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23-02-2024, 09:00 PM
(This post was last modified: 23-02-2024, 09:05 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
दीदी की शादी के बाद चुदाई
।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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दीदी की शादी के बाद चुदाई
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(23-02-2024, 10:23 PM)neerathemall Wrote:
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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(23-02-2024, 10:23 PM)neerathemall Wrote:
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(23-02-2024, 10:23 PM)neerathemall Wrote:
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(23-02-2024, 09:00 PM)neerathemall Wrote: दीदी की शादी के बाद चुदाई
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(23-02-2024, 09:02 PM)neerathemall Wrote: था, आज शाम मेरा फौजी जीजा ५-६ दिनों के लिए दिल्ली से बाहर जानेवाला था तो मेरी दीदी के लिए इस शहर में अकेले सप्ताह भर रहना थोड़ा मुश्किल था, हालांकि जीजा को आर्मी केंट में ही रहने को फ्लैट मिला था फिर भी दीपा के यहां आए मात्र दो माह हुए थे सो मुझे कानपुर से यहां आना पड़ा ताकि शादीशुदा बहन कि जरूरतों को पूरा कर सकूं। मॉम और डैड को क्या पता कि उनकी बेटी की तन की जरूरतों को मैं ही महीनों से पूरा कर रहा हूं तो राहुल मल्होत्रा, उम्र १९ साल, कसरती बदन तो लंबाई तकरीबन ६’० फीट साथ ही लंड का आकार ६-७ इंच लम्बा और डेढ़ दो इंच मोटा तो दीपा, २१ साल की मादक जवानी है और शादी के बाद तो उसके तन की खूबसूरती और भी निखर गई है साथ ही उसके चुत के आकार में भी थोड़ा परिवर्तन हुआ है, दोनों गद्देदार फांक हट से गए हैं तो चुत के अंदर की चिकनाहट बढ़ गई, उनके चुत का तंग रास्ता पूरी तरह से फैल गया तो दीदी के कथनानुसार जीजा का लंड ८-९ इंच लम्बा और दो ढाई इंच मोटा है साथ ही वो दीदी को बेरहम की तरह रोज रात चोदा करते हैं तो दीपा के पास और कोई चारा भी तो नहीं। दीपा को आज चोदकर मैं स्नान किया फिर नाश्ता करके सो गया, तकरीबन २:०० बजे दिन में मेरी नींद दीपा दीदी के जगाने से खुली तो फ्रेश होकर मैं, जीजा और दीदी साथ ही खाना खाए फिर दीदी और जीजा दोनों अपने रूम चले गए तो मैं डायनिंग हॉल में ही बैठकर टी वी देखने लगा, शाम ४:०० बजे के आसपास जीजा घर से निकलता फिर तो दीपा और राहुल कि मस्ती थी और लगभग पौने चार बजे जीजा अपने रूम से बाहर निकले तो उनके हाथ में एक बड़ा सा बैग था तो दीदी बोली “राहुल बाईक से जीजा को ऑटो स्टैंड तक लेते जाओ
