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(15-06-2022, 01:23 PM)neerathemall Wrote: खेत में चुदाई करके मिटाई बुआ की चूत चुदास
मेरी बुआ का नाम मीना है और वह एक चुदक्कड़ औरत है. चुदक्कड़ औरतों के बारे में मुझे उसकी चुदाई के बाद ही अन्दाजा हुआ. अब मैं किसी भी आंटी की गांड और चूची देखकर उसके बारे में सटीक अंदाजा लगा लेता हूं.
हाइट में तो मेरी बुआ लगभग मेरे ही बराबर की है मगर उसके फीगर का आकार 36-30-40 का है. उस औरत की मोटी गांड को देख कर किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो सकता है. रंग की वो भले ही सांवली है लेकिन अदाएं कातिल हैं.
बचपन से ही मेरी बुआ मुझे प्यार करती थी. मेरे पिताजी की तीन बहनें थीं और पापा अकेले बेटे थे घर में. इसलिए मैं उन तीनों का एकलौता भतीजा था. मेरी तीनों ही बुआ बहुत चुदक्कड़ थीं. इस बात का पता मुझे पहले ही लग चुका था.
मैंने अपनी तीनों बुआ को आपस में लेस्बियन सेक्स करते हुए बहुत पहले देख लिया था. उस वक्त मेरी उम्र 20 साल के करीब थी. तब से ही मैं समझ गया कि मेरी इन तीनों की ही चूत की प्यास कितनी ज्यादा है. जिस दिन मैंने वो नजारा देखा था उस दिन मेरी सबसे बड़ी बुआ मेरा नाम लेकर ही अपनी चूत में लंड लेने की बात कह रही थी.
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मेरी बाकी दो बुआ उसकी बात को सुनकर हंस रही थी. मैं सोच में पड़ गया था कि कोई बुआ अपने ही भतीजे के लंड से अपनी चूत की चुदाई क्यों करवाना चाहेगी. फिर ध्यान आया कि वो सब मुझ पर इसीलिए प्यार लुटाती थीं ताकि मैं अपने लंड से उनकी चूत की गर्मी को शांत कर सकूं.
यह सब तब शुरू हुआ जब मैंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई शुरू करने की प्लानिंग करनी चालू कर दी थी. परीक्षाएं समाप्त होने के बाद रिजल्ट भी आ गया था. मैं रायपुर में रह कर पढ़ाई करने के बारे में सोच रहा था.
मेरी सबसे बड़ी बुआ हमारे ही गांव में रहती थी. उनका हमारे घर पर आना-जाना लगा रहता था. वो बहुत दिनों से मुझे पटाने की फिराक में थी. मैंने एक बार तीज-त्यौहार के दिन उन तीनों की बातें सुन ली थीं. मेरी छोटी बुआ बड़ी वाली से कह रही थी- अगर मीना हमारे पप्पू को पटा ले तो मैं भी अपने भतीजे से अपनी चूत की चुदाई करवा लूं.
मंझली बुआ के ख्यालात भी कुछ ऐसे ही थे. वो तीनों ही पूरी प्लानिंग के साथ मुझ पर कोशिश कर रही थीं. मगर अभी तक उनको सही मौका नहीं मिल पाया था. मेरी बड़ी बुआ मीना कई बार रात में हमारे घर रुक जाया करती थी.
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जब मैं सो रहा होता था तो वो सुबह मुझे उठाने के बहाने मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर देखा करती थी. मैंने कई बार उनको मेरे लंड को छेड़ते हुए देखा था. लेकिन मैं इस बारे में किसी से कुछ कह भी नहीं सकता था.
ऐसे ही दिन निकल गये और मैं पढ़ाई करने के लिए रायपुर शहर आ गया. अब मेरे फूफा जी की उम्र भी काफी हो गई थी. जब भी मैं छुट्टियों में अपने गांव जाता था तो मेरी बुआ मेरे सामने अपनी साड़ी को जांघों तक उठा कर बैठ जाती थी. मेरे पैरों पर अपने पैरों को रगड़ती थी.
अब तक मेरे अंदर भी चूत चोदने की प्यास प्रबल हो चुकी थी. इधर मेरी बुआ की चूत की खुजली भी पहले से ज्यादा बढ़ चुकी थी. जब फूफा जवान थे तो बुआ की चुदाई करके उनको शांत रखते थे. मगर अब फूफा की उम्र ज्यादा हो गई थी और बुआ की चूत प्यासी रहने लगी थी.
