Thread Rating:
  • 22 Vote(s) - 2.5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मेरी खूबसूरत पत्नी खुशबू भोला भाला बुद्धू सा में और बहुत सारे ,., मर्द
(09-11-2025, 04:27 PM)Kamuk Insaan Wrote: Mind-blowing Update as always ।  
खुशबू सही गेम खेला है अमिता के साथ,,,BC...
धीरे-धीरे उसके सामने अपना लेवल(साइकोलॉजी लेवल पे) आगे बढ़ा रही है,, टैस्ट कर रही है उसका,,,छोटा छोटा शौक दे कर,,ताकि आगे जाकर कोई परेशानी ना हो,,, बिल्कुल झेल जाए(लाईक–दी बॉयलिंग फ्रॉग थियरी–ग्राडुअली सिचुएशन के हिसाब से खुद को एडजस्ट कर ले–बिना किसी चू किए),,,ताकि वह आगे और भी ओपन हो के असलम के साथ रोमांस कर सके,,,और अमित भी असहज ना महसूस करे...(अगर असहज महसूस भी करेगा तो क्या उखाड़ लेगा...उल्टा उसे तो मिक्स फीलिंग आ रहा है आशंकोच और उत्तेजित भी जब खुशबू ने उसके के सामने असलम को किस किया...एक बार फोटोशूट और डीनर के दौरान... में तो चाहूंगा और भी खुलकर खुशबू असलम के साथ मस्ती करे...बिल्कुल बोल्ड और वाइल्ड होकर अमित के सामने,,, और अमित तो फोटो और वीडियो से कम चला लेगा...वोह लेफ्टआउट या वंचित महसूस न करे उसके लिए छोटा मोटा हैंडजॉब ही अपने पति को देती रहे वोह उसी में खुश रहेगा।।।।
वैसे सच कहूं तो अमित को मज़ा तो आ ही रहा है अपनी हॉट बीबी को अपने दोस्त के बाहों में देख कर।
"और मैं मन ही मन सोच रहा हूं यह मैनेजर भी खामखा इतनी मेहनत करवा रहा है ....आखिरकार मेरी पत्नी और असलम की फर्स्ट नाइट या सुहागरात थोड़ी होने वाली है..... आज रात वहां ऊपर...... वह दोनों तो अलग-अलग सोने वाले हैं."
अमित कितना बड़ा मुगालते में है... उसका लगता है बीबी और दोस्त जब कमरे में आएंगे और लूडो खेलेंगे फिर सो जाएंगे,, उसे पता ही नहीं के वोह दोनों सुपर हॉर्नी मूड में है, सुइट में आते है उनका असली प्रोग्राम शुरू हो जाएगा, डीनर के दौरान असलम दूसरों (जय) नहीं बल्कि उसे ही हिंट कर रहा था के आज रात वोह खुशबू की रातभर ताबड़तोड़ चुदाई करेगा,आखिरकार उन दोनों का सुहागरात है।।।। वैसे सुहागरात से याद आया खुशबू अपना पहली सुहागरात को अपने दोनों Ex अली और जफर साथ चुदवाकर मनाई थी। वैसे अगर असलम अपने फोन से खुशबू की चुदाई वाला वीडियो  रिकॉर्ड या उसका का लाइव फीड अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे (खुशबू के कंसेंट में)
डीनर के दौरान जो कुछ भी हुआ असलम और खुशबु के बीच वोह तो बस एक वार्म अप सैशन था, जो कि वाकई बहुत इरॉटिक और रोमेंटिक और लंड खड़ा कर देने वाला दृश्य था पर असली रोमांच तो ऊपर बेडरूम में होने वाला है (…जिसका मुझे बेसब्री से इंतेज़ार है) ।  और उम्मीद है कि खुशबू का ऐसा ही बोल्ड एक्ट करते हुए आगे भी देखने को मिलेगा ठीक वैसे ही जैसे उसने डिनर टेबल के नीचे असलम के साथ करी  ।  रही बात असलम की, उसने तोह देखा ही नहीं कि असली रंडी किसे कहते है,,अभी तक खुशबू के उस असली रंडी वाले रूप से रूबरू नहीं हुआ है। डिनर के दौरान और अभी तक जो कुछ हुआ, वो तो बस एक झलक थी । अभी तो और भी दो गुना मजा देंगी जब वह अपने असल रूप में आएगी।।

लास्ट प्वाइंट; में पूरी तरह से संतुष्ट हु इस अपडेट से और फिर से एक ही बात कहना चाहूंगा– प्रेशर फ्री होकर लिखो–क्वॉलिटी राइटिंग में कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं–जितना टाइम लगेगा हम रीडर्स वेट कर लेंगे

बहुत अच्छा लगता है यह देखकर और जानकर कि मेरी कहानी का हर एक शब्द का अच्छे से समझ गय समझ गया और अच्छे से पकड़ा गया हो वही बात जो मैं इनडायरेक्ट कहना चाह रहा हूं.... हां जी खुशबू और असलम को बहुत अच्छे से पता है की अम्मी की कमजोरी क्या है और उसका कैसे इस्तेमाल करना है अपने फायदे के लिए और वह लोग वही करेंगे लेकिन आगे जाकर धीरे-धीरे और स्टेप बाय स्टेप क्योंकि वह लोग नहीं चाहते होंगे कि अमित कुछ ज्यादा ही शक करने लगे या उनके हाथों से निकल जाए वरना वह लोग एक दूसरे के साथ मजा मस्ती नहीं कर पाएंगे......


कब पता नहीं लेकिन जब भी भी अगला अपडेट आएगा तब खुशबू की पहली रात हो चुकी होगी और उसके बाद वाली सारी घटनाएं होंगी आशा रखता हूं आप सब लोग पूरी धीरज के साथ कहानी से जुड़े रहेंगे अगर मुझे अपने अच्छा टाइम देकर लिखने देंगे तो हमें ज्यादा अच्छा डिलीवर कर पाऊंगा
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
(10-11-2025, 10:34 AM)Namard pati Wrote: बहुत अच्छा लगता है यह देखकर और जानकर कि मेरी कहानी का हर एक शब्द का अच्छे से समझ गय समझ गया और अच्छे से पकड़ा गया हो वही बात जो मैं इनडायरेक्ट कहना चाह रहा हूं.... हां जी खुशबू और असलम को बहुत अच्छे से पता है की अम्मी की कमजोरी क्या है और उसका कैसे इस्तेमाल करना है अपने फायदे के लिए और वह लोग वही करेंगे लेकिन आगे जाकर धीरे-धीरे और स्टेप बाय स्टेप क्योंकि वह लोग नहीं चाहते होंगे कि अमित कुछ ज्यादा ही शक करने लगे या उनके हाथों से निकल जाए वरना वह लोग एक दूसरे के साथ मजा मस्ती नहीं कर पाएंगे......


कब पता नहीं लेकिन जब भी भी अगला अपडेट आएगा तब खुशबू की पहली रात हो चुकी होगी और उसके बाद वाली सारी घटनाएं होंगी आशा रखता हूं आप सब लोग पूरी धीरज के साथ कहानी से जुड़े रहेंगे अगर मुझे अपने अच्छा टाइम देकर लिखने देंगे तो हमें ज्यादा अच्छा डिलीवर कर पाऊंगा

aapke update ka injar rhega or dhire dhire khushboo itni open ho jaye ki khule aam amit ke samne maja are ho sake to ek encouter khushboo ke urane dosto ka or aslam ka bhi erwana taki amit ke hosh ud jaye or khushboo doo ke sath maja kare ait unko dekhta rhe
Like Reply
Har baar ki tarah Mind blowing update.

You r the master of this forum yaar.

Keep going baby.. More and more hot update.

We are eagerly waiting.

And no pressure.. Apni puri feelings ke sath likhna.
Like Reply
(10-11-2025, 11:54 AM)Marishka Wrote: Har baar ki tarah Mind blowing update.

You r the master of this forum yaar.

Keep going baby.. More and more hot update.

We are eagerly waiting.

And no pressure.. Apni puri feelings ke sath likhna.

जी बहुत-बहुत शुक्रिया तारीफ के लिए कब दे पाऊंगा पता नहीं लेकिन तकरीबन 20-25 दिन तो हो ही जाएंगे नई अपडेट के लिए तो कृपया आप सभी लोग धीरज रखना
Like Reply
Update chota ho ya bada tum dil chota mat karo dost kyuki jis tarah se ab khusboo khulke sath dene lagi hai Aslam miya ka lagta hai uska darr kam hogya hai ki Amit kya sochega kyuki unko pata hai kuch na kuch batakar bhole bhale Amit ko chakma de denge dono saccha Mard aur amit ki biwi. Vse khudse naraz hone ki zrurt nahi lekin agar update chote ho to koshish karna weekly ek do de pao taki log connected rahe. Lakho log padh rhe hai dhyan rakhna sabki nazre h tum par. Ye kala sab me nahi apne sath hui chize itne khubsoorati se shabdo me piro ke sabke samne rakhna jisse hame bhi vhi ahsas ho jo dena chahte ho. Chahe khushbu ki chalaki ho ya Amit ka bholapan ya Aslam ki sher jsi mardangi
Like Reply
(12-11-2025, 01:19 AM)Kabir.mkk Wrote: Update chota ho ya bada tum dil chota mat karo dost kyuki jis tarah se ab khusboo khulke sath dene lagi hai Aslam miya ka lagta hai uska darr kam hogya hai ki Amit kya sochega kyuki unko pata hai kuch na kuch batakar bhole bhale Amit ko chakma de denge dono saccha Mard aur amit ki biwi. Vse khudse naraz hone ki zrurt nahi lekin agar update chote ho to koshish karna weekly ek do de pao taki log connected rahe. Lakho log padh rhe hai dhyan rakhna sabki nazre h tum par. Ye kala sab me nahi apne sath hui chize itne khubsoorati se shabdo me piro ke sabke samne rakhna jisse hame bhi vhi ahsas ho jo dena chahte ho. Chahe khushbu ki chalaki ho ya Amit ka bholapan ya Aslam ki sher jsi mardangi

तारीफ और कमेंट के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया भाई लेकिन लगता नहीं 7-10 दिन में अपडेट दे पाऊंगा बहुत ज्यादा समय लग जाएग busyness ke karan
Like Reply
Are guru, kya likha ho!!! Ekdum lallantop!!! Aslam aur Khusbu ne milke Amit ko jo chutiya banaya hai na, uska toh jawab hi nahi… bechare ko yeh tak nahi pata ke uska chutiya kat raha hai, aur woh khush hai samajh raha hai sab theek chal raha hai. amit ko dono ne milkar naukar-cum-personal photographer bana rakha hai. upar se uske hi saamne dono aise romance aur flirt karte hain ki  amit ko zara sa bhi shaq na ho, ulta use lagta hai ki yeh sab toh sirf photography ka part hai, ya dusron ke samne ek act, taaki logon ko un par koi doubt na ho. khusbu… uff, kya maal aur dimaag ka combo hai! bhai sahab, zeher bhi sharma jaaye uske aage. jo game khel rahi hai na, woh bhi bade style mein, dheere, narmi se, lekin seedha dil aur dimaag pe vaar. bas ek–do din aur… amit thoda situation ke hisaab se adjust ho jaaye, jaise khusbu chahti hai aur lagta hai, usmein woh kaafi had tak safal bhi ho rahi hai. uske baad toh khusbu apne rang mein poori tarah utar jaayegi, na sharam, na jhijhak, bas apni marzi ka khel.
Like Reply
(12-11-2025, 05:00 PM)Bakchod Londa Wrote: Are guru, kya likha ho!!! Ekdum lallantop!!! Aslam aur Khusbu ne milke Amit ko jo chutiya banaya hai na, uska toh jawab hi nahi… bechare ko yeh tak nahi pata ke uska chutiya kat raha hai, aur woh khush hai samajh raha hai sab theek chal raha hai. amit ko dono ne milkar naukar-cum-personal photographer bana rakha hai. upar se uske hi saamne dono aise romance aur flirt karte hain ki  amit ko zara sa bhi shaq na ho, ulta use lagta hai ki yeh sab toh sirf photography ka part hai, ya dusron ke samne ek act, taaki logon ko un par koi doubt na ho. khusbu… uff, kya maal aur dimaag ka combo hai! bhai sahab, zeher bhi sharma jaaye uske aage. jo game khel rahi hai na, woh bhi bade style mein, dheere, narmi se, lekin seedha dil aur dimaag pe vaar. bas ek–do din aur… amit thoda situation ke hisaab se adjust ho jaaye, jaise khusbu chahti hai aur lagta hai, usmein woh kaafi had tak safal bhi ho rahi hai. uske baad toh khusbu apne rang mein poori tarah utar jaayegi, na sharam, na jhijhak, bas apni marzi ka khel.

