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Adultery प्यार या धोखा
Are Yar ye to chemical locha cum farmula type update Diya .hmmm lamba aur ghumavdar chakkar h
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A gaye dr sahab..... Apni purani line par....
Nam ka chutiya dr aur aur uski halaat ke age majboor randiyan....

Bas ek badlav hai ki dono hero bhi randibaj hain is bar....
Dekhein ye jugalbandi kya gul khilati hai
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Jabardasth hi
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Wow mast ja rahe ho boss
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Dr. Sahab, Update Please
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Please update bhai
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Dr sahab..
.. Ab update bhi de do
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अध्याय 24
“डॉ गौरव को मेरे और रफीक के ऊपर शक हो रहा है “
सपना थोड़ी टेंशन में दिखी ,वो अभी अभी डॉ चूतिया के केबिन में आयी थी ,
“उसकी फिक्र छोड़ो उसे फार्मूला चाहिए जो तुम्हारे पास है ,तुम तो बस रफीक की फिक्र करो ,और मालती की भी “
“रफीक तो मुझसे ज्यादा पूर्वी में इनरेस्टेड लग रहा है ,और मालती को सम्हालने के लिए तो रोहन को लगा दिया है,लेकिन गौरव ..”
“तुम्हे कुछ समझ आ रहा है की आखिर वो क्या करना चाहता है ,”
“मुझे लगता है की मुझे उसे वो फार्मूले दे देने चाहिए जो की मुझे मालती के पास से मिले थे”
सपना की बात सुनकर डॉ हंसा
“और फिर क्या ??”
“फिर क्या उन्हें जो बनाना है वो बना लेंगे..”
“ह्म्म्म वो तो है लेकिन ..”
“लेकिन क्या “
“तुम्हारे पास जो है वो अधूरा ही है “
“जानती हु की मेरे पास कुछ ही फार्मूले है शायद आधे तो अब भी मालती के पास ही पड़े है इसलिए तो रोहन को मालती के पीछे लगाया है लेकिन पता नही वो उसे पटा भी पायेगा की नही ,मालती बेहद ही होशियार है “
सपना के साथ डॉ ने भी एक गहरी सांस ली..
“रोहन मालती को नही मालती रोहन को पटायेगी ,मैं उसे जानता हु जैसे उसे हमेशा ही लगता था की उसने गौरव को अपने झांसे में लिया है वैसे ही अब उसे लगेगा की उसने रोहन को अपने झांसे में ले लिया है .बस समय दो और रोहन को उसके आस पास ही रखो ..ऐसे तुम्हारे पिता की मीटिंग कब है,कपूर साहब के साथ “
सपना के चहरे में अब थोड़ी शांति थी
“2 दिन बाद”
“ओके ,और एक बात अभी जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नही है ,अभी गौरव को थोड़ी मेहनत करने दो,वो रफीक को देखकर पैनिक में है क्योकि उसे लगता है की रफीक को उसी किसी शेख ने भेजा है फार्मूला हासिल करने के लिए,तो वो अब तुमसे फार्मूला हासिल करने की कोशिश करेगा,लेकिन उसे ये नही पता की तुम्हारे पास भी पूरे फार्मूला नही है,उसके मजे लो ,उसे बहका के रखो वरना वो बाकी के कामो में टांग अड़ायेगा,उसे लगने दो की वो अपने मकसद के बेहद करीब है ,और उसे करीब ही रहने दो कभी पहुचने मत देना..”
डॉ की बात सुनकर सपना के चहरे में मुस्कान खिल गई..
“मतलब मुझे उससे सेक्स नही करना है “
डॉ इस बात पर हँस पड़ा ..
“सेक्स...तुम्हे लगता है की तुमसे सेक्स करना उसका मकसद है ??”
“नही मेरा मतलब है की पहले वो मुझे फसाने के लिए यही करने की कोशिश करेगा “
सपना की बात सुनकर डॉ ने एक गहरी सांस ली
“सपना तुम्हारे पास सच में बहुत तेज दिमाग है लेकिन फिर ही तुम्हारे अंदर एक बचपना अभी भी है,गौरव मेच्योर आदमी है उसके लिए सेक्स के कुछ खास मायने नही है,उसका तरीका कुछ भी हो सकता है शायद वो कुछ भी ना करे,और यही उसका तरीका हो ,तो तम्हे बस कुल रहना है ,समझना है और जो समझ आये वो मुझे बताना”
“तो सेक्स ...क्या मुझे उसके साथ सेक्स करना होगा, अगर वो चाहे तो ..???”
डॉ फिर से खिलखिला उठा
“वो तुम्हारी मर्जी है..बस कुछ भी हो वो उलझा रहे तो हमारे लिए बेहतर है “
सपना ने सहमति में अपना सर हिला दिया..
***********
सपना के जाने के कुछ ही देर बाद रोहन डॉ से मिलने पहुचा …
“तो कैसे चल रही है मालती के साथ “
डॉ के बात से रोहन के चहरे में मुस्कान खिल गई थी
“कुछ खास नही ,वो तो मुझे अभी घास भी नही डाल रही है ..”
“कोई बात नही,बस उसे कुछ ऐसे पटाओ की उसे पता भी नही चले की तुम उसे पटा रहे हो,या ये तरीका अच्छा रहेगा की तुम उसे पटाओ ही मत कुछ ऐसा करो की वो ही तुम्हे पटा ले”
रोहन कुछ आश्चर्य से डॉ को देख रहा था…
“टाइम लगेगा ,फिक्र मत करो ,तुम रफीक के ऊपर ध्यान दो लेकिन किसी न किसी बहाने से मालती से भी मिलते रहो,बाकी उस तक न्यूज़ तो सपना पहुचा ही देगी ,और तुम रफीक के इतने करीबी बन जाओ की मालती को उसतक पहुचने के लिए तुम्हारे करीब आना पड़े..”
“लेकिन वो क्यो रफीक के करीब जाना चाहेगी “
डॉ उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा
“रोहन तुम जो गेम खेल रहे हो वो खेल का आखरी पड़ाव है ,खेल तो सालों पहले से शुरू हो गया है ….लेकिन अब फैसले की घड़ी है की कौन जीतेगा और कौन हारेगा..”
डॉ ने ये बात ऐसे कही थी जैसे वो खुद ही बात कर रहा हो ..
रोहन को उसकी बात कुछ खास तो समझ नही आई लेकिन उसने हा में सर हिला दिया..
