30-05-2019, 10:02 AM
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Romance मोहे रंग दे
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30-05-2019, 07:16 PM
साजन सजनी
उन्होंने और जोर से दबाया ,... धीरे धीरे आधा से ज्यादा ,... और मेरे हलक तक ,... सिर्फ मोटा ही नहीं , वो लम्बा भी खूब था। मैं चूसने की कोशिश कर रही थी , ननद जी ने खूब बोला था बड़ा मजा आया था उन्हें चूसने में , नन्दोई जी ऑलमोस्ट रोज ही उन्हें चुसाते हैं लेकिन मैं ,...चोक करने लगी , मेरे मुंह से गों गों की आवाज निकल रही थी पर वो आज पहली बार इत्ती जोश में थे की उन्हें मेरी परवाह नहीं थी , और यही चाहती थी मैं,... पर थोड़ी देर में उन्होंने मुंह से तो बाहर निकाल लिया लेकिन उनकी जो हालत थी , मैंने खुद अपनी टाँगे उठाकर उनके कंधे पर रख दी , वो मेरे अंदर और बस मेरी पायल की रुन झुन , बिछुओं की झंकार ,... चूड़ियों की चुरमुरुर और मेरे पायल बिछुए की तान पर जुगलबंदी करते मेरे साजन के धक्के ,... कुछ देर में मैं चीख भी रही थी , सिसक भी रही थी , और उनकी ताल में ताल मिलाकर ,... इतना कस के मैंने उन्हें भींच रखा था की ,... उनकी हिम्मत जो धक्कों की रफ़्तार कम करें चाहे मैं चीखूँ , चिल्लाऊं। .. पर आज मैं सिसक ज्यादा रही थी , चीख कम रही थी और अब मेरी सारी कमजोरियां भी उन्हें पता चल गयी थीं उनकी उँगलियाँ उनके होंठ कभी मेरे निपल्स पर , तो कभी उरोजों पर मैं पागल हो रही थी , मस्ती में चूर ,.. कुछ ही देर में आज मैं शिथिल पड़ गयी , पर उनके धक्के मैंने रुकने नहीं दिए , ताबड़तोड़ ,,, जब दूर कहीं बारह का घंटा बज रहा था , हम दोनों साथ साथ ,... वो देर तक मेरे अंदर ,... वो बरसते रहे मैं भीगती रही , सारा रस सोखती रही उनका ,... और देर तक हम ऐसे और तब मेरी निगाह पड़ी , आज भी दूध का ग्लास , पान की ट्रे दूध का ग्लास उनके हाथों में , और मेरे होंठ , जहाँ मैंने दूध के ग्लास पर अपने होंठ लगाए थे , ... लेकिन अब मैं उनकी गोद में बैठी चिपकी , उनके हाथों से दूध पीती ,... और उनका वो मोटा दुष्ट मूसल , ... जिसकी लम्बाई चौडाई अब मैंने अच्छी तरह नाप ली ( पौने आठ से आठ इंच और मोटाई ढाई से पौने तीन इंच , आखिर सुबह सुबह , इनकी सलहज जरूर पूछतीं ) , और थोड़ा सा स्वाद भी चख लिया था ( यमम यमम ),.... अच्छी तरह से मेरे पिछवाड़े की दरार के बीच धंसा , आराम कर रहा था , थोड़ा जागा , ज्यादा सोया ,... रजाई एक बार फिर मैंने अपने ऊपर खींच ली थी , आखिर दिसंबर की रात थी , और बाहर खूब कोहरा भी था ,... लेकिन अपने उभारों के ठीक नीचे तक , न उन्होंने मेरे जोबन को ढकने दिया , न मैंने जिद्द की ,... मुझे मालूम था पहले दिन से ही ये लड़का कितना ललचाता है मेरे किशोर उभारों के लिए ,... और हाँ , दूध का ग्लास भी मैंने उनके हाथ से ले लिया , मुझे मालूम था इस लालची लड़के के लालची हाथ किस चीज के लिए ललचा रहे हैं , और सच में अगले ही पल उनके दोनों हाथ मेरे दोनों उभारों पर , ... ऐसा नदीदा बेसबरा , और दूध का ग्लास मेरे हाथों में था , मैंने जबरन बचा हुआ सारा दूध , उन्हें पिला दिया ,.... दूध की जो मूंछ उनकी पतली पतली मूंछ पर बनी थी उसे कस के चूम लिया , और जब उनके होंठों को आजाद किया तो हम लोगों के पहले मिलन की , जब मैंने उन्हें बीड़ा मारा था , इस चितचोर ने मुझे मुझसे चुरा लिया था , उस दिन की कहानी ,... जब बिचारे सिर्फ मेरे नाम चक्कर में पूरी रात ,.. और मैं न सिर्फ इनका नाम पता किया इनकी चचेरी ममेरी बहनों का भी ,... और इनका नाम ले ले के गारियाँ सुनाई , " असल में जानती हो ,.... " बोले वो और चुप हो गए। इनकी शर्म झिझक न ,... मैंने इनकी चुप्पी का फायदा उठा कर अपनी जीभ से इनके होंठों पर लगी मलाई चाट ली ,.. और उन्होंने पूरी बात बताई , ... कोशिश उन्होंने की थी। मेरा नाम पता करने की। लेकिन उन्हें बार बार ये डर लगता था की अगर मुझे पता लग जाएगा तो मैं बुरा मान जाउंगी ,... मैं इत्ती इन्नोसेंट भोली सी ,... फिर मैं न जाने क्या सोचूंगी उनके बारे में , ... उन्होंने एक दो मेरी सहेलियों से हिम्मत कर पूछा भी था , जिनकी बरात के लड़कों से दोस्ती हो गयी थी ( ये मेरी वो सहेलियां थीं , जिन्होंने जितनी देर मेरा नाम पता करने में लगाया था , उससे आधे समय में बारात के लड़कों से शलवार का नाडा खुलवा लिया था , ... ) पर वो चिढ़ाने का मौका क्यों छोड़तीं ... बोलीं उनसे , ... वो देखो सामने तो है ,, जाके पूछ लो , सच्च में काटेगी नहीं , मेरी सहेली बहुत सीधी है। तो , ... पता कैसे किया ,... बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान रोकते मैं बोली। " तुम , ... तुमने बताया रास्ता ,... " मुस्कराते वो बोले और साथ में कस के उनके हाथों ने मेरे जोबन मसल दिया। मेरी समझ में नहीं आया लेकिन उन्होंने ही बताया ,...
