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पति से परेशान सलहज
#1
पति से परेशान सलहज 
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
कहानी मेरे और मेरी सलहज की है, मेरी सलहज का नाम इंदु है, उसकी उम्र 26 साल की है. इंदु गेहुएं रंग की है उसका कद 5 फिट 3 इंच है. शरीर एकदम भरा हुआ. उसके चूचे 38 D के, कमर 36 के, और कूल्हे 44 हैं. कयामत की माल है. मेरी सलहज की शादी को 6 साल हो गए हैं. उसके 2 बच्चे भी हैं मेरे साले को शराब पीने की बहुत ज्यादा आदत है, जिस कारण घर में क्लेश होता है. वो अपनी पत्नी को बहुत मारता पीटता है और उसे खर्चे के लिए पैसे भी नहीं देता. वो मजदूरी करता है, कभी काम मिला तो किया, नहीं तो इधर उधर गावों में घूमना, देर रात को घर आना औए पत्नी से मार पिटाई करनी.

बहुत सालों बाद मैं अकेले ससुराल गया हुआ था. मैं बता दूँ कि मेरी ससुराल पटना के नजदीक एक गाँव में है. ससुराल में मेरे चचेरे 2 साले हैं, उनकी माँ और पिता जी हैं. ये कहानी मेरे चचेरे साले की बीवी की है.

बड़ा भाई अपने परिवार समेत राजस्थान में रहता है. उसकी बीवी भी बहुत चुदक्कड़ किस्म की है, उसकी कहानी बाद में बताऊंगा.

बहुत दिनों बाद मैं अपने ससुराल गया था, फोन से मुझे पहले ही मालूम हो गया था कि सलहज इंदु और साले की बीच रोज़ मार पीट होती है.

ससुराल जाने पर मेरी बहुत आवभगत हुई. शाम को मैं अपने चचेरी सलहज इंदु के घर गया, उसने भी मेरी काफी आवभगत की. मैंने पूछा कि साले साहेब कहां हैं?
तो वो बस कहानी बताने में शुरू हो गयी, कहने लगी कि इन्हें आप अपने साथ ही ले जाओ कमाने के लिए.. या मैं भाग जाऊँगी यहां से.
वो बहुत दुखी थी.

इनके पूरे खानदान में मे ही एक मात्र जीजा हूँ, इसलिए सभी मेरी बहुत इज्जत करते हैं. मैंने इंदु को बोला- आप टेंशन मत लो, मैं ले जाऊंगा.
मैं किसी बहाने इंदु को पटा के चोदना चाहता था. साला मेरे इतनी सुन्दर माल को रोज़ मारता पीटता है.
अब रोज़ मैं उनके घर जाने लगा, साला तो घर में होता नहीं था. सास खेतों में गयी होती, बच्चे छोटे थे. हम दोनों खूब बातें करते. इससे वो मुझसे खुल गयी.

एक दिन बरसात हो रही थी, ठंड भी थी. मेरी सलहज इंदु बिना स्वेटर के एक साड़ी में घर का काम कर रही थी. घर पे कोई नहीं था.
मैं घर में जाते ही बोला- भाभी, आपको ठंड नहीं लग रही क्या? इतनी ठंड है.
इंदु ने कहा- क्या करूँ जीजा जी, एक ही स्वेटर है, वो मैंने धोने को डाला था अब ये बरसात ना जाने कब रुकेगी और स्वेटर सूखेगा.
मैंने कहा- इतनी ठंड में तो आप बीमार हो जाओगी.
सलहज ने कहा- जीजा जी घर में मेरी फिक्र भी किसे है, चाहे बीमार पडूँ या भाड़ में जाऊं.

उनकी बातों से मुझे फील हो रहा था कि ये आराम से फंस जाएगी, बस थोड़े खर्चे करने पड़ेंगे.

