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Misc. Erotica द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}
Mere sawalon ka koi to jawab do....
बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
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(08-07-2019, 12:16 AM)Rocksanna999 Wrote: Mere sawalon ka koi to jawab do....

Are bhai update to de do fir jawab le lena
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Nice story
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(08-07-2019, 11:58 AM)m8cool9 Wrote: Nice story

Thank you...
बर्बादी को निमंत्रण
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[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
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Hawas ka ghulam
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Very good story bro. But update come late....
???
Read My 1st Story -

Manav or Danav
https://xossipy.com/showthread.php?tid=11669
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अपडेट - 21




लता : - ये क्या होता है??


राज : रहने दो तुम नहीं समझोगी?



लता: वह अच्छा वैसे मैंने भी ग्रेजुएशन कर रखी है शहरी बाबू....




राज: तो बताओ ना यार क्यों फालतू के सवाल जवाब में टाइम वेस्ट के रही हो।



लता: (राज के गले मे बाहें डालते हुए) मेरे राजा पहले ये बताओ वो चीज क्या है और कितनी बड़ी है।



अब आगे......



राज : अब ये कैसे बताऊ???? (राज सोच में पड़ जाता है।)बस इतना समझ लो कि वो कोई छोटी सी चीज है...हम्म जैसे 2ओ आईने आते है ना मेले में छोटे छोटे, ठीक वैसे ही।


लता': वाह तब तो और भी अच्छा है, अब देखो अगर मेरे पास ऐसी कोई चीज होती तो मैं जब मेरी इच्छा होती तुनसे चुदने आ जाती। (लता हंसते हुए बोलती है और राज के लन्ड पर अपना हाथ रख देती है।)





राज: ( लता के हाथ को हटाते हुए) शट उप यार, मुझे इसकी अभी इच्छा नही है।


लता: तब तो और भी अच्छा है। तुम्हारी इच्छा हो या ना हो मैं उस जादुई चीज के सहारे तुम्हारा लन्ड बाहर निकाल कर चूस सकती हूं चुद सकती हूँ। वैसे क्या ऐसे कर सकते है?? मैं भी पागल तुम्हारी बचकानी बातों में बचकानी हरकत करने लगी हूँ। अच्छा अब मैं चलती हूँ माँ कभी भी खेत में आ सकती है।


राज: ह्म्म्म ( सोच में पड जाता है) अच्छा ठीक है,


लता जाते हुए राज से पूछती है तुम कैसे जाओगे। तो राज लाता से बोलता है कि पापा पास वाले गांव में गए हुए है उन्ही के साथ जाऊंगा। राज की बात सुनकर लता अपने खेत की तरफ जाने लगती है तभी राज आईना बाहर निकाल कर अपने घर पहुंच जाता है। राज आईने की मदद एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए 5-6 बार कर रहा था। 



राज अपने घर अपने रूम में पहुंच जाता है वहीं लता एक बार फिर से दौड़ते हुए राज के पास आती है ये बताने की उसके दोस्त वहीं आ रहे है , वो चाहे तो मिल सकता है। लेकिन जब लता उस जगह पहुंचती है जहां 2 मिनट पहले वो राज के साथ थी तो उसे राज दिखाई नहीं देता। लता राज को आस पास बहुत ढूंढती है लेकिन राज का कोई अता पता नहीं था। ये बात लता को बहुत चोंका देती है।

राज आईने की मदद से अपने घर अपने कमरे में पहुंच गया था। लता के सेक्सी से ख्याल राज के दिमाग मे अभी भी कोलाहल मैच रखे थे। राज आईने का इस्तेमाल लता के कहे अनुसार करने पर विचार कर रहा था। लेकिन राज अंदर ही अंदर घबरा भी रहा था। राज एक बार आईने की तरफ देखता है और फिर आईने को सुरक्षित अपने बैग में रख कर बिस्तर पर लेट जाता है।



अभी कुछ ही समय गुजरा था कि नीचे हॉल से राज की मम्मी की आवाज आती है।



सरिता: राज.... राज , राज रानी और सोनिया के साथ नीचे आ जाओ, डिनर तैयार है।



राज: आया मम्मी,


राज अपने कमरे के दरवाजे तक आता है लेकिन कुछ सोच कर वापस अपने कमरे में अपने बैग की तरफ जाकर आईना निकलता है। जो अब राज से दूर होते ही एक दम सादारण आईने की भांति नज़र आ रहा था। लेकिन जैसे ही राज ने उसे उठाया, आईना एक बार फिर से जाग गया। 




राज: आईने मुझे चंचल को देखना वो इस वक़्त क्या कर रही है।, राज पूरी तरह से चंचल के बारे में सोचने लगता है। राज के दिल और दिमाग से आईना चंचल तक पहुंच कर वहां की तस्वीर आईने में नज़र आ जाती है ठीक ऐसे जैसे कोई लाइव टी वी देख रहा हो।



चंचल इस वक़्त बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। चंचल इस वक़्त किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी। राज अपना सर आईने में डालता है तो वो चंचल की बात सुन पा रहा था। वहंचल इस वक़्त प्रीति से बात कर रही थी। प्रीति वही रानी और सोनिया की एक और सीनियर।





प्रीति: यार सुना है कल एक नई लड़की कॉलेज में आ रही है।




चंचल: क्या ? सच मे? तुम्हे कैसे पता?



प्रीति : कल क्या है ना उस लड़के और रानी के जाने के बाद में आफिस गयी थी, तो मैंने सुना था। अपने आफिस के बाबू साहब किसी को फीस और क्लास के बारे में बता रहे थे । लास्ट मैं फ़ोन रखते वक़्त उन्होंने उसका नाम भी पूछा था। 



चंचल: क्या नाम है उसका?



प्रीति: कोमल!



चंचल: कोमलss ह्म्म्मsss एक आईडिया है मेरे पास। क्यों ना काल कोमल की सुपरहॉट रैगिंग करें व भी उस नए लोंडे के सामने, अरे वही रानी का भाई, राज।



प्रीति: ऑसम, यार चंचल कुछ भी बोल लेकिन मैं चाहती हूं राज मुझसे पट जाए।



चंचल: हरामजादी! आज तो बोल दिया है आगे से ऐसा मत बोलना, राज केवल मेरा है। उसके आस पास भी कोई नज़र आया ना तो जान से मार दूंगी। हाँ अगर चुदवाने का इरादा हो तो बोलो, में तुम्हे राज से चुदवा दूंगी।



प्रीति: क्या ? राज तुम्हारा है? कब से?



चंचल : जब से उसे मैंने पहली बार देखा है। चल बाकी की बातें काल कॉलेज में करती हूं । मेरी छोटी बहन बुला रही है।



रानी: फ़ोन रख कर अपने कपड़े बदलने लगती है। रानी जैसे ही अपना टी- शर्ट उतारती है राज की आंखों के सामने रानी की बड़ी बड़ी चुंचिया सामने आ जाते है।




राज अचानक से रानी की चुंचिया देख कर घबरा जाता है और तुरंत आईने से बाहर निकल कर आ जाता है। लेकिन जब राज बाहर निकल कर आता है तब तक राज का जंग बहादुर तलवार बाजी के लिए पोजीशन में आ चुका था। राज के पायजामे में राज का तंबू क्लियर देखा जा सकता था।





राज का ध्यान अपने लन्ड पर गया तो राज को बहुत आश्चर्य हुआ। राज सोच रहा था इतने से मैं मेरा ये हाल हो गया। तभी राज के दिमाग में चंचल की एक बात आती है, दरअसल राज के कानों में चंचल की एक बात ज्यों की त्यों सुनाई पड़ती है " यार मेरी छोटी बहन भी बुला रही है।




राज चंचल की बात सुनकर तुरंत आईने को देखते हुए चंचल की बहन के बारे में सोचता है। जिसे देखा नहीं सिर्फ उसके सोचने मात्र से आईन राज के ख्यालों का पीछा करते हुए चंचल की छोटी बहन तक पहुंच गया। 





ओह वावsss....वाह, राज के मुह से बस इतना ही निकल सका। चंचल भले ही कितनी भी शैतान क्यों ना हो लेकिन इस बात को झुटलाया नहीं जा सकता कि वो बहुत खूबसूरत है और साथ ही मॉडर्न पढ़ी लिखी फैमिली से है तो काफी ओपन भी है। ठीक चंचल की तरह चंचल की बहन भी बहुत खूबसूरत है। उसका फिगर, उसका दूधिया गोरा रंग, लंबे घने बाल, चेहरे पर मासूम सी मुस्कान किसी को भी अपनी तरफ खींच सकती है।




राज चंचल की बहन के उरोजों को देखता ही रह गया। चंचल की बहन के उरोज कपड़ों के ऊपर से अपना आकार और कड़क पन दर्शा रहे थे। जाहिर की बात है उन उरोजों का कड़क पन देख कर इतना तो कहा जा सकता था कि छोरी ने अभी तक दबवाना मिजवान शुरू नहीं किया। लेकिन जब उसके आकर की बात आती है तो लगता है जैसे छोटी उम्र से ही दबवाना शुरू कर दिया था।






राज का लन्ड अब आईने में भी अपनीं बैचैनी दिखा रहा था। राज को लग रहा था की अभी अगर किसी की चुदाई नहीं किया तो लन्ड फैट जा जाएगा।



तभी अचानक से आईने ने राज को बाहर निकाल कर बेड पर फेंक दिया। राज जैसे ही बेड पर आता है, चोंक जाता है। आखिर आईने ने ऐसा क्यों किया?



