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Adultery वासनापूर्ण इच्छाओं का कांड
#21
Thanks for comment. Update ko lekar apna feedback jarur de.
Written By Mohik
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Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#22
Please post next update
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#23
Great..
Very Hot and Erotic story after so many days..
Keep updating..
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#24
Story over ?
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#25
Iss story ko adhura mat chor dena apne baaki story ki tarah
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#26
अध्याय - 5











उस कूबड़े भिखारी को मारने वाला ओर कोई नहीं वो रोहन मिश्रा ही था। रोहन एक दम गुस्से में था उस कूबड़े भिखारी पर। अब रोहन उस कूबड़े भिखारी को उसकी फटी टीशर्ट की फैट से पकड़ता है और बोलता है – भैनचोद गाली किसको दे रहा है चूतिया।





उन दोनों के बीच हो रहे इस तनाव को पूनम भी देखती है और वो बालकनी से ही बोलती है – क्या हुआ रोहन क्यों मार रहे हो इस भिखारी को।



रोहन – चाची ये कुबड़ा भिखारी कब से आपकी बालकनी की ओर हे देख रहा है ताक ताक कर। शायद चोरी करने का सोच रहा है या आपको देख के …… इसके आगे रोहन कुछ नहीं बोलता फिर



पूनम – कौन है ये रोहन। पर तुम मर क्यों रहे हो।



रोहन – चाची आप तो उधर साइड मुंह करके खड़ी थीं मादरचोद आपको देख के अपना हिला रहा था।



पूनम को रोहन मुंह से ऐसे शब्द सुन कर शर्म आ जाती है और पूनम को गुस्सा भी आ रहा था कि रोहन बाहर खड़ा हो कर ये क्या बोल रहा है। कही कोई सोसाइटी की औरत सुन ना ले।



पूनम – रोहन क्या बदतमीजी से बात कर रहे हो। थोड़ा जुबान सम्भाल के बात करो। आस पास भी लोग है।



रोहन – चाची आप तो गजब हो ये भिखारी भेनचोद कब से यह खड़ा खड़ा आपको ताड़ रहा है और गंदी गंदी हरकते कर रहा ओर आप इसको बोलने की बजाय मुझको बोल रही हो।

इन दोनों की बाते कुबड़ा भिखारी सुन रहा था कि तभी भिखारी अब रोहन का फेट पकड़ लेता है और बोलता है मादरचोद गांडमरे गालियां किसको दे रहा है कबसे।



रोहन अब ओर भी गुस्से में था और पूनम के सामने वो भिखारी की ये हरकत बर्दाश नहीं करता ओर वो उस कूबड़े भिखारी की दाढ़ी पकड़ लेता है ओर जैसे ही उसको मारने वाला होता है तभी सोसाइटी के दो लोग आते है क्या हुआ क्या हुआ बोलते बोलते। उस कूबड़े भिखारी का तो मन था कि अभी इस चूतिया रोहन को मारे पर पर अब वो कुबड़ा भिखारी थोड़ा डर जाता है कि कही ये सब मिलकर उसकी पिटाई नहीं करदे। इसलिए वो कुबड़ा भिखारी रोहन को धक्का देकर भाग जाता है। रोहन भी जैसे हे उसके पीछे भागने वाला होता है पर पूनम उसको रोकने के लिए बोलती है कि रुको रोहन छोड़ो उस कूबड़े भिखारी को। इन लोगों से मुंह मत लगाओ। 





इधर पूनम को भी अंदर से डर था कि कही बात आगे ना बढ़ जाये और उसका नाम ना खराब हो। अब पूनम सब नॉर्मल करने के लिए रोहन को बोलती है - वैसे तुम वापस कैसे आना हुआ रोहन?



रोहन – अरे चाची मेरा बेग आपके घर पर ही रह गया था में तो वहीं लेने आया था।





फिर रोहन ऊपर जाता है पूनम घर का दरवाजा खोलती है और पूनम रोहन की ओर गुस्से वाली निगाह से देखती हुए उसको बैग दे देती है। रोहन को भी कुछ शक होता है पर वो कुछ बोलता नहीं है और पूनम उसको बाय बोलकर गेट बंद कर देती है।





अब रोहन नीचे जाता है तो घर के बाहर वही दो लोग उसको खड़े मिलते है फिर उससे पूछते है कि क्या हुआ था फिर रोहन उनको कुछ नहीं हुआ बोलकर निकल जाता है।





अब इधर वो कुबड़ा जैसे तैसे भाग कर अपनी फटी कुटिया की तरफ जाकर अंदर बैठता है और सोचता है कि आज इस रण्डी की वजह से में मार खाता। पर इस रण्डी की गान्ड क्या मस्त थी। साली इस कुतिया की चूदाई करनी पड़ेगी। कुबड़ा जैसे जैसे पूनम के बारे में सोचता जा रहा था उसका लन्ड खड़ा होता जा रहा था। अब कुबड़ा भिखारी वो लड़का कौन था ये सोच कर आग बबूला हो रहा था? अपनी जुग्गी में बैठे बैठे यही सोचता है।





