02-09-2025, 02:05 PM
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Adultery खुशबू : गोल्ड डिगर हाउसवाइफ
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02-09-2025, 03:42 PM
Ab.....
जब वह होटल से बाहर निकलकर एक टैक्सी में सवार होकर अपने घर चली आई। जब वह घर पहुंची तो मयंक उसी का इंतजार कर रहा था। तीन दिन की चुदाई की वजह से खुशबू को सही से चलने में दिक्कत हो रही थी। थोड़ी देर मयंक से बात करने के बाद वह बाथरूम में जाकर फ्रेश हो बाहर आई , तब तक मयंक ने उसके लिये गर्मागर्म कॉफी बना कर तैयार कर दिया। काॅफी पीने के बाद खुशबू ने मयंक से कहा " उसके शरीर में थकावट महसूस कर रही है और तीन दिन से सही से सोई भी नहीं है " इसलिए वह बेडरूम में आराम करने चली गई। बेड पर लेटने के साथ खुशबू गहरी नींद में सो गई । जब खुशबू की निंद खुली तो उसने अपने रूम में रखी घड़ी पर नज़र डाली तो देखी घड़ी में शाम के 4:30 बजे रहे थे । मयंक अभी गोदाम से नहीं आया था । वह उठी और रूम से बहार निकली कर । किचन में जा के उसने फ्रिज से बर्फ के कुछ गोले निकालकर , फिर अपने रूम में आ गई और रूम के दारवाजा को अंदर से लगा लिया और अपने सरे कपड़े खोल के अपने चूत , गांड़ की छेद , स्तन को बर्फ से सेक रही थी उसके सेंकने से उसके चुत और गांड़ की छेद , स्तन में हल्का हल्का दर्द कम महसूस हो रही थी लगातर दो दिन तक उसने अपनी चूत और गांड़ , स्तन को बर्फ से सेका जिससे उसकी चुत और गांड़ , स्तन पहले की तरह मूलायम और चीकनी हो गई। एक रविवार खुशबू और मयंक दोनों डायनिंग टेबल पर दोपहर का खाना खा रहे थे खुशबू की फ़ोन की घंटी बजी खुशबू ने देखा तो वह श्री सिन्हा का फोन आया था। उसने फोन उठाया थोड़ी देर बात करने के बाद रखा दिया। तभी मयंक ने पूछा श्री सिन्हा किया कह रहे थे तो खुशबू ने बताया श्री सिन्हा द्वारा उन्हें सूचना मिली कि जिस प्रोजेक्ट के लिए चार्ल्स भारत दौरे पर आये थे उन्होंने उस प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है उसे खुशी में कल औफिस में एक छोटा सी सेलिब्रेशन पार्टी रखी गई हैं। हमें दोनों का उस पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। अगली सुबह खुशबू और मयंक तैयार होकर औफिस के लिए निकल गये । जब खुशबू औफिस पहुंची तो उसकी स्वागत में कोई कम नहीं की गई। पूरी ओफिस तालियों की आवाज से गूंज उठा। खुशबू को श्रीं सिन्हा द्वारा एक फुल का बुके देकर सम्मानित किया और उसे ओफिस के नये पद से सम्मानित किया गया ( अब खुशबू को कंपनी की वाइस - डायरेक्टर बनाया गया ) और उसे एक उपहार के तौर पर 30 लाख का कार दिया गया। यह सब पाकर खुशबू बहुत खुश थी। ..................... अब दो महीने बाद........................... एक दिन खुशबू ने अपने ऑफिस से 1 हफ्ते के लिए हॉलिडे ली, और उसने गोवा घुमाने का योजना बनाई । खुशबू मन ही मन सोच रही थी वह मयंक को वह सारी खुशियां देगी जो एक पति चाहत है। खुशबू ओफिस से घर आकर मयंक को बताया , हम दोनों एक सप्ताह के लिए गोवा घूमने के लिए जा रहे हैं । बहुत टाइम हो गया है आपके साथ घुमे हुए । खुशबू : मैं तो तैयार हूं, वैसे भी मैं थक गई हूं रोज-रोज ऑफिस जाके। मैंने छुट्टी ले ली है । मयंक : ठीक हैं। खुशबू : मैंने प्लेन की दो टिकट बुक कर दी है। हम दोनों रात को 6 बजे खाना खा कर निकल जाएंगे। आप अपने कपड़े रख लो। खुशबू : मैं बहुत खुश हूं। मैं थोड़ा घूमना फिरना और लाइफ एंजॉय करना चाहती हूं आपके साथ। रात 9 तक वह दोनों गोवा पहुंचने के बाद खुशबू और मयंक उस फार्म हाउस में गए जो उन्होंने बुक किया था , वहां जाने पर फार्म हाउस के मालिक ने उन्हें फार्म हाउस का चाभी देकर चला गया और जाते - जाते कहां आप और आपके पति का इस फार्म हाउस में स्वागत है। मयंक खुशबू को देखकर मुस्कुराया और खुशबू भी मुस्कुराई। फिर वह दोनों रूम में गए। फार्म हाउस दो फ्लोर का है । उसके पीछे साइड एक स्विमिंग पूल है । और कमरे के बाजु में एक बालकोनी है जहां से गोवा के बीच का आनंद लिया जा सकता हैं। मयंक ने फार्म हाउस को देखकर कहा " इतना पैसे इन्वेस्ट करनी की किया ज़रुरत थी तुम्हें , हम किसी सस्ते होटल में रह जाते एक सप्ताह की तो बात थी " । खुशबू ने कहा : मैं बस तुम्हे खुश देखना चाहती हूं, और मैं तुम्हारी खुशी के लिए कुछ कराना चाहती हूं। मयंक : मैं जानता हूं। खुशबू : सुनों मेरी जान, हम दोनों अब एक हफ्ते तक सुहागरात मनाएंगे। क्या तुम तैयार हो? मयंक ने हां में सिर हिलाया। मयंक ने अपनी पत्नी के माथे को चूमा और उसकी आंखो मैं प्यार से देखता है । खुशबू भी मयंक को ऐसे देखती है जैसे उसके बाद मयंक उसके होठों को चूमने लगता हूं, और खुशबू , खुशबू की रट लगाने लगा है । ये सुन कर खुशबू और गरम होने लगती है। मयंक उसे जोर से चूमता हूं। वोह मयंक को चूमती है, और कहती है- खुशबू : मेरे राजा। फिर मयंक की शर्ट उतारने लगती है। और मयंक उसका टॉप उतार देता है। फिर उसके गले पे चूमता है। खुशबू : आह आह ओह। मुझे बहुत गर्म लग रही है बाबू। मयंक : मेरी जान, अभी तो देख तुझे जन्नत की सैर कराता हूं आज रात मैं। खुशबू अब ब्रा और पैंटी में थी, और मयंक बस जींस में। मयंक उसके बूब्स को दबाता है , जो काफी टाइट हो रहे थे। मयंक उसकी नाभी