30-05-2019, 07:29 PM
नाम इनकी शर्म झिझक न ,... मैंने इनकी चुप्पी का फायदा उठा कर अपनी जीभ से इनके होंठों पर लगी मलाई चाट ली ,.. और उन्होंने पूरी बात बताई , ... कोशिश उन्होंने की थी। मेरा नाम पता करने की। लेकिन उन्हें बार बार ये डर लगता था की अगर मुझे पता लग जाएगा तो मैं बुरा मान जाउंगी ,... मैं इत्ती इन्नोसेंट भोली सी ,... फिर मैं न जाने क्या सोचूंगी उनके बारे में , ... उन्होंने एक दो मेरी सहेलियों से हिम्मत कर पूछा भी था , जिनकी बरात के लड़कों से दोस्ती हो गयी थी ( ये मेरी वो सहेलियां थीं , जिन्होंने जितनी देर मेरा नाम पता करने में लगाया था , उससे आधे समय में बारात के लड़कों से शलवार का नाडा खुलवा लिया था , ... ) पर वो चिढ़ाने का मौका क्यों छोड़तीं ... बोलीं उनसे , ... वो देखो सामने तो है , जाके पूछ लो , सच्च में काटेगी नहीं , मेरी सहेली बहुत सीधी है। तो , ... पता कैसे किया ,... बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान रोकते मैं बोली। " तुम , ... तुमने बताया रास्ता ,... " मुस्कराते वो बोले और साथ में कस के उनके हाथों ने मेरे जोबन मसल दिया। मेरी समझ में नहीं आया लेकिन उन्होंने ही बताया ,... " तुमने जो गिन के पूरी चौदह गारियाँ मेरा नाम ले ले के सुनाई थीं ,... तो बस मुझे भी लगा तेरी सहेली ठीक कह रही थी , तुमसे ही पूछ लूँ ,... और सुबह मौक़ा मिल गया , अँधेरे , तुम अकेले ,...इसलिए हिम्मत कर के मैंने तुम्ही से पूछ लिया। " " पर मैंने तो बताया नहीं ,... " खिलखिलाते हुए मैं बोली और कस के मैंने उनका हाथ अपने उभार पर दबा दिया। " बता तो दिया था तुमने रास्ता ,... तुमने बोला था न पता कर लो , तो बस मैं समझ गया की तुम बुरा नहीं मानोगी , ... फिर जिस तरह से चुन के तुमने सिर्फ मेरा नाम ले ले के गारियाँ दी थी , ... मैं समझ गया था , ... मुझे लगा की मैं ही बुद्धू हूँ , उसलिए सुबह भोर में तुम्हे ,... " " बुद्धू तो तू अब भी है ,...लेकिन आगे बता न किसने बताया " मैंने खुल के उनसे कहा और एक और चुम्मी उन लालची होंठो की ले ली। " तेरी सहेलियों से तो मैंने पूछा पर वो सब इतना चिढ़ाती थीं , ... "सिर्फ नाम ही जानना है या फिगर भी ,... या कैसे पटेगी ,... और मैं एकदम ,... लेकिन तुम्हारी भाभी ,... रगड़ाई तो उन्होंने भी बहुत की ,... पहले मेरे बारे में सब पूछ लिया ,... फिर नाम भी बता दिया और रास्ता भी। " " रास्ता मतलब ,... " अब मेरे समझ में नहीं आ रहा था। " उन्होंने कहा की मम्मी से बात करनी पड़ेगी ,... और ये सोन चिरैया इतनी आसानी से नहीं मिलेगी , ...इसके घर वालों की सारी शर्तें माननी पड़ेगी ,... मैंने एकदम से हाँ कर दी। " उन्होंने राज खोला। और मैं समझ गयी , मम्मी की सारी शर्तें कैसे उन लोगों ने बिना हिचक के मान ली , सगाई भी मेरे गाँव से हुयी शादी भी ,... और वो भी पूरे गाँव वाली रस्म के साथ तीन दिन वाली , शादी के बाद भी मेरी पढ़ाई ,... और भी जो जो कहा सब कुछ ,.... और मेरी चमकी , रीतू भाभी ,... वो भी तो थीं उस शादी में ,... उन्होंने ही मुझे चढ़ा कर उस रात असली वाली गारियाँ इन्हे सुनवाई थीं ,... तो इनकी सलहज ,... पर बात इन्होने आगे बढ़ाई ,... " असल में आगे का काम तुम्हारी भाभी , और मेरी भाभी ,... तेरी जेठानी उस दिन रात में तेरी ढोलक और गारी सुन के ,... मुझसे उन्होंने दस बार पूछा लाला , ये कैसी है चलेगी ,... मन तो मेरा भी कर रहा था , लेकिन डर लग रहा था , तुम इत्ती सुन्दर , इत्ती प्यारी सी ,मना कर दे तो ,... पर तेरी जेठानी हंस के मुझसे बोलीं , ' लाला मना करेगी , तो मना लेना , कुछ मेहनत तो करनी पड़ेगी न , इत्ती प्यारी सी सुन्दर लड़की ऐसे थोड़े ही मुफ्त में आसानी से मिलेगी। " और तेरी भाभी और जेठानी में दोस्ती भी हो गयी थी , बस। जब मैंने तुम्हे शाम को तुम्हारा नाम बताया , तुम गुस्सा नहीं हुयी , बस ,.. तुम्हारी जेठानी ने तुम्हारी फोटुएं तेरी सास के पास और , मेरी सलहज ने मेरी सास के पास ,... विदायी के पहले ही यह तय हो गया था की घर लौटकर मेरी भाभी , मुहूर्त देखकर , तुम्हारे यहां बात करेंगी , बस ,,,, " " और मैं मिल गयी तुम्हे ,... " हंस के मैं बोली और अब हम दोनों लेटे , हँसते खिलखिलाते ,... सामने घडी रानी डेढ़ बजा रही थीं , लेकिन मैं समझ गयी थी ये रातें सोने के लिए नहीं होतीं। और मुझसे ज्यादा ये बात इनके मूसलचंद को मालूम थी , एक बार फिर वो तनतना गया था , मोटा कड़ा अच्छी तरह जागा और मेरी गुलाबी सहेली को छेड़ता तंग करता ,
