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मम्मी अपनी आँखें बंद करके और सर को सोफे पर पीछे की तरफ टिका कर एकदम शांत बैठी रही / मैंने मम्मी के सर को दबाते हुए ही मम्मी के सर को अपनी तरफ थोडा सा झुका लिया और मम्मी के गालों पर एक धीरे से चुम्मी ले ली / मम्मी के होंठ सिर्फ मुस्कुरा दिए और मम्मी कुछ नहीं बोली / मैंने फिर से अपने होंठ मम्मी के होंठों पर टिका दिए और धीरे से मम्मी के होंठों को चूसने लगा और अपनी जीभ से भी चाटने लगा / मम्मी ने भी जवाब में अपने होंठों को थोडा सा खोल दिया था जिस से मुझे मम्मी के होंठों को चूसने में आसानी हो रही थी / मैंने मम्मी के होंठों को चूसते हुए अपनी जीभ को मम्मी के मूंह में दाल दिया जिसको मम्मी ने अपने होंठों से जकड लिया और चूसने लगी / मम्मी के ऐसा करते ही मेरे लौड़े एकदम से खड़ा हो गुया / मैं मम्मी के साथ और भी जुड़ गया मम्मी को टच करके मुझे बड़ा मजा मिल रहा था (दोस्तों, जो ऐसे अपनी मम्मी के साथ टच हुआ है वो ही ऐसा मजा जान सकता है, जब उसका लौड़ा भी खड़ा हो और गदराई मम्मी भी पास में खड़ी हो और खुछ भी न बोल रही हो) /
// सुनील पंडित //
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फिर मैंने अचानक ही मम्मी को चूमना छोड़ दिया और फिर से मम्मी का माथा सहलाने लगा / मैं समझ गया था की मम्मी अब पूरी तरह से गर्म हो चुकी है और मेरी हर बात मानेगी / डॉली दो पता था कि आज मैं और मम्मी अकेले हैं, उसने भी जानबूझ कर शायद हम दोनों को अकेला छोड़ा था /
तभी डॉली का मोबाइल पे फोन आया तो मम्मी ने उठाया तो मम्मी ने पुछा – डॉली तुम्हारी मम्मी की तबियत कैसी है?
डॉली – हम्म मम्मी जी मम्मी को दवाई का अब कुछ कुछ फर्क है, लेकिन मुझे यहाँ पर मम्मी का ध्यान रखने के लिए कुछ दिन रहना पड़ेगा / आप कैसी हो मम्मी जी, और रवि कैसे हैं?
मम्मी बोली – मैं और रवि दोनों बहुत ठीक हैं डॉली, तुम यहाँ की चिंता मत करो, हम एक दुसरे का पूरा ध्यान रखेंगे |
डॉली – मैं जानती हूँ मम्मी जी आप और रवि एक दुसरे को कितना प्यार करते हैं, रवि मेरे साथ रहते हैं फिर भी आप की ही माला जपते रहते हैं कि मम्मी ऐसी है, मम्मी वैसी है, मुझ से ज्यादा तो वो आज भी आपको ही प्यार करते हैं, यह मैं जानती हूँ |
// सुनील पंडित //
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यह सुन कर मम्मी के दिल में घंटियाँ बजने लगी | उधर से डॉली की आवाज़ आई –
डॉली – मम्मी जी, मुझे आपको एक और जरूरी बात बतानी हैं /
मम्मी – हाँ हाँ डॉली, बताओ, क्या बताना है ?
डॉली – मम्मी, एक बात का ध्यान रखना, इनको शराब मत पीने देना, शराब पीने के बाद इनको होश नहीं रहता की ये क्या कर रहे हैं और क्या बोल रहे हैं और सुबह उठते ही सब कुछ भूल जाते हैं / इनको लगता है की जैसे रात में कोई सपना देखा हो / कई बार तो जब ये शराब पी कर आते थे तो मुझसे प्यार करते हुए भी मुझे आपका नाम लेकर बुलाते थे और बुरी तरह से प्यार करते थे, आप समझ रहे हो ना, मैं क्या कहना चाहती हूँ /
मम्मी : हां डॉली, मैं समझ रही हूँ (यह बोलते हुए मम्मी का चेहरा लाल हो गया था, मम्मी के मन में यह चल रहा था की जब मैं डॉली को चोदता था तो मम्मी को याद करते हुए मतलब डॉली को मम्मी समझ कर चोदता था) मैं समझ सकता था की यह सुनकर मम्मी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया होगा /
मम्मी से बात करते ही डॉली बोली – मम्मी जरा अपने बेटे को भी फोन दीजिये मैं थोडा इनसे भी बात कर लूँ /
मम्मी – हाँ हां डॉली, अभी लो / यह कहकर मम्मी ने अपना मोबाइल मेरी तरफ कर दिया और बोली – ले रवि, डॉली से बात कर लो मैं जरा बाथरूम तक जा कर आती हूँ / मम्मी मुझे अपना मोबाइल दे कर बाथरूम चली गई /
मैं : हां डॉली, बोलो मेरी जान / क्या कहना चाहती हो /
डॉली : कहना क्या है मेरी जान / मम्मी को मैंने दाना दाल दिया है / मैंने बोल दिया है की तुम शराब पी कर बहुत बुरी तरह से सेक्स करते हो और सुबह होते ही सब कुछ भूल जाते हो / अब देख लो तुम्हे कैसे और क्या क्या करना है मम्मी के साथ ? यह बोलकर डॉली ने बाय कहा और फोन काट दिया /
मैंने मम्मी से पूछा मम्मी अब आपका दर्द कैसा है ?
