Thread Rating:
  • 11 Vote(s) - 1.82 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery Mere Anubhav
#61
समय गुजरता रहा 

और हम अपनी जिंदगी में व्यस्त थे 
छोटे छोटे ट्रिप होते रहे 
लेकिन कोई इस तरह का अनुभव नहीं हुआ 

करीब 1 साल निकल गया

राहुल बीच बीच में कहता था , उन लम्हों को याद कर , कहीं चले और मस्ती करें 

लेकिन निकलना नही हो पाया 

6 महीने और  गुजर गए 


हमे एक शादी में जाना था , सिलीगुड़ी 
राहुल ने  रॉकेट बस की टिकट बुक कर दी 

और वो रात आ गई

बस में एक अजनबी के साथ रोमांचक अनुभव 
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#62
बस में , एक अजनबी के साथ , रोमांचक अनुभव 



हमे एक शादी में जाना था , सिलीगुड़ी 3 दिन के लिए
राहुल ने  रॉकेट बस की टिकट बुक कर दी

और वो रात आ गई

बस की सवारी का 

करीब 8 बजे बस का टाइम था 
सुबह 7 बजे के करीब सिलीगुड़ी पहुंचनी थी 

राहुल ने मुझे मानसिक रूप से तैयार कर दिया था 

उसने 2 टिकट पीछे की row में ली

बस की सीट 2 by 2 थी, यानी एक साथ 2 आदमी बैठने की जगह थी 

राहुल ने 2 टिकट 2अलग अलग कतार में ली , यानी अलग अलग हम बैठे 

मैं आगे की कतार में 

राहुल पीछे की कतार में 

राहुल ने मुझे बहुत कुछ समझाया था

आगे सब बतुआंगी

हम ठीक 7.45 पे अपनी अपनी  सीट पे बैठ गए 

मेरी सीट के पास वाली सीट पे कोई आया नही 

और राहुल की सीट के पास वाली सीट भी खाली ही थी 

राहुल ने पूछा , क्या ये खाली है ?

कंडक्टर ने कहा आगे स्टॉप से चढ़ेंगे

बस 8 बजे चल दी 

थोरी देर बाद , बस की लाइट भी काफी कम हो गई 

करीब 15 मिनिट बाद , एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति मेरे पास आ के बैठा , करीब 55 56 का होगा ही 

वो धोती में था 

शायद किसी गांव में रहता था 

मुझे लगा , राहुल की सारी प्लानिंग खत्म हो गई ,
ये बूढ़ा कोई बदमाशी क्या करेगा 

मैंने एक साल लपेट रखी थी 

मैं यूं लेती थी , मानो नींद में हूं 

उस बूढ़े ने मुझसे पूछा आप कहां जाओगे 

लेकिन मैने उतर नही दिया  , उसको लगा ,  मैं नींद में हूं 

15 20 मिनिट गुजर गए 

मैंने धीरे से उनकी तरफ हो 
उनसे कही : बाबाजी ,कोई जगह बस रुके , तो मुझे उठा दीजियेगा, , मुझे दवाई लेनी हैं 

बाबाजी: ठीक है , 10 बजे रुकेगी 

और मैं सो गई 

करीब 30 35 मिनिट बाद , मुझे महसूस हुआ , मेरी जांघ पे कुछ दबाव सा, शाल के अंदर 

बस में रोशनी न के बराबर थी 

फिर वो हाथ से मेरी जांघों पे  हल्के से दबाव दिया 

शायद वो देख रहा था , मैं जागी हूं  क्या 

जब लगा , मैं सोई हुई हूं , उसकी अंगुली मेरे कमर को टच की 

सिर्फ अंगुली से ही , वो मेरे पेट पे भी हाथ फेरा 

और फिर वो अंगुली मेरे बूब्स पे लाया , हल्के से चारों तरफ घुमाया

इतनी धीरे से  , की में यदि नींद में होती तो शायद पता ही नही चलता 


उसकी अंगुली मेरे निप्पल के ऊपर आ के थोरी देर रुकी 

फिर वो अंगुली हटा लिया शायद 

लेकिन 5 मिनिट बाद ही , वो अंगुली मेरी जांघ पे लाया 
और बढ़ते बढ़ते वो अंगुली ठीक मेरी chut जगह पर आ गई 

उंगली से उसने हल्के से मेरी chut को ऊपर से ही टच किया 

करीब 45, मिनिट हो गए होंगे 

फिर उसकी अंगुली हट गई 

और मुझे लगा , बस की लाइट जल गई

थोरी देर बाद , बस रुकी , एक ढाबा के सामने 

सब उतरने लगे 

बाबाजी ने मुझे कंधे से जगाया , स्टॉप आ गया , खाने का 

आपने कहा था ना उठाने को 

और वो भी नीचे उतर गया 

मैं नीचे उतरी , बाथरूम गई , और  एक पानी के बॉटल से , दवाई लेने की एक्टिंग की 

बाबाजी थोड़ा दूर से मुझे ही देख रहे थे , मुझे मालूम था 

राहुल को अपडेट कर दी 

और हम सब बस में बैठ गए 

बाबाजी भी आ गए 

बाबाजी , ,: तने ,दवाई ले ली 

jat वाली भाषा थी ओ

मैं : हां

बाबाजी : के होया है 

मैं ,: नींद की दवाई ली हूं अभी , सुबह तक अच्छी नींद आयेगी 

और मैं सो गई 

बस की लाइट बंद हो गई पूरी इस बार 

पूरा अंधेरा हो गया 

और 15 मिनिट होते ही 

उसकी अंगुली का काम सुरू हो गया 

पहले चेक करने , जांघ पे हल्के से दबाई , फिर फेरी 

अब अंगुली पेट पे आई , पेट को सहलाई 

इस बार ज्यादा freely दबा रहा था पेट 

थोरी देर , पेट और कमर पे अपनी अंगुली फेरने के बाद , वो मेरे एक बूब्स पे फेरना शुरू किया

बहुत धीरे धीरे , चारों तरफ , पूरा बूब्स

तभी मुझे लगा , उसने पूरी हथेली मेरे बूब्स पे हल्के से रखी
और पूरे बूब्स को हाथ में भरा 
हल्के हल्के दबाया 

दोनो बूब्स को हाथ से दबाते रहा थोरी देर 

फिर मुझे लगा , एक अंगुली blouse के ऊपर से skin को टच की , और हल्के से , धीरे से , blouse  के अंदर घुसने लगी 

अंगुली पहले बूब्स पर पूरी  , फिर  निप्पल पे घूमी , 
थोरी देर , अंगुली से पूरे बूब्स को टच किया , निप्पल को टच किया

शायद उसको दिक्कत हो रही थी 

तभी महसूस हुआ  , शायद वो blouse के ऊपर का एक बटन खोल रहा है , फिर दूसरा बटन भी खोल दिया 

अब ब्लाउज ऊपर से थोड़ा खुल गया

अब वो अंगुली आराम से अंदर ले गया 

लेकिन , उसने पर्स हाथ ही डाल मेरे pure बूब्स को पकड़ा 

मेरा एक बूब पूरा उसके हाथ में था 

इस तरह वो दोनो बूब्स को पकड़ा एक दम नंगे पूरा 

तभी लगा  ,  शायद ब्लाउज थोड़ा साइड हो गया है , और इसके हाथ रखने से , मेरा बूब्स आधे से ज्यादा नंगा हो गया 

