12-12-2024, 12:43 PM
विनोद २५ साल का हैंडसम जवान मर्द है । उसकी माँ शीला बहुत ही खुबसूरत है और बाबू जी भी खुबसूरत होने के साथ साथ एक मर्दाना जिस्म के मालिक है । जब विनोद २५ साल का हो गया तब उसने अपनी पसंद की एक लड़की शर्मिला से शादी कर ली । शर्मिला उसकी पहली औरत थी और सुहाग रात को २० साल की लड़की कुँवारीं थी । उस रात चूदाई सिर्फ़ एक बार हुई । विनोद को लगा शर्मिला उससे बहुत खुश है।
लेकिन शर्मिला बिलकुल भी ख़ुश नही थी । विनोद के लंड का साइज बढ़िया था । बढ़िया मोटा भी था । साधारण चुदाई के समय जितना देर कड़ा रहना चाहिए उतना कड़ा भी रहा । विनोद ने क़रीब २० मिनट खूब जोरदार धक्का मारा था । लेकिन शर्मिला ना झड़ी ना ही उसे किसी तरह की संतुष्टि ही मिली । लेकिन पति को खुश करने के लिए उस ने कह दिया की वो चुदाई से खुश है ।
शर्मिला भी अपनी सास की तरह बहुत खूबसूरत थी। उस समय शर्मिला २० साल की थी और सास शीला की उम्र ४२ साल की थी । उसने दो बच्चों को पैदा किया था , बड़ा बेटा विनोद और उससे ४ साल छोटी बेटी वनिता । वनिता की शादी ३ साल पहले हो गई थी ।
शीला ४२ साल की थी , २ जवान बच्चों की मॉं थी लेकिन बदन तब भी बहुत सिमटा हुआ था । चमड़े में जवान लडकियों जैसा तनाव था । ५ फ़ीट ५ इंच लंबी , ६२ केजी का वजन , उभरा हुआ ३६ D साइज की चूचियॉं. पतली कमर , उभरा हुआ ३८ इंच के चूत्तरों के साथ ग़ज़ब की माल लगती थी ।
विनोद के बाबू जी , मंगेश बाबू बढ़िया चूदाई करते थे । अपने पति के चूदाई से वो हर बार संतुष्ट रहती थी फिर भी वो अपना यार रखती थी । उससे भी चूदवाती थी और यह बात मंगेश को मालूम था । शीला और मंगेश ने आपस में फ़ैसला कर लिया था कि दोनों में से कोई किसी को नहीं रोकेगा , नहीं टोकेगा । शीला एक बार में एक ही यार रखती थी लेकिन मंगेश बाबू कई औरतों को चोदते थे । दोनों पति और पत्नी चूद्दक्कर थे । शीला ने अपने ससुर , विनोद के दादा के लंड को सालों सहलाया था लेकिन कारण जो भी रहा हो ससुर ने बहु को चोदा नही । शीला की शादी के एक साल बाद ही ससुर मर गया और वो ससुर से नहीं चूदवा पाई । दूसरी तरफ़ मंगेश ने अपनी बेटी की सील उसके सुहाग रात को ही तोड़ी । दोनों रेग्युलर चूदाई करते है । यह बात उसकी पत्नी को नहीं मालूम था ।
विनोद की सुहाग रात के बाद धीरे-धीरे मेहमान जाने लगे । आख़िर कार शादी के १६ दिनों बाद घर में विनोद और शर्मिला के अलावा विनोद के माता और पिता ही रह गये । इन चारों के अलावा धर में एक २३-२४ साल की नौकरानी भी थी । उसका नाम शांता था । वो तीन साल से विनोद का काम करती थी । रोज़ उसके साथ २-३ घंटा रहती थी लेकिन विनोद ने उसे हाथ नहीं लगाया था । जब कि शांता सिर्फ़ विनोद से चुदवाने के लिए ही उसके यहॉं काम करती थी ।
वो शनिवार की सुबह थी । सुबह का सात बजा था । शीला ने चाय बनाया और सभी साथ बैठ कर चाय पी रहे हे थे । सुहाग रात के बात ११ रात के बाद से विनोद लगातार अपनी पत्नी को चोद रहा था । कभी एक बार तो कभी २ बार । शर्मिला ने चुदवाने से कभी मना नहीं किया लेकिन पहली चूदाई की तरह बाद में भी उसे चूदाई में कभी कोई मज़ा नहीं आया । शर्मिला को ख़ुद समझ नहीं आ रहा थी जब विनोद का सब कुछ बढ़िया है फिर भी वो अपने पति के साथ चूदाई का मज़ा क्यों नहीं ले पा रही है। इसका जवाब उसे उस दिन मिल गया । चाय पीते समय मंगेश बहु को बहुत घूर रहा था ।
मंगेश - बहुरानी , तुम से दूर जाने का जी नहीं कर रहा है । २०-२१ दिन से बाहर हूँ वहॉं धंधा चौपट हो रहा होगा । अब हमें जाना होगा । हम आज शाम को चले जाएँगे । अब मालूम नहीं फिर कब मुलाक़ात होगी ।
ससुर की बात सुनते ही शर्मिला के दिल को ज़ोर का धक्का लगा । उसे लगा कि उस के दिल की धड़कन बंद हो गई है । कुछ पल तो वह ससुर को घूरती रही । फिर खड़ी हुई और सब के सामने ससुर से गले मिली ।
शर्मिला— नहीं बाबू जी , आप दोनों अभी नहीं जा सकते । कल तक घर में कितनी भीड़ थी । आप लोगों को मैं ने ठीक से देखा भी नहीं है । विनोद , तुम ऑफिस जाओ । आराम से आना । ये लोग अभी नहीं जा रहे हैं ।
मंगेश को बहु का प्यार और बातें बहुत बढिया लगा । ना शीला ने देखा और ना ही विनोद ने , ससुर को गले लगाते समय जाने अनजाने शर्मिला का एक पंजा पैजामा के उपर से लंड को दबा रहा था । मंगेश ने पाजामा के नीचे कुछ नहीं पहना था । बहु को ससुर के लंड का फ़ील मिल गया था । उसने लंड को एक बार ज़ोर से दबा कर हाथ हटा लिया था । मंगेश का लंड पाजामा फाड़ कर बहु की बूर में घुसने के लिए मचलने लगा । फिर भी दिखाने के लिए उसने एक बार और कहना चाहा ।
मंगेश — लेकिन बहु ….
