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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
वापस घर
 
 [Image: MIL-d40fae2d59ad0416d841d5288b33a830.jpg]
 
 
मम्मी को घर पहुंचते ही याद आया की रस्ते में हम लोग रेस्टोरेंट में तो रुके ही नहीं खाना खाने के लिए।
 
उनका प्लान था की उनके नथ और झुमके ,फिर पार्लर के बाद ,किसी रेस्टोरेंट में खाना खाएं , जिससे सब के सामने उनकी झिझक,
 
पर मैं जानती थी उन्हें कितना पुश करें ,कितना नहीं ,... 

घर की बात और थी ,जहां सिर्फ मैं और मॉम होते थे , बाहर अभी ,...
 
मैंने बात बनाई ,



 [Image: teej-75561b72e64171f82872bcec3242172f.jpg]
" मैंने दो तीन जगह चेक किया था ,टेबल खाली नहीं थी लेकिन आप घबड़ाइये नहीं मैंने ऑर्डर कर दिया है मटन बिरयानी के लिए बस पंद्रह मिनट में पहुँचती होगी। "
 
उन्होंने जोर से घूरा मुझे गुस्से से ,उन्हें मेरी चाल पता लग गयी थी मआख़िर वो मेरी भी माँ थी ,और ये भी की मैं उनको प्रोटेक्ट कर रही हूँ।


बस गुस्से में पैर पटकते हुए अपने कमरे में चली गयीं।
 
लेकिन मुझे उनका इलाज भी मालुम था ,मैंने उनके कान में बोला ,
 
"अरे यार जाओ उनके कमरे में उन्हें चेंज करने में हेल्प कर दो , तेरा फायदा हो जाएगा। "
 
अंधे को क्या चाहिए दो आँखे ,... वो मम्मी के पीछे पीछे ,..
 
 
और जब वो दोनों लोग बाहर आये तो  मम्मी बस एक ट्रांसलूसेंट गाउन में जिसमें उनका उभार ,कटाव सब कुछ दिख रहा था। 

[Image: nightie-4.jpg]



और सास दामाद खुश और खिलखिलाते
 
टेबल पर वो गिफ्ट रैप्ड बुक पड़ी थी जो सोफ़ी ने उन्हें दी थी ,' लर्न पैक्टिस एंड बी परफेक्ट " के इंस्ट्रक्शन के साथ।
 
वो उठा के खोलने लगे तो मैंने उन्हें छेड़ा ,
 
" बहुत जल्दी है ,... "
 
बिचारे शरमा के उन्होंने किताब रख दी लेकिन पीछे से मम्मी ने उन्हें पकड़ने की कोशिश करते हुए बोला ,
 
 
"लेकिन मुझे तो बहुत जल्दी है। "
 
 
" अरे मम्मी रात तो होने दीजिये ," किसी तरह हंसी रोकते मैंने समझाया।
 
" ओह रात ,.. कब होगी रात ,... ".... 


अंगड़ाई लेते हुए बड़ी अदा से वो बोलीं ,और उनके दोनों कबूतर जैसे उड़ने के लिए बेचैन हो खुल के दिख गए।
 
रात आयी लेकिन आज शाम से सास दामाद की जुगलबंदी ,
 
वो एकदम से अपने दामाद की ओर , ... मैं बिचारी ,.. एकदम बाहर वाली हो गयी थी।
 
मम्मी ने शाम होते ही हुकुम सूना दिया आज चाय मैं बनाउंगी।
 
वो सोफी की किताब पढ़ने प्रैक्टिस करने में  बिजी थे।
 
और मैंने कुछ ना नुकुर करने की कोशिश की तो मुझे डांट पड़ गयी ,
 
" जब से मैं आयी हूँ देख रही हूँ वो बिचारा जब देखो तब किचेन में घुसा रहता है ,और तुम पलँग चढ़ी कभी फोन ,कभी टैब कभी टीवी , ... जाओ ,.. " 