( मैं उठकर ) ठीक है दीदी”फिर दोनों साथ घर से निकले और उनके बाईक को मैं स्टार्ट किया तो वो मेरे पीछे बैठ गए, आर्मी केंट से निकलकर ऑटो स्टैंड पहुंचा फिर वहीं उनको एक ऑटो पर बिठाकर वापस घर की ओर आने लगा तो ध्यान आया कि कुछ सामान ले लिया जाए तो एक शॉपिंग मॉल के बाहर बाईक रोककर पहले तो आईस क्रीम पार्लर से दीदी के लिए वेनिला फ्लेवर आईस क्रीम खरीदा साथ ही वाईन शॉप से ४ बोतल बियर लिया, सोचा कि आज शाम घर के अंदर ही दीपा के साथ रंगरेलियां मनाएंगे फिर फ्लैट की ओर चल पड़ा तो वसंत ऋतु की शाम भी कुछ जल्दी ही अंधकारमय होती है। राहुल हाथ में प्लास्टिक बैग लिए कॉल बेल बजाने लगा तो दीपा आकर दरवाज़ा खोल दी फिर अंदर दाखिल होकर दरवाजा बंद किया और उस प्लास्टिक बैग से बियर की बोतल निकाल रेफ्रिजरेटर में रखने लगा तो दीदी किचन में चाय बना रही थी, बाहर आते समय मुझे देखी “अरे बुद्धू, घर में ही तो दारू की बोतल पड़ी है फिर
( मैं ) रहने दो, आखिर जीजा के हर सामान का इस्तेमाल मैं ही करूंगा
( वो हंसने लगी ) ओह मतलब कि तुम यहां सिर्फ और सिर्फ मजे के लिए आए हो
( मैं कुर्सी पर उनके बगल में बैठ चाय का प्याला उठाया ) तो बेबी, तेरी जरूरत का ध्यान कौन रखेगा “दीपा पीले रंग कि साड़ी, बिन बाहों वाली बैकलेस ब्लाऊज और अंदर तो पेटीकोट होगी ही में खूबसूरत लग रही थी, चाय पीता हुआ उनके हुस्न का दीदार कर रहा था तो दीपा शरमाते हुए “तुम बहुत बदमाश हो गए हो, मॉम से बोलकर तेरी शादी करानी होगी
( मैं मुस्कुराया ) अभी पहले पढ़ाई फिर जॉब और तब शादी “दोनों चाय पी चुके थे तो दीपा मेरे सामने से अपने कमर बलखाती हुई किचन चली गई और राहुल पीछे से जाकर अपनी बड़ी बहन को पकड़ लिया तो मेरा हाथ उनके कमर और सीने पर था, एक बूब्स दबाता हुआ पेट को सहलाने लगा तो टाईट लंड उनके गान्ड में चुभ रही थी और जैसे ही गर्दन को चूमने लगा वो बोली “क्या हर वक़्त सिर्फ काम में लग जाते हो, मन नहीं भरता
( मैं उसके स्तन दबाने लगा ) बेबी, कितने दिन के बाद तो तुमसे मिला हूं और तुम हो की नखरे कर रही हो
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(23-02-2024, 09:00 PM)neerathemall Wrote: दीदी की शादी के बाद चुदाई
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(23-02-2024, 09:02 PM)neerathemall Wrote: था, आज शाम मेरा फौजी जीजा ५-६ दिनों के लिए दिल्ली से बाहर जानेवाला था तो मेरी दीदी के लिए इस शहर में अकेले सप्ताह भर रहना थोड़ा मुश्किल था, हालांकि जीजा को आर्मी केंट में ही रहने को फ्लैट मिला था फिर भी दीपा के यहां आए मात्र दो माह हुए थे सो मुझे कानपुर से यहां आना पड़ा ताकि शादीशुदा बहन कि जरूरतों को पूरा कर सकूं। मॉम और डैड को क्या पता कि उनकी बेटी की तन की जरूरतों को मैं ही महीनों से पूरा कर रहा हूं तो राहुल मल्होत्रा, उम्र १९ साल, कसरती बदन तो लंबाई तकरीबन ६’० फीट साथ ही लंड का आकार ६-७ इंच लम्बा और डेढ़ दो इंच मोटा तो दीपा, २१ साल की मादक जवानी