11-12-2025, 07:57 AM
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Adultery मेरी खूबसूरत पत्नी खुशबू भोला भाला बुद्धू सा में और बहुत सारे ,., मर्द
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11-12-2025, 10:11 AM
(11-12-2025, 05:03 AM)Marishka Wrote: Yaar jabardast... Lajawab.. मुझे पता है की फोटोस और वीडियो के साथ कहानी पढ़ने में ज्यादा मजा आता है लेकिन उसमें टाइम बहुत लगता है और मेहनत भी बहुत लगती है इसलिए अभी मैं सिर्फ लिखने पर ही फोकस करना चाह रहा हूं आशा रखता हूं आपको पसंद आएगा
12-12-2025, 03:27 PM
(10-12-2025, 01:28 PM)Namard pati Wrote: हेलो एवरीबॉडी मैंने एक छोटा सा अपडेट दिया है अब से मैं फोटोस या वीडियो नहीं डाल सकूंगा उसके लिए मैं माफी मांग रहा हूं पढ़ कर बताइएगा अपडेट के बारे में आप क्या सोचते हैं और आपको कैसा लगा chhota h, par asardar h, majedaar h,,,, thoda disappointing h k ab GIFs aur images k bina story continue hogi. Unki wajah se scenes m ek alag hi char chand lag jaata tha. par han, samajhta hoon sahi gifs/images dhoondhna kaafi mushkil hota hai.
12-12-2025, 05:21 PM
(12-12-2025, 03:27 PM)Bakchod Londa Wrote: chhota h, par asardar h, majedaar h,,,, हां जी लेकिन माफ करिएगा अभी सिर्फ लिखाई पर ही ध्यान दे पाऊंगा मैं फोटोस और वीडियो वाला मुझे इग्नोर ही करना पड़ेगा
13-12-2025, 05:50 AM
Disappointed with the response ?
13-12-2025, 10:29 AM
(This post was last modified: 13-12-2025, 10:32 AM by Kamuk Insaan. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अमित सच में दुनिया का पहला अजूबा पति है; पति कम, नौकर ज़्यादा। ख़ुद अपने हाथों से अपनी पत्नी का बिस्तर सजा रहा है, ताकि वो फूलों की मख़मली सेज पर आराम से सो सके… वो भी अपने यार असलम के साथ। अमित को पता ही नहीं कि जिस कल्पना/विचार से रोमांचित हुआ जा रहा है ***कि अगर खुशबू और असलम सच में यहां रात गुजारेंगे तो और काश सब सच हो***उसे पता ही नहीं उसके पीट पीछे उसके सारे कल्पना आज रात सच होंगे। धीरे–धीरे अमित के माइंड में यह थॉट्स/फैंटेसी डालो अपने बीबी को अपने दोस्तों (के बड़े लंड) से चुदते देख ने की... साली खुशबू क्या कामिनी चीज़ है,अपने यार से खुल के चुदी, बगल में लेटी है नंगी, लेकिन आज रात असलम के साथ सोने के लिए पति से बाकायदा इजाज़त चाहिए, जैसे बाकी दिनों में वो असलम से बिल्कुल अलग ही सोएगी। ऊपर से अमित को कितनी चालाकी से कनविंस कर ली (जैसे कि वो होता आया है) और उससे परमिशन भी निकलवा ली यह बोल कर के; "कि अगर नई नवेली जोड़ी हनीमून की रात अलग-अलग सोए तो बहुत बड़ा अपशकुन होता है... शादी की उम्र कम हो जाती है… या घर में प्रॉब्लम आती हैं… और वह जो यह बस उनकी शादी की खुशी के लिए सोच रही है" वैसे भी साथ मे सोते तो कौन सा शगुन हो जाने वाला था :):):) जिस तरह असलम के साथ सोने की इजाजत मांगी और अमित ने इजाज़त दे दिया, उम्मीद करता हूं उसी तरह असलम से चुदने की भी इजाज़त मांग ले(वैसे तो चुद ही रही है,वैसे परमिशन लेने में क्या बुराई है :):)) मुझे पूरा यकीन है इसे मामले में भी खुशबू अमित को कुछ न कुछ पट्टी पढ़ा के मना ही लेगी। नौकरों को पूरा पता है कि अंदर क्या होने वाला खुशबू और असलम के बीच में, बस अमित ही है जो डिनायल मूड में है,,,उसे अभी भी डिस्काउंट की पड़ी है।।।। अमित के सामने इतनी सारी सबूत थे, अंदर का माहौल चीख चीख कर बता रहे थे,,,क्या हुआ है फिर भी उसे शक तक नहीं हुआ, दोनों ब्लैंकेट नीचे नंगे थे, ब्रा पेंटी नीचे पड़ा था, बाल बिखरे, चेहरा लाल हुआ पड़ा,,,फिर भी.. क्या होगा अगर नौकरों को पता चल के जिसे वो मैडम का नौकर समझ रहे है असल में वो उनका पति है असलम और खुशबू जो लोगों को यक़ीन दिलाने वाला ये “रियल कपल” एक्ट कर रहे हैं, इस मौके का दोनों भरपूर मज़ा उठा रहे है, और आगे भी इसका फायदा उठाना चाहिए ***जैसे कि खुशबू अमित के लिए बिकिनी पहने वाली है beach के लिए, मज़ा आ जाएगा अगर असलम खुशबू के साथ more open होके मस्ती करे,किस करे,उसकी गांड़ को ग्रैब करे, दोनों में जबरजस्त इंटिमेट मोमेंट हो ड्यूरिंग फोटोशूट और खुशबू अमित को फिर से चूतिया बनाए यह बोलकर के यह एक्ट जरूरी है लोगों को कनविंस करने के लिए ताकि उनको शक न हो **** हॉप के खुशबू असलम के साथ beach में रोमांस... चुदते हुए देखने को मिलेगा।
13-12-2025, 11:58 AM
Hi! I’m also a story writer and need help posting the next part of my story. Can you tell me how I can share my story in parts or pages like you do?
hi ! मैं भी एक कहानी लेखक हूँ और अपनी कहानी का अगला हिस्सा पोस्ट करने में मदद चाहिए। क्या आप मुझे बता सकते हैं कि मैं अपनी कहानी को आपके जैसे हिस्सों या पन्नों में कैसे साझा कर सकता हूँ?
13-12-2025, 01:57 PM
(13-12-2025, 10:29 AM)Kamuk Insaan Wrote: Abhi to dekhiye aage aage hota h kya
13-12-2025, 01:59 PM
(13-12-2025, 11:58 AM)ChestNo3217 Wrote: Hi! I’m also a story writer and need help posting the next part of my story. Can you tell me how I can share my story in parts or pages like you do? Ese hi jaise aapne yaha ye message likha hai...same with ur sotry part
14-12-2025, 08:58 AM
14-12-2025, 07:28 PM
Pata nai q muje esa lagta h....meri mahent jaisa appreciation nai milta muje
15-12-2025, 12:05 AM
Mere taraf se bhahut saara appreciation aapko
15-12-2025, 12:21 AM
Meri taraf se bhi full appriciation hai.
Aage badhte raho. Aur sabko maja karao. Waiting for the next mega update..
15-12-2025, 12:29 AM
Jis tarah se amit soch raha hai vo kafi kamuk hai aur psychological thriller hai...na chahte hue bhi vo naukar maan raha khudko aur dheere dheere vo schme ban hi jayga aur uski pata bhi nahi chale kab pati se jiska khushbu par pura haqq hai ek slave ban jayega jo pic aur video ke liye bhi taras taras k lulli hilaye uff..keep it up
17-12-2025, 05:04 PM
Next update ke liye waiting..
