Yesterday, 10:23 PM
Mai Mummy aur papa part 1
परिचय: जयपुर का 'गुप्ता' परिवार
जगह: जयपुर, राजस्थान।
परिवार: गुप्ता परिवार।
?? पापा: समर गुप्ता
उम्र: 46
पेशा: सफल बिज़नेसमैन (हैंडीक्राफ्ट और ज्वेलरी की बड़ी शॉप)।
व्यक्तित्व: बाहर से सख्त और शांत, लेकिन अंदर से बहुत इमोशनल और अपनी पत्नी के लिए समर्पित। बिज़नेस की थकान चेहरे पर साफ दिखती है, लेकिन घर की शांति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। अपनी पत्नी राधा के लिए आज भी वही पुराना आकर्षण और रोमांस महसूस करते हैं।
?? मम्मी: राधा गुप्ता
उम्र: 45
पेशा: हाउसवाइफ।
व्यक्तित्व: पारंपरिक साड़ी में लिपटी, लेकिन मॉडर्न सोच वाली। परिवार की रीढ़। उनका सांवला रंग, लंबी काली जुल्फें, और माथे की बिंदी उनकी सुंदरता को और बढ़ाती है। अपने बेटे राहुल को बहुत प्यार करती हैं, और पति समर के बिज़ी शेड्यूल के बावजूद, रिश्ते में प्यार और देखभाल बनाए रखती हैं।
?? मैं: राहुल गुप्ता
उम्र: 20 (कॉलेज स्टूडेंट)
पेशा: कॉलेज स्टूडेंट, जिम बॉय।
व्यक्तित्व: मस्कुलर बॉडी और टफ लुक वाला 'ठाकरी' (रईस) जिम बॉय। अपनी माँ का बहुत लाडला और पिता का सम्मान करता है। माता-पिता के बीच की केमिस्ट्री को देखकर थोड़ा शरमाता है, लेकिन उनकी खुशी देखकर बहुत खुश होता है।
? अध्याय 1: गरमी और गुलाबी छत
समय: रविवार की दोपहर।
जगह: जयपुर के आलीशान घर की छत।
जयपुर की दोपहर की गरमी छत पर सीधे पड़ रही थी। समर गुप्ता अपनी शॉप से जल्दी आ गए थे, लेकिन थकान उनके चेहरे और शरीर पर साफ दिख रही थी।
राहुल जिम से लौटा था। वह अपनी माँ राधा के पास आया, जो छत पर सूख रहे कपड़ों को इकट्ठा कर रही थीं।
राहुल: "मम्मी, आप क्यों कर रही हो धूप में? मुझे बता देती। पापा कहाँ हैं?"
राधा: (मुस्कुराकर) "अरे बेटा, ये सब आदत है मेरी। तेरे पापा नीचे हैं। सुबह से काम करके आए हैं, बहुत थक गए होंगे। उन्हें उठाना मत।"
राहुल ने राधा के पसीने से भीगे माथे पर प्यार से हाथ रखा।
राहुल: "ठीक है, मैं उन्हें डिस्टर्ब नहीं करूँगा। आप पानी पियो और अंदर जाओ। मैं बाकी कपड़े ले आता हूँ।"
राहुल की केयर देखकर राधा का चेहरा खिल गया। वह राहुल को चूमकर नीचे आ गईं।
नीचे आकर देखा, तो समर अपने कमरे में पलंग पर लेटे हुए थे। आँखों पर उन्होंने हाथ रखा हुआ था।
राधा धीरे से उनके पास बैठीं।
राधा: (धीमी आवाज़ में) "समर... उठिए। आँखें दर्द कर रही होंगी। मैं सिर दबा दूँ आपका?"
