22-01-2023, 01:43 PM
(This post was last modified: 22-01-2023, 01:44 PM by Samarsharma@. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरा नाम रोहन है और मैं दिल्ली में रहता हु ।हमारे घर में मम्मी पापा और मेरी छोटी बहन ऋतू रहती है ।
मैं आज जल्दी कॉलेज से घर गया ।और अपनी अलमारी का दरवाजा खोल दिया ।जिसमे मैने एक छेद निकाला हुआ था।यह छेद दीवार पार करके मेरी छोटी बहन ऋतु के कमरे में जाता था ।
मैने बड़ी मुश्किल से यह छेद निकाला था ।इसके बारे में मेरे अलावा किसी और को मालूम नही था।
ऋतु अभी कॉलेज से आई थी ।और अपने रूम में आकर उसने अपनी शर्ट निकाल दी ।और सीसे में अपने बदन को निहारने लगी।
फिर उसने अपने दोनो हाथ पीछे ले जा कर अपनी ब्रा खोल दी।
ऋतु की ब्रा किसी बेजान पत्ते की तरह लहराती हुई जमीन पे गिर गई।
उसके 32 के बूब्स आईने में साफ दिखने लगे। बिलकुल तने हुए और उन पर 2 गुलाबी छोटे छोटे निप्पल तन कर खड़े हो गए।
मैं ऋतु से 2 साल बड़ा हु लेकिन मेरे अंदर सेक्स के प्रति काफी जिज्ञासा है।
मैं घर पर अपनी जवान बहन को देख के काफी उत्तेजित हो जाता हु।
इसलिए करीब 2 महीने पहले में यह छेद किया था ।
मैने नोट किया की ऋतु कॉलेज से आने के बाद सीसे के सामने रोज अपने बदन को निहारती है ।
अपने बूब्स को दबाती है ।अपने निप्पलों को खीचती है। और अपनी चूत में उंगली डाल के सिसकारी भरते हुए मुट्ठ मरती है।
यह सब देखते हुए मैं भी अपना लन्ड पैंट से निकल के मुट्ठ मरता हु।और ध्यान रखता हु की मैं भी तब ही झडू जब ऋतु झड़ टी है।
आज मैं फिर अपनी नंगी बहन को देख रहा था।
ऋतु अपने जिस्म को बड़े गौर से देख रही थी।
और अपने बूब्स को हाथ में लेके जैसे उनका वजन तोल रही थी। और धीरे धीरे अपनी उंगली से अपने निपल को उमेठ रही थी।
ऋतु के बूब्स फूल के ऐसे हो रहे थे मानो कोई अंदर से उनमें हवा भर रहा था।
फिर उसने अपनी जीभ निकाल के अपने दाएं निपल को मुंह में भरने की कोशिश की ।लेकिन उससे हो ना पाया। ऋतु अपने बूब्स को फिर से मसलने लगी।
ऋतु अपने कॉलेज पैंट को खोलने लगी ।और पैंट को उतार के एक साइड में रख दिया । उसने अंदर कोई पेन्टी नही पहनी हुई थी।
वो बेड के किनारे अलमारी की तरफ मुंह करके बैठ जी।अपनी टांगे चौड़ी करके फैला दी और अपनी चूत को मसलने लगी।
फिर उसने जो किया उसे देख के में दंग रह गया ।
उसने अपनी चूत से एक काला डिल्डो निकाला।
ऋतु सारा दिन उसे अपनी चूत में डाल के घूम रही थी।
कॉलेज में घर में सब जगह डिल्डो सुबह से ही उसकी चूत में था ।
ऋतु ने उस डिल्डो को चाटना शुरू किया और अपने एक हाथ से चूत को रगड़ने लगी।
कभी वो डिल्डो चूत में डालती अंदर बाहर करती ।और उसके रस को चाट कर साफ करदेती।
मैं जोर जोर से अपने लन्ड को हिलाने लगा .और वही अलमारी पे मेरे लन्ड से पिचकारी निकल गई और मैं झड़ गया।
वही ऋतु की भी स्पीड तेज हो गई।और वो जोर जोर से डिल्डो को अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी।
थोड़ी देर में ऋतु भी झड़ गई और वही बेड पे पसर गई।
अब उसकी चूत में वो काला सा लन्ड अभी भी फसा हुआ था.और साइड में से चूत का रस बाहर रिस रहा था।
फिर वो उठी और लाइट बंद करके नंगी ही अपने बिस्तर में गुश गई।
मैं भी अपने बिस्तर पे जाकर सो गया ।
अगली सुबह हम सब नाश्ता करने बठे थे।
पापा हम सब को हंसाने में लगे हुए थे ।पापा मम्मी साल में एक बार कैंप में जरूर जाते थे।
मैने कॉलेज जाते हुए अपनी बाइक से ऋतु को कॉलेज छोड़ा और आगे निकल गया।
रास्ते में मुझे एक तरकीब आने लगी ।क्यों की मुझे और मेरी बहन को बहुत कम जेब खर्च मिलता था।
हमे हमारे दोस्तो की तरह ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे।
मैने अपनी बहन के बारे में अपने दोस्तो को नहीं बताया हुआ था।
वो कभी यकीन नही कर सकते थे की ऋतु इतनी कामुक और वासना की आग में जलने वाली लड़की भी हो सकती है।
मैं अपने कॉलेज पोचा और अपने दो करीबी दोस्त रवि और विशाल को कोने में ले जाकर पूछा की ।
क्या तुमने कोई नंगी लड़की देखी है?