इधर रोहन भी अपने दोस्त से मिलने जा रहा था तभी वो भी यही सोच रहा था कि जो पूनम चाची बालकनी में खड़ी थी और वो भिखारी उनको देख के जो हरकते कर रहा था वो चाची को पता था या नहीं। कही चाची जानबूझ कर तो नहीं कर रही थी या ये भी हो सकता है कि चाची को पता नहीं हो वो भिखारी मादरचोद फटीचर अपना देख कर हिला रहा होगा। पर पूनम चाची जैसी हाइक्लास पढ़ी लिखी शादीशुदा औरत एक भिखारी के साथ हों ही नहीं सकता। शायद उनका ध्यान कही ओर होगा।





अब पूनम रोज की तरह अपना काम करके पूरे दिन हुए काण्ड को सोचते हुए सो जाती है। अगले दिन पूनम आज जल्दी उठ जाती है और हररोज वाले अपने काम पर लग जाती है। आज नहाने के बाद पूनम टॉवेल लपेट कर बाहर निकलती है तो वो खुद को आईने में निहारती है और अपने दोनों हाथों को अपनी पूरी बॉडी पर घुमाती है और एक ऑर्गेज्म जैसा महसूस करती है वो सोच रही थी कि आज वो क्या पहने कि तभी उसके दिमाग में उसका पहले सिलवाया हुआ ब्लाउज ध्यान में आता है जि
सको उसने अभी तक एक भी बार पहना नहीं था।













अगला अपडेट जल्द आयेगा....
Written By Mohik
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#27
AWESOME UPDATE
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#28
अध्याय - 6













आज पूनम ने वो साड़ी और ब्लाउज पहना था जो वो काफी समय से पहनना चाहती थी पर अपने सास ससुर की वजह से पहन नहीं रही थी। पूनम ने आज एक येलो कलर की साड़ी पहनीं जिसमें ऑरेंज कलर का बैकलेस और स्लीवलेस ब्लाउज पहना। जिसमे वो बहुत हॉट और सेक्सी लग रही थी। उसका भरा हुआ बदन और हल्का सा पेट निकली हुई कमर । दिखने में क्या मादक लग रही थी। किसी भी हवसी आदमी का उसको देख कर ही उसका मुठ निकल जाए पूनम के बूब्स क्या दिख रहे थे एक दम अपनी शेप में। पूनम के बूब्स की साइज ज्यादा नहीं थी पर जितनी थी उतनी ही काफी थी किसी को भी हवस में पागल करने के लिए। पूनम के ऊपर ऑरेंज कलर स्लीवलेस और बैकलेस वाला ब्लाउज क्या ही हॉट दिख रहा था उसमें उसका बैक वाव एक दम मादक लग रहा था। पूनम ने सोचा नहीं था कि उस पर कम कपड़े का छोटा ब्लाउज इतना अच्छा लगेगा। क्योंकि पूनम हमेशा नॉर्मल ब्लाउज हे पहनती थी। ये उसने पहली बार ट्राई कर था।





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अब पूनम साड़ी पहन कर और तैयार होते होते खुद को शीशे में देखती है और खुद को देख कर यह सोचती है कि कितना टाइम हो गया वो कही बाहर नहीं गई और ना ही किसी पार्टी में गई है। आज के भी पूरे दिन में पूनम का कोई भी प्लान नहीं था। तभी उसको कल के दिन की घटना याद आती है कि कल कैसे वो कुबड़ा भिखारी उसको स्कर्ट में देख कर पागल हो रहा था और अपना प्राइवेट पार्ट हिला रहा था।





पूनम अपने दोनों हथेलियों को अपने पूरे हाथों पर घूमती है और उस कुबड़े भिखारी की हरकतों के बारे में सोचती है कि कल वो कैसे बेशर्मी की तरह उसकी ओर देख कर अपना प्राइवेट पार्ट हिला रहा था। किस निगाह से उसको देख रहा था। फिर तभी यह सब सोचते हुए पूनम को ध्यान आता है कि रोहन के अलावा ओर भी किसी ने देख लिया होता तो अनर्थ हो जाता।



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यही सब सोचते सोचते पूनम के रोंगटे खड़े हो जाते है पर कही न कही उसको अंदर से कल वाला इंसीडेंट सोच कर मजा और एक अलग अनुभव जैसा महसूस हो रहा था। तभी पूनम के फोन पर एक लेडीज का कॉल आता है और पूनम अपना फोन उठाती है ओर थोड़ा हस्ते हुए बोलती है



पूनम - ओ हो आज कैसे याद किया ?