**********
“यार ये डॉ बड़ी अजीब अजीब बाते कर रहा था मेरे तो समझ के बाहर था,खेल का आखरी पड़ाव ,फैसला etc ..”
रोहन और सपना रोहन के एक फ्लेट में बने छोटे से बार में बैठे हुए थे..
सपना गंभीर थी और वोदका को बड़े ही गंभीर ढंग से चुस्कियां ले कर पी रही थी …
“रोहन मुझे कुछ सही नही लग रहा है,पूर्वी डॉ से अकेले में मिलती है,फिर गौरव के साथ मिलती है ,डॉ हमे अलग अलग अपने पास बुलाता है और कहता है की समय लो,जल्दबाजी में कुछ मत करो ,एक आदमी अचानक से हमारी लाइफ में आता है(रफीक) और सबके लिए इतना इम्पोर्टेन्ट हो जाता है,हमारे घर वाले भी कही न कही इन सबमे इन्वॉल्व है ,यार रोहन हम क्या करने निकले थे और ये क्या कर रहे है,पूर्वी को गौरव से ज्यादा डॉ की बात सुन रही है ,हम लोग क्यो उसका कहा मान रहे है,हमे क्या लेना देना की उस फार्मूले में क्या है हम क्यो अपनी ऐयाशियों वाली जिंदगी को छोड़कर इस झमेले में पड़ गए है …”
सपना को इतना गंभीर देख कर रोहन भी थोड़ा गंभीर हो गया उसने तो ये सब सोचा भी नही था..
“हा यार सही कहा,साला ये तो हमारा पैसे उड़ाने और मौज करने की दिन है,बाप ने इतना पैसा हमारे लिए ही तो कमाया है और साला हम इन सब चूतियापे में पड़ गए है ..”
उसने अपने ग्लास में रखे विस्की को एक ही सांस में अंदर धकेल कर फिर से नया पैक बना लिया..
“मुझे तो डॉ पर ही शक होता है ,गौरव तो सीधा साधा ही लगता है लेकिन ये डॉ बड़ा ही टेढ़ा आदमी है,देखा ना उसने पूर्वी को भी मना लिया की वो रफीक के आस पास रहे ,”
सपना फिर गंभीरता से बोली
“हा यार मुझे भी डॉ कुछ समझ नही आता “
रोहन ने फिर से अपना पैक एक ही सांस में खाली कर दिया ,इस बार सपना उसे घूरने लगी
“क्या क्या देख रही है “
सपना के चहरे में गुस्सा था
“साले तुझे समझ क्या आता है,जब देखो हा में हा मिलता रहता है..”
सपना को गुस्से में देखकर रोहन मुस्कुराने लगा..
“ये कहावत सुनी है ...येड़ा बनकर पेड़ा खाना..”रोहन के चहरे की मुस्कान और भी गहरी हो गई
सपना ने सहमति में सर हिलाया
“बस यंहा वही करना होगा,ये सब क्या चल रहा है ये सब तो साला हमारे दिमाग के ऊपर से ही निकल रहा है तो क्यो ना येड़ा बन जाय जाए,जब मौका आएगा तब पेड़ा हम खा के निकल जाएंगे..”
सपना ने पहली बार रोहन के मुह से कुछ ऐसी बात सुनी जिसमे उसे कुछ चालाकी का आभास हुआ ..
“मतलब ..”
“मतलब ये की सब खेल के सेंटर में वो फार्मूला है जिसके बारे में हमे घण्टा कुछ नही पता ,जो पता भी है वो महज एक अनुमान ही है ,तो अभी हम वो करते है जो ये लोग कह रहे है,सबको लगने दो की हम उनके ही साथ है चाहे वो डॉ हो ,गौरव हो ,मालती हो या रफीक, जब फार्मूला मिल जाए तो ले के निकल लेंगे…”
रोहन की बात सुनकर सपना के आंखों में आश्चर्य खिल गया उसने कभी सोचा भी नही था की रोहन कुछ ऐसा सोचेगा ..
“तो तुम्हारा प्लान क्या है ??”
उसने जल्दी से कहा
“कोई प्लान नही यही प्लान है ,प्लान उन्हें बनाने दो न जो इस खेल को खेल रहे है ,हमे तो बस ट्रॉफी से मतलब है ,चाहे कोई भी जीते..”रोहन हँस पड़ा था,सपना जैसे उसकी बातों को समझ गई थी ..
“लेकिन ...कोई भी जीते तो हमे कैसे फायदा होगा..”
“अरे यार हम तो सबके साथ है ना,हम गौरव के साथ भी है,और मालती और रफीक के साथ भी ,और डॉ के साथ भी,हमे क्या करना है की कौन जीतेगा और कौन हारेगा...तू खुद सोच कर देख क्या हम सबके वफादार नही बन सकते...क्या तू गौरव के प्यार में नही पड़ सकती,और डॉ और मालती को ये लगेगा की तू उनके कहने पर नाटक ही कर रही है ,लेकिन गौरव को तो ये लगेगा की उसने तुझे फंसा लिया है ,क्या मैं रफीक का सबसे अच्छा दोस्त नई बन सकता,फिर से डॉ को यही लगेगा की मैं उसके कहने पर ये कर रहा हु,..”
सपना के चहरे में इस बार मुस्कुराहट आ गई
“तू तो बड़ा दिमाग वाला निकल गया बे,यानी हमे डबल क्रॉस करना है “
रोहन हँस पड़ा
“डबल ट्रिपल जितना भी क्रॉस करना पड़े कर देते है ,साला हमारा क्या जायेगा,हो सकता है उस फार्मूले में ही कुछ ऐसा मिल जाए की हमारा फायदा हो और इसके साथ मुझे पूर्वी भी मिल जाए ..”
रोहन का चहरा खिल गया और उसकी बात सुनकर सपना भी जोरो से हँस पड़ी और उसके गालों को खिंचने लगी,
“साले आखिर में तू आ गया ना अपनी औकात में ..”
रोहन को यही सही मौका लगा और वो खड़े होकर सपना के पैरों में बैठ गया,रोहन सपना के मिनी स्कर्ट के नीचे हाथ घुसकर उसके जांघो को सहलाने लगा,सपना उसके इरादों को समझ चुकी थी..उसके होठो में भी मुस्कान आ गई
“यार ...बहुत दिन हो गए ..”
रोहन जैसे मिन्नत कर रहा था..
सपना ने उसके बालो को अपने हाथो में पकड़ कर उसे अपने जांघो के बीच सरका दिया ..