मम्मी – हां रवि बेटे, अब तो कुछ आराम मिला है, तुम तो बहुत ही अच्छा दबाते हो, कहाँ से सीखा (मम्मी के होंठों पर तडपाने वाली मुस्कान थी) / मैंने मम्मी की तरफ देखा तो समझ गया की मम्मी अभी मूड में है / मैंने कहा – और कहाँ से सीखूंगा मम्मी, तुम्हारी बहु डॉली को दबाता रहता हूँ, तो धीरे धीरे अब सीख गया हूँ / मम्मी, अगर आप कहो तो मैं रोज़ आपको दबा दिया करूँगा /
यह बोलकर मैं मम्मी की तरफ देखने लगा / मम्मी ने शर्माते हुए अपना मूंह नीचे कर लिया और बोली – हाँ हाँ क्यों नहीं, जब जब जरुरत होगी तो मैं तुम्हे ही तो बोलूंगी ना / अच्छा अब सब छोडो, सोने की तैयार करते हैं / मैं टाइट सूट डाल कर आती हूँ /
मैंने कहा – अरे मम्मी, आपका और डौली का साइज़ एक जैसा ही है, आप ऐसा करो डॉली का नाईट सूट डाल लो ना /
मम्मी ने भी ज्यादा कुछ कहा नहीं और मेरी अलमारी की तरफ गई / अलमारी में मेरे और डॉली के कपडे एक साथ ही रखे हुए थे / अंदर ही शराब की बोतल और दो गिलास रखे हुए थे / मम्मी ने जब अलमारी खोली तो बोली – अरे रवि, ये क्या, अंदर शराब रखी हुई है?
मैं : ओ हाँ मम्मी, वो जब मेरा बहुत दिल करता है तो थोड़ी सी पी लेता हूँ /
मम्मी : ओ समझी, लेकिन ये दो गिलास क्यूँ रखे हैं?
मैं : वो वो ... असल बात या है कि (मैंने घबराने की एक्टिंग करते हुए कहा)
मम्मी : हाँ हाँ बोलो बोलो न वो वो क्या कर रहे हो /
मैं : मम्मी वो बात ये है कि कभी कभी डॉली भी मेरे साथ पी लेती है /
मम्मी: (हैरान होते हुए) ओह, अच्छा , डॉली भी पीती है /
मैं : हाँ मम्मी जी, कभी कभी /
मम्मी: अच्छा ये पीने से क्या होता है, कुछ ताकत वगैरह आ जाती है क्या ?
मैं : हां मम्मी, इसको पीने से सारी थकावट दूर हो जाती है / और अगर शरीर में कहीं दर्द हो तो वो भी दूर होता है /
मम्मी : अच्छा ऐसी बात है क्या? फिर तो जब मुझे भी कभी थकावट होती या किसी तरह का दर्द होगा तो मैं भी पी सकती हूँ /
मैं : हाँ मम्मी क्यों नहीं, जब आपका दिल करे आप यहाँ से ले कर पी सकते हो या आप मुझे बता देना /
मम्मी : हम्म, ये ठीक है, अगर जरूरत होगी तो मैं बता दूंगी, ठीक है !
मैं : ठीक है मम्मी /
(फिर मम्मी ने सोचते हुए कहा)
मम्मी : अरे बातों बातों में भूल ही गई मैं तो डॉली का नाईट सूट लेने के लिए अलमारी खोली थी / यह बोलकर मम्मी ने डॉली का नाईट सूट निकला और बाथरूम की और चली गई / मम्मी जब डॉली का नाईट सूट दाल कर बहार निकली तो मैंने देखा की मम्मी शर्मा रही थी / डॉली का नाईट सूट कुछ कुछ मम्मी को टाइट था / मम्मी के मुम्मे, डॉली से दो नंबर बड़े लग रहे थे / मम्मी के बूब्स टी शर्ट में बड़े बड़े और टाइट लग रहे थे और पजामे में मम्मी की गांड भी बहार की तरफ आ रही थी / कहने का मतलब यह था की मम्मी का साइज़ डॉली के साइज़ से थोडा बड़ा था और मम्मी भरी भरी हुई थी / मम्मी का बदन डॉली का नाईट सूट डालने के बाद भी एकदम अलग से नज़र आ रहा था / मेरा तो दिल कर रहा था की अभी उठकर मम्मी के दोनों मुम्मों को दोनों हाथों में पकड़ कर जोर से मसल दूँ /
हाय मम्मी
// सुनील पंडित //
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14-09-2024, 09:16 AM
(This post was last modified: 14-09-2024, 09:22 AM by suneeellpandit. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
मम्मी ने मेरी तरफ देखा और बोली – रवि देखना डॉली का नाईट सूट जरा सा टाइट है न / मैं इसमें थोड़ी सी मोती लग रही हूँ ना / मैंने मम्मी के पुरे बदन को ऊपर से नीचे की तरफ घूरते हुए देखा और फिर मेरी नज़र मम्मी के भारी भारी मुम्मों जाकर रुक गई /
मैंने मम्मी के दोनों मुम्मों को बारी बारी से घूरते हुए कहा – अरे नहीं मम्मी आप मोटे कहाँ लग रहे हो आप तो बहुत ही मस्त लग रहे हो / (मेरे मूंह से अचानक ही “मस्त” निकल गया तो मम्मी ने एकदम से मुझे देखा और बोली – क्या लग रही हूँ ?