है और शादी के बाद तो उसके तन की खूबसूरती और भी निखर गई है साथ ही उसके चुत के आकार में भी थोड़ा परिवर्तन हुआ है, दोनों गद्देदार फांक हट से गए हैं तो चुत के अंदर की चिकनाहट बढ़ गई, उनके चुत का तंग रास्ता पूरी तरह से फैल गया तो दीदी के कथनानुसार जीजा का लंड ८-९ इंच लम्बा और दो ढाई इंच मोटा है साथ ही वो दीदी को बेरहम की तरह रोज रात चोदा करते हैं तो दीपा के पास और कोई चारा भी तो नहीं। दीपा को आज चोदकर मैं स्नान किया फिर नाश्ता करके सो गया, तकरीबन २:०० बजे दिन में मेरी नींद दीपा दीदी के जगाने से खुली तो फ्रेश होकर मैं, जीजा और दीदी साथ ही खाना खाए फिर दीदी और जीजा दोनों अपने रूम चले गए तो मैं डायनिंग हॉल में ही बैठकर टी वी देखने लगा, शाम ४:०० बजे के आसपास जीजा घर से निकलता फिर तो दीपा और राहुल कि मस्ती थी और लगभग पौने चार बजे जीजा अपने रूम से बाहर निकले तो उनके हाथ में एक बड़ा सा बैग था तो दीदी बोली “राहुल बाईक से जीजा को ऑटो स्टैंड तक लेते जाओ
( मैं उठकर ) ठीक है दीदी”फिर दोनों साथ घर से निकले और उनके बाईक को मैं स्टार्ट किया तो वो मेरे पीछे बैठ गए, आर्मी केंट से निकलकर ऑटो स्टैंड पहुंचा फिर वहीं उनको एक ऑटो पर बिठाकर वापस घर की ओर आने लगा तो ध्यान आया कि कुछ सामान ले लिया जाए तो एक शॉपिंग मॉल के बाहर बाईक रोककर पहले तो आईस क्रीम पार्लर से दीदी के लिए वेनिला फ्लेवर आईस क्रीम खरीदा साथ ही वाईन शॉप से ४ बोतल बियर लिया, सोचा कि आज शाम घर के अंदर ही दीपा के साथ रंगरेलियां मनाएंगे फिर फ्लैट की ओर चल पड़ा तो वसंत ऋतु की शाम भी कुछ जल्दी ही अंधकारमय होती है। राहुल हाथ में प्लास्टिक बैग लिए कॉल बेल बजाने लगा तो दीपा आकर दरवाज़ा खोल दी फिर अंदर दाखिल होकर दरवाजा बंद किया और उस प्लास्टिक बैग से बियर की बोतल निकाल रेफ्रिजरेटर में रखने लगा तो दीदी किचन में चाय बना रही थी, बाहर आते समय मुझे देखी “अरे बुद्धू, घर में ही तो दारू की बोतल पड़ी है फिर
( मैं ) रहने दो, आखिर जीजा के हर सामान का इस्तेमाल मैं ही करूंगा
( वो हंसने लगी ) ओह मतलब कि तुम यहां सिर्फ और सिर्फ मजे के लिए आए हो
( मैं कुर्सी पर उनके बगल में बैठ चाय का प्याला उठाया ) तो बेबी, तेरी जरूरत का ध्यान कौन रखेगा “दीपा पीले रंग कि साड़ी, बिन बाहों वाली बैकलेस ब्लाऊज और अंदर तो पेटीकोट होगी ही में खूबसूरत लग रही थी, चाय पीता हुआ उनके हुस्न का दीदार कर रहा था तो दीपा शरमाते हुए “तुम बहुत बदमाश हो गए हो, मॉम से बोलकर तेरी शादी करानी होगी
( मैं मुस्कुराया ) अभी पहले पढ़ाई फिर जॉब और तब शादी “दोनों चाय पी चुके थे तो दीपा मेरे सामने से अपने कमर बलखाती हुई किचन चली गई और राहुल पीछे से जाकर अपनी बड़ी बहन को पकड़ लिया तो मेरा हाथ उनके कमर और सीने पर था, एक बूब्स दबाता हुआ पेट को सहलाने लगा तो टाईट लंड उनके गान्ड में चुभ रही थी और जैसे ही गर्दन को चूमने लगा वो बोली “क्या हर वक़्त सिर्फ काम में लग जाते हो, मन नहीं भरता