एक बार तीज के त्यौहार पर मैं अपनी बड़ी बुआ को लेने उनके घर गया. मेरी बाकी दो बुआ को पापा लेने गये थे. जब मैं बुआ के घर पहुंचा तो वो मुझे देख कर काफी खुश हो गयी. मैंने उनके पैर छुए और फिर कुछ बातें कीं.
रात में हम लोगों ने साथ में खाना खाया. बुआ के घर में तीन कमरे थे. एक में बुआ और फूफा सोते थे. दूसरे में उनके लड़के लोग सोते थे और तीसरा कमरा गेस्ट के लिए रखा हुआ था. सोने के समय पर मैं गेस्टरूम में था.
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फोन में पोर्न वीडियो देख कर मैं लंड को सहला रहा था कि अचानक से बुआ मेरे रूम में आ गयी. मैंने फोन तो उल्टा करके रख दिया मगर मेरा लंड मेरी पैंट में तना हुआ था.
मेरी बुआ मेरे लंड को ताड़ने लगी. नजर भर मेरे तने हुए लंड को देखने के बाद वो कहने लगी- मैं तेरे पास मालिश करवाने के लिए आई थी, कमर में दर्द हो रहा है.
इतना कह कर वो मेरे पास ही बेड पर बैठ गई. उन्होंने अपनी साड़ी को खोल दिया. फिर मेरे सामने ही लेट गई. मैं बुआ की कमर की मालिश करने लगा.
फिर बुआ ने कहा- मेरे पैरों की भी मालिश कर दे. खाना बनाते हुए पैर दर्द करने लगे हैं.
उन्होंने अपने पेटीकोट को ऊपर कर लिया जिसके कारण उनकी मोटी जांघें दिखाई देने लगी थीं.
बुआ ने अपने पेटीकोट को अपनी जांघों तक कर लिया और चूत के पास ले जाकर छोड़ दिया. मेरे हाथ मेरी बुआ की जांघों पर मालिश करने लगे. अब मेरे हाथों को बुआ की जांघों के बीच में चूत की गर्मी भी महसूस हो रही थी. मेरा लंड खड़ा हो गया था.
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कुछ देर मालिश करवाने के बाद बुआ उठ कर साड़ी लपेटने लगी. फिर बोली- तेरे फूफा मेरा इंतजार कर रहे होंगे. हम अपना बाकी का काम फिर किसी दिन करेंगे.
इतना कह कर बुआ चली गई.
मेरा लंड फड़फड़ा रहा था. बुआ की बात मैं समझ नहीं पाया. वो बोल कर गई थी कि बाकी का काम फिर किसी दिन करेंगे. उनके जाने के बाद मैंने लंड को बाहर निकाल कर मुठ मारी और फिर सो गया.
अगले दिन सुबह उठ कर मैं तैयार हो गया. बुआ भी चलने के लिए तैयार थी. हम लोग अपने गांव वाले घर में आ गये. मेरी बाकी दो बुआ भी तब तक पहुंच चुकी थी. उन तीनों ने एक दूसरे से बातें करना शुरू कर दिया.
उन तीनों को मैंने आपस में कुछ फुसफुसाते हुए सुना. मैं समझ तो नहीं पाया कि वो तीनों आपस में क्या बातें कर रही थीं मगर कुछ तो बात थी जो वो आपस में एक दूसरे को बता रही थीं.
वो तीन दिन तक हमारे घर में रहीं और तीनों दिन मेरा ही गुणगान करती रहीं. फिर वो सब अपने अपने घर वापस चली गईं.
मेरी छुट्टियां चल रही थीं तब एक दिन अचानक ही बड़ी बुआ घर आई और मेरी मां से बोली- पप्पू के फूफा और बच्चे सब बाहर गये हैं.
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मेरी मां से बुआ कहने लगी- पप्पू को मेरे घर भेज दे. मुझको घर में अकेले डर लगता है.
उनके कहने पर मैं उनके घर चला गया. घर जाकर हमने शाम का खाना खाया. मैं टीवी देख रहा था कि तभी बुआ आई और बोली- पप्पू, एक बार हमें खेत में जाना पड़ेगा. खेत में रात के वक्त मवेशी घुस जाते हैं और सारी फसल को खराब कर देते हैं.
