18-01-2024, 03:34 PM
अम्मियों ने एक बेड पर एक दूसरी के बेटे से चुदवाया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
अम्मियों ने एक बेड पर एक दूसरी के बेटे से चुदवाया
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18-01-2024, 03:34 PM
अम्मियों ने एक बेड पर एक दूसरी के बेटे से चुदवाया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
19-01-2024, 05:35 PM
Start kro bro. All the best
01-02-2024, 10:24 AM
मेरा नाम सबीना है ,
मैं 44 साल की एक मदमस्त, खूबसूरत और हॉट हूँ। मेरा जिस्म बड़ा, गठीला रसीला और मनमोहक है। मेरी आँखें बड़ी बड़ी हैं, मेरे स्तन इतने बड़े हैं कि किसी काभी ध्यान बरबसखींच ही लेते हैं! मेरे बाल लम्बे और काले हैं. मेरी बाहों की गोलाई तो बहुत ही सेक्सी हैं इसलिए मैं अक्सर स्लीवलेस कपड़े ही पहनती हूँ। और मेरे। नितंब गज़ब ढाने वाले व आकर्षक है और मेरी चाल पर तो जाने कितने लोग अपनी जान देते हैं। मैं जब चलती हूँ तो आगे से मेरे बूब्स हिलते हैं और पीछे से मेरे नितंब। लोग मुझे देखकर अपना लण्ड सहलाते हैं। कुछ लोग कमैंट्स पास करते हैं- वाह, क्या मस्त माल है यार! मन करता है कि इसके मुंह में लंड पेल दूँ! एक बार पकड़ ले मेरा तो मज़ा आ जाए. ज़रा पलट के देख मेरी जान! इसकी गांड तो बड़ी मस्त है यार! इसे चोदने में बड़ा मज़ा आएगा. मन करता है कि इसकी चूचियों में लण्ड पेल दूँ अभी! यह सब सुनकर मैं एन्जॉय करती हूँ। मुझे भी इन सबके लण्ड पकड़ने का मन करता है। मेरा भी मन इनको अपना नंगा जिस्म दिखाने का हो जाता है। अब ज़रा सोचो कि मेरी 44 साल की उम्र में लोग ऐसे कमैंट्स पास करते हैं तो जब मैं 20 / 30 की थी तो क्या क्या करते होंगे? . जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
01-02-2024, 10:27 AM
सबीना की ख़ूबसूरती के बाद
मैं बहनचोद बड़ी अय्याश और घुटी हुई औरत हूँ।
ऊपर से बड़ी शरीफ और सीधी सादी औरत लगती हूँ पर अंदर से मैं बड़ी बदचलन, बेहया और चुदक्कड़ औरत हूँ। मुझे किसी का भी लण्ड अपनी चूत में पेलवाने में देर नहीं लगती। लण्ड पहले मेरे हाथ में आता है, फिर मेरे मुंह में जाता है और फिर सीधे मेरी चूत में घुस जाता है। मैं पढ़ाई के दिनों से ही धकापेल चुदवा रही हूँ। चुदवाने में न मैं कभी रुकी और न कभी थकी। कभी कभी तो एक ही रात में कई कई लण्ड मेरी चूत में घुस जाते हैं और मैं सबके लण्ड का मज़ा लेती हूँ। मुझे गैर मर्दों से चुदवाने का जबरदस्त शौक है। मैं मादरचोद ग़ैर मर्दों के लण्ड से बेपनाह मुहब्बत करती हूँ; उनके लण्ड की इबादत करती हूँ और उनके लण्ड के साथ खेलती हूँ। मैं अपनी शादी के पहले खूब अच्छी तरह चुदी हुई थी। सुहागरात में मैंने इतने नखरे किये, इतनी सिसकारियां मारीं, इतनी जोर से चिल्लाई कि मेरे मियाँ को यकीन हो गया कि वह आज ही अपनी बीवी की कोरी चूत की सील तोड़ रहा है। उस भोसड़ी वाले को पता ही नहीं चला कि मैं दर्जनों लण्ड खा कर आई हूँ। वैसे लण्ड उसका भी बड़ा मस्त था। फिर मेरी लाइफ चुदते चदाते हुए आगे बढ़ने लगी। इसी बीच मैं माँ बन गयी। मेरा बेटा आदिल 22 साल का मस्त जवान हो गया, वह बिलकुल मर्द बन गया। वह हैंडसम था, स्मार्ट था और कॉलेज में पढ़ रहा था। कॉलेज की कुछ लड़के उसके दोस्त बन गए। उसके दोस्त मेरे घर आने जाने लगे। उन लड़कों में एक लड़का हनीफ नाम का भी था। हनीफ अक्सर मेरे घर आता था, मुझसे भी खूब अच्छी तरह से बोलता था, बातचीत करता था। मैं भी उससे बड़े प्यार से बात करने लगी। फिर