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12-01-2024, 09:58 AM
(This post was last modified: 30-01-2024, 12:17 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
दीदी ने मेरी मदद की
वि
१
मेरी दीदी, जिसका नाम रिया है, उम्र में मुझसे चार साल बड़ी है। बचपन से उसी ने मेरी देखभाल की है।
मां के जाने के बाद दीदी ने पढ़ाई छोड़ दी थी। दीदी मुझसे बहुत प्यार करती हैं। वे मेरा मां की तरह ख्याल रखती हैं।
दीदी दिखने में भी बहुत सुन्दर है, एकदम साउथ की हीरोइन कीर्ति सुरेश की तरह दिखती हैं। आप इस हीरोइन की फोटो देख कर मेरी दीदी की कल्पना कर सकते हैं।
जब मैंने 12वीं पास कर ली तो अब मुझे कॉलेज में एडमिशन लेना था। तब मेरी उम्र 19 और दीदी की 23 की हो गई थी।
मैंने सोचा कि दीदी भी मेरे साथ कॉलेज में एडमिशन ले ले। तो मैंने दीदी से बात की। लेकिन वे नहीं मानीं तो मैंने पापा को कहा। पापा ने दीदी को समझाया तो वो मान गई।
मेरा और दीदी का एडमिशन एक ही कॉलेज में हो गया। अब दीदी मेरे साथ ही कॉलेज जाती थी।
इस कॉलेज में करोड़पति लोगों के बच्चे ज्यादा थे। कुछ नेता लोगों के थे। उनका एक ग्रुप था जिसमें ज्यादातर लंडकियां ही थीं, जो बहुत सुन्दर, सेक्सी और एकदम चालू किस्म की थीं। सारी लड़कियां बड़े घर की होने के कारण कुछ नशे भी करती थीं।
मेरे भी काफी दोस्त बन गए। मेरे दोस्त उन लड़कियों के ग्रुप के मेंबर थे। वे अक्सर उन लड़कियों के साथ होटल में जाते और चुदाई करते।
सारी लड़कियां एक नंबर की रंडियां थीं। उन्होंने मुझे भी ग्रुप में शामिल होने होने को बोला।
मेरा भी मन करता था कि इन सुन्दर-सुन्दर अमीर लड़कियों की चुदाई करूं। इस लिए मैं उनके ग्रुप में शामिल हो गया।
मैं दीदी से छुपकर उनके साथ घूमता और पार्टी में भी जाता।
इनमें से एक राशिदा नाम की लड़की कॉलेज में सबके सामने मेरे साथ फ्लर्ट करने लगी। दीदी ने भी ये बात नोटिस की। तो दीदी ने कई बार मुझे उससे दूर रहने को कहा लेकिन मैं राशिदा की चुदाई करना चाहता था।
एक दिन क्लास रूम में राशिदा मुझे किस कर रही थी कि दीदी ने देख लिया।
दीदी ने मुझे उससे अलग कर एक थप्पड़ मारा और राशिदा को बुरा-भला कहा। यह बात राशिदा को अच्छी नहीं लगी।
घर आकर दीदी ने मुझे बहुत डांटा और रोने लगी।
मैंने कहा- दीदी, मेरे सारे दोस्त उनके साथ मजा करते हैं, मैं क्यों नहीं कर सकता? दीदी गुस्से से बोली- उन गंदी और बेशर्म लड़कियों के साथ क्या मजा आता है तुम्हें, अगर आज के बाद तुम उन लड़कियों के साथ दिखे तो मैं तुम्हारी शिकायत पापा से कर दूंगी।
अगले दिन कॉलेज गए तो आज राशिदा और उसकी सहेलियों ने दीदी को परेशान करना शुरू कर दिया। अब वे जानबूझ कर मेरे ही पास रहती, मेरे साथ फ्लर्ट करती।
एक दिन राशिदा ने मुझे अपने साथ चलने को बोला तो मैं उसके साथ चला गया। राशिदा मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी लेकिन मैंने उसे टाल दिया। वैसे मन तो मेरा भी बहुत था लेकिन मुझे दीदी का ख्याल आया तो मैं रुक गया, कि अगर दीदी को पता चला तो वो बहुत नाराज होगी।
मैं राशिदा की कार में घूम कर आ गया। दीदी ने मुझे राशिदा की कार से उतरते देख लिया तो दीदी ने बहुत डांटा। मैंने कहा- वो मुझे जिद करके अपने साथ घुमाने ले गई थी।
अगले दिन दीदी कालेज में राशिदा और उसकी सहेलियों से भिड़ गई और उन्हें मुझसे दूर रहने को कहा। मैं दूर से दीदी को झगड़ते देख रहा था।
तभी राशिदा ने अपने मोबाइल में दीदी को कुछ दिखाया। दीदी की आखें बड़ीं और चेहरा शर्म से लाल हो गया।
राशिदा दीदी से कुछ बोलकर चली गई। तब मैं दीदी के पास गया तो दीदी अपना सिर झुकाए खड़ी थी।
मैंने दीदी से पूछा- क्या हुआ? दीदी बोली कि आज से कॉलेज में मैं हर समय उनेक साथ ही रहूं।
अब दीदी अपनी सहेलियों को छोड़कर मेरे साथ मेरे बेंच पर बैठने लगी और घर से कॉलेज और कॉलेज से वापस घर तक वो अक्सर साये की तरह मेरे साथ ही रहती।
फिर एक दिन मेरे पास राशिदा का फोन आया, बोली- तूने तो नया बॉडीगार्ड रख लिया है। मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है, दीदी नहीं चाहती कि मैं तुमसे मिलूं।
मैंने राशिदा से पूछा- और कल तुमने ऐसा क्या दिखाया था दीदी को? वह बोली- हमारे ग्रुप का सेक्स वीडियो था। जिसमें मैं और मेरी सहेलियां लंडकों से गांड चटवा रही थीं। अगर कुछ करना है तो मुझे क्लास के समय कॉलेज के बाथरूम में मिलना। मैंने भी हां कर दी क्योंकि मेरा भी सेक्स करने का बहुत मन था।
अगले दिन मैं क्लास से दीदी को बाथरूम में जाने का बोल कर चला आया। एक यही जगह थी जहां दीदी मेरे साथ नहीं आ सकती थी।
राशिदा मुझे गर्ल्स के बाथरूम में ले गई और वहां उसकी एक सहेली खुशी भी पहले से मौजूद थी।
वहां राशिदा ने मुझे एक पाउडर की पुड़िया दी और बोली- इसे चाट! मैंने उससे पूछा- यह क्या है, तो दोनों हंस कर बोली- ये तुम्हें मर्द बना देगी, तुममें घोड़े जैसी ताकत आ जाएगी। तो मैंने उस पाउडर को चाट लिया।
मुझे अजीब सा महसूस होने लगा। राशिदा ने अपनी जींस को घुटनों तक उतार लिया और मेरे सामने घोड़ी बन गई।
उसने गुलाबी पैंटी पहनी हुई थी जिसमें उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी, एकदम गोरी और गोल शेप में! फिर बोली- जल्दी करो अब!
मैंने भी उसकी पैंटी खीच कर नीचे कर दी। अब उसकी चूत भी मेरे सामने आ गई।
मैंने कहा- लेकिन मेरे पास कंडोम नहीं है। वो बोली- कोई बात नहीं, गांड मार लो।
मैंने उसकी गांड में लंड डाल दिया। लंड आराम से अंदर चला गया। राशिदा बहुत चुदी हुई लड़कियों में से थी।
उस लड़की राशिदा की गांड चुदाई मैंने जमकर की।
मैंने चोदते हुए अपना सारा माल उसकी गांड में उड़ेल दिया। फिर मैं जल्दी से क्लास में लौट आया।
दीदी को शक हो गया और बोली- क्या बात है, बहुत समय लगा दिया बाथरूम में? मैंने कहा- बस, ऐसे ही बाहर घूम रहा था मैं तो!
वे बोली- क्लास के समय बाहर क्यों घूम रहे थे, पढ़ाई करनी है या नहीं? मैं बोला- बस मेरा मन नहीं था।
बस फिर दीदी ने कुछ नहीं कहा।
उस दिन के बाद क्लास के समय मैं रोज ही अब राशिदा की गांड और चूत चोदने लगा।
अब मुझे धीरे धीरे इसकी लत पड़ने लगी। वे लोग मुझे रोज वो पाउडर देती थीं और मुझे चुदाई का पूरा मजा आता था। मैं अब इस सब के बिना एक दिन भी नहीं रह सकता था।
फिर अचानक राशिदा कॉलेज में से गायब रहने लगी। मैंने उसकी सहेलियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह अपने पापा के साथ विदेश घूमने गई हुई है एक महीने की छुट्टी लेकर!
यह सुनकर मेरी तो हालत खराब हो गई और मैं सोचने लगा कि मैं एक महीना बिना चुदाई के कैसे रहूंगा। मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी। अब तक मुझे नशे और चूत की लत लग चुकी थी।
कई दिन तो मैंने मुठ मारकर काम चला लिया लेकिन अब चूत के बिना नहीं रहा जा रहा था।
मैंने राशिदा की सहेली खुशी से कहा कि वह मेरी मदद करे, मेरे साथ सेक्स कर ले। लेकिन वह भी पूरी रंडी थी, वह पहले तो मानी ही नहीं।
फिर मैंने उससे मिन्नतें कीं कि वह जो कहेगी मैं करने के लिए तैयार हूं। ये सुनकर वो मुस्कराई और बोली- सोच लो? मैंने कहा- सोच लिया, अब मैं बिना चुदाई करे नहीं रह सकता हूं। और मैं किसी लड़की से भी नहीं मिल सकता हूं क्योंकि दीदी हर वक्त मेरे साथ ही रहती है। अब तुम ही मेरी मदद कर सकती हो।
वह बोली- ठीक है, लेकिन तुम्हें मेरी दूसरी सहेलियों को भी चोदना होगा। यह सुनकर मैं तो और ज्यादा खुश हो गया।
वह बोली- लेकिन तुम्हें वैसे ही सेक्स करना होगा, जैसे हम कहेंगी।
खुशी मुझे बाथरूम में ले गई। वहां पर उसकी और भी सहेलियां थीं जिनका नाम रेणु और प्रीति था।
खुशी ने कहा कि मुझे उन तीनों को एकसाथ खुश करना होगा।
फिर खुशी ने अपनी जींस पैंट खोल कर पैंटी खींचकर नीचे कर दी और कहा- मेरी गांड को खुश करो।
मैंने अपना लंड निकला और गांड पर लगाया तो खुशी मेरी तरफ मुस्करा कर बोली- ऐसे नहीं। मैं उसे देखने लगा तो पास खड़ी रेणु और प्रीति भी हंस पड़ीं।
रेणु बोली- ये तो एकदम बुद्धू है। खुशी इसे बताओ कि कैसे खुश करना है। खुशी मुस्कराते हुए बोली- बहन के लंड, पहले इसे चाट!
मैंने उन लड़कियों के मुंह की तरफ देखा तो तीनों मुस्करा रही थीं।
अब मुझे भी बहुत जोर से चुदाई की तलब लगी थी इस लिए मैंने उसकी गांड चाटना चालू कर दिया।
पहले खुशी, फिर रेणु, और फिर प्रीति … तीनों ने जमकर अपनी गांड चटवाई और एक-एक करके सभी ने मेरे मुंह में पानी भी झाड़ा और मेरे मुंह में ही मूता भी। उन्होंने मेरा लंड हाथ से हिलाकर मेरा पानी निकलवा दिया।
अब रोज वे मुझे गांड-चूत चटवती और मेरे मुंह में ही पेशाब करती, और अपना चूत का पानी निकालती।
मैं दीदी से दूर रहने लगा। दीदी मुझ पर नजर रखती लेकिन फिर भी मैं उन तीनों से किसी न किसी तरह मिल ही लेता था।
राशिदा भी आ गई कुछ दिन बाद … अब चारों मेरे साथ सेक्स करने लगीं।
मुझे तो अब इनकी गांड चाटने की लत लग गई थी। अब पढ़ाई में भी मैं बहुत कमजोर हो गया और शरीर से भी!