वो दोनो दंग रह गए ।
मैने उनसे पूछा की तुम मुझे क्या दोगे अगर माने तुम्हे नंगी लड़की दिखा दी तो।
विशाल:तू मांगे गा वो तुझे दूंगा
मैने कहा :जो मैं कह रहा हु अगर मैने वो कर दिया तो तुम मुझे कितना पैसा दोगे ।
रवि:अगर तुमने मुझे नंगी लडकी दिखाई तो मैं तुझे एक हजार रुपे दूंगा।
विशाल:मैं भी 1000 रुपे दूंगा लेकिन यह सब हमे कितनी देर देखने को मिलेगा ।
मैं:10 मिनट
अबे चुटिया तो नही बना रहा कही कोई गली में घूमती हुई नंगी लड़की दिखा दे।
मैं:नही भाई 19 साल की है गोरी मोटे मोटे बूब्स ।और तुम्हारी किस्मत अच्छी हुई तो क्या पता वो तुम्हे मुठ मरती हुई भी दिख जाए।
रवि :अगर ऐसा है तो यह ले 1000 रूपे और अगर तू यह नहीं कर पाया तो कल तुझे इसके डबल देने होंगे।
मैं:हा मंजूर है।
रवि को देख के विशाल ने भी पैसे दे दिए और कहा की कब दिखाएगा ।
मैं:कल तुम दोनो अपने घर पे बोल देना की तुम मेरे घर पे ग्रुप स्टडी करोगे और रात को वही रुकोगे।
अगले ही दिन दोनो मेरे साथ कॉलेज से घर आ गए हमने साथ में खाना खाया और पढ़ने बैठ गए
साम तक हमने ऐसे ही टाइम पास किया और जल्दी खाना खा कर मेरे रूम में चले गए।
रवि:अबे कब तक इंतजार करवाएगा कब देखने को मिलेगी हमे नंगी लडकी सुबह से मेरा लन्ड नंगी लड़की के बारे में सोच सोच के खड़ा हुआ है।
विशाल:हा यार अब सब्र नहीं होता कहा है नंगी लड़की।
मैं:यही है
वो दोनो मेरा मुंह ताकने लगे । मैने अलमारी खोली और छेद से देखने लगा
ऋतु अभी अभी अपने रूम में आई थी और अपने कपड़े उतार रही थी।
यह देख मैं मंद मंद मुसकुरा या और रवि से कहा ले आजा देख लें नंगी लड़की।
रवि थोड़ा सोच में पड़ गया लेकिन जब उसने अपनी आंख छेद पे लगाई तो वो हैरान हो गया ।
रवि: ओ तेरी यह तो तेरी बहन है ऋतु
ऋतु का नाम सुनते ही विशाल रवि को दक्का मारते हुए छेद से देखने लगा
विशाल:यह तो इसकी बहन है ऋतु और यह क्या ये तो अपने कपड़े उतार रही है
विशाल :रोहन तू अपनी बहन के बारे में बात कर रहा था तू तो बड़ा कुत्ता है
विशाल:अबे रवि देख तो साली के बोबे कैसे तने हुए है
विशाल अपना लन्ड मसलते हुए अबे ये तो अपने निप्पल चूस रही है।
रवि:मुझे भी देखने दे
फिर वो बारी बारी छेद पर आंख लगा कर देखने लगे।
विशाल:क्या आइटम छुपा के रखा हुआ है तूने अपने घर पर ...अरे यह क्या इसने तो पेन्टी भी नही पहनी हुई है ओह माय.........उसने एक सिसकारी भरते हुए अपना लन्ड बाहर निकल लिया और हिलाने लगा ।
क्या चूत है हल्के हल्के बाल ..गुलाबी चूत...
