदानी में दो बार मलाई भर दिया.... एक बार फिर तु मामा बनेगा मेरे लोड़े की मलाई से बहन चोद....  जुनैद ने अपने ढीले पड़ चुके लण्ड को मेरे सामने लहरा दिया.... शर्म के  मारे मैं जमीन में गड़ा जा रहा था.... मैं कुछ भी बोल नहीं पा रहा था.... मेरी रूपाली दीदी जमीन पर बिखरी पड़ी थी बिल्कुल नग्न ... उनकी दोनों टांगे फैली हुई थी और जुनैद का  गाढ़ा सफेद वीर्य मेरी दीदी की चूत से टपक रहा था... मेरी दीदी को कुछ भी होश नहीं था..
 दीदी ...दीदी.... सुरेश आ चुका है...... मैंने बड़ी हिम्मत करके लगभग चीखते हुए कहा.... मेरी आवाज सुनकर दीदी तो जैसे स्वर्ग लोक से धरती पर आ  गई.. दीदी उठकर खड़ी हो गई..... जुनैद ने पुराना  तोलिया लपेट लिया अपनी कमर में.... नशे में धुत असलम अपने हाथ में अपने  पूरी तरह खड़े  लोड़े को पकड़ के मेरी रूपाली  दीदी पर आक्रमण करने के लिए पूरी तरह तैयार था..... तभी अचानक झोपड़ी के दरवाजे पर सुरेश प्रकट हुआ.. मेरी  रूपाली दीदी झोपड़ी के बीचो-बीच बिल्कुल नंगी खड़ी थी उनकी चूत से जुनैद का वीर्य टपक रहा था और चूची  से दूध....
 मेरी दीदी को देखकर तो सुरेश को जैसे लकवा मार गया. वह आंखें फाड़ फाड़ कर मेरी दीदी को घूर रहा था.... मेरी दीदी  का भरपूर    जोबन अपनी नग्न अवस्था में उसकी आंखों के सामने था... शर्म के मारे मेरी दीदी का  बुरा हाल हो गया था... एक हाथ से दीदी अपनी चुत को  छुपा रही थी और दूसरे  हाथ से दीदी अपने दोनों चूचियों को  ढकने का प्रयास कर रही थी... जो नाकाफी था... सुरेश  अपने हाथों में दो पैकेट लेकर एकटक मेरी रूपाली दीदी के नंगे बदन को निहार रहा था...
 क्या देख रहा है बहन चोद... बड़ी जल्दी आ गया .. इधर आओ मेरे पास..  जुनैद ने सुरेश को  कहां.... सुरेश चुपचाप जुनैद के पास गया और पैकेट से शराब की बोतल और चकना निकाल कर उसके सामने रखने लगा...  पर उसकी निगाहें मेरी रूपाली तेरी  दीदी पर ही थी... शायद मन ही मन  वह भी मेरी रूपाली दीदी को अपने लण्ड पर बिठाने के सपने देख रहा था.... जमीन पर पड़ी हुई साड़ी और फटी हुई चोली को  उठाकर मेरी दीदी अपने बदन को छुपाने का प्रयास करने लगी... साड़ी को जैसे-तैसे अपने बदन पर लपेट के दीदी  झोपड़ी के कोने में जाकर खड़ी हो गई. उन्होंने अपना मुंह दूसरी तरफ कर रखा था... मेरी दीदी शायद रो रही थी... एक संस्कारी सुहागन  औरत के लिए यह सब कुछ बहुत ज्यादा हो चुका था.... मैं भी मन  ही मन  रो रहा था... पर मुझे लगने लगा था कि  अब सारा खेल खत्म हो चुका है... शायद यह लोग अब हमें जाने देंगे... पर मेरा सोचना बहुत गलत था...
  जुनैद भाई.... लगता है आप दोनों ने  मैडम को खूब   ठोका है... वैसे आज तक इतनी चिकनी माल मैंने अपनी जिंदगी में  नहीं  देखी... सच   बोल रहा हूं जुनैद भाई... इस  मेम साहब को देखते ही मेरा लण्ड  खड़ा हो गया था... बड़ी मुश्किल से मैंने कंट्रोल  किया... इनको याद कर कर के रास्ते में दो बार मुट्ठ मार चुका... फिर भी लण्ड है कि मानता नहीं... जुनैद भाई मुझे भी एक मौका दे दो प्लीज.... सारी जिंदगी आप का गुलाम बनके रहूंगा... ऐसी माल  को चोदना सब के नसीब में नहीं मिलता जुनैद भाई... बस एक बार प्लीज बस एक बार.... मेरी दीदी को चोदने के लिए सुरेश जुनैद के आगे गिड़गिड़ा रहा था.....
 तेरी बहन का भोंसड़ा  साले मादरजात अपनी औकात में रह... साले भूल गया बहन के लोड़े... तेरी  पायल दीदी हमारी रंडी है बहन चोद... और तू हमारा नौकर... ऐसी  माल चोदने की तेरी औकात नहीं है... वैसे भी रूपाली सिर्फ हमारी  रंडी है... यह असलम बोल रहा था... जो नशे की हालत में बिल्कुल नंगा खड़ा था हाथ  मैं अपना मुसल जैसा काला मोटा लण्ड पकड़ के... उसे किसी बात की परवाह नहीं थी सिवाय  मेरी रूपाली दीदी के हुस्न को भोगने के... उसकी निगाहें भी मेरी दीदी पर टिकी हुई थी.... असलम की  गालियां सुन के सुरेश खिसिया सा गया... और चुप हो गया.... फिर से मेरे जीजू का फोन आने लगा.. मैंने फोन उठा लिया... जीजू मुझसे पूछने लगे कि क्या हो रहा है वहां पर.... मैं उनको कुछ भी जवाब देने की हालत में नहीं था... सब कुछ ठीक है जीजू सब कुछ ठीक है...   मैं  हड़बड़ाते  हुए बोल रहा था...  मेरी हालत समझ रहे थे शायद  मेरे जीजू... उन्होंने मुझसे कहा कि असलम या  जुनैद से मेरी बात  कराओ..
