24-02-2024, 12:04 AM
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(24-02-2024, 12:04 AM)neerathemall Wrote:मेरी उम्र 21 साल, लम्बाई 5.9 इंच है। दोस्तों में आज आप सभी के सामने कामुकता डॉट कॉम पर अपनी पहली कहानी लेकर आया हूँ.. वैसे मैंने इस साईट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ी बहुत है.. लेकिन लिखने की कोशिश पहली बार की है और यह कहानी मेरी दीदी की जेठानी जो कि एक विधवा है उनके साथ हुई घटना है। तो यह बात उस वक़्त की है जब मेरी दादी जी की म्रत्यु हो गई तो में घर गया हुआ था और घर पर उस समय बहुत ही दुःख का माहोल था और घर पर बहुत से रिश्तेदार भी मौजूद थे जो कि माँ और पापा को समझा रहे थे और मुझे भी दिलासा दे रहे थे.. क्योंकि वो वक्त बहुत मुश्किल होता है।दीदी की कामुक जेठानी को चोदा
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मेरे मम्मी, पापा खाना खुद ही बिना लसुहन प्याज के अलग से पकाकर खाते थे.. तो मेरे खाने का इंतजाम करने के लिए मेरी दीदी की जेठानी को गावं से बुलाना पड़ा.. अरे में बातों बातों में तो उनका फिगर ही बताना भूल गया.. उनका नाम अंजू है और उनका बड़ा ही सेक्सी फिगर है उनका साईज 34-30-32 जो कि मुझे भी बाद में पता चला.. वैसे वो हमेशा साड़ी ही पहनती है.. लेकिन यारों बड़ी ही गरम चीज थी.. जो भी उसे एक बार देखे तो उसका लंड जाग जाए और में हमेशा उन्हे दीदी कहकर पुकारता था
तो अब सीधा अपनी स्टोरी पर आते है। मेरी उनके साथ बहुत बनती थी और हम हमेशा एक दूसरे के साथ बहुत मज़ाक भी करते थे और जब भी में गावं जाता था तो वो इधर उधर की बातें मेरी गर्ल फ्रेंड के बारे में (जो कि अभी तक मेरी कोई भी नहीं है) हमेशा मुझे चिड़ाती थी। फिर एक बार तो बातों बातों में उन्होंने मुझे अचानक से किस कर दिया। में तो बहुत चकित रह गया था और फिर उन्होंने हंसी हंसी में उसी समय उस बात को टाल भी दिया। तभी से मुझे उन पर बहुत शक होने लगा.. कि इस साली रंडी के दिमाग़ में शायद कुछ चल रहा है.. लेकिन में उस वक्त कुछ कर ना सका.. लेकिन एक बहुत अच्छे मौके की तलाश में था जो कि मुझे अब मिलने वाला था.. लेकिन जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। तो अब मुझे घर पर आए हुए पूरे 11 दिन के ऊपर हो चुके थे और इस बीच मैंने उन्हें बहुत छेड़ा और उन्हें इधर उधर हाथ भी मारे.. लेकिन वो कुछ नहीं कहती थी.. उल्टा मुझे भी वो छेड़ दिया करती थी। फिर 12 दिन के बाद दादी जी का जब क्रियाकर्म खत्म हुआ तो इस बीच तक में नीचे ही सोता था। हमारे घर में दो बेडरूम और एक गेस्ट रूम है और में अपने रूम में ही सोता था.. तो उसी रात को माँ ने अंजू से कहा कि वो भी मेरे कमरे में सो जाए क्योंकि उस समय बारिश का मौसम था और थोड़ी बहुत ठंड भी थी। तो माँ ने एक बड़ा मोटा चादर हम दोनों को दे दिया और कहा कि अगर रात को जरूरत लगे तो काम में ले लेना। में तो बहुत ही खुश था और इस कारण से मेरे लंड महाराज ख़ुशी से तनकर खड़े थे और ऐसा एहसास मुझे पहले कभी महसूस नहीं हुआ था। फिर सभी दरवाज़े बंद करके वो कमरे में आई और आकर मेरे साईड में लेट गई और उसने मुझसे कहा कि सो गये क्या? में तो उसी पल का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था.. मैंने झट से उन्हे जकड़ लिया और मेरी तरफ खींच लिया.. मानो आज मेरे ऊपर कामदेव ने कृपा की हो..
वो मना करने लगी कि माँ जाग जाएगी और यह सब ठीक नहीं है.. लेकिन उन्होंने ज़्यादा दबाव से नहीं कहा था। तो मैंने थोड़ा ज़ोर देकर कहा कि कुछ नहीं होगा और कोई नहीं जागेगा। में तो बस तुम्हे पकड़ कर सोना चाहता हूँ.. लेकिन वो कहाँ जानती थी कि में क्या पकड़ कर सोना चाहता हूँ और बस थोड़ी ही देर में अंजू ने विरोध करना बंद कर दिया और मेरे हाथ के ऊपर अपने हाथ को रखा और सोने का नाटक करने लगी। तभी मैंने सोचा कि हाथ साफ करने का यह बहुत अच्छा मौका है और मैंने अपना हाथ खींचकर उसकी साड़ी के अंदर उसके पेटीकोट पर ले गया और कसकर पकड़ लिया वो और फिर थोड़ी सी मेरे बदन से चिपक गई और कहने लगी कि कोई जान जाएगा.. घर पर बहुत से लोग है और माँ उठ जाएगी।