13-07-2019, 10:23 AM
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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
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13-07-2019, 10:51 AM
Nice update
13-07-2019, 03:35 PM
13-07-2019, 09:35 PM
MEGAUPDATE 13
मुझे कोई थप्पड़ मारेगा उसकी उम्मीद नही थी मुझे तो गुस्सा आया जिसने मुझे थप्पड़ मारा उसको मैं थप्पड़ मारने वाला था कि रुक गया क्यूँ कि मुझे थप्पड़ रेशमा ने मारा था मेरी पड़ोसन ने मुझे थप्पड़ मारा था रेशमा यहाँ क्या कर रही है रेशमा कब लिफ्ट मे आई कही इसने सब सुन तो नही लिया लेकिन इसने थप्पड़ क्यूँ मारा रेशमा थप्पड़ मारने के बाद मुझे गुस्से से देख रही थी मैं तो समझ ही नही पाया कि थप्पड़ क्यूँ मारा मैं तो हॅंग हो गया था मुझे गुस्सा तो आ रहा था सोचा कि इस थप्पड़ का बदला लूँ लेकिन उसकी खूबसूरती को देखते ही मैं कमज़ोर पड़ गया वो मेरे सपनो की रानी थी ऐसे मे मैं उसको कैसे मार सकता हूँ उसको तो बस प्यार करने के बारे में सोच सकता हूँ रेशमा थप्पड़ मारने के बाद कुछ बोलना चाह रही थी कि लिफ्ट रुक गयी मतलब मेरी मंज़िल आ गयी मैं भी उसको कुछ पूछना चाहता था लेकिन लिफ्ट रुकते ही मिस्टर मिसेज़ गुप्ता वही खड़े थे उनको देखते ही मैं ने बात बढ़ानी ठीक नही समझी फिर कभी इस थप्पड़ के बारे पूछूँगा रेशमा भी मिस्टर मिसेज़ गुप्ता के सामने चुप रही मैं वहाँ से निकल कर अपने अपार्टमेंट मे चला गया रेशमा मुझे गुस्से से देखते हुए अपने रूम मे चली गयी अपार्टमेंट मे आते ही मैं सोचने लगा कि रेशमा ने क्यूँ मुझे थप्पड़ मारा होगा अगर बिना वजा मारा होगा तो उसको इसकी कीमत चुकानी होगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, रेशमा ने मुझे थप्पड़ मार दिया अच्छा हुआ वहाँ कोई और नही था पर कुछ बाते होती तो पता चलता कि ऐसे अचानक थप्पड़ क्यूँ मारा पर अच्छा हुआ कि मैं वहाँ नही रुका वरना बात और बढ़ जाती पर थप्पड़ क्यूँ मारा था मैं सोचने लगा था कि मुझे समझ मे आ गया मैं रेशमा की बात कर रहा था अपने हिसाब से और रेशमा को लगा कि उसकी बात कर रहा हूँ तो ये बात है , सब ग़लतफहमी से हुआ है पर रेशमा जब लिफ्ट मे आई शायद मैं उसको लड़के की माँ समझ रहा था वो रेशमा थी , लड़का तो पहले उतर गया और मुझे लगा कि लिफ्ट खाली है दोस्त के साथ बात करते हुए इतना खो गया कि कुछ याद ही नही रहा मुझे रेशमा से बात करनी होगी पर अब अगर उसके सामने भी गया तो वो क्या क्या कहेगी क्या करेगी सोच भी नही सकता मैं ने कितना कुछ बोला दोस्त से , ऐसे मे रेशमा का थप्पड़ मारना सही था उसकी जगह कोई और होती तो वो भी थप्पड़ मारती अब तो मैं यहाँ रहा तो बिना वजह कचरा हो जाएगा , यहाँ की बात ऑफीस फिर मेरे घर भी जा सकती है मुझे यहाँ से दूसरी जगह शिफ्ट होना होगा वरना गंद लग जाएगी रेशमा के सामने आते ही वो तो मेरी जान ले