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मैं फ्री हो कर बेड पर बैठ कर मोबाइल में विडियो देख रहा था / नंगी विडियो मैंने आवाज़ कम करके लगा रखी थी / सेक्सी विडियो देख देख कर मेरा लौड़ा टाइट हो रहा था / मेरे मन से बस वाली बातें नहीं जा रही थी और मैं सोच रहा था की मम्मी की चूत पर बाल होंगे के नहीं / ये सोचने का कारन ये भी था की मेरे लौड़े के आसपास मेने अपनी साडी झांटे साफ़ कर रखी थी और मुझे साफ़ जगह पसंद थी ताकि मुझे और मेरे पार्टनर को चूसने में कोई परेशानी न हो /
हाय मम्मी ///
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मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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मोबाइल देखते देखते मुझे नींद आने लगी थी / मैंने मोबाइल एक तरफ बंद करके रख दिया और सोने की कोशिश करने लगा / कमरे में अँधेरा था / थोड़ी देर बाद मम्मी अंदर आई और बोली रवि बेटे, सो गया क्या? इतना अँधेरा कियूं कर रखा है? कहकर मम्मी ने कमरे की लाइट जला दी / लाइट के जलते ही कमरे में रौशनी हो गई थी और मेरा शेर जाग रहा था और मेरी आँखें बंद थी / मैं पीठ के बल लेता हुआ था / मैंने नाईट पजामा और एक टी शर्ट डाली हुई थी / मेरे लौड़ा पूरी तरह से टाइट होकर पेंट के अंदर छत की तरफ देख रहा था / आपको पता ही है कि जब मेरे लौड़ा तन्ना जाता है तो उसकी ऊपर की चमड़ी नीचे हो जाती है और मेरे लौड़े का सुपाडा टाइट होने के बाद चमकने लगता है /
हाय मम्मी ///
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मम्मी ने जैसे ही मेरी तरफ देखा तो मैं पीठ के बल सो रहा था और मेरा लौड़ा अपनी पूरी जवानी पर था / मम्मी ने धीरे से मुझे आवाज़ दी “रवि” लेकिन में अपनी आँखें बंद कर के पड़ा रहा और अपने लौड़े का ठुमका मारा / मम्मी की नज़र मेरे पजामे के अंदर ठुमका मरते मेरे लौड़े पैर चली गई / मम्मी ने समझा होगा की मैं कोई सपना देख रहा हूँ / मेरे लौड़े का उभार मम्मी को अपनी तरफ खींच रहा था / मैंने अपने लौड़े को जोर जोर से ठुमकाना शुरू कर दिया / मुझे महसूस हो रहा था की मेरे लौड़े का सुपाडा मेरे पजामे के अंदर रगड़ मार कर मेरे लौड़े को और भी टाइट कर रहा था क्योंकि हम लोग रात को अंडरवियर और औरते रात को पेंटी और ब्रा नहीं डालती थी / इसका मतलब इस टाइम मम्मी ने भी नीचे ब्रा और पेंटी नहीं डाली होगी / मम्मी ने जल्दी से कमरे की लाइट बंद कर दी लेकिन फिर ही खिडकियों से जो रौशनी अंदर आ रही थी वो सीधा मेरे ऊपर पड़ रही थी और मेरे पजामे के अंदर जो उभार था वो भी मम्मी को दिखाई दे रहा था / मेरे मूंह पैर अँधेरा था तो मैं धीरे धीरे से अपनी आँखें खोल कर मम्मी को देखना शुरू कर दिया था की मम्मी अब क्या करेगी / मम्मी धीरे धीरे से मेरी तरफ आने लगी और एक ऊँगली से मुझे हिला कर बोली, रवि बेटा, सो रहे हो क्या? लेकिन मैं बिना कुछ बोले चुपचाप पड़ा रहा / मैं देखना चाहता था कि मम्मी अब क्या करेगी?
हाय मम्मी ///
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मेरा लौड़ा अभी भी एकदम टाइट छत की तरफ हो कर खलीफा टावर बना हुआ था / मम्मी ने धीरे से अपनी एक ऊँगली से मेरे लौड़े को पेंट के ऊपर से हलके से छुआ / मेरे लौड़े ने ठुमका मारा / मम्मी डर गयी और अपना हाथ पीछे कर लिया / थोड़ी देर तक मम्मी ऐसे ही बेठी रही / जब मेरी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई तो मम्मी ने समझा की मै पूरी तरह से नींद मैं हूँ / मम्मी ने धीरे से मुझे हिलाया और पुछा रवि सो रहे हो कि जाग रहे हो ?