18-12-2025, 06:08 AM
(11-12-2025, 10:11 AM)Namard pati Wrote: मुझे पता है की फोटोस और वीडियो के साथ कहानी पढ़ने में ज्यादा मजा आता है लेकिन उसमें टाइम बहुत लगता है और मेहनत भी बहुत लगती है इसलिए अभी मैं सिर्फ लिखने पर ही फोकस करना चाह रहा हूं आशा रखता हूं आपको पसंद आएगा Kyunki ab se story m koi Images or gifs add nahi honge, aise m SEX SCENES ko aur bhi detailing k sath likhna.
18-12-2025, 11:28 AM
Bhot jald
18-12-2025, 06:27 PM
सारी रात जय और बाकी नौकरों की बातें दिमाग में घूम रही थीं....
उनकी वो अश्लील कल्पनाएँ, वो हँसी-मजाक, वो सब कुछ जो मुझे फ्रस्ट्रेट कर रहा था। मैं गद्दे पर करवटें बदलता रहा, गुस्से से भरा हुआ। ‘क्यों मैं नीचे सो रहा हूँ? ये मेरा हनीमून है… खुशबू ऊपर असलम के साथ… लेकिन वो बेचारी अपशकुन के डर से एडजस्ट कर रही है… मैं क्यों नहीं ऊपर हूँ?’ असमंजस इतना था कि मन करता था ऊपर जाकर सब पूछ लूँ, लेकिन डर लगता था कि कहीं खुशबू नाराज़ न हो जाए। रात भर नींद नहीं आई, बस सोचता रहा कि सुबह क्या होगा। सुबह 6 बजे के आसपास, मैं असमंजस और गुस्से की मिली-जुली हालत में ऊपर असलम और खुशबू के कमरे की तरफ चला गया। ट्रे में कॉफी और ब्रेकफास्ट तैयार करके ले गया था, जैसे कि ये मेरा काम हो। मन में सोच रहा था, ‘कम से कम खुशबू से बात तो कर लूँगा… देख लूँगा क्या हुआ रात में…’ लेकिन अंदर से डर भी लग रहा था। दरवाज़ा हल्का-सा खुला था, मैंने नॉक किया और अंदर दाखिल हुआ। खुशबू को जैसे पहले से ही अंदाजा था कि मैं आऊँगा वो इतनी शातिर थी कि मेरी हर हरकत पढ़ लेती थी। वो बेड पर लेटी हुई थी, लेकिन जैसे ही मुझे देखा, मुस्कुराकर उठी और बड़े प्यार से वेलकम किया। “अरे अमित… आ गए तुम… गुड मॉर्निंग जान… कॉफी लाए हो? कितने अच्छे हो तुम… आओ ना, बैठो मेरे पास…” उसकी आवाज़ में वो शुगर-कोटेड मिठास थी, जैसे वो सच में मेरे आने से खुश हो। वो मेरे करीब आई, गाल पर हाथ फेरा, और मुझे बेड के किनारे बिठा दिया। असलम भी वहाँ था, लेकिन खुशबू ने मुझे इतना प्यार दिया कि मेरा गुस्सा थोड़ा कम हो गया। मैं मुश्किल से खुद को खोल पाया। गला सूख रहा था, लेकिन आखिरकार सवाल निकल ही गए। “खुशबू जी… रात में… इतनी चिल्लाने की आवाज़ क्यों आ रही थी तुम्हारी? मुझे वह नीचे सब नोकर जए बनाकर वगैरह बता रहे थे!???? और… और ये तुम्हारी ब्रा-पैंटी… फर्श पर क्यों पड़ी हुई थीं? .....क्या… क्या हुआ रात में?”... खुशबू ने पहले तो मेरी आँखों में देखा, जैसे स्थिति की गंभीरता समझ रही हो। फिर असलम की तरफ मुड़ी और बोली, “असलम जी… आप थोड़ा वॉक करके आइए ना… फ्रेश हवा लीजिए… मैं अमित से थोड़ी बात कर लूँ… वो परेशान लग रहा है…” असलम ने हल्के से मुस्कुराकर सिर हिलाया और कमरे से बाहर चला गया खुशबू चाहती थी कि अकेले में अमित को अच्छे से हैंडल कर ले, ताकि वो फिर से उसके कंट्रोल में आ जाए। अब हम अकेले थे। खुशबू ने मेरे हाथ पकड़े, बहुत प्यार से, लेकिन फिर अचानक गुस्से वाली टोन में बोली, “अमित… तुम्हें क्या लगता है? मैं रात क्यों सारी रात चिल्ला रही थी? और ब्रा-पैंटी फर्श पर? ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है! तुम ही तो नीचे सो रहे थे… तुम्हारी वजह से मुझे इतना एडजस्ट करना पड़ रहा है! सुनो… मुझे पता था कि जय और बाकी नौकर नीचे तुम्हारे साथ हमारी बातें कर रहे होंगे… वो सब हमें पति-पत्नी मानते हैं, लेकिन अगर उन्हें शक हो गया तो? इसलिए जब भी वो कमरे के आसपास होते थे, मैं जानबूझकर ज़ोर-ज़ोर से चीखती और चिल्लाती थी… ताकि उन्हें लगे कि हम… मतलब… पति-पत्नी वाली बातें कर रहे हैं… समझे? और ब्रा-पैंटी? वो तो सुबह मैंने फैलाई थीं… क्योंकि तुम्हें फोन किया था ना? सुबह 5:30 पर… कॉफी और सफाई के लिए… लेकिन तुमने उठाया नहीं! थक गए थे ना तुम? ..... मुझे तो समझ में नहीं आया तुम क्यों और कैसे थक गए ......सारी रात मैं यहां जागती रही .....तुम्हारे दोस्त असलम के साथ बिस्तर शेयर मुझे करना पड़ा....... उन नौकरों को शक ना हो इसलिए मुझे चीखना और चिल्लाना पड़ा और तुम बिना किसी मेहनत के नीचे आराम से सो गए थे ....... इसलिए मुझे जय को बुलाना पड़ा… और उन्हें यकीन दिलाने के लिए कि हम पति-पत्नी हैं, मैंने जानबूझकर कपड़े इधर-उधर फैला दिए… सब तुम्हारी वजह से! अगर तुम फोन उठाते तो ये सब नहीं होता… तुम्हारी वजह से मुझे इतना झूठ बोलना पड़ रहा है…” उसकी बातों में इतना तर्क था कि मुझे विश्वास हो गया। ‘हाँ… वो बेचारी मेरे लिए ही तो ये सब कर रही है… अपशकुन से बचाने के लिए… और मैं फोन नहीं उठाया… मेरी गलती है…’ मैंने माफी माँगी, “सॉरी खुशबू जी… मैं थक गया था… और हमारे ही हनीमून पर मैं या वहां नीचे सब लोगों के साथ अकेला था इसलिए थोड़ा फर्स्टरेट भी हो गया था.. इसलिए बिना मतलब आपके ऊपर शक कर दिया मैंने तो दूर का सोचा ही नहीं जितना आपने सोचा था... . खुशबू ने फिर प्यार से मुस्कुराकर कहा, “हाँ जान… मैं समझ रही हूं तुम्हारी हालत लेकिन तुम भी तो मेरी हालत समझो अब हर छोटी बड़ी बात पर तुम मुझे सवाल करके मेरे ऊपर शक करने लगोगे तो फिर ऐसे तो कैसे कटेगी हमारी.... तुम ही सोचो तुम ne हीं सजेस्ट किया था ना मुझे और असलम जी को एक साथ चेकिंग करने के लिए अब इतनी छोटी बड़ी बात पर तुम issues बनाकर तुम्हारा भी दिमाग खराब करोगे और मेरा मूड और मेरा हनीमून भी खराब करोगे तो कैसे चलेगा यार!??? ( खुशबू अपनी बात इतनी चालाकी से करती है कि वह एक ही बार में आगे हो मुझे होने वाले शौक या सवाल को खत्म करने देने की कोशिश करती है) (और मैं मन ही मन अपने आप को koshne लगा कि एक तो बिचारी मेरे लिए इतना सब कुछ कर रही है .....