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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
welcome back kabse aapka intezaa tha
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update dedijiye
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(15-01-2022, 12:48 PM)shivangi pachauri Wrote: update dedijiye

यह कोमल जी का पहला स्तबल है इंतजार कीजिये आ जाएंगी वो भटकते हुए।
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Didi plz come plz plz  Namaskar
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continue didi ji
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Please Update
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Very Long time being waiting for update
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Its too long.
where is she?
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I am back and next post soon. 
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(02-11-2023, 09:24 PM)komaalrani Wrote: I am back and next post soon

Next post soon
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भाग १०१ 

गुड्डी -सपने से बाहर



[Image: sixteen-salwar-hot006-1.jpg]





गुड्डी हलके से बोली नहीं ,नहीं



उसे चिढ़ाते हुए मैं जोर से बोली , हाँ हाँ।...



और तब तक मेरी नींद खुल गयी , कोई मुझे जोर जोर से हिला रहा था ,



" उठिये न भाभी साढ़े ग्यारह बज गए हैं ,माना रात भर मेरे भैय्या ने आपको सोने नहीं दिया होगा लेकिन अब तो उठ जाइये। "




[Image: salwar-K-2015-1-67.jpg]



और मैंने आँखे खोली तो सामने वही सारंग नयनी ,किशोरी ,जिल्ला टॉप माल ,जैसे अभी अभी सपने से बाहर निकल आयी हो ,



गुड्डी।


[Image: Salwar-K-12295377-1003053559788362-31872...0283-n.jpg]




"क्यों भाभी , कोई सपना देख रही थीं क्या ,आप हाँ हाँ बोल रही थीं नींद में " मुस्कराते हुए उस शोख ने पूछा।

"हाँ बहुत ही मीठा सपना था। "

मैं बोली मेरी आँखों में अभी वही मंजर घूम रहा था ,गुड्डी निहुरि हुयी और शेरू ,...




[Image: Teej-Backless-129841374-400982504510378-...0715-o.jpg]



" अरे भाभी तब तो जरूर पूरा होगा , सुबह का सपना तो सरासर सच होता है " हंस के वो छोरी बोली।

" अरे तेरे मुंह में घी शक्कर , तेरी बात सच हो , बल्कि होगी ही। तू सही कह रही है तेरे बारे में ही सपना था। " मैं उसके गोरे गुलाबी गाल सहलाते बोली।

" क्या था भाभी बताइये न ,प्लीज " वो जैसे टीनेजर लड़कियां होती हैं ,एकदम पीछे पड़ गयी।


" अरे पगली बताने से सपने का असर कम होजाता है और तूने खुद बोला था सुबह का सपना है तो सच होगा न " मैं बोली

मेरी आँखों के सामने गुड्डी पर चढ़े हुए शेरू का सीन बार बार आ जाता था।

तभी मेरी आँखें घडी पर पर पड़ गयी।



"मैडम जी आप पूरे डेढ़ घंटे लेट है ,आपने दस बजे का वायदा किया था , रास्ते में कोई यार वार मिल गया था क्या ,एकाध राउंड कबड्डी ,...और ये शलवार सूट एकदमसब कुछ पैक कर केआई हो। "

मैंने टॉपिक बदल दिया।




[Image: Teej-aditi-shankar-cute-latest-pics-163179802160.jpg]

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जोरू का गुलाम भाग १०२

शलवार सूट



[Image: Shalwar-Dr-Gill-Anarkali-Suits-SU9010-1-1.jpg]



टाइट शलवार सूट में गुड्डी आज एकदम जान मारु लग रही थी। चुन्नी थी लेकिन एकदम गले से चिपकी और कसे कसे कुर्ते से दोनों कबूतर उड़ने के लिए बेचैन दिखाई दे रहे थे। और उसके जोबन थे भी तो एकदम मस्त ,उसके साथ के इंटर में पढनेवालियों से २० नहीं एकदम २२। इनकी गलती नहीं थी की ये इन उभारो पर फ़िदा हो गए थे ,ये क्या पूरा शहर मरता था उन गोलाइयों पर। मेरी निगाहें भी उसे ही सहला रही थीं।

पर गुड्डी अपनी बात में मगन ,एक बदमाश लट चुपके से उसके गोरे गुलाबी गालों को चूमने की कोशिश कर रही थी। वो मुझे समझा रही थी ,

" अरे नहीं भाभी ,मैं तो एकदम ठीक दस बजे पहुँच गयी होती , पर सुबह सुबह थोड़ी फंस गयी थी इसलिए लेट हो गयी थी। भैय्या को तो फोन करके बताया था और आप सो रही थी इसलिए ,..आप को भी मेसेज दिया था। "


[Image: cute-3096f29acaf622f9690f1cd704595023.jpg]




उसकी बातें कौन सुन रहा था मैं तो उसके रसीले गुलाबी होंठों के जादू में खोयी हुयी थी और बार बार मेरी आँखों में वही सपना घूम रहा था , गुड्डी मेरे गाँव के आँगन में निहुरि हुयी ,शेरू उसपर चढ़ा हुआ ,उसकी मोटी गाँठ गुड्डी की बुर में धंसी फंसी,और गुड्डी को अपनी बाँहों में भींच के सुबह की पहली चुम्मी उसके होंठों पर मैंने कस कस के ले ली और उसे छेड़ा ,


" क्या कहा ,कहीं फंस गयी थी ,कौन था वो छैला। एक़दम गलत अब तुझे मेरे इनके सिवाय कही और फंसने की इजाजत एकदम नहीं है। फिर दोतीन दिनमेंतोतुझे मैं ले उड़ूँगी , और उसके बाद तो ,... कौन था किस बहेलिये ने फंसा लिया था मेरी सोन चिरैया को?