दीदी ये सब नोटिस कर रही थी, दीदी ने कई बार मुझसे बात करने की कोशिश की लेकिन मैं दीदी से कुछ नहीं बोलता था। तो दीदी ने पापा को भी बोल दिया.
पापा ने मुझे बहुत डांटा क्योंकि मेरे नंबर बहुत कम आए थे जबकि दीदी फर्स्ट डिविजन से पास हुई थी।
एक दिन जब हम चारों सेक्स कर रहे थे तो मैं राशिदा और खुशी की बारी बारी से गांड चाट रहा था।
तभी दीदी बाथरूम में आ गईं। मुझे इस हालत में देख कर वो गुस्से से चिल्लाई।
मैंने दीदी को नजरंदाज कर दिया तो वे चारों भी हंसने लगीं। खुशी बोली- ये तो हमारी गांड का कीड़ा है; हमारा कुत्ता है ये!
प्रीति बोली- आ जा, मेरा पानी निकलने वाला है, पी ले।
मैं दीदी से बोला- तुम जाओ, मुझे बहुत मजा आ रहा है। यह बोलकर मैं प्रीति की चूत चाटने लगा।
दीदी ने बाहर चलने के लिए कहा लेकिन उन चारों ने कहा कि अगर मैं बाहर गया तो फिर वे मुझसे कभी नहीं मिलेंगी।
इतने में रेणु पेशाब करने बैठ गई और बोली- आ, मेरा अमृत पी ले!
मैं उसकी चूत से मूत की धार देखकर पागल हो गया। मैंने दीदी से अपना हाथ छुड़ाया और रेणु का पेशाब पीने लगा।
दीदी मुझे वहीं पर छोड़कर आ गई।
२
—-
————————-
फिर मैं होश में आया और मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आया। मैं लंड को निकाल कर उसे खींचने मरोड़ने लगा, कि सब इसी के कारण हो
दीदी ने उठकर मुझे थप्पड़ मारा। फिर वे उठकर दूसरे रूम में चली गई जिससे मुझे बहुत गुस्सा आया।
मैं जैसे तैसे मन मारकर सोने की कोशिश करने लगा।
अगले दिन फिर मैं दीदी से कॉलेज में दूर रहने लगा। यह सब देखकर राशिदा और उसकी सहेलियां मेरे आसपास घूमने लगीं।
मैं दीदी को जलाने के लिए उनके पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा। वे बोलीं- आ गई हमारी गांड की याद?
दीदी ने ये सब देखा और उनके पास से हटने को कहा।
राशिदा बोली- इतनी ही चिंता है तो अपनी गांड चटवा दे इसको! दीदी बोली- मैं तुम्हारे जैसी नहीं हूं, मुझे रिश्तों और इज्जत का ख्याल है।
फिर हम लोग घर आ गए।
मैंने दीदी से कहा- या तो आप मुझे अपने साथ करने दो, नहीं तो फिर मुझे उनके पैरों में पड़ा रहने दो।
मेरी बात सुनकर वो रोने लगी और बोली- मैं तेरे साथ नहीं कर सकती। हम भाई-बहन हैं। और अगर तू उन लड़कियों के पास जाएगा तो वे तुझे बर्बाद कर देंगी। मैं नहीं माना और बोला- मैं अपनी जान दे दूंगा।
फिर मैं घर से बाहर निकल गया और शाम को लौटा। पापा भी आ चुके थे।
दीदी खाना बना रही थी। मैं अपने कमरे में चला गया।
दीदी मुझे खाना खाने के लिए बुलाने आई लेकिन मैंने मना कर दिया कि भूख नहीं है। वे बोली- नहीं खाएगा तो पापा सवाल करेंगे।
फिर मैं खाना खाने आ गया। मैं खाकर फिर रूम में चला गया।
रात को दीदी मेरे पास आई और मुझे समझाने लगी- अगर किसी को इस बारे में पता चला तो हमारी कितनी बदनामी होगी, हम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।
मैंने दीदी से कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और आपको पाना चाहता हूं।
दीदी कुछ देर चुप रही फिर बोली- लकी, इस सब में बहुत खतरा है। अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो? मैंने कहा- गोली ले लेना, उससे बच्चा नहीं होता। दीदी बोली- मुझे पता है लेकिन उससे लड़कियां बांझ भी हो सकती हैं।
मैंने कहा- तो मैं कंडोम लगा लूंगा। दीदी बोली- नहीं, तुम्हारा भरोसा नहीं है। तुम ऊपर से ही कर लो जो करना है, अंदर नहीं देना।
यह सुनकर मैं तो खुश हो गया। मैं पकड़ कर दीदी के होंठों को चूसने लगा। वे भी मेरा साथ देने लगी।
धीरे धीरे मैंने दीदी के सारे कपड़े उतार दिए।
अब मैं दीदी की चूचियां दबा कर चूसने लगा।
मैंने दीदी की चूचियां मसल कर लाल कर दीं।
दीदी बोली- लकी, धीरे धीरे करो, मैं कहीं भागी नहीं जा रही।
चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की नाभि चूसने लगा। दीदी आंखें बंद किए मज़ा ले रही थी।
अब मैंने दीदी की चूत को देखा। दीदी की चूत एकदम सील बंद थी; दीदी की चूत छोटी सी, और गुलाबी रंग की थी।
अब दीदी की चूत गीली होने लगी थी। मैंने अपना मुंह दीदी की सील पैक चूत पर रख दिया और चूत चाटने लगा।
दीदी एकदम होश में आई और बोली- यह गंदी है, इसे मत चाट! मगर मैंने दीदी की एक ना सुनी।
दीदी के मुंह से आवाज आती रही- मत चाट … ये गंदी जगह है … आहह … मत चाट … छोड़ दे … आह्ह मर गई। इतने में दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैं दीदी की सील पैक चूत का सारा पानी चाट गया। उनकी चूत का पानी बहुत स्वादिष्ट था।
वे लंबी सांसें लेने लगी, बोली- अब तो खुश है ना? मैंने कहा- अभी मेरा पानी नहीं निकला है। वो बोली- मैं हाथ से कर देती हूं।
मैंने कहा- नहीं, मुझे मजा नहीं आता। वे बोली- चूत में तो नहीं डालने दूंगी। मैंने कहा- कोई बात नहीं, और भी तो छेद हैं उसके अलावा! तब मैंने दीदी की गांड की ओर इशारा कर दिया।
वे बोली- नहीं, गंदी जगह है। इससे अच्छा तुम मेरे मुंह में कर लिया करो। यह बोलकर दीदी मेरा लंड चूसने लगी।
साथ ही दीदी ने मेरे मुंह में अपनी चूत रख दी। अब वे मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत! हम एकसाथ एक दूसरे के मुंह में झड़ गए।
मैंने दीदी को कहा- लंड का पानी मुंह में रोक ले। इधर मैंने भी दीदी की चूत का पानी अपने मुंह में रोक लिया।
फिर हमने लिपलॉक किया और एक दूसरे का पानी पी लिया।
तब हम लिपटकर सोने लगे।
सुबह मैंने एक बार फिर दीदी को लंड पकड़ा दिया तो दीदी ने मेरे लंड का पानी चूसकर निकाल दिया। फिर हम कॉलेज चले गए।
आज मेरा मूड दीदी की गांड मारने का था इस लिए आज मैं जानबूझ कर राशिदा के पास जा रहा था।
दीदी बोली- लकी तुमने वादा किया किया था कि नहीं जाओगे। मैंने दीदी को कहा दीदी- मेरा मन चुदाई को कर रहा है।
वे बोली- ठीक है, तू उसके पीछे मत जा; मैं तेरा पानी निकाल दूंगी घर जाकर! मैंने कहा- नहीं, मुझे चुदाई ही करनी है।
यह बोलकर मैं राशिदा के पीछे बाथरूम में जाने लगा।
दीदी रोकने लगी तो मैंने कहा- मुझे नहीं पता, मेरा पानी अभी निकलवाओ, नहीं तो राशिदा अपनी गांड खोले खड़ी है अंदर!
तो दीदी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दूसरे बाथरूम में ले गई और मेरी चेन खोल कर लंड बाहर निकाल कर चूसने लगी। दीदी ने चूस कर मेरा पानी झाड़ दिया और चुपके से वहां से निकल गई।
घर आकर मैं रात होने का इंतजार कर रहा था।
जब दीदी काम खत्म करके रूम में आई तो मैंने उन्हें पकड़ लिया। मैं दीदी के होंठों को चूसने लगा और उसे जल्दी से नंगी कर दिया।
मैंने दीदी को पलंग पर लिटा लिया। मैं दीदी की चूचियों को मसलने लगा। वे आंख बंद करके सिसकारियां लेने लगी।
चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की चूत चाटने लगा। दीदी ने मुझे रोक दिया, दीदी बोली- आज मेरे पीरियड्स हैं, आज यहां भी गंदी है।
यह सुनकर मुझे गुस्सा आ गया। मैंने दीदी से कहा- आपका कुछ गंदा नहीं, आज तो मैं आपकी टट्टी भी खा जाऊंगा। इतना बोल कर मैं दीदी की चूत चाटने लगा।
दीदी की चूत से खून और बहुत सारा पानी निकल रहा था। मैं दीदी की चूत चाटने लगा तो दीदी का सारा शरीर कांपने लगा, बदन पसीने से भीग गया था।
मैंने एकदम से दीदी को उल्टा कर उनके चूतड़ों को फैलाकर उनकी गोरी, चिकनी, गुलाबी गांड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी। दीदी एकदम से हड़बड़ा कर उठ गई।
वे बोली- लकी ये मत करो, ये गंदी जगह हैं। यहां मत मुंह मार! लेकिन मैंने दीदी की एक ना सुनी और दीदी को पकड़ लिया।
मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रख दिया। दीदी मुझे रोकती, उससे पहले ही मैंने जोर से दबा कर झटका मारा और मेरा लंड दीदी की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया।
इससे दीदी की जैसे जान निकल गई। दीदी रो रही थी और मैं दीदी को चोद रहा था।
उसकी चूत बहुत टाइट थी। मेरा लंड ज्यादा देर दीदी की चूत की गर्मी नहीं झेल पाया और दीदी की चूत में ही झड़ गया।
जब दीदी को गर्म वीर्य का अहसास हुआ तो वो होश में आई। वे जोर जोर से रोने लगी। उन्होंने कहा- लकी, तुमने ये क्या कर दिया!
दीदी की चूत से खून और वीर्य निकल रहा था। पीरियड्स के कारण दीदी की चूत से इतना खून और पानी निकाला कि दीदी की गांड के नीचे खून और वीर्य का बड़ा दाग़ बन गया।
वे बोली- तुमने तो मेरी इ ज्जत लूट ली। फिर वे गालियां देने लगी।
लेकिन मैंने उनको उल्टी कर कुत्ते की तरह गांड को चाटना शुरू कर दिया।
दीदी की गुलाबी गांड को चाट चाटकर मैंने साफ कर दिया। वे पलंग पर उल्टी पड़ी अभी भी रो रही थी।
मैं दीदी के ऊपर लेट गया और दीदी के चूतड़ों को फैलाकर अपना लंड गांड के छेद पर लगा दिया।
वे गुस्से में देखते हुए बोली- कुत्ते, अपनी औकात दिखा दी!