तो मैंने अपने आप को सँभालते हुए कहा – अरे मम्मी, मेरा मतलब था की आप मोटे नहीं लग रहे आप तो मुझे ऐसे ही बहुत सुंदर लगते हो /
मम्मी : अच्छा मैं सुंदर लग रही हूँ / मुझसे तो ज्यादा डॉली सुंदर है ना /
मैं : नहीं मम्मी, ऐसी बात नहीं है / मुझे तो आप डॉली से ज्यादा सुंदर लगते हो / हर तरफ से /
मम्मी : हर तरफ से? क्या मतलब?
मैं : अरे मम्मी, मैं आपको बचपन से ही देखता आया मुझे तो आप हमेशा से ही पसंद रहे हो / जब मैंने डॉली को पहली बात देखा तो मुझे डॉली दो देख कर ऐसा ही लगा कि मैं डॉली को नहीं आप ही को देख रहा हूँ /
मम्मी : हाय रवि, तुम मुझे इतना प्यार करते हो क्या ? (यह बोल कर मम्मी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैंने भी मम्मी की पीठ पर अपनी दोनों बाँहों को जोर से दबा लिया और मम्मी को अपनी छाती से चिपका लिया जिस से मम्मी के मुम्मे मेरे सीने में दब गए /
कुछ देर मम्मी को दबाने के बाद मैंने मम्मी को आजाद कर दिया / मम्मी और मैं दोनों अलग हो गए / मम्मी का मूंह शर्म से लाल हो रहा था / मम्मी समझ रही थी की मैंने मम्मी को जानबूझ कर जोर जोर से बाँहों में दबाया था / मम्मी शरमाते हुए बोली – अच्छा रवि, चलो अब सो जाते हैं / मुझे तो नींद आ रही है / कहते हुए मम्मी बेड के दूसरी तरफ चली गई और एक कोने पर लेट गई और मेरी तरफ पीठ कर ली /
मैंने मम्मी को कहा – मम्मी अगर आप को बुरा न लगे तो मैं एक – दो पेग शराब के पी लूँ /
मम्मी बोली – क्या बात है रवि, अब सो जाओ, शराब क्यों पीनी है ?
मैं : वो मम्मी, ऐसी बात है कि मुझ आपकी बहु डॉली की बहुत याद आ रही है / बड़े समय के बाद उस से अलग हुआ हूँ न ऐसे में अगर एक दो घूँट शराब के पी कर सोऊंगा तो उसकी याद नहीं आयेगी /
मम्मी : ठीक है रवि, अगर तुम्हारा इतना ही दिल कर रहा है तो, तुम पी सकते हों मैं तो सो रही हूँ / तुम पीने के बाद लाइट बंद कर देना और सो जाना, ठीक है /
मैं : ठीक है मम्मी, आप सो जाओ, मैं पीने के बाद लाइट बंद कर के सो जाऊंगा /
मम्मी : ठीक है (यह कहकर मम्मी ने मेरी तरफ पीठ कर ले और सोने की कोशिश करने लगी /
मैंने अलमारी से शराब की बोतल के साथ एक गिलास निकला और थोड़ी थोड़ी करके शराब पीने लगा / जैसे जैसे शराब का नशा मुझ पैर हावी होने लगा मुझे डॉली की याद और भी तड़पाने लगी थी / ये कैसे हो सकता था की मम्मी मेरे ही बेड पर सो रही हो और मेरे लौड़े में हलचल न हो / डॉली ने मुझे बता ही दिया था कि मम्मी को उसने बता दिया था की मुझे शराब पीने के बाद कुछ याद नहीं रहती (जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी, बल्कि सच यह था कि मुझे सब कुछ याद रहता था और शराब पीने के बाद मेरे लौड़े में सख्ती बढने लगती थी और वो बैठने का नाम नहीं लेता था, जब तक की वो किसी की बुरी तरह से ठुकाई न कर ले)
मैंने मम्मी की तरफ देखा मम्मी मेरी तरफ पीठ करके लेती हुई थी और मम्मी के बड़े बड़े चूतड़ डॉली की नाईट पेंट के अंदर से बहार की तरफ पूरी तरह से उभरे हुए थे / जब मम्मी ने डॉली का नाईट सूट डाला था तो मैंने देख लिए था की मम्मी के भारी भारी मुम्मे पूरी तरह से मस्ती से हिल रहे थे जैसे पानी के भरे हुए गुब्बारे हों / और मम्मी के मस्ती भरे चूतड़ भी मेरे लौड़े में हलचल मचाने के लिए काफी थे / इसका मतलब मैं समझ गया था की मम्मी ने भी डॉली की रात को ब्रा और पेंटी नहीं डाली हुई थी / यही बात डॉली ने भी मुझे बताई थी की मम्मी और मैं रात को घर में पेंटी और ब्रा नहीं डालते हैं / शादी के कुछ ही दिनों बाद मम्मी ने डॉली को ब्रा और पेंटी रात में डाल कर सोने के लिए मना कर दिया था /