लेकिन मेरी तरफ से कोई जवाब नहीं आया / मम्मी ने मुझे जोर जोर से हिलाया परन्तु मैंने कोई जवाब नहीं दिया / मम्मी ने समझा की मैं पूरी तरह से नींद मैं हूँ / मम्मी एक दो मिनट ऐसे ही बैठी रही / मम्मी ने हिम्मत करके मेरे इलास्टिक वाले पजामे के रब्बर वाली जगह से पकड़ा और ऊपर की तरफ से उठा कर अंदर की तरफ देखा पजामे के अंदर मेरा लौड़ा अपनी पूरी औकात पर था / मम्मी ने पजामे को मेरे लौड़े के ऊपर से लेजाते हुए पजामे को नीचे की तरफ सरका दिया / मेरा लौड़ा अब नंगा हो चूका था / मेरे लौड़े के नीचे एक भी बाल नहीं था मतलब मैं अपने लौड़े को क्लीन शेव रखता था मुझे लौड़े की और चूत की झांट बिलकुल पसंद नहीं थी / इसलिए मेरी बीवी डॉली भी अपनी चूत को क्लीन शेव करके रखती थी / मम्मी मेरे टाइट बिलकुल मीनार के तरह से सीधा खड़े हुए लौड़े को बड़ी हैरानी से देख रही थी / मेने अपने लौड़े को झटके देने शुरू कर दिया जैसे कोई सांप लहरा रहा हो / मेरे लौड़े को देख कर ऐसे लग रहा था मेरे लौड़े ने मम्मी की आँखों में सम्मोहन हो रहा था मम्मी की नज़रें मेरे लौड़े से हट ही नहीं रही थी / मम्मी धीरे धीरे से मेरे लौड़े की तरफ अपने होंठों को आगे बढाने लगी और मेरे लौड़े के पास में आ कर मेरे लौड़े के चमकते हुए सुपाडे को अपनी जीभ से धीरे से चाट लिया और फिर धीरे से अपने दोनों होंठों में मेरे सुपाडे को थोडा सा भर कर जीभ से चाटने लगी / और जब मम्मी को सुपाडे का स्वाद आने लगा तो मम्मी ने मेरे पुरे सुपाडे को अपने होंठों में हर कर अंदर ही अंदर जीभ फेरने लगी / और बड़ी जोर जोर से मेरे सुपाडे को चूसने लगी / मम्मी ने अपने दोनों हाथों से मेरे सुपाडे के नीचे लंड को पकड़ कर अपने होंठों को ऊपर नीचे करते हुए मजे ले ले कर चूसने लगी / मेरा लौड़े में पत्थर जैसी सख्ती आ चुकी थी/ मुझे लग रहा था की मैं ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर सकूँगा और मेरा पानी निकल जायेगा / मैंने धीरे धीरे आह... आह्ह ..ओफ्हो... करना शुरू कर दिया था जिस से मम्मी को लगा की मैं जैसे कोई सपना देख रहा हूँ / और फिर पूरी स्पीड से मेरे लौड़े ने अपना पानी छोड़ दिया जिसे मम्मी ने बिना किसी शर्म के अपने होंठों द्वारा अपने मूंह से गटक लिया / मेरे लौड़े ने गाड़ी मलाई के कई शॉट मारे जिसे मम्मी ने बिना किसी शर्म के जल्दी जल्दी से अंदर गटक लिया जैसे मम्मी ने कोई मीठी मलाई खाई हो / अब मेरा लौड़ा कुछ कुछ ढीला होने लगा था / मम्मी ने लंड को अपने मूंह से निकल दिया / मेरे लौड़ा अभी भी अपनी पूरी औकात पर था और अभी भी काफी बड़ा दिखाई दे रहा था / मम्मी ने मेरे लंड के ऊपर चुम्मी दी और फिर मेरे पजामे के रब्बर को पकड़ कर मेरे लौड़े से ऊपर करते ही कमर पर कर दिया और फिर मेरी तरफ पीठ कर के सो गई / कुछ देर बाद मैंने मम्मी की तरफ अपना मूंह किया मैंने देखा कि