इतनी सारी बढ़िया कॉमेंट के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया मेरे भाई आपकी बातों से ही साफ जाहिर हो रहा है क्या आपने मेरी कहानी को बहुत नजदीक से और समझ के साथ पढ़ा है बहुत ही बहुत शुक्रिया अभी घर पर्सनल काम की वजह से थोड़ा व्यस्त रहूंगा न जाने कब दे पाऊंगा अगला अपडेट उसके लिए माफी
[+] 1 user Likes Namard pati's post
Like Reply
(10-11-2025, 10:34 AM)Namard pati Wrote: कब पता नहीं लेकिन जब भी भी अगला अपडेट आएगा तब खुशबू की पहली रात हो चुकी होगी और उसके बाद वाली सारी घटनाएं होंगी आशा रखता हूं आप सब लोग पूरी धीरज के साथ कहानी से जुड़े रहेंगे अगर मुझे अपने अच्छा टाइम देकर लिखने देंगे तो हमें ज्यादा अच्छा डिलीवर कर पाऊंगा

Toh kya hume Aslam aur Khusbu ke pehli raat ki description padhne ko nahi milega? aage ki events directly next morning se shuru hongi???
Like Reply
Update
Like Reply
bhai bhut din ho gye ab to update do please
Like Reply
waw nice update
Like Reply
Ab शाम हो चुकी थी ......और वहां से विदा लेकर मैं और जय ऊपर खुशबू और असलम के सुइट की तरफ चल पड़े....... जय के साथ अब मेरी अच्छी बॉन्डिंग बन चुकी थी...... वह मुझे भाई-भाई कहकर बुलाता था...... और मैं भी उसे भाई कहकर पुकारता था....... हम दोनों का एक ही काम था कि रिसोर्ट में आए हुए मेहमानों की अच्छे से सर्विस करना...... इसलिए हम दोनों के बीच में एक भाईचारा जैसा बन गया था....... मैं भी अब जय से खुलकर बात करने लगा था....... और वह भी मेरे साथ........


हम दोनों कमरे में दाखिल हुए...... जय ने पहले तो मुझे रिसोर्ट की तरफ से मिली हुई महंगी महंगी और लग्जरियस चीजों का बड़ा सा बॉक्स दिखाया...... जो खास तौर पर हनीमून कपल्स के लिए रिजर्व रखा जाता था....... वह बॉक्स खोलकर जय ने मुझे एक-एक करके सारी चीजें दिखानी शुरू की........


सबसे पहले तो उसने एक महंगी वाली शैंपेन की बोतल निकाली...... जो फ्रांस से इंपोर्ट की हुई थी...... उसकी कीमत ही करीब 10 हजार रुपए थी....... फिर उसने दो क्रिस्टल ग्लास निकाले...... जो इतने नाजुक और शाइनिंग थे कि जैसे ही रोशनी पड़ती थी...... वह चमक उठते थे....... फिर उसने एक छोटा सा ट्रे निकाला...... जिसमें चॉकलेट कवर स्ट्रॉबेरी थी...... जो स्पेशल तरीके से तैयार की गई थी...... ताकि खाने में भी मजा आए और देखने में भी सेक्सी लगे....... फिर उसने एक बड़ा सा गुलदस्ता निकाला...... जो गुलाब की पंखुड़ियों से भरा हुआ था...... डार्क रेड कलर का...... जो पूरा बेड पर बिखेरने के लिए था....... फिर उसने कुछ सुगंधित कैंडल्स निकाली...... जो जलाने पर कमरे में एक कामुक खुशबू फैलाती थी...... जैसे लैवेंडर और वनीला का मिश्रण...... जो कपल को और रोमांटिक मूड में ले जाता था....... फिर उसने एक छोटा सा स्पा किट निकाला...... जिसमें बॉडी ऑयल, मसाज क्रीम और कुछ सेक्स टॉयज जैसे वाइब्रेटर और हैंडकफ्स थे...... जो हल्के प्ले के लिए रखे जाते थे....... और आखिर में उसने सिल्क की चादरें निकाली...... जो बेड पर बिछाने के लिए थी...... इतनी सॉफ्ट और स्लिपरी कि उस पर लेटकर कपल को अलग ही मजा आए........


जय ने मुझे सब कुछ दिखाते हुए कहा, "भाई, देख..... इस तरह की महंगी होटल में फर्स्ट नाइट के लिए कमरा ऐसे ही सजाया जाता है..... यहां आने वाले कपल अमीर होते हैं..... और उनकी फर्स्ट नाइट को यादगार बनाना हमारा काम है..... शैंपेन से शुरू करके, ये कैंडल्स जलाकर कमरा रोमांटिक बनाते हैं..... पंखुड़ियां बिखेरकर बेड को जैसे कोई स्वर्ग बना देते हैं..... और ये स्पा किट..... वो तो कपल को और करीब लाने के लिए..... मसाज, प्ले..... सब कुछ..... ताकि रात भर वो लोग एक दूसरे में खो जाएं..... कोई डिस्टर्बेंस न हो....."


मैं सब सुनकर हल्का-हल्का मुस्कुरा रहा था..... मन ही मन सोच रहा था कि यह सब कितना व्यर्थ है..... क्योंकि खुशबू और असलम तो सच में कपल थोड़े हैं..... वह तो सिर्फ दिखावा है..... डिस्काउंट के लिए..... और ऊपर से खुशबू मेरी पत्नी है..... वह असलम के साथ थोड़ी रात गुजारेगी..... लेकिन फिर भी, मैंने जय से कहा, "हां भाई, सही कह रहे हो..... चलो, शुरू करते हैं..... कमरा सजाते हैं....."


जय ने हंसकर कहा, "हां भाई, लेकिन पहले ये वॉशरूम साफ कर ले..... क्योंकि फर्स्ट नाइट में कपल को शावर लेना पड़ता है..... साथ में..... तो वो भी क्लीन और रेडी होना चाहिए..... तू कर ले ना..... मैं बाहर बेड सजाता हूं....."


मैंने हां में सिर हिलाया और वॉशरूम में चला गया..... वहां पर खुशबू का इस्तेमाल किया हुआ टॉवल पड़ा था..... उसकी खुशबू आ रही थी..... मैंने उसे साइड रखा और सिंक, शावर, टब सब साफ करने लगा..... मन ही मन सोच रहा था कि बेचारी खुशबू..... कितनी परेशानी में है..... लेकिन वह तो मेरे लिए इतना एडजस्ट कर रही है..... तो मैं भी थोड़ा बहुत कर ही सकता हूं..... वॉशरूम साफ करते हुए मैंने गौर किया कि वहां पर खुशबू की ब्रा और पैंटी भी पड़ी थी..... जो वह चेंज करके छोड़ गई थी..... मैंने उन्हें उठाया..... हल्का सा सूंघा..... और फिर साइड में रख दिया..... मन में एक हल्का सा रोमांच हुआ..... लेकिन मैंने खुद को रोका..... और वॉशरूम को चमकदार बना दिया..... जैसे कोई नया हो......


बाहर जाकर देखा तो जय ने बेड पर सिल्क की चादर बिछा दी थी..... गुलाब की पंखुड़ियां बिखेर दी थी..... कैंडल्स लगा दी थी..... शैंपेन और ग्लास टेबल पर रख दिए थे..... स्पा किट साइड में रखी थी..... पूरा कमरा जैसे किसी रोमांटिक मूवी का सेट लग रहा था..... लाइट्स डिम थी..... खुशबू वाली..... और बैकग्राउंड में हल्का सा म्यूजिक प्लेयर भी सेट कर दिया था..... जय ने मुझे देखकर कहा, "देख भाई, ऐसा सजाते हैं..... ताकि मैडम और साहब आकर सीधे मूड में आ जाएं....."


जय मन ही मन सोच रहा था..... 'वाह रे क्या माल है ये मैडम..... इतनी सेक्सी, इतनी हॉट..... आज रात तो साहब की निकल पड़ेगी..... ये साली गुजराती फटाका पूरी रात चुदवाएगी..... देखो ना कितनी छोटी ड्रेस पहनी थी..... गांड तो जैसे बाहर निकलने को तैयार थी..... और छाती..... उफ्फ..... साहब तो उनको दबाकर, चूसकर, निचोड़कर पूरा मजा लेंगे..... रात भर ये कमरा हिलेगा..... ये बेड टूटेगा..... मैडम की चीखें निकलेंगी..... 'असलम जी.... जोर से.... और जोर से....' हा हा हा..... और वो साहब का तगड़ा लंड..... मैडम की चूत को फाड़ देगा..... पूरी रात चुदाई का खेल चलेगा..... सुबह मैडम ठीक से चल भी नहीं पाएगी..... गांड लाल हो जाएगी..... छाती पर दांतों के निशान..... वाह रे क्या रात होगी..... मैं तो कल सुबह कमरा साफ करने आऊंगा तो देखूंगा..... कंडोम के पैकेट बिखरे होंगे..... वीर्य की बूंदें..... मैडम की पैंटी फटी हुई..... हा हा..... साहब तो मैडम को कुत्तिया बनाकर चोदेंगे..... पीछे से..... आगे से..... मुंह में..... हर तरह से..... मैडम तो रोएगी मजा लेकर..... 'असलम जी.... बस.... अब नहीं....' लेकिन साहब कहेंगे..... 'अभी तो शुरू हुआ है जान.....' उफ्फ..... क्या सीन होगा..... ये अमित बेचारा यहां सजा रहा है..... लेकिन आज रात तो मैडम साहब की अमानत बनेगी..... पूरी तरह से.....'


जय की इन कल्पनाओं से उसका मन मचल रहा था..... वह बार-बार कमरे की सजावट देखकर मुस्कुरा रहा था..... और मुझे देखकर सोच रहा था, 'बेचारा ये अमित..... अपनी मैडम के लिए कमरा सजा रहा है..... लेकिन आज रात तो मैडम किसी और के नीचे होगी..... चुदते हुए..... हंसते हुए..... मजा लेते हुए.....'


फिर जय ने मुझे देखकर बात शुरू की, "भाई अमित, तू तो बड़ा खुश लग रहा है..... कमरा सजाते हुए..... तेरी मैडम और साहब कितने सेक्सी लग रहे थे ना..... साथ में..... आज रात तो उनकी बल्ले-बल्ले हो जाएगी....."


मैं हल्का सा मुस्कुराया, लेकिन मन ही मन सोच रहा था कि यह सब व्यर्थ है..... खुशबू और असलम थोड़ी ना साथ सोएंगे..... वह तो अलग-अलग सोएंगे..... यह सजावट तो बस दिखावा है..... रिसोर्ट वालों को खुश करने के लिए..... मैंने जय से कहा, "हां भाई, लेकिन तू इतना एक्साइटेड क्यों है? जैसे तेरी खुद की फर्स्ट नाइट हो....."


