27-11-2023, 02:31 PM
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Romance मोहे रंग दे
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29-11-2023, 09:21 PM
मोहे रंग दिया है इस कहानी ने.....बेहतरीन स्टोरी
30-11-2023, 03:09 PM
30-11-2023, 03:12 PM
छुटकी ननदिया
कम्मो ने आँख के इशारे से पूछा कौन है तो मैं खिलखिलाते बोली, " वही छिनार, मोटे मोटे चींटे काट रहे हैं हैं साली को " और फोन स्पीकर फोन पर ऑन कर दिया, वही मीठी सेक्सी खिलखिलाती खनखनाती आवाज, उस टीनेजर की,... " मेरी मीठी भाभी आपसे एक सलाह लेनी है, ... " " पहले ये बता की होली वाले दिन आ रही हैं न, शाम को , रविवार ,.. " मैंने पहले कन्फर्म कराया उससे, " एकदम भाभी, इतना अच्छा मौका छोड़ने वाली नहीं मैं, २१ दिन की मस्ती, मैं और कम्मो भौजी,... उसी लिए पूछ रही थी, उसी की पैकिंग कर रही हूँ अभी. "वो हँसते हुए बोली,... " अरे यार ननदों के लिए तो मेरी हमेशा एक ही सलाह रहती है, कुछ मत पहनों, तेरे यारों का भी फायदा मेरे भाइयों का भी, लेकिन रास्ते में ही इतने पीछे पड़ जाएंगे ,... " मैंने छेड़ा " भाभी, आप भी न, ... आप तो एकदम पीछे पड़ जाती हैं हरदम एक वही बताइये न सीरियसली, ... " वो बड़ी अदा से बोली। " अरे यार मेरी ननद रानी का पिछवाड़ा है ही इतना मस्त कोई भी पीछे पड़ जाएगा, लेकिन छोड़ उसका इलाज मेरे, और कम्मो भौजी के भाई लोग कर देंगे , जो इतना मटका मटका के चलती हो न, ... " मेरी बात काट के थोड़ा चिढ़ती थोड़ा चैलेन्ज देती वो बोली, " अरे भाभी उन स्सालो की छोड़िये अपने भाई को कल रात भर देख लिया न, आपके, कम्मो भौजी के भाइयों को भी देख लूंगी, संडे की शाम को ही पहुँच जाउंगी। पर कपडे सजेस्ट करिये न,... प्लीज सीरियसली,... " और मैं भी सीरियस हो गयी , ननद की हेल्प करने के लिए, बोली " सिम्पल, देख २१ दिन में कॉलेज के दिन गिन ले, १२ -१४ दिन, अरे कुछ दिन बँक भी तो करेगी, तो सबसे पहले कॉलेज यूनिफार्म, तेरी वो टॉप और लाइट नेवी ब्लू स्कर्ट, जित्ती भी हों वो सब पैक कर ले, घर के लिए भी , जो पुरानी कॉलेज यूनिफार्म होंगी घिस गयीं एकदम टाइट हों, चलेगी,... और एक बात और हो सके कोई भौंरा तेरा पिक्चर विक्चर ले जाए कभी या शॉपिंग को, तो एक दो जो सबसे हॉट ड्रेस हों न,... और रात के लिए, ... तू रहेगी तो मेरे कमरे में ही , तो कौन सा अलमारी में मैं ताला लगा के जाउंगी, ... मेरी नाइटी, बेबी डाल और तेरे भैया के शॉर्ट्स और टी भी, ... " मेरी बात काट के वो बोली, " एकदम भाभी आपने मेरा काम आसान कर दिया, बस फटाफट पैकिंग कर के शाम को आपसे बात करती हूँ " और उसने फोन काट दिया। लेकिन मुझे लगा की कुछ कहना रह गया था गुड्डी से और मेरे चेहरे की बात कम्मो भौजी ने झट से पढ़ भी ली, पूछ भी ली। " क्या हुआ, ? " " अरे मैं सोच रही थी न उसे बोल देती, चड्ढी बनियाइन लाने की जरूरत नहीं, लेकिन रह गयी,... " मैं बोली। " अरे इतनी सी बात , लाने दो न स्साली को आपन, अरे पहले दिन ही, ओकर कुल ब्रा निकाल के, एक एक के, कैंची से हुक वाला दोनों ओर क कचर कचर काट दूंगी, बस , देखी कैसे पहनती हैं, ... " और हम दोनों जोर जोर से खिलखिलाने लगे , और चड्ढी मैंने पूछा। " वो नहीं, ... वो पहन के कॉलेज तो जाना होगा न , हाँ ओहमें छेद जरूर बनाय दूंगी , बुरिया के ऊपर ओहि के साइज के बल्कि थोड़ा और बड़ा , दो ऊँगली आसानी से आ जा सके, ... अरे क्लॉस में बैठेगी तो अगल बगल की सहेली , ऊँगली डाल के रात भर क जउन रबड़ी मलाई बिलिया में बजर बजर करती होगी न ऊपर तक , उसका भी हाल चला ले लेंगी , फिर उँगरियाने का मन करे तो क्लास में तो वो भी,... " कम्मो बहुत सीरियस होके बोली। कम्मी की प्लानिंग, कभी फेल नहीं हो सकती। मैंने जोर की अंगड़ाई ली , कम्मो के साथ बतियाते टाइम का पता नहीं चला और पैकिंग भी हो गयी. इनकी पोस्टिंग का सामान अलग , ससुराली का सामान अलग , बस अब ये जो शॉपिंग कर के लाने वाले थे , उसकी जगह मैंने छोड़ दी , वो तो दस मिनट का काम था।
30-11-2023, 03:16 PM
छुटकी ननदिया, कम्मो और,...
" भाभी, आप भी न, ... आप तो एकदम पीछे पड़ जाती हैं हरदम एक वही बताइये न सीरियसली, ... " वो बड़ी अदा से बोली। " अरे यार मेरी ननद रानी का पिछवाड़ा है ही इतना मस्त कोई भी पीछे पड़ जाएगा, लेकिन छोड़ उसका इलाज मेरे, और कम्मो भौजी के भाई लोग कर देंगे , जो इतना मटका मटका के चलती हो न, ... " मेरी बात काट के थोड़ा चिढ़ती थोड़ा चैलेन्ज देती वो बोली, " अरे भाभी उन स्सालो की छोड़िये अपने भाई को कल रात भर देख लिया न, आपके, कम्मो भौजी के भाइयों को भी देख लूंगी, संडे की शाम को ही पहुँच जाउंगी। पर कपडे सजेस्ट करिये न,... प्लीज सीरियसली,... " और मैं भी सीरियस हो गयी , ननद की हेल्प करने के लिए, बोली " सिम्पल, देख २१ दिन में कॉलेज के दिन गिन ले, १२ -१४ दिन, अरे कुछ दिन बँक भी तो करेगी, तो सबसे पहले कॉलेज यूनिफार्म, तेरी वो सफ़ेद टॉप और लाइट नेवी ब्लू स्कर्ट, जित्ती भी हों वो सब पैक कर ले, घर के लिए भी , जो पुरानी कॉलेज यूनिफार्म होंगी घिस गयीं एकदम टाइट हों, चलेगी,... और एक बात और हो सके कोई भौंरा तेरा पिक्चर विक्चर ले जाए कभी या शॉपिंग को, तो एक दो जो सबसे हॉट ड्रेस हों न,... और रात के लिए, ... तू रहेगी तो मेरे कमरे में ही , तो कौन सा अलमारी में मैं ताला लगा के जाउंगी, ... मेरी नाइटी, बेबी डाल और तेरे भैया के शॉर्ट्स और टी भी, ... " मेरी बात काट के वो बोली, " एकदम भाभी आपने मेरा काम आसान कर दिया, बस फटाफट पैकिंग कर के शाम को आपसे बात करती हूँ " और उसने फोन काट दिया। लेकिन मुझे लगा की कुछ कहना रह गया था गुड्डी से और मेरे चेहरे की बात कम्मो भौजी ने झट से पढ़ भी ली, पूछ भी ली। " क्या हुआ, ? " " अरे मैं सोच रही थी न उसे बोल देती, चड्ढी बनियाइन लाने की जरूरत नहीं, लेकिन रह गयी,... " मैं बोली। " अरे इतनी सी बात , लाने दो न स्साली को आपन, अरे पहले दिन ही, ओकर कुल ब्रा निकाल के, एक एक के, कैंची से हुक वाला दोनों ओर क कचर कचर काट दूंगी, बस , देखी कैसे पहनती हैं, ... " और हम दोनों जोर जोर से खिलखिलाने लगे , और चड्ढी मैंने पूछा। " वो नहीं, ... वो पहन के कॉलेज तो जाना होगा न , हाँ ओहमें छेद जरूर बनाय दूंगी , बुरिया के ऊपर ओहि के साइज के बल्कि थोड़ा और बड़ा , दो ऊँगली आसानी से आ जा सके, ... अरे क्लॉस में बैठेगी तो अगल बगल की सहेली , ऊँगली डाल के रात भर क जउन रबड़ी मलाई बिलिया में बजर बजर करती होगी न ऊपर तक , उसका भी हाल चला ले लेंगी , फिर उँगरियाने का मन करे तो क्लास में तो वो भी,... " कम्मो बहुत सीरियस होके बोली। कम्मी की प्लानिंग, कभी फेल नहीं हो सकती। मैंने जोर की अंगड़ाई ली , कम्मो के साथ बतियाते टाइम का पता नहीं चला और पैकिंग भी हो गयी. इनकी पोस्टिंग का सामान अलग , ससुराली का सामान अलग , बस अब ये जो शॉपिंग कर के लाने वाले थे , उसकी जगह मैंने छोड़ दी , वो तो दस मिनट का काम था। " मैं सोच रही थी ननद के भैया को बोल देती की एक लीटर अपनी बहिनी के लिए देसी सरसों का तेल लेते आएं , तीन हफ्ते में इतना तो उसकी बिलिया घोंट जायेगी , " " जाने दो, हमारे पास है न हमरे खेत की सरसों का, गाँव में कोल्हू कापेरा कडुआ तेल ,... लेकिन तेल से तेलिनिया की बात याद आ गयी अरे वही तोहरे ननद की गली वाली। " कम्मो बोली। और झप्प से मुझे सब बातें याद आ गयीं, तेलिन, उनका घर और उनकी बहू,...
