Thread Rating:
  • 14 Vote(s) - 2.57 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery Sanskari maa se hotmom
Hello
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
its a good stoory. Deserves continuation.
Like Reply
Next din shaam ko mummy sabji lene market gyi Hui thi. Barish ki vajah se poore sehar me sab jagah kichad kichad hua pda tha isiliye mummy ko baazar se aane me kaafi takleef ho Rahi thi. Mummy ke haath Mai polythene ki bhadi theli thi. Jab mummy market se vapas aa rhi thi to unke haath se theli gir jati hai jisse kuch sabjiya bahar nikal jati. Usi waqt bhaiya bhi office se Ghar vapas aa rhe the unki nazer mummy per padti hai to mummy ko awaj dete hai. Mummy piche mudker dekhti hai mummy ko ek Rahat ki ummed dikhai deti hai.
Mummy – thanks acha hua tum yha mil gye ye saman kaafi bhari tha. Aur baarish ki vajah se to is market se nikalna muskil ho rha hai. Kuch sabjiya to girker gandi ho gyi.
Bhaiya – koi baat nahi bhabhi ab mai aa gya hu na aap meri bike per gher chlo.
Mummy bhiaya ke piche bike per bhaiya ke kandhe per apna haath rakh baith jati hai. Gher aate waqt bhaiya mirror se mummy ko dekh rhe the. Tej hawao ke karan mummy ki kaali julfe baar baar unke chehre per aa rhi thi jo bhaiya ko Mohit kar rhi thi. Mummy baar baar apne ek haath se unko apne kaano ke piche lejaker sambhalne ki kosish karti. Per ye sab kosish nakam hoti ja rhi thi aur andhere bhi badh rha tha. Tabhi tej baarish shuru ho jati hai. Baarish tej hone ke kaaran bike chalane me bhaiya ko dikkat ho rhi thi. Isliye bhaiya mummy ko kuch der rukne ke liye poochte hai.
Bhaiya – bhabhi kya hum kuch der baarish Kam hone ka wait kar sakte hai.
Mummy – ha per rooknge kha per.
Bhaiya – kuch door ek ped hai uske neeche ruk jate hai.
Mummy – thik hai jaldi le chalo me poori beegh gyi hu.
Kuch der baad bhaiya bike leker ped ke neeche pahuch jate hai. Bike khadi ker mummy aur bhaiya baarish Kam hone ka wait karne lagte hai. Baarish tej thi kyonki baher baadlo ki tej gadgadhhat ho rhi thi aur bijli bhi chamak rhi thi.ped ke neeche khade hoker bhaiya aur mummy apne ko bhigne se bachane ki nakaam kosish kar rhe the. Mummy poori bhig chuki the mummy ke kapde unke badan se chipak rhe the. Unke blouse me se under ki bra halki halki dikhne lagi thi. Mummy ne jab bhaiya ki aur dekha to bhaiya mummy ko hi dekh rhe the isse mummy sharam se pani pani ho jati hai. Per wo kuch nahi kar sakti thi bas saree se apne blouse ko dakhne ki kosish karti hai. Bhaiya peeche khade mummy ko dekh rhe the. Baarish ki boonde unki badan per motiyo ki tarah bikhar gye the. Jab bijli chamakti to vo moti heero ki Tarah unke badan per chamak rhe the. Jisse mummy bhot kamuk lag rhi thi. Bhaiya ki nazre na chahte hue bhi baar baar mummy ke baden per aa jati thi. Baarish ki koi boond unke garden se hoti hui boobs ki darar mei to koi boond pet per se hoti hui unki sunder gehri naabhi mai sama rhi thi. Mummy ke hont per bhi kuch boond thi jo unki lipstick ke karan laal rang ki hoker chamak rahi thi. Mummy dhere dhere pani ko pi rhi thi. Ye sab bhaiya bhut uttejit ho rhe the.
Tabhi ek bijli ki jor se kadkti hai jisse mummy der jati hai aur teji se bhaiya ki chest me muh chipaker aankhe band kar leti hai.