पता नहीं क्या हुआ कि एक दिन मेरे मन में उसके लिए अजीब तरह के ख्याल आने लगे। मैंने सोचा कि यह भी मेरे बेटे के बराबर है, मर्द बन गया है तो इसका लण्ड तो अब चूत चोदने वाला हो गया होगा। मेरा मन उसका लण्ड देखने के लिए मचलने लगा। मैं दिन रात उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी, लण्ड के साइज का अनुमान लगाने लगी। फिर ख्याल आया कि इसका भी लण्ड मेरे बेटे के लण्ड की तरह ही होगा. तो क्यों न मैं पहले अपने बेटे का लण्ड देखूं और फिर हनीफ के लण्ड का अनुमान लगाऊं! बस मैं अपने बेटे का लण्ड देखने की कोशिश करने लगी। एक दिन वह बाथरूम में नहाने गया तो इत्तिफाक से तौलिया बाहर ही भूल गया। वह बोला- अम्मी, ज़रा तौलिया देना। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
03-02-2024, 01:22 AM
Awesome
Keep it up Waiting for update
20-02-2024, 12:58 PM
मैंने तौलिया लिया और बाथरूम का दरवाजा खोल दिया।
उसे मैंने एकदम नंगा देख लिया, उसका लटकता हुआ लण्ड देख लिया, लण्ड का सुपारा देख लिया। मेरे मन में आया कि जब अभी इतना बड़ा लण्ड है तो खड़ा होकर तो और बड़ा हो जाएगा। ऐसा ही हनीफ का भी लण्ड होगा। वह नहा धोकर नाश्ता करके चला गया. तभी अचानक हनीफ आ गया। उस समय मैं एक तंग ब्रा पहने थी और नीचे एक पजामा। मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ बाहर निकलने के लिए बेताब हो रही थीं। हनीफ बड़े गौर से मेरे मम्मे देखने लगा। आज मैं उसे बुरी नियत से देखने लगी, ललचाई नज़रों से देखने लगी। मेरा मन हुआ कि मैं इसे अभी नंगा करके इसका लण्ड पकड़ लूँ? मैंने पूछा- बेटा हनीफ़, तेरा दोस्त आदिल कहाँ गया होगा? वह बोला- वह मेरी अम्मी के पास गया होगा आंटी। मेरी अम्मी उसे बहुत चाहती है। आदिल की बड़ी तारीफ़ करतीं हैं मेरी अम्मी जान! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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20-02-2024, 01:07 PM
(This post was last modified: 20-02-2024, 01:10 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने कहा- मैं भी तेरी बड़ी तारीफ करती हूँ बेटा हनीफ़! तुम अगर मुझे अपना कसरती जिस्म दिखा दो मैं तेरी और तारीफ करने लगूंगी।
उसके गाल थपथपाकर मैंने यह बात कही. वह बोला- अरे आंटी, इसमें क्या लो देख लो मेरा जिस्म … मैं अभी अपने कपड़े उतार देता हूँ। उसने सच में अपने कपड़े उतार दिये और केवल एक चड्डी में मेरे आगे खड़ा हो गया। मैंने उसके बदन पर हाथ फेरते हुए कहा- माशाल्ला, तेरा जिस्म तो बड़ा खूबसूरत है बेटा हनीफ़! तेरी चौड़ी छाती, बड़े बड़े चौड़े कंधे, मस्त भुजाएं और तेरी जाँघों की मसल्स सब कुछ बड़ा सेक्सी दिख रहा है। पर कुछ तो अभी भी छिपा हुआ है बेटा हनीफ, वह भी दिखा दो न मुझे! वह मुस्कराता हुआ बोला- अरे आंटी, तब तो मैं नंगा हो जाऊंगा? मैंने कहा- तो क्या हुआ? मैंने तो तुझे नंगा कई बार देखा है। एक बार और सही. मैं बहनचोद तेरी अम्मी के बराबर हूँ। मुझसे क्या शर्माना? वह मेरी बातों में आ गया और अपनी चड्डी खोल कर फेंक दी। मैंने जैसे ही उसका लण्ड देखा तो मेरे बदन में आग लग गयी; टूट पड़ी मैं उसके लण्ड पर! मैंने लण्ड फ़ौरन अपनी मुठ्ठी में लिया और उसकी कई चुम्मियाँ ले लीं, पेल्हड़ भी चूमें। मेरे पकड़ते ही लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया। मुझे लण्ड पसंद आ गया। मेरे मुंह से निकला- वाओ … क्या मस्त लौड़ा है तेरा यार! माँ चोदने वाला हो गया है तेरा भोसड़ी का लण्ड! कभी किसी की माँ चोदी है तूने बेटा हनीफ? वह बोला- माँ तो नहीं चोदी लेकिन अपनी फूफी का भोसड़ा जरूर चोदा है। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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20-02-2024, 01:22 PM