तभी मुझे कुछ गीला गीला लगा , निप्पल पे  

उसने अपनी जीव मेरे निप्पल पे रखी थी  

थोरी देर यूं ही निप्पल को चाटते रहा 

फिर उसका हाथ हट गया , उसने कोशिश की , बटन वापस लगाने की blouse की

थोरी देर शांति रही 

फिर उसका हाथ मेरी जांघ पे महसूस हुआ 

और फिर मेरी chut पे, साड़ी के ऊपर से ही 

मैंने पेंटी नहीं पहनी थी 

उसने एक उंगली  , पेट से साड़ी के अंदर डालने सुरू की 

और 5, मिनिट में ही वो अंगुली , मेरे chut को टच की  , चारों तरफ घुमाई , 

फिर अंगुली बाहर आ गई 

फिर थोरी देर Santi सी रही 

लेकिन 5 मिनिट में ही मुझे लगा , मेरी साड़ी वो धीरे धीरे ऊपर कर रहा है 

साड़ी जांघों तक आ गई 

शायद उसे पेट से अंगुली ले जाने में दिक्कत हो रही थी 

इसलिए उसने नीचे से शुरू किया 

जांघों तक साड़ी आते ही ,  उसने हाथ अंदर किया और chut पे पूरा रख लिया 

नंगी chut pe उसका हाथ 

हल्के हल्के दबा रहा था , मानो मुट्ठी में भर रहा हो 

थोरी देर बाद  , उसने एक उंगली मेरे chut के छेद से अंदर डालने की चेष्टा की 

 उंगली लगभग अंदर घुस ही गई 

chut और chut के छेद में थोरी देर रहा उसका हाथ और उंगली

फिर सब हट गया

मुझे लगा , खत्म हो गया उसका खेल , समय भी काफी गुजर ही गया होगा 

अभी ,5 मिनिट ही हुए होंगे 

उसका हाथ फिर अंदर आया मेरी शाल के , और मेरे हाथ पे रखा 

हाथ को सहलाया , हथेली में हथेली डाली और सहलाया 

तभी उसने धीरे से मेरे हाथ को खींचना सुरू किया और खींचते खींचते अपनी धोती पे ले गया 

धोती के ऊपर से मेरा हाथ उसके lund पे था , और वो मेरे हाथ को lund पे दबा रहा था 

फिर धीरे से अपना lund धोती के बाहर किया  , और मेरे हाथ में पकड़ा दिया 

मैं सिर्फ हाथ रखी थी  , दबा वो ही रहा था मेरे हाथ से अपने lund को

थोरी देर lund को मेरे हाथ से दबाया 

फिर मेरा हाथ हटा दिया 

और मेरा हाथ अपनी जगह आ गया शाल के अंदर 

तभी एक गजब बात हो गई 

बाबाजी मेरे कान के पास आए 
और पता 
कहे : सुन छोरी, मने पता से, तू जागन लाग री है , मेरो गांव आन वालो स, अभी 3 बाज्य है, 4 बजे मेरो गांव आवागो,  म 68 को होगों हूं , तने यदि मजों आयो ह, मने भी मज़ों दे दे , सीट के नीचे आ बैठ कर इन पकड़ ले और चाट ले एक बार 
ना कोई देखन वालो है , ना को जानोगे, म भी 4, बजे उतर जाऊंगा , म मेरा रास्ता , तू तेरा रास्ता 

एक बात कह दूं, तेरी चूची कड़क है , मज़ो आगो दबा के

अब तू देख ले 

और चुप हो गया 

मैं अवाक थी  , सब कुछ करके अब मुझसे पकड़वाना और चटवाना भी चाहता है 

मैं चुपचाप सोई रही 

थोरी देर बाद 

बाबाजी फिर बोले : मन कोनी, तो कोई बात नही 

मैंने शाल साइड किया  , हाथ को धीरे से ले जा के उनके lund को धोती के ऊपर से पकड़ा 

2 मिनिट में , में मेरा हाथ धोती के अंदर ले गई और उनके lund ko पकड़ लिया  , पूरा मुट्ठी में 

5 मिनिट यूं ही दबाती रही , ऊपर नीचे करती रही 

फिर में सीट से नीचे उतरी  , बैठे बैठे उनकी सीट के नीचे आई , और धोती से lund निकाल उस पे जीव रखा , जीव से पूरा चाटा 

फिर मुंह में पूरा ले लिया 

वो सीट पे बैठे थे   , में उनके घुटनो के पास जमीन पे 

उनका lund मेरे मुंह में ऊपर नीचे हो रहा था 

और तभी उसने , अपने दोनो हाथ नीचे कर मेरे ब्लाउज से चूची निकाल दबाने लगे 

करीब 15 मिनिट उनका चूसी होऊंगी, फिर मैं सीट पे बैठ गई 

शायद उनको स्टॉपेज आने वाला था

बाबाजी : छोरी आज तने बहुत मजा दिया है मन, जिंदगी भर याद रहवागी , जाते जाते तेरी चूची को दूध पी लूं , निकाल ले एक बार बाहर 

और मैंने ब्लाउज से दोनो बूब्स बाहर कर दिया 

वो साइड में झुक के , मेरे दोनो बूब्स को मुंह में यूं चूस रहा था मानो दूध पी रहा हो 

थोरी देर में उठ गया , और गेट की तरफ चला गया 

उनका स्टॉपेज आ गया था , वो उतर गए 

अभी 4 ही बजे थे , सोचा 3 घंटे अब सो लूं 

5 मिनिट बाद , मुझे मेरे बूब्स पर हाथ महसूस हुआ 

मुझे लगा , वो गए नही क्या ???

घूम के देखा , राहुल पास में बैठा था 

और 

बस का सफर एक अजनबी के साथ मीठा अनुभव दे गया
[+] 1 user Likes mariesweet21's post
Like Reply
#63
मेरा लिखना शायद किसी को पसंद नहीं आ रहा 

सीधा सादा सा लिखा हुआ है , इसलिए  ??

अब क्या करु ?

सबको  ज्यादा उत्तेजक तरीके से लिखना आता है , मुझे नहीं
Like Reply
#64
अब क्या करूँ ?

रोक दूँ यहीं ???

हैं  तो मेरे अनुभव बहुत ही उत्तेज़क , 

अभी तक जितने लिखे , आगे और भी  जितने हुए 

लेकिन शायद लिखा बहुत ही सीधा है मैंने 
Like Reply
#65
very nice.... way to update.... plz update
Like Reply
#66
(16-12-2023, 06:54 PM)iknowm Wrote: very nice.... way to update.... plz update

THANK YOU
Like Reply
#67
सोचा तों था 

रोक दूँ लिखना , जब किसी को खास पसन्द ही नहीं आ रही 

क्या जरुरत है , २५-30 वर्ष पुरानी बातों को याद कर के 

लेकिन , दूसरों की कहानिया पढ के , जो की वास्तविकता से कोसों दूर होती है , 

मन किया , चलों मेरे साथ हुए अनुभवों को कागज पे उतारू

जो हुआ , जैसे हुआ 

लेकिन वास्तिवक पूरी तरह से 
Like Reply
#68
शायद THREAD का नाम बदलने से , 

लोगों की उत्सुकता बढे


PL SUGGEST , IF ANY ONE, CAN A THEAD NAME BE CHAGED AND HOW ?
Like Reply
#69
Aap jo likh rhe hai bahut acha likh rhe hai....
Aise hi likhte rahe.....
Thread ka naam ek dam sahi hai.....
Padhte sab hai... Per comment karne mein dono hatho ka upyog karna padta hai.....
Sabka dusra haath to busy rehta hai.... Isliye comment kam hai.....
Like Reply
#70
(18-12-2023, 03:36 PM)abcturbine Wrote: Aap jo likh rhe hai bahut acha likh rhe hai....
Aise hi likhte rahe.....
Thread ka naam ek dam sahi hai.....
Padhte sab hai... Per comment karne mein dono hatho ka upyog karna padta hai.....
Sabka dusra haath to busy rehta hai.... Isliye comment kam hai.....

HA HA HA HA HA 



[quote pid='5447458' dateline='1702893989']
Sabka dusra haath to busy rehta hai.... Isliye comment kam hai.....
[/quote]

NICE SAYING 
HIMMAT BADHANE AUR UTSAHIT KARNE KE LIYE BAHUT BAHUT DHANYAWAD
[+] 1 user Likes mariesweet21's post
Like Reply
#71
अब आगे :
 
बस में करीब हम 4 बजे सोये थे
6 बजे आँख खुल गयी , राहुल भी जग गया था

लगभग एक घंटे का सफ़र और था सिलिगुरी पहुँचने में
फिर लगभग २ घंटे का सफ़र था आगे ,

हम एक शादी में शामिल होने आये थे

राहुल ने पूछा – रात का अनुभव कैसा रहा

इस प्रश्न पे ही मैं मन ही मन सोच रही थी
करीब डेढ साल बाद किसी दुसरे आदमी ने मुझे छुआ था

मेरी शादी को  अब ३ वर्ष हो गए थे  
इन ३ वर्षों में मेरा ये 4 TH अनुभव था , जो एकदम अलग ही था