30-11-2023, 03:18 PM
तेलिन, उनका घर और उनकी बहू,...
" जाने दो, हमारे पास है न हमरे खेत की सरसों का, गाँव में कोल्हू का पेरा कडुआ तेल ,... लेकिन तेल से तेलिनिया की बात याद आ गयी अरे वही तोहरे ननद की गली वाली। " कम्मो बोली। और झप्प से मुझे सब बातें याद आ गयीं, तेलिन, उनका घर और उनकी बहू,... कूंवा झांकने की रसम थी, और वो रसम देवर के साथ होनी थी, मेरा ममेरा देवर, ( सगी न तो कोई ननद न देवर लेकिन ये देवर ननद सगे से बढ़ कर कर थे ) अनुज और बाकी सब झरर मार कर औरतें, मेरी मोहल्ले की ननदें, जेठानियाँ सासें, और जब सिर्फ औरतों का जमावड़ा हो तो मज़ाक भी एकदम खुल के होने लगता है. जिस गली में गुड्डी रहती है, गधे वाली गली ( गली के शुरू में धोबी रहते थे , उनके गधे बंधे रहते थे तो उसे चिढ़ाने के लिए हम लोग गधे वाली गली कहते थे) के अंत में जहां गली मुड़ती थी वहीँ पर एक पुराना बड़ा सा कूंवा था, और जहाँ से गली मुड़ती बस थोड़े ही आगे एक उषा सिलाई मशीन का ट्रेनिंग वाला कॉलेज और उसी के सामने वो तेलिन का घर था, पुराना थोड़ा कच्चा बाकी पक्का। थोड़ा सा घूंघट, और ननदों के मजाक का जवाब देने का काम अभी भी बहुत कुछ मेरी जेठानियों के जिम्मे था. तेलिन अब मोहल्ले के रिश्ते से तो मेरी सास लगती थीं, उम्र में मेरी सास से थोड़ी ही कम रही होंगी, देह खूब हट्टी कट्टी, जबरदस्त जोबन, खूब गोरा रंग, नाक में बड़ी सी लौंग, एक ननद ने मुझे उन्हें दिखाते कहा, " अरे इनका पैर तो ज़रा ठीक से छूना, पहली रात से ही रोज इन्ही के कोल्हू का पेरा पाव भर सरसों का तेल रोज इस्तेमाल कर रही हो." लेकिन मेरे झुकने के साथ ही उन्होंने मुझे पकड़ के उठा लिया और जिस तरह से उन्होंने मुझे अँकवार में भरा, और उनका ३८ डी डी साइज के बड़े बड़े कड़े कड़े जोबन कस के मेरी ३४ सी को दबाने लगे, मैं समझ गयी ये भी कन्या रस की प्रेमी होंगी, लेकिन बिना मुझे अपनी बाँहों से छोड़े उन्होंने उस ननद को भरपूर जवाब दिया, ... " अरे तोहार तो इस कुंवे से भी गहरी है, पसेरी भर तेल लगता है, अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर, कुप्पी से भरवाती हो, हमार मुंह जिन खुलवावा, कैसे कैसे कोल्हू चलवाती हो ,... " उसके बाद तो बाकी मेरी जेठानियाँ भी उस ननद के पीछे,... तेलिन के घर में एक बड़ा सा कमरा कच्चा था , फर्श सिर्फ और वहीँ पर कोल्हू लगा था, एक जमाने में तो बैलों से चलता था लेकिन अभी भी मोटर लगी थी और उसी से तेल पेरा जाता था,.. उनका एक लड़का था फूलचंद वो चाट का ठेला लगाता था, ... और उसकी पत्नी, मेरी जेठानी से थोड़ी छोटी होगी, लेकिन वो भी खूब गोरी, और मुंह फट, कभी रतजगा हो, सादी बियाह हो तो ननदों क न सिर्फ गारी सुनाने में बल्कि, सलवार का नाड़ा खोलने में, स्कर्ट उठाने में नंबरी,... और जो लड़कियां ज्यादा छनछनाती थीं उनको तो बिना ऊँगली किये वो छोड़ती नहीं थी, हाँ याद आ गया चमेली नाम था उसका. लेकिन तभी कम्मो ने मुझे अपडेट किया, बहुत बदल गया था वहां, तेलिन, चमेली की सास, फूलचंद की माँ अब गाँव चली गयी थी, वहां कुछ खेती बाड़ी थी उनकी। अब कोई कोल्हू का तेल पिरवाने आता नहीं था, बहोत लोग तो ऑनलाइन वो भी ब्रांडेड,... फूलचंद का कोई दोस्त था कतर में उसने वहीँ उसको बुला लिया था, तीन साल का कांट्रैक्ट, लेकिन डेढ़ दो साल बाद ही छुट्टी मिलने वाली थी और अब तेलिन की बहू अकेली, तो उसने एक पार्लर खोल लिया, कुछ थोड़ी बहुत ट्रेनिंग उसने अपने मायके में भी किया था , एक छह महीने का कोर्स, लेकिन तीन चार लड़कियां भी उसने रख ली थीं, अचानक मेरी याद की खिड़की खुली , रेनू ने बताया तो था, वो भी तो गुड्डी के हो मोहल्ले में रहती थी , हाँ क्या नाम था, हाँ चांदनी पार्लर, लेडीज ओनली,... मैंने जब बोला तो कम्मो खिलखिला के हंसी, चमेली कम्मो की सिर्फ पक्की सहेली ही नहीं थी बल्कि राजदार भी थी,... और दोनों के शौक भी एक ही तरह के कम उम्र के लड़के और लड़कियां,.. चोदानी पार्लर, हँसते हुए वो बोली, फिर जोड़ा, " असल में बड़ी उम्र की औरतें भी आती हैं ज्यादा,... तो फेसियल, मेनिक्योर पेडिक्योर के बाद मसाज, लेकिन कुछ ख़ास गिनी चुनी पैसे वाली या उसकी ख़ास को, ... बस जो लड़कियां उसने रखी हैं , उनकी उँगलियाँ होंठ, जो बेचारियाँ महीनों एक बार झड़ने के लिए तरसती रहती है, वो लड़कियां तीन चार बार कम से कम पानी गिरवा के थेथर कर देती हैं,... और जिसने एक बार उन कच्ची कलियों के साथ मस्ती कर ली, वो दुबारा,... तो असली आमदनी तो उस खेल में है,... और लड़कियां भी सब उसने चुन चुन के छांटी है और सब की ट्रेनिंग भी, फेशियल करते भी वो कंधो और पीठ की मालिश के नाम पर बूब्स मसाज तो कर ही देती हैं, और पेडिक्योर में भी घुटने तक तो कभी जाँघों तक,... ऐसे गर्म करती है,... " लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आयी तो क्या वो लड़कों वाला,.. मैंने पूछना शुरू ही किया था की कम्मो ने बात काट दी और बोली " अरे साफ़ साफ़ काहें नहीं कहती चुदाई वाली बात,... " नहीं नहीं वो डरती है की उसमें बहुत डर है , एक तो सिक्युरिटी का , दूसरे वो लड़का कहीं उस उस लेडीज को ब्लैक मेल न करे , फिर उस उमर तक आते आते बहुत सी औरतों का मर्दों का शौक कम हो जाता है, लेकिन एक दो बार करवाया भी है उसने उसकी कुछ ख़ास जानने वालियां थी और लड़का भी चमेली का ख़ास था,... बात मैं समझ रही थी। कम्मो एक मिनट के लिए रुकी फिर बोली, उसने एक ख़ास कमरा भी ऊपर की मंजिल पर बेडरूम, बाथ.दीवाल के बराबर शीशा और खूब बड़ा सा पुराने ज़माने के एंटीक पलंग की तरह, उसी में,... लेकिन चमेली का इस्तेमाल कम्मो किस तरह करना चाहती है ये मेरी समझ में नहीं आ रहा था और ये कम्मो ने बड़े विस्तार से समझाया , और मान गयी मैं उसकी प्लानिंग। तिहरा फायदा
30-11-2023, 03:19 PM
तिहरा फायदा