30-05-2019, 09:33 PM
नाम सार्थक कर दिया कहानी का
"मोहे रंग दे" सच में।
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
31-05-2019, 07:31 AM
02-06-2019, 12:28 AM
(31-05-2019, 07:31 AM)komaalrani Wrote: your words are really inspiring.... koyi bhi writer aap jaise reader pakar dhany hoga Thank for kind words , Waiting for next update
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं
तो भी हम दिल को मार रखते हैं
02-06-2019, 12:50 AM
एक बार फिर आप अपने कलम का जादू चला दिया कोमल जी ।
पति पत्नी के प्यार को जो शब्दों में जो ढाला है ,क्या बात है ।
02-06-2019, 12:34 PM
02-06-2019, 07:26 PM
आधी रात
" और मैं मिल गयी तुम्हे ,... " हंस के मैं बोली और अब हम दोनों लेटे , हँसते खिलखिलाते ,... सामने घडी रानी डेढ़ बजा रही थीं , लेकिन मैं समझ गयी थी ये रातें सोने के लिए नहीं होतीं। और मुझसे ज्यादा ये बात इनके मूसलचंद को मालूम थी , एक बार फिर वो तनतना गया था , मोटा कड़ा अच्छी तरह जागा और मेरी गुलाबी सहेली को छेड़ता तंग करता , मैं समझ गयी थी दो दिन में ही , ये जितने ज्यादा शर्मीले , सीधे हैं वो , इनका मोटा मूसल , उतना ही दुष्ट ,... उनके हाथ भी उसी तरह अब कस के कुचल मसल रहे थे ,मैं सिसक रही थी , खुद अपनी दोनों जाँघे मैंने खोल दी और पीठ के बल पर इनका शर्माना ,... वो बार बार मुझे चुम रहे थे मैं समझ रही थी वो क्या कहना चाहते हैं , पर कहना जरूरी था क्या ,... मैं कौन मना करने वाली थी ,... और मैं मना करती भी तो मानना जरुरी था क्या , तब भी जैसे फर्स्ट डेट पर कोई बड़ी हिम्मत कर के किस के लिए पूछे , बस उसी तरह हलके से उन्होंने पूछा , " हे बहुत मन कर रहा है , मेरा बस एक बार ,... " मैं क्या बोलती ,.... लेकिन बिना बोले मैं जानती थी ये लड़का जो कुछ जरुरत से ज्यादा ही केयरिंग है ,... कुछ नहीं करने वाला ,... मैंने बिना बोले उन्हें अपने ऊपर खींच लिया , .. मेरी जाँघे पहले से ही फैली , खुली ,... और वैसलीन की शीशी इनकी ओर खुद मैंने बढ़ा दी ,.. अबकी मेरे पैर इनके कंधे पर नहीं चढ़े , लेकिन बिस्तर पर जितने तकिये कुशन थे सब मेरे नितम्बो के नीचे ,... और पहला धक्का ही इन्होने इतनी जोर से मारा , मेरी जोर की चीख निकल गयी , एक चौथाई मूसल अंदर था , ... पर मैंने अपनी आँखे अबकी नहीं बंद की , प्यार से इन्हे देखती रही , मुस्कराती रही , इन्हे उकसाती रही , दूसरा धक्का , तीसरा धक्का चौथा धक्का , और जब घड़ी रानी दो बजा रही थी , हम दो से एक हो गए थे , एकदम गुत्थमगुत्था , ... कभी खूब तेजी से तो कभी आराम आराम से , न जल्दी इन्हे थी न मुझे ,.. और अबकी मैं उनका पूरा साथ दे रही थी , ... चूमने में ,कस के भींचने में और कभी कभी साथ साथ धक्के लगाने में ,... इनकी सलहज ने मुझे बताया था और इनकी सास ने भी ताकीद की थी , पहली चुदाई मर्द की और दूसरी दोनों की , तीसरी औरत की। हम दोनों साथ साथ ,... और ये देर तक , और उसके बाद भी न ये मेरे अंदर से निकलना चाहते थे , न मैं इन्हे निकलने दे रही थी , हाँ बगल प्लेट में जोड़ा पान ,... अबकी मैने उन्हें ललचाया दिखाया लेकिन दोनों जोड़ा मैं खुद गप्प कर गयी , ... और इनकी बातें सुनती रही ,... बातें क्या ,... इनके पास तो बस एक ही टॉपिक था, मैं,... मेरे बारे में बस ,... और बहुत हुआ तो मेरी भाभी और बहने , इनकी सालियाँ , इनकी सलहज , ... एकदम म्युचुअल फैन क्लब था ,... मेरी दोनों बहने भी बहाना बना के मुझे इन्ही के बारे में , पक्की चमची थीं दोनों अपने जीजू की ,... आधे घंटे बाद इनका मुंह बंद करने का बस एक ही तरीका था कस के चूमना , ... और मैंने भी , कस के न सिर्फ चूमा ,.. बल्कि मेरे होंठों से न सिर्फ इनके होंठ बंद थे बल्कि मेरी जीभ भी इनके मुंह में ,... और कुचा कुचलाया , आधे घंटे से मेरे मुंह में रचा बसा , सुहागरात वाला स्पेशल पान , ... मेरे मुंह से इनके मुंह में , मेरे मुख रस के साथ ,... सुबह जब मुर्गा बांग दे रहा था तो इनका मुर्गा भी कुकुडू