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जोरू का गुलाम भाग १०९
नया दिन नयी बात
अगले दिन सुबह सुबह , मैं सबसे जल्दी उठी एकदम शादी के शुरू के दिनों की तरह , नहायी और किचन में।
फरक सिर्फ इतना था उस सीधी साधी बहू में और आज , की आज मैं ये स्ट्रेटजी के तहत कर रही थी।
मैंने जेठानी जी के लिए बेड टी बनायी , एकदम उनके इंस्ट्रक्शन के मुताबिक ,
मन तो कर रहा था की उस चाय में , लेकिन किस तरह मन को समझाया मैं ही जानती हूँ।
उधर चाय उबल रही थी ,इधर मेरा गुस्सा ,
मुझसे कुछ कहें लेकिन उस लड़के से , कल रात जिस तरह वो परेशान थे ,
जेठानी जी को समझ जाना चाहिए की वो सबसे पहले मेरे हैं ,सिर्फ मेरे , और उन्हें मेरे खिलाफ खड़े करने की कोशिश।
एकदम फोर्थ डिग्री की हरकत , लेकिन बस कुछ देर की बात है ,आज की रात मैं उनके साथ टेंथ डिग्री करने वाली हूँ ,
जो कुछ मम्मी क्या मंजू भी नहीं सोच सकती वो सब , एक से एक किंक ,
इसी घर में इसी आंगन में ,
संस्कार ,संस्कार ,... सारे संस्कार उनकी माँ की गांड में न पेल दिया तो मेरा नाम कोमल नहीं।
सोच रही हैं गुड्डी को रोक के फिर से वो इस घर में अपनी सुपीरियरिटी सिद्ध कर लेंगी ,
कल न सिर्फ उन्ही के सामने उस चिरैया को ले उड़ूँगी बल्कि उन्ही से उस को तैयार करवाउंगी।
चाय ले जाते समय एक बार फिर मैंने अपने चेहरे पर वो शादी के शुरू के दिनों वाले भाव ले आयी मैं ,
कहीं जेठानी जी ,बहुत चालाक हैं वो ,शादी के पहले दिन ही उन्होंने मेरी सास के सामने ही मुझसे कहा था ,
उड़ती चिड़िया के पर मैं गिन भी सकती हूँ और क़तर भी सकती हूँ।
लेकिन एक बार उनकी ठुकाई ज़रा तस्सलीबख्स ढंग से हो जाए न तो बस , ... फिर इसी आंगन में न नंगे नचाया , फिर पूछूँगी।
वो सो रही थीं ,
बस मैंने पैर नहीं छुए ,(शादी के बाद जब मैं आयी तो ये कम्पलसरी था ,सुबह भी , और रात को जाने के पहले )
उन्हें सोते देखते मैं सोच रही थी ,सो ले आज , आज रात को इसी कमरे में जबरदस्त तूफ़ान आने वाला है।
जोबन जबरदस्त था उन पे ,देह थोड़ी भारी भारी , खूब मांसल ,गदरायी चार पांच साल की शादी के बाद जैसे अमूमन हो जाती है।
आँचल ढलक गया था उनका सोते में और ब्लाउज से ३६ डी डी साइज के उनके उभार एकदम छलक रहे थे।
बहुत सम्हाल के ढक छिपा के अपना खजाना रखती थीं वो , और मुझे भी सख्त हिदायत थी ,आँचल जरा भी सरका , या कोई ब्लाउज ज़रा भी लो कट हुआ
बस जेठानी जी भौंहे टेढ़ी।
मैंने हलके से गुदगुदी करके उन्हें उठाया , मुस्कराते हुए और चाय पेश कर दी।
चाय पीते हुए उनका मुंह खिल उठा ,चाय का स्वाद ,और मैं एक बार फिर से जैसे उन्होंने समझाया बुझाया था उस तरह
लेकिन ताना मारने से वो बाज नहीं आयी ,
" ज़रा देखना आज कही सूरज पश्चिम से तो नहीं निकला। "
मेरा तो मन था बोलती ,
" आज तो नहीं लेकिन कल जरूर पश्चिम से निकलेगा। " मेरे मुंह से निकलते निकलते रह गया।
लेकिन मैंने उन्हें छेड़ कर बात बदलने की कोशिश की ,
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देवरानी -जेठानी
लेकिन मैंने उन्हें छेड़ कर बात बदलने की कोशिश की ,
" अरे दी आज का दिन स्पेशल है , आज आप की छुट्टी का आखिरी दिन , अब बहुत आराम कर लिया आपने , अब आपके देवर ,,..."
वो एकदम खुश ,मेरे गाल पे चिकोटी काटती बोलीं ,
" अरे देवर के लिए इत्ती प्यारी सी देवरानी तो ले आयी हूँ। रोज घचर घचर , "
वो मूड में आ रही थीं ,फिर थोड़ा सीरियस हो के बोलीं ,
" अरे यार अब नहा लूँ तो पता चलेगा ,की कहीं ,... "
" ठीक है दी , आप नहा धो लीजिये ,तबतक मैं नाश्ता बना देती हूँ ,आज मैंने उन्हें सुबह सुबह जगाया नहीं ,क्या पता आज उनकी लाटरी खुल जाय।"
,
जबतक आप नहा के आएँगी तब तक वो भी , फिर हम लोग साथ नाश्ता कर लेंगे , आज सोच रही हूँ कुछ हैवी ब्रेकफास्ट बनाऊं , आपकी पसंद का। "
" एकदम लंच में कुछ हल्का बना देना "
जेठानी जी अपने पुराने रूप में आती बोलीं। सुबह ही मुझे नाश्ते खाने का आर्डर मिल जाता था जैसे की कोई महराज होऊं।
आधे पौन घंटे बाद वो बाथरूम में गयीं और उसके पौन घंटे बाद निकलीं।
और मैं किचेन में आलू के पराठे ,मूंग का हलवा , तली भूनी चीजें मेरी जेठानी को बहुत पसंद थीं और इसलिए थोड़ा स्थूल ,मांसल उनकी देह हो भी गयी थी लेकिन ज्यादातर फैट सही जगहों पर था , भरे भरे बूब्स के साथ खूब बड़े चूतड़।
लेकिन उसी बीच मैंने मम्मी को फोन लगा दिया , दो बार इंगेज आया।
तीसरी बार खुद उन्ही का फोन था , खूब खुश।
अपनी समधन से गप्प मार रही थीं वो , और समधन समधन टाइप गाली गलौज से भरपूर।
पूरे आधे घंटे तक , और आज मेरी सास का मूड कल के मुकबले बेहतर था ,यानी जेठानी जी अपना प्वाइजन इंजेक्शन उन्हें नहीं लगा पायी थीं.
और मम्मी ने एडवांस में एंटीडोट लगा दिया था।
मम्मी ने मेरा सास का प्रोग्राम एकदम पक्का करवा दिया था ,
हमारे पहुँचने के ठीक १२ वे दिन।
उन्हें गुड्डी का प्रोग्राम गुड्डी के घर वालों से मिल गया था ,
बस वो एक बात से हिचक रही थीं की जब वो मेरे घर रहेंगी तो गुड्डी ,फिर उसके सामने कैसे खुल के ,...
और आज मम्मी ने बिना उनके कहे बता दिया था , की उनके आने के पहले ही गुड्डी मेरे गाँव आ जायेगी। कोचिंग में कुछ दिन की छुटियाँ है , सावन में गाँव का और दस पंद्रह दिन जब तक मेरी सासु जी मेरे साथ रहेंगी , गुड्डी मेरे मायके में। गाँव में शीला भाभी , मेरी छोटी कजिन बेला ,...
और सासु जी ने तुरंत हाँ कर दी।
तो अब गुड्डी का हमारे साथ जाना पक्का
सासु जी का हमारे यहाँ आना पक्का ,
और उसी समय वो किचेन में आ गए ,
हग्स ,किसेज
और मैंने उन्हें सारी खुशखबरी बता दी , बहनचोद मादरचोद बोल के।
मोर हग्स और किसेज
लेकिन तभी जेठानी जी बाथरूम से बाहर निकलीं ,
बाल खूब धुले ,छितराये , उनके नितम्बों तक
मैं उनकी ओर देख के मुस्करायी , और वो भी जवाब में मुस्करायी।
यानी बाल धुले यानी जेठानी जी की पांच दिन वाली छुट्टी अब ख़तम
"आप तैयार हो के आइये तब तक मैं नाश्ता लगाती हूँ ." मैं बोली और वो मुस्करती हुयी अपने कमरे में घुस गयीं।
लेकिन सबसे पहले मैंने गुड्डी को फोन लगाया , नहीं मिला तो दिया को।
रिजल्ट अभी तक नहीं आया था लेकिन बस कभी भी आ सकता था। दिया ने मुझे गुड्डी का रोल नंबर और साइट दोनों बता दीं। जित्ता गुड्डी परेशान हो रही होगी उतनी ही मैं भी उसकी परेशानी सोच के परेशान हो रही थी।
आलू के पराठे ,मक्खन लगे , दही ,चटनी ,अचार ,मूंग का हलवा ,चाय सब कुछ मैंने टेबल पर लगा दी। पौने दस बज गया था।
और फिर जेठानी जी आयीं।
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जेठानी - छुट्टी खत्म
बाल खूब धुले ,छितराये , उनके नितम्बों तक
मैं उनकी ओर देख के मुस्करायी , और वो भी जवाब में मुस्करायी।
मतलब हर महीने की पांच दिन वाली छुट्टी ख़तम।
"आप तैयार हो के आइये तब तक मैं नाश्ता लगाती हूँ ." मैं बोली और वो मुस्करती हुयी अपने कमरे में घुस गयीं।
लेकिन सबसे पहले मैंने गुड्डी को फोन लगाया , नहीं मिला तो दिया को।
रिजल्ट अभी तक नहीं आया था लेकिन बस कभी भी आ सकता था। दिया ने मुझे गुड्डी का रोल नंबर और साइट दोनों बता दीं। जित्ता गुड्डी परेशान हो रही होगी उतनी ही मैं भी उसकी परेशानी सोच के परेशान हो रही थी।
आलू के पराठे ,मक्खन लगे , दही ,चटनी ,अचार ,मूंग का हलवा ,चाय सब कुछ मैंने टेबल पर लगा दी। पौने दस बज गया था।
और फिर जेठानी जी आयीं।
उनके चेहरे की चमक , मुस्कान और लम्बे खुले अभी भी थोड़े थोड़े गीले बालों से साफ़ साफ़ लग रहा था की उनकी आंटी जी चली गयी हैं।
जैसे ही हम लोगो की आँखे मिली ,वो जोर से मुस्करायीं और मै भी ,
अभी कुछ देर तक तो ये सीज फायर चलने ही वाला था , जबतक उनके अगवाड़े पिछवाड़े मैं ,... और सरप्राइज वाज माय बेस्ट वेपन।
आफ कोर्स उनके देवर उनके बगल में बैठे और इसरार करके खिला रहे थे।
" देवर के रहते हुए भाभी को अपनी उँगलियों का इस्तेमाल करना पड़े, घोर कलियुग , "मैंने उन्हें उकसाया।
फिर क्या था पराठा सीधे इनके हाथों से जेठानी जी के मुंह में , और वो लाख ना नुकुर करती रहीं पर , वो कहाँ मानने वाले थे , और
कुछ देर में उनका एक हाथ जेठानी जी के कंधे पर ,
" आपके लिए एक खुशखबरी है ,आपकी भौजाई की ओर से , .... "
जेठानी जी के प्लेट में ढेर सारा मूंग का हलवा डालते मैं बोली।
जेठानी जी मेरा मतलब समझ के मुझे पहले तो आँख से बरजती रहीं ,फिर मुस्कराते हुए डांटने की मुद्रा में बोली ,
" तू भी न ,कुछ भी कहीं भी बोलती रहती है। "
" तो ठीक है आप ही बता दीजिये न ,बिचारे इतने दिन से इन्तजार कर रहे थे ,रोज मन मसोस कर ,... " मैंने और रगड़ाई की।
अच्छी तो उन्हें खूब लग रहा थी ये छेड़छाड़ , पर तबतक उनकी निगाह उनकी प्लेट में रखे मूंग के हलवे पर पड़ी और वो बोल पड़ीं ,
" अरे इतना ज्यादा डाल दिया , एक साथ। "
"दी ,आपके देवर इतनी देर से डाल रहे हैं तो कुछ नहीं और ज़रा सा मैंने डाल दिया तो ,... अरे देखिये कितना घी पड़ा है ,सटासट चला जाएगा। "
मैंने चिढ़ाया।
मन में तो आया की बोलूं ,अगर ऊपर वाले मुंह से खाने में दिक्कत हो रही हो तो नीचे वाले मुंह से , पिछवाड़े से ,... जाएगा तो दोनों ओर से पेट में ही। पर लगा की बस अब थोड़ी देर का इन्तजार है तबतक जेठानी जी को बिचकने से बचाना था।
और ये भी अपना रोल बखूबी निभा रहे थे , खिलाते हुए कभीअपनी भौजाई के मालपुवा ऐसे गाल सहला दे रहे थे तो कभी होंठ छू देते और भाभी भी उनकी पक्की पतुरिया ऐसे , सिहरने लजाने की ऐसी एक्टिंग करतीं जैसे नयी बहुरिया हों।
और इस चक्कर में उनकी भौजाई का आँचल थोड़ा ढलक गया ,और दोनों पथरीले बड़े बड़े जोबन झलक गए ,
और जैसे ही वो ठीक करने लगीं मैंने मना कर दिया।
" अरे दी आपके देवर इतनी सेवा कर रहे हैं तो थोड़ा सा टिप ,मेरा मतलब टिट दर्शन बनता है न। " मैंने छेड़ा।
नाश्ता आलमोस्ट ख़तम होने के कगार पे था ,मैं चाय पोर कर रही थी।
जेठानी जी बनावटी गुस्से से मुस्कराती बोलीं ,
तू भी न
और अपना आँचल ठीक कर लिया पर पूरा नहीं , क्लीवेज अभी भी दिख रहा था। बड़े बड़े दूध के कटोरे जैसे छलक रहे हों।
नाश्ते के बाद इनका और जेठानी जी का कोई सीरियल देखने का प्लान था। १० मिनट में शुरू होने वाला था।
और तब तक दिया का फोन बजा, मैंने तुरंत काट दिया , तब तक दिया का टेक्स्ट भी आ गया। वो गुड्डी और छन्दा एक साथ गुड्डी के घर पे थे ,
मैंने जेठानी की नजर बचा के टेक्स्ट देख लिए।
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जोरू का गुलाम भाग ११०
गुड्डी का रिजल्ट
गुड्डी के रिजल्ट के लिए मैं भी परेशान थी, बहुत परेशान थी, कल रात जिस तरह से वो बात कर रही थी, ... बार बार कह रही थी, समझ में नहीं आ रहा क्या करूँ,... हिंदी और इंग्लिश के पेपर के लिए, और वो जो एक नंबर का जानते हुए गलत होगया, हिंदी में जो दो चैप्टर नहीं तैयार किये थे वही आ गए,..
