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भूख प्यार की
#1
मेरा नाम अमीत है मै अपने परिवार के साथ बिहार के एक छोटे से जगह मे रहता था घर मे माँ पापा मै और मेरी एक बड़ी बहन रहते थे मेरे पिता का एक किराने का दुकान था जो मुहल्ले के आगे ही था दुकान ठीक ठाक चलता था जिससे हम सब का जीवन भी बहुत सुखी से चल रहा था यह कहानी तब की है जब मै दशवी मे पढ़ता था मेरे पापा ब्रजेश सिंह 40 के थे माँ रिधिमा सिंह 36 की थी मेरी बहन पूजा 19 की थी हम बिहार के एक गाँव के रहने वाले थे पर बहुत समय पहले पापा काम की तलाश मे गाँव से शहर आये यहाँ कुछ दिन इधर उधर छोटा मोटा काम किया पर पैसा कम मिलता था इसलिए उन्होने अपना धंधा खोलने का सोचा और पैसे इकट्ठा करके उन्होने एक छोटा सा किराने का स्टोर खोला जो शुरू मे ज्यादा नही चला पर वह उसी मे लगे रहे तब धीरे धीरे धंधा बड़ा होता गया आज किराना स्टोर बड़ा दुकान का रूप ले लिया है सामान ट्रक से आते है और जाते है दुकान काफी अच्छा चलता है ।

मेरे माँ पापा दोनो गाँव के रहने वाले है पापा ग्रेजुएशन किये हुए है और माँ 12वी तक पढ़ी है क्योकि उसके बाद माँ की शादी पापा से हो गयी माँ एक गरीब घर से है तब नाना ने उनकी शादी कम की उम्र मे ही 22 साल के आदमी से कर दिये थे माँ को पापा शुरू से ही पंसद नही थे क्योकि माँ जैसा लड़का चाहती थी पापा वैसे तो बिल्कुल नही थे पापा एक छोटे कठ काठी के दुबले पतले से दिखने वाले आदमी थे वही माँ एक बेहद खूबसूरत और आकर्षक लड़की थी उस समय देखने मे काफी सेक्सी लगती थी .  उनका शरीर भर गया था चेहरा पान के पत्ते जैसा लम्बा था वो उस समय किसी फिल्म की हिरोइन जैसी ही लगती थी आज भी भोजपुरी फिल्म की हिरोइन अक्षरा सिंह के जैसी लगती है माँ पापा का कोई मेल नही था पर नाना ने पापा के परिवार और उनके जमीन जायदाद को देखते हुए माँ की शादी उनसे करवा दिये ।

पापा माँ से शादी करने के बाद उनको शहर मे लेकर आ गये यहाँ वो पहले छोटा मोटा काम किये जहाँ उनको बहुत कम पैसे मिलते थे फिर कुछ पैसा जोर के एक किराने का दुकान खोले जो पहले तो बहुत कम चला पर बाद मे काफी अच्छा चलने लगा तब वह उसे ही आगे बढ़ाते गये जो अब काफी बड़ा हो गया है जिसे अब मै दखता हूँ माँ को पापा के साथ मे जो भी देखता वह सब पापा को बहुत किस्मत वाला मानते थे बोलते थे लगूर के हाथ मे अंगूर मिल गया है क्योकि माँ रिधिमा बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक थी उतनी ही हॉट एण्ड सेक्सी भी थी पापा को भी पता था माँ उनको किस्मत से ही मिली है नही तो जैसे वो हम माँ जैसी लड़की तो उनको कभी देखती भी नही उनके चेहरे और बदन पर हर कोई मरता था उनको देखकर अच्छे अच्छो की नियत खराब हो जाती थी पापा माँ के हुस्न के गुलाम थे इसलिए माँ पापा को जो कहती पापा उसे बिना कुछ कहे मान लेते थे पापा माँ से अंधा प्यार करते थे 