मैंने कहा- हां तो हो गया न माँ चोदना? अब किसी दिन अपनी माँ भी चोद लेना।
वह हंसने लगा। मैंने फिर बड़े प्यार से कहा- तेरा लण्ड तो आदिल के लण्ड के बड़ा लग रहा है बेटा हनीफ? वह बोला- अरे आंटी, मेरी तो अम्मी जान कह रही थीं कि आदिल का लण्ड मेरे लण्ड से बड़ा है? मैंने पूछा- तो क्या तेरी अम्मी ने मेरे बेटे आदिल का लण्ड पकड़ा है? वह बोला- हां पकड़ा है. तभी तो यह बात कह रही थीं मेरी अम्मी जान! मैंने कहा- तो फिर मैं भी तेरा लण्ड पकड़ कर अच्छी तरह देखूंगी बेटा हनीफ! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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20-02-2024, 01:24 PM
इसी बीच मैंने अपनी ब्रा खोल दी तो मेरी चूचियाँ हनीफ के आगे एकदम नंगी हो गईं।
मैं लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। मुझे लण्ड चूसने का पूरा मज़ा आने लगा। मैंने कहा- हनीफ, आज से तू मेरा नया यार है। मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गई हूँ। वह भी मूड में आ गया और मेरे मम्मे मसलने लगा, बोला- आंटी, तेरे मम्मे बहुत बड़े बड़े हैं। मैं इनके बीच में लण्ड पेल दूँ अपना? मैंने कहा- हां बिल्कुल पेल ड़े लण्ड। खूब मस्ती से चोद मेरे मम्मे! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2024, 01:21 PM
इसी बीच मैंने अपनी ब्रा खोल दी तो मेरी चूचियाँ हनीफ के आगे एकदम नंगी हो गईं।
मैं लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। मुझे लण्ड चूसने का पूरा मज़ा आने लगा। मैंने कहा- हनीफ, आज से तू मेरा नया यार है। मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गई हूँ। वह भी मूड में आ गया और मेरे मम्मे मसलने लगा, बोला- आंटी, तेरे मम्मे बहुत बड़े बड़े हैं। मैं इनके बीच में लण्ड पेल दूँ अपना? मैंने कहा- हां बिल्कुल पेल ड़े लण्ड। खूब मस्ती से चोद मेरे मम्मे! मैं नंगी सोफा पर बैठ गयी और उसने खड़े होकर लण्ड मेरी दोनों चूचियों के बीच में घुसेड़ दिया। मैंने भी अपने दोनों हाथों से बूब्स दबाकर लण्ड के लिए सुरंग बना दी। फिर क्या … वह बार बार इसी सुरंग में लंड पेलने लगा और मैं हर बार उसका सुपारा चाटने लगी। मुझे अपने बूब्स चुदवाने का पूरा मज़ा मिलने लगा। मैं बहुत खुश थी क्योंकि मैं जो चाहती थी, वही हो रहा था। कुछ देर में ही वह झड़ गया. और तब मैंने पहली बार उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो उसे बहुत अच्छा लगा। मैंने कहा- यार, तेरा लण्ड बड़ा स्वादिष्ट है हनीफ! अब अगली बार आना तो पेलना मेरी चूत में लण्ड और चोदना अपने दोस्त की माँ का भोसड़ा! वह चला गया और मैं चुदाई का प्लान बनाने लगी। फिर मैंने हनीफ की अम्मी सकीरा से बात की और दोपहर में उसके घर पहुँच गयी। सकीरा मेरी पुरानी सहेली है। उसने मुझे बड़े प्यार और अदब से बैठाया। फिर हम दोनों बातें करने लगीं। बातों बातों वह बोली- यार सबीना, तेरे बेटे आदिल का लण्ड तो बहुत बड़ा है. मैंने पूछा- तूने क्या पकड़ कर देखा है उसका लण्ड? उसने कहा- हां पकड़ कर देखा है, तभी तो बता रही हूँ। ! जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2024, 01:25 PM
मैंने पूछा- तूने क्या पकड़ कर देखा है उसका लण्ड?