कुछ घंटे बाद बारिश बंद हुई, मैं बाज़ार गया और सलहज के लिए एक स्वेटर खरीद लाया और साथ में एक ब्रा भी ले आया.
आते ही मैंने सलहज को बोला- भाभी जी कहां हो?
वो घर में झाड़ू लगा रही थी. उसका आंचल गिरा हुआ था. क्या गोरे गोरे चूचे हिल रहे थे. मजेदार दर्शन हो गए.

इंदु ने मुझे देखते ही आंचल ऊपर कर लिया और मुस्कुराने लगी, बोली- आइये जीजाजी.
मैंने बोला- भाभी जी, ये लीजिये आपके लिए गिफ्ट.
उसने बोला- इसकी क्या जरूरत थी. जीजा जी, आपको मेरी कितनी फिक्र है और एक आपके साले हैं.
मैंने बोला- जाने दो, आप पहन कर देखो.

इंदु स्वेटर पहन कर मेरे पास आ गयी मैंने पूछा- कैसा है?
वो बोली- थोड़ा कस रहा है.
मैंने देखा और कहा- कहां कस रहा, ठीक तो है.
उसने इशारे से कहा कि ये इधर चुचों के पास कस सा रहा है.

मैं झट से वहां के बटन को पकड़ कर स्वेटर को लूज करने की कोशिश करने लगा. जिससे मेरे हाथ इंदु की चूचियों पर सटे हुए थे. बहुत आनन्द आ रहा था, एकदम कसे हुए चूचे थे. इस वक्त घर में भी कोई नहीं था, साला कहीं मजदूरी करने निकला था. सास खेतों में थी, बच्चे बाहर खेल रहे थे.

मैंने सोचा सलहज को चोदने का इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा. मैं इंदु के स्वेटर को फिर से मोमे वाली जगह पर पकड़ कर लूज करने की कोशिश के बहाने इंदु की चुची टच कर रहा था. भाभी सब समझ रही थी, पर कुछ बोल नहीं रही थी.
मैंने भी मौका देख के उसके चुचों पे चुटकी काट ली.
वो उह करते हुए मुस्कुरा कर बोली- बहुत बदमाश हो आप.

ये उसका ग्रीन सिग्नल था. मैंने इंदु को बांहों में भर लिया और किस करने लगा. इंदु तो जैसे तैयार ही बैठी थी, वो भी मुझे किस करने लगी. किस करते करते मैं उसके चुचों को दबा रहा था. मैंने उसके ब्लाउज में हाथ डाल दिया मस्त टाईट और मजेदार फूले हुए मम्मे थे.

अचानक उसको याद आया कि मेन गेट खुला है, कोई भी आ सकता है. वो दरवाजे को बिना कुंडी के बंद करके आ गयी ताकि कोई दरवाजा खोले, तो मालूम पड़ जाये

इंदु आते ही लेट गयी, मैं भी उसके साथ लेट कर उसके चूचे दबाने लग गया धीरे धीरे मैंने उसके स्वेटर और ब्लाउज के नीचे के 2-2 बटन खोले ताकि कोई आ भी जाए, तो जल्द बंद हो जाए.

इंदु के चूचे ब्लाउज के बाहर आ गए उसके मम्मे मुझे फूल गोभी के आकार के लग रहे थे. मैं उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दबाने लगा. इंदु भी अब जोश में गयी. उसने मेरे सर को अपने चुचों पे दबा लिया. धीरे धीरे मैं इंदु के पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगा, तो उसने मना कर दिया.
मैंने सवालिया निगाह से उसे देखा तो बोली- पेटीकोट उठा के कर लो.

मैंने जैसे ही पेटीकोट उठाया.. वाह क्या गजब की चुत थी इंदु की.. एकदम पॉव रोटी की तरह फूली हुए, जिस पर एक इंच के करीब बाल थे. मैंने उसकी जांघों में सर घुसा कर चाटने लगा और धीरे धीरे ऊपर उनकी चुत पे जीभ फिराने लगा. वो कसमसा रही थी और आह आह कर रही थी.
अब वो छटपटाने लगी, बोली- जीजा जी जल्दी डाल दो, अब नहीं रहा जाता, ऊपर से कोई आ गया, तो मजा बेकार हो जाएगा. बाद में फिर कभी अच्छे से कर लेना जब कोई नहीं होगा.