माँ पापा के शादी के एक साल बाद ही पूजा दीदी को जन्म हुआ वह भी माँ की तरह खूबसूरत है दीदी के जन्म के तीन साल बाद मेरा जन्म हुआ अब तक पापा ने किराने के दुकान के साथ किराने के सामन को थोक मे बिक्री करने लगे अब समान बड़े बड़े ट्रक से आने जाने लगा जिससे घर मे पैसा भी अच्छा आने लगा पापा दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करते गये हम सब बड़े हुए पापा की कमायी बढ़ गई तब पापा ने एक बहुत अच्छा फ्लैट लिये जो 3BHK था जिसमे हम सब का अपना एक कमरा था पढने के लिए भी हम अच्छे कॉलेज और कॉलेज मे गये पापा थोड़े रूढ़िवादी थे उनको लड़कीयो को आगे पढ़ना पैसे की बर्बादी लगती थी वह कहते थे आखिर शादी की बाद तो उनको चूल्हा चौका को ही संभालन है तो इतना पढ़ाने की क्या जरूरत है दीदी मेडिकल की पढ़ाई करना चाहती थी पर पापा इसके लिए राजी नही थे पर माँ के जिद्द करने पर पापा मानयी तब दीदी दिल्ली चली गई पढ़ने के लिए 

इस तरह सब अच्छा से चल रहा था माँ दीदी के जाने से थोड़ा उदास रहती थी पर जल्द ही स्मार्ट फोन ने उनकी उदासी दूर कर दी वह दीदी से फोन से जब मन होता बात करती वह भी विडिओ कॉल पर जिससे वह दीदी को देख भी पाती थी लेकिन पापा दीदी से ज्यादा बात नही करते थे पापा वैसे भी अपने बिज़नेस मे ऐसे लगे हुए थे की उनको घर मे क्या हो रहा है क्या नही पता ही नही चलता था पापा अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत करते थे मै भी जब छुट्टी मिलता उनके काम मे हाथ बटा देता था या दुकाने के गल्ले पर बैठा जाता था पापा काम मे इतना व्यस्त रहने लगे की उनको अपने सेहत का थोड़ा सा ध्यान नही रहता था ना समय पर खाना ना ही कभी एक्सर्साइज करते थे जिसका परिणाम यह हुआ की उनका वजन बढ़ गया मोटा हो गये जिससे वह पहले से भी ज्यादा भद्दे लगने लगे सर के बाल भी आधे उड़ गये वह 45 के उम्र मे ही बुढ़े जैसे लगने लगे माँ तो उनके सामने उनकी बेटी लगती थी 

माँ पापा की बेटी जैसे लगने लगी थी इस कारण से माँ पापा से दूर ही रहती थी वह उनके साथ कही बाहर नही जाती थी पर वह पापा की बहुत इज्ज़त और सम्मान देती थी हमेशा पापा से उनके सेहत का ख्याल रखने के लिए बोलती थी पर पापा मानते ही नही थे तभी एक दिन पापा का दुकान मे ही चक्कर आ गया और वह वही गिर गये तब मै दुकान मे ही था तो उनको जल्दी से डॉक्टर के पास ले गया मैने माँ को फोन करके पापा के बारे मे बताया डॉक्टर ने कुछ चेकअप कराने को बोला तो तब हमने उनका सब चेकअप कराया तो डॉक्टर बोला इनको स्ट्रोक आया था ज्यादा चिंता की बात नही है पर अब अगर सेहत पर ध्यान नही दिये तो यह हॉट अटेक का रूप भी ले सकती है यह सुनकर हम सब डर गये माँ तो रोने लगी पापा जैसे भी थे वह माँ के पति थे जो माँ उनके बिमारी को सुनकर बहुत परेशान हुए वह धार्मिक थी भगवान से प्रर्थन करने लगी की उनके पति की लम्बी आयु हो इसके लिए वह एक बाबा से भी मिलने लगे ।

जहाँ बाबा जी ने माँ को हर सोमवार को पीपल के वृक्ष मे जल डालने और रोज मंदिर मे माता रानी को दिया जलाने के लिए बोले साथ ही उन्होने गरीब लोग को कुछ दान करने के लिए भी बोले तब सब ठीक होगा माँ ने यह बात मुझे बतायी तब मैने उनको बोला ठीक है अगर आप यह करना चाहती है तो करो फिर माँ बोली इधर पास मे कोई पीपल का पेड़ है तो बताओ ताकि वहाँ जाकर जल डाल सकूँ तो मै ठीक है मै पता करता हूँ की हमारे आसपास कोई पीपल का वृक्ष कहाँ है माँ घर से बहुत कम निकलती है दीदी थी तो उनके साथ एक दो बार मंदिर गयी थी उन्ही के साथ मार्केट भी कभी चली जाती थी उनके जाने के बाद वह एक दिन भी घर से बाहर नही गयी थी मै अपने एक दोस्त से पता किया तो बताया हमारे मुहल्ले के पीछे एक बड़ा सा पीपल का पेड़ है उधर से मंदिर का भी रास्ता जाता है तो मैने माँ को बताया ही इधर पीछे ही पेड़ है सोमवार को मै आपके साथ चल के दिखा दूगा ।
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#2
My dear writer