टी शर्ट ऊपर उठ जाने की वजह से मम्मी की कमर का नाजुक नरम हिस्सा दिखाई दे रहा था / और मम्मी की गांड के ऊपर पजामा था और पजामा गांड की दरार में फंसा हुई था जिस कारण मम्मी की गांड की दरार पूरी तरह से महसूस हो रही थी / मैंने धीरे से मम्मी की कमर पर अपनी एक टांग रख कर सोने की एक्टिंग करने लगा और अपने लौड़े के सुपाडे को मम्मी की गांड की दरार के अंदर तक फस कर सोने की कोशिश करने लगा / न जाने कब मम्मी की गांड की दरार में अपने लौड़े को फसा कर मुझे नींद ने आ घेरा था मुझे पता ही नहीं चला /
हाय मम्मी ///
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सुबह जब में जागा तो मैं बेड पर मैं अकेला ही सोया हुआ था / मेरा लौड़ा अभी भी टाइट था / मुझे पता था कि जब भी मैं सुबह सुबह जागता था तो मेरा लौड़ा मेरे जागने से पहले टाइट होता था / कुछ ही देर में मम्मी मेरे लिए बेड टी ले कर आई और एक रहस्यमयी स्माइल दे रही थी / मम्मी बोली “उठ गया रवि” मैंने कहा “हां मम्मी, आप तो मुझ से भी पहले उठ गई / रात को आपको ठीक नींद आई ना”
मम्मी मुस्कराते हुए तिरछी नज़र से मुझे देखा और बोली – “मुझे तो बहुत ही अच्छी नींद आई / कल की रात तो मैं भूल नहीं सकती, ऐसी मजेदार नींद आई थी, तुम्हे तो कुछ होश ही नहीं था रात को, सुबह भी तुम मेरे ऊपर टांग रखकर सो रहे थे” मम्मी ने मुझे प्यार से देखते हुए बोला “रवि, तुम्हे कैसी नींद आई?” मैंने भी मम्मी को नार्मल रहते हुए कहा, “पता नहीं मम्मी मुझे तो इतनी थकावट हो रही थी कि कुछ पता ही नहीं चला, जब मैं सुबह उठा तो मैं अकेला ही बेड पर था आप उठ चुकी थी”/
हाय मम्मी, तुम्हारे जैसी कोई नहीं ///
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28-05-2024, 02:56 PM
मैंने देखा मम्मी के होंठों पर रहस्यमयी मुस्कराहट थी / वो मुझे चाय पकड़ा कर चली गई / मेरी नज़र मम्मी की थिरकती हुई गांड पर ही ठहरी हुई थी / जब तक मम्मी दरवाज़ा पार कर के मेरी नजरो से ओझल नहीं हो गई मेरी नज़र मम्मी की उठती-गिरती गांड पर ही ठहरी रही / मैं चाय पी कर बाथरूम चला गया और नाहा कर तैयार हो कर बहार निकला / सारा दिन प्रोग्राम अटेंड करने के बाद शाम को हम लोग अपने घर जाने की तैय्यारी करने लगे / तो चौधरी साहब ने हमें बस स्टैंड छोड़ने के लिए कार भेज कर हमें बस स्टैंड तक पहुंचा दिया / आसमान में काले काले बादल छाने लगे थे किसी भी समय बारिश होने के असार थे /
जब हम कार से बस स्टैंड पहुंचे तो रास्ते में ही बारिश हो चुकी थी / कार पार्किंग से बस स्टैंड तक पहुचते हुए हम दोनों भीग चुके थे / बस जाने के लिए तैयार थी / मम्मी और मैं दोनों जल्दी से बस में चढ़ गए / बस में बहुत ही ज्यादा रश था जिस कारण हमें बैठने के लिए भी सीट नहीं मिल सकी/ हम भीड़ में ही खड़े हो गए थे / मम्मी ने सफेद रंग की साड़ी पहनी थी और सफ़ेद ही ब्लाउज था/ बारिश के पानी से साड़ी और ब्लाउज भीग गए थे और मम्मी की सफ़ेद ही रंग की ब्रा भी अब दिखाई देने लगी थी / मैंने पीछे से देखा की ब्रा की पट्टी काफी चौड़ी थी और मम्मी की ब्रा के कप भी काफी बड़े बड़े थे क्योंकि मम्मी के मुम्मे बहुत बड़े बड़े थे / मम्मी के ब्लाउज का गला भी काफी डीप था जिसमें से मम्मी के मुम्मों के क्लीवेज बड़े बड़े दिखाई दे रहे थे / मम्मी मेरे आगे खड़ी थी/ मम्मी की गांड पीछे की तरफ उभरी हुई थी और जब मैं और मम्मी भीड़ की वजह से एक दुसरे से चिपक कर खड़े थे तो मम्मी की गांड मरे लौड़े को पीछे की तरफ दबा रही थी /