लेगी रेशमा अगर सोसायटी के सेक्रेटरी को थप्पड़ मारने से नही डर सकती तो मैं क्या चीज़ हूँ मैं सेक्रेटरी से बात करता हूँ , देखता हूँ उनसे बात करके की दूसरी वंग मे कोई अपार्टमेंट खाली हो तो मेरे लिए बात करे अब तो रेशमा दूर दूर तक मुझे नही मिल सकती वो रात तो आराम से निकल गयी दूसरी दिन मैं ने सेक्रेटरी से बात की तो उसने कहा कि यहाँ तो कोई अपार्टमेंट नही मिलेगा , ऑफीस वाले भी कह रहे थे दूसरी जगह जाने की वजह क्या है ऐसे मे मुझे वही रहना पड़ेगा एक साल पता नही अब क्या होगा मेरी पड़ोसन के साथ मैं क्या क्या करूँगा ये सच था कितने रंगीन सपने देखे थे और अब तो उसके सामने जाते ही मेरा कचरा हो जाएगा मैं अब सीडियो से ही अपने अपार्टमेंट मे जाने लगा क्यूँ कि अब मेरा दिमाग़ चल ही नही रहा था इस बीच मिस्टर गुप्ता जो मेरे सामने वाले अपार्टमेंट मे रहते है उननो मुझे डिन्नर के लिए बुलाया उनके शादी की सालगिरह थी वो हर साल उनके फ्लोर के पड़ोसी को बुलाते है अब तो बस मैं और रेशमा ही थे तो उन्होने मुझे इन्वाइट किया , मुझे समझ मे आया कि वहाँ रेशमा भी होगी तो मैं जाने वाला नही था बस उनको हाँ बोल दिया लेकिन शाम तक मैं भूल ही गया और सीधा अपएटमेंट मे आया , पहले सोचा था कि शाम को देर से अपार्टमेंट मे जाउन्गा जिस से मिस्टर गुप्ता के घर जाना नही पड़ेगा लेकिन फिर से ग़लती हो गयी ,जैसे मैं अपने रूम का डोर खोलने लगा तो मिस्टर गुप्ता ने आवज़ दी और जल्दी आने को कहा अब तो बुरी तरह से फस गया अब तो जाना ही होगा मैं फ्रेश होकर मिस्टर गुप्ता के घर गया तो वहाँ रेशमा नही थी रेशमा को ना देख कर मैं रिलॅक्स हो गया मैं ने मिस्टर मिसेज़ गुप्ता को विश किया फिर डिन्नर शुरू हुआ जैसे डिन्नर लग गया तो रेशमा भी आ गयी बस इसी की कमी थी मैं चुप छाप वैसे बैठा रहा रेशमा ने भी उनको विश किया और डिन्नर टेबल पर आ गयी जैसे उसकी नज़र मुझपर पड़ी तो उसको गुस्सा आ गया पर वो मिस्टर मिसेज़ गुप्ता के सामने सीन क्रियेट नही करना चाहती थी हमारा डिन्नर शुरू हो गया मिस्टर गुप्ता- रेशमा बेटी तुम इसको जानती हो रेशमा- नही , कौन है मिसेज़ गुप्ता- ये रूमारे पड़ोस मे ही तो रहता है , अवी नाम है इसका अवी-नमस्ते रेशमा ने घूर कर देखा जैसे मुझे कच्चा खा जाएगी मिस्टर गुप्ता- अवी तुम को यहाँ कोई जानता ही नही , तुम्हें क्या लोगो से मिलना पसंद नही है अवी- ऐसी कोई बात नही है , वो क्या हैना मैं पहली बार अपनी फॅमिली से दूर रह रहा हूँ , मिसेज़ गुप्ता- तो क्या हुआ अवी- तो मैं ने यहाँ आने से पहले सोचा कि एक साल यहाँ रहूँगा फिर वापस चला जाउन्गा क्यूँ कि मैं अपनी फॅमिली के बिना नही रह पाता मिस्टर गुप्ता- तुम वापस जाने वाले हो क्यूँ ये जगह पसंद नही आई अवी- यहाँ तो सब अच्छा है पर मैं यहाँ टिक नही पाउन्गा , और मेरी फॅमिली शहर मे तो मैं यहाँ नही रह सकता मिस्टर गुप्ता-क्यूँ क्या हुआ , किसी ने