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Adultery कर्जा मां ने चुकाया
#1
स्वागतम एक नई कहानी में । कहानी इस बार भी लंबी नही होगी शॉर्ट हो बनेगी क्यू की यह लंबी स्टोरी लिखने का प्रेरणा नही मिलते हे । 





बड़ा मुस्किल होता हे एक अकेली औरत को घर चलाना बच्चे को अकेले पाल पोछ कर बड़ा करना । खेर ये तो आम बात है कोई मेहनत कर कर दो वक्त की रोटी कमाता है तो किसी को पैदाशी नवाबों वाली जमीन पर ही स्वर्ग मिल जाता हे । 



मेरी मां एक छोटी सी कपरे चिलाई की दुकान चलाती थी वोही था हमारा जरिया । कभी खर्चा निकलता था तो कभी नही। मेरी मां ने मुझे अकेले पाल पोछ कर बड़ा किया हे लिखाया पढ़ाया । मेरे पिता सालों पहले ही मां को छोड़ के दूसरी औरत से शादी कर के कही दूर अपना घर बचा लिया । 



में जवान हो रहा था 18 का हो गया था । मम्मी भी कम उम्र में ही मुझे जन्म दी थी लेकिन लेकिन जिंदगी ठोकोड़ ने उन्हें अपनी दुगनी उम्र की जिंदगी जीने का सलीका बताया । एक दिन में अपने दोस्तो से प्रेरित हो कर जिम ज्वाइन करता हूं मां  को बिना बताए ही । में भी शाम को दुकान में काम करता था बोड़ी उठता था गुदाम से कुछ पैसे कमा लेता था । 



एक दिन मम्मी को पता चल जाति हे मुझे बोहोत गाली देती हे । हर महीने जिम में 5 हजार रुपए फीस देना था पहले 3 महीने के फीस तो मैने किसी तरह दे दिया था लेकिन बाकी 9 महीने का फीस नही दे पा रहा था तो रोज जिम के मैनेजर मुझसे पैसा मांगता था और वोही मेंइन ट्रेनर भी था । में किसी ना किसी बहाने से ताल देता था । कोई बार मुझे आखरी वार्निंग दिया था उसने । और कोई बार कहा सुनी भी हुई उससे मेरा । 





एक दिन मेरे एक दोस्त ने कहा की केदार भाई (जिम के मैनेजर और ट्रेनर का नाम) तेरे घर आयेंगे और तेरी मां से पैसा लेगा ।


तो मैंने कहा " आने दे देख लूंगा " 



" ओबे साले जिशु ( मेरा नाम ) क्यू बड़े लोगो से पंगा लेता हे । दे दे ना पैसे " 


" कहा से दूंगा इतना पैसा । थोड़ा थोड़ा कर दे तो रहा हूं । " 


" जब तू पैसा दे ही नही सकता इतने महंगे जिम में क्यू गया "



" अरे मुझे लगा था की बड़े अच्छे जिम में जाऊंगा अच्छे बॉडी बना देगा और प्रोतियोगिता में भी हिस्सा दिलवाएगा । " 


मेरा दोस्त भी मेरे से बहस कर के चला गया । में मां की दुकान पर गया एक बुड्ढा मां की दुकान पर बैठा था वो अपनी बेटी की कपरे चिलाने आया था । मां भी कपरे की मशीन गर गर चलती हुई उस बूढ़े से बात कर रही थी । 



में भी थोड़ा बोहोत काम देखता था मां की दुकान पर । और में अपने काम में लगा था लेकिन मैने पाया की बुड्ढा मां की चेहरे पर कम मां की ब्लाउज के तरफ आंखे टिका के बात कर रहा था । में बड़बड़ाया साला ठरकी बूढ़ा । 



ये आम बात थी क्यू की हम मजबूर थे दुखियारी थे । आस पास के दुकान वाले मां से नाजाने कितने डबल मीनिंग बातों से छेड़ता था पर मां कोई जवाब नहीं देती थी । मां का पति नही था इसलिए और तगीदा लेते थे लोग । मां जवान थी 40 की भी नही हुई थी अब तक । खूबसूरत थी पर थोरी सावली थी । 




एक वो जिम मैनेजर हमारे खोली में आया और मां से पैसे मांगने लगे । 

मां पहले उससे साय पानी पूछने लगे " आप पहले बैठिए तो सही । में आपके लिए पानी लाती हूं " 



लेकिन कादर भाई तो बत्तीमीजी करने लगे " क्या भाई किसका भाई । मुझे मेरा पैसा दो अभी के अभी । " 



मां बोली " कादर भाई अभी में इतने पैसे कहा से दूंगी । आप देख सकते हे हम गरीब लोग है", 



" तो ये बात पहले सोचना चाहिए अपने बेटे को जिम भेजने से पहले । 9 महीने का 45000 होता हे जल्दी से पैसा दो " 



" क्या 45000 " मां हैरान हो गई और मुझे थप्पड़ मार के बोली ", गधे तुझे पता नहीं हे क्या हम लोग इतने पैसे नहीं दे सकते " 