शर्मिला — लेकिन वेकिन कुछ नहीं । आप लोग जायेंगे तो मैं भी आप लोगों के साथ चलूँगी ।
विनोद ने चाय पी लिया था । उसने अपना बैग लिया और खड़ा हो गया ।
विनोद — बाबू जी , आप दोनों फ़ैसला कीजिये, मैं जल्दी आ जाऊँगा ।
शर्मिला— जल्दी आकर क्या करोगे ? हम दोनों सास बहु की जवानी को ही घूरते रहोगे । काम पर ध्यान दो तभी तरक़्क़ी मिलेगी । हम तीनों बाज़ार जायेंगे । तुम आराम से आना ।
विनोद बैग लेकर बाहर चला गया । ससुर को गले लगाने के बाद से वो खड़ी ही रही । बिनोद को दरवाज़ा तक छोड़ने गई । सास ससुर को दिखाते हुए उसने विनोद के ओंठ को चूमा । दरवाज़ा बंद कर वो पहले बाले जगह पर नहीं बल्कि ससुर के दाहिने साइड में बैठ गई । अब सास उसके सामने थी । चाय का घुंट लेते हुए शर्मिला ने टेबल क्लाथ के नीचे हाथ आगे बढ़ाया और अपना नीयत ससुर को बता दी । उसने हाथ लंड पर रखा । २-३ बार ज़ोर ज़ोर से दबाया और फिर झटका से पाजामा के नाड़े को खींच दिया । ऐसा करने में उसे ससुर की तरफ़ थोड़ा झुकना पड़ा । ये दोनों सोच रहे थे कि शीला कुछ नही देख रही है लेकिन शीला बहुत खेली खाई थी । उसे समझते देर नहीं लगी कि उसकी तरह उसकी बहु को भी ससुर की जवानी पति के जवानी से ज़्यादा पसंद आ गई है ।
शीला ने बहु को टोका नहीं । वो बहु से उसकी पढ़ाई लिखाई की बात करने लगी । सास की बात का जबाब देते हुए शर्मिला ने पाजामा को नीचे किया और नंगे लंड को मसलने लगी । उसके हाथ में लंड की लंबाई मोटाई बढ़ने लगी ।
शीला— बेटी , तुम साथ में अपना कालेज के कपड़े लेकर आई हो ?
शर्मिला— हॉं मॉ, लेकिन क्या फ़ायदा । यहाँ तो हर हमेशा साड़ी ही पहनना होगा ।
शीला — बेटा , हम उतने दक़ियानूसी नहीं हैं जितना तुम समझती हो । जाओ कोई एक बढ़िया , मॉडर्न ड्रेस पहन कर आओ । हम भी तो देखें कि क्या देख कर मेरा बेटा तुम पर फ़िदा हो गया था ।
शर्मिला एक मिनट भी वहॉं नहीं बैठी । दौड़ते हुए अपने रुम में चली गई ।
शीला — मंगेश , लोग ठीक ही कहते हैं कि इतिहास अपने आपको दुहराता है । मेरे ही जैसा मेरी बहु को भी ससुर बहुत पसंद आ गया है । पचासों बार ससुर का लंड चूसने के बाद भी तेरा बाप मुझे नहीं चोद पाया । तुम वैसी गलती मत करना । पहले ही मौक़ा में , आज ही बहला फुसला कर बहु को चोद लो । दामाद जी को बोल दो कि हम अभी कुछ दिन और नहीं आयेंगे । दामाद जी को तुम अपनी रंडी रिंकी को जी भर कर चोदने दो और तुम यहॉं रोज बहु को चोदो ।
उनकी बेटी वनिता अपने पति के साथ बाबू जी के बिज़नेस को सँभालती थी । वनिता को कोई और नहीं अपने बाप के साथ ही चुदवाना बढ़िया लगता था । १६ दिनों से बाप ने नहीं चोदा था वनिता बहुत परेशान रहने लगी थी ।
मंगेश— अगर बहु चूदवाना चाहेगी तो मैं चोदूंगा लेकिन फिर तुम मुझे अपनी बेटी को चोदने से नहीं रोकेगी ।
मंगेश अपनी बेटी को तीन साल से चोद रहा था लेकिन उसकी ख्वाहिश थी कि मॉं और बेटी को एक ही बिस्तर पर अग़ल बग़ल लिटा कर चोदे ।
शीला क्यों मना करती , उसने ख़ुद बाप से सैकड़ों बार चूदवाया था ।
शीला —- नहीं रोकूँगी लेकिन तुम्हें बहु को मेरे सामने चोदना होगा ।
मंगेश ने नॉड किया । तभी शर्मिला शर्माते लजाते हुए वहॉं आई । उसने एक काला रंग का स्कर्ट और उसके उपर गुलाबी रंग का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना था । स्कर्ट घुटनों से तीन इंच उपर तक ही था । वो अपनी सास के पास आ कर खड़ी हुई । शीला ने बहु को गले लगाया, दोनों गालों को चूमा और कपड़े के उपर से ही दोनों चूचियों को सहलाया और हौले से दबाया भी ।
शीला — उफ़, कितनी खूबसूरत हो बेटी ! इन कपड़ों में तुम्हारी जवानी ज़्यादा खिल गई है । अब से घर में तुम सिर्फ़ ऐसे ही कपड़े पहनोगी । सिर्फ़ बाहर बालों के सामने ही साड़ी या सलवार कुर्ते में रहोगी ।
शर्मिला बहुत ही ज़्यादा खुश हो गई । उसने दोनों का पॉंव छू कर प्रणाम किया ।
शर्मिला— मॉं , चाय बहुत स्वादिष्ट था एक कप और पिलाइये ना ।
मंगेश — एक कप मेरे लिए भी ।
शीला समझ गई कि ये दोनों अभी और मस्ती मारना चाहते थे । उन्हें मौक़ा देने के लिए शीला किचन में चली गईं । शीला किचन के अंदर घुस गई ।
शर्मिला— बाबूजी चेयर पीछे ठेलो ।
मंगेश ने पाजामा नीचे कर दिया था । लंड शान से खड़ा था ।
मंगेश - तुम्हारी सास देखेगी ।
शर्मिला — देखने दो । कुर्सी पीछे ठेलो ।
बोलते हुए शर्मिला ने स्कर्ट को उपर उठा दिया । मंगेश को बहु की चिकनी , गठीला और मस्त जॉंघ दिखाई दिया । शर्मिला ने गुलाबी रंग का पैंटी पहना था ।
शर्मिला— जो भी बोलूँ चुप चाप करते रहो नहीं तो फिर कभी बात भी नहीं करुंगी ।
मंगेश ऐसा नहीं होने देना चाहता था । बैठे बैठे ही उसने कुर्सी को पीछे किया और बहु के चेहरे पर मादक मुस्कान आ गई । दोनों थोड़ी देर चुप बैठे रहे । अचानक शर्मिला उठी , ससुर के सामने आई और झुक कर दोनों हाथों से लंड को पकड़ लिया । ज़ोर से मुठियाने लगी ।
शर्मिला— तीन महिना पहले जब तुम मेरे घर आये थे तभी से मेरी जवानी इस प्यारे लंड से खेलने के लिए तरस रही थी । जल्दी इसे अपने अंदर लुंगी । अब पाजामा बॉंध लो ।
वो लंड पकड़े हुए झुकी और सूपाडा को एक मिनट चूसा और किचन में चली गई ।
शीला — विनोद तुम्हें खुश नहीं करता है , कहीं वो नामर्द तो नहीं ?