कुछ कहा तुम्हें , मिसेज़ गुप्ता- तुम तो किसी से बात भी नही करते , अपनी ही दुनिया मे खोए रहते हो ऐसे मे क्या हुआ अवी- ग़लतफहमी रेशमा ने मेरी तरफ देखा मिस्टर गुप्ता- कैसी ग़लतफहमी अवी- लंबी कहानी है फिर किसी दिन बताउन्गा वैसे आप की शादी तो लंबी चल रही है बहुत प्यार होगा आप दोनो मे मिस्टर गुप्ता- हमारा प्यार ही तो हमे साथ रख पाया है मिसेज़ गुप्ता- बच्चों ने कहा कि उनके पास आ जाउ पर हम दोनो साथ रहना चाहते है अवी- शादी के बाद से ही आप साथ हो मिस्टर गुप्ता- हाँ , एक दिन भी मैं अपनी बीवी से दूर नही रहा ये बात सुनते ही रेशमा को अपने पति की याद आ गयी वो शादी के बाद भी अकेली है अवी- मैं भी जल्दी शादी करने वाला हूँ मिसेज़ गुप्ता- ये तो अच्छी बात है मिस्टर गुप्ता- तो इस लिए वापस अपने शहर जाना चाहते हो अवी- हाँ , मिसेज़ गुप्ता-लड़की देखी है अवी- हाँ ,मेरी गर्लफ्रेंड से शादी करने वाला हूँ मिस्टर गुप्ता- क्या नाम है उसका अवी- मुझे ना दो लड़की पसंद है , बस मेरी माँ जिसको फाइनल करेंगी उस से शादी होगी मिस्टर गुप्ता- 2 गर्लफ्रेंड है अवी- पहले तो एक ही थी लेकिन मुंबई मे आते ही दूसरी बन गयी , अब कन्फ्यूज़ हूँ मिसेज़ गुप्ता- तुम किस से प्यार करते हो अवी- माला से , 4 साल से उस से प्यार कर रहा हूँ मिस्टर गुप्ता- और दूसरी अवी- अभी 3 महीने मिली है , रेशमा नाम है अपना नाम सुनते ही रेशमा ने खाना खाना रोक दिया मिसेज़ गुप्ता- रेशमा तो शादी शुदा है , हैना रेशमा अवी- इनका नाम.भी रेशमा है मिस्टर गुप्ता- मतलब कोई और रेशमा है हमे लगा कि हमारी रेशमा की बात कर रहे हो और दोनो हँसने लगे अवी-रेशमा नाम बहुत कॉमन है जिस से हर जगह रेशमा नाम सुनने को मिलता है , जिस से ग़लतफहमी बहुत हो जाती है , मैं तो मेरे ऑफीस की रेशमा की बात कर रहा हूँ , मेरे ऑफीस मे काम करती है , अच्छी लड़की है , कुछ महीनो मे ही मेरे करीब आ गयी मिसेज़ गुप्ता- मुझसे पूछो तो तुम्हें माला से शादी करनी चाहिए अवी- मैं भी यही सोच रहा हूँ , मिस्टर गुप्ता- माला ठीक रहेगी , अवी- ये तो मेरी माँ ही फ़ैसला करेंगी , मिस्टर गुप्ता- आजकल के लड़के तो माँ बाप की बात नही सुनते पर तुम वैसे नही हो , तुमसे मिलके अच्छा लगा मिसेज़ गुप्ता- अच्छे लड़के हो तुम , मुझे तो लगा कि पता नही कौन यहाँ रहने आया होगा लेकिन तुम अच्छे लड़के को अपने काम से काम रखते हो अवी- मुझे भी लोगो से मिलना अच्छा लगता है पर यहाँ तो हर कोई घर के अंदर ही रहते है , डोर बंद करके जीना जानते है ,जिस से किसी से बात ही नही हुई है , मिस्टर गुप्ता-वैसे सेक्रेटरी बोल रहा था कि तुम ये बिल्डिंग छोड़ना चाहते हो अवी- हाँ , मुझे ऐसा लगता है कि किसी को मेरा यहाँ रहना पसंद माही है , तो मैं बात बढ़ने से पहले यहाँ से जाना चाहता हूँ , बिना वजह मेरी वजह से किसी को प्राब्लम हो ये मैं नही चाहता मिस्टर गुप्ता- कोई परेशनी हो तो मुझे