इससे पहले वे कुछ और कहती, मैंने एक झटके में दीदी की गांड में लंड घुसा दिया। वे तिलमिला उठी और चिल्लाने लगी।
दीदी की गांड फट गई और खून निकल आया। मैं जोर जोर से गांड चोदने लगा।
फिर कुछ देर बाद वे शांत होने लगी।
तब दीदी बोली- अब बहुत अजीब सा लग रहा है। लेकिन मैं नहीं रुका और गांड को चोदता रहा।
मेरा वीर्य निकलने वाला था। चोदते हुए ही मैं दीदी की गांड में झड़ गया और दीदी के ऊपर लेट गया।
वे कराह रही थी। मैंने उन्हें पकड़ कर सीधी किया।
फिर मैंने उनके होंठ चूसे और उन्हें बाथरूम में ले गया.
वहां मैंने दीदी की चूत गांड को साफ किया और फिर वापस रूम में लाया।
वे चुदाई के कारण थक गई थी।
मैं भी फिर चिपक कर लेट गया और हम सो गए।
आधी रात को जब नींद खुली तो देखा दीदी ने गांड मेरी तरफ कर ली थी।
मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझे चुदाई का मन करने लगा।
लेकिन दीदी सोती हुई बहुत सुंदर दिख रही थी। मुझे दीदी पर बहुत प्यार आया और मैंने उसे नहीं जगाया और मैं दीदी के चूतड़ों में लंड डालकर ऐसे ही सो गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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(30-01-2024, 12:19 PM)neerathemall Wrote:
जवानी दीवानी
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पहला मजा, बड़ी बहन के साथ
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(27-04-2024, 01:41 AM)neerathemall Wrote: पहला मजा, बड़ी बहन के साथ
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मेरे और मेरी बड़ी बहन जिसका नाम अनुष्का (नाम बदला हुआ) है के बीच हुई एक रात का है. मैं अपनी फैमिली के बारे में बता दूँ. हम साधारण लोग है..
पापा सरकारी नोकरी में है. मम्मी हाउस वाइफ हैं. दीदी की शादी हो चुकी है और मैं अभी ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ. हम आपस में ज्यादा बात नही करते है. हमारे घर में सेक्स को लेकर कभी कोई बात ही नही करता. अपनी बड़ी बहन के बारे में बता दूँ लम्बाई 5.3, साइज़ 38-26-36, कलर- गोरा है जो शादीशुदा हैं और उनकी शादी को 1 साल हो गया था. मेरे जीजा जी गावं में जॉब में है और उनका ट्रान्सफर रूरल एरिया में हो गया था जिससे दीदी को वो अपने परिवार की देखभाल के लिये कानपुर में ही छोड़ गये थे.
मेरे घर के सभी लोग शादी में गये थे इसलिये दीदी और मैं ही घर पर थे. सभी लोगो को बस में बिठाने के बाद मैं कॉलेज चला गया. रात को हमने खाना खाया और अपने–अपने कमरे में चले गये. रात को करीब 1 बजे दीदी मेरे कमरे में आई और मुझे जगाया में उठा और पूछा क्या हुआ तो बोली कुछ नही और वापस चली गयी. थोड़ी देर बाद फिर आई और पुछा विवेक सो गया क्या तो मैं बोला नही.
फिर मैने पुछा क्या हुआ तो बोली मुझे नींद नही आ रही है तो मैंने कहा आपकी तबीयत तो ठीक है ना. पर अब उनकी साँसे कुछ तेज़ चल रही थी और घबरा भी रही थी तो मुझे लगा की तबीयत ही खराब होगी मैने कहा आपकी तबीयत ठीक नही लग रही है. तो वो बोली तबीयत तो ठीक है पर तुमसे कुछ बात करनी है मैं बोला ठीक हैं बताओं. वो बोली की तुम अब बड़े हो गये हो. मेरी मदद करोगे तो मैने कहा हाँ क्यों नही. तो बोली मेरा दूध पीवोगे ? आज से पहले कभी हमारी इस तरह की बाते नही हुई थी (दीदी को कभी किसी लड़के के बारे में बात करते या मिलते नही सुना था) इसलिये ये सुनकर मैं दंग हो गया. मैने पुछा क्या? तो वो बोली हाँ..(अब उनकी साँसे काफ़ी तेज़ हो गई थी और दिल काफ़ी तेज़ धक धक कर रहा था जिससे उनके बूब्स के हिलने से पता चल रहा था.)
मैने पूछा किस लिये? कुछ देर चुप रहने के बाद उठकर चली गयी. इससे पहले मैने कभी किसी लड़की से ये बात नही की थी इसलिये मैं दंग था पर अंदर से अजीब सी खुशी हो रही थी जो मैं बता नही सकता. करीब 10 मिनिट के बाद वो फिर वापस आई और इस बार वो काफ़ी कॉन्फिडेंट दिख रही थी और पुछा क्या सोचा हैं. मैने कहा क्या हो गया है आपको? अब मेरी साँसे भी तेज़ हो गयी थी जिससे मेरी आवाज़ नही निकल रही थी पर मेरा लंड खड़ा हो गया था. वो बोली देखो मैं काफ़ी दिनो से तुम्हारे जीजा से नही मिली हूँ अब मुझे उनकी ज़रूरत है. मेरी तबीयत अब सेक्स करने से ही ठीक होगी. ये सुन कर मेरा लंड अब पेन्ट फाड़ने को तो तैयार था. वो बोली मैं जानती हूँ की तुम्हे भी एक लड़की की ज़रूरत है. मैने कहा पर आप मेरी दीदी हो.. वो बोली इसलिये तो कह रही हूँ अब उनका और मेरा चेहरा लाल हो चुका था.
मैने कहा पर मैने कभी किया नही है तो बोली मेने तो किया है. मैने कहा अगर कुछ हो गया तो वो बोली कुछ नही होगा और ना किसी को पता चलेगा. अब सब बंद करो. मैने ब्लू फिल्म कई बार देखी थी तो मुझे पता था पर रियल में तो उससे भी ज्यादा मज़ा आता है. फिर वो मुझे अपने रूम में ले गयी. उस दिन उन्होने लाल सिल्क नाइटी पहन रखी थी क्या गजब लग रही थी ये तब पता चला जब ये सब हुआ. दीदी बोली आओ फिर मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिये और कहा इसे दबाओ. मेने वैसा ही किया पर थोड़ा डर रहा था की दर्द होगा.
Ghar me incest sex तारक मेहता में चुदाई कांड – भाग 7
फिर वो बोली थोड़ा ज़ोर से दबाओ मैने कहा दर्द होगा वो बोली दर्द नही होगा और अपने लाल होठों को एक बार मेरे होठों से किस किया मुझे तो जैसे शॉक लगा पर मज़ा आया. फिर मैंने अपने होठों को उनके होठों से लगाया और चूसने लगा वो बराबर साथ दे रही थी. मैने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनके उपर चड गया. मैने फिर किस करना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर बाद में थोड़ा नीचे आया और उनके बूब्स को नाइटी के उपर से काटा उनके मुँह से अहह निकल गयी. फिर मैं बूब्स से नीचे आया और उनके पेट पर किस किया फिर और नीचे गया पर चूत को किस नही किया. अब में उनके पैर के अंगूठे को किस किया और उपर बढ़ने लगा. धीरे धीरे मैं उनकी नाइटी को उपर करता गया और पैरो को किस करता रहा.
जब मैने उनकी नाइटी को कमर पर किया तो देखा उन्होने सिल्क लाल पेंटी पहन रखी थी पर वो कुछ भीगी लग रही थी जब मैं उनकी जांघो को किस कर रहा तो एक मधहोश कर देने वाली सुगंध पेंटी से आ रही थी. मैने पेंटी को किस किया तो मेरे होठ भीग गये. मैंने धीरे धीरे नाइटी को उपर चढ़ाया और उनके बूब्स तक पहुच गया. उन्होने गुलाबी कलर की ब्रा पहन रखी थी मैंने ब्रा के उपर से ही चूसना शुरू कर दिया वो एकदम कड़क हो गई. फिर उन्हे उठाया और नाइटी उतार दी दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये. दीदी बोली तुम तो कह रहे थे कुछ नही जानते हो तब ये सब कैसे? मेंने कहा आप को देख कर हुआ जा रहा है. मैने उन्हे किस किया और ब्रा उतार दी अब बूब्स नंगे थे मैने तुरन्त उनके निपल को चूसना और काटना चालू कर दिया वो बोली आराम से चूसो में कहीं नहीं जा रही हूँ.
मैंने कहा आपने ही तो बोला था दूध पीने को वो बोली तो दूध पीने का मज़ा आया मैने कहा बहुत. अब मैं नीचे आया और उनकी पेंटी निकाल दी. क्या चूत थी यारो. गुलाबी चूत वो भी रियल लाइफ में पहली बार तो आप लोग समझ सकते हैं उस वक़्त क्या महसूस हो रहा होगा मुझे. चूत के बाल छोटे छोटे थे. मैने उनके पैर फैलाये और लग गया चूत चाटने को जैसे ही मैने अपनी जीभ उनकी चूत की फाको पर रखी मधहोशी छा गयी. मैने धीरे धीरे चाटना जारी रखा पर दीदी ने मेरा सर पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी फिर कुछ देर में उनका पानी मेरे मुँह पर निकल गया. मैं कुछ समझ नही पाया पर टेस्ट अच्छा लगा तो चूत और चाट ली. दीदी बिल्कुल शांत हो गयी थी पर मैने चूत चाटना जारी रखा. कुछ देर बाद बोली उपर आ जा मैं उपर गया तो उन्होने फिर से किस स्टार्ट कर दिया. मैने रेस्पॉन्स दिया और साथ में बूब्स दबाता रहा अब वो फिर तैयार हो गयी.
मैं भी एग्ज़ाइटेड था इस बार में चूत मेंने एक उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगा फिर एक और उंगली डाल दी. दीदी बोली उंगली निकाल लंड डाल उंगली करने से अगर ये शांत हो जाती तो तेरी क्या ज़रूरत थी. ये सुनकर मुझे जोश आ गया और मैने लंड दीदी की चूत के मुँह पर रख दिया और धक्का मारा. मेरे लंड का अगला सिरा ही बड़ी मुश्किल से गया की मुझे दर्द होने लगा. दीदी बोली जा क्रीम ले कर आ मैं क्रीम ले आया और उन्होने अपने हाथो से मेरे लंड पर क्रीम लगाने लगी में एग्ज़ाइटेड होने की वजह से उनका हाथ लगते ही मैने उनके उपर ही वीर्य गिरा दिया. मैं डर गया पर वो बोली कोई बात नही ऐसा होता है. उन्होने वीर्य साफ किया और फिर मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
फिर उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया की मुझे फिर दर्द होने लगा. दीदी बोली फर्स्ट टाइम होता है दर्द. चलो मर्द बनो और अपनी दीदी की चूत को फाड़ डालो. ये सुन कर मुझे जोश आ गया एक जबरदस्त झटका मारा और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया मैं और दीदी दोनो ही चीख पड़े. मेरा लंड थोड़ा मोटा है और लंबा भी इसलिये. मुझे ज़्यादा दर्द हो रहा था तो दीदी बोली मेरा दूध पीओं तो ताक़त मिल जायेगी और लंड चूत में डाले डाले ही में उनके लिप्स और बूब्स बारी बारी से चूसने लगा.
अब मुझमे और ताक़त आ गई मैने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा.
