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Adultery प्यार या धोखा
Dr sahab.... Update next plz
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Sir update
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Update pls
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Update please
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Yanha badi problem hai dosto page khulne me hi problem hoti hai..
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अध्याय 31

सभी लोग पूर्वी के घर में थे उसका घर डॉ चूतिया के कहने पर किसी किले की तरह सजा हुआ था,पूर्वी सपना और रोहन तीनो के घरों में सिक्युरिटी बड़ा दी गई थी ,पूर्वी के घर डॉ चूतिया,पूर्वी ,रोहन ,सपना,बल्ला,और पूर्वी के पिता कपूर साहब मौजूद थे…

बल्ला रोये जा रहा था..

“आखिर हमार भइया के कसूर रहे की उन्होको उठा के ले गया”

बल्ला की बात से सभी चकित थे केवल डॉ और सपना के अलावा ..

“ये ये कैसी भाषा में बात कर रहा है”पूर्वी चौकी

“ये लोग कोई शेख वेख नही है ना ही दुबई से आये है इन्हें मैंने बुलवाया था,”

डॉ ने हल्के स्वर में कहा

“व्हाट ..और आपने मुझे भी नही बताया “

“बता देता तो किसी तरफ से गौरव को भी ये बात पता लग जाती ,मैंने इसे किसी और के लिए नही गौरव के लिए ही इन्हें यंहा बुलाया है ,ताकि उसे लगे की यही लोग शेख है “

“लेकिन क्यो ..”

पूर्वी बुरी तरह से झल्ला गई थी वही सभी के चहरे पर एक आश्चर्य था..

“ताकि गौरव को लगे की रफीक उसी शेख का बेटा है जो कविता से फार्मूला पाने की कोशिस कर रहा था ,उसे अब भी लगता है के शेख के पास कुछ तो है और वो इसीलिए यंहा आया है ,शायद इसी लिए गौरव ने रफीक को वंहा से उठा लिया ..”

“लेकिन गौरव ऐसा क्यो कर रहा है डॉ ,उसकी ताकत तो तब तक ही है जब तक की उस दवाई का असर रहेगा उसके बाद क्या फिर उसे हराना कोई बड़ी बात नही रह जाएगी ,और ऐसे भी अब उसके फार्मूले के नोट्स भी मेरे पास है “सपना ने सुबह ही सारे नोट्स अपने पास ही रख लिए थे…

सपना की बात पर डॉ थोड़ा हंसा

“तुम्हे लगता है की गौरव ने कुछ नया बनाया है..नही उसने वही पुराना फार्मूला अपने अंदर इंजेक्ट किया लेकिन शायद थोड़े बदलाव के साथ ,कविता ने ये फाइनल फार्मूला बनाया था जो की गौरव के हाथो लगा था,ये पहली बार नही है जब गौरव ने इसे लिया हो वो इसका उपयोग और भी कभी कर चुका है ..”

सभी ने फिर से डॉ को आश्चर्य के साथ देखा

“कब “पूर्वी की आवाज आयी

“वो सब बताने का अभी समय नही है बस इतना समझ लो की गौरव ने ऐसे इंजेक्शन की खान बना कर रखी होगी ,वो आज डॉ पांडे से सिर्फ ये चेक करवाने गया था की इससे उसके शरीर में कोई बेड इफ़ेक्ट तो नही पड़ रहा,और उसे कुछ भी नही हुआ मतलब है की वो अब और भी ज्यादा खतरनाक है ,अभी तक उसे कुछ हो जाने का डर था इसलिए उसने इसे एक बार के अलावा कभी नही लिया था लेकिन ...अब उसे रोकना मुश्किल होगा..वो दानव बन गया है,कुछ भी कर सकता है,कविता फार्मूले की उन्ही कमियों को दूर करने की कोशिस कर रही थी ,वो कितनी सक्सेस हुई ये कोई नही जानता,शायद यही ना जानना ही उसके गायब होने का कारण बना “

डॉ की आंखों में भी थोड़े आंसू आ चुके थे..

और उसकी बात सुनकर पूर्वी रो पड़ी

“लेकिन मैंने कौन सा पाप किया था या मेरे घर वालो ने ऐसा कौन सा पाप किया था की उसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी,”

पूर्वी जोरो से रोने लगी वही सपना ने उसके कंधे पर अपना हाथ रखा ..

“तुम्हे गौरव ने क्यो चुना ये तो वही जानेगा ……..तुम लोगे के परिवार की गलती ये थी की अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए इन्होंने कविता को सताया,सब कुछ टिक ही चलता लेकिन इसी लिए कविता ने प्रोजेक्ट बंद करके यंहा से जाने का फैसला कर लिया था,तुम्हारे पिता ने तब हम तीनो की ही बेहद बेइज्जती की थी,शायद उन्हें याद भी ना हो क्योकि उस समय हम कुछ भी नही थे,कविता का यू काम अधूरा छोड़ कर जाना गौरव को पसंद नही था,लेकिन कविता ने उससे कहा था की वो फार्मूले को फर्केक्ट बनाने के बहुत ही नजदीक है और उसे कैसे फरफेक्ट बनाया जाए वो उसके दिमाग में है ,लेकिन उसके ऊपर कई तरह के दबाव थे,एक तरफ तुम्हारे पिता और उनके दोस्त तो दूसरी तरफ दुबई का शेख ,शेख ने भी कविता को मिलने बुलाया था पता नही उनके बीच क्या बातचीत ही थी लेकिन …...मेरी कविता तो मुझसे छीन गई ...खैर अभी हमारे पास सबसे बड़ा काम है गौरव को ढूंढना और रफीक को बचाना….”
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रफीक रस्सी से एक कुर्सी पर बंधा था और कमरे की धीमी रोशनी में वो अपनी आंख को खोलने की कोशिस कर रहा था उसे अंतिम बात यही याद थी की गौरव ने उसे दबोचा था और खिड़की से बाहर छलांग लगा दी थी ,किसी भारी चीज से सर टकराने के कारण वो अपना होश भी खो चुका था..

