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Adultery जब फँसा चूत में केला
#41
चोदह की बहन की अनचुदी चूत में आठ इन्च का लन्ड से चुदने के लिए कैसे तैयार करै।
जब बहन सो जाये तब बेफिक्र होकर उसकी पैन्टी को उतार कर उसकी चूत को चाटना चालू कर दो जव तक उसे समझ आएगा की क्या हो रहा है उसे मजा आने लगेगा । एक हाथ से उसकी चूचियौ को सहलाते रहो अब वो जाग कर तुम्हारे सिर को सहलाने लगेगी टागो को सिकोडने लगेगी तुम्हें उसकी टागो को अपने कन्धों पर रख कर उसकी चूत को चाटते हुए जीभ उसकी चूत में घुसेडनी है वो अपना सिर इधर-उधर पटकते हुए चूतडो को उपर उठाने लगेगी हो सकता है वो रोने लगे तो तुम थोडा रूक जाना उसके सामान्य होने पर धीरे-धीरे फिर से वही प्रक्रिया चालू कर देना आधा घंटा बाद उसकी चू त पानी फैकने लगेगी और वो हाँफते हुए सिर इधर-उधर पटकने लगेगी अब उसकी चूत को साफ करके अपने चिपका कर उसे सुलाते हुए सो जाओ । आज के लिए इतना ही आगे का आनंद फिर कभी ।
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#42
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#43
[Image: 54254092_132_142c.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#44
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#45
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#46
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#47
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#48
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#49
(27-07-2022, 03:39 PM)neerathemall Wrote: यह एक ऐसी घटना है जिसकी याद दस साल बाद भी मुझे शर्म से पानी पानी कर देती है। लगता है धरती फट जाए और उसमें समा जाऊँ। अकेले में भी आइना देखने की हिम्मत नहीं होती। कोई सोच भी नहीं सकता किसी के साथ ऐसा भी घट सकता है ! ये एक केले का किस्सा है
उस घटना के बाद मैंने पापा से जिद करके जेएनयू ही छोड़ दिया। पता नहीं मेरी कितनी बदनामी हुई होगी। दस साल बाद आज भी किसी जेएनयू के विद्यार्थी के बारे में बात करते डर लगता है। कहीं वह सन 2000 के बैच का न निकले और सोशियोलॉजी विषय का न रहा हो। तब तो उसे जरूर मालूम होगा। खासकर हॉस्टल का रहनेवाला हो तब तो जरूर पहचान जाएगा।
गनीमत थी कि पापा को पता नहीं चला। उन्हें आश्चर्य ही होता रहा कि मैंने इतनी मेहनत से जेएनयू की प्रवेश परीक्षा पासकर उसमें छह महीने पढ़ लेने के बाद उसे छोड़ने का फैसला क्यों कर लिया। मुझे कुछ सूझा नहीं था, मैंने पिताजी से बहाना बना दिया कि मेरा मन सोशियोलॉजी पढ़ने का नहीं कर रहा और मैं मास कम्यूनिकेशन पढ़ना चाहती हूँ। छह महीने गुजर जाने के बाद अब नया एडमिशन तो अगले साल ही सम्भव था। चाहती थी अब वहाँ जाना ही न पड़े। संयोग से मेरी किस्मत ने साथ दिया और अगले साल मुझे बर्कले यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में छात्रवृत्ति मिल गई और मैं अमेरिका चली गई|
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#50
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#51
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#52
(06-01-2024, 12:30 PM)neerathemall Wrote: [Image: 13571981_065_595c.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#53
नयी कहानी
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#54
कार में गीता की चुदाई
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#55
(18-03-2024, 03:27 PM)neerathemall Wrote:
कार में गीता की चुदाई