दीदी भी साथ दे रही थी और मेरे झटको की गति बढ़ती जा रही थी. दीदी के मुँह से आआआआहह ओंऊऊऊओहूऊ की आवाज़ निकल रही थी जिसे सुनकर जोश बढ़ रहा था. दीदी अपनी टांगो को सिकोड़ने लगी जिससे मुझे ज्यादा ताक़त लगानी पड़ रही थी. फिर दीदी का पानी निकल गया. उन्होने रुकने को कहा. मैं रुक गया और उनके बूब्स को चूसने लगा कुछ देर में वो फिर तैयार हो गई और कहा तुम भी काम पूरा कर लो. में तुरन्त झटके मारना चालू कर दिया कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला तो मैने कहा मेरा निकल रहा है वो बोली अंदर ही डाल दे कुछ नही होगा जब तक गर्म लावा अंदर नही पड़ेगा तब तक शांति नही मिलेगी. फिर हम दोनो झड़ गये और मैं उनके उपर ही लेट गया. अब सुबह के 5 बज रहे थे.
और हम सोने चले गये थे.
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गर्मी का मोसम चल रहा था। मेरी मौसी की लडकी सुमन छुट्टीया मनाने के लिये हर साल हमारे घर आती थी। सो इस साल भी वो आ गयी थी। इधर मेरी दीदी ने मुझे चोदने का चस्का लगा रखा था। एक भी दिन हमे चोदे बिना नहीं रहा जाता था । एक दिन खाना नहीं मिले तो चलेगा मगर मुझे हर रोज चूत चाहिये थी। मे इतना चुद्दक्कड बन गया था।
ये सब दीदी की मेहरबानी थी। मै हर रोज मेरी दोनो बहनों को चोदता था। कभी-कभी छोटी दीदी अपने लिये कोई नये लंड का इंतजाम कर लेती थी, पर मेरी बड़ी दीदी को सिर्फ़ मेरा लंड पसंद था। शायद उसने मेरे अलावा किसी ओर का लंड ना लेने की कसम खा रखी थी। ऐसे देखा जाये तो उसकी ये बात एक दम सही भी थी उसे जब चाहे घर मे बडी आसानी से मेरा लंड मिल जाता था। जिस दिन सुमन हमारे घर आयी थी। उस दिन हमे पूरा दिन बिना चोदे गुजारना पड़ा। न ही मै मेरी किसी भी दीदी के बोब्स दबा सका, और ना ही चूस सका। पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया। फ़िर रात मे हम तीनो भाई- बहन ने खूब मजे लिये। पूरे दिन की कसर पूरी कर ली। पर सब कुछ बिल्कुल चुपचाप। ना कोई बात ना कोई शोर। एक दम सन्नाटा।
क्योंकी सुमन सोने के लिये हमारे कमरे मे आयी थी। कुछ देर बाद स्वाती दीदी ने मेरी तरफ मुहँ किया और मेरा हाथ पकडकर अपने चूचियों पर रख दिया। मै धीरे-धीरे उसके चूचीयाँ मसलने लगा, कुछ देर बाद मैने दीदी की एक चूची मुहँ मे लिया और चुसने लगा। और एक हाथ से दूसरी चूची दबाने लगा। उधर नेहा दीदी सुमन को बातों मे उलझा रही थी। कि उसका ध्यान हमारी तरफ़ ना आये। फ़िर मैने मेरी एक उंगली स्वाती दीदी की चूत मे डाल दी। और उसे धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। दीदी भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैने दीदी की चूत मे दो उंगलिया डाल दी। और उन्हे अंदर-बाहर करने लगा। स्वाती दीदी अब बहुत गर्म हो गयी थी। उसकी चूत पानी छोड रही थी। दीदी से अब रहा नहीं जा रहा था। उसी करवट पर दीदी ने मेरा लंड अपनी हाथ मे पकडकर अपनी चूत पर लगा डाला। मैने मेरा मुहँ दीदी के मुहँ पर रखा और अपना पुरा लंड दीदी की चूत मे धकेल दिया। दीदी ने भी मेरा पूरा लंड अंदर लिया और कुछ देर तक उसे अंदर ही भींच लिया। और मेरा लंड अपनी टांगों के बीच दबाने लगी।
मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। लेकिन मै दीदी के ऊपर चढकर उसे जोर-जोर से चोदना चाहता था। लेकिन हमारे कमरे मे सुमन के होने की वजह से हम ऐसी पोजीशन नहीं ले सकते थे। और मुझे दीदी को उसी पोज मे चोदना पड रहा था। ऐसा चोदने मे इतना मजा तो नहीं आ रहा था, लेकिन क्या करे हमारी मजबूरी थी। आदमी को एक ही स्टाइल मे भी मजा आता है क्या? लेकिन मजबूरी थी। मैने दीदी से धीरे से कहा,”दीदी सुमन का कुछ तो बंदोबस्त करना पडेगा।” मेरे राजा तू उसकी भी चूत मारना चाहता है क्या?” दीदी बोली। ऐसा तो मैने सोचा भी नहीं था। मैने कहा,”क्या दीदी सुमन भी मुझसे चुदवा लेगी?” तो दीदी बोली, “हाँ मेरे राजा, हर लडकी किसी-ना किसी से चुदवा ही लेती है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि उसने अभी तक किसी से चुदवाया है।” मै बोला, “दीदी फ़िर तो वो मुझसे चुदवायेगी। क्या तुम कोशिश करके देखोगी।”
दीदी बोली “मै कुछ चक्कर चला कर देखती हूँ। अगर बात बनती है तो तूझे सुमन की भी चूत मिलेगी।” मैने कहा,”फ़िर तो दीदी कुछ बात बनती हें। कोशिश करके जरुर देखो, मुझे पूरा विश्वास है तुम उसे चुदने के लिये तेयार कर सकती हो। “तो दीदी बोली,” हाँ मेरे राजा भैय्या, मुझे भी अलग-अलग स्टाईल से चुदवाने की आदत है, ऐसे बिस्तर मे चुदवाने मे मुझे भी बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है। और अगर सुमन को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी, वो सबको बता देगी कि हम सगे भाई-बहन चुदाई करते है। फ़िर क्या होगा। ये सोच के मुझे तो डर लग रहा है।” मैने कहा,” हाँ दीदी तुम्हारी बात तो एकदम सही है। अगर सुमन हमारा साथ देती है तो फ़िर कोई बात नहीं। कहते है ना चोर-चोर मोसेरे भाई।” ”तू तो बहुत बडी-बडी बाते करता है रे। “दीदी ने कहा। मै चुप हो गया। और दीदी को चोदने लगा। थोडी देर बाद हमारा राउंड पूरा हो गया। हमारा काम होने के बाद मै पेशाब करने बाथरुम चला गया। और स्वाती दीदी ने सुमन दीदी की तरफ़ मुहँ फ़ेर लिया। दीदी जान गयी थी कि हमारी राउंड पूरा हो गया है। अब मजे लेने का नंबर नेहा दीदी का था। मै बाथरुम से आ गया, और सोने के लिये अपनी जगह गया तो स्वाती दीदी बोली, “राज, तुम नेहा कि तरफ सो जाओ।
मुझे बहुत गर्मी हो रही है। सच तो वो ये कहना चाहती थी की, राज तुम अब नेहा की चुदाई करो। मै समझ गया।
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मेरे कुछ बात करने से पहले ही सुमन ने स्वाती दीदी के पेट पर हाथ रख कर सोने की कोशिश करने लगी। मै नेहा दीदी के पास मे जाकर बैठ गया। और चद्दर के अंदर हाथ डाल कर दीदी के चूचीयाँ ढुंढ रहा था। मैने पाया की दीदी चद्दर के अंदर एकदम नंगी सोयी थी, मेरे लंड के इंतजार मे। मैने धीरे से उसके चूचीयाँ सहलाने लगा। तो वो बोली पूरी पिच गीली है, तुम डायरेक्ट बैटिंग करो। मै दीदी के चद्दर मे घुस गया। मैने देखा उसकी चूत गीली हो गयी थी। हमारी (मेरी और स्वाती दीदी की) चुदाई का कार्यक्रम नेहा दीदी को मालुम था। हमारे बिस्तर मे होने वाली हलचल उसने महसुस की थी। देर ना करते हुये नेहा दीदी ने मेरा लंड पकडा, और सीधा अपने चूत के मुहँ पे लगा दिया।
और क्या बताऊ दोस्तों मै फ़िर जोर से नेहा दीदी पे टूट पडा। लगभग चालीस मिनिट तक मै दीदी कि चूत ठोकता रहा। बिल्कुल एक राक्षस की तरह मैने नेहा दीदी कि चूत चोद दी। उधर स्वाती दीदी बिलकुल शांत सो रही थी। उसकी बाजु मे सुमन भी सो गयी थी। और मैने नेहा दीदी कि चूत को भी ठंडा कर दिया था। मै भी नेहा दीदी की चूत पे हाथ रखकर वही पर सो गया। अब मुझे इतजार था की कल की सुबह का, और देखना ये था की दीदी सुमन को चुदाई के लिये कैसे तैयार करती है। अब तो मेरी लाटरी निकलने वाली थी। मुझे मालूम था की मेरी बहना बहुत कमीनी किस्म की है। और वो जरुर सुमन को चुदने के लिये तेयार कर लेगी। मुझे मेरी दोनो दीदीयों पर पूरा भरोसा था। सुमन तो उभरा हुआ मस्त माल थी। उसकी चूचीयाँ बहुत बडी-बडी थी। नेहा दीदी से भी बडी। सुमन मेरे से एक साल बडी थी।
दूसरे दिन दोपहर का वक्त था। घर मे हम चारों के सिवा कोई भी नहीं था। मै बेड पर बैठकर कुछ पढ रहा था। और सुमन किताब देख रही थी। इतने मे नेहा दीदी और स्वाती दीदी बाहर से आ गयी और हम दोनो के आजु-बाजू मे बैठ गयी। थोडी देर मे स्वाती दीदी ने सुमन के चूचीयो को धीरे से दबाया। शायद सुमन को ये बात अच्छी नहीं लगी। उसने कहा “कुछ शर्म नाम की चीज भी है क्या?” वो गुस्से से बोली। मेरे अरमानों पर पानी फ़िरता हुआ नजर आ रहा था। स्वाती दीदी कुछ नहीं बोली। तो नेहा दीदी बोली,”क्यु इतना गुस्सा कर रही हो कोई न कोई तो तुम्हारी चूचियों के साथ खेलने वाला ही है। तो स्वाती ने दबाया तो क्या हो गया। इसमे गैर क्या है, हर लडकी की चूचीयाँ कोई ना कोई तो मसल ही देता है, और इससे तो हमे मजा भी मिलता है। “सुमन बोली,”तुम दोनो भी पागल हो गयी हो। सामने छोटा भाई बैठा है फ़िर भी तुम्हे शर्म नहीं आ रही है।” स्वाती दीदी बोली, “ये महारानी तू छोटा किसे बोल रही है। हमारा भाई तो अब बडा हो गया है।” सुमन बोली, “हाँ हो गया है तो शादी कर दो ना। हम भी देखते है हमारी भाभी कैसी होगी। “और सब हँसने लगे। थोडी देर मे, मै बाहर चला गया। घर मे नेहा दीदी, स्वाती दीदी और सुमन बैठकर बाते कर रही थी उन्हे बात करने मे आसानी हो जाये इस लिये मै बाहर चला आया था।