जैसे ही उसके शरीर में जान आयी उसके ऊपर पूरा बाल्टी पानी उड़ेल दिया गया..

वो चौक कर सचेत हो चुका था,पास ही खड़े गौरव को ऐसे देख रहा था जैसे वो उसकी मौत हो ..

“मुझे यंहा क्यो लाये हो “उसने अपनी पूरी ताकत लगाकर कहा,बदले में गौरव बस पास रखे एक कुर्सी को सरकाते हुए उसके पास पहुच गया..

और उसके सामने ही बैठ गया…

“कविता के बारे में क्या जानता है तू,और तेरे बाप ने तुझे यंहा क्यो भेजा है “

रफीक को मामला समझ आ चुका था गौरव रफीक को शेख का बेटा समझ रहा था..

“तुम्हे गलतफहमी हुई है गौरव मैं कोई शेख का बेटा नही हु “

चटाक

एक जोर का थप्पड़ उसके गालों में पड़ा…

“मैं जानता हु की तू सीधे तरीके से नही बताएगा तुझे टॉर्चर करने के मेरे पास बहुत सारे तरीके है “

गौरव की शैतानी मुस्कान को देखकर रफीक जैसे सख्त जान इंसान भी कांप गया..

“मैं मैं सही कह रहा हु गौरव मैं शेख का बेटा नही हु मैं तो ...मुझे तो डॉ चूतिया ने पैसे देखकर यंहा बुलाया है..”

इस बार गौरव गुस्सा नही हुआ बल्कि कुछ सोच में पड़ गया

“चूतिया ने ??,आखिर क्यो??”

“वो तो मुझे नही पता लेकिन उसने बस जो कहा हमने बस उतना ही किया “

गौरव बहुत देर तक सोचता ही रहा

“ओह तो ये उस साले चूतिया का किया धरा है ,कोई बात नही सब मरेंगे जो भी मेरे रास्ते में आएगा वो सब मरेंगे “

गौरव की बात में एक जुनून था ………

“और पूर्वी ...पूर्वी का क्या “रफीक की आवाज में फिक्र थी ..

“ह्म्म्म पूर्वी मेरी है और वो मेरी ही रहेगी ,चाहे वो डॉ चूतिया कितनी भी कोशिस कर ले वो मेरी पूर्वी को मुझसे नही छीन सकता ,जैसे वो मुझसे मेरी कविता को छिनने की कोशिस की ,लेकिन कविता ….कविता आज भी मेरी है …”