और फिर एक चुम्मी ,और अबकी उसने भी हलके से ही सही मेरे किस का जवाब दिया और फिर छुड़ाते हुए खिलखिला के वो फुलझड़ी बोली ,


[Image: Lez-kiss-tumblr-odcsj60li-M1tdo284o1-500.gif]
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 चंदा और दिया




नहीं भाभी ,था नहीं थी बल्कि थीं। मेरी दोनों सहेलियां ,... आप मिली तो हैं दोनों से चंदा और दिया। दोनों आप जानती ही हैं नम्बरी। बताया तो था आपको दिया तो अपने सगे भाई से ही पिछले दो साल से ,रोज रात बिना नागा कबड्डी होती है और अगले दिन स्कूल में हम सब लोगों को फुल डिटेल ,

[Image: Girls-Chanda-103427931-1200010317003156-...1268-o.jpg]



और चंदा का कोई सगा भाई तो है नहीं तो वो अपने जीजू से ही ,पिछले साल होली में और एक बार दूकान खुल गयी तो फिर तो उसका कोई कजिन बचा नहीं ,चचेरे ,मौसेरे , आधे दर्जन से तो ज्यादा ही होंगे ,...

[Image: R-Girls-Arishfa-22.jpg]


बस वही दोनों चुड़ैले , सुबह से जिद कर के रख दी की आपसे मिलने चलेंगी मेरे साथ। भाभी से मिलना है , भाभी से मिलना है ,किसी तरह पीछा छुड़ाया उन छिनारों से फिर आयी हूँ। "


उसके काली रात से भी काले बालों को सहलाती मैं बोली ,

" सच सच बोल , वो तेरी सहेलियां तेरी भाभी से मिलना चाहती थीं या तेरे भैय्या कम सइंया से। "

गुड्डी के कुर्ते को फाड़ते उभारों को कस कस के दबाते मैंने हंस के पूछा।

" भाभी आप भी न, आप तो सर्वज्ञ हो , कल से फेसबुक पे भैय्या की फोटो देख के ही उन दोनों की कौन कहे वो तो मेरी पक्की सहेलियां हैं , बाकी सहेलियों के भी चींटे कांट रहे हैं , २७ के एस एम् एस आ चुके यार बस एक बार मिलवा दो। सब सालियाँ लार टपका रही हैं ,और उसके बाद से जब से मेरा वो स्काई कोचिंग में एड्मिसन पक्का हुआ है न ,सब को मालुम पड़ गया है की वो कर्टसी मेरे भैया ,भाभी के और मैं आप सब के साथ जा रही हूँ कोचिंग में तब से तो और,... "

उस की बात काटते और संभावनाएं देखते मैं बोली ,

" अरे यार वो स्साली तेरी सहेलियां , जब एक बार तेरे भैय्या तेरे ऊपर चढ़ जाएंगे न तो उनकी तो सालीयां ही लगेंगी न। दिलवा देना उनकी भी। "


[Image: Teej-106483685-121146696315453-656095218...2483-n.jpg]


" आप भी भाभी ,अरे दिलवा देना , वो तो खुद ही खोल के अपने हाथ से फैला के खड़ी हैं ,अगर गलती से भी भैय्या ने थोड़ा लिफ्ट दे दिया न तो बस देखिएगा खुद ही खोल के चढ़ जाएंगी ,मेरे भैय्या को कुछ कहना भी नहीं पडेगा। "

हंसती हुयी वो हंसिनी बोली।


[Image: Girls-117638311-774067216745296-35851865...5149-o.jpg]


गुड्डी के मस्त नए नए आये उभारों को सहलाते मैं बोली ,


" लेकिन इस जुबना को पाने के लिए तो तेरे भैय्या को जो कुछ भी कहना पडेगा ,कहेंगे वो। अच्छा क्या तुम इस लिए शलवार सूट पहन के आयी हो की आज बच जाओगी ? "


" क्या पता "

हंस के वो शोख बोली , फिर उसकी लम्बी उंगलिया मेरे उभार पे , चिढ़ाते हुए बोली ,

" भाभी आप ने भी तो शलवार सूट पहन रखा है तो क्या आप बच जाती है मेरे भइया से "?