सब लड़के लड़कियों की बात अलग होती है, कुछ के लिए तो बस पास हो गए , पर कुछ सोचने वाली होती हैं तो बस वही एक बात सोच सोच के,... फिर अच्छे कालेज में एडमिशन , जो अखबार में छपता है दिल्ली में १०० % कट ऑफ , तो क्या असर होता होगा बच्चों पर , खैर उसे तो कोचिंग का, लेकिन वहां भी तो अच्छे नंबर आने पर फ़ीस फ्री, स्कालरशिप अलग,
और उसके अच्छे नंबर आने पर घर वाले भी सोचते हाँ कर सकती है वो , नीट में आ जायेगी , अगर जरा सा कोचिंग का सपोर्ट मिला, और ऊपर से अगर फ़ीस फ्री हो गयी तो उनकी रही सही हिचक भी,.. फिर अच्छे नंबरों से घर में माहौल भी उसके फेवर में रहेगा, जेठानी की किसी बात का असर नहीं पडेगा,... और बस आज की एक दिन की बात है,...
और नंबर आने पर वो डिटेल मिसेज मल्होत्रा को भी मुझे भेजना ही होगा। मम्मी ने भी बोला था की फ़ीस के कंसेशन या एडमिशन वाली बात का मिल कोचिंग से सीधे उसके घर आने पर भी अच्छा असर पडेगा, कांग्रेचुलेटरी मेसेज का भी
पर ये सब तो तब होगा जब रानी जी के अच्छे नंबर आएं,...
लेकिन वो सब बात अलग थी, मेरे सामने उसका उदास परेशान चेहरा बार बार घूम रहा था , और ये डर भी की कहीं अगर कुछ गड़बड़ हुआ तो जेठानी जी को तेल पानी लेकर उसके पर चढ़ने का मौका मिल जाएगा,...
जेठानी के सामने उसे या दिया किसी को फोन भी नहीं कर सकती थी, रिजल्ट की साइट खुल नहीं रही थी , तभी दिया का मेसेज आया
डरते डरते , जेठानी की आँख बचाते मैंने मेसेज खोला।
जितने देवता पीर जानती थी , जितनी मान मनौती मान सकती थी , सब मान ली , बस किसी तरह इस लड़की के अच्छे नंबर आ जाएँ,... उसका उदास चेहरा,..
दिया का मेसेज था गुड्डी के नंबर अच्छे है लेकिन वो बहुत सैड है , कालेज में सेकेण्ड आने से।
सच में जेठानी की नजर उड़ती चिड़िया का पर गिन लेती थी। उन्होंने देख लिया की उनकी नजर बचा के मैं मोबाईल पे कुछ पढ़ रही हूँ।
" किसका मेसेज है " उन्होंने पूछ लिया।
मैंने तुरंत मोबाइल आफ किया और मुंह बना के बोली ,
" गुड्डी का इंटर का रिजल्ट आ गया लेकिन अच्छा नहीं है , इसलिए वो थोड़ा ,... "
अब तो जेठानी जी ,एकदम जैसे कोई टीम हारते हारते जीत जाय बस उसी तरह ,
चालू एकदम ,
" ये तो होना ही था। अरे जवानी सब पे आती है। जोबन भी आता है, लेकिन पढ़ाई लिखाई की उमर में , जब देखो तब कटी पतंग की तरह इधर उधर , कभी दोस्ती बाजी तो कभी ,... हरदम फोन से चिपकी ,जैसे फोन न हो गया ,यार हो गया। और घमंड इतना की न बड़ों का लिहाज न शरम , जबान कैंची की तरह ,.... अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे ,... "
इतने दिनों का फ्रस्ट्रेस्शन सब उगल रही थीं।
और मेरी उँगलियाँ अब फोन से चिपक गयीं थी , रिजल्ट की साइट गुड्डी का रोल नंबर
लेकिन जेठानी की तेज निगाह मेरी उँगलियों से चिपकी थी और मैं रुक गयी.
उनका ज्वालामुखी जब लावा उगल रहा हो उनकी निगाहें और पैनी हो जाती थी और वो यही चाहती थीं की जब वो पुराने जमाने के ऋषि मुनियों की तरह श्राप दे रही हों तो सब लोग उनकी ओर ध्यान से देखें,
और आज, अभी तो मुझे वही सब करना था जिससे वो खुश रहें , वो फिर चालू हो गयीं,...
" जरा सा गोरा रंग क्या होगया, ऐसी जवानी चढ़ी है, किसी को भी नहीं सेटती,.. बस उड़ती फिरती है, ऊपर से उसकी सहेलियां,... मैं जान रही थी की यही होने वाला है, पढ़ने लिखने वाली लड़कियों के ये गुन लछ्छन होते हैं,... क्या घमंड है उसको रूप रंग का, जब देखो तब, पहले तो थोड़ी , अब देखो तब , जबान भी लड़ाने लगी है, न बड़ों का लिहाज,...अरे आँख मूँद कर बड़ों की बात माननी चाहिए , सोचना चाहिए की बड़ी भाभी हैं उसके फायदे की ही बात करेंगी, पर बिना जवाब दिए काम कहाँ चलता है, वही दिमाग अगर [पढ़ाई में चलता तो,...
उनकी बातें पिघले शीशे सी मेरे कानों में जा रही थी , पर मेरा चेहरा यही बता रहा की मैं उनकी बातें बहुत ध्यान से सुन रही हूँ ,...
जेठानी जी का प्रवाह रोकने का, उनका ध्यान बंटाने का एक ही तरीका था उनके देवर का ध्यान उनकी ओर किया जाए, मैंने अपने उनको एक हल्का सा इशारा किया, और मेरी एक निगाह काफी थी उन्हें समझाने के लिए,...
" अरे भाभी, मेरे हाथ से खाइये क्या थोड़ा थोड़ा,... " और उन्होंने अपनी भौजी की पसंद का आलू के पराठे का बड़ा सा टुकड़ा तोडा, आम के अचार में लपेटा और सीधे,
बिना उन्हें रोके उनकी भौजाई बोलीं,
" अरे एक बार में ही इतना ज्यादा,... "
डबल मीनिंग डायलॉग की शुरआत उन्होंने ही की, लेकिन अब उनकी सास ने डबल मीनिंग में अब उनको भी एक्सपर्ट कर दिया था, और मुस्करा के वो बोले,...
" भौजी, डालने का काम देवर का और डलवाने का भौजाई का, फिर पांच दिन का उपवास आप का आज ख़त्म हुआ है , आज तो ज्यादा ही,... बस देखिये एक बार में कितना आप घोंट लेती हैं"
और पूरा का पूरा बड़ा सा पराठे का टुकड़ा मेरी जेठानी के मुंह में,
देवर ने जेठानी को उलझा लिया था, और मैंने मौके का पूरा फायदा उठाया, ...
मेरी दिल की धड़कन तेज हो गयी थी मैं सब देवी देवता पीर मना रही एकदम सेक्युलर ढंग से ,
रिजल्ट की साइट खुल गयी और रिजल्ट देखते ही बहुत जोर का गुस्सा आया ,
गुड्डी के ऊपर ,
ये मैडम जी भी न
99. 2. % नंबर था , बायो, फिजिक्स केमेस्ट्री में १०० में १०० , इंग्लिश में ९९ सिर्फ हिंदी में थोड़ा कम था ,
और कितना नंबर चाहिए इस लड़की को।
देवर से उलझी मेरी जेठानी मेरी उँगलियों का चक्कर नहीं देख पाई, पर जैसे ही देवर का घोंटाया पराठा उन्होंने गटक लिया,... एक बार फिर वो चंद्रमुखी से ज्वालामुखी हो गयीं और गुड्डी के खिलाफ उनका विषवमन चालू हो गया,
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नंबर
99. 2. % नंबर था , बायो, फिजिक्स केमेस्ट्री में १०० में १०० , इंग्लिश में ९९ सिर्फ हिंदी में थोड़ा कम था ,
और कितना नंबर चाहिए इस लड़की को।
देवर से उलझी मेरी जेठानी मेरी उँगलियों का चक्कर नहीं देख पाई, पर जैसे ही देवर का घोंटाया पराठा उन्होंने गटक लिया,... एक बार फिर वो चंद्रमुखी से ज्वालामुखी हो गयीं और गुड्डी के खिलाफ उनका विषवमन चालू हो गया,
" अरे इस उम्र में लड़कियां घर का काम काज सीखती हैं ,लेकिन ये आज कल की लड़कियां बस उड़ती रहती हैं इधर उधर ,कुछ काम बोलो भी तो बस एक बहाना पढ़ना है पढ़ना है , और अब उसमें भी फिसड्डी। मुझे मालूम नहीं क्या मोबाइल ले के बस नैन मटक्का , गप्पे ,... "
लेकिन वो परेशान थे , गुड्डी के रिजल्ट के बारे में , मैंने उन्हें मेसेज कर दिया और ये भी बोल दिया की वो एकदम चुप रहें।
" उसका कोचिंग का क्या होगा ,जायेगी तुम लोगों के साथ ,... " उन्होंने वो सवाल कर दिया जो उन्हें साल रहा था।
" पता नहीं ,... " मैंने मुंह बना के जवाब दिया फिर जोड़ा , " मुश्किल लगता है , लेकिन आप उससे कहियेगा मत उसका दिल टूट जाएगा , कोचिंग वालों ने बोला था रिजल्ट आने पर पक्का करेंगे और रिजल्ट अच्छा नहीं है तो , अब हम लोग ये कितना प्रेशर डाल सकते हैं , "
मैंने बुझे मन से बोला।
जेठानी जी की तो जैसे मन की बात हो गयी , ख़ुश होके चहकते हुए बोलीं
" तुम लोग भी न , अरे क्यों परेशान हो रहे हो अगर अपना ही सिक्का खोटा है तो , कोई सोर्स वॉर्स की जरुरत ना है। अरे इहाँ लड़कियां नहीं पढ़ती क्या , चुपचाप लड़कियों के कॉलेज में नाम लिखाये ,... " फिर कुछ रुक कर बोलीं , " अरे मैंने भी इंटर किया था अपने गाँव के कॉलेज से , कौन ,... साढ़े चार किलोमीटर पैदल जाती थी और घर का काम , गाँव का सब रीत रिवाज ,.... और गुड सेकेण्ड डिवीजन पास भी हुयी थी। और ये ,... ले गए और कहीं ऊंच नीच कुछ हुआ तो ,... अब तो ये पता ही चल गया ये लड़की पढ़े लिखेगी तो है नहीं खाली ,... "
ये बात मैंने सही बोली थी की कोचिंग वालों को रिजल्ट चाहिए था और मैंने रिजल्ट मिसेज मल्होत्रा को फॉरवर्ड कर दिया और टेबल समेटने लगी।
दूसरा टाइम होता तो जरूर पूछती अपनी जेठानी से से ,
" दीदी उस साढ़े चार किलोमीटर में रास्ते में गन्ने के और अरहर के खेत भी तो पड़ते होंगे तो कितनी बार उनमे एक्स्ट्रा क्लास कीं"
लेकिन अभी तो मैडम जी की क्लास लेनी थी ,99 . 2 % और मुंह फुला के बैठी थीं।
किचेन में पहुँच के मैंने दिया और छन्दा के रिजल्ट भी देख लिए ,उन दोनोके भी अच्छे थे , जितना वो मस्ती करती थीं उस हिसाब से। छन्दा के 91.. 4 % थे और दिया के 8 8 % . कोचिंग वाले तो सिर्फ बायो , फिजिक्स केमिस्ट्री के नंबर देखते थे और इन तीनों में मैडम जी के 100में 100
जब मैं सीढ़ी से ऊपर जा रही थी तो जेठानी जी के कमरे से उनकी और उनके देवर की खिलखिलाने की आवाज सीरियल के साथ सुनाई दे रही थी।
कमरे में पहुँचते ही मैंने वीडियो चैट आन किया ,गुड्डी दिया और छन्दा तीनो थीं , गुड्डी मुंह लटकाये बीच में और एक ओर दिया और एक और छन्दा।
फोन चालू होते ही मैं चालू हो गयी ,
" स्साली छिनार , तेरी बुर गांड तेरे भाई से चुदवाऊं ,अपने भाई से मरवाऊँ ,दिया के भाई से फड़वाऊं , किसी के और आगे जा के ये छिनारपना करना ,.. "
गुड्डी के चेहरे पर मुस्कराहट चालू हो गयी थी।
लेकिन मेरी गालियां जारी रहीं ,
" रंडी मुझसे रंडीपना मत करना ,अपनी इन बेचारी सीधी साधी सहेलियों को बेवकूफ बनाएगी तो बना ,मुझे नहीं चरा सकती , बचपन की छिनार , भाइचॉदी। स्साली इत्ते अच्छे नंबर आये हैं और पार्टी देने से बचने के लिए ये नौटंकी फैला रखी है सुबह से। चल पार्टी की तैयारी कर और तू दोनों भी इतनी सीधी हो अपनी सहेली के चक्कर में , अरे भले आज इसकी शलवार खुले बाजार में नीलाम करनी पड़े , लेकिन पार्टी तो इसे देनी पड़ेगी। "
अब गुड्डी हंसी और दिया और छन्दा भी।
तबतक कोचिंग से मिसेज मल्होत्रा का मेसेज आ गया था कांग्रेट्स का , उनके पास गुड्डी का नंबर नहीं था मैंने दे दिया। उनका मेल भी था स्काई कोचिंग के ऑफिसियल मेल अकाउंट से , बायो ,फिजिक्स और केमेस्ट्री तीनो में १०० होने से उसकी पूरी फ़ीस फ्री। ९९ % से ज्यादा होने के लिए ५५ हजार का अवार्ड भी। गुड्डी के पर्सेनटाइल वाली सिर्फ तीन लड़कियां उनकी कोचिंग में थीं और आल इंडिया लेवल पे ९ ,गुड्डी के मार्क उनकी कोचिंग के आल इंडिया लेवल में चौथा तह इसलिए ये पचास हजार। उन्होंने गुड्डी का अकाउंट नंबर पूछा था।
मेल मैंने गुड्डी को फारवर्ड कर दिया।
गुड्डी लेकिन बोली ,भाभी कोचिंग , ...