“मुझे भी ………”
**************
“बल्ला गजब की माल है साली इसे ही तेरी भउजाई बनाऊंगा ..”
सपना ने  अचानक से उस ओर देखा जिस ओर से ये आवाज आ रही थी और उसकी आंखे फ़टी की फ़टी रह गया क्योकी ये रफीक था…
“कसम से भइया जी क्या गांड है साली के “सपना ने बल्ला की निगाहों का पीछा किया वो दोनों पूर्वी को वर्कआउट करते देख रहे थे,पूर्वी भी बीच बीच में उन्हें देखकर मुस्कुरा रही थी ..
“हमको तो लगता है भैया की ये मछली हमारे जाल में फंस ही जाएगी ..क्या बोलते हो “
बल्ला फिर से बोल उठा और रफीक बस मुस्कुरा दिया,सपना ने अपने को चेंजिंग रूम में छिपा लिया,जंहा वो पहले से मौजूद थी जिससे ये दोनों ही बेखबर थे और रूम के बाहर खड़े हुए बाते कर रहे थे ..
“कसम से एक बार मिल जाए ,साला खटिया ही तोड़ देंगे,पूरा U.P. हिला देंगे ..”
बल्ला के साथ साथ रफीक भी हंसा..वही सपना का चहरा पिला पड़ गया
“ये साली तो सोचती है तुम कोई शेख हो ,तुम्हारे सामने तो खेल के दे देगी ,भैया जी ये तो मोनालिसा से भी जबर माल है,”
दोनों फिर से हँसे
“बस बल्ला नाटक चलने दे ,फिर देख कमरिया लापालाप है,जौनपुर से आजमगढ़ तक नंगी दौड़ाकर चोदूंगा साली को ,शेख बनकर क्या पता ये खजूर ही खाने को मिल जाए “
दोनों फिर से खिलखिलाकर हँसे और पूर्वी की ओर बढ़ गए ..
सपना चेंजिंग रूम में उनकी बात सुनकर पसीने से पूरी तरह से भीग गई थी ,उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था लेकिन उसने खुद ये सब सुना था,ये लोग शेख बनकर खजूर खाने के फिराक में थे और खजूर और कोई नही उसकी बचपन की दोस्त पूर्वी थी…...तो केमिकल फेक्ट्री की बात,क्या ये सब झूठ था???
भाड़ में जाए केमिकल फेक्ट्री इन सालों की तो ...वो यही सोचकर बाहर निकली लेकिन फिर उसके दिमाग में कुछ बाते कौंध गई और वो उसके पैर बस वही रुक गए ………..
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nice............
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(27-04-2019, 08:27 PM)mast h baba Chutiyadr Wrote: अध्याय 2
पूर्वी का काम बहुत ही अच्छे से चल रहा था,वो कभी कभी लेट हो जाया करती थी लेकिन फिर भी मेरा ध्यान रखने में उसने कभी भी कोई कमी नही दिखाई…
मुझे भी एक रिसर्च पेपर में काम करना था,मै भी उसमें बिजी रहने लगा था ,कुछ दो ही महीने हुए थे की मुझे मेरे डिपार्टमेंट की HOD ने बुलाया..
“हैल्लो गौरव कैसा चल रहा है तुम्हारा काम ..”
“कुछ खास नही मेम मुझे लगता है मुझे एक असिस्टेंड की जरूरत है ..”
“हा वो तो है लेकिन तुम्हे कोई पसंद आये तब ना,ऐसे मेरे दिमाग में कोई है ..”
मैं उन्हें देखता रह गया,प्रोफेसर मालती की उम्र कुछ  50 साल की होगी ,आंखों में चश्मा लगाए हुए और बल खुले किये इस उम्र में भी कातिल लगती है ,उन्होंने शादी नही की  और दिन रात अपने काम में ही लगी रहती ,मैं उनके साथ कई  रिसर्च का काम कर चुका हु ,वो मुझे बहुत पसंद करती थी,वो कभी मेरी टीचर भी थी और मेरा पहला क्रश भी ...आज भी उन्हें देखकर  मुझे वही आकर्षण दिखाई देता है जो कभी उन्हें पहली बार देखकर दिखा था..
स्लेवलेस ब्लाउज और बिल्कुल हल्के रंग की साड़ी उनकी खासियत थी,जिसमे उनका दूधिया बदन चमक कर दिखाई देता,
“अरे क्या देख रहे हो ..”
मैं चौका ,और उनके अधरों में फिर से वही प्यारी मुस्कान ने घर कर लिया,
“तो मैं कह रही हु की मेरे नजर में कोई है जो तुम्हारी असिस्टेंट बनने के काबिल है ..”
उन्होंने मुझे भेदक नजर से देखा मैं अपने ही ख्यालों में गुम था,
“अगर आप सपना की बात कर रहे हो तो नही ..”
मैंने सीधे शब्दो में कह दिया,सपना मेरी स्टूडेंट रह चुकी थी,अभी वो मालती मेडम के अंडर PhD कर रही थी,मेडम चाहती थी की मैं उसे अपने साथ अपने रिसर्च में रख लू लेकिन मुझे सपना का नकचढ़ा व्यवहार बिल्कुल भी पसंद नही था,उसका टीचर रहते भी मेरी उससे नही बनती थी ,लेकिन एक चीज उसमें थी वो था उसका दिमाग ,बेहद ही तेज दिमाग …
“अरे एक बार साथ काम करके तो देखो,मैं भी उसकी गाइड बनने को तैयार हुई ना..”
“आपकी बात और है मेम ,वो आपकी बात सुनती है लेकिन आपके सिवा वो और किसी की बात नही सुनती,आप तो जानती हो की रिसर्च कितने पेसेंस का काम है और वो मुझे पागल कर देगी ,नही नही वो तो बिल्कुल नही …”
मालती मेडम ने मुझे थोड़ी देर ध्यान से देखा और बड़े ही शांत लहजे में बोली
“देखो गौरव ,मैं तुम्हे जानती हु सपना भी तुम्हारी ही तरह मेरी सबसे फेवरेट स्टूडेंट और अब पीएचडी स्कॉलर है ,उसके व्यवहार को छोड़ दो तो तुम्हे भी पता है की वो कितनी टैलेंटेड और सोर्स वाली है ,वो तुम्हारे लिए वो डेटा ला सकती है जो तुम लाख कोशिस के बाद भी नही पा सकते,वो तुम्हारा कई काम आसान कर देगी,और इस प्रोजेक्ट में तुम्हे ऐसे ही किसी की जरूरत है ,मेरी बात को मान लो ,सपना इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे सही असिस्टेंट है ,और वो तुम्हारे साथ इस प्रोजेक्ट में काम करने के लिए मरी जा रही है,दिन में 10 बार वो मुझसे रिक्वेस्ट करती है की तुम्हे बोलकर तुम्हारा असिस्टेंट बना दु ,वो लायक है और मैं कब तक उसे मना कर पाऊंगी ,मान जाओ इससे सबका फायदा होगा,”
मैं थोड़ी देर तक सोचता रह गया फिर कुछ सोचकर बोला
“लेकिन मेम आप जानती है ना हमारे बीच क्या हुआ था ..”
