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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
Sahi hai buddy.... Tumari story mai kuch to hai... Like the way you are writing...  Keep it up... Aise Hi likhte raho... This should be more romantic... Reshma ki chudai to vaise bhi honi hai.. ise kita jitni ho sake utni aaag lagavo dono taraf tab jake story me mazza aayega... aur sare readers ka interest bhi bana rahega...

Keep it up...

yourock
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Keep the same tempo
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इंतज़ार नहीं हो रहा अब...... जल्दी दो अपडेट
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Thanks for reading and support
SAbhi thoda busy hu friends
Next update kl subh

Stay with us....
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Update 32

रेशमा के बिना ये मैं सोच भी नही पा रहा था
पूरा दिन कैसे निकाला ये मैं ही जानता हूँ
रेशमा की याद नही आई ऐसा एक पल भी नही गया
हर पल रेशमा के बारे में सोचता रहा
ऑफीस से आते वक्त तो रेशमा मे इतना खो गया कि दादर की जगह सीएसटी उतर गया
मैं तो उसका आशिक़ भी नही था फिर क्यूँ मैं इतना बेहाल था
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था
मैं जब अपनी बिल्डिंग के पास आया तो सीडियो की जगह लिफ्ट से जाने का सोचा , रेशमा के ना होने से
मैं लिफ्ट से जाने वाला था
मैं लिफ्ट मे आ गया और जैसे ही लिफ्ट का डोर बंद होता किसी ने डोर के बीच मे बॅग डाल दी और डोर खोल
दिया ,
ये रेशमा थी
रेशमा मुझे देखते ही सोच मे पड़ गयी कि वो लिफ्ट के अंदर आए या नही आए
पर पीछे से एक आंटी आ गयी जो 1स्ट फ्लोर पर रहती है लेकिन मोटी होने से लिफ्ट का ईस्तमाल करती है
उनकी वजह से रेशमा को लिफ्ट मे आना ही पड़ा
मैं तो आगे की तरफ खड़ा था तो रेशमा पीछे हो गयी और आंटी मेरे साथ साथ खड़ी रही
आंटी तो 1स्ट फ्लोर पर चली गयी
अब तो लिफ्ट मे सिर्फ़ मैं और रेशमा ही थे
आज दिन भर से रेशमा की यादो मे खोया था
पर अब रेशमा के साथ अकेले लिफ्ट मे था
रेशमा से बात करने का अच्छा मोका था पर हिम्मत नही हो रही थी
मेरे तो हाथ पैर काप रहे थे
ऐसा पहली बार हुआ कि मैं एक औरत से डर रहा था
मेरा मुँह तो जैसे सिल गया था
रेशना भी अपने हाथो के साथ खेल रही थी
मैं चाह रहा था कि रेशमा बात करे और रेशमा सोच रही होगी कि मुझे बात शुरू करनी चाहिए
दोनो अनकंफर्टबल महसूस कर रहे थे
हमे तो पसीना आ रहा था
गला सुख गया था जिस से बात करने को जितनी ताक़त लगा रहा था फिर भी मुँह से आवाज़ नही आ रही थी
एक औरत के लिए किसी भी बात की शुरुआत करना बड़ा मुश्किल होता है
और मैं एक मर्द होते हुए भी हिम्मत जुटा नही पा रहा था
इस बीच कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना भी मैं नही कर पा रहा था
मुझसे और कंट्रोल नही हुआ
और मैं ने रेशमा को किस कर दिया
जहाँ मैं बात करने को डर रहा था वहाँ मैं ने डाइरेक्ट किस कर दिया
किस करके छोड़ दिया ऐसा भी नही था
मैं किस करता ही गया
रेशमा के होंठो को चूसने लगा
रेशमा के नाम.की तरह थे उसके होंठ
उसके गुलाबी होंठो का रस पी कर तो मेरे गले को आराम मिला
रेशमा का रस पी कर तो मुझ मे नई जान आ गयी
मैं तो जन्नत मे चला गया
जिस को आज दिन भर याद किया वो भी मुझे किस करके प्यार कर रही थी
रेशमा के रेस्पॉन्स मिलते ही मैं तो डबल खुश हुआ
रेशमा का रेस्पॉन्स मेरे लिए माफी जैसा था
सोचा नही था कि एक दिन की जुदाई हमे इतने करीब लेकर आएगी
ऐसा पता होता तो कब का दूर जाके पास आ जाता
लिफ्ट मे किस करने से हमे डर भी लग नही रहा था
हम तो किस करते हुए पूरी तरह से खो गये थे
इस किस को मैं कभी भूलूंगा नही
ये मेरे लिए सब कुछ था
इतना प्यार मिल रहा था रेशमा की तरफ से कि क्या बताऊ
मैं तो रेशमा को किस करते हुए उसके बदन को छु रहा था मसल रहा था
रेशमा की कमर पे तो हाथ घुमा कर उसकी नाभि को छू रहा था
रेशमा को अब तो उठा कर मैं बेड पर ले जाउन्गा
अब इस किस का अंत हमारे एक होने पर होगा
रेशमा को आज इतना प्यार दूँगा कि वो पूरी तरह से मेरी होगी
रेशमा के बूब्स प्रेस करने से उनकी सॉफ्टनेस मे खो सा गया मैं
क्या बताऊ
मरे हुए इंसान मे फिर से जान आ गयी है ऐसा लग रहा था
रेशमा मेरी हो गयी
अब मैं रेशमा को खुद से दूर नही करूँगा
रेशमा के किस मे मैं पूरी तरह से खो गया था
मुझे तो लग रहा था कि लाइट चली जाए और हम लिफ्ट मे फसे रहे
या ये पल यही थम जाए
मैं रेशमा के साथ ही रहूं इस लिफ्ट मे ज़िंदगी भरके लिए
क्या क्या ख़याल आ रहे थे
इतने देर से किस कर रहा था पर रेशमा रुक ही नही रही थी
और टिंग की आवज़ के साथ धडाम से मैं नीचे गिर गया
लिफ्ट का डोर खुलते ही मैं लिफ्ट से बाहर गिर गया
ये क्या हो गया
रेशमा तो मुझे किस कर रही थी
.मेरा साथ दे रही थी
फिर उसने धक्का क्यूँ दिया
मैं कुछ समझ ही नही पाया
रेशमा को हुआ क्या है
मुझे हुआ क्या है ? ये बड़ा सवाल था