(हाय मम्मी, क्या कर रही हो, जोर से करो ना // )
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28-05-2024, 02:56 PM
मैंने देखा मम्मी के होंठों पर रहस्यमयी मुस्कराहट थी / वो मुझे चाय पकड़ा कर चली गई / मेरी नज़र मम्मी की थिरकती हुई गांड पर ही ठहरी हुई थी / जब तक मम्मी दरवाज़ा पार कर के मेरी नजरो से ओझल नहीं हो गई मेरी नज़र मम्मी की उठती-गिरती गांड पर ही ठहरी रही / मैं चाय पी कर बाथरूम चला गया और नाहा कर तैयार हो कर बहार निकला / सारा दिन प्रोग्राम अटेंड करने के बाद शाम को हम लोग अपने घर जाने की तैय्यारी करने लगे / तो चौधरी साहब ने हमें बस स्टैंड छोड़ने के लिए कार भेज कर हमें बस स्टैंड तक पहुंचा दिया / आसमान में काले काले बादल छाने लगे थे किसी भी समय बारिश होने के असार थे /
जब हम कार से बस स्टैंड पहुंचे तो रास्ते में ही बारिश हो चुकी थी / कार पार्किंग से बस स्टैंड तक पहुचते हुए हम दोनों भीग चुके थे / बस जाने के लिए तैयार थी / मम्मी और मैं दोनों जल्दी से बस में चढ़ गए / बस में बहुत ही ज्यादा रश था जिस कारण हमें बैठने के लिए भी सीट नहीं मिल सकी/ हम भीड़ में ही खड़े हो गए थे / मम्मी ने सफेद रंग की साड़ी पहनी थी और सफ़ेद ही ब्लाउज था/ बारिश के पानी से साड़ी और ब्लाउज भीग गए थे और मम्मी की सफ़ेद ही रंग की ब्रा भी अब दिखाई देने लगी थी / मैंने पीछे से देखा की ब्रा की पट्टी काफी चौड़ी थी और मम्मी की ब्रा के कप भी काफी बड़े बड़े थे क्योंकि मम्मी के मुम्मे बहुत बड़े बड़े थे / मम्मी के ब्लाउज का गला भी काफी डीप था जिसमें से मम्मी के मुम्मों के क्लीवेज बड़े बड़े दिखाई दे रहे थे / मम्मी मेरे आगे खड़ी थी/ मम्मी की गांड पीछे की तरफ उभरी हुई थी और जब मैं और मम्मी भीड़ की वजह से एक दुसरे से चिपक कर खड़े थे तो मम्मी की गांड मरे लौड़े को पीछे की तरफ दबा रही थी /
(हाय मम्मी, क्या कर रही हो, जोर से करो ना // )
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गर्मी के मौसम में मेरे लौड़े पर मम्मी की गांड की रगड़ मुझे अच्छी लग रही थी / गांड की रगड़ से मेरे लौड़े ने धीरे से अपना सर उठाना शुरू कर दिया था और मम्मी की गांड में साड़ी के ऊपर से ही अंदर की तरफ घुसने लगा था / अचानक मैंने देखा की मम्मी जहाँ पैर खड़ी थी उसके कोने वाली सीट पैर वाही ,., अंकल बैठे थे जो पहले मम्मी और मुझे मिले थे / उन्होंने धीरे से मम्मी की साड़ी के अंदर अपना एक हाथ डाला और मम्मी की चूत पर अपना हाथ फिरने लगे / मुझे अंकल का हाथ मम्मी की साड़ी के अंदर आगे पीछे होते हुए महसूस हो रहा था / मम्मी के मूह पैर लाली छाने लगी थी और वो धीरे धीरे से अपने मूंह के अंदर ही सिसकियाँ ले रही थी / फिर अचानक ही मम्मी के मूंह से एक आह सी निकल गई जिस से मैं समझ गया की मम्मी की चूत में अंकल की मोटी ऊँगली चली गई है / मम्मी के मूंह से धीरे धीरे लगातार सिसकियाँ निकलने