मैंने अपने लंड को इंदु के मुँह में डाला जो उसने थोड़ी देर तक चूसा. साली गजब का लंड चूसती थी. उसने मेरे लंड को पूरा गीला कर दिया. मैंने इंदु के पैरों को छत की तरफ उठा दिया और अपना लंड इंदु की चुत के मुहाने पे रख के जोर से धक्का दे मारा. मेरा मोटा लंड थोड़ी तकलीफ से पूरा अन्दर घुस गया. इंदु के मुँह से हल्की सी आहहह निकली.

मैं धीरे धीरे चुत के अन्दर बाहर लंड करते जा रहा था.

इंदु आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उहहह कर रही थी और नीचे से अपनी कमर उठा उठा कर मजे से चुद रही थी. साथ साथ में वो कभी कभी मेरे होंठों को भी चूस और काट लेती. बहुत हॉट तरीके से वो चूत चुदवा रही थी. सलहज चुद रही थी, बीच बीच में अपने पति को गालियां भी दे रही थी- आह मजा आ गया जीजा जी.. मेरा पति साला कुत्ता.. कभी भी एक मिनट से ज्यादा नहीं चोदता मुझे.. शराबी मादरचोद साला, आहहह आहहह.

मैं पूरी ताकत से लंड पेल रहा था.
वो लगातार बड़बड़ा रही थी- जीजा जी जोर से चोदो.. आहहह मजा आ रहा है और जोर से चोदो, फाड़ दो मेरी चूत को जीजा जी.. और जोर से आहह आहहह जोर चोदो, बहुत मजा आ रहा है आहाआह.

वो नीचे से अपनी कमर भी जोर जोर से हिला रही थी. फच फच की आवाज से कमरा गूंज रहा था. मादक सिसकारियां मन को मोहे जा रही थीं. लंड सलहज की बच्चेदानी पर बार बार टकराता और वो सिसकारी लेती, इससे मेरा जोश और बढ़ जाता.
इस दौरान सलहज जोर जोर से सांसें लेने लगी और बड़बड़ाने लगी- जीजा जी और जोर से.

बस उसका शरीर अकड़ने लगा और वो मुझे अपनी बांहों में कस दबाने लगी. वो जोर जोर से गांड उठाते हुए झड़ गयी. मैं उसके ऊपर अभी भी लगा हुआ था.
इंदु बोलने लगी- जल्दी जल्दी कर लीजिये, अब कोई आ गया तो दिक्कत हो जाएगी.
मैंने कहा- भाभी, आप घोड़ी बन जाओ ऐसे कोई आ भी गया, तो फटाफट रेडी हो जाएंगे.

उनका बेड दरवाजे से बिल्कुल सामने था कोई आता भी, तो भाभी उसे झुके झुके चुदते टाइम आसानी से देख सकती थी.

अब इंदु बेड के नीचे आ के बेड को पकड़ के झुक गयी और मैं उसकी चुत में फिर से लंड डाल कर अन्दर बाहर करने लगा और मजा लेने लगा. पर इंदु जल्दी जल्दी निपटने को बोल रही थी कि कोई आ ना जाये. मैं भी उसकी चुत में जोर जोर से कमर पकड़ कर चुदाई करने लगा.
इंदु को इस आसन में मजा आने लगा, वो बोली- मैंने ऐसे पहले कभी नहीं किया.
अब मेरी सलहज फिर से गर्म होने लगी और पीछे से गांड हिला हिला कर लंड लेने लगी.

इंदु बोली- जीजा जी आप बहुत हॉट हो.. आपने मुझे फिर से गर्म कर दिया.
फिर वो वहीं बेड पे टांगें ऊपर करके लेट गयी और लंड के मजे लेने लगी. वो फिर से आहहह आहह करने लगी.