( मैं उसके स्तन दबाने लगा ) बेबी, कितने दिन के बाद तो तुमसे मिला हूं और तुम हो की नखरे कर रही हो
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हो
( वो ) अच्छा अभी छोड़ो तो कुछ काम करके रिलैक्स होती हूं
( मैं उसके गर्दन और चेहरा को चूमने लगा ) कोई काम नहीं, डिनर बाहर से ले आऊंगा समझी “फिर दोनों किचन से बाहर आए तो दीपा सीधे अपने रूम घुस गई और मैं डायनिंग हाॅल में ही बैठ उसका इंतजार करने लगा, लगा कि वो कुछ काम से रूम के अंदर गई होगी लेकिन जब ५-७ मिनट हो गए तब मैं बेड रूम घुसा और वो अपने बेड पर लेटी हुई थी, उसके दोनों उफान लेती चूचियां सांसों के साथ ऊपर और नीचे हो रहे थे तो मैं पूछ बैठा “क्या हुआ, तबियत तो ठीक है
( वो शरमाने लगी ) हां ठीक है “और उसके मधुर मुस्कान से समझा कि दीपा तो मेरे लिए बेड पर लेटी हुई है।
दीपा के पास बेड पर बैठ कर उसके साड़ी के पल्लू को नीचे करने लगा तो वो मेरा हाथ पकड़ दिखावटी विरोध कर रही थी पर मैं उसके सीने से साड़ी हटाकर स्तन दबाने लगा और फिर उसको करवट करके उसके पीठ पर हाथ लगाया और ब्लाऊज की डोरी खोलकर उसके बाहों से बाहर कर दिया, पीले रंग की ब्रा में सेक्सी चूचियां बाहर आने को तड़प रही थी तो उसके बूब्स दबाता हुआ ब्रा की हूक को भी खोल दिया, फिर उसके नग्न चूची को सहलाते हुए उसके छाती पर सर झुकाए चूची को मुंह में ले लिया तो दीपा मेरे बाल पर हाथ फेरने लगी और उसके टाईट स्तन को चूसते हुए उसके पेट से कमर तक हाथ फेरने लगा, मेरा हाथ उसके कमर पर रुक सी गई थी आखिर उसके साड़ी को निकाल पेटीकोट भी खोलना चाहता था। दीपा की चुदाई तो दिन में किया था लेकिन नग्न जिस्म का दीदार नहीं कर सका था, उसके चूची चूस रहा था तो वो अपने दोनों पैर बेड पर रगड़ अपनी कामुकता दिखा रही थी। राहुल अपनी शादीशुदा बहन की चूची चूसने में मस्त था तो दीपा मेरे पैजामा के नाड़े को पकड़ खोल दी और “उह आह उई अब मत चूसो
( मैं उसकी चूची निकाल ) बेबी, ये ले और देख अपना पहला प्यार”मैं पैजामा पैर से बाहर करके लंड हाथ में थामे दीपा को दिखाने लगा तो वो अपने हथेली से चेहरा ढक शरमाने लगी फिर मैं दीपा की साड़ी कमर से निकाल उसे सिर्फ पेटीकोट में रहने दिया और उसके नग्न सपाट पेट से कमर तक को चूमने लगा। दीपा की खूबसूरती शादी के बाद बढ़ चुकी थी तो मैं उसके गहरी नाभि में जीभ घुमाने लगा और वो “उह ओह ये क्या राहुल, मर ही जाऊंगी ऐसे ” कहते हुए अपने चूतड़ को उपर उठाने लगी और मैं उसके कमर चूमता हुआ पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया फिर उसकी कमर से साया को नीचे करने लगा और दीदी अपने दोनों जांघों को सटाकर विरोध जता रही थी। मैं उसके पेटीकोट जांघ तक करके उसी हाल में छोड़ दिया फिर उसके चेहरे से