Under age is not allowed here

Pls edit it and let me know
 horseride  Cheeta    
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#3
सोमवार की सुबह पांच बजे माँ मुझे उठाने आयी मैने जब आँखे खोला तो देखा माँ नहा-धोकर रोज की तरह तैयार थी मै भी जल्दी से उठा फ्रेश हुआ और माँ को लेकर बाइक से निकल गया जब अपने दोस्त के बताए हुए जगह पर गया तो देखा पेड़ तो हमारे घर पास मे ही था पर एक मस्जिद के अंदर था यह हमारे लिए परेशानी की बात थी की अब हम मस्जिद मे कैसे जाएगे अंदर हमे जल डालने देगा भी कोई की नही इस बात का डर लग रहा था वहाँ उस समय कोई नही दिख रहा था मस्जिद बंद था मै आसपास देखा तो भी कोई नही दिखा पर तभी एक मौलाना मस्जिद मे दिखा तो मै उसे बुलाया वह आया तो मैने उससे बोला की मेरी माँ का मन्नत है पीपल के पेड़ मे जल डालने का यहाँ आसपास और कोई पीपल का पेड़ नही है तो क्या आप पीपल मे जल डालने देगे तो मौलना भड़क गया और बोला तुम भागो यहाँ से यह हमारे धर्म के खिलाफ है यह बोलकर वह चला गया अब मुझे समझ नही आ रहा था की क्या करे तभी मस्जिद के बगल मे जो एक मात्र घर था उस घर के छत पर एक आदमी वर्कआउट कर रहा था मौलाना की आवाज सुनकर वह छत से ही हमे देखा मस्जिद से सटे हुए ही उसका घर था तो मेरी नजर भी उस पर चली गयी मै उससे कुछ कहता उससे पहले ही वह चला गया पर तुरंत ही नीचे आया वह उस समय एक शॉर्ट्स पहने हुए था उपर से नंगा ही था उसका शरीर गठीला था सिक्स पैक भी दिख रहे थे वह पसीने से भीगा हुआ था जो वर्कआउट करने से निकला था हमारे पास आया और बोला 
आदमी- क्या बात है आप लोग यहाँ क्यो खड़े हो उसने माँ को देखते हुए बोला 
मै- कुछ दिन पहले मेरे पिता की तबीयत बहुत खराब हो गयी थी इसलिए एक बाबा जी ने माँ को बताया है की अगर वह हर सोमवार को पीपल के पेड़ मे जल डालेगी तो उनके पति की आयु लम्बी होगी इसलिए हम यहाँ आए है क्योकि आसपास और कोई पीपल का पेड़ हमे नही दिखा 

मै उसे जब यह सब बात बता रहा था तब उसकी नजर माँ पर थी माँ उस दिन भी रोज की तरह साड़ी मे थी उनकी पेट दिख रही थी जो पूरा फ्लैट नही था हल्का चर्बी थी पर वही उनकी सुंदरता को बढ़ा रहा था माँ ने माथे पर सिन्दूर और छोटी सी लाल बिंदी, कानों में झुमके, नाक में चमकती नथ, गले में मंगलसूत्र, और हाथों में लाल चूड़ियाँ—माँ ऊपर से नीचे तक किसी जन्नत की हूर से कम नहीं लग रही थीं। उनकी लाल लिपस्टिक और पैरों में पायल की छनछन ने जैसे पूरी सुबह को रंगीन कर दिया। “माँ सच मे बिल्कुल किसी अप्सरा जैसी लग रही हैं 