में सर झुकाए खड़ा रहा । कादर भाई बोले ", ये काकी ये सब नाटक नही चलेगा हा मुझे मेरा पैसा दे दो " 



" काकी बोला हे तो बेटा अपनी काकी समझ के हमारी दुख को समझो । अभी इतने पैसे कहा से दूंगी । में हर महीने 2,3 हजार कर के साल भर में चुका दूंगी । और एहसास कर के थोड़ा कम कर दो ना बेटा " 




कादर भाई गुस्से में मां की तरफ बढ़ा । मुझे लगा वो मां से कुछ बत्तमीजी करेगा तो में मां के सामने आ गया । लेकिन कादर भाई मुझे थप्पड़ मार कर दूर कर दिया । वो इतना हट्टा कट्टा बलवान था की में एक थप्पड़ से गिरते गिरते बचा । 



मां दर गई और कादर भाई मां को ऊपर से नीचे देख कर मां की सारी के ऊपर से ही चूत पर हाथ रख के बोला " सुना हे तेरा पति नही हे। यहां आग तो लगती होगी । वैसे माला हो पूरी की पूरी। काल शाम तक अगर पैसा नही मिला ना तो में तेरी चूत से असूल करूंगा " 



कादर भाई चला गया । मां इतना दर गई थी घबरा गई थी की मुझे इतना पिता इतना पिता की पीठ लाल कर दी मेरी।  

[+] 1 user Likes Youngsters's post
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#2
thanks nayi story ke liye

[+] 1 user Likes mohitkumarhot's post
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#3
Update please
[+] 1 user Likes Brockrt's post
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#4
अगले दिन मां और में जिम गए हमने किसी तरह 20 हजार रुपए जुगाड़ कर ले गए थे । कादर भाई हमे देख के खुश हुए उसे लगा की हम पैसे ले कर आए थे । हमे अपने ऑफिस रूम पर बिठाया अच्छे से बात की ।





हमारे लिए साय मंगवाया । और बोला " तो लाइए काकी मेरा पैसा " 



मां जिझक झिझक के पैसे को बांदिल उसके टेबल पर रख कर बोली " बेटा माफ करना में 20 हजार ही ला पाई । बाकी के अगले दो महीने में चुका दूंगी पक्का । हमपे एहसान कर दो" 



मुझे लगा की कादर भाई फिर भड़केंगे लेकिन कादर भाई प्यार बात की ", कोई बात नही काकी । ", और फिर मेरी तरफ देख के बोला " जिशू तू काल से जिम ज्वाइन करना फिर से । में तेरे को फ्री में जिम वर्कआउट करने दूंगा । क्या है कि में भी इंसान हूं तुम्हारी हालत पे दया आ गई । काकी से भी बत्तीमीज़ी की उसके लिए माफी भी मांगना हे। एक काम कर काल से नही आज से वर्कआउट कर जा " 


मा और में एक दूसरे को हैरानी से देखने लगे । कादर भाई फिर बोला " अरे जाओ में मजाक नही कर रहा । " 



मां भी मुझे आखों की इशारे करती हे जाने को और में कुर्सी से उठ कर ऑफिस से बाहर चला जाता हूं । और नीचे की फ्लोर पर वर्कआउट करने जाता हूं । वोहा मुझे पुराने दोस्त मिले जो हम साथ में वर्कआउट करते थे । तो में भी खुश था और उन दोस्तो के साथ जिम में वर्कआउट करने लगा ।



करीब आधे घंटे बाद वो साय वाला लड़का मेरे पास आ कर मेरे करीब आ कर कहता हे " भैया तुम यहां पसीना बहा रहे हो और वाहा तुम्हारी मां के ऊपर कादर भाई पसीना बहा रहा हे " 


में कुछ समझ नही पता हूं और पूछा " क्या मतलब हे तेरा " 


" अरे भैया कादर भाई तुम्हारे मां के ऊपर चढ़ गया है " 


जिस तरह से उसने बात को समझाया में समझ गया और में तुरंत ही दौर कर वाहा से ऊपर की मंजिल पर चला जाता हूं ।  और जा कर सीधे ऑफिस की दरवाजा खोलने की कशिश करता हूं लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था । में क्या करू क्या ना करूं पागल सा हो गया । तभी मुझे दिखा और याद आया की ऑफिस के लेफ्ट साइड की दीवार सीसे के पर पर्दा लगा हुआ है। 



फिर भी में लेफ्ट साइड की तरफ जाता हूं और कोना ढूंढने लगा कही कुछ दिख जाए । और किनारे से थोरी बेपर्दा दरार मिल जाता है मुझे और अपनी आंखो से झांकने लगा ।

[Image: 20221227-174801.gif]





अंदर का नजारा देख कर मेरा खून खोल उठा और में और सीसे की दीवार पर हाथ मारता हूं । मारने की आहत कादर भाई को सुनाई दी थी और उसने मेरी और देखा और कुछ पल रुक एक कमीनेपन की मुस्कान दी मुझे । 