को चूमता और चाटने लगता हूं। खुशबू : मेरे राजा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, जब तुम मेरे बूब्स दबा रहे हो, और नाभी चाट रहा हो । आह आउच। मेरे राजा जी मुझे खा जाओ। आज तुम मेरी प्यास बुझा दो जानू। मयंक : तेरी आज ऐसी रात बीतेगी, जैसी तूने सोची भी नही होगी मेरी जान। तुम मेरे रानी है । एक बार बस तू मेरी गर्मी को सहन कर ले। मयंक खुशबू की ब्रा और पैंटी उतार देता हूं, और उसके पूरे शरीर को चूमता हूं, और उसके अंडरआर्म्स को चाटने लगता है। फिर खुशबू की चूत को सहलाता है , और चाटने लगता है। आधे घंटे तक वह एक-दूसरे को किस्स करते हैं। फिर आती है असली खेल की बारी। मयंक : खुशबू मुझे पेशाब आ रही है। खुशबू : मुझे भी। फिर मयंक उसको गोद में उठा लेता है और टॉयलेट जाता है । वह दोनों साथ में ही मूत ने लगते है और हंसते है। फिर मयंक खुशबू गोद में उठाकर बाहर लाकर बेड पे सुलाता देता , और बोलता है - मयंक : बेबी अब मैं तुम्हें इतना प्यार दूंगा ना, कि तुम जिंदगी भर नहीं भूलोगी मेरी जान। खुशबू तुम और मैं आज ऐसी दुनिया में चलते है, जहां बस प्यार ही प्यार हो । खुशबू : मैं सिर्फ तुम्हारी हूं। आज मेरे मर्द अपनी सारी गर्मी और ताकत मुझे थकाने में लगा देगा। खुशबू मयंक की पैंट उतारती है, और मयंक उसके बालों को पीछे करता हूं। फिर वह मयंक के 5 इंच के लंड को देखती है। और मयंक उसको देखता है । वह बेचारी मयंक के लंड को छूती है, और बोलती है- खुशबू : तुम्हारा औजार बहुत छोटा और गरम हो रखा हैं। और वो उसे चाटने लगती है। मयंक : आह जानू, ऐसे ही कर मेरी कुतिया, आह आह ओह ओह। जैसे ही मयंक का निकलने वाला होता है, वह खुशबू को रोक देता है , और उससे बेड पर लिटा के उसकी चूत में उंगली डालने लगता है। खुशबू आवाज़ करती है: राजा... ओह....मेरे ....राजा ...आह .....आह ......मां। थोड़ी देर में खुशबू की चूत गीली हो जाती है, और फिर मयंक अपना लंड उसकी गीली चूत में डाल देता है। फिर आराम-आराम से झटके मारता है। खुशबू जोर-जोर से सांस लेती है। मयंक के कमर को अपने नर्म हाथों से जकड़ लेती है और आवाज़ निकालती है। खुशबू : आह... आह.... मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम्हारे साथ। तुम वो मर्द हो जो मुझे इतना संतुष्ट कर पाये हो । आह... मेरे.... राजा.... आह....। जैसे ही मयंक का वीर्य निकलने वाला होता है, मयंक खुशबू के पूरे चेहरे पे और उसके स्तनों पे वीर्य निकाल देता है। खुशबू कुत्ते के तरह हांफ रही होती है। खुशबू : आह ...आह... , बस मेरी रूह ठंडी पड़ गई। मेरी चूत का सारा पानी निकल गया । मयंक और खुशबू पसीना-पसीना हो जाते है। फिर वह दोनों रात को ऐसे ही बिस्तर पर नंगे सो जाते है। यह पहली बार था जब खुशबू और मयंक दोनों एक साथ झड़े । खुशबू अपना सिर मयंक के कंधो पर और उसे पकड़कर सो जाती है, और मयंक उसे चूमता है , प्यार से। फिर सुबह होने के बाद मयंक खुशबू के लिए चाय लाता है , और खुशबू अभी भी नंगी ही सो रही होती है। मयंक उसे उठाकर चाय देता है , और उठते ही वह मयंक को पकड़ लेती है। फिर मयंक को बेड पर खीच लेती है और जल्दी से चाय पीकर वह दोनों फिर से सेक्स करने लगते है। उन दोनों की आधा घंटे के सेक्स के बाद मयंक उसे गोद में उठाकर बाथरूम में साथ में नहलाने ले जाता है। क्योंकि वह दोनों के शरीर से पसीना की बदबू आ रही थी । फिर वह दोनों बीच पर घूमने चले जाते हैं। वहाँ खुशबू ने अपने कपड़े उतारे और बिकनी पहन ली और मयंक शॉर्ट्स पहनकर बीच पर घूमने का आनंद ले रहे थे। करीब 2 घंटे बाद वह दोनों फार्म हाउस वापस आकर अपना कपड़ा चेंज किया और अपने लिए कुछ खाना बनाया और साथ में खाया फिर अपने - अपने कमरे में आराम करने लगे। थोड़ी देर सोने के बाद खुशबू अचानक नींद से जागी उसने अपनी चुचियों को ब्लाउस के ऊपर से ही सहलाने लगा और दोनों चूचियों को जोर जोर से मसलने लगी । तभी दरवाजा खुला और वहाँ मयंक ने कमरे में प्रवेश किया और खुशबू की तरह देख कर मुस्कुराने लगा। तभी मयंक ने कहा- क्यूँ! आज हमारे बिना ही अपनी प्यास बुझा लोगी? खुशबू ने कहा- तो आ जाओ! तुम्हें किसने रोका है! अब तुम ही हमारी प्यास बुझा दो! इतना सुनते ही दोनों वह बिस्तर पर चला गया। मयंक उसे चूमने लगा। धीरे धीरे वो खुशबू के नीचे की तरफ आने लगा और उसकी साड़ी और पेटीकोट उपर चढकर उसके चूत के दाने को चाटने लगा। खुशबू को बहुत मजा आने लगा और उसने मयंक का मुंह अपनी चूत पर दबाकर आहें भरने लगी। मयंक ने अपना कपड़े उतार दिया और नंगा हो गया। उसका 5 इंच का खड़ा लंड खुशबू के सामने लहरा रहा था। उसने लंड खुशबू के हाथ में दिया और मुंह में लेने को कहा। खुशबू उसका लंड मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मयंक खुशबू के बालों को सहलाते हुए आंखें बंद करके लंड चुसाई का मजा ले रहा था। तभी उसका लंड खुशबू के मुंह में फूलने लगा और लंबा होने लगा। और मयंक को पता चल गया कि इसी तरह चुसवाता रहूंगा तो मुंह में ही झड़ जाऊंगा और लंडराजा को योनिरानी की सैर नहीं करा पाऊंगा। इसलिए उसने लंड खुशबू के मुंह से निकाला और उसे चित्त लिटाकर लंड उसकी चूत पर फेरने लगा। वह अपने लंड की टोपी खुशबू की चूत पर रगड़ते हुए तराशने लगा। फिर छेद पर रखकर एक जोर का धक्का दिया और उसका आधा लंड खुशबू की चूत में घुस गया। खुशबू कराहने लगी। थोड़ी देर बाद जब आराम मिला तो उसने एक और धक्का मारा और पूरा लंड खुशबू की चूत में डाल दिया और गोवा के होटल में चुदाई घर्षण करने लगा।