माँ का चेहरा चमक रहा था वह भी चोर नजरो से आदमी को देख रही थी आदमी का शरीर देखने मे सख्त लग रहा था चौड़ा सीना फुले हुए बाजू सिक्स पैक एब्स यह सब उस आदमी के शरीर की मजबूती को दिखा रहा था वह पूरा फिट और तंदुरुस्त था आदमी साँवले रंग का था पर हैंडसम था बॉडी अच्छी थी माँ को ऐसे मर्द पंसद थे दोनो की नजर कुछ ही देर मे कई बार मिले आदमी तो बेशर्मी से माँ को देख रहा था पर माँ नजरे मिलते ही हटा लेती थी ये सब देखकर मुझे डर लगने लगा कही वह मेरी माँ को सेट ना कर ले मैने जब उसको अपनी पूरी बात बतायी तब वह बोला 
 
आदमी- बोला ठीक है परेशान मत होइए मै देखता हूँ 

फिर वो मस्जिद मे गया मौलाना से बात करके वापस आया बोला आप मेरे साथ चलिए फिर वह हमे अपने घर के अंदर ले गया उसके घर के अंदर एक छोटा सा गेट था जो पीपल के पेड़ के पास खुलता था उसने बताया कि मस्जिद का रखरखाव उसका परिवार करता है और पेड़ की देखभाल भी वही करते हैं। “यह पेड़ कई सालों से यहाँ है,” उसने कहा। “कई लोग यहाँ पूजा करने आते है तो मै कभी मना नही करता हूँ मौलाना अभी नये है इसलिए वह नही जानते है ।

माँ पीपल के पेड़ के पास गयी वहाँ पीपल के पेड़ के जड़ पर जल डाली फिर हमने उस आदमी का धन्यावाद किया उसने अपना नाम राशिद बताया फिर वह हमे चाय पीने के लिए बोला पर मै मना करने लगा क्योकि हमारा परिवार शुरू से ही राशिद जी धर्म के थे उनसे ज्यादा हमारा लगाव नही रहा है माँ तो उनके धर्म के किसी आदमी के हाथ का छुआ तक नही खाती थी तो उन्होने चाय पीने से मना कर दिया जिसे वह समझ गये पर कुछ नही बोले पर उन्होने हमे कुछ देर अपने घर बैठा लिया मैने देखा उनके घर मे वह अकेले ही थी तब मैने उनसे पूछा आप यहाँ अकेले रहते है तब वह बोले 

राशिद - हाँ बहुत साल से अकेला रह रहा हूँ 
मै- और आपका परिवार 
राशिद- मेरी पत्नी के गुजरे बहुत साल हो गये है एक बेटा एक बेटी है दोनो की शादी हो गई है बेटा दुबई मे रहता है अपनी पत्नी और बच्चे के साथ मे 
मै- क्या आप पोता पोती वाले है इतने बड़े तो आप नही दिखते है ।
राशिद- हँसते हुए तो कितने साल का दिखता हूँ 
मै- होगे 35 साल के 
राशिद- फिर हँसे और बोला 47 साल का हूँ पर मेरे रोज वर्कआउट करने का कमाल है की मै इतना फिट हूँ 
मै- सही मै एक आप है जो इतने उम्र मे भी इतने फिट और जवान है और मेरे पापा आपसे छोटे पर देखने मे लगेगे जैसे वह आपसे बहुत बड़े है पापा को देखकर तो सब माँ को उनकी बेटी ही समझते है 

तब राशिद माँ को देखते हुए बोला मै तुम्हारे पापा को तो नही देखा हूँ पर मै तुम्हारी माँ को देखकर कह सकता हूँ यह तुम्हारी माँ सही मै नही लगती है ये अगर सलवार सूट या जिंस टीशर्ट पहने तो अभी भी 25 साल की लड़की लगेगी यह सुनकर माँ शर्मा गयी और मुझसे बोली अमीत चलो अब हमे देर हो रही है तुम्हारे पापा को दुकान भी जाना होगा तो मुझे नास्ता बनाना है तो मै भी उठा और बोला हाँ अंकल अब मै चलता हूँ फिर हम वहाँ से घर लौटने लगे रास्ते मे माँ ने बोला राशिद अच्छे आदमी लगे वह नही होते तो आज मै जल नही डाल पाती तुम अपने पापा को भी बोलो उनके जैसा वर्कआउट करे ताकि वह भी राशिद जी जैसे फिट हो सके तो मै बोला आप हक बोल देना तो माँ बोली मेरी सुनते कहाँ है ।
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