 असलम भाई मेरे जीजू आपसे बात करना चाहते हैं... मैंने असलम की तरफ देखते हुए कहा.. जो मेरी दीदी को फिर से दोबारा चोदने की पूरी तैयारी करके  खड़ा था.. पहली बार तो उसने मेरी बात सुनी नहीं जब दोबारा मैंने उससे कहा तब उसका ध्यान मेरी तरफ़  आया..
 हां बहन के लोड़े.. क्या हुआ तेरे जीजू के  गांड में क्या खुजली हो रही है मादरजात..... असलम गुस्सा हो मुझसे बोला...
 प्लीज असलम भाई एक बार मेरे जीजू से बात कर लो... मैंने डरते हुए कहा..
 चल ठीक है बहन चोद फोन दे मुझे... असलम  ने कहा.. मैंने असलम को फोन थमा दिया..
 बोल बहन के लोड़े .... तेरी मां का  भोसड़ा... असलम ने   गुस्से में मेरे जीजू को गाली दी... फोन के दूसरी तरफ मेरे जीजू पता नहीं क्या बोल रहे थे मुझे सुनाई नहीं दे रहा था पर असलम  सिर्फ हां हूं मैं जवाब दे रहा था..... और दूसरे हाथ से अपने  लोड़े को सहला रहा था मेरी रूपाली दीदी को देखते हुए.......
 चल ठीक है मादरजात..... मुझे तो लगा था कि सिक्युरिटी को लेकर आता होगा तु... पर तू सही आदमी.... तेरी बीवी सही सलामत घर पहुंच जाएगी... पर हम लोग इसकी जी भर के   लेंगे उसके पहले... तेरा साला चुटिया है इसके बस का कुछ नहीं है... चल ठीक है मैं तेरी बात रूपाली से  करवाता हूं.... असलम फोन पर मेरे जीजू को बोल रहा ..
 एक हाथ में फोन   और दूसरे हाथ से अपने मोटे मुसल जैसे लण्ड को हिलाते हुए असलम मेरी रूपाली दीदी की तरफ बढ़ने लगा.. मेरी दीदी झोपड़ी के दूसरे कोने में खड़ी थी. उनकी पीठ हमारी तरफ  थी... फटी हुई साड़ी से दीदी ने  अपनी गांड को तो ढक रखा था पर उनकी नंगी  पीठ और नंगी  टांगे दिख रही थी... असलम मेरी दीदी के बिल्कुल पास जाकर खड़ा हो गया. वह लगभग मेरी दीदी से चिपक गया.. उसका लण्ड मेरी सुहागन दीदी की गांड पर टिका हुआ था... मेरी दीदी  फिर मचलने लगी उसके लण्ड को अपनी गांड पर महसूस करते  हुए.. मेरी दीदी सिहर उठी थी... असलम का लण्ड मेरी दीदी  की गांड पर झटके देने लगा.. वैसे तो मेरी दीदी की गांड साड़ी में लिपटी हुई थी.. पर असलम का मोटा लण्ड मेरी दीदी की साड़ी को फाड़ के उनकी गांड में घुसने को तैयार था....
 हाय मेरी जान.. रूपाली... गांडू बड़वा पति तुझसे बात करना चाहता  है तेरा...  बात कर इससे.... असलम ने मेरी दीदी के गर्दन को चूमते हुए कहा... उसने मेरी दीदी के हाथ में फोन थमा दिया...
 हेलो...... मेरी दीदी ने फोन पर कहा... उनकी आवाज थरथर आ रही थी.... मेरी दीदी बेहद डरी हुई थी.... फोन  के दूसरी तरफ कुछ समझा रहे थे उनको मेरे जीजू... मेरी दीदी चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी.
 मेरी दीदी की आंखों में आंसू थे... वह  रोते सीसकते हुए फोन पर  बातें सुन रही थी मेरे जीजू की.... असलम ने मेरी दीदी की साड़ी को पकड़कर खींचना शुरू कर दिया था.. मेरी रूपाली दीदी भले ही संस्कारी और पतिव्रता हो... पर वह महाभारत की द्रौपदी तो थी नहीं कि भगवान कृष्ण उनकी रक्षा में आए और उनकी साड़ी को अनंत कर  दे.... कुछ ही क्षणों में मेरी दीदी की साड़ी उनके बदन से अलग हो गई.. साड़ी को लपेट की मेरे मुंह की तरफ फेंका असलम ने... मेरा चेहरा ढक गया दीदी की साड़ी से.... सुरेश ने मेरे चेहरे से मेरी दीदी की साड़ी को उठा लिया और उसे  सूंघने लगा...  नंगी हो गई थी  एक बार फिर  3 खूंखार मर्दों के सामने मेरी रूपाली  दीदी...
 असलम ने मेरी दीदी का सर पकड़ के उनको नीचे बिठा दिया और उनकी चूचियों पर अपना लण्ड  सटा दिया... एक हाथ से उसने मेरी दीदी की  दाईं चूची को पकड़ा और अपने लण्ड का मोटा सुपाड़ा मेरी दीदी के निपल्स  पर रगड़ने लगा.. मेरी दीदी की चुचियों से निकलता हुआ दूध असलम के लण्ड को गीला करने लगा......
 बहुत बात कर ली तूने बहन की लोड़ी.. चल फोन रख  अब... मेरे लण्ड को अपनी चुचियों के बीच में ले मुझे अब तेरी चूची  चोदनी है.. असलम ने मेरी दीदी  को कहा.... मेरी दीदी ने मेरी तरफ कातर निगाहों से देखा... वह तुमसे बात करना चाहते  है अंशुल... दीदी ने मेरी तरफ देखते हुए जब कहा मेरी शेट्टी पिट्टी गुम हो गई... मैं दीदी के पास   गया और उनके हाथ से फोन ले लिया.. मैं उनसे अलग   कुछ कदम के फासले पर खड़ा हो गया..
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#62
अरे बाबा जरा बड़े बड़े update दीजिये ना
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#63
Suggestions please
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#64
Mast update diya hai especially aslam ki line sale apne aukat Mein reh
Keep this up
Suresh doesn't deserve her wo uske layak nahi hai kyunki
Asli mard kabhi puchta nahi sidha leleta hai
Jaise ki aslam aur junaid
Some would say I am the REVERSE 
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#65
फोन तो मैंने  ले लिया पर मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं  क्या बात करूं अपने जीजू से....  बार-बार पूछ रहे थे वहां क्या हो रहा है मेरे जीजू... मैं उन्हें समझाने की कोशिश कर रहा था कि यहां सब ठीक है... हालांकि यह सच बिल्कुल नहीं था...