तभी राज का दरवाजा जोर से बजता है। और बाहर से आवाज आती है जो कि राज की माँ की थी।



सरिता: राज तुरंत बाहर आओ! कब से दरवाजा पिट रही हूं तुम्हे समझ नहीं आता।



राज सरिता की आवाज सुनकर तुरंत दरवाजा कजोलने के लिए आगे बढ़ता है लेकिन जाने से पहले आईने को वापस बैग में रख देता है।


राज दरवाजा खोलता है तो सामने सरिता थी। 





सरिता: 2 मिनट में नीचे आ जाओ। अभी!



राज: जी मम्मी चलो मैं आ रहा हूँ। राज अपनी मम्मी के साथ नीच आने लगता है। तभी राज जैसे ही सरिता मुड़ कर जाने लगती है , तुरंत अपने हाथ से अपने लन्ड को एडजस्ट करता है और सीढ़ियां उतरता हुआ नीचे आता है। लेकिन इतना बड़ा लन्ड ढीले ढाले पायजामे में कैसे एडजस्ट हो सकता था। 




फिर भी राज तुरंत डिनर के लिए टेबल पर बैठ जाता है। रानी सोनिया गिरधारी और सरिता सब साथ मिलकर खाना खाने लगते है। राज को बार बार चंचल की छोटी बहन की और चंचल की चुंचिया नज़र आ रही थी। जिसके कारण राज का लन्ड बुरी तरह से अकड़ कर दर्द करने लगा था। 



राज जल्दी से खाना खत्म कर देता है लेकिन राज से पहले सरिता खाना कर के किचन में चली जाती है। अब राज टेबल पर बैठा था। राज को समझ नही आ रहा था कि अपनी बहनों के सामने से इस हालत में कैसे जाए?, जब उसका लन्ड औकात के बाहर आकर अकड़ा पड़ा है। राज अभी सोच ही रह था कि सरिता की आवाज आती है।



सरिता: राज अगर खाना खा लिया हो तो जूठे बर्तन यहाँ रख दो।



राज: जी मम्मी, 


राज कुछ सोच कर जल्दी से उठकर किचन में जाने लगता है लेकिन सोनिया की नज़र राज पर ही थी। जैसे ही राज खड़ा हुआ सोनिया की नज़र राज की थाली से फिसल कर सीधा राज के तम्बू पर पड़ जाती है जो राज के जल्दी जल्दी चलने से उसके जेब की तरफ आकर अकड़ा हुआ था। 



राज जैसे ही किचन के दरवाजे पर पहुंचता है सोनिया उछल कर बोल पड़ती है।



सोनिया: राज तुम्हारे जेब में क्या है? 



राज : कुछ भी तो नहीं!



सोनिया की बात सुनकर सरिता भी चोंक जाती है। और सरिता भी राज की जेब की तरफ देखने लगती है। सरती बायीं तरफ ही खड़ी थी तो राज के जैन कुछ तो है ये समझ कर सरिता अपना हाथ धोकर राज को बुलाती है।



सरिता: राज, तुम्हारे जेब मे कुछ तो है । सच बताओं क्या है?



राज: सच मे मम्मी कुछ भी नहीं है।



सरिता क्लिनिक और घर के काम से काफी थक गई थी इसलिए वो राज से बहस नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने तुरंत राज को कंधे से पकड़ कर किचन के अंदर की तरफ कर दिया और राज के जेब में हाथ डाल कर उस चीज को बाहर निकाल ने की कोशिश करने लगी।



लेकीज जब तक सरिता को इस बात का एहसास होता की सरिता के हाथ में क्या है तब तक बहुत देर हो चुकी थी। राज के लन्ड मैं हल्का हल्का जो दर्द था वो अब काफी बढ़ चुका था। और सरिता के हाथ में राज का लन्ड आते ही सरिता ने उसे दबोच कर पकड़ा था। जैसे ही सरिता ने उसे राज के जेब में पकड़ा राज के लन्ड ने एक ठुमका मारा।



सरिता ने लगभग 10-15 सेकंड तक राज के लन्ड को पकड़े रखा लेकिन जैसे ही सरिता को राज के लन्ड का एहसास हुआ, सरिता की दिल की धड़कनें बढ़ने लगी। सरिता ने तुरंत राज का लन्ड छोड़ दिया। सरिता इस वक़्त शर्मा भी रही थी और राज के लन्ड का आकार और कड़कपन देख कर शॉक में भी थी।



राज अपनी माँ के हाथ में अपने लन्ड के एहसास से ही शर्मसार हो चुका था। राज तुरंत दौड़ता हुआ अपने कमरे में चला जाता है।




सरिता राज को इसतरह जाते देख मुस्कुराने लगती है। साथ ही शर्मा भी जाति है। क्यों कि सरिता को अभी तक राज के कड़क और लंबे लन्ड का एहसास हो रहा था।






सोनिया: मम्मी मम्मी क्या था राज के पास?



सरिता: हम्म , वो, वो कुछ नहीं था?



सोनिया: ऐसा कैसे हो सकता है? मैंने तो.....



सरिता: बकवास मत करो तुम, जाओ सो जाओ। और मुझे मेरे ये काम खत्म करने दो। सरिता चुप चाप अपने काम में लग जाती है। 



वही राज अपने कमरे में पहुंचता है और अपना कमरा अंदर से बन्द करके अपना पायजामा उतार देता है। राज का लन्ड बुरी तरह से खड़ा था। राज को अपने लन्ड पर एक एक नस साफ नजर आ रही थी। फिर अचानक से राज को लता की बात याद आती है। राज मन ही मन सोचता है क्या ये संभव है। 



राज तुरन्त अपना आईना निकाल कर लता को याद करने लगता है। राज जैसे ही लता को याद करता है आईना लता को अपने आप में दिखाने लगता है। 





फिर राज मुस्कुराता हुआ लता की चूत के बारे में सोचता है। जब राज लता की चूत के बारे में सोचता है तो राज को लता की चूत आईने में साफ नजर आ जाती है। 




लता की चूत पर बाल नही थे । उसने आज कल मैं ही बाल साफ किये थे । क्लीन चूत देख कर राज पागल सा हो गया। राज हल्के से लता की चूत पर अपनी जीभ फिराता है।





लता इस वक़्त अपने बेड पर सोने की कोशिश कर रही थी। अचानक से लता को राज की जीभ का एहसास अपनी चूत पर होता है। जिस से लाता सिसक पड़ती है और फिर अचानक से उठ बैठती है। लता अपना पेटीकोट ऊपर करके देखती है तो लता पेंटी पहन रखी थी। लेकिन फिर भी उसे ऐसा लगा जैसे किसी ने उसकी चूत को छुआ हो।



लता अपनी पेंटी नीचे करके अपनी छूट देखने लगती है कि वहां आईने में राज अपना मुह लता की छूट पर लगा देता है। 




और सलर्प सलर्प करके लाता की चूत चाटने लगता है। और लता अपनी पेंटी उतार कर अपनी छूट को देख रही थी जो बुरी तरह से गीली हो चुकी थी। 



लता को महसूस होता है कि कोई उसकी चूत चाट रहा है लेकिन उसे कुछ नज़र नहीं आता। लता के लिए अजीब सी सिचुएशन थी। लता को एक तरफ जहां मज़ा आ रहा था वही दूसरी और लता शॉक भी थी कि आज उसकी चूत अचानक से अजीब तरह से गीली क्यों हो रही है। 



वही दूसरी और लगभग 4-5 मिनट तक लता की चूत चाटने के बाद राज के बर्दाश्त के बाहर हो चुका था। राज अपने लन्ड पर हल्का सा थूक लगा कर लता की चूत पर अपना लन्ड सेट करता है और आईने को अपने लन्ड पर दबाता है। राज का लन्ड बहुत ही धीरे धीरे लता की चूत मैं जाने लगता है। 




वही दूसरी और लता को चूत मैं कुछ घुसने का एहसास होता है साथ ही उसे दर्द भी होता है। लता बुरी तरह से तड़प रही थी। और राज अपना पूरा लन्ड लता की चूत में डाल देता है। लता दर्द बर्दाश्त करने के लिए खुद अपनी गांड को अपने हाथों से खोलने लगती है। उसे तो ये भी नहीं पता कि सच में उसकी चुदाई हो रही है।


लता किसी चीज के अपनी चूत से लेकर के अपने गर्भाशय तक अंदर होने का एहसास कर सकती थी। लता अपनी दोनों टांगें बैंड कर लेती है। लेकिन इस से कुछ फर्क नहीं पड़ता।


अब राज आईने को एक तकिये पर रख कर अपना लन्ड उस आईने में नज़र आ रही लता की चूत में पेलने लगता है। इधर राज मजे से कराह रहा था वही दूसरी और लता भी मजे से सिसक रही थी। (अगर दोनी एक दूसरे को देख रहे होते तो शायद ऐसे होते)





लाता को समझ नही आ रहा था कि ये क्या हो रहा है? लता सोच रही थी कि ये तो मेरा पीरियड टाइम भी नहीं है फिर ये क्या हो रहा है ? 3 दिन बाद ही पीरियड कैसे शुरू हो सकतें है। लेकिन ये पीरियड का नहीं लगता जी जैसे कोई मेरी चुदाई कर रहा हो।