कॉल के सामने वाली - बोल भी कौन रहा है।



कुछ सेकण्ड ऐसे ही मजाक मस्ती में बात करने के बाद और हालचाल पूछने के फिर दोनों हस्ती है। दरसल पूनम के फोन पर जो कॉल आया है वो उसकी बचपन की सहेली और दूर की रिश्तेदार गीतांजलि मिश्रा का है। गीतांजलि मिश्रा अपने सिक्युरिटी स्टेशन में बैठ कर वर्दी में पूनम से बात कर रही थी।



चलो यहां हम यह गीतांजलि मिश्रा के बारे में जान लेते है। गीतांजलि मिश्रा एक वर्किंग वुमन है जो सिक्युरिटी में थ्री स्टार इंस्पेक्टर है और खास बात तो यह है कि उसका थाना जो उसके कंट्रोल में आता है वो पूनम जिस एरिया में रहती है उसमें ही आता है। गीतांजलि मिश्रा 36 साल की एक शादी शुदा महिला है। जिसका एक 8 साल का बेटा है। गीतांजलि अपने काम के प्रति ईमानदार और एक सजक सिक्युरिटी अफसर है।





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गीतांजलि मिश्रा का बदन दिखने में एकदम परफेक्ट है जैसा कि एक फिट सिक्युरिटीवाली का होना चाहिए ओर साथ ही गीतांजलि की बैक ओहो। सिक्युरिटी यूनिफॉर्म में तो गीतांजलि कहर ढाती है। गीतांजलि हमेशा यूनिफॉर्म को अपने बॉडी मेजरमेंट के हिसाब से एक दम बॉडी फिट स्टाइल में सिलवाती थी। गीतांजलि खुद को परफेक्ट डाइट और योगा करके फिट रखती है। गीतांजलि वैसे तो नर्म स्वभाव की थी पर सिक्युरिटी में होने की वजह से उसको अपना स्वभाव हालातों के साथ सख्त करना पड़ता था। गीतांजलि मिश्रा के पति नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में एक अफसर है।





अब आते वापस पूनम और गीतांजलि की फोन की बातों पर......





पूनम - अच्छा चल बाते तो बहुत हो गई अब बता तूने फोन क्यों किया? तुम सिक्युरिटी वाले बिना काम के तो कभी कॉल करते हो नहीं किसी को भी।



गीतांजलि - ऐसा कुछ नहीं है बहन। क्या करूं टाइम ही नहीं मिलता है सोचती तो ही की तुम सभी फ्रेंड्स के साथ में भी किट्टी में आऊ बट स्टेशन से घर और घर स्टेशन अभी टोह यही चल रहा है।



पूनम - ओके बहन। फिर बता मिल कब रही है।



गीतांजलि - अरे में सोच रही थी मिलने का दरसल तेरी सोसाइटी में एक दूसरे स्टेट से भागे हुए क्रिमिनल को देखा गया है। ये मुझको मेरे खबरियों से पता चला है।



पूनम - क्या? ओह नो। यार ये सब कब हुआ।



गीतांजलि - अरे वही तो नहीं पता बहन। वही तो आइडेंटिफाई करना है। इसलिए तो तुझसे मिलने का बोल रही हु।



अब पूनम थोड़ा हस्ती है और टॉन्ट में बोलती है - हा मुझको तो पता ही था कि तुझको कुछ तेरे स्टेशन का काम ही होगा वरना तू ड्यूटी पर कहा कॉल करे।



गीतांजलि - अरे बहन ऐसा नहीं है। चल ये सब छोड़ तू बता कैसा चल रहा है पति और सास ससुर कैसे है



पूनम - सब बढ़िया है पर अभी टोह कुछ दिन तक में अकेली हु फिलहाल।



गीतांजलि - क्यों? क्या हुआ



पूनम - सब यार अपने काम से गए है। मैं भी सोच रही हु क्या करूं?



गीतांजलि - ओके। एक काम कर तू भी कही जा आ।



पूनम - कहा जाऊ यार। अभी टोह कही भी जाने का मन नहीं है। अपनी सभी फ्रेंड्स के साथ ही कुछ प्लान करती हु। पर तू भी आयेगी।





गीतांजलि - श्योर। मैं पूरी ट्राई करूंगी। फिर भी कुछ कह नहीं सकते।







फिर दोनों ऐसे ही कुछ देर इधर उधर की बाते करके कॉल काट देती है। अब पूनम अपने लिए खाना बना कर दूसरे कामों में लग जाती है।







इधर रोहन मिश्रा आज अपने कॉलेज में बैठ कर चलते लेक्चर में उसकी चाची यानि पूनम के बारे में सोच रहा होता है। कल जो उसने पूनम की कर्वी गांड़ देखी तिब्तब से ही उसका मन कही लग नहीं रहा था। वो सोच रहा था कि आज किस बहाने अपनी चाची से मिलने जाऊ।





रोहन को ये डर भी था अगर वो चाची की घर तरफ भी गया तो उसको देख कर कही चाची उसकी मम्मी से शिकायत ना कर दे या कल वाली बात ना बता दे। कही चाची मुझ शक ना करे। पर रोहन था एक नंबर ढीठ लड़का। वो सिर्फ इन सब चीजों के बारे में सोचता था पर डरता नहीं था। रोहन बचपन से ही अपनी चाची के नाम की मुट्ठी मारता आ रहा था। रोहन सभी उल्टी चीजें करने के भी उसमें एक बात थी कि रोहन का गठीला और जिम वाला मजबूत बदन होने की वजह से उसकी कभी पिटाई नहीं हुई उल्टा उसने सभी को पीटा है। अब कॉलेज में घंटी बजती है और रोहन का लेक्चर खत्म होता है और वो अपने जिगरी दोस्त यश के साथ बाइक पर राइड मारने निकल जाता है। पर आगे क्या करना था और कहा जाना था ये रोहन के दिमाग में चल रहा था।