कूं , और एक बार फिर ये मेरे अंदर थे , मेरी टाँगे इनके कंधे पर , और अबकी जान बूझ कर महावर लगे पैर इनके माथे पर मैं रगड़ रही थी , इनकी भौजाइयां जब इन्हे चिढ़ाती थीं तो मुझे बहुत मजा आता था। और जब ये चाय बनाने गए मैं नहाने तो सात बज रहे थे , पर आज कल की तरह गारंटी नहीं थी की मेरी ननदें नौ बजे के बाद आएँगी। इसलिए सुबह सुबह ,... तीन बार ,... और आज मैंने मेक अप करते समय रात के निशानों पर ज्यादा नो मार्क नहीं लगाएं, यही तो मेरी यही तो मेरी ननदें चाहती थी , देखना मुझे छेड़ने , चिढ़ाने के लिए तो उन बेचारियों को भी थोड़ा मौका मिल जाएगा ,... चाय सच में अच्छी बनाते थे , एकदम मेरी टेस्ट की , परफेक्ट ,... कड़क , जो आँख खोल दे , ... और चाय के बाद जब वो तैयार होने गए तो बस थोड़ी देर में जैसे घडी देख कर ठीक पौने आठ बजे उनकी सलहज का फोन आ गया ,.. गनीमत थी की वो नहीं थे , कल उन्ही के चक्कर में चौथी बार सुबह सुबह कुटाई हो गयी थी , ... दिन दहाड़े अपने नन्दोई को चढ़ा कर , मेरे ऊपर चढ़ा दिया था , रीतू भाभी , वो अपना कल का सवाल दुहराती , मुझे डांट पड़ती उसके पहले ही मैंने जवाब दे दिया , " तीन बार आपके ननदोई ने ,... " और मुझे कस के डाँट पड़ गयी , ...
02-06-2019, 07:51 PM
मेरी भौजी उनकी सलहज
कर ठीक पौने आठ बजे उनकी सलहज का फोन आ गया ,.. गनीमत थी की वो नहीं थे , कल उन्ही के चक्कर में चौथी बार सुबह सुबह कुटाई हो गयी थी , ... दिन दहाड़े अपने नन्दोई को चढ़ा कर , मेरे ऊपर चढ़ा दिया था , रीतू भाभी , वो अपना कल का सवाल दुहराती , मुझे डांट पड़ती उसके पहले ही मैंने जवाब दे दिया , " तीन बार आपके ननदोई ने ,... " और मुझे कस के डाँट पड़ गयी , ... 'तीन बार क्या ,... ससुराल में जाके ज्यादा शरीफ हो गयी ही , भूल गयी ,... जो सिखाया पढ़ाया था " सच में मैं कैसे भूल सकती थी , रीतू भाभी की पहली होली , ... दो तीन महीने पहले ही उनकी शादी हुयी थी , उमर में मुझसे चार साल से ज्यादा बड़ी नहीं थी , मैं उनकी छोटी ननद , ... अभी नौवें में गयी थी , ... पहले तो हम ननदें भारी पड़ीं , लेकिन फिर भौजी ने मुझे दबोच लिया , पहले तो फ्राक फटी मेरी ,... मेरे कच्चे टिकोरे निकले बाहर ,... और फिर जाँघे फैली , उनकी उंगलिया चड्ढी खोल के मेरी चुनमुनिया पर ,... मेरे छोटे छोटे बाल वहां आ गए थे , ... साल दो साल पहले ही ,... उसे रगड़ते वो बोलीं , " अरे ननद रानी झांटे भी मस्त आ गयी हैं , चौदह की हो गयी , अभी तक चोदवाना नहीं शुरू किया क्या , बड़ी टाइट है तेरी चुनमुनिया ,... " मैं बस कसमसा रही थी , भौजी ने अपने किसी ननद के दुप्पट्टे से मेरी दोनों बाँहें मेरे पीछे कर के पहले ही बाँध दी थी , मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी ,... बस भौजी ने अपनी हथेली से मेरे ' वहां ' रगड़ना शुरू कर दिया , थोड़ी देर में मैं पनियाने लगी ,.. " बोलो कुछ गया नहीं है इसके अंदर , किसी लौंडे का ,... " वो एकदम पीछे पड़ गयीं , " नहीं " मुश्किल से मैं बोली। " अरे ननद रानी जो नहीं गया है , ...उसका नाम तो बताओ। " भौजी एकदम ,... पर साथ ही वार्निंग भी , दस तक गिनूँगी मैं अरे तब तक नहीं बताओगी न तो दो ऊँगली सीधे पेल दूंगी तेरी बुर में ,.... जड़ तक , इस बात का ख्याल नहीं करुँगी की नन्दोई जी को झिल्ली फटी मिली। और नहीं तो इतने मेरे देवर है , बस किसी को भांग पिला चढ़ा दूंगी तेरे ऊपर , देवर से नन्दोई बना दूंगी उसे ,... " और रीतू भाभी की गिनती चालू हो गयी ,.. १ , २ ,.. मैंने मम्मी से गुहार लगाई , कातर आँखों से देखा उनकी ओर , और उन्होंने मेरी भौजी को कस के हड़काया , लेकिन मेरी ओर से नहीं, उलटे , " कइसन भौजाई हो , .. आजकल पढ़ी लिखी भौजाई क इहै परेशानी है , ... अरे दस तक ,.... हम लोगों को पांच से ज्यादा गिनती आती नहीं थी , और ननद के आगे तो तीन से ज्यादा नहीं ,... गलती तो तोहार है , ..