[+] 1 user Likes Abcxytm.'s post
Like Reply
तभी तेजी से बिजली कड़कती है जिससे मम्मी डरकर तेजी से भैया की छाती में अपना मुंह छुपाकर आंखें बंद कर लेती है। थोड़ी देर बाद मम्मी को अपनी इस हरकत से थोड़ी शर्म आ जाती है। मम्मी धीरे से अपना चेहरा पीछे करती है तो पाती है कि भैया उन्हे ही देख रहे थे। दोनो किसी प्रेमी की तरह शांत एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। भैया ने एक हाथ मम्मी की कमर पर रख उन्हे पकड़ा हुआ था। भैया अपना एक हाथ से मम्मी के चेहरे पर फैले गीले बालों को हटाते है और फिर उनकी आंखो में देखते है। मम्मी भैया के इस तरह देखने से थोडी मदहोश होकर अपनी आंखे बंद कर लेती है। भैया धीरे धीरे अपने होंटो को मम्मी के होंटो को पीने के लिए आगे बढ़ते है। मम्मी भैया की गरम सांसों को अपने होंटो पर महसूस करती है। एक सेकंड के लिए जैसे ही दोनो के होंटो का स्पर्श होता है तभी सड़क पर एक गाड़ी की रोशनी आती है और मम्मी डर से तेजी से पीछे हट जाती है। बारिश लगभग रुक चुकी थी। इसीलिए मम्मी वापस बाइक की और जाने लगती है। भैया तभी मम्मी का हाथ पकड़ लेते है।
विवेक – भाभी।
मम्मी समाज जाति है कि भैया उन्हे रुकने के बोल रहे है। मम्मी अपने उपर काबू रखते हुए बिना पीछे मुड़े बोलती है। “ यहां नही” ।
भैया समझ जाते है कि मम्मी शर्म के कारण खुले में सबकुछ करने में सहज नहीं है। इसलिए भैया बिना जोर जबरदस्ती किए घेर की और चल पड़ते है पर मम्मी के जवाब से भैया को पूरा विश्वास हो गया था की मम्मी भी आज उन्हे अपना कोमार्य सौपने में कोई डर नही है।
जैसे ही दोनो घर पहुंचते है भैया घर आकर मम्मी को पीछे से अपनी बांहों में भर लेटे है।
मम्मी – छोड़ो मुझे।
मम्मी की आवाज में थोड़ी सख़्त थी। इसीलिए भैया ने मम्मी को छोड़ दिया।
विवेक – क्या हुआ पल्लवी।
मम्मी– देखो विवेक तुम मेरे साथ कोई जोर जबरदस्ती मत करो। मम्मी बहाना बनाते हुए बोल देती है कि उस वक्त हमारे बीच जो हुआ भूल जाओ।
विवेक – पल्लवी ये क्या है। तुम ही अपने आपको इस प्यार में आगे बढ़ती हो और फिर पीछे हट जाती हो। क्यू मेरे साथ खेल रही हो। में भी जनता हु की तुम भी मुझे प्यार करती हो तो फिर क्यों डर रही हो।
मम्मी – विवेक मुझे समाज का डर लगता है में एक शादीशुदा औरत हूं। अगर किसी को पता चला तो मेरी बहुत बदनामी होगी।
विवेक – पल्लवी तुम अपने बारे में सोचो समाज से हमे क्या लेना देना। और हम जो भी करेंगे चार दिवारी के अंदर करेंगे। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। क्या तुम्हे मेरी आंखों में अपने लिए प्यार नही दिखाई देता। प्लीज पल्लवी मान जाओ। ( भैया मम्मी के पास आकर मम्मी के पैरो में बैठ जाता और मम्मी के पैर पकड़ लेता है। )मैं तुम्हे कभी धोखा नहीं दूंगा पल्लवी।
मम्मी भी आखिर मानिनि ठहरी। भले ही एक स्त्री किसी मर्द को कितना भी प्यार करती हो पर प्यार के लिए एक पुरुष को अपने आगे घुटनों पर ला ही देती है। भैया के इस तरह मानने पर मम्मी मान जाती है। और इस रिश्ते को स्वीकार कर लेती है।