पहले के ३ अनुभवों में , राहुल की planning होती थी , और जो भी हुआ , हमारे कमरे में हुआ था
मैं उस समय 19 की थी , देखने में एक सुंदर प्यारी लड़की
अब मेरी उम्र 23 की हो रही थी , देखने में पहले से ज्यादा प्यारी लगने लगी थी

हमारा सेक्स ठीक था , हम दोनों खुश थे

लेकिन आज इतने दिनों बाद , किसी दुसरे के साथ इतना सब होने से , पूरी रोमांचित हो गयी थी .
सेक्स की वज़ह से नहीं , दुसरे आदमी के इस तरह छूने से

इस तरह PUBLIC PLACE यानि BUS में , और एक अधेड़ उम्र ( ६५ वर्ष ) के साथ पहली बार , बगैर कोई planning

जो हुआ , उस अधेड़ आदमी की इच्छा से हुआ

लेकिन मैंने महसूस किया , जो हुआ , काफी मस्ती भरा था , और एक दम अलग 
उसका मुझे छूना , मेरे हर अंग को पकड़ना और फिर जीव से चुसना

खास कर कर वो चौंकाने वाला था , उसने अपने LUND को पकड़ने और चूसने जिस तरह एक REQUST की
फिर , मेरा SEAT के नीचे बैठ के उसका चुसना ,
ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह

मैंने सोचा – आनंद कुछ होने से ज्यादा इस में आया , कि किस तरह हुआ

मैं सोच में डूबी थी 

तभी 
राहुल ने फिर पूछा - रात का अनुभव कैसा रहा
मैं : काफी रोमंचित , सबसे अलग और काफी मज़ेदार
राहुल : तो तुमने ENJOY किया ना
मैं : हाँ , इतने दिनों बाद दुसरे का साथ , अच्छा ही था
राहुल ; मुझे लगा , इतने दिन होने से , शायद दुसरे के छूने  से , न जाने तुम कैसा FEEL करो और मज़ा आये या नही
मैं ; हम्म्म्म , सिलिगुरी आने वाला है ( बात को ख़त्म करने )

राहुल : एक बात कहूँ
मैं : बदमाशी वाली बात ही होगी , ANY planning शादी के लिए ??

राहुल : बस एक बात ही कहनी है – कोई planning नहीं ,

मैं ( चौंकते हुए ) ; मतलब ???

राहुल : तुमको पूरी मस्ती , अपने हिसाब से , स्थिति अनुसार , मन होए तो , लेना है

मैं : तुम क्या चाहते हो

राहुल : तुम पूरी मस्ती दूसरों को दो, जो तुम्हे समझ में आये 
मैं : कोई खास TIP
राहुल : यहाँ हमे कोई जानता नहीं , और शादी होने से , अतिथि ही अतिथि होंगे, कोई शर्म की बात नही होगी , और हमे कोई जानता भी नहीं . ना ही हम किसी से फिर मिलने वाले होंगे 
 
मैं :  हम्म्म्मम्म्म्म

राहुल : पंजाबी परिवार है , मस्ती का भरपूर मौका मिल सकता है 

मैं : ह्म्म्मम्म्म्म
 
 
 
 
Like Reply
#72
शादी के वो 3 दिन ( और 3 रात )  :

 
हमारी बस  सिलिगुडी पहुँच गई करीब 7 बजे
 
हमने हल्का नास्ता किया , चाय पी
और एक जीप से KARSIYONG के लिए निकल पड़े
करीब 8 बज गए थे

1 से 1.30 घंटे का सफ़र था

मेरे दिमाग में रात की घटना घूम रही थी , इतने दिनों बाद किसी दुसरे ने छुआ था
मैं अपने आप से कई प्रश्न कर रही थी

क्या मुझे sex बहुत अच्छा लगता है ? -  हाँ ( उत्तर भी साथ साथ सोच रही थी )
क्या राहुल के साथ sex ठीक होता है ? – हाँ , बहुत बढ़िया
क्या मैं बहुत प्यारी हूँ ?  - शायद हाँ
क्या मैं बहुत सेक्सी हूँ ?  - बिलकुल नहीं , सेक्सी नही हूं मैं
क्या दूसरों को मैं पसंद आती हूँ ? – हाँ , बहुत
क्यों दुसरे मुझे देखना , छूना चाहते हैं ? -   हम्मम्मम्म

बहुत सोचने पे समझ में आया – कम उम्र सिर्फ 19 या 22 का होना और बहुत प्यारी , सीधी,मासूम  दिखना

क्या मुझे दूसरों का साथ अच्छा लगता है ? – hmmmmm , कभी कभी
क्या मुझे दुसरे छुए तो अच्छा लगता है ? -    hmmmmm , हाँ
कौन ज्यादा अच्छा लगता है – जवान , या , बड़ी उम्र के , या बुड्ढ़े
इसका उत्तर दिमाग में नहीं सुझा
 
मैंने ध्यान से अपने 4 अनुभओं को टटोला ,
सिर्फ 1 में ही  जवान लड़का था , बाकि 3 में तो बड़ी उम्र या बुड्ढा ही थे
 
यानि क्या मुझमें  बूढों का इंटरेस्ट होने से अच्छा लगने लगा ?
पता नहीं , मगर ख़राब नहीं लगता

यही सोचते सोचते कब KARSIYONG आ गया , पता ही नहीं चला
घडी 9.30 समय दिखा रही थी
हमने एक  रिक्शा किया और शादी घर पहुंचे

अब शादी घर के बारे में कुछ बता दूँ :

राहुल के दोस्त , रवि कोहली की बहन की शादी थी . रवि पंजाबी था . रवि मुंबई में काम करता था . घर में उसकी बहन , उसकी माँ , उसके पिताजी और एक छोटा भाई था .
रवि की बहन , सानिया , रवि से 3 वर्ष छोटी थी – करीब 22 की होगी
रवि का भाई , उम्र 15-16 की होगी , प्यार से चिंटू कहते थे सब उसको

चिंटू जरा मंद् दिमाग का था , ठीक से बोल भी नहीं पाता था , थोरा अविकसित लड़का था , अपनी उम्र के हिसाब से

रवि का चाचाजी का परिवार भी पास में ही रहता था
घर तथा घर के सभी लोग मुझे बहुर अछे लगे
सीधे,  पढ़े लिखे
मेरा पहला मिलना हुआ , किसी पंजाबी परिवार से

आज की तारीख , 4th November 1993 थी , शादी 5 को थी

3 धर्मशाला book की हुई थी , रिश्तेदारों और बारात के लिए
रिश्तेदार आने शुरु हो गए थे

लड़के वाले भी 4th को शाम को पहुँच रहे थे , शादी 5 को होनी थी

मैं अब घर में सानिया , रवि , आंटी और अंकल से मिल ली थी

फ्रेश हो , हम लगभग 11 बजे नास्ता किये ( पंजाबी नास्ता – छोले, कुलचा )

उन सबको भी मुझसे , मारवारी लड़की , से मिलके बहुत अच्छा लग रहा था
मैं सानिया से खुल गयी थी

तभी मैंने महसूस किया , चिंटू अलग अलग सा था , एक कुर्सी पे , चुप चाप
मैंने उससे बात करने की कोशिश की , लेकिन वो gussa हो गया
मुझे समझ नहीं आया – क्यों ?
आंटी ने बताया – नए लोग को देख वो gussa हो जाता है , बेटी उसकी बात का बुरा मत मानना
मैं : अरे नहीं आंटी , पुरे 3 दिन में वो मेरे से बहुत अच्छी बात करने लगेगा , आप बिलकुल चिंता न करें
मैंने एक cadbury निकाली और चिंटू को दिखाई
चिंटू थोरा मुश्कुराया
मैंने cadbury छुपा ली , चिंटू gussa होने लगा
मैंने उसको कहा : cadbury दूंगी , पहले भाभी बोलो
चिंटू ने चेष्टा की : भा – भा --- भा
मैं उसके गाल को सहलाते हुए ; बहुत बढ़िया , फिर से try करो
लेकिन वो नही बोल पा रहा था
मैंने उसको cadbury दे दी , वो खुश हो ताली बजाने लगा ,
एक छोटे बच्चेकी तरह

उम्र 16 की होगी, लेकिन 3 वर्ष के उम्र की तरह का बर्ताव था

 यूँ ही गप मारते मारते कब 1 बज् गया , पता ही नही चला

आंटी ने लंच करने को कहा
और मैंने देखा , आंटी एक प्लेट से चिंटू को लंच कराने जा रही थी
मैं : आंटी , चिंटू को लंच मैं करा दूंगी
आंटी : बेटी , मैं करा देती हूँ , तुमको परेशां करेगा
मैं : कोई बात नहीं आंटी , आज से वो मुझे परेशां नहीं करेगा , दोस्ती कर लुंगी उससे
और मैंने चिंटू के लंच की थाली ले के चिंटू के पास आई
और चिंटू को lunch कराने की चेष्टा की , थोरी दिक्कत हुई ,
फिर वो मेरे से खुलने लगा और मैंने सुना भी – भा भा भा भी
मुझे बहुत अच्छा लगा , और मैं उसके गाल को प्यार से सहला दी
वो हंसने लगा

हम सबने भी २ बजे lunch किया
 
करीब 3 बजे , रवि के मामाजी और और कई और रिश्तेदार पहुंचे

रवि के मामाजी करीब 48 49 के होंगे , थोड़े लम्बे से
काफी मजाकिया स्वभाब के
उनके आते ही , घर में मानो जश्न आ गया
सब कोई मामाजी की मस्तियो का मज़ा ले रहे थे

तभी मामाजी ने पूछा : चाँद जमीं पे और हमारे घर में ??