 मुन्नी कैसी है....  जीजू ने पूछा....
  ठीक है ...सो गई है जीजू.... मैंने लड़खड़ाते हुए जवाब दिया..
 और तुम्हारी रूपाली दीदी कैसी है... बोलते बोलते  लगभग रो रहे थे मेरे जीजाजी...
 मैं भला इस सवाल का क्या जवाब देता... शायद जीजू को भी अंदाजा था कि मेरी दीदी के साथ क्या हो रहा होगा ... एक बार फिर असलम में मेरी रूपाली दीदी को नीचे जमीन पर पटक दिया था और उनकी छाती पर बैठ गया था.... उसने मेरी  दीदी की दोनों बड़ी बड़ी चूची अपने दोनों हाथों में जकड़ के रखी थी और अपना  काला खूब मोटा , लंबा तना बौराया , बेसबरा लालची लण्ड मेरी दीदी की चूचियों की घाटी के  बीचोबीच डाल दिया था... और आगे पीछे  कर रहा था... उसका मोटा सुपाड़ा मेरी दीदी के गुलाबी होठों तक पहुंच रहा था... दीदी का मंगलसूत्र  उसके कठोर लण्ड पर टिका हुआ था.. ना सिर्फ वह मेरी दीदी की चूचियों  को चोद रहा था बल्कि अपना सुपाड़ा भी मेरी दीदी  के होठों पर रगड़ रहा था... मेरी रूपाली दीदी मेरी तरफ कातर निगाहों से देख रही थी... मैं जीजू से बात तो कर रहा था पर मेरी निगाहें रूपाली दीदी पर टिकी हुई थी..... उस झोपड़ी में मौजूद हर मर्द की निगाहें मेरी रूपाली  दीदी पर ही टिकी हुई थी... खासकर सुरेश की... उसके मुंह से तो लार टपक रही थी.. उसका लण्ड बेकाबू हो चुका था... उसके पैंट में टेंट बन गया था.
 मेरे जीजू मुझे फोन भी समझा रहे थे कि  धीरज से काम लो... संभालो खुद को मुन्नी को और अपनी दीदी को भी हौसला दो... इस समय में तुम्हें हिम्मत से काम लेना होगा... यह  गुंडे तुम लोग को वहां आसानी से निकलने नहीं देंगे.... तुम बाकी टेंशन मत लो.. मैंने तुम्हारी मम्मी और प्रियंका दीदी को समझा दिया है कि तुम और  रूपाली  मेरे दोस्त के यहां रुके  हुए हैं.. रास्ते में गाड़ी खराब हो गई थी.... समझ गए ना.... अब मैं फोन रखता हूं मैं थोड़ी देर बाद फिर फोन करूंगा.... जीजू ने कहा...
 ठीक है जीजू.... उनकी बातें सुनकर मुझे भी थोड़ी हिम्मत आई.. उन्होंने फोन काट दिया....
 सुरेश मुझे दारू की बोतल दे.... असलम ने सुरेश की तरफ सुरेश ने दारू की एक बोतल उठाई और धीरे-धीरे असलम के पास पहुंचा...... असलम ने दारू की बोतल उसके हाथ से ले ली.... 
साले बहन के लोड़े बोतल खोल के  दे.. असलम में सुरेश को  गुस्से में कहा...
 सुरेश ने असलम की गाली का बुरा नहीं माना बल्कि उसके चेहरे पर तो एक कुटिल मुस्कान थी.... सूखी घास पर  नंगी पड़ी मेरी रूपाली दीदी और उनकी छाती पर बैठकर उनकी चूचियों को चोद रहा  असलम... इतना कामुक नजारा ठीक उसकी आंखों के सामने था.... भला ऐसा मौका वह क्यों  बेकार जाने देता... दारू की बोतल खोलने में उसने काफी समय लगाया.. और इसी बीच में मेरी दीदी का भरपूर नजारा उसने  ले लिया बिल्कुल पास से...... मेरी दीदी की चिकनी गुलाबी  योनि को  वह देखे जा रहा था... साले के मुंह से लार टपक रही थी.  मेरी संस्कारी रूपाली दीदी की टांगे खुली हुई थी... गोरी गोरी टांगों के बीच उनकी सुहागन  मासूम चुत, जिसे जुनैद ने चोद चोद के  परखच्चे उड़ा  दिए थे, बिल्कुल भोसड़ा बना दिया था... बिल्कुल खुली लग रही थी मेरी दीदी की चुत... और जुनैद के लोड़े की मलाई अभी  भी टपक रही थी मेरी दीदी के स्वर्गद्वार से....... सुरेश ने असलम को बोतल खोल के थमा दी... असलम डायरेक्ट बोतल से दारु पीने लगा और मेरी दीदी की चूची को जोर जोर से चोदने लगा... एक बार फिर उसने मेरी दीदी का मंगलसूत्र अपने लोड़े पर लपेट लिया था...... दारू की बोतल असलम को थमाने के बाद भी सुरेश वहीं खड़ा   रहा... असलम मेरी दीदी के निपल्स को  नोच रहा था... नीच सुरेश का लण्ड बेकाबू हो चुका था.... साला  मेरी दीदी की योनि को घूरे जा रहा था...
 असलम भाई एक विनती है आपसे... उसने कहा...
 बोल बहन के लोड़े... असलम ने कहा और मेरी दीदी के मुंह में अपना लौड़ा ठोक दिया.... मेरी दीदी  गू गू करने लगी... उनकी आंखें उबलने  लगी.... बेरहम असलम को इस बात की कोई परवाह नहीं थी... वह मेरी दीदी का मुंह चोदने लगा और सुरेश की तरफ देखने लगा...