मम्मी – ठीक है विवेक मुझे तुम्हारा प्यार मंजूर है।
विवेक – सच पल्लवी।
मम्मी – हां। पर मेरी कुछ शर्ते है।
विवेक – बोलो मेरी रानी। मुझे सारी शर्त कबूल है।
मम्मी अपने आपको भैया के मुंह से रानी सुन हसने लगती है।
मम्मी – पहले शर्त तो सुन लो। मेरी पहली शर्त ये है की हम दोनो के रिश्ते के बारे में किसी को पता नहीं चलना चाहिए।
दूसरी शर्त ये है कि तुम मेरे साथ कभी जोर जबरदस्ती नहीं करोगे।
विवेक – पल्लवी में तुम्हारे जिस्म से नही तुमसे प्यार करता हु। मैं हमेशा तुम्हारी भावनाओ का ख्याल रखूंगा। तभी भैया आगे बढ़ते है।
मम्मी भैया के इरादे को समझ जाती है इसीलिए उन्हें बीच में रोक देती है।
मम्मी – तुम मेरी शर्त को इतनी जल्दी भूल गए मैने कहा ना तुम मेरे साथ कभी जोर जबरदस्ती नहीं करोगे।
भैया मम्मी की डांट सुनकर पीछे हट जाते है। और अपने कमरे में सोने के लिए चले जाते है। मम्मी भैया को इस तरह दुखी देखकर खुद दुखी हो जाती है।
भैया के जाने के बाद मम्मी अपने रसोई के कामों में लग जाती है। इस दौरान उनके मन में बस यही चल रहा था कि उन्होंने आज विवेक को इस तरह डांटकर बहूत बुरा किया। मम्मी रात तक खाना खाकर सब काम खतम कर लेती है फिर अपने कमरे में जाकर सोने की तैयारी में लग जाती है। मम्मी आज भैया के साथ हुए किस को सोच रही थी। भैया के होंटो के स्पर्श ने उनके शरीर में एक पल के लिए सिरहन पैदा कर दी थी। इधर भैया भी अपने कमरे में लेटे हुए उन सुहाने लम्हों में खोए हुए थे कि आज उन्हे जो मम्मी के होंटो को छूने को मिला। भले ही यह स्पर्श पल भर का था लेकिन इसने भैया के शरीर में तेज उन्माद पैदा किया था। कुछ देर बाद भैया के फोन पर मम्मी का कॉल आता है।
विवेक – भाभी क्या हुआ।
मम्मी – जरा नीचे कमरे में आओ तुमसे कुछ जरूरी बात करना है।
विवेक (मन में ) – लगता है पल्लवी मेरी हरकत से ज्यादा दुखी हो गई। शायद अब वो इस रिश्ते को यही खतम कर देगी।
जैसे ही भैया नीचे पहुंचते है। नीचे हॉल में बस कुछ हल्की लाइट को छोड़कर सिर्फ अंधेरा था। मम्मी के कमरे का दरवाजा भी बंद था। भैया धीरे धीरे दरवाजा खोलते है पर अंदर भी अंधेरा था।
विवेक – भाभी क्या आप यहां हो।
मम्मी – लाइट ऑन करो।
जैसे ही भैया कमरे की लाइट ऑन करते है भैया को उनकी आंखो पर विश्वास नहीं होता। उनके आंखो के सामने मम्मी अच्छे से श्रृंगार कर सजी संवरी खड़ी थी। मम्मी ने लाल साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था। मम्मी के कानो में गोल्डन झुमके, नथ , हाथो में लाल चूड़ियां , गले में भारी हार कमर में भैया के दिया हुआ कमरबंद पहना था। मम्मी की होंटो की लाल लिपस्टिक रोशनी में अलग ही चमक रही थी। भैया आगे बढ़ मम्मी को बस निहारे जा रहे थे। तभी मम्मी चुटकी बजाकर भैया को होश में लाती है। कहा खो गए और हसने लगती है।