ऋतु अपनी चूत में उंगलियां डाल के सिसकरिया ले रही थी और अपना माथा इधर उधर पटक रही थी।
विशाल और रवि पागल हो रहे थे और ऋतु के बारे में गंदी गंदी बाते बोल कर झड़ने लगे थे।
तभी ऋतु झड़ गई और लाइट बंद करके सो गई।
रवि:मुझे तो अभी भी यकीन नही हो रहा की तूने मुठ मरती हुए अपनी बहन को दिखाया।
मैं:चलो अब सो जाते है।
विशाल:यार वो साथ वाले कमरे में नंगी सो रही है यह सोच कर तो आज रात मुझे नींद ही नहीं आयेगी
मैं:अगर तुम्हे ये सब दोबारा देखना हैं तो जल्दी सो जाओ और सुबह देखना ।
सुबह उठ ते ही हम तीनो छेद पर अपनी नजर लगाए बैठ गए
हमे ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा .........रोज की तरह ऋतु उठी ...नंगी बिलकुल
उसने अपने तने हुए बूब्स को प्यार किया चाटा चूसा और तीन उंगलियों को अपनी चूत में डाल कर गुड मॉर्निंग कहा
विशाल:क्या सीन है यारा सुबह सुबह कितनी हसीन लग रही है तेरी बहन
रवि: अरे ये क्या इसके पास तो एक नकली लन्ड भी है...........अब वो उसको चूस भी रही है.........अपनी ही चूत का रस चाट भी रही है...........बड़ी गर्मी है तेरी बहन में यार
ऋतु डिल्डो को अपनी चूत में डाल कर जोर जोर से डिल्डो को हिलाने लगी
हम तीनो भी अपना लन्ड बाहर निकाल के मुट्ठी मारने लगे
हम सभी एक साथ झड़ने लगे .....ऋतु का भी यही हाल था।
फिर वो उठी और नहाने के लिए बाथ रूम में चली गई
यह तो हफ्ते का दो तीन बार का नियम हो गया ।और मेरे पास भी काफी पैसे आ गए
एक दिन मैं काफी हिम्मत करके ऋतु के रूम में गया ।
ऋतु:आज कैसे अपनी बहन की याद आ गई।काफी दिनों से तुम बिजी लग रहे थे जब देखो अपने रूम में पढ़ाई करने में लगे हुए थे।
मैं:बस ऐसे ही बहुत दिन से तुमसे बात न हो पाई थी ना इसलिए।
ऋतु मुझे तुमसे पैसे के बारे में कुछ बात करनी है।
ऋतु:देखो रोहन मैं तुम्हे अपनी पॉकेट मनी में से कुछ नही देने वाली हु
मैं:एक रास्ता है जिससे हमे पैसे की कोई कमी नही होगी।
ऋतु :क्या
मैं ऋतु से बात करता हुआ खड़ा हुआ और उसकी टेबल के नीचे से डिल्डो निकाल के बेड पे रख दिया।
ऋतु जोर से चिलाते हुए ओह माय गॉड ।और उसका फेस शर्म और गुस्से से लाल हो गया।
उसने अपना फेस हाथो से छुपा लिया और रोने लगी.