अब मयंक को भी मजा आने लगा और खुशबू उसके धक्कों का आनंद लेने लगी। मयंक ने उसे पीठ में हाथ डालकर पकड़ा हुआ था और वह खुशबू चूमते हुए चोदे जा रहा था। खुशबू भी अपनी गांड उठा उठाकर आहें भरते हुए चुदवा रही थी। अब मयंक झड़ने की कगार पर आ गया था इसलिए धक्कों की स्पीड बढ़ा दी थी और जोर जोर से लंड अंदर बाहर करते हुए खुशबू को चोद रहा था। दो मिनट बाद मयंक खुशबू की चूत में झड़ गया। गर्म गर्म पानी चूत में गिरने से खुशबू को और भी मजा आया। झड़ने के बाद मयंक कुछ सेकंड तक खुशबू के ऊपर ही पड़ा रहा और गहरी गहरी सांसें लेने लगा। जब उसके वीर्य की एक एक बूंद खुशबू की चूत में गिर गयी तब वह खुशबू के पास ही निढ़ाल होकर गिर गया और आराम करने लगा। खुशबू भी उसकी तरफ करवट लेकर लेट गयी और आंखें बंद कर ली। चुदाई के बाद वह दोनों बाथरूम में जाकर शरीर को धोया और आकर नंगे ही सो गये। खुशबू और मयंक चिपककर सोएं हुए थे। शाम को मयंक की नींद खुली तो खुशबू को नंगा देखकर उसकी वासना जाग गयी और उसने खुशबू की चुदाई की।
02-09-2025, 06:16 PM
Nice update
03-09-2025, 05:57 AM
Nice update.... company ke deal ke liye chudne se khusbu ko kya–kya nahi mila....New sexual experience,,, Promotion CEO se Vice president,,30 lakh ka car....mujhe to dar hai next time mr.sinha company na de de...hehehehehehehehe
![]() Khusbu biniki m apne jism ki numaish karti hui
03-09-2025, 11:53 AM
मिस्टर सिन्हा, चार्ल्स और डेविड के बड़े लंड से चुदने के बाद खुशबू अपने पति मयंक का 5 इंच लंड से संतुष्ट हो गई,,,मुझे तो यक़ीन ही नहीं हो रहा।।।
03-09-2025, 01:59 PM
03-09-2025, 09:37 PM
शाम को एक राउंड चुदाई के बाद खुशबू और मयंक अलग अलग होकर बेड पर लेटें रहे । कुछ घंटे बाद खुशबू उठी अपने सारे कपड़े को उठाया और बाथरुम में जाकर एक जगह पर रख दिया और फ्रेश होकर बाहर निकली , अपने कमरे की खिड़की के पास बैठकर बाहर का दृश्य देखने लगी।
वहां से बीच का शाम का व्यू बहुत ही रोमांटिक लग रहा था , समुद्र में उठने वाले लहरें इस शाम को और भी अधिक रोमांचक शाम बना रही थी , शाम के समय कुछ कपल एन्जॉय कर रहे थे । फिर उसी नजर फार्म हाउस के पीछे साइड कॉर्नर पर एक स्विमिंग पूल पर पड़ी । ( वह स्विमिंग पूल इसी फार्म हाउस के मालिक का था इस लिए फार्म हाउस के तीन ओर एक ऊंची दीवार से घिरा हुआ था और एक तरफ मुख्य दरवाजा था इसलिए कोई भी बाहरी व्यक्ति या जानवर अंदर ना आ सके ) , स्विमिंग पूल में नीला - नीला पानी को देखकर खुशबू का मन किया कि वह जाकर स्विमिंग पूल का मजा ल ले , तो खुशबू ने अपने सुटकेश से एक काली ब्रा और पैंटी निकालकर पहनी और उसके ऊपर पारदर्शी लंबी टी शर्ट पहनी ली और स्विमिंग पूल पर चली गई। जब वह स्विमिंग पूल पर जा रही थीं तो उसने मयंक को आवाज लगाई । मयंक में स्विमिंग करने के लिए स्विमिंग पूल पे जा रही हूं क्या तुम्हें भी चलना है मेरे साथ , तो मयंक ने नहीं में जवाब दिया और उसे मना कर दिया । खुशबू स्विममिंग पूल जाने के लिए सेकंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर पर आई । जब वो फर्स्ट फ्लोर पर आई तो उसने फर्स्ट पर किसी महिला और पुरुष की आवाज सुनी तो उसने फार्म हाउस के मालिक को फोन किया। फार्म हाउस के मालिक ने कहा " एक कपल है कुछ दिन के लिए यह छुट्टी मनाने आये हूं है आपको उससे कोई परेशान नहीं होगी वह मेरे जान पहचान वाले हैं " इतना कहकर उसने फोन कटकर दिया खुशबू ने इससे ज्यादा सीरीयश नहीं लिया और वह स्विमिंग पूल के लिए निकल गई । स्विमिंग पूल ज्यादा बड़ा नहीं था, वहां छोटे छोटे चेयर भी लगे हुए थे । वहीं पर एक रेस्ट हाउस भी था ( क्योंकि जो लोग स्विमिंग करे थक जाएं वे वह रेस्टकर सकते ) । खुशबु जाकर पूल के किनारे बैठ गई या अपने पैरों को पानी के अंदर डाल दिया, उसे बहुत आराम महसूस हो रहा था। कुछ मिनटों बाद खुशबू खड़ी हुई और स्विमिंग पूल में छलांग लगा दि और तैरने लगी । आधे घंटे स्विमिंग करने के बाद वह बाहर आई और वह पर रखे चेयर पर जा के बैठ गई और आराम करने लगी । शाम की ठंड ठंड हवा में उससे आंनद आने लगा इससे उसकी आंखों लग गई । थोड़ी समय बाद खुशबू को किसी ने उसके नाम से पुकारा उसकी नींद भंग हो गई। उससे लगा शायद मयंक है जब उसने अपनी आंखें खोली तो देखाकर वह शॉक होकर उसे देखती रही । वह कोई और नहीं श्री सिन्हा थे श्री सिन्हा ने उसे उसको उसके नाम से पुकारा। हालाँकि खुशबू को हैरानी हुई, लेकिन उसने कोई शिकायत नहीं थी मगर ( वह सोच रही थी यह माधर्चोद यहां तक कैसे पहुंचा ) खुशबू ने उन्हें कहा : " सर आप यहां कैसे " ? आपको इस जगह के बारे में किसे जानकारी मिली। और जब से मैं छूट्टी पर आई हुं तब से एक बार भी हमारे बीच संपर्क नहीं हुआ है। श्री सिन्हा: आराम आराम से खुशबू इतना जल्दी जल्दी सवाल पूछोगी तो मैं तुम्हारी किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाऊंगा रही बात इस जगह को बारें में तो मुझे तुम्हारे पति मयंक से पता चली । श्री