18-07-2019, 10:39 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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18-07-2019, 10:39 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
18-07-2019, 10:40 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
18-07-2019, 10:41 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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18-07-2019, 10:41 AM
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18-07-2019, 10:42 AM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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18-07-2019, 02:32 PM
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18-07-2019, 02:34 PM
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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18-07-2019, 02:45 PM
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18-07-2019, 02:50 PM
मेरे पड़ोस की एक लड़की थी जिसका नाम नीलम था। वो भी अपनी किशोरावस्था में होगी, थी गोरी एकदम। कोई खास नाक नक्शा नहीं था उसका और न ही कोई खास जिस्म था उसका। चूची भी उसकी छोटी-छोटी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
18-07-2019, 02:51 PM
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18-07-2019, 02:52 PM
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18-07-2019, 02:53 PM
(This post was last modified: 18-07-2019, 03:29 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरी नजर उसकी जवानी पर तब पड़ी जब वह पलथी मारने के लिए अपने पैर को मोड़ने लगी तभी मेरी नजर उसकी चूत पर पड़ी। उसने स्कर्ट पहनी थी, उस दिन वो चड्डी पहने थी।
चूत पर हल्के-हल्के रोंये थे और चूत बिल्कुल लाल थी, साथ ही साथ उसके गाण्ड के भी दर्शन हो गये। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
18-07-2019, 02:54 PM
(This post was last modified: 18-07-2019, 03:34 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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18-07-2019, 02:56 PM
मैंने कहा- मेरी एक अधूरी जिज्ञासा है, बस उस जिज्ञासा को शांत कर दो।
नीलम बोली- कैसी जिज्ञासा? ‘लेकिन एक वादा करो…’ उसने कहा- कैसा वादा? मैंने कहा- जो मैं तुमसे कहूँगा, वो तुम किसी से नहीं कहोगी। ‘लो, मैं वादा कर रही हूँ, कि किसी से नहीं कहूँगी, अब तुम अपनी जिज्ञासा बोलो।’ ‘नीलम मैं तुम्हें…’ मेरे ग़ला सूख रहा था। वो बोली- हाँ-हाँ मैं तुम्हें…? जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
18-07-2019, 02:56 PM
मैं तुम्हें बिना कपड़े के देखना चाहता हूँ।’
इतना कहकर मैंने अपनी आँखें बन्द कर ली। तभी मुझे अपने गालों पर एक चुम्बन का अहसास हुआ, मैंने झट से अपनी आँखें खोली। तो उसने पूछा- मैं सच में अपने कपड़े उतारूँ? क्या तुम मुझे पूरी नंगी देखना चाहते हो? मैंने अपनी सहमति दी तो वह बोली- ठीक है, मैं तुम्हारे सामने नंगी होऊँगी, पर मेरी भी एक शर्त है। उस शर्त के बारे में जो वो कहने वाली थी और जिसे मैं जानता था कि उसकी क्या शर्त है, फिर भी मैंने पूछा, तो उसने अपनी नजरों को नीचे करती हुई बोली- तुम भी मेरे सामने नंगे होओगे। मैं भी तुमको नंगा देखकर अपनी जिज्ञासा शांत करूँगी। मैंने भी अपने आपको उसके सामने नंगा होने के लिये हामी भरी और उसे पहले कपड़े उतारने के लिये बोला। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
18-07-2019, 02:58 PM
(This post was last modified: 18-07-2019, 03:39 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
जब मैं तख्त पर पाल्थी मार कर बैठ रही थी और तुमने मेरी वो जगह देखी थी, जहाँ से शूशू की जाती है। और मैंने तुम्हारी नजर देख ली थी कि कहाँ पर है। मैं उस दिन का इंतजार करने लगी जब तुम घर पर अकेले हो।
इतना कह कर उसने देर नहीं लगाई, अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मेरे सामने मादरजात नंगी खड़ी हो गई। . जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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