लगभग आधे घंटे बाद मै बेडरुम के अंदर जा रहा था तो मुझे कुछ जानी-पहचानी आवाज सुनाई पडी। जो आवाज मै हर दिन हर रात दीदी की चुदाइ करते वक्त आती थी। मैने धीरे से बेडरुम मे झांक के देखा तो नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन के साथ वही खेल खेल रही थी। नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन को चुदाई का सबक पढा रही थी। स्वाती दीदी ने बेडरुम के दरवाजे मे मुझे देखा तो हाथ से ईशारा करके मुझे अंदर बुला लिया। किसी के भी अंग पर कोई भी कपडा नहीं था। मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी। वो बहुत उत्तेजित हो गयी थी। और उसकी दीदी अब बहुत गिली हो गयी थी। उसकी दीदी से चिप-चिपा सा पानी निकल रहा था। स्वाती दीदी ने मुझे सुमन के दो टांगों के बीच बैठने का ईशारा किया। मै सुमन के दो टांगों के बीच बैठ गया। आगे क्या करना था ये मै पहले से ही जानता था। अब तो मै चुदाई मास्टर बन गया था।
मैने अपना लंड सुमन की चूत पे लगाया, तो वो बोली, “नहीं राज ये पाप है, तुम रिश्ते मे मेरा भाई लगता है। झट से,, स्वाती दीदी बोली चुदाई के रिश्ते मे कोई किसी का भाई नहीं लगता है। और ना ही कोई किसी की बहन लगती है। चूत और लंड का रिश्ता तो सिर्फ़ चुदाई का है। सुमन अब बहुत गर्म हो गयी थी। वो अजीब-अजीब आवाजे निकाल रही थी। मैने इसी बात का फ़ायदा उठाया और सुमन की दीदी मे अपना लंड घुसाने लगा। मगर मेरा लंड तो उसकी दीदी मे नहीं जा रहा था। मैने बहुत कोशिश करके देखा पर सब मेहनत बेकार थी। उसकी दीदी बहुत कसी हुई थी। और मेरा लंड बहुत बडा था। जब मै नाकाम रहा तो, सुमन से रहा नहीं जा रहा था, तो उसने मेरा लंड अपने हाथ मे लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकडा, वो बोली, “हाय राम इतना बडा लंड है तेरा, तू तो मेरी चूत फ़ाड ही डालेगा। प्लीज मुझे छोड दो। मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है।
फ़िर मुझे नेहा दीदी ने अपने ऊपर लिया। और स्वाती दीदी तेल लाने के लिये किचन मे नंगी ही चली गयी। इधर मेरा और नेहा दीदी का रोमांन्स चालू हो गया। हमारा खेल देखकर सुमन भी मीठी आहे भरने लगी। स्वाती दीदी तेल लेकर आ गयी और उसने सुमन की चूत पर ढेर सारा तेल डाल दिया। नेहा दीदी ने मुझे अपने ऊपर से उतारा और मै फ़िर एक बार अपना लंड सुमन के चूत मे डालने की कोशिश करने लगा। इसके पहले सुमन ने कभी नहीं चुदवाया था। ये उसकी पहली बार थी। इसलिये उसे काफ़ी दर्द महसुस हो रहा था। थोडी ही देर मे मेरा थोडा सा लंड सुमन की चूत मे प्रवेश कर गया। सुमन जोर से चिल्लाई पर घर पर उसकी चीख सुनने वाला कोई भी नहीं था। उसकी मदद मेरी दोनो बहने कर रही थी। मैने धीरे से एक झटका लगाया, तो मेरा पुरा का पुरा लंड सुमन की चूत मे चला गया। उसकी चूत से गरम खून का निकल गया। खून देखकर सुमन बहुत डर गयी। पर स्वाती दीदी ने उसे समझाया हर लडकी को इस दोर से एक दिन गुजरना ही पडता है। वो बाते कर रही थी तो मै धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था।
अब सुमन का दर्द थोडा सा कम हो गया था। और उसे भी मजा आ रहा था। मुझे मेरी दोनो बहनों की सील तोडने का मोका तो नहीं मिला था पर उनकी वजह से मैने आज मेरी मोसेरी बहन की सील को तोड दिया था। सुमन काफ़ी खुश थी। उसके बाद मैने नेहा दीदी को चोदा और फ़िर स्वाती दीदी को भी चोदा। मेरे लंड मे अब मुझे दर्द महसुस हो रहा था। आज मैने तीन –तीन चूतो को एक साथ चोदा था। चौथे राउंड मे फ़िर एक बार सुमन कि चूत ले ली। उस दिन से हम तीनो मिल के जब हमे मौका मिले तब चुदाई करते रहे। उस दौरान मेरी दीदी ने सुमन को चुदाई के बहुत सारे तरीके सिखा दिये। हम बहुत मजे लेते रहे। किसी का कोई टेंशन नहीं। घर की बात घर मे। हम लोग बहुत खुश है। मेरी दोनो बहनों की तो शादी हो गयी है लेकिन सुमन अभी कुंवारी ही है। उसकी चूत के लिये मेरा लंड तेयार है। जब मेरा दिल करता है मै मौसी को मिलने के बहाने से उनके गांव जाता हूँ। और सुमन की जी भर के चुदाई करके वापस आ जाता हूँ। और सुमन भी हमारे घर आकर एक महीना रहती है।
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अपनी जिंदगी का एक हादसा बताना चाहता हूं दरअसल कि मेरी ताऊजी की लड़की के बारे में है उसका नाम सुमन है और वह 23 साल की है उसका फिगर एकदम सनी लियोन के जैसा है उसके फुटबॉल जैसे बूब्स है.. चलो मैं शुरू करता हूं एक दिन मैं उसके घर गया उस समय उसके घर पर कोई भी नहीं था सब कहीं गए हुए थे दरअसल मुझे चाय के लिए चीनी लेनी थी पर वहां कोई नहीं था इसलिए मैं सीधा घर के अंदर चला गया..
मैंने अंदर जाते ही रूम में सुमन को उल्टा सोता हुआ देखा मैं वापस जा रहा था कि मेरी नजर उसकी गांड पर पड़ी सही में उस समय वह बहुत ही ज्यादा मोटी दिख रही थी मेरा मन तो था कि मैं उसको अपने हाथों से सेलाऊ पर मैं उस समय कुछ नहीं कर सका बस मैंने उसको देखकर वही मुठ मारी और वापस आ गया सही में उतना मजा मुझे मुठ मारने में आज तक नहीं आया..
अब मेरा दिमाग खराब हो रहा था क्योंकि मैंने उस समय उसकी नहीं मारी फिर ऐसे ही दो-तीन दिन निकल गए फिर मैं एक बार और उसके घर गया तब वह नहा कर आई थी रूम में वह अपने बाल सुखा रही थी तभी मैं पहुंच गया कपड़े तो पहन रखे थे पर गिला शरीर होने के कारण कपड़े सहारे उसके बदन से चिपके हुए थे और चिपकने के कारण उसकी काले कलर की ब्रा साफ साफ नजर आ रही थी जैसे ही उसने मुझे देखा वह बोली बाहर बैठो मैं आ रही हूं दो-तीन मिनट बाद वह बाहर आ गई उसने बोला कोई काम था क्या मैंने कहा नहीं बस ऐसे ही आ गया ..
उसने कहा चलो ठीक है मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं जब वह किचन की तरफ जा रही थी तो उसकी गांड मुझे साफ साफ नजर आ रही थी क्योंकि कपड़े भी गीले थे और चिपक भी रहे थे अब मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपना मोबाइल निकाला और सर्च किया सिस्टर पोर्न वीडियो और मैं वही देखने लगा आवाज ना आए इसलिए मैंने हेडफोन लगा लिए थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मेरे पीछे कोई है जैसे ही मैंने पीछे मुड़ कर देखा मुझे सुमन नजर आई अब उसने सब कुछ देख लिया था मैं बहुत डर गया औरउससे माफी मांगने लगा..
वह कुछ भी बिना बोले अंदर वाले रूम में चली गई मैं बहुत डर गया था मुझे लगा कि अगर आज तो यह सबको बता देगी कुछ समझ में नहीं आ रहा था क्या करूं फिर थोड़ी देर बाद अंदर से आवाज आई सुनील यहां आना जैसे तैसे मैंने हिम्मत की और मैं अंदर चला गया अंदर गया तो देखा सुमन एक कोने में बैठी हुई थी,उसने कहा यहां बैठ मुझे तुझसे कुछ बात करनी है मैं अभी भी सॉरी सॉरी बोल रहा था फिर थोड़ी देर बाद उसने कहा देख मेरे भाई पोर्न सब देखते हैं मैं भी देखती हूं इसे देखना कोई गलत नहीं है मैं भी एक बायो की स्टूडेंट हूं और मैं जानती हूं कि इस समय क्या क्या होता है इस स्टेज में…
मैंने कहा नहीं पर मैं तुम्हारे बारे में सोच रहा था यह गलत था ना, उसने कहा वह तो है पर मैं एक लड़की भी तो हूं, फिर वह मुझसे पूछने लगी कि तु मुझे कब से देख रहा है और तुमने मेरा कौन कौन अंग देखा है, फिर मैंने भी बता दिया कि मैंने उसे दो-तीन बार नहाते हुए और कपड़े चेंज करते हुए देखा है, फिर थोड़ी देर बाद उसने भी बताया कि मैं मैंने भी तुझे बिना कपड़ों के देखा है, मैंने उससे पूछा कब, उसने कहा छोड़ दूं इन बातों को और अपने घर जा, मैंने कहा नहीं पहले मुझे भी बता तुमने मुझे नंगा कब देखा..
उसने कहा कि जब तीन-चार दिन पहले तुम मुझे देखकर मुट्ठ मार रहे थे तब मैं जग रही थी, मैंने फिर से कहा सॉरी उसने कहा कोई बात नहीं पर अब घर चला जा मैंने कहा नहीं अब मेरा घर जाने का मन ही नहीं हो रहा, मैं उसे रिक्वेस्ट करने लगा कि मैं एक बार तुम्हारे बूब्स को छू लूं, थोड़ी देर रिक्वेस्ट करने के बाद उसने कहा चल ठीक है छू ले पर तू उसके बाद घर चला जाएगा ना मैंने कहा पक्का ठीक है, मैंने उसको अपनी ब्रा उतारने को कहा उसने उतार दी जैसे ही मैंने उसके बूब्स को छुए यह मेरी लाइफ का सबसे अलग एहसास था…
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उसके बूब्स को सेलाता गया, मेरे सैलाने से उसने अपनी आंखें बंद कर रखी थी मैंने यह मौका देखा और उसके होठों पर किस करने लगा, उसने मुझे मना किया पर मैंने उसको जबरदस्ती नीचे दबाकर चूसने लगा, अब मुझे एहसास हो रहा था कि वह भी गरम हो रही है, अब उसके भी मुंह से हम हम हम की आवाजें आने लगी थी, थोड़ी ही देर में मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए, वह मेरे सामने एक खुली तिजोरी की तरह थी एकदम नंगी फिर उसने कहा सुनील अब मत रुको अब तो मुझे दे ही दो, फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए उसने जैसे ही मेरा लंड देखा उसने कहा यह बहुत बड़ा है इससे मुझे दर्द होगा मैंने कहा कुछ नहीं होगा बस और ही ज्यादा मजा आएगा, फिर वह मेरे लंड को चूसने लगी, अब मुझे परम आनंद प्राप्त हो रहा था..