समर ने आँखें खोलीं। उनकी बड़ी, थकी हुई आँखें राधा के सुंदर, शांत चेहरे को देखती रहीं।
समर: (भारी आवाज़ में) "अरे राधा, तुम? हाँ... बहुत थक गया हूँ। आज गर्मी भी बहुत थी।"
राधा ने समर के पास झुककर, उनके माथे से बालों को हटाया। उन्होंने अपने हाथों से समर की कनपटी पर हल्के-हल्के तेल की मालिश शुरू की।
समर ने अपनी आँखें बंद कर लीं। राधा के हाथों का स्पर्श उनके लिए किसी दवा से कम नहीं था।
समर: (आँखें बंद किए हुए) "हाथों में जादू है तुम्हारे, राधा। सारी थकान खींच लेती हो।"
राधा थोड़ा शरमा गईं, लेकिन मुस्कान उनके चेहरे पर थी।
राधा: "ज्यादा फ्लर्ट मत कीजिए। बस आँखें बंद करके आराम कीजिए।"
राधा का एक हाथ उनके सिर पर था, और दूसरा हाथ उन्होंने समर के टी-शर्ट के ऊपर से, उनकी छाती पर रखा।
समर: (गहरी साँस लेकर) "तुम पास होती हो, तो ये गर्मी भी अच्छी लगती है। तुम्हारी खुशबू... आज भी इतनी ताज़ी लगती है।"
राधा ने और झुककर, धीरे से समर के माथे पर एक चुंबन दिया।
राधा: (फुसफुसाहट) "आप आराम करो। मैं तब तक राहुल के लिए लस्सी बनाती हूँ। और आपके लिए... अदरक वाली चाय।"
वह उठने लगीं, लेकिन समर ने झटके से उनका हाथ पकड़ लिया।
समर: (आवाज़ में हल्की गुज़ारिश थी) "रुको न, राधा। पाँच मिनट और... सिर्फ़ मेरे पास बैठो।"
समर ने राधा को अपने पास खींचा। राधा शर्माती हुई, उनके पास बैठ गईं।
समर ने अपना चेहरा राधा के पेट पर टिका दिया, जहाँ साड़ी के ऊपर से उनकी साँसें महसूस हो रही थीं।
समर: (धीमे से) "आई लव यू, राधा। तुम नहीं होती, तो मैं ये भागदौड़ नहीं कर पाता।"
राधा का दिल भर आया। उन्होंने समर के बालों को सहलाया और उनके कान के पास झुकीं।
राधा: (हल्के से, प्यार से) "आई लव यू टू, समर। अब आप थोड़ा सो जाओ। शाम को बात करेंगे।"
समर ने गहरी नींद की ओर कदम बढ़ा दिया।
तभी... दरवाज़े पर हल्की आहट हुई।
राहुल लस्सी का गिलास लिए दरवाज़े पर खड़ा था। उसने दरवाज़ा खोलकर देखा, तो मम्मी-पापा को उस रोमांटिक केयर की मुद्रा में देखकर, उसका जिम-बॉय वाला टफ चेहरा पिघल गया।
वह तुरंत दरवाज़े के पीछे छिप गया और ज़ोर से खँसते हुए बोला:
राहुल: "मम्मी! मैं लस्सी... बाहर रख दूँ?"
परिचय: जयपुर का 'गुप्ता' परिवार
जगह: जयपुर, राजस्थान।
परिवार: गुप्ता परिवार।
?? पापा: समर गुप्ता
उम्र: 46
पेशा: सफल बिज़नेसमैन (हैंडीक्राफ्ट और ज्वेलरी की बड़ी शॉप)।
व्यक्तित्व: बाहर से सख्त और शांत, लेकिन अंदर से बहुत इमोशनल और अपनी पत्नी के लिए समर्पित। बिज़नेस की थकान चेहरे पर साफ दिखती है, लेकिन घर की शांति के लिए कुछ भी कर सकते हैं। अपनी पत्नी राधा के लिए आज भी वही पुराना आकर्षण और रोमांस महसूस करते हैं।
?? मम्मी: राधा गुप्ता
उम्र: 45
पेशा: हाउसवाइफ।
व्यक्तित्व: पारंपरिक साड़ी में लिपटी, लेकिन मॉडर्न सोच वाली। परिवार की रीढ़। उनका सांवला रंग, लंबी काली जुल्फें, और माथे की बिंदी उनकी सुंदरता को और बढ़ाती है। अपने बेटे राहुल को बहुत प्यार करती हैं, और पति समर के बिज़ी शेड्यूल के बावजूद, रिश्ते में प्यार और देखभाल बनाए रखती हैं।
?? मैं: राहुल गुप्ता
उम्र: 20 (कॉलेज स्टूडेंट)
पेशा: कॉलेज स्टूडेंट, जिम बॉय।
व्यक्तित्व: मस्कुलर बॉडी और टफ लुक वाला 'ठाकरी' (रईस) जिम बॉय। अपनी माँ का बहुत लाडला और पिता का सम्मान करता है। माता-पिता के बीच की केमिस्ट्री को देखकर थोड़ा शरमाता है, लेकिन उनकी खुशी देखकर बहुत खुश होता है।
? अध्याय 1: गरमी और गुलाबी छत
समय: रविवार की दोपहर।
जगह: जयपुर के आलीशान घर की छत।
जयपुर की दोपहर की गरमी छत पर सीधे पड़ रही थी। समर गुप्ता अपनी शॉप से जल्दी आ गए थे, लेकिन थकान उनके चेहरे और शरीर पर साफ दिख रही थी।
राहुल जिम से लौटा था। वह अपनी माँ राधा के पास आया, जो छत पर सूख रहे कपड़ों को इकट्ठा कर रही थीं।
राहुल: "मम्मी, आप क्यों कर रही हो धूप में? मुझे बता देती। पापा कहाँ हैं?"