गौरव ने अपनी उंगली एक तरफ उठाई ,रफीक ने उस उंगली का पीछा किया और उसका मुह खुला का खुला रह गया...
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Wow jabardast
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Ab kya kavita bhi gaurav ke hi kabje me hai
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अध्याय 32
सिक्युरिटी से लेकर इंटेलिजेंस के लोग भी गौरव को ढूंढने की कोशिस में लगे हुए थे,लेकिन उसका निशान कही भी नही मिल रहा था ,सभी बेहद ही परेशान थे ,2 दिन बीत चुके थे…
“गौरव शरीर से ही नही बल्कि दिमाग से भी बेहद ही ताकतवर हो चुका है,वो ऐसी जगह पर छिपा होगा जो हमारी सोच के भी बाहर होगा …”
सपना बहुत ही चिंतित थी
“ह्म्म्म लेकिन वही तो हमे सोचना है की कहा ,मालती कहा है उसे यंहा लेकर लाओ “अचानक ही डॉ बोल उठा …
थोड़ी ही देर में मालती को उन सबके सामने लेकर खड़ा कर दिया गया था..
“मालती मेडम आपसे मुझे बस एक ही सवाल करना है ,ये फ़ोटो आपके पास कहा से आया “
डॉ ने सपना के मोबाइल पर वो फोटो दिखाया जिसे सपना और रोहन ने मालती के घर से खिंचा था…
“ये...ये तो गौरव ने मुझे अपने पास रखने के लिए दिया था ,जब कविता गुम हुई और मेरे और गौरव के बीच रिश्ते बनने लगे तभी ..”
“और वो फार्मूला आपके पास कहा से आये थे..”
डॉ ने फिर से पूछा..
“वो ..वो तो मैंने कविता के नोट्स से चुराए थे,लेकिन वो इतने अजीब थे की मैं उनमे आगे कोई भी काम नही कर पाई …”
“ह्म्म्म लेकिन आपको पता है की ये फोटो आखिर गौरव के पास कहा से आयी “
“आई डोंट नो...बस मुझे उसने इतना बताया था की इन्ही लोगो के कारण ही कविता ने अपनी रिसर्च बन्द कर दी ,और वो इनसे बदला लेना चाहता है ,शायद जिस फोटोग्राफर ने ये फोटो निकाली थी गौरव ने उससे ही ये फोटो ली थी ,”
“हा ये हो सकता है क्योकी ये फोटो गोवा के ही एक फोटोग्राफर ने निकाली थी ,शायद उसके पास और भी कॉपी रही हो “कपूर साहब बोल पड़े …
सभी अपने अपने तरीके से चीजो को सोचने की कोशिस कर रहे थे..तभी पूर्वी बोल उठी
“मालती मेडम सच सच बताइए की आखिर गौरव ने मुझसे शादी क्यो की “
मालती चुप रही फिर कुछ सोचकर बोली
“मुझे नई पता लेकिन वो तुमसे प्यार करता था ,मुझे तो बस यही लगा ..”
मालती की बात सुनकर पूर्वी ने डॉ की तरफ देखा ,वो भी खमोश था...फिर डॉ कपूर साहब की ओर मुड़ा
“कपूर साहब आजकल उस बंगले में कौन रहता है ..”
“वो तो सालों से बंद है …”
“क्यो??”
“कुछ लोग कहते है की यंहा कोई भूत है,और वंहा से किसी चुड़ैल की हँसने और रोने  की आवाज आती है ,मैं इन सब चीजो में नही मानता लेकिन वंहा रहना कोई पसंद नही करता,देख रेख करने वाले भी शाम होने से पहले ही वंहा से चले जाते है “
“क्या वंहा कोई तलघर है ??”
डॉ के सवाल से सभी चौके
“नही क्यो???”कपूर साहब ने जल्दी से जवाब दिया और सभी डॉ को देखने लगे
“हमे जल्द से जल्द गोवा के लिए निकलना होगा,गोवा सिक्युरिटी को भी इन्फॉर्म कर दीजिए की उस बंगले के आसपास की सभी गतिविधियों पर नजर रखे,हो ना हो गौरव वही छिपा होगा”
“लेकिन तुम इतने विस्वास से कैसे कह सकते हो ??”कपूर साहब फिर से बोले..