जय हंसकर बोला, "अरे भाई, मैंने कितने कपल्स को देखा है..... इस तरह की होटल में..... फर्स्ट नाइट के लिए कमरा सजाते हुए..... लेकिन तेरी मैडम जैसी हॉट और सेक्सी लड़की..... और साहब जैसा तगड़ा मर्द..... पहली बार देखा..... आज रात तो कमरा हिलेगा..... मैडम की चीखें निकलेंगी..... साहब मैडम को पूरी रात चोदेंगे..... पीछे से, आगे से..... मैडम तो साहब के लंड पर नाचेंगी..... पूरी रात जागकर..... मजा लेकर..... सुबह मैडम की हालत देखने लायक होगी..... गांड लाल, छाती पर निशान..... हा हा..... तू सोच..... हम यहां सजा रहे हैं..... लेकिन असल मजा तो साहब लेंगे..... मैडम की चूत को फाड़कर....."


मैं हल्का सा असहज हुआ, लेकिन मन ही मन सोच रहा था कि जय कितना गलत सोच रहा है..... खुशबू थोड़ी ना असलम के साथ सोएगी..... वह तो मेरी पत्नी है..... लेकिन मैंने उसे रोकने की बजाय बस हंस दिया, "हां भाई, तू तो बड़ा एक्सपीरियंस वाला लग रहा है....."


जय बोला, "हां भाई, मैंने देखा है..... ऐसे कमरों में क्या होता है..... सुबह आकर साफ करता हूं..... कंडोम बिखरे रहते हैं..... वीर्य की बूंदें..... मैडम की पैंटी फटी हुई..... साहब मैडम को कुत्तिया बनाकर चोदते हैं..... मैडम चिल्लाती हैं..... 'जोर से.... और जोर से....'..... आज तेरी मैडम भी वैसा ही करेगी..... साहब का तगड़ा लंड लेगी..... पूरी रात..... उफ्फ..... क्या रात होगी....."


मैं मन ही मन हंस रहा था..... सोच रहा था कि बेचारा जय कितनी अश्लील कल्पना कर रहा है..... लेकिन वह क्या जाने..... कि खुशबू और असलम तो बस दिखावा कर रहे हैं..... वह थोड़ी ना एक दूसरे के साथ रात गुजारेंगे..... मैंने उसे रोकने की बजाय बस काम पर लगे रहने को कहा......


लेकिन सच्चाई यह थी कि कमरा सजाते हुए मैं भी पूरे मन, दिल और उत्साह से लगा हुआ था..... जैसे मैं कुछ समय के लिए भूल ही गया हो कि यह कमरा अपनी ही दू पत्नी और अपने ही स्लिम दोस्त के लिए सजा रहा हूं..... मेरे दिमाग में बस यह चल रहा था कि कमरा जितना अच्छा सजेगा..... रिसोर्ट वाले उतने खुश होंगे..... और हमारा डिस्काउंट सुरक्षित रहेगा..... मैंने पंखुड़ियां बिखेरी..... कैंडल्स लगाई..... शैंपेन ठंडी की..... स्पा किट को अच्छे से सेट किया..... जैसे मैं सच में किसी कपल की फर्स्ट नाइट सजा रहा हो..... मेरी गांड और जांघों की कल्पना करके भी मैं एक्साइटेड हो रहा था..... लेकिन सोच रहा था कि यह सब व्यर्थ है......


फिर सजावट खत्म हो जाने के बाद जब मैंने कमरा देखा..... तो मेरे दिलो-दिमाग में अलग ही तरह का रोमांच महसूस हुआ..... पूरा कमरा जैसे किसी सुहागरात का सेट लग रहा था..... लाल पंखुड़ियां बिखरी हुई..... कैंडल्स की रोशनी..... सुगंधित हवा..... सिल्क की चादरें..... शैंपेन चमक रही थी..... मन में एक झटका सा लगा..... कि अगर खुशबू और असलम सच में यहां रात गुजारेंगे तो..... क्या होगा..... लेकिन तुरंत ही मैंने खुद को झिड़का..... अरे नहीं..... वह तो मेरी पत्नी है..... वह ऐसा थोड़ी करेगी..... लेकिन वह रोमांच..... वह कल्पना..... मेरे मन से जा ही नहीं रही थी..... मेरे रोंगटे खड़े हो गए..... और नीचे लंड में हलचल सी हो गई..... जैसे मैं चाह रहा हो कि काश..... यह सब सच हो..... लेकिन फिर मैंने खुद को संभाला..... और जय के साथ नीचे चला गया..... इंतजार करने लगा..... शाम के डिनर के खत्म होने का.....।




(रात के दस बज चुके थे। कैंडल-लाइट डिनर खत्म हो चुका था। खुशबू और असलम हँसते-बातें करते, हाथ में हाथ डाले ऊपर सुइट की तरफ चले। मैं और जय दोनों दरवाजे के बाहर खड़े थे, जैसे दो नौकर इंतज़ार कर रहे हों कि मालिक-मालकिन का।)

दरवाज़ा खुला।

पहली नज़र में ही खुशबू की आँखें चमक उठीं।  
“ओह माय गॉड… असलम जी… देखो ना… कितना ख़ूबसूरत सजाया है!”  
उसने एकदम बच्ची जैसी चीख़ मारी और बेड की तरफ़ दौड़कर गई। लाल गुलाब की पंखुड़ियाँ सिल्क की चादर पर बिखरी थीं, कैंडल्स की हल्की-हल्की लौ कमरे को सोने-सा चमका रही थी, शैंपेन की बोतल आइस बकेट में ठंडी हो रही थी, और हवा में वो कामुक लैवेंडर-वनीला की महक फैली थी।

असलम ने धीरे से सीटी बजाई, “वाह… कमाल कर दिया भाई ने… आज तो स्वर्ग में ही सोना है।”

दोनों एक-दूसरे की तरफ़ देखकर शैतानी मुस्कान बाँटते हैं।  
मन ही मन दोनों एक ही बात सोच रहे थे:

खुशबू (अंदर से हँसते हुए): अरे वाह रे अमित… सच में कितना बड़ा बेवकूफ़ है तू…  
अपनी हदू बीवी की सुहागरात का कमरा इतने प्यार से सजा रहा है…  
और वो भी मेरे मु
स्लिम शौहर के लिए…  
जिसके नीचे मैं आज पूरी रात करवाने वाली हूँ…  
हा हा हा… बेचारा खुद पंखुड़ियाँ बिछा रहा है… जिस पर मैं चुदवाऊँगी…

असलम (अंदर से): यार अमित… तू तो साला नंबर वन का चमचा निकला…  
अपनी बीवी को मेरे बिस्तर तक पहुँचाने के लिए खुद ही रास्ता साफ़ कर रहा है…  
आज रात तो मैं तेरी बीवी को ऐसा चोदूँगा कि वो तुझे भूल ही जाए…  
और तू नीचे सर्वेंट क्वार्टर में हमारी चुदाई की फोटोज देखकर मुट्ठ मारता रहेगा…  
परफेक्ट चूतिया है साला…

बाहर खड़े हम दोनों को देखकर खुशबू ने अपना शुगर-कोटेड वाला प्यार भरा चेहरा तुरंत ऑन कर लेती है।  
वह मेरे पास आई, मेरे गाल पर प्यार से हाथ फेरा और बोली,

“अमित… सच में… तुमने कमरा इतना प्यारा सजाया है ना…  
मुझे तो सच में लगा जैसे कोई सपना देख रही हूँ…  
तुमने इतनी मेहनत की… मेरे लिए… हमारे लिए…  
थैंक यू सो मच जान…  
मैं बहुत बहुत खुश हूँ… सच में…”

उसकी आवाज़ में इतना प्यार था कि मेरा दिल पिघल गया।  
मैंने शरमाते हुए कहा, “अरे खुशबू जी… बस आप खुश रहो… बस…”

असलम ने अपना वॉलेट निकाला, दो-दो हज़ार के नोट निकाले — एक मेरे हाथ में, एक जय के हाथ में ठूँस दिया।  
“ले भाई… ले जय… आज तुम दोनों ने कमाल कर दिया…  
मूड ही बना दिया… अब तो रात यादगार होकर रहेगी…”

जय ने नोट लेते हुए शैतानी मुस्कान दी और बोला, “थैंक यू सर… बहुत बहुत शुक्रिया… आप दोनों खूब एंजॉय कीजिए… पूरी रात…”  
और आँख मारते हुए चला गया।

दरवाज़ा हल्का सा बंद हुआ। अब कमरे में सिर्फ़ हम तीन थे।

खुशबू मेरे पास आई, मेरे कंधे पर हाथ रखा और धीरे-धीरे बोली,  
“सुनो ना जान… आज रात तुम थोड़ा इंतज़ार करना ठीक है…?  
मैं तुम्हें कुछ बहुत स्पेशल भेजूँगी…  
जैसे तुम्हें बहुत पसंद है ना…?  
तुम बस थोड़ा सब्र रखना… मैं तुम्हें खुश कर दूँगी… बहुत खुश…”


और हाँ… अगर रात में मुझे तुम्हारी कोई ज़रूरत पड़े… कोई छोटा-मोटा काम… या बस बात करने का मन हो…
तो मैं तुझे ऊपर बुला लूँगी… तू तैयार रहना ना… मेरे प्यारे…
तुम तो हमेशा मेरे पास रहते हो ना…?”

उसकी आँखों में वो शैतानी चमक थी, लेकिन मैंने उसे प्यार समझ लिया।  
मैंने हँसकर सिर हिलाया, “हाँ खुशबू जी… मैं इंतज़ार करूँगा…”


खुशबू ने मुझे गले लगाया, गाल पर हल्का सा किस किया और धीरे से कान में फुसफुसाई,  
“गुड नाइट जान… आज रात तुम बहुत खुश होने वाले हो…”

फिर दोनों ने मुझे प्यार से दरवाज़े तक छोड़ा।


(दरवाज़ा हल्का-सा खुला रह गया था। मैं अभी सीढ़ी पर ही खड़ा था।
अंदर से उनकी आवाज़ें बहुत धीमी थीं, जैसे कोई राज़ की बात हो रही हो, लेकिन हवा में तैरती हुई मेरे कानों तक पहुँच रही थीं…)
असलम (धीमी, शरारती हँसी के साथ):
“सच में… बेचारा कितना प्यारा है यार…
इतनी मेहनत से सजाया है… और ऊपर से तैयार रहने को कह गया…
जैसे सच में हमारी ‘यादें’ बनाने में उसका दिल लगा है…”
खुशबू (हल्के से ठहाका दबाते हुए, बहुत नरम और मिठास भरी आवाज़ में):
“हाँ ना…
मैंने कहा ना… वो हमेशा मेरे लिए कुछ स्पेशल करता रहता है…
आज भी कर रहा है…
चलो… अब ये शैंपेन खोलो ना…
इतनी ख़ूबसूरत माहौल बनाया है…
इसका तो पूरा हक़ बनता है… कि हम इसे और भी ख़ास बना दें…”
असलम (ग्लास चटकाने की हल्की आवाज़, फिर बहुत करीब से):
“हाँ… बिल्कुल…
आज रात तो बस हम दोनों हैं…
कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा…
और जो करेगा… वो भी हमारी खुशी के लिए ही करेगा…”
खुशबू (एक लंबी, मादक साँस छोड़ते हुए, हल्के से हँसकर):
“ह्म्म… बिल्कुल…
तुम बस मेरे साथ रहो…
बाकी सब… अपने आप हो जाएगा…”
फिर एक हल्की-सी चीख़, एक गुदगुदी भरी हँसी, और बेड के स्प्रिंग की हल्की-सी आवाज़।