जैसे जैसे शराब मेरे अंदर जा रही थी मेरे लौड़े में तनाव बढता जा रहा था / मुझे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे मेरा लंड पत्थर की तरह से सख्त हो रहा था और मेरे लौड़े के उपर नसों का उभार मुझे महसूस हो रहा था / मेरा दिल कर रहा था की मम्मी के कपड़ों को खींच कर उतार दूँ और मम्मी की चूत में अपने लम्बे मोटे लौड़े को एक झटके में अंदर डाल कर अपना पानी मम्मी की छूट में खाली कर दूँ /
मैंने मम्मी की तरफ देखा तो मम्मी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी / मम्मी की टीशर्ट उनके मुम्मे वाली जगह पर टाइट हो रही थी / मैं समझ सकता था कि मम्मी के बड़े बड़े मुम्मों की वजह से वो जगह टाइट हो रही थी / मम्मी के भारी मुम्मों का ही तो मैं दीवाना था / मम्मी को जब भी मैं घर के काम करते देखता था तो मम्मी के हिलते हुए मुम्मे मुझे दीवाना बना देते थे / मैंने इन दो बड़े बड़े आमों को अपने हाथों से महसूस करना चाहता था / मैं बिस्तर पर लेट गया /
मैं अब मम्मी के साथ जा कर लेट गया / मम्मी चुपचाप दूसरी तरफ सर करके लेटी हुई थी / मैं धीरे से बिस्तर पर खिसकते हुए मम्मी के पास चला गया मैंने अब शराबी होने का नाटक शुरू करना था / मैंने मम्मी की गांड के ऊपर अपना एक पैर रखते हुए बोला – डॉली मेरी जान, इधर मूंह करो न / उधर क्या है / तुम्हारा दीवाना इधर है /
मैंने मम्मी को अपनी तरफ करते हुए मम्मी को बाँहों में भर लिया / मम्मी बोली – अरे रवि, मैं डॉली नहीं मैं तुम्हारी मम्मी हूँ, होश में आओ /
मैं : अरे डार्लिंग क्यों मजाक करती हो / मुझे पता है तुम मुझे शराब पीकर अपने पास नहीं आने देना चाहती इसलिए ऐसी बात कर रही हो / पर मैं क्या करू डॉली डार्लिंग, तुम्हें तो पता है कि जब तक मैं तुम्हे जी भर के प्यार न कर लूँ मुझे अछे से नींद नहीं आयेगी / देखो तो सही, मेरा लौड़ा कितना टाइट हो रहा है / ये तुम्हारी मुनिया से प्यार करना चाहता है / आओ ना प्यार करते हैं और मजे लेते हैं /
// सुनील पंडित //
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यह कहकर मैंने मम्मी को अपने से जोर जोर से अपने सीने से दबा लिया और एक हाथ से मम्मी के टीशर्ट को ऊपर की तरफ उठा कर मम्मी के मुम्मे आजाद कर दिए / टीशर्ट से मम्मी के दोनों बड़े बड़े मुम्मे आजाद हो कर बहार की तरफ तन कर खड़े हो गए थे / मैंने अपने दोनों हाथों से मम्मी के भारी भारी मुम्मों को अपने दोनों हाथों में भर लिया और
मैंने टी शर्ट उपर उठाते हुए मम्मी के गले से बहार निकल दी / अब मम्मी के भारी भारी आम मेरी आँखों के सामने थे / जा जाने कब से मेरी आँखें इन बड़े बड़े आमों को अपने सामने नंगा देखना चाहती थी / मैंने मम्मी को अपने नीचे दबा लिया और मम्मी के ऊपर सवार हो गया / एक हाथ से मम्मी का पजामा (जो की नाले की जगह रबर का होता है) एक झटके से उतार दिया /
मम्मी मेरे नीचे बिलकुल नंगी लेटी हुई थी / आज मेरा सपना पूरा होने वाला था / मैं पापा को हमेशा ही मम्मी के ऊपर चढ़ कर धक्के मारते हुए देखता था और सोचता था की मम्मी मेरे नीचे कब आयेगी ? आज वो दिन आ ही गया था /
मैंने अपने दोनों हाथों में मम्मी के रसीले आमों को भरते हुए मम्मी के रसभरे होंठों को अपने होंठों में भर लिया / मम्मी कुछ कहना चाहती थी पर मेरे होंठों के बीच मम्मी के होंठ फसे थे तो मम्मी के मूंह से सिर्फ गूं गूं की आवाजें ही निकल कर रह गई / आज मैं जी भर के मम्मी को भोगना चाहता था / बचपन से लेकर जवानी तक बस मैंने मम्मी को ही अपने दिल की रानी माना था और आज मम्मी मेरे पास थी / मैंने नशे में होने का बहाना करते हुए मम्मी को अपनी बाँहों में जोर से भर लिए और उनके गदराये बदन का मजा लेने लगा /