सिन्हा : मुझे कंपनी के द्वारा चलाई जा रही " मय्या सम्मान योजना " का एक रिपोर्ट बनाकर हेड ऑफिस भेजना था तभी उस योजना का अगली फंड में अगला किस्ट का पैसा आता है मुझे उसके लिए तुम्हारी सलाह की जरूरत थी मगर तुम तो छुट्टी पर थी मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था इसलिए मैंने तुम्हारी फोन पे रिंग किया फोन तो रिसीव हुआ मगर तुम्हारे पति मयंक ने फोन रिसीव किया मैंने उससे पूछा खुशबू कहा तो उसने बताया की तुम बॉथरूम गई हो । तभी मेरे दिमाग में एक शैतानी ख्याल आया क्यों ना तुम्हारी गोवा ट्रिप की सारी जानकारी ले ली जाये। ऐसे भी बहुत दिनों से मैंने तुम्हारी चुत और गांड़ नहीं मारी है इस उत्साह को मिटाने के लिए मैंने उससे बात करने के दौरान उसने मुझे तुम्हारी गोवा ट्रिप की सारी जानकारी दे दी । फिर मैंने फोन रख दिया । मैनें गूगल पर उस फॉर्म हाउस के नाम को सर्च मारा तो मुझे गूगल पर उस फॉर्म हाउस के बरे में जानकारी मिली । वहां पर फॉर्म हाउस के मालिक का भी नंबर मुझे मिला । तो मैंने उस नंबर पर फोन किया फार्म हाउस के मालिक ने मुझे रूम देने से मना कर दिया पर मुझे मैंने उससे किराया से दो गुना पैसा देने की बात कहीं तो वह राजी हो गया और उसने मुझे इस फार्म हाउस में फर्स्ट फ्लोर पर रूम किराए पे दे दिया । वाह दोनों आपस में बातें कर रहे थे तभी श्री सिन्हा को किसी ने " सुनिए जी " कह कर पुकारा श्री सिन्हा पीछे पलटकर देखा तो वह उनकी धर्मपत्नी मिनाक्षी थी वाह उन दोनों के करीब आई । श्री सिन्हा ने खुशबू से अपनी पत्नी का परिचय करवाया खुशबू ने उस उनकी पत्नी को ऊपर से नीचे तक देखा और मन में सोच रही थी ( तभी तो यह माधर्चोद चूत और गांड़ मारने के लिए हर समय उतावला रहता है ) कुछ सकेंड बाद उसे नमस्ते कहकर संबंधित किया। उसकी पत्नी देखने में सुंदर नहीं थी और मोटी जैसी थी और सेक्स के मामले में बिलकुल ठंडी औरत थी । थोड़ी देर बात करने के बाद वह सब अपने अपने फ्लेर पर आ गये खुशबू अपनी सेकंड फ्लोर पे आ गई और श्री सिन्हा और उनकी पत्नी फर्स्ट फ्लोर पर ही रहे गई । या रात तो खुशबू ने अपने पति मयंक के साथ किसी तरह कट ली मगर आगे आने वाली हर दिन और रात उसके लिए रोमांचक और कामुकता से भरी होने वाली थी। सुबह का समय था खुशबू और मयंक दोनों बालकनी में बैठ के कॉफी पी रहे थे और बीच का आनंद लें रहे थे तभी उनके फलोर के मेन दारवाजा पर लगे रिंग बेल बजा , मयंक उठकर दारवाजा के पास पहुंचा और खोला तो सामने श्री सिन्हा नजर आये । मयंक ने श्री सिन्हा को नमस्ते कहकर संबोधित किया और उस अंदर आने के लिए कहा फिर वह दोनों बालकनी में पहुंचे । खुशबू ने श्री सिन्हा को गुड मॉर्निंग कहकर के संबंधित किया । और तभी मयंक ने खुशबू से कहा की किचन में जा के एक गिलास कॉफी ले आओ । तो श्री सिन्हा ने मना कर दिया और कहा मैं सुबह - सुबह सिर्फ ताजे दूध ही पीता हूं। यह बोलकर खुशबू की ओर देखकर मुस्कुरा रहे थे ( उसके डबल मीनिंग बात भले मयंक नहीं समझे मगर खुशबु अच्छे से समझ पा रही थी ) श्री सिन्हा : में यह खुशबू से कुछ कहने के लिए आया था । उसने खुशबू से कहां मेरी पत्नी मार्केट जाना चहती है उन्हें मार्केटिंग का कोई भी ज्ञान नहीं है क्या तुम उनके साथ जा सकती हो खुशबू ? खुशबू: ठीक है। कब जाना है? श्री सिन्हा - दोपहर को ? श्री सिन्हा अपने यह कहकर वो चले गये। ….................................................................. दोपहर को खुशबू का फोन बजा श्री सिन्हा के द्वारा उस कॉल किया था और उसने कहा की वह तैयार हो के नीचे आये । थोड़ी देर में खुशबू तैयार होके नीचे आई । श्री सिन्हा की पत्नी और खुशबू दोनों मार्केट के लिए निकल गई । उन दोनों को मार्केट से फार्म हाउस आते-आते बहुत देर हो चुकी थी । मार्केट से आने के बाद वो अपने अपने फ्लोर पे चली गई । खुशबू जब अपनी कमरे में घुस तो उसे वह श्री सिन्हा शराब पीते नज़र आये । श्री सिन्हा ने मयंक को इतनी शराब पीला दी कि मयंक वहीं जमीन पर टल्ली होकर पड़ा हुआ था। खुशबू यह नजारा देखकर दंग रह गई। खुशबू को अब सब मामलों को समझ चुकी थी ( श्री सिन्हा द्वारा उसे अपनी पत्नी के साथ मार्केट भेजना और मयंक को शराब पीला कर टल्ली कर देना यह सब श्री सिन्हा की बनावट योजना थी जो खुशबू नहीं समझ सकी ) श्री सिन्हा खड़े होकर खुशबू को अपनी ओर खींच लिया उसे अपनी बाहों में भर लिया और कहा : श्री सिन्हा : आज रात तुम खुद को तैयार रखना आज रात भर में तुम्हारी जम के चुदाई करने वाला हुं। खुशबू उसके बाहों से अलग होकर कहा: मैं ऐसा वैसा कुछ नहीं करनी वाली। श्री सिन्हा के द्वारा उस एक तस्वीर दिखाई गई जिसमें खुशबू डेबिट और चार्ल्स के साथ चुदाई कर रही थी तस्वीर दिखाकर श्री सिन्हा ने कहा अब एक अच्छी पत्नी बनकर मेरी इंतजार करना। उसके कमरे चले गये।
04-09-2025, 12:17 AM
Main soch hi raha tha is vacation Mr. Sinha aa jaye to maja hi aa jayega...aur lo woh hajir ho gaye... khushbu m dheere-dheere badlav aa raha hai...apne man m sinha ko gali de rahi hai....maja aa jayega agar chudai ke dauran khushbu sinha ko gali de...agar sinha khusbu ko blackmail kar skta h...toh fir khushbu ko bhi use karna chahiye.....