______________________________
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Likhte raho yaha ruko mat
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Suspense create karte ja rahe ho.
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Osmmm
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Thanks for reading and support
Stay with us...

HAPPY FRIENDSHIP DAY ❣️❣️
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Next update today night 8 pm
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Read My New Story in Hindi https://xossipy.com/showthread.php?tid=12894
The Conspiracy ( षड़यंत्र )
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(05-08-2019, 10:32 AM)Vikram@ Wrote: Next update today night 8 pm

Where is update~ ?It has already midnight.
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(15-07-2019, 09:07 PM)Preet Sukh Wrote: Nice 
Waiting

(06-08-2019, 12:00 AM)bhavna Wrote: Where is update~ ?It has already midnight.

Sorry FRIENDS 
Kl thoda political work ke karn busy tha 
Aaj subh update 7 Am
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Update 33

अब कहानी रेशमा की ज़ुबानी

मैं दिन भर अवी के बारे में सोचती रही
वो बुरा है या अच्छा है
वो क्या चाहता है ये मुझे पता चल गया
पर मुझे क्या करना चाहिए ये समझ नही आ रहा है
क्या मुझे उसकी दोस्ती बनाए रखनी चाहिए
दोस्ती , अब दोस्ती का सवाल ही पैदा नही होता
एक तो प्यार होगा या नफ़रत होगी
मैं प्यार करूँगी तो ये ग़लत होगा ,
पर मैं नफ़रत कर भी नही पाउन्गी अवी के साथ
उसका हसाना उसका बात करना उसका ख़याल रखना उसकी दोस्ती किसिको भुला नही पाउन्गी
उसके साथ बिताए कुछ पलों मे ही वो अपना सा लगता है
पर मैं करूँ क्या कुछ समझ नही आ रहा है
क्या ज़रूरत थी सच बताने की , सच बताने के बाद ये बताने की मैं उसके बारे में क्या सोचूँगी ,
उसके सच बताने से लगा कि कितना शरीफ है
मुझे ये हो क्या रहा है मैं उसी के बारे में सोच रही हूँ
वो है कौन जो मैं उसके लिए इतना सोच रही है
उसको मेरी फिकर होती तो मुझे जॉगिंग को बुलाने क्यूँ नही आया
एक बार सॉरी बोल कर दोस्त बना कर जॉगिंग को बुलाने आता तो मैं क्या मना करती
ज़रूर मना करती , उसके इरादे कैसे थे
मुझे हो क्या रहा है
कैसे मुझे देख कर अपना रास्ता बदल दिया
उसके दिल मे खोट है तभी वो मुझसे नज़रें नही मिला ला रहा था
पर क्या वो मुझे ज़्यादा परेशान नही करना चाहता हो इस लिए सीडियो से जा रहा हो
काय्न के दो साइड ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया है
पूरा दिन ऑफीस मे ध्यान नही दे पाई
जब बॉस ने मेरा नाम लिया तो लगा कि अवी ने आवाज़ दी हो
क्या मुझे प्यार हुआ है अवी से
क्या करना चाहिए मुझे
ज़्यादा सोच मत रेशमा वो देख लिफ्ट का डोर बंद हो रहा है जल्दी भाग वरना रुकना पड़ेगा ,
रुक गयी और अवी आ गया तो
पर अवी से सामना ना हो इस लिए भाग कर लिफ्ट का डोर बंद होने से रोका पर सामने तो अवी है