असलम ने दरवाज़ा धड़ाम से बंद कर दिया।  
अंदर से खुशबू की हल्की सी चीख़ और फिर ठहाका गूँजा।

मैं वहीं खड़ा रहा कुछ पल।  
कान लाल हो गए थे।  
दिल धक-धक कर रहा था।  
लेकिन नीचे लंड एकदम टाइट।

फिर मैं धीरे-धीरे सीढ़ियाँ उतरता हुआ नीचे सर्वेंट क्वार्टर की तरफ़ चल पड़ा।  
दिल में एक अजीब सी बेचैनी और बेसब्री।

जैसे कोई कुत्ता हड्डी का इंतज़ार कर रहा हो।



नीचे सर्वेंट क्वार्टर में पहुँचते ही जय ने मुझे कमरे में खींचा। वहाँ पहले से ही तीन-चार और नौकर बैठे हुए थे—सभी रिसोर्ट के स्टाफ, जो रात की शिफ्ट के बाद रिलैक्स कर रहे थे। कमरा छोटा था, चारों तरफ गद्दे बिछे हुए, हवा में पसीने और सस्ती शराब की मिली-जुली महक। वे सब चाय पीते हुए गपशप कर रहे थे, और जैसे ही हम आए, सबकी नज़रें हम पर टिक गईं।

“अरे भाई अमित आ गया… आज की रात का हीरो!”  
एक नौकर—जिसका नाम राजू था—ने ज़ोर से हँसकर कहा। वह मोटा-ताजा आदमी था, रिसोर्ट में किचन हेल्पर। बाकी सब भी हँस पड़े।

जय ने मुझे बगल में बिठाया और बोला, “भाई, बता ना… ऊपर क्या हाल है? वो मैडम और साहब… कितने खुश लग रहे थे? हमने तो कमरा ऐसा सजाया है कि आज रात तो वो लोग भूल ही जाएँगे कि बाहर दुनिया भी है…”

राजू ने तुरंत ही टांग खींची, “अरे भूल क्या… आज रात तो वो मैडम की कमर टूट जाएगी… देखा ना कितनी हॉट लग रही थी… वो छोटी-सी ड्रेस… गांड तो जैसे बाहर निकलने को तैयार… और साहब… वो तो शेर लग रहा था… आज रात मैडम को उठा-उठाकर मजे लेगा… पीछे से, आगे से… पूरी रात चुदाई का खेल चलेगा… सुबह मैडम ठीक से चल भी नहीं पाएगी…”

दूसरा नौकर—कमल—ने हँसते हुए जोड़ा, “हाँ रे… हमने कितने कपल्स देखे हैं… लेकिन ये वाली मैडम… उफ्फ… वो गोरी-गोरी जाँघें… साहब तो उन पर हाथ फेरते-फेरते ही पागल हो जाएगा… और वो छाती… दबाकर, चूसकर… मैडम तो चिल्लाएगी… ‘असलम जी… जोर से…’ हा हा हा… और हम नीचे सोएंगे… सोचकर ही मजा आ रहा है…”

तीसरा—विजय—ने चाय का घूँट भरते हुए कहा, “अरे अमित… तू तो उनका पर्सनल नौकर है ना… तुझे तो पता होगा… मैडम कितनी गर्म है? आज रात साहब मैडम को कुत्तिया बनाकर चोदेगा… पूरी रात बेड हिलेगा… हम तो कल सुबह कमरा साफ करने जाएँगे तो देखेंगे… उफ्फ… क्या सीन होगा…”

वे सब मुझे घेरकर बैठे थे, जैसे मैं उनका ही एक साथी हूँ—निचले तबके का नौकर। मुझे चिढ़ा रहे थे, मजाक में परेशान कर रहे थे, लेकिन टोन ऐसी थी जैसे वे सब मेरे भाई हैं, बस मस्ती कर रहे हैं। राजू ने मेरे कंधे पर हाथ रखा, “अरे अमित… तू क्यों चुप है? बोल ना… तेरी मैडम आज रात कितना मजा लेगी? साहब का तगड़ा लंड लेगी… चूत फाड़ देगा… मैडम रोएगी मजा लेकर… ‘बस… अब नहीं…’ लेकिन साहब कहेंगे… ‘अभी तो शुरू हुआ है…’ हा हा… हम नौकरों की किस्मत ऐसी ही है भाई… अपने मालिक-मालकिन की खुशी में ही खुश होना पड़ता है… उनके टुकड़ों पर पलना पड़ता है…”

कमल ने जोड़ा, “हाँ रे… हम जैसे नौकरों की ज़िंदगी यही है… मालिक ऊपर मजे लेते हैं… हम नीचे सोचकर खुश होते हैं… तू भी सोच… तेरी मैडम आज रात साहब के नीचे होगी… पूरी तरह से… चुदते हुए… हँसते हुए… मजा लेकर… और तू यहां हमारे साथ… उनके टुकड़े खाकर… लेकिन यही तो हमारी खुशी है ना… मालिक खुश, हम खुश…”

विजय ने हँसकर कहा, “अरे अमित… तू तो उनका स्पेशल नौकर है… कल सुबह बताना… कमरा कैसा लगेगा… मैडम की चीखें सुनी क्या रात में? साहब मैडम को हर तरह से चोदेंगे… मुंह में… पीछे से… हम तो बस कल साफ करेंगे… लेकिन तू सोच… उनकी खुशी में तेरी भी खुशी है… नौकरों की ज़िंदगी ऐसी ही होती है भाई… मालिक-मालकिन के लिए जीना… उनके टुकड़ों पर पलना…”

जय ने सबको चुप कराया और बोला, “अरे छोड़ो… अमित भाई थक गया होगा… लेकिन सच में भाई… तेरी मैडम… आज रात तो साहब की होकर रहेगी… पूरी तरह से… हम जैसे नौकर बस यही सोचकर खुश होते हैं…”

ये सब सुनकर मेरी मनोस्थिति अजीब हो गई थी। एक तरफ़ अच्छा लग रहा था—जैसे ये सब मेरी ही दुनिया है, इनकी बातों में एक अजीब-सी उत्तेजना थी। दूसरी तरफ़ अजीब भी लग रहा था—ये मेरी पत्नी और दोस्त के बारे में बात कर रहे थे… अपने आप पर गर्व भी महसूस हो रहा था कि वह मेरी ही पत्नी के बारे में और उसके फिगर के बारे में उसकी जवानी के बारे में यह सारी बातें कर रहे हैं तो मैं कितना लकी हूं कि इतने निचले टपte के मर्द लोग भी खुशबू की जवानी के पीछे इतने दीवाना है........ लेकिन फिर भी, मैं विरोध नहीं कर पाया। मैं हल्का-सा हँसा और बोला, “हाँ भाई… सही कह रहे हो… मालिक-मालकिन खुश रहें… बस…”

वे सब हँस पड़े।

और न जाने क्यों… मैं अपने रोल में इतनी शिद्दत से खो गया कि एक पल के लिए तो मैं भूल ही गया कि ये सब मेरी हदू पत्नी और स्लिम दोस्त के बारे में बात कर रहे हैं। ......
मैंने खुद को सच में उनका नौकर समझ लिया—नीचे का आदमी, जो मालिक-मालकिन की खुशी में ही अपनी खुशी ढूँढता है।  
उनके टुकड़ों पर पलता है।  
जैसे मेरी ज़िंदगी यही है—सर्विस करना, इंतज़ार करना, और उनकी मस्ती की कल्पना करके खुश होना।  
मैं बस चुपचाप चाय पीता रहा, उनकी बातें सुनता रहा… और अंदर से एक अजीब-सी शांति महसूस कर रहा था।.....

उधर ऊपर....


असलम ने दरवाज़ा बंद किया।


 कमरे की वो डिम लाइट्स, कैंडल्स की हल्की-हल्की लौ, और गुलाब की पंखुड़ियों की महक—सब कुछ जैसे उन्हें और करीब खींच रही थी। 



खुशबू ने असलम का हाथ पकड़ा और धीरे से बेड की तरफ़ ले गई



कोई जल्दबाजी नहीं थी। 


दोनों जानते थे कि रात लंबी है, लेकिन उनके सर और शरीर में वो वासना की आग धीरे-धीरे सुलग रही थी। 



शुरू में तो दोनों ने सिर्फ़ सेक्स ड्राइव मिटाने के लिए ही एक-दूसरे को चुना था—



खुशबू को असलम की मर्दाना ताकत और असलम को खुशबू की शातिर सेक्सीनेस पसंद आई थी।



 लेकिन इन दो दिनों की हनीमून वाली हालत ने कुछ बदल दिया था। 


ट्रेन की वो चिपककर सोना, 

गोवा की वो घुमाई, 


और अब ये सजाया हुआ कमरा—ये सब उन्हें रोमांटिक फीलिंग्स की तरफ़ धकेल रहा था। 



जैसे वे सच में नई नवेली शादीशुदा जोड़ी हों।

खुशबू बेड पर बैठ गई, असलम उसके बाजू में। वह शैंपेन की बोतल उठाकर बोली, “असलम जी… चलो, आज की शाम को सेलिब्रेट करते हैं… तुम्हें पता है, मैंने कभी सोचा नहीं था कि हनीमून इतना मज़ेदार होगा… तुम्हारे साथ…”

असलम ने बोतल खोली, ग्लास भरे और एक ग्लास खुशबू को थमाया। उसने हल्की-सी घूँट ली और बोला, “जान… तुम्हारे साथ तो हर शाम मज़ेदार लगती है… लेकिन आज… ये कमरा देखो… जैसे हमारे लिए ही बना हो… मैं तो कहता हूँ, आज रात हम दोनों बिल्कुल वैसे ही रहेंगे जैसे असली हसबैंड-वाइफ…”




खुशबू ने हँसते हुए उसकी छाती पर हल्का-सा थप्पड़ मारा, “अच्छा जी? असली हसबैंड-वाइफ? तो बताओ ना… तुम्हें मेरी कौन-सी बात सबसे ज़्यादा पसंद है? मेरी मुस्कान? या… ये छोटी-छोटी ड्रेसेस?” वह अपनी ड्रेस को हल्का-सा नीचे खींचकर शरारत से बोली।

असलम ने उसके कंधे पर हाथ रखा, धीरे से सहलाते हुए कहा, “सब कुछ… लेकिन सबसे ज़्यादा तुम्हारी वो शैतानी आँखें… जो कहती हैं कि तुम कितनी वाइल्ड हो… और हाँ, तुम्हारी वो हँसी… जो मुझे पागल कर देती है… अब तुम बताओ, मेरी कौन-सी बात तुम्हें पसंद है? मेरी ताकत? या… ये कि मैं तुम्हें कभी बोर नहीं होने देता?”