 असलम भाई मैंने आज तक आप की बड़ी सेवा की है... अपनी सगी बहन को भी आप लोगों  कि रंडी बना दिया... आप दोनों चाहो तो मेरे घर आकर मेरी पायल बहन और मेरी बीवी दोनों की ठुकाई करो दिन भर.... मैं उन दोनों को दुल्हन की तरह सजने के लिए भी बोल दूंगा...  पर भाई मुझे इस माल की  कम से कम चुत चाट लेने दो भाई... मां कसम ऐसी  माल मैंने आज तक नहीं देखी... क्या मस्त गुलाबी चुत है भाभी जी की... ऐसी चुत  को चाट लो तो जीवन सफल हो जाए.... प्लीज....... सुरेश  मेरी रूपाली दीदी को देखकर अपने लोड़े को  पैंट के ऊपर से ही मसल  रहा था और असलम से  विनती कर रहा था....
 चल ठीक है बहन के लोड़े... पर अपना वादा भूल मत जाना... तेरी बहन पायल और तेरी बीवी दोनों को एक ही  बिस्तर पर  हम दोनो चोदेंगे..दुल्हन की  ड्रेस में... बिल्कुल सुहागरात की तरह.. असलम ने कहा अपना लौड़ा मेरी दीदी के मुंह से निकाल कर उनके चेहरे पर टिका दिया.... मेरी दीदी सांस लेने लगी..
. तो  चाट  लू  ना मैं भाभी जी की गुलाबी चुत को असलम भाई.. इनके भाई से तो पूछने की जरूरत नहीं है ना.... सुरेश मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा बड़ी कुटिलता से... मुझे बड़ी ग्लानि हो रही थी कि मैंने इस  पर भरोसा किया और अब यह मेरी दीदी की चाटने जा रहा था... हां बहन चोद चाट ले... तू भी क्या याद करेगा... असलम ने कहा  और मेरी दीदी की  चूचियों को आटे की तरह   मसलने लगा.....
 सुरेश ने फटाफट अपने सारे कपड़े उतार दिय और बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया... उसका लौड़ा झोपड़ी की छत की तरफ था खड़ा था... असलम और जुनैद के लोड़े से उसका  लोड़ा कुछ छोटा था... तकरीबन 7 इंच  खा रहा होगा...... पर बेहद मोटा था बहुत मोटा......
 बहन चोद  तू नंगा क्यों हो रहा है... तुझे तो बस चुत चाटने की परमिशन  मिलि है.... यह  जुनैद ने कहा था..... जुनैद भाई... ऐसी माल को आप लोग चोदने तो दोगे नहीं... साला थोड़ी  मस्ती तो कर  लेने दो... सुरेश ने अपना लौड़ा अपने हाथ में पकड़कर  कहा..
 चल ठीक है मादरजात.. तू भी ले ले थोड़ा सा मजा.... आखिर तूने ही तो बड़ी  माल का इंतजाम किया हमारे लिए..... जुनैद ने कहा... सुरेश ने ज्यादा देर नहीं की वह मेरी दीदी की टांगों के बीच  लेट गया. मेरी रूपाली दीदी ने अपनी दोनों टांगे आपस में   चिपका ली...... किसी भी कीमत पर मेरी दीदी नीच सुरेश के  मुंह  को अपनी चुत पर जाने से रोकने का प्रयास कर रही थी... मेरी दीदी झटपट आने लगी... मुझसे रहा नहीं गया...
 असलम भाई आपने तो कहा था कि सुरेश को आप मेरी दीदी के साथ कुछ भी करने नहीं  दोगे... फिर यह क्यों.... मैंने डरते सहमते हुए  कहा.
 साले मादरजात.. गांडू.... तेरी दीदी को हम लोग चाहे जैसे मन करे वैसे चोद सकते हैं ... बहन के लोड़े अगर  डिस्टर्ब किया ना तो तेरी पेंट उतार के तेरी  गांड में लौड़ा डाल दूंगा मैं  बहन चोद.... तू  इस रंडी की  चाट ले बहन चोद सुरेश..... तू उसके भाई की टेंशन मत ले... यह  बड़वा कुछ भी नहीं कर सकता.... इसकी बहन   हमारी रंडी बन चुकी है... जुनैद ने मुझे कठोर शब्दों में कहा...
 मैं चुप हो गया......
 सुरेश ने जबरदस्ती मेरी दीदी की दोनों टांगें फैला दी... उनकी मदमस्त चुत सुरेश की आंखों के सामने थी... उसने अपनी    लंबी जुबान बाहर निकाली और मेरी दीदी की चुत पर लहराने लगा... भूखे कुत्ते की तरह वह मेरी दीदी की चुत को चाटने लगा.... मेरी दीदी कसमस आने लगी.... सिसकियां लेने लगी.... असलम ने अपना सुपाड़ा  मेरी दीदी के मुंह में दे दिया... उनकी चीखें बंद हो गई..
पायल की रुनझुन , बिछुओं की झंकार , चूड़ियों की चुरुर मुरुर... मेरी सुहागन दीदी की योनि पर लहराता हुआ ऑटो वाले सुरेश का  खुरदुरा जुबान और दीदी के मुंह में असलम का लोड़ा......
 कुछ ही देर में असलम में अपना लौड़ा मेरी दीदी के मुंह से बाहर निकाल दिया और वह मेरी दीदी के ऊपर से उठ कर खड़ा हो गया... सुरेश अभी भी पागलों की तरह मेरी दीदी की योनि को चाट रहा था... उसके मजबूत पकड़ में थी मेरी दीदी की  दोनों  टांगे जिसे उसने ऊपर  की तरफ उठा रखा था. वह मेरी दीदी की गांड के छेद को भी चाट रहा था
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#66
Gteat story.....
Update कहाँ है ।भाई
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#67
Awsm story .. waiting for next
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#68
असलम की बात सुनकर सुरेश बिना किसी आनाकानी के मेरी दीदी की टांगों के बीच  से उठ गया.... उसके होठों पर मेरे दीदी की योनि का रस लगा हुआ था.... जिसे वह अपनी जुबान से चाट रहा था...