चेहरे लगाकर गाल और ओंठ चूमने लगा तो वो अपने चेहरे को इधर उधर करके मेरे चुम्बन से बचना चाहती थी और मेरे ओंठ जब उसके ओंठ को चूमने लगे तब वो स्थिर होकर मेरे ओंठ पर जीभ फेरने लगी, तुरन्त ही मुंह खोलकर दीदी के जीभ चूसने लगा और जैसे ही मेरा हाथ उसके कमर की ओर गया, वो थोड़ी ढीली पड़ चुकी थी और उसके दोनों फैले जांघों के बीच से पेटीकोट को नीचे कर चुत पर हाथ फेरने लगा और उसकी गर्म चुत जिसपर छोटे छोटे बार हो चुके थे पर हाथ फेरता रहा और वो मेरे चेहरा को पीछे धकेल जीभ निकाल ली। दीपा के चेहरे का रंगत ही बदल चुका था तो गोरा मुखड़ा लाल और सेक्सी लगने लगा, तभी मैं दीदी के निचले हिस्से की ओर गया, फिर पेटीकोट को पैर से बाहर करके उसका नग्न रूप देखने लगा, वो कमसिन जवानी लग रही थी तो उसके दोनों जांघों के बीच कोई दूरी नहीं थी तो चांद सा चमकता चुत को देखना शेष था, उसके जांघ पर झुककर ओंठ से चूमने लगा तो दीपा “उई मां, कितनी खुजली होने लगी राहुल, ओह ये देख ले देख अपनी शादशुदा बहन की चुत
( मैं उसके बुर देखता हुआ ) वाकई गुलाब की पंखुड़ियों की तरह कोमल तेरी चुत हो गई है रे “और मैं बिना देर किए उसकी चुत पर मुंह लगा दिया, लड़कियों के जिस्म का सबसे नाजुक अंग पर मेरा ओंठ चुम्बन दे रहा था तो दीपा बेड पर ही किसी मछली कि तरह जल बिन तड़प रही थी और उसका छोटा भाई उसकी चुत के छेद को फैलाकर जीभ से चाटने लगा तो वो अपने चूतड़ ऊपर करने लगी “उह ओह कितने दिनों के बाद मेरी चुत में किसी का जीभ घुसा है ओह अब मेरी जान निकल रही है जानू
( मैं उसके चुत से जीभ निकालकर बोला ) ठीक है तो अब चुदाई ही करता हूं लेकिन पूरी रात तेरी चुत ही चाटूंगा “दीपा नग्न अवस्था में बेड पर से उतरकर वाशरूम चली गई तो मैं उसके बेड पर लेट गया और मेरा खंबा सा लंड चुत में जाने को आतुर था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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हो
( वो ) अच्छा अभी छोड़ो तो कुछ काम करके रिलैक्स होती हूं
( मैं उसके गर्दन और चेहरा को चूमने लगा ) कोई काम नहीं, डिनर बाहर से ले आऊंगा समझी “फिर दोनों किचन से बाहर आए तो दीपा सीधे अपने रूम घुस गई और मैं डायनिंग हाॅल में ही बैठ उसका इंतजार करने लगा, लगा कि वो कुछ काम से रूम के अंदर गई होगी लेकिन जब ५-७ मिनट हो गए तब मैं बेड रूम घुसा और वो अपने बेड पर लेटी हुई थी, उसके दोनों उफान लेती चूचियां सांसों के साथ ऊपर और नीचे हो रहे थे तो मैं पूछ बैठा “क्या हुआ, तबियत तो ठीक है
( वो शरमाने लगी ) हां ठीक है “और उसके मधुर मुस्कान से समझा कि दीपा तो मेरे लिए बेड पर लेटी हुई है।