और जैसे मेरे जवाब में मिसेज मल्होत्रा का मेसेज आया गुड्डी के पास।
गुड्डी का चेहरा खिल गया। लिखा कुछ नहीं था लेकिन हग्स ,किसेज और थम्स अप की स्माइलीज ही बहुत कुछ कह रहे थे।
दिया और छन्दा ने उससे मोबाइल छीन लिया।
" एक मेल भी भेजा है उन्होंने कोचिंग से ,खोल " मैंने गुड्डी को बोला।
" स्साली , अभी तक कोचिंग पहुंची नहीं और अभी से 'मेल ' आने लगे। मिल बाँट के 'मेल ' का मजा लेंगे , समझी। " छन्दा ने खींचा।
गुड्डी कोचिंग से आया मेल पढ़ रही थी और साथ में छन्दा भी , पूरी फ़ीस फ्री और ५०,००० रूपये का बोनस ज्वाइन करने के पहले ही ,
खुशी और ब्लश से उसके गुलाब से गाल और गुलाबी हो रहे थे।
" भाभी मुझे तो अब बस आप वाला , 'मेल ' चाहिए , बस " दिया मुस्कराते हुए बोली।
मैंने दिया को जोर से हड़काया ,
" सालियों , दो साल पहले तक तो वो 'मेल' तुम सब के ही हवाले था। ले लेती खुल के मजे। तुम सबों के निकम्मेपन से उस स्साले 'मेल' की नथ मुझे उतारनी पड़ी। फिर दूसरी बात ये तेरा मेरा क्या लग रखा है , हम सब का , ... "
तब तक छन्दा ने दिया को मेल के बारे में बताया।
फिरतो दिया ने जोर से उसे हग किया और दे किस्सी पे किस्सी ,
" स्साली ,कमीनी पचास हजार लूट लिया तूने तो ,... "
आग`से दिया पीछे से छन्दा , क्या दो मर्द मिल के किसी लड़की को रगड़ेंगे।
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मिठाई
तबतक ये सीन पर आ गए और मैंने इन्हे फोन पकड़ा दिया , फिर तो फोन पर इतनी चुम्मियाँ हुयी की बस तार गरम होकर पिघलने वाला था। मैंने स्पीकर ऑन कर दिया ,
" हे तेरे इत्ते अच्छे नंबर आये ,मिठाई ,... " ये बोले
फिर चुम्मियाँ
मुझे वो वाली चाहिए हवा मिठाई दोनों , ये शैतानी से बोले।
" बदमार्श ,गंदे ,सिंगल ट्रैक माइंड , चल तो रही हूँ न तुम्हारे साथ ले लेना ,अच्छा मुंह मत बनाओ ,कल , आज तो भाभी हम लोगो को पार्टी पर ले जारही हैं ओनली गर्ल्स। शॉपिंग मस्ती लंच फिल्म ,... लेकिन कल सुबह सुबह आ जाउंगी , और नदीदे तेरी हवा मिठाई तेरे हवाले , लेकिन अभी चलती हूँ ,दिया की पांच मिस्ड काल है जिन्दा नहीं छोड़ेगी मुझे छिनाल। "
ये कह के गुड्डी ने फोन रख दिया।
ये मेरी ओर मुड़े और मैंने उन्हें सब समझा दिया, जेठानी जी के लिए स्पेशल डिनर।
" आपने तो कहा था न की ६ घंटे के लिए घर आपके हवाले तो बस डेढ़ बजे से साढ़े सात तक , घर किचेन सब ,.. आठ बजे से नौ बजे तक आपकी भौजाई के साथ डिनर और फिर , ठुकाई , वो ठंडी वाली डिश सर्व करने का मौक़ा। "
सच में यार तू न , इत्ती मुश्किल से मैं अपने पर कंट्रोल कर रहा था। वो बोले।
" बस अब बहुत हो गया कंट्रोल , आज रात में कोई कंट्रोल नहीं मंजू बाई और गीता की पूरी ट्रेनिंग इस्तेमाल कर देना। " मैंने उनका गाल सहलाते बोला।
और पूछा और डिनर में , ..
" बस वही कर रहा हूँ , सबके नंबर मैंने ले लिए हैं ढाई बजे की होम डिलीवरी के लिए बोल रहा हूँ "
पोर्क ,मटन ,फिश ,किचेन और भी बहुत कुछ , पांच मिनट तो वो फोन करते रहे , फिर हम लोग मीनू तैयार करते रहे उस संस्कारी डिनर का
गलावटी कबाब चिकेन टिक्का , फिश चाप से लेकर रोगन जोश , कीमा मटर और मटन बिरयानी और भी लम्बी लिस्ट बनायीं थी उन्होंने।
मैंने सब अप्रूव कर दी उनके गालों पर चुम्मा लेकर
और फिर नीचे जेठानी की ओर ,
मेरा शैतानी चरखा टाइप दिमाग तेजी से चल रहा था।
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जेठानी और गुड्डी की रिजल्ट की पार्टी
और फिर नीचे जेठानी की ओर ,
मेरा शैतानी चरखा टाइप दिमाग तेजी से चल रहा था।
…………………………………..
जेठानी को पार्टी के लिए पटाना और वो भी गुड्डी के रिजल्ट के लिए आलमोस्ट इम्पॉसिबल था।
अचानक मुझे याद आया ,वो चार दिन पुराना अखबार, मैंने सैंडल लपेटी थी उसमे , बस निकाला झाड़ा और चल दी।
और जेठानी जी के सामने बिसूरता हुआ मुंह बना के खड़ी हो गयी,
" दीदी आज आपके चक्कर में सुबह सुबह आपके देवर से डांट पड़ गयी।
""तुमने काम ही कुछ ऐसा वैसा किया होगा , बेचारा मेरा देवर इतना सीधा साधा है , बिना बात के क्यों डाँटेगा तुझे , ... "
मेरे गाल सहलाते वो बोलीं।
बिचारी क्या मालूम उन्हें वो देवर उनका सो काल्ड धरम भरस्ट करने के लिए क्या क्या तैयारी कर रहा है। लेकिन ये भी साफ़ साफ था की सीरयल देखते देखते उन्होंने अपनी भौजाई को पटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
" बोल न क्या बोल रहा था वो , ... "
जेठानी जी के पेट में गैस बन रही थी।
" इतना दिन हम लोगों को यहाँ आये हो गया , तुम बस दिन भर घर में पड़े पड़े अलसाती रहती हो , ये नहीं की जा के भाभी को कुछ शॉपिंग वापिंग करा के ले आओ , दो चार साडी वाड़ी उनके लिए ले लो , अब तो यहां भी एक दो अच्छे माल खुल गए हैं , .... "
मैंने बोला।
" वो भी न ,मेरे लिए ,... " हलके से मुस्कराते हुए उनके मुंह से निकल गया।
" दीदी ,डांट तो मुझे पड़ गयी लेकिन मुझे भी लगा बात वो सही कह रहे हैं ,और ये देखिये कितनी अच्छी सेल का ऑफर निकला है २० से ५० % तक का डिस्काउंट , मानसून ऑफर , शिफॉन ,जार्जट ,चिकन , सिल्क ,... "
और मैंने वो पुराना धुराना अखबार जिसमें मैंने सैंडल लपेटी थी, उनके सामने निकाल के बस वही कोना खोल के दिखा दिया।
उन्होंने ये जहमत नहीं की देखने की ,कि अखबार कितना पुराना है।
" कहाँ है ये दूकान का नाम साफ़ साफ़ नहीं है "
वो बोलीं, पर,... उनके मुंह की चमक से लग रहा था उन्होंने दाना चुग लिया है।
"वो मैंने फोन कर के पूछ लिया है , वो जो है न फ़न माल नया खुला है बस उसी में। " मैंने जाल फेंक दिया।
" उसका नाम मैंने भी बहुत सूना है ,वहां एक मल्टीप्लेक्स भी खुला है ,आज तक मैंने , तुम्हारे जेठ ले भी नहीं जाते कभी " दुखी होके उन्होंने मुंह बनाया।
"तो चलिए चलते हैं न आज , मौसम भी अच्छा हो रहा है। वहीँ कुछ खा पी भी लेंगे, और बाद में पिक्चर, जो आप मल्टीप्लेक्स बोल रही थीं न उसी में। सेल की सेल और साथ में मस्ती , प्लीज दी मना मत करियेगा। "" मैंने लहकाया।
" एकदम ,... " वो मान गयी।
अब डिफिकल्ट पार्ट था ,उन्हें बताने का गुड्डी और उसकी सहेलियां भी साथ चलेंगी।
" दिया , वो गुड्डी की सहेली ,... "
" हाँ क्या हुआ उसको , वो पंजाबन न क्या हुआ उसको , फेल हो गयी क्या ," मुस्कराते हुए वोबोलीं ।
" नहीं नहीं फेल नहीं हुयी पास हो गयी बस जैसे तैसे करके ,लेकिन नंबर उसके भी कुछ ख़ास नहीं , लेकिन मैं दूसरी बात कह रही थी। वो दूकान जहां सेल चल रही हैं न उसके भाई के दोस्त की है , तो उसकी थोड़ी जान पहचान ,डिस्काउंट भी ठीक ठाक दिलवा देगी अब मैं भी तो यहाँ नयी नयी हूँ ,कोई जान पहचान तो है नहीं मेरी। अक्सर सेल में पुराने ,घिसे पिटे कपडे पकड़ा देते हैं , कहीं छेद वेद हो ,साडी कहीं ज्यादा घिसी हो ,.. "
मैंने बात आगे बढ़ाई, बिना दिया के तो कुछ हो भी नहीं सकता था।
" ये बात तो तुम्हारी सही है लेकिन कई बार सेल में अच्छा मॉल भी मिल जाता है। " वो मान गयीं
जाल खींचने का वक्त आ गया था।
" एकदम सही कह रही हैं आप , लेकिन थोड़ा जान पहचान वाला कोई साथ हो तो ,... धोखा नहीं होगा , और दिया को तो डायरेक्ट बोल नहीं सकती तो गुड्डी को भी ,... "
अब वो चैतन्य हो गयीं ,अब चंद्रमुखी से वो ज्वालामुखी होने ही वाली थी। बोलीं आलमोस्ट फुंफकारते हुए ,
" और उनको तो साथ नहीं ले चल रही हो ,मेरे देवर को। "
" अरे नहीं भाभी , सीधी हूँ लेकिन इतनी भी नहीं और फिर आप की बात , आप एकदम सही कह रही थीं ,फूस और आग एक साथ नहीं रह सकते ,ये जवान होती हुयी छोरियां ,भैय्या भैय्या कह के , वो कहते उसके पहले ही मैंने उन्हें मना कर दिया। "
" ठीक किया ,मैं यही तो तुम्हे समझा रही थी। अरे आदमी की कोई गलती नहीं ,उसका तो मन करेगा ही लड़की देख कर , हमीं लोगों की जिम्मेदारी है ये सब ,... अरे ये जवान होती लड़कियां, मर्द का मन तो करेगा ही न उठता हुआ उभार देख कर, और ये छिनार जान बूझ के छरछंद करती हैं, कभी दुप्पट्टा ठीक करेंगी , कभी गिराएंगी, जिससे निगाह वहीँ पड़ें,... अरे दूकान में मिठाई रखी हो , सजी शो केस में, ताज़ी गरम गरम इमरती हो, तो किसके मुंह में नहीं पानी आएगा, तो मरद की का गलती,... अरे हमीं लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, गलती से भी कभी,... तुम बहुत सीधी हो, लेकिन चलो कुछ तो सीख रही हो, वरना वहीँ लिपटना चिपटना,... इस उमर की लड़कियों से मरद को बहुत बचाना चाहिए ,... अच्छा किया जो उसको नहीं ले चल रही हो,... ""
वो फिर एक बार समझाने वाले मोड में आ गयी थीं। "
" अरे दीदी मैं समझने में थोड़ा स्लो हूँ ,लेकिन आप समझाती हैं तो समझ जाती हूँ , जैसा ट्रेन में लिखा रहता है न यात्री अपने सामान की सुरक्षा स्वयं करें बस वैसे ही एकदम , डिब्बे घुसते ही चेन वेन में बाँध के जैसे अटैची रख देते हैं न वैसे ही। "
हँसते हुए मैंने उन्हें गले से लगा लिया।
उन्होंने भी जोर से भींचते बोला चल अब कुछ समझ तो रही है तू।
" आपके देवर , रात के डिनर की तैयारी करेंगे यहां , उनकी बहुत इच्छा थी की आप को पूरा खाना ,... असली बात तो दीदी ये है की वो आप पे लगता है लाइन मार रहे हैं , ये आपके गदराये उभारों पे नजर है इनकी ,फिर आपकी छुट्टी भी ख़तम ,.. साडी स्पेशल डिनर ,... असल में उन्हें बड़े बड़े ही अच्छे लगते हैं , आप जैसे , 36 डी डी। "
हलके से ब्लाउज के ऊपर से उनके प्लम्प जोबन दबाते मैं बोली।
" अरे सारे मर्दों को ही बड़े बड़े अच्छे लगते हैं , आज कल की लड़कियों की तरह नहीं ,ढूंढते रह जाओगे , पता ही नहीं लगता लड़का है की लड़की। "
बिना मेरा हाथ हटाए वो बोलीं।
बिचारी उन्हें क्या पता था की इन बड़े बड़े उभारों की आज रात उनके देवर क्या गत बनाने वाले हैं और मैं भी।
" तेरे इतने बड़े तो मेरे इंटर जब पास किया तब थे मेरे , सारे लड़के एकदम ,..."