राज वही दूसरी और बार बार अपनी पोजीशन बदल बदल कर लेता की चूत पेले जा रहा था। लता करीब करीब 3 बार तो झड़ चुकी थी।



करीब 20 मिनट बाद राज लता की चूत मैं अंदर तक झड़ जाता है।





राज अपना लन्ड लता की चूत से बाहर निकाल लेता है।वही लता बिस्तर पर थक कर पेट के बल लेट जाती है। लता को आज सेक्स का अलग अनुभव और मज़ा मिला। लता की कोई चुदाई कर रहा था जिसे वो देख भी नहीं सकती थी।



और राज लता की चुदाई करके थक गया था सो आईना बेग मैं रख कर राज सो गया। वही रानी और सोनिया भी सो चुकी थी। केवल सरिता की आंखों से नींद कोसौं दूर थी।

सरिता बैचैनी से अपनी करवटें बदल रही थी। नींद का कोई इरादा नहीं। पिछले कुछ दिनों से गिरधारी कुछ फिजिकल प्रोब्लेम्स से गुजर रहा था। शायद उम्र का तकाजा था या कुछ और कह नहीं सकते। लेकिन जब राज गांव गया तब गिरधारी और सरिता की सेक्स लाइफ में जो नया पन आया था वो महज़ कुछ ही दिनों का बन कर रह गया। 






जब से गिरधारी राज को वापस लेकर आया है तब से लेकर अभी तक सरिता ने गिरधारी से अपनी सेक्स अपील के बारे में कहा लेकिन गिरधारी सेक्स के प्रति अब उदासीन हो गया था। 



गिरधारी का आज कल सेक्स करने की मन नही होता था। और अगर हो भी जाता था तो गिरधारी के लिंग में अब वो तनाव नहीं था जो कभी हुआ करता था। इसलिए भी सरिता थोड़ी बहुत गिरधारी से नाराज रहने लगी। और एक बात और थी जिस से सरिता गिरधारी से नाराज रहने लगी। वो ये की रानी और सोनिया जब से कॉलेज जाने लगी है तब से उन दोनों के कपड़े छोटे और मॉडर्न होते जा रहे है। जो सरिता को पसंद नहीं लेकिन गिरधारी अपनी बेटियों को छूट दे रखा था।





ऐसा नहीं है कि सरिता को अपनी बेटियों के छोटे होते कपड़ों से दिक्कत है लेकिन सरिता इस बात से भी परेशान है क्योंकि उसकी बेटियां सुंदर होने के साथ साथ बहुत नादान और मासूम है। किसी के भी कहने में आ सकती है। सरिता भी अपनी बेटियों को मॉडर्न कपड़े पहनाना चाहती है लेकिन इतने भी मॉडर्न नहीं कि सारी मान मर्यादा ही भुला दी जाए। 





इन्ही बातों को लेकर सरिता और गिरधारी मैं तू तू में में होती रहती है। लेकिन आज जब गलती से ही सही सरिता को राज के लन्ड का एहसास हुआ उसने सरिता की सेक्स अपील को और बढ़ा दिया। ना चाहते हुए भी सरिता आज शाम से गीली हो रही थी। सरिता अपने कपड़े उतार कर अपने बिस्तर पर खुद अपने बेटे को याद करके अपनी ही उंगली से खुद को शांत करने का असफल प्रयास कर रही थी।




वहीं दूसरी और सपने में राज अपने नाना जी को देखता है । फिर अचानक से राज को लता की चुदाई नज़र आती है। फिर राज चंचल की बहन को देखता है। इसी तरह से राज के सपने स्विंग होते रहते है। दरअसल दोस्तों ऐसा तब होता है जब आप अपने दिमाग मे एक ही समय पर अलग अलग विचारों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करते है।



वही रानी और सोनिया अपने सपनो की दुनिया मे वही अपने सपनों के राजकुमार की तलाश कर रही थी। ऐसे ही पूरक रात गुजर गई। सरिता को एक पल भी नींद नही आयी। इसलिए सरिता थोड़ी थकी हुई लग रही थी। फिर भी सरिता ने सबके लिए चाय बनाई और सबको देने उनके रूम में जाने लगी। 





सबसे पहले सरिता में गिरधारी को चाय दी। उसके बाद रानि और सोनिया को जो काफी पहले उठ चुकी थी। क्योंकि आज सुबह जल्दी ही रानी और सोनिया के फ़ोन पर चंचल का फ़ोन आया था। खेर वो बाद में अभी चलते है राज के रूम में।


सरिता राज के रूम में धड़कते दिल के साथ अंदर जाती है। राज के रूम के बाहर खड़ी होकर सरिता कल की घटना को याद करके रोमांचित हो जाति है।




सरिता आहिस्ता आहिस्ता राज के रूम का दरवाजा खोलती है और अंदर आ जाती है। सरिता एक नज़र राज पर डालती है और वही ठहर जाती है। राज इस वक़्त ऐसे सो रहा था कि सरिता शर्मा गयी। 


दरअसल राज अपने पायजामे में हाथ डाले सो रहा था। सरिता होल से पास में जा कर राज को उठाने लगती है लेकिन अचानक से सरिता के हाथ रुक गए। राज के बैग में पड़ा आईना हल्का हल्का नीले रंग का होकर चमकने लगा। सरिता इस वक़्त ऐसे खड़ी थी जैसे किसी ने हिपनोटाईज़ कर रखा हो।




सरिता हल्के से राज पर झुक कर उसकी साँसों को अपने मे गहरी सांस लेकर समाने लगी। सरिता का एक हाथ बहुत ही आराम से राज के हाथ को पकड़ कर उसके पायजामे से बाहर निकालने लगी।





राज का हाथ तो बाहर आ गया लेकिन राज का लन्ड राज के पायजामे में अपनी पहचान नहीं छिपा पाया और पायजामे में उभर कर नज़र आने लगा। सरिता का दिमाग और दिल इस वक़्त पूरी तरह से ब्लेंक था। उसे ना तो किसी बात की एक्शाइटमेन्ट थी न ही किसी तरह की घबराहट। 





सरिता इस वक़्त जो भी कर रही थी उसके लिए ऐसा था जैसे कोई रोबोट हो। सरिता अपने हाथों से राज का पायजामा नीचे की तरफ खींच कर राज के लन्ड को बिना अंडरवियर के देखने लगी। राज बुरी तरह से नींद के आगोश में खोया हुआ था। राज को भी इस बात का होश नहीं था कि उसके साथ कुछ हो रहा हो।


तभी आईने की नीली रोशनी पूरे कमरे में फैल जाती है और सरिता आगे की तरफ झुक कर राज के लन्ड को अपने हाथ मे ले लेती है। सरिता इस वक़्त वास्तव में ऐसे लग रही थी जैसे किस ने जादू से उसे अपने वश में कर रखा हो। सरिता होले से राज के लन्ड को हिलाने लगती है। करीब 1-2 मिनट में ही राज का लन्ड पूरी तरह से कड़ा हो जाता है। 




सरिता राज के लन्ड को अपने चेहरे पर बिना किसी भाव के पकड़े हुए थी। कि अचानक से आईने से एक लाल और नील रंग की दोनो रोशनी निकलती है।





और सरिता हल्के हल्के आगे की तरफ झुक कर राज के लन्ड के सुपडे को जुबान से चाटने लगती है। और घप से राज के लन्ड को अपने मुह में ले लेती है।





सरिता को राज का लन्ड चूसते हुए अभी कोई 2-3 मिनट ही हुए थे कि रानी और सोनिया के नीचे उतरने की आवाज आने लगती है जिसके चलते आईने का सम्मोहन भंग हो जाता है। और आईने से निकलने आली रोशनी भी लुप्त हो जाती है। 



अचानक से आईना का सम्मोहन तो भंग हो जाता है लेकिन सरिता वैसे ही राज पर झुक कर राज का लन्ड चूसते रहती है। करीब 1 या डेड मिनट बाद सरिता को होश आता है कि वो क्या कर रही है। सरिता ज्यूँ की त्यों राज का लन्ड अपने मुह में लिए स्तब्ध हो जाती है।




सरिता को ये समझ नहीं आ रहा था कि उसने अपने ही बेटे के साथ ऐसा क्यों किया। सरिता अब डर भी रही थी और ग्लानि भी महसूस कर रही थी। सरिता होल होल राज के लन्ड को अपने मुह से बाहर निकालती है तो सरिता का मुह खुला का खुला रह जाता है। राज के 9.5 इंच के लन्ड के साइज को देख कर सरिता की की आंखें बड़ी हो जाती है। 





तभी सरिता को एहसास होता है कि रानी ओर सोनिया सीढ़ियों से नीचे आ रही है। सरिता तुरन्त राज के लन्ड को उसके पायजामे में डाल कर राज को उठाने लगती हैं राज थोड़ी देर में उठ जाता है। राज के उठते ही सरिता राज को बोलती है " बेटा जल्दी उठो और तैयार हो जाओ, आज तुम्हे अपने कॉलेज भी तो जाना है। वैसे भी आज तुम्हारा नया कॉलेज है, वहां पर नए दोस्त मिलेंगे"