उसने कहा- हां पकड़ कर देखा है, तभी तो बता रही हूँ। वह बताने लगी: हुआ यह कि उस दिन पानी बरस रहा था। जब वह मेरे घर आया तो बिल्कुल भीगा हुआ था। मैंने कहा- बेटा अपना पजामा खोल डालो और लुंगी पहन लो. जैसे ही उसने पजामा खोला और अपने दोनों हाथों से लुंगी पकड़ी वैसे ही मैंने उसका नंगा लटकता हुआ लण्ड देख लिया। लण्ड के टोपा पर नज़र पड़ी तो मेरे बदन में आग लग गयी। टोपा बड़ा खूबसूरत था। मैंने फ़ौरन एक हाथ से उसकी लुंगी छीन ली और दूसरे हाथ से उसका लण्ड पकड़ लिया। मेरे मुंह से निकला- हायल्ला इतना बड़ा लण्ड? इतना मोटा लण्ड? इतना शानदार लण्ड? तेरा लण्ड तो एक 40 / 45 साल के आदमी के लण्ड जैसा है बेटा आदिल! बड़ा मस्त भोसड़ा चोदने वाला है तेरा लण्ड. बस मैंने लण्ड का सुपारा बड़े प्यार से चाटा और फिर पूरा लण्ड मुंह में घुसेड़ कर चूसने लगी। मैं लण्ड तब तक चूसती रही जब तक कि वह मेरे मुंह में झड़ नहीं गया। वह आगे बोली- तेरे बेटे का झड़ता हुआ लण्ड बड़ा टेस्टी है यार सबीना! मैंने कहा- यार क्या इत्तिफाक है! कल मैंने भी तेरे बेटे हनीफ का लण्ड चूसा और वह भी मुझे बड़ा टेस्टी लगा। वह भी मेरे मुंह में झड़ गया था। एक बात है कि न तेरा बेटा मुझे चोद पाया और न मेरा बेटा तुझे चोद पाया। वह बोली- यार सबीना, ऐसा कुछ करो कि मेरा बेटा मेरे सामने तुझे चोदे और तेरा बेटा तेरे सामने मुझे चोदे। हम दोनों एक ही बेड पर एक दूसरे के बेटे से चुदवाकर कर मज़ा लें। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2024, 02:39 PM
मैंने कहा- हां यार, यही मैं भी सोंच रही हूँ। तो फिर आज रात को 9 बजे तुम अपने बेटे के साथ मेरे घर आ जाना। मैं इतना जानती हूँ कि तेरा बेटा मुझसे चोदना चाहता है।
वह बोली- और तेरा बेटा मुझे चोदना चाहता है। तो फिर दोनों की चाहत पूरी कर दी जाए क्योंकि हम दोनों एक दूसरे के बेटे के लण्ड को बेहद पसंद करती हैं। वैसे भी हम दोनों बड़ी बेशरम चुदक्कड़ औरतें हैं। वह बड़े प्यार से मजाक करती हुई बोली- तब तो मेरा बेटा चोदेगा तेरे बेटे की माँ का भोसड़ा, सबीना! मैंने भी मस्ती से जबाब दिया- मेरा भी बेटा चोदेगा तेरे बेटे की माँ की चूत सकीरा! तब आएगा असली मज़ा! फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2024, 02:40 PM
रात को सही समय पर सकीरा अपने बेटे हनीफ के साथ आ गयी।
मैंने हनीफ को देखा तो मेरे बदन में सुरसुरी होने लगी। उसने भी मेरे बेटे आदिल को हसरत भरी निगाहों से देखा तो उसकी भी चूत गर्म हो गई। हम चारों लोग एक दूसरे से अच्छी तरह परिचित थे। इसलिए किसी को कोई न शर्म थी और न किसी तरह का डर. हम सब खुल कर बातें करने लगे। बेटों के आगे गन्दी गन्दी बातें करने लगे तो उनको भी मज़ा आने लगा. सकीरा और मैंने गाउन पहना था नीचे हम दोनों भोसड़ी वाली नंगी थीं। लड़कों ने कुर्ता और पजामा पहन रखा था। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2024, 03:48 PM
(This post was last modified: 21-02-2024, 03:49 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मुझे तो हनीफ का लण्ड अपनी चूत में पेलवाने की बड़ी जल्दी थी इसलिए मैं रुकी नहीं और उसका कुर्ता उतार कर फेंक दिया।
फिर उसके पाजामे का नाड़ा खोल कर हाथ अंदर घुसेड़ दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया तो मैं मुस्कराने लगी जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-02-2024, 04:27 PM
उधर सकीरा भी मेरे बेटे का लण्ड अंदर ही अंदर सहला रही थी।
मैंने थोड़ी बेशर्मी दिखाई और अपना गाउन खोल डाला. मैं सबके आगे नंगी हो गयी। सकीरा भी चूत चोदी नंगी हो गयी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
23-02-2024, 12:51 AM
Nice story
07-03-2024, 02:14 PM
वह बड़े प्यार से मजाक करती हुई बोली- तब तो मेरा बेटा चोदेगा तेरे बेटे की माँ का भोसड़ा, सबीना!