कोई समझा नहीं

मामाजी ने मेरी और इशारा किया : भाई ए चाँद का टुकड़ा हमारे घर में , किस दरवाज़े आया , आसमान को छोड़ के

सब हंसने लगे

रवि ने मेरा परिचय करवाया , मैं उनके पैर छूने बढ़ी

उन्होंने मुझे रोक कंधे से पकड़ कहा : चाँद  आसमान पे ठीक लगता है , जमीं पे नहीं

फिर हँसते हुए कहा : मारवाडी ने पंजाबनो की छूटी कर दी , हुस्न ए दीदार सब ख़त्म सानिया तेरा , अपने munde से इसको दूर रहने बोल दे शाम को

सब हंसने लगे , मुझे भी बहुत अच्छा लगा , उनका मजाक करना

तभी उन्होंने मेरे कंधे दबाते हुए कहा : चल पुत्तर , किसी काम को रोकना ठीक नहीं , जो करने आई थी , पूरा कर ले

सब फिर हंसने लगे , मैं झेप गयी और झुक के उनके पैर छुए

मामाजी : हो गया तेरा काम , तेरा धर्म पूरा , अब कसम खा ले  - अगले 3 दिन पूरी मस्ती होनी है , पैर नहीं छूने वुने , okkkkk

मैं : जी मामाजी

और उन्होंने मुझे कंधे से उठा , हलके से अपने से सटा लिया पूरा
मैं कुछ समझ पाती , उनसे अलग होती

उन्होंने मेरे सर पे हाथ रखा और यूँ कहा मानो आशीर्वाद दे रहे हो :
       चाँद बनके दिल में रहने सबके , बारी तेरी आई है
        देख पुत्तारा , राहुल को किती खुसी मुह पे छाई है

सब जोर जोर से हंसने लगे , राहुल और मैं भी

काफी मजाकिया थे मामाजी

लेकिन तभी मैंने महसूस किया , मैं उनसे चिपटी हुई थी , अलग होने लगी अब

और तभी उनका एक हाथ का दबाव , मुझे साफ मेरे पीछे दबते हुए महसूस हुआ

मामाजी ( मेरे कान में ) : याद रखना , चाँद बनके दिल में रहने

मैं शर्मा गयी और धीरे से हाँ में सर हिलाई
 
Like Reply
#73
लगभग 4 बजे लड़के वाले 2 बस से आये थे


नागपुर से ट्रेन में kolkata  , फिर kolkata से बस में KARSIYONG

हम सब , धर्मशाला पहुँच , उनकी आवभगत करने लगे
करीब ४५ ५० लोग थे

सानिया का दूल्हा , परमप्रीत अच्छा था देखने में 26 का होगा
उसकी बहन , हर्वीना भी प्यारी थी करीब २१ की होगी
उसके पिताजी , करीब 65 के होंगे , माँ 55 56 की होंगी
सब देखने में ठीक थे

5 बजे तक , सब बाराती नास्ता वगैरह कर  अपने अपने रूम में चले गए
7 बजे संगीत का कार्यकर्म था

हम सब घर आ , तैयार होने लगे
मैं लहंगा चुन्नी लायी थी , संगीत कार्यकर्म के लिए
हल्का फ्रेश हो , मैं तैयार होने लगी

6 बजे तक मैं तैयार हो , अपने रूम से बाहर आ गयी
एक चौक जैसा था , वहीँ सब बैठते थे

मैंने देखा , अभी कोई आया नहीं था
तभी मेरी नज़र चिंटू पे पड़ी , जो एक नयी ड्रेस में , कुर्सी में बैठा हुआ था

मैं उसके पास आई , और उसके पास , जमीन पे बैठ के , उसके  गाल को सहलाया
और कहा : चिंटू , तुम बहुत प्यारे लग रहे हो .
चिंटू मुश्कुराया , उसने भी मेरे गाल को सहलाया ( मुझे अच्छा लगा )
मैंने उसके कुरते को सामने से टच किया
और कहा : नयी ड्रेस है ना , बहुत अच्छी है
मैं चौंक गयी , उसने भी मेरे ब्लाउज को टच किया , मानो कह रहा हो – मेरी ड्रेस भी अच्छी है
उसका टच करना मुझे अच्छा लगा
मैंने इधर उधर देखा , कोई नहीं दिखा , मैंने उसके कुरते  के बायीं तरफ जोर से दबाया
चिंटू ने भी मेरे ब्लाउज के ऊपर जोर से दबाया ( बायीं तरफ  )
मुझे बदमाशी सूझी , मैंने उसके कुरते पे दाई तरफ दबाया
चिंटू ने फिर से मेरे ब्लाउज के ऊपर जोर से दबाया ( दायीं तरफ )
मुझे हंसी आ गयी

तभी बाकि लोग आ गए
हम धर्मशाला की तरफ बढे
धर्मशाला पहुँचने पर मैंने पाया , लडकियां या तो सलवार सूट में हैं या लहंगा चोली
और लड़के कुरता पैजामा ( अलग अलग डिजाईन में ) में
बड़े लोग , सर पे पगड़ी लगाये थे .

7 बजने वाले थे
वहां BOOFE लगा हुआ था , खाने के कई आइटम थे , ज्यादातर NON VEG ही थे
तभी मुझे DRINKS COUNTER दिखा ,
मुझे मालूम था , पंजाबी लोग खुल के पीते हैं .

सभी DRINKS लेने लगे
राहुल मेरे पास आया और पूछा : BEER चलेगी ?
मैं : किसी को बुरा तो नहीं लगेगा ?
राहुल : देखो उस तरफ
मैंने देखा , कई लड़कियों और औरतों के हाथ में भी GLASS थे
राहुल मेरे लिए BEER ले आया

तभी मुझे चिंटू दिखा , आंटी उसका CHAIR सम्भाल रखी थी
मैं चिंटू के पास पहुँच , आंटी से कहा , मैं CHINTU को देख लुंगी , आप ENJOY करो
और मैं , चिंटू के CHAIR के पीछे खड़ी हो गयी , चिंटू भी खुस था
मेरी BEER ख़त्म हो गयी थी

तभी एक BEER का GLASS मेरे सामने आया
मैं सोची , राहुल लाया होगा
मैने GLASS ले लिया
तभी मुझे आवाज़ सुनाई दी : चाँद बनके दिल में रहना
अरे ये तो मामाजी की आवाज़ थी , जो मेरे पीछे आ के खड़े हो गए थे
मैं मुश्कुरा दी
तभी वो मुझसे सट  से गए , लम्बे चौड़े , सर पे पगड़ी , मैं बच्ची सी
अब मुझे मेरे पीछे उनका टच साफ़ महसूस हो रहा था
अब आगे , चिंटू की chair , जिसको पकड़ मैं खड़ी थी ,
और पीछे , मामाजी , जो सटते ही जा रहे थे
मामाजी : BEER ठंडी है ना
मैं : हाँ
मामाजी : मगर माहौल तो गरम हो रहा है
मैं : वो कैसे ?
मुझे भी अब उनकी बातों में मज़ा आ रहा था
मामाजी एक हाथ मेरी कमर पे रखते हुए : चाँद जो मेरे करीब है
मैं : मामाजी , आप भी ना