राज: उठ कर अपनी मम्मी को गुडमार्निंग वीश करता है। राज को एहसास हो जाता है कि उसका लन्ड बुरी तरह से कड़ा हो रखा है। राज जल्दी से उठ कर वाशरूम में चला जाता है। राज अपना पेंट खोल कर अपने लन्ड को देखता है तो वो सरिता के थूक से बुरी तरह से जिला हो रखा था। वही सरिता आज के इंसिडेंट को लेकर अभी तक घबराई हुई थी। सरिता राज को चाय के लिए बोलकर नीचे किचन के काम मे लग जाती है। 



वहीं राज अपने आप पर गुस्सा कर रहा था। क्योंकि सरिता जो कुछ कर रही थी राज के साथ वो सब कुछ राज को सपने में नज़र आ रहा था। राज देख पा रहा था कि कैसे सरिता राज का लन्ड चुस रही थी। राज नींद से उठना चाह रहा था लेकिन उठ नहीं पाता।


राज जल्दी से तैयार होकर बाहर आता है और चाय देखता है जो कि ठंडी हो चुकी थी। राज चाय का कप लेकर किचन में जाता है और चाय का कप अपनी मम्मी को देकर नाश्ते के लिए टेबल पर बैठ जाता है। 


सभी लोग नाश्ता करके अपने अपने रास्ते निकल जातें है। लेकिन रानी और सोनिया राज को पकड़ कर अपनी कार में बिठा लेती है। 



राज: क्या कर रही हो दीदी मैं कॉलेज के लिए लेट हो रहा हूँ।



रानी: चुप कर आज आज की ही तो बात है चुप चाप चल हमारे साथ हमारे कॉलेज।






राज: लेकिन क्यों?





रानी : क्यों कि हमारी सीनियर चंचल ने कहा है कि हम सब अपने अपने भाई को एक लास्ट टाइम लेकर आएं। उसके बाद वो हम में से किसी भी जूनियर को परेशान नहीं करेंगी।



राज रानी की बात सुनकर चुप चाप बैठा रहता है। लेकिन राज का दिल और दिमाग किसी अनहोनी की आशंका से घिर जाता है।



करीब 30 मिनट बाद राज रानी और सोनिया के साथ उनके कॉलेज में पहुंच जाता है। 



गाड़ी से उतरते ही प्रीति और प्रिया राज, रानी और सोनिया को अपने साथ ले जाती है। 



राज रानी और सोनिया के साथ जैसे ही उस कमरे में पहुंचता है जहां पर कुछ दिन पहले राज की रैगिंग हुई थी राज शॉक हो जाता है । क्योंकि वहां पर एक नई लड़की खड़ी थी।जो कि बहुत खूबसूरत थी। उसके शरीर का हर एक कटाव उसके कपड़ों के ऊपर से देखा जा सकता था।





राज उस लड़की को देख कर मंत्र मुग्ध हो गया था। राज धीरे धीरे चलता हुआ चंचल के बाजू में खड़ा होकर उस नई लड़की को बहुत ही रोमांटिक और दीवाने जैसी नज़र से देख रहा था। 




वही वो लड़की भी एक तक राज को ठीक उसी अंदाज से देख रही थी।




उस लड़की के होश भी राज की पर्सनलिटी देख कर उड़ चुके थे।



चंचल: वेलकम राज, एंड रानी एंड सोनिया यू टू।।



राज रानी और सोनिया तीनो गर्दन झुका कर अभिनंदन करते है।



चंचल: गर्ल्स राज आज हमारे स्पेशल गेस्ट हैं। और याद रहे यहां जो कुछ होगा वो यहीं दफन हो जाना चाहिए। अगर कोई भी यहां की बात बाहर गयी तो अच्छा नहीं होगा।



सभी लड़कियां चंचल की बात सुनकर हाँ मैं गर्दन हिलाती है। वहां और भी कई लड़के थे जो बाकी लड़कियों के भाई थे उन्हें चंचल ने राज के पीछे खड़ा कर दिया और राज को एक चेयर पर बिठा दिया। 



चंचल: राज मीट थिस न्यू गर्ल "कोssssमsssल"....



राज को कोमल का नाम चंचल के मुह से बहुत ही स्लो मोशन में सुनाई देता है। वही हाल कोमल का था। कोमल ऊ भी राज का नाम स्लो मोशन में सुनाई देता है। 



राज और कोमल की नज़र एक दुसरे से मिलती है और दोनों एक दूसरे में गुम हो जाते है।





ऐसा लग रहा था जैसे राज और कोमल एक दूसरे को बरसों से जानतें हो। चंचल ने इस बीच कई बार कोमल को आवाज दी लेकिन कोमल तो राज में गुम थी। 






चंचल ने जब राज और कोमल को इस तरह से एक दूसरे को घूरते देखा तो चंचल अपने आप से बाहर हो गयी और गुसा करने लगी।



चंचल के गुस्से पर आग में घी वाला काम प्रिया की मुस्कान ने किया जो आंखों से चंचल को इशारा करके बोल रही थी कि देख तेरा राज किसी और को पसंद कर रहा है।



तभी चंचल गुस्से से चिल्लाते हुए कोमलssssssजोर से बोलती है।

चंचल के चिल्लाते ही प्रिया रानी और सोनिया के साथ साथ बाकी की लड़कियां भी चंचल को घूर घूर कर देखने लगती है। साथ ही चंचल के चिल्लाने से राज और कोमल का ध्यान भंग होता है, और राज ओर कोमल भी चंचल की तरफ देखने लगते है।


एक बात तो साफ थी। चंचल जितना भी कोमल पर चिल्ला रही थी लेकिन कोमल एक हल्की सी प्यारी सी मुस्कान दिए वहां पर कॉंफिडेंट से खड़ी थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोमल को चंचल के इस व्यवहार से कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था।





चंचल थोड़ा नर्म होकर कोमल से बोलती है।

बर्बादी को निमंत्रण
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चंचल के चिल्लाते ही प्रिया रानी और सोनिया के साथ साथ बाकी की लड़कियां भी चंचल को घूर घूर कर देखने लगती है। साथ ही चंचल के चिल्लाने से राज और कोमल का ध्यान भंग होता है, और राज ओर कोमल भी चंचल की तरफ देखने लगते है।


एक बात तो साफ थी। चंचल जितना भी कोमल पर चिल्ला रही थी लेकिन कोमल एक हल्की सी प्यारी सी मुस्कान दिए वहां पर कॉंफिडेंट से खड़ी थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोमल को चंचल के इस व्यवहार से कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था।





चंचल थोड़ा नर्म होकर कोमल से बोलती है।



अब आगे.....



चंचल: हेय कोमल क्यों ना हमारे स्पेशल गेस्ट के लिए एक डांस परफॉरमेंस हो जाये।


सभी लड़कियां चंचल अजर कोमल को चीयर कर रही थी। वही प्रिय और दूसरी लड़कियों के भाई मुस्कुरा रहे थे । लेकिन राज को कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हो रहा था।


तभी चंचल ने एक लाल चुनर और घुंघरू मंगवाए और कोमल को चुनर ओढ़ाने के बाद उसके पैरों में घुंघरू बांधने लगी।


राज ने जब ये सब देखा तो गुस्से से तिलमिला उठा। राज तुरंत सीट से उठा और बाहर चला गया। चंचल और कोमल ने भी राज को बाहर जाते देखा। चंचल राज को अब और नाराज नही करना चाहती थी। चंचल दौड़ी दौड़ी राज के पास गई।


चंचल: राज.... राज सुनो तो.... राज....


राज बिना चंचल की तरफ देखे चंचल को पीठ दे कर खड़ा रहा । 


चंचल: राज क्या हुआ तुम वहाँ से उठ कर क्यों आ गए।


राज कुछ नही बोलता बस चुप चाप वही खड़ा रहा।


चंचल: राज...मैंने कुछ पूछा ना। यार बताओ तो सही। अच्छा सुनो तुम जैसे कहोगे वैसा ही होगा। लेकिन कोमल की रैगिंग ज़रूर होगी। पर अगर तुम चाहो तो हल्की हो सकती है।



राज चिल्लाते हुए चंचल से बोलता है।


राज: आपको जो करना है करो चंचल मैडम, लेकिन आपने मुझे यहां क्यों बुलाया। मुझे ये सब पसंद नही है। आप एक लड़की होकर दूसरी लड़की से....(राज की बात अधूरी रह जाती है)


चंचल तुरंत आगे बढ़ कर राज को एक स्मूच किश करने लग जाती है।





जिसे रानी और सोनिया दोनों देख लेती है। राज आखिर भी है उनका वो उसे अकेले कैसे छोड़ देती सो वो दोनों भी पीछे पीछे आ गयी।



रानी और सोनिया दोनों छिप कर ये सब देख रही थी। वहीं राज चंचल को एक धक्का देकर पीछे दखेल देता है। दोनों का चुम्बन छूट जाता है।


चंचल: वाह टेस्टी हो यार मानना पड़ेगा।


राज: शट उप ये क्या बदतमीजी है।


चंचल: बदतमीजी नहीं राज प्यार है। मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ।


राज चंचल की तरफ एक टक देखने लगता है। फिर बोलता है।


राज: ये कैसे हो सकता है ? मुश्किल से हम 2 बार मीले है। और दोनों बार तुमने मेरे साथ क्या किया है तुम जानती हो। फिर तुम सोच भी कैसे सकती हो कि मैं तुमसे प्यार करूँगा। तुनसे अछि तो कोमल है। बिचारि सब कुछ सहन कर रही है लेकिन एक प्यारी सी मुस्कान के साथ।


चंचल: ओह तो तुम कोमल से प्यार करते हो। चलो प्यार नहीं तो पसंद तो करते होंगे। वो भी आज ही !, मिलते ही।!उस साली को तो मैं रांड बना दूंगी यहां की।


राज: हाँ.... क्या ?? नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है। सुनो! रुको तो!