04-09-2025, 01:28 PM
(04-09-2025, 12:17 AM)Blackdick11 Wrote: Main soch hi raha tha is vacation Mr. Sinha aa jaye to maja hi aa jayega...aur lo woh hajir ho gaye... khushbu m dheere-dheere badlav aa raha hai...apne man m sinha ko gali de rahi hai....maja aa jayega agar chudai ke dauran khushbu sinha ko gali de...agar sinha khusbu ko blackmail kar skta h...toh fir khushbu ko bhi use karna chahiye..... Sach me jo bhi ho par ab sinha se boar hogaya hu iske baad khusbu bhi use blackmail kare par use guilt ho apne husband ke liye to vo apne pati ke liye bhi kuch jugad kar de
04-09-2025, 04:21 PM
बेसब्री से इंतेज़ार है रात का... खुशबू के पास कोई दूर ऑप्शन ही नहीं है...सिवाय सिन्हा का बात मानने के एक आज्ञाकारी रंडी की तरह।।।
04-09-2025, 05:07 PM
Shandaar update
05-09-2025, 09:16 PM
05-09-2025, 09:22 PM
खुशबू ने उसके आने के लिए खुद को बहुत सोच-समझकर तैयार किया था। उसके दरवाज़े पर दस्तक हुई और खुशबू ने उसे खोल दिया। श्री सिन्हा को सामने देखकर, अभिभूत खुशबू ने उसे कसकर गले लगा लिया और श्री सिन्हा ने भी उसे उतनी ही कसकर गले लगाया। श्री सिन्हा का हाथ पकड़कर, उसने दरवाज़ा बंद किया और श्री सिन्हा को कमरे के अंदर खींच लिया।
" खुशबू , तुम एक अद्भुत महिला हो। मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूँगा।" श्री सिन्हा ने उसके बाल को उसके कानों के पीछे करते हुए कहा। तारीफ़ सुनकर खुशबू शरमा गई। "मैं भी आपको कभी नहीं भूलूँगी सर । आप कमाल हो।" खुशबू ने कहा। उसे अपनी धड़कनें तेज़ होती हुई महसूस हो रही थीं। श्री सिन्हा ने पूछा, " आज की रात यादगार होनी चाहिए न? " "हम्म..." बस इतना ही कह पाई थी कि तभी उसके हाथ ने उसके गाल को हल्के से छुआ। खुशबू ने आँखें बंद कर लीं और उसके नाज़ुक स्पर्श को महसूस किया। उसके हाथ ने उसके गाल को सहलाया और फिर उसकी उंगली उसके होंठों से छू गई। इतने दिनों के बाद जब श्री सिन्हा ने उसे छुआ तो खुशबू के निप्पल सख्त हो गए। "उम्म्म..." उसके मोटे होंठों को अपने होंठों पर महसूस करते ही वह कराह उठी। श्री सिन्हा ने उसके ऊपरी होंठ को अपने होंठों में पकड़ा और उसे चूम लिया। खुशबू ने श्री सिन्हा को पूरी शिद्दत से चूमा। श्री सिन्हा ने भी उसके चूतड़ों पर हाथ रखा था और उसे सहारा देते हुए उतनी ही शिद्दत से चूमा। उस तीव्र उत्तेजना के क्षण में, वे भूल गए थे कि उस कमरे में कोई और भी है और उन्हें दोनों ने दूसरों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। "उम्म्म्म..." वो कराह उठी जब उसने उसकी चूतड़ों को दबाया। उसने अपने हाथ उसकी गर्दन के पीछे कस लिए और उसे अपने और करीब खींच लिया। श्री सिन्हा उसके होंठों को चूमा और चाटा। उसकी जीभ उसके मुँह के अंदर, जहाँ उसकी जीभ से मिलती थी, टटोल रही थी। उनकी जीभें आपस में टकरा रही थीं और नाच रही थीं, जब वो दोनों एक-दूसरे को जोश से चूम रहे थे। खुशबू अपनी भावनाओं पर काबू न रख पाने के कारण, श्री सिन्हा को चूमते हुए रो पड़ी। खुशबू ने चुंबन लेने की अपनी पहल जारी रखी। वह दोनों कई मिनट तक एक-दूसरे को चूमते रहे, फिर अलग हो गए। दोनों एक-दूसरे को घूरते हुए एक-दूसरे की आँखों में वासना की आग देख सकते थे। खुशबू ने कमान संभाली और श्री सिन्हा को वहां रखें कुर्सी पर धकेला । खुशबू ने उसकी कमीज़ उतार दी और उसकी पैंट उतारने के लिए नीचे गई। श्री सिन्हा चुपचाप खुशबू को देख रहा था जब उसने उसकी जींस और फिर अंडरवियर उतार दिया। वह कुर्सी पर थोड़ा पीछे खिसक गया और खुशबू को अपनी टांगों के बीच बैठने दिया। खुशबू ने राहत की साँस ली । श्री सिन्हा का लंड उसके सामने तना हुआ और वह अपना हाथ उसके लंड पर लपेटे हुए थी । उसी पल उसे एहसास हुआ कि चार्ल्स और डेविड के काले लंड कितने बड़े थे। हालाँकि वह आसानी से श्री सिन्हा के लंड पर हाथ रख सकती थी, लेकिन उनके लंड को दोनों हाथों से थामे थी श्री सिन्हा कराह उठे जब उसने खुशबू के कोमल, गर्म मुँह को अपने लंड में समाहित होते महसूस किया। उसने अपना सिर पीछे किया और कराह उठा। 