विवेक – भाभी क्या स्वर्ग से उतरी अप्सरा लग रही हो। आपकी सुंदरता को बयां कर सके ऐसे कोई शब्द नहीं।
मम्मी अपनी तारीफ सुन काफी शर्मा जाती है। मम्मी अपना हाथ आगे बढ़ाती है। जिसमे एक डिब्बी थी।
भैया – ये क्या है भाभी।
मम्मी – ये सिंदूर है। में चाहती हू की आज तुम मेरी मांग भर मुझे हमेशा के लिए अपना बना लो।
विवेक – भाभी क्या आप मुझसे नाराज़ नहीं है।
मम्मी – नही विवेक। बस में देखना चाहती थी कि तुम मेरी भावनाओ का खयाल रखते हो या नहीं। और तुम मेरी परीक्षा में सफल हुए। आज में तुम्हे अपना सबकुछ सौंप देना चाटी हु।
भैया आगे हाथ बढ़ा मम्मी की मांग में अपने नाम का सिंदूर भर देते है।
विवेक – i love you पल्लवी।
मम्मी – i love you too Vivek।
विवेक आगे बढ़ने के लिए अपना होंठ आगे बढ़ाता है। मम्मी थोड़ा डर के अपना सिर हल्का सा पीछे करती है फिर अचानक रुक भैया की आंखों में देखते है और हल्के से अपनी आंख बंद कर लेती है। भैया इसे मम्मी की स्वीकृति मान अपने तपते होंटों को मम्मी के होंटो पर रख देते है। शुरुआत में भैया धीरे धीरे अपने होंटो से मम्मी के होंटो को चूसते है कुछ देर बाद जब मम्मी भी अपने होंटो से प्रतिक्रिया देना शुरू करती है तो दोनो एक दूसरे के होंटो को प्यासो की तरह पीने लग जाते है। होंटो के बीच की इस प्रेम लड़ाई में मम्मी के होंटो की लाल लिपस्टिक भी गायब हो गई। दोनो के hont लिपस्टिक के कारण लाल हो गए। जब दोनो की सांसे उखड़ने लगी तो मम्मी ने अपना सिर पीछे हटा लिया।
मम्मी – मार ही डालोगे क्या।
विवेक – नही मेरी रानी। ये तो बस शुरुआत है। मैं तो तुम्हे अपना सच्चा प्यार देना चाहता हु।
और फिर से मम्मी को करीब लेकर उनके होंतो पर टूट पड़ते है। इस बार भैया ने अपनी जीभ मम्मी के मुंह में डाल उनके अंदर सबकुछ चाटना शुरू किया। मम्मी भी इसी तरह अपनी जीभ को भैया के मुंह में डालती। किसिंग के दौरान दोनो एक दूसरे की लार गटक रहे थे। दस पंद्रह मिनिट तक किस करने के बाद दोनो अलग होते है और जोरो से सांस लेने लगते है।
कुछ देर बाद भैया आगे बढ़ने के लिए मम्मी के करीब आते है। तभी मम्मी भैया को रोककर गेट बंद करने का इशारा करती है। भैया जल्दी से गेट बंद कर मम्मी के पास आते है और उनके कंधे से उनका पल्लू खींच लेते है। भैया धीरे धीरे मम्मी की लाल साड़ी को उतारना शुरू करते है। जैसे जैसे भैया मम्मी की साड़ी का पल्लू खींच रहे थे मम्मी बिना कोई विरोध किए धीरे धीरे गोल गोल घूमकर साड़ी उतारने में भैया की मदद कर रही थी। कुछ पल में साड़ी उतरकर जमीन पर आ जाती है। अब मम्मी बस ब्लाउज और लाल पेटीकोट में भैया के आगे खड़ी थी। भैया भी जल्दी से अपना पजामा उतार कच्छे में आ जाते है। मम्मी को देखकर उनका लन्ड पहले से ही तनकर खड़ा था। मम्मी को भैया के कच्छे में से भैया के लन्ड की हालत देखकर शर्म आ गई। भैया अब मम्मी के करीब आए और पेटीकोट के नाडे को खोल नीचे गिरा दिया। मम्मी ने नीचे काली रंग की पैंटी पहनी थी। इन सब से भैया इतने उत्तेजित हो गए की उन्होंने अपने हाथो से मम्मी के ब्लाउज के हुक खोलने की कोशिश किए बिना उसे एक झटके में फाड़ मम्मी के बदन से ब्लाउज अलग कर दिया।