मैंने जब बोला तो कम्मो खिलखिला के हंसी, चमेली कम्मो की सिर्फ पक्की सहेली ही नहीं थी बल्कि राजदार भी थी,... और दोनों के शौक भी एक ही तरह के कम उम्र के लड़के और लड़कियां,.. चोदानी पार्लर, हँसते हुए वो बोली, फिर जोड़ा, " असल में बड़ी उम्र की औरतें भी आती हैं ज्यादा,... तो फेसियल, मेनिक्योर पेडिक्योर के बाद मसाज, लेकिन कुछ ख़ास गिनी चुनी पैसे वाली या उसकी ख़ास को, ... बस जो लड़कियां उसने रखी हैं , उनकी उँगलियाँ होंठ, जो बेचारियाँ महीनों एक बार झड़ने के लिए तरसती रहती है, वो लड़कियां तीन चार बार कम से कम पानी गिरवा के थेथर कर देती हैं,... और जिसने एक बार उन कच्ची कलियों के साथ मस्ती कर ली, वो दुबारा,... तो असली आमदनी तो उस खेल में है,... और लड़कियां भी सब उसने चुन चुन के छांटी है और सब की ट्रेनिंग भी, फेशियल करते भी वो कंधो और पीठ की मालिश के नाम पर बूब्स मसाज तो कर ही देती हैं, और पेडिक्योर में भी घुटने तक तो कभी जाँघों तक,... ऐसे गर्म करती है,... " लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आयी तो क्या वो लड़कों वाला,.. मैंने पूछना शुरू ही किया था की कम्मो ने बात काट दी और बोली " अरे साफ़ साफ़ काहें नहीं कहती चुदाई वाली बात,... नहीं नहीं वो डरती है की उसमें बहुत डर है , एक तो सिक्युरिटी का , दूसरे वो लड़का कहीं उस उस लेडीज को ब्लैक मेल न करे , फिर उस उमर तक आते आते बहुत सी औरतों का मर्दों का शौक कम हो जाता है, लेकिन एक दो बार करवाया भी है उसने उसकी कुछ ख़ास जानने वालियां थी और लड़का भी चमेली का ख़ास था,... बात मैं समझ रही थी। कम्मो एक मिनट के लिए रुकी फिर बोली, उसने एक ख़ास कमरा भी ऊपर की मंजिल पर बेडरूम, बाथ.दीवाल के बराबर शीशा और खूब बड़ा सा पुराने ज़माने के एंटीक पलंग की तरह, उसी में,... लेकिन चमेली का इस्तेमाल कम्मो किस तरह करना चाहती है ये मेरी समझ में नहीं आ रहा था और ये कम्मो ने बड़े विस्तार से समझाया , और मान गयी मैं उसकी प्लानिंग। तिहरा फायदा कम्मो की बातें भी न , एक तो उसकी बात दूसरे बात करने का ढंग, बोली, बंद दूकान पर कोई गहकी आता है क्या, तो पहली बात दूकान का शटर खुलना चाहिए, और उससे भी बड़ी बात, लोगों को मालूम होना चाहिए शटर खुल गया है, सौदा मिल रहा है, तभी तो लोग बड़ा बड़ा इश्तहार छपवाते हैं, पैम्फ्लेट बटवाते हैं, उसके ऊपर मोटा मोटा लिखा होता है, तीन बार, खुल गया खुल गया खुल गया, तभी तो गहकी आते हैं, और यहाँ तो गाहक की भीड़ लगने वाली है, क्या कहते हैं एडवांस रिर्जेवेशन, कम्मो की बात मैं समझ रही थी और बात उसकी सही भी थी,... मामला गुड्डी का था, माना उसका जोबन जबरदस्त था, रूप की रानी थी, बड़ी बड़ी आँखे चम्पई रंग, भोली भाली सूरत के साथ चढ़ता जोबन, और भौरें भी कम नहीं थे, लेकिन एक बार लौंडो को जब लग जाता है ये स्साली टांग नहीं फैलाने वाली, तो कुछ दिन मेहनत के बाद वो कहीं और चारा डालने लगते हैं, पर एक दो जहाँ चढ़ गए , बाजार में बात फ़ैल गयी,स्साली भाव खाती है लेकिन देती है, तो बस भौंरे और बढ़ेंगे,... लेकिन वो तेलिन की बहू, चांदनी पार्लर उससे क्या, ... किस तरह से ,... लेकिन कम्मो ने मेरी बात का जवाब मेरे पूछने से पहले दे दिया, " देखो न , जो हम लोगों ने उसके कॉलेज वाली छिनारों के साथ, उनके सामने उसे चुदवाने का जो प्लान बनाया है न, और वो पिकनिक में तो उसकी अपनी क्लास वालियां भी,... और सब लौंडे चढ़ेंगे उसके ऊपर,... तो ये बात सही है की फिर ननद रानी अपने कॉलेज में कभी ये कहानी नहीं सुना पाएंगी की उन्हें लौंडे नहीं पसंद है, और कॉलेज के सामने वाले भौंरे लेकिन ये कहानी तो अभी आठ आने भी नहीं, बहुत हुआ तो चार आने, बात अभी भी भी मेरी समझ में नहीं आयी तो कम्मो ने मुझपर ही एक सवाल दाग दिया, " बोल न हमारी ननद के जोबना के दीवाने सबसे पहले कहाँ पैदा हुए होंगे , किसने उसको जवान होने का अहसास दिलाया होगा,... " " और किसने उसकी गली और मोहल्ले के छैलों ने,... और सभी लड़कियों को जवान होने का अहसास तो उसकी गली मोहल्ले वाले ही दिलाते हैं " मैंने झट से जवाब दिया , " तो वही बात, तो जबतक गली मोहल्ले में ये बात न फैले, की चाँद अब निकल आया है, अब नदी में डुबकी लगाने का टाइम आ गया है किनारे बैठ के टुकुर टुकुर देखने का नहीं, सीधे झप्प से डुबकी मारने का,... फिर लौंडिया के लिए सबसे आसान है गली मोहल्ले में दो चार यार रखना, अरे घर से सहेली के यहाँ जाने का बहाना करके निकली, घंटे दो घंटे के लिए , एक दो यारों के साथ कबड्डी खेल के आ गयी, छत पर चढ़ गयी तो वहीँ से नैन मटक्का, रात को खिड़की खोल के रखना, चालू हो गया. तो असली बात ये ही पूरे मोहल्ले में ये बात फ़ैल जाए की दूकान खुल गयी बल्कि चल भी रही है, दिन रात तो असली बात बनेगी न , और उसकी कॉलेज वाली, जीजीआईसी वाली तो ये बात बांटने से रही,... " बात कम्मो की पूरी तरह दुरुस्त थी, उसने ड्रिंक्स इंटरवल किया और बात आगे बढ़ाई,
30-11-2023, 03:22 PM
पहला फायदा
बात कम्मो की पूरी तरह दुरुस्त थी, उसने ड्रिंक्स इंटरवल किया और बात आगे बढ़ाई, " लड़कियों के छिनारपने की बात सबसे ज्यादा कौन करतीं हो, थोड़ी बड़ी उम्र की शादी शुदा औरतें, एक तो बेचारियों पर कोई लाइन वाइन नहीं मारता,कभी होली दिवाली को देवर नन्दोई हाथ वाथ लगा दें , रंग लगाने के नाम पर ब्लाउज में हाथ वाथ डाल दें उससे ज्यादा कुछ भी नहीं,... दूसरी बात पर निंदा का सुख , तो चमेलिया के उस पार्लरवा में का तो नाम है, हाँ चांदनी सब इसी तरह की औरतें आती हैं कई तो उसी गली मोहल्ले की, बस फेशियल करवाते , मालिश करवाते, उस के बस कान में, आप को मालूम है,... वो नकचढ़ी जो लड़कों को भाव नहीं देती थी,... हाँ वही,... जो तीन पल्ले का दुपट्टा ओढ़ के कबूतर छिपाती थी, की कहीं धूप भी लग जायेगी तो छोटे होजाएंगे बेचारे , अरे हाँ वही गोरकी, पतरकी,... अपने को न जाने क्या समझती थी, अरे एक लड़के से फंसी है,... अरे सच्ची जिसकी कसम खाइये उसकी,... अरे खूब गप्पगप्प घोंटती है, फिर डिटेल्ड डिस्क्रिप्शन, और वो औरत सोच सोच के गीली हो जायेगी, .. फिर अगली किटी पार्टी में बांटेगी, दस पंदह दिन में घर घर की कहानी, फिर एक सबसे बड़ी बात चमेली चांदनी पार्लर की कोई गप्प झूठी नहीं होती, चमेली और उसकी लड़कियां जब तक अपनी आँख से, एकदम पक्की तभी वो किस्से कहानी सुनाती हैं , आधी औरतें तो इसी लिए, .... और किस्से भी पूरे डिटेल्ड डिस्क्रिप्शन के साथ, कैसे चीखी , कैसे सिसकी भर रही थी, मिर्च मसाला ऊपर से , स्वादानुसार