6 महीने हो गये थे जब उसने आखिरी बार उसके स्वर्गीय मुँह का जादू अपने लंड पर महसूस किया था। खुशबू पूरे मन से लंड चूसा रही थी । उसने श्री सिन्हा को कराहने पर मजबूर कर दिया । खुशबू ने लंड चूसने की सारी तरकीबें इस्तेमाल कीं। काटना, गले तक चूसना, कोमल चुम्बन... चार्ल्स और डेविड से जो कुछ भी उसने सीखा था, वह सब उसने श्री सिन्हा पर पूरे जोश से लागू किया। खुशबू अपनी जीभ उसके लंड पर घुमाते हुए , अपनी आँखें बंद कर लीं और धीरे-धीरे नाक से साँस छोड़ी। शायद उसे ज़िंदगी भर इन्हीं ख्यालों के साथ जीना पड़ेगा। उसने अपने पति की तरफ देखा, जिसकी आँखें अभी भी बंद थीं और खुशबू के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान थी। क्योंकि वह गरम होकर मज़े ले रही थी, तभी उसने महसूस किया कि श्री सिन्हा अकड़ रहे है। "आ ... की आवाज के साथ श्री सिन्हा झड़ गये । खुशबू ने उसके वीर्य को गटक लिया। खुशबू ने ध्यान से मयंक की तरफ देखा बिना किसी टकराव के डरते हुए । ( उसने मन में सोची उसने अपने पति के साथ ऐसा कभी नहीं किया ) लेकिन श्री सिन्हा अभी भी अपने चरमोत्कर्ष के बाद के आनंद में थे । उसका सिर पीछे की ओर झुका हुआ था और उसकी छाती स्खलन के साथ धड़क रही थी। राहत की साँस लेते हुए कि उसने ध्यान नहीं दिया, लेकिन इस बात से निराश कि वह बहुत जल्दी झड़ गया, खुशबू खड़ी होकर धीरे से पीछे हाथ बढ़ाकर उसने अपनी ब्रा का हुक खोली और उसे अपनी छाती से ब्रा उतारकर श्री सिन्हा के ऊपर फेंक दिया । खूशबू ने उसके चॉकलेटी भूरे गुदाद्वार और उसके नीचे लटकते विशाल अंडकोषों को देखा। वह नीचे बैठी और उसके अंडकोषों को चाटने लगी। श्री सिन्हा ने अपनी टाँगें इतनी फैला दीं कि उसे चाटने की जगह मिल जाए और खुशबू फिर से एकबार काम पर लग गई। उसके विशाल अंडकोष को चूसते और चाटते हुए, उसने उनपर लार टपकाकर उन्हें गीला और चमकदार बना दिया। फिर उसने अपनी जीभ अंडकोषों से पेरिनियम तक घसीटते हुए उसके कसी हुई गुदाद्वार पर फिराई। उसका यह काम बहुत गंदा था, लेकिन बहुत कामुक भी। उसे किसी दबाव या बल की ज़रूरत नहीं थी; वह अपनी मर्ज़ी से कर रही थी। ऐसा करने से खुशबू की चूत पैंटी के नीचे आग की तरह भड़क रही थी। जब खुशबू ने उसके अंडकोष को इतनी लोकप्रियता के साथ चूसने और चाटने पर भी उसका लंड अभी सिकुड़े कर लटका हुआ था तो खुशबू ने एक पत्नी धर्म निभाया , अपनी बालों में लगाई एक पिन निकली और श्री सिन्हा के सिकुड़े लंड को हाथ में लेकर उसपर एक चुम्बन दिया और लंड के सुपाड़े को चीर कर बाहर निकली सुपाड़े के ऊपर बने छेद ( जिससे पेशाब निकलता है ) में धीरे धीरे पिन डालने और बाहर निकले लगी। जिससे श्री सिन्हा को गुदगुदी होने लगी। अब लंड में तनाव आने वाली हरकत होनी लगी । उसका लंड कुछ ही मिनटों में खड़ा हो गया। उसके साथ खुशबू भी खड़ी हुई। खुशबू ने चुंबन तोड़ा और कहा "चलो अंदर चलते हैं... यहाँ पर्याप्त जगह नहीं है।" खुशबू ने आदेश दि। वह दोनों धीरे से दुसरे कमरे के दरवाज़े तक पहुँची और उसे धीरे से खोलकर अंदर झाँका। मयंक बिस्तर पर था। वह पेट के बल लेटा हुआ था और उसका चेहरा उसके दाहिने गाल पर टिका हुआ था। उसने दरवाज़ा थोड़ा और खोला और उसे गौर से देखी । उसकी छाती गहरी नींद में सोए हुए व्यक्ति की तरह धीरे-धीरे धड़क रही थी। जोखिम उठाते हुए वह धीरे-धीरे उसके पास गई और उसके पैरों के सामने खड़ी हो गई। "बेब"बेबी... इधर आओ और अपनी जगह ले लो," खुशबू ने श्री सिन्हा से आग्रह किया। खुशबू झुकी हुई थी और बिस्तर के किनारे को सहारा दे रही थी। खुशबू ने पीछे मुड़कर देखा तो श्री सिन्हा अपना लंड उसकी चूत में डाल रहा था खुशबू मंत्रमुग्ध होकर देख रही थी उसकी टाँगें इतनी फैली हुई थीं कि खुशबू को उसका लंड उसकी चूत में अंदर-बाहर होते साफ़ दिखाई दे रहा था।श्री सिन्हा उसके पीछे खड़ा था, उसके चिकने, मांसल चूतड़ों को निहार रहा था और उसे चोदने के लिए तैयार था। उसने अपना लंड उसकी चूत की दरार पर रगड़ा, पहले उसके लेबिया पर और फिर उसकी भगनासा को छेड़ते हुए। "मुझे चोदीये... मुझे मत छेड़ो..." खुशबू ने विनती की। श्री सिन्हा उसकी बेचैनी पर हँसै , लेकिन उसकी बात मान ली। एक ही झटके में उसने अपना लंड पूरी तरह से उसकी चूत में डाल दिया। "ओह्ह्ह्ह... फ़क्क..." खूशबू खुशी और राहत से कराह उठी क्योंकि आखिरकार वो उसके अंदर था। श्री सिन्हा जानते थे कि वो ज़ोरदार चुदाई के लिए तैयार है। उसे जितना हो सके कसकर पकड़ते हुए, उसने लंड को बाहर निकाला और फिर अंदर धकेला, गहराई तक। "आआआहहहहह..." खुशबू हांफ उठी। उसने उसे वापस बाहर खींचा और पूरा अंदर धकेल दिया "आआआहह... आआआहहह... आआआहहह..." जब भी वह अपना लंड उसकी भयानक चुत में पटकता तो खुशबू हांफने लगती। श्री सिन्हा का मुँह खुला का खुला था और उसकी आँखें सफ़ेद हो गई थीं क्योंकि उसका काला लंड उसे चोद रहा था। श्रीं सिन्हा जल्द ही एक स्थिर लय में आ गये , अपना लंड आधा अंदर डालता और फिर वापस खींच लेता। हर कुछ धक्कों के बाद, वह अपना लंड पूरी तरह से उसके अंदर ठूँस देता जिससे वह ज़ोर से हाँफने लगती। 