अइसना सीध भौजाई हो ,... वरना अब तक तो ननद निसूती होकर आँगन में ,... जब तक होली में ननद को नंगे न ,.... और सब सीखाना पढ़ाना तो तुमको है , नयी कच्ची ननद तो चीखे चिल्लायेगी ,... और कौन भौजी ननद के चीखने चिल्लाने को ,... " मैं निसूती , बिना कपडे की तो नहीं हुयी , लेकिन चड्ढी मेरी फट कर आँगन में ,.. फ्राक उठा कर भौजी ने बड़े आराम से न सिर्फ मेरी नीचे वाली मुंह दिखाई की , वहां जम कर रंग लगाया ,... और बाकी कपडे सिर्फ इस लिए बचे की मैंने भाभी की बात मान कर लंड , बुर चूत , चुदाई सब बोला , एक बार नहीं दस बार , कसम भी खायी की अगर इसके अलावा मैंने कभी कुछ और बोला , तो वो अपने किसी भी देवर को मेरे ऊपर चढ़ा देंगी , भले ही उन्हें रेप करना पड़े। फिर तो मेरी और रीतू भाभी की जोड़ी ,.. गाँव में कोई रतजगा हो , .. अक्सर दूल्हा मैं बनती , दुल्हन वो बनतीं ,... शादी ब्याह में ननद भाभी में गारी हो तो ,... पक्की दोस्ती थी हमारी , तो जब भौजी ने बोला , …मैं समझ गयी कोई बचत नहीं है मैंने साफ़ साफ़ बोल ही दिया , ... चुदाई ,... आपके नन्दोई ने रात में तीन बार चोदा। आखिर कल ननदों ने मुझसे बुलवा ही लिया था , ... ' बड़ा मजा आये चुदवैया में " ।
02-06-2019, 08:04 PM
साइज मैटर्स
और मुझे मालूम था इनकी सलहज का अगला सवाल क्या होगा , तो मैंने खुद ही बोल दिया , " भौजी कल आपके ननदोई का ' वो ' ... " और एक बार फिर भौजी की गाली पड़ गयी , " स्साली , बचपन की छिनार , तोरी गांड मरवाऊँ ,... यही सीखा पढ़ा के भेजा था ,... " और मैं खिलखिलाने लगी , ... यही सब सुनने के लिए तो मैंने भौजी को उकसाया था ,... ' वो ' बोलकर ,... " ठीक है भौजी , लंड ,... अब खुश ,...आपके प्यारे प्यारे नन्दोई जी का लंड ,... पौने आठ इंच लंबा और मोटाई ढाई तीन इंच के बीच होगी ,.... " एक तेज आह ऐसी आवाज निकल गयी ,... और मैं समझ गयी उस आवाज का मतलब, अब तक रीतू भाभी ही चैम्पियन थीं ,... कोई ऐसी भौजाई नहीं होती थी जिससे सुहागरात के अगले दिन ही सुबह सुबह ननदें उगलवा के ही दम लेतीं थी , " भौजी , केतना बड़ा , केतना मोटा ,... " और न मानने पर ' इस्तेमाल के बाद वाली मुंह दिखाई ' लिए बिना ननदें छोड़ती नहीं थी , ... मैंने खुद रीतू भौजी की ,.. आखिर छोटी ननद थी ,... भले ही उस समय सिर्फ नौ मैं पढ़ती थी , और जब ननद शादी के बाद ससुराल लौटती थी , तो यही सवाल उसकी भौजाइयां करती थीं ,... और अबकी उस नयी दुल्हन की सहेलियां भी गवने की रात की कहानी पूछने के लिए दल बदल कर भौजाइयों के साथ हो जाती थीं। और रीतू भौजी को तो वैसे भी गाँव के सारे लड़कों की साइज ,... होली में अगर उनके देवर भौजी के चोली में हाथ घुसाए बिना नहीं मानते थे , वहीँ रीतू भौजी ,... उन देवरों को भी जिनको अभी पाजामे का नाडा भी ठीक से नहीं बांधना आता था , ' नयी उमर की नयी फसल ' टाइप ,... जिसे सब लोग नूनी ही कहते थे , उसे भी बिना पकडे रंग लगाए नहीं छोड़ती थीं , ... बाकी देवरों , नन्दोई की तो बात ही छोड़िये ,... और इस नाप जोख का नतीजा ये निकला , की रीतू भाभी के बालम का ही ' नंबर वन ' था , पूरे सवा सात इंच , ... चार पांच भौजाइयों के बालम का भी साढ़े छह इंच था , और दो चार देवरों का भी ,... और हम ननदों भौजाइयों की आपस की बातचीत में जो भी साढ़े छह इंच से ऊपर होता था उसे हम सब 'मूसल ' ही कहते थे। मैंने ही बात आगे बढ़ाई ,.. " और भौजी , बाकी जब ये ससुराल आएंगे तो आप नाप के देख लीजियेगा। " " एकदम तुम सोचती हो क्या छोडूंगी भला ,... तो कल रात को तीन और आज रात को तीन ,... " रीतू भाभी हिसाब पूरा रखने में बिस्वास रखती थीं। मैं एक बार फिर खिलखिलाने लगी ,... " भौजी ,.. आप सलहज ननदोई की जोड़ी ,... और मुसीबत मेरी , .. कल सुबह सुबह आपने जो इन्हे हुकुम दिया था , बस सुबह सुबह इन्होने नास्ता कर लिया मेरा। ... एकदम सलहज के पक्के चमचे हैं ,.... और इतने सीधे नहीं है आपके नन्दोई कल दिन में तिझहरिया में भी,...दो बार ,.... " " तो नौ बार , परसों रात से ,... " रीतू भाभी की खुशी छिप नहीं रही थी। मैंने मुंह बनाया कुछ उलटा सीधा बोला , उनके नन्दोई के बारे में ,... और जबरदस्त डांट पड़ गयी ,... मैं सोच भी नहीं सकती थी , भौजी ने स्पीकर फोन ऑन कर रखा होगा , और मम्मी भी मेरी बातें सुन रही होंगीं , ... रात भर की मस्ती के बाद , मैं मस्ता रही थी और भौजी से एकदम खुल के सब बातें ,... और मम्मी ने जोर से डांटा ,... मेरे मायके के बाकी लोगों , मेरी बहनों और भाभी के साथ ये भी दलबदल कर गयीं थी , ...