लगी, क्योंकि अंकल की ऊँगली धीरे धीरे अब स्पीड पकड़ने लगी थी / कुछ देर तक ऐसे ही सिसकने के बाद मम्मी ने एक लम्बी आह भरी और फिर शांत हो गई / मैं समझ गया की मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया है / अंकल ने भी अपना हाथ बहार निकल लिया था / मैंने छुपी आँखों से देख की अंकल का हाथ भीगा हुई था जिसपर मम्मी की चूत का पानी भरा हुआ था / अंकल ने सही से छुपा कर अपनी भीगी हुई उंगलियो को चाट चाट के साफ़ कर दिया और मुस्कराने लगे थे / वो अगले स्टॉप पर उतर गए /
(हाय मम्मी चलो घर चल कर मजे करते हैं // )
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यह सब देख कर मेरे लौड़े ने भी हरकत करनी शुरू कर दी थी और वो अपनी पूरी औकात पर आ चूका था / मुझे महसूस हो रहा था की मेरे लौड़े का टोपा खुल कर टाइट हो चूका था / इस घर्षण की वजह से मेरे लौड़े में उबाल आ रहा था / मैंने अपने लौड़े को मम्मी की गांड के और भी अंदर की तरफ धकेलना शुर कर दिया था / और धीरे धीरे से अंदर की तरफ धक्का मार रहा था / मम्मी भी पीछे की तरफ अपनी गांड को धकेल कर मेरे लौड़े को अपनी गांड में लेना चाहती थी / मुझे पता था कि जब से मम्मी ने रात से मेरे लौड़े की मलाई खायी थी तभी से मम्मी मेरे लौड़े की दीवानी थी / मेरा पूरा लौड़ा मम्मी की गांड की दरार में घुस चूका था (कपडे के ऊपर से) / हम दोनों ही एक दुसरे की तरफ धीरे धीरे से जोर लगा कर मजा ले रहे थे और भीड़ में किसी को ही इस बात की खबर ही नहीं थी / मम्मी की साडी और मेरे कपडे भी अब काफी हद तक सूख चुके थे / आखिर हमारा स्टॉप आ गया और हम उस स्टॉप पर उतर गए और घर की तरफ जाने के लिए ऑटो ले लिए / ऑटो में भी पूरी तरह से रश था और मैं और मम्मी आपस में जुड़ कर बैठे थे मम्मी मेरी तरफ गिरती जा रही थी / मम्मी ने बहाने से पहले अपना एक हाथ मेरी गोदी में रखा था और फिर धीरे से मेरे लंड के ऊपर अपना हाथ रख कर लंड को दबाने लगी और ऐसा करने से मेरा लौड़े में फिर से जान आने लगी थी / यह भी अच्चा था की मैंने अपनी गोदी में एक हल्का सा बैग उठा रखा था और बाकि बैग पीछे ऑटो में रखे थे / मम्मी धीरे धीरे मेरे लंड पर अपना हाथ फिर रही थी और मेरे पूरे लौड़े का नाप ले रही थी मेरे लौड़े ने पजामे के अंदर ही अपने टोपे को खोल लिया था और मेरा लंड का सुपाड़ा खुल चूका था और पूरी तरह से टाइट हो चूका था जिस पर मम्मी अपनी उँगलियों को कस रही थी और उपर नीचे कर रही थी / मेरे लौड़े से पानी छूटने वाला था इतने में हमारे घर के पास वाला स्टॉप आ गया और सभी ऑटो से उतरने लगे थे / मुझे लग रहा था की अगर यह स्टॉप ना आता तो एक दो मिनट में मेरे लौड़े ने अपनी मलाई निकल देनी थी / हम ऑटो से उतर कर घर की तरफ जाने लगे / मेरे पजामे में अभी भी मेरे लौड़े में उफान था / मम्मी मेरे लौड़े की तरफ देख कर हंस रही थी मैंने शर्म के मारे एक हलके बैग को अपने लौड़े के ऊपर ढक लिया और अंदर आकर हम सोफे पर बैठ गए // (Flash-back end)
हाय मम्मी, तेरे बिना भी क्या जीना ///
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