मम्मी के बदन से एक अलग तरह की भीनी भीनी बहुत ही मादक सुगंध आ रही थी जो डॉली के बदन से नहीं आती थी उस खुशबु ने मुझे मदहोश कर दिया और मेरे लौड़े को और भी सख्त कर दिया था / मैंने मम्मी के रसीले होंठों को चूसना मैंने और भी जोर जोर से चालु कर दिया /
आज पता नहीं मुझे क्या हो रहा था / मेरा लौड़ा इतना टाइट हो रहा था कि मैं बयाँ नहीं कर सकता / आज से पहले मेरा लौड़ा इतना टाइट कभी नहीं हुआ था / आज मेरे पास मेरे सपनो की रानी नंगी लेती हुई थी / मैंने मम्मी के होंठों को चूसना छोड़ कर अपने होंठों के मम्मी के चेहरे पर फेरना शुरू कर दिया और प्यार और वासना से मम्मी ने चेहरे को चूसते हुए नीचे की तरफ जाने लगा और मम्मी के गले, छातियों, पेट, नाभि, चूत के ऊपर के रेशमी बाल, भरी भरी हुई रानें, टाँगे, पैर और फिर से ऊपर की तरफ आते हुए में मम्मी की मस्तानी खुशबूदार चूत के पास आ कर ठहर गया /
मैंने मम्मी की क्लीन शेव छूट के ऊपर अपनी जीभ फिरते हुए दोनों हाथों से मम्मी की चूत के दोनों पट खोल दिए / अंदर मम्मी की छूट गुलाबी रंग की थी / मम्मी की चूत के दोनों होंठ डॉली की चूत से थोड़े बड़े थे और हलके से निकले हुए थे जो की मुझे अपनी तरफ खींच रहे थे / मैंने एक एक कर के मम्मी की चूत के होंठों को अपने होंठों में जोर से भर लिया और अपने मूंह में अंदर की तरफ खींचने लगा / मम्मी का पूरा बदन कांप रहा था / मैंने अपनी जीभ मम्मी की चूत के अंदर डाल कर आगे पीछे करना शुरू कर दिया / मम्मी के पूरा बदन जोर जोर से कांपने लगा /
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14-09-2024, 09:25 AM
मुझे मम्मी की मस्तानी चूत चाटने में बहुत स्वाद आ रहा था / मैंने मजे से मम्मी की चूत के होंठों को चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था / मेरा दिल कर रहा था कि मैं बस ऐसे ही सुंगंधित चूत को चूसता रहूँ और मजा लेता रहूँ लेकिन मुझे इतना इंतज़ार नहीं हो सका मैंने अपने हाथ मम्मी के बदन पर फेरना शुरू कर दिया और मम्मी की चूत को चूसते हुए ही मम्मी के बड़े बड़े मुम्मों को प्यार से मसलने लगा / मम्मी के होंठों से सिसकियाँ निकलने लग गई थी अब पता नहीं की चूत चुस्वाने में मजा आ रहा था या फिर मम्मी के मुम्मों को दबा रहा था तो मम्मी को उसका स्वाद आ रहा था / मैंने मम्मी की चूत को चूसना जोर जोर से चालू कर दिया /
मम्मी के मुम्मे चूसने के साथ साथ मैं मम्मी के मुम्मे भी जोर जोर से प्यार से दबा रहा था / मम्मी की सिस्कारियों को सुन कर मैं और भी गर्म होता जा रहा था / मैं अपना एक हाथ मम्मी के पेट पर फिराते हुए मम्मी की चूत की तरफ ले गया और मम्मी की चूत के होंठों को खोलकर दो उँगलियाँ एक साथ मम्मी की चूत में डालकर आगे पीछे करने लगा / मजे से मम्मी के होंठों से सिसकारी निकल गई जो कि मेरे होंठों में दब गई थी क्योंकि मम्मी के नाजुक और रसीले होंठ मेरे होंठों के बीच में फसे थे /
मुझे पता था कि मैं नशे में नहीं था लेकिन मम्मी मुझे नशे में समझ रही थी / मैंने कहा – डॉली मेरी जान मजा आ रहा है कि नहीं ?
मम्मी: हम्म, मेरे राजा, बहुत मजा आ रहा है (मम्मी मुझे डॉली बनकर जवाब दे रही थी )
मैं : डॉली, मेरी रानी, आज तो तुम्हारे बदन से एक अलग ही खुशबु आ रही है / (मैंने मम्मी की चूत से अपनी उँगलियाँ निकली और अपने होंठों से चूस ली /) मैंने डॉली को कहा - मेरी जान, आज तो तुम्हारी चूत का पानी बहुत ही मीठा लग रहा है / क्या बात है आज तो बहुत मस्त लग रही हो /
मम्मी: यह सब तुम्हारे लिए ही है मेरे राजा /
मैंने मम्मी को कहा – एक बात बोलूं डार्लिंग, अगर बुरा ना मनो तो ?