मैंने भी मस्ती से जबाब दिया- मेरा भी बेटा चोदेगा तेरे बेटे की माँ की चूत सकीरा! तब आएगा असली मज़ा! फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं। रात को सही समय पर सकीरा अपने बेटे हनीफ के साथ आ गयी। मैंने हनीफ को देखा तो मेरे बदन में सुरसुरी होने लगी। उसने भी मेरे बेटे आदिल को हसरत भरी निगाहों से देखा तो उसकी भी चूत गर्म हो गई। हम चारों लोग एक दूसरे से अच्छी तरह परिचित थे। इसलिए किसी को कोई न शर्म थी और न किसी तरह का डर. हम सब खुल कर बातें करने लगे। बेटों के आगे गन्दी गन्दी बातें करने लगे तो उनको भी मज़ा आने लगा. सकीरा और मैंने गाउन पहना था नीचे हम दोनों भोसड़ी वाली नंगी थीं। लड़कों ने कुर्ता और पजामा पहन रखा था। मुझे तो हनीफ का लण्ड अपनी चूत में पेलवाने की बड़ी जल्दी थी इसलिए मैं रुकी नहीं और उसका कुर्ता उतार कर फेंक दिया। फिर उसके पाजामे का नाड़ा खोल कर हाथ अंदर घुसेड़ दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया तो मैं मुस्कराने लगी. उधर सकीरा भी मेरे बेटे का लण्ड अंदर ही अंदर सहला रही थी। मैंने थोड़ी बेशर्मी दिखाई और अपना गाउन खोल डाला. मैं सबके आगे नंगी हो गयी। सकीरा भी चूत चोदी नंगी हो गयी। मज़ा तो तब बहुत ज्यादा आया जब हम चारों एकदम नंग धड़ंग हो गए। मेरे बेटे ने मुझे पहली बार नंगी देखा तो वह उत्तेजित गया। हनीफ ने भी पहली बार अपनी अम्मी को नंगी देखा तो बोला- अम्मी जान, तुम बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही हो। तब तक मैंने उसके बेटे हनीफ़ का लण्ड बाहर निकाल लिया और उसने मेरे बेटे आदिल का लण्ड। फिर क्या … मैं उसके सामने एकदम नंगी उसके बेटे का लण्ड चूसने लगी और वह भी मेरे सामने एकदम नंगी मेरे बेटे का लण्ड चूसने लगी। मेरा बेटा सकीरा की चूचियाँ दबाने लगा और उसका बेटा मेरी चूचियाँ दबाने लगा। मेरी चूत पर उसके बेटे का हाथ आ गया और उसकी चूत पर मेरे बेटे का हाथ चला गया। मैं सकीरा को अपने बेटे का लण्ड चूसते हुए बड़े गौर से देख रही थी। मैंने मन में कहा कि लण्ड तो वाकई बड़ा गज़ब का है मेरे बेटे का। मुझे अपने बेटे के लण्ड पर गुमान होने लगा। सच बताऊँ दोस्तो, मैं अपने ही बेटे के लण्ड पर मर मिटी। इधर हनीफ़ का लण्ड भी मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था। मैं बहुत जोश में आ गयी। तब तक हनीफ़ बोला- आंटी, मैं लण्ड तेरी चूत में पेल दूँ? मैंने कहा- हां बेटा पेल दो पूरा लण्ड … मुझसे और रुका नहीं जा रहा। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
07-03-2024, 02:15 PM
उसने जब गच्च से लण्ड घुसेड़ा मेरी चूत में … तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आया.