ब्लाउज के ऊपर से मेरे उभारों को सहलाते वो बोलीं।
मेरा एक हाथ अब उनके ब्लाउज के अंदर घुस गया था ,ब्रा के ऊपर से बड़े बड़े कबूतरों को दबोच के मैंने भी उनके जुबना की तारीफ की ,
"सच्ची दी तब तो आपके कॉलेज के सारे लड़कों का बस आपको देखते ही , झंडा ऊंचा रहे हमारा ,हो जाता होगा। है न। "
"हाँ ,तू भी न और गाँव के लौंडे तो ,... शहर वालो की तरह नहीं की क्या होता है वो आज कल की लड़कियां करती रहती हैं , ... " वो बिना मेरा हाथ हटाए बोलीं
" फेसबुक " मैंने बात पूरी की ,
" हाँ वही , वो लौंडे तो ,... " उनकी अधूरी बात ने मुझे उनके बाल्य काल की सारी कहानीसुना दी।
खुद ही वो बता चुकी थी , गाँव से जहाँ उन्होंने इंटर किया था साढ़े चार किलोमीटर पैदल जाती थीं वो , अब गाँव है तो रास्ते में गन्ने के खेत ,अरहर के खेत , अमराई सब पड़ेंगे ही , तो इसका मलतब जिस उमर में अभी गुड्डी है ,उस उम्र में नीले गगन के तले उन्होंने खूब कबड्डी खेली होगी। और इसी लिए इन किशोरियों से उन्हें खतरा लगता था।
" अरे दीदी तभी तो आपके देवर , ... "
और अब मेरा हाथ ब्रा के अंदर सेंध लगा चुका था , सही बात थी ३६ डी डी के बाद भी एकदम कड़क पत्थर जैसे , उसे सहलाते मैं बोली ,
" अरे इत्ता मस्त माल छोड़ के कहाँ जहां मैग्नीफाइंग ग्लास लेके देखना पद वैसे ,के पीछे वो कहाँ जाने वाले , मेरे साथ भी न जब वो खूब मूड में होते हैं तो कितनी बार रात में ,...बोल देते हैं ,... अरे यार जोबन हो तो मेरी भाभी जैसे ,... बिचारे इतना ललचाते रहते हैं एक बार दे भी दीजिये न ,अब जेठ जी भी नहीं तो दे दीजिये न , आज रात को। फिर आपकी छुट्टी का भी बहाना आज नहीं रहा , अब देखिये आप के चक्कर में मुझे डांट पड़ गयी की आपको शॉपिंग करवा लाऊँ , और फिर खुद आज आप के लिए छपन भोग ,... सब इसी जुबना का जादू है ,... "
" तू भी न ," मुझसे अलग होती बोलीं।
उनकी मुस्कराहट कह रही थी की बात उन्हें पसंद आयी मेरी और हरकत भी।
" कब तक निकलना है , " उन्होंने पूछा
" बस आधे पौन घंटे में ,... मैं भी चल के तैयार हो रही हूँ ,आप भी ,... " मैं बोली और ऊपर अपने कमरे में।
बहुत काम था गुड्डी को बोलना था , इन्हे बताना था और सबसे बढ़ के दिया को।
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वाह, झंडा ऊंचा कर दिया हमारा.
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(01-12-2023, 09:43 AM)Pentagon Wrote: वाह, झंडा ऊंचा कर दिया हमारा.
Thanks so much aur apka jhanda uncha hota hi rhaega jld hi more posts on both stories. Thanks again
please rate the story also with 5 stars
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दिया
" कब तक निकलना है , "जेठानी जी ने पूछा
" बस आधे पौन घंटे में ,... मैं भी चल के तैयार हो रही हूँ ,आप भी ,... "
मैं बोली और ऊपर अपने कमरे में।
बहुत काम था गुड्डी को बोलना था , इन्हे बताना था और सबसे बढ़ के दिया को।
दिया लेकिन परफेक्ट पार्टनर इन क्राइम निकली।
मैंने दिया को सब कुछ समझा दिया, जेठानी की सारी खुराफात, गुड्डी को ले जाने में कैसे वो भरभद्ऱ करने की कोशिश कर रही थीं, वो व्हाट्सऐप वाली बात भी, जो उनकी मायके की किसी चतुर सुजान बालिका ने किया था की सिर्फ फोटो से डरने की कोई जरूरत नहीं है, बस कह दीजिए फेक है, मॉर्फ है,...
पहले तो हँसते हँसते लोटपोट हो गयी , फिर बोली ,
" अब आप अपनी जेठानी जी की चिंता मेरे ऊपर छोड़ दीजिये , अरे आप की तीन तीन ननदें रहेंगी न, बस भाभी आप खाली तमाशा देखिएगा,... उन्हें जैसा आप चाहती हैं वैसी शॉपिंग करवायेंगे ,साडी ही क्यों ब्लाउज भी , वो याद रखेंगी आज की शॉपिंग।
आधे घंटे में मैं नीचे पहुंची तो जेठानी तैयार।
जेठानी जी ,मुझसे पहले तैयार , खूब चटक साडी पहन के ,
मेरे मन में तो आया बोलूं , की मॉल में जाने के लिए आज आप खुद माल बनी हुयी हैं पर किसी तरह अपने पर कंट्रोल किया।
हाँ थोड़ी शरारत के बिना कैसे ,
" दी आपकी लिपस्टिक थोड़ी स्मज हो गयी लगता है देवर आपके चुम्मा चाटी कर रहे थे। "
और उन्ही के पर्स से लिपस्टिक निकाल के , डार्क रेड तो उन्होंने पहले ही लगा के रखी थी ,मैंने थोड़ी और ,... जैसे
इनके शहर के गंज वाले मोहल्ले में,रेड लाइट एरिया में शाम को बन ठन के इनकी मायकेवालियाँ खड़ी रहती हैं ,एकदम उसी तरह।
तय हुआ था की मैं गुड्डी और दिया को गुड्डी के घर से पिक करुँगी , बल्कि वो जिस गली में रहती है उसके सामने से।
( उस गली में कुछ धोबियों के भी घर थे और गली के बाहर हरदम दो चार गदहे बंधे रहते थे ,इसलिए गुड्डी को गारी गाते समय ,चिढ़ाते समय हरदम हम लोग गुड्डी का नाम गदहों से जरूर जोड़ते थे। )
आज भी दो चार गदहे थे वहां लेकिन गुड्डी वहां नहीं थी।
मेरी निगाह चुन्नू की दूकान पड़ी , वही वीडियों लाइब्रेरी वाला जिसके यहाँ से ये ब्ल्यू फ़िल्में लाये थे , और जो गुड्डी के मोहल्ले का केबल चलाता और रात में एक बजे से अच्छी अच्छी फ़िल्में भी दिखाता था।
दोनों लड़कियां वहीँ खड़ी थी ,मैं भी चुन्नू की दूकान पर पहुँच गयी।
पर मेरी आँखे फ़ैल गयीं ,दोनों ने रेनकोट पहन रखी थी ,
और मैं चालू हो गयी।
'सालियों ,कमीनियों बाहर एक बादल का टुकड़ा भी नहीं है और तुम दोनों , क्या अंदर से गीली हो रही हो , "
बिना इस बात की परवाह किये की चुन्नू वहीँ उन दोनों के साथ खड़ा है।
और गुड्डी भी चढ़ गयी चुन्नू के ऊपर तेल पानी ले के ,
" अरे तुझे कुछ शऊर वाउर है की नहीं ,नाक कटाएगा पूरे मोहल्ले की। भाभी पहली बार तेरी दूकान पे आयीं हैं ,न दुआ सलाम ,न चाय पानी ,... "
और रही सही कसर दिया ने पूरी कर दी चुन्नू की।
बेचारा , झट से उसने दो बार नमस्ते कर दिया , बैठने को स्टूल ऑफर किया।
लेकिन तब तक दोनों रेन कोट खुल गए , और ये तय होगया की आज तो पूरे शहर में बारिश होगी जम के ,सफ़ेद थक्केदार मलाई की।
आग लगा रही थीं दोनों ,
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आग ही आग
लेकिन तब तक दोनों रेन कोट खुल गए , और ये तय होगया की आज तो पूरे शहर में बारिश होगी जम के ,सफ़ेद थक्केदार मलाई की।
आग लगा रही थीं दोनों ,
दिया के मम्मे तो वैसे ही जबरदस्त थे ,एकदम परफेक्ट पंजाबी कुड़ी थी वो , भरे भरे कड़े कड़े ,और आज जो उसने हॉट हॉट टॉप पहन रखा था
उसमें कुछ सोचने का जोर लगाना ही नहीं पड़ता। उस जस्ट इंटर पास हुयी टीनेजर के बूब्स की कड़ाई ,गोलाई शेप ,साइज सब कुछ ,
नाभि दर्शना टॉप के नीचे स्कर्ट और उससे निकलती खूब लम्बी लम्बी गोरी गोरी टाँगे।
गुड्डी इत्ती बोल्ड तो नहीं थी पर टॉप उसका भी नाभि दर्शना था और साथ में लो हाइट वाली रिप्ड जींस जो मैं उसके लिए लायी थी।
एकदम देह से चिपका ,गुड्डी की लम्बी टाँगे , उसके भरे कड़े नितम्ब सब कुछ ,...और टॉप उसका भी देह से चिपका।
बनयाइन चड्ढी दोनों तो मैंने मना ही कर रखी थी, तो जस्ट इंटर पास, मेरी दोनों ननदियों के जुबना के उभार के साथ साथ निपल भी साफ़ साफ़ झलक रहे थे.
रेन कोट दोनों ने चुन्नू के ऊपर फेंक दिया और बोलीं सम्हाल के रख दे , लौट के ले लेंगी दोनों।
अब इतने हॉट ड्रेस पहन के घर से निकलना वो भी इस छोटे शहर में तो पॉसिबिल नहीं था , इसलिए रेनकोट मैंने अपनी दोनों ननदों की अकल को दाद दी चुन्नू को चिढ़ाया।
"हे इत्ती हाट हाट लड़कियां अगर आधे घंटे भी तेरे यहाँ आके बैठ गयीं तो सोचो तेरा धंधा कितना चल निकलेगा। "
" कहाँ भाभी ,अभी तक बोहनी भी नहीं हुयी। "
बुरा सा मुंह बना के वो बोला।
" अरे बोहनी अभी तो इसकी भी नहीं हुयी " गुड्डी के डिम्पल पे चिकोटी काटती मैं बोली।
" नालायक तू पैदा ही ऐसी रोनी सूरत लेके हुआ , रोज रात को जो सविता भाभी की असली कहानी दिखा दिखा के पैसा कमा रहा है ,वो , "
दिया ने बस दो हाथ नहीं लगाया उसे , ... और हम लोग कार की ओर चल दिए।
जेठानी जी गाडी में पीछे बैठी थीं और मैं ड्राइव कर रही थी।
गुड्डी को जेठानी के पास बिठाना खतरे से खाली नहीं था इसलिए उसे मैंने आगे अपने साथ बिठाया और दिया को अपनी जेठानी के साथ।
वैसे भी जेठानी को शीशे में उतारने का काम दिया के जिम्मे था।
" दिया तू वो क्या सविता भाभी की नयी कहानी की बात सूना रही थी ?" मैंने गाडी स्टार्ट करते हुए , दिया को उकसाया।
वो चालू हो गयी लेकिन मेरी जेठानी से बात करते हुए ,उनसे बोली ,
" भाभी , आप श्रुती को जानती हैं न , ... अरे वही जिसकी सकल एकदम सोनाक्षी सिन्हा से मिलती है ,एकदम सेम टू सेम , कोई भी धोखा खा जाए , "
" अच्छी तरह ,उसकी हाल चाल ,लछ्ण कुलछ्न , अपने से पन्दरह साल बड़े मर्द से शादी की ,चार साल हो गए चुहिया भी नहीं हुयी वही न ,तेरे ही मोहल्ले में तो रहती है वो ,पति उसके मेडिकल रप्रेजेंटेटिव हैं क्या हुआ उसको। "
जेठानी जी ने मुड़ कर दिया की ओर अपना चेहरा दिया की ओर किया।
पंचायत और खासतौर से पर निंदा में जेठानी जी को बहुत रस आता था।
लेकिन दिया ने अनसुना कर दिया और पात्र परिचय में लगी रही।
"भाभी ,उनके मम्मे तो एकदम सोनाक्षी जैसे खूब बड़े बड़े भी कड़े कड़े भी ,हरदम उनके लो कट ब्लाउज से छलकते रहते हैं , पिछवाड़ा भी वैसे खूब गदराया ,भरा ,भरा , लौंडे तो लौंडे मरद भी उनको सोना डार्लिंग ही कहते हैं , और वो बुरा भी नहीं मानती हैं , हेयर स्टाइल मेकअप ,कपडे सब वो भी एकदम कॉपी ,... सब लौंडे उनके दीवाने बल्कि उनके बड़े बड़े मम्मों के ,...