 असलम ने मेरी दीदी की एक हाथ पकड़ कर उनको खड़ा किया.... दीदी बिल्कुल नग्न अवस्था में थी... असलम भी... उसने मेरी रूपाली दीदी को अपनी गोद में उठा लिया... उसका लंड मेरी दीदी की योनि के मुहाने पर टिका हुआ था.... कुछ ही देर में उसका मुसर जैसा पूरा का पूरा लंड मेरी दीदी की योनि में समाया हुआ था..... उसने मेरी दीदी की कमर को थाम रखा हुआ था और दीदी ने उसकी गर्दन को...
ओई...मेन्न्न्न...उउउइईईईई........माअ.....अनन्न्न्न्न...न्न्न्न...ना...शियीयियी "  मेरी रूपाली दीदी असलम के मजबूत गर्दन को  थाम के ऊपर नीचे हो रही थी... सिसक रही थी....  उनके मुंह से ऐसी आवाज निकल रही थी...
 चल  तू भी आजा जुनैद.. इस बहन की लोड़ी कि हम दोनों मिलकर   ठुकाई करते हैं... जैसे सुरेश की बहन पायल की ठुकाई की थी.... मजा आएगा एक साथ चोदने मे इस रांड को....... असलम में जुनैद को पुकारा..... जुनैद का  लोड़ा एक बार फिर खड़ा हो गया था...... 
 मेरी रूपाली दीदी की जवानी  टॉनिक का काम कर रही थी उस के लोड़े के लिए.... हाथ में लौड़ा पकड़कर वह मेरी दीदी के ऊपर टूट पड़ा.. जुनैद पीछे से आया और मेरी दीदी  से चिपक गया.. उसने मेरी दीदी की गांड  दबोच ली... और अपना मोटा खड़ा लण्ड मेरी दीदी की गांड के छेद पर सटा दिया.... उसने दो-तीन जोरदार झटके दिए और पूरा का पूरा मेरी दीदी की गांड के छेद में उतार दिया..  असलम और जुनैद ने आगे पीछे से अपना मोटा मुसल हथियार मेरी दीदी के दोनो छिद्रों में    पेल दिया.... मेरी दीदी चीखने लगी पर उनकी सुनने वाला वहां पर कोई भी नहीं था  मेरे अलावा और मैं भी बिल्कुल लाचार था... दोनों काले कल्लू  सांड के तगड़े बदन के बीच फूलों से भी नाजुक गोरी चिट्टी मेरी संस्कारी रूपाली दीदी  का नाजुक बदन  चक्की के आटे की तरफ  रगड़ खाने लगा....... मेरी रूपाली दीदी की चूत और गांड में दोनों गुंडों ने अपना मोटा मोटा लौड़ा ठोक रखा था... और बिना किसी चेतावनी के दोनों ने मेरी दीदी को हचकाचक के चोदना चालू कर दिया....
 हाय मैं मर गई... आह  आह आह.. मां..... मेरी रूपाली दीदी सीसकने के साथ-साथ रोने भी लगी....
 तेरी मां को चोदूं ... साली रंडी... आह.... क्या मस्त गांड का छेद है तेरा... साली तेरी गांड बहुत टाइट है... मादरजात.... जुनैद बड़बड़ा रहा था...
 आगे की तरफ से असलम मेरी दीदी की चूत  को  भोसड़ा बना देने पर उतारू था...
 मेरी रूपाली दीदी की दोनों बड़ी-बड़ी दुधारू  चूचियां असलम के सीने में गड़ी हुई थी... असलम ने अपना एक हाथ मेरी दीदी की कमर से हटाया और उनकी चूची पकड  मसलने लगा... दीदी के गुलाबी होठों को उसने अपने होठों की गिरफ्त में ले लिया और चूसने लगा... मेरी दीदी की सारी सिसकियां उसके चुंबन में डूब गई...... और जब उसने चुंबन तोड़ा मेरी दीदी फिर से...."आ...आहह......हा...ईईईईईई......रा....आमम्म्ममम.... करने  लगी.. उन दोनों के 10 इंच लंबे और बेहद मोटे   मुसल के जबरदस्त झटके पाकर  मेरी रूपाली दीदी बिल्कुल खो गई थी..... उन्हें अब बिल्कुल परवाह नहीं थी शायद कि मैं भी उन्हें देख रहा हूं.... मेरी दीदी आंखें बंद किए हुए सातवें आसमान पर पहुंच गई थी.
"हा.....आई....से....हीईीईई.....ज़ो...र्र.... से ...कर....ते...रहो!""आ..हह...एयेए...हह!"
ऊऊऊओ.....एयेए....हह.... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से ऐसी ही कुछ अजीबो-गरीब आवाजें निकल रही थी.... दोनों गुंडे मेरी दीदी को  उछाल उछाल के चोदने में लगे थे.... बगल में खड़ा हो  सुरेश अपना लौड़ा हिला रहा था, बिल्कुल नंगा था  वह... ऐसा लग रहा था जैसे कोई ब्लू फिल्म चल रही हो और मेरी दीदी उसकी हीरोइन हो.... उस वक्त तो ब्लू फिल्मों में भी मैंने ऐसा दृश्य नहीं देखा था.
“ऊऊऊहह हाय… क्या मम्में हैं इस औरत के… जी करता है कि रात भर यूँ ही दबाता रहूँ… हाय क्या चूचियाँ हैं इसकी! अपने गाँव में ऐसे लाल निप्पल किसी के भी नहीं होंगे! हाय मेरे दोस्त! तू क्या माल लाया है चुन कर… आज तो मज़ा आ जायेगा… सच में इसकी चूत और गाँड को तो मज़े से रौंद-रौंद कर चोद कर ही मज़ा आयेगा!”  असलम ने सुरेश की तरफ देखते हुए कहा....
 मालिक इसका मुझे भी कुछ तो  इनाम दो.... सुरेश  रूपाली दीदी को  देखते हुए हिलाते हुए बोल रहा था....
 मादरजात तेरे लिए इतना बहुत है.... तू मेरी रूपाली  रंडी को  देख कर ही  हिला ले बस... तेरी औकात इतनी है साले..."अया.. क्या माल है तू भी लौंडिया!.. चूतड़ तो देखो! कितने मस्त और टाइट हैं.. एक दम गोल गोल... पके हुए खरबूजे की तरह...," हाए.. बिल्कुल एक नंबर. का माल है...कितनी चिकनी चूत है तेरी... मैने तो सपने में भी नही सोचा था कि इंडिया में भी ऐसी चूते मिल जाएँगी... क्या इंपोर्टेड पीस है यार..." असलम मेरी रूपाली दीदी की चूची दबाते हुए बोल रहा था... उसने एक निगाह मेरी तरफ  डाली और कुटिल मुस्कान जो उसके चेहरे पर थी देखकर मेरी निगाहें शर्म के मारे एक बार फिर झुक गई...