चंचल राज की तरफ गुस्से से देख कर वापस हॉल में जाति है और कोमल को बिना तैयार हुए देख कर चिल्लाते हुए उसे तैयार करने को प्रिया और प्रीति से बोलती है। इस बार कोमल भी घबरा रही थी। राज बाहर खड़ा खड़ा घबरा रहा था कि पता नहीं चंचल क्या करेगी इस लिए राज भी हाल की तरफ आ जाता है। और रानी और सोनिया भी चुपके से बाकी लड़कियों में शामिल हो जाती है। 



चंचल: म्यूजिक.....


तभी जो गाना बजता है उसे सुन कर सभी लड़के और लड़कियां हँसने लगते है। ये गाना मंगल पांडेय फ़िल्म का था था जिस पर रानी मुखर्जी ने मुज़रा पेश किया था। " तुम्हारी अदाओं पे मैं वारी वारी"


सब लोग कोमल को देख रहे थे। सब लोग कोमल का वीडियो बना रहे थे। लेकिन कोमल ने अपने आपको थोड़ा सा संभाल तभी कोमल की नज़र राज पर पड़ती है। कोमल राज को देखते हुए डांस स्टार्ट करने लगती है। कोमल क्या डांस करती है। एक दम माधुरी जैसा। ऊपर से कोमल ने कथक डांस भी सीखा हुआ था।


लेकिन चंचल को इस बात की खबर नहीं थी। चंचल तो राज और कोमल के नैन मटक्के देख कर गुस्सा किये जा रही थी। गाना खत्म होते ही। सभी लोगों ने कोमल की वाह वाही की । जिसे सुनकर चंचल उठ कर कोमल के पास आती है और कोमल को बोलती है।


चंचल: आज से हमारी जूनियर कोमल का नाम होगा कोमल बाई। ( और चंचल 2000 के 2 नोट निकाल कर अपने पैरों में डाल देती है और कोमल से इशारा करती है उसे उठाये। क्यों सही कहा ना इतना अच्छा मुज़रा तो कोठे वाली ही कर सकती है। 


सभी लोग चंचल की इस बात पर हँसने लग जाते है। सिवाय राज और कोमल के।


कोमल कुछ कर नहीं सकती थी। कोमल का चेहरा रोने जैसा हो गया था। लेकिन फिर भी कोमल चंचल के पैरों से वो पैसे उठा लेती है। कोमल उन पैसों को जैसे ही अपने पर्स में रखने लगती है चंचल टोक देती है।


चंचल: अरे अरे अरे क्या कर रही हो कोमल बाईं । कोठे वाली पर्स नहीं रखती। अपनी चुंचियों के पास दबा ले ये पैसे। कोमल की ला सुर्ख गुस्सैल आंखें चंचल को देख रही थी। लेकिन कोमल ने चुप चाप चंचल के कहे अनुसार पैसे अपने टॉप के अंदर रख लिए। 


टैब चंचल एक बार फिर से मुह खोलती है। 


चंचल: हे बॉयज क्या कोई बता सकता है हमारी इस कोमल बाई ने आज किस रंग की ब्रा पहनी है। आई प्रॉमिस जो सही जवाब देगा (कोमल की तरफ देखते हुए) मैं उसे वो ब्रा गिफ्ट दूंगी वो भी इस से लेकर। 


सभी लड़के लाल और ब्लैक बोल रहे थे। लेकिन चंचल ने 5 लड़के बुलाये और उनसे कहा तुम पांचों बताओ किस रंग की ब्रा पहनी है हमारी कोमल बाई ने।


पांचों ने एक ही रंग बोला तो चंचल ने कहा " मान लो तुम पाँचों का जवाब सही हुआ तो क्या ये कोठे वाली बाई पांच ब्रा उतारे गी। नहीं ना तो शर्त ये है तुम पांचो अलग अलग रंग बोलोगे।


उन पांचों लड़कों ने काला, नीला, भूरा, लाल, ग्रे रंग बोल दिया। 


चंचल: चलो कोमल बाई अपनी ब्रा दिखाओ। 


चंचल की इस बात पर कोमल के आंसू उसकी आँखों से लुढक कर उसके गाल पर आ गये। राज तुरंत आगे बढ़कर कोमल के आंसू पोछ कर उसे अपने पीछे कर लेता है। राज के सामने आते ही चंचल कुछ नहीं बोलती। चंचल राज का चेहरा देखती है जो इस वक़्त गुस्से में लाल हो रखा था। 


राज : बस बहुत हुआ चंचल अब बस भी करो।


रानि और सोनिया दोनो आगे बढ़कर चंचल के काम मे धकल देने से राज को रोकना चाहा, लेकिन चंचल ने उन्हें अपने हाथ से इशारा करके रोक दिया।


चंचल: तो कहो राज तुम किसे रोकना चाहते हो सोच समझ कर बोलना।


अचानक राज के दिमाग मे पता नही एक बिजली जैसा करंट दौड़ा और राज के विचार और सोचने समझने की क्षमता विकसित होने लगी। हालांकि इस बात एक एहसास ना राज को था नाही किसी और को। राज ने तुरंत कहा " मैं अपनी प्यारी गर्लफ्रैंड चंचल को रुकने के लिए बोल रहा हूँ।


कोमल जब राज के मुह से सुनती है कि चंचल राज की गर्लफ्रैंड है तो कोमल राज से नाराज हो जाती है साथ ही बहुत टूट जाती है।


राज कोमल को वापस अपने कपड़े पहन ने के लिए भेज देता है और चंचल को लेकर बाहर आ जाता है। चंचल राज को किस करने के लिए बोलती है। और राज चंचल के गाल पर किश कर देता है। चंचल राज को होंटों पर किश करने को बोलती है। लेकिन राज उसे ये कहकर मना करदेता है कि सब्र करो जान सब्र का फल मीठा होता है। 


कुछ देर चंचल के साथ घूमने और ईधर उधर की बातें करने के बाद राज रानी ओर सोनिया के साथ घर को निकल पड़ता है। ये समय दोपहर का था।दिन के दूसरे प्रहर का।


राज और सोनिया जहां रानी के साथ गाड़ी से घर को निकल रहे थे वही घर पर सरिता सोई पड़ी थी। 


सरिता इस वक़्त एक सपना देख रही थी। सपने में सरिता एकदम नग्न अवस्था मे लेटी हुई है ओर राज सरिता के ऊपर चढ़ा हुआ है राज का लन्ड सरिता की चूत में घुसा हुआ है राज सरिता की आंखों में देखते हुए सरिता की चुदाई कर रहा है। 





और सरिता अपने चरम सुख के सागर में गोते खाते हुए अपना बिस्तर गीला कर रही है। 


करीब 30 मिनट बात राज एयर रानी सोनिया घर की बेल बजाते है। जिसे सुनकर सरिता की नींद टूटी जाती है। सरिता का पूरा बदन दुख रहा था। सरिता जब बिस्तर पर बैठती है तो देखती है कि उसकी पूरी पेंटी और उसकी गांड उसी के चूत के पानी में बुरी तरह से भीगी पड़ी है। यहां तक कि उसकी बेदशीट पर भी 2 बिलांद का गीला धब्बा पैड गया है। सरिता खुद को संभालते हुए सबसे पहलव दरवाजा खोलती है। 


राज सरिता को दरवाजे पर देखता है तो देखता ही रह जाता है। साथ ही अपने सुबह के सपने को याद करके अंदर ही अंदर शर्मिंदा फील करता है लेकि। अगले ही पल राज सरिता को देख कर उत्तेजित हो जाता है। उसके लन्ड ने अपना सर उठाना शुरू कर दिया था।

राज अब किसी भी हाल में अपनी माँ के सामने भी शर्मिंदा नहीं होना चाहता था। राज पहले ही कोमल के सामने शर्मिंदा हो चुका था। राज चुप चाप सर झुका कर अपने कमरे की और चला जाता है। 




वहीं सरिता भी नहाने के लिए अपने कमरे में चली जाती है। सरिता को अभी तक यकीन नहीं हो रहा था कि उसने इस तरह का सपना क्यों देखा। क्या सच मे उसके मन मे अपने बेटे के प्रति.... नहीं नहीं ऐसा नही हो सकता। सरिता अपने नए कपड़े निकाल कर बाथरूम में चली जाती है।




वहीं दूसरी ओर रानी और सोनिया अपने कमरे में जाकर सीरियस होकर बैठ जाती है।


रानी: सोनिया यार ये राज ने क्या किया? उस चंचल से फ्रेंडशिप!


सोनिया: सोनिया फ्रेंडशिप? राज ने उसे अपनी गर्लफ्रैंड बना लिया। 


रानी : लेकिन क्यों? वो खुद तो कितनी हरामी है। और हमारा राज एक दम भोला भाला मासूम, पता नही कैसे उसके झांसे में आ गया। और राज क्या ज़रूरत थी हीरो बन कर उस कोमल को बचाने की?