होटल के पैसे बचाने के लिए .....और डिस्काउंट मिल जाए इसलिए इतना एडजस्ट कर रही है ....ऊपर से मैं ही उसके ऊपर बिना मतलब शक कर रहा हूं.....) "माफ करिएगा खुशबू जी लेकिन यार हमारा हनीमून है और मैं कुछ इंजॉय ही नहीं कर पा रहा हूं आपके साथ इसलिए मेरे से यह सारी बातें हो गई....!!! खुशबू को बड़े अच्छे से पता था कि मुजे को खुश करने के लिए उसे कौन-सी हड्डी डालनी है। वो मुस्कुराई और बोली, “अरे जान… मैं समझती हूँ… तुम रात भर नीचे सर्वेंट क्वार्टर में अकेले थे… मैं अभी अंदर फ्रेश होने जा रही हूँ वॉशरूम में… और वो बिकिनी ट्राई करने वाली हूँ… तुम्हारे लिए.... तुम्हें बड़ा शौक था ना मुझे बिकनी में देखने का इसलिए तो हमने गोवा पसंद किया था ना डेस्टिनेशन के लिए..... अगर ऐसा हो और तुम्हें अपने आप को संतुष्ट करना हो तो… वो दरमियान तुम मुझे देखकर अपना… हिला लेना… ठीक है? मैं तुम्हें रोकूँगी नहीं… आखिरकार मैं भी समझता हूं तुम मेरे पति हो और तुम्हें भी मजा करना मेरा धर्म है.... बस देखना कितनी देर टिक पाते हो… ये एक छोटा-सा चैलेंज रहेगा… मेरे प्यारे को खुश करने के लिए…” उसकी ये बात सुनकर मेरी एक्साइटमेंट का ठिकाना नहीं रहा। ‘वाह… खुशबू जी कितनी अच्छी हैं… मुझे देखकर हिलाने की परमिशन दे रही हैं… बिकिनी में… वो भी चैलेंज…’ मैं पालतू कुत्ते की तरह खुश हो गया, और उसके पीछे-पीछे वॉशरूम की तरफ़ चल पड़ा। उसकी मटकती हुई गांड देखते हुए —वो नाइटी में कितनी सेक्सी लग रही थी, हर कदम पर हिल रही थी— मैं जैसे मंत्रमुग्ध हो गया था। वो जानबूझकर धीरे चल रही थी, जैसे मुझे चिढ़ा रही हो। वॉशरूम में दाखिल होते ही मैं दरवाज़ा बंद करके खड़ा हो गया, इंतज़ार करने लगा उसकी बिकिनी वाली झलक का। खुशबू ने हँसकर कह, “ बैठो ना जान… आराम से देखो…” वो धीरे-धीरे तैयार होने लगी, और मैं अपना छोटा-सा लंड निकालकर हिलाने लगा, लेकिन वो इतनी शातिर थी कि मुझे पूरा मौका नहीं देती बस झलक दिखाती, फिर छुपाती। वो मिरर के सामने खड़ी थी , और मैं दीवार से सटकर खड़ा हो गया, मेरी साँसें तेज़ हो रही थीं। “मैं ट्राई करती हूँ बिकिनी…” उसने मीठी आवाज़ में कहा, जैसे कोई बच्चे को लॉलीपॉप दे रही हो । मैं फर्श पर ही बैठ गया, जैसे कोई पालतू कुत्ता अपनी मालकिन की हरकतें देख रहा हो। मन ही मन प्रार्थना कर रहा था कि काश… काश वो पूरी तरह से दिख जाए… ब्रा-पैंटी में… वो गोरी जाँघें… वो सुडौल छाती… लेकिन खुशबू इतनी शातिर थी कि वो मेरी इस भूख को अच्छे से जानती थी —वो मुझे बस इतना ही देगी जितना मैं और भूखा हो जाऊँ। पहले तो खुशबू ने धीरे-धीरे अपनी नाइटी के स्ट्रैप्स नीचे सरकाए। वो सफ़ेद रेशमी नाइटी थी, जो उसके शरीर पर इतनी टाइट चिपकी हुई थी कि उसकी हर कर्व साफ़ दिख रही थी। वो एक कंधे से स्ट्रैप नीचे खिसकाती, फिर दूसरे से—धीरे-धीरे, जैसे कोई स्ट्रिपटीज शो चल रहा हो । नाइटी नीचे सरकती गई, और उसकी गोरी, चिकनी पीठ दिखने लगी… फिर कमर… और आखिरकार वो पूरी तरह से फर्श पर गिर गई। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी वो लाल वाली, जो सलीम की शॉप से ली थी । ब्रा इतनी पतली कि उसके निप्पल्स की शेप साफ़ नज़र आ रही थी, और पैंटी इतनी छोटी कि उसकी गांड का आधा हिस्सा बाहर निकला हुआ था। मैं तो बस देखता रह गया—मेरी दू पत्नी का ये फिगर… इतना परफेक्ट, इतना सेक्सी… जैसे कोई देवी हो, लेकिन मेरे लिए सिर्फ़ देखने की… छूने की नहीं, सेक्स करने की तो दूर की बात। मन में एक दर्द-सा उठा— ‘ये मेरी बीवी है… लेकिन मैं बस देख सकता हूँ… असलम तो छूता होगा… लेकिन मैं…’ मेरी साँसें तेज़ हो गईं, और नीचे लंड में हलचल होने लगी। वो दर्द मजा बन गया, जैसे अपमान में ही खुशी मिल रही हो। खुशबू मिरर में खुद को देख रही थी, मन ही मन सोच रही थी, ‘वाह… मेरा ये फिगर… कितना गर्व है मुझे इस पर असलम तो पागल हो जाता है इसे देखकर… और ये अमित… बेचारा… बस देखता रहता है… उसका छोटा-सा लंड… हा हा… कितना क्यूट है… जैसे कोई बच्चे का खिलौना…’ वो हल्के से मुस्कुराई, लेकिन बाहर से बोली, “जान… कैसी लग रही हूँ? ये ब्रा-पैंटी… तुम्हारे लिए ही ली थी ना…” उसकी आँखों में वो शैतानी थी, लेकिन मुझे लगा वो प्यार से कह रही है। फिर वो बैग से नई बिकिनी निकालती है एक ब्राइट green कलर की, जो बहुत ही सेक्सी डिज़ाइन वाली थी। टॉप इतना छोटा कि बस उसके निप्पल्स को ढकने लायक, स्ट्रिंग्स वाली, जो पीछे से टाई होती थी फिटिंग इतनी टाइट कि उसकी छाती उभरकर बाहर आ रही थी। बॉटम पैंटी स्टाइल की, लेकिन बहुत लो-कट, जो उसकी जाँघों को पूरा एक्सपोज करती थी, और पीछे थोंग जैसी, जो गांड को बस हल्का-सा कवर करती थी। मटेरियल शाइनी और स्ट्रेची था, जैसे वो गीली होने पर और ट्रांसपेरेंट हो जाएगी । वो धीरे-धीरे ब्रा उतारती है पहले स्ट्रैप्स नीचे, फिर क्लैस्प खोलकर और टॉप पहनती है। फिर पैंटी उतारकर बॉटम पहनती है। हर स्टेप में वो मिरर की तरफ़ घूमती, जैसे मुझे दिखा रही हो, लेकिन जानबूझकर इतनी तेज़ कि पूरा न दिखे। मैं तो देखकर पागल हो गया