मुझे शरारत सूझी, मैंने एक उंगली पे ढेर सारा थूक लगा कर उसकी गांड में डालने लगा. वो जोश में सिर्फ गर्दन हिला मना कर रही थी और जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी.
मैंने सलहज इंदु को बोला- भाभी, आपकी गांड बहुत मस्त है, एक बार इसे भी चोदने दो.
वो साफ मना करने लगी, बोली- नहीं ये सब नहीं.. बहुत दर्द होता है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
उस दिन इंदु ने बोला कि वो 3 दिन बाद रात को फोन करेगी. तो बड़ी बेसब्री से इंतज़ार था उस दिन का … एक एक मिनट बहुत मुश्किल से कट रहा था।

इंतज़ार के बाद आखिर वो शुभ घड़ी भी आ गयी जिस का इंतज़ार था, उस दिन मैं उनके आंगन में था, इंदु बहुत ही हॉट दिख रही थी.
बात करते करते मैंने इंदु से कहा- आज का वादा तो याद है ना?
उसने कहा- जीजा जी, सब याद है, मैं रात को फोन करूँगी, जैसे ही आस पास सूना हो जायेगा, आप आ जाना. फोन करने के बाद मैं दरवाजा सटा के रखूंगी.
मैंने कहा- ठीक है.

इंदु अभी भी अकेली ही थी, दिल तो कर रहा था कि अभी ही चोद दूँ पर इंदु ने कहा- मेरी सास अभी इधर आसपास ही हैं, कुछ मत करो.
फिर भी मैं भाभी की दोनों चुचियों को मुट्ठी में भर में उन्हें किस करने लगा. वो मुझे जल्दी से हट जाने को बोली.
मैंने बस किस करके, बोबे दबा कर अपने दिल को तसल्ली दे ली उस टाइम और घर पर आकर आराम करने लगा.

शाम हुई और धीरे धीरे रात भी होने लगी. मैं भी जल्दी खाना पीना करके जल्दी से सोने चला गया. आज मैं दूसरे रूम में सोया था जिसका एक दरवाजा बाहर गली में खुलता था और एक अंदर ताकि रात को उठ के जाऊँ तो किसी को मालूम ना लगे।

रात हुई, करीब 11:30 बजे इंदु की कॉल आयी- आ जाओ, घर में कोई नहीं है,
मैंने बोला- ठीक है, आ रहा हूँ.
और मैं तुरंत बाहर वाला गेट खोल के इंदु के घर चला गया, जाते जाते मैं वो गिफ्ट ले गया जो इंदु रानी को देना था. दबे पाँव मैंने बाहर की कुंडी लगाई, और घर में जाते ही इंदु को जोर से अपने बांहों में भर लिया. इंदु भी मुझसे लिपट गयी जैसे किसी भूखे को रोटी मिल जाती हो।

मैंने अंदर के रूम की भी कुंडी बंद की और उनके बेड पर चला गया, बोला- इंदु जी, आपके लिए ये गिफ्ट!
उस गिफ्ट में एक बहुत सुन्दर साड़ी, एक पतली सी डोरी वाली सेक्सि पैंटी औए पार्दर्सि नाईटी थी. भाभी ने गिफ्ट देखा बहुत खुश हुई, बोली- मेरी तमन्ना थी ऐसी पैंटी पहनने की … आपने मेरी अंदर की बात जान ली.
मैं बोला- आप अब फटाफट नाईटी और पैंटी पहन के दिखाओ!

इंदु नाईटी और पैंटी पहन कर मेरे पास आयी.
उफ क्या कयामत लग रही थी, उसके मोटे मोटे उठे हुए चूचे, पैंटी से दिखते हुए उसके पाव रोटी की तरह प्यारी बालों वाली चुत … क्या नजारा था मैं बता नहीं सकता. ऐसा लग रहा था कि मैं कोई पोर्न हिरोइन को देख रहा हूँ.

इंदु मेरे पास आयी, मैं उसे लिप किस करने लगा और उसकी चुत में उंगली! चुत के आसपास ज्यादा बाल होने से बाल उंगली में फंस जाते जिससे इंदु को तकलीफ होती.
मैंने इंदु से बोला- भाभी जी, कहिये तो आपकी चुत के बाल बना दूँ?
इंदु ने कहा- मेरे पास अभी बाल साफ करने वाली क्रीम नहीं है.
मैंने पूछा- सेफ्टी रेजर तो होगा?