यह बात 15 दिन पहले की है जब में अपने अंकल के घर पर बड़ोदा गया हुआ था और में वहां पर किसी काम की वजह से दो दिन तक रुका हुआ था.
फिर तीसरे दिन जब मुझे वहां से वापस घर पस वापस आना था, उसी वक़्त मेरे अंकल के पड़ोस में रहने वाली एक हॉट, सेक्सी भाभी को भी राजकोट आना था तो मेरी आंटी ने उन भाभी जी से कहा कि आदि आपको आपकी मंजिल तक छोड़ देगा, क्यों आदि कर दोगे ना यह छोटा सा काम?
मैंने कहा कि हाँ वैसे भी में अकेला हूँ और कार में बैठा बैठा बोर हो जाऊंगा, हाँ में इनको छोड़ दूँगा आप तैयार होकर आ जाओ तो वो बोली कि में तो बिल्कुल तैयार हूँ और फिर हम निकल पड़े और थोड़ी ही देर में हमारी बातचीत शुरू हो गई, उनका नाम गीता था और बहुत ही सुंदर थी और उनको देखकर लगता नहीं था कि उनकी उम्र 34-35 साल की होगी. वो तो दिखने में बिल्कुल 27-28 की लगती थी. एकदम सेक्सी, पतली दुबली, बड़ी गांड, गोल चेहरा, साफ रंग, गदराया हुआ बदन और बड़ा ही आकर्षित करने वाले जिस्म जिसको देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे. शायद उनके फिगर का साईज 36-30-38 होगा.
हम इधर उधर की बातें कर रहे थे, लेकिन मेरी नजरें उसके बूब्स पर ही टिकी हुई थी और में बस उन्हे देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और अब में मौका देखकर धीरे धीरे उसे छूने लगा और तभी अचानक गीता ने पूछा कि क्यों आदि तेरी कितनी गर्लफ्रेंड है?
में : नहीं गीता जी, में अभी तक बिल्कुल अकेला ही हूँ.
गीता : चल झूठे, मुझसे क्यों झूठ बोलता है?
में : नहीं गीता जी, में बिल्कुल सच बोल रहा हूँ.
गीता : लेकिन ऐसा क्यों?
में : क्योंकि मुझे बहुत प्यार करने वाली, मेरी हर बात मानने वाली और जो में बोलूं वो करे ऐसी लड़की चाहिए और वो मुझे अब तक नहीं मिली.
गीता : अच्छा जी.
में : हाँ.
फिर थोड़ी देर में मैंने एक दुकान पर कार रोक दी और कुछ खाने और पीने के लिए कोल्ड्रिंक, स्नेक्स लेकर आया और फिर गीता को दे दिया और हम वहां से हम निकल पड़े, मैंने केफ्री और टी-शर्ट पहना हुआ था और गीता ने मस्त काली कलर की साड़ी पहनी हुई थी और बिना बाहं का पीछे की तरफ से गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था और गीता के हाथ से कोल्ड्रिंक की बॉटल मेरे साइड नीचे गिर गयी और गीता वो उठाने नीचे झुकी तो मेरी जांघे पर उसकी गरम गरम साँसे महसूस हुई में और में गरम होने लगा और मेरे दिमाग में उसे चोदने का ख़याल आया.
फिर में गीता को अपनी बातों में फंसाने लगा और थोड़ी देर बाद गीता बोली कि एक बात बताओ, लेकिन तुम मुझे बिल्कुल सच बताना क्यों तुम इसे काम में लेते हो? तो में एकदम चौंक गया और बोला क्या इसे? तो उसने एकदम से मेरे खड़े लंड पर हाथ रख दिया और धीरे धीरे से उसे सहलाने लगी, मैंने कार की स्पीड 100 से 60 कर दी.
गीता आगे की तरफ बढ़ी और उसने मेरी गर्दन पर किस किया, वो मुझे चूमती रही और वो नीचे की तरफ मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से दबाती रही जिसकी वजह से मेरा लंड पूरा लोहे की तरह तन गया और फिर थोड़ी ही देर में गीता ने मेरी कॅप्री को हटा दी और अंडरवियर के ऊपर से उसने तंबू बने हुए लंड को किस किया. तो मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और दबाने लगा, गीता ने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से मेरा अंडरवियर भी निकाल दिया और लंड को देखते ही उसके मुहं से वाह कितना लंबा, मोटा लंड है निकल गया?





