उनके कहने पर हम दोनों खेत के लिए निकल गये. वहां हमें रात भर रुकना था. खेत में एक कमरा बनाया गया था. उसके अंदर पंखा और बेड सब रखा हुआ था.
वो मुझे सोने के लिए कहने लगी. मगर मैंने कहा- मैं आपकी हेल्प करने के लिए आया हूं. पहले एक बार खेत में राउंड लगा कर आते हैं और उसके बाद दोनों साथ में ही सो जायेंगे.
वो मेरी तरफ देख कर मुस्कराने लगी.
हम दोनों खेत में निकल गये. बाहर अंधेरा था. बुआ आगे चल रही थी और मैं पीछे. मैंने अपने फोन की फ्लैश लाइट ऑन कर दी. बुआ की गांड मुझे मटकती हुई दिख रही थी. मेरे अंदर भी सेक्स और चुदाई की भावना आने लगी थी. मेरा लंड तन गया था.
फिर कुछ दूर जाकर बुआ कहने लगी- पप्पू अभी तो सब ठीक है. तुम अब अंदर रूम में चलो. मैं आती हूं जरा.
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बुआ की चूत सच में बहुत प्यासी थी. मैंने उसकी चूचियों को जोर से दबाना शुरू कर दिया. उसके होंठों को भी पीने लगा. हम दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे. कुछ ही मिनटों में हम दोनों के दोनों पूरे नंगे हो चुके थे.
मैंने बुआ को 69 की पोजीशन में कर लिया. उनकी चूत को चाटने लगा तो उनकी चूत का रस मेरे मुंह में जाने लगा. इधर बुआ भी मेरे लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी. काफी देर तक हम दोनों ने ओरल सेक्स किया.
फिर बुआ बोली- बस अब मेरी चूत में अपना लंड घुसा दे पप्पू. मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं.
मैंने कहा- हां मादरचोद … मैं तेरी चूचियों को निचोड़ कर तेरी चूत को फाड़ दूंगा आज.
बुआ ने मेरे गाल पर तमाचा जड़ दिया और बोली- बातें मत चोद हरामी, मेरी चूत को चोद जल्दी.
मैंने बुआ की टांगों को फैलाया और फिर अपना विशाल लंड उसकी चूत के मुहाने पर रख कर एक धक्का दे दिया. बुआ की चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ काफी दिनों से बुआ ने लंड नहीं लिया था. जिसके कारण उनको दर्द हो रहा था. मैं उसके होंठों को चूसने लगा.
कुछ देर के बाद वो अपनी चूत को मेरे लंड पर दबाने लगी. फिर मैंने बुआ की चूत चुदाई शुरू कर दी. हम दोनों अब सेक्स के सागर में डूब कर आनंद में गोते लगाने लगे. बुआ के चेहरे पर तृप्ति के भाव साफ दिख रहे थे.
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बुआ बोली कि सेक्स वीडियो की तरह ही हम भी चुदाई करेंगे. उसके बाद हम दोनों फिर से शुरू हो गये. रात के 11 बजे से लेकर सुबह के 5 बजे तक मैंने बुआ की चूत की चुदाई खूब जमकर की. चुदाई के चार राउंड हुए.
सुबह उठ कर फिर हम घर आ गये. आकर सो गये.
9 बजे उठे तो फूफा जी अभी तक भी नहीं आये थे. फिर हम दोनों साथ में नहाने के लिए गये. शावर में चुदाई के दो राउंड फिर से हुए. बुआ के साथ बाथरूम में नंगी चुदाई करके और ज्यादा मजा आया.
इस तरह से मैंने अपनी बुआ की चुदास को अच्छी तरह शांत किया.
उस दिन के बाद से हम दोनों की ये चोदन कथा आज तक चल रही है. मेरी बड़ी बुआ ने मेरी दो अन्य बुआ को भी शायद इसके बारे में बता दिया. उन्होंने भी अपनी चूत की प्यास मेरे लंड से बुझवाई.
तब से ही मैं औरतों की चूत चुदाई का प्यासा रहता हूं. अपनी छोटी बुआ की चूत को भी मैंने इसी मकसद से चोदा.
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(15-06-2022, 12:31 PM)neerathemall Wrote:
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Meri bua?
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(07-06-2022, 06:18 PM)neerathemall Wrote:
Thanks
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(10-06-2022, 03:58 PM)neerathemall Wrote:
बुआ की अधूरी चुदाई की प्यास और मेरा मोटा लंड
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