मम्मी ( गुस्से में ) – ये क्या किया विवेक तुमने।
भैया – सोरी पल्लवी अब और बर्दाश्त नहीं होता।
इतना कहकर भैया ने मम्मी की ब्रा भी फाड़कर उसे निकाल दिया। मम्मी के दोनो सुडौल स्तन बाहर आ गए। मम्मी के स्तन इस उम्र में भी पूरे सुडौल सख्त और तने हुए थे। भैया ने अपने हाथ दोनो स्तनों पर रख उन्हे धीरे धीरे मसलने लगे। मम्मी का गुस्सा अब सिसकारियों में बदल चुका था। भैया पूरी शिद्दत से मम्मी के स्तनों का अपने हाथो से मर्दन कर रहे थे।
भैया – आह भाभी क्या मस्त चूचे है आपके। अभी भी काफी सख्त और सुडौल।
फिर भैया बेड पर बेड जाते है और अपनी जांघों पर मम्मी को बिठा लेते है। अब मम्मी के स्तन भैया के चेहरे के ठीक सामने थे भैया ने देरी न करते हुए उन्हें अपने मुंह में लेकर चूसने चाटने लगे। बीच बीच में अपने दातों को गढाकर मम्मी को एक मीठा दर्द देते जिससे मम्मी की चीख निकल जाती। कुछ देर बाद चूसने के बाद भैया में मम्मी को आधा बेड पर लेटा दिया और खुद बेड के सहारे नीचे बैठ गए। भैया ने धीरे से मम्मी की पेंटी को उनके शरीर से अलग किया और धीरे धीरे मम्मी की चूत की और बढ़ने लगे। मम्मी अभी भी हान्फ रही थी कि अचानक उन्हे अपनी चूत पर भैया की जीभ का एहसास होता है जिससे मम्मी की एक आह निकल जाती है। भैया अपनी जीभ का अच्छे से इस्तमाल कर मम्मी की चूत के अंदर तक फिराते और बीच बीच में चूत के दाने को चूसते है। चूत चुसाई का मम्मी का यह पहला अनुभव था। आज उन्हे असली संभोग सुख का आनंद मिल रहा था। कुछ ही देर में मम्मी अपने चरम उत्कर्ष पर पहुंच गई और भैया के मुंह को अपने हाथो से अपनी चूत पर दबाते हुए भलभलाकर झड़ने लगी इस दौरान भैया ने चूत को चाटना जारी रखा। मम्मी के कामरस के फव्वारे से भैया का पूरा मुंह गीला हो गया। भैया कुछ पानी पी भी गए। मम्मी बेड पर तेज तेज सांस ले रही थी। भैया उठकर मम्मी के बगल में जाकर लेट गए।
भैया – कैसा लगा पल्लवी मेरी रानी।
मम्मी – सच कहूं तो मुझे आज से पहले ऐसा सेक्स करने में मजा नहीं आया।
मम्मी भैया द्वारा दिए इस सुख से इतनी खुश हुए कि उन्होंने झट से भैया के होंटो को चूसने लगी। कुछ देर किस करने के बाद मम्मी रुकती है और भैया की आंखों में देख बोलती है अब मेरी बारी है राजा तुम्हे संभोग का सुख देने की। और झट से नीचे जाकर भैया के कच्छे को खींचकर निकल देती है। मम्मी भैया के दोनो घुटनों के बीच आकर भैया के लन्ड को अपने गोरे कोमल हाथो से थोड़ा सहलाती है। थोड़ी देर सहलाने से ही भैया का लन्ड पूरी तरह तन जाता है और मम्मी भैया की आंखों में देखते हुए अपने गुलाबी पखुरी जैसे होंटो से भैया के लन्ड के टोपे पर पहले एक किस देती है जिससे भैया के मुंह से सिसकारियां फूटने लगती है। आह पल्लवी ... मेरी जान ... । फिर मम्मी धीरे से अपना मुंह खोलकर टोपे को अपने होंटो ने कैद कर लेती है। मम्मी टोपे को कभी होंटो से तो कभी जीभ फिराकर चूस रही थी। भैया के लन्ड में रक्त प्रवाह काफी बढ़ गया जिससे उनके लन्ड पर नसे उभरकर दिखाई देने लगी। कुछ देर बाद मम्मी पूरे लन्ड को अपने मुंह में गले तक ले जाती है। भैया का लन्ड मम्मी के थूक से पूरा गीला होकर चमक रहा था। मम्मी अब अपने होंटो से पूरे लन्ड की लंबाई और मोटाई माप रही थी। कुछ ही देर में भैया अपने चरम पर पहुंच गए। भैया अपनी कमर को उचका कर मम्मी के मुंह में शॉट लगाने लगे। भैया का निकलने वाला था ही था उन्होंने अपना लन्ड बाहर निकलने की कोशिश की। मम्मी समझ गई की भैया का होने वाला है इसीलिए उन्होंने मूंह में ही अपना पानी निकालने का इशारा किया। कुछ ही देर में भैया के लन्ड से वीर्य की पिचकारियां मम्मी के मुंह में छुटने लगी। मम्मी ने भैया के लन्ड को पूरा निगल रखा था। इसीलिए वीर्य की पिचकारियां उनके गले में सीधा प्रहार कर रही थी। मम्मी बिना कोई संकोच किए भैया का वीर्य निगल रही थी। पर वीर्य इतनी ज्यादा मात्रा में निकला की मम्मी का पूरा मुंह भर गया और होंटो के साइड से होते हुए बाहर निकलने लगा। फिर मम्मी ने धीरे धीरे चाट चाट कर पूरा लन्ड साफ कर दिया। मम्मी फिर भैया के पास आकर बोलती है कैसा लगा मेरे राजा। इस बार भैया कोई जवाब दिए बिना मम्मी के होंटो पर टूट पड़ते है और बेसब्रो की तरह होंटों को चूसने काटने लगते है। किस करने के बाद भैया बोलते है बहुत मजा आया मेरी रानी।
कुछ देर बाद यू ही एक दूसरे की बांहों में लिपटे रहने के बाद भैया फिर से मम्मी के नंगे बदन की छुअन से उत्तेजित होने लगे। भैया ने मम्मी के स्तन को धीरे धीरे दबाना शुरू किया। मम्मी ने भी आगे बढ़कर भैया के लन्ड को अपने हाथो में पकड़ लिया और धीरे धीरे उसे हिलाने लगी। कुछ ही देर में भैया का लन्ड पूरे आकार में तन गया। भैया उठे और मम्मी की टांगो के बीच में आकर अपने लन्ड को मम्मी की चूत पर हल्के हल्के घिसने लगे। जिससे मम्मी बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी। अब मम्मी से रहा नही गया और भैया को लन्ड अपनी चूत में उतारने का इशारा किया। भैया ने चूत की द्वार पर अपना लन्ड टिकाकर जैसे ही धक्का मारा लन्ड फिसल कर मम्मी के पेट पर आ गया। भैया ने दो तीन बार कोशिश की लेकिन लन्ड चूत के लिसलिसा होने के कारण इधर उधर फिसल जाता। इस हरकत से मम्मी को हंसी आ गई और बोली। तुम अभी एक्सपर्ट नही हो इसमें । फिर मम्मी खुद अपने हाथ में लन्ड पकड़कर उसे चूत के छेद पर सेट किया और भैया को धक्का लगाने का इशारा किया। भैया ने अपने कूल्हे पीछे कर एक धक्का लगाया और इस बार भैया का लन्ड मम्मी की चूत को चीरता हुआ आधा अन्दर घुस गया। इसी की साथ ही कमरे में मम्मी की एक सिसकार गूंज गई। भैया ने फिर से एक और जोरदार धक्का लगाकर पूरा लन्ड घुसा दिया। मम्मी की चूत की दीवारें पूरी तरह चोड़ गई। मम्मी ने एक