कम्मो की बात मैं मान गयी लेकिन अपनी आँख से, ... कैसे और यही बात जो मैंने कम्मो से पूछी तो वो बात टाल गयी , बल्कि आगे बढ़ा दिया, मुस्करा के बोली , अरे चमेलिया मेरी पक्की सहेली है हो जाएगा उसका भी भी जुगाड़, बताती हूँ , लेकिन बताओ फायदा है न चांदनी पार्लर वाली को साथ मिलाने का, और अभी तो मैंने पहला फायदा बताया, ननद रानी को मशहूर करने का,... बात कम्मो की एकदम सही थी , एक बार अपने मोहल्ले में मशहूर हो गयी अच्छी तरह से की लौंडों से फंसी है , चलती है , फिर तो वो चाह के भी अपनी शलवार का नाड़ा नहीं बाँध पाएगी, उसकी गली के यार बाँधने ही नहीं देंगे, और एक तो उसके लिए आसानी, थोड़ी देर के लिए जाने का बहाना कर के , एक दो राउंड अपने यारों के साथ,... और उससे भी ज्यादा उसके यारों का फायदा, बेचारे जब जोबन उसके चूजे ऐसे थे तब से लाइन मार रहे थे, अब जब दबाने मसलने का मौका आया तो कोई और, और मैं सोच रही थी , पहले तो चमेली की मसाज वाली लड़कियां, और उस के बाद जब वो खुद गली मोहल्ले के लौंडो के सामने स्कर्ट फ़ैलाने लगेगी, तो फिर उनकी बात भी सही होगी और वो और ज्यादा मिर्च मसाला लगा के, फिर पार्लर में आने वाली औरतों की किटी में सिर्फ उसी गली मोहल्ले की थोड़े ही आती होंगी , आस पास के मोहल्लों में भी, पहला फायदा तो सही सोचा था कम्मो ने , और दूसरा फायदा, मैं अपने को नहीं रोक पायी और कम्मो ने दूसरा फायदा भी गिनवाना शुरू कर दिया। मैं बेताबी से कम्मो की बात सुन रही थी, " देखो कउनो लौंडिया हमारे तोहरे ससुराल क चोदवासी होती है तो ओके का चाही और कौन दिक्कत होती है , ... " मैं चुप रही मैं जानती थी जवाब वही देगी, और वही हुआ , कुछ देर तक मुझे देखने के बाद मुस्कराकर बोली,...
30-11-2023, 03:23 PM
और दूसरा फायदा,
कम्मो की बात मैं मान गयी लेकिन अपनी आँख से, .चमेलिया देखेगी ननद के ऊपर चढ़ते तभी जा के, ... .. कैसे और यही बात जो मैंने कम्मो से पूछी तो वो बात टाल गयी , बल्कि आगे बढ़ा दिया, मुस्करा के बोली , "अरे चमेलिया मेरी पक्की सहेली है हो जाएगा उसका भी भी जुगाड़, बताती हूँ , लेकिन बताओ फायदा है न चांदनी पार्लर वाली को साथ मिलाने का, और अभी तो मैंने पहला फायदा बताया, ननद रानी को मशहूर करने का,..." और दूसरा फायदा, मैं अपने को नहीं रोक पायी और कम्मो ने दूसरा फायदा भी गिनवाना शुरू कर दिया। मैं बेताबी से कम्मो की बात सुन रही थी, " देखो कउनो लौंडिया हमारे तोहरे ससुराल क चोदवासी होती है तो ओके का चाही और कौन दिक्कत होती है , ... " मैं चुप रही मैं जानती थी जवाब वही देगी, और वही हुआ , कुछ देर तक मुझे देखने के बाद मुस्कराकर बोली,... " ये मत कहना लंड, अरे हमरे तोहरे ससुराल क कुल मरद ससुरे नंबरी बहिनचोद हैं और लौंडिया सब भाई चोद, और फिर हमरे तोहरे भाई तो लंड का कउनो कमी नहीं, और खुजली तो यहाँ क लौंडियन क झांट आवे के पहले से, तो पहले एक डर था की कहीं पेट न रह जाए, तो अब उसकी गोली, कंडोम,... तो अब वो भी नहीं, तो असली बात ये है आखिर चुदवावे तो कहाँ, अरे कौन हमार तोहार गांव तो है ना की गन्ने का खेत, अरहर, गझिन अमराई,, तो ये परेसानी गुड्डी रानी के सामने भी तो आएगी न २१ दिन बाद, २१ दिन का तो ये बढ़िया पिलानिंग हमरे ननदिया के लिए कर दी और देखना सवा सौ पार करेगी, ... " बात उनकी एकदम सही थी , एक बार दूकान खुल गयी, ग्राहक आने लगे तो फिर दुबारा तो शटर डाउन नहीं होगा और होना भी नहीं चाहिए, ये तो मैंने सोचा भी नहीं था, २१ दिन में तो हमारी ननद एकदम पॉपुलर हो जाएंगी, यारों की कोई कमी नहीं रहेगी, और रोज चार पांच चढ़ेंगे तो उसको भी बिना लम्बे मोटे नींद नहीं आएगी , पर एक बार जेठानी सास लौट आएँगी और वो अपने घर लौट जायेगी,... तो जगह कहाँ मिलेगी टाँगे उठाने के लिए, कोई तो जगह चाहिए फिर चांदनी पार्लर में जब उसकी तारीफ़ होने लगेगी तो गली मोहल्ले के लौंडे , अगल बगल के मोहल्ले में भी, पर कबड्डी होगी कहाँ , बात कम्मो की एकदम सही थी, और कम्मो ने फिर बोलना शुरू किया, " देखा, एक तो हमार कोठरिया है ही पीछे वाली, लेकिन हफ्ता में एक दो दिन तो, पर ओकरे बाद,... कहीं आते जाते घर के लोग , तोहार जेठानी,... कोई भी पूछ सकता है , फिर उसके मोहल्ले से इतना दूर, तो इसी लिए चमेलिया क जउन चांदनी पार्लरवा है वो सबसे फिट जगह है, ज्यादा टाइम भी नहीं , घर के एकदम पास में, फिर कोई आते जाते देख लेगा, तो बोल देगी, चमेली भौजी के यहाँ थ्रेडिंग कराने गयी थी,... और पास में एक सिलाई मशीन वाला कॉलेज है, एक म्यूजिक टीचर रहती है , उनके यहाँ भी, हफ्ते में तीन दिन सीना पिरोना , तीन दिन गाना बजाना, बस उसके बहाने भी, .... " बात तो कम्मो की एकदम सही थी , ख़ास तौर से जो उसकी अपनी गली मोहल्ले के यार होंगे उनके साथ मस्ती करने के लिए, लेकिन फिर मैंने पूछ लिया, " पर पार्लरवा में जगह कहाँ,... " कम्मो ने पूरी बात सुने बिना, जवाब दे दिया, " अरे चमेलिया बड़ा मस्त छत पर बनवायी है, जउन तोहार कमरा है एकदम उहै साइज, खूब चौड़ा बेड, दो जोड़ा साथ कबड्डी खेलें,... सामने खूब बड़ा शीशा, पूरा एसी,... और पार्लर के बगल में एक दरवाजा है सीधे वहीँ से सीढ़ी और ऊपर,... किसी को पता भी चलेगा, अपने खास क्लाएंट के लिए तो ननद से बढ़ के ख़ास कौन हो सकता है। " अब मेरे चुप होने की बारी थी , और कम्मो ने कुछ और अल्टेरनेटिव भी बता दिए, और पार्लर में भी मसाज वाले, उस में भी ठीक ठाक,... ठोंकने के लिए बहुत जगह होती है , चुदवास लगने पर तो गन्ना क खेत और मक्का बाजरा में लौंडियाँ टांग उठा देती हैं , कार के पीछे वाली सीट पर, तो ओसे से तो ज्यादा जगह है , फिर शुद्ध कडुवा तेल कोल्हू वाला,... " हम दोनों हंसने लगे , सच में ये बड़ा सही इंतजाम हो जाएगा ननद रानी के लिए। और अंत में कम्मो ने तीसरा फायदा भी गिना दिया।
30-11-2023, 03:25 PM
तीसरा फायदा