ऋतु:तुम्हे इसके बारे में कसे पता चला इट्स नोट पॉसिबल।
मैं:प्लीज रो मत ऋतु ...मैं उसे रोता देख घबरा गया।
ऋतु:तुम मेरे साथ में ऐसा कसे कर सकते हो तुम मम्मी पापा को तो नही बताओगे न।
मैं:मैं तुम्हे किसी परेशानी में नही डालना चाहता हु .बल्कि मैं तो तुम्हारी मदद करना चाहता हु। जिससे हम दोनो को कभी पैसे की कमी नही होगी।
ऋतु:लेकिन पैसे का इन सब से क्या मतलब उसने डिल्डो की तरफ इशारा करते हुए कहा।
मैने डिल्डो को हाथ में उठाया और हाथ में उछलते हुए कहा मैं सब जानता हु की तुम इससे क्या करती हो.
ऋतु:तुमने देखा है यह कसे हो सकता है वो चिला कर बोली।
यहाँ से.........मैं उसकी अलमारी के पास गया और उसे वो छेद दिखाया।
है भगवान यह सब मेरे साथ क्या हो रहा है ......वो रोते हुए बोल रही थी।
मैं:देखो ऋतु मैं बस तुम्हे यहां से देखता हु .और इसमें कोई बुराई भी नही है .और मुझे ये अच्छा भी लगता है।
ऋतु थोड़ी देर के बाद रोना बंद कर दिया ....अच्छा ...तुम मुझसे क्या चाहते हो
मैं:ऋतु मेरे पास में एक आइडिया है जिससे हम दोनो खूब पैसा कमा सकते ही।
अच्छा मैं भी तो सुनी की क्या आइडिया है तुम्हारे पास में।
मैं:तुम्हारी कोई फ्रेंड है क्या जो यह सब जानती है की तुम क्या करती हो मुझे नाम बाटने की जरूरत नही ही सिर्फ हा या ना में बोलो।
हा.........है मेरी एक फ्रेंड जो यह सब जानती है और डिल्डो भी उसी ने मुझे दिया है।
अगर तुम अपनी फ्रेंड को यहां बुला कर यह सब करवा सकती हो तो कई मैं अपने फ्रेंड से ज्यादा चार्ज कर सकता हु और तुम्हारी फ्रेंड को कुछ पता भी नही चलेगा ।
लेकिन मुझे तो मालूम रहेगा न........और वो ही मेरी एक फ्रेंड है जिसके साथ मैं सब कुछ शेर करती हु।.....अपने दिल को बात .....मैं उसके साथ ऐसा नहीं कर सकती हु।
ऋतु:अगर मैने मना करदिया और यह छेद भी बंद करडिया तो आगे से देखते रहना मेरे सपने।
प्लीज ऋतु यह तो साबित हो गया की तुम काफी उत्तेजना फील करती हु ।और इसी कारण तुम मुट्ठ मारती हो।और डिल्डो से मजे लेती हो ।तुम्हे देख कर मैं भी मुट्ठ मार लेता हु तो क्या गलत है।
और तुम्हे देख कर कोई और भी मुट्ठ मारे तो इसमें बुराई क्या है ।
ऋतु:कोई और भी मतलब विशाल और रवि।
मैं नही वो शायद घर पे तुम्हारे नाम की मुट्ठ मारते होंगे।
ऋतु:और तुम.........तुम भी मुझे देख के मुट्ठ मारते हो
हा मैं भी मारता हु.....मुझे लगता है तुम इस दुनिया की सबसे खुभसूरत लडकी हो।
तुम क्या करते हो?उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।
मैं तुम्हे नंगी मुठ मारते हुए देखता हु...और अपना लन्ड हिलाता हु
ऋतु:क्या तुम्हारा निकलता है क्या जब तुम मुठ मारते हो।
मैं हा निकलता है
ऋतु क्या तुम तयार हो क्या पैसे कमाने के लिए।
ऋतु:मेरी एक शर्ट है ।
मैं कुशी से उल्चते हुए मुझे तुम्हारी सभी शर्त मंजूर है।
ऋतु:तुम मुझे देखते रहे हो ठीक है
मैं:हा तो
ऋतु:मैं भी तुम्हे मुठ मारते हुए देखना चाहती हू।
मैं:नही मैं ये नह कर सकता.....मुझे शर्म आयेगी
ऋतु:तो फिर भूल जाओ
मैं:अगर मैने करा तो तुम्हारी तरफ से हा होगी
ऋतु:हा पक्का....अब तुम जल्दी से अपना लन्ड निकालो और मुठ मारो।
में:अपना पैंट खोलने लगा।
ऋतु:जल्दी सुरु हो जाओ
आगे की कहानी अगले भाग में ।
प्लीज कमेंट samarshamra21;
मैं आज जल्दी कॉलेज से घर गया ।और अपनी अलमारी का दरवाजा खोल दिया ।जिसमे मैने एक छेद निकाला हुआ था।यह छेद दीवार पार करके मेरी छोटी बहन ऋतु के कमरे में जाता था ।