अचानक के पूछे गये सवाल से वो चौंक गई । उसे लगा कि ससुर के साथ की उसकी मस्ती को सास ने पकड़ लिया है ।
शर्मिला— ऐसा क्यों पूछ रही हैं मॉं, आपका बेटा असल मर्द है । आप जैसी चूदासी औरतों को भी चोदते चोदते रुला डालेगा ।
सास ने उम्मीद नहीं की थी कि उसकी बहु इस तरह खुल्लम खुल्ला चूदाई की बात करेगी ।
शर्मिला— मॉं , आपने पूछा है तो बताती हूँ । मैं कुँवारी थी । विनोद ही मेरा पहला मर्द है । हम सालों से एक दूसरे को जानते हैं । शादी के पहले सैकड़ों बार मैं ने उसका लंड सहलाया और चूसा है ।मुझे उसका बदन और लंड दोनों बहुत पसंद है । लेकिन विनोद बहुत शरीफ है । मैं ने कितना कहा लेकिन उसने मुझे नहीं चोदा और जब सुहाग रात को उसने चोदा , मेरा झिल्ली फाड़ी तो मालूम नहीं क्यों मुझे बिलकुल मज़ा नहीं आया । मुझे कुछ और चाहिए था लेकिन क्या वो मुझे खूद नहीं मालूम है । वो हर रात मुझे चोदता है लेकिन मेरी प्यास दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है । मुझे क्या चाहिए मुझे खूद नहीं मालूम ।
शीला — किसी दूसरे से चूदवा , हो सकता है कि तुम्हारी जवानी की प्यास मिट जाय । जा अपने ससुर को चाय पिला , मैं नहाने जा रही हूँ ।
शर्मिला— इतनी जल्दी क्या है मॉं, चलिए साथ बैठ कर चाय पीते है। आधा घंटा में शांता भी आ जायेगी । मैं ने बार बार पूछा लेकिन विनोद कहता है कि उसने शांता को नहीं चोदा है लेकिन कुतिया विनोद के साथ ऐसा व्यवहार करती है मानो वही उसकी पत्नी हो ।
शीला — विनोद किसे चोदता है छोड , तु अपनी जवानी की प्यास बुझाने का सोच । सास और ससुर के तरफ़ से तुझे पूरी छूट है , घर में या बाहर जो भी पसंद है खुल कर चूदवा । चल चाय लेकर बाहर ।
शीला ने खुल कर कह दिया ,
“ अगर ससुर ही पसंद है तो उससे ही चूदवा ले । “
सास ने बहु को दूसरे से चूदवाने का सुझाव ही नहीं दिया, उसे पूरी छूट भी दे दी । शीला भी अब अपने बेटे विनोद से चूदवाना चाहती थी । लेकिन वो दोनों कब चूदाई करेंगे वो भगवान ही जानता था ।
एक ट्रे में चाय लेकर शीला बाहर आई लेकिन वो डाइनिंग टेबल पर ना जाकर एक सिंगल सीटर सोफ़ा पर बैठ ट्रे को सेन्ट्रल टेबल पर रख कर दूसरे दोनों को भी बुलाया ।
पाजामा को ठीक से बॉंध कर पहले मंगेश आया और बाद में स्कर्ट- ब्लाउज़ पहने हुई शर्मिला आकर सास के बगल में दूसरे सिंगल सोफ़ा पर बैठ गई । लेकिन तुरंत ही उसने चाय का एक कप उठा कर सास को दिया । दूसरा कप ससुर के हाथ में दिया और बिना कुछ बोले उसने पाजामा का नाड़ा खोला और पाजामा को पॉंव से बाहर कर दिया । ससुर शॉक्ड रह गया ।
शीला— बेटी , इतनी बेशर्मी ठीक नहीं । किसी को मालूम होगा तो बहुत बदनामी होगी ।
शर्मिला ने कुछ जवाब नहीं दिया ।
शर्मिला दोनों हाथों से लंड को सहला रही थी । एक डेढ़ मिनट के लिए उसने फिर सुपाडा को चूसा ।
शर्मिला— आप दोनों विनोद या किसी और से कहेंगे कि मैं ससुर का लंड चूस रही हूँ ? मैं ने अपनी जवानी को विनोद के लिए ही सँभाल कर रखा था । शादी के पहले कई सालों से मैं विनोद से खुशामद करती रही कि मुझे चोदे लेकिन मादरचोद बहुत शरीफ निकला । बाक़ी सब कुछ करता था लेकिन बूर में लंड पेलने बोलती थी तो हमेशा यही कहता था कि सुहाग रात को ही चोदेगा । हमने पहली चूदाई सुहाग रात को ही की । हम हर रात चूदाई करते हैं लेकिन मुझे विनोद के साथ चूदवाना कभी बढ़िया नहीं लगा । पिछली रात तक चूदाई के बात बहुत देर तक मैं यही सोचती रहती थी कि सब कुछ बढिया है फिर भी मुझे मज़ा क्यों नहीं आता है । पिछली रात तक कोई जबाब नहीं मिला लेकिन आज जबाब मिल गया है ।
“ क्या जवाब मिला ? “
दोनों सास ससुर ने एक साथ पूछा ।
शर्मिला — जवाब ये बाबू जी का प्यारा लंड है ।
दोनों सास और ससुर एक दूसरे को घूरते रहे और इस बार शर्मिला ने क़रीब १० मिनट चुभला चुभला कर लंड को चूसा ।
शर्मिला— वाह मॉं, आपने अपने प्यारे लंड को बहुत मज़बूत बना दिया है । तीन महिना पहले जब बाबू जी पहली बार मेरे घर आये थे तभी से मैं बाबू जी की दीवानी हो गई थी । विनोद मेरे दिमाग़ से ग़ायब ही हो गया । मैं हर समय बाबू जी के साथ रहने और इस लंड से रात दिन चूदवाने का ही सोचती रही । विनोद चोदता है लेकिन मेरा ध्यान हर हमेशा इस लंड पर ही रहता है । मैं विनोद के चूदाई पर ध्यान ही नहीं दे पाती हूँ। मैं जब भी बोलूँगी जहॉं बोलूँगी आपको मुझे चोदना होगा । अगर आपने नही चोदा तो मैं विनोद को जान से मार दूँगी ।
तभी दरवाज़े पर नॉक हुआ । शर्मिला ने स्कर्ट ठीक किया और दरवाज़ा खोलने गई । मंगेश ने झटपट पाजामा पहन लिया । तुरंत शांता को लेकर वापस आई । उसके बाद अगले ४-५ घंटा सभी अपने अपने काम में व्यस्त रहे । शांता ने बार बार कहा कि “ स्कर्ट और ब्लाउज़ में बहू और भी खूबसूरत लग रही है । लेकिन शर्मिला को ऐसे कपड़े पहने देख उसकी झॉंट जलने लगी । उसने फ़ैसला कर लिया कि जैसे भी हो विनोद को अपनी बूर के अंदर जल्दी लेगी ही इस खूबसूरत औरत को भी बर्बाद करेगी । इसे घटिया लोगों से चूदवायेगी ।इससे धंधा भी करवायेगी ।
शांता घर का सारा काम करती थी । घर की सफ़ाई. कपड़ा धोने के साथ साथ खाना भी बनाती थी । बीच में अगर कभी नहीं आती थी तो उसकी जगह पर उसकी मॉं या फिर उसकी छोटी बहन सपना आ जाती थी । ऐसा नहीं कि विनोद इस २१-२२ साल की जवान लड़की को पसंद नहीं करता था , बहुत पसंद करता था । शांता को चोदना चाहता था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी । शर्मिला को चोद कर विनोद को बहुत बढ़िया लगा था । १२ रातों से लगातार चोद रहा था । लेकिन अब उसे भी लगने लगा था कि चूदाई के समय शर्मिला अपनी तरफ़ से कुछ नहीं करती है । नहीं तो शादी के पहले वही ज़्यादा जोश में रहती थी । विनोद को लगने लगा था कि उसकी पत्नी चूदाई से खुश नहीं है । शर्मिला ने अपने सास और ससुर से साफ़ साफ़ कह दिया था कि उसे विनोद के साथ चूदवाने में कोई मजा नहीं आता है । लेकिन विनोद ने अपना दुख किसी के साथ नहीं बॉंटा था । उसे क्या पता था कि उसका बाप ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन है ।