यहां एक फटी जुग्गी में वही कुबड़ा भिखारी एक एक पुरानी मैगजीन के एक फैट पत्ते को देख कर अपना गंदे बालों से भरा हुआ और ऊपर से हल्का सा @# लन्ड को हिला रहा था। उस फटे पत्ते पर एक अभिनेत्री (हीरोइन) का फोटो था जिसे देख वो भिखारी पागलों की तरह अपना लन्ड हिला रहा था। उस मैग्जीन के पत्ते में उस हीरोइन ने एक साड़ी पहन रखी थी और उस हीरोइन के आगे झुका होने से उसका क्लीवेज दिख रहा था। उस देख भिखारी पागल हो रहा था। पर इधर ये कुबड़ा भिखारी भी अपना लन्ड मलते मलते कल वाला इंसीडेंट याद कर रहा था। और वो इस पत्ते पर उस हीरोइन की जगह बालकनी वाली माल यानी पूनम को याद कर रहा था। पर उसको पूनम का नाम याद नहीं आ रहा था। इसलिए वो उस फोटो को देख कर जोर जोर पूनम को अपने मन में याद करते हुए चिल्ला रहा था - ओहो भैन चोद बालकनी वाली माल औरत .... साली रण्डी .... साली कल वो चूतियां नहीं आया होता तो कल ही में मेरा खेल शुरू कर देता। पर वो चूतियां था कौन जो बीच में टपक पड़ा? कही उस बालकनी वाली का बॉयफ्रेंड तो नहीं था या उसका पड़ोसी। पता नहीं जो भी था उसको में छोडूंगा नहीं। साली मादरचोद रण्डी की औलाद ने मुझको गाली दी और मारा।







रोहन को गालियां देते देते और पूनम के बारे में सोचते हुए वो भिखारी अब कही जाने की तैयारी में था। वो अपनी लूंगी पहन कर और जोला लेकर अपनी जुग्गी से निकल जाता है।
Written By Mohik
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#29
अध्याय - 7















पूनम अपने घर के सभी कामों को खत्म करके अब सोफे पर बैठ कर टी वी पर एक वेब सीरीज देखना शुरू करती है। आज जो पूनम वेब सीरीज देख रही थी इस तरह की वेब सीरीज उसने पहले नहीं देखी थी क्योंकि 18+ एडल्ट वेब सीरीज थी। अब पूनम उस वेब सीरीज के 2 एपिसोड देखती है जिसमें भयानक मेल और फीमेल एक्टर में जबरदस्त सेक्स हो रहा था। पूनम को पता नहीं था कि ये वेब सीरीज इतनी अश्लीलता से भरी हुई है उसको लगा थोड़ा बहुत होगा पर पूरे एपिसोड में यही चुम्मा चाटी सेक्स ही चल रहा था अब पूनम यह सब देख कर काफी गर्म हो गई थी। उसका हाथ धीमे धीमे उसके मुलायम पेट से होते हुए नीचे की तरफ जा रहा था तभी उसके घर की घंटी बजती है, घंटी की आवाज सुनते ही वो शोक हो जाती है और वो तुरंत उस वेब सीरीज को बंद करके खुद पर कंट्रोल करती है और पूनम अपने घर का दरवाजा खोलने के लिए दरवाजे के पास आती है और दरवाजा खोलती है। पूनम जैसे ही दरवाजा खोलती है उसको सामने कोई नहीं दिखता। अब पूनम बाहर आकर भी देखती है पर उसको कोई नहीं दिखता।







पूनम सोचती है कि कौन होगा जो बेल बजा कर चला गया। पर आजतक ऐसा किसी ने नहीं किया था।, पूनम मन में सोचती है कि हो सकता है कि अड़ोस पड़ोस के कोई बचे होगे जो शरारत कर रहे होगे। फिर पूनम गेट को लॉक करके अंदर आ जाती है ओर अपने बेडरूम में चली जाती है। की तभी वापस घर की घंटी बजती है अब पूनम इस बार थोड़े गुस्से में गेट के पास वापस जाती और जैसे ही गेट खोलती हे वो एक दम से शोक हो जाती है और साथ ही डर जाती है।







उसके गेट पर जो आदमी खड़ा था वो और कोई नहीं कल वाला कुबड़ा भिखारी था। जिसे कल पूनम बालकनी से खड़ी होकर सेड्यूस कर रही थी। उसको देख पूनम मन ही मन खुद को कोसती है कि वो कहा फंस गई। उसको कल एक भिखारी को ऐसे सब नहीं देखना चाहिए था। कल का नतीजा यह था कि आज वो भिखारी उसके घर के गेट तक आ गया। ऐसे कई सवाल पूनम के मन में चल रहे थे कि तभी पूनम थोड़ा हिम्मत रख कर उस भिखारी को पूछती है कि क्या हुआ?