बात काट के जेठानी बोलीं ,
"मालूम है ,मालूम है मुझे बचपन से मिजवाती है वो। जब कच्चे टिकोरे थे तब
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जोरू का गुलाम भाग १११
श्रुती
" अच्छी तरह ,उसकी हाल चाल ,लछ्ण कुलछ्न , अपने से पन्दरह साल बड़े मर्द से शादी की ,चार साल हो गए चुहिया भी नहीं हुयी वही न ,तेरे ही मोहल्ले में तो रहती है वो ,पति उसके मेडिकल रप्रेजेंटेटिव हैं क्या हुआ उसको। "
जेठानी जी ने मुड़ कर दिया की ओर अपना चेहरा दिया की ओर किया।
पंचायत और खासतौर से पर निंदा में जेठानी जी को बहुत रस आता था।
लेकिन दिया ने अनसुना कर दिया और पात्र परिचय में लगी रही।
"भाभी ,उनके मम्मे तो एकदम सोनाक्षी जैसे खूब बड़े बड़े भी कड़े कड़े भी ,हरदम उनके लो कट ब्लाउज से छलकते रहते हैं , पिछवाड़ा भी वैसे खूब गदराया ,भरा ,भरा , लौंडे तो लौंडे मरद भी उनको सोना डार्लिंग ही कहते हैं , और वो बुरा भी नहीं मानती हैं , हेयर स्टाइल मेकअप ,कपडे सब वो भी एकदम कॉपी ,... सब लौंडे उनके दीवाने बल्कि उनके बड़े बड़े मम्मों के ,..."
बात काट के जेठानी बोलीं ,
"मालूम है ,मालूम है मुझे बचपन से मिजवाती है वो। जब कच्चे टिकोरे थे तब से रगड़वा रही है , मुझे कोई क्या बताएगा उस के बारे में "
" अरे भाभी आप से तो कुछ भी छुपा नहीं , आपको तो सब कुछ मालूम है। "
दिया तारीफ़ के स्वर में बोली और बात आगे बढ़ाई।
" भाभी सच में उनके उभार एकदम ३६ डी ,हम सब लड़कियों को बता चुकी हैं वो , लड़के झूठे ही सोना डॉलिंग ,सोना डार्लिंग नहीं कहते उन्हें। "
" मेरे तो ३६ डीडी हैं " जेठानी सीना उभार के बोलीं।
" आप भी बचपन से मिजवा रही होंगी ,उस सोना की तरह "मैंने आगे की सीट पर बैठे बैठे सोचा ,लेकिन चुप रही। अभी सारा काम दिया के हवाले था।
“" माई भाभी इज़ बेस्ट एंड बिगेस्ट। लेकिन एक और कारण है लौंडों के उस श्रुति के पीछे पड़े रहने का , उनके पति तो महीने में बीस बाइस दिन बाहर रहते हैं ,... "
दिया ने उनके कंधे पर हाथ रख के मक्खन लगाया और बात आगे बढ़ाई।
" अरे सारे मेडिकल वालों की यही हालत है। "
मेरी जेठानी जी बोलीं थोड़े दुःख भरे स्वर में ( मेरे जेठ भी मेडिकल रेप थे और एक बार बाहर जाते थे तो चार पांच दिन )
"और वो रहते भी तो उसके बस का कुछ नहीं था , शादी तो बस ,... अरे जब तक मरद का खूंटा तगड़ा ठोस न हो, कोई औरत को बाँध कर नहीं रख सकता। "
जेठानी ने राज खोला।
" एकदम भाभी वही तो बात थी , आपको तो सब , ...तो उस श्रुति का चक्कर चार पांच महीने से उसी के घर के सामने एक मोबाइल वाला था , २६-२७ - साल का श्रुति भाभी के उम्र का ही लेकिन कुंवारा ,बस उसी से चल गया। " दिया ने किस्सा आगे बढ़ाया।
"वही विनोद न ,... " जेठानी जी ने जब अपनी जानकारी शेयर की तो दिया को भी लगा की,
सच में जेठानी जी का इनफार्मेशन सिस्टम ग़जब का था.
लेकिन जेठानी ने राज खोला ,
“अरे ऊ हमारे गाँव के पास की ,हमरे कालेज में ही थी ,हम लोग साथ ही ,... बस वो साइंस साइड से थी और मैं आर्ट साइड से , उसका तो हाईकॉलेज से ही चक्कर चलता रहता था , और फिर उसके घर वालों ने उसके फूफा के पास भेज दिया आगे पढ़ने के लिए , गाँव में बदनामी भी हो रही थी , तो वहां अपने फूफा के लड़के से ही , दिन में भइया रात में सैंया ,... और फिर उस लड़के के दोस्त भी , सुरु से ,... उसका कभी एक से मन नहीं भरता था ,... बचपन की ,... कभी कभी तो एक साथ ही चार पांच लौंडो को फंसा के रखती थी, ... अरे यहाँ भी कभी कभी मुलाकात हो जाती थी, तो मुझसे क्या छिपाती,... "
"हाँ एकदम भाभी आप ने एकदम सही पहचाना , वही बस , तो उस विनोद से पांच छह महीना जम के रोज बिना नागा, और जानती हैं उस श्रुति को विनोद ने पटाया कैसे ,.... वही सोना डार्लिंग वाली ट्रिक से , उसने अपनी दूकान पर सोनाक्षी सिन्हा का एक हॉट पोस्टर लगाया , और बस एक दिन वो दूकान पे जब पहुंची तो वो बोला ,
" भाभी ,देखिये जिस दिन से मैंने दूकान पर आपका पोस्टर लगाया है मेरी सेल १० गुनी बढ़ गयी है। "
" धत्त ,.. ये तो सोनाक्षी का ,... आप भी न लड़कों की तरह मेरे पीछे ,... " मुस्करा के श्रुति बोली।
" तो आप कौन उन से कम है , बल्कि कुछ जगहों पर तो उससे भी ज्यादा ,... " बेशर्मो की तरह सीधे उनकी लो कट चोली से झलकते बूब्स को घूर के देखते वो बोला।
" आप भी न , ... "
वो जोर से खिलखिलायीं और आँचल से अपनी गहराइयों को ढकने की कोशिश की पर किया नहीं।
हंसी तो फंसी , विनोद समझ गया ,और ऊपर से जो जवाब श्रुति ने दिया तो बस विनोद पुराना खिलाड़ी समझ गया चिड़िया ने दाना चुग लिया। श्रुति आंख नचा के बोली ,
" अच्छा आप की सेल बढ़ी मेरे पोस्टर से तो मेरा कमीशन ,? "
" एकदम , और अपने ड्राअर से एक चवन्नी छाप चिनिया मोबाइल खूब लाल पीला निकाल के उसने श्रुति की पकड़ा दिया।
" कितने का है ,महँगा होगा। " उलट पलट के वो देखते बोलीं।
" भाभी , अपनी सैंडल उतारिये और ,... आखिर देवर हूँ आपका ,मेरा भी कुछ हक़ है। हिम्मत है मेरी भौजी से पैसा मांगूंगा। " विनोद बोला।और श्रुति ने पर्स में रख लिया।
फिर तो रोज कभी लिपस्टिक कभी नेलापलिश , और एक दिन विनोद ने ऑफर दे दिया ,
" भाभी , भैय्या तो अक्सर घर से बाहर रहते हैं मैं देखता हूँ ,आप बोर होती होंगी न। मेरे पास एकदम असली की क्वालिटी वाली फ़िल्में , गाने सब मोबाइल के लिए आते हैं ,और अगर कभी आप बोर हो रही हों तो मैं ला के दे दूँ , ... आप बुरा तो नहीं मानेगी। "
" बुरा क्यों मानूंगी , आखिर भाभी हूँ तुम्हारी " हँसते हुए वो मुड़ी और अपना सोनाक्षी सिन्हा माफिक पिछवाड़ा जबस्दस्त हामी में दो चार बार विनोद की ओर मटकाया , बस उनके घर के दरवाजे विनोद के लिए खुल गए।
उसके बाद तो बस हफ्ते दस दिन में ही , वो भाभी से सोना डार्लिंग बन गयी,
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सोना डार्लिंग
" बुरा क्यों मानूंगी , आखिर भाभी हूँ तुम्हारी "
हँसते हुए वो मुड़ी और अपना सोनाक्षी सिन्हा माफिक पिछवाड़ा जबस्दस्त हामी में दो चार बार विनोद की ओर मटकाया , बस उनके घर के दरवाजे विनोद के लिए खुल गए।
उसके बाद तो बस हफ्ते दस दिन में ही , वो भाभी से सोना डार्लिंग बन गयी,
, कई बार तो मैं कभी दिन में भी श्रुति भाभी के घर गयी कॉलेज से आते जाते तो दिन में भी , विनोद वहीं और किस विस् तो हम लोगों के सामने भी , ..."
दिया ने बात आगे बढ़ाई।
जेठानी और दिया का रिश्ता अब फेविकोल से जुड़ गया था , पर निंदा का सुख, साथ की गाँव की सहेली की पोल पट्टी,... जिसे वो नमक मिर्च लगा के अपने पूरे गाँव में बांटती,... अब वो सिर्फ हुंकारी नहीं भर रही थीं बल्कि दिया को उकसा रही थीं , एकदम खुल के खोल के, उसे बताने के लिए चढ़ा रही थीं
" अरे उसकी शुरू से यही आदत थी ,गाँव में लौंडो के साथ ,कभी अरहर के खेत में तो कभी गन्ने के खेत में , बिना कोई परवाह किये , कई बार तो मैंने भी उसे ,... "
मेरी जेठानी यादों में खो गयी और उन्होंने कॉलेज के दिन अपने और उस श्रुति के ,...
और दिया तो अब एकदम मेरी जेठानी की चमची का रोल बखूबी अदा कर रही थी।
" हाँ भाभी आप एकदम सही कह रही हैं , सच में आप की निगाह,... एकदम आप से कोई कुछ छिपा नहीं सकता, एकदम सही पहचानती हैं आप,... एकदिन तो मैं कैसे बताऊँ , ... " और दिया चुप हो गयी।
" बोल न वरना पिटेगी मेरे हाथ से , कैसी ननद है भाभी से लजा रही है। " जेठानी ने उकसाया।
और पक्की ननद की तरह से दिया चालू हो गयी ,
" भाभी वो श्रुति , श्रुति क्या ,विनोद उनको बार बार सोना डार्लिंग बोल रहा था , कुतिया बना के बिस्तर पे लिटा के ,... दोनों का सर दरवाजे की ओर था तो उन दोनों ने मुझे देखा नहीं और क्या हचक हचक के ... और वो आपकी बचपन की सहेली हमारे मोहल्ले की सोना डार्लिंग भी हर धक्के का जवाब धक्के से दे रही थीं , लेकिन मेरा तो मुंह खुला रह गया जब विनोद ने उनके उस छेद से निकाल के सीधे , वहां डाल दिया ,...
" अरे स्साली , साफ़ साफ़ बोल न गांड मारनी शुरू कर दी ,क्या यहाँ वहां बोल रही है , गांड को गांड न बोलना ,बुर को बुर न बोलना दोनों की बहुत बड़ी बेइज्जती है। "
मैं बहुत देर से जबान पर ताला लगा के बैठी थी , पर कोई ननद बात करने में ' ये वो ' करे तो मैं उसे छोड़ने वाली नहीं थी।
गुड्डी नयी बछेड़ी ,उस के मुंह से निकल गया , " वहां , पिछवाड़े ,...दर्द नहीं हुआ उन्हें ,श्रुति भाभी को। "
मैंने सोचा , रानी एक दिन की बात ,कल तो चल रही है तू हमारे देस न। पिछवाड़े की भी सील खुलेगी वहां,
पर मेरी जेठानी को ये कमर्शियल ब्रेक बर्दास्त नहीं हुआ ,दिया से बोलीं ,बोल न दिया आगे क्या हुआ ,क्या क्या देखा तूने।
अरे भाभी ये बोलिये क्या नहीं देखा। श्रुति चीख रही थीं चूतड़ पटक रही थीं लेकिन साफ़ साफ़ लग रहा था की उन्हें भी खूब मजा रहा है , और वो विनोद भी न ,खूब जोर जोर से बोल रहा था ,
" ओह मेरी सोनिया ,मेरी सोना डार्लिंग क्या मस्त चूतड़ हैं तेरे ,कित्ता मजा आ रहा है तेरी गांड मारने में , सारे शहर के लौंडे जिस गांड के दीवाने हैं ,ले घोंट अपनी गांड में ,... खूब हचक हचक के ,... "
अब दिया पर मेरी डांट का असर हो गया था ,एकदम अनसेंसर्ड खुल के असली दिया के फ़ार्म में वो बोल रही थी।
और अब दिया चुप हो गयी तो मेरी जेठानी को नहीं बर्दास्त हुआ ,
" फिर ,... बोल न आगे " उन्होंने दिया को उकसाया।
" भाभी कैसे बताऊं ,दस मिनट तक खूब रगड़ रगड़ के , और ,... उसके बाद दोनों ,... जब विनोद ने निकाला तो सारी मलाई पीछे वाले छेद से ,...
अब मैं समझ गयी की वो निकलेगा तो मैं ड्राइंग रूम में एक बाथरूम था उसमें घुस गयी , जब विनोद के जाने और बाहर से दरवाजा बंद होने की आवाज आयी तो मैं दबे पाँव सीधे श्रुति भाभी के कमरे में ,.... वो बस अभी भी एक साडी बस लपेटे , सफ़ेद चद्दर पर गाढ़ी मलाई फैली थी। मैंने जब तक वो सम्हले ,अपनी बाहों में भींच लिया और चुम्मी लेते हुए एकदम विनोद की तरह बोला ,
" सोना डार्लिंग "
" तू कब आयी " बिना मुझे छुड़ाती बोली।
" जब आपके पिछवाड़े मुसल चल रहा था ," खिलखिलाते मैं बोली।
" हे तू ,कुँवारी ननदों को ये सब नहीं देखना चाहिए ,उनका चरित्र खराब हो सकता है " मुझे पिंच करते खिलखिलाते वो बोलीं।
तभी मेरी निगाह एक नए मोबाइल पर पड़ी ,बिस्तर के नीचे गिरा , मैंने उसे उठा लिया ,
" हे भाभी लेटेस्ट मोबाइल और ननद को पार्टी भी नहीं दी ,कब लिया ये " मैं उसे देखते बोली।
" अरे मेरा नहीं उसी का है लगता है रह गया ,जब तू जाएगी न तो नीचे दूकान पे उसे दे देना। " वो बोलीं।
तब तक मैंने मोबाइल खोल लिया था ,लॉक सिम्पल था वी। और सन्न रह गयी ,
अपनी सोना डार्लिंग की एकदम गीली टॉवेल में टॉप ,सब कुछ दिखता था गोलाई कड़ाई ,निप्स ,..