शांता के जाने के बाद सबने खाना खाया । खाते समय शर्मिला ने दोनों को आराम करने कहा ।
शर्मिला — आप लोग आराम कर लिजिए । हम चार बजे बाज़ार जायेंगे । सिनेमा देखेंगे । मॉ , मालूम नहीं सुबह मुझे क्या हो गया था । मैं ने बहुत ही घटिया काम किया , मुझे माफ़ कर दीजियेगा ।
शर्मिला अपने बेड रुम में जा कर दरवाज़ा को बंद कर लिया । शर्मिला को कोई शर्म नही थी । वो देखना चाहती थी कि ससुर उसे कितना प्यार करता है ।अब वो पहल ससुर के तरफ़ से चाहती थी ।
इधर दोनों पति - पत्नी बहु के बारे में ही बात करने लगे ।
शीला — मुझे लगता है कि ये अपनी बहु पागल है । मैं ने ना कभी देखा ना ही कभी सुना, ऐसी बेशर्मी कोई कैसे कर सकती है । मैं ने भी अपने ससुर का लंड सहलाया है , उसे प्यार किया है लेकिन हर हमेशा अकेले में । ऐसी रंडी , घटिया औरत के साथ रह कर मेरा बेटा बर्बाद हो जायेगा । इसके अंदर बहुत गर्मी है । मुझे लगता है कि अपना बेटा इसकी गर्मी को ठंडा नहीं कर पाता है । तुम्हारे भैया तो सालों से मुझे चोदने का सपना ही देख रहे हैं , उनसे ही कहूँगी कि इस कुतिया को चोद चोद कर ठंडा कर दें । तुम चोदोगे अपना बहु को । वनिता ( बेटी ) को अब तक नहीं चोद पाये , इसे क्या चोदोगे ?
लेकिन मंगेश अपनी बहु को सिर्फ़ चोदना ही नहीं चाहता था अचानक उसे बहु से बहुत ज़्यादा भी प्यार हो गया था । बहु ने लंड क्या चूसा , मंगेश सोचने लगा था कि विनोद अपनी पत्नी को छोड दे और वो शर्मिंला से शादी करे , उस से विवाह कर बच्चे भी पैदा करे । मंगेश ४६ साल का हो गया था लेकिन जो इसे नहीं जानते थे उन्हें ये मंगेश ३५ साल से ज़्यादा का नहीं लगता था । चौड़ा, उभरा हुआ सीना , कसी हुई वाॉहे और जॉंघ , बहुत ही मज़बूत आदमी था । मंगेश चार भाई थे । मंगेश सबसे छोटा था । बड़ा भाई से १६ साल छोटा था । उससे बड़े तीनों भाई गॉंव में ही रहते थे । पूराने जमींदार का परिवार था ।तब भी सैकड़ों एकड़ ज़मीन के मालिक थे । इलाक़े में बहुत दबदबा था । मंगेश का बड़ा भाई कामेश्वर औरतों का शौकीन ही नहीं था , औरतें ही उसके पास चूदवाने आती थी । चूँकि मंगेश शुरु से ही गॉंव से बाहर रहा इसलिए उसकी पत्नी शीला कामेश्वर ( कामेश ) की ऐयाशी से बची रह गई । कामेश अपने दूसरे दोनों भाई की पत्नी को ही नहीं अपने बड़े बेटे की पत्नी को सालों से चोद रहा था । घर में सभी को ये बात मालूम थी । कामेश की तीन बेटियां थी । बड़ी दोनों की शादी हो गई थी । ये दोनों बेटियां बार बार अपने बाप से चूदवाने की खुशामद करती रही लेकिन कामेश ने कह दिया कि वो अपना लंड काट कर फेंक देगा लेकिन बेटियों को नहीं चोदेगा । जब बहुत कहने के बाद बाप ने नहीं चोदा तो दोनो घर के सबसे खूबसूरत और जवान दीखने बाला मर्द, छोटे चाचा मंगेश को इशारा किया । मंगेश ने उन्हें निराश नहीं किया । हर २-३ महीने पर दोनों की ससुराल जाकर भी उन्हें चोदता रहा ।
इधर शर्मिला रुम में चली गई और बाहर दोनों पती पत्नी बहुत देर तक बेटे और बहु के बारे में बातें करते रहे । शीला बार बार कह रही थी कि शर्मिला पागल है , रंडी है लेकिन मंगेश अपनी बहु की तारीफ़ ही करता रहा । एक घंटा से ज़्यादा समय से ये दोनों बहस करते रहे । मंगेश खड़ा हो गया ।
मंगेश — मैं बहु के साथ आराम करुंगा । तुम अपने रुम में जाओ ।
मंगेश बहु के रुम के दरवाज़ा पर नॉक करने लगा । शीला भी आ गई । नॉक सुनकर शर्मिला खुश हो गई । मन ही मन बोली ,
“ ससुर जी , अब तुम सिर्फ़ मेरे हो “
उसने थोड़ा इंतज़ार किया । फिर दरवाज़ा खोला । जैसे ही दरवाज़ा खुला मंगेश ने बहु को बॉंहों में बाँधा और बेतहाशा चूमने लगा । चूमते हुए ही उसे उठाया और बेड पर लिटाया । मंगेश उसके उपर हो कर चूचियों को मसलते दबाते हुए ओंठ और गालों को चूमता रहा । स्कर्ट के कपड़ा को कमर से उपर उठा कर पैंटी के उपर से बूर को भी मसल रहा था । शर्मिला ने थोड़ी देर ससुर जो करना चाहता था करने दिया फिर पूरी ताक़त से उसे अपने उपर से हटाया । शर्मिला बेड से उतर कर नीचे आ गई ।
शर्मिला— बाबू जी , मैं ने झूठ नहीं कहा था । तीन महीना पहले जब आपको पहली बार देखा तभी से मुझे आपसे बहुत प्यार हो गया है । अब से शीला की तरह मैं भी आपकी पत्नी हूँ । मुझे पहले दिखाइए कि आप अपनी पत्नी को कैसे चोदते हैं । मैं भी आप से चुदवाऊंगी । विनोद के सामने भी चोदने दूँगी लेकिन पहले मुझे देखने दो कि आप कैसा चोदते हो ।
शीला बार बार मना करती रही लेकिन मंगेश के उपर बहु की जवानी का पागलपन सवार था । मंगेश ने अपनी पत्नी को नंगा किया . खूद नंगा हुआ और बहु ने लंड पकड़ लिया ।
शर्मिला— वाह बाबू जी , बहुत ही प्यारा लंड है ।
उसने फिर लंड को कुछ देर चूसा और उसके बाद मंगेश बहु के सामने पूरी ताक़त से , पूरे स्पीड से अपनी पत्नी शीला को चोदने लगा ।
शर्मिला ने अपना ब्लाउज़ और ब्रा को बाहर निकाल कर फेंका । अब वो सास - ससुर के सामने टॉपलेस थी ।
आगे की कहानी अगले भाग में ……