कम्मो ने पूरी बात सुने बिना, जवाब दे दिया, " अरे चमेलिया बड़ा मस्त छत पर बनवायी है, जउन तोहार कमरा है एकदम उहै साइज, खूब चौड़ा बेड, दो जोड़ा साथ कबड्डी खेलें,... सामने खूब बड़ा शीशा,बिस्तर पर की सारी कबड्डी शीशे में साफ़ साफ कबड्डी खेलने वाले देख सकते हैं, पूरा एसी,... और पार्लर के बगल में एक दरवाजा है सीधे वहीँ से सीढ़ी और ऊपर,... किसी को पता भी चलेगा, अपने खास क्लाएंट के लिए,... तो ननद से बढ़ के ख़ास कौन हो सकता है। " अब मेरे चुप होने की बारी थी , मैं मन ही मन सोच रही थी सही बात है , २१ दिन के बाद जब सब लोग घर वापस आ जाएंगे तो गुड्डी के और उसके यारों के लिए किसी जगह का इंतजाम तो होना ही चाहिए था , और इससे बढ़िया क्या होगा, और कम्मो ने कुछ और अल्टेरनेटिव भी बता दिए, और पार्लर में भी मसाज वाले, अरे जहाँ लड़कियां सब मसाज करती हैं , तीन तीन केबिन हैं, अक्सर एक दो तो खाली ही रहते हैं,..,उस में भी ठीक ठाक,... ठोंकने के लिए बहुत जगह होती है , चुदवास लगने पर तो गन्ना क खेत और मक्का बाजरा में लौंडियाँ टांग उठा देती हैं , कार के पीछे वाली सीट पर, तो ओसे से तो ज्यादा जगह है , फिर शुद्ध कडुवा तेल कोल्हू वाला,... " हम दोनों हंसने लगे , सच में ये बड़ा सही इंतजाम हो जाएगा ननद रानी के लिए। और अंत में कम्मो ने तीसरा फायदा भी गिना दिया। एक बात तो मैं जानती थी, चमेली गुड्डी की शलवार का नाड़ा खोलने के लिए बेताब थी, लेकिन कौन भौजाई नहीं थी। जो ननदें शलवार का नाड़ा खुलवाने में में ज्यादा नखड़ा करती हैं , भौजाइयां उन्ही के पीछे ज्यादा पड़ती हैं, फिर गुड्डी तो उसी गली मोहल्ले की थी, और रूप जोबन भी जबरदस्त, सबसे बढ़कर वो छनछनाती भी बहुत थी, छूने की बात दूर अगर कोई 'असली वाली ' गारी उस का नाम ले के, ये बात मुझे पहले दिन से ही पता चल गयी थी, इसलिए शादी के तीसरे दिन, जब छत पर गाने गाने का प्रोग्राम हुआ, शुरू तो फ़िल्मी और सीधे साधे गानों के बाद जब असली गारियाँ शुरू हुयी तो मैंने चुन के अपनी छोटी ननदी को चुना , और वही तो एक ननद थी जो इस शहर में मेरे साथ रहने वाली थी, और चमेली ने मेरा खूब खुल के साथ दिया, और उस दिन कूंवा झाँकने की रस्म में भी,... फिर मैं भी उस के घर भी गयी, उस की सास बहुत इसरार करके गयी और वो कोल्हू भी देखा जिसका पेरा कड़ुवा तेल, दिन दहाड़े और रात रात भर,... और ये भी मुझे धीरे धीरे पता चल गया की वो कन्या प्रेमी भी है, और कन्या प्रेमी महिलाओं की ख़ास पसंद तो कच्ची कलियाँ होती है और वो भी जो बहुत हाथ पैर फेंकती हो,... लेकिन जो कम्मो ने बात बतायी वो मैं सोच भी नहीं सकती थी। कम्मो बोली की काम कला ने चमेली उससे भी दस हाथ आगे थी, जिस तरह से कम्मो ने अपने देवरों की ली थी, मैं मान नहीं सकती थी की कोई कम्मो से भी ज्यादा , लेकिन कम्मो ने फिर हाल खुलासा बताया तो मेरी आँखे खुली रहगयी, जो मैगी नूडल होते हैं न, टू मिनट वंडर, उनको भी चमेली मैडम ऐसे विश्वास दिला देतीं हैं की अपने जिले के सबसे जबरदस्त सांड़ वही हैं, और कहीं मुश्किल से कोई तगड़ा मरद भिड़ गया ( मैंने इनकी तारीफ़ सुनने के लिए कम्मो को चिढ़ाया , आपके देवर जैसा,... तो दस बातें सुनने को मिल गयीं,... की उसने बहुत देखें हैं , लेकिन कम्मो के देवर यानी इनसे, सब १९ नहीं है १६-१७ होंगे , और कम्मो तो सेंसर बोर्ड के सख्त खिलाफ थी तो लम्बाई मोटाई कड़ापन सब बखान दिया उसने ) तगड़े का मतलब ७ या ७ + वाले जो दस बारह मिनट तक टिकने वाले हों, उन्हें भी वो बस जब उस की मर्जी होती तो तब निपटा सकती थी. लेकिन कम्मो की एक बात जिसकी मैं सबसे ज्यादा कायल हो गयी, वो थी एरोजीनस प्वाइंट , जो हर मरद या या औरत के अलग अलग होते हैं, लेकिन उनको पहचानना सबके बस की बात नहीं। लेकिन उससे बड़ी बात है मरद हो या औरत वो सिर्फ अपने मज़े के चक्कर में रहते हैं, औरत ने कहीं दो चार बार झूठ मूठ की भी सिसकी भर दी, तो अपने को पंचायती सांड़ समझने लगते हैं , और यही बात औरतों के लिए भी उतनी ही सही है, मेरी गुरुआइन ( और कौन रीतू भाभी ) कहतीं थी , अरे अब चाकू छुरी का जमाना चला गया, राकेट मिसाइल का जमाना है , बिना छुआ छुअन के जो लड़की दूर से आँखों से , मुस्करा के , दुपट्टा ठीक कर के साड़ी का पल्लू गिरा के, मुस्करा के लड़के का खड़ा न कर दे,... तो बस कम्मो के अनुसार चमेली उस तरह की थी। देह का सारा भूगोल , का कहते हैं आजकल हाँ केमिस्ट्री सब कुछ उसको मालूम है , और एक बार अगर गुड्डी उसके साथ तो एक एक चीज वो उसको सिखा देगी , और उसके बाद कम्मो ने कहा वो एकदम अनुभव का निचोड़ था , वो बोली,... उभार बस छोटे छोटे उभरने शुरू ही होते हैं , तो लड़के सीटी बजाने, कमेंट करने, रेशमा जवान हो गयी गाने लगते हैं, भले ही घर में वो सहेलियों के साथ सातगोट्टी खेलती हो, घर वाले बच्ची समझते हों, पर गली के लड़के उसे जवान होने का जोबन के आने का अहसान दिला देते हैं, और कपडे बदलते समय, नहाते समय वो अपने उभारों को छू के देखना, सहलाना शुरू कर देती है,... इसके बाद अगली स्टेज तब आती है जब कुछ दिनों में हाईकॉलेज तक पहुँचते पहुँचते लड़के सीरियस होने लगते हैं, कोई भाभी, बड़ी बहन पहली ब्रा खरीद देती है, कभी कोई पड़ोसन दुप्पटा ठीक से लेने के लिए टोंक देती है, ... लड़के फिर कॉलेज के सामने खड़े होना, कॉलेज तक आना जाना, और पटाने के लिए,... " गुड्डी अभी तक जिस हालत में है " मैंने उदाहरण पेश किया। "एकदम, अपनी क्लास की सबसे जबरदस्त माल है, तो भौंरे भी सबसे ज्यादा, लेकिन अगर उसे देना नहीं शुरू किया तो लड़के कुछ दिन में हिम्मत हार के दूसरी लड़की पर चक्कर काटना शुरू कर देंगे, लेकिन जैसे ही वो एक के सामने भी टांग फैला देगी, बस बाकी भी, लड़कों को लगेगा थोड़ी सी मेहनत करने पर दे देगी, तो और... फिर कुछ और को अगर उसने दे दिया तो , फिर और , भौरों की लाइन लगी रहती है , लेकिन जानती हो कुछ दिन बाद साल दो साल बाद एक अलग परेशानी शुरू होती है,... " कम्मो बहुत सीरियसली बोली ये बात मेरी समझ में नहीं आयी और मैंने पूछ लिया, और कम्मो ने जो जवाब दिया वो एकदम सही था. दो चार बार चढ़ने के बाद लड़कों को लगता है ये एकदम रूटीन है , आसानी से मिल जा रही है तो उनका इंट्रेस्ट कम होने लगता है, एकदम जैसे पति पत्नी के रिश्तों से दो चार साल के बाद सेक्स कम होने लगता है,... और इधर उधर, जो काल गर्ल में मसाज पार्लर में वो सेक्स से ज्यादा रिलेशनशिप के लिए , अपने को इम्पोरटेंट फील करने के लिए , जो रोमांस उनके अपने संबंध में नहीं मिलता उसे पाने के लिए... और उस में भी अगर कोई लड़की काम कला में निपुण है , जो सेक्स को मैकेनिकली नहीं ट्रीट करती , की बस एक काम करना है , एक बॉक्स टिक कर दिया और उसके इरोजीनस जोन्स को उत्तेजित कर के हर बार नया मजा देता है , तो लड़का उसके पीछे पीछे चक्कर काटेगा, तो वो सारी ट्रिक चमेली गुड्डी को सीखा सकती है , मजे देने के भी मजे लेने के भी और लौंडो को पहचानने के भी कौन ६ + है , किसके आगे टाँगे फैलानी है, किसे सिर्फ चुम्मा चाटी में टिका देना है। बात कम्मो की एकदम सही थी, और तीनो बाते कम्मो ने एकदम सही बतायी थी लेकिन जो अगली बात उसने बतायी मैं सोच भी नहीं सकती थी। 237 256135