और फिर असली कारण भी उन्होंने बता दिया क्यों वो उस 'बिचारे' का साथ दे रही थीं ,
 
 
" अरे रात भर तो उस बिचारे की आज रगड़ाई होनी ही है ,अभी तो थोड़ा आराम कर ले। "

[Image: MIL-W-images.jpg]

 
( जैसे गौने की रात कोई सास  ,भौजाई को छेड़ रही ननदों को हटाये ये सोच के ,की बेचारी रात भर तो रत जगा करेगी ही )
 
 
खाने के समय भी मम्मी ने हुकुम सुना दिया , बहुत ही सिम्पल बस कोई एक दो चीजें ,
 
और यही नहीं किचेन में भी उनके साथ थीं वो , एक दो लैम्ब की डिशेज उन्हें सिखाने के लिए।
 
 
मम्मी के छेड़ने की , दोनों लोगों के खिलखिलाने की आवाजें किचेन से रही थीं।
 
आज उन्होंने आठ बजे टेबल सेट भी कर दी , और मम्मी आज मुझसे पहले टेबल पर पहुँच भी गयीं।
 
सिर्फ लैम्ब चॉप्स ,लैम्ब स्पेयर रिब्स और शाम की बची हुयी बिरयानी बस फ्रेश कर दी , ...
 
स्वीट डिश भी नहीं ,... वो आज मेरे और मम्मी के बीच में बैठे।
 
स्वीट डिश के लिए मैंने पूछा तो मम्मी ने मुझे घूर के देखा और उनके रसीले होंठों पे हाथ फेरतीं बोलीं ,
 
" इतनी अच्छी स्वीट डिश के रहते हुए और किसी स्वीट डिश की कोई जरूरत है क्या , ... "


फिर उन्होंने अपना फैसला भी सूना दिया। "
 
" तूने बहुत दिन मजे ले लिए ,अब जब तक मैं रहूंगी ,मैं और सिर्फ मैं ये हवा मिठाई खाऊँगी,क्यों मुन्ना। "
 
और जिस तरह से उन्होंने ब्लश किया बस ,... यही अदा तो मम्मी को घायल कर देती थी।
 
मैं और मम्मी ,मम्मी के कमरे में चले गए। 
 
वो  किचेन में काम निपटाने , और उनके आते ही मम्मी ने अपने पैर उनकी ओर बढ़ा दिए , बल्कि खुद ही अपना गाउन खींच के घुटनो के ऊपर कर दिया।
 
मम्मी के ताजे  पेडिक्योर किये हुए पैर , गोरे गोरे महावर लगे तलुए , पैरों में रुन झुन करते बिछुए ,चांदी की हजार घुंघरुओं वाली पायल, मांसल गोरी पिंडलियाँ
 

[Image: feet-3704832.jpg]

उनकी तो चाँदी हो गयी।
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चरण सेवा 


[Image: feet-60e50f872a403caa1e2c7f0c2078e8ae.jpg]






उनकी तो चाँदी हो गयी।

 
बस बिना कहे पहले तलुवे ,फिर पैर, ...
 
 
साथ में मम्मी की तारीफ़ और छेड़ छाड़


[Image: milf-strips-off-white-saree-549354.jpg]
बहुत अच्छी मालिश करते हो , लगता है मेरी समधन किसी मालिश वाले के साथ सोई होंगी तभी पेट से ही सीख के ,...
 