अपने दामाद की ओर ,... " तो क्या हुआ ,... आखिर तुझे भेजा किसलिए हैं वहां , ... ये तो कहे मेरा दामाद इतना सीधा है बेचारा ,... तेरा इतना ख्याल करता है ,... उसकी मर्जी ,... " एक बार फिर मैं खिलखिलाने लगी , मम्मी को दोनों बातें सही थी , ...कुछ ज्यादा ही केयरिंग ,... और सीधे तो हैं ही , लेकिन उनकी जो एक बुराई देखी थी , तुरंत अपने मायके वालों को रिपार्ट किया , " मम्मी सीधे हैं , वो बात सही है लेकिन एक बात गड़बड़ है ,आपके दामाद में ,.. " मैंने बोल दिया , रीतू भाभी , और मम्मी दोनों एक साथ बोलीं ,... " क्या " " शरमाते बहुत हैं आपके दामाद ,... क्या कोई लड़की लजायेगी ,.... " मैंने बोल दिया। " आने दो ससुराल उसे ,.. पहली मुलाकात में ही सारी सरम उसकी गांड में डाल दूंगी ,... " रीतू भाभी बोलीं , और मम्मी ने भी टुकड़ा जोड़ा ' और बची हुयी लाज सरम तेरी सास के भोंसडे में ,.. " पर एक गड़बड़ हुयी , जब तक मम्मी और भौजी अपना प्लान बता रही थी , वो बाथरुम से तैयार हो के निकल आये थे ,.. और स्पीकर फोन आन था। जबतक मैं बोलती , मम्मी आपके दामाद , वो सुन चुके थे ,... पर न सास को फरक पड़ता था न दामाद को ,... कोहबर में ही दामाद समझ गए थे , साली , सलहज और सास में सिर्फ इतना फरक था की सास , सलहज और साली से भी रगड़ाई करने में एक हाथ आगे थीं ,... लेकिन बात मम्मी ने ही सम्हाली , दुआ सलाम के बाद , मम्मी ने वही बात बोली जो शादी के बाद हर माँ बोलती है , " बेटा ,.. ये कोमल तुझे तंग तो नहीं करती ,... अगर तेरी कोई बात नहीं माने न ,.. तो मेरी ओर से पूरी छूट है , तुम उसके दोनों कान कस के पकड़ कर मसल सकते हो " पर सलहज उनकी ,एक बार अपने नन्दोई को भले ही बख्स दें , ननद को छोड़ने वाली नहीं थीं , उन्होंने अपने ननदोई से अर्थाया , "नन्दोई जी जो मेरी ननद के चोली के अंदर है न उसे ही आपकी सास ' कान ' कह रही है , उसी को पकड़ने मसलने के लिए ,... " उन्होने खींच कर मुझे तो पहले ही अपनी गोद में बैठा रखा था , सलहज की बात पूरा होने के पहले ही , उनके हाथ मेरे दोनों जोबन पर ब्लाउज के ऊपर से ,... लेकिन मैंने उन्हें खदेड़ दिया ,... कल की तरह अगर कहीं लाइन जुड़ने के साथ उनकी सलहज एक बार फिर उन्हें उकसा कर मेरे ऊपर चढ़ा देंगी तो ,... आधे घंटे से पहले तो ,... " अरे कल की तरह मेरी जेठानी ने नौ बजे तक की छुट्टी नहीं दी है , आप चलो ,... वरना अभी मेरी ननदें आती होंगी , और क्या पता कोई आपकी भौजाई आ गयीं तो आपकी भी ऐसी खिंचाई होगी ,... " और वो बाहर निकल गए , एकदम सही टाइम पर क्योंकि उसी समय उनकी सलहज का फोन फिर बजा , सिर्फ एक सवाल के लिए और एक नया हुकुम देने के लिए ,.... " क्यों चूसा था की नहीं ,... " " बस ज़रा सा , ... होंठों से टच , हल्का सा ,... " मैं बोली " बेवकूफ लड़की हो , ... आराम से धीरे धीरे पूरा लेना चाहिए था न ,... और नन्दोई को अपनी रसमलाई चटाई की नहीं। " "अभी नहीं ,.. " " आज जरूर से , एक बार चूस लेंगे तेरी रसमलायी न ,.... और हाँ पहली बार नहीं , ... तुझे तीन बार से पहले तो वो ,....दूसरी बार के बाद ,... जब दो बार की रबड़ी मलाई तेरी चुनमुनिया में भरी हो उस समय , ... चलो चलती हूँ , दोपहर को जब खाली होना था फोन करना ,... " रीतू भाभी का फोन कटा और दरवाजा खुला , गुड्डो थी,... आज अकेले
02-06-2019, 08:21 PM
गुड्डो
और दरवाजा खुला , गुड्डो थी,... आज अकेले। " हे आज अकेले , कोई ननद रानी नहीं आयी , सब के सब अभी , ... " मैं अचरज से बोली ,.... गुड्डो ने खिलखिलाते हुए मामला साफ़ किया , " आपकी ननद को आपके ननदोई जी ने स्लिप पर कैच कर कर लिया ,... मिली आ रही थी मेरे साथ , लेकिन सीढी के चढ़ने मिली के जीजू जी , ... बस वहीँ वो लस गयी ,... बोली तू चल मैं आती हूँ , लेकिन मेरा वेट करना। अभी आती हूँ। " मिली वही ,... बी ए फर्स्ट इयर , ... नन्दोई जी कब से उस पे लाइन मार रहे थे और चींटी उसको भी काट रही थी , कल मैंने चाट पार्टी में साफ़ साफ़ देख लिया था ,... " अच्छा चल , कल नन्दोई जी को खोल के गोलगप्पा खिला रही थी , उन्होंने तेरी चुनमुनिया को खिलाया की नहीं ,... " मैंने गुड्डो के फ्राक के अंदर हाथ डाल पूछा। वो शर्मा रही थी। " चल मत बता , अभी तेरी बिलिया में ऊँगली पेल कर रबड़ी मलाई निकालती हूँ , कल तुझे इतना सिखाया पढ़ाया था , और मुझी से ,... " मेरी ऊँगली पैंटी के ऊपर से गुलाबो को दबोचते बोली। और