सोनिया: दी मुझे लगता है हमे ही अपने भाई को बचाना होगा। उस कलमुँही के चुंगल से। और ये तो मुझे भी नहीं समझ आ रहा कि आखिर राज ने कोमल को क्यों बचाया। 


रानी: बचाने को तो हम भी बचा सकते है लेकिन एक तो चंचल हमसे सीनियर है ऊपर से उसके पास मैन पावर है और साथ ही मनी पावर भी।


सोनिया: और दी उसके पास फैमिली सपोर्ट भी है जो हमारे पास बिल्कुल भी नही। अगर किसी ने गलती से भी मॉम या डैड को हमारी शिकायत कर दी ना तो बस हो गया काम। 


रानी : हाँ! लेकिन ये सब तो बाद कि बात है। पहले ये सोच और बता की हम राज की मदद कैसे करे? हम राज की ज़िंदगी यूँ बर्बाद होते तो नहीं देख सकती ना।


रानी और सोनिया आपस में राज की मदद करने के बारे में सोच रही थी। वही राज अपने रूम में इधर उधर चक्कर काट रहा था।


राज बहुत बैचेन हो रहा था। यहां तक कि राज का शरीर बुरी तरह से गर्म होकर कांप रहा था। यूँही चक्कर काटते काटते राज ना जाने कब एकदम से बेहोश हो गया।


राज के बेहोश होते ही राज के बैग में पड़ा आईना बुरी तरह से चमकने लगता है। वो नीली रोशनी राज के सर पर आकर चारों तरफ इक्कठी हो जाती है। और थोड़ी ही देर में वो रोशनी राज के दोनों कानों से होते हुए राज के पूरे शरीर मे लुप्त हो जाती है।




अचानक से राज की आंख खुलती है तो राज देखता है कि उसके सामने उसके नानाजी खड़े है। राज भागता हुआ अपने नाना के पास जाना चाहता है लेकिन नही जा पाता। राज जितना भागता है उतना राज के नाना राज से दूर होते जाते है।या फिर यूँ कहूँ की राज अपनी जगह से इंच भर भी आगे नहीं दौड़ पाता क्योंकि उसके बराबर उसके पैरों के नीचे की ज़मीन चलती रहती है



नाना: रुक जाओ राज! तुम मुझ तक नहीं पहुंच पाओगे।


राज: लेकिन क्यों नाना जी? मैं ज़रूर आप तक पहुंचूंगा।


नाना: नहीं राज , तुम मुझ तक कभी भी नहीं पहुंच पाओगे लेकिन मैं तुम तक बहुत पहले पहुंच गया था। सिर्फ तुम ही हो जो मुझे इस आईने से मुक्त कर सकते हो।


राज: हाँ नाना जी मैंने इस बारे में बहुत सोचा है लेकिन समझ नही आता कि क्या करूँ? आप आईने में ऐसे कैसे फंस गए।


नाना: राज तुम्हे सिर्फ मेरी वो 5 किताबे पढ़नी है। 




आईने की मदद से तुम मेरी पांचों किताबों को ढूंढ लोगे। और जो तुमने नीलांकर पिया था उससे तुम्हे मेरे सारे अनुभव प्राप्त हो जाएंगे। ज़रूरत है कि तुम उन्हें अपना लो। ताकि तुम समझ सको की आईने को कैसे इस्तेमाल करना है। और मैं इसमें कैसे फँसा? तुम्हारे सारे सवाल एयर जवाब साफ हो जाएंगे। एक बात और राज जब मैंने मेरे अनुभवों को नीलांकर में मन्त्र शक्ति से बांधा टैब मेरे अच्छे और बुरे सारे अनुभव और कामनाएं भी उस मे बांध गयी थी। इसलिए जब तुम उन्हें अपनाओगे तो तुम मेरे बुरे अनुभव की तरफ ज्यादा खिंचे चले जाओगे।


राज: नाना जी वो किताबे बहुत मोटी है सारी उम्र गुजर जाएगी लेकिन में नहीं पढ़ पाऊंगा। और आपके अच्छे बुरे दोनों अनुभवों का पाठ में कैसे अपना पाऊंगा दादा जी। क्या ये संभव है ?


नाना: राज आईने की मदद से तुम एक दिन या एक घंटा या फिर 4 साल से 400 साल तक पीछे जा सकते हो। तुम एक ही दिन मैं पांचों किताबों को पढ़ सकते हो। तुम्हे बस खुद पर यकीन होना चाहिए। एक और बात राज कभी भी ये मत सोचना की तुम गलत कर रहे हो। क्योंकि तुम जो कुछ कर रहे हो यही सही है इस बात पर तुम यकीन करो। क्योंकि मैंने मेरे किये पर संदेह किया था, यकीन नहीं किया था इस लिए मैं आईने का ग़ुलाम बन गया हूँ।


राज: ( उदास मन से) जी नाना जी


नाना : मैं जानता हूँ राज तुम उस लड़की की वजह से परेशान हो तुम आईने की मदद से सब कुछ ठीक कर सकते हो। लेकिन न तो किसी का प्यार पा सकते हो ना ही किसी की नफरत। क्योंकि आईने की दुनिया का एक ही उसूल है। यहां पर ये भावनाएं किसी काम की नहीं है। एक बात और राज वो चंचल और सरिता दोनो को तुम्हे राजकुमारी नैना....


राज के नाना अपनी बात पूरी करते उससे पहले ही राज को होश आ जाता है। राज अपने नाना की कही हर एक बात को विचार करके आजमाता है । करीब 4 घंटों से राज अपने शरीर में मौजूद नीलांकर को स्वीकार करने का प्रयास कर रहा था। लेकिन अभी तक सफल नहीं हो पाया। क्योंकि राज को मालूम ही नहीं था कि इसे अपनाया कैसे जाए। अचानक से राज को आईने का ख्याल आता है। राज आईने को कुछ देने की सोचता है कि आखिर आज क्या दूँ इस आईने को तभी राज को याद आता है।


राज: ए आईने में तुम्हे मेरी नई बानी गर्लफ्रैंड चंचल की कोमल से की गई सारी नफरत देता हूँ। 


आईने ने पहले तो भयंकर बवंडर पैदा किया उसके बाद आईने से एक आवाज आयी ये जो नफरत तुम देना चाहते हो ये आईने की दुनिया की है तुम इसे नहीं दे सकते।


अब राज बुरी तरह से चोंक जाता है।कहीं चंचल आईने की दुनिया से तो नहीं।


तभी राज को अपने नाना जी के आखिरी शब्द याद आते है चंचल और सरिता दोनों को तुम राजकुमारी नैना.... राज तुरंत आईने से बोलता है ठीक है आईने में तुम्हे मेरी उम्र का एक दिन देता हूँ। 



राज की बात सुनकर आईना उसे स्वीकार कर लेता है। आईना राज को बोलता है। तुम्हारी उम्र का एक दिन तुम्हे मेरे इस आईने के 3 दिन तक इस्तेमाल करने की छुट देता है।तुम्हारा दान मुझे स्विकार है।



अचानक से राज के शरीर से एक हल्की सी रोशनि निकल कर आईने में समा जाती है। राज के ऐसा करते ही राज के शरीर के अंदर का नीलांकर स्वचालित हो जागरत हो जाता है। अचानक से राज के सर मैं दर्द होता है और राज फिर से बेहोश जो जाता है।


जब राज को होश आता है तो राज कुछ ज्यादा ही अच्छा महसूस कर रहा था। अब राज का दिमाग अपने अनुभव के साथ साथ अपने नाना के अनुभवों को भी अपने दिमाग में देख सकता था। उन्हें महसूस कर सकता था। आज राज भले ही 18 साल का हो लेकिन उसके दिमाग में 100 साल से भी ज्यादा का अनुभव था।


राज उन सभी विषयों में तेज हो गया था जिनमे उसके नाना थे। या फिर ऐसा कहूँ की राज के नाना की यादें और अनुभव अब राज के अपने थे।


तभी राज के मन में जो सबसे पहला विचार आता है वो था की आखिर नाना जी ने मुझे अपने सभी अनुभव अउ4 विचार कैसे दे दिए? क्या उन्हें पहले से ये सब मालूम था? लेकिन ये कैसे हो सकता है? कहीं नाना जी भविष्य तो नही देख सकते थे? यही व8चार करते करते राज को अचानक से कोमल का ख्याल आता है। राज कुछ देर चंचल और रानी और सोनिया के बारे में सोच कर एक प्लान बनाता है।

राज कुछ देर सोच कर अचानक से उठ खड़ा होता है और मुस्कुराते हुए आईने को हुकुम देता है।


राज: ए आईने मुझे जल्द से जल्द कोमल जो मेरे दिल और दिमाग की आज रानी बन चुकी है उसके घर पहुंचा दे।


राज का हुकुम मिलते ही आईना बिना देर किए तुरंत बवंडर के माध्यम से राज को कोमल के घर के बाहर छोड़ देता है। कोमल इस वक्त अपने कमरे में पेट के बल लेटी रो रही थी। और साथ ही खुद पर गुस्सा कर रही थी कि उसने क्यों राज को पसंद किया। उसने राज कों पसन्द किया इसी लिए चंचल ने मेरे साथ ऐसा किया। इस चंचल की तो मैं...( कोमल अभी ये सब सोच ही रही थी कि)