वो शर्मा रहे थे।
 
हम दोनों मजे ले रहे थे।
 
" अरे मम्मी सिर्फ खून में होने से थोड़े ही होता है ,प्रैक्टिस भी तो लगता है खूब की है उन्होंने ,"



मैंने उन्हें मुस्कराते हुए छेड़ा।

[Image: ba1cbd7d4a639bb57edcde6b38390725.jpg]

 
" हाँ एकदम बोल किस का दबाते थे ,अपनी मम्मी का की भौजाई का दबा दबा के सीखा है। " मम्मी ने चिढाया।
 
मम्मी का दूसरा पैर उनकी जांघ पर था ,जान बूझ कर मम्मी हलके हलके सरकाते आलमोस्ट उनजे तन्नाए बल्ज के पास ,
 
[Image: Bulge-22-th.jpg]

" अरे शर्मा काहे को रहे हो आखिर दबाने वाली चीज तो दबायी ही जायेगी , ये मत बोलना की मेरी समधन या तेरी भौजाई दबवाती नहीं है , इत्ते मस्त है दोनों के। "
 
मम्मी जब  उनके मायकेवालियों के पीछे पड़ जाती थीं तो उन्हें रोकना मुश्किल था ,फिर मैं क्यों रोकूंगी।
 
पैर के बाद उन्होंने मम्मी के कंधे भी दबाये और पीठ भी ,गाउन के अंदर हाथ डाल के ,
 
 
लेकिन उसका नतीजा वो हुआ  जो मम्मी चाहती थीं मैं।
 
और शायद वो भी नहीं ,मम्मी को नींद आने लगी।
 
बीच बीच में वो हलके हलके खराटे लेने लगतीं।
 
" अच्छा चलो तुम दोनों जोर से नींद  रही है , जाने के पहले लाइट बंद कर देना। मिलते हैं ब्रेक के बाद , " उनकी ओर देख के मुस्करा के बोलीं और करवट बदल के सो गयीं।
 
गाउन मम्मी का जांघ तक उठ गया।


 [Image: nightie-md-10082-PNKDG-1.jpg]
निकलने के पहले उन्होंने मम्मी का गाउन ठीक किया और चादर ओढा दो।
 
लाइट मैंने बंद कर दीपर जैसे वो बाहर निकले मैंने गपुच लिया 'हवा मिठाई "
 
 
" हे मम्मी से बच गए लेकिन मुझसे नहीं बचोगे।



मैंने दबोच के पुच्च पुच्च पंदरह बीस ले डाली उनके चेहरे पे।


[Image: kiss-16972846.gif]
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सच्ची वो मुझे इतने प्यारे लगते थे , झूठ नहीं बोलूंगी ,...



[Image: Teej-977a3099e689a4b76cd36f6a960d514b.jpg]






मैंने कभी शादी के लिए पूजा पाठ नहीं किया वो बस ऐसे ही मिल गए। लेकिन करती तो शायद उनके ऐसा ही चाहती, लेकिन मैं ये बात कभी उनसे बताती नहीं थी। बस इस डर से कहीं बिगड़ गए तो ,या फिर किसी की नजर लग गयी ,...

 
 
और प्लीज , प्लीज आप लोग भी उनसे कभी बताएगा मत। प्रामिस ,पक्का वाला
 
 
 
" भूल गए भुलक्कड़ आज कौन दिन है , " अपने जोबन की बरछी उनके सीने में जोर जोर से चुभाती ,गड़ाती मैंने पूछा।
 
और उन्हें याद गया।
 
आफिस के दिनों में तो उन्हें फार्मल ,सेमी फार्मल पहनना पड़ता था ( हालांकि वो भी मैं ही सेल्केट करती थी और निकाल के देती थी , पत्नी का ये हक़ मैंने नहीं छोड़ा था ) लेकिन वीक एन्ड सिर्फ हमारा होता था , रात में उन्हें एक पुर्जी निकाल के ,.. और वो ड्रेस पहन के वो मेरे पास आते थे , और वीक एन्ड की रातें सोने के लिए थोड़े बनी होती हैं। 
 