बताओ , मैं मदद कर दूँगा अवी- कभी कभी कुछ बाते ऐसी होती है कि जो दिखता है वैसा होता नही , मिसेज़ गुप्ता- तुम्हारी बाते तो समझ मे नही आ रही मिस्टर गुप्ता- रेशमा बेटी तुम क्यूँ चुप चाप खाना खा रही हो रेशमा- कुछ नही , ऑफीस से सीधा यहाँ आई तो थोड़ी थकि हुई हूँ मिसेज़ गुप्ता- बेटी तू अपना भी ख़याल रखा कर रेशमा- मुझे क्या हुआ है मैं ठीक हूँ आंटी मिस्टर गुप्ता- तुम्हारा हज़्बेंड कब आने वाला है रेशमा- उनको अभी टाइम है , अच्छा अब मैं चलती हूँ मिसेज़ गुप्ता- इतनी जल्दी क्या है , कभी तो हमारे साथ भी बैठ कर बाते किया करो रेशमा- जी और रेशमा मिसेज़ गुप्ता से बाते करने लगी और मैं मिस्टर गुप्ता से बात करने लगा चलो अच्छा हुआ जो रेशमा को इनडाइरेक्ट्ली बात बता दी अब कहीं जाके वो मेरी बात पे कुछ सोचेगी उसको ये भी पता चला कि मैं यहाँ से वापस जाने वाला हूँ और सिर्फ़ उसका नाम ही रेशमा नही दूसरो का भी नाम रेशमा होता है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, रेशमा से इनडाइरेक्ट्ली बात हो गयी शायद मेरी बात से उसका गुस्सा कम.हो जाए फिर भी मैं रेशमा से दूर ही रहा मिस्टर मिसेज़ गुप्ता के घर के डिन्नर से कुछ बात बन गयी लेकिन जब तक आमने सामने बात ना हो कुछ बोल नही सकते लेकिन इस से बात बन गयी उस दिन के बाद नेक्स्ट सनडे को मैं फिर से गार्डन मे घूमने लगा
13-07-2019, 10:55 PM
Nice update ...carry on
14-07-2019, 12:09 AM
Nice time ahead for Avi
14-07-2019, 02:11 AM
Very good bro. Plot is going in the right direction.
14-07-2019, 06:05 AM
Nice update
14-07-2019, 09:43 AM
Nice update
14-07-2019, 12:59 PM
14-07-2019, 01:01 PM
14-07-2019, 08:09 PM
14-07-2019, 08:11 PM
14-07-2019, 08:13 PM
14-07-2019, 08:14 PM
14-07-2019, 08:16 PM
14-07-2019, 08:21 PM
MEGAUPDATE 14
बच्चे- भैया चलो फुटबॉल खेलते है अवी- तुम सब खेलो , मैं बस आज खेल देखूँगा बच्चे - भैया वो देखो आंटी जिसको आपने बॉल मारा था अवी- चुप रहो वरना फिर मुझपर गुस्सा करेंगी रेशमा हमारे तरफ ही देख रही थी बच्चे खेल रहे थे पर मुझे चुप चाप बैठा डेक कर पता नही क्या सोच रही होगी मैं कुछ देर वैसे खेल देखता रहा फिर वॉचमन से मिलने चला गया वॉचमन से बात करके वापस आया तो बच्चे मेरे पास आ गये अवी- खेलना बंद क्यो किया बच्चे- भैया देखो हमारी बॉल वापस मिल गयी अवी- किसने की वापस बच्चे- वही आंटी जिसको आपने बॉल मारी थी अवी- आंटी ने वापस की बॉल , मेरे बारे कुछ कहा बच्चे- आंटी पूछ रही थी कि उस दिन क्या हुआ था , अवी- तुमने क्या बताया बच्चे- हमने कहा कि बॉल मैं ने मारा था पर पिटाई से बचने के लिए आपका नाम बताया अवी- झूठ क्यूँ बोला बच्चा- झूठ बोला तभी तो बॉल वापस मिल गयी , और अब आंटी आप पर भी गुस्सा नही करेंगी बच्चा- चलो भैया अब खेलते है , अब तो आंटी भी आप पर गुस्सा नही है बच्चों