लेकिन शर्मिला बिलकुल भी ख़ुश नही थी । विनोद के लंड का साइज बढ़िया था । बढ़िया मोटा भी था । साधारण चुदाई के समय जितना देर कड़ा रहना चाहिए उतना कड़ा भी रहा । विनोद ने क़रीब २० मिनट खूब जोरदार धक्का मारा था । लेकिन शर्मिला ना झड़ी ना ही उसे किसी तरह की संतुष्टि ही मिली । लेकिन पति को खुश करने के लिए उस ने कह दिया की वो चुदाई से खुश है ।
शर्मिला भी अपनी सास की तरह बहुत खूबसूरत थी। उस समय शर्मिला २० साल की थी और सास शीला की उम्र ४२ साल की थी । उसने दो बच्चों को पैदा किया था , बड़ा बेटा विनोद और उससे ४ साल छोटी बेटी वनिता । वनिता की शादी ३ साल पहले हो गई थी ।
शीला ४२ साल की थी , २ जवान बच्चों की मॉं थी लेकिन बदन तब भी बहुत सिमटा हुआ था । चमड़े में जवान लडकियों जैसा तनाव था । ५ फ़ीट ५ इंच लंबी , ६२ केजी का वजन , उभरा हुआ ३६ D साइज की चूचियॉं. पतली कमर , उभरा हुआ ३८ इंच के चूत्तरों के साथ ग़ज़ब की माल लगती थी ।
विनोद के बाबू जी , मंगेश बाबू बढ़िया चूदाई करते थे । अपने पति के चूदाई से वो हर बार संतुष्ट रहती थी फिर भी वो अपना यार रखती थी । उससे भी चूदवाती थी और यह बात मंगेश को मालूम था । शीला और मंगेश ने आपस में फ़ैसला कर लिया था कि दोनों में से कोई किसी को नहीं रोकेगा , नहीं टोकेगा । शीला एक बार में एक ही यार रखती थी लेकिन मंगेश बाबू कई औरतों को चोदते थे । दोनों पति और पत्नी चूद्दक्कर थे । शीला ने अपने ससुर , विनोद के दादा के लंड को सालों सहलाया था लेकिन कारण जो भी रहा हो ससुर ने बहु को चोदा नही । शीला की शादी के एक साल बाद ही ससुर मर गया और वो ससुर से नहीं चूदवा पाई । दूसरी तरफ़ मंगेश ने अपनी बेटी की सील उसके सुहाग रात को ही तोड़ी । दोनों रेग्युलर चूदाई करते है । यह बात उसकी पत्नी को नहीं मालूम था ।
विनोद की सुहाग रात के बाद धीरे-धीरे मेहमान जाने लगे । आख़िर कार शादी के १६ दिनों बाद घर में विनोद और शर्मिला के अलावा विनोद के माता और पिता ही रह गये । इन चारों के अलावा धर में एक २३-२४ साल की नौकरानी भी थी । उसका नाम शांता था । वो तीन साल से विनोद का काम करती थी । रोज़ उसके साथ २-३ घंटा रहती थी लेकिन विनोद ने उसे हाथ नहीं लगाया था । जब कि शांता सिर्फ़ विनोद से चुदवाने के लिए ही उसके यहॉं काम करती थी ।
वो शनिवार की सुबह थी । सुबह का सात बजा था । शीला ने चाय बनाया और सभी साथ बैठ कर चाय पी रहे हे थे । सुहाग रात के बात ११ रात के बाद से विनोद लगातार अपनी पत्नी को चोद रहा था । कभी एक बार तो कभी २ बार । शर्मिला ने चुदवाने से कभी मना नहीं किया लेकिन पहली चूदाई की तरह बाद में भी उसे चूदाई में कभी कोई मज़ा नहीं आया । शर्मिला को ख़ुद समझ नहीं आ रहा थी जब विनोद का सब कुछ बढ़िया है फिर भी वो अपने पति के साथ चूदाई का मज़ा क्यों नहीं ले पा रही है। इसका जवाब उसे उस दिन मिल गया । चाय पीते समय मंगेश बहु को बहुत घूर रहा था ।
मंगेश - बहुरानी , तुम से दूर जाने का जी नहीं कर रहा है । २०-२१ दिन से बाहर हूँ वहॉं धंधा चौपट हो रहा होगा । अब हमें जाना होगा । हम आज शाम को चले जाएँगे । अब मालूम नहीं फिर कब मुलाक़ात होगी ।
ससुर की बात सुनते ही शर्मिला के दिल को ज़ोर का धक्का लगा । उसे लगा कि उस के दिल की धड़कन बंद हो गई है । कुछ पल तो वह ससुर को घूरती रही । फिर खड़ी हुई और सब के सामने ससुर से गले मिली ।
शर्मिला— नहीं बाबू जी , आप दोनों अभी नहीं जा सकते । कल तक घर में कितनी भीड़ थी । आप लोगों को मैं ने ठीक से देखा भी नहीं है । विनोद , तुम ऑफिस जाओ । आराम से आना । ये लोग अभी नहीं जा रहे हैं ।
मंगेश को बहु का प्यार और बातें बहुत बढिया लगा । ना शीला ने देखा और ना ही विनोद ने , ससुर को गले लगाते समय जाने अनजाने शर्मिला का एक पंजा पैजामा के उपर से लंड को दबा रहा था । मंगेश ने पाजामा के नीचे कुछ नहीं पहना था । बहु को ससुर के लंड का फ़ील मिल गया था । उसने लंड को एक बार ज़ोर से दबा कर हाथ हटा लिया था । मंगेश का लंड पाजामा फाड़ कर बहु की बूर में घुसने के लिए मचलने लगा । फिर भी दिखाने के लिए उसने एक बार और कहना चाहा ।
मंगेश — लेकिन बहु ….
शर्मिला — लेकिन वेकिन कुछ नहीं । आप लोग जायेंगे तो मैं भी आप लोगों के साथ चलूँगी ।
विनोद ने चाय पी लिया था । उसने अपना बैग लिया और खड़ा हो गया ।
विनोद — बाबू जी , आप दोनों फ़ैसला कीजिये, मैं जल्दी आ जाऊँगा ।
शर्मिला— जल्दी आकर क्या करोगे ? हम दोनों सास बहु की जवानी को ही घूरते रहोगे । काम पर ध्यान दो तभी तरक़्क़ी मिलेगी । हम तीनों बाज़ार जायेंगे । तुम आराम से आना ।
विनोद बैग लेकर बाहर चला गया । ससुर को गले लगाने के बाद से वो खड़ी ही रही । बिनोद को दरवाज़ा तक छोड़ने गई । सास ससुर को दिखाते हुए उसने विनोद के ओंठ को चूमा । दरवाज़ा बंद कर वो पहले बाले जगह पर नहीं बल्कि ससुर के दाहिने साइड में बैठ गई । अब सास उसके सामने थी । चाय का घुंट लेते हुए शर्मिला ने टेबल क्लाथ के नीचे हाथ आगे बढ़ाया और अपना नीयत ससुर को बता दी । उसने हाथ लंड पर रखा । २-३ बार ज़ोर ज़ोर से दबाया और फिर झटका से पाजामा के नाड़े को खींच दिया । ऐसा करने में उसे ससुर की तरफ़ थोड़ा झुकना पड़ा । ये दोनों सोच रहे थे कि शीला कुछ नही देख रही है लेकिन शीला बहुत खेली खाई थी । उसे समझते देर नहीं लगी कि उसकी तरह उसकी बहु को भी ससुर की जवानी पति के जवानी से ज़्यादा पसंद आ गई है ।
शीला ने बहु को टोका नहीं । वो बहु से उसकी पढ़ाई लिखाई की बात करने लगी । सास की बात का जबाब देते हुए शर्मिला ने पाजामा को नीचे किया और नंगे लंड को मसलने लगी । उसके हाथ में लंड की लंबाई मोटाई बढ़ने लगी ।
शीला— बेटी , तुम साथ में अपना कालेज के कपड़े लेकर आई हो ?