खुशबू ने ग्लास साइड में रखा और असलम के करीब सरक गई। 


उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं, लेकिन वो रुकना नहीं चाहती थी। 


“तुम्हारी ताकत… हाँ… वो मुझे सुरक्षित महसूस कराती है… जैसे तुम मेरे साथ हो, तो कुछ भी हो सकता है… और हाँ, 


तुम्हारी वो नज़रें… जो मुझे देखती हैं जैसे मैं दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत चीज़ हूँ…” 



वह असलम के गाल पर हल्का-सा किस कर बैठी।






असलम ने उसे अपनी बाहों में खींच लिया, धीरे से उसकी कमर सहलाई। “जान… ये दो दिन… ट्रेन से लेकर यहाँ तक… 



मैंने कभी सोचा नहीं था कि हम इतने करीब आ जाएँगे…


 सिर्फ़ मज़े के लिए नहीं… बल्कि… कुछ और के लिए…” 



उसकी आवाज़ में एक नरमी थी, जो वासना से मिश्रित थी।





खुशबू ने असलम के कान में फुसफुसाया, “हाँ… मैं भी… लेकिन अब… मुझे थोड़ा तैयार होने दो… तुम्हारे लिए… स्पेशल…” 




वह उठी, असलम को आँख मारी और वॉशरूम की तरफ़ चली गई। असलम ने मुस्कुराकर सिर हिलाया।




वॉशरूम में खुशबू ने अपनी बैग से वो नई लिंगरी निकाली—


जो सलीम की शॉप से ली थी। 



बहाना तो अमित के लिए दिया था कि ये उसके लिए है, लेकिन अब वो असलम के लिए पहनने जा रही थी। 



गहरे लाल रंग की ब्रा और पैंटी, जो इतनी टाइट और सेक्सी थी कि उसकी बॉडी को और हाइलाइट करती थी। वह तैयार हुई, हल्का-सा परफ्यूम लगाया, और बाहर आई।





असलम की आँखें फैल गईं। “जान… ये… तुम… उफ्फ… क्या लग रही हो…” वह उठा, खुशबू को पास खींचा और उसकी कमर पर हाथ फेरा। “ये… मेरे लिए? सच में… मैं तो पागल हो जाऊँगा…”





खुशबू ने शरमाते हुए, लेकिन शैतानी से कहा, “हाँ… तुम्हारे लिए… लेकिन याद है ना… अमित सोच रहा होगा कि ये सब उसके लिए था… हा हा… बेचारा…”





असलम ने हल्के से हँसकर कहा, “हाँ… अमित… वो तो हमारा फोटोग्राफर है… लेकिन आज रात… मैं उसे एक-दो फोटोज भेज दूँगा… ताकि वो भी खुश रहे… नीचे…”

खुशबू ने असलम के सीने पर सिर रखा, “हाँ… बेचारा… इतनी मेहनत करता है… हमारे लिए… लेकिन अब… तुम्हारे साथ… मुझे कितना अच्छा लग रहा है… जैसे सच में हम…” वह रुकी, असलम को गहराई से देखा।






अब वासना हावी हो चुकी थी। असलम ने खुशबू को बाहों में भरा और धीरे से किस किया—पहले होठों पर, फिर गले पर। 



खुशबू ने अपनी आँखें बंद कीं, उसके कंधे पकड़े। दोनों जैसे भूखे शेर और शेरनी थे—



असलम ने खुशबू को उठाकर बेड पर लिटाया, उसकी लिंगरी को सहलाते हुए। “जान… तुम्हारी ये बॉडी… मैं तो बस… तुम्हें छूना चाहता हूँ… हर जगह…”





खुशबू ने उसे खींचा, “हाँ… असलम जी… धीरे-धीरे… लेकिन रुको मत… ”



खुशबू ने असलम की शर्ट उतारी, उसके सीने को चूमा।

 असलम ने उसकी ब्रा खोली, धीरे-धीरे उसके शरीर को सहलाया।


 दोनों एक-दूसरे में खो गए—किस करते, सहलाते, एक-दूसरे की बॉडी को एक्सप्लोर करते।



 खुशबू ने असलम के कान में कहा, “असलम जी… अमित को पता चलेगा तो…!???? लेकिन वो तो हमारा साथी है… बेचारा…”

असलम ने हल्के से हँसकर कहा, “हाँ… वो तो नीचे है… हमारी सर्विस करता रहेगा… लेकिन तुम… तुम मेरी हो… आज रात…”


खुशबू की साँसें तेज़ हो गईं, लेकिन वो रुकना नहीं चाहती थी। दोनों बेड पर लेट गए, असलम की शर्ट उतरी, खुशबू ने उसके सीने को सहलाया।


 “असलम जी… आज रात… मैं तुम्हें पूरा मजा दूँगी… लेकिन धीरे-धीरे…”

असलम ने हँसकर कहा, “जान… तुम्हारी ये लिंगरी… ll



वासना अब हावी हो चुकी थी, 


लेकिन रोमांटिक फीलिंग्स भी मिक्स हो गई थीं।



 असलम ने खुशबू की ब्रा उतारी, उसके निप्पल्स को धीरे से सहलाया। 


खुशबू ने आँखें बंद कीं, “उफ्फ… असलम जी… तुम्हारी उँगलियाँ… जादू कर रही हैं…” 



फिर वो नीचे सरकी, असलम की पैंट उतारी। उसका तगड़ा, तना हुआ लंड बाहर आया—काला, मोटा, और इतना बड़ा कि खुशबू की आँखें चमक उठीं।






खुशबू ने धीरे से उसे हाथ में लिया, सहलाया। “असलम जी… ये… कितना ताकतवर है… मैं तो बस… इसे महसूस करना चाहती हूँ…” 




वो नीचे झुकी, पहले टोपे पर हल्का-सा किस किया, फिर जीभ से चाटा। 




असलम की सिसकारी निकली, “जान… उफ्फ… तुम… स्वर्ग में ले जा रही हो…” 




खुशबू ने मुस्कुराकर उसे देखा, फिर धीरे-धीरे मुंह में लिया—पहले आधा, फिर पूरा। 




उसकी जीभ लंड के चारों तरफ़ घूम रही थी, जैसे वो हर इंच को चख रही हो।




 वो भूखी शेरनी की तरह थी—धीरे-धीरे, लेकिन पूरी ताकत से चूस रही थी, जैसे वो पूरा निचोड़कर ही मानेगी। 



उसके होंठ ऊपर-नीचे सरक रहे थे, सलाइवा से लंड चमक रहा था। 



वो बीच-बीच में रुकती, जीभ से टोपे को घुमाती, फिर और गहराई से लेती।






असलम को लग रहा था जैसे वो सातवें आसमान पर है



उसकी आँखें बंद थीं, हाथ खुशबू के बालों में फँसे थे। “जान… ये… मैं तो… पागल हो रहा हूँ… तुम्हारा मुंह… इतना गर्म… इतना सॉफ्ट…” 




वो कराह रहा था, लेकिन खुशबू नहीं रुकी। वो और तेज़ हो गई,



 
Like Reply
उसके चेहरे पर वो मादक मुस्कान थी, आँखें असलम की तरफ़—जैसे कह रही हो, ‘देखो… मैं कितनी अच्छी बीवी हूँ तुम्हारी…’

असलम से रहा नहीं गया। दो मिनट में ही वो झड़ गया—ढेर सारा गाढ़ा वीर्य खुशबू के मुंह में। वो एक बूंद भी वेस्ट नहीं होने दी, सब चाटकर साफ़ किया। असलम हाँफते हुए लेट गया, “जान… तुम… कमाल हो… मैं तो… थक गया…” वो दो मिनट रेस्ट लेने लगा, आँखें बंद करके।

खुशबू मुस्कुराई, फिर उसे अमित याद आया। वो मन ही मन हँसी—‘बेचारा… नीचे इंतज़ार कर रहा होगा… अब थोड़ा और मज़ा लेती हूँ उसका…’ वो फोन उठाती है, अमित का नंबर डायल करती है।

नीचे, सर्वेंट क्वार्टर में—मेरा फोन बजा। स्क्रीन पर “मालकिन” लिखा देखकर मेरी एक्साइटमेंट का ठिकाना नहीं रहा। दिल धड़कने लगा—ना जाने क्या स्पेशल भेजने वाली है… या बुला रही है… मैं तुरंत अकेले में गया, फोन उठाया।

“हेलो… अमित…?” खुशबू की आवाज़ मादक थी, जैसे वो साँसें दबाकर बोल रही हो।

“हाँ खुशबू जी… मैं हूँ… सब ठीक है ना?”

“हाँ जान… सब बहुत ठीक है… लेकिन सुनो… तुम अकेले में हो ना? मैं थोड़ी स्पेशल बात करनी है…”

मैंने हाँ कहा, एक्साइटेड।

खुशबू ने शुगर-कोटेड, बहुत प्यार भरी आवाज़ में शुरू किया,


“जान… तुम्हें याद है ना… घर से निकलते वक्त मम्मी ने क्या कहा था?


कि नई नवेली जोड़ी हनीमून की रात अलग-अलग सोए तो बहुत बड़ा अपशकुन होता है…


शादी की उम्र कम हो जाती है…


या घर में प्रॉब्लम आती हैं…


मैं तो बस तुम्हारी और हमारी शादी की खुशी के लिए सोच रही हूँ…



अगर तुम कहो… तो मैं आज रात असलम जी के साथ… उनके बिस्तर पर सो जाऊँ?



ताकि अपशकुन न हो… तुम्हारी लंबी उम्र के लिए… हमारी शादी के लिए… प्लीज जान… परमिशन दे दो ना…”


पहले तो जब खुशबू ने मेरे साथ यह बात कि मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या रिएक्ट करूं....!???  ऐसे कैसे मैं खुद सामने से अपनी पत्नी को यह कह दूं कि वह मेरे दोस्त के साथ अपना बिस्तर शेर कर ले !!!!! लेकिन अगर सोचा जाए तो उसका कारण लाजमी  था..... मैं नहीं चाह रहा था कि मेरी और खुशबू की शादीशुदा जिंदगी में कोई परेशानी आए ....हमारा प्यार कम हो या.... कोई अपशगुन हो.......


मेरी आवाज में मेरी कन्फ्यूजन खुशबू ने तुरंत ही बाप ली.....


मुझे रिलैक्स करते हुए और ऐसा जताते हुए उसने कहां जैसे इसमें कोई बड़ी बात नहीं है....



"अरे बाबा जानू ....इसमें इतना तुम क्या सोच रहे हो ......भूल गए अभी जब ट्रेन में हम लोग आए थे..... तब भी मैं असलम के साथ सो कर ही तो आई थी!!!!

तो जब अब असलम के साथ अकेले कमरे में रह रही हूं तो उनके साथ biस्टर शेयर करने में क्या परेशानी होगी ભલા!????


अगर देखा जाए तो खुशबू की बात गलत नहीं थी मेरे दिलो दिमाग में भी बहुत दृश्य आ गया जब बहुत छोटी सी स्कर्ट में ट्रेन में असलम के साथ एक ही बर्थ पर सोई थी न जाने क्यों वह दृश्य मुझे बहुत ही रोमांचित कर रहा था.....





उसकी आवाज़ में इतना प्यार, इतनी चिंता थी कि मेरा दिल पिघल गया।



‘बेचारी… मेरे लिए कितना सोचती है… नीचे होने के बावजूद भी मेरी खुशी का ख्याल…’


मैंने तुरंत कहा, “हाँ खुशबू जी… बिल्कुल… तुम असलम जी के साथ ही सो जाना… अपशकुन नहीं होना चाहिए… मैं खुश हूँ कि तुम इतना सोच रही हो…”.....




खुशबू ने हल्के से थैंक यू कहा और फोन रख दिया।

दूसरी तरफ़, फोन रखते ही खुशबू और असलम एक-दूसरे की तरफ़ देखकर हल्के से हँस पड़े।  
खुशबू (मुस्कुराते हुए): “देखा… कितना भोला है… खुद ही परमिशन दे दी… जैसे मैं सच में अपशकुन से डर रही हूँ… हा हा…”

असलम (उसके करीब आकर): “हाँ जान… वो तो तेरा पालतू है… हमारी खुशी में ही खुश रहता है… अब आ… मुझे फिर से उठा…”


उधर दूसरी तरफ में मन ही मन सोच रहा था कि खुशबू कितनी अच्छी है


बेचारी को कितना एडजस्ट करना पड़ रहा है।

ऊपर असलम के साथ बिस्तर शेयर करने का फैसला भी सिर्फ अपशकुन के डर से लिया,


मेरी लंबी उम्र और हमारी शादी की खुशी के लिए


। अगर वो अलग सोती तो क्या होता?