'ओह, वो आँखें, वो कामुक निगाहें, किसी भी मर्द को झटपट स्खलित कर सकती हैं।' श्री सिन्हा ने सोचा, और उसे चूमने के लिए अपनी ओर खींच लिया। वो वाकई एक अनोखी औरत थी, बेजोड़। श्री सिन्हा ने अचानक अपनी गति बदल दी। तेज़, छोटे धक्कों से, उसने गियर बदलकर धीमे और गहरे धक्कों का रुख़ किया। "तुम्हें इस तरह से चुदना पसंद है, है ना?" श्रीं सिन्हा ने उसकी आँखों में गहराई से देखते हुए पूछा। कुछ देर इसी अवस्था में चुदाई करने के बाद श्री सिन्हा की चाल में धीमी गति होगी खुशबू समझ गई श्री सिन्हा झड़ वाला है। खुशबू श्री सिन्हा के सामने ज़मीन पर घुटनों के बल बैठी गई। उसके आने वाले चरमोत्कर्ष की प्रत्याशा में उसका मुँह खुला हुआ था। श्री सिन्हा ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड सहला रहा था। उसका शरीर पसीने से तर था, उसकी छाती ज़ोर-ज़ोर से धड़क रही थी और वो झड़ने वाला था। एक ज़ोरदार कराह के साथ, वह झड़ गया। वीर्य की पहली धार सीधे उसके मुँह में गिरी जिसे खुशबू ने खुशी-खुशी निगल लिया। अगले कुछ धार उसके चेहरे पर गिरे, जिससे उसका चेहरा उसके वीर्य की मोटी परत से ढक गया। दोनों थोड़ी देर के लिए बालकनी में पहुंचे और एक ही कुर्सी पर दोनों बैठकर समुद्र के शांत लहरें को देख रहे थे। इस दौरान श्री सिन्हा ने खुशबू के निप्पलों को कुशलता से चूसा। पहले उसके पूरे स्तन को चूमा और चाटा, फिर उसके एरोला और उसके सख्त निप्पल को चाटा, और फिर अपना मुँह खोलकर निप्पल पर रखकर उसे ज़ोर से चूसा। जैसे ही उसका मुँह उसके निप्पल पर बंद हुआ, उसकी जीभ उसके फूले हुए सिरे पर घूमने लगी और फिर चूसते हुए उसके होंठ बंद हो गए। उसने उसके स्तन को दबाया जिससे उसका निप्पल बाहर की ओर निकल आया और फिर उसे चूसा। उसने उसे ज़ोर से चूसा और फिर तब तक खींचा जब तक कि वह एक फूहड़ आवाज़ के साथ बाहर नहीं निकल गया। खुशबू ने श्री सिन्हा की घड़ी में देखी। रात के 1:45 बज रहे थे - कमरे से बालकनी में आये हुए मुश्किल से डेढ़ घंटा ही हुआ था। इस दौरान बहुत कुछ घटित हो चुका था। मयंक अभी भी गहरी शराब की नींद में बेहोश था। खुशबू ने निराशा में सिर झुकाए । उसने कभी सोचा भी नहीं थी कि एक दिन ऐसा आएगा जब वह अपने पति के सामने नंगी खड़ी होगी और किसी गैर मर्द का वीर्य उसकी चेहरे पर सनी हुई होगी । खुशबू आपने चूतड़ों के नीचे की श्री सिन्हा के लंड में फिर से हरकत महसूस कर सकती लगी। श्रीं सिन्हा ने खुशबू को खड़ा किया और उसे अपने बाहों में उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया। खुशबू पीठ के बल लेटी हुई थी और श्री सिन्हा उसके ऊपर था। उसकी बाहें श्री सिन्हा के चारों ओर कसकर लिपटी हुई थीं। जब उसका श्री सिन्हा अपने लंड से खुशबू की चूत को सहला रहा था, तो वह सिसकियाँ ले रही थी और आहें भर रही थी। खुशबू ने श्री सिन्हा के कानों में फुसफुसाई "ओह्ह हाँ... हाँ... यही है... हाँ, मुझे ऐसे ही चोदो... हाँआह..." खुशबू फुसफुसाई । ( वह इस लिए फुसफुसाई क्योंकि उसे कुछ ही इंच की दूरी पर मयंक शराब के नशे में धुत होकर सोया हुआ था ) "आआआआहह..." खुशबू कराह उठी। "ओह्ह हाँ... हाँ... यही है... हाँ, मुझे ऐसे ही चोदो... हाँआह..." खुशबू फुसफुसाई। कुछ ही देर में श्री सिन्हा और खुशबू ने अपनी पोज़िशन बदल ली थी। खुशबू ने अपनी गांड ऊपर उठाकर उसका लंड को चूत के पास ला दिया। श्री सिन्हा ने उसके चूतड़ों को पकड़ा और अपना मोटा, तना हुआ लंड उसकी इंतज़ार कर रही चूत के छेद के मुँह पर रख दिया। बिना हाथ लगाए, उसने अपना लंड उसके अंदर एक मज़बूत, मगर सहज झटके से, सीधे अपने अंडकोषों तक सरका दिया । खुशबू उसके ऊपर बैठ गई थी और ज़ोर-ज़ोर से उसपर सवार थी। उसके हाथ उसकी छाती पर थे और वो अपने कूल्हों को आगे-पीछे हिला रही थी। जैसे ही वो चरमसुख के लिए तैयार हो रही थी, उसने श्री सिन्हा को ज़ोर से कराहते सुना और उसका शरीर अकड़ गया। उसने महसूस किया कि उसका वीर्य उसकी चूत में रिस रहा है। उसके साथ ही खुशबू भी झड़ गई। "लेकिन मेरे पति?" खुशबू ने पूछा। "उसकी चिंता मत करो । वह नशे में है और सुबह तक नहीं उठेगा। मैंने आज तक किसी को इतनी ज़ोर से शराब पीते नहीं देखा," श्री सिन्हा ने सिर हिलाते हुए जवाब दिया। धीरे धीरे वह दोनों बेडरूम से बाहर चली गई। दरवाज़ा बंद करते हुए, उसने पीछे मुड़कर देखा कि क्या उसका पति जाग गया है, जबकि वह दरवाज़ा बंद कर रही थी। उसका सिर कमरे के अंदर झाँक रहा था, जबकि उसका शरीर अपनी नग्नता छिपाने की कोशिश में झुका हुआ था। जैसे ही वो दरवाज़ा बंद करने ही वाली थी कि उसे लगा कि किसी ने उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया है। इससे पहले कि वो पलटकर देख पाती, उसे लगा कि एक लंड आराम से उसकी गांड़ की छेद में घुस गया है और एक हाथ ने उसके सिर को जकड़ लिया। एक कसी हुई पकड़ ने उसे जकड़ लिया था, वो न तो पीछे देख पा