तभी संगीत कार्यकर्म सुरु हो गया
मुझे पगड़ी ही पगड़ी दिख रही थी उस LAWN में
तभी एक ग्रुप डांस का announcement हुआ ,
मैं आगे बढ गयी , ग्रुप डांस में मैं भी थी
हम 4 लडकियां थी , सानिया और मैं भी थे उसमे
सब खुल के डांस कर रहे थे
मैंने देखा – सबको मज़ा आ रहा था
मामाजी पे नज़र गयी – उनकी नज़र मुझ पे ही थी
डांस ख़त्म हो गया

मैं वापस चिंटू की chair के पास आ के खड़ी हो गयी
मामाजी थोडा दूर खडे ड्रिंक कर रहे थे
तभी एक announcement हुआ , मेरे solo डांस का
यानि मेरे अकेले डांस का

मैं floor पे आ गयी

गाना राहुल का favourite था

अमिताभ और रेखा की फिल्म का -  सलामे इश्क मेरी जान
म्यूजिक सुरु हो गयी
गाना सुरु हो गया
मैंने डांस सुरु किया , और दिल से नाचना सुरु किया
तालियाँ बजने लगी

मैं घूम घूम के देख रही थी – मामाजी की नज़र मेरे ऊपर पूरी तरह से थी

और तभी मुझे महसूस हुआ , परमप्रीत के पिताजी आगे आये और मेरी नज़र उतारी , रुपैया musicians को दिया

वो मुझे एक sexy स्माइल दे गए

और अचानक मामाजी फ्लोर पे आ गये और जमीन पे बैठ हाथ हिलाने लगे

गाने के बोल थे – इसके आगे की दास्ताँ अब मुझसे सुन

मामाजी अब खडे हो अमिताभ स्टाइल में गाने लगे – एक अहसान कर , अपने महमान पर
सबको बहुत अछा लग रहा था

मैं भी खुल के अब मामाजी के साथ डांस कर रही थी

मेरा और मामाजी का डांस अब फुल फॉर्म में था , मानो हम अमिताभ और रेखा हो
डांस ख़त्म हुआ
तालियाँ ही तालियाँ , और सीटियाँ भी बजी
राहुल दिखा मुझे – जो दूर खडा था , ताली बजा रहा था

मैं फ्लोर से उतरी , बहुत अच्छा लग रहा था , सबकी तालियां सुन
तभी uncle ( सानिया के ससुर जी ) जिन्होंने नज़र उतारी थी , सामने आये , और तारीफ की – वाह पुत्तर , तूने कमाल कर दी सा , मज़ा आ गया , दिल खुश हो गया
और तभी उन्होंने मुझे गले लगा लिया
वो लम्बे थे , मैं उनकी छाती तक आई ,
 लेकिन उनका हाथ मुझे मेरे पीछे जोर से दबाता हुआ महसूस हुआ
 एक तो Lawn में लाइट कम थी , और ऊपर से सभी DRINK ले रहे थे
किसी का मेरी तरफ ध्यान ही नहीं था
uncle भी full on थे , उन्होंने clearly मेरे दोनों ass को जोर से दबाया
और सामने से भी उनका उभार मेरे लहंगे पे महसूस की

मैं जैसे तैसे उनसे छूट के , चिंटू के chair के पीछे आ खड़ी हो गयी
और मामाजी का पीछे से सतना महसूस किया
मामाजी ने मुझे beer का ग्लास दिया , मैंने ना कर दिया
मामाजी : पुत्तर एक बात कहूँ , हम पंजाबी २ चीजों में माहिर हैं
मैं : क्या
मामाजी : पीने में , और पिलाने में दारू हो या
मैं : आपको मेरा डांस पसंद आया ?
मामाजी : चाँद का डांस जबरदस्त , अब सिर्फ एक बात
मैं : वो क्या ?
मामाजी : एक अहसान कर अपने इस महमान पर
मेरे हाथ में glass दे दिया और मैं पीने लगी
मैं शर्मा गयी , और मामाजी पीछे से सटते गए
आगे चिंटू की chair , पीछे मामाजी
दबाव अब खुल के हो रहा था

तभी मेरी नज़र  राहुल पे पड़ी , जो दूर से मेरी और देख रहा था
मैंने उसकी और Q नज़र से देखा
उसने इशारे में आगे बढ़ने कहा
मैं : मामाजी , अहसान कोन सा ?
मामाजी : पुत्तर तू शादी सुदा है , भोली तो है नहीं
मैं : ह्म्म्मम्म
लोग खाने लगे थे , डांस कार्यकर्म अब ख़त्म होने का था
करीब 9.30 बज रहे थे

तभी कुछ आवाज़ आई , एक कोने से
हम  उस तरफ बढे
देखा , uncle full down हो गए थे , शायद ज्यादा पी ली थी
परमप्रीत ने कहा : मैं पापा को रूम में ले जाता हूँ
और uncle को सहारा दे उठाया
तभी राहुल ने कहा : परमप्रीत , तुम्हारी शादी का कार्यकर्म है , तुम enjoy करो , vini ले जाएगी uncle को ठीक से

मैं समझी नहीं , राहुल मुश्कुराया और कुछ इशारा किया
मैंने कहा : हाँ , मैं ले जाती हूँ uncle को रूम में , आप लोग enjoy करो
और मैं uncle को सहारा देने लगी
uncle के कन्धों पे , जो मुझसे ऊँचे थे , हाथ रख मैं उनके रूम की तरफ बढ़ी

मैंने देखा , सब ड्रिंक enjoy करने लगे , मनो कुछ हुआ ही नहीं

मैं uncle को ले उनके रूम में लायी
उनको bed पे लिटाया , और देखि , वो full down थे
मैं रूम से बाहर निकली , देखा बाहर कोई नहीं है

दिमाग में बदमाशी सूझी
मैं फिर रूम में आई , रूम को लॉक किया
और
uncle , जो धोती पहन रखे थे , के धोती पे धीरे से हाथ रखा
जब लगा , वो down हैं , उन्हें कोई अहसास नहीं
मैंने उसकी धोती के अंदर हाथ दाल उसके LUND को पकड़ा
हाथ में पकड़ने से , अब वो बड़ा होने लगा
मैंने धोती से पूरा निकल लिया
और दोनों हाथ से उसको ऊपर नीचे करने लगी
और काम हो गया उनका 

करीब ५ मिनट बाद , मैं वहां से निकल LAWN में आ गयी
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Like Reply
#74
अब आगे :


LAWN में आ सीधे राहुल के पास आई
मेने धीरे से उसको पूछा : उसने मुझे क्या और क्यों इशारा किया , दोनों हाथ से ?

राहुल : सुनो ध्यान से , मेने देखा , UNCLE सिर्फ तुमको ही देख रहे थे , तुम उनको बहुत प्यारी लग रही थी , DRINKS पे DRINKS ले रहे थे , इसलिए मैंने सोचा , तुमको उनके पास अकेले रहने का मौका मिलने का दूँ .
राहुल ने पूछा : कुछ किया उन्होंने ?

मैं चौंक गई और कहा : नहीं , वो तो full DOWN थे , सुला दिया उनको
राहुल : OHHH , अकेले होने का फायदा वो नहीं उठा पाए ?

मैं : नहीं , वो तो नहीं उठा पाए , लेकिन अकेले होने का फायदा मैंने उठाया
और मैंने राहुल को बता दिया , रूम में मैंने उनका पकड़ा , वो नींद में ही थे

राहुल : बहुत बढ़िया , कैसा रहा एक DOWN PUNJABI का पकड़ना
मैं : पहले बस में 65 , अब यहाँ भी 65 , आज दो दो बुढ्हों का पकड़ना हो गया , ठीक ही था

राहुल : चलो 15 साल घटा लेते हैं अब
मैं समझी नहीं : मतलब ?