18-12-2025, 06:29 PM
उसका फिगर… वो कर्व्स…
वो गोरी स्किन… मेरी दू पत्नी, जो मेरी है, लेकिन जैसे किसी और क मैं बस देख सकता हूँ, छू नहीं सकता, सेक्स तो दूर। मन में दर्द उठा, लेकिन नीचे लंड टाइट हो गया। मैंने धीरे से बोला, “खुशबू जी… आप… इतनी सुंदर लग रही हो… मैं तो… बस देखता रहूँ…” साथ ही साथ खुशबू मेरे आस-पास इतनी खूबसूरती और सेक्सी तरीके से घूम रही थी कि उसका फिगर देखकर मैं पागल हो रहा था उसकी बिकिनी की फिटिंग कुछ ज्यादा ही अच्छी थी सलीम ने जो उसको बिकिनी दी थी वह दिखने में भी काफी महंगी और रिच लग रही थी.... खुशबू ने हल्के से हँसकर कहा, ![]() “अरे जान… देखो ना… ये बिकिनी कितनी टाइट है… मेरी छाती को देखो… उभर रही है ना? और पीछे… गांड को कितना अच्छे से शेप दे रही है… तुम्हें मजा आ रहा है ना देखकर? चलो, निकालो अपना… हिला लो… देखते रहो मुझे… मैं तुम्हें एक्साइट करती हूँ…” ![]() वह जानबूझकर थोड़ी आगे झुकी मेकअप लगाने के लिए ताकि उसके चूतड़ और फैल जाए और वो बिकिनी एडजस्ट करते हुए बोली, “अरे… ये स्ट्रिंग कितनी टाइट है… असलम जी को पसंद आएगी ना? ओह्ह… देखो ना, नीचे कितनी लो-कट है… जाँघें पूरी दिख रही हैं…” ![]() खुशबू को ऐसी हालत में देखकर ही मैं किसी पालतू प्यार से कुत्ते की तरह लाल टपकने लगा और मैंने अपना छोटा-सा लंड निकाला, और हिलाने लगा। “खुशबू जी… आप… इतनी हॉट हो… मैं तो… बस देखकर ही…” वो हिलते हुए देखकर मन ही मन हँसी, ‘बेचारा… कितना छोटा है… जैसे कोई पेंसिल… और मैं इतना परफेक्ट फिगर… इसे देखकर ही खत्म हो जाएगा…’ लेकिन बाहर से बोली, “हाँ जान… हिलाओ… देखो मेरी ये बिकिनी… green कलर कितना ब्राइट है… फिटिंग देखो, कितनी टाइट… छाती दब रही है… मजा आ रहा है ना? और तेज़ हिलाओ… देखो, मैं घूम रही हूँ… पीछे से देखो…” वो घूमी, गांड हिलाई, और मैं 20 सेकंड भी नहीं टिका—निकल गया, फर्श पर दो-तीन बूंदें गिर गईं। खुशबू ने मुस्कुराकर कहा, “अरे जान… इतनी जल्दी? चलो, कोई बात नहीं… प्रैक्टिस करते रहो… ” फिर वो बोली, “चलो अब मैं अच्छे से तैयार हो गई हूँ… असलम जी के साथ बीच पर जाना है… तुम भी ये बाथरूम अच्छे से साफ कर दो ना… तुम्हें पता है ना, असलम जी को गंदगी ज़रा भी पसंद नहीं… ये देखो, फर्श पर कितनी गंदगी हो गई है…” (वो मेरे वीर्य की बूंदों की तरफ़ इशारा करती हुई बोली, लेकिन जैसे कुछ नॉर्मल बात हो)। मैं शर्म से लाल हो गया, लेकिन झाड़ू उठाकर साफ करने लगा, जैसे वो मेरा काम हो। खुशबू ने आखिरी बार मिरर में खुद को देखा—green बिकिनी में उसका फिगर इतना सेक्सी लग रहा था कि वो खुद पर फिदा हो गई। वो मुस्कुराई और बोली, “जान… अब मैं जा रही हूँ… असलम जी इंतज़ार कर रहे होंगे… तुम कमरा साफ कर लो… और फिर जल्दी-जल्दी नीचे आ जाना हमें फोटोस भी लेना है ना वैसे भी तुम्हारी रात की तो नींद अच्छी हो गई है ना तो तुम अच्छे से कर लोगे...” वो मुझे अकेले कमरे में छोड़कर बाहर निकल गई बस बिकिनी में, । उसके कदम कॉन्फिडेंट थे, जैसे वो जानती हो कि हर आँख उस पर टिकने वाली है। कमरा अब मेरे लिए खाली हो गया था—मैं झाड़ू लेकर साफ करने लगा, लेकिन मन में वो झलक घूम रही थी, और नीचे फिर से हलचल हो गई। खुशबू होटल की लॉबी से होती हुई बीच की तरफ़ निकली। लॉबी में सुबह का समय था, हल्की-हल्की हलचल—कुछ मेहमान ब्रेकफास्ट कर रहे थे, स्टाफ घूम रहा था। वहाँ एक हनीमून कपल बैठा था—एक युवा पति-पत्नी, जो कॉफी पीते हुए रोमांटिक बातें कर रहे थे। वो दोनों खुशबू को देखते ही रुक गए। पति की आँखें खुशबू की green बिकिनी पर टिक गईं वो छोटी-सी टॉप जो उसकी छाती को मुश्किल से ढक रही थी, और बॉटम जो उसकी जाँघों को पूरा एक्सपोज कर रही थी। पति मन ही मन सोचा, ‘वाह… ये लड़की कितनी बोल्ड है… गोवा में तो ऐसी ही होती हैं… लेकिन मेरी बीवी से ज़्यादा हॉट… काश मेरी बीवी भी ऐसी बिकिनी पहनती…’ वो अपनी पत्नी की तरफ़ देखा, जो अब जलन भरी नज़रों से खुशबू को घूर रही थी। पत्नी सोच रही थी , ‘कितनी बेशर्म… इतनी छोटी बिकिनी में लॉबी से निकल रही है… ये ज़रूर किसी अमीर मर्द की रखैल होगी… मेरे पति को देख रही है… मैं तो कभी नहीं पहनूँगी ऐसी…’ वो दोनों खुशबू को देखते रह गए, पति की आँखों में वासना, पत्नी की में ईर्ष्या। आगे बढ़ते हुए, लॉबी में तीन-चार कॉलेज लड़कों का ग्रुप था गोवा मस्ती करने आए, शॉर्ट्स और टी-शर्ट में, बीयर के कैन हाथ में, हँसते-खेलते। वो खुशबू की बॉडी और बिकिनी देखकर रुक गए, आँखें फटी की फटी। पहला लड़का सोचा, ‘भाई… ये माल… कितनी हॉट… वो ग्रीन बिकिनी… गांड कितनी टाइट… अगर ऐसी लड़की मिल जाए तो पूरी रात…’ दूसरा बोला , “यार… देख… वो जाँघें… छाती… गोवा में तो ऐसी ही मिलती हैं… लेकिन ये तो बॉम्ब है… काश हमारी गर्लफ्रेंड ऐसी होती…” तीसरा मन ही मन, ‘उफ्फ… ये चलते हुए कितनी मटक रही है… अगर मिल जाए तो चोद-चोदकर थका दूँ… लेकिन लगती है किसी अमीर की… वो साथ में सलमान लड़का है शायद…’ चौथा हँसकर बोला, “भाई… फोटो ले लें? नहीं, वो देख रही है… वाह रे गोवा…” वो सब खुशबू को घूरते रह गए, उनकी कल्पनाएँ भड़क गईं—मस्ती से भरी, लेकिन अपमानजनक। फिर आगे जाते वक्त, होटल का स्टाफ—दो-तीन वेटर और एक सिक्योरिटी गार्ड खुशबू को छोटी-सी टाइट, अधनंगी जैसी बिकिनी में देखकर रुक गए। वेटर ने सोचा, ‘मैडम कितनी बोल्ड… इतनी छोटी बिकिनी… छाती बाहर निकली हुई… गांड हिल रही है… ये ज़रूर साहब की साथ आई है… रात भर कमरा हिलाया होगा… मैं तो बस देखता रहूँ… काश मेरी बीवी ऐसी होती…’ सिक्योरिटी गार्ड सोच रहा था, ‘ये अमीरों की औरतें… गोवा में ऐसी ही आती हैं… लेकिन ये तो फायर है… साहब ने रात भर चोदा होगा… चीखें सुनी थीं… मैं तो कल्पना कर रहा हूँ पीछे से पकड़कर…’ वो सब अपनी कल्पनाओं में खो गए—वासना भरी, लेकिन चुपचाप, क्योंकि वो स्टाफ थे। इन सब की आँखें जब खुशबू पर टिकी होती हैं, तब वो मन ही मन हँस रही थी। ‘वाह… ये सब कितने भूखे हैं… मेरी बॉडी पर आँखें गड़ी हुई… वो हनीमून वाला पति तो मेरी गांड ही घूर रहा है… उसकी बीवी जल रही है… और वो कॉलेज वाले लड़के… जैसे मुझे खा जाएँगे… लेकिन मैं किसी की नहीं… सिर्फ़ असलम की… ये कल्पना… ये पावर… मुझे कितना मजा दे रहा है… मैं कितनी सेक्सी हूँ… ये सब मुझे देखकर मुट्ठ मारेंगे… और अमित बेचारा बस देखकर हिलाएगा…’ वो अपनी मनोदशा से गुजर रही थी—एक मिश्रित फीलिंग: गर्व की, पावर की, और थोड़ी सी शरारत की, जैसे वो पूरे होटल की क्वीन हो, और सब उसके दास। उसका कॉन्फिडेंस और बढ़ गया, कदम और मटकने लगे। आखिर में, बीच पर पहुँचकर असलम ने पहली बार पब्लिक में खुशबू को छोटी-सी बिकिनी में देखा वो लाउंज चेयर पर लेटा हुआ था, शॉर्ट्स में, धूप का चश्मा लगाकर। खुशबू को देखते ही उसकी आँखें चमक उठीं—वो उठा, उसके करीब आया, और उसे गले लगा लिया, जैसे कोई प्यारा पति अपनी बीवी को लेकिन उसका रिएक्शन इंटेंस था वो उसके कान में फुसफुसाया, “जान… तुम… ये बिकिनी… उफ्फ… कितनी हॉट लग रही हो… पब्लिक में सब घूर रहे हैं… लेकिन तुम मेरी हो… मैं तो बस छूना चाहता हूँ…” मन ही मन वो सोच रहा था, ‘वाह… ये माल… मेरे लिए इतनी बोल्ड… अमित बेचारा सोचता होगा ये उसके लिए है… लेकिन ये मेरी है… इसकी जाँघें… छाती… मैं तो बीच पर ही चोद लूँ… लेकिन रुक… और मजा लेते हैं… ’ वो खुशबू को वेलकम करता है सके कंधे पर हाथ रखकर, धीरे से कमर सहलाकर, और एक गहरा किस देकर, ![]() जैसे पब्लिक में भी दिखा रहा हो कि ये उसकी है। “आओ जान… बैठो मेरे बगल में… आज पूरा दिन तुम्हारा है…” वो बोला, लेकिन उसकी आँखों में वो भूख थी जो बताती थी कि दिन का प्लान सिर्फ़ बीच का नहीं है। खुशबू ने उसके सीने पर हाथ रखा, “हाँ… आज तो मैं तुम्हारी हूँ… अमित बेचारा नीचे… लेकिन वो खुश होगा मुझे बिकिनी में देखकर… हा हा…” दोनों हँसे, कि उसे दरमियां ही मैं नीचे आ गया कैमरा लेकर खुशबू और असलम की तस्वीर खींचने के लिए .... असलम को बड़े अच्छे से पता था और हमारी पुरानी चर्चा में मैंने खुद बताया था कि मुझे खुशबू की बॉडी एक्सपोज करने वाली पोज़ में फोटोज देखकर मजा आता है। वो मुस्कुराकर बोला, “अमित… आ जा भाई… फोटोशूट शुरू करते हैं… खुशबू को अच्छे से कैप्चर कर… ऐसी पोज़ में जहां सब दिखे…” वो जानबूझकर खुशबू के साथ ऐसी बॉडी पोज़िशन बनाता, जैसे वो उसका पति हो एक हाथ उसकी कमर पर, दूसरा जाँघ पर, और खुशबू को अपनी तरफ़ खींचकर। एक पूरी भीनी लार से बनी हुई deep लिप किस करता है खुशबू को ..... जो देख कर पहले तो मेरे होश ही उड़ गए लेकिन आसपास का माहौल देखकर मुझे पक्का यकीन आ गया था कि असलम और खुशबू ने यह सिर्फ होटल वालों को दिखाने के लिए ही किया होगा वैसे भी अभी ऊपर खुशबू के साथ इन सारी बातों की चर्चा करके मैं आ गया था और वापस हर छोटी बड़ी बात पर मैं उन दोनों के ऊपर शक करके उनका मूड खराब करना नहीं चाह रहा था लेकिन न जाने क्यों साथ ही साथ इस तरह की दोनों एक दूसरे से जब किस कर रहे थे मैं किसी रियल प्रॉपर फोटोग्राफर की तरह आगे पीछे होकर अच्छे से उन लोगों की सबसे खूबसूरत मोमेंट कैप्चर करने की कोशिश करने लगा.... किस करते वक्त असलम ने पूरी अपना जुबान खुशबू के मुंह में डाल दिया था और खुशबू भी एकदम मस्ती से उसकी जीभ चाट रही थी.... जाहिर सी बात है बेचारा असलम उसे दरमियां एक्साइटेड हो गया होगा इसलिए उसके हाथ भी खुशबू की बॉडी के ऊपर यहां वहां अच्छे से घूम रहे थे मसल रहे थे..... ![]() असलम और खुशबू फोटोशूट में पूरी तरह से एक