थोड़ी देर बाद वो बोली भाई अब नहीं रुका जा रहा अब जल्दी से इसे मेरी चुत में डाल दो मैंने अपना लंडउसकी चुत पर रखा हो और एकदम से ही उसके अंदर पूरा का पूरा घुसा दिया, वो जोर से चिल्लाई और बोली ओ भाई जरा आराम से डालो, फिर मैंने उससे घोड़ी बनाया और उसको तब भयंकर चोदा ना कि क्या बताऊं, फिर उसे उल्टा लेटा कर चोदा, फिर मैं सीधा सो गया फिर उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चुत में देकर ऊपर नीचे होने लगी, उस दिन मैंने उसे लगभग 15 मिनट तक खतरनाक तरीके से चोदा…
उसके बाद मैंने अब अपना मुंह खोलो वह मना करने लगे कि नहीं मैं तुम्हारा दूध अपने मुंह में नहीं दूंगी मुझे उल्टी आती है मैंने कहा नहीं यह तो लेना ही पड़ेगा, फिर मैंने कहा या तो मुंह में ले लो वरना मैं तुम्हारी चुत में छोड़ दूंगा तो तुम प्रेग्नेंट हो जाओगी, तभी उसने कहा नहीं चुत में मत छोड़ना मैं मुंह में ले लूंगी, फिर मैंने उसका मुंह अपने दूध से भर दिया फिर उसको जो जबरदस्ती पिला दिया , अब तक तो उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी उसे अब उठा भी नहीं जा रहा था फिर मैंने कहा भगवान तुम्हारी जैसी बहन सबको दे जो अपने भाई की इच्छा पूरी करें, फिर उसने कहा कि भैया अगली बार जब भी आओ ना तो कंडोम लेकर आना ऐसे प्रेग्नेंट होने का डर रहता है मैंने कहा चलो ठीक है उसके बाद मैंने उसे बहुत बार चोदा अभी तक मैं लगभग उसको भी 25 से 30 बार चोद चुका हूं
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Simone Delilah
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(27-04-2024, 04:19 PM)neerathemall Wrote: सगी बहन मेरे साथ नंगी बिस्तर में
मेरी बहन सोनाली बेंद्रे की एकदम ट्रू-कॉपी है. हॉट सिस की उम्र उस समय 19 वर्ष की थी और वो बहुत हॉट थी. आज तो वो और भी मस्त हो गई है.
उसकी फिगर का साइज 32-28-34 का है.
आप पहली नजर में ही उसे देख कर समझ सकते हैं कि उसकी कमर पतली है, गांड थोड़ी उठी हुई है और चूचे भी काफी आकर्षित करने वाले हैं.
मैं अपने बारे में बताऊं, तो मेरी उम्र 26 की है. मुझे जिम जाना पसंद है और कसरत करने से मेरी बॉडी एकदम फिट है.
लड़कियों की जानकारी के लिए लिखना चाहता हूँ कि मेरे लंड का लम्बाई साढ़े सात इंच है और ये ढाई इंच मोटा है.
मेरा लंड चुदाई के टाइम बहुत सख्त हो जाता है और उसकी नसें उभर कर साफ़ नजर आती हैं.
उन लड़कियों को, जिन्होंने सेक्स किया है, पता है कि ऐसे लंड चूत में घुसकर कितना मज़ा देते हैं.
मेरा लंड किसी भी लड़की या औरत को पूर्ण रूप से सन्तुष्ट कर सकता है.
यह बात आज से 3 वर्ष पहले की है.
मेरे बिजनेस में 4 वर्कर थे, उसमें से 3 लोगों ने अचानक से झगड़ा कर लिया और मेरा ऑफिस छोड़ दिया.
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ये अप्रैल का समय था, उस समय काम भी बहुत होता है. एक अकेले बचे कर्मचारी से मेरा काम नहीं हो सकता था इसलिए मैंने घर पर मम्मी पापा को ये बात बताई.
पापा ने कहा- रितिका की 12वीं की परीक्षा भी खत्म हो गयी है और यह भी घर पर अकेली ही रहती है. तू इसको बता दे कि क्या काम करना है. ये तेरी मदद कर देगी और कोई प्रॉब्लम भी नहीं रहेगी. इसे रोज अपने साथ ले जाना और ले आना.
वैसे रितिका मेरी बहन से ज्यादा मेरी फ्रेंड है क्योंकि आज तक हम दोनों ने अपनी कोई भी बात एक दूसरे से नहीं छुपाई थी. यहां तक कि मेरी गर्लफ्रेंड भी उसी ने बनवाई थी.
उसके बारे में आपको बाद में बताऊंगा.
उसके बाद रितिका वहीं खड़ी सब सुन रही थी तो उसने भी हां कर दी और अगले दिन से मैं उसको अपने साथ ले जाने लगा.
शुरुआत में दस से पंद्रह दिन तो उसको काम समझने में ही लग गए.
उसके बाद वो हमेशा मेरे पास ही रहती, मेरे सारे कॉल में अटेंड कर लेती.
अब सब कुछ ठीक चलने लगा था.
वैसे मैंने कहानियों में पढ़ा था कि भाई बहन के बीच में भी चुदाई होती है पर तब तक मेरे मन में ऐसा कोई ख्याल नहीं आया था.
एक दिन दिल्ली से एक सर आए, उनकी कम्पनी से मैंने अपनी ब्रांच जोड़ी हुई थी.
ऑफिस के आते ही उन्होंने मुझे बधाई दी और कहा कि हमें बताया भी नहीं और शादी कर ली.
इसके पहले मैं कुछ बोलता, उन्होंने आगे बोलना जारी रखा और कहा कि तुम्हें बहुत अच्छी वाइफ मिली.
मेरी उनसे केबिन में ही मुलाकात हुई थी और वो ये सब वहीं बोल रहे थे.
मेरे पीछे खड़ी रितिका ये सब सुन रही थी.
जब मैंने उसकी तरफ देखा, तो वो मुस्कुरा रही थी.
फिर मैंने सर को बताया कि रितिका मेरी छोटी बहन है.
उस पर सर ने सॉरी कहा.
इसके बाद हमारी मीटिंग हुई.
फिर शाम 5 बजे की फ्लाईट से सर चले गए.
मैं और रितिका अपनी कार से उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने गए.
जब हम वापस आने लगे, तब रितिका मेरे पास ही आगे की सीट पर बैठी थी और मुस्कुरा रही थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- ये सर कितने बुद्धू थे, हम दोनों को पति पत्नी समझ रहे थे.
मैंने उसे छेड़ते हुई कहा- तू दिखती भी तो ऐसी ही है, मेरी बीवी भी तेरे जैसी ही होगी.
हम दोनों हंसने लगे और ऑफिस आ गए.
आज काम बहुत ज्यादा था.
चूंकि मेरे ऑफिस में फिलहाल एक ही वर्कर था और आज वो भी नहीं आया था.
हम दोनों ने काम निपटाने का तय किया.
मैंने घर पर कॉल करके बोल दिया कि आज हम दोनों आने में लेट हो जाएंगे. काम नहीं निपटा … और ज्यादा देरी हुई, तो हम दोनों ऑफिस में ही रुकेंगे.
मेरे ऑफिस में एक बड़ा सा रूम भी है, जहां पर बेड टीवी, सोफे सब लगे हुए हैं.
सारा काम खत्म करते करते हमें रात के ग्यारह बज गए.
रितिका को भूख भी लग रही थी तो पास के ही होटल से खाना मंगवा लिया.
मैंने उससे कहा- घर चलें?
वो डांटने लगी- अब क्या करेंगे घर जाकर. मैं काफी थक गई हूं, यहीं सो जाते हैं.
हम दोनों ने फ्रेश होकर खाना खाया और सोने लगे.
सामने टीवी ऑन था.
अब मेरे सामने दिक्कत यह थी कि रूम में AC लगा था, पर कम्बल एक ही था.
मैंने उससे कहा कि यह तू रख ले, मैं नीचे सो जाता हूं.
वो बोली- भैया, आप कैसी बातें कर रहे हैं. मुझसे भी ज्यादा तो आप थक गए हैं. आप बेड पर सो जाओ. ये बेड काफी बड़ा है, हम दोनों आराम से सो सकते हैं. जब ठंड लगेगी, तो एक कम्बल में भी सो सकते हैं. वैसे भी आज सर ने कह ही दिया कि हम दोनों पति पत्नी हैं और बधाई भी मिल गयी. अब आपको क्या प्रॉब्लम है?
मैंने हंस कर कहा- पागल है पूरी … चल सो जाते हैं.
मैं लेट गया.
टीवी पर गाने चल रहा था- आशिक़ बनाया आपने …
मुझे तो नींद लग गयी, पर रितिका नहीं सोई थी.
थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि रितिका मेरे बहुत करीब सोई है.
थकान की वजह से मैं नींद में था.
जब रात को 4 बजे करीब ठंड लगी तो मैं कम्बल में घुस गया.
पर ये क्या … मेरे होश उड़ गए.
रितिका ने अपनी लैगी निकाल दी थी और वो नीचे सिर्फ पैंटी में थी.
मेरे ना चाहते हुए भी जाने क्यों, अचानक मेरा हाथ उसकी पैंटी पर चला गया.
तभी उसने करवट ली, तो मैं डर गया कि कुछ समस्या ना हो जाए. मैं पलट कर सो गया.
पर जब पास में जवान चूत हो, तो लंड रिश्ते नहीं देखता है.
मैं वापस पलट कर नींद में होने का नाटक करने लगा.
मन नहीं माना तो मैंने अपना एक हाथ बहन की कुर्ती के ऊपर से ही उसके मम्मों पर रख दिया.
उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने धीरे से हाथ नीचे किया और पैंटी में डालने लगा.
उसकी चूत भभक रही थी और कुछ नम भी हो चली थी.
मेरी एक उंगली चूत की फांकों में चलने लगी.
कुछ ही देर में रितिका सिसकारियां ले रही थी.
मैं समझ गया कि पट्ठी जाग रही है और मजे ले रही है.
मैंने भी अपना काम जारी रखा.
कुछ पल बाद उसने हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर दबाव बनाया तो मैंने अपनी दो उंगलियों को उसकी चूत में डाल दिया.
मेरी उंगलियां सट से अन्दर चली गईं.
मैं चौंक गया कि रितिका की सील तो पहले से ही टूटी हुई थी.
वो पूरी मस्ती में आनन्द ले रही थी.
मैंने उसके कान में कहा- आंख खोल ले, मुझे पता है कि तू जाग रही है.
वो आंख खोलते ही मुझ पर टूट पड़ी, मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए ही उसने नीचे पैंट भी खोल दी.
मेरी पैंट निकालने में उसके हाथ चले, तो मैंने उसकी मदद की.
मैं पूरा नंगा हो गया था.
अब मैं भी उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी कुर्ती निकाल दी.
वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी और बहुत सेक्सी लग रही थी.
दोस्तो, आप जानते होंगे कि इतनी हॉट सोनाली बेंद्रे जैसी लड़की अगर आपके बेड पर नंगी हो, तो क्या होगा.
मैं उसके नीचे आ गया और उसकी पैंटी नीचे कर दी.
उसकी एकदम गुलाबी चूत सामने आ गई.
मेरी बहन की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
मैं तो चिकनी चूत देख कर खुश हो गया और जीभ लगा दी.
वो सिहर उठी और उसने अपनी टांगें खोल दीं.
मैं बहन की चूत चाटते चाटते अन्दर तक जीभ डालने लगा.
उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वो मेरा सिर अन्दर दबाने लगी और कुछ ही पलों में उसने जोर से आह करते हुए चूत से पानी छोड़ दिया.
वो झड़ कर ढीली हो गयी.
कुछ देर तक मैंने हॉट सिस की चूत चाट कर साफ की फिर मैं उसके ऊपर आ गया, उसकी ब्रा उसके मम्मों से अलग कर दी.
उसने मेरे मुँह में एक दूध ठेल दिया.
मैं चूसने लगा.
काफी देर मैं उसके दोनों मम्मों को चूसता रहा. उसके रसीले होंठों को भी चूसा.
फिर मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया.
मगर वो पहले मेरे लंड को चूसना चाहती थी. उसने बैठ कर मेरे लंड को मुँह में ले लिया और बड़ी मस्ती से लंड चूसने लगी.
वो इस तरह से लंड चूस रही थी जैसे कोई पोर्न स्टार हो.
इस दौरान हम दोनों सिर्फ सेक्स का आनन्द ले रहे थे, कुछ बोल नहीं रहे थे.
दस मिनट तक उसने ऐसे लंड चूसा कि मैं जन्नत में पहुंच गया था.
फिर मेरा पानी निकल गया, उसने पूरा रस गटक लिया और ऊपर चढ़ गयी.