लेकिन जो मैंने चेंज की तो दो तीन वाल पेपर और सबमें श्रुति भाभी एकदम टॉपलेस।
" भाभी ये क्या , ... " मैंने उन्हें दिखाया पर वो एकदम परेशान नहीं हुयी बोलीं
वो एकदम मेरे बूब्स का दीवाना है यार ,मैंने भी उसे बोला , लेकिन बहुत जिद्द की तो बोला , अरे यार मेरा फोन कोई देखता नहीं है और कोई पूछेगा भी तो कह दूंगा की सोनाक्षी का फेक है नेट से डाउनलोड किया था।
" तो भाभी आप के मोबाइल में तो और भी ,... " मैंने पूछा तो श्रुति भाभी ने अपना वो चिनिया मोबाइल ,
उसमें तो उनकी सेल्फी , खूंटा पकड़े ,गोद में बैठे ,... लेकिन किसी में भी विनोद का चेहरा नहीं था।मैं समझ गयी विनोद की चालाकी लेकिन श्रुति भाभी भी कम नहीं थी ,प्यार से उन्होंने मुझे समझाया ,
" अरे यार मैं भी कह दूंगी की सोनाक्षी का फेक है किसी ने व्हाट्सऐप किया था। "
आधे घंटे तक मुझसे गप्प मारती रहीं ,उनके पति तो सेल्स के लिए हफ्ते भर के लिए बाहर गए थे। मुझे ट्यूशन को जाना था इसलिए मैं चली आयी , हाँ लौटते वक्त ,विनोद के दूकान पर उसका मोबाइल भी दे दिया मैंने।विनोद का उनसे रेगुलर का , रोज बिना नागा , सारे मोहल्ले को मालुम चल गया था।
" हाँ लेकिन कभी उसका मन एक से भरता थोड़े ही था ,कॉलेज के दिन में भी दो चार से चक्कर चलाती थी और दो चार वेटिंग में ,गाँव में तो तुम्हारे शहर की तरह की नहीं चैट और ,.. वहां तो बस सीधे गन्ने का खेत ,आम की बाग़ , सीधे से नहीं तो जबरदस्ती। यहां केसे एक से उसका ,... "
जेठानी ने फिर पुराने दिनों का पिटारा खोला ,
वही तो ,दिया ने बात आगे बढ़ाई।
" लेकिन करीब डेढ़ महीने पहले हम लोगों के बगल में एक कोचिंग वाले ने एक हॉस्टल खोल दिया लड़कों के लिए ,इंटर विंटर करके लड़के आते हैं उसमें ,बस उसी में से एक श्रुति भाभी को भा गया , अट्ठारह का मुश्किल से होगा हमी लोगो की उम्र का समझिये ,थोड़ा बड़ा ,... और बस चल गया चक्कर , बाकी कोचिंग वॉचिंग तो गयी तेल लेने ,श्रुति भाभी की कोचिंग चालू। "
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श्रुति - जेठानी की बचपन की सहेली
" हाँ लेकिन कभी उसका मन एक से भरता थोड़े ही था ,कॉलेज के दिन में भी दो चार से चक्कर चलाती थी और दो चार वेटिंग में ,गाँव में तो तुम्हारे शहर की तरह की नहीं चैट और ,.. वहां तो बस सीधे गन्ने का खेत ,आम की बाग़ , सीधे से नहीं तो जबरदस्ती। यहां केसे एक से उसका ,... "
जेठानी ने फिर पुराने दिनों का पिटारा खोला ,
वही तो ,दिया ने बात आगे बढ़ाई।
" लेकिन करीब डेढ़ महीने पहले हम लोगों के बगल में एक कोचिंग वाले ने एक हॉस्टल खोल दिया लड़कों के लिए ,इंटर विंटर करके लड़के आते हैं उसमें ,बस उसी में से एक श्रुति भाभी को भा गया , अट्ठारह का मुश्किल से होगा हमी लोगो की उम्र का समझिये ,थोड़ा बड़ा ,... और बस चल गया चक्कर , बाकी कोचिंग वॉचिंग तो गयी तेल लेने ,श्रुति भाभी की कोचिंग चालू। "
खिलखलाते हुए दिया बोली।
"और उ विनोदवा, ... :"जेठानी जी ने अपनी उत्सुकता जाहिर की।
" अरे उ रिश्तेदारी में कहीं गया था शादी वादी के लिए , दस बारह दिन के लिए ओहि टाइम ,... श्रुति भाभी लौंडे को फांस ली। कम से कम उनसे दस साल छोटा रहा होगा। "
" अरे तुम लोग क्या सोचती हो सिरफ मरदों को तुम जैसी कच्ची कलियाँ पसंद है ,अरे हम औरतें भी कच्चे केले का स्वाद लेने के लिए ,... "
मैं गाडी चला रही थी लेकिन कान पारे दिया -जेठानी संवाद सुन रही थी। मेरे मुंह से निकल गया।
"एकदम ,जेठानी जी हामी भरी लेकिन उनका मन आगे की बात सुनने के लिए कुलबुला रहा था तो उन्होंने दिया को कुहनी मारी ,
" तू बोल न फिर क्या हुआ। "
" अरे भाभी दो दो मरद से छुप के चक्कर चलाने से जो होता है वो हुआ , बिनोदवा ने उनकी फोटो ओटो ,सेल्फी सब खींच रखी थी ,एक दिन मैं श्रुती भाभी के घर गयी तो वो मुंह लटका के , उनके हाथ में मोबाइल , और जब तक वो बंद करतीं मैं ने देख लिया , उनकी आठ दस फोटो ,
एक से एक , किसी में बिनोदवा के गोद में बैठी तो किसी में चुम्मा चाटी और एकाध तो एकदम ,...
विनोदवा ने उनसे बोला था की सारे मोहल्ले को व्हाट्सऐप कर देगा ,उनके मरद को भी ,उनके मायके में सब जगह। जो पहले मैंने देखा था न उससे भी ज्यादा ,एकदम हॉट ऐक्शन वाले ,सब में श्रुति भाभी का चेहरा उनका मंगलसूत्र , सिन्दूर सब साफ़ साफ़ क्लोज अप में। लेकिन माफ़ी वाफी मांग के किसी तरह उन्होंने बोला की उस लड़के से कोई रिश्ता नहीं रखेंगी। "
फिर ,
जेठानी बोलीं। वो पूरा किस्सा सुनने के लिए बेचैन थीं।
" फिर क्या वही विनोदवा से रोज का दो तीन राउंड वाला हिसाब ,वही सस्ते मोबाइल का गिफ्ट , वही चक्कर चालू , और कुछ दिन तक तो उन नए लौंडो के हॉस्टल से वो दूर थीं पर अरे आप तो उन्हें बचपन से जानती है ,उन्हें कंट्रोल नहीं महीने भर के अंदर बिनोद कहीं दो तीन दिन के लिए बाहर गया तो बस फिर उस लड़के के साथ ,... हमारे घर आयीं तो हमने पूछा भी उनसे की कहीं बिनोद , फोटो वोटो तो हंसने लगीं।
बोलीं ,
"अरे फोटो का क्या कह दूंगी , मॉर्फ है किसी की फोटों में मेरा सर लगा दिया है ,हरामी खाली वही स्मार्ट है क्या। फिर उसकी भी तो फोटो है उसमे , वो नहीं बदनाम होगा। और मैंने इनको तो पहले ही बोल दिया , बिनोद का नाम नहीं बताया है लेकिन बस यही की आज कल लड़के लोग तो कोई आप को किसी की फोटो में मेरा चेहरा लगा के भेजेगा तो मानियेगा मत। तो अब उस के तीर का असर नहीं होनेवाला। "
दिया ने पूरी बात बतायी।
" लेकिन वो सविता भाभी वाली बात ,... " मैंने आगे से पूछा।
" वही तो बता रही हूँ। बात श्रुती भाभी की सही थी ,उनकी आवाज तो थी नहीं उसमें , कोई वीडियो भी ऐसा नहीं , तो एकदम मुकर सकती थीं और ऊपर से अपने पति को पहले ही सेट कर लिया था उन्होंने इसलिए डरने की बात नहीं थी उन्होंने ,"
" अरे उसका मर्द ,जानती नहीं क्या मैं ,एकदम बेकार ,... " मेरी जेठानी वितृष्णा से बोलीं।
" तो क्या विनोद को छोड़ दिया तेरी उस भाभी ने ,... " मैंने आगे से सवाल दागा।
" नहीं नहीं , रात भर वो भाभी के कमरे में धंसा और उनके ऊपर चढ़ा रहता था। अरे आप देखी नहीं है न उनको ,उनके जोबन का नशा दो बोतल देसी दारु के बराबर। कई बार तो उनके मरद घर में रहते थे तो भी , वो ,... " दिया ने बोला।
///
फिर ,... मेरी जेठानी बेकरार हो रही थीं।
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फंस गयीं सोना डार्लिंग
" तो क्या विनोद को छोड़ दिया तेरी उस भाभी ने ,... " मैंने आगे से सवाल दागा।
" नहीं नहीं , रात भर वो भाभी के कमरे में धंसा और उनके ऊपर चढ़ा रहता था। अरे आप देखी नहीं है न उनको ,उनके जोबन का नशा दो बोतल देसी दारु के बराबर। कई बार तो उनके मरद घर में रहते थे तो भी , वो ,... " दिया ने बोला।
फिर ,... मेरी जेठानी बेकरार हो रही थीं।
" आप जैसे कह रही थीं न बचपन से उनका मन एक से भरने वाला है क्या , तो कुछ दिन बाद फिर वो उस कोचिंग वाले लड़के के चक्कर में और अब सेफ्टी के मारे तो वो सीधे उस लड़के के हॉस्टल में , और वहां एक दिन उस लड़के का रूम पार्टनर था वो भी , ....
कुछ दिन बाद विनोद को पता चल गया फिर खूब झगड़ा हुआ , और श्रुति भाभी ने बोल दिया जाओ फोटो मेरे मरद को दिखाना है तो दिखा दो , विनोद ने फोटो और एक एम् एम् एस उनके हसबैंड,.. को भेजा।
" तो कुछ हुआ क्या , खूब डांट फटकार हुयी होगी उस श्रुति की " मैंने पूछा।
" अरे कुछ नहीं हुआ होगा , जिस मरद का खड़ा नहीं होता उस के अंदर बूता नहीं होता , ... " जेठानी ने भुनभुनाते हुए गुरुज्ञान दिया।
" एकदम भाभी आप ने सही कहा , कुछ नहीं हुआ। फिर विनोद ने एक दिन श्रुती को स्टूडेंट्स हॉस्टल से निकलते देख लिया और वहीँ बोला , तुझे बदनाम करके रख दूंगा , चल नहीं पाएगी इस गली में।
श्रुति भाभी ने भी झटक के बोला जा कर ले जो करना है। बस।
और इसके बाद दिया ने जबरदस्त पॉज लिया जिससे हम लोग उससे चिरौरी मिनती करें , की हम लोगों ने।
और दिया का मुंह खुला।
" तीन दिन बाद धमाका हुआ , केबल वाले ने रनर चलाना शुरू कर दिया , आप के मुहल्ले की अपनी सविताभाभी , केबल के परदे पर पहली बार , जिस के जोबन ने पूरे शहर में ग़दर मचा रखी थी , जिस के लो कट ब्लाउज देख कर आप सोचते थे ,चोली के पीछे क्या है , अब एकदम खुल्लमखुल्ला , रात में एक बजे से ,आपकी नींद उड़ा लेगी।
और साथ में श्रुती भाभी के पिछवाड़े की फोटो ,कसर मसर करते दोनों ..
अगले दिन रनर और हॉट हो गया ,और श्रुती भाभी की फोटो भी साइड से और एक सामने से भी फेस थोड़ा ब्लर्ड , लेकिन जिसने उनको एक बार भी देखा था तुरंत पहचान गया , श्रुति भाभी का ट्रेडमार्क खूब टाइट लो कट ब्लाउज , बैकलेस ,आलमोस्ट पूरी पीठ दिखती,
और जिस दिन से वो केबल पर आना था उस दिन तो आधे से ज्यादा के पास विनोदवा ने कहीं से टेक्स्ट भी करवाया , कौन है आपके मोहल्ले की सविता भाभी ,कहीं वो श्रुती भाभी तो नहीं , बस आज रात एक बजे ,
और जब असली फिल्म चलने वाली थी उसके पहले दिया चुप , सस्पेंस बनाने में माहिर।
गुड्डी से नहीं रहा गया , मुड़ के उसने पूछ ही लिया ,
" तूने देखा था "
उस शोख पंजाबी कुड़ी ने खिलखिलाते हुए हामी में अपनी गर्दन हिलायी।
जो सवाल मैं जान रही थी मेरी जेठानी जी को कुरेद रहा था , वो मैंने पूछ लिया।
" अरे वो श्रुति मना कर देती मेरा नहीं है ,ब्लर्ड सी तो होती हैं वो एम् एम् एस। "
" यही तो उस शाम श्रुती भाभी ने भी बड़े कॉन्फिडेंस से मुझसे यही कहा था , स्साला बिनोदवा कर ले , अरे मैं मना कर दूंगी। आज कल तो किसी की फोटो कहीं ,.. "
" सही तो कह रही थी ,श्रुती वो क्या कहते हैं मॉर्फिंग ,... " मेरी जेठानी ने भी अपने मन की भावना व्यक्त कर दी।
" हाँ भाभी लेकिन वो फिल्म तो , पहले शुरू में तो एकदम नार्मल ,श्रुती भाभी ,बाजार में शॉपिंग करते , बैगन पसंद करते , गली में टहलते फिर उनकी फोटो घर में घुसते ,घर में अंदर से दरवाजा बंद करते ,बेडरूम में अंदर से सिटकनी बंद करते,जो साडी पहन के बाजार में थी उसे उतारते ,
कैसे मना कर सकती थी की वो नहीं है ,और फिर पिक्चर एकदम शार्प ,ज़रा भी ब्लर्ड नहीं ,...