रिसोर्ट वाले शक करते,


डिस्काउंट चला जाता,


फाइन लगता।



लेकिन अब सब ठीक है


वो दोनों एक ही बिस्तर पर सोएंगे, और सुबह जब जय जैसे लोग साफ-सफाई करने जाएंगे,



तो उन्हें लगेगा कि ये सच में पति-पत्नी हैं



वो सब बातें कर रहे थे कि सुबह देखेंगे कैसे मैडम साहब के साथ पड़ी रहती हैं,



लेकिन अब वो शक नहीं होगा।


ये तो प्लस पॉइंट ही है


कम से कम हमारा प्लान सेफ रहेगा।


मैं खुद को ये समझा रहा था, और कहीं न कहीं ये सोचकर खुश भी हो रहा था कि खुशबू मेरे लिए कितना सोचती है।


खुशबू की आँखें चमक उठीं।



पहली बार था जब वो शादी के तीन महीने बाद किसी रियल मर्द से चुदने वाली थी



उसका शरीर पहले से ही सुलग रहा था


ट्रेन की वो छुअन

गोवा की वो घुमाई,


और अब ये कमरा—सब कुछ उसे और ज़्यादा भूखी बना रहा था।



वो असलम के ऊपर चढ़ गई, उसके लंड को फिर से सहलाने लगी।




“असलम जी… ये… कितना ताकतवर है… मैं तो… इसके बिना रह ही नहीं सकती अब…”




असलम ने उसकी कमर पकड़ी, उसे नीचे दबाया।
“जान… आज मैं तुझे पूरा अपना बना दूँगा…”
खुशबू ने आँखें बंद कीं, असलम का लंड अपनी चूत पर रगड़ा।



फिर धीरे से अंदर लिया
“उफ्फ्फ… असलम जी… इतना बड़ा… फट जाऊँगी…”




असलम ने नीचे से धक्का मारा, धीरे-धीरे लेकिन गहरा।
खुशबू की कराह निकली — “आह्ह्ह… हाँ… जोर से…”



वो ऊपर-नीचे होने लगी, जैसे घोड़ी की सवारी कर रही हो।



असलम के हाथ उसकी छाती पर थे, निप्पल्स को मसल रहे थे।



खुशबू की साँसें तेज़, चेहरा पसीने से भरा, लेकिन आँखों में वो भूख—जैसे वो असलम को पूरा निचोड़ना चाहती हो।




असलम ने उसे पलटा, अब वो ऊपर था।
उसकी टाँगें कंधों पर रखीं, और फिर ज़ोरदार धक्के शुरू।



हर धक्के के साथ कमरा गूँज रहा था


बेड की चरमराहट,


खुशबू की चीख़ें।



“असलम जी… बस… अब… नहीं…”



लेकिन वो रुकी नहीं,


उल्टा और चिपक गई।


असलम बोला, “जान… अमित नीचे सोच रहा होगा… हम सो गए होंगे… लेकिन वो क्या जाने… उसकी बीवी आज रात मेरी है…”




खुशबू ने हाँफते हुए हँसी, “हाँ… बेचारा… वो तो नीचे… हमारी सर्विस करता रहेगा…”



और फिर दोनों पूरी तरह से खो गए — असलम के धक्के तेज़, खुशबू की कराहटें गहरी।


रात गहराती गई, और वो दोनों एक-दूसरे में समा गए।
पहली बार, लेकिन जैसे सालों का साथ हो।


अब सिर्फ वो दोनों थे


खुशबू और असलम,


एक-दूसरे की बाहों में,


एक-दूसरे की बॉडी को एक्सप्लोर करते हुए


जैसे दुनिया में और कुछ बचा ही न हो।


असलम का शरीर अभी भी गर्म था,


उसका लंड फिर से तनने लगा था।



खुशबू ने मुस्कुराकर उसे देखा, “असलम जी… लगता है तुम्हें अभी भूख लगी हुई है… मैं तो सोच रही थी थोड़ा रेस्ट कर लें…”

असलम ने उसे अपनी तरफ खींचा, उसकी कमर पर हाथ फेरते हुए बोला,



“जान… तुम्हारे साथ रेस्ट? वो तो सुबह होगा…



अभी तो बस शुरूआत है…


तुम्हारी ये बॉडी… मैं तो बस छूता रहूँ…”


उसने धीरे से खुशबू को बेड पर लिटाया, उसके ऊपर चढ़ गया।



खुशबू ने हल्के से हँसकर उसके सीने पर उँगलियाँ घुमाईं, “अच्छा जी? तो दिखाओ ना… कितनी भूख है तुम्हें…”


वो मजाक में बोली, लेकिन उसकी आँखें पूरी तरह से वासना से भरी थीं।

असलम ने पहले मिशनरी पोज़िशन से शुरू किया



वो खुशबू के ऊपर था, उसके दोनों हाथ उसकी कलाइयों पर कसे हुए, जैसे उसे बाँध रखा हो



धीरे से अपना तगड़ा लंड उसकी चूत पर रगड़ा, फिर एक ही झटके में अंदर घुसा दिया



खुशबू की चीख निकल गई—“आह्ह्ह… असलम जी… धीरे… उफ्फ्फ… कितना… बड़ा है…”



लेकिन वो चीख मस्ती वाली थी, जैसे वो एंजॉय कर रही हो



असलम ने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए, हर धक्के के साथ उसकी छाती उछल रही थी



“जान… तुम्हारी ये चूत… इतनी गर्म… इतनी टाइट… मैं तो पागल हो रहा हूँ…” वो बोला




, और खुशबू ने हँसकर जवाब दिया, “हाँ… तुम्हारे लिए ही तो… और ज़ोर से… दिखाओ ना अपनी ताकत…” वो चिल्ला रही थी,



लेकिन हँसी दबाकर, जैसे खेल रही हो


असलम ने स्पीड बढ़ाई, उसके कंधों पर किस करते हुए, “तुम्हारी ये कराहटें… मुझे और भड़का रही हैं… चिल्लाओ… और चिल्लाओ…”





खुशबू ने अपनी टाँगें उसकी कमर पर लपेट लीं,
[+] 1 user Likes Namard pati's post
Like Reply
और अब वो भी नीचे से कमर उछाल रही थी। “उफ्फ… असलम जी… हाँ… ऐसे ही… मैं तो… उड़ रही हूँ…”


वो चीख रही थी,



कभी “ओह्ह्ह…” तो कभी “हाँ… और…”।




असलम ने उसके होंठों पर किस किया, “जान… तुम्हारी ये बॉडी… जैसे मेरे लिए बनी हो… हर इंच…” वो धक्के मारते हुए उसके निप्पल्स को चूस रहा था,



और खुशबू मस्ती में बोली, “हा हा… चूसो ना… ये तुम्हारे ही तो हैं… आज रात…”


वो एंजॉय कर रही थी, चिल्लाते हुए भी हँस रही थी, जैसे ये कोई खेल हो।





फिर असलम ने उसे पलटा


अब डॉगी स्टाइल।


खुशबू घुटनों और हाथों के बल थी, पीठ झुकी हुई, गांड ऊपर की तरफ़।


असलम ने पीछे से उसकी कमर पकड़ी, और फिर से अंदर घुसा। “जान… ये गांड… कितनी सॉफ्ट… कितनी रसीली…”


वो धक्के मारते हुए बोला, और खुशबू की चीख और तेज़ हो गई—“आह्ह्ह… असलम जी… फट जाएगी… लेकिन रुको मत… हाँ… ज़ोर से…”


वो चिल्ला रही थी, लेकिन मस्ती में


सिर पीछे घुमाकर असलम को देख रही थी, हँस रही थी।



असलम ने उसके बाल पकड़े, हल्के से खींचे,



“चिल्लाओ… जान… मुझे तुम्हारी ये चीख़ें… और भड़का रही हैं…” वो साथ दे रहा था,


कभी धक्के तेज़ करता,


कभी धीरे, जैसे खेल रहा हो।


खुशबू ने हाँफते हुए बोली, “हाँ… मैं तुम्हारी हूँ… आज रात… चोदो ना… और ज़ोर से…”


वो एंजॉय कर रही थी, चीखते हुए भी मजाक कर रही थी, “तुम्हारा ये… कितना ताकतवर है… मैं तो थक जाऊँगी…





असलम ने स्पीड बढ़ाई, उसके चूतड़ों पर हल्का-सा थप्पड़ मारा, “थकना नहीं… जान… पूरी रात है…”


खुशबू चिल्लाई—“ओह्ह्ह… हाँ… थप्पड़ मारो… मजा आ रहा है…”


वो दोनों जैसे एक-दूसरे की बॉडी को जीत रहे थे—खुशबू की चीखें कमरे में गूँज रही थीं


, लेकिन वो हँस भी रही थी, मस्ती में।


असलम उसके साथ खेल रहा था, कभी धक्के रोककर उसे चूमता, कभी ज़ोर से मारता।




फिर खुशबू ने उसे पलटा—अब काउगर्ल।


वो असलम के ऊपर चढ़ गई,


उसका लंड पकड़कर अंदर लिया, और ऊपर-नीचे होने लगी।



“असलम जी… अब मैं तुम्हें राइड करूँगी…”



वो बोली, और असलम ने हँसकर कहा,



“हाँ जान… राइड करो… जैसे घोड़ी की सवारी…” खुशबू तेज़ हुई,


उसकी छाती उछल रही थी, वो चीख रही थी



“उफ्फ… कितना गहरा… हाँ… ऐसे…”


असलम उसके निप्पल्स को मसल रहा था,


“तुम्हारी ये छाती… दबाने का मन करता है… पूरी रात…”


खुशबू हँस पड़ी, चिल्लाते हुए, “दबाओ ना… ये तुम्हारी हैं… मजा आ रहा है… आह्ह्ह…”



असलम यह बहुत अच्छे से गौर कर रहा था कि जिस तरह से खुशबू अलग-अलग बॉडी पोजीशन में उसके पास से chudva रही थी..... इस तरह से तो असलम जितनी भी हाई प्रोफाइल एस्कॉर्ट के साथ भी हम बिस्तर हुआ था कोई नहीं chudva रहा था....... उसे बड़ा अच्छे से समझ आ रहा था खुशबू के अंदर की वासना और गर्मी जो उसे पूरा एंजॉय करना चाह रहा था.....


साथ ही साथ उसे यह भी बड़े अच्छे से पता था की खुशबू की गर्मी को शांत करना शायद उसके अकेले ke बस की बात नहीं .....जब उसका पूरा ग्रुप साथ में मिलकर ही उसके साथ हम बिस्तर..... होगा तभी सब भी मर्दों का और खुशबू को मजा आएगा.......