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वो कुबड़ा भिखारी कुछ बोलता नहीं है क्योंकि वो तो कबसे पूनम को ऊपर से और नीचे से ऊपर ही देखे जा रहा था। जैसे कि उसका वो आंखों से ही बलात्कार कर देगा। आजतक जिन औरतों की मैगजीन पर फोटो देख देख कर ये कुबड़ा भिखारी अपना लन्ड हिलाता था आज वैसी ही दिखने वाली औरत उसके सामने खड़ी थी। पूनम को देख कर उस भिखारी से खुद पर काबू ही नहीं हो रहा था। उसका तो मन अभी पूनम को पकड़ लेने का हो रहा।





तभी पूनम की आवाज से वो होश में आता है और पूनम के पूछने पर वो अपना फटा हुआ एक थैला आगे करता है। जिसमें कुछ आटा पड़ा हुआ था और कुछ पुराने थोड़े से सड़े हुए फल पड़े थे।





कुबड़ा भिखारी - मैडम कुछ खाने का हो आटा या फल वगैरा हो तो दे दो।





कल से आज पूनम ने उस कुबड़े भिखारी को ध्यान से देखा था। वो भिखारी एक तरफ से थोड़ा सा झुका हुआ था। उसकी एक तरफ से छोटा सा फोड़ा या कूबड़ जैसा निकला हुआ था। उसकी कूबड़ ज्यादा तो नहीं थी पर उसकी वजह से वो थोड़ा सा एक तरफ से झुका हुआ था। जो उसकी शरीर की बनावट एक अजीब और भद्दी सी लग रही थी। पूनम के हिसाब से वो कुबड़ा भिखारी दिखने में कोई 50 - 52 साल तक के बीच का लग रहा था। वैसे वो एक भिखारी था पर एकदम हट्टा कट्टा मोटा सा था। उसका शरीर थुलथुला सा था। उसके चेहरे पर मूंछ नहीं थी पर बालों से भरी लंबी दाढ़ी थी जो बिलकुल अस्त व्यस्त थी। शरीर का रंग एक दम काला और बदबू दार। जिसकी बदबू पूनम की नाक तक आ गई थी।







उस आदमी से दूर रहने के लिए पूनम मिश्रा के लिए यही काफी था। इसके आगे वो ना उसको देखना चाहती थी और ना ही उसकी बदबू सहन कर पा रही थी। पूनम उसको देख कर अपना शादी का पल्लू ठीक करती है।





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पूनम - अभी तो कुछ नहीं है। अभी आप आगे जाइए।





भिखारी - अरे मैडम जी इतनी उम्मीद के साथ तुम्हारे दरवाजे तक आया हु। कुछ तो दे दो। इतना बड़ा घर है तेरा।





पूनम - देखिए अभी आप जाइए। जब होगा तब में दे दुगी।





भिखारी - कमाल है मैडम जी आपसे तो कुछ खाने का ही तो मांगा है। कुछ ओर थोड़ी मांगा जो आप ना बोल रही है देने को।







फिर उस भिखारी की चेहरे पर गंदी सी हल्की मुस्कराहट आ जाती है। इधर पूनम समझ रही थी कि ये भिखारी क्या कहना चाहता और ये डबल मीनिंग में बात कर रहा है।







पूनम अब उस भिखारी से बहस नहीं करना चाहती थी और उसको जल्दी से यह निकलना चाहती थी। इसलिए वो मुड़ती है और पास पड़ी डाइनिंग टेबल से उसको एक एप्पल निकाल कर उसके थैले में डाल देती है। भिखारी की नजरें जैसे हे पूनम उसके थैले में एप्पल डाल रही थी उसकी ब्लाउज के दो बूब्स के बीच दिखने वाली क्लीवेज पर ही थी।





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भिखारी - धन्यवाद मैडम। वैसे पानी मिलेगा। गर्मी बहुत है तो प्यास लग रही है।







अब तो पूनम को काफी गुस्सा आ रहा था पर उसने इस भिखारी के साथ कोई बात ना करने का ही मन बनाया और साथ पूनम उस कुबड़े भिखारी को देख रही थी तो उसे कल वाली बात भी याद आ रही थी और थोड़ी शर्म भी।





अब पूनम घूम कर रसोई की तरफ जाती है और पीछे से पूनम की बैक को देख कर भिखारी का लन्ड जो पहले से ही खड़ा था अब वो पूरा तन जाता है। उसकी लूंगी में एक तंबू सा बन जाता है। उसका लन्ड उसकी लूंगी फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था।अब पूनम जल्दी से पानी का ग्लास ले आती है और जल्दी से भिखारी को देने के लिए अपना हाथ आगे करती है।







अब कुबड़ा भिखारी भी ग्लास को ऊपर से लेने के बजाय नीचे से पकड़ता है जहां से पूनम ने ग्लास को पकड़ रखा था। जैसे ही भिखारी ग्लास को पकड़ता है उसके रफ हाथ की उंगलियां पूनम की उंगलियों को छूती है वैसे ही ये देख पूनम के रोंगटे खड़े हो जाते है। शादी के बाद पहली बार था कि किसी दूसरे आदमी से उसका टच हुआ हो। अब वो भिखारी अपना हाथ ओर आगे बढ़ता है और पानी के ग्लास को पूनम की नरम हथेली सही पकड़ लेता है। पूनम उस भिखारी के रफ कड़क हथेली को महसूस कर पा रही थी। पूनम ग्लास को छोड़ देना चाहती थी पर वो भिखारी ने उससे पकड़ रखा था।