मम्मी: हाँ मेरे राजा, बोलो ना, तुम्हारी बात का बुरा नहीं लगता मुझे /
मैं : आज मैं तुम्हे मम्मी समझ कर चोदुंगा और तुम मुझे मम्मी बनकर जवाब देना / इसको रोल प्ले कहते हैं /
मम्मी: ठीक है मेरे राजा, अब मैं तुम्हारी मम्मी हूँ और तुम मेरे रवि बेटे, ठीक है?
मैं : हां मम्मी, अब ठीक है / मम्मी तुम्हे मजा आ रहा है ना ?
मम्मी: हां रवि, मुझे बहुत मजा आ रहा है /
मैं : मम्मी मुझे तुम्हारी चूत चूसनी है, जैसे पापा चूसते हैं /
मम्मी: हाँ हाँ रवि, मेरी चूत अगर तुम्हे पसंद है तो चुसो न / मुझे भी चूत चुस्वाना पसंद है / वैसे बेटे तुम्हे कैसे पता कि पापा मम्मी की चूत को चूसते हैं ?
मैं : मम्मी मैं पापा को तुम्हारी चूत को मजे ले ले कर चूसते हुए बहुत बार देखा है इस खिड़की से छुप छुप के, जब मेरे कमरे में अँधेरा होता है और आप पापा साथ सेक्स करते हो / मैंने देखा है की पापा की लुल्ली छोटी है और वो सेक्स करने के बाद तुम्हारी तरफ पीठ करके सो जाते थे और तुम प्यासी की प्यासी रह जाती थी / मैं तुम्हे बिस्तर पर तड़पते हुए देखता था और सोचता था की काश मैं पापा की जगह पर जाकर अपने इस मोटे और लम्बे लौड़े से तुम्हारी प्यास बुझा दूँ / लेकिन तुम मजबूरी में अपनी चूत में ऊँगली करके सो जाती थी / और मैं भी अपने लौड़े को हिला के रह जाता था /
हाय मम्मी
// सुनील पंडित //
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मम्मी: हम्म, तुम सही बोल रहे हो रवि / मैं बहुत प्यासी हूँ, आज मेरी प्यास बुझा दो अपने इस लम्बे चौड़े घोड़े जैसे लौड़े से /
मैं : ठीक है मम्मी, आज मैं तुम्हारी चूत की प्यास अपने लम्बे हथियार से बुझा दूंगा / ठीक है मम्मी /
मम्मी: हाँ रवि, जैसे तुम बोलोगे वैसे ही मैं करुँगी /
मैं : तो ठीक है मम्मी, तैयार हो जाओ / आज हम दोनों मिलकर मौज करेंगे / तो शुरू करते हैं पहले मेरे लौड़े को अपने मूंह में भर कर प्यार से चूसो जैसे तुम पापा की लुल्ली चुस्ती हो / फिर जोरदार सेक्स करेंगे /
यह बोलकर मैंने अपने कपडे उतार दिए / मेरा लौड़ा तानकर पत्थर जैसे सख्त हो चूका था फिर मैंने अपने लंड को मम्मी के मूंह के पास कर दिया और
मम्मी की आँखों में हैरानी भर गई / मम्मी की आँखों के आगे मेरा हथोडा लहरा रहा था / जैसे की सभी जानते हैं की मेरा जब टाइट होता था तो मेरे लौड़े का सुपाड़ा अपने आप की आगे से खुल जाता था और मोटा होकर चमकने लगता था / मेरा लाल लाल चमकता हुआ मोटा सुपाडा मम्मी के होंठों के आगे ही लहराते हुये उपर नीचे झटके मार रहा था /
// सुनील पंडित //
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मम्मी की आँखें मेरे लौड़े पर से हट ही नहीं रही थी / मम्मी ने धीरे से अपने दोनों हाथ उठाते हुए मेरे लौड़े के लेफ्ट राईट टाइट कर दिए / लौड़े उनके दोनों हाथों में झटके मार रहा था / लौड़े के नीचे मेरी गोटियाँ यानि के बड़ी बड़ी और मोटी दोनों बाल्स लटक रही थी / जो लटकते हुए बड़ी प्यारी लग रही थी / मम्मी ने मेरे लौड़े के पास अपना मूंह लाकर अपने होंठ खोल दिए / ये सोचकर मेरा लौड़ा और भी टाइट हो गया की अभी मेरा लौड़े मम्मी के कोमल और सेक्सी होंठों के बीच में से होता हुआ मम्मी के मूंह के अंदर जाकर मजा करेगा / मेरी आँखें बंद हो गई / मम्मी ने मेरे लौड़े को अपने दोनों हाथों में दबाते हुए धीरे से अपने मूंह में रख लिया और अपने होंठों को मेरे लौड़े के इर्द गिर्द लपेट कर टाइट कर लिया / मेरे मूंह से मजे से सिसकारी निकल गई / मेरे मूंह से निकला – हाय मम्मी, ओह्ह - मजा आ रहा है /