और फिर उसी बेडरूम में सेक्स सीन ,और सबसे बढ़के उनकी आवाज , बैंगन छांटते जो आवाज थी वही बैडरूम में ,वही सेक्स के टाइम भी , ... आदमी चेहरा मॉर्फ कर सकता है लेकिन आवाज थोड़ी। और फिर बातचीत में श्रुती भाभी अपने बारे में भी बोलती ,... एकदम परसनल डिटेल्स ,.... पूरे घंटे भर की थी। "
हम सब लोग चुप ,अपने अपने ढंग से सोचते हुए लेकिन जेठानी के मुंह से निकल गया ,
" कैसा था ,... "
दिया भी न जान बूझ के थोड़ी देर तो चुप रही फिर बड़ी भोली बन के बोली ,
" किसका भाभी , क्या ,... "
" अरे उहे बिनोदवा क। "
दिया एक पल उनकी आँख में आँख मिला के देखती रही , फिर मुस्करा के बोली ,
"कुछ खास नहीं भाभी , अरे पांच , साढ़े पांच रहा होगा। "
"पांच , साढ़े पांच अच्छा खासा होता है , अरे ज्यादातर तो चार ,साढ़े चार ,... "
जेठानी केमुंह से निकल गया
और मैं उनका दर्द समझ गयी
मेरे वाले बारी तो मेरी सास गदहे घोड़े के पास तीन महीने लगातार जबतक गाभिन नहीं हुयी , इसलिए एकदम मूसलचंद , और जेठ जी के टाइम पे लगता है किसी खरगोश वरगोश पे उनका दिल आ गया था।
दिया के मुंह से निकलते निकलते रह गया ,
" भाभी मैं कब से सात इंच का घोंट रही हूँ , मुझे तो ,... "
और मेरे मुंह से भी निकलते निकलते रह गया ,
" अरे दीदी ,आपके संस्कारी देवर जो आपके लिए इस समय मटन दो प्याजा बना रहे हैं , बस कुछ देर की बात है ,अगवाड़े पिछवाड़े आठ इंच का ,... और कलाई इतना मोटा भी ,... "
दिया ने बात आगे बढ़ाई हम सब कान पारे सुन रहे थे।
" अगले दिन तो और हॉट ,श्रुती भाभी के घर तो मैं कितनी बार गयी थी ,श्रुती भाभी के घर की कोई जगह कोई कोना नहीं बचा , बाथरूम में शावर में , किचेन में निहुरा के , बरामदे में दीवाल से सटा के , उनके दीवाल की पुताई का रंग ,कैलेण्डर , पिक्चर , किचेन का सामान सब कुछ ,... और उनके जो बर्थ मार्क थे वो भी सब एकदम क्लोज अप में , कैसे मना करतीं की वो नहीं है , ... जांघ के पास एक बर्थ मार्क ,... "
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केबल, गैंगबैंग और बदनामी श्रुति उर्फ़ सोना की,
" अगले दिन तो और हॉट ,श्रुती भाभी के घर तो मैं कितनी बार गयी थी ,श्रुती भाभी के घर की कोई जगह कोई कोना नहीं बचा , बाथरूम में शावर में , किचेन में निहुरा के , बरामदे में दीवाल से सटा के , उनके दीवाल की पुताई का रंग ,कैलेण्डर , पिक्चर , किचेन का सामान सब कुछ ,... और उनके जो बर्थ मार्क थे वो भी सब एकदम क्लोज अप में , कैसे मना करतीं की वो नहीं है , ... जांघ के पास एक बर्थ मार्क ,... "
"उसके सीने पर भी एक तिल है ,... " जेठानी जी ने अपनी पुरानी सहेली के बारे में जानकारी शेयर की।
"हाँ बस निपल से थोड़ी दूर , .... "दिया बोली ,और जोड़ा उसका शॉट तो कितनी बार क्लोज अप में।
लेकिन एक बात मानना पड़ेगा की श्रुति भाभी हॉट बहुत थीं , क्या सक करतीं ,सारी मलाई घोंट जाती थीं। अगवाड़े ,पिछवाड़े , खुद खड़े खूंटे पे अपने हाथ से पकड़ के बैठ जाती थीं ,... "
" बचपन से ही वो ऐसी ,.. " जेठानी जी अपनी यादों में खो गयी थीं।
"और बिचारी श्रुति भाभी उनका बाहर निकलना आलमोस्ट बंद , बाहर लौंडो की लाइन , ... जहाँ देखों तहाँ उन्ही की बात ,हाँ उनके पति ने कुछ नहीं बोला ,लेकिन उनको लोगों ने बताया तो होगा ही। "
दिया ने फिल्म का असर बताया और बात आगे बढ़ाई।
" लेकिन तीसरे दिन तो आग लग गयी। अब सब लोग रात में एक बजे ,... और उस दिन ,... अबतक तो मर्द का चेहरा साफ़ नहीं दिखता था और दिखता कैसे ,बिनोदवा खुदै था।
लेकिन तीसरे दिन लड़के की सकल एकदम साफ़ ,वही इंटर करके जो लड़का आया था कोचिंग में उसी का , हंस हंस के भाभी की उससे बतियाते , मजाक करते ,छू छू के भाभी उसे छेड़ रही थीं ,और उसका बिनोदवा से बड़ा भी था मोटा भी। "
" अरे कौन औरत होगी जो ज्यादा बड़े और मोटे पर न ललचा जाए " ठंडी आवाज में जेठानी जी ने अपनी बात कह दी।
" सेक्स भी जबरदस्त कर रहा था वो , एकदम खुल के उन्हें एकदम खुल के गरियाते हुए और भाभी भी उसी तरह ,... फिर उसी हॉस्टल के एक और लड़के के साथ ,वोउनका लवर ब्वाय और उसका रूम मेट , भाभी बीच में दोनों का पकड़ के मुठियाते ,एक साथ दोनों का घोंटते , उस दिन केबल वाले ने पूरे दो घंटे ,ब्ल्यू फिल्म मात।
लेकिन असली खेल अभी बाकी थी , वो भी चार आने का नहीं आठ आने का पूरा , और अगले दिन तो सबके यहां रात में एक बजे केबल खुला था। " “
दिया फिर एक बार चुप।
अबकी मैं और मेरी जेठानी एक साथ चिल्लाये , बोल न क्या हुआ।
पर दिया भी न ,पक्की मेरी ननद। तड़पाने में टीज करने में ,सस्पेंस बिल्ड अप करने में नम्बरी।
बोली ,
" अरे भाभी ये पूछिए क्या नहीं हुआ , उस दिन की फिल्म देख के तो ७५ साल के बुढ्डे का भी खड़ा हो गया , वियाग्रा मात। कौन लड़की होगी जिसने ऊँगली न की होगी और कौन लौंडा होगा जिसने सोना डार्लिंग को देख के मुट्ठ न मारा हो , मैंने दो दो बार।
असल में बाद में पता चला की सब विनोद की साजिश थी , उसने उस हॉस्टल के चौकीदार को पटा के सोना डार्लिंग का जो सोना मोना आशिक था उसके कमरे में कैमरे फिट करा दिए थे। और चौकीदार को अपने तीन चार खूब काले भुजंग लेकिन नम्बरी चोदू साथियों को भी लाने को बोला था , पूरी रात का सीन। "
अब गुड्डी उकता गयी , मेरी ननद तो बाद में बनी ,उसकी सहेली तो दर्जा एक से थी ,गाली देने का पूरा हक़ था उसे। चिल्लाई वो जोर से ,
' कमीनी स्साली , कहानी बंद कर मुद्दे पे आ ,ज्यादा रायता मत फैला। "
और दिया मुद्दे पे आ गयी।
" सोना डार्लिंग अपने मजनू के यहाँ पूरे जोश से गयी थीं , पति तो उनके बाहर थे ही ,टेम्पोरेरी पति विनोद भी तीन चार दिन के लिए सोना रानी को बोल के सुबह ले ही गया था। आज उनके बालक आशिक की बर्थडे भी थी और एक दो उसके रूम पार्टनर का भी उन्होंने घोंट लिया था तो डबल धमाका होना था। वो केके के १० बजे रात में पहुंच गयीं।
११ बजे तक केक वेक कट गया और तीनो के कपडे उतर गए थे ,सोना रानी दोनों लौंडों का लंड बारी बारी से चूस रही थीं।
उसी समय चौकीदार और उसके दोस्तों ने पहले तो खटखटाया फिर जब तक वो लोग कपडे पहने लात मार के चौकीदार और उसके दोस्तों ,काले भुजंगों ने दरवाजा खोल दिया। "
फिर ,जेठानी जी की सांस तेजी से चल रही थी ,
लड़के ६ लौंडिया एक।
" अरे कुछ पार्ट फिल्म में नहीं थी लेकिन बाद में पता चला। उन सबों ने पहले तो आशिक और उसके दोस्त को कुर्सी में बाँध दिया फिर सोना रानी को जबरदस्ती दो बोतल शुद्ध देसी दारू गटर गटर पिलाई , शायद कुछ ड्रग्स वगस भी और दो ने चाकू निकाल के दिखाए की उनके आशिक का अंग विशेष काट के उसके पिछवाड़े वो डाल देंगे , अगर श्रुति भाभी ने उनकी बाते नहीं मानी ,कुछ भी हल्ला गुल्ला किया। कुछ देर में जब दारू का असर हो गया था तो फिल्म शुरू हुयी।
" क्या था फिल्म में जो ,... " मैं भी चुप नहीं रह सकती थी ,ड्राइव करते आगे से बोली।
" गैंगबैंग की सबसे हॉट फिल्म से भी ज्यादा हॉट ,भाभी। एक साथ दो दो। पहले शुरुआत में ही वो चारो भुजंगों का चूस रही थीं। लंड भी सालो के बांस थे एकदम,लम्बे मोटे ,... " दिया शुरू हुयी।
" अरे तब तो वो खुदी ही मस्ती से ,लम्बे मोटे के लिए तो वो हाईकॉलेज से ही ,... " जेठानी ने पुराने राज खोले।
" फिर एक के मोटे बांस पे श्रुति भाभी चढ़ गयीं अपनी चूत में घोंट भी लिया उन्होंने ,
और तबतक दूसरा , उससे भी मोटा , वो पीछे से उनकी गांड में , क्या हचक के गांड मार रहा था ,.सोना रानी चीख रही थी ,चिल्ला रही थीं ,पर वो साथ में उनके चूतड़ पे हाथ भी ,कुछ ही देर में सोना रानी के चूतड़ लाल , और वो खुद धक्के मार मार के गांड में अपनी लंड घोंट रही थीं।
तब तक तीसरे ने उनके मुंह में अपना लंड डाल दिया। फिर तीनो शांत और सोना रानी खुद धक्के मार मार के ,धक्के मार के अपनीगाँड में बुर में और साथ साथ चूस भी रही थी। "
" पक्की चुदवासी है वो " जेठानी जी ने कमेंट दिया
और मैं बिना बोले रह गयी ," एकदम आपकी तरह "
गांड जो मार रहा था उसने श्रुति भाभी की बालों का जैसे घोड़ी की लगाम हो बनायी और जोर जोर से खींचने लगा , और साथ में जोर जोर से चांटे उनके बड़े बड़े चूतड़ पे , गालियां भी ,मादरचोद गांड मरवाने में मजा आ रहा है न अब तो रोज तेरी दावत होगी।
लेकिन कुछ देर बाद गांड से लंड निकाल के सीधे भाभी के मुंह में ,जरा सा ना नुकुर किया तो वो चांटे उनके गाल पे पड़े की ,... फिर जब तक वो उसका लंड चूस रही थीं , साफ़ सूफ कर रही थीं ,
" गांड से लंड निकाल के ,फिर तो गांड की सब ,... " गुड्डी ने चौक के पूछा
दिया बोली। और क्या ,कैमरे में उस के लंड पे सब दिख रहा था था। थोड़ी देर में जो गांड मार रहा था वो फिर मुंह में और ये गांड से मुंह में। जब झड़े तीनों तो उनके मुंह और बाल पे। "
और चौथा , जेठानी की गणित ठीक थी।
" वो मुठिया रहा था ,और जब वो तीनो हटे तो वो ,लेकिन उसका सबसे मोटा था और सोना रानी को अपने आप उसकी कुतबमीनार को अपनी गांड में घोंटना पड़ा।
मजेदार बात ये थी की ये सब देख के उनके आशिक का भी खड़ा हो गया और सोना भाभी खुद उसके लंड को मुंह में लेकर , ... और किसी का चेहरा बहुत साफ़ नहीं था लेकिन सोना भाभी ,उनके आशिक और उसके रूम मेट का ,एकदम साफ़। पूरे कमरे की दीवालें ,किताबें सब फिल्म में तीन राउंड चारों ने और सब ने दो दो बार गांड मारी भाभी की। और सब झड़ते समय थोड़ा अंदर ,थोड़ा बाहर उनकी देह पे। दो बार के बाद ,उसके आशिक से सबने चटवा चटवा के ,सोना भाभी की सारी देह , सब छेद पिछवाड़े तो जीभ अंदर डाल डाल के , ... और जब बीच में वो चारों ,काले इतने की नीग्रो मात , सुस्ता रहे थे आशिक और उसके दोस्त ने भी भाभी की सैंडविच बनायी >"
हम सब कान पारे सुन रहे थे , बाकी का तो पता नहीं लेकिन मेरी सोच सोच के लसलसी हो रही थी।
और फिर उसने असर बताया।
सबसे पहले वो लड़का ,उसके घरवालों ने उसे कोचिंग से वापस बुला लिया।
फिर हॉस्टल जिस के घर में खुला था उन पर मोहल्ले वाले चढ़ गए और हॉस्टल भी बंद हो गया। तीन दिन के बाद केबल वाले ने बंद कर दिया था लेकिन ये दिखा के की अभी अठन्नी का खेल बाकी है। शायद इस लिए की अब श्रुति भाभी के हस्बैंड कही जॉब पर चले गए थे , तीन चार दिन के लिए। और जब वो लौटे तो चौथा पार्ट भी , बस उसके बाद श्रुति भाभी के मकान मालि क ने नोटिस दे दी ,चौबीस घण्टे में मकान खाली करें। दूकान दार ने सामान देना बंद कर दिया। उनके हस्बैंड से भी लोगों ने बातचीत बंद कर दी।
आखिर एक हफ्ते के अंदर उन्हें मकान छोड़ के जाना पड़ा।
लेकिन केबिल तो अब सी डी बन गयी थी।
वो लोग शहर छोड़ के ही चले गए पता नहीं कहाँ।
दिया ने बात पूरी की , मॉल नजदीक आ रहा था।
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सोना - श्रुति - जेठानी की बचपन की सखी --
-दुखद अंत
फिर हॉस्टल जिस के घर में खुला था उन पर मोहल्ले वाले चढ़ गए और हॉस्टल भी बंद हो गया। तीन दिन के बाद केबल वाले ने बंद कर दिया था लेकिन ये दिखा के की अभी अठन्नी का खेल बाकी है। शायद इस लिए की अब श्रुति भाभी के हस्बैंड कही जॉब पर चले गए थे , तीन चार दिन के लिए।
और जब वो लौटे तो चौथा पार्ट भी ,
बस उसके बाद श्रुति भाभी के मकान मालि क ने नोटिस दे दी ,चौबीस घण्टे में मकान खाली करें।
दूकान दार ने सामान देना बंद कर दिया। उनके हस्बैंड से भी लोगों ने बातचीत बंद कर दी।
आखिर एक हफ्ते के अंदर उन्हें मकान छोड़ के जाना पड़ा। लेकिन केबिल तो अब सी डी बन गयी थी।
और बिनोदवा चुन चुन के जो उसके यहाँ से मोबाइल लेने, रिपयेर करवाने आता था, उन सबके मोबायल में केबल की उस फिल्म के सारे भाग फ्री में लोड कर देता था, जो जो उन के मरद के आफिस में काम करते थे, सब के पास,फिर उस की क्लिप व्हाट्सएप ग्रुप में साथ में श्रुति भाभी रोजाना की फोटो,सब के मोबाइल पे श्रुतिया की टॉपलेस फोटो का वाल पेपर बिनोदवा खुदे डाल रहा था फ्री में, बात चीत साथ में कमेंट
मिला के देख लो वही है, अपनी,...