वो मेरे कान में कहने लगी- वो सर सही बोल रहे थे, आज मैं आपकी बीवी हूँ … सुहागरात मना लो और चोद दो अपनी बहन को.
यह सुनते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं उसके ऊपर आ गया और एक तकिया उसकी गांड के नीचे लगा दिया.
मैंने उसकी चूत पर लंड सैट करके जोर से झटका दिया.
एक झटके में लंड चूत को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया.
उसकी जोर से चीख निकल गई, पर आस पास में सभी ऑफिस थे, तो हमें कोई डर नहीं था.
मैंने फिर से एक झटका दिया और उसकी आंख से आंसू निकल गए.
वो बोली- भैया, बहुत दर्द हो रहा है … रुक जाओ या निकाल लो.
मैंने कहा कि इतना मस्त लंड चूसती है साली … पहले से चूत चुदवा रखी है और नाटक कर रही है.
वो बोली- भैया, सिर्फ एक बार ही अपने बीएफ के साथ सेक्स किया था, उसको भी कुछ नहीं आता था. सब मैंने ही किया था. ये चूसना तो मैं आपसे ही सीखी हूँ.
मैंने पूछा- मैंने कब सिखाया?
वो बोली कि आपके लैपटॉप पर मैंने बहुत बार भाई बहन की कहानी पढ़ी हैं. मैं तब से ही आपसे चुदना चाहती थी, पर आज आपने मेरी चूत चूस कर मेरा सपना पूरा कर दिया. आज जब से सर ने कहा कि मैं आपकी पत्नी हूँ, तब से ही मैं आपका लंड लेना चाहती थी.
इतनी देर में उसका दर्द कम हो गया और मैंने फिर से एक जोरदार झटका दे दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी तक पहुंच गया.
एक मिनट के लिए तो उसकी आंखें बंद हो गयी थीं. मुझे लगा कि शायद बेहोश हो गयी है.
फिर उसने आंखें खोलीं और कहने लगी- भैया, आपका बहुत बड़ा है … मुझे बेहद दर्द हो रहा है … प्लीज बाहर निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है … मैं मर जाऊंगी … प्लीज रहम करो अपनी छोटी बहन पर.
मैंने कुछ नहीं कहा और उसके होंठों को चूमता रहा.
पर मुझे उसके दर्द का पूरा ख्याल था. वो मेरी छोटी बहन जो थी.
फिर 5 मिनट बाद उसने कहा- हां अब दर्द कम हो गया है.
मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
अब उसको आनन्द आ रहा था,
वो कामुक सिसकारियां लेने लगी- अंम्म्म आह हहहह ओह … आह मेरे भैया आज से मैं आपकी हो गई हूँ … पूरी रात से इन्तजार कर रह थी इसलिए कपड़े भी निकाल कर सोई कि भैया कब चोदेगें … आह भैया आज तो आपने मस्त कर दिया, बस चोदते रहो भैया अपनी छोटी जान को ईईईई … यस … आआह कितना बड़ा लंड है भैया और इतना मोटा … मैंने सोचा भी नहीं था.
मैंने कहा- तुझे अब और क्या चाहिए?
“कुछ नहीं भैया, बस आपका लंड मेरी चूत में ही रहे दिन रात, आप जब कहोगे, तब आपके लिए मेरी चूत तैयार रहेगी.”
मुझे ये सब सुन कर जोश आ गया और मैंने स्पीड बढ़ा दी.
हम दोनों चुदाई में एक दूसरे में इस तरह से खोये थे कि एसी में भी पसीने पसीने हो गए थे.
फिर मैं नीचे आ गया और उसे ऊपर आने को कहा.
वो उठी तो घबरा गई और बोली- भैया इतना सारा खून?
मैंने कहा- पहले नहीं निकला था क्या?
वो बोली कि हां मगर थोड़ा सा ही निकला था.
मैं समझ गया कि सही मायने में आज मैंने ही अपनी बहन की सील तोड़ी है. यह अभी तक कुंवारी ही थी.
मैंने उसको समझाया कि आज तेरी चूत अच्छे से खिल गयी है अब कभी खून नहीं निकलेगा. बस मजा ही मजा आएगा.
वो खुश हो गयी और ऊपर आकर चूत पर अपना लंड सैट करके धीरे धीरे अन्दर तक लेने लगी.
मैंने भी नीचे से झटके देना शुरू कर दिए.
इस बीच पता ही नहीं चला कि वो कब नीचे हो गई और मैं ऊपर.
मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख लीं और चूत चोदने लगा.
उसे इस पोजीशन में दर्द हो रहा था और मुझे मज़ा आ रहा.
इस पोजीशन में दस मिनट तक चोदने के बाद मैं अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया था.
मैंने कहा- कहां निकालूं?
उसने कहा कि भैया से अपनी पहली चुदाई का आनन्द लेना है, अन्दर ही डाल दो.
उसके बाद मेरा पानी निकल गया और उसके ऊपर ही सो गया.
जब घड़ी देखी तो साढ़े पांच बजे गए थे. हमें 2 घंटे से भी ज्यादा हो गए थे.
रितिका उठी और नंगी ही बाथरूम जाकर वापस आ गई.
उसे नंगी देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
हम दोनों ने फिर से चुदाई शुरू कर दी.
इस तरह से 7 बजे तक मैं बहन की चुदाई की.
फिर काम करने लग गए.
सारे दिन हम दोनों को बड़ा ही प्यारा अहसास होता रहा.
शाम 4 बजे मेरा वर्कर किसी काम से बाहर गया.
उस वक्त ऑफिस हम दो ही थे, तो रूम में पहुंच कर मैंने उसे बुलाया.
वो आई तो मैंने लंड उसके मुँह में दे दिया.
वो लंड चूसने लगी.
मैं 5 मिनट में ही झड़ गया.
वो बोली- भैया अभी रहने दो. कोई आ गया तो गड़बड़ हो जाएगी. घर चल कर सब कुछ कर लेना.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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Samapt
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सेक्स की लत में दीदी ने मेरी मदद की-
!!!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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(27-04-2024, 04:51 PM)neerathemall Wrote: सेक्स की लत में दीदी ने मेरी मदद की-
!!! मेरी दीदी, जिसका नाम रिया है, उम्र में मुझसे चार साल बड़ी है। बचपन से उसी ने मेरी देखभाल की है।
मां के जाने के बाद दीदी ने पढ़ाई छोड़ दी थी।
दीदी मुझसे बहुत प्यार करती हैं। वे मेरा मां की तरह ख्याल रखती हैं।
दीदी दिखने में भी बहुत सुन्दर है, एकदम साउथ की हीरोइन कीर्ति सुरेश की तरह दिखती हैं।
आप इस हीरोइन की फोटो देख कर मेरी दीदी की कल्पना कर सकते हैं।
जब मैंने 12वीं पास कर ली तो अब मुझे कॉलेज में एडमिशन लेना था।
तब मेरी उम्र 19 और दीदी की 23 की हो गई थी।
मैंने सोचा कि दीदी भी मेरे साथ कॉलेज में एडमिशन ले ले।
तो मैंने दीदी से बात की।
लेकिन वे नहीं मानीं तो मैंने पापा को कहा।
पापा ने दीदी को समझाया तो वो मान गई।
मेरा और दीदी का एडमिशन एक ही कॉलेज में हो गया।
अब दीदी मेरे साथ ही कॉलेज जाती थी।
इस कॉलेज में करोड़पति लोगों के बच्चे ज्यादा थे।
कुछ नेता लोगों के थे।
उनका एक ग्रुप था जिसमें ज्यादातर लंडकियां ही थीं, जो बहुत सुन्दर, सेक्सी और एकदम चालू किस्म की थीं।
सारी लड़कियां बड़े घर की होने के कारण कुछ नशे भी करती थीं।
मेरे भी काफी दोस्त बन गए।
मेरे दोस्त उन लड़कियों के ग्रुप के मेंबर थे।
वे अक्सर उन लड़कियों के साथ होटल में जाते और चुदाई करते।
सारी लड़कियां एक नंबर की रंडियां थीं।
उन्होंने मुझे भी ग्रुप में शामिल होने होने को बोला।
मेरा भी मन करता था कि इन सुन्दर-सुन्दर अमीर लड़कियों की चुदाई करूं।
इस लिए मैं उनके ग्रुप में शामिल हो गया।
मैं दीदी से छुपकर उनके साथ घूमता और पार्टी में भी जाता।
इनमें से एक राशिदा नाम की लड़की कॉलेज में सबके सामने मेरे साथ फ्लर्ट करने लगी।
दीदी ने भी ये बात नोटिस की।
तो दीदी ने कई बार मुझे उससे दूर रहने को कहा लेकिन मैं राशिदा की चुदाई करना चाहता था।
एक दिन क्लास रूम में राशिदा मुझे किस कर रही थी कि दीदी ने देख लिया।
दीदी ने मुझे उससे अलग कर एक थप्पड़ मारा और राशिदा को बुरा-भला कहा।
यह बात राशिदा को अच्छी नहीं लगी।
घर आकर दीदी ने मुझे बहुत डांटा और रोने लगी।
मैंने कहा- दीदी, मेरे सारे दोस्त उनके साथ मजा करते हैं, मैं क्यों नहीं कर सकता?
दीदी गुस्से से बोली- उन गंदी और बेशर्म लड़कियों के साथ क्या मजा आता है तुम्हें, अगर आज के बाद तुम उन लड़कियों के साथ दिखे तो मैं तुम्हारी शिकायत पापा से कर दूंगी।
अगले दिन कॉलेज गए तो आज राशिदा और उसकी सहेलियों ने दीदी को परेशान करना शुरू कर दिया।
अब वे जानबूझ कर मेरे ही पास रहती, मेरे साथ फ्लर्ट करती।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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दीदी, जिसका नाम रिया है, उम्र में मुझसे चार साल बड़ी है। बचपन से उसी ने मेरी देखभाल की है।
मां के जाने के बाद दीदी ने पढ़ाई छोड़ दी थी।
दीदी मुझसे बहुत प्यार करती हैं। वे मेरा मां की तरह ख्याल रखती हैं।
दीदी दिखने में भी बहुत सुन्दर है, एकदम साउथ की हीरोइन कीर्ति सुरेश की तरह दिखती हैं।
आप इस हीरोइन की फोटो देख कर मेरी दीदी की कल्पना कर सकते हैं।
जब मैंने 12वीं पास कर ली तो अब मुझे कॉलेज में एडमिशन लेना था।
तब मेरी उम्र 19 और दीदी की 23 की हो गई थी।
मैंने सोचा कि दीदी भी मेरे साथ कॉलेज में एडमिशन ले ले।
तो मैंने दीदी से बात की।
लेकिन वे नहीं मानीं तो मैंने पापा को कहा।
पापा ने दीदी को समझाया तो वो मान गई।
मेरा और दीदी का एडमिशन एक ही कॉलेज में हो गया।
अब दीदी मेरे साथ ही कॉलेज जाती थी।
इस कॉलेज में करोड़पति लोगों के बच्चे ज्यादा थे।
कुछ नेता लोगों के थे।
उनका एक ग्रुप था जिसमें ज्यादातर लंडकियां ही थीं, जो बहुत सुन्दर, सेक्सी और एकदम चालू किस्म की थीं।
सारी लड़कियां बड़े घर की होने के कारण कुछ नशे भी करती थीं।
मेरे भी काफी दोस्त बन गए।
मेरे दोस्त उन लड़कियों के ग्रुप के मेंबर थे।
वे अक्सर उन लड़कियों के साथ होटल में जाते और चुदाई करते।
सारी लड़कियां एक नंबर की रंडियां थीं।
उन्होंने मुझे भी ग्रुप में शामिल होने होने को बोला।
मेरा भी मन करता था कि इन सुन्दर-सुन्दर अमीर लड़कियों की चुदाई करूं।
इस लिए मैं उनके ग्रुप में शामिल हो गया।
मैं दीदी से छुपकर उनके साथ घूमता और पार्टी में भी जाता।
इनमें से एक राशिदा नाम की लड़की कॉलेज में सबके सामने मेरे साथ फ्लर्ट करने लगी।
दीदी ने भी ये बात नोटिस की।
तो दीदी ने कई बार मुझे उससे दूर रहने को कहा लेकिन मैं राशिदा की चुदाई करना चाहता था।
एक दिन क्लास रूम में राशिदा मुझे किस कर रही थी कि दीदी ने देख लिया।
दीदी ने मुझे उससे अलग कर एक थप्पड़ मारा और राशिदा को बुरा-भला कहा।
यह बात राशिदा को अच्छी नहीं लगी।
घर आकर दीदी ने मुझे बहुत डांटा और रोने लगी।
मैंने कहा- दीदी, मेरे सारे दोस्त उनके साथ मजा करते हैं, मैं क्यों नहीं कर सकता?