फिर मैं बिंदास एक रंडी की तरह अपने बेटे के सामने सकीरा के बेटे से चुदवाने लगी। मेरा बेटा आदिल मेरी चूत चुदती हुई चूत बड़े गौर से देखने लगा। फिर उसे भी ताव आ गया तो उसने अपना लण्ड हनीफ़ की माँ सकीरा चूत में भक्क से घुसा दिया। मेरा बेटा मेरे सामने हनीफ़ की माँ चोदने लगा। वह जिस तरह से चोद रहा था उससे मुझे लगा कि मेरा बेटा कई चूत पहले ही चोद चुका है। उसे चूत चोदने का तज़ुर्बा है। मेरे बेटे का लण्ड फूलता जा रहा था। इधर मेरे मुंह से निकला- बेटा हनीफ़, तुम भी अच्छी तरह चोद रहे हो मेरी चूत! मुझे खूब चोदो। मुझे मेरे बेटे के सामने खूब घपाघप चोदो, फाड़ डालो मेरा भोसड़ा, मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। आज मुझे कोई मस्त चोदने वाला बहुत दिनों के बाद मिला है। पूरा लौड़ा घुसेड़ दो अंदर। तुम मुझे हर रोज़ चोदा करो। उधर सकीरा भी जोश में बोल रही थी- बेटा आदिल, तेरा लण्ड मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है। तुम अपनी माँ के सामने मुझे बिंदास चोदो। चीर डालो मेरा भोसड़ा। धज्जियाँ उड़ा दो मेरी चूत की। तेरे लण्ड में बड़ी ताकत है। तेरा मरदाना लण्ड मेरी चूत में छक्के छुड़ा देगा। हाय रब्बा … बड़ा मज़ा आ रहा है हूँ ओ हो हां ऊँ ऊँ ओ … हाय रे तूने मुझे पहले क्यों नहीं चोदा? भोसड़ी के आदिल तेरा लण्ड बड़ा प्यारा है यार! अच्छा बता तूने कितनी चूत में अपना लण्ड पेला है? वह बोला- कॉलेज की एक लड़की की चूत में पेला और अपनी फूफी का भोसड़ा भी चोदा है मैंने! एक दिन फूफी ने मुझसे अपनी बेटी की चूत भी चुदवाई थी। आदिल के मुंह से यह सुनकर मेरी चूत की आग और ज्यादा भड़क गयी। मैंने कहा- हायल्ला, मेरी ननद चूत चोदी मेरे बेटे से चुदवाती है और अपनी बिटिया की चूत में भी लण्ड पेलवाती है। सब लोग मेरे बेटे के लण्ड का मज़ा लूटती हैं तो फिर मैं भी अपने बेटे के लण्ड का मज़ा क्यों न लूँ? अपने बेटे का लण्ड अपनी चूत में क्यों न पेलूं? मैं तो पेलूँगी। मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती! ऐसा सोचते ही मेरी चूत खलास हो गई। उधर मेरे बेटे ने भी सकीरा की चूत का पानी निकाल लिया। उसकी भी चूत ढीली हो गयी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
07-03-2024, 02:16 PM
फिर मैं उसके बेटे हनीफ का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी और वह मेरे बेटे आदिल का झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।
उसके बाद फिर हम दोनों बाथ रूम गईं. वहां सकीरा बोली- सबीना, तेरे बेटे का लण्ड बड़ा सॉलिड है यार … उसने मेरी चूत फाड़ दी। मैंने कहा- तेरे के बेटे के लण्ड ने मेरी भी चूत फाड़ दी। वह बोली- अब तो मैं अपने बेटे का लण्ड पेलूँगी अपनी चूत में! मैंने कहा- यार तूने मेरे मन की बात कह दी। मैं भी अपने बेटे का लण्ड अपनी चूत में पेलूँगी। यार इतना बढ़िया लण्ड मैं कैसे छोड़ सकती हूँ। मैं तो अपने बेटे से चुदवाऊंगी। इस तरह हम दोनों ने एक ही बेड पर अपने अपने बेटे से चुदवाने का मन बना लिया। मैं जब बाथरूम से आई तो देखा कि मेरे बेटे आदिल का लण्ड खड़ा है तो मैंने उसे लपक कर पकड़ लिया। सकीरा ने भी अपने बेटे का लण्ड पकड़ लिया और बोली- बेटा हनीफ, अब तुम मेरी चूत में अपना लण्ड पेल कर चोदो मुझे! अब मैं अपने बेटे के लण्ड का मज़ा लूंगी। उधर मैंने तो गप्प से पेलवा लिया अपने बेटे आदिल का लण्ड अपनी चूत में! मैं भकाभक चुदवाने लगी। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