———
और अब वो लंड को घूरने लगी और कहने लगी कि आदि इतना बड़ा मस्त लंड है, इसे तो में आज जी भरकर लोलीपोप की तरह चूसूंगी. तो मेरे कुछ कहने के पहले ही गीता ने मेरा लंड मुहं में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और वो अपना काम रही थी और सिसकियाँ भी ले रही थी उूुुउउम्म्म्मममम हमम्म्मममम और में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और फिर मैंने 5 मिनट में एक सुरक्षित जगह देखकर एक बड़े से पेड़ के नीचे कार को रोक दिया और कार का ऐसी तीन नंबर पर था तो मैंने उसे दो पर कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#56
फिर गीता की सीट लंबी कर दी जिससे हम आराम से पीछे तक सीट पर चले गये और हम फ्रेंच किस करने लगे, एक दूसरे की जीभ से खेलने लगे. फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया वाह क्या बड़े बूब्स थे दूध जैसे गोरे उस पर हल्के काली कलर की निप्पल, मेरा तो उसे देखकर बहुत बुरा हाल हो गया था और में उस पर एकदम टूट पड़ा और मैंने उसके ब्लाउज को निकालकर फेंक दिया और फिर ब्रा के ऊपर से किस करते करते उसके हुक को खोल दिया और ब्रा भी निकाल फेंकी.

फिर 12-15 मिनट तक मैंने उसके बूब्स निचोड़े दिए और फिर पेट से होते हुए उसकी नाभि को चूमता रहा और फिर उसकी साड़ी को ऊपर किया और उसकी जांघो को चूमा. फिर उसकी पेंटी को भी निकालकर फेंक दिया. उसकी चूत एकदम साफ और बहुत मस्त थी. मैंने बिना कुछ बोले उसकी चूत पर मेरा मुहं रख दिया और अपनी जीभ को अंदर की तरफ घुसाकर चूसने लगा, तो वो एकदम मचल गई और चिल्ला उठी अह्ह्ह्ह आअहह आदी आईईईईईइ प्लीज अह्ह्ह्ह तूने आज पहली बार मेरी चूत पर किस किया है और आज तक यह सब मेरे पति ने भी कभी भी नहीं किया क्योंकि वो इसे गंदी जगह बोलते है अह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ आदि में आज स्वर्ग में हूँ और ज़ोर से चूसो इसे अह्ह्ह्हह खा जाओ हमम्म्ममममम और वो कुछ देर बाद मेरे सर के बालों को पकड़ कर उसकी चूत पर दबा रही थी और में लगातार अपनी जीभ को उसकी चूत की गहराई में डालकर उसकी चूत चूस रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#57
उसका सारा नमकीन रस निगल गया और वो कराह रही थी और सिसकियाँ ले रही थी आआहह ऊऊऊओह हमम्म्मममम में फिर भी उसकी चूत चाट रहा था और फिर में 10 मिनट तक उसकी रसीली चूत चूमता चूसता रहा फिर गीता उठी और मुझे लेटाया फिर वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे होंठो पर किस करने लगी और फिर मेरी गर्दन पर किस करने लगी.

फिर उसने मेरी टी-शर्ट को ऊपर कर दिया और मेरी छाती को चूमती रही और पेट से होते हुए फिर से उसने मेरा लंड मुहं में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और वो लंड को लगातार चूसे जा रही थी और लगातार 12-15 मिनट तक चूसती रही. तो मैंने बोला कि गीता मेरा वीर्य अब निकलने वाला है, तो गीता बोली कि मैंने आज तक कभी किसी का लंड नहीं चूसा था और आज पहली बार चूसा है, प्लीज मुझे आज इसका वीर्य भी मेरे मुहं में दे दो और फिर वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.