[Image: bride-shalwar-hd.jpg]


" अरे यार तेरे भैय्या सीधे हैं लेकिन इत्ते सीधे भी नहीं , अब तो तू चल ही रही है हम लोगों के साथ देखेगी ही। तेरे भैय्या २४/७ वाले हैं ,न दिन देखते हैं न रात , चाहे बेडरूम हो या किचेन , और मूसल भी उनका हरदम तन्नाया रहता है। कोई बचत नहीं। लेकिन यार इत्ता मजा आता है चुदवाने में स्साला बचना भी कौन चाहता है ,एक बार तू भी चुद लेगी न उनसे तो देखना हरदम चींटे काटेंगे तेरी चूत में। "

मैं बोली और सोच लिया की उसे ज़रा शलवार सूट उतरवाने का प्रैक्टिकल कर के दिखा दूँ।

गुड्डी से छेड़छाड़ मैंने जारी रखी। उसके टेनिस बाल से टीनेजर बूब्स को हलके हलके सहलाते मैं बोली , और अगर कभी दो तीन राउंड के बाद वो ब्रेक लेने लगे तो तू है ही मेरे पास।



" मतलब ,भाभी " गुड्डी ने बड़ी बड़ी आँखे फैला के पूछा।



जोर से गुड्डी के जुबना दबा के मैं बोली ,

" अरे यार तेरे भैय्या तेरे इन छोटे छोटे जुबना के इत्ते दीवाने हैं न की ,बस कभी अगर जोर जोर से मेरे पकड़ के रगड़ते मसलते हैं ,तो बस मैं छेड़ देती हूँ ,अपने उस बचपन के माल का समझ के दबा रहे हो क्या अरे उसके तो कबसे दबाने लायक हो गए हैं। और अगर कभी तेरा नाम ले के गाली दे दी उन्हें ,बहनचोद बोल दिया , फिर तो वो कितने भी थके हों ,मेरी ऐसी की तैसी श्योर. तेरे नाम का असर उनके ऊपर वियाग्रा से भी ज्यादा होता है। "



" अरे मेरी मीठी मीठी भौजी ,अगर आप उन की बहन का नाम ले के छेड़ेंगी तो आप की ऐसी की तैसी तो होनी ही है। " हंसती हुयी अब मेरी ननद भी अपने भइया की तरह मेरे उभारों को दबाने लगी थी। गुड्डी के खुश खुश चेहरे से ये बात साफ़ झलक रही थी की ये बात सुन के की ,उसके भइया का उसका नाम सुनते ही खड़ा हो जाता है कैसा लग रहा है।


[Image: shalwar-shriya-actress-salwar-kameez.jpg]


मैंने अपनी दोनों टाँगे गुड्डी की टांगों के बीच घुसेड़ कर फैला दी थीं और अब कोशिश कर के भी गुड्डी रानी अपनी जाँघों को सिकोड़ नहीं सकती थी। धीरे धीरे मेरी गुलाबो ने शलवार के अंदर ढंकी छुपी ननद की सोनचिरैया को रगड़ना शुरू कर दिया। हलके हलके मैंने अपनी प्यारी दुलारी ननद की ड्राई हंपिंग शुरू कर दी।

असर तुरंत हुआ , गुड्डी की पकड़ मेरे उभारों पर बढ़ गयी , पर अपने भइया की तरह बात बदलने में वो भी माहिर , बोली ,


" भाभी आपने ये नहीं बताया की शलवार सूट में आप क्या बच पाती हैं। " मुझे छेड़ते हुए वो शोख बोली।

" अरे यार शादी के शुरू के दिनों में तो मैं हरदम साडी में और फिर जब देखो तब , ज़रा सा भी मौका मिला निहुरा के ,साडी कमर तक उठा के , बस सटाया घुसेड़ा और तेरे भइया चालू , और अगर कही बेड पे बैठी दिख गयी तो बस हल्का सा धक्का देके ,मैं पलंग पे गिरती उसके पहले वो मेरी टाँगे अपने कंधे पर ,और साडी तो अपने आप कमर तक,प्रेमगली खुल जाती और तेरे भइया का मोटा मूसल अंदर। लेकिन तेरे भैय्या इत्ते सीधे नहीं है जितने दिखते हैं , सूट में भी बस मौका मिलते ही वो पीछे से पकड़ लेते और बस दोनों हाथ मेरे बूब्स पे और रगड़ाई मसलाई चालू। पीछे से उनका मोटा तन्नाया खूंटा ,गांड की दरार में धक्के मारता ,लगता की शलवार फाड़ के गांड में घुसा देगें। ऊपर से ही वो ड्राई हंपिंग चालू कर देते। "


[Image: Teej-104871289-377706279855356-681950327...6872-o.jpg]


मेरी ननद मेरी बातों में उलझी हुयी थी। मेरा एक हाथ उसके गदराये जोबन को सहला रहा था और नीचे मैंने ड्राई हंपिंग की रफ़्तार तेज कर दी. एक हाथ गुड्डी के टीन उभारों पर और दूसरे ने मौक़ा देखकर ,