फिर स्पूनिंग—दोनों साइड में लेटे,



असलम पीछे से अंदर, खुशबू की टाँग ऊपर उठाकर। असलम ने उसके कान में फुसफुसाया,




“जान… ये पोज़… कितना करीब लगता है…”


खुशबू कराह रही थी, “हाँ… उफ्फ… तुम्हारा हाथ… मेरी छाती पर… और ज़ोर से…”


वो चिल्ला रही थी, लेकिन मस्ती में— “हा हा… मैं तो थक गई… लेकिन रुकना नहीं…”


असलम ने साथ दिया, “रुकूँगा नहीं… जान… तुम्हारी बॉडी… हर जगह छूनी है…”





वे दोनों पूरी तरह से एक-दूसरे में खो चुके थे


अमित का नाम, उसका ख्याल—कुछ नहीं


सिर्फ़ वो दोनों,

उनकी साँसें,

उनकी कराहटें,

उनकी हँसी।


खुशबू चीख रही थी,

चिल्ला रही थी,


लेकिन हर चीख के साथ हँस रही थी,


जैसे ये दुनिया का सबसे बड़ा मज़ा हो।



असलम उसके साथ खेल रहा था,


तारीफ़ कर रहा था,


साथ दे रहा था—


जैसे वो दोनों बस एक-दूसरे की बॉडी को एंजॉय करने के लिए ही बने हों। रात गहराती गई, और वो दोनों रुके नहीं—एक राउंड से दूसरे, हर पोज़ में, हर तरीके से। बस एक-दूसरे में समाए हुए।




असलम हाँफते हुए बेड पर लेटा रहा,


उसका शरीर पसीने से चमक रहा था।



खुशबू उसके बगल में लेटी, उसकी छाती पर उँगलियाँ घुमा रही थी।



रात अभी गहरी नहीं हुई थी, लेकिन दोनों के शरीर में वो आग अभी भी सुलग रही


कोई जल्दबाजी नहीं थी


वे जानते थे कि पूरी रात उनकी है।



खुशबू ने असलम के कान में फुसफुसाया, “असलम जी… थोड़ा रेस्ट कर लें…? मैं भी थक गई हूँ… लेकिन तुम्हारी ये ताकत… उफ्फ… मैं तो बस सोच रही हूँ… आगे क्या होगा…”




असलम ने मुस्कुराकर उसे चूमा, “जान… रेस्ट? तुम्हारे साथ? वो तो सुबह होगा… लेकिन हाँ… थोड़ा साँस ले लें…


तुम जाओ, फ्रेश हो जाओ… मैं इंतज़ार करता हूँ… तुम्हारी अगली सरप्राइज का…”




खुशबू ने हल्के से हँसकर उठी, “सरप्राइज? हाँ… आज तो पूरी रात सरप्राइज है…”





वो वॉशरूम चली गई, शावर लिया,


खुद को तरोताजा किया।



बाहर आकर बैग से एक नई लिंगरी निकाली



नीली, लेस वाली, इतनी ट्रांसपेरेंट कि उसकी गोरी स्किन चमक रही थी।


ब्रा इतनी पतली कि उसके निप्पल्स साफ़ नज़र आ रहे थे, पैंटी इतनी छोटी कि गांड का आधा हिस्सा बाहर।


वो मिरर के सामने खड़ी हुई, सेल्फी ली—एक सामने से, एक पीछे से, एक जहां वो होंठ काट रही थी।





फिर अमित को भेजा।
पहली फोटो: सामने से, कैप्शन—“जान… कैसी लग रही हूँ? ये सब तुम्हारे लिए ही पहनी है… ❤️

इंतज़ार कर रहे हो ना…?”




दूसरी: पीछे से, गांड की तरफ़


“ये देखो… तुम्हारी फेवरेट… मजा आ रहा है ना देखकर…?”



तीसरी: एक छोटा वीडियो क्लिप—खुशबू कैमरे की तरफ़ देखकर मुस्कुराती है,



फिर पीछे मुड़ती है,


और कैमरा नीचे की तरफ़ जाता है जहां वो अपनी जाँघें सहला रही है।



कैप्शन: “ये तुम्हारे लिए स्पेशल… रात में देखकर खुश हो जाना… मैं तुम्हें मिस कर रही हूँ… ?”




नीचे, सर्वेंट क्वार्टर में—मैं गद्दे पर लेटा था, फोन हाथ में।


नोटिफिकेशन आया—“मालकिन”।


दिल धड़का। फोटोज खोलीं।




हे भगवान… खुशबू इतनी सेक्सी लग रही थी… वो नीली लिंगरी… उसकी जाँघें… गांड… मैंने तुरंत कमरे की लाइट बंद की,



हाथ नीचे चला गया।


छोटा-सा लंड निकाला,


और फोटोज देखते हुए हिलाने लगा।



“उफ्फ… खुशबू जी… इतनी हॉट…



ये सब मेरे लिए…”



वीडियो प्ले किया—


उसकी मुस्कान, जाँघें सहलाना…



मैं दो मिनट भी नहीं टिका।


निकल गया।


लेकिन संतुष्ट हो गया।


सोच रहा था—बेचारी… मेरे लिए इतना सोचती है… नीचे होने के बावजूद मुझे खुश करने के लिए फोटोज भेज रही है…।



अपना छोटा सा लैड हिला कर मैं थोड़ा थक गया था और आराम कर रहा था.....


Yaha नौकरों के बीच मेरी उनके साथ अच्छी दोस्ती हो गई थी इसलिए उन लोगों ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में मुझे डाल दिया था.....

और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे लिए कोई उपलब्धि थी या कोई बेइज्जती वाली बात......


उसे व्हाट्सएप ग्रुप के अंदर हर थोड़ी देर में कुछ ना कुछ मैसेज आते रहते थे......


### नौकरों का ग्रुप चैट  
(रात 2:15 से 4:30 तक, WhatsApp ग्रुप “Resort Ke Bhai Log”)

जय ने सबसे पहले चैट शुरू की।  
(वह अभी भी हॉल में था, लाइट बंद करके फोन की स्क्रीन पर देख रहा था।)

जय:  
अरे भाइयों… ऊपर का कमरा देखा?? ??  
मैडम अभी-अभी लाल लाइट में नहाकर निकली…  
बाल गीले, नीली लिंगरी… गांड ऐसी कि हाथ अपने आप चल जाए ?  
साहब तो अभी शावर में हैं… लेकिन मैंने दरवाज़ा हल्का खुला छोड़ा था…  
अंदर से आवाज़ें आ रही हैं… “असलम जी… धीरे… बस…” ??  
आज तो कमरा हिलने वाला है भाई…


(जय की बात तो सही ही थी...... खुशबू ने अभी hi मुझे अपने ब्लू रंग की पहनी हुई ब्रा पैंटी में तस्वीर भेजी थी .....इसलिए यह बात तो कंफर्म हो गई लेकिन ....यह शावर वाली बात ....और खुशबू असलम जी से यह कह रही है ....कि .....धीरे करिए. .....यह बात मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही थी......)





राजू (किचन वाला):  
अरे वाह रे… मैं तो सुबह 5 बजे चाय ले जाऊँगा…  
देखूँगा मैडम की हालत…  
चादर पर कितने दाग लगे होंगे ?  
कंडोम के पैकेट कितने खाली पड़े होंगे…  
मैडम की पैंटी फटी हुई होगी ना??

कमल:  
हाँ रे… मैंने तो सुना है साहब का लंड बहुत मोटा है…  
मैडम तो सुबह तक लंगड़ाकर चलेगी…  
अमित भाई नीचे सो रहा है ना??  
बेचारा… उसकी मालकिन ऊपर चुद रही है और वो नीचे हमारे साथ…  
हा हा हा… साला चूतिया नंबर 1 ??

विजय:  
अरे अमित भाई को तो टैग करो…  
बताओ उसे…  
“भाई, तेरी मैडम अभी साहब के नीचे है…  
हम सब सुन रहे हैं… आवाज़ें आ रही हैं…  
‘जोर-जोर से…  
तू भी सुन ले… हम वॉइस रिकॉर्ड करके भेजें??” ??

जय:  
@Amit भाई… सोया नहीं ना??  
ऊपर तेरी मैडम की चीखें सुनाई दे रही हैं क्या??  
“असलम जी… और… जोर से…”  
हा हा हा…  
साला तू नीचे हमारे साथ सोएगा…  
और तेरी मालकिन ऊपर साहब का लंड लेगी…  
परफेक्ट नौकर है तू भाई… ??

राजू:  
अरे एक काम करो…  
सुबह हम सब साथ में कमरा साफ करने जाएँगे…  
अमित भाई को भी ले चलेंगे…  
देखेंगे वो अपनी malkin की सुहागरात के निशान कैसे साफ करता है ?  
चादर पर वीर्य के धब्बे…  
मैडम की ब्रा फटी हुई…  
साहब का अंडरवियर फर्श पर…  
अमित भाई झाड़ू लगाएगा…  
हम फोटो खींच लेंगे ??

कमल:  
@Amit भाई…  
तू तो बड़ा लकी है रे…  
तेरी malkin को साहब जैसा मर्द मिला…  
हम तो बस चादरें बदलते हैं…  
तू तो लाइव देखेगा सुबह…  
मैडम की चूत सूजी हुई होगी…  
गांड लाल…  
और तू चुपचाप झाड़ू लगाएगा…  
“मालिक-मालकिन खुश हैं, बस…”  
हा हा हा…  
नौकर की औकात यही है भाई… ❤️

विजय:  
अरे आज रात हम सब वॉइस रिकॉर्ड करके रखें…  
सुबह अमित भाई को सुनाएँगे…  
“सुन… तेरी मालकिन कैसे चीख रही थी…”  
वो बेचारा फिर मुट्ठ मार लेगा ?

जय:  
@Amit भाई…  
अब सो जा…  
तेरी मैडम आज रात साहब की होकर रहेगी…  
तू नीचे हमारे साथ…  
हम सब की तरह…  
टुकड़ों पर पल…  
और उनकी खुशी में खुश रह…  
गुड नाइट नौकर भाई… ?

(चैट में 47 laughing emojis, 23 fire emojis, और 12 eggplant emojis आ चुके थे।  
मैं फोन देखता रहा।  


हाथ काँप रहे थे।  


लेकिन लंड फिर से खड़ा हो गया था।  


और मैं… चुपचाप…  
उनके मैसेज पढ़ता रहा…  
और खुद को…  
“हाँ… मैं तो बस उनका नौकर हूँ…”  
बुदबुदाता रहा।)


मेरी ही पत्नी के बारे में न जाने इतनी अश्लील बातें सुनकर मुझे बहुत मजा आ रहा था


यह किस तरह की भावना थी शायद इस समय शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा था


मुझे लगा मैं भी इन लोगों की तरह नौकर hi हूं


और इन लोगों के ग्रुप का ही हिस्सा हूं ना ही वहां ऊपर उसे महंगे कमरे का हिस्सा
Like Reply
उधर दूसरी તરફ





अब रात के 3 बज चुके थे।


ऊपर कमरे में असलम और खुशबू का दूसरा राउंड खत्म हो चुका था।


दोनों हाँफते हुए बेड पर लेटे थे,


लेकिन अभी भी एक-दूसरे से चिपके हुए।


खुशबू ने असलम की छाती पर सिर रखा,


और अचानक उसे एक शैतानी आईडिया आया। वो मुस्कुराई और बोली,



“असलम जी… तुम्हें पता है… मुझे थोड़ा थकान महसूस हो रही है… लेकिन अगर तुम्हारा टेस्टोस्टेरोन बढ़ जाए… तो शायद मैं और मजा कर पाऊँ… क्या पाइनएप्पल जूस मंगवाएँ?


वो तो नेचुरल बूस्टर है ना…

या केसर वाला दूध? वो भी एनर्जी देता है…”




असलम ने हल्के से हँसकर कहा,


“जान… तुम्हारी ये शैतानी… मुझे पसंद है… लेकिन कौन लाएगा इतनी रात को?”

खुशबू ने आँख मारकर फोन उठाया।



“मेरा पर्सनल नौकर है ना… अमित… वो तो इंतज़ार ही कर रहा होगा मेरी कॉल का…”



वो जानबूझकर अमित को चिढ़ाने और hint देने के लिए ये प्लान बना रही थी


एक ऐसा बहाना जो इनडायरेक्ट हो, लेकिन अमित की कल्पना को भड़काए। वो अमित को कॉल लगाती है।





नीचे सर्वेंट क्वार्टर में मैं लेटा हुआ था, फोन पास में। रिंग बजी—




“मालकिन”। दिल धड़का।


मैंने तुरंत उठाया,


“हेलो… खुशबू जी… सब ठीक है ना?”