तो दो मिनट में ही मेरे लंड ने ताबड़तोड़ झटको के साथ गीता का पूरा मुहं वीर्य से भर दिया. गीता हैरान नजरों से मेरी तरफ देखती हुई लंड चूसती रही और उसने लंड को पूरा चूस चूसकर साफ कर दिया. फिर 5 मिनट तक लंड चूसती रही और फिर से लंड तन गया और हम 69 पोज़िशन में आ गये. में गीता की चूत चाट, चूस रहा था और गीता मेरा लंड चूस रही थी और फिर मैंने गीता की चूत में एक उंगली अंदर डाली और अंदर बाहर करने लगा और फिर दो उंगली अंदर डाली, अब गीता दर्द से चिल्ला रही थी आआहह आदि प्लीज अह्ह्ह्हह्ह चोद दे मुझे, आज अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ स्वर्ग की सेर करा दे प्लीज.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#58
मैंने गीता की चूत पर लंड टिकाया और लंड को धीरे धीरे रगड़ने लगा, गीता ने उसके दोनों पैर मेरे कंधे पर रख दिए और मैंने मौका देखकर ज़ोर से लंड को उसकी गीली, कामुक चूत पर दबाया और चूत गीली होने की वजह से आधा लंड बहुत आराम से अंदर चला गया, लेकिन गीता की चीख निकल गयी आईईरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर अह्ह्ह धीरे डाल आह्ह्ह्हह्हई और मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और फ्रेंच लिप किस करने लगा और थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा.

फिर एक ज़ोर का झटका लगाया और इस बार मेरा पूरा लंड गीता की चूत में चला गया और गीता ने ज़ोर से अपने होंठो को बंद कर लिया और सिसकियाँ लेने लगी. तो मैंने धीरे धीरे उसकी चूत की चुदाई चला दी और कुछ देर में गीता शांत हुई और अब वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो अपनी गांड को उछाल उछालकर अपनी चुदाई करवा रही थी.

फिर मैंने गीता के पैरों को नीचे ले लिया और चुदाई शुरू की और 5 मिनट बाद मैंने गीता को डॉगी स्टाइल में किया और गीता चिल्ला रही थी आआअहह चोद अह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से मुझे और ज़ोर से आईईईईईई ऊऊऊऊहह और कार में रोमॅंटिक म्यूज़िक चल रहा था और मेरी जांघे उसकी गांड पर टकराने की पछ पछ आवाज़ भी आ रही थी और हमें बहुत मज़ा आ रहा था. तो कुछ देर बाद मैंने गीता को मेरे ऊपर लिया और अपने लंड की सवारी कराई गीता अपने बूब्स को दबा रही थी और लंड के ऊपर नीचे हो रही थी और थोड़ी ही देर इसी तरह चलता रहा. फिर गीता ने अंगड़ाई ली और वो झड़ने लगी और कुछ ही देर बाद वो मेरे ऊपर ढेर हो गई. उसकी चूत का नमकीन रस मेरे लंड से होते हुए बाहर निकलने लगा.

मैंने गीता को नीचे लेटाया और उसके पैरों को घुमाया और धीरे धीरे चुदाई करता रहा और करीब 5 मिनट के बाद मैंने उससे कहा कि मेरा भी माल निकलने वाला है. तो गीता बोली कि मुझे वो पीना है और फिर मैंने झट से लंड को चूत से बाहर निकाल कर गीता के हाथ में दिया, वो ज़ोर ज़ोर से मुठ मारते हुए मेरा लंड चूसने लगी और में ज़ोर से धक्के देकर उसके मुहं में झड़ गया, लेकिन वो अभी भी लगातार मेरा लंड चूसे जा रही थी. फिर उसने लंड को चूस चूसकर एकदम साफ कर दिया और हम एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#59
फिर करीब 20 मिनट तक हम एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे, उसके बाद उठे और लिप किस किया और गीता ने अपनी साड़ी को ठीक किया, मैंने भी अपने कपड़ो को ठीक किया और हम दोनों आगे की सीट पर आ गये. फिर मैंने कार ड्राइव की और गीता मेरे लंड से खेल रही थी. राजकोट 60 किलोमीटर दूर था, लेकिन गीता फिर से मेरा लंड चूसने लगी और लगातार चूसती जा रही थी जब तक मेरे लंड ने वीर्य छोड़ ना दिया वो लगी रही और फिर पूरा वीर्य निगल गयी और मुझसे बोला कि आदि मेरी जान, मज़ा आ गया, तुम बहुत अच्छे हो और तुम्हारा लंड भी और उसने मेरे मोबाईल नंबर ले लिए और मुझसे वादा लिया कि जब भी में बुलाऊँ तुम्हे मेरे पास आना होगा.