हर रोज कुछ नया।
वो लोग शहर छोड़ के ही चले गए पता नहीं कहाँ।
दिया ने बात पूरी की , मॉल नजदीक आ रहा था।
हम सब लोग बहुत देर तक चुप बैठे रहे, मैं गाड़ी ड्राइव कर रही थी,... जेठानी के चेहरे को मैं रियर व्यू मिरर में देख रही थी,चिंता और उदासी दोनों के बादल छाये हुए थे, .
मैं तिरछे जेठानी के चेहरे की ओर देख रही थी उनके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था।
बिचारी जेठानी सन्न।
दिया की एक एक बात जैसे उनके सीने में गोली,
और दिया रुक रुक के ऐसे बोल भी रही थी जैसे एक एक कील ठोंक रही हो ,घुमा घुमा के कोई पेंच किसी कड़ी सरफेस में घुसा रही हो।
और फिर दिया ने जैसे घाव पे मलहम लगाते हुए फिर बोलना शुरू किया ,
" अरे भाभी , आप क्यों सोच रही आखिर गलती उस सोना डार्लिंग की ही थी न। " फिर दिया ने एक एक करके गलतियां गिनवानी शुरू कर दी।
"देखिये ,एक ओवर कॉन्फिडेंस ,अपने चालाक ,स्मार्ट होने का ,दूसरे घमंड। वो सोचती थीं की बस ये बता की फोटो मार्फ है ,सोना डार्लिंग की है उनकी नहीं ,वो बच जाएंगी। वीडियो भी फेक बनता है ,कुछ सीन कहीं कहीं ,लेकिन जानती है गलती कहाँ हुयी उनसे ,
"कहाँ " जेठानी अब दिया की एक एक बात बहुत गौर से सुन रही थीं।
" आवाज " दिया बोल के चुप हो गयी। फिर चालू हुयी।
" आवाज थोड़ी कोई फेक करेगा। और बाकायदा उस वीडियों में उन की आवाज थी ,सिर्फ सिसकी नहीं ,उह्ह आह्ह नहीं ,देर तक बात करती। वो भी अपनी पर्सनल बातें करती। अब वो थोड़ी कह सकती थीं की ये आवाज उनकी नहीं सोनाक्षी सिन्हा की है और सोनाक्षी सिन्हा को उनकी बचपन की सब बातें मालूम है / विनोदवा ने हर जगह माइक लगा के साफ़ साफ़ आवाज रिकार्ड की थी। "
जेठानी सोच में ,और दिया गिनाती रही।
दूसरी चीज उन की चुदवाती फ़िल्में उन के अपने घर में बनी थी ,दीवाल का रंग ,बैडरूम का फर्नीचर ,किस किस चीज को वो फेक कहतीं। फिर दो चार मिंनट का कोई फर्जी एम् एम् एस बनाता लेकिन पूरे घण्टे घण्टे भर की चार वीडियो ,कौन मानेगा की फेक है।
" लेकिन जानती हैं असली गलती और सबसे बड़ी गलती क्या की श्रुति भाभी ने ? " दिया ने सबसे फ़ास्ट बाल ओवर की फेंकी।
" क्या " जेठानी तो श्रुति की एक एक बात ,
" ननद की बात न मानना और ये न समझना की कब वो बाजी हार चुकी हैं और उन्हें चुपचाप हथियार डाल देने चाहिए। उन की भी इज्जत बच जाती ,घर वालों की भी , मैंने जब टीजर उस केबल वाले ने चलाना शुरू किया ,पूरे चार दिन तक तो खाली टीजर चला , उस से बात की। मुश्किल से वो माना , फिर उस ने विनोदवा से भी बात की ,मनाया , बस शर्त ये थी की , उन्हें केबल वाले के साथ भी ,उसके दोस्त यार और विनोदवा भी कभी कभार अपने दोस्त वोस्त ,... और फोर्वो चाहे जहाँ मुंह मारें , कोई बात नहीं ,... लेकिन एक बार तो वो मान गयी पर उनकी कोई कजिन थी उस ने समझा दिया की सोनाक्षी सिन्हा वाला फार्मूला च जाएगा और पति को पहले से बोल के रखें। तो उन्होंने फिर फोन कर के बोल दिया , जो करना है कर लो। बस उस रात वो फिल्म चलनी शुरू हुयी और हफ्ते भर के अंदर ,घर मोहल्ला ,शहर सब छोड़ के। "
" अरे ये तो गनीमत की उनके पति ट्रांसफरेबल जॉब पे थे , मान लो वो इसी शहर की रहने वाली होतीं ,बजाय किराए के अपना पुराना घर ,प्रापर्टी होती तो और ,... "
गुड्डी जो अबतक मुंह बंद किये बैठी थी ,उसने भी ज्ञान दिया।
" अरे तुम सब न , फालतू ,... अरे नए शहर में सोना डार्लिंग को नए मुर्गे मिले होंगे , तुम सब भी न ,.. सेक्सी फिल्म को ट्रेजेडी में बदलने में तुली हो। "
मैंने माहौल को हल्का करने की कोशिश की।
और जेठानी जैसे हम सब से ज्यादा अपने को समझाती बोलीं ,"तुम ठीक कह रही हो ,वो पहले भी एक दो बार पकड़ी गयी थी ,पर कुछ दिन बाद फिर ,... "
दिया ने जले कटे पर नमक मिर्च दोनों छिड़का , बोली
" अरे भाभी उनके मरद वैसे तो बहुत सीधे साधे, लेकिन सोना डार्लिंग से ज्यादा उनकी हालत खराब, उनको नौकरी छोड़नी पड़ी, शहर छोड़ना पड़ा,... आजकल तो नौकरी की हालत इतनी ख़राब है, ... पता नहीं जिस शहर में गए होंगे वहां नौकरी मिली होगी या कैसी मिली होगी,... और बिनोदवा तो इतना पीछे पड़ गया था उनके,... और जो वो सोचती थीं ,मॉर्फ बता दूंगी, फेक बता दूंगी,...
वो तो तब बतातीं जब उनसे कोई पूछता,सब लोग तो वैसे ही,... कोई उनसे बात ही नहीं करता था,... लोग देखते तो रास्ता काट के दूसरी ओर चल देते थे,... जितने शहर के लोफर लफंगे, सब उन के घर के सामने , ... और क्या क्या नहीं बोलते थे..मुझे भी बहुत खराब लगा
लेकिन,... किसी को पता भी नहीं चला कब उन्होंने घर खाली किया,... "
दिया अब चल सेल के बारे में बोल ,माल कितनी दूर है ,... मैंने फिर दिया से कहा।
बस आ गया. वो बोली।
मूड ठीक करने के लिए मैंने दिया से सेल्स की बात शुरू कर दी।
" अरे यार तू सच में उस दूकान वाले को जानती है न ,... " मैंने दिया को उकसाया।
लेकिन जेठानी के चेहरे पर अभी भी परेशानी के बादल मंडरा रहे थे,
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(03-12-2023, 10:49 PM)komaalrani Wrote: आग ही आग
लेकिन तब तक दोनों रेन कोट खुल गए , और ये तय होगया की आज तो पूरे शहर में बारिश होगी जम के ,सफ़ेद थक्केदार मलाई की।
आग लगा रही थीं दोनों ,
दिया के मम्मे तो वैसे ही जबरदस्त थे ,एकदम परफेक्ट पंजाबी कुड़ी थी वो , भरे भरे कड़े कड़े ,और आज जो उसने हॉट हॉट टॉप पहन रखा था
उसमें कुछ सोचने का जोर लगाना ही नहीं पड़ता। उस जस्ट इंटर पास हुयी टीनेजर के बूब्स की कड़ाई ,गोलाई शेप ,साइज सब कुछ ,
नाभि दर्शना टॉप के नीचे स्कर्ट और उससे निकलती खूब लम्बी लम्बी गोरी गोरी टाँगे।
गुड्डी इत्ती बोल्ड तो नहीं थी पर टॉप उसका भी नाभि दर्शना था और साथ में लो हाइट वाली रिप्ड जींस जो मैं उसके लिए लायी थी।
एकदम देह से चिपका ,गुड्डी की लम्बी टाँगे , उसके भरे कड़े नितम्ब सब कुछ ,...और टॉप उसका भी देह से चिपका।
बनयाइन चड्ढी दोनों तो मैंने मना ही कर रखी थी, तो जस्ट इंटर पास, मेरी दोनों ननदियों के जुबना के उभार के साथ साथ निपल भी साफ़ साफ़ झलक रहे थे.
रेन कोट दोनों ने चुन्नू के ऊपर फेंक दिया और बोलीं सम्हाल के रख दे , लौट के ले लेंगी दोनों।
अब इतने हॉट ड्रेस पहन के घर से निकलना वो भी इस छोटे शहर में तो पॉसिबिल नहीं था , इसलिए रेनकोट मैंने अपनी दोनों ननदों की अकल को दाद दी चुन्नू को चिढ़ाया।
"हे इत्ती हाट हाट लड़कियां अगर आधे घंटे भी तेरे यहाँ आके बैठ गयीं तो सोचो तेरा धंधा कितना चल निकलेगा। "
" कहाँ भाभी ,अभी तक बोहनी भी नहीं हुयी। "
बुरा सा मुंह बना के वो बोला।
" अरे बोहनी अभी तो इसकी भी नहीं हुयी " गुड्डी के डिम्पल पे चिकोटी काटती मैं बोली।
" नालायक तू पैदा ही ऐसी रोनी सूरत लेके हुआ , रोज रात को जो सविता भाभी की असली कहानी दिखा दिखा के पैसा कमा रहा है ,वो , "
दिया ने बस दो हाथ नहीं लगाया उसे , ... और हम लोग कार की ओर चल दिए।
जेठानी जी गाडी में पीछे बैठी थीं और मैं ड्राइव कर रही थी।
गुड्डी को जेठानी के पास बिठाना खतरे से खाली नहीं था इसलिए उसे मैंने आगे अपने साथ बिठाया और दिया को अपनी जेठानी के साथ।
वैसे भी जेठानी को शीशे में उतारने का काम दिया के जिम्मे था।
" दिया तू वो क्या सविता भाभी की नयी कहानी की बात सूना रही थी ?" मैंने गाडी स्टार्ट करते हुए , दिया को उकसाया।
वो चालू हो गयी लेकिन मेरी जेठानी से बात करते हुए ,उनसे बोली ,
" भाभी , आप श्रुती को जानती हैं न , ... अरे वही जिसकी सकल एकदम सोनाक्षी सिन्हा से मिलती है ,एकदम सेम टू सेम , कोई भी धोखा खा जाए , "
" अच्छी तरह ,उसकी हाल चाल ,लछ्ण कुलछ्न , अपने से पन्दरह साल बड़े मर्द से शादी की ,चार साल हो गए चुहिया भी नहीं हुयी वही न ,तेरे ही मोहल्ले में तो रहती है वो ,पति उसके मेडिकल रप्रेजेंटेटिव हैं क्या हुआ उसको। "
जेठानी जी ने मुड़ कर दिया की ओर अपना चेहरा दिया की ओर किया।
पंचायत और खासतौर से पर निंदा में जेठानी जी को बहुत रस आता था।
लेकिन दिया ने अनसुना कर दिया और पात्र परिचय में लगी रही।
"भाभी ,उनके मम्मे तो एकदम सोनाक्षी जैसे खूब बड़े बड़े भी कड़े कड़े भी ,हरदम उनके लो कट ब्लाउज से छलकते रहते हैं , पिछवाड़ा भी वैसे खूब गदराया ,भरा ,भरा , लौंडे तो लौंडे मरद भी उनको सोना डार्लिंग ही कहते हैं , और वो बुरा भी नहीं मानती हैं , हेयर स्टाइल मेकअप ,कपडे सब वो भी एकदम कॉपी ,... सब लौंडे उनके दीवाने बल्कि उनके बड़े बड़े मम्मों के ,...
बात काट के जेठानी बोलीं ,
"मालूम है ,मालूम है मुझे बचपन से मिजवाती है वो। जब कच्चे टिकोरे थे तब
मलाईदार अपडेट...
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