लिफ्ट मे अवी को देखते ही मैं सोच मे पड़ गयी
अवी से नज़रें मिल ही गयी , मेरी धड़कने तो बढ़ गयी थी
मैं लिफ्ट मे जाने से रोक रही थी खुद को पर आंटी ने अपने साथ मुझे भी अंदर ले लिया
अच्छा हुआ लिफ्ट मे वो आगे खड़ा है डोर के पास और मैं पीछे
पर आंटी के जाते ही हम दोनो लिफ्ट मे अकेले ये सोच कर तो हाथ पैर काप रहे है
अवी ने कुछ पूछा तो मैं क्या जवाब दूँगी
अवी ने कुछ किया तो मैं उसको रोक पाउन्गी कि नही
आंटी के जाते ही मेरी नज़र लिफ्ट के डोर पर गयी
लिफ्ट के डोर मे हम दोनो की तस्वीर दिख रही थी , मिरर की तरह था डोर
भले हम आगे पीछे खड़े हो पर लिफ्ट के डोर मे हम दोनो साथ खड़े है ऐसा लग रहा था
अवी के साथ मेरी जोड़ी
एक पल के लिए तो मैं खो गयी
लेकिन अवी कर क्या रहा है
उसकी भी हालत मेरी तरह थी
पर अचानक अवी ने वो किया जिसकी मैं कल्पना भी नही कर सकती थी
अवी ने मुझे किस किया
मैं इस पे क्या रियेक्शन दूं समझ नही आ रहा था
मैं तो शॉक्ड हो गयी थी
लगा नही था कि अवी ऐसा भी करेगा
मैं अवी को रोकने लगी
पर ये क्या मेरे होंठो के पास तो उसके होंठ है ही नही
अवी मुझे नही मेरी परछाई को किस कर रहा था
लिफ्ट के डोर मे जो मेरी तस्वीर थी उसको किस कर रहा था
मैं तो एक पल के लिए खुश हो गयी थी और दूसरे पल गुस्सा भी हो गयी थी
लेकिन अवी तो मेरी तस्वीर को किस कर रहा है
चहिईीईईईई कैसा है अवी
कैसी सोच है अवी की
कंट्रोल नही रख पा रहा है अवी तो
पर अच्छा हैना कि उसने मुझे नही मेरी तस्वीर को किस किया
मुझे करता तो ये सोचते ही काप रही थी मैं
पर अवी ऐसा कर क्यूँ रहा है
क्या वो मुझे देख कर खो गया
या मुझे दिखा रहा है कि जल्दी तस्वीर नही मुझे रियल मे किस करेगा
अवी करना क्या चाहता है
कैसे पागलो की तरह किस कर रहा है
कही वो मुझे तो फ्रेल नही कर रहा है
क्या अवी इतना प्यार करता है मुझे
अवी की इस हरकत पे गुस्सा भी आ रहा था और प्यार भी आ रहा था
मुझे नही मेरी छवि को किस कर रहा था
अवी ने कल रात को मुझे बताया कि किसी भी सिचुशन के पीछे का कारण पता करना
अवी इस हरकत से साबित क्या करना चाहता है
ये अवी होश मे नही है
और जैसा सोचा वैसा ही पाया
लिफ्ट का डोर खोलते अवी नीचे गिर गया
सच मे अवी होश मे नही था
अवी के गिरते ही मुझे हसी आने वाली थी पर मैं ने खुद को रोक दिया
और अवी को देखती रह गयी
अवी की हालत देख कर लग रहा था कि ये अचानक हो क्या गया है
अबी तो किस कर रहा था फिर वो गिर कैसे गया
______________________________
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Great story what a turn
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Bhai ji update thoda bada do
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Waiting for next update...
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Again suspense.... Worried about Avi... Give update fast please.
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Next update ek ghante me
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Update 34