अब हाल यह था कि वह गेट पर कुबड़ा भिखारी और पूनम मिश्रा का पानी के ग्लास को लेकर खड़े थे। अब पूनम की नजरें उस भिखारी के आंखों पर पड़ी। पूनम ऊपर से ही उस भिखारी का ना पता चले ऐसे ही उसकी लूंगी में बना तंबू देख पा रही थी। भिखारी भी एक टक पूनम को देखे जा रहा था। अब सब कुछ मानो रुक सा गया था। ये 10 सेकंड मानो पूनम को कई घंटों के बराबर लग रहे थे।







आज उस कुबड़े भिखारी के पास पूरा मौका था और वो इस मौके को बिल्कुल जाने नहीं देना चाहता था किसी भी कीमत पर। अब जैसे ही कुबड़ा भिखारी अपना दूसरा हाथ पूनम को पकड़ने के लिए आगे करता है तभी पूनम के मोबाइल पर एक कॉल आता है और पूनम झटके से अपना हाथ खींच लेती है और भिखारी को बाहर जाने का बोलती है।







इधर भिखारी को भी समझ नहीं आ रहा थी कि अभी हुआ क्या और वो दो कदम जैसे ही पीछे लेता है वैसे ही पूनम उसको बोलती है - आप पानी पीकर ग्लास को साइड में रख देना।







यह बोल कर घर का मैन दरवाजा बंद कर देती है। इधर भिखारी भी ग्लास से पानी पीकर अपने पैर जोर से जमीन पर मारता है कि आज उसके हाथ से मौका चला गया।
Written By Mohik
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#30
अध्याय - 8













जी हा, मै बहुत सावधानी से ले आऊंगी सुरेश। इसमें इतनी टेंशन मत लो। किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। मैं जानती हु कि वो महंगा है।



ये सब पूनम फोन पर बात करते हुए बोलती है। दरसल जो मोबाइल पर कॉल आया था वो उसके पति सुरेश मिश्रा का आया था। उसका पति उसको क्या लाने का बोल रहा था यह तो पूनम को ही पता था।





अब पूनम अपना मोबाइल टेबल पर रख रही होती है कि तभी उसको रोहन का मैसेज आता है। मैसेज में हेलो चाची लिखा हुआ था। पूनम ये देख कर सोचती है कि ये रोहन क्यों मैसेज कर रहा है वो भी इस टाइम। फिर पूनम रोहन के मैसेज को इगनोर मार देते है और अपने काम में लग जाती है।







इधर रोहन को लगता है कि चाची ने उसका मैसेज नहीं पढ़ा। इसलिए अब वो वापस मैसेज करता है हाय करके। लेकिन इस बार भी पूनम इगनोर कर देती है। अब रोहन सोचता है कि उसको अब पूनम के घर जाना चाहिए और वो शाम में जाने का प्लान बनाता है।







इधर वो भिखारी पूनम के घर के बाहर ही खड़ा होता हे और सोचता है कि पूनम के मोबाइल पर फोन करने वाला कौन मादरचोद था। अब भिखारी वापस पूनम के घर का दरवाजा खट खटाने वाला ही होता है की तभी उसको दूर से एक कार आती हुई दिखती है। जिसको देख कुबड़ा भिखारी सोचता है कि कही पूनम ने किसी को फोन तो नहीं कर दिया। फिर वो कुछ देर के लिए वहां से निकलना ही सही समझता है। भिखारी के जाने बाद जो कार आ रही थी वो पूनम के घर के बाहर आकर खड़ी रहती है। कार के अंदर से ही एक औरत जो उस गाड़ी को चला रही होती वो अपने मोबाइल पर पूनम को कॉल करती है। इधर अंदर पूनम उस समय वॉशरूम में होती है इसलिए उसका कॉल नहीं उठा पाती और फिर एक मिनट के बाद वहां से वो औरत कार लेकर निकल जाती है। 10 मिनिट बाद पूनम भी वॉशरूम से बाहर आकर अपने मोबाइल में देखती है।





पूनम - इसने क्यों फोन किया था मुझको।







फिर पूनम वापस काल बैक करती है पर वो औरत फोन नहीं उठाती। इधर पूनम भी अपने मन में मोबाइल को ये बोलकर रख देती है की - ये तो ऐसी ही है।







इधर पूनम अंदर अपने घर के काम करके सोफे पर बैठ जाती है और सोचती है कि क्या करे तभी वो अपनी वेब सीरीज का अगला एपिसोड देखना शुरू करती है। फिर कुछ देर बाद वापस वही हॉट और सेक्सी सीन आने शुरू हो जाते है पर इस बार पूनम उन सीन को ध्यान से देखती है और कब उसका हाथ उसकी चूत तक चला जाता है उसको पता नहीं चलता पर पूनम खुद पर कंट्रोल करती है और एपिसोड खत्म होने के बाद सो जाती है।