ऑफिस के अंदर एक छोटा सा बिस्तर था । इस बिस्तर पर मां पीठ के बल लेटी थी नीचे से बिल्कुल नंगी थी । टांगे उसकी खुली थी । नीले रंग की ब्लाउज उसकी छाती से ऊपर  थी उसकी गोलाई दोनो चूची नंगे थे।  कादर भाई मां की टांगो के बीच झुक कर खड़े खड़े मगर मां की कलाई पकड़ कर मां की चूत पर धक्के लगा रहा था । मां आंखे भींच रही थी मुंह खोल के चित्कार कर रही थी । 





मुझे बोहोत गुस्सा आ रहा था पर में कुछ कर भी नही सकता था । मुझे याद आया की सीसी टीवी पर सब रिकॉर्ड हो रहा होगा और मैने कुछ किया तो कादर भाई मेरी मां को बदनाम कर देंगे । में गुस्से में तिलमियाता हुआ देखता रहा । कादर भाई धक्के मारते मारते अपना कमर दबा दबा के मां की चूत पर अपना लौड़ा घुसा रहा था और मां बेचारी उसके दबाव पर मुंह खोल के चित्कार कर रही थी । पर अंदर से मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहे थे । और फिर कादर भाई मां की दोनो टांगे अपने कंधे पर उठा कर धक्के मारने लगते हे ।

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मां मुंह दाई तरफ कर के दात पिछ के चित्कार करती हे । कादर भाई की दमदार धक्के पे सर उठा उठा कर पटकती है। कादर भाई हट्टा कट्टा मसलमेन था और मेरी मां मासूम प्यारी सी ।


कादर भाई मां को अपनी मर्जी चलाते हुए चोदे जा रहा था । में देख पा रहा था की कादर भाई का लौड़ा काफी बड़ा था । मां को तकलीफ हो रही थी । ऑफिस के अंदर की आवाज बाहर आती तो सायेद मां की चिकतार भी में सुन पता ।
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मुझे नही पता कादर भाई मां को कबसे चोद रहा हे और मुझे खड़े खड़े देखते हुए कारों 15 मिनिट हो गया था और मुझे समय का ध्यान ही नही रहा गुस्से से मेरा खून खोल रहा था । पछतावा हो रहा था की जो भी हो रहा हे मेरे कारण हो रहा हे । 

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तभी कादर भाई मां की चूत से लंद निकल कर मां की चूत के ऊपर अपना लौड़ा हिलाने लगता हे । मां सर उठा कर कादर भाई की हरकत को देखती हे । और मुझे लगा कादर भाई झाड़ जायेंगे । लेकिन नही उसने फिर अपना लौड़ा मां की चूत में घुसा दिया और मां सर उठा कर दात पिसती है। 


[Image: 20221227-175548.gif]


कादर भाई फिर मां की टांगो को वैसे ही कंधे पर उठा के रखते हुए चोदता जाता हे । उसके दमदार धक्के मेरी मां की चूत में पर रहा था । मां अपना दोनो हाथ उठा कर कादर भाई धक्के को बर्दास्त करती रही । और कुची देर में कादर भाई मां की चूत से अपना लंद निकल लेता हे । और में हैरान होता हूं ये देख कर को मां की चूत से पिचकारी की तरह पानी निकल कर सीधा कादर भाई पेट पर निशाना मारती हे। मेरा दिमाग सकरा जाता हे की मां झाड़ गई । क्या सच में मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मां कादर भाई की दमदार चूदाई से झाड़ गई । मुझे लग रहा था की मां को बोहोत तकलीफ हो रही है वो बेबस और लाचार थी लेकिन मेरा विचार ही मां ने बदल दिया । कादर भाई फिर मां की चूत में लौड़ा घुसा कर मां के ऊपर अपना भव्य शरीर से और अपने मजबूत बाहों से मां को बाहों में भर कर चोदने लगा । मां सर पटक पटक मुंह भींच रही थी मानो उसे तकलीफ हो रही हे पर अगले ही पल अपनी जीव निकाल कर कादर भाई के मजबूत कंधे पर मुंह रगड़ने लगती है । कादर भाई भी मां गाल चाट कर मां की होठ चूसने लगा । मां दोनो हाथो से कादर भाई की चौड़ी पीठ पर सेहलाते हुए उसके कमर पर हाथ रख कर अपनी चूत की और दबाव देती । कादर भाई गांड उठा उठा के जोरो से धक्के मारने लगा । में और वाहा रुक नही पाया और में गुस्से में आसूं के सैलाव को काबू करते हुए जिम से निकल कर अपने घर की और बढ़ता हूं ।

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#5
(27-12-2022, 09:16 PM)mohitkumarhot Wrote: thanks nayi story ke liye

Welcome दोस्त शुक्रिया
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#6
(27-12-2022, 11:38 PM)Brockrt Wrote: Update please

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#7
Very very hot. कैसे ये start hua वो भी लिखना
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#8
Bhai ma ko pregnent kara do to maja ayega
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#9
update please

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#10
update ??

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#11
update do bhai

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#12
bhai bhut sahi ja rhi hai story, plz update dete rhna
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