मैंने चिट्स का डिब्बा उनके सामने कर दिया।
 
चिट ले के वो गायब हो गए ,बस थोड़ी देर में।
 
 
अपने बेड रूम में पहुँच के नाइटी में चेंज कर के मैं बिस्तर पर लेट गयी थी।
 
अभी मुश्किल से दस बज रहा था ,
 
मेरे कितने सीरियल छूट गए थे ,मैंने टीवी आन किया ,नाइट बल्ब जलाया और बाकी लाइट बंद कर दी /
 
 
 
सीरियल अभी शुरू ही हुआ था की वो गए ,
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ye ain mauke pe ruk jana, klpd kar deta hai.
scene pura hona chahiye.
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(29-06-2019, 05:14 PM)chodumahan Wrote: ye ain mauke pe ruk jana, klpd kar deta hai.
scene pura hona chahiye.

sure soon
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गौने की दुल्हन।
…………………
एकदम मस्त माल लग रहे थे वो ,गौने की दुल्हन जो नथ उतरवाने के लिए बेताब हो।
 
 
पिंक पटोला,लाल ब्रोकेड का चौड़ा बॉर्डर खूब फ़ब रहा था उनके ऊपर। कच्छी आलमोस्ट बैकलेस स्ट्रिंग ब्लाउज, कानों में झुमके और नाक में मोती वाली छोटी सी नथ तो जिनी के यहां ही पहन ली थी उन्होंने ,और चेहरे का नयी दुल्हन वाला मेकअप सोफ़ी ने गजब का किया था पर उन्होंने लिपस्टिक का ग्लास फ्रेश कर लिया और हल्का सा पाउडर ,रूज भी चीकबोन्स को हाइलाइट करने के लिए।
 
चुरमुर करती चटकने को बेताब लाल लाल चूड़ियां ऑलमोस्ट कुहनी तक ,कंगन ,बाजूबंद  पतली कमर में पतली सी चांदी की करधन , पैरों में चौड़ी वाली हजार  घुंघरुओं की पायल ( जो मैंने उन्हें उनके बर्थडे की रात पहनाई थी,)चौड़ा गीला ताजा महावर , और रुमझुम करते सारी रात बजने को बेताब बिछुए ,...और हाँ गले में मंगलसूत्र भी ,
 
काजल से कजरारी आँखे , लालगुलाबी भरे भरे रसीले होंठ , मालपुवा ऐसे कचकचा के काटने लायक गाल और जो पैडेड ब्रा उन्होंने चोली के नीचे पहन रखी थी ,एकदम किसी किशोरी के नयी नयी गौने के दुल्हन के अनछुए टेनिस बाल साइज के बूब्स लग रहे थे ,
 
मेरा तो मन कर रहा था की बस ,... लूट लूँ ,...
 
और सबसे बढकर उनका एट्टीट्यूड , वो एकदम गौने की रात वाली लाज शरम, पलाश की तरह दहकते ब्लश करते गाल ,झुकी झुकी निगाहें,... जैसे मन कर भी रहा हो डर भी लग रहा हो , ... क्या होगा आज रात ,..
 
पूरी रात मेरी थी
 
( थी तो पूरी जिंदगी मेरी )
 
" हे जरा चल के तो दिखाओ "
 
जिस तरह उन्होंने शरमाते हुए धीरे से हूँ बोला और घूँघट हल्का सा हट गया ,
 
लगा जैसे हजारों दिए अँधेरी रात में एक साथ जल गए हों ,
 
हजार जल तरंग एक साथ बज उठे हों ,
 
 
और हलके हलके कदम रखते हुए उन्होंने कैट वाक् शुरू किया ,
 
मेरी निगाहे तो उनके नितम्बो पर चिपकीं थी ,एकदम गज गामिनी।
 
 
अब मुझसे नहीं रहा गया।
 
दरवाजा घुसने के साथ ही उन्होंने बंद कर दिया था ,एक मद्धम मद्धम नाइट बल्ब जल रहा था ,मदिर मदिर,
 