अब कहानी अवी की जुवानी


पहला दिन कैसे गया ये मैं ही जानता हूँ
शाम तक मैं इतना खो गया रेशमा की यादो मे कि मैं उसकी छवि को किस कर रहा था लिफ्ट मे
मुझे ऐसा लगा कि मैं ने रेशमा को किस किया पर वो रेशमा नही उसकी मिरर इमेज थी
इस की वजह से मैं रेशमा के सामने शर्मिंदा महसूस कर रहा था
पर रेशमा ने उस पर कुछ नही कहा
मैं रूम मे आकर तो इसी बात पर सोच रहा था
दोपेहर मे लंच भी नही किया
और रोज रेशमा के यहाँ डिन्नर करता था पर आज वहाँ जा भी नही पाउन्गा
और मेरे यहाँ तो खाने का कोई इंतज़ाम नही था
ये बात मेरे दिमाग़ मे तब आई जब 11 बज गये रात के
पेट मे चूहे नाच रहे थे
भूक से बेहाल हो रहा था मैं
और इतनी रात मे आस पास कुछ नही था
मुझे रेल स्टेशन तक जाना होगा वहाँ होटेल मे खाना मिल सकता है
पर वहाँ जाउन्गा कैसे और आउन्गा कैसे
और आते आते तो 2 तो बज ही जाएँगे
मैं अपने घर मे खाने का सामान देखने लगा पर कुछ नही मिला
कैसे मिलता सुबह का नाश्ता रेशमा के यहाँ , लंच ऑफीस मे और रात का डिन्नर रेशना के यहाँ ,
यही तो चल रहा था
अब तो बस सामने वाली आंटी काम आ सकती है
मिसेज़ गुप्ता से कुछ खाने की माँग लेता हूँ
अगर कुछ खाया नही तो नींद नही आएगी और कल भी मैं सोया नही था
मिसेज़ गुप्ता को डिस्र्टुब करना ठीक नही लग रहा पर भूक लगती है तो कुछ नही देखना पड़ता
मैं मिसेज़ गुप्ता के घर की बेल बजाई
उनके जैसी दादी को डिस्टर्ब करना ठीक नही लग रहा था
पर सुना है वो जल्दी सोते नही है
मिस्टर गुप्ता ने तो जल्दी डोर खोल दिया मतलब अब तक वो सोए नही थे
मिस्टर गुप्ता- अवी बेटा तुम , इतनी रात को
अवी- सॉरी अंकल डिस्टर्ब करने को
मिस्टर गुप्ता- बिना वजह डिस्ट्रब किया हो तो लाठी पड़ेगी बताओ क्यूँ याद किया
अवी- अंकल एक छोटा काम था पर कैसे कहूँ समझ नही आ रहा
मिस्टर गुप्ता- अंकल कहते हो तो मैं अपना ही हुआ ना , अब बोलो क्या कहना था
अवी- अंकल वो मैं
मिस्टर गुप्ता- अब बोलते हो कि लाठी मारू
अवी- अंकल भूक लगी थी , आपके यहाँ कुछ खाने को है
मेरी बात पर मिस्टर गुप्ता हँसने लगे
मिस्टर गुप्ता - अंदर आओ
और मिस्टर गुप्ता ने दूसरा डोर खोला , बड़ा सेफ रहते है ,
मिस्टर गुप्ता- अब बताओ क्या हुआ
अवी- भूक लगी है , आज ऑफीस मे इतना काम था कि लंच नही किया ,फिर यहाँ आते ही सो गया
मिस्टर गुप्ता- और अभी उठे तो भूख लगी हैना
अवी- हाँ , क्या आपके यहाँ खाना बचा है , अगर नही तो कोई बात नही है , आंटी को खाना बनाने
को मत लगा देना
मिस्टर गुप्ता- खाना तो हम अपने लिए ही बनाते है , कुछ बचता ही नही है
अवी- कोई बात नही , मैं बाहर देखता हूँ कोई दुकान खुली हो
मिस्टर गुप्ता- जा कहाँ रहे हो , मुझे तुम्हारी आंटी से पूछने दो
अवी- उनको क्यूँ तकलीफ़ देना , मैं मनेज कर लूँगा
मिसेज़ गुप्ता- कौन आया है , और आप किस से बात कर रहे है
अंदर से आंटी की आवज़ आई
मिस्टर गुप्ता- अवी है , उसको भूक लगी है , कुछ बचा है खाना , या फ्रूट दूं अवी को
मिसेज़ गुप्ता- रुकिये मैं आती हूँ
अवी- आंटी अंदर क्या कर रही है ,कहीं आपने सोते हुए उनको जगाया तो नही
मिस्टर गुप्ता- तुम्हारी आंटी तो एक बार बात करने लगती है तो रुकती नही है
अवी- कौन है अंदर
मेरे सवाल ख़तम होने से पहले मिसेज़ गुप्ता बाहर आ गयी
मिसेज़ गुप्ता-अवी, भूक लगी है ,
अवी- हाँ
मिसेज़ गुप्ता- तुम्हारी किस्मत अच्छी है जो रेशमा आज हमारे लिए खाना लेकर आई , पर हमारी किस्मत
खराब थी कि हमारा खाना हो गया था
मिस्टर गुप्ता- रेशमा बेटी खाना लाई थी मुझे तो बताया भी नही
मिसेज़ गुप्ता- आओ चुप रहिए , अवी बैठो मैं खाना लेकर आती हूँ
और मिसेज़ गुप्ता मेरे लिए रेशमा के हाथो का खाना लेकर आ गयी