दीपा के पास बेड पर बैठ कर उसके साड़ी के पल्लू को नीचे करने लगा तो वो मेरा हाथ पकड़ दिखावटी विरोध कर रही थी पर मैं उसके सीने से साड़ी हटाकर स्तन दबाने लगा और फिर उसको करवट करके उसके पीठ पर हाथ लगाया और ब्लाऊज की डोरी खोलकर उसके बाहों से बाहर कर दिया, पीले रंग की ब्रा में सेक्सी चूचियां बाहर आने को तड़प रही थी तो उसके बूब्स दबाता हुआ ब्रा की हूक को भी खोल दिया, फिर उसके नग्न चूची को सहलाते हुए उसके छाती पर सर झुकाए चूची को मुंह में ले लिया तो दीपा मेरे बाल पर हाथ फेरने लगी और उसके टाईट स्तन को चूसते हुए उसके पेट से कमर तक हाथ फेरने लगा, मेरा हाथ उसके कमर पर रुक सी गई थी आखिर उसके साड़ी को निकाल पेटीकोट भी खोलना चाहता था। दीपा की चुदाई तो दिन में किया था लेकिन नग्न जिस्म का दीदार नहीं कर सका था, उसके चूची चूस रहा था तो वो अपने दोनों पैर बेड पर रगड़ अपनी कामुकता दिखा रही थी। राहुल अपनी शादीशुदा बहन की चूची चूसने में मस्त था तो दीपा मेरे पैजामा के नाड़े को पकड़ खोल दी और “उह आह उई अब मत चूसो
( मैं उसकी चूची निकाल ) बेबी, ये ले और देख अपना पहला प्यार”मैं पैजामा पैर से बाहर करके लंड हाथ में थामे दीपा को दिखाने लगा तो वो अपने हथेली से चेहरा ढक शरमाने लगी फिर मैं दीपा की साड़ी कमर से निकाल उसे सिर्फ पेटीकोट में रहने दिया और उसके नग्न सपाट पेट से कमर तक को चूमने लगा। दीपा की खूबसूरती शादी के बाद बढ़ चुकी थी तो मैं उसके गहरी नाभि में जीभ घुमाने लगा और वो “उह ओह ये क्या राहुल, मर ही जाऊंगी ऐसे ” कहते हुए अपने चूतड़ को उपर उठाने लगी और मैं उसके कमर चूमता हुआ पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया फिर उसकी कमर से साया को नीचे करने लगा और दीदी अपने दोनों जांघों को सटाकर विरोध जता रही थी। मैं उसके पेटीकोट जांघ तक करके उसी हाल में छोड़ दिया फिर उसके चेहरे से चेहरे लगाकर गाल और ओंठ चूमने लगा तो वो अपने चेहरे को इधर उधर करके मेरे चुम्बन से बचना चाहती थी और मेरे ओंठ जब उसके ओंठ को चूमने लगे तब वो स्थिर होकर मेरे ओंठ पर जीभ फेरने लगी, तुरन्त ही मुंह खोलकर दीदी के जीभ चूसने लगा और जैसे ही मेरा हाथ उसके कमर की ओर गया, वो थोड़ी ढीली पड़ चुकी थी और उसके दोनों फैले जांघों के बीच से पेटीकोट को नीचे कर चुत पर हाथ फेरने लगा और उसकी गर्म चुत जिसपर छोटे छोटे बार हो चुके थे पर हाथ फेरता रहा और वो मेरे चेहरा को पीछे धकेल जीभ निकाल ली। दीपा के चेहरे का रंगत ही बदल चुका था तो गोरा मुखड़ा लाल और सेक्सी लगने लगा, तभी मैं दीदी के निचले हिस्से की ओर गया, फिर पेटीकोट को पैर से बाहर करके उसका नग्न रूप देखने लगा, वो कमसिन जवानी लग रही थी तो उसके दोनों जांघों के बीच कोई दूरी नहीं थी तो चांद सा चमकता चुत को देखना शेष था, उसके जांघ पर झुककर ओंठ से चूमने लगा तो दीपा “उई मां, कितनी खुजली होने लगी राहुल, ओह ये देख ले देख अपनी शादशुदा बहन की चुत