एक झटके में , गुड्डी के शलवार का नाड़ा खोल दिया। जबतक गुड्डी रानी सम्हलें सम्हलें ,शलवार घुटनो के नीचे।

बीच में मैंने टांग भी फंसा रखी थी ,इसलिए उसके लिए कुछ करना भी मुश्किल था। अपने पैर से उसके फंसे पायँचों को भी मैंने नीचे,
गुड्डी के दोनों हाथ शलवार को बचाने की नाकाम कोशिश कर रहे थे।


" तेरे भैय्या ऐसे ही मेरी शलवार उतार देते हैं। " हंस के मैं बोली।

और गुड्डी के टाइट कुर्ते के बटन भी खोल दिए ,जब तक वो बिचारी सम्हले ,समझे मेरे दोनों हाथों ने एक झटके से उसके कुर्ते को भी उतार कर,और वो फर्श पर वहीँ ,जहाँ उसकी जोड़ेदार मैचिंग शलवार पड़ी थी।



गुड्डी सिर्फ ब्रा और पैंटी में ,
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ब्रा और पैंटी

[Image: bra-b61c433be9ba3fef089921beeefaef13.jpg]




गुड्डी सिर्फ ब्रा और पैंटी में ,



गुड्डी की छोटी छोटी लेसी कसी कसी टीनेजर ब्रा,मुश्किल से उसके गोरे गदराये जोबन को ढँक पा रही थी। जिन उभारों को देख के ,जब से वो हाईस्कूल में आयी थी ,उसके शहर के सारे लौंडे मुठिया रहे थे, अब मेरी मुट्ठी में थे।

मैं कभी उसे हलके हलके सहलाती कभी बस छु लेती तो कभी कस के रगड़ देती।

मेरा पूरा ध्यान उन टेनिस बाल साइज के बूब्स पे थी की मेरी ननद ने ,


[Image: bra-20.jpg]


आखिर थी तो वो मेरी ही ननदिया न ,

मुझे क्यों छोड़ती, और मेरे शलवार का नाडा खोल के नीचे सरका दिया।मैंने पैंटी भी नहीं पहन रखी थी।



" और ऐसे मेरे भैय्या आपकी शलवार उतार देते हैं ,है ना। "


हँसते हुए वो शोख बोली।


[Image: bra-half-cup-8b3d94d2bee25be04cf3944ffddbe0ff.jpg]



उस दुष्ट की आवाज बंद कराने का एक ही तरीका मुझे आता था।

मेरे एक हाथ ने उस सोन चिरैया के दोनों गाल कस के दबोच लिए और उस ने चिड़िया की चोंच की तरह अपने होंठ चियार दिए।



बस मेरी जीभ उसके खुले मुंह में और मेरे दोनों होंठों ने कस के गुड्डी के गुलाबी रसीले होंठ सील कर दिए। मेरी जीभ जैसे किसी इंटर में पढ़ने वाली किशोरी के मुंह में हचक के लंड ठेले बस उसी तरह घुसी जैसे कोई मस्त लंड ठेले। मेरी जीभ गुड्डी की जीभ से खिलवाड़ कर रही थी और मेरे होंठ उसके गुलाबी होंठों का रस चूसने में जुटे थे।


[Image: lez-kiss-13993528.gif]


हाथ क्यों पीछे रहते वो छोटी छोटी ब्रा से छलकते जोबन का रस लूट रहे थे। सच में इत्ते रसीले जोबन इस उमर की लौंडिया में , ... खूब कड़े कड़े ,मांसल।

गुड्डी भी अब हलके हलके रिस्पांस कर रही थी। गुड्डी की जीभ मेरे मुंह में घुसी जीभ के साथ खिलवाड़ कर रही थी ,जैसे मेरे हाथ ब्रा के ऊपर से उसके उभार रगड़ मसल रहे थे अब गुड्डी के भी किशोर हाथ मेरे उभारों को हल्के हलके सहला रहे थे और हलके हलके कमर हिला के वो मेरी ड्राई हंपिंग में वो साथ दे रही थी।

यही तो मैं चाहती थी ,इस नयी बछेड़ी को कन्या रस की पक्की खिलाड़न बना देना ,आखिर जब उसके भैया अपने काम से जायेंगे तो उसका रस तो मैं ही भोगूंगी।
और एक बार फिर कस कस के मेरी उँगलियाँ ब्रा से झांकते ,झलकते उसके निप्स को मसल रहे थे पिंच कर रहे थे।


[Image: boobs-masssage-tumblr-695105875103a96f02...9-500.webp]


पांच छह मिनट की मस्ती के बाद मैंने उस शोख किशोरी के होंठों को आजाद किया , हलके से उसके मुस्कराते डिम्पल्स को किस किया , और उसकी बड़ी बड़ी आँखों में झांक के बोली



" मेरी बन्नो , याद है अभी कल का उधार बचा है ,दो घंटे की गुलामी। "



[Image: Teej-104098336-284732072895552-187648307...2603-n.jpg]



बड़े भोलेपन से उसने ना ना में अपना सर हिलाया। उसकी शोख आँखे उसकी बदमाशी की चुगली कर रही थी।