ने तो मुझे बचा लिया फिर क्या था मैं भी खेलने लगा रेशमा जब शॉप से कुछ खरीदी करके वापस आई तो मुझे खेलते हुए देखा रेशमा समझ गयी होगी कि ग़लतफहमी थी मेरे लिए ये अच्छी बात थी ऐसे धीरे धीरे दूरिया ख़तम होगी तो अच्छा होगा अब मैं फिर से रेशमा के बारे में सोचने लगा रेशमा को फिर से मेरे लिए नॉर्मल देख कर मेरे अंदर भी फीलिंग पैदा हो रही थी अब कुछ बात बन सकती है मैं ने तो आज रेशमा के नाम पर गोल पर गोल किए और बच्चों को जूस पिलाने भी ले गया अब जाके मुझे चैन आया अब रेशमा से नज़र मिलती तो उसके आँख मे गुस्सा नही दिखाई देता मैं मिस्टर मिसेज़ गुप्ता के घर भी आने जाने लगा था मिस्टर गुप्ता के साथ ड्रिंक भी कर लेता और दो चार बाते हो जाती कभी कभी जब मैं मिस्टर गुप्ता के घर मे होता तो रेशमा भी आ जाती तो हाई हेलो हो जाती हाई हेलो से धीरे धीरे बातों की शुरुआत ही हो जाएगी मिस्टर मिसेज़ गुप्ता को भी अब अच्छा लगने लगा कि उनसे मिलने कोई आता है एक बार तो चेस का गेम बहुत लंबा चला गुप्ता और मेरे बीच मे ऐसी छोटी मोटी बातों से रेशमा और मेरे बीच मे थोड़ी बहुत बाते हो जाती मैं कोई चान्स नही छोड़ता रेशमा से मिलने का रेशमा भी मिसेज़ गुप्ता के घर अब ज़्यादा ही आने लगी थी मिस्टर गुप्ता तो मुझे बेटे जैसा मानने लगी पर अब तक ठीक से बात नही हुई थी रेशमा से ऐसे मे एक दिन सेक्रेटरी हमारे फ्लोर पर आया और कहने लगा कि बाल्कनी पर लगी हुई ग्रिल निकालनी है हम तो उस बात को समझ ही नही पाए तब सेक्रेटरी ने बताया कि पास के बिल्डिंग मे बाल्कनी की ग्रिल एक लड़के के उपर गिरने से मौत हुई है तो हम ने डिसाइड किया है कि 4 5 6 7 फ्लोर की ग्रिल निकाल देंगे इतने उपर बाल्कनी से चोर थोड़ी आएगा इस लिए ग्रिल निकाल ने को हम ने इजाज़त दे दी बाल्कनी की ग्रिल निकल जाएगी तो मैं रेशमा के अपार्टमेंट मे आराम से जा पाउन्गा अब तो मेरे और रेशमा के मिलन के रास्ते क्लियर हो रहे थे ये तो मेरे लिए अच्छा ही था जब से रेशमा का गुस्सा कम हुआ तब से मैं ने रेशमा और उसकी सहेली की चुदाई कम कर दी थी कम क्या बंद ही कर दी थी अब मेरा फोकस वापस मेरी पड़ोसन रेशमा थी ऐसा लग रहा था कि जैसे अब हमारा मिलन जल्दी हो जाएगा सारे रास्ते अपने आप खुल रहे थे ऐसे मे मैं पिछली बार की तरह मिस्टेक नही कर रहा था हर कदम आराम से रख रहा था अब तक रेशमा के घर मे कोई एंट्री नही मिली थी एक बार उसके घर मे एंट्री मिली तो रेशमा के दिल मे एंट्री कर लूँगा एक बार रेशमा से बात हुई तो शीष्कारियाँ भी निकालना सिखा दूँगा उसको बस कोई अच्छा मोका मिल जाए या फिर कोई प्लान बन जाए तो अच्छा होगा और एक दिन मैं लोकल से ऑफीस जा रहा था तो मेरे पास दो औरते खड़ी हो गयी
14-07-2019, 09:49 PM
Nice update
Bt very shrt update Plz vdda update kro Reqt aa
15-07-2019, 12:55 AM
It's time to bring the beginning of erotic scene slowly.