मेडम जोरो से हँस पड़ी
“तो क्या हुआ तुमने भी तो मुझे प्रपोज किया था,ऐसे उम्र में ये सब होता है ..”
मैं शर्म से पानी पानी हो गया,
“लेकिन मेरी बात अलग थी मेडम,मैं उस समय नादान था,लेकिन सपना तो मेरे घर तक आ गई थी ,इतना बखेड़ा मचा दिया था,पूर्वी से झगड़ा किया,अब अगर पूर्वी को पता चलेगा की मैं उसके साथ काम कर रहा हु तो वो तो मुझे मार ही डालेगी “
मेरी बात सुनकर मेडम की जोरदार हँसी कमरे में गूंज गई
“अच्छा तो इसलिए इतना डर रहे हो ,फिक्र मत करो मैं पूर्वी से बात कर लुंगी तुम भी जानते हो की वो मेरी बात कभी नही टलेगी,और उसे ये भी बता दूंगी की तुम उससे कितना डरते हो ,इससे वो खुश भी हो जाएगी “
अब मेरे पास कहने के लिए कुछ भी नही था सिवाय इसके की मैं मेडम की बात मान लू,तभी मेडम ने एक फोन किया और थोड़े ही देर में कमरे का दरवाजा खुला,सपना के अंदर आते ही माहौल कुछ अलग ही हो गया था,उसके तेवर आज भी वैसे ही थे,उसने बस मुझे एक नजर देखा और फिर मेडम की ओर रुख किया,वही तेज गोरा चहरा ,वही टाइट  जीन्स और टीशर्ट जिसमे उसके उभार सामने गर्व से उठे हुए होते थे,कमर की वो गोलाई और उसके नीचे मटकों से उठे हुए उसके चूतड़ जो जीन्स को फाड़ देने को बेताब लगते थे, दिखाने में भले ही ये कितने भी सुंदर क्यो ना हो लेकिन किसी बम से भी ज्यादा खतरनाक थे ,जिसने भी उन्हें छुवा या छूने की कोशिस की सपना ने उसके परखच्चे ही उड़ा दिए…
बेहद अमीर बाप की नकचढ़ी लेकिन टैलेंटेड बेटी जो कभी मेरे पीछे पागल थी,पता नही मुझ गरीब में ऐसा क्या था जो इन अमीर बाप की बेटियों को मैं पसंद आ जाता हु ,मुझे तो नही समझ आया लेकिन ऐसा था जरूर…
“तो गौरव सर मान ही गए “
सपना ने आते ही कहा
“मान तो ये गया है लेकिन तुम्हे इससे अच्छे से पेश आना होगा,बी प्रोफेसनल ओके…”मेडम थोड़ा स्ट्रिक्ट होते हुए बोली
“ह्म्म्म ओके ..”
बस इतना ही बोलकर वंहा से निकल गई ,मैंने  उसका तेवर देखकर मेडम को इशारा किया और मेडम ने मुझे बस एक आंख मार दी ...
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Supar
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Dr sahab kyo tarsa rahe ho

De do update
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अध्याय 25
“हमने सुना था की जन्नत में हूर होती है लेकिन इस जहां में भी हमे कोई हूर मिल जाएगी ये तो सोचा न था”
रफीक की बात सुनकर पूर्वी खिलखिला उठी ,उसी समय सपना भी उनके पास पहुच चुकी थी ,पूर्वी किसी समान को पकड़ने के लिए नीचे झुकी और उसके टाइट लोवर के कारण उसके चूतड़ पूरी तरह से उभर कर बाहर को झांकने लगे,उसकी पेंटी की आकृति भी साफ साफ दिखने लगी थी,रफीक जैसे उस दृश्य को देखकर बस उसमें भी खो गया था,सपना की नजर उसकी नजरो का पीछा करते हुए उस दृश्य पर चली गई ,उसने तुरंत आसपास देखा ,ऐसे तो पूर्वी के इस कुछ सेकंड के बर्ताव को देखने वाले कुछ ही लोग थे लेकिन जिसने भी इसे देखा उसकी आंखे बस वही जमी रह गई ,इसमें बल्ला और रोहन भी शामिल थे,जबकि रफीक को देखकर तो ऐसा लग रहा था जैसे उसकी सांस ही रुक गई हो…
पूर्वी के वापस उठने पर सभी की सांस फिर से चलनी शुरू हो गई थी,रफीक ने बल्ला की ओर देखा और एक मुस्कान बिखेर दी जैसे कह रहा हो ‘क्या माल है यार ये ‘
वही बल्ला भी आंखों ही आंखों से मुस्कुराने लगा,लेकिन दोनों की ये हरकते सपना से नही छिप पाई,वो कुछ कहना चाहती ही शायद पूर्वी को रफीक का सच बताना चाहती थी लेकिन वो चुप रही उसके दिमाग में और भी कई सवाल घूम रहे थे जिसका जवाब जानना उसके लिए और भी ज्यादा जरूरी था…
जिम में गौरव किसी से कोई बात किये बिना अपना काम कर रहा था ,उसे देखकर ऐसा लगता जैसे वो किसी सपने में खोया हुआ है ,वो पूरी तरह से दुनिया से बेखबर था,रफीक और रोहन के प्यासी नजरो की उसे कोई भी फिक्र नही थी ना ही वो उधर देख ही रहा था,ये तो सिर्फ सपना ही समझ सकती थी की आखिर उसके दिमाग में क्या चल रहा है ,गौरव इसी पशोपेश में था की आखिर वो सपना से कैसे उस फार्मूले को निकलवाये..वो ज्यादा देर तक वंहा रुका भी नही और पूर्वी को वही छोड़कर घर चला गया..
इधर
रोहन पूर्वी और रफीक को सपना ने भी जॉइन कर लिया था..