शर्मिला— हॉं मॉ, लेकिन क्या फ़ायदा । यहाँ तो हर हमेशा साड़ी ही पहनना होगा ।
शीला — बेटा , हम उतने दक़ियानूसी नहीं हैं जितना तुम समझती हो । जाओ कोई एक बढ़िया , मॉडर्न ड्रेस पहन कर आओ । हम भी तो देखें कि क्या देख कर मेरा बेटा तुम पर फ़िदा हो गया था ।
शर्मिला एक मिनट भी वहॉं नहीं बैठी । दौड़ते हुए अपने रुम में चली गई ।
शीला — मंगेश , लोग ठीक ही कहते हैं कि इतिहास अपने आपको दुहराता है । मेरे ही जैसा मेरी बहु को भी ससुर बहुत पसंद आ गया है । पचासों बार ससुर का लंड चूसने के बाद भी तेरा बाप मुझे नहीं चोद पाया । तुम वैसी गलती मत करना । पहले ही मौक़ा में , आज ही बहला फुसला कर बहु को चोद लो । दामाद जी को बोल दो कि हम अभी कुछ दिन और नहीं आयेंगे । दामाद जी को तुम अपनी रंडी रिंकी को जी भर कर चोदने दो और तुम यहॉं रोज बहु को चोदो ।
उनकी बेटी वनिता अपने पति के साथ बाबू जी के बिज़नेस को सँभालती थी । वनिता को कोई और नहीं अपने बाप के साथ ही चुदवाना बढ़िया लगता था । १६ दिनों से बाप ने नहीं चोदा था वनिता बहुत परेशान रहने लगी थी ।
मंगेश— अगर बहु चूदवाना चाहेगी तो मैं चोदूंगा लेकिन फिर तुम मुझे अपनी बेटी को चोदने से नहीं रोकेगी ।
मंगेश अपनी बेटी को तीन साल से चोद रहा था लेकिन उसकी ख्वाहिश थी कि मॉं और बेटी को एक ही बिस्तर पर अग़ल बग़ल लिटा कर चोदे ।
शीला क्यों मना करती , उसने ख़ुद बाप से सैकड़ों बार चूदवाया था ।
शीला —- नहीं रोकूँगी लेकिन तुम्हें बहु को मेरे सामने चोदना होगा ।
मंगेश ने नॉड किया । तभी शर्मिला शर्माते लजाते हुए वहॉं आई । उसने एक काला रंग का स्कर्ट और उसके उपर गुलाबी रंग का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना था । स्कर्ट घुटनों से तीन इंच उपर तक ही था । वो अपनी सास के पास आ कर खड़ी हुई । शीला ने बहु को गले लगाया, दोनों गालों को चूमा और कपड़े के उपर से ही दोनों चूचियों को सहलाया और हौले से दबाया भी ।
शीला — उफ़, कितनी खूबसूरत हो बेटी ! इन कपड़ों में तुम्हारी जवानी ज़्यादा खिल गई है । अब से घर में तुम सिर्फ़ ऐसे ही कपड़े पहनोगी । सिर्फ़ बाहर बालों के सामने ही साड़ी या सलवार कुर्ते में रहोगी ।
शर्मिला बहुत ही ज़्यादा खुश हो गई । उसने दोनों का पॉंव छू कर प्रणाम किया ।
शर्मिला— मॉं , चाय बहुत स्वादिष्ट था एक कप और पिलाइये ना ।
मंगेश — एक कप मेरे लिए भी ।
शीला समझ गई कि ये दोनों अभी और मस्ती मारना चाहते थे । उन्हें मौक़ा देने के लिए शीला किचन में चली गईं । शीला किचन के अंदर घुस गई ।
शर्मिला— बाबूजी चेयर पीछे ठेलो ।
मंगेश ने पाजामा नीचे कर दिया था । लंड शान से खड़ा था ।
मंगेश - तुम्हारी सास देखेगी ।
शर्मिला — देखने दो । कुर्सी पीछे ठेलो ।
बोलते हुए शर्मिला ने स्कर्ट को उपर उठा दिया । मंगेश को बहु की चिकनी , गठीला और मस्त जॉंघ दिखाई दिया । शर्मिला ने गुलाबी रंग का पैंटी पहना था ।
शर्मिला— जो भी बोलूँ चुप चाप करते रहो नहीं तो फिर कभी बात भी नहीं करुंगी ।
मंगेश ऐसा नहीं होने देना चाहता था । बैठे बैठे ही उसने कुर्सी को पीछे किया और बहु के चेहरे पर मादक मुस्कान आ गई । दोनों थोड़ी देर चुप बैठे रहे । अचानक शर्मिला उठी , ससुर के सामने आई और झुक कर दोनों हाथों से लंड को पकड़ लिया । ज़ोर से मुठियाने लगी ।
शर्मिला— तीन महिना पहले जब तुम मेरे घर आये थे तभी से मेरी जवानी इस प्यारे लंड से खेलने के लिए तरस रही थी । जल्दी इसे अपने अंदर लुंगी । अब पाजामा बॉंध लो ।
वो लंड पकड़े हुए झुकी और सूपाडा को एक मिनट चूसा और किचन में चली गई ।
शीला — विनोद तुम्हें खुश नहीं करता है , कहीं वो नामर्द तो नहीं ?