30-11-2023, 10:58 PM
30-11-2023, 11:04 PM
तीनों फायदे इतने फायदेमंद हैं कि अगली बात जानने के लिए उत्सुक हूं
04-12-2023, 09:46 AM
04-12-2023, 10:41 AM
चमेली
" गुड्डी अभी तक जिस हालत में है " मैंने उदाहरण पेश किया। "एकदम, अपनी क्लास की सबसे जबरदस्त माल है, तो भौंरे भी सबसे ज्यादा, लेकिन अगर उसे देना नहीं शुरू किया तो लड़के कुछ दिन में हिम्मत हार के दूसरी लड़की पर चक्कर काटना शुरू कर देंगे, लेकिन जैसे ही वो एक के सामने भी टांग फैला देगी, बस बाकी भी, लड़कों को लगेगा थोड़ी सी मेहनत करने पर दे देगी, तो और... फिर कुछ और को अगर उसने दे दिया तो , फिर और , भौरों की लाइन लगी रहती है , लेकिन जानती हो कुछ दिन बाद साल दो साल बाद एक अलग परेशानी शुरू होती है,... " कम्मो बोली ये बात मेरी समझ में नहीं आयी और मैंने पूछ लिया, और कम्मो ने जो जवाब दिया वो एकदम सही था. दो चार बार चढ़ने के बाद लड़कों को लगता है ये एकदम रूटीन है , आसानी से मिल जा रही है तो उनका इंट्रेस्ट कम होने लगता है, एकदम जैसे पति पत्नी के रिश्तों से दो चार साल के बाद सेक्स कम होने लगता है,... और इधर उधर, जो काल गर्ल में मसाज पार्लर में वो सेक्स से ज्यादा रिलेशनशिप के लिए , अपने को इम्पोरटेंट फील करने के लिए , जो रोमांस उनके अपने संबंध में नहीं मिलता उसे पाने के लिए... और उस में भी अगर कोई लड़की काम कला में निपुण है , जो सेक्स को मैकेनिकली नहीं ट्रीट करती , की बस एक काम करना है , एक बॉक्स टिक कर दिया और उसके इरोजीनस जोन्स को उत्तेजित कर के हर बार नया मजा देता है , तो लड़का उसके पीछे पीछे चक्कर काटेगा, तो वो सारी ट्रिक चमेली गुड्डी को सीखा सकती है , मजे देने के भी मजे लेने के भी और लौंडो को पहचानने के भी कौन ६ + है , किसके आगे टाँगे फैलानी है, किसे सिर्फ चुम्मा चाटी में टिका देना है। बात कम्मो की एकदम सही थी, और तीनो बाते कम्मो ने एकदम सही बतायी थी लेकिन जो अगली बात उसने बतायी मैं सोच भी नहीं सकती थी। एक्सपैंशन प्लान, जबरदस्त, चांदनी पार्लर में जो महिलाएं आती थी उसमें से एक, जैसे उनका नाम बताया मैं चौंक पड़ी, वो भी. उमर में मेरी सास के बराबर होंगी एक दो साल ऊपर नीचे। खूब गोरी, तन्वंगी नहीं, लेकिन स्थूल भी नहीं, भरी भरी देह, शहर के सबसे बड़े बिजनेस परिवार की मालकिन, बिजनेस पूरे स्टेट में फैला था और यहाँ पर भी, रियल एस्टेट , बड़ी कंपनियों की डिस्ट्रीब्यूटरशिप, गर्वमेंट कॉन्ट्रेक्ट, नौकर चाकर काम देखते थे, और मेरी सास उनके बारे में काफी रंगीन कहानियां भी सुनाती थीं, एक दो नौकरानियां उनकी खास मुंहलगी थी उनसे बिना मालिश करवाए, उन्हें नींद नहीं आती थी। . लेकिन अब वो चमेली और चांदनी पार्लर की मुरीद हो गयी थीं , हर तीसरे चौथे, तो उन्ही का एक बड़ा सा मॉल बन रहा था, जहाँ हम लोगों का घर था उसी के पास,... तो उसी मॉल में, नाम वाम तो चमेली का रहेगा, कोई लिमिटेड वाली कम्पनी, लेकिन फायेनिंसग सब उन्ही की, सायलेंट पार्टनर,... और सबसे एक अलग बात थी कम्मो ने बोला सपा... मैंने हंस के सही किया स्पा, ... वो तो, लेकिन कम्मो फिर चालू हो गयी क्या कहते हैं किसी की फरंचाईजी भी, ... लेकिन एक ख़ास बात ये भी की चलेगी उसमे चमेली की ही , स्टाफ , रेट बाकी सब कुछ वही तय करेगी, ... हाँ जब प्रॉफिट शुरू होगा तो पहले साल चवन्नी का प्रॉफिट चमेली को और अगले साल से अठन्नी का,... मैं कम्मो का मतलब समझ रही थी अभी नहीं तो दो चार साल में चमेली का रसूख, ... और अगर हमारी ननद इस तरह खुल के खेलेंगी तो उन्हें भी तो कोई साथ , किसी मक्खी को दूध से निकाल रही हों और वो निकलने को नहीं तैयार हो, कोई एम् एम् एस वाला आ जाए , और यह सब मसले तो घर में बताये नहीं जा सकते , .... तो उसकी दोस्ती वहां भी बहुत हेल्प करेगी। मान गयी मैं कम्मो के इस चमेली वाले प्लान को भी, एकदम लांग टर्म सही सोच , लेकिन एक बात अभी भी मुझे साल रही थी, चमेली को पिक्चर में लाएंगे कैसे और कम्मो के पास उस सवाल का जवाब भी था, बिना देखे और चखे, चमेली हम लोगों के पास नहीं आने वाली थी, और बिना उसके आये न तो ननद रानी अपनी गली मोहल्ले में मशहूर होतीं, न टाँगे फैलाने के लिए उन्हें कोई पक्का अड्ड़ा मिलता और सिखा पढ़ा के चमेली उसे और पक्का करती वो अलग,
04-12-2023, 10:43 AM
कम्मो और चमेली
चमेली को पिक्चर में लाएंगे कैसे और कम्मो के पास उस सवाल का जवाब भी था, बिना देखे और चखे, चमेली हम लोगों के पास नहीं आने वाली थी, और बिना उसके आये न तो ननद रानी अपनी गली मोहल्ले में मशहूर होतीं, न टाँगे फैलाने के लिए उन्हें कोई पक्का अड्ड़ा मिलता और सिखा पढ़ा के चमेली उसे और पक्का करती वो अलग, कम्मो और चमेली की दोस्ती तो पक्की थी , फिर जब सब लोग चले जाएंगे और सिर्फ कम्मो रह जायेगी तो और मौज मस्ती, फिर मेरी छुटकी ननदिया को देख देख के चमेली के भी तो मुंह में न जाने कब से पानी आता था तो बस, अगले ही हफ्ते, जब फिफ्टी फिफ्टी ( ज्योति -नीतू ) और उस के यारों के साथ खुल के दिन रात कबड्डी होने लगेगी, ... गुड्डी रानी के अपने भौंरे भी, तो बस उसी में, जा दो दो लौंडे एक साथ चढ़े रहेंगे या उसके बाद, ... ननद रानी की दोनों बिल अगवाड़े पिछवाड़े, छोटी छोटी चूँचियों पर, गोरे चम्पई गालों पर, मरदों क मलाई फैली रहेंगी तो उसी समय कम्मो चमेली, दोनों ,... फिर दोनों बहुत प्यार दुलार से, चिढ़ाए , पुचकार के, ... चुम्मा चाटी नहाना धोना, चमेली अपने हाथों से रगड़ रगड़ के मुल्तानी मिटटी से, तेल फुलेल, और फिर कम्मो उसे सिर्फ चमेली के हवाले कर के, नीचे खाना लगाने,... और एक बार चमेली का हाथ पड़ जाये तो लड़का हो या लड़की उसे पिघलते देर नहीं लगती।