गुड्डो ने सारा राज खोल दिया। कल चाट पार्टी में ही उसकी ननदोई जी से सेटिंग हो गयी थी , सबेरे ठीक चार बजे , जब सब लोग एकदम गहरी नींद में सोये रहते हैं , ... गुड्डो निकल कर ,... वो कल रात एकदम दरवाजे के पास सोई थी , मोबाइल में उसने अलार्म भी लगाया था , ... रात में दो तीन बजे तक वैसे ही मस्ती होती रही , ननद भाभियों के बीच , ... उसको भी दुलारी ने और मंझली ने ननद ने मिल कर , तीन बजे तक सब लोग सो गए थे , चार बजे , वो दबे पाँव निकली। नन्दोई जी बरामदे में , .. एक कमरा था , जिसमें एक्स्ट्रा चददर गद्दे पड़े थे , शादी का बाकी सामान , बस वही ,... पहले गुड्डो गयी , फिर पांच मिनट बार नन्दोई जी ,... और अंदर से दरवाजा बंद ,... जाड़े की रात , जमकर कुहासा ,... और वो कमरा भी घर के सबसे बाहरी हिस्से में था ,.. " " सिर्फ एक बार ,... या। .. " मेरी बात का जवाब गुड्डो ने बात पूरी होने के पहले ही दे दिया , " आपके नन्दोई इतने सीधे है , ... दो बार ,... " " और चुसवाया ,.. " मैं सब पूछ लेना चाहती थी। कुछ रुक कर गुड्डो बोली ,... "पहली बार के बाद ,.. मैं मना करती रही लेकिन इतना वो बोले , ... और उन्होंने मुंह में ज़रा सा ,... फिर तो सर पकड़ के ,... और थोड़ी देर में वो फिर खड़ा हो गया ,... वो जिद्द करने लगे ,... तुमने खड़ा किया है तो तुम्ही को , ... और वहीँ गद्दे पर निहुरा के ,... " मैं समझ गयी थी हचक के ली थी इसकी नन्दोई ने और कल कैसे बिचक रही थी , लेकिन अब नन्दोई जी मिली पर लाइन मार रहे हैं तो इसे बुरा लग रहा है। मैंने समझाया , " अरे यार ये तो तेरे लिए बहुत अच्छी बात है , ननदोई जी सच में बहुत चालाक हैं , ... अब वो मिली के साथ, ... तो कोई तेरे उपर शक भी नहीं करेगा की तूने भोर भिन्सारे नन्दोई जी के साथ ,... बल्कि वो मिली के साथ ,.. उसकी भी फ़ट जाए ,... तो बोल नहीं सकती वो ,... और तू ,... अनुज भी तो तेरे ऊपर लसता है ,..कल तुम दोनों ,... आधे घंटे तक ,... " गुड्डो का चेहरा खिल गया ,... " आप सही कह रही हाँ , उसने सब किया लेकिन ,... और वो कर भी देता , ... मेरी शलवार उसने खोल ही दी थी , सटा भी दिया था , उसी समय ,... कोई आ गया ,... " " तो बस अनुज के साथ आज बचा हुआ काम पूरा कर ले ,... " मैंने उसका गाल पिंच करते बोला। " सुबह से चक्कर काट रहा है वो ,... " हँसते हुए गुड्डो बोली। और तभी मिली भी आगयी और हम तीनों नीचे ,... सीढी पर से उतरते समय भी मिली की छेड़छाड़ जारी थी , " भाभी , लगता है आज भी आप सारी रात जगीं ,... " और तो और आज गुड्डो भी ,... मिली के साथ छेड़छाड़ में जुट गयी थी , और वो भी एकदम खुल के ,... मिली को रोकने के बहाने , " मिली दी , ये सही बात नहीं है , रात भर आपके भइया तंग करते रहते हैं ,... एक बूँद सोने नहीं देते ,... और सुबह सुबह आप भी ,... " " क्या भाभी , रात भर ,... क्या तंग कर रहे थे , कैसे ,... बोलिए न ,... अरे मैं आपकी ननद हूँ , ननद से क्या सरम , देखिये भइया से आप सरमातीं और गम ननदों से , ... " मेरी ननद , मिली क्यों मौका छोड़ती। आज मैं कल की तरह शरमा नहीं रही थी , खुल के इस छेडछाड का मजा ले रही थी , पर अभी भी जवाब नहीं दे रही थी . लेकिन तब तक हम लोग नीचे आ गए , मेरी सास , बुआ सास ( मिली की माँ ) बैठी थीं , बस मैंने झुक के पहले बुआ सास की फिर अपने सास की आचंल से दोनों पैर झुक के छुए। , "ठीक नौंवे महीने सोहर हो " बुआ सास ने असीसा , पर मेरी सास ने मेरा घूंघट उठा के सर पर ऊपर कर दिया। " अरे अब बहुत घूंघट वुन्घट हो गया , तुम लड़की की तरह हो , .. इतना सुन्दर चेहरा , छिपाने के लिए थोड़ी है ,.. और ननद देवर से तो घूंघट होता नहीं और तेरी सास भी अब बोल रही हैं ,... आज से घूंघट बंद। " और सास ने बड़े प्यार दुलार से मुझे अपने बगल में बैठा लिए। उनके चेहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी। और मैं समझ गयी , ... उनकी आँखे सिर्फ चेहरे पर ही नहीं बल्कि मेरे ब्लाउज से झांकते दूधिया गोलाइयों पर भी घूम रहा था। सास के बेटे की शरारत उन्हें साफ़ दिख रही थी। उनके नदीदे बेसबरे लड़के के होंठों , दांतों के निशान सिर्फ मेरे गालों , होठों पर ही नहीं , मेरे हलके हलके से झलक रहे उभारों पर भी साफ थे , और नाख़ून के निशान , कुछ पर तो