“तो सपना जी अपने हमारे आफर के बारे में क्या सोचा “
रफीक सपना की ओर मुड़ता है
“मैंने आपको साफ साफ कहा था की मैं दूसरे प्रोजेक्ट में व्यस्त हु और मुझे समय नही मिल पायेगा”
सपना ने दो टूक जवाब दिया
“चलिए कोई बात नही ,लेकिन जब कभी आप फ्री हो हमारा आफर आपके लिए वही रहेगा”
रफीक बेहद ही नम्रता के साथ बोल रहा था
“बिल्कुल बिल्कुल “सपना ने भी हामी भरी
“तो यार रोहन तुम तो हमे शहर घूमने ले जाने वाले थे,और आप भी अपने वादे से खिलाफत कर रही है पूर्वी जी “
रफीक के शराफत भरे लहजे को सुनकर सपना मन ही मन मुस्कराने लगी ,उसे यकीन हो गया था की जो वो रफीक के बारे में सोच रही थी वो कही ना कही सही हो सकता था,वो तैयारी के साथ आया था..
“बिल्कुल शेख साहब ,क्यो ना आज ही कही बाहर चले क्या कहते हो “
पूर्वी ने रोहन को देखा और रोहन ने भी हा में सर हिला दिया
“अरे पूर्वी जी हमे शेख कहकर क्यो हमे शर्मिंदा कर रही हो ,हम शेख के बेटे है ना की शेख है”
“अरे यार शेख का बेटा भी तो शेख ही हुआ ना,तुम हम गरीबो के साथ टाइम बिता रहे हो यही बहुत है”
रोहन लपक कर बोल उठा,बदले मे रफीक ने थोड़ी नम्रता दिखाई और फिर बल्ला की ओर देखा जो की अब भी आंखों से ही मुस्करा रहा था जैसे कह रहा हो की साले बुरी तरह से फंस गए है ..
************
बल्ला के हाथो में एक पिस्तौल थी और उसकी आंखे बिल्कुल लक्ष्य पर टिकी हुई थी ,एक दो तीन ...उसने गोली चला दी और धाय….
“वाओ बल्ला तुम तो गजब के निशानेबाज हो “सपना ने चहक कर कहा,बल्ला के चहरे में मुस्कान खिल गई,वो सपना के साथ उस जंगल के एक हिस्से में अकेला था,पास में बहती हुई नदी का कलरव वातावरण में फैल रहा था,बल्ला का मजबूत शरीर ऊपर से नँगा ही था,उसकी मजबूत भुजाई फड़फड़ा रही थी,वो पसीने से भीगा हुआ था और हांफने के कारण उसकी उभरी हुई मांसल छतिया भी और भी भारी भरकम लग रही थी ,एक बार सपना की नजर उसके जिस्म पर ठहर गई ,वो सच में किसी दानव से कम नही लग रहा था लेकिन फिर भी उसका ये शरीर सपना के यौवन से भरे हुए मन में तरंगे उठाने के लिए काफी था,वो दोनों ही सबसे बहुत दूर आ गए थे,बल्ला का शर्ट नदी के किनारे पड़ा हुए था और एक चिड़िया को मारने के लिए वो बहुत दूर तक भागता रहा था,आखिर वो चिड़िया फड़फड़ाते हुए नीचे गिर गई,सपना भी उसके साथ भाग रही थी और वो भी हांफ रही थी,उसकी स्कर्ट एक कांटे से फंसने के कारण फट चुकी थी,जिससे उसके जांघो का बहुत सा हिस्सा दिखने लगा था,वही पसीने से भीगने के कारण उसकी टीशर्ट भी उसके जिस्म में चिपक गई थी,आदतन या जानबूझकर सपना ने अंदर कोई भी अंतःवस्त्र नही पहने थे और इसी कारण टीशर्ट से उसके बड़े बड़े वक्ष साफ साफ दिख रहे थे,उसके निप्पल उसके काले कलर के टीशर्ट से दिख तो नही रहे थे लेकिन शरीर का हर कटाव ऐसे कपड़ो से चिपक चुका था जैसे दोनों में कोई भेद ही नही रह गया था,बल्ला अपनी तारीफ इस हसीना से सुनकर खुश होने ही वाला था की उसकी नजर सपना पर पड़ गई और जैसे उसकी सांस ही रुक गई हो ,उसने सपना को अपने जिस्म को देखता हुआ पाया,उसने सपना की आंखों में एक लालच देखा जिसे महसूस करके ही उसके जिस्म में एक करेंट सी दौड़ गई थी,वही सपना के जिस्म को देखकर वो खुद को सम्हालने ही वाला था की उसकी नजर नीचे गई जंहा सपना की स्कर्ट फ़टी हुई थी और उसके उजाले जांघो के दर्शन करके बल्ला का बल्ला खड़ा होने लगा था,बल्ला के बल्ले के अकड़न से उसका शार्ट भी थोड़ा उठने लगा था ,सपना का आश्चर्य उस समय और भी बढ़ने लगा जब उसके बल्ला के बल्ले क्यो उठाते हुए देखा,उसे लगा जैसे उसकी ही बल्ले बल्ले हो गई हो ,उसने उस दैत्य शरीर वाले इंसान के लिंग को उठता हुआ देखा,वो कपड़ो की पाबंदी को तोड़ने को आतुर दिख रहा था,ऐसे लगा जैसे बल्ला के जांघो के बीच कोई लोहे का सरिया धीरे धीरे बड़ा हो रहा है,अब वो शायद अपने पूरे आकर में था एक टेंट बन चुका था जो इतना बड़ा था की सपना का मुह खुला का खुला ही रह गया,उसे आभास हुआ की इस दैत्य के पास एक दैत्याकार लिंग भी है जो किसी मूसल से कम कठोर नही लग रहा था,सपना के जांघो के बीच एक अजीब सी हलचल होने लगी ,उसने खुद को सम्हाल और सर उठाकर बल्ला को देखा वो भी उसे ही देख रहा था,ऐसे देख रहा था मानो कोई छोटा और भूखा बच्चा किसी चॉकलेट से बने हुए गुम्बद को देखे ,ऐसे जैसे कोई भूखा कुत्ता किसी मांस के लोथड़े को देखे,लार मानो टपकने के ही कगार में थी,सपना को ये देखकर खुसी हुई की उसने बल्ला का बल्ला खड़ा कर दिया है,अब उसे निचोड़ने की देर थी लेकिन वो अभी सब्र से काम लेना चाहती थी…
“बल्ला चले सब हमारी राह देख रहे होंगे..”