“क्योकि गौरव और कविता दोनों ही एक ही सब्जेक्ट के स्टूडेंटस थे और कविता की हर रिसर्च में गौरव उसकी मदद करता था,एक बार जब आपलोग कविता को धमकाने के बाद वंहा से गए तो कविता ने मुझसे कहा था की इन सालों के पैरों के नीचे अपना काम करूंगी और इन्हें पता भी नही चलेगा ,इस बात पर दोनों ही एक दूसरे को देखकर हँस पड़े थे,मुझे कुछ समझ नही आया तो कविता ने मुझसे कहा था की वो एक प्लान में काम कर रहे है वक्त आने पर तुम्हे बताऊंगी ...वो वक्त तो कभी नही आया लेकिन हो ना हो वो उसी फार्महाउस के तलघर की बात कर रहे थे जिसका पता उसके मालिक को भी नही है ,आखिर उससे सेफ जगह क्या हो सकती है,और फिर कोई भूत या चुड़ैल का वंहा होना मेरे शक को और भी गहरा देता है …”
“मतलब कविता भी वही हो सकती है..”सपना ने अचानक से कहा जिससे डॉ की सांस ही रुक गई
“नही ..अगर वो अभी वंहा होती तो मुझसे जरूर संपर्क करती ,मेरी कविता मुझे यू अकेला नही छोड़ सकती ….”
*************
रफीक आंखे फाड़े सामने के नजारे को देख रहा था,एक आदमजात नंगी औरत अपने बालो को बिखराये हुए उसकी ओर ऐसे बढ़ रही थी जैसे कोई जानवर हो  ,उसके बाल ऐसे लग रहे थे जैसे किसी ने उसे बुरी तरह से नोचा हो ,उसके पैरों में बस एक पायल थी और गले में एक काला पट्टा ,रंग दूध सा गोरा था लेकिन पूरे शरीर पर धूल लगे हुए थे,आंखों में काजल फैला हुआ था या उसके आंखों में काले घेरे पड़े थे ये मालूम नही पड़ता था,वो किसी जानवर की तरह अपने दोनों हाथो और घुटनो से चल रही थी ,आकर वो गौरव के पैरों के पास रुक गई और उसके पैरों को जीभ निकाल कर ऐसे चाटने लगी जैसे कोई कुत्ता अपने मालिक के पैरों को चाटता है,गौरव ने उसके बालो पर अपने हाथ फिराये ..
“देख देख मेरी कविता को मुझसे कितना प्यार करती है ,कैसे मेरे लिए इतने सालों से यू ही इन अंधेरे कमरे में जानवरो की तरह रह रही है “
कविता की ये हालत देख कर रफीक कांप ही गया,कविता के जिस्म में बस हड्डियां ही दिख रही थी,यंहा वहां बस चोटों के निशान थे वो कुछ भी नही बोल रही थी बस गौरव के पैरों को चाटे जा रही थी …
गौरव ने उसके गले में लगे हुए पट्टे को अपने हाथो से पकड़ा और उसे अपनी ओर खिंच लिया,अब गौरव का हाथ कविता के पिछवाड़े को सहला रहा था,कविता अब भी गौरव के पैरों को चाट रही थी …
“देख देख इसे….. पूर्वी को भी इसीतरह मैं अपनी बनाकर रखूंगा …”
गौरव के चहरे का भाव अचानक से ही दानवों जैसा हो गया और वो कविता के पीठ पर अपने जीभ को चलाने लगा,उसने कविता को उठाकर अपने गोद में उसे झुका लिया था,अब कविता के घुटने जमीन पर थे और उसके पेट गौरव की गोद में वही उसका सर दूसरी तरफ झुका हुआ था,गौरव उसपर झुककर उसे चाट रहा था कभी कभी उसका मुह कविता के कूल्हों तक भी पहुच जाता,उसने कविता के कूल्हों पर अपने दांत गड़ा दिए..
इधर रफीक पूर्वी की बात सुनकर गुस्से से भर चुका था
“कमीने क्या किया है तूने इसके साथ ….”
रफीक चिल्लाया ,और गौरव के चहरे का भाव भी बदलने लगा
“जिसे मैं प्यार करता हु उसे मैं हर हाल में  पा के रहता हु…...हा हा हा…”
गौरव की दैत्याकार हंसी से पूरा कमरा गूंज गया वही कविता की ये हालत देख और पूर्वी के बारे में सोचकर बेरहम और धूर्त रफीक के आंखों से भी  आंसू छलक गए ………..
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Ye nafrat aur hawas (possessiveness) ki inteha... 
 Gaurav ko kapur aur uske dosto ke rawaiye se hi nahi...  Apne dosto.. Dr aur kavita ke rawaiye se hasil hui... Jyada lag rahi hai
Kyonki jitna jyada pyar hota hai..... Utni hi jyada nafrat ko janm deta hai