हनीमून कपल जैसे बर्ताव कर रहे थे। ![]() कभी उन लोगों की kiss देखकर मुझे देखने की इच्छा होती तो कभी मैं शर्म के मारे अपना मुंह फेर लेता था..... असलम खुशबू को गोद में उठा लेता, “जान… सूरज की रोशनी में कितनी खूबसूरत लग रही हो…” और खुशबू हँसकर उसके सीने पर सिर रख देती, “असलम जी… ये सब तुम्हारे लिए…” वो दोनों चिपककर पोज़ देते खुशबू असलम की गोद में, असलम उसके कंधे पर किस करता हुआ, जैसे वो सच में पति-पत्नी हों। ![]() मुझे यह पक्का पता था कि जब खुशबू अपनी बड़ी से चूतड़ लेकर असलम की गोदी में बैठी होगी असलम का बड़ा तना हुआ सा लैंड आराम से खड़ा होकर उसे पीछे टच करता होगा लेकिन इस बात को इग्नोर करके न जाने क्यों मैं अपना पूरा ध्यान हो सके उतना अच्छे फोटोस लेने में ही लग रहा था .. बीच की लहरें, सूरज की रोशनी—सब कुछ रोमांटिक लग रहा था, लेकिन मेरे लिए ये अपमान और उत्तेजना का मिश्रण था। अनजाने में, ना चाहते हुए भी, अपने दिल की इच्छा पूरी करने के लिए मैं ही ऐसी पोज़ बनवाता था जहां खुशबू असलम के और करीब आए। “खुशबू जी… असलम जी के कंधे पर सिर रखो ना… हाँ, ऐसे… थोड़ा और करीब…” मैं कहता, और वो दोनों की केमिस्ट्री इतनी सेक्सी दिखती कि फोटोज में खुशबू की बिकिनी से उसकी छाती उभर आती, जाँघें एक्सपोज हो जातीं। असलम जानबूझकर खुशबू की कमर सहलाता, और मैं क्लिक करता रहता ![]() मैं जानबूझकर हो सके उतने ज्यादा खुशबू की गांड और जंग के हिस्से की फोटोस खींचने चाह रहा था क्योंकि वह खुशबू में मेरा सबसे फेवरेट बॉडी पार्ट था और जाने अनजाने में भी असलम भी पूरा साथ दे रहा था उसे तरह की तस्वीर खींचने में ![]() कभी मुझे अच्छा व्यू दिखाई दे इसलिए जानबूझकर वह खुशबू को उठाकर उसकी गांड मेरे कमरे की तरफ कर देता..... तो कभी वह ऐसे ही मजाक मस्ती में उसे अपने करीब खींच लेता था कि मुझे और खूबसूरत और नेचुरल क्लिक मिले मन में मजा आ रहा था, लेकिन साथ ही जलन भी । ‘ये मेरी बीवी है… लेकिन असलम के साथ कितनी अच्छी लग रही है… मैं तो बस फोटोज ले रहा हूँ…’ वो अपमान मुझे और एक्साइट कर रहा था,
18-12-2025, 06:31 PM
खुशबू मन ही मन हँस रही थी,
‘अमित बेचारा… खुद ही पोज़ बनवा रहा है… असलम के साथ… मुझे नीचा दिखाने में मजा आ रहा है…’ असलम (खुशबू को अपनी तरफ़ खींचते हुए, उसकी कमर पर हाथ रखकर): “पहली पोज़… आओ जान, मेरे सीने पर सिर रखो… जैसे हनीमून कपल करते हैं…” खुशबू झट से असलम के सीने पर सिर टिका देती है। उसकी बिकिनी टॉप इतनी छोटी कि उसकी छाती असलम की छाती से चिपक गई। असलम का हाथ उसकी कमर से नीचे सरकता है, हल्का-सा गांड पर रुकता है। ![]() असलम (मेरी तरफ़ देखकर, मुस्कुराते हुए): “अमित… ज़ूम कर ना… देख, कितनी टाइट फिटिंग है ये बिकिनी… तेरी khushbu की बॉडी… हर कर्व साफ़ दिख रहा है ना?” मैं (हकलाते हुए): “ह… हाँ असलम भाई… बहुत… अच्छी लग रही है…” खुशबू (असलम के कान में फुसफुसाते हुए, लेकिन मुझे सुनाई दे): “असलम जी… तुम्हारा हाथ… नीचे… और थोड़ा दबाओ ना… अमित को अच्छी फोटो मिलेगी…” असलम हँसता है, हाथ और नीचे सरका देता है—खुशबू की गांड को हल्का-सा मसलता है। क्लिक… क्लिक… मैं फोटो लेता हूँ। लंड टाइट हो रहा है। असलम (अगली पोज़): “अब ये वाली… जान, मेरी गोद में बैठो… जैसे हनीमून में बीवी बैठती है…” ![]() खुशबू असलम की गोद में बैठ जाती है, उसकी जाँघें फैलाकर। असलम का एक हाथ उसकी जाँघ के अंदर, दूसरा उसकी कमर पर। खुशबू का चेहरा असलम के गले में, होंठ उसके कान को छू रहे हैं। असलम (मेरी तरफ़): “अमित… ये देख… तेरी khushnu कितनी आराम से मेरी गोद में बैठी है… फोटो अच्छी आएगी ना? ज़ूम कर… जाँघें पूरी दिखा…” मैं (गला सूखा हुआ): “हाँ… बहुत अच्छी आएगी…” खुशबू (मेरी तरफ़ देखकर, शरारती मुस्कान): “जान… तुम्हें मजा आ रहा है ना देखकर? मैं तो तुम्हारे लिए ही कर रही हूँ… बोलो ना… और करीब आओ… असलम जी के और करीब… असलम (मेरे कान में): “भाई… देख… तेरी बीवी मेरे साथ कितनी खुश है… तू फोटो ले… और बाद में अकेले में देखकर मजा लेना…” ![]() खुशबू (मीठे लेकिन जहरीले लहजे में): “हाँ जान… आज तुम्हारे लिए ही तो सब कर रही हूँ… तुम्हें अच्छा लगता है ना मुझे ऐसे देखकर? बोलो ना… मैं (शर्म से लाल, लेकिन आवाज़ काँपती हुई): “हाँ… बहुत अच्छा लग रहा है…” असलम और खुशबू एक-दूसरे की आँखों में देखकर हल्के से हँसते हैं। वह दोनों भी एक दूसरे में इतना खो गए थे कि जैसे बिल्कुल ऐसे ही बर्ताव कर रहे थे जैसे वही दोनों पति-पत्नी है कभी असलम मस्ती में खुशबू को चिढ़ता था तो कभी खुशबू असलम से और चिपक जाती थी कई बार तो असलम अपना डोमिनेंस पावर और अपना हक जताने के लिए खुशबू के बड़े से चूतड़ के ऊपर थप्पड़ भी मरता था जैसे वह उसकी प्रॉपर्टी हो न जाने यह सब देखकर मुझे खराब या बुरा लगना चाहिए था लेकिन इन सारी बातों की परवाह किए बिना मैं तो बड़ा अच्छा और मजा ले रहा था इन सब बातों का ![]() फिर असलम खुशबू को गोद से उठाकर खड़ा करता है, उसे पीठ से पकड़कर अपनी तरफ़ चिपका लेता है। खुशबू का पिछवाड़ा