सपना की बात जैसे उसने सुनी ही नही ,सपना ने फिर से दोहराया तो बल्ला हड़बड़ाते हुए इधर उधर देखने लगा..
“अरे सपना जी वो तो खुद में मस्त होंगे हमारी राह कौन देखेगा..”
बात तो सही थी,रोहन और रफीक तो पूर्वी के पीछे हाथ धोकर पड़े थे वंहा सपना और बल्ला को कौन याद करने वाला था,सपना ने भी इसका जवाब मुस्कुरा कर दिया और बिना कुछ बोले नदी की तरफ चल पड़ी,वो निकले तो शहर घूमने थे लेकिन पिकनिक मनाने शहर से बहुत दूर जंगलों में आ गये थे,सपना को बहुत दिनों बाद ऐसी शांति मिल रही थी ,बल्ला भी उसके पीछे पीछे आया ,अब उसके हाथो में तो चिड़िया थी ,उसने पास के घास को जलाकर उसके ऊपर उसे भुनने लगा,सपना नदी के किनारे एक पत्थर में बैठी हुई नदी के सौंदर्य को निहारे जा रही थी.बल्ला भी वही पहुच गया और ना जाने उसे क्या हुआ उसने अपनी अंजली में पानी भरकर सपना की ओर उछाल दिया,सपना की तंद्रा जैसे टूट गई और वो एक बार के लिए ही हड़बड़ा सी गई ,फिर उसे बल्ला की शरारत समझ आयी ,वो हंसती हुई उसे मना करने लगी लेकिन वो नही माना ,सपना भी नदी में उतर गई थी और उसने भी बल्ला की ओर पानी फेकना शुरू कर दिया दोनों खिलखिला रहे थे,सपना सोच भी नही सकती थी की बल्ला जैसा आदमी कभी हँस भी सकता है वो भी इतनी मासूमियत के साथ ,दोनों ही भीग चुके थे सपना के पूरे कपड़े पूरी तरह से भीग चुके थे लेकिन दोनों को ही इसकी फिक्र भी नही थी ,
बल्ला सपना के करीब आ चुका था और उसने उसे किसी बच्चे की तरह उठा लिया और हवा में लहरा दिया,सपना को तो ये यकीन ही नही आ रहा था की कोई इतना ताकतवर कैसे हो सकता है,वो बल्ला के सामने कोई छोटी सी गुड़िया लग रही थी,जिसे बल्ला जैसे चाहता वैसे ही घुमा देता लेकिन सपना को इससे बहुत ही खुसी भी मिल रही थी,उसने कभी किसी के साथ ऐसी मस्ती नही की थी,इतने ताकतवर इंसान के हाथो में वो किसी कठपुतली की तरह थी लेकिन ऐसा बनना भी उसे बहुत ही सुकून दे रहा था ,वो बल्ला की कायल हुए जा रही थी,कहा सपना उसे फसाना चाहती थी और कहा वो खुद ही बल्ला की दीवानी हुए जा रही थी,लेकिन उसने डिसाइड किया था की वो इस पल को पूरे जस्बे के साथ जियेगी ,उसने अपने दिमाग में चल रहे सभी जदोजहद को थोड़ी देर के लिए भूल जाना ही मुनासिब समझा था…
वो खिलखिलाती हुई बल्ला के सीने में आ समाई,बल्ला अब भी उसे हवा में उठाये हुए था,दोनों के बीच कोई बातचीत भी नही हो रही थी ,और उसकी कोई जरूरत भी नही थी ,बल्ला अचानक उसकी आंखों में देखने लगा,उसने सपना को थोड़ा नीचे किया,अब सपना की बांहे बल्ला के गले में फसी हुई थी वही उसकी छतिया बल्ला के सीने से चिपकी हुई थी,दोनों की आंखे मिल चुकी थी लेकिन कोई भी एक शब्द बोलने को राजी नही था,दोनों ही एक दूसरे को देख रहे थे और ये क्या ….सपना ने शर्माकर अपना सर बल्ला के कंधे पर टिका दिया,सपना शरमाई ये तो सपना को भी यकीन नही हो रहा था,लेकिन ये सच था,वही बल्ला ने उसके सर को चूमा ,शायद ये बल्ला को भी यकीन नही हो रहा था की इतनी हसीन लड़की उसके इतने करीब है ,वो कही भी चूम सकता था लेकिन उसके उसके बालो को चूमा ,उसके हाथ कही भी जा सकते थे लेकिन वो उसके कमर से नीचे नही गए,उसके जांघो के बीच अकड़न होनी चाहिए थे लेकिन उसके दिल में एक अजीब सी कसीस उठ रही थी ,बल्ला के लिए और सपना के लिए दोनों के लिए ये बेहद ही नई बात थी,वो कुछ समझ ही नही पाए और सपना जल्दी से नीचे उतर कर जाने लगी ,वही बल्ला बस उसे खड़ा हुआ देख रहा था,उसे अब भी यकीन नही हो रहा था की आखिर उसके साथ ये क्या हो रहा है ……….
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To ye hui pehli aur ab tak ki kahani me pehli prem kahani ki shuruat.. (?????) aisa mujhe laga... Sapna aur balla ko lekar....

Dekhte hain dr sahab iska bhi shayad koi raaz kholein
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amazing thriller bro
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Nice update
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(24-06-2019, 12:00 AM)kamdev99008 Wrote: To ye hui pehli aur ab tak ki kahani me pehli prem kahani ki shuruat.. (?????) aisa mujhe laga... Sapna aur balla ko lekar....

Dekhte hain dr sahab iska bhi shayad koi raaz kholein

Dhanyawad kamdev di...
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(24-06-2019, 05:40 PM)koolme98 Wrote: amazing thriller bro

Dhanyawad koolme....
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(25-06-2019, 08:10 AM)Eswar P Wrote: Nice update

Dhanyawad eswar...
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अध्याय 26
इधर
पूर्वी को पटाने की कोशिश रफीक और रोहन में जोरो शोरो से चल रही थी ,लेकिन अभी तक कोई भी कन्फर्म नही था की कौन सक्सेसफुल हुआ है,जंगल में सपना और बल्ला गायब हो गए थे जिसकी अभी तो किसी कोई भी फिक्र नही थी ,सभी एक झील के किनारे बैठे बाते कर रहे थे,
पूर्वी ने एक स्कर्ट ,शर्ट और उसके ऊपर एक जैकेट डाली थी,वो बहुत ही प्यारी लग रही थी,
“कुदरत ने आपको बड़े ही प्यार से बनाया है पूर्वी जी “
रफीक मानो उसके शरीर का स्कैन करते हुए बोला,पूर्वी को भी पता था की रफीक आखिर उसके किन अंगों को घूर रहा है लेकिन उसके होठो में एक मुस्कान आई जिससे रफीक की हिम्मत थोड़ी और बढ़ गई ..