राधा: (मुस्कुराकर) "अरे बेटा, ये सब आदत है मेरी। तेरे पापा नीचे हैं। सुबह से काम करके आए हैं, बहुत थक गए होंगे। उन्हें उठाना मत।"
राहुल ने राधा के पसीने से भीगे माथे पर प्यार से हाथ रखा।
राहुल: "ठीक है, मैं उन्हें डिस्टर्ब नहीं करूँगा। आप पानी पियो और अंदर जाओ। मैं बाकी कपड़े ले आता हूँ।"
राहुल की केयर देखकर राधा का चेहरा खिल गया। वह राहुल को चूमकर नीचे आ गईं।
नीचे आकर देखा, तो समर अपने कमरे में पलंग पर लेटे हुए थे। आँखों पर उन्होंने हाथ रखा हुआ था।
राधा धीरे से उनके पास बैठीं।
राधा: (धीमी आवाज़ में) "समर... उठिए। आँखें दर्द कर रही होंगी। मैं सिर दबा दूँ आपका?"
समर ने आँखें खोलीं। उनकी बड़ी, थकी हुई आँखें राधा के सुंदर, शांत चेहरे को देखती रहीं।
समर: (भारी आवाज़ में) "अरे राधा, तुम? हाँ... बहुत थक गया हूँ। आज गर्मी भी बहुत थी।"
राधा ने समर के पास झुककर, उनके माथे से बालों को हटाया। उन्होंने अपने हाथों से समर की कनपटी पर हल्के-हल्के तेल की मालिश शुरू की।
समर ने अपनी आँखें बंद कर लीं। राधा के हाथों का स्पर्श उनके लिए किसी दवा से कम नहीं था।
समर: (आँखें बंद किए हुए) "हाथों में जादू है तुम्हारे, राधा। सारी थकान खींच लेती हो।"
राधा थोड़ा शरमा गईं, लेकिन मुस्कान उनके चेहरे पर थी।
राधा: "ज्यादा फ्लर्ट मत कीजिए। बस आँखें बंद करके आराम कीजिए।"
राधा का एक हाथ उनके सिर पर था, और दूसरा हाथ उन्होंने समर के टी-शर्ट के ऊपर से, उनकी छाती पर रखा।
समर: (गहरी साँस लेकर) "तुम पास होती हो, तो ये गर्मी भी अच्छी लगती है। तुम्हारी खुशबू... आज भी इतनी ताज़ी लगती है।"
राधा ने और झुककर, धीरे से समर के माथे पर एक चुंबन दिया।
राधा: (फुसफुसाहट) "आप आराम करो। मैं तब तक राहुल के लिए लस्सी बनाती हूँ। और आपके लिए... अदरक वाली चाय।"
वह उठने लगीं, लेकिन समर ने झटके से उनका हाथ पकड़ लिया।
समर: (आवाज़ में हल्की गुज़ारिश थी) "रुको न, राधा। पाँच मिनट और... सिर्फ़ मेरे पास बैठो।"
समर ने राधा को अपने पास खींचा। राधा शर्माती हुई, उनके पास बैठ गईं।
समर ने अपना चेहरा राधा के पेट पर टिका दिया, जहाँ साड़ी के ऊपर से उनकी साँसें महसूस हो रही थीं।
समर: (धीमे से) "आई लव यू, राधा। तुम नहीं होती, तो मैं ये भागदौड़ नहीं कर पाता।"
राधा का दिल भर आया। उन्होंने समर के बालों को सहलाया और उनके कान के पास झुकीं।
राधा: (हल्के से, प्यार से) "आई लव यू टू, समर। अब आप थोड़ा सो जाओ। शाम को बात करेंगे।"
समर ने गहरी नींद की ओर कदम बढ़ा दिया।
तभी... दरवाज़े पर हल्की आहट हुई।
राहुल लस्सी का गिलास लिए दरवाज़े पर खड़ा था। उसने दरवाज़ा खोलकर देखा, तो मम्मी-पापा को उस रोमांटिक केयर की मुद्रा में देखकर, उसका जिम-बॉय वाला टफ चेहरा पिघल गया।
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राहुल: "मम्मी! मैं लस्सी... बाहर रख दूँ?"


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