Keep posting....
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अध्याय 33
सभी लोग गोवा पहुच चुके थे लेकिन फार्महाउस वाले बंगले में जाने की इजाजत डॉ ने किसी को नही दी वो नही चाहता की सपना या पूर्वी किसी मुसीबत में फंस जाए ,उन्हें डॉ ने कपूर साहब के साथ ही होटल में रुकने की सहल दी ,जबकि डॉ रोहन और बल्ला सिक्युरिटी के साथ फार्महाउस जाने की तैयारी करने लगे…
सिक्युरिटी को वायरलेस में मेसेज मिला था की गौरव यही है और अभी अभी बाहर निकला है ,डॉ को यही समय लगा रफीक को बचाने का ..किसी को नही पता था की रफीक जिंदा भी है या मर गया है ,लेकिन सभी को ये आश तो थी की वो जिंदा होगा..
रेस्क्यू टीम में चुने हुए कमांडो तथा एक एक्सपर्ट केमिस्ट को शामिल किया गया था,चाहे लोग गौरव को कितना भी कम समझ रहे हो लेकिन डॉ समझता था की अभी उसके पास कैसी ताकत है,पहले एक ड्रोन छोड़कर पूरे इलाके का मुआयना किया गया लेकिन तलघर का कही निशान समझ नही आया,टीम अंदर गई लगभग 50 लोग थे जो पूरे फार्महाउस को घेरे हुए थे ,अभी उनकी प्राथमिकता गौरव के ठिकाने को तलाश करके उसे तहस नहस करना था ना की गौरव को पकड़ना..
कई लोग अलग अलग यंत्रों से जमीन का निरक्षण कर रहे थे,ये काम जितना जल्दी को जाए उतना अच्छा था क्योकि गौरव के आने के बाद वो क्या कर बैठता इसका किसी को अंदाजा नही था,आखिर जमीन के नीचे खाली जगह होने के सुराग मिलने लगे ,अभी इन्हें आये 5 मिनट ही हुए थे,उन्होंने तलघर का दरवाजा तलाशना शुरू कर दिया ,एक पेड़ के नीचे घास की चादर में उन्हें वो दरवाजा मिला ,उसे इतनी खूबसूरती से छिपाया गया था की बिना यंत्रों के इसे ढूंढ पाना आम इंसान के लिए बेहद ही मुश्किल काम था …
कुछ लोग बाहर नही रुके और बाकी अंदर गए,एक लंबी सीढ़ी नीचे को जाती थी ,अंदर बेहद ही अंधेरा था जैसे ही वो नीचे पहुचे अजीब सी बदबू आनी शुरू हो गई ,उनके साथ आये हुए केमिस्ट ने तुरंत ही सबको मास्क लगाने की हिदायत दे दी ,सभी मास्क लगा कर टार्च की रोशनी के सहारे आगे बढ़ने लगे थे तभी ..
रोहन के सर पर किसी ने कांच का एक जार मार दिया था ,कांच के टूटने के कारण हुई आवाज से वो शांत स्थान गूंज उठा,सभी टार्च एक साथ मारने वाले के ऊपर जा टिकी ..
सामने जो दृश्य था वो बेहद ही भयावक था ..
एक पूर्ण नग्न औरत सामने खड़ी थी ,बाल बिखरे हुए थे ,पूरा शरीर बेहद ही गंदा था,किसी चुड़ैल से कम नही लग रही थी ,हाथो में कांच टूटने से फैला हुआ खून था,उसने अभी अभी अपने हाथो में एक लोहे की रॉड पकड़ लि थी ,वो बेहद ही गुस्से से उनकी ओर देख रही थी लेकिन कुछ भी नही बोल रही थी …
“कोई गोली मत चलाना ..कोई गोली मत चलाना..”
डर की आवाज कांप रही थी सभी को पीछे छोड़ते हुए वो आगे आया ..
“कविता???”उसकी आवाज भर्राई हुई थी ,उसने कभी नही सोचा था की अपने प्यार को वो इतने सालों के बाद इस हालत में देखेगा..उसे लगा जैसे वो बेहोश हो जाएगा माथा चकरा रहा था,भावनाओ के आवेग से पूरा शरीर कांप रहा था ...आखिर डॉ की आंखे छलक उठी ..
“कविता तुम तुम जिंदा हो ..तुम मेरे इतने पास हो और मुझे ..”
“हूं हु हु”कविता जानवरो जैसे चिल्लाई और रॉड को घुमाकर डॉ के ऊपर चला दिया ,लोहे का रॉड डॉ के चहरे में पड़ चुका था पूरा जबड़ा भी फट गया था लेकिन जरा भी विचलित नही हुआ ..
‘कोई आगे नही आएगा “डॉ ने बड़ी ही मुश्किल से अपनी हालत को सम्हालते हुए कहा
‘कविता देखो मैं हु मैं तुम्हारा चुन्नी ..पहचानो मुझे “
कविता ने फिर से जानवरो जैसे हुंकार भरी और फिर से रॉड घुमा दिया लेकिन इस बार डॉ चौकन्ना था वो बच गया..कवित अब भी उसे बड़े ही नफरत और गुस्से से देख रही थी ,डॉ का दिल भर चुका था लेकिन वो कुछ भी नही कर सकता था,
आखिर पीछे से आवाज आयी
“डॉ साहब सम्हालिये खुद को ये समय नही है,इसे काबू में करना पड़ेगा इसे बेहोशी का इंगजेक्शन लगा कर बेहोश कर दीजिए बाद में देखते है ..”
डॉ ने बुझे मन से हामी भरी और एक पिस्तौल नुमा इंजेक्शन कविता के सामने तान दिया,उसे देखकर कविता बेहद ही बौखला गई और पूरे जोर से चिल्लाते हुए डॉ के ऊपर झपट पड़ी लेकिन समय पर डॉ ने ट्रिगर दबा दिया और कविता डॉ तक पहुचते पहुचते ही बेहोश हो गई ,डॉ ने उसे अपने बांहों में सम्हाल लिया और उससे लिपटकर रोने लगा,वही बाकी लोग आगे बढ़ गए और रफीक को ढूंढने लगे ,किसी ने बिजली का बटन ढूंढ कर उसे चालू कर दिया कमरे में प्रकाश फैला तो सभी की सांस ही अटक गई ,रफीक के कोने में अपनी जिंदगी और मौत से लड़ता हुआ पड़ा था,वो एक कुर्सी में बंधा हुआ था ,उसे बेरहमी से मारा गया था.. और उसके कुछ दांतो को चिमटे से निकाला गया था,साथ ही उसके कुछ नाखून भी खिंचकर निकाले गए थे..मंजर ऐसा था की बल्ला वही खड़े खड़े बस बुत बनकर अपने दोस्त की ये हालत देखता रह गया,केमिस्ट जो की साथ ही आया था वो  तुरंत ही सभी केमिकलस को इकठ्ठा करने लगा ,