वो उसके और भी करीब सरका..
“यारो क्यो न यंहा मछलियां पकड़ी जाए सुना है यंहा की मछलियां बेहद ही स्वादिस्ट होती है”
रोहन अपने बेग एक स्टिक निकलते हुए बोला..
“मुझे तो गोश्त पसंद है ,मछलियां तुम ही पकड़ो “
रफीक ने सीधे शब्दो में कहा वही पूर्वी ने भी न में सर हिला दिया,रोहन बुझे मन से ही सही लेकिन मछलियां पकड़ने थोड़ी दूर झील में बने एक पत्थर में जा बैठा..
रफीक और पूर्वी बैठे हुए उसे ही देख रहे थे..
“पूर्वी जी आपका हुस्न..”
रफीक कुछ बोलने ही वाला था की पूर्वी ने उसे रोक दिया
“यार रफीक तुम मुझे बोर कर रहे हो ,जब से क्या हुस्न हुस्न लगा कर रखा है,जनाब के पास इसके अलावा बात करने का कोई दूसरा टॉपिक नही है क्या??”
पूर्वी ये कहते हुए थोड़ा हंसी ..
“साहिबा जब से आपको देखा है तब से सपनो में आप ही दिखती है और जब आप सचमुच में मेरे सामने है तो कैसे आपकी तारीफ ना करे..”
पूर्वी उसकी बात सुनकर खिलखिला कर हँस पड़ी और प्यार से उसके गालों पर एक चपत मार दी ..
“मुझे लाइन मरना छोड़ो और बताओ की आखिर यंहा किस काम के लिए आये हो..”
रफीक ने एक गहरी सांस भरी
“हमारे अब्बू की तमन्ना थी की हम यंहा एक केमिकल फेक्ट्री डाले,बस उसी सिलसिले में हम यंहा पर आये है “
“हम्म्म्म क्या काम शुरू हो गया??”
“अभी तक तो नही लेकिन हो जाएगा”
“अब आप ऐसे हमारे साथ छुट्टियां मानते रहे तो काम कैसे शुरू होगा शेख साहब ..”
रफीक ने एक बार पूर्वी को घुरा ..
“हमने कितनी बार कहा की हम कोई शेख नही है हम तो शेख के बेटे है,ऐसे भी मुझे वंहा की जिंदगी पसंद ही नही आती,ये इंडिया मेरा घर है,मैं यंही जन्म लिया,और यंही बसना चाहता हु,”
रफीक आसपास ऐसे देख रहा था जैसे वो सचमे बहुत ही सेंटी हो गया हो ..
पूर्वी ने इस बार अपनी आवाज धीरे कर ली 
“तो यंहा बसने के लिए फेक्ट्री के अलावा और भी कुछ ढूंढ रहे है रफीक साहब “
पूर्वी ने इतने मदहोश लहजे में बात कही थी की रफीक एक बार उसके चहरे को ही देखता रह गया था,उसकी मासूम सी आंखे और उसके नाजुक जुबानों का हिलना,बालो की वो लट जो ठंडी हवा में लहराते हुए उसके मुखड़े तक आ जाती थी,वो जैसे मंत्रमुग्ध हुआ बस उसके चहरे को देख रहा था..
“कहा खो गए साहब..”
“उजाला...तेरे चहरे का उजाला...कुछ ऐसा है जानम, की दिन भी यही हो और सपने इसी के …”वो बोलता हुआ थोड़ा पास आया 
“किस्मत….किस्मत तू मेरी ,मेरी कहानी,हम है इसी के…”
वो थोड़ा और पास आया और अपने हाथो से पूर्वी के बालो की लट को हल्के से उसके चहरे से हटाने लगा..
“जल्फे...जल्फे ये तेरे ,जैसे बादल हो काली,ये होठो की लाली,मर जाए इसमें..”
पूर्वी की आंखे उसकी आंखों से मिली थी,उसके होठ फड़फड़ाने लगे थे रफीक और भी पास आ चुका था,और दोनों की ही सांस एक दूसरे से टकरा रही थी
“जन्नत...जन्नत ये सांस है तेरी... जो मेरी... सांसों से टकरा के छूती मुझीको..”
उसके होठ और भी पास आ चुके थे,पूर्वी उसके मर्दाने शरीर को महसूस कर सकती थी उसके हाथ पूर्वी के जंहा पर थे..
“दौलत...दौलत है मेरी ,तेरा जिस्म है ये,जन्नत हमारी ..”
उसका हाथ जांघो को सहलाता हुआ थोड़ा आगे को बढ़ा और उसके होठो लगभग पूर्वी के होठो से टकराने वाले थे,
“शोहबत..शोहबत में तेरी..”
पूर्वी ने जोरो से उसके होठो को अपने जांघो में आगे बढ़ने से रोक लिया,और अपने होठो को थोड़ा दूर किया,और बोल पड़ी
“शोहबत में तेरी है दोस्ती की खशबू..ना बिगाड़ो इसे तुम ..है मिन्नत हमारी..”
पूर्वी की बात सुनकर रफीक तुरंत ही उससे अलग हो गया...पूर्वी के होठो में मुस्कान थी और रफीक पूरी तरह से लाल हो चुका था,उसने एक गहरी सांस ली 
“मोहोब्बत है तुमसे यू लगता है मुझको,तुम जो मिली तो हो किस्मत हमारी ..”
वो झेंपता हुआ ही सही लेकिन बोल गया था,उसने एक बार पूर्वी की तरफ देखा जैसे पूछ रहा हो की वो क्या जवाब देना चाहती है,पूर्वी ने कुछ भी नही कहा बस रोहन को देखने लगी जो की अभी मछली पकड़ने में व्यस्त था,और धीरे से उसने रफीक के हाथो को अपने हाथो में ले लिया ..
“यू हादसों से मोहोब्बत नही होती ये दोस्त,उम्र गुजर जाती है इकरार करते करते..”