शाम में पूनम अपने लिए गरम कॉफी बना कर सोफे पर लेटी होती है कि तभी पूनम को अचानक पूरे दिन की में क्या हुआ ये याद आता है और वो उसी वेब सीरीज के हॉट हवस से भरे एपिसोड के बारे में, कल जो रोहन ने किया उसके बारे में और भिखारी की आज की हरकतों के बारे में सोचती है।





पूनम को हमेशा कभी भी सेक्स के बारे में सोचना होता तो वो अपने और अपने पति के साथ बेडरूम में बिताए गए पलो के बारे में सोचती थी पर आज पहली बार वो से किसी और मर्दों के बारे में सोच रही थी। हालाँकि जब भी उसके पति लंबे टाइम के लिए बाहर जाते तो वो कभी कभी सीरियल, वेब सीरीज या मैगजीन में सेक्स ड्रामा के बारे में पढ़ कर या देख कर फैंटेसी करती थी और यह करने के बाद उसको ये गलत भी लगता । पर पूनम सोच लेती थी कि कभी कबरा अपने एंजॉय के लिए चलता है। शुरू से ही पूनम ने अपनी छवि ( कैरेक्टर) भी साफ़ बना रखी थी और कभी वासना की नजरो से किसी मर्द को नहीं देखा पर दूसरे मर्द उसको वासना की नजरो से देखते थे।





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पर आज पूनम ने जो 3rd ग्रेड वेब सीरीज देखी थी उसने पूनम को सेक्सुअली हिलाकर रख दिया । किस तरह से उस मेल एक्टर ने उस फीमेल एक्टर की बूब्स और निप्पल को चूस रहा था, उस फीमेल एक्टर के शरीर को सहला रहा था । पूनम मिश्रा ने अपने शरीर को मादक अंदाज में सोफे पर लेटते हुए टांगे आगे की ओर फैला दी। फिर दोनों हाथो से अपने बूब्स को हलके हलके मसलने लगी। पूनम के निप्पल टाइट होने लगे। पूनम ने आंखे बंद कर ली। पूनम ने अपने निप्पलों को तेजी से मसलना शुरू कर दिया और एक हाथ नाभि सहलाता हुआ, दोनों जांघो के बीच उसके मुलायम पेट के निचले हिस्से तक पहुच गया। पेट के निचले हिस्से से होते हुए पूनम की गरम और बिना बालों वाली चूत तक पहुंच गया और उंगलिया चूत के पास तक पहुंच गयी।







अब पूनम फीमेल एक्टर को इमेजिन करने लगी की कैसे वेब सीरीज में उसके बूब्स की दबाई और निप्पलों की चुसाई हो रही थी। असल में ये पूनम की फैंटेसी थी की उसके पति उसके बूब्स को चुसे दबाये काटे लेकिन कभी उसके पति ने ये सब अच्छे से नहीं किया और उल्टा उसका पति उसके बूब्स को बाकी औरतों से छोटा बोलकर उसको चिढ़ता था। वैसे पूनम के बूब्स काफी बड़े नहीं थे पर एक महिला के जितने होने चाहिए उतने थे और पूरे शेप में थी।





अब पूनम धीरे धीरे फीमेल एक्टर के जरिये इमेजिन कर रही थी। पूनम खुद के साथ क्या कर रही थी ये बिना सोचे चूत को ऊपर से धीरे धीरे रगड़ना शुरू कर दिया।





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अब पूनम के मुहँ से ओह आह ओह वाव……… ओह यस…. जैसी सिसकारियां निकने लगी।टांगो के बीच की में लगातार पूनम के हाथ कि मिडल उंगली चल रही थी।





पूनम खुद को कन्ट्रोल करना चाहती थी पर उत्तेजना के मारे उसकी चूत भी अब थोड़ी गीली होने लगी, धड़कने ओर तेज होने लगी, जैसे जैसे चूत को रब करती वैसे ही उसके चुतड उछाल लेने लगे। पूनम ने अपना दूसरा हाथ अपने निप्पल से हटा कर अपनी चूत पर रख दिया। अब वो एक हाथ से वो चूत को रगड़ रही थी दूसरे से चूत को तेजी से सहला रही थी।

पूनम के मुहँ से सिसकारियो की आवाजे तेजी से निकलने लगी और वासना से भरी उसकी चूत की दरार से पानी रिसने लगा। उसका पेट और नाभि भी इस उत्तेजना के साथ ऊपर नीचे होने लगे थे। उसके पेट और चुतड सोफे से उछलने लगे। पूनम ने अपने हाथो से चूत को ऊपर से और तेजी से रगड़ना शुरू कर दिया।