12-03-2024, 03:28 PM
(12-03-2024, 03:27 PM)neerathemall Wrote: मेरी अम्मी का नाम सकीना है, उम्र 40 की और रंग गोरा है. उनकी चूचियों का साइज 36 इंच है. वो देखने में एकदम माल लगती हैं. उन्हें देख कर किसी का भी लौड़ा खड़ा हो सकता है. हमारी फैमिली एक छोटी फैमिली है. हम दो भाई हैं. मेरे बड़े भाई की शादी हो चुकी है और वो अपनी पत्नी के साथ बाहर रहता है. हमारे परिवार में सब कुछ अच्छा चल रहा था, तभी एक घटना हो गई. एक एक्सिडेंट में मेरे अब्बू जी चल बसे, जिससे मैं और मेरी अम्मी दोनों अकेले रह गए. अब्बू जी की मुत्यु के बाद मुझे शराब पीने की आदत पड़ गई. मैं रोज शराब पी कर घर जाने लगा. दोस्तो, मैं आपको बता दूँ कि मुझे शादीशुदा औरतें बहुत पसंद आती थीं. इसी कारण से अब्बू की मौत के बाद मेरी सोच मेरी अम्मी के लिए बदलने लगी. मैं उन्हें चोदने के बारे में सोचने लगा. लेकिन मुझे थोड़ा डर भी लगता था आखिर वो मेरी अम्मी थीं. मगर मैं उन्हें चोदे बिना नहीं रह सकता था. अब मैं उन्हें चोदने की तरकीब सोचने लगा कि कैसे अम्मी की चूत चुदाई की जाए. मैं एक दिन बाज़ार से एक छोटा स्पाई कैमरा ले आया जो फोन से कनेक्ट हो जाता था. मैंने उसे बाथरूम में लगा दिया. जब मेरी अम्मी बाथरूम में नहाने के लिए जातीं तो मैं फोन में उन्हें देख कर मुठ मारा करता. एक दिन मैंने देखा कि अम्मी अपनी चुत में उंगली करती हुई कुछ बड़बड़ा रही थीं. चूंकि कैमरे में सिर्फ सीन आ रहा था, आवाज नहीं आ रही थी, मैं झट से बाथरूम के दरवाजे के पास आकर उनकी आवाजें सुनने लगा तो वो मेरा ही नाम लेकर अपनी मुठ मार रही थीं. इससे मेरा हौसला बढ़ गया. कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. फिर एक दिन मेरी अम्मी ने मुझे समझाया- बेटा तू बाहर शराब मत पिया कर, अगर तुझे शराब पीनी होती है, तो घर पर ला कर पी लिया कर. उनकी बात से मेरे दिमाग में एक तरकीब आ गयी कि क्यों ना अम्मी को शराब पिला कर उनकी चुदाई की जाए. नशे में उन्हें चोदना भी आसान होगा. एक दिन मैं ऑफ़िस से जल्दी घर आ गया और एक बोतल शराब की भी ले आया. जब मैं घर पहुंचा तो देखा अम्मी किचन में खाना बना रही थीं. मेरे हाथ में शराब की बोतल देख कर मेरी अम्मी मुझे घूर घूर कर देखने लगीं. मैं सीधा रूम में चला गया और कपड़े बदल कर शराब पीने लगा. थोड़ी देर बाद अम्मी मेरे कमरे में आईं और कहने लगीं- बेटा शराब पीने से क्या मिलता है. मैंने उन्हें कहा- अम्मी, शराब पीने से नींद बहुत अच्छी आती है. वो कहने लगीं- ऐसा कुछ नहीं होता बेटा. मैंने कहा- सच में अम्मी … अगर आपको यकीन नहीं है, तो आप भी एक पैग लगा कर देखिए. मेरे इतना कहने पर अम्मी गुस्सा हो गईं और कहने लगीं- तू अपनी अम्मी को शराब पिलाएगा, शर्म नहीं आती तुझे? फिर मैंने उन्हें समझाया- अम्मी इसमें कुछ ग़लत नहीं है. आजकल सब लोग शराब पीते हैं, इससे शरीर की थकान दूर होती है. पर वो शराब पीने को तैयार नहीं थीं. फिर मेरे बार बार कहने पर वो एक पैग लगाने के लिए तैयार हो गईं. मैंने जल्दी से एक मोटा सा पैग बनाया और अम्मी को दे दिया. वो धीरे धीरे उसे पूरा पी गईं. अब मुझे लग रहा था कि शायद मेरा काम बन जाएगा. फिर मैंने एक और पैग बना कर अम्मी को दिया, तो वो कहने लगीं- नहीं बेटा अब