मम्मी ने धीरे से अपना एक हाथ मेरे लटकते हुए बाल्स पर फिराया / मुझे महसूस हुआ की मेरा लंड पत्थर का हो गया है / थोड़ी देर बाद मुझे बंद आँखों में महसूस हुआ की मम्मी ने मेरे दोनों बाल्स को अपने मूंह में भर लिया हो / थोड़ी देर तक चूसने के बाद मम्मी ने फिर से मेरे लम्बे मोटे लौड़े को अपने मूंह में भर लिया और जोर जोर से आगे पीछे करते हुए चूसने लगी / मेरी गोटियों से वीर्य कर परवाह तेज़ हो गया मैंने मम्मी के सर को पीछे से दोनों हाथों से पकड़ कर अपने लौड़े को मम्मी के गले के नीचे तक दाल कर जोर लगाने लगा और फिर मेरे वीर्य की मोटी धार जोर जोर से मम्मी के गले में गिरने लगी / मम्मी ने शायद पहली बार लौड़े को चूसा था और उसको वीर्य-पान का पता नहीं था मैंने अपने हाथों को मम्मी के सर से हटाया नहीं तो मम्मी का मूंह मेरे लौड़े के वीर्य से भर गया और मम्मी को मजबूर में गटकना पड़ गया / जब सारा वीर्य मम्मी ने गटक लिया तो मैंने अपने हाथ मम्मी के सर से हटा लिए मम्मी अभी भी मेरे मोटे लौड़े को चूस रही थी जो की अब कुछ ढीला हो चूका था / मम्मी ने अछि तरह से चाट चाट कर मेरे लौड़े को साफ़ कर दिया / मेरा लौड़ा चमक रहा था /
(दोस्तों मजा आ रहा है ना, मुझे तो लिखते हुए भी अपने टाइट लौड़े को बिठाना पड़ता है // )
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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09-11-2024, 02:15 PM
अब मेरी बारी थी मैंने मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया / और मम्मी की चूत की तरफ अपना मूंह कर लिया और मम्मी के गोरी लम्बी टाँगे खोल कर मम्मी की चूत की पंखुड़ियों को अलग कर के अपनी जीब से चाटना शुरू कर दिया मम्मी के होंठों से सिस्कारियां निकलने लगी / मम्मी पता चल गया की मम्मी का यह वीक पॉइंट है / मैंने मम्मी की चूत को खोल कर अपनी जीब को सखत करते हुए मम्मी के चूत को चाटना चालू रखा / मुझे चूत चाटने में बहुत ही मजा आ रहा था / मैं मजे से चूत चाट रहा था / मम्मी की चूत ने अपना पानी छोड़ना चालू कर दिया था / मुझे मम्मी की चूत का अमृत पी कर बहुत मजा आ रहा था / मैं और भी जोर जोर से चूत को चाटना शुरू कर दिया अचानक मम्मी की चूत ने मजे में झटके मारना शुरू कर दिया मैं समझ गया कि मम्मी की चूत झड गई है मम्मी की अब पूरी तरह से गीली थी / मैं सीधा हो कर मम्मी की गांड के पास जा कर बैठ गया और मम्मी की दोनों टांगों को फैला कर अपने लौड़े को मम्मी की बहती चूत के मूंह पर अपने लौड़े के सुपाडे को रखा और धीरे से सुपाडे को हल्का सा अंदर की तरफ धकेल दिया मेरा सुपाडा गीली चूत में एक दो इंच तक अंदर की तरफ फिसल गया / मम्मी के मूंह से सीसकरी निकली / मैंने धीरे से थोडा सा जोर लगाया तो आधा सुपाडा चूत के अंदर घुस गया /
मैं समझ गया था कि मम्मी की चूत बहुत टाइट थी, क्योंकि पापा का छोटा लंड मम्मी की चूत को ज्यादा खुला नहीं कर सका था और मेरे मोटे लम्बे लौड़े ने मम्मी की चूत को आज खुला कर देना था / मैं समझ चूका था की आज मुझे पूरी मेहनत करनी पड़ेगी / मैंने मम्मी के नमकीन चेहरे को अपनी तरफ घुमाया और मम्मी के प्यासे होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा जैसे कि मैं जन्मों जन्मों का प्यासा हूँ / मम्मी के चूत पानी छोड़ने लगी थी / मैंने मम्मी के होंठों को कसते हुए अपने लौड़े का एक जोरदार धक्का मम्मी की चूत के अंदर मारा तो मेरा लगबघ आधा लौदा अंदर जाकर फास गया / मम्मी के मूंह से चीख निकल गई जो कि मेरे मूंह के अंदर ही फस कर रह गई / मम्मी का जिस्म तड़प रहा था जैसे मम्मी मुझे छोड़ने के लिए कह रही हो / मम्मी की नशीली आँखों में आंसू आ चुके थे / मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मेरे लौड़े को किसी मशीन में कस लिया गया हो / मैं कुछ देर तक मम्मी की चूत में अपने लौड़े को फसा कर ऐसे ही शांत रहा फिर मैंने थोडा सा अपने लौड़े को बहार निकल कर एक जबरदस्त धक्के से मम्मी की चूत को अपने मोटे काले लौड़े से भर दिया / मेरे पूरे लौड़े को मम्मी की चूत ने जकड रखा था / कुछ सेकंड्स के बाद मैंने अपने लौड़े को, जो की एक मोटे पत्थर जैसा हो रहा था, धीरे धीरे से आगे पीछे करना शुरू किया / मम्मी की चूत अब मेरे लौड़े को अपने अंदर ग्रहण कर रही थी और छूट बिलकुल थोड़ा सा ढीली हुई थी लेकिन मेरे लौड़े पर पकड़ अभी तक मजबूत बनी हुई थी /