मैंने नो मार्क्स लगा लगा के छिपाने की कोशिश की थी , पर ,... थे इतने ज्यादा , कुछ छूट भी गए थे। लेकिन तब तक मेरी जेठानी भी आगयीं , और सास ने उन्हें भी वहीँ मेरे बगल में बैठा लिया ,... और उन्हें मीठे मीठे हड़काते बोला , " हे अपने देवर को बरजो ,... या देवरानी के सोने का इंतजाम अलग करो ,... इस बेचारी को सोने नहीं देता ,.. मैं फूल सी बहू इस लिए थोड़ी लायी थी की तेरा देवर ,... " जेठानी की निगाहें भी प्यार से उन्ही निशानों को देख रही थीं , पर अब की वो अपने देवर की ओर से , मेरे चंपा के फूल से गालों को सहलाते दुलराते वो बोलीं , " काहें को मेरे देवर को दोष रहीं हैं , ऐसी शहद ऐसी मीठी बहू लायेंगी ,तो यही होगा ... तो मेरे देवर को तो छोड़िये ,... इसके देवर और नन्दोई भी सुबह से चक्कर काटते रहते हैं ,.. और मैं अलग से अपनी देवरानी को सोने का इंतजाम कर दूंगी ,... लेकिन इस बेचारी से पूछिए ,.. इसे मंजूर है ,... " मैं घबड़ा गयी की कहीं सच में ,... फिर उस बेचारे लड़के का क्या होगा ,... इत्ती मुश्किल से ,... मेरे मुंह से अपने आप निकल गया ,... नहीं नहीं ,.. ठीक है ,... मेरी सास के अलावा , सब लोग जोर से हंसने लगे , सास मेरे सर को सहलाते हुए , मुझे प्यार से देखते हुए जोर से मुस्करा रही थीं। पर अब बुआ सास मैदान में आ गयीं , आखिर मेरी सास की ननद थी , मेरी सास की ओर इशारा करके बोलीं " अपना टाइम भूल गयीं , रात आठ बजे से ही जम्हाई आने लगती थी , और दिन में भी कभी नागा नहीं होता था। " मेरी जेठानी ने मुश्किल से अपनी मुस्कान दबायी। अब दोनों ननद भौजाई , मेरी सास बुआ और बुआ सास चालू हो गयीं। बुआ सास को इस बात का फरक नहीं पड़ता थी की उनकी बेटी मिली भी वहीँ बैठी थी और मेरी एक दो और ननदें , गीता और मीता भी आके बैठ गयीं थी वही मेरे बगल में। " बहू इस घर की सारी ननदें पैदायशी छिनार होती हैं ,... " सारी बातें , सब मजाक छेड़छाड़ मेरे बहाने ही होता था ,.. और अब मेरी जेठानी भी , ... वो क्यों मौका छोड़तीं इतना बढियाँ , बोलीं मुझसे " एकदम , चाहे तेरी सास की हों , या हमारी तुम्हारी ,.. " मिली मीता और गीता की ओर देखते वो बोलीं। लेकिन तबतक कुछ काम आ गया और वो किचेन की ओर मुड़ गयीं ,... और सास मुझे समझाने लगीं दिन भर के काम के बारे में , " आज देखो तुम्हे रसोई छूना है ,.. दस बारह बजे ,... और शाम को कल की तरह छत पर ,.. आज गाने का ,.. मैंने तुम्हारे गाने की बहुत तारीफ़ सुनी है , जारा मेरी और अपनी ननदों का अच्छी तरह हाल चाल सुनाना ,. ... और एक बात और ,... ये जो ननदें है न इनकी बात का खुल के जवाब दिया करो , इन्हे भी तो लगे कैसी जबरदस्त भावज आयी है , .... अब तक तो तुम्हारी जेठानी अकेली थीं अब तो तुम भी आ गयी हो , एक और एक मिल के ग्यारह होते हैं। " फिर उन्होंने मेरी ननदों को बोला की मुझे ले जाएँ , और थोड़ी देर आराम करने दें ,... लेकिन तबतक मेरा देवर आ गया , और उसकी शामत आ गया , अनुज ,... मैं तो समझ गयी , वो मेरे चक्कर में नहीं , गुड्डो रानी के चक्कर में चक्कर काट रहा है , पर सास ने उसे ही , ... हे सबेरे सबेरे , भाभी के चक्कर में,... " नहीं नहीं मैं तो ,... " वो बेचारा घबड़ा गया , और कोई झूठ मूठ का काम बता दिया , पर लड़कियां इन सब मामलों में लड़कों से बहुत तेज होतीं हैं , और गुड्डो ने बात सम्हाल ली , ' अरे मैं बताती हूँ चलो ,... " उसे लेकर छत की ओर चल दी। बड़ी मुश्किल से मैंने मुस्कान रोकी। सुबह यही तो मैंने समझाया था उसे , पहला मौका मिलते ही अनुज के साथ ,... ' गृह प्रवेश ' के अलावा सब कुछ तो कर लिए था कल अनुज ने उसके साथ ,... और ननदें मुझे लेकर अपने कमरे की और ,...
02-06-2019, 08:24 PM
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03-06-2019, 09:04 AM
Haiii kya khatarnak likhte ho Komal jabardast update
03-06-2019, 05:49 PM
Love you bhabhi
04-06-2019, 08:38 AM
07-06-2019, 07:46 AM
07-06-2019, 10:08 AM
(This post was last modified: 08-06-2019, 11:03 AM by Donn. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Kya bat hai komal ji
Kamal kar diya aapne
10-06-2019, 10:49 AM
11-06-2019, 07:58 AM
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