मैने बड़ी मुश्किल से यह छेद निकाला था ।इसके बारे में मेरे अलावा किसी और को मालूम नही था।
ऋतु अभी कॉलेज से आई थी ।और अपने रूम में आकर उसने अपनी शर्ट निकाल दी ।और सीसे में अपने बदन को निहारने लगी।
फिर उसने अपने दोनो हाथ पीछे ले जा कर अपनी ब्रा खोल दी।
ऋतु की ब्रा किसी बेजान पत्ते की तरह लहराती हुई जमीन पे गिर गई।
उसके 32 के बूब्स आईने में साफ दिखने लगे। बिलकुल तने हुए और उन पर 2 गुलाबी छोटे छोटे निप्पल तन कर खड़े हो गए।
मैं ऋतु से 2 साल बड़ा हु लेकिन मेरे अंदर सेक्स के प्रति काफी जिज्ञासा है।
मैं घर पर अपनी जवान बहन को देख के काफी उत्तेजित हो जाता हु।
इसलिए करीब 2 महीने पहले में यह छेद किया था ।
मैने नोट किया की ऋतु कॉलेज से आने के बाद सीसे के सामने रोज अपने बदन को निहारती है ।
अपने बूब्स को दबाती है ।अपने निप्पलों को खीचती है। और अपनी चूत में उंगली डाल के सिसकारी भरते हुए मुट्ठ मरती है।
यह सब देखते हुए मैं भी अपना लन्ड पैंट से निकल के मुट्ठ मरता हु।और ध्यान रखता हु की मैं भी तब ही झडू जब ऋतु झड़ टी है।
आज मैं फिर अपनी नंगी बहन को देख रहा था।
ऋतु अपने जिस्म को बड़े गौर से देख रही थी।
और अपने बूब्स को हाथ में लेके जैसे उनका वजन तोल रही थी। और धीरे धीरे अपनी उंगली से अपने निपल को उमेठ रही थी।
ऋतु के बूब्स फूल के ऐसे हो रहे थे मानो कोई अंदर से उनमें हवा भर रहा था।
फिर उसने अपनी जीभ निकाल के अपने दाएं निपल को मुंह में भरने की कोशिश की ।लेकिन उससे हो ना पाया। ऋतु अपने बूब्स को फिर से मसलने लगी।
ऋतु अपने कॉलेज पैंट को खोलने लगी ।और पैंट को उतार के एक साइड में रख दिया । उसने अंदर कोई पेन्टी नही पहनी हुई थी।
वो बेड के किनारे अलमारी की तरफ मुंह करके बैठ जी।अपनी टांगे चौड़ी करके फैला दी और अपनी चूत को मसलने लगी।
फिर उसने जो किया उसे देख के में दंग रह गया ।
उसने अपनी चूत से एक काला डिल्डो निकाला।
ऋतु सारा दिन उसे अपनी चूत में डाल के घूम रही थी।
कॉलेज में घर में सब जगह डिल्डो सुबह से ही उसकी चूत में था ।
ऋतु ने उस डिल्डो को चाटना शुरू किया और अपने एक हाथ से चूत को रगड़ने लगी।
कभी वो डिल्डो चूत में डालती अंदर बाहर करती ।और उसके रस को चाट कर साफ करदेती।
मैं जोर जोर से अपने लन्ड को हिलाने लगा .और वही अलमारी पे मेरे लन्ड से पिचकारी निकल गई और मैं झड़ गया।
वही ऋतु की भी स्पीड तेज हो गई।और वो जोर जोर से डिल्डो को अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी।
थोड़ी देर में ऋतु भी झड़ गई और वही बेड पे पसर गई।
अब उसकी चूत में वो काला सा लन्ड अभी भी फसा हुआ था.और साइड में से चूत का रस बाहर रिस रहा था।
फिर वो उठी और लाइट बंद करके नंगी ही अपने बिस्तर में गुश गई।
मैं भी अपने बिस्तर पे जाकर सो गया ।
अगली सुबह हम सब नाश्ता करने बठे थे।
पापा हम सब को हंसाने में लगे हुए थे ।पापा मम्मी साल में एक बार कैंप में जरूर जाते थे।
मैने कॉलेज जाते हुए अपनी बाइक से ऋतु को कॉलेज छोड़ा और आगे निकल गया।
रास्ते में मुझे एक तरकीब आने लगी ।क्यों की मुझे और मेरी बहन को बहुत कम जेब खर्च मिलता था।
हमे हमारे दोस्तो की तरह ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे।
मैने अपनी बहन के बारे में अपने दोस्तो को नहीं बताया हुआ था।
वो कभी यकीन नही कर सकते थे की ऋतु इतनी कामुक और वासना की आग में जलने वाली लड़की भी हो सकती है।
मैं अपने कॉलेज पोचा और अपने दो करीबी दोस्त रवि और विशाल को कोने में ले जाकर पूछा की ।
क्या तुमने कोई नंगी लड़की देखी है?