वो सेफ्टी रेजर ले आयी, मैं इंदु की पैंटी को उतार के बालों में क्रीम लगा कर झाग बनाने लगा. भाभी बिल्कुल नंगी मेरे सामने चुत किये लेटी हुई थी और मैं भाभी की झांटों में क्रीम लगा कर झाग बना रहा था. इंदु बीच बीच में मेरे लोड़े को पकड़ के दबा देती और मेरे आंड को भी दबा देती जिससे मुझे भी बहुत आनंद आ रहा था.
मैं भाभी की चुत पर सेफ्टी रेजर लेकर बालो को साफ करने लगा. बीच बीच में मैं भाभी के चुत में उंगली कर देता और चुत के दाने को मसल देता जिससे भाभी मचल जाती.

कुछ ही देर में भाभी की चुत के बाल बिल्कुल साफ हो गये, चुत एकदम गुलाबी चमक रही थी जिसमें से पानी रिस रहा था.

फिर मैंने इंदु को पीछे होने को कहा. भाभी की गांड के आसपास भी कुछ बाल थे, मैंने उसे भी साफ किया और उंगली गांड में देने लगा. अब भाभी की गांड और चुत दोनों एकदम चमक रही थी.
चुत के बालों को साफ करने के बाद मैंने इंदु की चुत को जीभ लगा कर चाटना शुरू किया, चूत का नमकीन पानी बहुत टेस्टी लग रहा था. मैं चुत को मुहह हहह मुआहह हहह कर के चाटता जा रहा था और भाभी मेरे मुख में चुत सटाती जा रही थी. वो बहुत होट हो गयी थी और मेरे बालों को कस के पकड़ कर सीइईई सीयइई ईईहह हहह कर रही थी . पांच मिनट में ही भाभी की चुत ने मेरे मुख पर ही ढेर सारा पानी छोड़ दिया और शांत लेट गयी.
पर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था कब से तना तना झटके ले रहा था.

इंदु ने कहा- जीजाजी, मैं भी आप के लंड के बाल साफ कर दूँ? मजा आयेगा!
पर मेरा मूड नहीं था, मैंने मना किया तो वो बोली- करवा लीजिये, सारी रात मजे लेने को है.
इंदु ने मेरी झांटों में खूब झाग बनाया और रेजर से मेरी झांटों को साफ करने लगी. मेरा लंड अपने शवाब में झटके पे झटके मार रहा था. बीच बीच में भाभी मेरे लंड को अपने मुंह में भी लेकर चूसने लग जाती जिससे मुझे असीम आनंद की अनुभूति होती.

जब इंदु ने मेरे बालों को पूरा साफ कर दिया तो मुझे खड़ा करवा के खुद घुटनों में बल बैठ के मेरे मेरे लंड को लगी चूसने! अम्म्ह … महह … हहह चप चप … की आवाजों के साथ मुझे बहुत मजा आ रहा था. तब मैं बस सीइई … सीइईई … करते लंड चुसवाने का मजा ले रहा था.

काफी देर लंड तना होने के कारण वो भी भाभी की मस्त चुसाई के कारण आखिरी मोड़ पर आ गया. मैं भी जोर जोर से इंदु के मुँह में लंड पेलने लगा. मैं बोला- मेरे गिरने वाला है!
इंदु बोली- बाहर मत निकालना, मैंने पीना है.
तेज झटको के साथ मैंने इंदु भाभी में मुख में अपना गर्म गर्म वीर्य उम्म्ह… अहह… हय… याह… करते हुए छोड़ दिया. इंदु ने वीर्य के एक एक कतरे को पी लिया और मेरे लंड को बिल्कुल साफ कर दिया.