मैंने उससे वादा किया और फिर कुछ ही देर में राजकोट आ गया और मैंने उसके घर के पास कार को रोक दिया और वो उतरकर मुझसे बाय करके चली गई और में भी वहां से निकल गया और अब गीता को जब भी मौका मिलता है वो मुझे कॉल करती है और हम बातें करते है और अब हम दोनों इंतजार कर रहे है कि कब हम फिर से मिले और हमें एक बार फिर से चुदाई का मौका मिले.
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और अब वो लंड को घूरने लगी और कहने लगी कि आदि इतना बड़ा मस्त लंड है, इसे तो में आज जी भरकर लोलीपोप की तरह चूसूंगी. तो मेरे कुछ कहने के पहले ही गीता ने मेरा लंड मुहं में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और वो अपना काम रही थी और सिसकियाँ भी ले रही थी उूुुउउम्म्म्मममम हमम्म्मममम और में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और फिर मैंने 5 मिनट में एक सुरक्षित जगह देखकर एक बड़े से पेड़ के नीचे कार को रोक दिया और कार का ऐसी तीन नंबर पर था तो मैंने उसे दो पर कर दिया.

फिर गीता की सीट लंबी कर दी जिससे हम आराम से पीछे तक सीट पर चले गये और हम फ्रेंच किस करने लगे, एक दूसरे की जीभ से खेलने लगे. फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया वाह क्या बड़े बूब्स थे दूध जैसे गोरे उस पर हल्के काली कलर की निप्पल, मेरा तो उसे देखकर बहुत बुरा हाल हो गया था और में उस पर एकदम टूट पड़ा और मैंने उसके ब्लाउज को निकालकर फेंक दिया और फिर ब्रा के ऊपर से किस करते करते उसके हुक को खोल दिया और ब्रा भी निकाल फेंकी.

फिर 12-15 मिनट तक मैंने उसके बूब्स निचोड़े दिए और फिर पेट से होते हुए उसकी नाभि को चूमता रहा और फिर उसकी साड़ी को ऊपर किया और उसकी जांघो को चूमा. फिर उसकी पेंटी को भी निकालकर फेंक दिया. उसकी चूत एकदम साफ और बहुत मस्त थी. मैंने बिना कुछ बोले उसकी चूत पर मेरा मुहं रख दिया और अपनी जीभ को अंदर की तरफ घुसाकर चूसने लगा, तो वो एकदम मचल गई और चिल्ला उठी अह्ह्ह्ह आअहह आदी आईईईईईइ प्लीज अह्ह्ह्ह तूने आज पहली बार मेरी चूत पर किस किया है और आज तक यह सब मेरे पति ने भी कभी भी नहीं किया क्योंकि वो इसे गंदी जगह बोलते है अह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ आदि में आज स्वर्ग में हूँ और ज़ोर से चूसो इसे अह्ह्ह्हह खा जाओ हमम्म्ममममम और वो कुछ देर बाद मेरे सर के बालों को पकड़ कर उसकी चूत पर दबा रही थी और में लगातार अपनी जीभ को उसकी चूत की गहराई में डालकर उसकी चूत चूस रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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