वो दोनो दंग रह गए ।
मैने उनसे पूछा की तुम मुझे क्या दोगे अगर माने तुम्हे नंगी लड़की दिखा दी तो।
विशाल:तू मांगे गा वो तुझे दूंगा
मैने कहा :जो मैं कह रहा हु अगर मैने वो कर दिया तो तुम मुझे कितना पैसा दोगे ।
रवि:अगर तुमने मुझे नंगी लडकी दिखाई तो मैं तुझे एक हजार रुपे दूंगा।
विशाल:मैं भी 1000 रुपे दूंगा लेकिन यह सब हमे कितनी देर देखने को मिलेगा ।
मैं:10 मिनट
अबे चुटिया तो नही बना रहा कही कोई गली में घूमती हुई नंगी लड़की दिखा दे।
मैं:नही भाई 19 साल की है गोरी मोटे मोटे बूब्स ।और तुम्हारी किस्मत अच्छी हुई तो क्या पता वो तुम्हे मुठ मरती हुई भी दिख जाए।
रवि :अगर ऐसा है तो यह ले 1000 रूपे और अगर तू यह नहीं कर पाया तो कल तुझे इसके डबल देने होंगे।
मैं:हा मंजूर है।
रवि को देख के विशाल ने भी पैसे दे दिए और कहा की कब दिखाएगा ।
मैं:कल तुम दोनो अपने घर पे बोल देना की तुम मेरे घर पे ग्रुप स्टडी करोगे और रात को वही रुकोगे।
अगले ही दिन दोनो मेरे साथ कॉलेज से घर आ गए हमने साथ में खाना खाया और पढ़ने बैठ गए
साम तक हमने ऐसे ही टाइम पास किया और जल्दी खाना खा कर मेरे रूम में चले गए।
रवि:अबे कब तक इंतजार करवाएगा कब देखने को मिलेगी हमे नंगी लडकी सुबह से मेरा लन्ड नंगी लड़की के बारे में सोच सोच के खड़ा हुआ है।
विशाल:हा यार अब सब्र नहीं होता कहा है नंगी लड़की।
मैं:यही है
वो दोनो मेरा मुंह ताकने लगे । मैने अलमारी खोली और छेद से देखने लगा
ऋतु अभी अभी अपने रूम में आई थी और अपने कपड़े उतार रही थी।
यह देख मैं मंद मंद मुसकुरा या और रवि से कहा ले आजा देख लें नंगी लड़की।
रवि थोड़ा सोच में पड़ गया लेकिन जब उसने अपनी आंख छेद पे लगाई तो वो हैरान हो गया ।
रवि: ओ तेरी यह तो तेरी बहन है ऋतु
ऋतु का नाम सुनते ही विशाल रवि को दक्का मारते हुए छेद से देखने लगा
विशाल:यह तो इसकी बहन है ऋतु और यह क्या ये तो अपने कपड़े उतार रही है
विशाल :रोहन तू अपनी बहन के बारे में बात कर रहा था तू तो बड़ा कुत्ता है
विशाल:अबे रवि देख तो साली के बोबे कैसे तने हुए है
विशाल अपना लन्ड मसलते हुए अबे ये तो अपने निप्पल चूस रही है।
रवि:मुझे भी देखने दे
फिर वो बारी बारी छेद पर आंख लगा कर देखने लगे।
विशाल:क्या आइटम छुपा के रखा हुआ है तूने अपने घर पर ...अरे यह क्या इसने तो पेन्टी भी नही पहनी हुई है ओह माय.........उसने एक सिसकारी भरते हुए अपना लन्ड बाहर निकल लिया और हिलाने लगा ।
क्या चूत है हल्के हल्के बाल ..गुलाबी चूत...