असलम की कमर से सटा हुआ। असलम (मेरी तरफ़): “अब ये वाली… पीछे से… अमित, फोटो ले… देख, कितनी परफेक्ट लग रही है मेरे साथ…” क्लिक… क्लिक… मैं फोटो लेता हूँ। मेरे हाथ काँप रहे हैं। लंड टाइट। दिल जल रहा है। लेकिन मजा भी आ रहा है। खुशबू (कैमरे की तरफ़ देखकर, होंठ काटते हुए): “जान… आज रात ये सारी फोटोज देखकर… तुम बहुत खुश होने वाले हो…… ❤️” मैं बस कैमरा पकड़े खड़ा रहा। फोटो लेता रहा। और अपने ही स्लिम दोस्त और दू पत्नी की हनीमून फोटोज बनाता रहा। जलता हुआ। उत्तेजित होता हुआ। और खुद को नीचा होते हुए महसूस करता हुआ। असलम ने आखिरी फोटो क्लिक होने के बाद मेरी तरफ़ बढ़ा दिया। “भाई अमित… कमाल कर दिया… ये फोटोज देखकर तो तू रात भर जागेगा… तेरी बीवी कितनी हॉट लग रही है… लेकिन अब… थोड़ा रेस्ट ले ले… हम दोनों को थोड़ा अकेला समय चाहिए…” उसकी आवाज़ में वो मर्दाना कमांड था, जो एक स्लिम मर्द के अहंकार से भरा था जैसे वो खुशबू को अपना हक जता रहा हो। मैंने कैमरा लिया, मुस्कुराने की कोशिश की, लेकिन अंदर से जलन और एक्साइटमेंट का मिश्रण था। ‘हाँ… वो तो मेरा दोस्त है… खुशबू मेरी बीवी… लेकिन वो दोनों… फोटोज में कितने परफेक्ट लग रहे थे…’ मन ही मन सोच रहा था, लेकिन कुछ कहा नहीं। खुशबू ने असलम के बॉडी लैंग्वेज को अच्छे से समझ लिया था वो असलम की तरफ़ देखकर मुस्कुराई, फिर मेरी तरफ़ मुड़ी। उसकी आँखों में वो शातिर चमक थी, जैसे वो जानती हो कि मुझे क्या कहना है। “जान अमित… तुम थक गए होगे… फोटोज ले-लेकर… अब जाओ ना, थोड़ा रेस्ट कर लो… असलम जी को पानी में मस्ती करने का मन है… लहरें आ रही हैं… हम थोड़ी देर वहाँ चले जाते हैं… तुम यहाँ बैठो… बाद में मिलते हैं…” वो प्यार से मेरे गाल पर हाथ फेरती हुई बोली, लेकिन उसके शब्दों में वो मैनिपुलेशन था मुझे एक्सक्यूज करते हुए, जैसे मैं खुद ही खुश हूँ। मैंने सिर हिलाया, “हाँ खुशबू जी… जाओ… मजा करो… मैं यहाँ इंतज़ार करूँगा…” लेकिन अंदर से कन्फ्यूजन था—‘मजा करो? पानी में… असलम के साथ… लेकिन वो तो मेरी बीवी है…’ खुशबू और असलम हाथ में हाथ डाले पानी की तरफ़ चले गए। पहली बार ऐसा था कि वो दोनों पब्लिक में, बीच पर, पानी में रोमांटिक मस्ती करने जा रहे थे जैसे कोई असली हनीमून कपल। लहरें हल्की-हल्की आ रही थीं, सूरज की रोशनी पानी पर चमक रही थी। सलम ने खुशबू को पानी में उतारा, और दोनों कमर तक पानी में पहुँच गए। असलम ने खुशबू को अपनी बाहों में उठा लिया, जैसे कोई शौहर अपनी बीवी को। “जान… पानी में कितना अच्छा लग रहा है… तुम्हारी ये बिकिनी… गीली हो रही है… उफ्फ…” वो बोला, और खुशबू हँसकर उसके सीने पर चिपक गई। “असलम जी… हाँ… तुम्हारा ये होल्ड… मुझे कितना सुरक्षित महसूस कराता है… एक स्लिम मर्द का…” वो फुसफुसाई, और दोनों एक-दूसरे की बॉडी को एंजॉय करने लगे। असलम ने खुशबू की कमर पकड़ी, उसे पानी में घुमाया उसकी जाँघें उसके शरीर से रगड़ रही थीं। खुशबू ने उसके कंधों पर हाथ रखे, और धीरे-धीरे उसके गले में चिपक गई। “असलम जी… यहाँ… सब देख रहे हैं… लेकिन मुझे मजा आ रहा है… तुम्हारा हाथ मेरी गांड पर…” वो बोली, और असलम ने हल्के से उसकी गांड मसली। “हाँ जान… ये तो बस शुरूआत है… रात में और मजा लेंगे… …” वो हँसा, और खुशबू ने उसके होंठों पर हल्का-सा किस किया। दोनों पानी में लहरों के साथ खेल रहे थे असलम खुशबू को उठाकर-उठाकर फेंकता, वो चिल्लाकर हँसती, उसके सीने पर चिपक जाती। असलम का हाथ उसकी जाँघों के बीच सरक जाता, खुशबू की सिसकारी निकल जाती “उफ्फ… असलम जी… धीरे… लेकिन रुको मत…” वो रोमांटिक थे, लेकिन कामुक एक-दूसरे की बॉडी को पूरा होल्ड करके, सहलाकर, एंजॉय करके। असलम मन ही मन सोच रहा था, ‘ये माल… मेरे कंट्रोल में… पब्लिक में भी… अमित को नीचा दिखाने का मजा…’ खुशबू सोच रही थी, ‘असलम का ये टच… कितना पावरफुल… अमित बेचारा देख रहा होगा… उसकी जलन में मुझे मजा आ रहा है…’ मैं थोड़ी दूरी पर लाउंज चेयर पर बैठा था, कैमरा हाथ में, लेकिन अब फोटो लेना बंद। मैं बस देख रहा था एक्साइटमेंट इतना कि नीचे लंड टाइट हो गया, जलन इतनी कि दिल जल रहा था, और कन्फ्यूजन इतना कि मन कह रहा था, ‘ये मेरी बीवी है… असलम मेरा दोस्त… लेकिन वो दोनों… कितने परफेक्ट लग रहे हैं…’ मैं उठा नहीं पाया, बस घूरता रहा—खुशबू की बिकिनी गीली हो रही थी, असलम का हाथ उसकी बॉडी पर… ‘क्या ये गलत है? लेकिन मजा क्यों आ रहा है…?’ उसी समय, जय वहाँ सर्वे करने के लिए आ गया था—रिसोर्ट का स्टाफ, बीच पर चक्कर लगाने का बहाना। वो मेरे पास आया, चेयर पर बैठ गया, और मुस्कुराते हुए बोला, “भाई अमित… देख… तेरी मैडम और साहब… पानी में कितने कंपेल्ड लग रहे हैं… जैसे बने हों एक-दूसरे के लिए… साहब का हाथ मैडम की कमर पर… मैडम साहब के सीने पर चिपकी… उफ्फ… क्या केमिस्ट्री है… तू तो लकी है रे… ऐसी मालकिन मिली… साहब जैसा मर्द साथ में… हनीमून तो परफेक्ट हो रहा…” मैंने हल्के से सिर हिलाया, लेकिन गला सूखा हुआ था। “हाँ… हाँ भाई… अच्छा लग रहा है…” जय (हँसकर, मेरी तरफ़ देखकर): “अच्छा लग रहा है? भाई… तेरी मैडम की वो बिकिनी… गीली होकर और चिपक गई… साहब का हाथ… मैडम की चीखें… सुन रहा हूँ… ‘असलम जी… धीरे…’ हा हा… वो दोनों तो एक-दूसरे के लिए ही बने हैं… तू फोटोज ले रहा था ना? बाद में देखकर मुट्ठ मार लेना… लेकिन सच में… क्या कपल है… … लेकिन कितना सेक्सी… तू तो बस देख… हम नौकरों को यही मजा मिलता है…” जय की बातें सुनकर मेरी एक्साइटमेंट और बढ़ गई—जलन तो थी, लेकिन वो अपमान में मजा… ‘हाँ… वो दोनों परफेक्ट लग रहे हैं… लेकिन वो मेरी बीवी है…’ मैं बस देखता रहा, कैमरा हाथ में, लेकिन क्लिक नहीं किया। मन में कन्फ्यूजन घूम रहा था—‘ये मेरा हनीमून है… लेकिन मैं क्यों खुश हूँ ये देखकर?’ जय हँसता रहा, और मैं चुपचाप… जलता हुआ, उत्तेजित होता हुआ। असलम (हँसते हुए, खुशबू को घुमाते हुए): “जान… पानी में कितना अच्छा लग रहा है… तुम्हारी ये बिकिनी… गीली होकर तो आग लग रही है… देखो, सब घूर रहे हैं… लेकिन तुम मेरी हो… मेरा शौहर बनकर मैं तुम्हें कहीं नहीं छोड़ूँगा…” खुशबू (चीखते हुए, लेकिन मस्ती में, उसके कंधों पर हाथ रखकर): “असलम जी… उफ्फ… धीरे… लहरें आ रही हैं… तुम्हारा ये होल्ड… मुझे कितना सुरक्षित महसूस कराता है… एक स्लिम मर्द का… हाँ, घुमाओ मुझे… और ज़ोर से… हा हा… अमित देख रहा होगा… लेकिन वो खुश होगा ना?” असलम (उसकी कमर पकड़कर, जाँघों पर हाथ फेरते हुए): “अरे अमित… वो तो नीचे बैठा है… बेचारा फोटोज देखकर ही खुश होता रहेगा… लेकिन असली मजा तो मेरा है… जान, तुम्हारी ये जाँघें… पानी में कितनी स्लिपरी… मैं तो बस सहलाता रहूँ… उफ्फ… और करीब आओ…” खुशबू (उसके गले में बाँहें डालकर, चिपककर): “हाँ असलम जी… सहलाओ… ये सब तुम्हारे लिए ही तो… रात भर की थकान मिट गई… लेकिन यहाँ… पब्लिक में… सब देख रहे हैं… मुझे मजा आ रहा है… तुम्हारा हाथ… नीचे… आह्ह… बस थोड़ा और…” असलम (उसे लहर में झूलाते हुए, उसके होंठों के पास मुंह ले जाकर): “मजा आ रहा है ना जान? ये लहरें… जैसे हमारी रात की तरह… ऊपर-नीचे… मैं तो बस तुम्हें चूमना चाहता हूँ… लेकिन रुको… अमित देख रहा है… हा हा… बेचारे को थोड़ा जलन तो बनती है…” खुशबू (हँसकर, लेकिन सिसकारी दबाते हुए): “हाँ… जलन में ही तो मजा है… अमित बेचारा… सोच रहा होगा हम बस मस्ती कर रहे हैं… लेकिन तुम्हारा ये टच… उफ्फ… असलम जी… जोर से होल्ड करो… जैसे रात में किया था…” असलम (उसकी गांड पर हाथ रखकर, उसे अपनी तरफ़ दबाते हुए): “जैसे रात में? जान… रात तो अभी बाकी है… लेकिन यहाँ… पानी में… मैं तुम्हें अपना बना लूँ… देखो, ये लहर… जैसे मेरा लंड… ऊपर-नीचे… हा हा… चिल्लाओ… ज़ोर से…” खुशबू (चीखकर, लेकिन मस्ती में): “असलम जी… आह्ह… हाँ… ऐसे ही… मैं तुम्हारी हूँ… पूरी तरह से… मैं दूर से ये सब देख रहा था एक्साइटमेंट इतना कि हाथ काँप रहे थे, लंड टाइट हो गया था, जलन इतनी कि आँखें नम हो रही थीं, और कन्फ्यूजन इतना कि मन कह रहा था, ‘ये मेरा दोस्त है… मेरी बीवी… लेकिन वो दोनों… कितने करीब… ये मस्ती है या…’ मैं उठ नहीं पाया, बस घूरता रहा। खुशबू और असलम पानी में मस्ती कर रहे थे, लेकिन खुशबू की नज़रें थोड़ी दूरी पर बैठे मुझे पर पड़ीं। मैं जय और बाकी नौकरों के साथ बातें कर रहा खुशबू को ये देखकर एक शैतानी लहर दौड़ गई—‘ बेचारा… निचले तबके के लोगों के साथ बैठा है… जैसे खुद भी उनका ही हिस्सा हो… अमित… तू तो मेरा पति है, लेकिन देख… मैं तुझे नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ूँगी…’ वो असलम के कान में फुसफुसाई, “असलम जी… अमित नीचे उन नौकरों के साथ बैठा है… बातें कर रहा है… चलो, उसे बुलाते हैं… जूस मंगवाते हैं… और फिर फोटोज… उसे याद दिला दूँ कि वो हमारा सर्वेंट है…” असलम ने मुस्कुराकर सिर हिलाया, “हाँ जान… बुला लो… बेचारे को थोड़ा काम मिलेगा… और हमें मजा…” वो दोनों पानी से बाहर निकले, हाथ में हाथ डाले, जैसे कोई परफेक्ट हनीमून कपल । खुशबू ने मुझे कॉल किया मेरा फोन बजा, और मैं तुरंत उठा । “जान… इधर आओ ना… असलम जी को प्यास लग गई है… जूस मंगवा दो… और हाँ… पानी में हमारी मस्ती की फोटोज ले लो… ताकि यादें बन जाएँ…” उसकी आवाज़ में वो मीठी कमांड थी, जो मुझे लगा प्यार है। मैं तुरंत होटल स्टाफ से जूस मंगवाने गया —कोकोनट वॉटर और ऑरेंज जूस—और ट्रे लेकर बीच पर पहुँचा। मैं ट्रे लेकर उनके पास पहुँचा। खुशबू ने जूस लिया, असलम को थमाया, और बोली, “थैंक यू जान… अब कैमरा निकालो… पानी में हमारी फोटोज ले लो… मस्ती वाली… ताकि तुम्हें भी मजा आए…” मैंने कैमरा ऑन किया , और वो दोनों फिर से पानी में उतर गए। असलम ने खुशबू को अपनी कमर पर उठा लिया, उसके पैर असलम की कमर से लिपट गए। “अमित… क्लिक कर… देख, कितनी सिड्यूसिंग लग रही है…” असलम बोला। खुशबू (हँसकर, असलम के गले में बाँहें डालकर) “हाँ जान… ये पोज़ अच्छी है ना? असलम जी, मुझे और ऊपर उठाओ… ताकि फोटो में मेरी जाँघें अच्छे से दिखें… अमित, ज़ूम करो… देखो, ये बिकिनी गीली होकर कितनी चिपक गई…” |
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