फिर खिलखिलाते हुए वो शरारत से बोली ,

" भाभी आपकी फिगर तो बहुत सेक्सी है लेकिन आप फिगर जोड़ने में कमजोर हो। "



जवाब खुद ही उस शरीर ने दिया ,


" अरे भाभी आप भी न ,मैं भूली नहीं। इसीलिए तो ठीक दस बजे आने वाली थी आपका उधार चुकता करने ,लेकिन गणित है गड़बड़ आपकी। अरे दो घंटे तो कल शाम का उधार था न ,तो कुछ सूद वूद भी तो लगेगा न ,चलिए आप की क्या याद करेंगी , मैं ही जोड़ देती हूँ , "

फिर कुछ उँगलियों पे जोड़ के बहुत ही इंटेलिजेंटली , वो बोली ,


" भाभी,३ घंटे अठाइस मिनट राउंड ऑफ कर लीजिये तो साढ़े तीन घंटे पूरे। एंड योर टाइम स्टार्टस नाऊ। "

[Image: bra-Japanese-Beauty-Back-Deep-U-Sexy-Bra...Up-Bra.jpg]



एक बात तो मैं समझ गयी ये स्साली भी एकदम अपने भैय्या की तरह जैसे डॉमिनेट करवाने के लिए तैयार ,इसे मजा आता है रगड़े जाने में ,जबरदस्ती कोई करे इसके साथ तो ,अच्छा है मेरे साथ चल रही है ,सब कुछ करवाउंगी इससे ,और फिर मंजू गीता भी तो हैं दोनोंनंबरी कमीनी माँ बेटियां।

मैंने कचकचा के ब्रा के अंदर से झांकते उसके निप्स काट लिए

" उईईईईई "
जोर से चीखी मेरी छुटकी ननदिया और यही चीख तो मेरे कान सुनने के लिए तड़प रहे थे और अगली बार दुगनेजोर और जोश से मेरे दांतों ने ब्रा के ऊपर से ही,



"उईईईईईई ,नही ,उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आअह्हह्हह्ह"


[Image: Lez-nip-suck-19626778.gif]


और जोर से चीखी वो लेकिन तबतक मेरे होंठों का साथ देने मेरी उँगलियाँ भी पहुँच गयीं थी और उन्होंने ब्रा में सेंध लगा दी ,अंदर घुस के उसके निपल को जोर से पिंच करदिया ,और एकबार फिर मेरे दांतों ने उसके निप्स को

नीचे मेरी शलवार उतार कर गुड्डी ने अपने लिए ही मुसीबत मोल ले ली थी। उसकी दो इंच की पैंटी में ढंकी छुपी सोन चिरैया को मेरी खेली खायी बुरिया जम के रगड़ रही थी। और साथ ही मेरा एक हाथ उसके गोल गोल चूतड़ों पर,

क्या मस्त चूतड़ थे , एकदम बबल बॉटम , लौंडो जैसे जिसकी गांड मारने के लिए लौण्डेबाज तरसते हैं। मैंने हलके से चूतड़ों को सहलाते हुए भींच दिया ,एकदम कड़क।


[Image: ass-hole-tumblr-p7qeet-Ocp31wfqhb9o5-540.jpg]


चटाक चटाक

दो हलके हलके चांटे मैंने अपनी ननदिया के चूतड़ पर जमाये।

वो सिसक उठी।

स्साली ,तो इसका मतलब इस छिनार बुरचोदि को स्पैंकिंग में मजा आता है , मैंने मन ही मन सोचा , और दो और अबकी जोर से

चटाक चटाक

उययीईइ वो सिसक भी रही थी चीख भी रही थी ,और मेरी तर्जनी उसकी गांड की दरार के बीच।

उफ्फ्फ क्या छेद था ,स्साली का एकदम टाइट ,बहुत मजा आएगा जो इसकी गांड मारेगा।



[Image: asshole-12921396.jpg]

और सोच सोच के मेरी बुर की भी हालत खराब हो रही थी ,और उसका एक इलाज था मेरे पास ,मेरी छोटी ननद।



किसी इंटर में पढ़ने वाली से बुर चटवाने का मजा ही कुछ और है ,बस मैं सीधे अपनी ननद के ऊपर।
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चुम्मा चाटी


[Image: jethani-kiss-lez-tumblr-nwsajn3u-Xc1tbyw...r1-500.gif]




उययीईइ वो सिसक भी रही थी चीख भी रही थी ,और मेरी तर्जनी उसकी गांड की दरार के बीच।

उफ्फ्फ क्या छेद था ,स्साली का एकदम टाइट ,बहुत मजा आएगा जो इसकी गांड मारेगा।

और सोच सोच के मेरी बुर की भी हालत खराब हो रही थी ,और उसका एक इलाज था मेरे पास ,मेरी छोटी ननद।



किसी इंटर में पढ़ने वाली से बुर चटवाने का मजा ही कुछ और है ,बस मैं सीधे अपनी ननद के ऊपर।