ऋतु अपनी चूत में उंगलियां डाल के सिसकरिया ले रही थी और अपना माथा इधर उधर पटक रही थी।
विशाल और रवि पागल हो रहे थे और ऋतु के बारे में गंदी गंदी बाते बोल कर झड़ने लगे थे।
तभी ऋतु झड़ गई और लाइट बंद करके सो गई।
रवि:मुझे तो अभी भी यकीन नही हो रहा की तूने मुठ मरती हुए अपनी बहन को दिखाया।
मैं:चलो अब सो जाते है।
विशाल:यार वो साथ वाले कमरे में नंगी सो रही है यह सोच कर तो आज रात मुझे नींद ही नहीं आयेगी
मैं:अगर तुम्हे ये सब दोबारा देखना हैं तो जल्दी सो जाओ और सुबह देखना ।
सुबह उठ ते ही हम तीनो छेद पर अपनी नजर लगाए बैठ गए
हमे ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा .........रोज की तरह ऋतु उठी ...नंगी बिलकुल
उसने अपने तने हुए बूब्स को प्यार किया चाटा चूसा और तीन उंगलियों को अपनी चूत में डाल कर गुड मॉर्निंग कहा
विशाल:क्या सीन है यारा सुबह सुबह कितनी हसीन लग रही है तेरी बहन
रवि: अरे ये क्या इसके पास तो एक नकली लन्ड भी है...........अब वो उसको चूस भी रही है.........अपनी ही चूत का रस चाट भी रही है...........बड़ी गर्मी है तेरी बहन में यार
ऋतु डिल्डो को अपनी चूत में डाल कर जोर जोर से डिल्डो को हिलाने लगी
हम तीनो भी अपना लन्ड बाहर निकाल के मुट्ठी मारने लगे
हम सभी एक साथ झड़ने लगे .....ऋतु का भी यही हाल था।
फिर वो उठी और नहाने के लिए बाथ रूम में चली गई
यह तो हफ्ते का दो तीन बार का नियम हो गया ।और मेरे पास भी काफी पैसे आ गए
एक दिन मैं काफी हिम्मत करके ऋतु के रूम में गया ।
ऋतु:आज कैसे अपनी बहन की याद आ गई।काफी दिनों से तुम बिजी लग रहे थे जब देखो अपने रूम में पढ़ाई करने में लगे हुए थे।
मैं:बस ऐसे ही बहुत दिन से तुमसे बात न हो पाई थी ना इसलिए।
ऋतु मुझे तुमसे पैसे के बारे में कुछ बात करनी है।
ऋतु:देखो रोहन मैं तुम्हे अपनी पॉकेट मनी में से कुछ नही देने वाली हु
मैं:एक रास्ता है जिससे हमे पैसे की कोई कमी नही होगी।
ऋतु :क्या
मैं ऋतु से बात करता हुआ खड़ा हुआ और उसकी टेबल के नीचे से डिल्डो निकाल के बेड पे रख दिया।
ऋतु जोर से चिलाते हुए ओह माय गॉड ।और उसका फेस शर्म और गुस्से से लाल हो गया।
उसने अपना फेस हाथो से छुपा लिया और रोने लगी.
ऋतु:तुम्हे इसके बारे में कसे पता चला इट्स नोट पॉसिबल।
मैं:प्लीज रो मत ऋतु ...मैं उसे रोता देख घबरा गया।
ऋतु:तुम मेरे साथ में ऐसा कसे कर सकते हो तुम मम्मी पापा को तो नही बताओगे न।
मैं:मैं तुम्हे किसी परेशानी में नही डालना चाहता हु .बल्कि मैं तो तुम्हारी मदद करना चाहता हु। जिससे हम दोनो को कभी पैसे की कमी नही होगी।
ऋतु:लेकिन पैसे का इन सब से क्या मतलब उसने डिल्डो की तरफ इशारा करते हुए कहा।
मैने डिल्डो को हाथ में उठाया और हाथ में उछलते हुए कहा मैं सब जानता हु की तुम इससे क्या करती हो.