राहुल : अरे 50 पे आ जाते हैं , मामाजी ? full on है तुम्हारे साथ के लिए
मैं : हाँ , वो तो जब से आये हैं , मेरे पीछे पड़े हुए हैं , मजाकिया हैं , लेकिन मस्ती करना चाहते हैं मुझसे

राहुल : कल शादी का दिन है , दिन में दोनों को सम्मान दो , रात में शादी है , दोनों का साथ दो , मौका मिल ही जायेगा
मैं : धत्त्तत्त

और मैं चिंटू की तरफ बढ़ी

लगभग ११.30 बज रहे थे
सभी बैठ के अन्ताक्षरी खेल रहे थे , लड़की और लड़के दोनों साइड के
मामाजी भी अन्ताक्षरी खेल रहे थे

अब 12 .15 हो गए
सब अब उठने लगे

हम भी धर्मशाला से अपने घर आये

चिंटू की chair मेरे पास ही थी
हम अपने रूम की तरफ बढ़ने लगे
आंटी आई और मुझसे कहा : बेटी , लाओ chair , अब चिंटू मेरे साथ सो जायेगा
मैं chair छोर आगे बढ़ने लगी

मेरे पैर रुक गए , चिंटू ने मेरा हाथ पकड़ लिया था
आंटी : चिंटू , हाथ छोरो बेटा , भाभी अबी सोने जाएगी ना
चिंटू : थोरा gussa होते हुए , रोने लगा
आंटी ने उसको बहुत मानाने की कोशिश की , लेकिन वो रोता रहा , हाथ नहीं छोरा
आंटी : लगता है , ये तुम्हारे साथ ही रहना चाहता है
मेने आंटी से कहा , कोई बात नहीं , चिंटू हमारे साथ ही सो जायेगा

हम रूम में आ गए
पलंग बड़ा ही था , कोई दिक्कत नहीं होती , यदि चिंटू भी साथ ही सोता
आंटी ने उसकी night ड्रेस ला के दे दी थी
मैंने भी लहंगा चोली बदल , night ड्रेस पहन ली
एक पतली FROK सी ड्रेस , जो घुटनों तक थी , सामने से खुलती थी , 6 बटन थे

काफी थक गयी थी
राहुल साइड में , मैं बीच में , और चिंटू मेरी ओर साइड में सो गए
हलकी ठण्ड होने से हम रजाई ओढ़ रखे थे
 
दिमाग में मामाजी घूम रहे थे , और uncle का पकड़ना याद आया

मैं राहुल की तरफ हो , उसके LUND पे हाथ रखी, और हल्का हल्का दबाने लगी
राहुल ने मेरे बूब्स को पकड़ा और सहला रहा था
अँधेरा था , रजाई के अंदर हम थे
थोरी देर यूँ ही गुजरे , राहुल ने हाथ हटा लिया था और घूम के सो गया था

मैं भी सोने की कोशिश कर रही थी

तभी फिर शायद राहुल ने मेरे बूब्स को छुआ , मैं उसकी तरफ देखि , तो वो तो घूम के सो रहा था
मुझे महसूस हुआ , boobs पे हाथ थोरा धीरे  धीरे FROK के ऊपर से
ये चिंटू का हाथ था , पता चला
समझ में नहीं आया , क्या करूँ – हटा दूँ , या यूँ ही खेलने दूँ , बच्चा ही तो है

मैं उसकी तरफ मुह कर के पलट गयी
अब वो आराम से मेरे बूब्स को सहलाया , थोरा  झिझक भी रहा था

मुझे उसका हाथ सहलाना अच्छा लगने लगा
मैंने धीरे से , उप्पर से 3 बटन खोल दिए FROK के

दोनों BOOBS खुल के बाहर आ गये थे पूरा
अब उसका हाथ मेरे BOOBS पे था
मैंने bra panty नहीं पहनी थी
वो अपने दोनों हाथ से बूब्स से  खेल रहा था
मुझे भी अच्छा लगने लगा ,
मैं थोरा ऊपर उठी , उससे पूरा सटी हुई थी , उसके सर को थोरा निचे किया

अब उसका मुह मेरे बूब्स पे था और वो खुसी से चूस रहा था
मुझे लग रहा था , एक बच्चा मानो दूध पी रहा हो

मैं उसको पूरा चिपका ली , और वो दूध पीता रहा
तभी मुझे मेरे पेट पे , कुछ गड़ता महसूस हुआ

पूरी सटी होने से उसके साथ , उसका उभार बढ़ने लगा था , और मेरे पेट को टच कर रहा था
मुझे याद आया – अरे ये तो 16 साल का है , एक जवान सा लड़का , भले ही मंद बुद्धि हो
और मुझे अब बदमाशी सूझने लगी
मेने FROK के बाकि ३ बटन भी खोल दिए , लगभग सामने से पूरी नंगी हो गयी , और एक पैर उसके सरीर पे , कमर से सटा ली

पूरा चिपके हुए थे हम
मेरे BOOBS उसके मुह में थे , और पैर उसके कमर से लिपटी हुई
फिर मैंने धीरे से एक हाथ , उसकी निकर में डाली
अंदर कुछ नहीं था
और मुझे देर नहीं लगी , उसके अस्त्र को हाथ में लेने में
अब वो गरम होने लगा था

और अब उसका अस्त्र LUND बन गया था , काफी बड़ा ही था
मैंने उसकी निकर नीचे कर दी
अब एक  हाथ से उसका LUND दबा रही थी , और एक हाथ उसके माथे पे था जो उसके मुह को दूध पिला रहा था

हमारा दोनों का  नीचे का हिस्सा पूरा नंगा था , और एक दुसरे से चिपका हुआ था
मुझे ये सबसे बढिया पल लग रहा था , एक जवान लड़का या एक बच्चा ?

थोरी देर बाद , हम अलग हो सो गए  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Like Reply
#75
शादी के वो 3 दिन ( और 3 रात )  ( 2ND दिन और रात ) :


दुसरे दिन मैं सुबह 6 बजे उठी
चिंटू पास में लेता हुआ था , मासूम सा लग रहा था सोते वक़्त

कल की सब बातें दिमाग में आने लगी
कैसे 1.50 साल बाद , फिर दूसरों के साथ कुछ हुआ

कई प्रश्न मन में आने लगे
क्या ये सही है ?
मन ने कहा : नहीं , ये सब सही नहीं
फिर मन ने कहा : अरे क्या फर्क पड़ता है , कोन  सा फिर किसी से मिलना होगा . जो होता है , होने दो , मज़ा लो

लेकिन मन ही मन  सोच लिया , आज कुछ नहीं करुँगी , मामाजी से दूर ही रहूंगी
हम  तैयार हो , ७.30 बजे बाहर चौक में आये

हमने नास्ता किया , आज SOUTH INDIAN था नास्ते में
आज काफी ब्यस्त दिन था
फिर हम सब धर्मशाला गए , बारातियों की खातिरी करने
वहां सब नास्ता कर रहे थे

मुझे UNCLE भी दिखे , मैंने आँख नहीं मिलायी , लेकिन वो नार्मल ही दिखे
लगा – उन्हें , रात जो मैंने किया , उसका पता नहीं है
मुझे शांति मिली
सुबह ९.30 से शादी के कार्यकर्म सुरु हो गए , घरेलु कार्यकर्म

लड़के वाले अपने कार्यकर्म कर रहे थे , लड़की वाले अपने
करीब 1.30 बजे लंच किया हम सबने ( मकई की रोटी , सरसों का साग लिया मैंने )

तभी मुझे मामाजी दिखे , LUNCH कर रहे थे
वो मेरे पास नहीं आये , मुझे शांति मिली

शाम को 7 बजे बारात आने का कार्यकर्म था
6 बजे बारात , धरमशाला से निकलती और करीब 1 घंटे शहर में घुमते हुए आ कर 7 बजे धर्मशाला पहुँचने का था

उनके कुछ कार्यकर्म , मारवारी कार्यकम से मिलते से थे
लेकिन ज्यादा कार्यकर्म अलग ही थे

नाच गाना उनके यहाँ ज्यादा ही था , दारू भी खुल के थी
मैं  सब कार्यकर्म देख ENJOY कर रही थी

आज चिंटू की chair नही पकड़ी थी , ताकि कार्यकर्म enjoy कर सकूँ
करीब ५ बज गए थे
मैं और राहुल , अपने घर की ओर बढे , शादी के लिए तैयार होने
घर धर्मशाला के करीब ही था
हम ५.45 पे तैयार हो , धर्मशाला आ गए

मैंने घाघरा चुन्नी पहना था , शाल ले रखी थी ठण्ड की वजह से
परमप्रीत दूल्हा बना हुआ था , काफी सुंदर लग रहा था
सानिया भी तैयार हो गयी , बहुत ही प्यारी लग रही थी
लड़के वाले सब तैयार हो , बारात ले के निकल पड़े
हम लड़कीवाले वहीँ रहे
बारात नाचते गाते शहर का चक्कर ले रही थी