 
टीवी पर सीरियल रहा था , बहुत हलकी आवाज में ,लेकिन अब उसे कौन देख रहा था ,यहाँ सामने हॉट हॉट पूरी अडल्ट फिल्म चल रही थी ( जैसी हमारे मोहल्ले वाला केबल वाला रोज रात में एक बजे से लगाता था )
 
मैंने बोल ही दिया , आओ न। इन्तजार करना बहुत मुश्किल हो रहा था।
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मैंने बोल ही दिया , आओ न। इन्तजार करना बहुत मुश्किल हो रहा था।

 
और वो गए ,मेरे साथ हलकी सी रजाई जो मैंने ओढ़ रखी थी उसके अंदर।
 
 
एसी फुल ब्लास्ट पर चल रहा था।
 
वो आये और मैंने उन्हें दबोच लिया ,आज मैं शिकारी थी और वो शिकार ,...मम्मी से तो वो बच गए लेकिन मुझसे नहीं बचने वाले थे।
 
मैंने उन्हें गपूच लिया और हलके सहलाती रही , कभी गालों को कभी होंठों को।
 
फिर हलके से दबा लिया।
 
जल्दी नहीं थी मुझे रात अभी जवान थी , और मुझे धीमे धीमे मजा लेना था।
 
 
वह चुपचाप लेटे , बस थोड़ा लजाते कुनमुनाते ,
 
जो करना था मैं कर रही थी , उनकी लंबी लंबी गहरी साँसे बस उनकी उत्सुकता ,उत्तेजना का राज खोल रही थीं।
 
और मुझे पता चल रहा था की उन्हें कितना मजा रहा था।
 
बाहर रात धीरे धीरे झर रही थी ,
 
हलकी सी खुली खिड़की सी  रात रानी की भीनी भीनी खुशबू अंदर रही थी और साथ साथ में थोड़ी थोड़ी मीठी मीठी चांदनी भी।
 
 
और फिर हलकी सी खट खट की आवाज हुयी ,
 
हम दोनों ने उसे अनसुनी कर दिया।
 
हम दोनों आपस में ही खोये थे ,लेकिन आवाज तेज हो गयी फिर और फिर बार बार,
 
 
और फिर मम्मी की आवाज सुनाई पड़ी ,
 
"तुम लोग सो गए हो क्या" ?
 
जब तक ये अपना हाथ मेरे मुंह पे  लाकर मेरा मुंह भींचते ,मेरे मुंह से निकल ही गया
 
" हाँ मम्मी "
 
और उसी समय मुझे अपनी गलती का अहसास हो गया लेकिन अब हो क्या सकता था।
 
" दरवाजा खोलो " मम्मी की टिपकिकल डिमांडिंग आवाज सुनाई पड़ी।
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Sahi jagah ending ki hai, ab kya nai dulhan ka sandwich banega kya, dekhte hai aage.
Waiting for more
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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Very nice to see such updates
Keep it up.
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bhauji kamal ka likhti ho.....
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(02-07-2019, 10:12 AM)Black Horse Wrote: Sahi jagah ending ki hai,  ab kya nai dulhan  ka sandwich banega kya,  dekhte hai aage.
Waiting for more

yahi to ...bas bahoot jald
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Update ka intjaar hai....
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(11-07-2019, 01:10 PM)jhonmilton Wrote: Update ka intjaar hai....

Welcome and update today
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Congratulations to complete 69000 views.
Waiting for today's update
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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soon may be kal .
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Komal ji,
Update no. bhi dete rahiye jisse pta cle khan tak phunche.
thanks
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(12-07-2019, 08:45 AM)Black Horse Wrote: Congratulations to complete 69000 views.
Waiting for today's update

1000 more views without update. 
Ab to sandwich de do.
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
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(16-07-2019, 10:04 PM)Black Horse Wrote: 1000 more views without update. 
Ab to sandwich de do.

thanks ....some work ....got caught
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Next post now
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It has been a loooooooooooooong gap but letss restart
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