“उस गौरव को मैं जान से मार दूंगा रफीक भाई,तू बस एक बार ठीक हो जा “बल्ला रफीक के पैरों के पास ही बैठ गया था,उसे भी समझाया गया और सभी को तुरत बाहर निकाला गया ,जाते जाते ना जाने डॉ को क्या सूझी ..
सभी के बाहर आने के बाद वो मुड़ा और केमिस्ट के हाथो से थैला उठा आकर तलघर के अंदर फेक दिया ..
“ये क्या पागलपन है डॉ”
केमिस्ट चिल्लाता ही रह गया लेकिन बिखरे हुए केमिकल में डॉ ने अपने लाइटर को फेक दिया...जिससे पूरा केमिकल आग के चपेट में आ चुका था..
“भागो यंहा से “केमिस्ट कुछ समझ कर चिल्लाया और सभी भागने लगे ,डॉ भी तुरंत ही तलघर का दरवाजा बंद कर भागा ...और एक जोर का विस्फोट हुआ ,तलघर के अंदर केमिकल फैल चुका था और आग लगने के कारण और वंह पहले से मौजूद गैस के कारण एक प्रेसर क्रिएट हो गया था,तलघर का दरवाजा बंद होने के साथ ही प्रेशर को बाहर निकलने का कोई रास्ता नही था नतीजा था एक बड़ा धमाका और चारो ओर बस आग की लपटे,खुद डॉ बुरी तरह से झुलस चुका था लेकिन उसके होठो में अब एक  मुस्कान थी ….
“रेस्क्यू कंपलीटेड ..टारगेट को जिंदा पकड़ने की कोशिस करो ,ना पकड़ में आये तो वही मार दो लेकिन बच कर जाना नही चाहिए “
एक कमांडो अपने वाकी टोकि से किसी से बात कर रहा था ,वो डॉ के साथ ही बैठा हुआ था ,डॉ को समझते देर नही लगी की टारगेट गौरव है ……………..
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waah dr... poori kahani ko ghuma diya aapne
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Kiya baat hai Dr. Hero ko villan Bana diya,
Update fast
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Thora nirasha hui is kahani se aapke pahle ki kahaniyon ki tulna me ye bahut hi kamjor kahani lagi mujhe.
Ummid hai ki agli kahani me aap khud se nyay karenge.
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अध्याय 34
रात के अंधियारे में जुगनुओं की टिमटिमाहट थी और एक घना सन्नाटा पसरा हुआ था,हॉस्पिटल का गार्ड बाहर एक दूसरे से  बतियाते  हुआ तम्बाकू मल रहे थे,पूरे हॉस्पिटल में सिक्युरिटी वालो का भी घना पहरा था,वाकी टोकि पर कई संदेश प्रसारित हो रहे थे,टारगेट सिक्युरिटी के जाल से भाग निकला था….
टारगेट यानी की गौरव,दोपहर से रात हो चुके थे सिक्युरिटी की कई टुकड़ियां मिलकर भी उसे नही ढूंढ पा रही थी,लोगो को अंदेशा था की वो हॉस्पिटल में जरूर आएगा क्योकि वंहा अबही डॉ चूतिया,रफीक और कविता एडमिट थे…….
बस यही उसे फसाने के लिए जाल तैयार रखा गया था वही शहर के बड़े फाइव स्टार होटल में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे क्योकि वंहा कपूर अपनी बेटी पूर्वी के साथ मौजूद था…..
जगह जगह पर कैमरे और 24 घंटो की चौकन्नी  निगरानी के बावजूद गौरव के वजूद का कोई भी पता किसी को नही लग रहा था और ये कई लोगो के माथे में आये पसीने का सबब थी ..
“कविता अभी कैसी है डॉ”डॉ चूतिया ने पास खड़े डॉ से कहा
“अभी तो आई सी यु में है अभी ट्रीटमेंट चल रहै है होश में आ जाए तभी कुछ कह सकते है,हमने कई अच्छे साइकोलोजिस्ट को बुलाया है कुछ न्यूरोलॉजिस्ट और सैकेट्री भी पहुच चुके है सभी मिलकर इस केस को स्टडी कर रहे है जरूर कोई इलाज मिल जाएगा …..
डॉ चूतिया ने काफी भरे हुए दिल से अपना सर हिलाया
“और गौरव का कुछ पता चला उसे पकड़ना बेहद ही जरूरी है डॉ..”
“अभी तक तो नही लेकिन तलाश जारी है जाएगा कहा ,आपलोगो को ढूंढते हुए खुद ही जाल में फंस जाएगा..”
“अगर वो ऐसे ही जाल में फंस जाता तो कब का फंस चुका होता…”डॉ चूतिया ने एक गहरी सांस छोड़ी
********
दो दिन बीत चुके थे और अभी तक गौरव का कोई भी सबूत किसी को नही मिला था ,ये लोग भी गोवा से अपने शहर आ चुके थे ,गौरव ने किसी से मिलने की कोशिस नही की ये सभी के लिए आश्चर्यजनक था,लेकिन खतरे की घंटी भी थी ,