मैं और इंदु बेड पर आराम करने लगे। इंदु मेरे आंड को सहला रही थी और मैं भी इंदु के चूचों को हल्का हल्का सहला रहा था. इंदु मेरे लंड को भी खड़ा करने की कोशिश कर रही थी और मैं भी इंदु को फिर से गर्म करने में लगा था. इंदु धीरे धीरे गर्म होने लगी और मेरा लंड भी तन के खड़ा हो गया.

मैंने इंदु को बोला- भाभीजी आओ, मैं आपकी चुत चाटता हूँ, आप मेरा लंड चूसिये 69 की अवस्था में! बड़ा मजा आयेगा.
इंदु भाभी को मैंने अपने ऊपर कर लिया और खुद नीचे हो गया. इंदु मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी जैसे कोई छोटा बच्चा लोलिपोप चूसता है. वो मेरे लोड़े को पूरे लंड अपने मुंह में ले जाती और जोर जोर से चूसती और मेरे लंड पे दांत भी काट लेती. मेरे आंड को भी दबा देती जिससे मेरे मुंह से आह निकाल जाती.

इधर मैं भी इंदु की चुत को पूरे करीब से देख रहा था और चुत को जीभ से चाट रहा था. जब मैं उनके भगनासा को चाटता तो वो एकदम जोश से भर जाती और सीइईई आहह आहह हहह करने लगती.
इंदु की चुत एकदम चमक रही थी. मैं चुत में जीभ अंदर बाहर करता तो इंदु को बहुत मजा आता. वो अपनी चुत जोर से मेरे मुँह पे दबा देती और जोश में मेरे लंड को जोर से दांतों से काट लेती.
इंदु और मुझे दोनों को बहुत मजा आ रहा था।

अचानक इंदु ऊपर से उठ के मेरे मुँह पे आकर बैठ गयी और चुत को जोर जोर जोर से मुँह में रगड़ने लगी. मैं भी जोर जोर से इंदु की चुत को चूसता चाटता, उसमें उंगली डाल के अंदर बाहर करता.
इंदु पूरे जोश में भर गयी, आहहह हहह करने लगी, सिसकारियां लेने लगी- सीईईई आयी ईईइ जीजा जी, अब अंदर डाल दो अपना लंड आहहह … अब नहीं होता बर्दाश्त!
मैं बोला- मेरे लंड को और चूसो!
वो जल्दी से मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी, कभी कभी आंड को भी चूस लेती.

वो कहने लगी- जीजू, अब तो करो!
और खुद ही मेरे ऊपर आकर लंड पे बैठ गयी और एक हल्की से आहहह उनके मुंह से निकली. और वो धीरे धीरे लंड के ऊपर नीचे होकर चुदने लगी और आह आहहह उहहह उहह उफ उफफ करने लगी.

इंदु जब लंड के ऊपर नीचे होती उसकी 36 इंच की चुचियाँ हवा में उछल कर ऊपर नीचे होती जो मेरे जोश को और बढ़ा देती. मैं चूची को दोनों हाथों से जोर जोर से दबा देता. इंदु जोर जोर से लंड की सवारी कर रही थी, मैं भी नीचे से उसे जोर जोर से धक्के मार रहा था. और उसे कभी कभी अपने बदन के ऊपर दबा लेता जिससे वो पूरे नंगी मेरे साथ चिपक जाती. उसके चूचे मेरे सीने पे होते ही गर्मी और बढ़ जाती. मैं बीच बीच में चुची को मुंह से चूस लेता.

पर इंदु तो पूरे जोश से लगी थी अपनी चुत की गर्मी मिटाने में … इंदु पूरी काम की देवी लग रही थी.
मैंने इंदु को नीचे आने को बोला तो वह झट से नीचे आ गई. मैंने उसकी टांगों को अपने कंधे पे रखा और एक ही झटके में उसकी चुत के अंदर लंड उतार दिया.
इंदु की चुत एकदम चमक रही थी चुत बिल्कुल गीली … मेरा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था पर फिर भी चुत में कसावट थी जो मुझे चोदते समय महसूस होता था. इंदु भी नीचे से कमर हिला हिला कर लंड को अंदर लेती और उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीइईई करती चुद रही थी.