तभी कोमल की खिड़की खट खट करके खड़क रही थी। कोमल उठ कर अपनी खिड़की को देखती है जो कि खुली पड़ी थी। कोमल आगे बढ़ कर उसे बंद करने लगती है कि अचानक से कोमल का कोई मुह बन्द कर लेता है ये कोई और नही बल्कि राज था। दरअसल आज पहली बार राज ने सोचा कि कोमल को किस तरह से मनाया जाए। इस विचार का उपाय राज के नाना जी के ज़िन्दगी के अनुभवों से मिला और राज कोमल के घर आ गया। अगर ये विचार खुद राज करता तो 2-3 हफ्ते गुजर जाते कोमल का एड्रेस निकालने में और फिर हिम्मत करने में की कोमल से किस तरह से बात करे और क्या बात करे।


राज धीमे से कोमल के कान में बोलता है) प्लीज चिल्लाना मत मैं हूँ राज। तुमसे कुछ ज़रूरी बात करने आया हूं। हाथ हटाऊँ! अगर चिल्लाओ नहीं तो सर हाँ में हिलाकर मुझे इशारा दो। 


कोमल धीमे से सर हाँ में हिलाती है। राज कोमल के मुह से हाथ हटा लेता है। 


हाथ के हटते ही कोमल तुरन्त पलट कर कन्फर्म करती है कि ये राज ही है या कोई और? वो राज ही था। कोमल राज को देख कर स्तब्ध रह जाती है। कोमल के मन मे बहुत से सवाल थे। जैसे कि राज यहां क्या कर रहा है वो भी इस वक़्त? इसे मेरे घर का पता कैसे चला? क्या चंचल भी मेरे घर तक आ गयी? 


राज: कोमल प्लीज मुझे माफ़ कर दो! आज मैं जिस तरह से खड़ा खड़ा तमाशा देख रहा था उसके बाद तो मैं माफी के काबिल नही हूँ। 


कोमल: आप क्यों माफी मांग रहे है। वैसे भी आपकी गर्लफ्रैंड ने जो किया उसकी.....



राज: वो मेरी गर्लफ्रैंड नहीं है! 


कोमल: व्हाट? लेकिन तुमने ही तो कहा था? क्या ये फिरसे कोई नया ड्रामा है चंचल का?


राज: तुम्हारी कसम कोमल, मेरी कसम , मेरी मम्मी की कसम चंचल मेरी गर्लफ्रैंड नही है। उसने मुझे ब्लैकमेल करके अपना बॉयफ्रेंड बनाया है। मैं तो तुम्हे... खेर जाने दो।


कोमल: क्या.... ! सच मे चंचल तुम्हारी गर्लफ्रैंड नही है?


राज: नहीं है यार नहीं है ? मेरी तो अभी तक कोई गर्लफ्रैंड ही नही है।


कोमल: अच्छा वो सब छोड़ो तुम यहाँ क्या करने आये हो?


राज : तुमसे बात करने और बताने ...


कोमल: क्या बताने यही की चंचल तुम्हारी गर्लफ्रैंड नही है।



राज: नहीं मैं ये बताने आया था कि चंचल सच में मेरी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है और मैं बहुत जल्द चंचल को एक ऐसा सबक सिखाऊंगा की वो फिर किसी की बहन, प्यार, भाई पर अपनी ये घटिया चाले चलने से पहले हजार बार सोचेगी।


कोमल एक तक राज को देख रही थी। उसे अभी तक यकीन नही हो रहा था कि राज सच बोल रहा है या फिर कहीं ये भी चंचल की कोई चाल हो।


कोमल अभी राज का चेहरा पढ़ने की कोशिश कर ही रही थी कि ....


राज: और मैं ये भी बताने आया था कि मैं तुम्हे पसंद करने लगा हूँ। बल्कि तबसे पसंद करता हूँ जब से तुम्हे पहली बार देखा था। खेर हो सके तो मुझे मेरी बुजदिली के लिए माफ कर देना। लेकिन आज से में वो राज बनूँगा जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं कि होगी।


कोमल: राज..... देखो जो कुछ हुआ उसे भूल जाओ। मैं भी तो भुलनव की कोशिश कर रही हूं ना। और फिर कोमल ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है। उसने तो मुझे....


राज: उसने मेरे प्यार को ज़लील किया है। मेरी बहनों को ग़ुलामों की तरह ट्रीट करती है। मुझे अपने बाप का नोकर समझ रखा है। प्रिया और प्रिया के भाई के साथ और खुद मेरे साथ भी उसने बहुत कुछ किया है जो याद आने पर मेरी रातों की नींद उड़ जाती है। लेकिन कल तक मुझे ये नही पता था कि उसे सब कैसे सिखाऊं लेकिन आज मुझे सब पता है। चंचल की एक बहन भी है ये बात शायद चंचल भूल गयी होगी तभी उसने मेरी बहनों की आड़ में मुझे जलील किया और मुझे अपने ग़ुलाम की तरह समझती है।


कोमल ने जब सुना कि चंचल की एक बहन भी है तो उसके बाद राज ने क्या कहा सब हवा में जाता रहा। कोमल का दिमाग घोड़े की तरह दौड़ने लगा और उसने खुद चंचल को सबक सिखाने के लिए एक प्लान सोच लिया।



राज:कोमल का हाथ पकड़ कर। कोमल मैं तुम्हे सिर्फ पसंद ही नहीं करता बल्कि मुझे तुमसे प्यार भी हो गया है।


कोमल का दिल राज की ये बात सुनकर जोरों से धड़कने लगता है। हालांकि वो भी राज को पसंद करती थी। लेकिन राज इसतरह से उसे बोलेगया ये तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था।


राज कोमल को अपने दिल की बात बोल कर वहां से निकल गया और अपने घर आईने की मदद से आ गया। तभी कोमल ने किसी को फ़ोन किया और सारी बातें बताई। कॉलेज में हुए अपने इंसिडेंट के साथ साथ उसने ये भी बताया कि राज उसके घर आपकर उसे प्रोपोज़ करके गया है। तभी सामने वाले फ़ोन से उसे कुछ सलाह मिलती है जिसे सुनकर कोमल थोड़ी सीरियस हो जाती है।


वही दूसरी और राज घर पहुंच कर एक बार फिर से सोचने लगता है कि आखिर नाना जी को मुझे अपने अनुभव देने की क्या ज़रूरत थी। तभी राज को याद आता है कि नाना जी ने जो तरीका बताया था उससे नाना जी की किताबें पड़ी जा सकती है। राज ने एक के बाद एक किताब पढ़ना शुरू किया।



जैसे जैसे राज किताब खत्म करता जा रहा था राज के शरीर पर कुछ टैटू जैसा उभर रहा था।



जब वो टैटू उभरते थे तो राज को वहां पर जलन होती थी। ऐसा लगता था जैसे किसी ने उसके शरीर को गर्म लोहे से दाग दिया हो। और जो टैटू राज के शरीर पर बन रहे थे वो भी किसी स्याही के नहीं थे बल्कि ऐसे लग रहे थे जैसे किसी से गर्म लोहे से दाग दाग कर बनाया हो।




करीब एक घंटे बाद राज आईने से बाहर आता है और एक किताब को बड़े ही आश्चर्य से पकड़े स्तब्ध खड़ा रह जाता है। ये अंतिम किताब थी। जिसका शीर्षक था " समय"।। 
राज समय की किताब के अंतिम चरण पर था। 





उसमें लिखा था नीलांकर के बारे में।




नीलांकर स्वयं अपने आप मे काली शक्ति का प्रतीक था। नीलांकर पंच भूतों से परे था। मतलब नीलांकर धरती , अम्बर, जल , आग और वायु इन सभी तत्वो के संपर्क में आये बिना बनता है जिसका निर्माण सादारण दुनिया मे नही हो सकता। नीलांकर का निर्माण केवल ओर केवल आईने की दुनिया में किसी शैतान द्वारा ही किया जा सकता है। नीलांकर में पुरुषत्व की बाली चढ़ती है। नीलांकर को धारण करने वाला शैतान का वारिश होता है इस लिए शैतानी शक्तियां उस शख्स को केवल क्षति पहुंचाने का प्रयास कर सकती है। किंतु उक्त व्यक्ति का प्राण नही हर सकती।



राज ने समय की किताब को लगभग पूरा पढ लिया था। लेकिन उसके अंतिम पेज पर कुछ लिखा था," राज में तुम्हारा नाना इस किताब के अंतिम पृष्ठ पर लिख रहा हूँ । जैसा कि मैंने कहा था कि तुम 4 साल से 400 साल तक पीछे जा सकते हो मैंने भी वैसा ही किया। लेकिन मैंने भूतकाल की जगह भविष्य काल में आ गया। जहाँ पर मुझे पता लगा कि मेरे बाद इस आईने को पाने वाले तुम होंगे। जब मुझे ये पता लगा तो मेने तुम्हे इस से दूर रखने की बहुत कोशिश की लेकिन मेरे हर प्रयास को राजकुमारी नैना ने विफल कर दिया। तब मैंने भविष्य के माध्यम से वो उपाय ढूंढे जिस से तुम्हे मदद मिल सके इस लिए मैंने अपने अनुभव नीलांकर में डाल दिये। मैं इस किताब पर ज्यादा नहीं लिख सकता लेकिन अगर जानना चाहते हो तो देखो तुमहारे बाएं हाथ पर एक चित्र उभरा है जो तुम्हारे चाहने पर ही उभरेगा। उस की परछाई इस जादुई आईने में देखना। आईने से तुम्हे एक पत्र मिलेगा। उस पत्र को पढ़ कर तुरंत जला देना। राज एक बात और राजकुमारी नैना की नज़र तुमपर है जब से तुम्हे आईने की प्राप्ति हुई है। बेटा संभल कर रहना।वो बहुत चालक है हो सकता है वो तुम्हे गुमराह करने का प्रयत्न भी करे।"