लगा नही था कि कभी रेशमा के हाथो का खाना मिलेगा
पर किस्मत देखो कि रेशमा और मैं दूर जाने के बाद भी पास आ रहे है
हमारी किस्मत ही हमे मिला रही है
मैं तो खाना देखते ही उस पे टूट पड़ा
भूक तो लगी थी उपर से रेशमा के हाथ का खाना मिलते ही पेट के साथ दिल को भी सुकून मिला
रेशमा यही थी जो मुझे बेडरूम से देख रही थी
मुझे इस तरह खाना खाते हुए देख कर शायद उसको समझ मे आया होगा कि मैं दिन भर भूका
ही रहा उसकी यादो मे
रेशमा ने भी कुछ खाया नही होगा
रेशमा भी अब घर जाकर खाना खा पाएगी
मिसेज़ गुप्ता-बेटा आराम से खाना खाओ
अवी- बहुत भूक लगी है , सुबह से कुछ नही खाया है
मिस्टर गुप्ता- ऑफीस के कामो मे इतना मत डूब जाओ कि खुद को ही भूल जाओ
अवी- मैं किसी और की यादो मे डूबा था
मिसेज़ गुप्ता- क्या कहा
अवी- कुछ नही , खाना बहुत स्वादिष्ट है
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा बेटी के हाथो मे जादू है , मैं तो तुम्हारे चक्कर मे भूल गयी कि वो
बेडरूम मे अकेली होगी
अवी- क्या मैं पूछ सकता हूँ कि वो अब तक यहाँ क्यूँ है
मिसेज़ गुप्ता- क्या ?
अवी- मेरा मतलब है उसको कोई परेशानी तो नही सता रही है , जैसे अकेले होने की जिस से वो आपके
पास आई है
मिसेज़ गुप्ता- मैं भी यही सोच रही थी , रेशमा तो बता ही नही रही थी
अवी- अकेले रहने से उसको अपनो की याद आई होगी , आप आज उसको अपने पास रखिए , माँ का प्यार
मिलते ही उसको अच्छा लगेगा
मिसेज़ गुप्ता- सही कहा तुमने , उसको मैं यही रोकती हूँ , और उसको कहूँगी कि कुछ दिनो के लिए अपने
मायके चली जाए
अवी- मैं तो कहता हूँ उसको जॉब छोड़ कर अपने हज़्बेंड के पास जाना चाहिए , अकेलापन बहुत
डेंजर होता है
मिस्टर गुप्ता- तुम समझदार हो
मिसेज़ गुप्ता-अकेली रहती है बिचारी , ना मायके जाती है और ना उसका हज़्बेंड आता है , मुझे तो उसके
हज़्बेंड पे बहुत गुस्सा आता है जो फूल सी बच्ची को अकेला छोड़ दिया है
अवी- सबकी अपनी अपनी वजह होती है , रेशमा आपकी बात ज़रूर मानेगी , आप उसको मायके जाने की बात
करना ,
मिसेज़ गुप्ता- ज़रूर करूँगी
अवी- और इस स्वादिष्ट खाने के लिए आप का शुक्रिया
मिस्टर गुप्ता- शुक्रिया कहा तो लाठी पड़ेगी , और ऐसे आते रहना , हमे अच्छा लगता है
अवी- जी , अब मैं चलता हूँ
और मैं अपने अपार्टमेंट मे आ गया
रेशमा हमारी बात सुन रही थी
मैं चाहता था कि रेशमा मुझसे दूर रहे
वो दूर रहेगी तो हम दोनो के लिए अच्छा होगा
उसके दूर जाने से मैं अपना ध्यान खुद पर लगा पाउन्गा
रेशमा मेरे सामने नही आई
उसको लगा कि मैं अब भी उसकी भलाई के बारे में सोच रहा हूँ
_____________________________
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