ऋतु:तुमने देखा है यह कसे हो सकता है वो चिला कर बोली।
यहाँ से.........मैं उसकी अलमारी के पास गया और उसे वो छेद दिखाया।
है भगवान यह सब मेरे साथ क्या हो रहा है ......वो रोते हुए बोल रही थी।
मैं:देखो ऋतु मैं बस तुम्हे यहां से देखता हु .और इसमें कोई बुराई भी नही है .और मुझे ये अच्छा भी लगता है।
ऋतु थोड़ी देर के बाद रोना बंद कर दिया ....अच्छा ...तुम मुझसे क्या चाहते हो
मैं:ऋतु मेरे पास में एक आइडिया है जिससे हम दोनो खूब पैसा कमा सकते ही।
अच्छा मैं भी तो सुनी की क्या आइडिया है तुम्हारे पास में।
मैं:तुम्हारी कोई फ्रेंड है क्या जो यह सब जानती है की तुम क्या करती हो मुझे नाम बाटने की जरूरत नही ही सिर्फ हा या ना में बोलो।
हा.........है मेरी एक फ्रेंड जो यह सब जानती है और डिल्डो भी उसी ने मुझे दिया है।
अगर तुम अपनी फ्रेंड को यहां बुला कर यह सब करवा सकती हो तो कई मैं अपने फ्रेंड से ज्यादा चार्ज कर सकता हु और तुम्हारी फ्रेंड को कुछ पता भी नही चलेगा ।
लेकिन मुझे तो मालूम रहेगा न........और वो ही मेरी एक फ्रेंड है जिसके साथ मैं सब कुछ शेर करती हु।.....अपने दिल को बात .....मैं उसके साथ ऐसा नहीं कर सकती हु।
ऋतु:अगर मैने मना करदिया और यह छेद भी बंद करडिया तो आगे से देखते रहना मेरे सपने।
प्लीज ऋतु यह तो साबित हो गया की तुम काफी उत्तेजना फील करती हु ।और इसी कारण तुम मुट्ठ मारती हो।और डिल्डो से मजे लेती हो ।तुम्हे देख कर मैं भी मुट्ठ मार लेता हु तो क्या गलत है।
और तुम्हे देख कर कोई और भी मुट्ठ मारे तो इसमें बुराई क्या है ।
ऋतु:कोई और भी मतलब विशाल और रवि।
मैं नही वो शायद घर पे तुम्हारे नाम की मुट्ठ मारते होंगे।
ऋतु:और तुम.........तुम भी मुझे देख के मुट्ठ मारते हो
हा मैं भी मारता हु.....मुझे लगता है तुम इस दुनिया की सबसे खुभसूरत लडकी हो।
तुम क्या करते हो?उसकी उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।
मैं तुम्हे नंगी मुठ मारते हुए देखता हु...और अपना लन्ड हिलाता हु
ऋतु:क्या तुम्हारा निकलता है क्या जब तुम मुठ मारते हो।
मैं हा निकलता है
ऋतु क्या तुम तयार हो क्या पैसे कमाने के लिए।
ऋतु:मेरी एक शर्ट है ।
मैं कुशी से उल्चते हुए मुझे तुम्हारी सभी शर्त मंजूर है।
ऋतु:तुम मुझे देखते रहे हो ठीक है
मैं:हा तो
ऋतु:मैं भी तुम्हे मुठ मारते हुए देखना चाहती हू।
मैं:नही मैं ये नह कर सकता.....मुझे शर्म आयेगी
ऋतु:तो फिर भूल जाओ
मैं:अगर मैने करा तो तुम्हारी तरफ से हा होगी
ऋतु:हा पक्का....अब तुम जल्दी से अपना लन्ड निकालो और मुठ मारो।
में:अपना पैंट खोलने लगा।
ऋतु:जल्दी सुरु हो जाओ
आगे की कहानी अगले भाग में ।
प्लीज कमेंट samarshamra21;