हम ६.45 पे गेट पे आ खड़े हो गए , बारात की अगवानी करने
 बारात आने में अभी लगभग आधा घंटे थे

राहुल और मैंने एक एक BEER ले ली
BEER लेने से हल्का सुरूर होने लगा , ठण्ड भी थी ही

तभी आवाज़ आई , बारात आ रही है
गेट पे सब आ गए
अब म्यूजिक की आवाज़ सुनाई देने लगी , बारात की
फिर दूर से रौशनी आती दिखने लगी बारात के बैंड वालों की
गेट पे काफी भीड़ हो गयी अब
मैं भीड़ में बीच में हो गयी थी ,

तभी मुझे पीछे एक दबाव सा महसूस हुआ , और एक आवाज़
‘’ चाँद कितना साफ़ दिख रहा है न ऊपर “
मामाजी की आवाज़ सुनाई दी
मैं ; हाँ , एकदम साफ़ दिख रहा है
मामाजी ( और सटतेहुए ) : एक चाँद ऊपर , एक चाँद नीचे
मैं : मामाजी आप भी ना

अब वो पूरा सटे हुए थे , भीड़ होने से , उनका उभार मेरे पीछे साफ़ महसूस होने लगा
मैं : मामाजी कोन  सा चाँद ज्यादा साफ़ दिख रहा है ( पता नहीं क्यों मुह से निकला )
मामाजी : ऊपर वाला चाँद साफ़ दिख रहा है , लेकिन वो दूर है
मैं : और ?
मामाजी : नीचे वाला चाँद पास है , इसलिए मन हो रहा है
मैं : मन ? किसका

BEER का सुरूर हो रहा था मुझे
मामाजी : इस चाँद को आगोश में लेने का , साफ़ देखने का
मैं : इतने सटे हुए तो हैं ही , और क्या बचा है आगोश में लेने से ,
मामाजी : पूरा आगोश में लेने का मन में है
मैं : तो ले लिजिय ना , किसने रोका है
मामाजी : तैयार हो ना , फिर gussa मत होना
मैं : आप मामाजी हैं , आप से क्यों gussa ?

और मंजी पूरा सट गए , मेरे पीछे से
लेकिन अब एक हाथ मेने कमर में , नंगे  पेट पे महसूस किया
मैं : मामाजी , ये क्या ?
मामाजी : आगोश में लेने की सुरुवात
मैं ( हँसते हुए ) : आप भी ना

अब मामाजी पूरा जोर से पीछे से मुझे दबाये , और पेट वाला हाथ , शाल के अंदर कर मेरे एक BOOBS पे रखा
मैं पूरा चौंक गयी , शाल को तुरंत और फैला ली , ताकि कोई देख न ले
भीड़ बहुत थी , सब एक दुसरे से सटे हुए थे ,
अँधेरा होने की वज़ह से , किसी का ध्यान आना ही नहीं था
मैं : मामाजी , ये क्या कर रहे हैं ?
मामाजी : चाँद की आगोश में लेने से पहले , गोलाईयां देख रहा हूँ

और मामाजी ने जोर से मेरी उस चूची को पूरा पकड़ दबाया
मैं :  मामाजी धीरे से , दुखता है
मामाजी समझ गए , मुझे कोई दिक्कत नहीं
मामाजी ; धीरे धीरे ही पकडूँगा , चाँद को मेरी दिक्कत न हो  

और तभी मैंने उनका दूसरा हाथ , अपने दुसरी चूची पे पाया
दोनों हाथ उनके , मेरी शाल के अंदर , मेरे BOOBS पर थे
मैंने शाल को और ठीक किया , चरों तरफ ध्यान दी , किसी की नज़र हम पे न थी
मैं पीछे की तरफ हो , उसे सटते हुए कही
मैं : मामाजी , बस कीजिये , कोई देख लेगा
मामाजी समझ गए , मुझे कोई दिक्कत नहीं , लेकिन किसी के देखने का डर है
मामाजी : हाँ , ये तो है , और यहाँ तो पूरा आगोश में ले भी नहीं पाउँगा
मैं ; अब और क्या बचा है आगोश में लेने को ?

मामाजी और मैं लगभग खुल के ही बात कर रहे थे
उनके दोनों हाथ अपना काम कर ही रहे थे

मामाजी ; यूँ तो तुम समझ ही गयी हो , साफ़ साफ़ कहने की दरकार है क्या ?
मैं ( हँसते हुए ) : मैं समझी नहीं , साफ़ साफ़ कहिये ना

मामाजी : ये सरदार अपनी मारवाडी चाँद को साफ़ साफ़ पूरा देखना और पाना चाहता हैं
और अब उनका एक हाथ , धीरे से नीचे हो , मेरे घाघरे के ऊपर आ , मेरी chut के ऊपर आ गया
मैं अब घबरा गयी

मैं : मामाजी यहाँ नहीं , PLEASE
मामाजी : एकदम सही , तुम कहो - हाँ और कहाँ ?
मैं : मैं क्या बोलूं ? जैसे आप कहें और जहाँ कोई ना देख पाए

मामाजी : बारात आने के बाद , सब कार्यकर्म में ब्यस्त हो जायेंगे , लगभग 1 घंटे बाद हम अपने घर चलेंगे , किसी का ध्यान नहीं जायेगा
मैं : ठीक है , अब आप हाथ निकालिए

मामाजी ने एक बार जोर से BOOBS को भींचा और गाल सहलाते हुए , हाथ बाहर निकल लिए

मैंने शाल ठीक की फिर से

बरात कब की आ चुकी थी और गेट पे DANCE चल रहा था
सभी लड़के वाले डांस कर रहे थे
मैंने देखा , uncle ( सानिया के ससुरजी) भी नाच रहे थे , आज उनके बेटे की शादी जो थी
तभी uncle की नज़र मुझ पे पड गयी
uncle मेरी तरफ आ , मेरा हाथ पकड़ मुझे डांस करने ले जाने लगे
मैं उनका हाथ छुड़ा न सकी और उनके बीच पहुँच गयी
थोरा बहुत डांस किया , लेकिन पाया , uncle ज्यादा ही सट रहे थे
मैंने महसूस किया , उन्होंने DRINK भी ज्यादा ही कर रखी थी
बेटे की शादी को वो पूरा ENJOY कर रहे थे

डांस ख़त्म हो गया , बारात अंदर आ गयी
हम उनकी अगवानी करने लगे
मैं थोरा साइड हो , खड़ी हो गयी
राहुल मेरे पास आया , उसके हाथ में एक beer था मेरे लिए
 मैंने ना कर दिया
राहुल ने  पूछा : तबियत तो ठीक है ना
मैंने कहा तबियत ठीक है
मामाजी के साथ हुई , उनकी सब हरकतें और बातें , राहुल को बताई
राहुल बहुत खुश हुआ और मुश्कुराते हुए कहा

राहुल : तब तो तुम , २ beer लो
मैं : मतलब , क्यों ?
राहुल : मैंने कहा था ना , दिन में सम्मान दो , रात में साथ देना
मैं : मामाजी और uncle दोनों पीछे पड़े हैं
राहुल ने हिम्मत बढाई , और बहुत अच्छे से समझाया
राहुल : देखो , तुमको भी मस्ती का मन है ना
मैं : सच कहूँ ? थोरा – लेकिन बदनामी न हो जाये
राहुल : तभी तो कह रहा हूँ – २ beer ले लो , इसके दो फायदे होंगे
          पहला – वो समझेंगे तुम नशे में हो , खुल के सब करेंगे
          दूसरा – कल कोई इस बात को कहेगा नहीं किसी से , क्योंकि दोनों ही बड़े और इज्ज़तदार लोग हैं
        और beer पीने से तुम्हे भी गलत नहीं feel होगा

मैं : तुम्हे क्या लगता है – मामाजी के साथ ये करना ठीक होगा
राहुल : किसके मामाजी ? ( हँसते हुए ) तुमको तो एक बुड्ढ़े को मस्ती देनी है पूरी
मैं राहुल से चिपक गयी , beer पीते हुए , और मुश्कुराने लगी
मैं शादी के कार्यकर्म में ब्यस्त हो गयी
 