( मैं उसके बुर देखता हुआ ) वाकई गुलाब की पंखुड़ियों की तरह कोमल तेरी चुत हो गई है रे “और मैं बिना देर किए उसकी चुत पर मुंह लगा दिया, लड़कियों के जिस्म का सबसे नाजुक अंग पर मेरा ओंठ चुम्बन दे रहा था तो दीपा बेड पर ही किसी मछली कि तरह जल बिन तड़प रही थी और उसका छोटा भाई उसकी चुत के छेद को फैलाकर जीभ से चाटने लगा तो वो अपने चूतड़ ऊपर करने लगी “उह ओह कितने दिनों के बाद मेरी चुत में किसी का जीभ घुसा है ओह अब मेरी जान निकल रही है जानू
( मैं उसके चुत से जीभ íनिकालकर बोला ) ठीक है तो अब चुदाई ही करता हूं लेकिन पूरी रात तेरी चुत ही चाटूंगा “दीपा नग्न अवस्था में बेड पर से उतरकर वाशरूम चली गई तो मैं उसके बेड पर लेट गया और मेरा खंबा सा लंड चुत में जाने को आतुर था।
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दीपा उधर से आकर बेड पर मेरे करीब आई फिर लंड पकड़े बोली “लंड पर बैठकर चुदूं
( मैं ) कोई दिक्कत नहीं, आखिर तेरी स्लिम फिगर साथ ही जीजा का मूसल लंड लेकर चुत भी तो फैल चुकी है “तो शर्मीली लड़की दो महीने के अंदर ही बेशर्म हो चुकी थी और वो मेरे कमर के उपर चूतड़ किए बैठी, उसके दोनों पैर दो दिशा में थे तो मैं उसके जिस्म को संतुलित करने के लिए कमर कसकर पकड़ा फिर दीपा खुद अपना हाथ लगाकर मेरा लन्ड पकड़ी, धीरे से सुपाड़ा को चुत में घुसाई तो वो खुद लंड को अंदर पेल रही थी और मैं उसके कमर पकड़े उसके चूतड को नीचे की ओर कर रहा था, 2/3 लंड दीपा की चुत के अंदर था तभी मैं नीचे से तेज धक्का चुत में दे दिया और वो चिहुंक उठी “बाप रे फाड़ दिया मेरी बुर
( मैं उसके कमर थामे नीचे से ही चुदाई करने लगा ) तेरी चुत जीजा फाड़ चुके हैं बस अपनी जवानी का मजा लेती रह “तो उसके बदन के निचले हिस्से को संभाले दे दनादन चोदते रहना देर तक मुश्किल था तो दो मिनट बाद दीपा की चूतड़ ही खुद ऊपर नीचे होने लगीं और दीदी मेरे लंड से चुदवाने मै मस्त थी “उह ओह आह बहने लगा डियर
( मेरे झांट पर ढेर सारा रस चुत से गिर पड़ा ) जरा अब उतर “दीपा को बेड पर लिटाकर चुत को जीभ से चाटने लगा तो दीपा मस्त होकर खुद ही चूची दबाने लगी, अब मैं बहन कि मुंह चोदने के मूड में था तो वो इशारा समझकर मुझे लिटा दी और मेरे लंड को मुंह में लिए मुखमैथुन का मजा देने लगी तो मेरा हाथ उसके बूब्स दबा रहा था और फिर उसके सर पर हाथ लगाकर उसकी मुंह को लंड से चोदने लगा तो वो पूरे गति से लंड चूस रही थी और कुछ देर बाद “उह ओह मेरा निकला बेबी पी ले साली रण्डी “और दीपा मेरे लंड से निकला वीर्य पीकर मस्त हो गई।
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(23-02-2024, 10:37 PM)neerathemall Wrote: Next story
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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(23-02-2024, 09:02 PM)neerathemall Wrote: शादी के बाद भैया का प्यार
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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