राज ने जब अपने नाना जी का पत्र पढ़ा तो उसने तुरंत अपने शर्ट की बाजू ऊपर करके देखा। राज को जब वो उभरे चित्र मिल गए तो उसने उसकी परछाई आईने में दिखाई। आईने ने तुरंत एक पत्र उभार जर आईने के ऊपर ला दिया। राज ने उसे उठाया ओर पढ़ना शुरू किया।



पत्र: राज राजकुमारी नैना आईने से बाहर आना चाहती है इसके लिए उसे 3 ज़िन्दगीयों की बाली चाहिए। अगर तुमने आईने को ज़िन्दगी दी तो ये तुम्हे विवश करेगा और देने के लिए। अगर तुम मजबूरी में तीनों जिंदगियां दे भी दो तो संभाल कर रहना । क्योंकि राजकुमारी नैना आईने के बाहर आते हिबिसे प्राप्त करना चाहेगी। अगर उसने आईना प्राप्त किया तो अनर्थ हो जाएगा। सारे जगत में वासना और पाप का वास हो जाएगा। और कई दुष्ट शक्तियां जगरत हो जाएंगी। आईना राज कुमारी नैना के लिए बनाया गया था इस लिए ये हर बार राज कुमारी नैना की तरफ खींच चला जायेगा। अगर राज कुमारी नैना को मारना है तो तुम्हे एक तलवार की ज़रूरत होगी जो कि नीलांकर से धुली हुई है।




यदि तुम उस तलवार से आईने को उस समय तोड़ दो जब राजकुमारी नैना सो रही हो तो ये संभव है। आईना केवल उसी तलवार से टूटेगा। क्योंकि वो तलवार खुद राजकुमारी नैना की है। एक विशेश बात और राज राजकुमारी नैना को सुलाना इतना आसान नहीं है। उसे केवल वासना के खेल में हर कर ही सुलाया जा सकता है। जैसे ही राज कुमारी नैना सोकर सपनो मैं खो जाएगी वो उसी पल आईने से जुड़ जाएगी। और तुम्हे ठीक उसी पल आईने को तलवार से तोड़ना होगा। 



राज जब में तुम्हारी मदद के लिए बार बार भविष्य का सफर कर रहा था तो मुझे पता नही था कि मेरी उम्र आईना सूखे जा रहा था। इसलिए तुम जितना आईने से सफर करोगे आईना तुम्हारी ज़िन्दगी खत्म करता रहेगा। राज मुझे माफ़ करदेना एक अंतिम बात मैं बड़े दुख से बोलने जा रहा हूँ। जब तुम आईने को तोड़ोगे तब आईना तुम्हे भी अपने अंदर समा लेगा। मुझे माफ़ करना बच्चे ये सब मेरी वजह से आज सबके साथ हो रहा है।


राज ने जब पत्र पूरा पढ़ लिया तो राज के हाथ से पत्र छूट गया। आज बहुत दुखी हुआ। आखिर हो भी क्यों ना जब किसी को अपनी मौत के बारे में पहले से पता चल जाता है तो दुखी तो होना ही था। तभी राज की नज़र एक बार फिर से पत्र जाती है जो नीचे गिरते वक़्त पलट गया था। उसपर कुछ लिखा था।



पत्र: वासना से जितना है तो वासना में पारंगत होना तुम्हारा लक्ष्य है। इसलिए तुम्हे कालू के हाथों से मैंने वो दवा दिलवाई थी। अब तुम्हे संभोग करना होगा। जब तुम आम इंसानों को संभोग में पीछे छोड़ दोगे तो शायद तुम राजकुमारी नैना को हरा कर सुला पाओ। 


राज अब सब समझ रहा था। इसका मतलब मेरा गांव जाना, वो दवा लेना, आईने की कहानी सुनना, आईने का मिलना, वो नीलांकर पीना, चंचल का व्यवहार , मेरे शारीरिक बदलाव, नाना जी के अनुभव , मतलब जो कुछ मेरे साथ हुआ है सब कुछ नाना जी की मर्जी से ही रहा है। 


रात भर राज यही सोचता रहा, और सोचते सोचते कब सुबह हो गयी राज को पता भी नहीं चला। राज ने सुबह हिट ही उस पत्र को जला दिया और नहाने को अपने बाथरूम में चला गया। आज संडे था। ना तो राज को कहीं जाना था। ना ही रानी और सोनिया को। सरिता को ज़रूर क्लिनिक पर जाना था इस लिए सरिता तैयार हो रही थी। वही गिरधारी को अपने दोस्त की बेटी की शादी में जाना था सो काल रात को ही निकल गया। 


सरीता जल्दी जल्दी नाश्ता बना कर राज रानी और सानिया को नीचे बोलाती है नाश्ता करने को। 




राज जब नीचे आता है तो अपनी मम्मी सरिता को देख कर वासना मई हो जाता है। सरिता साड़ी में खूबसूरत लगने के साथ साथ बहुत ही मादक लग रही थी। वहीं सरिता भी जब राज को देखती है तो सरिता दिल भी राज के प्रति वासना से घिर जाता है। सरिता राज के बारे में सोचते ही गर्म हो जाती है। अभी दोनो की आंखों के पेच लड़ ही रहे थे कि रानी और सोनिया भी नीचे आ जाती है। दोनो आपस मे बात करते हुए नीचे आ रही थी। जिससे राज सरिता का ध्यान टूटता है और नाश्ता करने की तैयारी में लग जाते है। 


सब लोग नाश्ता करके फ्रि हो जाते है। सरिता अपने धड़कते दिल के साथ क्लिनिक को निकल जाती है। राज अपने कमरे में चला जाता है। रानी और सोनिया वही सोफे पर बैठ कर टी. वी. देखने लगती है। 



राज ऊपर जाकर एक निकर और टी-शर्ट पहन कर अपने बिस्तर पर लेट जाता है। राज बार बार चंचल को सबक सिखाने के बारे में सोचता है। तभी राज को कुछ याद आता है। राज बहुत सोच कर आईने से किसी के बारे में पूछता है। आईना उसकी शक्ल दिखाता है । राज उसे देख कर मन ही मन बहुत खुश होता है। और मन ही मन सोचता है " चंचल बहुत जल्द तुम्हे ऐसा सबक सिखाऊंगा की तुम्हे पता चल जाएगा कोठे की बाई क्या होती है। 


वही दूसरी तरफ कोमल भी जल्दी जल्दी तैयार होकर किसी के घर के लिए निकल रही थी।
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Nice update bro
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super
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jaldi jaldi do update aisa.lagta hai ek hi saans ne pad lu
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Bhai aap awesome ho , aapko kahani bhi awesome hai .. Dil to karta hai ek-do baar nahi Hazar baar padhu is kahani ko... Bhai ho sake to thoda jaldi jaldi update dena... Intazar Karna bahut muskil hota hai ..har roj aapko thread par aata hu or naye update Na dekh kar mayush ho jata hu ...so bhai thoda fast fast update dijiye .....thank you and love you bro ....
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आईने की सहायता से लता की चुदाई
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probability of throwing 2 dice

सपने में सरिता और राज
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(14-07-2019, 09:30 AM)Boob420 Wrote: Nice update bro

Thank you...
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(14-07-2019, 11:57 AM)shailu12345 Wrote: super

Thank you so much. .
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(14-07-2019, 11:58 AM)shailu12345 Wrote: jaldi jaldi do update aisa.lagta hai ek hi saans ne pad lu

Thank you so much dear...
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(14-07-2019, 12:56 PM)Leocardo Wrote: Bhai aap awesome ho , aapko kahani bhi awesome hai .. Dil to karta hai ek-do baar nahi Hazar baar padhu is kahani ko... Bhai ho sake to thoda jaldi jaldi update dena... Intazar Karna bahut muskil hota hai ..har roj aapko thread par aata hu or naye update Na dekh kar mayush ho jata hu ...so bhai thoda fast fast update dijiye .....thank you and love you bro ....

Thank you so much for your love and support dear...
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एक विशेष सूचना मेरे प्रिय पाठकों के लिए....


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इस कहानी के अब तक सभी पुराने अपडेट मैं पोस्ट कर चुका हूँ....  अब अंतिम दो अपडेट के बाद इस कहानी का सम्पूर्ण पिछला अंक जो मैंने xossip पर लिखा था आपके  समक्ष होगा।। 
अंतिम दोनों अपडेट के बाद से मैं इस कहानी के नए अपडेट देना शुरू करूँगा....

बहुत जल्द बर्बादी को निमंत्रण कहानी का अंत सामने आने वाला है। उसके बाद में द मैजिक मिरर कहानी को पूरा करूँगा।। आप सभी का इस कहानी को प्यार देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।।
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