 दीदी के दोनों क्षेत्रों में दोनों गुंडों ने अपने  मोटे मुसल से कहर ढा दिया था....
“ऊऊऊययययययीीईईईईई माआआआआ मर गयी”..दीदी के मुँह से एक कामुक आहह निकल गई.. इतनी कामुक कराह थी कि मैं तो झड़ने वाला था…
दोनों के मुँह से कामुक आवाज़ें आ रही थी.. आहह म्‍म… ओह्ह…
 दीदी की दोनों चूचियाँ..दूध सी गोरी चूचियाँ.. मसली जाने की वजह से लाल हो गई थी.. उनकी की घुंडियाँ एकदम भूरी और कड़क हो गई थी.. फिर उसने ज़ोर ज़ोर से चूचियो को मसलना शुरू कर दिया..

अब दीदी के मचलने की बारी थी..

वो बस कसमसा रही थी.. बेचैन हो रही थी.. आहह… ओह्ह्ह… आइ… ई… यई…

और कामुक आवाज़ में कुछ कुछ बोल रही थी… अम्म आह.. और.. आउच हह.. आराम से… एम्म्म....
 खड़े-खड़े दोनों गुंडे मेरी सुहागन रूपाली दीदी की चूत गांड दोनों का बाजा बजा रहे थे... मेरी दीदी भी उन्हें सहयोग कर रही थी....
 मैं अब नीचे लेटा  रहा हूं... इस रंडी को नीचे से चोदूंगा... तू  गांड मार इसकी ऊपर से.... असलम ने जुनैद को कहा...
 असलम नीचे लेट गया और उसने मेरी दीदी को अपने ऊपर चढ़ा लिया... उसका खूंटे जैसे लौड़ा इस बार बहुत आसानी से मेरी दीदी की योनि में पूरा का पूरा समा गया... मेरी दीदी असलम के ऊपर लेट गई.. असलम है मेरी दीदी की एक  चूची अपने मुंह में लगा  ली... दूध पीने के लिए.. असलम का लौड़ा मेरी दीदी की योनि से फिसल के बाहर निकल गया....सच कहूँ दोस्तो, आज तक इतना कामुक हसीन नज़ारा किसी ने नहीं देखा होगा जो आज मैं देख रहा था।
सिर्फ़ कुछ इंच की दूरी पर मेरी दीदी की पावरोटी जैसे फूली हुई चूत थी.. दोनों फांकों पर हल्के बाल थे.. चूत बहुत पनियाई हुई थी.. और लबलबा रही थी… मानो चीख चीख कर लंड माँग रही हो।
चूत का मुँह बार बार अपने आप खुल रहा था और बंद हो रहा था…
 एक बार फिर असलम ने अपने हैवानी लौड़ा मेरी पतिव्रता सुहागन रूपाली  दीदी  की गुलाबी चूत पर सेट किया..अब तो दीदी की पनियाई चूत और जोर से बहने लगी और उनका चूतरस उनकी चूत से बहता हुआ उनकी गाण्ड के छेद तक चला गया..
चूत और गाण्ड पर चूतरस लगे होने की वजह से बहुत चमक रही थी ऐसा लग रहा था मानो मेरे आगे जन्नत की सबसे सुंदर चूत और गांड है…
तभी उसने अपना लंड हाथ में पकड़ा और दीदी की चूत के मुहाने पर रख कर चूत और चूत का दाना रगड़ने लगा..
एक ही रगड़ ने दीदी के मुँह से चीख निकलवा दी.. ओइं आह्ह्हह्ह ! आअहह प्लीज़ और मत  ! अह.. इस…म्‍मम…
साँसें बहुत ज़ोर से चल रही थी दीदी की !
इधर उनकी गाण्ड और जोर से मचल मचल कर लंड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी… और तभी उसने लंड को चूत पर टिका कर एक ज़ोरदार झटका दिया.. और आधा लंड दीदी की पनियाई चूत के अंदर उतार दिया..
“आह ह्ह्ह्ह…” असलम मेरी रूपाली दीदी की कमसिन गुलाबी चूत की गर्मी का एहसास पाते ही कराह उठा..
उधर दीदी भी दर्द और काम से मचल कर चीख उठी.. …उई माँ …आई ईई ई…
 फिर तो असलम ने 2-3 झटके और मारे और पूरा लंड मेरी दीदी की नाज़ुक चूत के अंदर उतार दिया। उस वक़्त तो ऐसा लग रहा था मानो किसी ने ज़बरदस्ती यह लंड चूत में फंसा दिया और अब यह निकलेगा नहीं।
तभी उसने धीरे से अपने लंड बाहर खींचना शुरू किया।
उसका लंड चूत में इतना कस कर फंसा था कि लंड वापिस खिंचते वक़्त ऐसा लगा रहा था मानो चूत भी ऊपर खींची जा रही है..
तभी दीदी का शरीर अकड़ने लगा और उनके पैर कांपने लगे।
मैं त… त..तो… तो… गा… ग… गाइइ..और दीदी झड़ गई ! उस हैवानी लंड के बस एक वार ने एक  संस्कारी औरत की चूत का पानी निकाल दिया..
उसके बाद उसने फिर से झटके से चूत में लंड घुसा दिया और अब वो चूत में लंड अंदर-बाहर करने लगा- आह… आह… आह… आह उहह… आ… उहह आ…
एक ही मिनट बाद दीदी फिर से अकड़ने लगी.. और तभी फिर से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो ज़ोर से चीखी- अह ह्हह ..आ… आ..अया…आ गई मैं फिर से…
इधर उसके लंड पर दीदी के चूत का गाड़ा सफेद पानी तेल की तरह लिपट कर चमक रहा था और अब उसका लंड की मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था.. वह मेरी रूपाली दीदी को अपने लोड़े पर उछाल रहा था.... दूसरी तरफ  अपना लौड़ा मेरी दीदी की गांड पर तान के खड़ा था जुनैद और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था...