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पूनम को इस समय न तो कोई शर्म थी और यह शादी के बाद पहली बार था कि पूनम घर पर अकेली थी और सोफे पर लेट कर यह सब कर रही थी। पूनम की आंखे बंद थी साथ में उसने अपने होठों को चिपका रखा था। अब उसकी उत्तेजना का सेंसेशन अपने चरम पर आ चुका था | कभी निचले होठ से ऊपर वाले को काटती, कभी उपरी होठ से निचले वाले को कटती। उसके सांसे तेज चल रही थी। उसकी चूत की दरार से निकलता गीलापन अब उंगलिया भिगोकर उसके हाथ में आ रहा था और कुछ बह कर जांघो की तरफ भी जा रहा था । पूनम उस वेब सीरीज में चूदाई देख के और उसको सोच सोच कर कर के खुद की चूत को हाथो से रब करके रगड़े जा रही थी।





पूनम के मन में ये ख्याल भी आ रहा था कि वो एक बच्ची की मां और एक शादी शुदा @#@# कास्ट की महिला है उसको ये सब शादी के बाद करना कितना गलत है ये? लेकिन ये सब सोचते हुए भी उसकी उंगलिया चूत पर तेजी से चल रही थी। पर यह पूनम की हालत यह थी कि औरत को चुदाई करने का मन होता है तो वो चुतड उठा उठाकर अपने पार्टनर का साथ देने लगती है। इसी तरह पूनम बार बार चुतड ऊपर की तरफ उछाल रही थी। पूनम ये सब नहीं करना चाहती थी लेकिन उसकी बॉडी की वासना के आगे लाचार थी।





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पूनम ये सब नहीं करना चाहती है लेकिन चूत के फांकों पर नाच रही अपनी उंगलियों पर उसका कोई बस नहीं है। उसकी चूत की दरार से बहते पानी को रोकने में वो सक्षम नहीं है। सिसकारियो के बीच उसने अपने एक उंगली चूत की दरार के बीच डाली फिर दो चार बार अंदर बाहर करने के बाद फिर उसने दो हाथो से चूत के दोनों फलों को फैलाया और फिर से उंगली अन्दर डाल दी। दूसरे हाथ से चूत के ऊपर वाले भाग को रगड़ना जारी रखा ।





धीरे धीरे वो सोफे पर पूरी तरह लेट गयी। दोनों जांघे ऊपर की तरह उठा दी और दो उंगलियों को अपनी कसी चूत के छेद में डालकर के अन्दर बाहर करने लगी ।





पूनम को अपनी उंगलियों की सहायता से उत्तेजना में बहुत मजा आ रहा था और उसके मुहँ से सिसकारियो का सिलसिला लगातार चल रहा था। अब उगलियाँ के चूत में अन्दर बाहर होने से शरीर भी उसी अनुसार लय में आगे पीछे हो रहा था। पूनम अपनी उंगलियों से खुद को चोद के अपनी वासना की आग बुझाने की कोशिश कर रही थी और सोच वो वेब सीरीज की चुदाई के बारे में रही थी।





अब पूनम को लग रहा था कि जैसे अब वो झड़ने के निकट ही है। पूनम अब सोफे पर तेजी से उछालने लगी। उसकी कमर जोर जोर के झटके खाने लगी। उसकी उंगलिया जिस गहराई तक जा सकती थी वो उसे वहां तक जाकर अन्दर बाहर करने लगी। पूनम का हाथ की मिडल फिंगर पूरी उसकी ताकत से अन्दर बाहर के झटके दे रहा था। अचानक पूनम मिश्रा का पूरा शरीर अकड़ गया साथ ही सिसकारियो का न रुकने वाला सिलसिला शुरू हो गया और जांघे अपने आप खुलने बंद होने लगी।







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पूनम की आंखे अब बन्द हो गई थी उसकी फिंगर तेजी से अंदर बाहर हो रही थी कि तभी वो अचानक से एक तेज आवाज से डर गई और सहम गई।







पूनम का अब पूरा पसीना छूट गया था। ये जो तेज आवाज थी वो बाइक की थी जो बहुत तेजी से आ रही थी। पूनम को अब बहुत तेज गुस्सा आ रहा था उसको समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कर इस समय और तभी किसी ने पूनम को पुकारा घर के बाहर से। पूनम अब इतनी घबरा गई थी और जल्द बाजी में उसको यह भी ध्यान नहीं रहा कि वो अभी किस हालत में है वो खुद को जल्दी से ठीक करके बाहर चली गई पर जल्द बाजी में वो ये भूल गई कि उसके बाल बिखरे हुए थे और उसका पल्लू भी सही से नहीं लगा हुआ था।





जब पूनम बालकनी से बाहर आई तो बहुत मादक लग रही थी पर उसमें अभी गुस्सा भी उतना ही था कि वो अपने चरम पर थी पर वो मास्टरबेट नहीं कर पाई।
Written By Mohik
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#31
Superb update
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#32
(23-05-2025, 05:19 PM)sushilt20 Wrote: Superb update

Thanks for Comment...
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#33
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Written By Mohik
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#34
(26-05-2025, 10:00 PM)Mohik Wrote: Comments ke threw Feedback de...

Story acchi hai lekin regular likho to yar pahle...train wali bhi aadhi chhor di, ye wali bhi 2 mahine se atki hui hai, pahle regular update ls do fir feedback aur views aayenge
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