भाभी जोर जोर से कमर हिलाने लगी और बोलने लगी- जोर से जीजा जी … जोर से आहहह … मेरा काम होने वाला है!
और इंदु ने अपने पैरों से मेरे कमर को जकड़ लिया. इंदु ‘आहहह आहह …’ करती हुए झर गयी और शिथिल पड़ गयी.

लेकिन मैं तो ऊपर से लगा हुआ हुआ था पूरी जोश से उसे पेलने में! मेरा लंड जब जोर जोर से भाभी की चुत के अंदर बाहर होता तो इंदु की चूचियाँ हिलती तो मुझे और अधिक आनंद आता. मैं उसे और जोर से चूस लेता, दबा देता. इंदु आहहह उह्म्म करती थी.

मैंने अब इंदु को डॉगी स्टायल में करने के लिए बोला. वो कुतिया बन गयी उसकी उभरी चुत और बाहर को आ गयी. मैंने उसकी कमर पकड़ के जोर से लंड अंदर पेल दिया और जोर जोर से चोदने लगा. बीच में कभी धीरे हो जाता तो कभी जोर से छोड़ने लगता.

मैंने इंदु को बोला- टेबल के पास चलो, वहाँ करता हूँ आपकी जोरदार चुदाई!
अब मैंने इंदु की एक टांग टेबल पर और एक नीचे करवा दी जिससे उसकी चुत खुल गयी और मैं अपना लंड भाभी की खुली चूत में डाल कर आगे पीछे करने लगा.

अब इंदु भाभी को भी पूरा मजा आ रहा था, वो भी फिर से गर्म हो गयी थी और मेरा साथ देने लगी. भाभी जोर जोर से सिसकारियाँ लेकर चुदवाने लगी आहहह हाहहह करती हुई!
भाभी बोलने लगी- अह जीजू … बहुत मजा आ रहा है … और चोदो … फाड़ दो इसे आज! आहह मजा बहुत आ रहा है!
जितना ज्यादा वो बोलती, उतना ही मेरे जोश बढ़ता जाता और मैं जोर जोर से, कस कर भाभी का चूत चोदन करने लग जाता.

कसम से बहुत होट थी इंदु भाभी … उसे मेरा साला कभी ऐसी चुदाई ही नहीं दे सका. उसने कभी भी इंदु की चुत नहीं चाटी. इंदु ने खुद मुझसे ऐसा बोला था.
मैं जब ज्यादा जोर से धक्का मारता तो इंदु टेबल पर गिर जाती.

मैंने इंदु को बोला- चलो अब बेड पर चलें, तुम्हें थकान हो गयी होगी.
इंदु और मैं बेड पर आ गये.

फिर बेड पर इंदु लेट गयी और उसने अपनी टांगों को ऊपर हवा में फैला दिया. मैं फिर से इंदु की चुत में लंड डाल कर उसकी चूचियों को पीते हुए उसे चोदने लगा. फच फच की आवाजों से कमरे का माहौल गर्म हो गया था. ऊपर से इंदु की सिसकारियां … बहुत मजा आ रहा था मुझे … मन ही नहीं कर रहा था कि इंदु की चुत से लंड निकालूं.
इंदु भी जोर जोर से कमर हिलाते हुए चुद रही रही थी.

अब मेरा भी लंड जवाब देने वाला था, मैंने भी जोर जोर से धक्के जारी रखे और आहह हहह उहहह हहह करते इंदु और मैं दोनों एक साथ ही झर गये. इंदु ने जोर से मुझे झप्पी डाल ली और हांफने लगी. मैं भी थक कर उसके ऊपर लेट गया.
थोड़ी देर बाद इंदु उठी, उसकी चुत से उसका और मेरा पानी नीचे उसकी जांघों पर नीचे बह रहा था. और अपने को और मुझे साफ किया.

फिर हम दोनों सो गये, रात को करीब 3 बजे जब मेरी नींद खुली तो मैंने महसूस किया कि इंदु मेरे लंड से खेल रही है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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Good story
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