कविता की हालत में सुधार हो रहा था वो अब डॉ चूतिया के निगरानी में थी लेकिन अभी भी उन्हें नही पहचान पा रही थी लेकिन उसका व्यवहार थोड़ा नार्मल जरूर हो रहा था,डॉक्टर्स ने बताया की उसे गौरव ने कई दिनों तक शाररिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और साथ ही हेवी ड्रग्स भी दिया जिससे धीरे धीरे वो उसकी गुलाम बन गई ,कितनी अजीब बात थी की गौरव ने उसे वही ड्रग्स दिया था जो की खुद कविता ने ईजाद किया था,लेकिन पूरी सच्चाई अभी भी आनी बाकी थी ,गौरव की खोज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जारी थी,रफीक भी बहुत हद तक ठीक हो चुका था,सब कुछ इतना शांत था मानो तूफान के पहले की शांति हो
…..
****************
मन का प्यार में  धोखे का दर्द पूर्वी के जेहन को तोड़ रहा था,वो जिंदा होते हुए भी कही खोई खोई सी थी ,क्या उसने गौरव से प्यार किया था हा किया था अपने जीवन में सबसे ज्यादा अगर किसी। से प्यार किया था तो वो गौरव ही था...तो गलती कहा हो गई थी ?
क्या उसने जो गौरव की आंखों में अपने लिए प्यार देखा था वो गलत था ,नही पूर्वी गलत थी उसने जो प्यार गौरव की आंखों में देखा था वो सही था तो आखिर ऐसा क्या हो गया की गौरव ने उसे इस तरह से धोखा दिया था…
इन्ही सवालों में गुम पूर्वी अपने जीवन की अकांछाओ से कही गुम हो गई थी ,वो थकी और लगभग हारी सी जिंदगी जी रही थी ,उसी अवस्था में वो अपने कमरे में गई …
कमरे का लाइट जलाते ही उसकी नजर सामने पड़ी …
वो चौकी,ना जाने कितने भावनाओ के उन्माद में डूब सी गई ,सामने बिस्तर के बाजू में सिकुड़कर बैठे हुए शख्स को देखकर उसके रोम रोम में गुस्सा और दर्द भर गया था ,लाइट जलने से वो उसे ही देख रहा था,पूर्वी ने तुरंत ही अपने पर्स में रखे हुए रिवाल्वर को निकाल कर उसके सामने तान दिया..
“तुम ..??तुम यंहा कैसे आ गए “पूर्वी की आवाज में थोड़ा डर भी था लेकिन उसने जो धोखा इस शख्स से खाया था उसके सामने मौत का दर्द भी फीका पड़ रहा था ..
गौरव कांप रहा था,वो अपने को सिकोड़ कर बैठा था जैसे उसे किसी डर ने घेर लिया हो ,उसकी आंखे लाल थी और शरीर बहुत ही दुर्बल लग रहा था ,आंखों से आंसुओ की बूंदे गिर रही थी वो कुछ बोलना चाहता था लेकिन जुबान बस लड़खड़ा कर रह जाते बड़ी ही मुश्किल से उसके होठो से आवाज निकली
“पूर्वी ..पूर्वी मैं मर रहा ह पूर्वी ..मुझे बचा लो मैं शैतान बन गया हु पूर्वी ..”
उसके हर शब्द में लड़खड़ाहट थी ,वो अच्छे से बोल भी नही पा रहा था,उसने अपने हाथो से अपने अपने कानो को बंद करने की कोशिस कर रहा था वो सीधे पूर्वी की ओर ज्यादा समय तक नही देख पा रहा था ..
“क्या तुम ..क्या तुम लाइट को थोड़ा धीमा कर दोगी ,मैं तुम्हे देख नही पा रहा हु “
गौरव की ये दशा देख कर पूर्वी के सीने का दर्द और भी बढ़ गया ,ये इसे क्या हो गया था???
जिसने पूरे सिक्युरिटी डिपार्टमेंट के नाक में दम कर दिया था वो शख्स अभी उसके सामने किसी मेमने सा लग रहा था,पूर्वी ने लाइट को धीमा किया अब कमरे में बहुत कम रोशनी थी लेकिन पूर्वी उसे अच्छे से देख पा रही थी ..
“वो लोग मुझे मार देंगे पूर्वी मुझे बचा लो …”
उसकी बात सुनकर पूर्वी जोरो से हँस पड़ी
“वो लोग क्या गौरव मैं तुम्हे अपने हाथो से मरूँगी ,तुमने जो किया है उसकी सजा मौत से कम नही हो सकती ,तुमने कविता के साथ जो किया वो अमानवीय था इसके लिए तो तुम्हे तड़फा तड़फा कर मारना चाहिए “
पूर्वी गुस्से से भर गई थी
“नही पूर्वी मेरी बात सुनो मैं तुम्हारे पास आया क्योकि तुम ही मुझे समझ सकती हो ,मैं तुम्हारा गौरव हु क्या तुम्हे मेरी आंखों में तुम्हारे लिए प्यार दिखाई नही देता ,क्या तुम्हे लगता है की मेरा प्यार झूठा था नही पूर्वी ,एक बार मुझे बोलने दो मुझे फसाया गया है ,जो हुआ उसमें मेरी कोई गलती नही थी पूर्वी ,मेरी गलती बस इतनी थी की मैं सही समय में बहादुरी नही दिखा पाया मैं अपने मोह और के जाल में फंस गया ….”
पूर्वी उसकी बात सुनकर बुरी तरह से असमंजस में पड़ गई थी
“नही गौरव अब और नही बहुत हो गया तुम अब मुझे धोखा नही दे सकते “
इस बार गौरव थोड़ा हँसा लेकिन उसकी हंसी में उदासी थी वो अब भी वैसे ही बैठा हुआ था वो बार बार अपने हाथ पैरों को खुजलाता था ,ऐसे लग रहा था जैसे वो बेहद ही बेचैन हो बार बार करवट बदलता और इधर उधर को खुजलाता रहता ..
“पूर्वी मुझे पता है मैंने अपना भरोसा तो पहले ही खो दिया है ,याद है जब मैं परेशान था और तुमने मुझे बताया की डॉ चूतिया ने तुम्हे मेरे बारे में बहुत कुछ बताया है,मैंने तब तुमसे सवाल किया था की तुम्हे क्या लगता है की ये प्यार था या धोखा ….तुम चुप रही थी पूर्वी तुमने कुछ नही कहा था ,मुझे तभी समझ आ गया था की मैंने अपना भरोसा खो दिया है ,डॉ चूतिया ने तुमसे ना जाने क्या कहा होगा लेकिन सच मानो उसने तुमसे जो भी कहा वो उसके नजर से ही सच था,असली बात तो उसे भी नही पता...लेकिन यकीन मानो तुम्हारा मेरे जीवन में आना महज एक इत्तफाक था मुझे नही पता था की कपूर की बेटी से मैं मोहोब्बत कर बैठूंगा ,हा पूर्वी मुझे जीवन में दूसरी बात प्यार हुआ और मैं आज भी तुमसे बहुत ही प्यार करता हु ..”