बहुत ही क्विक लर्नर थी वो ,बिना मेरे कुछ कहे उसके गुलाबी होंठ मेरे निचले होंठों पर , पहले हलके हलके किस

कल पहली बार मैंने जबरदस्ती गुड्डी से अपनी चूत चटवायी थी और आज एकदम ,


[Image: guddi-lez-lick-tumblr-n20dxtd0jr1tsyj9jo1-500.gif]




साथ साथ मेरी ननद के छोटे छोटे किशोर हाथ ,मेरे बड़े बड़े उभारों पर , जिस तरह से वो सहला रही थी ,हलके हलके छू रही थी ,

और मेरे भी हाथ एक गुड्डी के नए नए आये जुबना पे और दूसरी इनकी ममेरी बहन की पैंटी में ढकी छुपी अनचुदी चूत पे

कभी मैं हलके से सहलाती तो कभी जोर से दबोच लेती और मेरी निगाह गुड्डी की छोटी छोटी पैंटी पर गयी ,

हल्का सा पैच , यानी ,

वो गीली हो रही थी।

बस यही तो मैं चाहती थी और फिर मारे मस्ती के जोर जोर से गुड्डी के टीनेजर होंठो पे अपनी बुर रगड़ते हुए मैं बोलने लगी


" चाट साली छिनाल चाट जोर जोर से ,मेरे मरद की चोदी ,तेरे सारे खानदान वालियों की बुर मरवाउं अपने मरद के लंड से ,रंडी ,हरामन , हाँ हाँ हाँ चाट मेरी रानी हाँ है ऐसे ही और कस के, ओह ओह्ह उफ्फ्फ मस्त चाटती है तू ,"



[Image: lez-pussy-lick-G.gif]



जैसे उसके भाई उसके कुंवारे किशोर मुंह में डाल कर , हचक हचक कर उसका मुंह चोदना चाहते थे बस उसी तरह मैं भी गुड्डी के किशोर होंठों पर कस कस के अपनी बुर रगड़ रही थी ,साथ में मेरा एक हाथ अब उसकी ब्रा में घुस के उसके छोटे छोटे निपल पिंच कर रहे थे मरोड़ रहे थे।


[Image: sixteen-nips-3.jpg]


एक बार फिर मेरी निगाह गुड्डी की पैंटी की तरफ गयी ,वो गीला पैच अब बड़ा हो गया था।

यानी स्साली को रगड़ावाने में ,गाली सुनने में मजा मिलता है।



फिर तो , मम्मी ने तो मंजू बाई और गीता को प्रॉमिस ही कर दिया था की अगर मैं उनकी बहन को ले आ पायी तो बस चौबीस घंटे के लिए मुझे गुड्डी को उन दोनों कमीनियों के हवाले करना होगा , चौबीस घंटा तो बहुत है बारह घंटे में वो दोनों इसे सिखा पढ़ा कर ,खिला पिला कर एकदम पक्की ,...


मेरे बुर के धक्के गुड्डी के होंठों पर बढ़ गए थे। एक हाथ उस की टीन ब्रा के अंदर और दूसरा उसकी पैंटी के ऊपर और मेरी गालियां भी साथ साथ

" मेरे मर्द की रखैल , चाट , भैय्या चोदी ,चाट चाट साली बुर में जीभ डाल ,हाँ हाँ ऐसे ही तुझे तो पक्की चूत चटोरी बनवाऊंगी। चल मेरे साथ देखे तुझे क्या चटवाउंगी ,मेरी गांड ,गांड के अंदर का , गांड का ,... बोल चाटेगी न छिनार ,ले ले ,... "


[Image: pussy-licking-lesb.jpg]


और गांड की बात ने एकदम से मेरा मन ,...

दोनों हाथों से कस के मैनें गुड्डी के सर को जोर से पकड़ा ,जरा सा उठी ,और अब बजाय अगवाड़े के पिछवाड़े का छेद मेरी बांकी ननद के होंठों पर ,उसने होंठ बंद करने की कोशिश की तो बस मैंने एक हाथ से उसके दोनों नथुने भींच दिए।

दस सेकेण्ड

बीस सेकेण्ड और

उसने गौरेया की तरह चोंच चियार दी,बस एक पल मैंने अपने चूतड़ उठाये हलके से अपनी गांड फैला के सीधे उसके खुले होंठों पर सेट कर दिया।



" बस चाटती रह गंडचट्टो , हाँ हाँ यार तू बस ऐसे ऐसी ही ,... "



वो जोर जोर से अपनी जीभ मेरे गांड के छेद पर फ्लिक कर रही थी ,एकदम अपने भैय्या की तरह। .