15-07-2019, 11:47 AM
MEGAUPDATE 15
और एक दिन मैं लोकल से ऑफीस जा रहा था तो मेरे पास दो औरते खड़ी हो गयी औरते कहीं पर भी बातें शुरू कर देती है लोकल मे हो तो ऐसी बाते सुनने को मिलती है कि पूछो मत औरत1- तुम्हें पता है कल क्या हुआ मेरे साथ औरत2- क्या हुआ अओरत1- कल ना मैं ने कपड़े सुखाने को छत पर रखे थे अओरत2 - हर कोई कपड़े छत पर सुखाते है इसमे नया क्या है अओरत1- मेरी बात तो सुनो अओरत2-कहो अओरत1-तो कल हवा ज़्यादा चल रही थी तो मेरा एक ड्रेस उड़ कर बाजू वाले घर के कॉंपाउंड मे चला गया अओरत2- तो ले आना था अओरत1- ड्रेस लेने ही गयी थी तो मैं ने पड़ोसी की खिड़की से अंदर ज़ा कर भी देखा तो पता है मैं ने क्या देखा अओरत2- क्या देखा अओरत1- मेरा पड़ोसी अपने नौकरानी के साथ था , अओरे2-क्या बात करती है अओरत1- हाँ , मैं तो ये देख कर शॉक्ड हुई , पर अओरत2- पर क्या अओरत1- पड़ोसी की उसकी नौकरानी के साथ चुदाई देख कर मैं भी गीली हो गयी थी , बहुत बड़ा था उसका और बहुत देर तक करता है , मेरा दिल कर रहा था कि काश उस नौकरानी की जगह मैं होती अओरत2- तो ब्लॅकमेल कर देती अओरत1- सोच तो यही रही हूँ , अओरत2 - चल अपना स्टेशन आ गया मैं ने उन दोनो औरतों की बात सुन ली ऐसे बहुत सी बाते पता चल जाती है लोकल मे किसी किसी की शादी की बात भी लोकल ट्रेन मे हो जाती है बड़ी काम आती लोकल ट्रेन मुझे एक आइडिया मिल गया रेशमा को पाने का प्लान अच्छा था उस से रेशमा जो पता चलेगा कि मैं ने लिफ्ट मे जो कहा था वो कोई दूसरी रेशमा थी और ये बात भी पता चलेगा कि रेशमा कितनी प्यासी है बस एक डर है कि कही वो मुझे गंदा लड़का ना समझ ले और मैं अपने दमदार लंड के दर्शन भी करवा सकता हूँ रेशमा को प्लान अच्छा था पर थोड़ा मुश्किल भी था लेकिन इस के सिवा अच्छा रास्ता दिख नही रहा था मैं प्लान के मुताबिक सारी बातें सेट करने लगा रेशमा कब घर आती है किस तरह रहती है रेशमा घर के कामो को हर दिन के हिसाब से कैसे मेनेज करती है रेशमा ने नौकरानी नही रखी थी घर की सॉफ सफाई एक दिन , बर्तन हर दिन धोती है , और कपड़े हमेशा सनडे को धोने कोनिकालती है किस टाइम क्या करती है इसका पता बड़ी चालाकी से मिसेज़ गुप्ता से लगा लिया , तो कभी कभी वॉचमन को रेशमा के घर भेजता तो पता चल जाता कि कब क्या कर रही है रेशमा अगर मैं उसके घर चला जाता तो अच्छा होता अब जा सकता हूँ रेशमा के घर पर मैं पहले अपना प्लान कामयाब करना चाहता था अपनी पड़ोसन को पाना चाहता हूँ सब कुछ मैं ने नोट कर लिया अब बस ऑफीस वाली रेशमा को पटाना था उसकी बहुत दिन से चुदाई नही की थी तो उसके चुदाई करने का समय आ गया था मैं ने प्लान का दिन सनडे सेलेक्ट किया उस से पहले मैं ने रेशमा से बात की रेशमा को अपने कॅबिन मे बुलाया तो वो खुश हो गयी अवी-रेशमा रेशमा-सर आप तो मुझे भूल ही गये अवी-तुम्हें कैसे भूल सकता हूँ रेशमा-फिर आज कल आप ओवरटाइम नही करते हो अवी-ओवरटाइम से थक जाता हूँ , रेशमा-थकना तो मुझे पड़ता है , आप कैसे थक जाते हो अवी-वो शिकायत छोड़ो , मैं ने तुम्हें किस लिए बुलाया है पता है रेशमा-ओवरटाइम करना हो तो मैं तैयार हूँ अवी-तभी तो सोच रहा हूँ कि इस साल की