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#69
Gazab स्टोरी...
Shaandar अपडेट....
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#70
(20-07-2019, 03:27 PM)babasandy Wrote: Pls give me some erotic ideas in which my both sisters Rupali didi and priyanka didi gets fucked multiple times by goons in front of me and my family and jijas becomes helpless..at some point my sisters starts enjoying huge lund of goons also...suggest me to make this story more and more erotic

Babasandy,
Before above gangbang cuckold idea to execute, I request you to focus firstly on Sister Priyanka only. Later above plot.
Plotlines:
1. Priyanka leaves her college to catch an auto go home. Suresh Auto driver picks her in auto.
2. Priyanka gets upset his staring her body in mirror. She insults him and warns him.
3. He stops auto near lonely outskirt road to urinate. Priyanka scolds him not to go. He zips down and shows his cock due to uncontrollable urination. She shouts in shocked watching him peeing outside road boundry. 
4. Suddenly Aslam and Junaid rushes to auto and sit both sides of Priyanka. She shouts but they closed her mouth.
5. Suresh runs abd starts his auto. 
6. They reach to their secret den where they bangd her sister Rupali. They take her inside a tied handkerchief around her mouth.
7. They removed the handkerchief. She screams for help but no use.
8. They start playing with her body. Suresh watch over the scene.  Priyanka threatens them to complain security officer case.
9. They show her the mms shoot on mobile of Rupali's act. They threatens her to put on net if she doesn't agree to give her virginity to them. Priyanka cries and beg them to leave her for marriage gift of virginity.
10. They mock her that today is our samuh vivaha and honeymoon.
11. Mobile call to her brother, Rupali and Jiju.
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#71
अपडेट कब दे रहे हो ....
शानदार स्टोरी चल रही है।।
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#72
Update kahan.hai...
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#73
मेरी रूपाली दीदी के  दुधारू  थन....
[Image: images-1.jpg]
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#74
(09-08-2019, 08:28 PM)babasandy Wrote: मेरी रूपाली दीदी के  दुधारू  थन....
[Image: images-1.jpg]
भाई आगे तो बडो
या से दर्शन करवाओगे
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#75
बहुत ही मस्त कहानी भाई।please update
माँ की अधूरी इच्छा(running)https://xossipy.com/showthread.php?tid=25723
परिवार(complete)https://xossipy.com/showthread.php?tid=9522
मेरे गाँव की नदी(complete)
कलयुग का कमीना भाई(complete)https://xossipy.com/showthread.php?tid=24644
तीन कुड़ियाँ(complete)
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#76
Story me suggest kiya kro yaar
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#77
Update kahan
है....
रूपाली ke लकी भाई.....
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#78
Mai to bechara bhai hu
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#79
जुनैद ने एक बार फिर मेरी रूपाली दीदी की गांड मारने की पूरी तैयारी कर ली थी... और मेरी दीदी असलम के लोड़े पर  उछलते हुए और उसे अपना दूध पिलाते हुए बार बार झड़ रही थी... मैं भी दीदी को झड़ते हुए देख रहा था पूरी निर्लज्जता से.... झड़ते वक्त मेरी दीदी हाथ  पाव ऐसे पटक रही थी जैसे कोई कबूतर फड़ फड़ आता है... आज तक मैंने किसी औरत को  झड़ते हुए नहीं देखा था और आज जब देखने का मौका मिला तो वह भी मेरी सगी बहन मेरी रूपाली दीदी, एक संस्कारी घर की बहू..एक बच्चे की मां...
 सुरेश भी अब नीचे बैठ गया था और मेरी दीदी को निहारते हुए मुट्ठ मार रहा था.... मेरे वहां मौजूद होने की उसे कोई भी परवाह नहीं थी...
उस दिन दीदी को चुदते देख कर मैं यह तो समझ ही गया था कि मेरी यह सीधी और बहुत शरीफ बनने वाली बहन अंदर से बहुत बड़ी छीनाल है।
 असलम भाई थोड़ा रुको.. मुझे भी इसकी गांड मारनी है... साली... रंडी छिनाल हरामजादी...  जुनैद  ने दांत पीसते में कहा और पीछे से मेरी दीदी की गांड दबोच ली.... असलम ने नीचे से धक्के देने बंद कर दी पर उसका लौड़ा मेरी दीदी की योनि में फंसा हुआ ही था...
 देख बहन के लोड़े ... प्रियंका रंडी के भाई.... तेरी  दीदी की गांड मारने जा रहा हूं....... जुनैद ने मेरी तरफ देखते हुए कहा और उसने अपना  10 इंच का लोड़ा मेरी दीदी की गांड के छेद पर रख दिया... जुनैद के मुंह से मेरी प्रियंका दीदी का नाम सुनकर मैं एक बार फिर से  घबरा उठा...
 जुनैद ने एक जबरदस्त धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी दीदी की गांड में समा गया... मेरी दीदी की  गांड फट गई थी... वह चीखने लगी थी... पर उनकी एक नहीं सुनी  जुनैद में.... उसने मेरी दीदी की गांड में तीन-चार जबरदस्त झटके दिय ...पूरा का पूरा  पेल दिया उसने अपना लौड़ा मेरी दीदी की गांड में....
“ऊऊओह…….म्‍म्म्ममम….नूऊओ” मेरी दीदी कराह उठी...
आअहह... बहन चोद ..तेरी दीदी की गांड आअहह... साली कुत्तिया... जुनैद मेरी रूपाली दीदी की गांड चोदने लगा था और मेरी तरफ देख कर बोल रहा था... असलम ने भी अपने धक्के चालू कर दिए नीचे से....
 फिर मेरी रूपाली  दीदी की की चूत और गान्ड में एक साथ धक्का पेल शुरू हो गयी और मेरी दीदी सातवे आसमान पे पहुँच गयी. उसकी दर्द भरी चीन्खो की जगह अब लस्टफुल आहें थी.
“आअहह…..नो…..आअहह …म्‍म्म्मम”
 देख बहन के लोड़े.. दिखा दिया ना तेरी बहन को जन्नत.. जुनैद मेरी तरफ देख कर बोला..