[Image: ass-licking-428-jpg-extra.jpg]



मुझे भी तो कुछ करना बनता था , मैंने जो हाथ पैंटी के ऊपर था वो गुड्डी की पैंटी के ऊपर से सीधे पैंटी की ऊपर क्या मुलायम संतरे की फांको की तरह रसीली , गुलाब की मुलायम पंखुडियो की तरह उस कली की चूत की पुत्तियाँ थीं।

थोड़ी देर दोनों प्रेमगली के दरवाजों के बीच मैं सहलाती रही ,फिर

गच्चाक ,कुहनी की पूरी ताकत से मैंने पेल दिया।

चूत उस किशोरी की एकदम गीली ,भीगी लेकिन तब भी इत्ती कसी ,

पूरी ताकत से पेलने पर भी मुश्किल से एक पोर घुसा।

मैं हलके हलके गोल गोल घुमाती रही साथ साथ अपनी गांड अपनी ननद के होंठो ,

"चाट साली ,चाट गांड ,और जोर से ,जीभ अंदर हाँ , अरे अभी गांड चटवा रही हूँ , चलेगी न मेरे साथ दो तीन दिन में तो गांड के अंदर का भी , एकदम बहुत मजा आएगा , तुझे स्साली।



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और तभी सीढ़ियों पर से पैरों की आवाज आती सुनाई दी ,और किसकी ,अपने उनकी



मैंने गुड्डी की कच्ची कली में से रस में भीगी अपनी ऊँगली निकाल ली , और पैंटी भी उसकी ठीक कर दी ,लेकिन गुड्डी के मुंह पर से अपना पिछवाड़ा मैंने नहीं हटाया।

उनकी आँखे अपनी प्यारी ममेरी बहन की खुली खुली चिकनी जाँघों पर अटकी थीं , और उस छोटी सी पैंटी पे जो मुश्किल से उनकी बहन की कुंवारी अनचुदी चुनमुनिया को छिपा पा रही थी। गुड्डी की पतली सी पैंटी पर गीला पैच और बड़ा हो गया था।


मस्त हो रही थी स्साली।



" हे तू बोल रहा था न तुझे अपनी बहन की चूत देखनी है , बोल न दिखाऊं "
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बहन की,...



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उनकी आँखे अपनी प्यारी ममेरी बहन की खुली खुली चिकनी जाँघों पर अटकी थीं , और उस छोटी सी पैंटी पे जो मुश्किल से उनकी बहन की कुंवारी अनचुदी चुनमुनिया को छिपा पा रही थी। गुड्डी की पतली सी पैंटी पर गीला पैच और बड़ा हो गया था।


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मस्त हो रही थी स्साली।

" हे तू बोल रहा था न तुझे अपनी बहन की चूत देखनी है , बोल न दिखाऊं "
……..

मुड़कर मैंने उनसे कहा



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और कस के गुड्डी के सर को अपनी जाँघों के बीच दबा लिया। अब उसके कान मेरी जांघो के बीच दबे थे और वो कुछ सुन नहीं सकती थी।

और इस सरकने से गुड्डी की जीभ एक बार फिर मेरे पिछवाड़े से अगवाड़े शिफ्ट हो गयी थी। वो सारी दुनिया से बेखबर मेरी बुर का रस चाटने में मगन थी।


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मेरे वो गुड्डी की खुली जाँघों के पास बैठ गए।

बोल देखना है , मैंने उन्हें फिर उकसाया।

उनकेमुंह से तो उस छोटीसी गीली होती पैंटी कोदेख के लार टपक रही थी।



उनके मन का बैरोमीटर उनका खूंटा एकदम तन्नाया बौराया खड़ा था जैसे मौक़ा पाए तो चोददे अपनी बहिनिया को अभी।


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उनका मुंह एकदम खुला और अभी अभी उनकी बहन की गीली गीली चूत से निकली रस से भीगी ऊँगली ,पहले तो थोड़ी देर उनके नाक के पास ,उस कोरी कसी इंटरवाली की चूत की खुशबू ही उन्हें पागल करने के लिए काफी थी।

और फिर शहद से भीगी वो ऊँगली उनके प्यासे होंठों के बीच,
जिस बेताबी से वो चाट रहे थे ,...
मैंने उन्हें चिढ़ाया ,

" मीठा है न शहद ,देखोगे अपनी बहिनिया के शहद के छत्ते को ,"

जोर जोर से उन्होंने हामी में सर हिलाया।

और मैंने हलके से उनकी उस इंटरवाली बहन की कसी कसी छोटी सी पैंटी बस ज़रा सी सरकायी। किनारे से वो संतरे की फांके हलकी सी दिखीं ,


खूब फूली फूली ,मांसल ,रसीली ,

इतने में ही उनकी हालत खराब , ...