खुशबू की आवाज़ आई—बहुत थकी हुई, लेकिन प्यार भरी,



“जान… हाँ… सब ठीक है… लेकिन सुनो… असलम जी को थोड़ी थकान हो गई है…


उन्होंने थोड़ी मेहनत की ना… तो मैं सोच रही हूँ… केसर वाला दूध या पाइनएप्पल जूस मंगवा लूँ…


वो टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है… एनर्जी देता है… तुम ऊपर आ जाओ ना… किचन से लेते आना… प्लीज़…?”





मैं असमंजस में पड़ गया


थकान? मेहनत?

फिर दिमाग में आया कि हां बेचारे सुबह से तो असलम की खुशबू के साथ यहां वहां घूम रहे हैं तो थकान तो होगी ही. . ...

लेकिन हकीकत से अनजान,


में ऊपर ट्रे तैयार करके चढ़ गया कि


कम से कम इसी बहाने अपनी पत्नी को देखने को मिलेगा।



ट्रे में केसर वाला दूध और पाइनएप्पल जूस रखा,



और मन ही मन प्रार्थना कर रहा था कि काश… एक पल के लिए भी खुशबू को ब्रा-पैंटी में देख लूँ…



वो छोटी-छोटी लिंगरी… उफ्फ…



ऊपर पहुँचा।


दरवाज़ा हल्का-सा खुला था।



मैंने नॉक किया और अंदर आया।



रात का अंधेरा, सिर्फ़ एक हल्की-सी साइड लैंप जल रही थी



कमरे को एक रहस्यमय, कामुक ग्लो दे रही थी। पूरा कमरा अस्त-व्यस्त था:



फर्श पर खुशबू की ब्रा और पैंटी इधर-उधर पड़ी हुई



(मैंने सोचा शायद चेंज करते हुए गिर गई होंगी),




ग्लास टेबल पर पड़े हुए



एक में शैंपेन की कुछ बूंदें बाकी,


बेडशीट उलझी हुई,



पंखुड़ियाँ बिखरी हुईं,



हवा में एक अजीब-सी महक—पसीने,


परफ्यूम और कुछ और की मिली हुई



(मैंने सोचा शायद कैंडल्स की वजह से)।



असलम थक-हारकर बेड पर उल्टा पड़ा था,



अंदर से पूरा नंगा लेकिन सफ़ेद चादर से ढका हुआ




सिर्फ़ उसकी पीठ और कमर का हिस्सा दिख रहा था।



वो सो रहा लग रहा था, लेकिन शायद नहीं।





खुशबू भी थकी-हारी लेटी हुई थी,


अंदर ब्रा-पैंटी पहने लेकिन पूरा खुद को चादर से ढक रखा था


सिर्फ़ मुंह बाहर।



उसके बाल बिखरे,



चेहरा लाल,



आँखें थकी लेकिन चमकदार।




वो मुस्कुराकर उठी (चादर को कसकर पकड़े हुए), और बोली,



“अमित… आ गए तुम… थैंक यू जान… असलम जी थोड़ी मेहनत करके थक गए हैं… इसलिए ये दूध और जूस मंगवाया… एनर्जी आएगी… तुम ट्रे रख दो ना…”





मैं ट्रे रखते हुए कल्पना कर रहा था



प्रार्थना कर रहा था कि काश चादर हट जाए…


काश एक झलक मिल जाए उसकी ब्रा-पैंटी में…


वो गोरी जाँघें… उफ्फ… लेकिन खुशबू बड़ी अच्छे से वाकिफ थी मेरी इस छिपी चाहत से।



वो जानबूझकर चादर नहीं हटाती,



बल्कि और कसकर पकड़ती, जैसे कह रही हो—“ये सब असलम के लिए है, तुम सिर्फ़ देखो”।


मैंने पूछा, “खुशबू जी… सब ठीक है ना? कमरा इतना… उलझा हुआ क्यों है?”




खुशबू ने हल्के से हँसकर कहा, “अरे जान… हम सोने की कोशिश कर रहे थे… लेकिन थोड़ी मस्ती हो गई… मतलब… बातें करते-करते… ग्लास गिर गए…

कपड़े इधर-उधर हो गए…


बस… तुम चिंता मत करो… असलम जी को थकान हो गई… उन्होंने थोड़ी मेहनत की ना… सोने की तैयारी में…”


वो जानबूझकर “मेहनत” पर जोर देती, लेकिन इतने मासूम तरीके से कि मुझे लगा शायद बेड सेट करने में।






असलम ने हल्का-सा करवट ली (चादर से ढका रहा), और बोला,


“भाई अमित… थैंक यू… ये दूध… एनर्जी देगा… ताकि रात अच्छी कटे…”


वो थका हुआ लग रहा था, लेकिन आँखों में वो चमक थी।


मैंने ट्रे रखी, और खुशबू ने मुझे अलविदा कहा, “जान… अब तुम नीचे जाओ… सो जाओ… कल सुबह मिलते हैं… थैंक यू आने के लिए…” वो प्यार से मेरे गाल पर हाथ फेरती है, लेकिन दरवाज़े तक छोड़कर मुझे बाहर धकेल देती।





असलम और खुशबू के बीच में रात भर में दो और राउंड हुए


पहले राउंड में असलम ने खुशबू को नीचे दबाकर मिशनरी में लिया,


धीरे-धीरे लेकिन गहराई से,



दोनों की साँसें मिलती रहीं;


दूसरे में खुशबू ऊपर चढ़कर काउगर्ल में राइड की, इतनी तेज़ कि बेड हिल गया, और दोनों थककर सो गए।






अर्ली मॉर्निंग, तकरीबन 5:30 बजे। ऊपर कमरे में खुशबू की आँख खुली।



वो असलम की बाहों में लिपटी हुई थी,



लेकिन उसका दिमाग अभी भी शैतानी से भरा था। वो जानबूझकर अमित को एक ही रिंग मारती है




—फोन उठाया,


अमित का नंबर डायल किया,


और जैसे ही रिंग बजी, कट कर दिया।



वो नहीं चाहती थी कि अमित जागे या उठे;



बस इतना कि अमित का फोन वाइब्रेट हो,


और वो नींद में ही सोचे कि कुछ हुआ होगा। फिर वो उठी,


एक सेक्सी ब्लैक नाइटी पहनी—इतनी ट्रांसपेरेंट कि उसकी ब्रा-पैंटी की आउटलाइन साफ दिख रही थी,


लेकिन इतनी लंबी कि हल्का-सा ढकाव दे रही थी।



वो जय और उसके साथी (कमल) को कॉफी और सफाई के लिए बुलाती है




शैतानी मकसद ये कि वो दोनों नीचे जाकर अमित से सब बताएँगे, अमित को शक भी होगा और मजा भी आएगा, लेकिन शर्म से वो कुछ पूछ नहीं पाएगा।





जय और कमल ऊपर आए।



कमरा अंधेरे में था, सिर्फ़ एक हल्की-सी साइड लैंप जल रही थी


माहौल इतना कामुक कि हवा में पसीने,

परफ्यूम

और वीर्य की मिली-जुली महक फैली हुई थी।



फर्श पर खुशबू की ब्रा-पैंटी बिखरी पड़ी,


असलम की शर्ट और पैंट इधर-उधर,


ग्लास टेबल पर पड़े—एक में शैंपेन की बूंदें बाकी,


बेडशीट उलझी हुई,


पंखुड़ियाँ चिपकी हुईं,


और कमरे में वो चिपचिपी महक जो बता रही थी कि रात भर क्या हुआ।



असलम थक-हारकर बेड पर उल्टा पड़ा था,


अंदर पूरा नंगा लेकिन सफ़ेद चादर से ढका


सिर्फ़ उसकी पीठ और कमर का हिस्सा दिख रहा था, जैसे वो गहरी नींद में हो।


खुशबू थकी-हारी लेटी हुई थी, लेकिन मुस्कुराकर उठी और जय-कमल को ग्रेट किया,



“आ गए तुम लोग… कॉफी अच्छी बनी है? और कमरा साफ कर दो ना… रात भर थोड़ी मस्ती हुई… मतलब बातें करते-करते सब बिखर गया…”





जय और कमल की आँखें खुशबू की नाइटी पर टिक गईं—



वो इतनी सेक्सी थी कि उनकी कल्पना भड़क गई। जय मन ही मन सोचा:




‘वाह रे… मैडम की ये नाइटी… नीचे ब्रा-पैंटी की शेप साफ़ दिख रही है… रात भर साहब ने चोदा होगा… गांड लाल हो गई होगी… उफ्फ… अगर मैं होता तो…’



कमल सोच रहा था:



‘साली कितनी हॉट है… सुबह-सुबह भी ये महक… साहब ने पूरी रात मैडम की चूत फाड़ी होगी… चीखें निकाली होंगी… हम तो बस साफ करेंगे…’




वे दोनों मुस्कुराकर बोले, “हाँ मैडम… कॉफी तैयार है… कमरा साफ कर देंगे…”





फिर खुशबू ने असलम से बात की, जानबूझकर जय-कमल को सुनाई दे ऐसा जोर से,



“असलम जी… आज सुबह का प्लान क्या है? मैं तो सोच रही हूँ… अपने प्यारे पति के लिए बिकिनी पहन लूँ… वो तो बहुत एक्साइटेड था मुझे बिकिनी में देखने के लिए… बीच पर चलें? वो खुश हो जाएगा…”





असलम ने हल्के से हँसकर कहा, “हाँ जान… चलो… अमित को भी बुला लो… वो फोटोज लेगा… और देखेगा भी…”






जय और कमल ने ये सुनकर मन ही मन हँसे




वाह… मैडम बिकिनी में… साहब के साथ… अमित बेचारा फोटोज लेगा… जैसे नौकर…’




वे नीचे आए, और अमित के पास जाकर सब बताने लगे। जय बोला,



“भाई अमित… ऊपर क्या हाल है देखा? कमरा तहस-नहस… मैडम की ब्रा-पैंटी फर्श पर…



साहब नंगे लेटे हुए…


महक तो ऐसी जैसे पूरी रात चुदाई हुई हो…


मैडम थकी हुई लग रही थी…


चेहरा लाल, बाल बिखरे…


और वो कह रही थी आज बिकिनी पहनकर बीच पर जाएगी… … साहब के साथ…


हा हा… तू तो फोटोज लेगा…


और देखेगा कैसे साहब मैडम को छुएंगे…”





कमल ने जोड़ा, “हाँ भाई… सुबह मैडम बोली—‘अपने प्यारे पति के लिए बिकिनी पहनूँगी’…




लेकिन वो साहब से चिपकी हुई थी… रात भर साहब ने मैडम को चोदा होगा… चीखें निकाली होंगी… तू नीचे सो रहा था… बेचारा…”






मैं सुनकर असमंजस में पड़ गया—शक हुआ, लेकिन मजा भी आया। शर्म से कुछ पूछ नहीं पाया, बस मुस्कुराकर सिर हिलाया।
[+] 2 users Like Namard pati's post
Like Reply
हेलो एवरीबॉडी मैंने एक छोटा सा अपडेट दिया है अब से मैं फोटोस या वीडियो नहीं डाल सकूंगा उसके लिए मैं माफी मांग रहा हूं पढ़ कर बताइएगा अपडेट के बारे में आप क्या सोचते हैं और आपको कैसा लगा
[+] 1 user Likes Namard pati's post
Like Reply
Noone!?
Like Reply
Yaar jabardast... Lajawab..

Maja aa gaya dear..

Tum to kamal ke ho..

Ek thodi aur request thi.. Possible ho to next time photo & gif daalna.

Aur sex ka thoda brief me likhna..

Ek ek pal ko wo dono mehsus kare.. Aur maja lute..

You r greatest writer.
Like Reply
badhiya but story bahut jyaada slow hai
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)