नहीं. पर मैं कहां मानने वाला था; मैंने जबरदस्ती एक और पैग अम्मी को पिला दिया. वो नशे में हो गई थीं. फिर वो रसोई में जाकर हमारे लिए खाना लगाने लगीं. हम दोनों ने साथ में खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे. अम्मी को नशा तेज होने लग गया था जो मेरे लिए अच्छी बात थी अम्मी सोने के लिए अपने रूम में जाने लगीं तो मैंने कहा- अम्मी, आज आप यहीं मेरे साथ मेरे रूम में सो जाइए. वो मान गईं और बेड पर लेट गईं. मैं भी लाइट बन्द करके लेट गया. वो सर्दियों का मौसम था. रजाई में मैं और मेरी अम्मी हम दोनों लेटे हुए थे. कुछ देर बाद अम्मी की आंख लगी और वो सो गईं. अब वो वक़्त आ गया था, जिसका मुझे इंतज़ार था. दोस्तो मैं सिर्फ अंडरवियर में सोता था. मेरी अम्मी मेरी तरह पीठ करके सोई हुई थीं. मैं भी सोने का नाटक करने लगा. मैंने अपना एक हाथ अम्मी के सीने पर रख दिया. नशे के कारण अम्मी गहरी नींद में थीं. जिससे उन्हें कुछ पता नहीं चला और मैं धीरे धीरे अम्मी के दूध दबाने लगा. अम्मी के दूध इतने बड़े थे कि मेरे एक हाथ में आ ही नहीं रहे थे. फिर मेरी इच्छा अम्मी के दूध पीने की हुई. मैंने धीरे से अम्मी के ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए और दूध बाहर निकाल दिए. अम्मी के मम्मे देख कर मैं दंग रह गया. मेरी अम्मी के दूध काफी बड़े थे और बहुत गोरे थे. मैंने अम्मी का एक दूध मुँह में ले लिया और धीरे धीरे से उसे चूसने लगा. अचानक अम्मी थोड़ा हिलीं तो मैं डर गया और फिर से सोने का नाटक करने लगा. थोड़ी देर बाद मेरी इच्छा मेरी अम्मी की चूत देखने की होने लगी. जिसके लिए मैं इतने दिनों से तरस रहा था. आज वो चीज मेरे सामने होगी. अब मुझसे और इंतजार नहीं हो रहा था. मैंने देखा कि अम्मी फिर से गहरी नींद में सो गई हैं तो मैं उठ कर अम्मी के पैरों के पास आ गया और धीरे धीरे से अम्मी की साड़ी ऊपर खिसकाने लगा. धीरे धीरे मैंने पूरी साड़ी ऊपर कर दी. मैंने देखा कि अम्मी ने नीचे पैंटी नहीं पहनी थी. अम्मी की चूत मेरी आंखों के सामने थी. अम्मी की चूत को देख कर मैं पागल सा होने लगा. इतनी सुन्दर चूत मैंने अपनी जिंदगी मैं पहली बार देखी थी. मेरी अम्मी की चूत एकदम गुलाबी थी और अम्मी की चूत पर एक भी बाल नहीं था. ऐसा लग रहा था जैसे आज ही अम्मी ने अपनी चूत साफ की हो. अम्मी की चूत एक कमसिन जवान लड़की की तरह टाईट थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे सालों से इस चूत ने किसी का लंड नहीं लिया है. अम्मी की चूत की महक मुझे पागल सा कर रही थी. मैं उसे छूकर देखना चाहता था. मैंने हिम्मत करके अम्मी की चूत पर अपना हाथ रख दिया. अम्मी की गर्म चूत को छूने से मेरे पूरे शरीर में आग सी लगी. अम्मी की चूत की महक ने मुझे पागल सा कर दिया था. अब मैं अपने बस में नहीं था, मैंने अपने दोनों होंठ अम्मी की चूत पर रख दिए और उसे चूमने लगा. मैं अम्मी की चूत को पागलों की तरह चाटने लग गया. मैं अपनी जीभ को अम्मी की चूत पर घुमाने लगा. अम्मी की आंख खुल गई और वो मुझपर गुस्सा होने लगीं- तू ये क्या कर रहा है. मैं तेरी अम्मी हूं, तेरी हिम्मत कैसे हुई ये करने की. तुझे बिल्कुल भी शर्म नहीं आई. पर मैं नहीं माना और अम्मी की चूत को चाटता रहा. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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