जोरदार चीख़ निकाली। भैया भी मम्मी की चीख सुनकर डर गए और अपना लन्ड निकलने के लिए पीछे होने लगे पर तभी मम्मी ने अपने हाथ से भैया के कूल्हों को दबा भैया को बाहर लन्ड निकलने से रोक दिया। मम्मी ने भैया को आंखों से इशारा कर आगे बढ़ने को कहा। इसके बाद भैया ने अपना लन्ड पेलना शुरू किया। हर धक्के के साथ मम्मी की सिस्कार निकल जाती। मम्मी ने अपनी मुठ्ठी में तकिए को बीच दर्द को सहती रही। आज मम्मी भैया के सभी उपकारों का कर्ज चुका देना चाहती थी। कुछ देर बाद भैया मम्मी के उप्पर आकर लेट गए और धक्के लगाने लगे। मम्मी ने भैया को अपनी टांगो से गिरफ्त में ले लिया। धक्के लगाते हुए दोनो एक दूसरे के होंटो को चूमने लगे। हर धक्के के साथ मम्मी के हाथो की चूड़ियां और पैरों की पायल छन छन बज रही थी। कुछ देर बाद मम्मी ने भैया को रुकने को कहा। भैया को लगा शायद मम्मी आज लंबी चूदाई के कारण थोड़ी थक गई है पर मम्मी खड़ी हुई और बेड पर पलटकर घोड़ी बन गई। मम्मी ने पीछे मुड़कर भैया को पीछे से चुदाई करने को कहा। भैया मम्मी के जोश को देखकर दंग रह गए और भैया ने जल्दी से अपनी पोजीशन ले ली। जैसे ही भैया ने अपना लन्ड चूत में डाला तो इस पोजीशन में चूत के कस जाने के कारण मम्मी को काफी दर्द हुआ। भैया लगातार जोरदार झटके मार लन्ड को चूत की गहराइयों में उतार रहे थे। एक घंटे तक चुदाई करने बाद अब भैया का निकलने वाला था इसलिए भैया ने मम्मी से पूछा कहा निकाले। मम्मी चिल्लाते हुए बोली अंदर ही निकाल दो। कुछ एक दो धक्को के बाद भैया एक जोरदार चीख निकली आह.. पल्लवी मै गया और भैया के लन्ड से निकलती वीर्य की पिचकारियों ने मम्मी की चूत को पूरा लबालब वीर्य से भर दिया। वीर्य की गर्मी से मम्मी ने भी अपना पानी छोड़ दिया और दोनो निढाल बिस्तर पर लुढक लेट गए।
-------------------------The End---------------------
[+] 3 users Like Abcxytm.'s post
Like Reply
Me is site per ab koi story post nahi karunga. Ab se sabhi story x forum per milegi.
Us site per mummy ka prem sambandh se yahi story post ki hai maine aur nayi story bhi usi per hogi.
Ager tum logo ko isi tarah ki aur erotic kahani chahiye to x forum per visit kare. Meri dusri story ka naam hai maa se Mila pyaar aur saza.
[+] 2 users Like Abcxytm.'s post
Like Reply
Have everyone read update
Like Reply
Hot story
Like Reply
(31-03-2024, 02:05 PM)Abcxytm. Wrote: Me is site per ab koi story post nahi karunga. Ab se sabhi story x forum per milegi.
Us site per mummy ka prem sambandh se yahi story post ki hai maine aur nayi story bhi usi per hogi.
Ager tum logo ko isi tarah ki aur erotic kahani chahiye to x forum per visit kare. Meri dusri story ka naam hai maa se Mila pyaar aur saza.

Nice one.
Like Reply




Users browsing this thread: 8 Guest(s)