दीदी गुस्से से बोली- उन गंदी और बेशर्म लड़कियों के साथ क्या मजा आता है तुम्हें, अगर आज के बाद तुम उन लड़कियों के साथ दिखे तो मैं तुम्हारी शिकायत पापा से कर दूंगी।
अगले दिन कॉलेज गए तो आज राशिदा और उसकी सहेलियों ने दीदी को परेशान करना शुरू कर दिया।
अब वे जानबूझ कर मेरे ही पास रहती, मेरे साथ फ्लर्ट करती।
एक दिन राशिदा ने मुझे अपने साथ चलने को बोला तो मैं उसके साथ चला गया।
राशिदा मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी लेकिन मैंने उसे टाल दिया।
वैसे मन तो मेरा भी बहुत था लेकिन मुझे दीदी का ख्याल आया तो मैं रुक गया, कि अगर दीदी को पता चला तो वो बहुत नाराज होगी।
मैं राशिदा की कार में घूम कर आ गया।
दीदी ने मुझे राशिदा की कार से उतरते देख लिया तो दीदी ने बहुत डांटा।
मैंने कहा- वो मुझे जिद करके अपने साथ घुमाने ले गई थी।
अगले दिन दीदी कालेज में राशिदा और उसकी सहेलियों से भिड़ गई और उन्हें मुझसे दूर रहने को कहा।
मैं दूर से दीदी को झगड़ते देख रहा था।
तभी राशिदा ने अपने मोबाइल में दीदी को कुछ दिखाया।
दीदी की आखें बड़ीं और चेहरा शर्म से लाल हो गया।
राशिदा दीदी से कुछ बोलकर चली गई।
तब मैं दीदी के पास गया तो दीदी अपना सिर झुकाए खड़ी थी।
मैंने दीदी से पूछा- क्या हुआ?
दीदी बोली कि आज से कॉलेज में मैं हर समय उनेक साथ ही रहूं।
अब दीदी अपनी सहेलियों को छोड़कर मेरे साथ मेरे बेंच पर बैठने लगी और घर से कॉलेज और कॉलेज से वापस घर तक वो अक्सर साये की तरह मेरे साथ ही रहती।
फिर एक दिन मेरे पास राशिदा का फोन आया, बोली- तूने तो नया बॉडीगार्ड रख लिया है।
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है, दीदी नहीं चाहती कि मैं तुमसे मिलूं।
मैंने राशिदा से पूछा- और कल तुमने ऐसा क्या दिखाया था दीदी को?
वह बोली- हमारे ग्रुप का सेक्स वीडियो था। जिसमें मैं और मेरी सहेलियां लंडकों से गांड चटवा रही थीं। अगर कुछ करना है तो मुझे क्लास के समय कॉलेज के बाथरूम में मिलना।
मैंने भी हां कर दी क्योंकि मेरा भी सेक्स करने का बहुत मन था।
अगले दिन मैं क्लास से दीदी को बाथरूम में जाने का बोल कर चला आया।
एक यही जगह थी जहां दीदी मेरे साथ नहीं आ सकती थी।
राशिदा मुझे गर्ल्स के बाथरूम में ले गई और वहां उसकी एक सहेली खुशी भी पहले से मौजूद थी।
वहां राशिदा ने मुझे एक पाउडर की पुड़िया दी और बोली- इसे चाट!
मैंने उससे पूछा- यह क्या है, तो दोनों हंस कर बोली- ये तुम्हें मर्द बना देगी, तुममें घोड़े जैसी ताकत आ जाएगी।
तो मैंने उस पाउडर को चाट लिया।
मुझे अजीब सा महसूस होने लगा।
राशिदा ने अपनी जींस को घुटनों तक उतार लिया और मेरे सामने घोड़ी बन गई।
उसने गुलाबी पैंटी पहनी हुई थी जिसमें उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी, एकदम गोरी और गोल शेप में!
फिर बोली- जल्दी करो अब!
मैंने भी उसकी पैंटी खीच कर नीचे कर दी।
अब उसकी चूत भी मेरे सामने आ गई।
मैंने कहा- लेकिन मेरे पास कंडोम नहीं है।
वो बोली- कोई बात नहीं, गांड मार लो।
मैंने उसकी गांड में लंड डाल दिया।
लंड आराम से अंदर चला गया।
राशिदा बहुत चुदी हुई लड़कियों में से थी।
उस लड़की राशिदा की गांड चुदाई मैंने जमकर की।
मैंने चोदते हुए अपना सारा माल उसकी गांड में उड़ेल दिया।
फिर मैं जल्दी से क्लास में लौट आया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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दीदी को शक हो गया और बोली- क्या बात है, बहुत समय लगा दिया बाथरूम में?
मैंने कहा- बस, ऐसे ही बाहर घूम रहा था मैं तो!
वे बोली- क्लास के समय बाहर क्यों घूम रहे थे, पढ़ाई करनी है या नहीं?
मैं बोला- बस मेरा मन नहीं था।
बस फिर दीदी ने कुछ नहीं कहा।
उस दिन के बाद क्लास के समय मैं रोज ही अब राशिदा की गांड और चूत चोदने लगा।
अब मुझे धीरे धीरे इसकी लत पड़ने लगी।
वे लोग मुझे रोज वो पाउडर देती थीं और मुझे चुदाई का पूरा मजा आता था।
मैं अब इस सब के बिना एक दिन भी नहीं रह सकता था।
फिर अचानक राशिदा कॉलेज में से गायब रहने लगी।
मैंने उसकी सहेलियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह अपने पापा के साथ विदेश घूमने गई हुई है एक महीने की छुट्टी लेकर!
यह सुनकर मेरी तो हालत खराब हो गई और मैं सोचने लगा कि मैं एक महीना बिना चुदाई के कैसे रहूंगा।
मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी।
अब तक मुझे नशे और चूत की लत लग चुकी थी।
कई दिन तो मैंने मुठ मारकर काम चला लिया लेकिन अब चूत के बिना नहीं रहा जा रहा था।
मैंने राशिदा की सहेली खुशी से कहा कि वह मेरी मदद करे, मेरे साथ सेक्स कर ले।
लेकिन वह भी पूरी रंडी थी, वह पहले तो मानी ही नहीं।
फिर मैंने उससे मिन्नतें कीं कि वह जो कहेगी मैं करने के लिए तैयार हूं।
ये सुनकर वो मुस्कराई और बोली- सोच लो?
मैंने कहा- सोच लिया, अब मैं बिना चुदाई करे नहीं रह सकता हूं। और मैं किसी लड़की से भी नहीं मिल सकता हूं क्योंकि दीदी हर वक्त मेरे साथ ही रहती है। अब तुम ही मेरी मदद कर सकती हो।
वह बोली- ठीक है, लेकिन तुम्हें मेरी दूसरी सहेलियों को भी चोदना होगा।
यह सुनकर मैं तो और ज्यादा खुश हो गया।
वह बोली- लेकिन तुम्हें वैसे ही सेक्स करना होगा, जैसे हम कहेंगी।
खुशी मुझे बाथरूम में ले गई।
वहां पर उसकी और भी सहेलियां थीं जिनका नाम रेणु और प्रीति था।
खुशी ने कहा कि मुझे उन तीनों को एकसाथ खुश करना होगा।
फिर खुशी ने अपनी जींस पैंट खोल कर पैंटी खींचकर नीचे कर दी और कहा- मेरी गांड को खुश करो।
मैंने अपना लंड निकला और गांड पर लगाया तो खुशी मेरी तरफ मुस्करा कर बोली- ऐसे नहीं।
मैं उसे देखने लगा तो पास खड़ी रेणु और प्रीति भी हंस पड़ीं।
रेणु बोली- ये तो एकदम बुद्धू है। खुशी इसे बताओ कि कैसे खुश करना है।
खुशी मुस्कराते हुए बोली- बहन के लंड, पहले इसे चाट!
मैंने उन लड़कियों के मुंह की तरफ देखा तो तीनों मुस्करा रही थीं।
अब मुझे भी बहुत जोर से चुदाई की तलब लगी थी इस लिए मैंने उसकी गांड चाटना चालू कर दिया।
पहले खुशी, फिर रेणु, और फिर प्रीति … तीनों ने जमकर अपनी गांड चटवाई और एक-एक करके सभी ने मेरे मुंह में पानी भी झाड़ा और मेरे मुंह में ही मूता भी।
उन्होंने मेरा लंड हाथ से हिलाकर मेरा पानी निकलवा दिया।
अब रोज वे मुझे गांड-चूत चटवती और मेरे मुंह में ही पेशाब करती, और अपना चूत का पानी निकालती।
मैं दीदी से दूर रहने लगा।
दीदी मुझ पर नजर रखती लेकिन फिर भी मैं उन तीनों से किसी न किसी तरह मिल ही लेता था।
राशिदा भी आ गई कुछ दिन बाद … अब चारों मेरे साथ सेक्स करने लगीं।
मुझे तो अब इनकी गांड चाटने की लत लग गई थी।
अब पढ़ाई में भी मैं बहुत कमजोर हो गया और शरीर से भी!
दीदी ये सब नोटिस कर रही थी, दीदी ने कई बार मुझसे बात करने की कोशिश की लेकिन मैं दीदी से कुछ नहीं बोलता था।
तो दीदी ने पापा को भी बोल दिया.
पापा ने मुझे बहुत डांटा क्योंकि मेरे नंबर बहुत कम आए थे जबकि दीदी फर्स्ट डिविजन से पास हुई थी।
एक दिन जब हम चारों सेक्स कर रहे थे तो मैं राशिदा और खुशी की बारी बारी से गांड चाट रहा था।
तभी दीदी बाथरूम में आ गईं।
मुझे इस हालत में देख कर वो गुस्से से चिल्लाई।
मैंने दीदी को नजरंदाज कर दिया तो वे चारों भी हंसने लगीं।
खुशी बोली- ये तो हमारी गांड का कीड़ा है; हमारा कुत्ता है ये!
प्रीति बोली- आ जा, मेरा पानी निकलने वाला है, पी ले।
मैं दीदी से बोला- तुम जाओ, मुझे बहुत मजा आ रहा है।
यह बोलकर मैं प्रीति की चूत चाटने लगा।
दीदी ने बाहर चलने के लिए कहा लेकिन उन चारों ने कहा कि अगर मैं बाहर गया तो फिर वे मुझसे कभी नहीं मिलेंगी।
इतने में रेणु पेशाब करने बैठ गई और बोली- आ, मेरा अमृत पी ले!
मैं उसकी चूत से मूत की धार देखकर पागल हो गया।
मैंने दीदी से अपना हाथ छुड़ाया और रेणु का पेशाब पीने लगा।
दीदी मुझे वहीं पर छोड़कर आ गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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