// सुनील पंडित //
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मैं मम्मी को अपने नीचे दबा कर मिशनरी पोजीशन में मम्मी की दोनों लम्बी और भरी भरी हुई टांगो को अपने कन्धों पर रख कर और अपने दोनों हाथों को मम्मी का कन्धों पर रख कर अपने लौड़े को मम्मी की चूत में जोर जोर से धक्के पर धक्का मारने लगा / कमरे में चप्पर चप्पर की आवाज़ आने लगी मम्मी की छूट अपना पानी छोड़ने लगी थी और मेरे लौड़े ने टाइट चूत को थोडा सा ढीला कर दिया था और पिस्टन के जैसे पूरी गति से आगे पीछे धक्के मार रहा था मेरी बड़ी बड़ी भरी गोटियाँ मम्मी की गांड के द्वार पर हर धक्के के साथ टकरा कर एक अलग ही संगीत पैदा कर रही थी / अब मम्मी को भी मस्ती चड़ने लगी थी / मम्मी मेरे हर धक्के के साथ साथ अपने चूतड़ को ऊपर की तरफ उच्छल उच्छल कर मेरे लौड़े को अपनी चूत के भीतर तक पूरा ले रही थी और मम्मी के होंठों से सिस्कारियां निकलने लगी थी /
मैं दबा दबा कर जोर जोर से धक्के मार रहा था मेरा हर धक्का मम्मी की चूत की जड़ तक जा रहा था और मुझे महसूस हो रहा था की मेरा लौड़ा पूरा अंदर की दीवार को ठोकर मार रहा था / मेरे कुछ जबरदस्त धक्कों के साथ ही मम्मी की चूत ने भलभल्ला कर पानी की बौछार कर दी जो मेरे लौड़े पर भी महसूस होने लगी / अब जब मैं धक्के पर धक्का मारता तो छपाक छपाक की आवाजें आने लगी / मम्मी के होंठों से भी सिस्कारियां और आहें निकलने लगी थी मैंने अपने धक्कों की स्पीड थोड़ी और तेज़ कर दी थी / मम्मी मुझे चूमते हुए बोलने लगी – आह रवि, क्या लौड़ा है तुम्हारा , आज तो मेरी चूत की प्यास ही बुझा दी / रोज़ तुम ऐसे ही मेरी चूत को बजा बजा कर मारना आःह्ह् रवि मेरे सरताज आज तो मुझे स्वर्ग का मजा ही मिल गया / मेरी छूट की प्यास ही बुझा डाली तुम्हारे इस लम्बे मोटे और काले लौड़े ने / ये तुम्हारा ही लौड़ा है या किसी गधे या घोड़े का लौड़ा है, इतना लम्बा मोटा और सख्त और देखो मेरी चूत का पानी निअकल दिया और खुद झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा है आअह्ह .. मेरे ... राजा ... और जोर जोर से धक्के मारो अआह्हह .../
कुछ और धक्के मारने के बाद मेरे लौड़े ने मम्मी की चूत में पानी छोड़ दिया / क्योंकि मम्मी के पीरियड बंद हो चुके थे इसलिए मुझे पता था की मम्मी के मां बनने का कोई चांस ही नहीं था अर्थात मम्मी प्रेग्नेंट नहीं हो सकती थी, मैं चाहे मम्मी के साथ जितना मर्जी मजा करूँ मम्मी को कोई परेशानी भविष्य में नहीं हो सकती थी/ मैंने अपने लौड़ा मम्मी की चूत की जड़ तक डाल दिया था और मम्मी की चूत के छोर में अपना पानी डाल दिया था / मेरा लौड़ा मम्मी की चूत में फसा हुआ था / कुछ देर तक मैंने अपने लौड़े को धीरे से बहार की तरफ खींच कर निकला तो मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मेरे लौड़े ने बहार निकल कर सांस ली हो / एक गप्प की आवाज़ के साथ ही लौड़ा मम्मी की चूत से बहार आ गया /
(हाय मम्मी तुम इतनी सेक्सी क्यों हो? )
// सुनील पंडित //
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मम्मी एकदम निढाल हो कर बेड पर पड़ी थी जैसे उसमें जान ही न बची हो / ए सी वाले कमरे में भी मम्मी और मेरा भी शरीर पसीने से भरा हुआ था, इतनी जबरदस्त चुदाई हुई थी / मम्मी से तो खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था, लगता था जैसे आज पहली बार इतनी जबरदस्त चुदाई हुई थी /
(दोस्तों अब में कुछ अलग चैप्टर शुरू करना चाहता हूँ, बस इंतज़ार कीजिये )
// सुनील पंडित //
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इस भाभी की चूत दिखने मे कैसी होगी .............
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