अचानक के पूछे गये सवाल से वो चौंक गई । उसे लगा कि ससुर के साथ की उसकी मस्ती को सास ने पकड़ लिया है ।
शर्मिला— ऐसा क्यों पूछ रही हैं मॉं, आपका बेटा असल मर्द है । आप जैसी चूदासी औरतों को भी चोदते चोदते रुला डालेगा ।
सास ने उम्मीद नहीं की थी कि उसकी बहु इस तरह खुल्लम खुल्ला चूदाई की बात करेगी ।
शर्मिला— मॉं , आपने पूछा है तो बताती हूँ । मैं कुँवारी थी । विनोद ही मेरा पहला मर्द है । हम सालों से एक दूसरे को जानते हैं । शादी के पहले सैकड़ों बार मैं ने उसका लंड सहलाया और चूसा है ।मुझे उसका बदन और लंड दोनों बहुत पसंद है । लेकिन विनोद बहुत शरीफ है । मैं ने कितना कहा लेकिन उसने मुझे नहीं चोदा और जब सुहाग रात को उसने चोदा , मेरा झिल्ली फाड़ी तो मालूम नहीं क्यों मुझे बिलकुल मज़ा नहीं आया । मुझे कुछ और चाहिए था लेकिन क्या वो मुझे खूद नहीं मालूम है । वो हर रात मुझे चोदता है लेकिन मेरी प्यास दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है । मुझे क्या चाहिए मुझे खूद नहीं मालूम ।
शीला — किसी दूसरे से चूदवा , हो सकता है कि तुम्हारी जवानी की प्यास मिट जाय । जा अपने ससुर को चाय पिला , मैं नहाने जा रही हूँ ।
शर्मिला— इतनी जल्दी क्या है मॉं, चलिए साथ बैठ कर चाय पीते है। आधा घंटा में शांता भी आ जायेगी । मैं ने बार बार पूछा लेकिन विनोद कहता है कि उसने शांता को नहीं चोदा है लेकिन कुतिया विनोद के साथ ऐसा व्यवहार करती है मानो वही उसकी पत्नी हो ।
शीला — विनोद किसे चोदता है छोड , तु अपनी जवानी की प्यास बुझाने का सोच । सास और ससुर के तरफ़ से तुझे पूरी छूट है , घर में या बाहर जो भी पसंद है खुल कर चूदवा । चल चाय लेकर बाहर ।
शीला ने खुल कर कह दिया ,
“ अगर ससुर ही पसंद है तो उससे ही चूदवा ले । “
सास ने बहु को दूसरे से चूदवाने का सुझाव ही नहीं दिया, उसे पूरी छूट भी दे दी । शीला भी अब अपने बेटे विनोद से चूदवाना चाहती थी । लेकिन वो दोनों कब चूदाई करेंगे वो भगवान ही जानता था ।
एक ट्रे में चाय लेकर शीला बाहर आई लेकिन वो डाइनिंग टेबल पर ना जाकर एक सिंगल सीटर सोफ़ा पर बैठ ट्रे को सेन्ट्रल टेबल पर रख कर दूसरे दोनों को भी बुलाया ।
पाजामा को ठीक से बॉंध कर पहले मंगेश आया और बाद में स्कर्ट- ब्लाउज़ पहने हुई शर्मिला आकर सास के बगल में दूसरे सिंगल सोफ़ा पर बैठ गई । लेकिन तुरंत ही उसने चाय का एक कप उठा कर सास को दिया । दूसरा कप ससुर के हाथ में दिया और बिना कुछ बोले उसने पाजामा का नाड़ा खोला और पाजामा को पॉंव से बाहर कर दिया । ससुर शॉक्ड रह गया ।
शीला— बेटी , इतनी बेशर्मी ठीक नहीं । किसी को मालूम होगा तो बहुत बदनामी होगी ।
शर्मिला ने कुछ जवाब नहीं दिया ।
शर्मिला दोनों हाथों से लंड को सहला रही थी । एक डेढ़ मिनट के लिए उसने फिर सुपाडा को चूसा ।
शर्मिला— आप दोनों विनोद या किसी और से कहेंगे कि मैं ससुर का लंड चूस रही हूँ ? मैं ने अपनी जवानी को विनोद के लिए ही सँभाल कर रखा था । शादी के पहले कई सालों से मैं विनोद से खुशामद करती रही कि मुझे चोदे लेकिन मादरचोद बहुत शरीफ निकला । बाक़ी सब कुछ करता था लेकिन बूर में लंड पेलने बोलती थी तो हमेशा यही कहता था कि सुहाग रात को ही चोदेगा । हमने पहली चूदाई सुहाग रात को ही की । हम हर रात चूदाई करते हैं लेकिन मुझे विनोद के साथ चूदवाना कभी बढ़िया नहीं लगा । पिछली रात तक चूदाई के बात बहुत देर तक मैं यही सोचती रहती थी कि सब कुछ बढिया है फिर भी मुझे मज़ा क्यों नहीं आता है । पिछली रात तक कोई जबाब नहीं मिला लेकिन आज जबाब मिल गया है ।
“ क्या जवाब मिला ? “
दोनों सास ससुर ने एक साथ पूछा ।
शर्मिला — जवाब ये बाबू जी का प्यारा लंड है ।
दोनों सास और ससुर एक दूसरे को घूरते रहे और इस बार शर्मिला ने क़रीब १० मिनट चुभला चुभला कर लंड को चूसा ।
शर्मिला— वाह मॉं, आपने अपने प्यारे लंड को बहुत मज़बूत बना दिया है । तीन महिना पहले जब बाबू जी पहली बार मेरे घर आये थे तभी से मैं बाबू जी की दीवानी हो गई थी । विनोद मेरे दिमाग़ से ग़ायब ही हो गया । मैं हर समय बाबू जी के साथ रहने और इस लंड से रात दिन चूदवाने का ही सोचती रही । विनोद चोदता है लेकिन मेरा ध्यान हर हमेशा इस लंड पर ही रहता है । मैं विनोद के चूदाई पर ध्यान ही नहीं दे पाती हूँ। मैं जब भी बोलूँगी जहॉं बोलूँगी आपको मुझे चोदना होगा । अगर आपने नही चोदा तो मैं विनोद को जान से मार दूँगी ।
तभी दरवाज़े पर नॉक हुआ । शर्मिला ने स्कर्ट ठीक किया और दरवाज़ा खोलने गई । मंगेश ने झटपट पाजामा पहन लिया । तुरंत शांता को लेकर वापस आई । उसके बाद अगले ४-५ घंटा सभी अपने अपने काम में व्यस्त रहे । शांता ने बार बार कहा कि “ स्कर्ट और ब्लाउज़ में बहू और भी खूबसूरत लग रही है । लेकिन शर्मिला को ऐसे कपड़े पहने देख उसकी झॉंट जलने लगी । उसने फ़ैसला कर लिया कि जैसे भी हो विनोद को अपनी बूर के अंदर जल्दी लेगी ही इस खूबसूरत औरत को भी बर्बाद करेगी । इसे घटिया लोगों से चूदवायेगी ।इससे धंधा भी करवायेगी ।
शांता घर का सारा काम करती थी । घर की सफ़ाई. कपड़ा धोने के साथ साथ खाना भी बनाती थी । बीच में अगर कभी नहीं आती थी तो उसकी जगह पर उसकी मॉं या फिर उसकी छोटी बहन सपना आ जाती थी । ऐसा नहीं कि विनोद इस २१-२२ साल की जवान लड़की को पसंद नहीं करता था , बहुत पसंद करता था । शांता को चोदना चाहता था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी । शर्मिला को चोद कर विनोद को बहुत बढ़िया लगा था । १२ रातों से लगातार चोद रहा था । लेकिन अब उसे भी लगने लगा था कि चूदाई के समय शर्मिला अपनी तरफ़ से कुछ नहीं करती है । नहीं तो शादी के पहले वही ज़्यादा जोश में रहती थी । विनोद को लगने लगा था कि उसकी पत्नी चूदाई से खुश नहीं है । शर्मिला ने अपने सास और ससुर से साफ़ साफ़ कह दिया था कि उसे विनोद के साथ चूदवाने में कोई मजा नहीं आता है । लेकिन विनोद ने अपना दुख किसी के साथ नहीं बॉंटा था । उसे क्या पता था कि उसका बाप ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन है ।
शांता के जाने के बाद सबने खाना खाया । खाते समय शर्मिला ने दोनों को आराम करने कहा ।
शर्मिला — आप लोग आराम कर लिजिए । हम चार बजे बाज़ार जायेंगे । सिनेमा देखेंगे । मॉ , मालूम नहीं सुबह मुझे क्या हो गया था । मैं ने बहुत ही घटिया काम किया , मुझे माफ़ कर दीजियेगा ।
शर्मिला अपने बेड रुम में जा कर दरवाज़ा को बंद कर लिया । शर्मिला को कोई शर्म नही थी । वो देखना चाहती थी कि ससुर उसे कितना प्यार करता है ।अब वो पहल ससुर के तरफ़ से चाहती थी ।
इधर दोनों पति - पत्नी बहु के बारे में ही बात करने लगे ।
शीला — मुझे लगता है कि ये अपनी बहु पागल है । मैं ने ना कभी देखा ना ही कभी सुना, ऐसी बेशर्मी कोई कैसे कर सकती है । मैं ने भी अपने ससुर का लंड सहलाया है , उसे प्यार किया है लेकिन हर हमेशा अकेले में । ऐसी रंडी , घटिया औरत के साथ रह कर मेरा बेटा बर्बाद हो जायेगा । इसके अंदर बहुत गर्मी है । मुझे लगता है कि अपना बेटा इसकी गर्मी को ठंडा नहीं कर पाता है । तुम्हारे भैया तो सालों से मुझे चोदने का सपना ही देख रहे हैं , उनसे ही कहूँगी कि इस कुतिया को चोद चोद कर ठंडा कर दें । तुम चोदोगे अपना बहु को । वनिता ( बेटी ) को अब तक नहीं चोद पाये , इसे क्या चोदोगे ?