गौरव की बात से पूर्वी कांप गई थी उसके मन में दबा हुआ गौरव के लिए प्यार मानो उफान मारकर बाहर निकलने को बेताब था लेकिन वो कैसे भूल सकती थी की गौरव एक इंसान नही बल्कि जानवर बन चुका है …
“अपनी बकवास बंद करो और मरने को तैयार हो जाओ “
पूर्वी ने अपने हाथो को अपने रिवाल्वर में कसा लेकिन गौरव फिर से बोल पड़ा
“तुम जब चाहो मुझे मार दो ऐसे भी मैं दवाइयों के बिना मर ही रहा हु लेकिन मेरा यकीन करो मुझे फसाया गया है ,मैं गलत नही हु “
वो सर झुकाए रोने लगा ,पूर्वी को लगा जैसे उसका दिल अभी पीसीज जाएगा
“किसने ?? किसने फसाया है तुम्हे ..”पूर्वी ने आराम से पूछा
“कविता ..कविता ने मुझे फसाया है पूर्वी “
कविता??????पूर्वी के आंखों में फिर से अंगारे नाच उठे थे ,उसे यकीन हो गया था की गौरव फिर से उसे धोखा देने की कोशिस कर रहा है
“अपनी बकवास बन्द करो गौरव ,बहुत हो गया जिसे खुद तुमने इतने दुख दिए वो तुम्हे फसएगी ,तुम इतने बड़े कमाने हो सकते हो मैंने ये सोचा भी नही था ..
पूर्वी की आंखों से गुस्से के अलावा आंसू भी टपकने लगे थे ..
“यकीन मानो पूर्वी ,मुझे बचा लो ,वो कविता ही थी जिसने मुझे इन झमेलो में डाल दिया,मैं डॉ चूतिया के पास जाकर उसे सब कुछ बताना चाहता था लेकिन कविता की हालत को देखकर वो मुझे ही इसका जिम्मेदार मानने लगा है और अगर मैं उसके सामने भी गया तो वो मुझे जिंदा नही छोड़ेगा ,इस दवाई ने मुझे बहुत पवार दे दी है लेकिन इतनी पवार को झेलने की मुझमें शक्ति नही है पूर्वी ,मैं इस बंगले से 500 मीटर में गुजर रहे गाड़ी की आवाज भी सुन सकता हु ,मैं परेशान हो गया हु इस शोर से ,मैं परेशान हो गया हु इस रोशनी से जो मैं बंद आंखों से भी देख सकता हु ,मैं उन सभी गंधो से परेशान हु जो मेरे नाक में अनायास ही आ रही है ,1 किलोमीटर की दूरी पर बने नाले की गंध से मेरा नाक भर रहा है वही तुम्हारे किचन में रखे हुए केक की गंध भी मेरे नाक में पड़ रही है ,मैं छोटी छोटी संवेदनाओं से परेशान हु पूर्वी मैं पागल हो रहा हु ,मेरे पास इन सबसे मुक्त होने की दवाई भी नही है ,डॉ चूतिया ने सब कुछ जला दिया है ,मुझे बचा लो पूर्वी मुझे जमीन के नीचे किसी तलघर में रखो जंहा कोई आवाज ना हो कोई रोशनी ना हो वरना मैं मर जाऊंगा मैं पागल हो जाऊंगा इन सबसे …”
पूर्वी की हालत बेहद ही खराब हो गई थी ,उसके सामने सभी वो बाते घूम रही थी जो उसने उस तलघर के बारे में सुन रखा था क्या इसका मतलब था की कविता इसलिए वंहा रह रही थी लेकिन …??
क्या गौरव सही कह रहा है या वो अभी भी उसे धोखा दे रहा है .जैसा डॉ चूतिया ने बताया था की उसका दिमाग बेहद ही तेज चल रहा है,वो इतनी सिक्युरिटी के बाद भी उसके कमरे में बैठा था ,पूर्वी को उसकी बातों में सच्चाई तो दिख रही थी लेकिन कही ना कही वो उसे मानने को भी तैयार नही थी ..
“मैं डॉ चूतिया को फोन करती हु “
उसने आखिर में फैसला किया
“नही पूर्वी वो मुझे मार देगा ,नही नही मुझे बचा लो मुझे नींद का कोई इंगजेक्शन दे दो उसके बाद चाहे जिसे बुलाना है बुला लेना ,मुझे बेहोश करके किसी हॉस्पिटल में ले चलो मैंने जो भी कहा वो डॉ चूतिया को बताना की मैंने नही कविता ने मुझे फसाया है …”
पूर्वी बेहद ही असमंजस की स्तिथि में थी ,उसने अपना मोबाइल निकाला
“किसे फोन कर रही हो “
गौरव बोल उठा
“रोहन को ..”
“नही नही ..उसे नही “
पूर्वी ने उसे परखने वाली निगाहों से देखा
“सपना को फोन करो ,रोहन को देखकर मुझे गुस्सा आ सकता है ,उसने तुमने मुझसे छिनने की कोशिस की थी ,नही ..”
पूर्वी के होठो में पता नही क्यो लेकिन एक मुस्कान आ गई उसे गौरव फिर से कुछ प्यारा सा लगा ,लेकिन फिर तुरंत ही उसने अपने सर को झटका दिया और सपना को फोन लगा दिया …..
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Ab bhi confused hu... Inme se sachcha kaun hai... Jhoothe to sab hain.... Dr sahit
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Kaddak story. Update regular dena
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kahan kya ho raha hai.... kuch samajh nahi aa raha
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Update sir
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