28-01-2023, 08:22 PM
अनजान भाभी की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery अनजान भाभी की
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28-01-2023, 08:22 PM
अनजान भाभी की
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
15-01-2024, 05:20 PM
(This post was last modified: 16-01-2024, 09:15 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Nam
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
16-01-2024, 09:14 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
16-01-2024, 09:20 AM
मेरी बुआ के घर में शादी थी ! शादी में कम ही लोगों को शामिल होना था तो मैं बुआ के घर गया।
वहां शादी में मैंने एक जबरदस्त कमसिन गोल गोल भरे बूब्स, गोरा रंग, और भरी गांड वाली एक जवान औरत को देखा। उसकी उम्र 25-27 साल थी। उसे देखकर मेरा मन और लंड दोनों मचलने लगे। दिन में मैंने एक दो बार उससे किसी न किसी बहाने से बात की। फिर मैंने बुआ से उसके बारे में पूछा कि वो कौन है. बुआ ने बताया कि उनकी जेठानी के भाई की बहू है जो रिश्ते में मेरी भाभी हुई। अब मैं मन ही मन में बहुत खुश था। और अब उसको (राखी भाभी) को चोदने के बारे में सोचने लगा। धीरे धीरे शाम हो गई और खाना के लिए भाभी बुलाने आ गई। फिर मैंने खाना खाया और उनको इशारों में अपनी दिल की बात कह दी। वो मुस्कुरा कर खाना परोस रही थी। लेकिन उन्होंने कुछ बोला नहीं मैं खाना खाकर ऊपर छत पर टहलने लगा। फिर राखी भाभी के बारे में सोचने लगा और अपने बिस्तर पर आ गया। कहावत है ना: जहां चाह वहां राह और शायद अब क़िस्मत भी मुझ पर मेहरबान होने वाली थी। मैं पलंग पर लेटा सो रहा था तभी बुआ और राखी भाभी रूम में आ गई। डबलबैड था तो बुआ फिर भाभी भी आकर लेट गई। अब मेरी नींद जा चुकी थी। अब मेरे सामने रसमलाई थी लेकिन मैं उसे खा नहीं सकता था। तभी दरवाजे से कोई बुआ को बुलाने आ गई। कोई औरत थी, वो बोल रही थी- शादी का घर है और तुम यहां लेटी हो। बुआ ने एक बार रूम के अंदर देखा और बाहर से गेट बंद करके वो दोनों नीचे आ गई। अब मैं बहुत खुश था। राखी भाभी मेरे साथ थी। मैं धीरे से नींद के बहाने करवट बदलकर भाभी के पास आ गया। अब मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और मैंने अपना हाथ भाभी के क़मर में रख दिया। तभी भाभी ने नींद में करवट बदल लिया और अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख दी। अब धीरे धीरे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और मैंने धीरे धीरे भाभी की साड़ी निकाल दी। अब राखी भाभी मेरे सामने ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी। तभी भाभी ने करवट बदल ली और पेटीकोट उसकी टांगों पर ऊपर आ गया। मैं धीरे से बिस्तर से उतरकर गया और रूम अंदर से बंद कर दिया। फिर मैं वापस बिस्तर पर लेट गया और अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया जैसे मैं नींद में हूँ। धीरे धीरे मैं ऊपर से उसके बूब्स सहलाने लगा, वो चुपचाप सो रही थी। अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसके ब्लाउज के हुक खोल दिए. अब गुलाबी ब्रा में कैद भरे हुए बूब्स मेरे हाथों में थे। मेरा लौड़ा अब तक पूरा खड़ा हो गया था और बाहर निकलने को मचल उठा था। मैंने लोवर और अंडरवियर उतार दी और लन्ड बाहर निकाल लिया। अब मैंने धीरे धीरे भाभी का पेटीकोट ऊपर कर दिया उसकी चिकनी जांघों को सहलाने लगा। क्या मस्त लग रही थी जैसे ही उंगली लगाई तो लगा मलाई में डूब गई हो जैसे! तभी भाभी ने एकदम से करवट बदल ली और उसकी गान्ड मेरे लौड़े के सामाने आ गई। मैंने अपनी बनियान भी उतार दी और धीरे धीरे भाभी का पेटीकोट उतार दिया. तभी एकदम से भाभी जाग गई और चिल्ला कर बोली- राज … यह क्या कर रहे हो तुम? मैंने उससे कहा- भाभी, मेरी बात सुनो! वो बोली- कोई आ गया तो? यह सब गलत है. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
16-01-2024, 09:23 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
16-01-2024, 09:23 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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