चूत और गाँड़ दोनों चटवाने में तो जबरदस्त है, चटवायेगी , चुसवायेगी और सिखाएगी भी ननदिया को फिर चमेली और कम्मो के साथ प्लानिंग, चमेली खुद ऑफर देगी हर दूसरे तीसरे दिन उसके यहाँ की लड़की कोई आके मालिश कर देगी , एकदम अंदर तक ,कित्ते भी मरद चढ़े होंगे , सारी थकान जायेगी। और जो मालिश करने आएँगी वो भी चूसम चुस्सव्वल खेलेंगी. और एक बार मालिश हो गयी तो फिर तो, उसके बाद दो चार लौंडे एक साथ, और वो स्साले क्या चढ़ेंगे उसके ऊपर, वो खुद उन्हें चोद देगी। पर वो लड़कियाँ कोई ऐसी वैसी नहीं थीं, उन्हें लड़कियों के देह का भूगोल, रसायन शास्त्र और एक एक इंच के बारे में मालूम था, खेली खायी अधेड़ औरतों का पानी वो मिनटों में निकाल देती थीं, गुड्डी रानी तो एकदम नयी बछेड़ी थीं. कन्या रस में एकदम पारायण, एरोटिक मसाज , तांत्रिक मसाज और साथ में चांदनी पार्लर के ख़ास तेल फुलेल, चमेली ने मेरी ननद को साफ़ साफ़ समझाया था असली जादू जोबन का है जल्द से जल्द ३२ सी से ३४ सी फिर डी, कुछ काम तो लौंडे कर देंगे मल मल के, मीज मीज के, लेकिन असली चीज है उन्हें टनाटन रखना, एकदम खड़े, उलटे दूध के कटोरे, और उसके लिए सही मालिश, क्रीम एक्सरसाइज और फिर साथ में खूब पतली कमर जिससे जोबन और उभर के दिखें, १० इंच का न हो तो आठ इंच का अंतर् तो होना ही चाहिए, और साथ में चौड़े चूतड़, लेकिन एकदम फर्म लौंडा मार्का,... लेकिन उन लड़कियों का काम सिर्फ मालिश करना, थकान मिटाना ही नहीं था, उन्हें पक्की दोस्ती भी कर लेनी थी, देह के रस्ते मन मन में उतर जाना था, और वो सब गुड्डी की समौरिया ही समझिये, दो तीन साल ज्यादा से ज्यादा बड़ी, और साथ ही उसे कन्या रस के गुर भी सिखाना, मजे लेना से ज्यादा मजे देना, और दो तीन दिन में चमेली भी, अपनी लड़कियों का सिखाया जांचने परखने के लिए,... और उस जवान होती कन्या की देह का भरपूर रस लेने के लिए, तबतक मेरी निगाह घड़ी पर गयी, टी टाइम , नीचे से जेठानी जी की गुहार आती ही होगी,... पावर प्वाइंट की आखिरी स्लाइड की तरह मैंने झट से रिकैप किया, कल सुबह निकलने के पहले मेरी और कम्मो की ये आखिरी स्ट्रेटिजिक सेशन थी, हम दोनों की ननदिया के लिए,
04-12-2023, 10:44 AM
रिकैप
तबतक मेरी निगाह घड़ी पर गयी, टी टाइम , नीचे से जेठानी जी की गुहार आती ही होगी,... पावर प्वाइंट की आखिरी स्लाइड की तरह मैंने झट से रिकैप किया, कल सुबह निकलने के पहले मेरी और कम्मो की ये आखिरी स्ट्रेटिजिक सेशन थी, हम दोनों की ननदिया के लिए, होली की रात, सात साढ़े सात बजे, दिन भर सहेलियों के साथ होली खेल कर मस्ती से भरी,... सासू जी और जेठानी जी के जाने के पहले वो आजायेगी और उसके आने के बाद आधे पौन घंटे के अंदर ये लोग स्टेशन के लिए निकल देंगे २१ दिन के लिए, मैंने बोला, और उनके जाने के बाद खुली छत पर पूनो की चाँद में नहायी उस चम्पई देह के साथ, सिर्फ देह की होली, भौजाई और किशोरी ननद की देह,... तीन बार एकदम पागल करके, उसके बिना झड़े, दूज की चाँद सी गुलाबी कसी चूत और बिन फटी गाँड़ में उस अघोड़ी वाली भस्म, चुटकी भर नहीं, भरपूर,... थोड़ा सा उसके जोबन पर, वैसे ही प्यासी सुला दूंगी,... ( बताया तो था कम्मो ने उस भस्म का असर, पूनो की रात, खुले चाँद के नीचे, किसी बिनब्याही लड़की के अगवाड़े पिछवाड़े चुटकी भर डालदेने से वो जबदस्त चुदवासी, दो चार घण्टे में ही उस का असर और फायदे भी बहुत थी, कित्ती भी चूत चुदे, गाँड़ मारी जाए, एकदम कुँवारी की तरह लगेगी, वैसी ही टाइट, कोई रोग दोष नहीं, बिना कंडोम के भी हर तरह की रक्षा, और हाँ अगर पांच दिन तक लगातार वो भस्म अगवाड़े पिछवाड़े लगे , और उसके बाद २४ घंटे के अंदर अगवाड़े पिछवाड़े मलाई भर जाये तो फिर तो ये असर परमानेंट, वो खुद लौंड़े ढूंढेगी, ... और जितने लौंड़े खायेगी उतना ही उसकी चूत की भूख बढ़ेगी ) कम्मो बोली, मेरे सामने बार बार उस पठान लौंडे की तस्वीर घूम रही थी, बी ए में पढ़ने वाला क्या बॉडी है क्या जबरदस्त औजार, और नाश्ते में जावेद, गुड्डी रानी का पिछवाड़ा फटेगा सुबह सबेरे, मैंने जोड़ा फिर दोनों पठान , मेरे गाँव के , पिछवाड़ा जबरदस्त फटेगा ननद रानी का, और ट्रिपलिंग अलग दिन भर, ... पूरे दिन का, सोमवार का प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया , और अगले दिन उसी हालत में ननद रानी कॉलेज जाएंगी, उसकी सब सहेलियों को पता चल जाएगा , होली की छुट्टी में शटर आगे पीछे दोनों साइड का खुल गया है , बिना ब्रा के टाइट टॉप में, और शाम को वो उसका भौंरा आएगा, पहली बार अपने यार के सामने टांग फैलाएंगी ननद रानी,... मैंने कॉलेज खुलने वाले दिन का खाका खींच दिया , और अगले तीन चार दिन में उसके दो तीन भौंरे चढ़ेंगे उसके ऊपर और आठ दस हमारे तेरे भाई ,... कम्मो ने पूरे हफ्ते का खाका खींच दिया, कुल तीन हफ्ते का प्रोग्राम था, ... और मैंने भी एक बार फिर नोट कर लिया घर पहुँचते ही मुझे किस पुरवा की किन भौजाई से , किस काम वाली से अपनी ननद के लिए यारों का इंतजाम करना है , ... फिर ज्योति और नीतू दोनों फिफ्टी फिफ्टी , वीकेंड में और पिकनिक घर में ही, उसके कॉलेज की उसकी क्लास की सब छंटी छिनारऔर उनके सामने ही, , क्या कहते हैं गैंग बैंग , तो फिर दूसरे हफ्ते में अपने कॉलेज में तो मशहूर हो ही जायेगी , और उसी हफ्ते में चमेली का भी चक्कर, गली मोहल्ले में भी पता चल जाएगा दूकान न सिर्फ खुल गयी है बल्कि दिन दूनी रात चौगुनी चल रही है,... दूसरे हफ्ते का पूरा प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया, लेकिन तभी नीचे से जेठानी की आवाज आयी, चाय और हम दोनों नीचे। पैकिंग तो कब की पूरी हो गयी थी. कम्मो पीछे अपनी कुठरिया में और मैं जेठानी जी चाय के साथ हम दोनों की सास को छेड़ रहे थे, २१ दिन की टूर में क्या प्रोग्राम रहेगा उनका। T
04-12-2023, 10:47 AM
प्लानिंग भी पूरी तैयारी, तैयारी भी पूरी