एंप्लायी की सॅलरी के इनक्रिमेंट की लिस्ट मे तुम्हारा नाम दूं रेशमा-सच अवी-बॉस ने मुझे कुछ नाम देने को कहा है तो तुम्हारा नाम सबसे उपर रखा है रेशमा-लेकिन अभी तो मेरा प्रमोशन हुआ है अवी-वो मेरा पवर था , अब सॅलरी का इनक्रिमेंट तो हर साल होता हैना कुछ एंप्लाइयी का रेशमा-सर मेरा सबसे पहले देना अवी-दे भी दिया है , अब तो पार्टी चाहिए मुझे रेशमा-कब चाहिए सर अवी-इस सनडे को रेशमा-सनडे को ऑफीस बंद रहता है अवी-पार्टी मेरे घर पे होगी , पूरा दिन और रात भर रेशमा-पार्टी मे कौन कौन होगा अवी-तुम और मैं , 24 घंटे मस्ती करेंगे ,ऑफीस मे जल्दी जल्दी मे करना पड़ता है रेशमा-आपको तो पार्टी देनी ही होगी , क्या मैं अपनी सहेली को बता दूं अवी-उसका नाम भी दिया है लेकिन उसको अगले हफ्ते बताएँगे रेशमा-ठीक है , मैं पूरी तैयारी से आउन्गि अवी-तुम्हें अड्रेस मेसेज कर दूँगा , रेशमा-थॅंक यू सर, 3 महीने मे दो बार सॅलरी इनक्रिमेंट हो रही है , और रेशमा खुश हो गयी बस अब सब प्लान के मुताबिक होना चाहिए सनडे के लिए मैं ने सारे इंतज़ाम कर दिए थे बीयर और हर ज़रूरत की चीज़ थी मेरे पास शनिवार को ही मेसेज करके एड्रेस बता दिया रेशमा को रेशमा भी मुझसे बहुत खुश थी अगर प्लान कामयाब हुआ तो रेशमा को बढ़िया गिफ्ट दूँगा और सनडे का सूरज भी निकल गया सनडे होते ही मैं देखने लगा कि प्लान कैसे चल रहा है रेशमा मेरी पड़ोसन उसी टाइम पर कपड़े धोने को निकाले जब उसका टाइम होता है सनडे को ही सारे कपड़े धोती है मैं ने देखा कि 7 दिन की 7 पैंटी और ड्रेस साड़ी भी होती है बाल्कनी पूरी फुल हो जाती है रेशमा ने अपने सारे काम वैसे किए जैसा प्लान किया था रेशमा तो सनडे को काम करके दोपेहर मे लंबी नींद लेती है रेशमा के सो जाने के बाद मैं ने ऑफीस वाली रेशमा को कॉल करके दोपेहर मे आने को कहा रेशमा के आने तक मैं अगला स्टेप चलने लगा बिना आवाज़ किए मैं रेशमा की बाल्कनी मे गया और उसके कपड़ो की रस्सी को तोड़ कर अपनी बाल्कनी तक लाया ऐसे दिखाया कि रस्सी ज़्यादा कपड़ो से टूट गयी है फिर तेज हवा से साथ कपड़े उड़ कर मेरी बाल्कनी मे आ गये है रस्सी से कुछ कपड़े निकाल कर मैं ने मेरी बाल्कनी मे बिखेर दिए अब तो रेशमा को अपने कपड़े लेने को मेरे बाल्कनी मे आना ही पड़ेगा वैसे कुछ प्राब्लम नही होती एक दूसरे के बाल्कनी मे जाने से रेशमा भी आराम से आ जाएगी मेरी बाल्कनी मे अब बस कुछ स्टेप बाकी थे रेशमा भी दोपेहर 4 बजे मेरे यहाँ आ गयी रेशमा ठीक 6.30 बजे कपड़े निकालने आती है रेशमा के आते ही बस एक स्टेप बाकी था वो ये कि रेशमा मेरी बाल्कनी मे आ जाए मैं ने रेशमा को अपने अपार्टमेंट मे रुकने को कहा और बाहर जाकर कॉंडम लाने की बात कही बाहर आकर मिसेज़ गुप्ता को कहा कि मैं आज बाहर जा रहा हूँ अगर कोई आए तो बताना कि मैं कल आउन्गा और मैं लिफ्ट से नीचे जाकर थोड़ी देर बाद मिसेज़ गुप्ता को बिना पता लगे अपने अपार्टमेंट मे चला गया सब प्लान के मुताबिक हो रहा था बस अब रेशमा क्या सोचती है वो देखना होगा MEGAUPDATE Posted Waiting for your comments Khani aapko kaisi lg rhi h |
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