लेकिन मंगेश अपनी बहु को सिर्फ़ चोदना ही नहीं चाहता था अचानक उसे बहु से बहुत ज़्यादा भी प्यार हो गया था । बहु ने लंड क्या चूसा , मंगेश सोचने लगा था कि विनोद अपनी पत्नी को छोड दे और वो शर्मिंला से शादी करे , उस से विवाह कर बच्चे भी पैदा करे । मंगेश ४६ साल का हो गया था लेकिन जो इसे नहीं जानते थे उन्हें ये मंगेश ३५ साल से ज़्यादा का नहीं लगता था । चौड़ा, उभरा हुआ सीना , कसी हुई वाॉहे और जॉंघ , बहुत ही मज़बूत आदमी था । मंगेश चार भाई थे । मंगेश सबसे छोटा था । बड़ा भाई से १६ साल छोटा था । उससे बड़े तीनों भाई गॉंव में ही रहते थे । पूराने जमींदार का परिवार था ।तब भी सैकड़ों एकड़ ज़मीन के मालिक थे । इलाक़े में बहुत दबदबा था । मंगेश का बड़ा भाई कामेश्वर औरतों का शौकीन ही नहीं था , औरतें ही उसके पास चूदवाने आती थी । चूँकि मंगेश शुरु से ही गॉंव से बाहर रहा इसलिए उसकी पत्नी शीला कामेश्वर ( कामेश ) की ऐयाशी से बची रह गई । कामेश अपने दूसरे दोनों भाई की पत्नी को ही नहीं अपने बड़े बेटे की पत्नी को सालों से चोद रहा था । घर में सभी को ये बात मालूम थी । कामेश की तीन बेटियां थी । बड़ी दोनों की शादी हो गई थी । ये दोनों बेटियां बार बार अपने बाप से चूदवाने की खुशामद करती रही लेकिन कामेश ने कह दिया कि वो अपना लंड काट कर फेंक देगा लेकिन बेटियों को नहीं चोदेगा । जब बहुत कहने के बाद बाप ने नहीं चोदा तो दोनो घर के सबसे खूबसूरत और जवान दीखने बाला मर्द, छोटे चाचा मंगेश को इशारा किया । मंगेश ने उन्हें निराश नहीं किया । हर २-३ महीने पर दोनों की ससुराल जाकर भी उन्हें चोदता रहा ।
इधर शर्मिला रुम में चली गई और बाहर दोनों पती पत्नी बहुत देर तक बेटे और बहु के बारे में बातें करते रहे । शीला बार बार कह रही थी कि शर्मिला पागल है , रंडी है लेकिन मंगेश अपनी बहु की तारीफ़ ही करता रहा । एक घंटा से ज़्यादा समय से ये दोनों बहस करते रहे । मंगेश खड़ा हो गया ।
मंगेश — मैं बहु के साथ आराम करुंगा । तुम अपने रुम में जाओ ।
मंगेश बहु के रुम के दरवाज़ा पर नॉक करने लगा । शीला भी आ गई । नॉक सुनकर शर्मिला खुश हो गई । मन ही मन बोली ,
“ ससुर जी , अब तुम सिर्फ़ मेरे हो “
उसने थोड़ा इंतज़ार किया । फिर दरवाज़ा खोला । जैसे ही दरवाज़ा खुला मंगेश ने बहु को बॉंहों में बाँधा और बेतहाशा चूमने लगा । चूमते हुए ही उसे उठाया और बेड पर लिटाया । मंगेश उसके उपर हो कर चूचियों को मसलते दबाते हुए ओंठ और गालों को चूमता रहा । स्कर्ट के कपड़ा को कमर से उपर उठा कर पैंटी के उपर से बूर को भी मसल रहा था । शर्मिला ने थोड़ी देर ससुर जो करना चाहता था करने दिया फिर पूरी ताक़त से उसे अपने उपर से हटाया । शर्मिला बेड से उतर कर नीचे आ गई ।
शर्मिला— बाबू जी , मैं ने झूठ नहीं कहा था । तीन महीना पहले जब आपको पहली बार देखा तभी से मुझे आपसे बहुत प्यार हो गया है । अब से शीला की तरह मैं भी आपकी पत्नी हूँ । मुझे पहले दिखाइए कि आप अपनी पत्नी को कैसे चोदते हैं । मैं भी आप से चुदवाऊंगी । विनोद के सामने भी चोदने दूँगी लेकिन पहले मुझे देखने दो कि आप कैसा चोदते हो ।
शीला बार बार मना करती रही लेकिन मंगेश के उपर बहु की जवानी का पागलपन सवार था । मंगेश ने अपनी पत्नी को नंगा किया . खूद नंगा हुआ और बहु ने लंड पकड़ लिया ।
शर्मिला— वाह बाबू जी , बहुत ही प्यारा लंड है ।
उसने फिर लंड को कुछ देर चूसा और उसके बाद मंगेश बहु के सामने पूरी ताक़त से , पूरे स्पीड से अपनी पत्नी शीला को चोदने लगा ।
शर्मिला ने अपना ब्लाउज़ और ब्रा को बाहर निकाल कर फेंका । अब वो सास - ससुर के सामने टॉपलेस थी ।
आगे की कहानी अगले भाग में ……