“ऐसी जन्नत तो ये रंडी रोज देखेगी अब”  असलम ने कहा...
दीदी की कराहने की आवाज़ मेरा लंड झड़ने के लिए काफ़ी थी…
अहह ! और मैं एक बार पैंट में ही झड़ गया..
 मेरी दीदी एक गरम कुतिया की तरह रंभा रही थी.. आ आआ आआआ आअहह… ऑश माआ आआआअ अपने होंठ दांतों से काट रही थी..

 असलम मेरी दीदी की योनि को  बाजारू रंडी की योनि समझ के  चोदे जा रहा था... गुलाबी चिकनी   मेरी दीदी की योनि लगातार  रस  बहा रही थी...और योनि भी कोई ऐसी वैसी नही... जैसे इंपोर्टेड 'माल' हो... जैसे 'गहरे' सागर की कोई बंद 'सीप' हो जिसके अंदर 'मोती' तो मिलेगा ही मिलेगा.... जैसे तिकोने आकर में कोई माचिस की डिबिया हो.. छ्होटी सी.. पर बड़ी काम की और बड़ी ख़तरनाक... चाहे तो घर के घर जला कर खाक कर दे... चाहे तो अपने प्यार की 'दो' बूँद टपका कर किसी के घर को 'चिराग' से रोशन कर दे.... संस्कारी योनि  मेरी दीदी की.....
 ऊपर से जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी के बाल पकड़ लिय और पूरी ताकत से अपना लंड उनकी गांड में अंदर-बाहर करने लगा....
..क्या गान्ड है साली की... वह  बक रहा था...
 मेरी दीदी की चीखें और सिसकियां सुनकर मुन्नी जाग गई और रोने लगी.... उसका रोना जुनैद और असलम दोनों को ही बिल्कुल अच्छा नहीं लगा...
 भड़वे साले इसे चुप करा मादरजात वरना तेरी गांड में मरेंगे हम लोग साले .... असलम ने मुझे घूरते हुए कहा.... मुन्नी को रोते हुए देख कर मेरी दीदी भी विचलित हो गई... उन्होंने मुझे आंखों से इशारा किया कि से बाहर ले जाऊं और चुप  कराने की कोशिश  करो.... मुन्नी को लेकर चुपचाप  झोपड़ी से बाहर निकल गया  मैं.. झोपड़ी से बाहर निकलते ही मुन्नी चुप हो गई... खुली ठंडी हवा में सांस लेते उसे भी अच्छा लगा और मुझे भी... पर मैं ज्यादा दूर नहीं गया और झोपड़ी के दरवाजे पर खड़ा रहा... अंदर से मेरी दीदी की सिसकियां सुनाई दे रही थी साफ-साफ... कामुक  सिसकियां चीखें ...
 साली रंडी.... तेरे पति के बिस्तर पर तुझे चोदूंगा रंडी मादरजात.. तुम दोनों बहनों को एक साथ .... हाय रे तेरी मां का भो... छिनाल ..कुत्तिया... जुनैद और असलम की मिली जुली आवाज मुझे सुनाई दे रही थी.... मैं तो एक बार झड़ चुका था अपने पैंट में... मुझे जोरो की पिशाब लगी हुई थी.... मैंने मुन्नी को नीचे जमीन पर रख दिया  थोड़ी दूर पर खड़ा  होकर पैंट से मैंने  अपना लौड़ा निकाला और   पेशाब करने लगा... पेशाब करने के बाद भी मेरा लौड़ा पुरा टाइट खड़ा था... मैं अपनी लोड़े को सहलाने लगा...."अया... आआआयईीईईईईई... ऊऊहह मुऊम्म्म्ममय्ययी' जैसी ध्वनियाँ मेरी दीदी की सुनकर मेरा लौड़ा और  कड़क हो रहा था... बिना सोचे समझे मैंने  मूठ मारना चालू कर दिया... अपनी सगी दीदी की  आवाज सुनकर...
 लेकिन कुछ ही पलों में मुझे एहसास हुआ  कि मैं यह गलत कर रहा हूं... यह पाप है... मेरी सुहागन दीदी झोपड़ी के अंदर 2 गुंडों से चुद रही है और मैं  उनका भाई अपना लौड़ा  हिला रहा.. अपनी ही सगी दीदी की चुदाई  की आवाज सुनकर... मैंने झट से अपना लौड़ा  पैंट के अंदर डाल दिया... मैंने मुन्नी को फिर से गोद में उठा लिया... झोपड़ी के अंदर जाने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी... मैं वही दरवाजे पर खड़ा रहा और अंदर की आवाज  सुनता रहा... मेरी रूपाली दीदी की कामुक  सिसकियां और चीखने की आवाज  मैं सुन पा रहा था... साथ ही साथ वह दोनों मेरी दीदी को गंदी-गंदी गालियां  दे रहे थे.... यहां तक कि ऑटो वाला  सुरेश के बड़बढ़ाने की आवाज भी आ रही थी......हाँ पियो इन्हे.. दूध निकालो इनमें से.. निचोड़ लो सब कुछ आज.. आअहह… असलम भाई.... साली की चूचियां है कि दूध का  टैंकर.. पूरा चूस लो आज तो... यह सुरेश की आवाज थी....
 मुझे समझने में देर नहीं लगी कि असलम मेरी रूपाली दीदी की चुचियों के साथ क्या कर  रहा होगा...
आहह… ओह्ह्ह… आइ… ई… यई… हाय राम मर गई मैं तो..आहह… नहीं बस करो..आहह… ओह्ह्ह… आइ…  मां... मेरी दीदी जोर से चीखी....अह ह्हह ..आ… आ..अया…आ गई मैं फिर से… मेरी दीदी एक बार फिर झड़  रही थी... ना जाने कितनी बार मेरी दीदी झड़ चुकी थी.... झोपड़ी के अंदर मेरी दीदी की धमाकेदार चुदाई चल रही थी और मैं दरवाजे पर खड़ा  इस तूफान के  शांत होने का इंतजार कर  रहा था....
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#80
ग़ज़ब अपडेट....

छा गए ....


यारा..............
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