रही थी और न ही पीछे हट पा रही थी। जो भी उसके पीछे था, उसने उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया। खुशबू ने कराहने और अपने पति को जगाने से बचने के लिए अपने होंठ आपस में दाब लिए। वो देख नहीं पा रही थी कि उसे कौन चोद रहा है, लेकिन वो जानती थी कि श्री सिन्हा ही है। सिर्फ़ उसी में इतनी हिम्मत थी कि उसे इस तरह पकड़कर उसके पति के सामने चोदे। उसे अपने अंदर के एहसास से भी पता चल गया था। उसकी चुत का एक-एक इंच उसके लंड से परिचित था, उसके शरीर का एक-एक इंच उसके मज़बूत हाथों से परिचित था। "उम्मम्मप्प् ... श्री सिन्हा की कुशल और शक्तिशाली चुदाई से ज़्यादा खुशबू को उत्तेजित करने वाली बात यह थी कि वह अपने पति से बस कुछ ही फीट की दूरी पर चुद रही थी। वह अपने पति के सामने ही उसे धोखा दे रही थी। उसके सामने ही एक और आदमी उसे तबाही करा रही थी। लेकिन वह तो बच्चों की तरह सो रहा था। "ओह्ह चोदो मुझे ... चोदो मुझे..." आखिरकार उसने कराहते हुए कहा, अपने पति को जगाने के डर के बिना। "तो तुम्हें पता है कि यह मैं हूँ?" श्री सिन्हा हँसा, और अब भी उसे ज़ोर से सहला रहा था। "हाँ... मैं तुम्हें हर इंच जानती हूँ और तुम मुझे हर इंच जानते हो... आआह..." खूशबू ने जवाब दिया। "देखो, तुम्हारा पति यहीं है... और तुम यहीं चुद रही हो... इससे तुम्हें उत्तेजना हो रही है?" श्री सिन्हा ने उसे चिढ़ाते हुए कहा। "ओह हाँ... रुकना मत," खुशबू ने कराहते हुए कहा। "तुम धोखेबाज वेश्या... तुम्हें काले लंड पसंद हैं, है ना वेश्या?" श्री सिन्हा ने कहा और उसके बाल पकड़ कर जोर से पीछे खींचे। "आआआआह... हाँ... मुझे काले लंड पसंद हैं!!!" "तुम्हें और चाहिए... हुह... तुम्हें और चाहिए?" श्री सिन्हा ने उसकी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा। "हाँ..." खुशबू ने अपने होंठ ज़ोर से काटे और कराह उठी जब उसका वीर्य निकला। उसका वीर्य पहले से कहीं ज़्यादा ज़ोर से निकला था। यह चरमसुख आनंद, अपराधबोध, भय और न जाने कितनी ही भावनाओं का प्रकटीकरण था। श्री सिन्हा अचानक रुका और खुशबू को दीवार से सटा दिया। उसने उसे उठाया और उसकी पीठ दीवार से सटा दी और फिर से उसमें प्रवेश किया। "हाँ... मुझे बहुत अच्छा लग रहा है..." खुशबू ने कबूल करते हुए कहा कि उसे इस तरह चुदना कितना पसंद है। हवा में लटके रहना और उसके लंड पर चुदना उसे कितना अच्छा लग रहा था। "मुझे यकीन है तुम्हारा कमज़ोर पति तुम्हें इस तरह नहीं चोद सकता?" श्री सिन्हा ने उसकी आँखों में गहराई से देखते हुए कहा "नहीं, वह ऐसा नहीं कर सकता... लाखों सालों में भी नहीं..." खुशबू ने उस सम्मोहित कर देने वाली निगाह से मिलते हुए फुसफुसाते हुए कहा। "मुझे यकीन है कि अब आप उसके लंड का आनंद नहीं ले पाएंगे।" "नहीं...मुझे नहीं पता।" "तुम्हारी चूत मेरी है..." "हाँ..." "कहो...कहो।" श्री सिन्हा ने फुसफुसाते हुए कहा और अपना लंड पूरी तरह बाहर निकाल लिया। "मेरी चूत तुम्हारी है..." खुशबू फुसफुसाई, उसके कांपते होंठ उसके होंठों से बस एक इंच की दूरी पर थे। "कहते रहो..." श्री सिन्हा ने आदेश दिया और उसके लंड का शीर्ष उसकी चूत के होंठों से अलग होकर अंदर धकेल दिया। "मेरी चूत तुम्हारी है... मेरी चूत तुम्हारी है..." खुशबू धीरे से कराह उठी। उसकी बात सुनकर श्री सिन्हा में ऊर्जा का संचार हुआ और उसने उसे और अधिक जोर से चोदना शुरू कर दिया। और खुशबू को ठीक उसी कमरे के बाहर ज़ोरदार चुदाई का सामना करना पड़ा जहाँ उसका पति सो रहा था। उनके होंठ आपस में मिल गए और उनकी जीभें एक-दूसरे की जीभों पर फिरने लगीं, और वे बिना किसी सावधानी के चुदाई कर रही थीं। "आआआह..." खुशबू ने उसकी बात मान ली, अपना सिर उठाया, अपना मुंह जितना हो सके उतना खोला और अपनी जीभ उसके लंड की सीध में बाहर निकाली। "भाड़ में जाओ...आआआआआहहहहह..." श्री सिन्हा कराह उठा, उसने अपना सिर पीछे फेंका क्योंकि उसका लंड उसके आने से ठीक पहले फूल गया था। उसके लंड से गाढ़ा वीर्य का एक गुबार निकला और सीधा उसके मुँह में जाकर उसके गले से टकराया। खुशबू को एक पल के लिए घुटन हुई, लेकिन उसने सहजता से उसे निगल लिया। उसके बाद उसके स्वादिष्ट वीर्य की और भी गाढ़ी धारें निकलीं, जिन्हें उसने तुरंत निगल लिया। उसने उसे अपने और करीब खींच लिया, एक भी बूँद बर्बाद नहीं होने दी। श्री सिन्हा रातभर वीर्य उगलता रहा जो उसकी जीभ पर जमा हो गया। खुशबू ने इसका आनंद लिया और उसे अपने मुँह में घुमाया, फिर ज़ोर से गटक गई। उसने अपना सिर उठाया और अपने होंठ उसके लंड पर रख दिए, वीर्य के बचे हुए हिस्से को चूसकर उसका लंड साफ़ कर दिया।
06-09-2025, 08:26 AM
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