फिर दोनों पठान , मेरे गाँव के , पिछवाड़ा जबरदस्त फटेगा ननद रानी का, और ट्रिपलिंग अलग दिन भर, ... पूरे दिन का सोमवार का प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया , और अगले दिन उसी हालत में ननद रानी कॉलेज जाएंगी, उसकी सब सहेलियों को पता चल जाएगा , होली की छुट्टी में शटर आगे पीछे दोनों साइड का खुल गया है , बिना ब्रा के टाइट टॉप में, और शाम को वो उसका भौंरा आएगा, पहली बार अपने यार के सामने टांग फैलाएंगी ननद रानी,... मैंने कॉलेज खुलने वाले दिन का खाका खींच दिया , और अगले तीन चार दिन में उसके दो तीन भौंरे चढ़ेंगे उसके ऊपर और आठ दस हमारे तेरे भाई ,... कम्मो ने पूरे हफ्ते का खाका खींच दिया, और मैंने अपना काम भी सोच लिया था, कल सुबह मैं पहुँच ही जाउंगी, तो पहुंचते ही पहला काम, गाँव जवार के सबसे तगड़े लौंडे, अहिराना से कम से कम दो, और मैंने मन ही मन जोड़ना शुरू कर दिया था, .... मेरा कोई सगा भाई तो था नहीं तो गाँव के रिश्ते से जो भाई लगते, अरे भौजाई कौन जो ननद पर अपने भाई न चढ़ाये, सात आठ तो कम से कम, और ज्यादा हो जाएंगे तो सोने में सुहागा, अरे अब सड़क अच्छी हो गयी है, ढाई घंटे में बनारस से सीधे यहां सुबह की बस से आके, रात में वापस, .. होली वाली रात तो ननद रानी आएँगी ही, सोमवार के लिए जावेद और उन दो पठानों को बुलौवा दे ही रखा है, मंगल को उसका कॉलेज खुलेगा, तो बुध से मेरा इंतजाम रोज दो तीन,... नउनिया की बहू को सबसे ज्यादा अंदाज है गाँव में , आसपास की पट्टी में सबसे चोदू लौंडे कौन हैं , कल पहुँचते ही ननद का बयाना दे दूंगी ,... और फिर मेरी गाँव की सहेलियां भी तो हैं उन सबको तो आज ही फोन लगाती हूँ,... और ननद रानी की जो हॉट हॉट फोटुएं हैं , एक दो टॉपलेस वाली भी, अरे मेरी और कम्मो ऐसी भाभी के रहते, ननद को यारों की कमी पड़े, ... कुल तीन हफ्ते का प्रोग्राम था, ... और मैंने भी एक बार फिर नोट कर लिया घर पहुँचते ही मुझे किस पुरवा की किन भौजाई से , किस काम वाली से अपनी ननद के लिए यारों का इंतजाम करना है , ... फिर ज्योति और नीतू दोनों फिफ्टी फिफ्टी , वीकेंड में और पिकनिक घर में ही, उसके कॉलेज की उसकी क्लास की सब छंटी छिनार क्या कहते हैं गैंग बैंग , तो फिर दूसरे हफ्ते में अपने कॉलेज में तो मशहूर हो ही जायेगी , और उसी हफ्ते में चमेली का भी चक्कर, गली मोहल्ले में भी पता चल जाएगा दूकान न सिर्फ खुल गयी है बल्कि दिन दूनी रात चौगुनी चल रही है,... दूसरे हफ्ते का पूरा प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया, लेकिन तभी नीचे से जेठानी की आवाज आयी, चाय और हम दोनों नीचे। पैकिंग तो कब की पूरी हो गयी थी. कम्मो पीछे अपनी कुठरिया में और मैं जेठानी जी चाय के साथ हम दोनों की सास को छेड़ रहे थे, २१ दिन की टूर में क्या प्रोग्राम रहेगा उनका। लेकिन दो फ़ोन बजे, पहला सी सी टीवी वाले का था, वो आधे घंटे बाद आने वाला था, लेकिन उसके पहले घर की कुछ डिटेल चाहिए थी, कितने कमरे कितनी खिड़कियां, वो सब मैंने दे दी. दूसरा फोन ननद के भैया का था, उन्होंने गलती कर दी अपनी छोटी साली से बात कर के और उसने उनको चार काम और पकड़ा दिए, वो अब डेढ़ घंटे बाद आने वाले थे, सी सी टीवी वाला काम बहुत जरूरी था, मेरी सास के लिए भी और मेरे लिए भी. मेरी सास बहुत घबड़ा रही थीं कैसे घर अकेले २१ दिन के लिए छोड़ के जाउंगी तो उस के दो रास्ते निकाले मैंने , एक तो मेरी ननद और कम्मो दोनों २१ दिन इसी घर में रहेंगी, ननद का कॉलेज पास में ही है , वो यही से चली जायेगी। लेकिन उनका डर दूर हुआ जब मैंने फुल फ्लेज्ड सिक्योरिटी वाला प्लान उन्हें बताया, सी सी टीवी, प्रेशर पैड्स अलार्म जो सीधे सिक्योरटी वाले के यहाँ भी बजेगा और हम लोगों के फोन पर भी, लेकिन उनकी हिम्मत तब जागी, जब मैंने उन्हें बताया की मैं अपने मोबाइल से सारे दरवाजे खिड़कियां चेक करती रहूंगी, मेन डोर के साथ साथ सारे दरवाजे, खिड़कियां भी,... उन्हें अपने लड़के से ज्यादा मुझ पर विश्वास था, ... और उनका लड़का वैसे ही अपनी साली सलहज के चक्कर में फंसा रहता, असल में इन लोगों के २१ दिन के दक्षिण भ्रमण का पूरा फायदा मुझे और मेरी ननद रानी को, उनके पक्की छंटी छिनार बनने की योजना का इस सिक्योरिटी अलार्म से ही जुड़ा था, उस गौरैया को अकेले २१ दिन इस घर में बहेलिया के साथ रखना,... और ये काम, उसी ने किया जिसके बिना हो ही नहीं सकता था, जी मेरी सास ने , उनकी बात इस घर के साथ मेरी छुटकी ननदिया के घर में भी कोई टालता नहीं था. बस मैंने सिर्फ यह कहा था की वैसे तो कम्मो है , लेकिन अलार्म का सब काम धाम अंग्रेजी में रहता है , दो तीन दिन में एकाध बार पासवर्ड बदलना होता है, और वो भी सब अंग्रेजी में , फिर लैपटॉप पे मेसेज,... और आगे का काम जेठानी जी ने आटोमेटिकली कर दिया , उन्हें भी तो जेठ जी के साथ नॉन स्टॉप कबड्डी खेलनी थी २१ दिन तक, उन्होंने ही कहा गुड्डी को बोल देते हैं न उस का कॉलेज पास में ही है, रह लेगी , और फिर कौन अकेले रहेगी, कम्मो तो है ही न , बस उन्होंने फोन लगाने का काम किया और सासू जी ने गुड्डी के घर फोन लगाया बस, ग्रीन सिग्नल,... और सिक्योरिटी कैमरे वाले काम तो मुझे अपने सामने ही कराने थे , एक तो मेरी सास जी को बिस्वास हो जाता, और दूसरे मैंने जो फोन करके स्पेशल हाई फिडेलिटी औडियो वाले कैमरे साउंड के साथ अपने कमरे में फिट कराने थे, ... और अरे मेरी एकलौती छुटकी ननदिया की गाँड़ फटे, वो चीखे चिल्लाये, और वो मधुर म्यूजिक मुझे सुनाई न दे, मुझे तो लाइव टेलीकास्ट देखना था , क्लोज अप के साथ, और जैसे स्टम्प कैमरा होता है क्रिकेट मैच में खिलाड़ियों की माँ बहन सब सुनाई देती है, एकदम उसी तरह से माइक और कैमरे,... ननद रानी का गैंग बैंग भी,... तो वो सब अरेंजमेंट भी मुझे आज ही कराना था अपने सामने , कबड्डी का स्थल तो मेरा कमरा ही रहता, वैसे भी नीचे के सब कमरे सब बंद लाक रहने थे , सिवाय किचेन, टायलेट के,...
04-12-2023, 10:49 AM
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05-12-2023, 09:19 PM
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10-12-2023, 10:54 PM
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