करीब ८ .15 बज रहे थे .
मैंने देखा , मामाजी दूर से मुझे ही देख रहे थे
मैं उठी , राहुल के पास आई और इस तरह बोली कि मामाजी भी सुन सकें
मैं : राहुल , जरा कमरे की चाबी दो , मुझे हल्का नशा सा हो गया है , FRESH हो के DRESS change करके आती हूँ
राहुल मेरे पास आया , मुझे चाबी दी और धीरे से कहा : FULL enjoy करना , सरदार हैं , अलग ही मज़ा आएगा
मैंने चाबी ली और घर की तरफ चल दी
सब अपने में मस्त थे , शादी के कार्यकम में
धर्मशाला के करीब ही था हमारा घर , २-३  मिनट में पहुँच गयी
घर में कोई नहीं था , मैं मेरे कमरे में आ गयी
२ मिनट में ही मामाजी भी आ गए , और कमरे में दस्तक दी
मैंने दरवाज़ा खोला , वो अंदर आये , मैंने  दरवाज़ा LOCK कर लिया
अब ROOM में , मैं उस सरदार के साथ खड़ी थी
मामाजी : वाह मेरी चाँद , उमने अपना वादा रखा , बहुत बढ़िया
मैं : आपकी चाँद अब आपके सामने है मामाजी , पूरा आगोश में आने
मामाजी हँसे और कहे : अरे सिर्फ आगोश में आने ? सब कुछ का मन है मेरा अब तो , बस तुम्हारा साथ चाइये
मैं ( हँसते हुए ) : अब आप जो चाहें , मेरा साथ तो मिलना ही है , मैं नशे में जो हूँ
मामाजी ने अपनी पगड़ी उतार दी , लम्बे चौड़े सरदार थे मामाजी , मुझे चिपका लिया
मामाजी : तेरी चूची और गांड मस्त है , दोनों को भरपूर देखना और चुसना है
कह के दोनों बूब्स दबा दिए
मामाजी अब खुल के बात कर रहे थे
मैं भी खुल के बात करने लगी – अब मैं सामने हूँ , आपका जो मन है करिए
मामाजी ने मेरी चोली खोलने लगे  , और bra भी खोल दिए
दोनों चूची को पूरा पकड़ , जोर जोर से चूसने लगे
मैं : मामाजी , थोरा धीरे , दुखता है
मामाजी : हैं है इतने बड़े , की मन करता है जोर से दबाऊँ
( अब thora जल्दी जल्दी लिखूंगी , मुझे डिटेल में लिखने में कोई इंटरेस्ट नहीं , सिर्फ स्थिति बताना मेरा उद्देश्य है , मेरे अनुभव होने का )
और फिर , मामाजी ने मेरा घाघरा भी खोल दिया , और panty भी उतार दी  
अब मैं पूरी नंगी हो गयी
मामाजी थोरी देर मेरी chut में अंगुली किये और jeev भी अंदर बाहर की
फिर मुझे घुमा , मेरी गांड को चूसने लगे
मैंने एक हाथ उनकी पैजामे पे , उनके उभार पे रखा
मामाजी ने हँसते हुए कहा : चाँद तो अब मैंने साफ़ देख लिया , अब पाना बाकी है
मैं भी हंसने लगी
मामाजी ने पैजामा उतर दिया , कच्छा पहन रखा था अंदर , वो भी उतार दिया
अब मेरे सामने एक सरदार पूरा नंगा खड़ा था , लम्बा चौड़ा
मैंने उनके lund को पकड़ा , जो वाकई में बड़ा था
मैं २-३ बार lund को मुठी में दबाया , फिर ऊपर नीचे करने लगी
मामाजी ने मेरे सर को पकड़ नीचे की तरफ किया
मैं समझ गयी , नीचे बैठ , उनके lund को पहले जीव से चाटी और फिर मुह में पूरा ले लिया
वाकई वो बड़ा और मोटा था
हम एक दुसरे को यूँ ही मज़ा देते रहे और मज़ा लेते रहे
अब मामाजी ने मुझे उठा , bed पे लिटा दिया
मैं : अब तो आपने पा लिया चाँद को , अब चले
मामाजी ; वह रे मेरी चाँद , अभी तो छुआ है पूरा मेरी चाँद को , पाना तो है अब
और मामाजी , bed पे आ मेरी टांगो को फैला , मेरी chut से अपना lund सटाए
और एक झटके से lund , chut के अंदर गया
और मामाजी मुझे चोदने लगे ,  उनका lund बड़ा और मोटा होने से मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था उनके चोदने से

फिर उन्होंने मुझे उल्टा किया , मैं घुटनों के बल पे आ गयी

और फिर मामाजी मुझे कुतिया की तरह चोदने लगे

३-५ मिनट वैसे हुआ



फिर मामाजी हटे , मुझे उठाया , और bed पे सीधा लेट गए

अब मैं उनके ऊपर चडी , और ऊपर नीचे होने लगी



इस तरह उन्होंने ३-४ तरीके से मुझे चोदा



करीब २० – २२ मिनट चोदे होंगे , फिर हम अलग हुए

उनका काम हो गया था



मैं : अब तो चाँद को पा भी लिया आपने मामाजी



मामाजी ; आज 4 साल बाद , chudai की , तुमने मुझे बहुत खुश कर दिया , मैं जिंदगी में इतना मज़ा नहीं लिया



और मामाजी ने मुझे चिपका लिया

अब मामाजी मुझे अछे लग रहे थे



मामाजी तैयार हो निकल गए



मैं भी , ड्रेस ना बदल , घाघरा चुन्नी में ही  धरमशाला की और बढ़ी

 

 

 

 

 

 

 
Like Reply
#76
Lajawaab.....
Bahut hi bhadiya....
Seedhi baat..... No bakwaas.....
Wah. ..
Like Reply
#77
(26-12-2023, 03:03 PM)abcturbine Wrote: Lajawaab.....
Bahut hi bhadiya....
Seedhi baat..... No bakwaas.....
Wah. ..

DHANYWAD ALWAYS HIMMAT BADHANE 

SEEDHI BAAT LIKHNE ME HI BAHUT MEHNAT HO JATI HAI 
ITNI PURANI BAATENE JO HAI , YAAD KARKE 

BAKWAS LIKHE ME MERA KOI  INTEREST NAHI 

KIN PARISTHITIYON ME DOOSRON KA SATH HUA , WO IMPORTANTANT HAI JANNNA 
BAKI TO , BAKWAS JITNA BHI LIKH LO
[+] 1 user Likes mariesweet21's post
Like Reply
#78
(26-12-2023, 05:59 PM)mariesweet21 Wrote: DHANYWAD ALWAYS HIMMAT BADHANE 

SEEDHI BAAT LIKHNE ME HI BAHUT MEHNAT HO JATI HAI 
ITNI PURANI BAATENE JO HAI , YAAD KARKE 

BAKWAS LIKHE ME MERA KOI  INTEREST NAHI 

KIN PARISTHITIYON ME DOOSRON KA SATH HUA , WO IMPORTANTANT HAI JANNNA 
BAKI TO , BAKWAS JITNA BHI LIKH LO
Apni feelings us waqt ki add kar sakti ho..... 
Baki bahut maaza aata hai real story padhne mein....  clps clps
Like Reply
#79
(26-12-2023, 06:09 PM)abcturbine Wrote: Apni feelings us waqt ki add kar sakti ho..... 
Baki bahut maaza aata hai real story padhne mein....  clps clps

Dear 

likha to Maine meri feeling 

mujhe bahut maza aaya 

aur aap thik se padenge, to payenge , mamaji ke sath main khud kafi interested thi , tabhi to 8.15 pe chali gayi 
aur unko bhi kamre me kaha - Chand ab apke samne hai , Jo bhi wo Karen 

meri feeling us samay Jo thi , likha tha
Like Reply
#80
(26-12-2023, 06:09 PM)abcturbine Wrote: Apni feelings us waqt ki add kar sakti ho..... 
Baki bahut maaza aata hai real story padhne mein....  clps clps

Dear 

likha to Maine meri feeling 

mujhe bahut maza aaya 

aur aap thik se padenge, to payenge , mamaji ke sath main khud kafi interested thi , tabhi to 8.15 pe chali gayi 
aur unko bhi kamre me kaha - Chand ab apke samne hai , Jo bhi wo Karen 

meri feeling us samay Jo thi , likha tha
Like Reply




Users browsing this thread: 3 Guest(s)