पूर्वी ने फिर से रफीक को देखा जिसके होठो में एक मुस्कान आ चुकी थी,वो अब भी पूर्वी को समझ नही पा रहा था,वो उसका हाथ पकड़े हुए थी उसकी हरकत का भी उसने कोई बुरा नही माना था लेकिन फिर भी वो बड़े ही प्यार से उसे ना भी कह रही थी,इतने प्यार से की कही ना कही रफीक के दिल में पूर्वी के लिए सच में एक प्यार या यू कहे की सम्मान वाली भावना का जन्म हो गया था...उसने जवाब में सहमति में सर हिलाया..
“हर सितम सहूंगा,उफ तक ना कहूंगा,एक बार कह तो दो अपना ,मर कर भी तेरा ही रहूंगा..”
पूर्वी उसकी शायरी सुनकर जोरो से हँस पड़ी..
“ये क्या फटे हुए शायरों वाली शायरी बोल रहे हो ,और प्यार जानते हो ना क्या है,ग़ालिब ने कहा है कि...एक आग का दरिया है और डूब के जाना है..”
दोनों ही एक दूसरे को मुस्कुराते हुए देख रहे थे.रफीक ने अपना हाथ पूर्वी के उस हाथ पर रख दिया जिससे उसने उसके हाथो को पकड़ रखा था..
“हर आग में डूबने को तैयार हु पूर्वी तुम एक बार बोलो तो सही ..”
पूर्वी ने सीधे रफीक की आंखों में देखा,ये अजीब सी प्यार वाली फिलिंग थी जिसे आजतक उसने कभी किसी की आंखों में नही देखी थी,ना ही गौरव ना ही रोहन ये अलग ही तरह का आशिक था,एक अलग ही दर्द था रफीक की आंखों में जैसे बहुत कुछ कहना चाहता हो इतनी बोलती हुई थी उसकी आंखे ..पूर्वी तो एक बार डर ही गई और उसने तुरंत ही अपने हाथो को उसके हाथो से हटा लिया ..
“मैं तुम्हे किसी आग में नही झोंकना चाहती रफीक,तुम मुझे अच्छे इंसान लगे ,हम अच्छे दोस्त बन सकते है इससे ज्यादा कुछ भी नही ,शायद तुम्हे नही मालूम की मैं शादीशुदा हु ..”
पूर्वी की बात सुनकर इस बार रफीक ने एक अंगड़ाई ली …
“शायद तुम्हे इंसान की परख नही है पूर्वी ,मैं कोई अच्छा इंसान नही हु जिसे तुम आग में ना झोको,मैं ना जाने कितने ही आग से खेलकर यंहा तक पहुचा हु ,दूसरी बात तुम्हारे शादीशुदा होने की बात तो मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता ...मैं फिर भी तुम्हे उतना ही प्यार करूंगा ..”
पूर्वी ने आश्चर्य से उसे देखा 
“मतलब ..”
“मतलब जब शादी में प्यार ना रह जाए तो वो शादी नही होती,बस एक बंधन होता है और उसे तोड़ देना ही मुनासिब होता है,”
एक बार पूर्वी रफीक के आंखों में देखने लगी उसे ऐसा लगा जैसे वो भी उसकी आंखों की गहराई में उसके सच को खोज रहा है…
वो हड़बड़ाई..
“तुम पागल हो गए है क्या,मैं अपने पति से बहुत खुश हु ..”
उसने हड़बड़ाते हुए कहा ..
“मैं तुम्हारी आंखे और उसमें से छलकते हुए जज़बातों को समझ सकता हु पूर्वी ,और मैं जानता हु की तुम झूठ बोल रही हो..”
पूर्वी को जैसे एक झटका लगा और वो उठकर खड़ी हो गई 
“तुम कुछ भी बोल रहे हो..”वो रोहन की ओर बढ़ने लगी 
“याद रखना पूर्वी आदमी झूठ बोलता है लेकिन उसकी आंखे नही ..”
रफीक अभी रेत में लेट गया था उसकी बातों में एक कांफिडेंस था ,पूर्वी आश्चर्य से एक बार फिर से उसे देखा,वो अंदर तक हिल चुकी थी जैसे उसे लगा की कोई सच उसके सामने रख दिया गया हो..लेकिन उसने अपना सर हिलाया और रोहन की ओर जाने लगी ………
**********
पूर्वी रोहन के पास जाकर बैठ चुकी थी और अपने ही ख्यालों में खोई हुई पानी में उठते हुए लहरों को निहारे जा रही थी..
“क्या हुआ ऐसा क्या बोल दिया उसने जो ऐसे गुमसुम होई गई हो “
रोहन बहुत देर से चुपचाप ही पूर्वी को ऐसे बैठे हुए देख रहा था,
“ऐसे लगा जैसे सच बोल गया हो ….”
पूर्वी ने बहुत धीरे से कहा और रोहन उसका मतलब समझने की कोशिश करने लगा ,लेकिन कुछ समझ ही नही पाया.
“क्या ??”
“कुछ नही कितनी मछलियां पकड़ी तुमने “
पूर्वी अपना मुड़ ठीक करने के लिए बोली..
“एक ही मछली के पीछे तो पड़ा हु लेकिन जाल में फसती ही नही “
रोहन का इशारा पूर्वी समझ चुकी थी,उसके होठो में मुस्कान आ गई ..
“फसाने की कोशिश करोगे तो कैसे फसेंगी ,उसे तो तुम प्यार से भी पा सकते हो “
पूर्वी ने मुस्कुराते हुए कहा और रोहन ने अचानक ही उसे देखा 
“मेरे प्यार में क्या कमी है पूर्वी जो वो मुझे नही मिल रही ..”
रोहन की आवाज में एक गंभीरता थी 
“समय रोहन समय ..जब मिली थी तो तुमने कद्र नही किया ,अब वो समय निकल चुका है “
रोहन को बीती हुई सारी बात जैसे एक ही बार में याद आ गई 
“अब कोई चांस..???”
रोहन ने फिर से अपना बच्चों वाला लुक दिखाया ..और पूर्वी खिलखिला उठी 
“तुम बच्चे ही हो रोहन ,चांस तुम्हे मिल चुका था जिसे तुमने गवा दिया ,अब चांस मिलेगा नही खुद ही बनाना पड़ेगा ..”
पूर्वी मुस्कुराते हुए उसे देखने लगी,सपना और बल्ला को आता हुआ देख कर वो उठकर उनके ओर जाने लगी ……..
और रोहन …
मानो मन में लड्डू फुट गए,लगा जैसे अब भी इस अंधेरे में उजाले का आसरा बाकी है …...
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