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उन्होंने हाथ बढ़ाया तो मैंने हाथ झटक दिया ,

" साले बहनचोद ,देखने की बात हुयी थी , छूने की नहीं। चल करवाती हूँ तेरी बहन की चूत की मुंह दिखाई , बोल क्या देगा मुंह दिखाई ,"

मैंने शर्त लगाई।


हाँ , उनके मुंह से चूत की फांक देख कर ही लार टपक रही थी।

“"बोल, चोदेगा न अपनी माँ का भोंसड़ा ,बोल खुल के " मैंने उनके कान में फुसफुसाते हुए उनसे उगलवाया।

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बहिनिया की


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लालच के मारे उनकी बुरी हालत थी।

" देख कित्ती गीली हो रही तेरी बहिनिया की बुर तेरे लंड के बारे में सोच सोच के। एकदम पनिया गयी है " मैंने पैंटी थोड़ी और सरकायी।

अब आधे से ज्यादा ,एकदम भीगी गीली चूत दिख रही थी।

" है न एकदम मक्खन मलाई मस्त चिकनी ,चूत तेरी बहना की ,खूब चोदने लायक ,"

मैंने पैंटी थोड़ी और सरकायी और अब चूत की दरार साफ़ साफ़ दिख रही थी।

उनकी आँखे फ़ैल गयीं।



वो गुलाबी पंखुड़ियां ,जैसे सुबह सुबह ओस से गीली हों , हलकी हलकी रस से भीगी , उस कारूं के खजाने को दबोचे भींचे जिसपर कितने ही लोग निगाहे गड़ाए बैठे थे ,लेकिन मिलने वाला था वो मेरे सैंया को ही। हलकी हलकी दरार , उस प्रेम गली की जिसमें घुसने के लिए पूरा शहर बेचैन था , जब से हाईस्कूल में आयी तब से आग लगा रखी थी उसने , लेकिन उसमे उसके प्यारे प्यारे ,सीधे साधे भैय्या को ही,...



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खूब कसी ,कुँवारी लसलसाती अनचुदी,.

बहुत हलके से उन्हें दिखाते ललचाते , मैंने अपनी लम्बी पतली उंगली उन फांको के बीच में , दरार हलकी सी बहुत मुश्किल से खुली , उसके अंदर मांसल गुलाबी लसलसी सी , ऊँगली मैंने थोड़ा और धकेला।


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गुड्डी के भैय्या , मेरे सैंया की आँखे बस वहीँ धंसी चिपकी।

ऊँगली कुछ और अंदर , एक पोर पूरा और फिर मैंने धीमे धीमे गोल गोल ,घुमाना चालू किया।

उनकी हालत खराब।


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और गुड्डी के चूत रस से भीगी ऊँगली ,पहले मैंने उनके नाक के पास लगायी।

उस कुँवारी बिनचूदी चूत के रस की महक ,

एकदम तड़प उठे वो ,

और फिर मैंने हलके से गुड्डी रस से भीगी ऊँगली ,उनके प्यासे होंठों पर टच कराया और ,

नदीदे वो ,झट से ऊँगली मेरी चूसने लगे ,जैसे अपनी बहन की चूत चूस रहे हों।

और अपने दूसरे हाथ से वो गुड्डी की दो अंगुली की लेसी रुपहली पैंटी एकदम साइड में सरका दी ,चूत पूरी तरह खुल गयी।

कल रात को जो उन्होंने पिक्चर पर गुड्डी का अपने नाम सन्देश देखा था ,जिसमे वो अपने दोनों किशोर हाथों से अपनी कुँवारी चूत के गुलाबी मांसल होठों को खुल्द फैला के उन्हें बुला रही थी ,उकसा रही ,


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" भइया , आओ न ,भैय्या कैसी है तेरी बहना की चूत। बोलो चोदोगे इसको , चोदो न भैय्या मेरी चूत "

एकदम क्लोज अप में कल रात उन्होंने उस इंटरवाली की अनफक्ड चूत देखी थी और आज सुबह सुबह उनके सामने खुली फैली।

उनके होंठ बहन की चूत का रस चूस रही थीं और आँखे बहन की चूत चोद रही थीं।

खूंटा एकदम तन्नाया , बौराया।



मैं उनके इस नए 'बहन प्रेम ' का मुस्कराते हुए मजा ले रही थी , और गुड्डी के होंठों का भी।

गुड्डी मेरी जाँघों के बीच फंसी दबी अपनी भाभी की बुर हलके हलके चूस रही थी।


और अब मैं 69 की पोज में ,मेरी बुर गुड्डी के होंठों को रगड़ती और मैं ,

झुक के उसके भइया को दिखाते तड़पाते , मैंने बस अपनी जीभ की टिप से गुड्डी की क्लिट को छू भर दिया।


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और तेज हवा में जैसे कोई फूल शाख पर काँप उठे वो दोशीजा हिल गयी।

और अबकी मेरे होंठों ने ,



नहीं नहीं गुड्डी के निचले होंठों को न चूमा न चूसा ,बस छू भर दिया।


और जैसे तूफ़ान आ गया।



गुड्डी सिसक रही थी ,काँप रही थी ,तड़प रही थी ,



और सिसकती तड़पती बहिनिया को देख कर , उनके भैय्या भी ,

खूंटा एकदम जबरदंग , सुपाड़ा मोटा खूब फैला ,उनके छोटे बॉक्सर शार्ट से झाँकने लगा।


मैंने उनकी तर्जनी पकड़ के बस गुड्डी की खुली गुलाबी पंखुड़ियों से एक पल के लिए छुला भर दिया।





और बस क़यामत नहीं हुयी।
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I will be posting regularly but will hope for some response from readers.
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Next part soon
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